मजबूरी का फैसला complete

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Smoothdad
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Re: मजबूरी का फैसला complete

Post by Smoothdad »

nice......................
banana

Re: मजबूरी का फैसला

Post by banana »

abpunjabi wrote: 29 Aug 2017 19:29
ज़ाकिया ने अपनी आँखें मूँद लीं और उस लम्हे को याद करने लगी जब वेगास में वकास का लंड उसकी चूत की दीवारों को छेदता हुआ उसकी फुद्दी में पहली बार दाखिल हुआ था तो एक शादी शुदा औरत होने के बावजूद ज़ाकिया को उस वक़्त ऐसा लगा जैसे वो अपनी सुहागरात को पहली दफ़ा चुदवा रही हो |

“भाई के लंड का तड़का
बहन की चूत का अंग अंग फड़का”
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maja aa gaya.
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Maximum Risk
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Re: मजबूरी का फैसला complete

Post by Maximum Risk »

Superb...
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