लाड़ला देवर ( देवर भाभी का रोमांस) complete

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Ankit
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Re: लाड़ला देवर ( देवर भाभी का रोमांस)

Post by Ankit »

रात 8 बजे से ही में अपनी तैयारियों में जुट गया… कमरे में मेने कुछ कैमरे इस तरह से फिट किए कि उनमें मेरी कोई इमेज ना आए और मेरे सेक्स पार्ट्नर को पूरा दिखाया जा सके…

फिर मेने कुछ बीयर मॅंगा कर फ्रीज़र में रखवा दी.. और मालती का वेट करने लगा.. अभी 9 बजे भी नही थे कि डोरबेल बज उठी…

मेने उठ कर डोर खोला… आशानुकूल सामने मालती ही खड़ी थी.. जो इस समय एक वन पीस ड्रेस में थी.. ग्रीन कलर की ड्रेस जिसका एक शोल्डर तो था ही नही..



मालती पहले से भी ज़्यादा सेक्सी हो गयी थी… लंड की मार सहते-2 उसका बदन और ज़्यादा भर गया था, लेकिन सिर्फ़ उन जगहों पर जहाँ एक औरत को ज़रूरत होती है…

36 की बड़ी बड़ी चुचियाँ और 38 की गान्ड इस कसी हुई ड्रेस में मानो उबल ही पड़ रही थी…

मे उसे देखता ही रह गया… मेने एक तरफ को होकर उसे अंदर आने का रास्ता दिया…

डोर बोल्ट कर के उसकी गान्ड पर हाथ रख कर उसे अंदर सोफे तक लाया.. और खड़े-2 एक किस लेकर हम सोफे पर बैठ गये…

मेने उसकी मखमली जाँघ सहलाते हुए कहा - आज तो कुछ ज़्यादा ही हॉट लग रही हो जानेमन… सच कहूँ तो मेरी कामना तुम जैसी हॉट आंड बोल्ड लड़की की थी….मेने उसे चढ़ाते हुए कहा

वो – क्या सच में…! मे आपको बोल्ड और हॉट लगती हूँ..

मे – बहुत…! , अच्छा ये बताओ क्या लेना चाहोगी… कुछ हॉट, या कोल्ड या फिर और कुछ…

वो – आप प्यार से जो भी पिलाएँगे, पी लेंगे जनाब…

मे – तो फिर एक-एक बीयर हो जाए…

वो तपाक से बोली – मुझे कोई प्राब्लम नही है…

उसकी बोल्डनेस देख कर मे हैरान था.. और सोचने लगा कि ये वही मालती है.. गाँव की भोली-भाली… लड़की.

मेने फ़्रीज़ से दो चिल बीयर टीन निकाली, एक उसे ओपन कर के दी, और दूसरी मेने अपने होंठों से लगा कर सीप करने लगा…

मेने दो-चार सीप लेकर, उसे दिखाने के लिए एक सिगरेट सुलगा ली.. और फिर उसे भी ऑफर की…

ये तो कमाल ही हो गया… उसने पॅक से एक सिगरेट निकली जिसे मेने लाइटर से जला दिया..

मेने चुटकी लेते हुए कहा – काफ़ी मॉर्डन हो गयी हो… क्या बात है.. वैसे तुम्हारे पति देव का नाम क्या है.. और वो करते क्या हैं…?

वो मेरा सवाल सुन कर कुछ हड़बड़ा गयी … फिर संभाल कर स्माइल करती हुई बोली – क्या करेंगे जान कर…? आपको मेरे पति से क्या लेना देना… मे हूँ तो सही आपके सामने..

मे सोचने लगा… मछलि काफ़ी होशियार हो गयी है.. कोई नही थोड़ा और रुकते है.. और मे फिर से बीयर सीप करने लगा..

धीरे-2 कर के हम दोनो ने एक-एक तीन ख़तम कर दी.. फिर मेने खाना ऑर्डर कर दिया… खाने के साथ-2 एक- एक बीयर और ख़तम कर दी…

अब वो कुछ नशे में दिखने लगी थी…

हम दोनो अब बेड पर पहुँच गये थे… मेने उसकी कमर में हाथ डालकर उसे अपनी ओर खींचा और उसके होंठों को चूमते हुए बोला –

वैसे मालती तुम हॉस्पिटल में भानु के कमरे में क्यों गयी थी…?

वो नशे और मदहोशी के आलम में एकदम से बोल पड़ी… वो मेरा पति है.. इसलिए उसके पास तो जाना ही था ना…!

मेने चोन्कने का नाटक करते हुए कहा – क्या..? वो साला गुंडा तुम्हारा पति..है..

वो नशे से बोझिल आँखें तरेर कर बोली– आए मिसटर … ज़ुबान संभाल कर बात करो ! वो मेरा पति है… फिर हहेहहे.. कर के हँसते हुए बोली – वैसे आपने सही कहा.. है तो साला वो गुंडा ही है…

मेने उसकी चुचियों को मसल्ते हुए कहा – लेकिन तुम्हें उससे शादी करने की क्या ज़रूरत पड़ गयी…

इसस्शह….आहह… अंकुसजी…. आपको क्या पता मेने किन मजबूरियों में उस साले हरामी से शादी की…

वो नशे की झोंक में अनाप सनाप गाली बकते हुए बोली
अरे उस मादरचोद के हरामी बाप ने मेरे दादाजी को धमकाया था… कि अगर उन्होने अपनी पोती का व्याह उसके बेटे से नही किया तो वो उनका जीना मुश्किल कर देंगे..

अब वो बेचारे बड़े-बूढ़े आदमी वो भी अकेले… डर गये..और मेरी शादी उस गुंडे से हो गयी… हहेहहे…!

मे – तो इन सब आदतों को भी उसने ही सिखाया होगा तुम्हें…

वो – हां ! वरना मुझे इन सब का क्या पता था, … वो अब नशे में झूमने लगी थी, … उसकी आँखें नशे के कारण बंद होने लगी...,

इससे पहले कि वो अपने होश खोए, मेने उसका ड्रेस निकाल कर उसे सेक्स की तरफ लेजाने की कोशिश शुरू कर दी…….

उसकी ड्रेस निकालते ही बिना ब्रा के उसकी बड़ी-2 चुचियाँ थिरकति हुई मेरे सामने लहरा उठी…

मालती वाकई में पहले से ज़्यादा हॉट हो गयी थी,

उसके दशहरी आमों से खेलते हुए मेने पूछा – अब तुम्हारे दादा-दादी कहाँ रहते हैं…?

आह्ह्ह्ह… वो तो अभी भी गाँव में ही हैं…, थोड़ा और ज़ोर से दबाओ ना …सस्स्सिईइ…हाआंणन्न्, आआयययययीीई….ईीसस्शह…!

मेने उसके कड़क हो चुके निपल मरोड़कर कहा – वो अकेले ही गाँव में हैं…

मेरे निपल मरोडने से वो बिलबिला उठी – आआययययीीई…ज़ोर से नही…हां अब वो बेचारे अकेले ही हैं वहाँ…और कॉन रहेगा…

फिर मेने उसकी पेंटी भी निकाल दी, और उसकी गरम चूत को सहलाते हुए.. अपनी दो उंगलिया उसकी चाशनी से भरी चूत में डाल कर पूछा – तुम तो उनसे मिलने जाती रहती होगी ना…

आहह…………जीजू….क्या बताऊ… उस हरामी ने वहाँ जाने लायक रहने ही नही दिया मुझे.…सीईईईईईई….. हइई…..जल्दी कुछ कारूव….नाआ…बातें बाद में आआययईीीई…..कर लेना…आआ….
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Ankit
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Re: लाड़ला देवर ( देवर भाभी का रोमांस)

Post by Ankit »


मेने अपनी उंगलियों की रफ़्तार थोड़ी बढ़ते हुए पूछा – क्यों ? ऐसा क्या किया उसने…? सवाल दागते हुए मे उसकी चूत में उंगलियाँ अंदर- बाहर करने लगा…

उफफफफ्फ़……..हइईई…. उसने मेरी बेस्ट फ्रेंड निशा के साथ जबर्जस्ती बलात्कार करने की कोशिश की….हाईए… बहुत जालिम है वो हरामी…सआलाआ…आआ…

अब मुझे उससे फाइनल जबाब चाहिए थे… सो उसकी रसीली चूत पर हाथ फेरा और अपने मूसल को उसकी गीली चूत के मुँह पर रख कर रगड़ते हुए बोला…



तो क्या वो उसका बलात्कार कर पाया…?

आहह……….जिजुउुउ थोड़ा अंदर तो करो ईसीए….…. जल्दी…. उईईई…मेरी चुउउउत में चिंतियाँ सी काट रही हैं… प्लीज़….. जल्दी करूऊओ…वाकई बातें बाद मेंन्न…..

मेने अपने सुपाडे को थोड़ा सा उसके छेद के मुँह पर अड़ा कर कहा – करता हूँ… पहले बताओ तो सही, फिर क्या हुआ…?

सस्सिईईई…... नही कर पाया सालाअ…! इससे पहले कि वो कुछ कर पाता…, निशा का भाई वहाँ आ गया… और उसने उसे बचा लिया….!

मेने अपना आधा लंड उसकी चूत में डाल दिया.. और वहीं रुक कर बोला – तो अब वो हॉस्पिटल में क्या कर रहा है..?

वो – सीईईईईईईईईईई… उऊहह….बहुत बड़े जालिम हो जीजू… भेन्चोद.. चोद ना मुझे…. सीईईई.… आअहह….रोक क्यों लियाआअ….पूरा तो डालूओ…

मेने अपना लंड पूरा डालने की वजाय, उल्टा सुपाडे तक बाहर खींच लिया और उतना ही डाले हुए बोला – आगे बता ना साली रंडी… बोल ना वो मादरचोद अब भी हॉस्पिटल में क्या कर रहा है..?

मालती की चूत में आग लगी हुई थी, उसे एक-एक क्षण भारी लग रहा था, सो जल्दी से बातों का सिलसिला ख़तम करना चाहती थी…

अब जल्दी से जल्दी मेरे सवाल ख़तम हों इसलिए वो बिना हिचकिचाए बोली -

आहह…. उन दोनो की हाथापाई में उसका खुद का चाकू उसको लग गया और वो घायल हो गयाआ…आआईयईई…..धीरे…. झटके से लंड अंदर जाते ही वो बिलबिलाई…

मेने उसे दो चार तगड़े से धक्के मार कर फिर पूछा… तो क्या वो अब तक घायल ही है… ठीक नही हो पाया…इतने दिनो में ?

आहह… अब तो नाटक कर रहा है… मदर्चोद..ऊद्द्द….सीईईईई….… भोसड़ी का बहुत हर्राामी हाीइ….सीईईई…डालो ना….

मेने धक्के लगाते हुए पूछा – क्यों..? अब नाटक क्यों कर रहा है..?

वो – सस्सिईईई….आअहह… ताकि निशा के भाई को जमानत ना मिले….उफफफ्फ़ माआ…. हाइईईई…ज़ोर से कारूव….उूउउ…आययईीीई…

अब मुझे लगभग मेरे सवालों के जबाब मिल चुके थे…


सो मेने उसको अच्छी तरह से जमकर चोदा… वो भी किसी चुदाई मशीन की तरह कमर धकेल-धकेल कर जबरदस्त तरीक़े से चुदाई और बीयर की मस्ती में चूर चुदने लगी…

30 मिनिट तक धमाल चुदाई के बाद मेने उसकी चूत को अपने लंड के पानी से भर दिया…इतनी देर में मालती दो बार झड़कर मस्त हो गयी थी…

कुछ देर बाद फ्रेश होकर वापस हम पलंग पर आ गये… वो मेरी गोद में ही बैठी थी… मेने उसके बड़े-2 कलमी आमों से खेलते हुए पूछा-

मालती मुझे अब सारी बातें डीटेल में बताओ, तुम्हारी शादी भानु से किन हालातों में हुई, उसने ये हरकत निशा के साथ क्यों की… और ये भी की तुमने उसका साथ क्यों दिया…

वो – आप ये सब क्यों जानना चाहते हो… आपको तो उन लोगों से अब कोई मतलव नही है ना.. ! फिर !

मे – अगर मत्लव होता तो नही बताती…? इसका मतलब तुम मुझसे बस सेक्स तक का ही रिश्ता मानती हो…!

देखो मालती मे जानता हूँ.. ये सब तुमने अपनी मर्ज़ी से नही किया है, .. मे बस ये जानना चाहता हूँ.. कि ऐसी क्या बात थी जो ये सब हुआ…!

मे चाहता हूँ, कि फ्यूचर में भानु तुम्हें इस तरह से इस्तेमाल ना करे, और एक अच्छे पति की तरह ही बर्ताव रखे, इसके लिए मेरा सच जानना ज़रूरी है,

मेरी बात से वो कुछ देर सोच में पड़ गयी, लेकिन फिर कुछ सोच कर कहने लगी

– वैसे भानु अब मेरा पति है.. चाहे जैसा भी हो…, लेकिन सच कहूँ तो मे आपसे कोई बात चाह कर भी छुपा नही सकती..,

क्योंकि जो सुख आपने मुझे दिया है, वो मेरा पति शायद ही अपने जीवन में कभी दे पाए, इसलिए मे आपको सब कुछ सच-सच बताती हूँ…

बात आज से एक साल पहले की है… एक दिन मेरे दादा के पास ठाकुर सुर्य प्रताप आए.. और उन्होने अपने बेटे के लिए मेरा हाथ माँगा…,

दादाजी जानते थे कि उनका बेटा कैसा है.. और वो खुद भी कोई अच्छी छवि नही रखते थे.. सो उन्होने शादी करने से मना कर दिया…
उनकी ना सुनकर सूर्य प्रताप भड़क गये.. और उन्होने दादाजी को ताबड करने की धमकी दे डाली, और कहा – कि अगर तुम्हारी पोती की शादी मेरे बेटे से नही हुई.. तो वो किसी और से भी नही होने देगा…

दादा जी ने हथियार डाल दिए और हमारी शादी हो गयी… कुछ दिन तो हसी खुशी से निकल गये, लेकिन कुछ ही महीनों बाद भानु अपना रंग दिखाने लगा.. मेरे साथ मनमानियाँ करने लगा…

धीरे-2 कर के उसने मुझे भी नशे की आदत लगा दी.. फिर एक दिन हम दादा-दादी से मिलने गाँव आए हुए थे…

निशा मुझसे मिलने आई हुई थी… उसके बाद एक दिन उसने मुझे कहा कि तुम अपनी सहेली निशा से मेरे संबंध कर्वाओ.. मेने ना-नुकुर की, तो वो मुझे मारने पीटने लगा…

धमकी दी कि अगर मेने उसकी बात नही मानी तो वो मुझे तलाक़ देकर किसी कोठे पर बिठा देगा..

मेने जब ये कहा कि मे उससे ये सबके लिए नही बोल सकती.. तो फिर उसने ये प्लान बनाया, कि तुम उसे चाइ में नशा मिलकर पिला देना, और कुछ देर के लिए घर से गायब हो जाना, वाकी मे देख लूँगा…

मे – लेकिन वो ये सब करना क्यों चाहता था… निशा ही क्यों…?

वो – मुझे भी शक़ हुआ और मेने उसे पूछा भी… तो उसने मुझसे बस इतना ही कहा.. कि ऐसा करने से उसको बहुत बड़ा फ़ायदा होने वाला है.. लेकिन क्या ये नही बताया...

लेकिन जीजू…प्लीज़ ये बातें भानु को पता ना चले, वरना वो मुझे कहीं का नही छोड़ेगा…

मेने उसके होंठ चूमकर कहा – मेरा विश्वास करो मालती, आइन्दा भानु तुम्हें एक पत्नी का सम्मान ही देगा…

फिर मेने टॉपिक चेंज कर दिया और उसको सेक्स की तरफ मोड़ कर उसके साथ जम कर सुबह तक मस्ती की, उसकी अच्छी तरह से भूख शांत कर के, सुवह उसको घर विदा कर दिया….!
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Re: लाड़ला देवर ( देवर भाभी का रोमांस)

Post by jay »

super.................
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Re: लाड़ला देवर ( देवर भाभी का रोमांस)

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