कामुक-कहानियाँ - मेरी चाची नंबर वन compleet

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rajsharma
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Re: कामुक-कहानियाँ - मेरी चाची नंबर वन

Post by rajsharma »

मैने कहा ठीक है आप की मर्ज़ी तो चाची ने आप की मर्ज़ी क्या तुम्हे भी मेरे साथ बैठ कर ये देखना होगा अकेले मे मुझे मज़ा नही आएगा मैं भी खुश हो गया और चाची की साथ बैठ कर ब्लू प्रिंट देखने लगा उस वक़्त लेसएबियन सीन चल रहा था दो लड़कियाँ एक दोसरे को किस्सिंग कर रही थी और एक दोसरे की बूब्स दबा रही थी किस्सिंग ये देख कर मैं गरम हो गया और चाची की तरफ देखने लगा तो चाची ने मुस्करा कर मेरी तरफ देखा और कहा कि मुझे नही उधर देखो फिर मैं ब्लू फिल्म देखने लगा और देखा कि दोनों लड़कियाँ 69 पोज़िशन मैं हैं और एक दूसरे की बूर को चाट रही है और उंगली अंदर बाहर कर रही हैं.

ये देख कर मैं और गरम हो गया और अपनी आग बुझाना चाहता था फिर मैने चाची से कहा कि चाची क्या आप मुझे अपनी ब्रा दो गी मुझे अपना काम करना है तो चाची ने कहा कि मैं यहाँ सिर्फ़ दो ब्रा लेके आई हूँ एक ब्रा मैने शाम को धो की शूखने की लिए रखी थी और दूसरी मैने अभी पहनी हुई है लेकिन तुम फिक़र मत करो जो ब्रा मैने पहनी हुई है वो मैं तुम्हे उतार के देती हूँ और चाची ने मेरे सामने अपनी नाइटी उतारी और मैं चाची का खूबसूरत जिस्म देख कर हैरान रह गया चाची ने ब्लॅक ब्रा और ब्लॅक पनटी पेहेन रखी थी.

फिर चाची ने आहिस्ता से अपने हाथ पीछे ले जाकर अपनी ब्रा के हुक खोल दिए और मेरे सामने अपनी ब्रा उतारी और अपने बूब्स को नंगा कर्दिया आई हाई क्या मस्त बूब्स थे चाची की बड़े बड़े गोल गोल उनकी कसी हुई पिंक निपल्स दिल कर रहा था कि अभी चाची के बूब्स पकड़ उन को दबाऊं और चूसू वाह क्या नज़ारा था फिर चाची ने मुझ से कहा तुम क्यों तकलीफ़ करते हो मैं तुम्हारा ये काम कर्देति हूँ फिर चाची ने मेरा पाजामा अपने हाथ से उतारा और मेरे तने हुए लंड को अपने हाथ मे ले कर एक बार अपने हाथ को उपर से ले कर नीचे तक ले गयी ओए फिर अपने ब्रा को मेरे लंड पर आहिस्ता और आराम से लपेटा और फिर मेरे लंड सहलाने लगी और मूठ मारने लगी.

चाची की रफ़्तार आहिस्ता आहिस्ता बढ़ती गयी जब चाची ज़ोर से मेरे लंड पर अपना हाथ उपर नीचे कर रही थी तो चाची के बूब्स उपर नीचे हिल रहे थे और मुझे बोहोत अच्छा लग रहा था और मैं छूटने की करीब आता गया दोस्तो क्या मज़ा आरहा था बस पूछो मत फिर तक़रीबन 20 मीं के बाद मैं फारिघ् हो गया लेकिन मेरा लंड अभी भी खड़ा था फिर मैने चाची से कहा चाची थॅंक यू तो चाची ने कहा कोई बात नही युवर वेलकम फिर मैने चाची से अपने लंड की तरफ इशारा करके कहा चाची देखो ना ये अभी भी खड़ा है तो चाची ने कहा कि दोसरा राउंड हो जाए क्या तो मैने चाची से कहा ज़रूर लेकिन अब आपकी ब्रा तो खराब हो गयी है अब मुझे इस से मज़ा नही आएगा तो चाची ने कहा कोई बात नही मेरी पैंटी पड़ी है ना.

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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
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Re: कामुक-कहानियाँ - मेरी चाची नंबर वन

Post by rajsharma »

और ये कह कर चाची ने अपनी पैंटी उतार दी मैं चाची की मस्त चूत देख कर हैरान रह गया क्या बूर थी फिर चाची ने मेरे लंड से अपनी ब्रा हटाई और फिर मेरे लंड पर अपनी पैंटी लपेटी लेकिन मैने चाची से कहा कि चाची अब इन से मज़ा नही आरहा अब आप अपने हाथ से करो तो चाची हँसने लगी और कहा हमम्म अब हमे साहबज़ादे की भी बाते माननी पड़े गी और मेरे लंड को अपने हाथ मे पकड़ा और ज़ोर से दबाया तो मेरे मूँह से सिसकारी निकली फिर चाची आहिस्ता आहिस्ता मेरे लंड को सहलाने लगी और फिर चाची की रफ़्तार तेज़ होती गयी और फिर तक़रीबन 30 मिनट की मेहनत के बाद मैं छूट गया और मेरा ढेर सारा कम चाची के हाथो को लग गया.

फिर चाची वॉशरूम मे चली गयी अपने हाथ धोने के लिए और थोड़ी देर के बाद आई और अपनीशलवार उठा कर उस से मेरा लंड साफ किया और कहा कि चलो अब सो जाए फिर हम अपनी अपनी जगा जाके सो गये....................

फिर आधी रात को करीब 3:00 बजे मेरी आँख खुली तो मैने देखा कि चाची की नाइटी उस के घुटनों के उपर थी और उस की जांघे साफ दिख रही थी उन्हे देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं अपने आप को रोकने की बोहोत कोशिश की लेकिन मैं अपने आप को नही रोक पाया और चाची की जाँघो को सहलाने लगा सहलाते सहलाते मैने चाची की नाइटी थोड़ी और ऊपर की तो चाची की मस्त चूत मेरे आँखो की सामने आ गई चाची की मस्त चूत देख कर मेरा लंड साँप की तरह फन उठाने लगा और मैने अपना लंड बाहर निकाल कर चाची के पास लेट कर अपने लंड को चाची की चूत के दरवाज़े पर रख कर आहिस्ता आहिस्ता अपने लंड को चाची की बूर पर रगड़ ने लगा रगड़ते रगड़ते मुझे पता ही नही चला कि मैं कब चाची की बूर के उपर फारिघ् हो गया और जैसे ही मैं फारिघ् हुआ चाची ने करवट ले कर अपना मूँह मेरे पास कर दिया. दोस्तो कहानी अभी बाकी है आपका दोस्त राज शर्मा

क्रमशः………………

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Re: कामुक-कहानियाँ - मेरी चाची नंबर वन

Post by rajsharma »

मेरी चाची नंबर वन—3

गतान्क से आगे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

एक लम्हे को तो मैं डर गया और मुझे लगा कि चाची जाग गयी है लेकिन नही चाची अभी तक सो रही थी अब चाची के बूब्स नाइटी के अंदर मेरे मूँह के बिल्कुल सामने थे मेरे और चाची के बूब्स का फासला तकरीबन 3 या 4 इंच का था फिर मैं ने अपन हाथ धीरे से चाची के बूब्स पर रख कर बूब्स को थोड़ा दबाया हाई क्या नरम बूब्स थे इतना मज़ा फिर मैने चाची के बूब्स को दबाना जारी रखा मैं अपने हाथो से चाची के बूब्स दबा रहा था और अपने आँखो से चाची को देख रहा था फिर मैने चाची के बूब्स को नाइटी से बाहर निकाला.

चाची ने उस वक़्त अपनी ब्रा नही पहनी थी और फिर मैने चाची की निपल्स को अपने मूँह मे लेकर चूसने लगा चूस्ते चूस्ते मुझे इतना मज़ा आया कि मैने अपनी चाची की निपल्स को हल्का सा काट लिया तो चाची की मूँह से सिसकारी निकली तो मैं डर गया और जल्दी से पीछे हट गया और उसी वक़्त चाची उठ गयी ओरमुझे देख कर कहा क्या बात है तुम जाग रहे हो मैने कहा ऐसे ही बस नींद नही आराही तो चाची ने कहा कोई बात नही मेरे साथ सो जाओ नींद आजाए गी मुझे और क्या चाहिए था मैं फटा फॅट चाची के साथ लेट गया फिर अचानक चाची की नज़र अपने बूब्स पर गयी और मुझे कहा ये देखो ना ये कैसे बाहर निकल आए ज़रा इन्हे अंदर करदो.

फिर मैने चाची के बूब्स को पकड़ कर उनको चाची की नाइटी के अंदर डाल दिया फिर चाची ने मुझे कहा कि मेरी चूत मे कुछ पानी सा लग रहा है ज़रा देखो तो सही क्या है मुझे ये सुन कर बोहोत मज़ा आया कि चाची अब मुझ से अपनी बूर का चेक अप करवा रही है फिर मैं हालाँकि मुझे पता था कि चाची की बूर पर मेरा कम लगा हुआ है लेकिन मैं ज़ाहिर नही करना चाहता था मैं चाची की बूर को देखने की कोशिश करने लगा लेकिन कमरे मे अंधेरा था सिर्फ़ थोड़ी सी हल्की हल्की रोशनी थी इस लिए मैं चाची की बूर को सही तरह से नही देख सका.

फिर मैने चाची से कहा कि चाची अंधेरे की वजह से सही नज़र नही आरहा तो चाची ने कहा लाइट ऑन कर की देख लो फिर मैने लाइट ऑन की और चाची की बूर को दोबारा देखने लगा क्या चूत थी चाची की फिर मैने चाची से कहा कि ये आप की चूत का पानी है तो चाची ने कहा कि अच्छा मैं इसे साफ कर के आती हूँ फिर चाची वॉशरूम मे चली गयी अपनी चूत को साफ करने के लिए चूत को साफ कर के जब चाची बाहर निकली तो उन का पाँव फिसल गया और वो पीठ के बल ज़मीन पर गिर गयी ये देख कर मैं जल्दी से चाची के पास गया और उन को उठा के चाची को बेड पर लिटाया तो चाची ने मुझ से कहा कि बोहोट दर्द हो रहा है पीठ मैं क्या तुम थोड़ी सी तेल की मालिश करो गे मैने कहा हां और ड्रेसिंग टेबल से तेल की बॉटल उठा के चाची के पास गया.

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Re: कामुक-कहानियाँ - मेरी चाची नंबर वन

Post by rajsharma »

तो चाची ने मुझ से कहा कि मेरी नाइटी उतारो फिर पीठ पर मालिश करो फिर मैने चाची की नाइटी उतार दी अब चाची मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी चाची का ये खूबसूरत जिस्म देख कर मेरा लंड फिर से खड़ा होना शुरू हो गया लेकिन मैने अपने आप को संभाला और चाची की पीठ पर तेल की मालिश करने लगा मैं चाची की पीठ की मालिस कर रहा था लेकिन देख उस की गंद को रहा था क्या मस्त गंद थी हाई दिल कर रहा था घुसा दूं अपना लंड चाची की गंद मे फिर आहिस्ता आहिस्ता चाची की पीठ की मालिश करते करते मैं नीचे आता गया और आकर चाची की गंद की मालिश करने लगा चाची की गंद की मालिश करते करते मैने अपनी एक उंगली चाची की गंद के होल मे डाली तो चाची के मूँह से सिसकारी निकली और मुझ से कहा प्ल्ज़्ज़ और करो बोहोत मज़ा आरहा है.

फिर मैने अपनी उंगली चाची की गंद मे डालना शुरू कर दी और चाची सस्स्सस्स ऊहह आहह की आवाज़े निकलना शुरू करदी तकरीबन 20 मीं तक ये सिलसिला जारी रहा फिर चाची ने कहा कि अब मेरे चेस्ट पर थोड़ी सी मालिश कर दो और सीधी हो कर लेट गयी फिर मैने एक नज़र चाची के बूब्स को देखा वो बोहोत कसे हुए थे और बोहोत टाइट थे और मैं चाची के बूब्स को देखता ही रह गया फिर मैने थोड़ा सा तेल चाची की चेस्ट पर गिराया और थोड़ा सा बूब्स पर भी गिरा दिया फिर मैं एक हाथ से चाची की चेस्ट की मालिश कर रहा था और दूसरे हाथ से चाची के बूब्स को मसल रहा था और चाची सस्सस्स हइई ओह आअम्म्म्मम आहह की आवाज़े निकाल ने लगी.

फिर थोड़ी देर के बाद मैने चाची के दोनो बूब्स को दोनो हाथो से दबाने लगा दबाते दबाते मैने चाची के बूब्स को चूसना शुरू कर दिया फिर चाची के बूब्स को चूस्ते मैने अपने होंठ चाची के गरम और नरम होंठो पर रख दिए और फिर चाची ने मुझे अपने से लिपटा लिया और बड़े जोश से किस्सिंग करने लगी मैने अपनी ज़बान चाची के मूँह मे डाल दी वो मेरी ज़बान को चूसने लगी फिर उस ने अपनी ज़ुबान मेरे मूँह मे डाल दी और मैं चाची की ज़बान चूसने लगा फिर मैं चाची के निचले होंठ को चूसने लगा और वो मेरे उपरी होंठ को चूसने लगी इसी तरह 40 मीं तक किस्सिंग का सिलसिला जारी रहा.

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Re: कामुक-कहानियाँ - मेरी चाची नंबर वन

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कभी हम फ्रेंच किस करते कभी लिपलोक्क किस्सिंग करते फिर चाची ने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरे लंड को पकड़ सहलाने लगी और मैं चाची के बूब्स को फिर से चूसने लगा फिर तकरीबन 15 मीं के बाद मैं उठा और चाची की गंद के नीचे दो तकिये रख कर चाची की टाँगे अपने कंधो पर रख दी और अपने लंड को चाची की बूर के हॉल पर सेट कर के एक ही झटके मे अपना लंड चाची की बूर मे जड़ तक डाल दिया चाची के मूँह से हल्की सी सिसकारी निकली और मुझ से कहा तेज़ तेज़ करो जल्दी.

अब मुझ से और बर्दाश्त नही होता और मैं चाची को चोद्ने लगा और चाची आआहह ययईआअहह ऊहह आअम्म्म्म सस्स्सस्स ऊओ फुऊूक्कककक हहाआंन्न हहाआंन्न की आवाज़े निकालने लगी फिर तकरीबन 30 मीं के बाद मैं चाची के अंदर ही फारिघ् होगया इस बीच चाची 4 बार फारिघ् हुई थी फिर उस दिन के बाद ये एक कभी ना ख़तम होने वाला सिलसिला शुरू हुआ चूत मारने के साथ साथ मैने चाची की गंद भी मारी जैसा कि मैने आप को बताया था कि मेरे चाचा चाची की कोई औलाद नही थी इस लिए चाची ने मुझसे अपना बच्चा पैदा करवाया चाची को तो पता है कि ये बच्चा उस का मेरा है लेकिन चाचा को ये पता नही कि ये बच्चा मेरा है.

वो मेरे बच्चे को अपना बच्चा समझते है लेकिन जब चाचा मेरे बच्चे को मारता है तो मुझे इतना गुस्सा आता है कि दिल करता है कि चाचा को रोकू और कहूँ कि तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे बच्चे को मारने की लेकिन क्या करूँ मजबूर हूँ. तो दोस्तो ये कहानी यही ख़तम होती है फिर मिलेंगे एक और नई कहानी के साथ तब तक के लिए विदा आपका दोस्त राज शर्मा

समाप्त

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