कुछ देर बाद सब खाना खा चुके होते है और सभी आपस में बातें कर रहे थे… देव श्री से उसके फ्यूचर प्लान के बारे में बातें करते हैं और उसकी पढ़ाई के बारे में पूछते हैं.. श्री देव को सब बताता है और ऐसे ही सभी बातें करते है… कुछ देर बाद देव उठकर अपने रूम में चले जाते हैं… शमा और श्री भी उठकर अपने अपने रूम में चले जाते हैं. वाशु और नेहा रसोई का काम निपटने में लगी है और जल्दी ही वो सब काम ख़तम कर लेती हैं. नेहा तुम रूम में चलो मैं देव से पूछ कर आती हूँ कुछ चाहिए तो नही… वाशु ने नेहा से कहा.
देव को अब तुमसे कुछ नही चाहिए… कहकर नेहा हंसते हुए अपने रूम में चली जाती है. वाशु भी देव से मिलने चली जाती है…
वाशु जैसे ही रूम मे एंटर करती है वाशु देखती है देव सिर्फ़ शॉर्ट्स मे बेड पर लेटे हुए आराम कर रहे हैं... मैं नेहा के रूम में जा रही हूँ आपको कुछ चाहिए तो नही..”वाशु देव से पूछती है”.
वाशु की आवाज़ सुनकर देवजैसे नींद से जागते है और उठकर बैठ जाते हैं. वाशु देव के पास बेड पर बैठ जाती है और पूछती है आपको कुछ चाहिए क्या?
देव वाशु के सर को पीछे से पकड़ कर अपने पास करते है और वाशु के होंठो पर किस करने के बाद कहते हैं.. तुम आज भी नेहा के पास जा रही हो क्या.. मुझे अकेले नींद नही आती तुम्हे ये पता है ना..
बस कुछ ही दिनो की तो बात है फिर सब नॉर्मल हो जाएगा और हम फिर से एक दूसरे के साथ होंगे.. वासू ने कहा. (तो फिर जल्दी जाओ ना यहाँ से तुम जाओगी तभी तो नेहा यहाँ आएगी और मैं उसकी जबरदस्त चुदाई करूँगा... देव अपने मन मे सोचते हुए). कुछ देर बाद वाशु नेहा के रूम मेी चली जाती है..
श्री उपर राज के रूम में बैठा राज के कंप्यूटर पर अपने एग्ज़ॅम की तय्यारी कर रहा है. ये एग्ज़ॅम उसके फ्यूचर के लिए बहुत इंपॉर्टेंट है तय्यारी तो उसने बहुत पहले से कर रक्खी थी बस इंतजार था कि कब ये एग्ज़ॅम हो और वो उसको पास करले तो उसे एक अच्छे कॉलेज मे अड्मिशन मिल जाएगा जिससे वो इंजीनियरिंग कर सके. अभी एग्ज़ॅम में एक दिन बाकी है और श्री नेट से कुछ ओल्ड पेपर्स ढूंड रहा है जिससे वो और तय्यारी कर सके...
वहीं दूसरी और शमा अपने बेड लेटी हुई कल रात की घटनाओं के बारे में सोच रही है.. उसे अभी भी यकीन नही हो रहा है कि ऐसा सच मे हुआ है.. उसे विस्वास ही नही हो रहा था कि उसने अपनी मम्मी को अपने देव अंकल के साथ चुदाई करते हुए देखा है... शमा ये जानने को उत्सुक है कि क्या आज भी वो दोनो ऐसा करेंगे.. क्या उसे आज भी नीचे जाकर देखना चाहिए या नही!!! पर उसे अभी उपर आए हुए आधा घंटा ही हुआ है शमा अभी कुछ देर और वेट करने का सोचती है.. उसे एक एक पल काटना बहुत भारी लगता है.. वह सोचती है कैसे ये टाइम कटेगा... तभी उसे श्री का ख्याल आता है और वो उसके रूम की तरफ चल देती है.. रूम के पास पहुँच कर शमा दरवाजे पर दस्तक देती है...
आहट सुनकर श्री दरवाजा खोलता है और सामने शमा को खड़े देखता है. अरे शमा तुम इस वक्त आओ... श्री चोन्क्ते हुए शमा से कहता है..
क्यों मैं तुम्हारे रूम में नही आ सकती क्या.. शमा ने कहा और अंदर आ गयी..
नही ऐसी कोई बात नही आओ बैठो.
वो क्या है ना मुझे नींद नही आ रही थी तो सोचा कि तुमसे ही कुछ बातें की जायें कहीं मैने तुम्हे डिस्टर्ब तो नही कर दिया.. शमा ने कहा और जाकर बेड पर बैठ गयी.
परिवार हो तो ऐसा
- rajsharma
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Re: परिवार हो तो ऐसा
Read my all running stories
(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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`·.¸.·´ -- raj sharma
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- rangila
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Re: परिवार हो तो ऐसा
राज भाई बहुत दिनो बाद आपको देखकर अच्छा लगा
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )
- 007
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Re: परिवार हो तो ऐसा
अच्छा अपडेट है भाई
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी
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Re: परिवार हो तो ऐसा
please update
फिर क्या हुआ?
Bhaut mast
NICE UPDATE KEEP IT UP
राज भाई कहानी कौ आगे बढाइएगा जल्द
जिंदगी मै सिर्फ़ दो ही नशा करना, जीने के लिए यार और मरने के लीये प्यार..
:) :) :ugeek: :ugeek: :ugeek: :lol: :lol: :lol: :lol:
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- Joined: 25 Feb 2016 20:00
Re: परिवार हो तो ऐसा
इस कहानी को भी पुरा करो अधुरी कहानी मे मज़ा नही आता है कहानी मे लगातार update करते हो :( :( :( :( :( :twisted: :twisted: :twisted: :twisted: :twisted: :twisted: :oops: :oops: :oops: :oops: :?: :?: :?: :?: :?: