कहीं वो सब सपना तो नही complete

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007
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

शोबा ने भाभी की हल्की किस की फिर नकली लंड को भाभी के लिप्स के पास कर दिया इस
से पहले भाभी कुछ समझ सकती शोबा ने लंड को थोड़ा ऑर आगे किया तो मस्ती मे खुद-ब-खुद भाभी का मुँह खुल
गया ऑर नकली लंड भाभी के मुँह मे चला गया,,,शोबा ने कुछ पल वो लंड भाभी कर मुँह मे आगे पीछे किया ,,वो
लंड बहुत पतला था ऑर करीब 6 इंच लंबा था,,,,,,कुछ देर शोबा अपने हाथ से लंड को भाभी के मुँह मे आगे
पीछे करती रही फिर लंड को भाभी के मुँह मे ही रख कर मेरे करीब आ गई,,,मैने देखा की भाभी ने खुद अपने
हाथ से उस नकली लंड को पकड़ा ओर अपने मुँह मे आगे पीछे करने लगी ऑर चूसने लगी,,,शोबा ने पीछे आके भाभी की
गान्ड पर थूक लगा दिया ऑर एक उंगली से भाभी की गान्ड वाले होल को सहलाने लगी भाभी ने पीछे मूड के शोबा
की तरफ देखा मानो वो शोबा को एसा करने से मना कर रही हो,,,,भाभी को इसलिए पता चला कि वो हाथ शोबा का था
क्यूकी मेरे दोनो हाथ तो भाभी की कमर पर थे ,,,,,,,भाभी ने शोबा को मना किया लेकिन शोबा ने हाथ हटाने की
जगह अपनी एक उंगली गान्ड मे घुसा दी,,,भाभी की आहह निकल गई ऑर नकली लंड उनके मुँह से बाहर निकल
कर बेड पर गिर गया ,,,भाभी ने एक पल के लिए शोबा की तरफ देखा तो शोबा ने वो लंड फिर से उठा कर भाभी के
मुँह मे डाल दिया,,,,भाभी ने फिर से लंड को अपने हाथ मे पकड़ा ऑर शोबा को ना मे सर हिला कर इशारा करने लगी
कि गान्ड मे उंगली मत डालो लेकिन शोबा ने भाभी की बात को नज़रअंदाज़ कर दिया ऑर उंगली को भाभी की गान्ड मे
घुसा दिया ऑर हल्के से आगे पीछे करने लगी उंगली पर थूक कम लगा हुआ था इसलिए शोबा ने झुक कर थोड़ा थूक
गान्ड पर उगल दिया ऑर उंगली से थूक को गान्ड मे भरने लगी उसने 3-4 बार काफ़ी सारा थूक उगला भाभी की गान्ड
पर ऑर थूक को उंगली से भाभी की गान्ड मे भर दिया इस से काफ़ी थूक उसकी उंगली पर भी लग गया अब गान्ड ऑर उंगली दोनो थूक से चिकनी हो गई थी ऑर शोबा ने उंगली को थोड़ा तेज़ी से गान्ड मे पेलना शुरू कर दिया ,,,मेरी भी स्पीड
तेज थी भाभी को चोदने की ऑर साथ ही भाभी भी मस्ती मे अपने हाथ मे पकड़े लंड को तेज़ी से मुँह मे अंदर बाहर
करने लगी थी,,,,,भाभी को कुछ ज़्यादा ही मस्ती चढ़ने लगी थी क्यूकी लंड मुँह मे होने के बावजूद उनकी सिसकियों की
आवाज़ बहुत तेज थी,,,,,

शोबा भाभी की गान्ड मे उंगली करते टाइम मुझे किस करने लगी लेकिन जब उसने देखा कि भाभी की सिसकियों की आवाज़ तेज हो गई है तो उसने जल्दी से अपनी एक ऑर उंगली घुसा दी भाभी की गान्ड मे ,,,भाभी हल्की उछल गयी ऑर आगे की तरफ होने लगी लेकिन मेरी पकड़ मजबूत थी भाभी की कमर पर मैने भाभी को आगे नही होने दिया,,,शोबा ने 2 उंगलिया
घुसा कर पहले तो धीरे धीरे फिर थोड़ी तेज़ी से उंगलियों को गान्ड मे पेलना शुरू कर दिया,,करीब 10 मिनट
तक मैं भाभी की चूत मारता रहा ऑर शोबा भाभी की गान्ड मे उंगली करती रही ,,जब भाभी की गान्ड कुछ हद '
तक खुल गई तो शोबा ने भाभी के हाथ से वो नकली लंड पकड़ कर उनके मुँह से निकाल दिया ,,,वो लंड थूक से अब
काफ़ी चिकना हो गया था ,,,शोबा ने उस लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर भाभी की गान्ड पर रखा ,,,भाभी समझ गई कि
अब शोबा क्या करने वाली है इसलिए उसने आगे होने की कोशिश कि लेकिन मैं भी भाभी की हरकत समझ गया था इसलिए भाभी को पहले ही कस चुका था अपनी बाहों मे,,,,शोबा ने लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर उंगलियों को बाहर करते
हुए लंड को गान्ड के होल पर रखा ,,जैसे ही उंगलियाँ बाहर निकली लेकिन उंगलियों की वजह से गान्ड थोड़ी खुली हुई
थी शोबा ने इसी बात का फ़ायदा उठाते हुए नकली लंड को भाभी की गान्ड मे घुसा दिया,,,,मुझे लगा था भाभी
अब फिर से हवा मे उछलेगी ऑर आगे होने की कोशिस करेगी लेकिन भाभी ने ऐसा नही किया बल्कि लंड गान्ड मे घुसते
ही उनके मुँह से एक मीठी ऑर हल्की दर्द भरी आहह ज़रूर निकली,,,,उस आह मे दर्द कम था जबकि मस्ती कुछ ज़्यादा थी,,


भाभी को लंड गान्ड मे लेके मज़ा आया था,,,,उंगली की वजह से गान्ड थोड़ी खुल गई थी इसलिए भाभी को कुछ ख़ास
दर्द नही हुआ लंड गान्ड मे घुसते टाइम,,,,ऑर साथ ही मैं भाभी की गान्ड की चुदाई कर रहा था इस लिए मस्ती ने
भी दर्द को थोड़ा कम कर दिया था ,,,,शोबा ने नकली लंड को हल्के हल्के आगे पीछे करना शुरू किया ऑर तभी भाभी
की सिसकियाँ निकलनी शुरू हो गई,,,,,,भाभी आज पहली बार 2 लंड का मज़ा ले रही थी ,,,भाभी की सिसकियाँ तेज होने लगी
जैसे जैसे शोबा ने नकली लंड की स्पीड तेज की उनकी गान्ड मे ,,,,,मैने शोबा को इशारा किया कि नकली लंड बाहर करे
भाभी की गान्ड से मुझे भाभी की गान्ड मारनी है लेकिन शोबा ने मुझे मना कर दिया,,,,मैने फिर इशारा किया
कि मैं झड़ने वाला हूँ ऑर अपना माल भाभी की गान्ड मे निकाला चाहता हूँ तो शोबा ने मुझे अपना पानी
भाभी की चूत मे निकालने को बोला,,,,मेरा हालत काफ़ी खराब हो गई थी मैं मस्ती के लास्ट चरम पर पहुँच गया
था अब रुकना मुश्किल था लेकिन फिर भी भाभी की टाइट गान्ड देख कर मैं भाभी की गान्ड मे ही पानी निकालना
चाहता था,,,,शोबा के मना करने से थोड़ा उदास हो गया लेकिन स्पीड कम नही की,,मैं समझ गया था कि भाभी
की गान्ड अभी तैयार नही हुई मेरे लंड के लिए इसलिए शोबा ने मुझे मना किया था,,मैने उसकी बात मानते हुए तेज़ी से
झटके मारते हुए अपने पानी को भाभी की चूत निकाल दिया,,,,मैने देखा कि उससी टाइम भाभी ने भी तेज़ी से सिसकियाँ
लेते हुए पानी निकालना शुरू कर दिया था,,,,मेरा सारा पानी निकलते ही मैं साइड पर गिर गया ऑर भाभी भी बेड पर गिर
गई लेकिन शोबा अभी तक भाभी की गान्ड मे नकली लंड को हल्के से आगे पीछे करने मे लगी हुई थी ऑर लंड को ऐसे ही आगे पीछे करते हुए वो मेरे लंड के करीब आ गई ओर मेरे लंड पर लगे पानी को चाटने लगी फिर मेरे लंड को मुँह
मे भर लिया ऑर चूस्ते हुए सॉफ करने लगी और लंड पर लगे पानी को पीने लगी,,,,इस बीच उसने नकली लंड से हाथ हटा लिया ऑर मेरे लंड को पकड़ कर हल्के से मसल्ते हुए चाटने लगी ऑर चूस्ते हुए सॉफ करने लगी,,,वो नकली लंड अभी भी
भाभी की गान्ड मे घुसा हुआ था ऑर भाभी बेड पर लेट कर तेज़ी से साँसे ले रही थी,,,,मेरा लंड सॉफ करके शोबा
ने नकली लंड को भाभी की गान्ड से निकाल लिया ऑर उसको भी चाट कर सॉफ कर दिया ऑर हम दोनो के बीच मे लेट गई....

कुछ देर बाद भाभी उठी ऑर रूम से बाहर चली गई ,,,,,,वो बाथरूम गई थी,,,,इतनी देर मे शोबा मेरे करीब आ
गई ऑर मुझे चेस्ट पर किस करने लगी साथ ही अपने हाथ से मेरी चेस्ट को सहलाने लगी,,,,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

क्यूँ सन्नी मज़ा आया भाभी की चुदाई करके,,,,,उसके चेहरे पर हल्की मुस्कान थी ऑर उसने मुझे आँख मारते हुए
ये बात पूछी थी,,,,,

मैने भी हंस के उसकी बात का जवाब दिया,,,,,,,हाँ दीदी बहुत मज़ा आया,,,,,,,लेकिन पहले ज़्यादा मज़ा नही आया था वो तो
जब आप भी हम दोनो का साथ देने आई तो ज़्यादा मज़ा आया,,,,,,लेकिन दीदी अपने मुझे भाभी की गान्ड क्यूँ नही मारने
दी,,,

सन्नी अभी भाभी की गान्ड मे कभी लंड नही गया है ,,,बहुत टाइट है उनकी गान्ड ,,,,तू फ़िक्र मत कर आज पूरी रात
अपनी है मैं पूरी रात मे भाभी की गान्ड को तेरे लिए तैयार कर दूँगी,,,,,,

क्या सच मे दीदी,,,,,,,,तो क्या मैं रात को उनकी गान्ड मांर सकता हूँ,,,,,,,,,,मैने एग्ज़ाइट होके पूछा,,,,

नही सन्नी आज नही फिर कभी,,,,,,,,,,आज तो गान्ड को तैयार करूँगी लेकिन चोदने नही दूँगी भाभी की गान्ड को,,,वो
बेचारी मजबूर है ,,थोड़ा तरस कर उसपे,,,,,,,थोड़ा टाइम दे उसको वो खुद ही तैयार हो जाएगे तेरे से गान्ड मरवाने
के लिए,,,,लेकिन आज नही ,,,,,,,,दीदी ने मुझे हल्की किस करते हुए बोला,,,,,,,,,,

ठीक है दीदी,,,,,,,,जैसा आप बोलो,,,,


तभी हम दोनो की नज़र दरवाजे की तरफ गई,,,,,भाभी हम दोनो की तरफ देख रही ऑर अभी भी हल्का सा शरमा रही
थी,,,,फिर भाभी ने अपने हाथ को अपनी चूत की तरफ किया ऑर चूत पर हाथ रगड़ कर उस हाथ को शोबा की तरफ
दिखा कर हल्के से मुस्कुराने लगी,,,भाभी के चहरे पर अजीब सी खुशी थी,,,,

शोबा ने भी भाभी की तरफ हसके देखा ,,

मैने भाभी के हाथ की तरफ देखा तो उनके हाथ मे मेरा स्पर्म लगा हुआ था ,,,वो मेरे स्पर्म से गीले हाथ को शोबा
को दिखा कर खुश हो रही थी,,,,,मैं कुछ कुछ तो समझ गया था उनकी खुशी की वजह,,,,,

भाभी हाथ ऐसे ही शोबा को दिखाती हुई हस्ती हुई ऑर मुझे देख कर शरमाती हुई बेड के करीब आ गई,,,

शोबा बेड से नीचे उतरी ऑर भाभी के पास चली गई,,,,,ऑर भाभी को हल्की किस करके भाभी के उस हाथ को अपने हाथ मे
पकड़ लिया जिसपे मेरे लंड का पानी लगा हुआ था,,,,,,

आपके काम तो आ गया ये अनमोल पानी लेकिन इस हाथ पे लगे पानी को जाया नही करना मुझे,,,,इतना बोल कर शोबा ने भाभी के हाथ पर लगे मेरे स्पर्म को अपनी ज़ुबान से चाटना शुरू कर दिया,,,भाभी बड़ी हैरत से शोबा की तरफ
देख रही थी,,,शोबा ने भाभी के हाथ पर लगे स्पर्म को अच्छी तरफ चाट कर भाभी के हाथ को अच्छी तरह सॉफ
कर दिया,,,

ये क्या कर रही हो पगली,,,,,,ये गंदा है,,,,,,,,

नही भाभी ये गंदा नही ये तो अमृत है,,,,,,इसका स्वाद किसी औरत के मुँह लग जाए तो जन्नत का मज़ा देता है,,,फिर
शोबा हँसने लगी,,,,

सही कहा तूने ये अमृत है,,,,,बस ये अमृत अब मेरे काम आ जाए,,,,,भाभी ने थोड़ा उदास होके सर झुका कर बोला

अरे भाभी उदास मत हो ये जवान लंड का अमृत है आपके कम ज़रूर आएगा,,,,इतना बोलके शोबा ने भाभी को बेड
पर मेरे करीब बिठा दिया,,,भाभी कुछ शरमा रही थी मेरे से,,,,,,,,

अब क्यू शरमा रही हो भाभी,,,,इतनी देर से मस्ती कर रही थी सन्नी के साथ ऑर अभी भी शरमा आरही हो,,,,अब ये शरम
ऑर डर को निकाल दो अपने मन से ऑर मस्ती करो हम लोगो के साथ,,,,

शोबा मैं मस्ती करने नही आई तू जानती है,,,,,मैं तो बस,,,

जानती हूँ भाभी लेकिन अगर इसी बीच थोड़ी मस्ती हो जाए तो क्या हर्ज है,,,,,

हर्ज है शोबा ,,,,,मैं तो तुम लोगो की दूर की भाभी हूँ लेकिन तुम दोनो तो भाई बेहन हो,,,,,तुम लोगो को शरम
नही आती ये सब करते,,,,ज़रा भी नही सोचा तुमने कि ये तुम्हारा भाई है जिसके साथ तुम ये सब कर रही हो,,,,,

भाभी किसी लंड या चूत पे कोई नाम नही लिखा होता ना ही कोई रिश्ता लिखा होता है,,,,,,

लेकिन फिर भी तुम लोगो को ज़रा भी एहसास नही कि आज तुम लोगो ने जो किया वो ग़लत है,,,,

भाभी आज ही क्या हमने तो कभी नही सोचा कि जो कर रहे है वो ग़लत है,,,,,,

क्या मतलब,,,,,,क्या तुम दोनो पहले से ये सब करते आ रहे हो,,,,,,हयी राम क्या बोल रही हो तुम शोबा,,,,,

हाँ भाभी,,,,तो इसमे क्या बड़ी बात है,,,,आप भी तो आज अपनी मजबूरी के लिए यहाँ आई हो,,,,ये तो अच्छा हुआ मैने
सन्नी को तैयार का लिया आपकी मजबूरी दूर करने के लिए अगर ये नही होता तो आप भी किसी गैर मर्द से चुदवाने को
तैयार थी ना,,,ऑर सोचो ज़रा कि वो गैर मर्द आपकी मजबूरी दूर करते करते आपकी मजबूरी का हद से ज़्यादा फ़ायदा उठा
लेता,,,,,आपको ब्लॅकमेल करता,,,,या बदनाम कर देता,,,,,

भाभी शोबा की बात बड़ी गौर से सुन रही थी,,,,,

बोलो भाभी,,,,अगर कोई गैर मर्द होता तो,,,,

सही कहा शोबा ,,,,कोई ऑर होता तो कुछ भी करसकता था,,,मुझे बदनाम भी कर सकता था,,,,मुझे तो सोच कर
ही डर लगता है,,,,,

बस यही वजह है भाभी कि मैं भी सन्नी के साथ चुदाई करती हूँ,,,,,क्यूकी चढ़ती जवानी मे लड़का हो या लड़की
दोनो के कदम बहक जाते है ऑर दोनो चुदाई के लिए पागल होते है,,फिर पागलपन मे इधर उधर मुँह मारते है,,
बाहर मुँह मारने से बदनाम होने का डर रहता है,,,,ज़रा सोचो कि अगर आपको चुदाई का मज़ा घर से ही मिलने लगे
तो ना किसी का डर ऑर जब दिल करे तब मस्ती करो,,,,,


मैं दोनो की बातों को आराम से लेट कर सुन रहा था,,,,तभी मैं बीच मे बोल पड़ा,,,,

अरे दीदी अब मुझे भी तो बताओ कि भाभी की मजबूरी क्या थी,,,,

उस से क्या पूछ रहे हो सन्नी मैं बताती हूँ,,,,,,,,,,भाभी ने मेरी तरफ चेहरा किया ऑर हँसके मुझे देखा,,,
उनके चेहरे पर अब डर या शरम नही थी शायद शोबा की बातें सुनकर डर ऑर शरम दूर भाग गई थी,,,,

सन्नी मेरे पति मे बच्चा पेदा करने की हिम्मत नही है,,,इसलिए मेरे घर मे हर दिन फाइट होती थी,,,,

लेकिन भाभी जहाँ तक मैने सुना था एक बार आप प्रेग्नेंट हुई थी,,,,

तभी शोबा बोल पड़ी,,,,,,,,,,,,,एक बार नही सन्नी,भाभी 3 बार प्रेग्नेंट हुई है,,,,,,,,,,

भाभी ने शोबा को चुप रहने का इशारा किया लेकिन शोबा चुप नही हुई,,,,

लेकिन दीदी ये तो बोल रही है कि सूरज मे बच्चा पेदा करने की ताक़त नही है फिर ये 3 बार प्रेग्नेंट कैसे हो गई,,

सूरज मे बचा पेदा करने की हिम्मत है सन्नी,,,,,लेकिन लड़का पेदा करने की नही,,,,

मैं हैरान हो गया क्यूकी मुझे उनकी बातें समझ नही आ रही थी,,,,,,

क्या बोल रही हो दीदी मैं कुछ समझा नही,,,,,,,,,,

सूरज ने भाभी को 3 बार प्रेग्नेंट तो किया है सन्नी लेकिन हर बार भाभी को अबॉर्षन करवाना पड़ा,,,,,

अबॉर्षन का नाम सुनके मैं चोंक गया ओर भाभी की तरफ देखने लगा,,,भाभी की आँखों मे आँसू आ गये
थे ऑर वो शोबा को चुप रहने को बोल रही थी,,,,,,

सूरज बाप बन सकता है सन्नी लेकिन हर बार भाभी के पेट मे लड़की जनम लेने लगी थी जबकि सूरज ऑर उसके घर
वालो को अपनी बहू के पेट से पहली औलाद लड़का चाहिए,,,,वो लोग कहते है कि पहली औलाद घर मे लड़का ही होगी
इसलिए उन लोगो ने 4 साल मे भाभी का 3 बार अबॉर्षन करवा दिया था,,,,

मैं थोड़े गुस्से मे बोला,,,,,,,बस्टर्ड,,,,,,,,,,,,,,,कैसे लोग है वो दीदी जो आज भी लड़का ऑर लड़की मे इतना फ़र्क करते है
अनपढ़ ऑर जाहिल लोगो मे तू ऐसा सुना था लेकिन आजकल की मॉडर्न ऑर हाइ सोसाइटी के लोग भी ऐसे बातों को मानते है,,,

सूरज तो पड़ा लिखा वेल अडुकटेड है ,,,,ऑर उसका बाप भी,,,,,आप भी तो पड़ी लिखी हो भाभी फिर अपने कैसे उनकी बात
मान ली ऑर अबॉर्षन करवा लिए,,,,वो भी 1 नही 3-3 अबॉर्षन,,,,,,,,,,,

सही कहा सन्नी,,,,,,वो लोग पड़े लिखे अनपढ़ ऑर जाहिल लोग है जो लड़का ऑर लड़की मे फ़र्क करते है,,,,लेकिन इसमे भाभी का कोई क़सूर नही है,,,ये तो बेचारी अपने सास ऑर ससुर के डर से चुप चाप अबॉर्षन करवाती रही ,,ऑर जब इस बार इसने प्रेग्नेंट होने से मना किया तो उन लोगो ने इसके साथ बहुत मांर पीट की,,,,,,,,,,तभी तो कविता भी अपने घर आके रो रही थी

उस दिन जब मैं सोनिया के साथ कविता के घर गई थी,,ऑर फिर वहाँ जाके मैने कविता की मोम को पोलीस मे शिकायत
करने की धमकी दी थी,,,तब जाके वो लोग कुछ ठीक हुए,,,,,

हाँ सन्नी,,,,,शोबा ने उनको पोलीस का डर दिखाया तो कहीं जाके मेरा ऑर कविता का जीना सुखी हुआ उस घर मे,,मैं
पड़ी लिखी ज़रूर हूँ सन्नी लेकिन अपने सार ससुर के सामने बोलने की हिम्मत नही होती थी मेरी,,,,एक बार जब हिम्मत
करके बोलने की कोशिश की तो उन लोगो ने मुझे ऑर कविता को बहुत मारा ,,क्यूकी कविता भी अपने माँ बाप के खिलाफ मेरा साथ दे रही थी,,,,,भाभी रोते हुए बोलती जा रही थी,,,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

तभी मुझे याद आया कि उस दिन जब मैं भाभी कि घर गया था तो कविता के फेस पर भी मांर के निशान थे,,,ऑर गेट
पर खड़ी होके शोबा दीदी किसी को फोन करने की धमकी दे रही थी जब कविता की मोम ने हाथ जोड़ कर शोबा से माफी
माँगी थी ऑर उसके मोबाइल को हाथ से पकड़ कर डायल किया हुआ नंबर डिसकनेक्ट कर दिया था तब शायद शोबा दीदी
पोलीस को फोन करने की धमकी ही दे रही थी कविता की मोम को,,,,,

लेकिन भाभी आपने इस बारे मे अपनी फॅमिली को कुछ क्यू नही बोला,,,,,

मैं क्या करती सन्नी,,,,मेरे घर मे मेरे माँ बाप एक सिवा कोई नही है,,,वो लोग बहुत ग़रीब है,,,मेरे पापा उसी
फॅक्टरी मे एक छोटे से मुलाज़िम है जहाँ मेरे ससुर मनेजर की पोस्ट पर है,,,,,अगर मैं अपने माँ बाप को सब
बता देती तो मेरा ससुर मेरे बाप को नौकरी से निकाल देता ऑर इस उमर मे उनको दूसरी नौकरी कहाँ से मिलती,,,वैसे भी
मैं अपनी ससुराल को बेइज़्ज़त नही करना चाहती थी क्यूकी अगर उनको बेइज़्ज़त करती तो साथ मे मैं ओर मेरी फॅमिली भी बदनाम हो जाती,,इसलिए मैं चुप चाप सब सहती गई,,,,,,

मुझे भाभी पर बहुत तरस आ रहा था,,,,,लेकिन साथ ही कविता के भाई सूरज पर गुस्सा,,,,,,

सूरज तो पढ़ा लिखा है भाभी,,,उसको तो पता होना चाहिए कि माँ के पेट मे जो बच्चा है वो लड़का होगा या लड़की ये
डिपेंड करता है मर्द के स्पर्म पर उसके हार्मोंस पर,,,,साइन्स ने भी साबित किया है कि 98 % मेल ही ज़िम्मेदार होता
है किसी औरत के पेट मे पलने वाले बच्चे के लिंग पर,,,,,कि वो बच्चा लड़का होगा या लड़की,,फिर सूरज को ये बात क्यू
नही पता,,,,आपका अबॉर्षन करवाने से पहले या आप पर गुस्सा करने से पहले सूरज को खुद पर गुस्सा होना चाहिए कि
उसके स्पर्म मे इतनी ताक़त नही कि वो लड़का पेदा कर सके,,,,मुझे तो गुस्सा आ रहा है सूरज पर,,,,,

अब गुस्सा करने से क्या फ़ायदा सन्नी ,,,,अब तो सब कुछ हो गया,,,,,इसलिए तो मैं तेरे को यहाँ लेक आई ताकि तू अपने
स्पर्म से भाभी की गोद को भर सके ,,,,ऑर हो सकता है तेरे स्पर्म से भाभी को लड़का पेदा हो जाए,,,,शोबा ने
मेरी तरफ देखते हुए बोला,,,,,,,,,

लेकिन इस बात की क्या गारंटी है कि मेरे स्पर्म से भाभी को लकड़ा ही होगा,,,,,,,,अगर इस बार भी लड़की हुई तो क्या
आप इस बार भी अबॉर्षन करवा लोगि भाभी,,,,,,,,,,,

भाभी थोड़ा रोते हुए लेकिन गुस्से मे,,,,,,,,,,नही सन्नी इस बार मैं अबॉर्षन नही करवाउन्गी,,,,बहुत सह चुकी
हूँ मैं ,,,अब ऑर नही सहूंगी,,,,,

मैं ऑर शोबा भाभी की हिम्मत देख कर खुश हो गये,,,,,,ये हुई ना बात भाभी,,,,वैसे भी आपको कोई हक़ नही कि
आप किसी ऑर की ग़लती की सज़ा अपने आप को दो,,,,ऑर उन मासूम ज़िंदगियों को दो जिन्होने अभी तक जनम भी नही लिया है इस दुनिया मे,,,,,

हाँ भाभी,,,,अब ऑर सहने की ज़रूरत नही आपको,,,,अब मैं ऑर सन्नी भी आपके साथ है,,,,आपको डरने की कोई ज़रूरत नही
है,,,,,,

मेरी ओर शोबा की बातें सुनकर भाभी थोड़ा खुश हो गई,,,,,ऑर आँखों से आँसू पोछते हुए बोलने लगी,,,,,,
सही कहाँ सन्नी ऑर शोबा,,अब तुम दोनो मेरे साथ हो मुझे डरने की ज़रूरत नही,,,ऑर घर मे कविता मेरे साथ
है इसलिए अब मुझे किसी का डर नही,,,,,

चलो छोड़ो इन बातों को भाभी,,,,थोड़ी मस्ती करते है अब ,,,शोबा ने महॉल को चेंज करने के लिए थोड़ा मज़ाक
मे बोला भाभी को लेकिन भाभी ने उस मज़ाक को सीरीयस लेते हुए शोबा को अपने करीब किया ऑर इसके लिप्स पर किस करनेलगी,,,,मैं ऑर शोबा एक दम हैरान रह गये भाभी के इस तरह पेश आने पर,,,,लेकिन हम दोनो खुश भी हो गये
थे ऑर मस्त भी,,क्यूकी जैसे भाभी ने शोबा को किस करना शुरू किया शोबा का हाथ मेरे लंड पर आ गया ऑर लंड
ने अंगड़ाई लेना शुरू कर दिया,,,,,,


तभी भाभी ने एक दम से शोबा को किस करना बंद किया,,,,,

क्या हुआ भाभी,,,,,,,,शोबा ने हैरत से पूछा,,,,

कुछ नही मैं सोच रही थी कि अब इतनी रात हो गई है ,,कविता ऑर घर वाले क्या सोच रहे होंगे कि मैं अब तक वापिस घर क्यू नही आई,,,,,

तभी शोबा हँसने लगी,,,,,,

हंस क्यू रही हो शोबा,,,,,,,

कुछ नही भाभी,,,,मुझे पता था कि जब सन्नी आपको देखेगा तो जल्दी जाने नही देगा यहाँ से ऑर आप भी सन्नी के लंड
की दीवानी हो जाओगी ऑर आपका भी दिल नही करेगा रात भर यहाँ से जाने को,,,इसलिए मैने आपकी सास को पहले ही फ़ोन कर दिया था कि आप मेरे साथ डॉक्टर के पास जा रही हो ऑर अगर हम लेट ही गये तो आप मेरे साथ मेरे घर पर रुकोगी,,,,

ये क्या किया तुमने,,,,,,,अगर कविता ने सोनिया को फोन कर दिया तो,,,,सब पंगा हो जाना है,,,,,भाभी डरते हुए बोल रही थी

कोई पंगा नही होगा,,,मैने कविता को सब समझा दिया था,,,,,,

इतना सुनते ही मेरी तो गान्ड ही फॅट गई,,,,साला इन लोगो ने कविता को भी सब बता दिया,,,मैं कैसे सामने जाउन्गा कविता के ऑर अगर कविता को सब पता चल गया है तो पक्का है सोनिया को भी पता चल गया होगा,,,,मेरी तो हालत ही बुरी हो गई थी ये सब सोच कर,,,,

क्या ,,,,,,,तुमने कविता को सन्नी के बारे मे सब बता दिया,,,,,,,भाभी ने हैरत से शोबा से पूछा,,,,

नही भाभी सन्नी के बारे मे नही,,,,बस आपकी प्राब्लम दूर करने के बारे मे,,,,उसको नही पता कि आपकी प्राब्लम दूर
करने वाला इंसान सन्नी है,,,

भाभी ने राहत की साँस ली ऑर मैने भी,,,,

इस से पहले भाभी कुछ ऑर बोलती शोबा ने वापिस भाभी को किस करने शुरू कर दिया ऑर फिर से मेरे लंड को भी
मसलना शुरू कर दिया,,,,,

उस रात मैने भाभी ऑर शोबा को 3 बार ऑर चोदा ऑर सारा पानी निकाला भाभी की चूत मे,,,,लेकिन भाभी ने मुझे
उस रात गान्ड नही मारने दी,,,,


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दोस्तो ये हॉट स्टोरी का हॉट अपडेट नही बल्कि एक मेसेज भी है उन घटिया लोगो के लिए जो लड़के की चाहत मे जनम
लेने से पहले ही लड़की को माँ की कोख मे मांर देते है,,,तरस आता है ऐसे घटिया लोगो पर ऑर गुस्सा भी बहुत आता है,,,,


दोस्तो साइन्स ने भी साबित कर दिया है कि माँ की कोख मे पालने वाला बच्चा लड़का होगा या लड़की ये मर्द के स्पर्म से तय होता है,,,,इसलिए आज के बाद अगर कोई मर्द अपनी पत्नी के अबॉर्षन करवाने के बारे मे सोचे तो उस साले हरामी को अपनी पत्नी के अबॉर्षन से पहले अपना लंड काट कर फेंक देना चाहिए,,,,जो साला एक लड़का पेदा नही कर सकता ऑर बदले मे अपनी पत्नी का अबॉर्षन करवा देता है वो मर्द मर्द नही ऑर जो मर्द नही उस को भला लंड की क्या ज़रूरत,,,,,काट के अपनी ही गान्ड मे ले लेना चाहिए वो लंड उस हरामी मर्द को,,,,,,,,,,,,,,,

सुबह उठा तो भाभी वहाँ से जा चुकी थी शोबा भी रूम मे नही थी,,,,,मैने बेड की तरफ देखा तो बेड शीट पर जगह-जगह
चूत ओर लंड का पानी गिरा हुआ था जो अब तक सूख चुका था लेकिन उस सूखे हुए पानी की खुश्बू अभी भी वैसी ही थी जब लंड ऑरचूत से निकलते टाइम थी,,,मैने बेड शीट को पकड़ा ऑर अपनी नाक के पास करके सूंघने लगा ,,,,उस मे से मेरे स्पर्म के साथ साथ भाभी ऑर शोबा की चूत के नमकीन पानी की मदहोश करने वाली खुश्बू आ रही थी,,,मैं उसको सूंघ सूंघ कर मन ही मन खुश होने लगा था,,,रात को मैने कामिनी भाभी ऑर शोबा को एक बेड पर चोदा था जिसकी खुशी अभी तक मेरे चेहरे पर थी,,ऑर लंड पर भी,,,,,तभी रूम मे शोबा दीदी आ गई ऑर मुझे बेड शीट सूंघते हुए देख कर हँसने लगी,,,,,

रात भर मेरी ऑर भाभी की चूत को चाट ऑर सूंघ कर थका नही क्या जो बेड शीट से चूत के पानी की खुशुबू ले रहा है,,,,

मैने बेड शीट को हाथ से छोड़ दिया ऑर दीदी की तरफ देखा,,,,,,,क्या करूँ दीदी तुम्हारी ऑर भाभी की चूत की खुश्बू है ही इतनी मस्त करने वाली कि क्या कहने,,,,देखो ज़रा अभी बेड शीट को ही सूँघा है तो ये हाल हो गया सोचो अगर सच मे आपकी ऑर भाभी की
चूत को फिर से सूंघ लूँ तो क्या होगा,,,,मैने अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए बोला,,,,,मेरा लंड चूत से निकले पानी को
सूंघ कर ही मस्ती मे खड़ा हो चुका था,,,,,

हाइ राम तू इंसान है या घोड़ा,,,,रात भर इतनी चुदाई की फिर भी नही थका,,,,ऑर ये तेरा लंड तो कभी सोने का नाम ही नही लेता,,,इतना बोलते ही दीदी बेड पर आ गई ऑर लंड को हाथ मे लेके मसल्ने लगी ,,

मैने दीदी को सर से पकड़ा ऑर बेड पर लेटने लगा,,,,,,,,,,,,,

नही सन्नी अब ऑर नही,,,,,,,,,,वैसे भी मैं तैयार हो चुकी हूँ ,,,,,ऑर जल्दी उठ तुझे कॉलेज भी जाना है ,,,दीदी मेरे लंड को हाथ से मसल्ते हुए अपना ऑर्डर सुना रही थी,,,,

लेकिन दीदी इसका क्या करू मैं,,,,ये तो जब तक सोता नही मेरा उठने को दिल ही नही करना,,,,,

इसको एलाज़ है मेरे पास,,,,,,इतना बोलते ही दीदी ने मेरे लंड को ज़ोर से दबाया ,,,मेरी हल्की अहह निकल गई,,,,ऑर देखते ही देखते दीदी ने सर को झुका कर मेरे लंड पर किस करदी,,फिर एक के बाद एक 15-20 हल्की हल्की किस करने के बाद दीदी ने लंड को मुँह मे भर लिया ऑर चूसने लगी,,,में एक दम से मस्ती मे आ गया ऑर दीदी के सर पर हाथ रखके दीदी के सर को लंड पर दबाने लगा लेकिन तभी दीदी ने मेरी चेस्ट पर हाथ रखा ऑर मुझे पीछे धक्का देके बेड पर लेटा दिया,,,,,,,,ऑर फिर तेज़ी से अपने हाथ से लंड की मूठ मारते हुए बाकी के लंड पर भी तेज़ी से अपना मुँह उपर नीचे करके लंड को चूसने लगी,,,,ऑर मैं आराम से लेट कर लंड चुसाई का मज़ा लेने लगा,,,,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

करीब 10-15 मिनट बाद फुल मस्ती मे लंड ने पिचकारी मारना शुरू कर दिया ऑर सारा पानी दीदी के मुँह मे निकाल दिया,,दीदी ने पानी गले से नीचे गटक लिया ऑर लंड को अच्छी तरह चाट कर सॉफ कर दिया,,,जो थोड़ा बहुत पानी दीदी के लिप्स से बहता हुआ उनकी चिन पर आ गया था दीदी ने उंगली से उसको भी मुँह मे भर लिया ऑर एक भी बूँद स्पर्म की जाया नही होने दी,,,,,

चल अब उठ जल्दी से,,,,,अब तो ये भी सो गया हल्का होके आराम से,,,दीदी ने मेरे लंड की तरफ इशारा करते हुए बोला ऑर खुद उठके रूम से बाहर चली गई,,,,,,,

मैं भी उठा ऑर बाथरूम जाके फ्रेश होके तैयार हो गया,,,,दीदी ने नाश्ता बना दिया था ऑर हम लोग बाहर बैठ कर नाश्ता करने लगे,,,,

भाभी कहाँ है दीदी,,,,,,,,,,मैने नाश्ता करते हुए दीदी से पूछा,,,,

वो तो सुबह जल्दी ही चली गई सन्नी,,,,दीदी ने भी कॉफी का सीप लेते हुए बोला,,,,

अब वापिस कब आएगी भाभी,,,मेरा मतलब है दोबारा कभी आएगी चुदाई करने के लिए,,

वो दोबारा नही आएगी सन्नी तुझे तो पता है वो मजबूरी मे यहाँ आई थी,,,अब नही आएगी कभी,,,,वैसे तू क्यू दोबारा मिलना
चाहता है भाभी को,,,,,मज़ा आया क्या उनकी चूत मार कर,,,,,

हाँ दीदी बहुत मज़ा आया चूत मार के,,,,,,लेकिन अभी उनकी गान्ड नही मारी इसीलिए बेताब हूँ उनकी गान्ड मारने के लिए ,,,एक दम टाइट गान्ड थी उनकी,,,,देख देख कर ही लंड मे पानी आने लगा था,,,,,

हां ये बात तो सही बोली तूने सन्नी,,,,,,,,लगता है सूरज ने कभी गान्ड मे उंगली भी नही डाली होगी कामिनी भाभी की,,,एक दम टाइटगान्ड थी उनकी,,,,नकली छोटा लंड भी बड़ी मुश्किल से अंदर घुसा था,,,,,,लेकिन अब दोबारा कब आएगी ये नही बता कर गई भाई,, ऑर मुझे लगता भी नही वो दोबारा आएगी,,क्यूकी जिस काम के लिए आई थी वो तो पूरा हो गया,,,,

क्या बोल रही हो दीदी,,,,भला ऐसा हुआ है कभी जो चूत सन्नी के लंड का स्वाद चख चुकी हो वो दोबारा नही तडपे सन्नी के लंड को चखने के लिए,,,,,

ये बात तो बिल्कुल सही बोली तूने सन्नी,,,,,,,,हो सकता है वो दोबारा फिर मस्ती करने चाहे तेरे साथ,,,,,,,,,,लेकिन अब इन बातों को छोड़ ऑर जल्दी कर मुझे कॉलेज भी जाना है,,,,ऑर तूने भी तो जाना है,,,,,, अभी घर जाके हमें चेंज भी करना है,,,,,

तू घर जाके माँ को बोलना कि तू करण के घर से आ रहा था तो रास्ते मे मुझे भी बुटीक से लेता आया है,,,,इतना बोलते ही दीदी ने कॉफी कप टेबल पर रखा जो खाली हो चुका था,,,,मैं भी नाश्ता कर चुका था,,,,,

हम दोनो वहाँ से घर चले गये ,,,,,,,,,

घर पर सोनिया नही थी वो शायद कविता के साथ कॉलेज चली गई थी,,,,शोबा दीदी भी अपने रूम मे चली गई तैयार होने
मैं भी तैयार होके कॉलेज जाने के लिए नीचे आया तो नीचे माँ ने मुझे नाश्ते के बारे मे पूछा,,,,,

बेटा नाश्ता तो करता जा ,,,,,माँ नाश्ते की प्लेट हाथ मे लेके खड़ी हुई थी,,,,

माँ मैं नाश्ता करके आया हूँ करण के घर से,,,

इतना बोलके मैं जाने लगा तो माँ फिर से बोली,,,,,,,,,,,,,,,,आज कॉलेज जाना ज़रूरी है क्या,,,छुट्टी नही कर सकता आज,,,,,,,,,

मैं समझ गया माँ ऐसा क्यूँ बोल रही थी,,,लेकिन मेरा मूड नही था,,,,,,,,क्यूकी रात भर की चुदाई से मैं थक गया था,,,,,

नही माँ आज कॉलेज जाना बहुत ज़रूरी है,,,,,लेकिन हो सका तो जल्दी आ जाउन्गा,,,,मैने माँ को आँख मार दी ऑर माँ भी मेरी बात समझ कर हँस के मुझे देखने लगी,,,,,,,

मैं वहाँ से निकला ऑर कॉलेज चला गया,,,,

रास्ते मे मैने देखा कि करण एक लड़की को बाइक पर लेके जा रहा था,,,,वो मेरे पास से गुजर गया लेकिन उसने मुझे नही देखा,,लेकिन मैने उसको देख लिया था ऑर उस लड़की को भी,,,,वो लड़की वही थी जो उस दिन शिखा दीदी के साथ कॉलेज मे थी,,,,जिसको अमित ने धक्का देके नीचे गिरा दिया था,,,,,पहले सोचा कि इसका पीछा करूँ देखु ये कहाँ जा रहा है ऑर पता करूँ ये लड़की कॉन है,,,लेकिन बाद मे सोचा कि करण खुद ही मुझे सब बता देगा क्यूकी मेरा अच्छा दोस्त है,,,इसलिए मैं सीधा कॉलेज चला गया,,,,,,,,

बहुत थक गया था इसलिए क्लास मे नही गया ऑर कॉलेज की पार्क मे जाके बैठ गया,,,पेड़ के नीचे लेट गया ऑर आराम करने लगा,,रात भर सोया जो नही था,,,,,

अभी कुछ ही टाइम हुआ था आराम करते हुए तभी किसी कमिने की आवाज़ से आराम हराम हो गया,,,,,,,,,

क्या सन्नी भाई हमारी नींद हराम करके खुद आराम से सो रहे हो,,,,,,ये साला वही कुत्ता था,,,सुमित,,,,अमित का चमचा,,,,

अबे तेरे आराम को क्या हुआ है,,,,चारपाई मे ख़टमल है क्या तेरी,,,,,,,

उसने हँसते हुए मुझे देखा,,,,,साला हँसता हुआ भी कितना बुरा लगता था,,,अरे भाई जबसे आपकी वजह से अमित से पंगा लिया है उसने जीना मुश्किल कर दिया है मेरा,,,,रोज किसी ने किसी बता पे पंगा करता है,,,उसके साले भडवे दोस्त भी जीना मुश्किल कर रहे है मेरा ,,,,,,,,,,,,

पहले तो सोचा कि साले तू भी तो भड़वा था कभी अमित का,,,,जाके मर अब उसके हाथों,,,,,,,,,,,,,

क्यू क्या कहते है वो लोग तुझे,,,,,,,,,,,,,

अरे भाई क्लास मे भी तंग करते है,,,,कॅंटीन मे भी,,,,कहीं जीने नही देते मुझे,,,,कल मिलकर सबने ने बहुत मारा मुझे,,,,उसने अपनी टी-शर्ट उपर की ऑर पीठ पर मार के निशान दिखाने लगा,,,ऑर रोने लगा,,,,,,,,,,

साला इतना बड़ा होके लड़की की तरह रोता है,,,,कुछ तो शरम कर,,,,,,,

क्या करूँ भाई ,,जबसे आपका साथ दिया अमित के खिलाफ तब से रोज मरते है मेरे को,,एक दिन भी ऐसा नही जब किसी बता पे पंगा नही करते मेरे साथ,,,,

चल आज के बाद कोई हाथ नही लगाएगा तेरे को,,,,,

वो कैसे भाई,,,,,

अभी मैं बात कर ही रहा था कि करण भी वहाँ आ गया,,,,,

तू आज लेट क्यूँ आया है करण,,,,,,,,कहीं गया हुआ था क्या,,,,,,

हाँ भाई वो घर का कुछ समान लेके आना था इसलिए लेट हो गया,,,,,,,

करण ने मेरे से झूठ बोला,,,अभी साला लड़की के साथ घूम रहा था ऑर बोलता है घर का समान लेने गया था,,,मुझे अभी सुमितकी बातें सुनके अमित पर इतना गुस्सा नही आया था जितना करण का झूठ सुनके उसपे आया था,,,लेकिन मैं गुस्सा पी गया ,,,,

अरे इसको क्या हुआ है लड़की की तरह रो क्यूँ रहा है ये,,,,करण ने सुमित की तरफ उंगली करते हुए हँसते हुए मज़ाक मे बोला,,,,

कुछ नही करण भाई ,,,अमित ऑर उसके चम्चे तंग करते है इसको,,,,रोज किसी ना किसी बात मे पंगा करते है इसके साथ,,,,

सन्नी भाई ये भी तो उनका चमचा था कभी,,,अब क्या हुआ,,,,,

मैने करण को उस दिन की बात बोली जब सुमित ने अमित के खिलाफ हम लोगो का साथ दिया था,,,,,

ओह अच्छा इसलिए इसके दोस्त अब इसके दुश्मन बन गये है,,,,तो क्या हल निकाला इसकी परेशानी का सन्नी भाई,,,,

देखते है करण क्या होता है,,,चल कॅंटीन मे चलते है वहीं बैठ कर बात करते है,,,,

हम लोग कॅंटीन की तरफ जा रहे थे तभी मैने देखा कि अमित अपने कुछ दोस्तो के साथ खड़ा हुआ था,,,,मैं जान भूज कर
करण ऑर सुमित के साथ उसके करीब से गुजरा,,,,वो हम लोगो की तरफ देख रहा था ऑर ख़ासकर सुमित को गुस्से से देख रहा था,,,,

देख सुमित भाई आज के बाद तू सन्नी ऑर करण की गॅंग मे शामिल हो गया है,,,,अब अगर तुझे किसी ने हाथ भी लगाया तो उसको बोल देना कि तू हमारी गॅंग का बंदा है,,,,ऑर अगर इसके बावजूद भी किसी ने तेरे से पंगा किया तो हमको बोल देना,,,ऐसी माँ चोदेन्गे उस कमिने की सारी उमर याद रखेगा,,,,,मैं इतना सब गुस्से मे बोल रहा था ऑर अमित मेरी तरफ देख रहा था लेकिन वो कुछ बोला नही क्यूकी वो मेरे गुस्से से अच्छी तरह वाकिफ़ था,,,,वो तो उल्टा अपने दोस्तो एक साथ वहाँ से चला गया,,,,जब सुमित ने देखा कि मेरी बात सुनके अमित वहाँ से भाग गया तो वो बहुत खुश हुआ,,,,
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

थॅंक्स्क्स भाई अपने मुझे अपनी गॅंग मे शामिल कर लिया,,,,अब अमित क्या कोई भी हाथ नही लगाएगा मुझे,,,,,थॅंक्स्क्स्क्स भाई

वो खुश होके बार बार मुझे थॅंक्स्क्स्क्स बोल रहा था,,,,,

अबे ऐसे नही ,,,कॅंटीन मे चलके थॅंक्स बोल ओर कुछ मुँह मीठा करवा अब तू हमारी गॅंग मे है,,,

हम लोग कॅंटीन मे चले गये,,,

देख सुमित तू अमित ऑर उसके दोस्तो से डरना छोड़ दे अब ,,,,,,उनको पता चल गया है तू मेरी गॅंग मे है अब तुझे हाथ नही लगाने वाले वो लोग,,,अब तो तू उसको डराना शुरू कर,,

वो कैसे सन्नी भाई,,,,,मैं अमित को कैसे डरा सकता हूँ,,,,,,

तभी मैने करण को आँख मार कर इशारा किया,,,,,,,,,,,,,,,करण भाई तू जाके ज़रा 3 कॉफी तो लेके आना,,,,करण भी मेरी बात समझ गया और वहाँ से चला गया,,,,लेकिन करण ने जाते ही मुझे भी इशारा किया दूसरे टेबल की तरफ,,,,मैने सुमित से आँख बचा कर सुमित के पीछे पड़े टेबल की तरफ देखा तो वहाँ अमित के 2 दोस्त बैठे थे,,,,वो लोग सुमित के पीछे थे इसलिए सुमित उनको नही देख सकता था,,,,ऑर मैने इसी बता का फ़ायदा उठाया ऑर अपनी गेम शुरू करदी,,,,,

देख भाई तूने बोला था ना कि अमित तेरे घर मे लड़कियाँ लेके जाता था,,,,,

वो गौर से मेरी बात सुनने लगा,,,,,,हाँ भाई लेके जाता था,,लेकिन अब नही ले गया काफ़ी टाइम से,,,,ऑर अब तो कभी लेके भी नही जाएगा,,

बात तो सुन चुप करके,,,,मैने हल्के गुस्से मे बोला,,,,,,

वो थोड़ा डर गया ऑर मेरी बात सुनने लगा,,,,,,

तेरे घर वो लड़कियाँ लेके जाता था,,,,फिर उनकी चुदाई करता था,,,,तूने बोला था कि अमित ऑर उसके दोस्त लड़की की वीडियो बना लेते थे फिर उसको ब्लॅकमेल करते थे ,,,

हां भाई करते थे,,,,,,,मैने खुद कयि बार देखी वो वीडियोस,,,,,

उन लोगो ने वो वीडियोस अपने मोबाइल मे ही रखी थी या कहीं ऑर भी है वो वीडियोस,,,,

वो थोड़ा डर गया,,,,,,भाई वो वीडियोस की सीडीज़ बना ली थी उन लोगो ने,,,ऑर अपने मोबाइल मे भी रखी थी वो वीडियोस लेकिन पोलीस के डर से मोबाइल से डेलेट कर दी वो वीडियोस,,,,

मोबाइल से डेलेट कर दी तो क्या हुआ सीडीज़ तो है ना अभी,,,,क्या तुझे पता है वो सीडीज़ कहाँ है,,,,,क्या तूने कभी वो सीडीज़ देखी है,,,,

हां भाई पता है,,,,,वो मेरे घर पर ही थी,,,,एक बॉक्स मे रखी हुई थी,,,,,

बॉक्स मे रखी हुई थी क्या मतलब,,,,,,,,,क्या मतलब रखी हुई थी,,,,,,,,,,,,अब कहाँ है वो बॉक्स ऑर सीडीज़,,,,,

भाई कुछ महीने पहले वो ले गया उस बॉक्स को ऑर सारी सीडीज़ को,,,,,

क्या तुझे पता है अब वो सीडीज़ कहाँ है,,,,

नही पता भाई,,,,,उस अमित एक पास ही होंगी,,लेकिन भाई आपको क्या करना उन सीडीज़ का,,,,,

अबे मैने कुछ नही करना ,,,मैं तो तेरे लिए बोल रहा था,,,,अब हर टाइम तो मैं कॉलेज मे नही रहता ना,,,अगर मेरे पीछे
से अमित या उसके दोस्तो ने तेरे से पंगा किया तो तू उनको सीडीज़ का डर दिखा पंगा ख़तम कर सकता था,,,अगर सीडीज़ तेरे पास होती तो तू उसको ब्लेकमेल कर सकता था,,,,,फिर कभी अमित या उसके चम्चे तेरे से कभी पंगा नही करते,,,,,मैं थोड़ा तेज बोल रहा था इतना तेज भी नही कि सारी कॅंटीन वालो को मेरी बात सुनाई दे लेकिन इतना तेज तो बोल रहा था कि सुमित के पीछे की टेबल पर बैठे अमितके चम्चे मेरी बात सुन सके,,,,,,

भाई मेरे पास नही है वो सीडीज़,,,उसने उदास होके कहा,,,,,,

फिर तेरा कुछ नही हो सकता,,,मेरे ऑर करण की गैर मोजूदगी मे अमित ने तेरे से पंगा ज़रूर करना है,,,,,

वो थोड़ा ज़्यादा डर गया,,,,,अब मैं क्या करूँ भाई,,,,,

देख तेरे पास एक ही रास्ता है तू अमित के पास वापिस चला जा ऑर उसके गॅंग मे शामिल हो जा,,,माफी माँग ले अमित से

क्यूँ भाई आपको मुझे मरवाना है क्या,,,,ऑर वैसे भी अभी उसके सामने आपने बोला कि मैं आपकी गॅंग मे हूँ,,,,

अबे उसको जाके सॉरी बोल ,,बोल कि तेरे से ग़लती हो गई,,,,तू तो बस ऐसे ही सन्नी ऑर करण के साथ हुआ है,,,,दिल से तू अभी भी अमित की इज़्ज़त करता है,,,,,कुछ झूठ बोलके उसकी गॅंग मे वापिस चला जा,,,,फिर बातों ही बातों मे पता कर कि वो सीडीज़ वाला बॉक्स कहाँ है,,,,ऑर जब वो बॉक्स तेरे पास आ गया तो तू अमित को अपनी उंगली के इशारे पर नचा सकता है,,,,,,,,

मेरी बात सुनके सुमित के चहरे पर हल्की खुशी आ गई,,,,आँखें चमक गई उसकी ,,,अमित को अपनी उंगली के इशारे पर नचाने की बात से ही वो खुश हो गया,,,,,,

देख अगर वो बॉक्स तेरे पास होगा तो अमित क्या कॉलेज का कोई भी लड़का तेरे से पंगा नही लेगा,,,,कॉलेज का लड़का क्या कॉलेज का कोई प्रोफेसर ऑर यहाँ तक कि प्रिन्सिपल भी डर कर रहेगा तेरे से,,,,,क्यूकी वो लोग अमित से डरते है ऑर बॉक्स की वजह से अमित तेरी मुट्ठी मे होगा,,,,,,,,,,,

मैं उसको आसमान पे पहुँचा रहा था बातों ही बातों मे ऑर वो पहुँच भी गया था,,,,,

इतने मे मैने देखा कि अमित के दोस्त वहाँ से उठ कर चले गये थे,,,,,,,,,,,ऑर करण भी कॉफी लेके आ गया था,,,,

फिर हम लोगो ने ज़्यादा बात नही की बस कॉफी पीने लगे,,,,,लेकिन सुमित को जो बातें बोली थी मैने वो काम कर गई थी वो तो खुशी से पागल हुआ जा रहा था यही सोच सोच कर कि अमित की वजह से सारा कॉलेज उसकी मुट्ठी मे होगा,,,,,,मेरा प्लान काम कर गया था,,,,,,

हम लोगो ने कॉफी ख़तम की ऑर वहाँ से बाहर चले गये,,,,,

अच्छा सन्नी भाई अब मैं चलता हूँ ऑर आगे के बारे मे सोचता हूँ कि अमित की गॅंग मे वापिस कैसे जाना है,,,उसकी बात सुनके करण थोड़ा परेशान हो गया,,,,,,,,,,

सुमित वहाँ से चला गया,,,,,,,,,

ये क्या बोल रहा था भाई ये वापिस अमित की गॅंग मे जा रहा है,,,ये पागल हो गया है क्या,,,,,

फिर मैने करण को सारी बात बताई,,,,,,,देख अमित को सज़ा देने का यही तरीका है,,,वो सीडीज़ सुमित के पास आए या नही आए लेकिन मेरा प्लान काम ज़रूर करेगा ऑर अमित ने जो कुछ किया उन लड़कियों के साथ ऑर तेरी बेहन शिखा के साथ उसको उसकी सज़ा भी ज़रूर मिलेगी,,,,,,,,,,

भाई ऐसे सज़ा मिले या नही लेकिन मैं अपने तरीके से उसको सज़ा ज़रूर दूँगा,,,,

कोनसे तरीके से करण,,,,कहीं तू फाइट तो नही करेगा दोबारा अमित के साथ,,,,,,,,,,

नही भाई फाइट से नही मैं तो प्यार से बदला लूँगा अमित से,,,,,,,,इतना बोलकर वो हँसने लगा,,,,,,,,,

मुझे कुछ समझ नही आया तू क्या बोल रहा है,करण,,,,,,,,,,,

भाई सब बता दूँगा लेकिन पहले ये बताओ अपने मेरा काम किया या नही,,,,

कॉन्सा काम करण,,,,,,,,,,,,

वही भाई आपने मेरे लिए किसी चूत का बंदोबस्त किया या नही,,,,,,,,,

नही यार अभी तक तो नही,,,,,लेकिन जल्दी ही कर दूँगा,,,,,,,,,,,,,लेकिन तूने बताया नही कैसी चूत चाहिए तेरे को,,,,

कैसे भी हो सन्नी भाई,, कुवारि लड़की हो भाभी हो या आंटी हो,,,कैसी भी हो लेकिन जल्दी करो मेरे से ऑर इंतजार नही होता,,बहुत दिल करता है कोई नई चूत लेने को,,,,
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