दीदी मामा के उपर लेटी हुई थी दोनो क़िस्स्स करते हुए पागलो की तरह एक दूसरे के जिस्म से खेल रहे थे सहला रहे थे,,,फिर मामा की हालत कुछ ज़्यादा ही खराब होने लगी तो उसने जल्दी से दीदी की टाँगों को खोला ऑर दीदी के कुछ समझने से पहले ही लंड दीदी की चूत मे डाल दिया,,,,,,,,,,,,दीदी के मुँह से आहह निकल गई,,,,,,,थोड़ा अर्रामम्म ससी क्काररूव नाअ म्मामा ईत्त्न्नी बभिि क्क्य्या ज्जालल्ल्लडदिईई हहाईईईईईई ,,,,,,,मामा चुप रहा ऑर दीदी की पीठ पर से हाथ उठा कर दीदी की गान्ड पर ले गया ऑर गान्ड से दीदी को पकड़ कर तेज़ी से अपने जिस्म पर उपर नीचे करने लगा,,,,
,आराम्म्म्म ससी क्कारूऊ न्नाअ ईट्त्न्नी क्क्य्या ज्जाल्ल्लडदिईइ हहाइईइ बभहुत्त् त्तीईम्मी हहाइईइ आप्प्पंनी पपाससस्स ,,,इतना बोलते हुए दीदी ने मेरी ऑर माँ की तरफ देखा तो मैने ऑर माँ ने भी हसके उसकी तरफ़ देखा दीदी मेरी ऑर माँ की मुस्कान से समझ गई कि मामा कुछ ज़्यादा ही जोश मे है वो अब नही रुकने वाला तो दीदी ने भी अपना जवाब देते हुए अपनी टाँगों को घुटनो से मोड़ लिया ऑर अपनी गान्ड को मामा के जिस्म से थोड़ा उपर उठा लिया लेकिन लंड को चूत से बाहर नही निकलने दिया,,मैं समझ गया कि दीदी भी अपनी खेल मे अपने जोहर दिखाने के लिए तैयार हो गई है ऑर एसा ही हुआ,,,
घुटनो को मोड़ कर दीदी ने अपनी गान्ड को उपर उठा लिया ऑर मामा के शोल्डर को पकड़ कर तेज़ी से अपनी गान्ड को उपर नीचे करने लगी मामा की इतनी स्पीड नही थी दीदी को चोदने की जितनी स्पीड से दीदी खुद को चुदवा रही थी,,,,मामा ने हसके दीदी की तरफ देखा ऑर आराम से लेट गये ऑर खुद झटके मारने बंद कर दिए लेकिन दीदी नही रुकी ऑर मामा के लंड पर उपर नीचे उछलने लगी,,
आआआआब्ब्ब्बबब ब्बूऊल्लूऊऊ म्मामममामा क्काईससा ल्ल्लाग्ग र्राहहा हहाईईईई आब्ब्ब म्मैईन्न बभहिईिइ
त्त्यय्य्ाआरर हहूऊ ईन्न्ट्त क्का ज्जाववब्ब पपातथहाररर ससी डेन्णनी सीसी ल्लीइयईी इतना बोलकर दीदी मामा के लिप्स
पर टूट पड़ी ऐसा लग रहा था कि मामा दीदी को नही दीदी मामा को चोद रही है ,,,,आज्ज्जज्ज्ज्ज तटूऊ यईी बभ्ंनजििीइ
आप्प्पंनी म्मामममाम क्की प्पूउर्री ल्लुउन्न्ड्ड़ क्कू नीग्घाल्ल ज्जायएग्गिइइ ऊओरर ईट्त्न्ना मामज़्जज़ा द्ड़ेगीइ आपपंनी
म्मामममाम क्कूव क्कीी म्मामममाम स्सूवकच बहिि न्नाहहिि स्साककत्ता ,ब्बूओल्लूऊ म्मामममाम म्मामज़्जजाअ
एयेए र्राहहा हहाइईइ हहयइीई उुउऊहह म्म्म्ममामाआआआ ब्बूल्लूऊ म्मामममाम म्मांज़्जा आ र्राहहा
हहाइईइ ब्भ्ह्ह्हान्न्न्ज्ज्जीइ ककूऊ कच्छूओद्द क्काररर आहह हहययययययय दीदी आअहह आहह करते
हुए मेरी तरफ देखने लगी तो मैने दीदी को नज़रो ही नज़रो मे इशारा कर दिया कि मामा कुछ नाहही बोलेगा लेकिन दीदी फिर भी चुप नही हुई ओर मस्ती मे आहह उऊहह करती रही,,,,,,,,
इधर माँ की सिसकियाँ भी शुरू हो गई थी रूम मे ,,,,,,दोनो माँ बेटी के मस्ती भरे शोर मे रूम का महॉल मस्त कर
दिया था साथ ही गान्ड ऑर चूत मे झटके मारते लंड की पच पच्छ की आवाज़ से मज़ा दुगना हो गया था,,मैं तो दीदी ऑर
मामा की तरफ देखता हुआ मस्ती मे पूरी स्पीड से माँ की गान्ड मांर रहा था ,,,,,मेरे सामने लाइव पॉर्न मूवी चल रही
थी जिस से मस्ती कुछ ज़्यादा ही बढ़ने लगी थी माँ का भी यही हाल था वो नकली लंड को तेज़ी से अपने हाथ मे पकड़ कर अपनी चूत मे घुसा रही थी ऑर सिसकियाँ ले रही थी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आहह ब्बीत्त्ताअ ऊरर त्तीज्ज्जीइ ससीए
गगाणन्ंदड़ म्मांररर आप्प्पनन्ी माँ क्कीईइ आज्ज टूऊ आप्प्पनन्ी र्रांन्ँद्दद्दीई ब्बांना ल्ली म्मूउुज्झहहीए जज़ार्रा
बभिि त्ताररासस्स न्नाहहिईिइ क्काररणाआ आहह उूुुुुुउऊहह
हहयययययययययययययययययययईईईईईईईई ओर तेजज़्ज़्ज क्काररर ब्बेतत्टाअ ऊओरर त्टीज्जज्ज्ज्ज कच्छूऊद्दद
आप्प्पननन्िईिइ म्माम कककू गगाणन्ंदड़ कककूऊऊ आहह मैं भी पूरी स्पीड से माँ की चुदाई करने
मे लगा हुआ था लेकिन माँ ऑर भी तेज करने को बोल रही थी,,,,,,
उधर दीदी पिछले 10 मिनट से मामा के लंड पर बैठ कर उपर नीचे उछल रही थी इधर मैं माँ की गान्ड की चुदाई
कर रहा था तभी दीदी मामा के उपर से उतर गई ऑर लंड को मुँह मे लेके चूसने लगी फिर जल्दी ही वापिस मामा के उपर
चढ़ गई लेकिन मामा ने उसको उपर आने से मना कर दिया ऑर खुद बेड से उठ गया ओर दीदी को बेड पर माँ की तरह झुकने का इशारा किया और दीदी भी जल्दी से बेड पर झुक कर कुतिया बन गई मामा ने अपने लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर दीदी के पीछे जाके लंड को दीदी की चूत पर रखा लेकिन तभी दीदी ने मामा के हाथ को पकड़ कर लंड को गान्ड पर रखने को बोला तो मामा ने खुशी खुशी लंड को गान्ड पर रखा ऑर दीदी की कमर को मजबूती से हाथों मे पकड़ा ऑर एक ही बार मे लंड को दीदी की गान्ड मे घुसा दिया लंड दीदी के थूक ऑर चूत क पानी की वजह से काफ़ी चिकना हो गया था जो एक ही बार मे पूरा अंदर घुस्स गया था ,,,,दीदी के मुँह से हल्की मस्ती ऑर दर्द भरी मिली जुली अहह निकल गई,,,,,मामा ने
लंड अंदर घुसते ही तेज़ी से दीदी की गान्ड मारनी शुरू करदी,,,,,,,,,आआआआअहह आराम्म्म्मम सीए क्क्ययउउूउ
न्नहहिि कल्कर्रतती मामा म्मामिन्न क्कून्न्स्सा क्काहहिन्न बब्बगगगीइ जेया राहहिी हूऊंणन्न् त्हूड्दाअ
प्पययाररर सससी क्कार्रूऊ न्नाआअ आहह हहययईए ईत्त्ना ब्बाद्दा म्मूस्साल्ल्ल ईककक हहिईीईईई
बबाररर म्मी प्पूउर्रा ग्घुउऊस्सा दीईयया ज्ज्जानं नीककाल्ल दडिईइ म्मीरीईईई आहह हहययययईईई
उउउहह दीईद की दर्द ओर मस्ती भरी सिसकियों का कोई असर नही हुआ मामा पर वो तो अपनी पूरी रफ़्तार
से दीदी की गान्ड चुदाई करने मे लगा रहा,,,,,
मैं भी पूरी स्पीड से माँ की गान्ड मांर रहा था ऑर मामा भी पूरी तेज़ी से दीदी की गान्ड मारने मे लगा हुआ था ,दोनो
माँ बेटी मस्ती मे सिसकियाँ लेने लगी थी जिस से एक मस्ती भरा महॉल बना हुआ था रूम मे,,,मेरा लंड पूरा अंदर
तक ऑर तेज़ी से जा रहा था माँ की गान्ड मे ऑर माँ खुद तेज़ी से नकली लंड को अपनी चूत मे घुसा रही थी,,आहह
म्मीररीए ब्बेटया ऊओरर त्तेज्ज छ्छूड्डू आपपननीी म्मामा ककूऊ आहह माँ पूरी मस्ती मे सिसकिया ले रही
थी लेकिन उधर शोभा सिसकियों के साथ हल्के दर्द से चिल्ला भी रही थी ,मामा को काफ़ी टाइम बाद किसी जवान लड़की की गान्ड मारने का मोका मिला था इसलिए वो कुछ ज़्यादा ही मस्ती मे था ऑर इसी मस्ती मे वो पूरी तेज़ी से ऑर बेरेहमी से दीदी की गान्ड मांर रहा था दीदी दर्द से चिल्ला रही थी लेकिन मामा को रोक नही रही थी क्यूकी दीदी को भी बहुत मज़ा आ रहा था ,,,गान्ड मे होने वेल दर्द मीठे दर्द से ,,,,उसी तरह मामा को भी कोई परवाह नही थी दीदी की वो बस मस्ती मे तेज़ी से लंड को गान्ड की जड़ तक घुसा रहा था ,,,तभी मामा चुदाई करता हुआ अपने पैरो पर खड़ा हो गये ऑर दीदी के उपर झुक कर दीदी की पीठ पर किस करने लगा ऑर साथ ही अपने हाथों को दीदी के बूब्स पर ले गया ,,,दीदी मस्ती मे सिसकियाँ ले रही थी
तभी एक दम से दीदी हल्का सा चिल्लाने लगी थोड़ी देर मे दीदी ज़ोर से चिल्लाई मैने ऑर माँ ने उन दोनो की तरफ देखा तो मामा दीदी के बूब्स को पूरे ज़ोर से दबा रहा था वो कोई दया नही कर रहा था दीदी पर ऑर साथ ही दीदी की पीठ पर किस करते हुए हल्के हल्के दाँतों से काट भी रहा था जिस से दीदी को ज़्यादा मस्ती चढ़ने लगी थी लेकिन मामा कुछ ज़्यादा ही मस्ती मे था इसलिए वो बीच बीच मे थोड़ा ज़ोर से काटने लगा था दीदी को जिस से दीदी चिल्लाने लग जाती थी ,,मैने दीदी की पीठ पर देखा तो जगह जगह मामा के दाँतों के निशान पड़ने लगे थे ,,,एक तो दीदी दूध की तरह गोरी थी
जहाँ जहाँ मामा ने ज़ोर से काटा था वहाँ की स्किन लाल हो जाती थी,,,,मामा ज़ोर से काट रहा था फिर भी दीदी मामा को मना नही कर रही थी बस ज़ोर से चिल्ला रही थी,,मैं समझ गया कि दीदी को सच मे दर्द हो रही है अब शायद वो मामा को रोक देगी ऐसा करने से लेकिन मैं हैरान रह गया क्यूकी दीदी मामा को ओर ज़ोर से काटने को बोलने लगी थी,,,,दीदी के ऐसा बोलने से माँ दीदी की तरफ देख कर हँसने लगी ,,,,,र जूओर ससीए कातत्तूओ म्माममम्माम क्क्हा ज्जाऊ अपपननीी ब्भ्हान्न्ज्जी क्कूव क्कूवई त्ताररास्स म्मांत क्काररन्ना अहह जज़ूर ससी ककातटूऊ ऊरर ज्जूओर्र ससी म्मांसल्ल्लूऊ
म्मीररी ब्ब्ब्ूऊओब्ब्बसस कककूऊ कचात्त्तिीई सस्स्सीए उउक्खहाद्दद्ड द्दूव इन्नककूऊऊ अहह हयइईए
उधर दीदी मस्ती मे चिल्ला चिल्ला कर मामा को अपनी पीठ पर ज़ोर से काटने को बोल रही थी इधर माँ ने भी मुझे मामा
ऑर दीदी की तरफ मस्ती करने को बोलते हुए अपनी पीठ पर किस करने को बोला ,,,,
कहीं वो सब सपना तो नही complete
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही
aaj ek bada sa update aa raha haisan1381 wrote:bhai update plz, need a long update.
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही
मैने भी अपने पैरो को बेड पर टिकाया ऑर खड़ा होके माँ की गान्ड पर झुक कर लंड को गान्ड मे डाल दिया फिर अपने
हाथ माँ के बूब्स पर ले गया जिस से मेरा सर माँ की पीठ पर आ गया ऑर मैं भी मामा की तरह माँ की पीठ पर किस
करने लगा थोड़ी देर तो माँ की गान्ड मारता हुआ माँ के बूब्स मसतला रहा ऑर माँ की पीठ पर किस करता रहा लेकिन
दीदी की सिसकियाँ सुन कर मेरा भी दिल किया माँ की पीठ पर काटने को तो मैने भी अपने मुँह को खोला ऑर माँ की पीठ का थोड़ा माँस मुँह मे भरके हल्के दाँतों से काट दिया लेकिन इतने मे ही माँ की अह्ह्ह्ह निकली तो मैने दाँतों को थोड़ा
ज़ोर से दबा दिया ऑर तभी माँ की एक लंबी अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह निकल गई मैं समझ गया कि दीदी की तरह माँ को भी पीठ पर हल्के से कटवाना अच्छा लग रहा था इसलिए मैं हल्के हल्के ऑर बीच बीच मे थोड़ा ज़ोर से माँ की पीठ
पर काटने लगा,,,,माँ की सिसकियाँ कुछ ज़्यादा ही तेज हो गई शायद पीठ पर काटने की वजह से वो ज़्यादा मस्त हो गई थी
यही सोच कर मैं ज़ोर ज़ोर से माँ की पीठ पर काटने लगा तभी माँ ज़ोर से चिल्लाने लगी ऑर मैने महसूस किया कि मेरी बॉल्स पर पानी लगने लगा था वो कुछ ज़्यादा ही गीली हो गई थी ,,,शायद माँ ने पानी निकाल दिया था मैने महसूस किया की माँ के हाथ जो उनकी चूत मे नकली लंड घुसा रहा था वो रुक गया है ऑर इस से पहले मैं कुछ करता या समझता माँ बेड 'पर आगे की तरफ हो गई जिस से मेरा लंड माँ की गान्ड से निकल गया ऑर माँ ने मेरे हाथ भी हटा दिए अपने बूब्स से ऑर बेड पर लेट गई,,माँ का काम पूरा हो गया था लेकिन मेरा नही हुआ था इसलिए मैने अपने लंड को फिर से माँ की गान्ड मे डालने की कोशिश की लेकिन माँ ने मुझे मना कर दिया इस से पहले मैं फिर कोशिश करता मेरे हाथ को अपने हाथ मे पकड़ कर दीदी ने मुझे अपने पास खींच लिया ऑर मैं भी जल्दी से दीदी की तरफ चला गया ,
दीदी ने मुझे अपने सर के पास आने को बोला ऑर मैने भी वैसा ही किया ऑर एक ही पल बाद मेरा लंड दीदी के मुँह मे चला गया दीदी प्यार से मेरे लंड को चूसने लगी लेकिन मैं प्यार के मूड मे नही था मैं तो तेज़ी से चुदाई करने के मूड मे
था इसलिए मैने दीदी के सर को पकड़ा ऑर अपने लंड को दीदी मे मुँह मे तेज़ी से पेलने लगा दीदी भी समझ गयी कि मैं जल्दी जल्दी करने के मूड मे हूँ तो दीदी ने मेरे लंड को मुँह से निकाला ऑर मामा की तरफ मूड कर देखा तो मामा ने पीछे हटके अपने लंड को दीदी की गान्ड से निकाल दिया ऑर तभी दीदी भी उठ गई ऑर मुझे पकड़ कर बेड पर लेटा दिया ऑर जल्दी से मेरे उपर आ गई ,,दीदी ने अपनी टाँगों को खोला ओर मेरे उपर आके अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर रख दिया मैने भी जल्दी से अपनी कमर को उपर उछाल कर लंड को दीदी की चूत मे घुसा दिया पीछे से मामा ने भी अपने लंड को वापिस दीदी की गान्ड मे घुसा दिया दीदी के मुँहे से फिर से अह्ह्ह निकल गई लेकिन मैने जल्दी से दीदी के सर को अपने करीब खींच लिया ऑर दीदी के लिप्स पर किस करने लगा,,दीदी ने मेरे हाथ को पकड़ा ऑर खुद किस करते हुए मेरे हाथों को पकड़ कर अपने बूब्स की तरफ मोड़ दिया मैने भी दीदी की बात समझ कर अपने हाथों को दीदी के सर से उठा लिया ऑर दीदी के बूब्स पर ले गया ,,,,मैं दीदी को किस करते हुए अपने हाथों से दीदी के बूब्स को मसलता हुआ अपनी कमर को उछाल उछाल कर दीदी की चूत मारने लगा ,,,मामा भी पीछे से दीदी की गान्ड को पूरी तेज़ी से चोद रहा था
दीदी मुझे किस कर रही थी लेकिन 2 मूसल से चुदाई करते टाइम अपनी सिसकियों पर क़ाबू नही कर पा रही थी इसलिए किस करते हुए भी दबी दबी सिसकियाँ निकल रही थी दीदी के मुँह से मैं ऑर मामा इसी पोज़ मे 8-10 मिनट दीदी की चुदाई करते रहे फिर मामा की सिसकियाँ निकालने लगी ,,मैं समझ गया कि मामा का काम होने वाला है इसलिए मैने अपनी स्पीड को तेज कर दिया तभी दीदी ने भी अपने एक हाथ को मेरे हाथ पर रखा ऑर तेज़ी से अपने बूब्स मसलवाने लगी शायद दीदी का भी होने वाला था ,शायद हम लोग एक साथ झड़ने वाले थे ओर ऐसा ही हुआ मामा की सिसकियाँ तेज होने लगी मेरी स्पीड भी तेज होने लगी ऑर शोभा भी अपने एक हाथ से बारी बारी अपने बूब्स को तेज़ी से मेरे हाथ मे पकड़ कर मसलवाने लगी,,,करीब 2 मिनट बाद हम तीनो की आवाज़ तेज़ी से गूंजने लगी रूम मे ऑर हम तीनो का पानी निकल गया,,,मेरा पानी दीदी की चूत मे निकल गया जबकि मामा का पानी दीदी की गान्ड मे निकला ऑर दीदी की चूत का पानी मेरे लंड की साइड से होता हुआ मेरे बॉल्स पर गिरने लगा फिर बेड शीट पर ,,मामा का पानी निकल गया तो वो अपने लंड दीदी की गान्ड से निकाल कर बेड पर गिर गया तभी माँ उठी ऑर मामा के करीब चली गई ऑर मामा के लंड को मुँह मे भरके अच्छी तरह चाट कर सॉफ करने लगी दीदी भी मेरे उपर से उतर गई ऑर मेरे लंड को मुँह मे भरके सॉफ कर दिया फिर बेड पर गिर गई ऑर तेज़ी से हाँफने लगी
मैं भी तेज़ी से साँस ले रहा था ऑर मामा भी ,,,,मामा का लंड सॉफ करने के तुर्रंत बाद ही माँ दीदी की चूत की तरफ
बढ़ गई ओर दीदी की चूत को चाटने लगी जिस पर दीदी की चूत का पानी ऑर साथ ही मेरे लंड का स्पर्म लगा हुआ था ,,माँ ने मामा के लंड की तरफ दीदी की चूत को ऑर गान्ड को अच्छी तरह से सॉफ कर दिया ,,,चूत से मेरे स्पर्म को ऑर दीदी की गान्ड से मामा के स्पर्म को अच्छी तरफ ज़ुबान से चाट गई ऑर बेड पर हम लोगो के बीच ही लेट गई,,,सबसे पहले मामा फिर दीदी फिर माँ ऑर लास्ट मे मैं लेटा हुआ था ,,,,सब लोग थक गये थे ऑर तेज़ी से साँसे ले रहे थे
तो कैसा लगा शोभा बेटी मामा से चुदाई करवा कर,,,,माँ ने दीदी से पूछा,,,
बहुत मज़ा आया माँ लेकिन मेरी जान निकाल दी मामा ने ,,इतना बेरहमी से चोदा कि मज़ा आ गया ,,,दीदी बोलते हुए हँसने
लगी,,,,
माँ--हाँ बेटी तेरा मामा ऐसे ही चोदता है ज़रा भी परवाह नही करता सामने वाले को कितना दर्द हो रहा है बस अपनी मस्ती
करता रहता है ,,लेकिन जितना दर्द देता है उतना ही मज़ा भी देता है ,,,,ऑर वैसे भी जब तक गान्ड मे दर्द नही होता तब
तक औरत को गान्ड चुदाई का मज़ा नही आता,,,,,
दीदी--हाँ माँ सही कहा उसी दर्द मे तो असली मज़ा होता है,,,
दीदी ऑर माँ दोनो हँसने लगी,,,,,,,,
अच्छा बेटी बता ज़रा कितना मज़ा आया तुझे मेरे से चुदाई करके,,,,मामा ने पूछा दीदी से,,,,
बहुत मज़ा आया मामा ,,इतना बोल कर दीदी मामा से लिपट गई ,,,,
कितना मज़ा अशोक जितना मज़ा या उस से भी ज़्यादा ,,,,,,,,,,
डॅड का लंड बहुत छोटा है उस से इतना मज़ा नही आया मामा जितना आपके लंड से आया है,,सॉरी लंड नही ये तो मूसल
है वो भी गधे का मूसल,,,,
ऐसी बात नही है बेटी तेरे पापा का लंड भले ही छोटा है लेकिन मज़ा बहुत देता है ऑर वैसे भी छोटे लंड की कमी पूरी
करने क लिए उनकी टाइमिंग काफ़ी है,जहाँ बड़े लंड से तेरा मामा 20-30 मिनट चुदाई करता है वहीं तेरा बाप छोटे लंड
से कम से कम 40-50 मिनट लगा लेता है,,,,,,,,,,
हाँ ये बात तो ठीक कही माँ आपने लेकिन छोटे लंड से चूत मे मज़ा आता है लेकिन गान्ड मे मज़ा लेने के लिए लंड जितना मोटा ओर लंबा हो उतना अच्छा है,,,,,
माँ ऑर दीदी फिर हँसने लगी,,,,,,,,,,,
तो क्या बोलती हो बेटी एक बार फिर हो जाए ,,,,मामा ने इतना पूछा था कि दीदी फिर से मामा के उपर चढ़ गई लेकिन माँ को खाना पकाना था इसलिए वो उठके बाथरूम मे चली गई,,,,
तुम लोग करो मस्ती मैं तो फ्रेश होके चली किचन मे ,,,तब तक तुम मामा भांजा मिलकर शोभा को खुश करो,,,
माँ उठी ओर बाथरूम चली गई जबकि मैं खिसक कर मामा ऑर दीदी के पास हो गया,,,,
फिर सोनिया के आने से पहले मैने ऑर मामा ने दीदी की खूब चुदाई की जब माँ खाना पका कर आ गई तो खाना खाने के
बाद मैने ऑर मामा ने माँ को भी पूरी तरह से खुश कर दिया,,,
शाम को सोनिया आ गई ओर उसके बाद कुछ नही हुआ ,,,माँ तो संतुष्ट हो गई थी लेकिन शोभा नही हुई थी,,,,
मैं सोफे पर बैठा हुआ था तभी शोभा दीदी मेरे पास आई,,,,,,,
सन्नी तू फ्री है क्या,,,,,,,,,,,दीदी ने आते ही पूछा,,,,
जी दीदी मैं बिल्कुल फ्री हूँ कोई काम था क्या,,,,,,
हाँ सन्नी ज़रा मेरे साथ चलो मुझे शिखा के घर जाना है,,,,दीदी ने मुझे आँख मारते हुए बोला,,,,
माँ तो किचन मे थी ऑर रात के खाने की तैयारी कर रही थी लेकिन मामा सोफे पर मेरे पास ही बैठा हुआ था,,,,,लेकिन उसका ध्यान भी नही पड़ा शोभा दीदी की तरफ जब शोभा दीदी ने मुझे आँख मारी तो,,,,,
मैने सोचा कि साली कितनी बड़ी चुड़क्कड़ है अभी कितनी जबरदस्त चुदाई की थी थोड़ी देर पहले मैने ऑर मामा ने लेकिन इस साली को तो अभी भी मस्ती चढ़ि हुई है,,,,
मैने दीदी को अपने करीब आने को कहा ऑर दीदी मेरे पास आ गई मैने दीदी एक कान मे कहा,,,,,,,,,अरे दीदी ज़्यादा खुजली हो रही है क्या आज बोलो तो मामा को भेज दूं आपके साथ,,,,,
दीदी ने गुस्से मे मुझे देखा ऑर बोला,,,,,,,,,,,,,मुझे शिखा के घर जाना है ,,,वो बोल रही थी कि सारा दिन घर मे बोर
हो जाती है तो मैने उसको बोला कि बुटीक पर आ जाया करो वैसे भी उसको स्टिचिंग आती है वो बुटीक पर आ जाया करेगी तो मेरी भी हेल्प हो जाएगी ,,,ऑर वैसे भी अब मैं ओर बुआ ही है वहाँ पर,,,,,,,,
क्यू दीदी मनीषा ऑर पूजा भी तो है,,,,,,,,,,,
नही सन्नी अब वो अपने गाओं चली गई है वापिस नही आएगी,,,,पूजा के घर वाले उसकी शादी करने वाले है ऑर मनीषा
को अकेले नही भेजना चाहते वो शहर मे,,,,,हमे नये लोगो की ज़रूरत है तो क्यूँ ना शिखा को बुला ले बुटीक पर,,वो
कुछ कमा भी लेगी ऑर टाइम भी पास हो जाएगा उसका,,,,,
ये बात तो ठीक है दीदी लेकिन अब मुझे क्यू लेके जा रही शिखा के घर अकेली चली जाओ,,,,
अरे बुद्धू उसके घर से एक स्टिचिंग मशीन भी लेके आनी है जो उसकी हाँ वो बोलती है वो उससी मशीन पर काम करेगी
आक्टिव पर मुश्किल हो जानी है हम लोगो को कार मे जाना होगा ,,,मुझे कार ड्राइव करने मे डर लगता है इसी लिए तेरे को लेके जा रही हूँ,,,,,ऑर वैसे भी तो कोनसा यहाँ कुछ कर रहा है ,,अब चुप चाप चल मेरे साथ,,,,,
मैं उठा ओर दीदी के साथ चल पड़ा,,,,,मामा मुझे ऑर दीदी को वहाँ से जाते देखने लगा,,,
हम लोग कार मे बैठे ओर चल पड़े वहाँ से,,,,,
अरे दीदी तुम मामा को लेके आ जाती मुझे क्यू लेके आई,,,,,,,,,,
अरे बुद्धू तुझे क्या पता आज मामा ने कितनी मस्त चुदाई की है मेरी ,,,,गान्ड मे हल्का हल्का दर्द हो रहा है लेकिन
फिर भी चुदाई करने को दिल कर रहा है घर पर सोनिया थी तो कुछ भी करना थोड़ा मुश्किल था तो सोचा करण के घर
चलते है अगर उनकी माँ नही हुई तो हम लोग मस्ती कर सकते है अब मामा को लेके आती तो मस्ती कैसे करती शिखा ऑर करण के साथ,,,,
फिर हम लोग इधर उधर की बातें करते हुए करण के घर पहुँच गये,,,,,
हाथ माँ के बूब्स पर ले गया जिस से मेरा सर माँ की पीठ पर आ गया ऑर मैं भी मामा की तरह माँ की पीठ पर किस
करने लगा थोड़ी देर तो माँ की गान्ड मारता हुआ माँ के बूब्स मसतला रहा ऑर माँ की पीठ पर किस करता रहा लेकिन
दीदी की सिसकियाँ सुन कर मेरा भी दिल किया माँ की पीठ पर काटने को तो मैने भी अपने मुँह को खोला ऑर माँ की पीठ का थोड़ा माँस मुँह मे भरके हल्के दाँतों से काट दिया लेकिन इतने मे ही माँ की अह्ह्ह्ह निकली तो मैने दाँतों को थोड़ा
ज़ोर से दबा दिया ऑर तभी माँ की एक लंबी अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह निकल गई मैं समझ गया कि दीदी की तरह माँ को भी पीठ पर हल्के से कटवाना अच्छा लग रहा था इसलिए मैं हल्के हल्के ऑर बीच बीच मे थोड़ा ज़ोर से माँ की पीठ
पर काटने लगा,,,,माँ की सिसकियाँ कुछ ज़्यादा ही तेज हो गई शायद पीठ पर काटने की वजह से वो ज़्यादा मस्त हो गई थी
यही सोच कर मैं ज़ोर ज़ोर से माँ की पीठ पर काटने लगा तभी माँ ज़ोर से चिल्लाने लगी ऑर मैने महसूस किया कि मेरी बॉल्स पर पानी लगने लगा था वो कुछ ज़्यादा ही गीली हो गई थी ,,,शायद माँ ने पानी निकाल दिया था मैने महसूस किया की माँ के हाथ जो उनकी चूत मे नकली लंड घुसा रहा था वो रुक गया है ऑर इस से पहले मैं कुछ करता या समझता माँ बेड 'पर आगे की तरफ हो गई जिस से मेरा लंड माँ की गान्ड से निकल गया ऑर माँ ने मेरे हाथ भी हटा दिए अपने बूब्स से ऑर बेड पर लेट गई,,माँ का काम पूरा हो गया था लेकिन मेरा नही हुआ था इसलिए मैने अपने लंड को फिर से माँ की गान्ड मे डालने की कोशिश की लेकिन माँ ने मुझे मना कर दिया इस से पहले मैं फिर कोशिश करता मेरे हाथ को अपने हाथ मे पकड़ कर दीदी ने मुझे अपने पास खींच लिया ऑर मैं भी जल्दी से दीदी की तरफ चला गया ,
दीदी ने मुझे अपने सर के पास आने को बोला ऑर मैने भी वैसा ही किया ऑर एक ही पल बाद मेरा लंड दीदी के मुँह मे चला गया दीदी प्यार से मेरे लंड को चूसने लगी लेकिन मैं प्यार के मूड मे नही था मैं तो तेज़ी से चुदाई करने के मूड मे
था इसलिए मैने दीदी के सर को पकड़ा ऑर अपने लंड को दीदी मे मुँह मे तेज़ी से पेलने लगा दीदी भी समझ गयी कि मैं जल्दी जल्दी करने के मूड मे हूँ तो दीदी ने मेरे लंड को मुँह से निकाला ऑर मामा की तरफ मूड कर देखा तो मामा ने पीछे हटके अपने लंड को दीदी की गान्ड से निकाल दिया ऑर तभी दीदी भी उठ गई ऑर मुझे पकड़ कर बेड पर लेटा दिया ऑर जल्दी से मेरे उपर आ गई ,,दीदी ने अपनी टाँगों को खोला ओर मेरे उपर आके अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर रख दिया मैने भी जल्दी से अपनी कमर को उपर उछाल कर लंड को दीदी की चूत मे घुसा दिया पीछे से मामा ने भी अपने लंड को वापिस दीदी की गान्ड मे घुसा दिया दीदी के मुँहे से फिर से अह्ह्ह निकल गई लेकिन मैने जल्दी से दीदी के सर को अपने करीब खींच लिया ऑर दीदी के लिप्स पर किस करने लगा,,दीदी ने मेरे हाथ को पकड़ा ऑर खुद किस करते हुए मेरे हाथों को पकड़ कर अपने बूब्स की तरफ मोड़ दिया मैने भी दीदी की बात समझ कर अपने हाथों को दीदी के सर से उठा लिया ऑर दीदी के बूब्स पर ले गया ,,,,मैं दीदी को किस करते हुए अपने हाथों से दीदी के बूब्स को मसलता हुआ अपनी कमर को उछाल उछाल कर दीदी की चूत मारने लगा ,,,मामा भी पीछे से दीदी की गान्ड को पूरी तेज़ी से चोद रहा था
दीदी मुझे किस कर रही थी लेकिन 2 मूसल से चुदाई करते टाइम अपनी सिसकियों पर क़ाबू नही कर पा रही थी इसलिए किस करते हुए भी दबी दबी सिसकियाँ निकल रही थी दीदी के मुँह से मैं ऑर मामा इसी पोज़ मे 8-10 मिनट दीदी की चुदाई करते रहे फिर मामा की सिसकियाँ निकालने लगी ,,मैं समझ गया कि मामा का काम होने वाला है इसलिए मैने अपनी स्पीड को तेज कर दिया तभी दीदी ने भी अपने एक हाथ को मेरे हाथ पर रखा ऑर तेज़ी से अपने बूब्स मसलवाने लगी शायद दीदी का भी होने वाला था ,शायद हम लोग एक साथ झड़ने वाले थे ओर ऐसा ही हुआ मामा की सिसकियाँ तेज होने लगी मेरी स्पीड भी तेज होने लगी ऑर शोभा भी अपने एक हाथ से बारी बारी अपने बूब्स को तेज़ी से मेरे हाथ मे पकड़ कर मसलवाने लगी,,,करीब 2 मिनट बाद हम तीनो की आवाज़ तेज़ी से गूंजने लगी रूम मे ऑर हम तीनो का पानी निकल गया,,,मेरा पानी दीदी की चूत मे निकल गया जबकि मामा का पानी दीदी की गान्ड मे निकला ऑर दीदी की चूत का पानी मेरे लंड की साइड से होता हुआ मेरे बॉल्स पर गिरने लगा फिर बेड शीट पर ,,मामा का पानी निकल गया तो वो अपने लंड दीदी की गान्ड से निकाल कर बेड पर गिर गया तभी माँ उठी ऑर मामा के करीब चली गई ऑर मामा के लंड को मुँह मे भरके अच्छी तरह चाट कर सॉफ करने लगी दीदी भी मेरे उपर से उतर गई ऑर मेरे लंड को मुँह मे भरके सॉफ कर दिया फिर बेड पर गिर गई ऑर तेज़ी से हाँफने लगी
मैं भी तेज़ी से साँस ले रहा था ऑर मामा भी ,,,,मामा का लंड सॉफ करने के तुर्रंत बाद ही माँ दीदी की चूत की तरफ
बढ़ गई ओर दीदी की चूत को चाटने लगी जिस पर दीदी की चूत का पानी ऑर साथ ही मेरे लंड का स्पर्म लगा हुआ था ,,माँ ने मामा के लंड की तरफ दीदी की चूत को ऑर गान्ड को अच्छी तरह से सॉफ कर दिया ,,,चूत से मेरे स्पर्म को ऑर दीदी की गान्ड से मामा के स्पर्म को अच्छी तरफ ज़ुबान से चाट गई ऑर बेड पर हम लोगो के बीच ही लेट गई,,,सबसे पहले मामा फिर दीदी फिर माँ ऑर लास्ट मे मैं लेटा हुआ था ,,,,सब लोग थक गये थे ऑर तेज़ी से साँसे ले रहे थे
तो कैसा लगा शोभा बेटी मामा से चुदाई करवा कर,,,,माँ ने दीदी से पूछा,,,
बहुत मज़ा आया माँ लेकिन मेरी जान निकाल दी मामा ने ,,इतना बेरहमी से चोदा कि मज़ा आ गया ,,,दीदी बोलते हुए हँसने
लगी,,,,
माँ--हाँ बेटी तेरा मामा ऐसे ही चोदता है ज़रा भी परवाह नही करता सामने वाले को कितना दर्द हो रहा है बस अपनी मस्ती
करता रहता है ,,लेकिन जितना दर्द देता है उतना ही मज़ा भी देता है ,,,,ऑर वैसे भी जब तक गान्ड मे दर्द नही होता तब
तक औरत को गान्ड चुदाई का मज़ा नही आता,,,,,
दीदी--हाँ माँ सही कहा उसी दर्द मे तो असली मज़ा होता है,,,
दीदी ऑर माँ दोनो हँसने लगी,,,,,,,,
अच्छा बेटी बता ज़रा कितना मज़ा आया तुझे मेरे से चुदाई करके,,,,मामा ने पूछा दीदी से,,,,
बहुत मज़ा आया मामा ,,इतना बोल कर दीदी मामा से लिपट गई ,,,,
कितना मज़ा अशोक जितना मज़ा या उस से भी ज़्यादा ,,,,,,,,,,
डॅड का लंड बहुत छोटा है उस से इतना मज़ा नही आया मामा जितना आपके लंड से आया है,,सॉरी लंड नही ये तो मूसल
है वो भी गधे का मूसल,,,,
ऐसी बात नही है बेटी तेरे पापा का लंड भले ही छोटा है लेकिन मज़ा बहुत देता है ऑर वैसे भी छोटे लंड की कमी पूरी
करने क लिए उनकी टाइमिंग काफ़ी है,जहाँ बड़े लंड से तेरा मामा 20-30 मिनट चुदाई करता है वहीं तेरा बाप छोटे लंड
से कम से कम 40-50 मिनट लगा लेता है,,,,,,,,,,
हाँ ये बात तो ठीक कही माँ आपने लेकिन छोटे लंड से चूत मे मज़ा आता है लेकिन गान्ड मे मज़ा लेने के लिए लंड जितना मोटा ओर लंबा हो उतना अच्छा है,,,,,
माँ ऑर दीदी फिर हँसने लगी,,,,,,,,,,,
तो क्या बोलती हो बेटी एक बार फिर हो जाए ,,,,मामा ने इतना पूछा था कि दीदी फिर से मामा के उपर चढ़ गई लेकिन माँ को खाना पकाना था इसलिए वो उठके बाथरूम मे चली गई,,,,
तुम लोग करो मस्ती मैं तो फ्रेश होके चली किचन मे ,,,तब तक तुम मामा भांजा मिलकर शोभा को खुश करो,,,
माँ उठी ओर बाथरूम चली गई जबकि मैं खिसक कर मामा ऑर दीदी के पास हो गया,,,,
फिर सोनिया के आने से पहले मैने ऑर मामा ने दीदी की खूब चुदाई की जब माँ खाना पका कर आ गई तो खाना खाने के
बाद मैने ऑर मामा ने माँ को भी पूरी तरह से खुश कर दिया,,,
शाम को सोनिया आ गई ओर उसके बाद कुछ नही हुआ ,,,माँ तो संतुष्ट हो गई थी लेकिन शोभा नही हुई थी,,,,
मैं सोफे पर बैठा हुआ था तभी शोभा दीदी मेरे पास आई,,,,,,,
सन्नी तू फ्री है क्या,,,,,,,,,,,दीदी ने आते ही पूछा,,,,
जी दीदी मैं बिल्कुल फ्री हूँ कोई काम था क्या,,,,,,
हाँ सन्नी ज़रा मेरे साथ चलो मुझे शिखा के घर जाना है,,,,दीदी ने मुझे आँख मारते हुए बोला,,,,
माँ तो किचन मे थी ऑर रात के खाने की तैयारी कर रही थी लेकिन मामा सोफे पर मेरे पास ही बैठा हुआ था,,,,,लेकिन उसका ध्यान भी नही पड़ा शोभा दीदी की तरफ जब शोभा दीदी ने मुझे आँख मारी तो,,,,,
मैने सोचा कि साली कितनी बड़ी चुड़क्कड़ है अभी कितनी जबरदस्त चुदाई की थी थोड़ी देर पहले मैने ऑर मामा ने लेकिन इस साली को तो अभी भी मस्ती चढ़ि हुई है,,,,
मैने दीदी को अपने करीब आने को कहा ऑर दीदी मेरे पास आ गई मैने दीदी एक कान मे कहा,,,,,,,,,अरे दीदी ज़्यादा खुजली हो रही है क्या आज बोलो तो मामा को भेज दूं आपके साथ,,,,,
दीदी ने गुस्से मे मुझे देखा ऑर बोला,,,,,,,,,,,,,मुझे शिखा के घर जाना है ,,,वो बोल रही थी कि सारा दिन घर मे बोर
हो जाती है तो मैने उसको बोला कि बुटीक पर आ जाया करो वैसे भी उसको स्टिचिंग आती है वो बुटीक पर आ जाया करेगी तो मेरी भी हेल्प हो जाएगी ,,,ऑर वैसे भी अब मैं ओर बुआ ही है वहाँ पर,,,,,,,,
क्यू दीदी मनीषा ऑर पूजा भी तो है,,,,,,,,,,,
नही सन्नी अब वो अपने गाओं चली गई है वापिस नही आएगी,,,,पूजा के घर वाले उसकी शादी करने वाले है ऑर मनीषा
को अकेले नही भेजना चाहते वो शहर मे,,,,,हमे नये लोगो की ज़रूरत है तो क्यूँ ना शिखा को बुला ले बुटीक पर,,वो
कुछ कमा भी लेगी ऑर टाइम भी पास हो जाएगा उसका,,,,,
ये बात तो ठीक है दीदी लेकिन अब मुझे क्यू लेके जा रही शिखा के घर अकेली चली जाओ,,,,
अरे बुद्धू उसके घर से एक स्टिचिंग मशीन भी लेके आनी है जो उसकी हाँ वो बोलती है वो उससी मशीन पर काम करेगी
आक्टिव पर मुश्किल हो जानी है हम लोगो को कार मे जाना होगा ,,,मुझे कार ड्राइव करने मे डर लगता है इसी लिए तेरे को लेके जा रही हूँ,,,,,ऑर वैसे भी तो कोनसा यहाँ कुछ कर रहा है ,,अब चुप चाप चल मेरे साथ,,,,,
मैं उठा ओर दीदी के साथ चल पड़ा,,,,,मामा मुझे ऑर दीदी को वहाँ से जाते देखने लगा,,,
हम लोग कार मे बैठे ओर चल पड़े वहाँ से,,,,,
अरे दीदी तुम मामा को लेके आ जाती मुझे क्यू लेके आई,,,,,,,,,,
अरे बुद्धू तुझे क्या पता आज मामा ने कितनी मस्त चुदाई की है मेरी ,,,,गान्ड मे हल्का हल्का दर्द हो रहा है लेकिन
फिर भी चुदाई करने को दिल कर रहा है घर पर सोनिया थी तो कुछ भी करना थोड़ा मुश्किल था तो सोचा करण के घर
चलते है अगर उनकी माँ नही हुई तो हम लोग मस्ती कर सकते है अब मामा को लेके आती तो मस्ती कैसे करती शिखा ऑर करण के साथ,,,,
फिर हम लोग इधर उधर की बातें करते हुए करण के घर पहुँच गये,,,,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही
करण ने गेट खोला ऑर हम अंदर चले गये ,,दीदी तो गेट के अंदर आते ही करण से लिपट गई ऑर किस करने लगी,,,,तभी
अंदर से करण की माँ की आवाज़ आई ऑर दीदी एक दम से करण से अलग हो गई ऑर थोड़ी निराश भी हो गई,,,,उसने सोचा था को करण की माँ घर पर नही होगी तो मस्ती कर लेंगे लेकिन वो तो घर पर थी,,,,इसलिए दीदी निराश हो गई,,,
हम लोग घर के अंदर चले गये ,,,शिखा भी अपने रूम से बाहर आ गई ऑर करण की माँ भी किचन से बाहर आ गई,,,
मैं तो करण की माँ को देखता ही रह गया साली एक दम मस्त माल थी,,,,पंजाबी औरत भरे हुए बदन की मालकिन साला
जो भी देखे उसको एक बार तो ज़रूर चोदने की तमन्ना करेगा,,,वही तमन्ना मैं कर रहा था,,,,,
मैने ऑर दीदी ने आंटी को ही बोला ,,,
शिखा ने पास आके दीदी की हॅग किया ऑर फिर हम सब सोफे पर बैठ गये,,,,,,
आज कैसे आना हुआ शोभा बेटी ,,तुम तो बहुत बिज़ी हो गई कभी आती ही नही,,,,
वो क्या है ना आंटी पहले कॉलेज ऑर उसके बाद बुटीक पर जाना होता है,,,टाइम ही नही मिलता कहीं आने जाने का,,,आज तो शिखा की वजह से आई हूँ,,,,,,,,,,
शिखा की वजह से,,,,वो क्यूँ बेटी ,,,,,,,,,,,क्या तुम शिखा से मिलने आई हो अपनी आंटी से नही,,,,,,,,
अरे नही आंटी ऐसी बात नही है वो शिखा बोल रही थी घर मे टाइम पास नही होता तो मैने सोचा कि क्यूँ ना इसको अपने
साथ बुटीक पे ले जाया करूँ वैसे भी ये स्टिचिंग अच्छी कर लेती है ,,मेरे साथ बुटीक पर रहेगी तो टाइम भी पास
हो जाया करेगा ऑर दिल भी बहाल जाया करेगा,,,,दीदी ने इतनी बात बोलके शिखा की तरफ हंस कर देखा,,,,,मैं समझ गया कि दोनो साथ रेखा चाहती है ,,,जब काम हुआ तो काम वरना मस्ती तो कर ही लेंगी दोनो,,,,,
हाँ ये बात तो ठीक है बेटी ,,,मैं तो खुद इसको कहती रहती हूँ कि घर से बाहर जाया करो लेकिन ये है कि मेरी सुनती ही
नही,,,बस एक फ्रेंड है उसके साथ कभी कभी बाहर चली जाती है,,,,,,,,,,,मुझे याद आया कि आंटी उसी कॉलेज वाली फ्रेंड
की बात कर रही होगी जो उस दिन शिखा दीदी के साथ आई थी,,,,,साला क्या मस्त माल थी वो ,,,एक पल के लिए सोचा उसके बारे मे तो लंड खड़ा होने लगा ऑर शिखा का ध्यान मेरे लंड पर पड़ गया,,,,,,,,
अरे मोम बातें ही करती रहोगी या कुछ चाइ कॉफी भी बनाओगी इनके लिए,,,,,,,,,,,
ओह मैं तो भूल ही गई,,,,तुम लोग बातें करो मैं चाइ लेके आती हूँ,,,,,,,,,,,,,,,आंटी किचन की तरफ जाने लगी ऑर मैं
पीछे से आंटी की मटकती गान्ड देखने लगा तभी शोभा का ध्यान मेरी तरफ आ गया उसने मुझे अलका आंटी की गान्ड
की तरफ घूरते पकड़ लिया था,,,,,
दीदी ये क्या अपने मुझे बताया क्यूँ नही आप शोभा दीदी के साथ उनके बुटीक पर जाने वालो हो,,,,अब हम लोगो मस्ती
कर करेंगे,,,,,,,,करण ने उदास होके बोला,,,,,
तुम टेन्षन मत लो करण,,,बुआ यहाँ नही है ,,,,कुछ दिनो के लिए बाहर गई है अब बुटीक मे मैं ऑर शिखा ही होंगे
तुम जब चाहो आओ ऑर मस्ती करो,कोई परेशानी नही होगी,,,,,करण तो इतनी बात सुनते ही खुश हो गया,,,,
हाँ करण फिर जब दिल करे तब मस्ती काने आ जाना तुम,ऑर वैसे भी मैं भी तो शिखा को इसलिए लेके जा रही हूँ अपने
साथ ताकि ज़्यादा से ज़्यादा टाइम स्पेंड कर सकूँ इसके साथ,,इतना बोलके दीदी ने शिखा के बूब्स को मसल दिया ऑर हल्की किस भी करदी शिखा के लिप्स पर,,,,,,
क्या करती हो शोभा माँ आ जाएगी,,,,,दीदी आंटी का नाम सुनते ही जल्दी से शिखा से दूर हो गई,,,,
अरे वो स्टिचिंग मशीन कहाँ है शिखा उसको कार मे रखवा दो,,,,
करण तुम जाओ सन्नी के साथ ऑर मेरे रूम से स्टिचिंग मशीन उठा कर कार मे रख दो,,,,,
मैं ऑर करण उठकर दीदी के रूम मे गये ऑर स्टिचिंग मशीन उठाकर कार मे रखके वापिस आ गये,,,,तब तक अलका आंटी
भी चाइ लेके आ गई थी,,,,हम लोगो ने चाइ पी ऑर कुछ इधर उधर की बातें की फिर वापिस घर की तरफ आ गये,,,
ये सब क्या हो रहा था सन्नी,,,,दीदी ने मेरे से पूछा,,,,,
क्या- क्या हो रहा था दीदी,,,,,मैं कुछ समझा नही,,,,
तुम अलका आंटी की गान्ड को इतना क्यूँ घूर रहे थे,,क्या अब तुम्हारी नज़र उनकी गान्ड पर है,,,,
मैं हँसने लगा,,,,,,सही सोचा अपने दीदी,,,,,,,क्या आप कुछ हेल्प कर सकती हो इस बारे मे,,,,
तू सच मे बहुत बड़ा कमीना है सन्नी किसी को तो बख्स दे अब,,,,,,,,,,
क्या करूँ दीदी आंटी की मस्त मोटी गान्ड देख कर लंड मे तूफान उठने लग जाता है ऑर मैं कॉन्सा अकेला हूँ जो उनकी
गान्ड देख रहा था आप भी तो घूर रही थी उनकी गान्ड को,,,,आप क्या सोच रही हो मैने आपको नोटीस नही किया था
जब आप चाइ पी रही थी तब भी आंटी के बड़े बड़े बूब्स को घूर रही थी आप,,,,
दीदी हँसने लगी,,,,,क्या करूँ मेरे भाई मैं भी तेरी बेहन हूँ ,,,आज जबसे माँ के बड़े बड़े बूब्स मुँह मे भरके चूसे
है तबसे बड़े बूब्स अच्छे लगने लगे है ऑर मोटी मस्त गान्ड भी तभी तो अलका आंटी की तरफ घूर रही थी मैं,,,,
तो कुछ करो ना दीदी,,,,,,,,,कोई प्लान बनाओ ताकि हम मस्ती कर सके आंटी के साथ ऑर उनको भी अपने खेल मे शामिल कर सके फिर वक़्त रहते कारण ऑर शिखा को भी शामिल कर लेंगे उनकी माँ के साथ मस्ती करने के लिए,,ऑर उसके बाद करण ऑर शिखा कोई टेन्षन नही होगी वो जब चाहे अपने घर मे मस्ती कर सकते है,,,,ऑर वैसे इस काम के लिए करण भी तैयार है उसका भी दिल करता है अपनी माँ की गान्ड मारने को लेकिन वो डरता है अपनी माँ से ऐसी बात करने से ,,,,,
अच्छा तो करण भी तेरी तरह पक्का कमीना है जो अपनी माँ की गान्ड लेना चाहता था,,,,,इतना बोल कर दीदी हँसने लगी फिर कुछ सोचने लगी,,,,,,,,,,,,,देख सन्नी अगर बात होती शिखा को तैयार करने की तो मैं हेल्प कर सकती थी लेकिन अलका आंटी को तैयार करना मेरे बस की बात नही इसके लिए तुझे किसी ऑर की हेल्प की ज़रूरत है,,,,
किसकी दीदी,,,,,,,,,,,,,कॉन करेगा मेरी हेल्प,,,,
तू टेन्षन मत ले तेरा काम हो जाएगा ,,तुम ऑर करण मिलकर अलका आंटी की चुदाई कर सकते हो ,,बाद मे मैं ऑर शिखा भी मिलकर उसकी माँ के साथ मस्ती कर सकते है,,,,,मैं तो कुछ नही कर सकती लेकिन कोई है जो हम दोनो की हेल्प कर सकता है,,,
कॉन है वो मुझे भी तो बता दो दीदी,,,,,,
आज नही कल बताउन्गी तेरे को,,,,,,थोड़ा सबर करो,,,
मैने दीदी से फिर पूछा लेकिन दीदी कुछ नही बोली,,,,,फिर ना मैने कोई बात की ऑर ना दीदी ने हम लोग ऐसे ही घर आ गये लेकिन मैने दीदी की तरफ देखा तो ऐसा लग रहा था वो कुछ सोच रही है,,,,
हम लोग घर पहुँच गये ,,,,,,
मैं कार को घर के अंदर करके मेन डोर तक चला गया जबकि दीदी कार से उतर कर किसी को फोन करने लगी,,,,
मैने बेल बजाई तो मामा ने आके दरवाजा खोला ऑर वापिस पलट कर अंदर चला गया मैं दीदी की तरफ देखा कर दीदी को बुलाने लगा तभी दीदी ने फोन कट करके मुझे अंदर जाने को बोला ,,,,मैं अंदर जाने लगा तो दीदी ने फिर किसी का नंबर डायल किया ऑर बात करने लगी,,,खैर मैं घर के अंदर चला गया ऑर हाथ मुँह धोके डाइनिंग टेबल पर आ गया
माँ खाना लगा चुकी थी ,,,मामा पहले से वहीं बैठा हुआ था ऑर सोनिया भी ,,,,,,मैने सोनिया की तरफ कोई खास ध्यान नही दिया ऑर जाके मामा की साथ वाली चेयर पर बैठ गया,,,,कुछ देर मे मामा ने सारा खाने का समान टेबल पर रख दिया ऑर खुद भी हमारे साथ बैठ गई,,,2 मिनट बाद शोभा दीदी भी अंदर आ गई ,,,,,,,,,,हम सब खाना खाने लगे ऑर बातें करने लगे ,,लेकिन शोभा ऑर मामा बार बार एक दूसरे की तरफ़ देख रहे थे ,,,,दोनो के जिस्म मे आग लगी हुई थी,,लेकिन अभी कुछ नही कर सकते थे बस एक दूसरे को देख कर ही मन शांत कर रहे थे,,,
खाना ख़त्म होने के बाद सोनिया उपर आने रूम एम चली गई जबकि माँ ऑर शोभा बर्तन किचन मे रख कर माँ के रूम मे चली गई,, मैं भी उनके पीछे पीछे चला गया ,,,
माँ ऑर शोभा रूम मे जाते ही किस करने लगे,,
बेटी अभी कुछ मत कर जो करना है कल सुबह करते है,,,,माँ उसको मना कर रही थी लेकिन शोभा है कि माँ की बात ही नही सुन रही थी,,,
सुबह क्यू माँ अभी क्या है,,,,
बेटी अभी सोनिया हाँ ना घर पर,,,,,,,,,तो माँ उसको भी शामिल कर लेते है खेल मे ,,,फिर तो कोई टेन्षन नही होगी,,,,
अच्छा कॉन करेगा उसको राज़ी ये खेल खेलने के लिए,,,किसके मे है इतनी हिम्मत ,,,,,माँ ने हँसते हुए बोला,,,,
ये सन्नी है ना माँ ये कोशिश करेगा,,,,,इतना बोलकर माँ ऑर शोभा हँसने लगी,,,
मेरी तो गान्ड ही फॅट गई ये सुन कर,,,,
अरे बेटी क्यू इस मासूम को मरवाना है सोनिया के हाथों ,,जब तेरी बुआ ऑर मामा कुछ नही कर सके तो ये क्या कर लेगा,,,,
मैं हैरान हो गया ,,,,,,मामा ऑर बुआ ने कोशिश की थी सोनिया को खेल मे शामिल करने की लेकिन कब,,,,
ये क्या बोल रही हो माँ ,,,,मामा ऑर बुआ ने कब कोशिश की सोनिया को शामिल करने की अपने साथ,,,,,
तभी मामा अंदर आ गया,,,,,,बेटा मैने कोशिश नही कि बस कोशिश करने ही वाला था ऑर हिम्मत जुटा रहा था लेकिन जो कुछ देखा वो देख कर हिम्मत जुड़ने से पहले ही टूट गई,,,,
ऐसा क्या देखा मामा ,,,,,,,,,
देखा एक गाल ऑर एक थप्पड़,,,,,,,,,जिसकी वजह से गाल लाल हो गया था,,,,,,,,,,,,,मामा ने इतना बोला ओर हँसने लगा साथ मे माँ भी हँसने लगी,,,लेकिन शोभा चुप रही,,,,,
मेरी गान्ड फटने लगी कहीं माँ ऑर मामा ने मेरे थप्पड़ लगते तो नही देख लिया था गाओं मे जब सोनिया ने मुझे मांरा था,,,,
क्या देखा मामा ऑर कहाँ देखा,,,,,,,,,
यहीं देखा बेटा किचन मे,,,,,,,,,,,,,,सोनिया का थप्पड़ ऑर तेरी बुआ का गाल ,,,,,,,,,,,,,इतना कस्के थप्पड़ लगा था कि एक ही पल मे तेरी बुआ का मुँह लाल हो गया था,,,,ऑर ये देख कर मेरी बॉल्स मेरे गले मे अटक गई थी,,,,
क्या बोल रहे हो मामा खुल कर बोलो ना,,,,,,,,,
तभी शोभा बोलने लगी,,,,
सन्नी जब पापा ने गीता को मुझे उनके साथ खेल मे शामिल होने के लिए तैयार करने को बोला तो उसके कुछ दिनो बाद पापा की नज़रें सोनिया पर टिक गई ,,वो सोनिया के साथ भी चुदाई करना चाहते थे ,,गीता बुआ ने पापा की बात मान ली ऑर सोनिया को साथ मिलने का खेल शुरू हो गया लेकिन पहले तो गीता बुआ को सोनिया को अपने लिए पटाना था बाद मे पापा के सामने पेश करना था ,,लेकिन बुआ की कोशिश बेकार गई ऑर बदले मे एक कस्के थप्पड़ मिला सोनिया के हाथ का,,,,तभी तो सोनिया बुआ से कुछ खफा रहती है ऑर बुआ भी ज़्यादा बात नही करती सोनिया से,,,,,
मेरे तो गान्ड दोबारा फॅट गई ये सुनकर की सोनिया ने बुआ को थप्पड़ मारा था,,,,अगर वो बुआ को थप्पड़ मांर सकती है तो मेरे को तो गोली भी मांर सकती है,,,,शोभा की बात सुनके आज सोनिया मुझे अपने हाथ से रेत की तरह फिसलती हुई नज़र आ रही थी,,,,,,,,
हाँ बेटा ,,,मैं उस टाइम किचन के डोर के पास खड़ा हुआ था,,,कुछ दिनो मे मैं भी कोशिश करने वाला था सोनिया को क़ाबू करने की लेकिन गीता का हाल ऑर लाल गाल देख कर मेरी हिम्मत नही हुई,,,,वो है ही इतने गुस्से वाली,,,,,,,,,,,
साला अब समझा क्यू शोभा ने भी मुझे मना कर दिया था मेरे लिए सोनिया को तैयार करने के लिए,,,,साला अब तो जितना हो सके दूर रहना होगा उस हिट्लर सोनिया से,,,,ग़लती से भी करीब चला गया तो कच्चा चबा लेगी मुझे,,,,,
अरे आप लोग किन बातों मे उलझ गये,,,,,बात तो ये करनी है कि आज सोनिया घर पर है तो मस्ती कैसे कर सकते है हम्सब लोग मिलकर,,,
उसकी टेन्षन आप मत लो मों,,,,मैने सब बंदोबस्त कर दिया है बस कुछ देर रूको,,,,
क्या बंदोबस्त किया है मुझे भी बता दो बेटी,,,,माँ ने अभी पूछा ही था कि माँ के रूम के दरवाजे पर सोनिया आके खड़ी हो गई,,,,,
दीदी अक्तिवा की चाबी देना ज़रा,,,सोनिया ने रूम मे आते ही बोला,,,,
सोनिया को दरवाजे पर खड़ा देख कर एक दम से सबका रंग उड़ गया ,,,,,सब लोग डर गये,,रूम मे एक दम से सन्नाटा हो गया,,,,
सबको यही डर लग रहा था कहीं सोनिया ने वो सब बातें तो नही सुन ली थी जो अभी हम लोग कर रहे थे,,,,,,
तभी शोभा की आवाज़ के साथ रूम का सन्नाटा दूर हुआ,,,,,,,,,,अक्तिवा क्या करनी है तूने इतनी रात को,,,,,,कहाँ जाना है,,,,,
दीदी वो कामिनी भाभी का फोन आया था उन्होने मुझे घर पे बुलाया है अभी,,,,,सोनिया ने जवाब दिया,,,,,,,,
अरे बेटी अभी तो कुछ देर पहले तू कविता के घर से आई है ऑर अभी फिर जा रही है,,,कोई खास वजह,,,,,,माँ ने सोनिया से पूछा,,,,,
माँ अभी कामिनी भाभी का फोन आया था ,,,,उनकी सास यानी कविता की मोम अभी कुछ देर पहले कविता के डॅड के पास चली गई है,,,वो जिस फॅक्टरी मे काम करते है वहीं उनको एक नया फ्लॅट मिला है ,,,,,कविता का भाई सूरज भी उनको छोड़ने के लिए उनके साथ गया है,,घर मे कविता ऑर भाभी है बस,,इसलिए उन लोगो ने मुझे वहाँ बुलाया है,,,मैं अब कल सुबह ही वापिस आउन्गी,,,,
इतनी देर तक शोभा रूम से निकल कर उपर अपने रूम मे चली गई अक्तिवा की चाबी लेने ऑर उसके बाहर जाते ही मामा भी माँ के रूम से निकल गया,,,,मैं ऑर माँ वहीं थे,,,,,,,,,,,,,,
तभी माँ बोली,,,,,तुम अब रात वहीं रहने वाली हो सुबह वापिस आओगी,,,,
हाँ माँ मैं रात वहीं रहने वाली हूँ,,,,,,,,,,,लेकिन ऐसा क्यू पूछ रही हो आप,,,,,,
कुछ नही बेटी ये सन्नी मेरे साथ सोने वाला था ,,बोल रहा था उपर तुम्हारे साथ नही सोना,,,,लगता है तुम लोगो का झगड़ा अभी तक ख़तम नही हुआ है इसलिए ये उपर नही सोने जा रहा था लेकिन मुझे इसको अपने साथ नही सुलाना था रात को बहुत हिलता जुलता रहता है ये बेड पर,,,,सोते टाइम बहुत हाथ पैर चलाता है ,,,ना खुद सोता है ना मुझे सोने देता है,,,,,अब तुम अगर रात वहीं रहने वाली हो तो ये उपर जाके उस रूम मे सो जाएगा,,,,इसलिए पूछा था बेटी,,,,,
सोनिया कोई बात करती इस से पहले शोभा दीदी चाबी लेके आ गई ऑर सोनिया कुछ बोले बिना ही वहाँ से चली गई,,,शोभा दीदी उसको दरवाजे तक छोड़ने गई ऑर फिर दरवाजा बंद करके वापिस आ गई,,,,,
रूम मे मैं ऑर माँ बेड पर बैठ गये थे ,,,जबकि मामा बाहर सोफे पर बैठा हुआ टीवी देख रहा था,,,टीवी देख नही रहा था बस सोनिया के सामने टीवी देखने का नाटक करने लगा था ऑर सोनिया के जाने का वेट कर रहा था,,,,सोनिया के जाते ही वो भी शोभा के पीछे पीछे रूम मे आ गया,,,,,,,,,
अच्छा हुआ चली गई,,,,अब वापिस आएगी या रात वहीं रुकने वाली है,,,,,,,मामा ने अंदर आते ही पूछा,,,,,
वो रात वहीं रुकने वाली है मामा,,,ऐसा मुझे दरवाजे पर बोलकर गई है,,,अब सुबह ही वापिस आएगी,,,,,शोभा ने मामा की बात का जवाब दिया,,,,
इतने मे मामा ने शोभा को अपने करीब किया ऑर किस करने लगा,,,अच्छा हुआ चली गई अब रात भर तेरी चूत ऑर गान्ड मारूँगा मैं,,,,
मामा दीदी को किस करने ही लगा था कि दीदी ने मामा को रोक दिया,,,,,,,,,,,,,
अभी नही मामा कुछ देर रूको मुझे थोड़ा काम है,,,,तब तक तुम माँ के साथ मस्ती करो ,,,मैं अभी आई 15-20 मिनट मे,,,,
मामा ने दीदी को छोड़ दिया ,,,,,अच्छा जल्दी अपना काम ख़तम करके आ जाओ बेटी तब तक मैं तेरी माँ को थोड़ा खुश करता हूँ सन्नी के साथ मिलकर लेकिन ज़्यादा टाइम मत लगाना वरना मेरे लंड का बुरा हाल हो जाना है,,,मामा ने पयज़ामे के उपर से अपने लंड को मसल्ते हुए सब बात बोली ऑर बेड पर हम लोगो के पास आ गया ,,आते आते मामा अपने कपड़े उतारने लगा,,,,मामा को देख माँ भी जल्दी से नंगी होने लगी लेकिन मुझे कुछ अजीब लग रहा था,,,सोनिया इतनी रात को कभी नही गई कविता के घर ऑर भला ऐसा क्या काम होगा कि भाभी ने उसको फोन करके बुला लिया है,,,,
अंदर से करण की माँ की आवाज़ आई ऑर दीदी एक दम से करण से अलग हो गई ऑर थोड़ी निराश भी हो गई,,,,उसने सोचा था को करण की माँ घर पर नही होगी तो मस्ती कर लेंगे लेकिन वो तो घर पर थी,,,,इसलिए दीदी निराश हो गई,,,
हम लोग घर के अंदर चले गये ,,,शिखा भी अपने रूम से बाहर आ गई ऑर करण की माँ भी किचन से बाहर आ गई,,,
मैं तो करण की माँ को देखता ही रह गया साली एक दम मस्त माल थी,,,,पंजाबी औरत भरे हुए बदन की मालकिन साला
जो भी देखे उसको एक बार तो ज़रूर चोदने की तमन्ना करेगा,,,वही तमन्ना मैं कर रहा था,,,,,
मैने ऑर दीदी ने आंटी को ही बोला ,,,
शिखा ने पास आके दीदी की हॅग किया ऑर फिर हम सब सोफे पर बैठ गये,,,,,,
आज कैसे आना हुआ शोभा बेटी ,,तुम तो बहुत बिज़ी हो गई कभी आती ही नही,,,,
वो क्या है ना आंटी पहले कॉलेज ऑर उसके बाद बुटीक पर जाना होता है,,,टाइम ही नही मिलता कहीं आने जाने का,,,आज तो शिखा की वजह से आई हूँ,,,,,,,,,,
शिखा की वजह से,,,,वो क्यूँ बेटी ,,,,,,,,,,,क्या तुम शिखा से मिलने आई हो अपनी आंटी से नही,,,,,,,,
अरे नही आंटी ऐसी बात नही है वो शिखा बोल रही थी घर मे टाइम पास नही होता तो मैने सोचा कि क्यूँ ना इसको अपने
साथ बुटीक पे ले जाया करूँ वैसे भी ये स्टिचिंग अच्छी कर लेती है ,,मेरे साथ बुटीक पर रहेगी तो टाइम भी पास
हो जाया करेगा ऑर दिल भी बहाल जाया करेगा,,,,दीदी ने इतनी बात बोलके शिखा की तरफ हंस कर देखा,,,,,मैं समझ गया कि दोनो साथ रेखा चाहती है ,,,जब काम हुआ तो काम वरना मस्ती तो कर ही लेंगी दोनो,,,,,
हाँ ये बात तो ठीक है बेटी ,,,मैं तो खुद इसको कहती रहती हूँ कि घर से बाहर जाया करो लेकिन ये है कि मेरी सुनती ही
नही,,,बस एक फ्रेंड है उसके साथ कभी कभी बाहर चली जाती है,,,,,,,,,,,मुझे याद आया कि आंटी उसी कॉलेज वाली फ्रेंड
की बात कर रही होगी जो उस दिन शिखा दीदी के साथ आई थी,,,,,साला क्या मस्त माल थी वो ,,,एक पल के लिए सोचा उसके बारे मे तो लंड खड़ा होने लगा ऑर शिखा का ध्यान मेरे लंड पर पड़ गया,,,,,,,,
अरे मोम बातें ही करती रहोगी या कुछ चाइ कॉफी भी बनाओगी इनके लिए,,,,,,,,,,,
ओह मैं तो भूल ही गई,,,,तुम लोग बातें करो मैं चाइ लेके आती हूँ,,,,,,,,,,,,,,,आंटी किचन की तरफ जाने लगी ऑर मैं
पीछे से आंटी की मटकती गान्ड देखने लगा तभी शोभा का ध्यान मेरी तरफ आ गया उसने मुझे अलका आंटी की गान्ड
की तरफ घूरते पकड़ लिया था,,,,,
दीदी ये क्या अपने मुझे बताया क्यूँ नही आप शोभा दीदी के साथ उनके बुटीक पर जाने वालो हो,,,,अब हम लोगो मस्ती
कर करेंगे,,,,,,,,करण ने उदास होके बोला,,,,,
तुम टेन्षन मत लो करण,,,बुआ यहाँ नही है ,,,,कुछ दिनो के लिए बाहर गई है अब बुटीक मे मैं ऑर शिखा ही होंगे
तुम जब चाहो आओ ऑर मस्ती करो,कोई परेशानी नही होगी,,,,,करण तो इतनी बात सुनते ही खुश हो गया,,,,
हाँ करण फिर जब दिल करे तब मस्ती काने आ जाना तुम,ऑर वैसे भी मैं भी तो शिखा को इसलिए लेके जा रही हूँ अपने
साथ ताकि ज़्यादा से ज़्यादा टाइम स्पेंड कर सकूँ इसके साथ,,इतना बोलके दीदी ने शिखा के बूब्स को मसल दिया ऑर हल्की किस भी करदी शिखा के लिप्स पर,,,,,,
क्या करती हो शोभा माँ आ जाएगी,,,,,दीदी आंटी का नाम सुनते ही जल्दी से शिखा से दूर हो गई,,,,
अरे वो स्टिचिंग मशीन कहाँ है शिखा उसको कार मे रखवा दो,,,,
करण तुम जाओ सन्नी के साथ ऑर मेरे रूम से स्टिचिंग मशीन उठा कर कार मे रख दो,,,,,
मैं ऑर करण उठकर दीदी के रूम मे गये ऑर स्टिचिंग मशीन उठाकर कार मे रखके वापिस आ गये,,,,तब तक अलका आंटी
भी चाइ लेके आ गई थी,,,,हम लोगो ने चाइ पी ऑर कुछ इधर उधर की बातें की फिर वापिस घर की तरफ आ गये,,,
ये सब क्या हो रहा था सन्नी,,,,दीदी ने मेरे से पूछा,,,,,
क्या- क्या हो रहा था दीदी,,,,,मैं कुछ समझा नही,,,,
तुम अलका आंटी की गान्ड को इतना क्यूँ घूर रहे थे,,क्या अब तुम्हारी नज़र उनकी गान्ड पर है,,,,
मैं हँसने लगा,,,,,,सही सोचा अपने दीदी,,,,,,,क्या आप कुछ हेल्प कर सकती हो इस बारे मे,,,,
तू सच मे बहुत बड़ा कमीना है सन्नी किसी को तो बख्स दे अब,,,,,,,,,,
क्या करूँ दीदी आंटी की मस्त मोटी गान्ड देख कर लंड मे तूफान उठने लग जाता है ऑर मैं कॉन्सा अकेला हूँ जो उनकी
गान्ड देख रहा था आप भी तो घूर रही थी उनकी गान्ड को,,,,आप क्या सोच रही हो मैने आपको नोटीस नही किया था
जब आप चाइ पी रही थी तब भी आंटी के बड़े बड़े बूब्स को घूर रही थी आप,,,,
दीदी हँसने लगी,,,,,क्या करूँ मेरे भाई मैं भी तेरी बेहन हूँ ,,,आज जबसे माँ के बड़े बड़े बूब्स मुँह मे भरके चूसे
है तबसे बड़े बूब्स अच्छे लगने लगे है ऑर मोटी मस्त गान्ड भी तभी तो अलका आंटी की तरफ घूर रही थी मैं,,,,
तो कुछ करो ना दीदी,,,,,,,,,कोई प्लान बनाओ ताकि हम मस्ती कर सके आंटी के साथ ऑर उनको भी अपने खेल मे शामिल कर सके फिर वक़्त रहते कारण ऑर शिखा को भी शामिल कर लेंगे उनकी माँ के साथ मस्ती करने के लिए,,ऑर उसके बाद करण ऑर शिखा कोई टेन्षन नही होगी वो जब चाहे अपने घर मे मस्ती कर सकते है,,,,ऑर वैसे इस काम के लिए करण भी तैयार है उसका भी दिल करता है अपनी माँ की गान्ड मारने को लेकिन वो डरता है अपनी माँ से ऐसी बात करने से ,,,,,
अच्छा तो करण भी तेरी तरह पक्का कमीना है जो अपनी माँ की गान्ड लेना चाहता था,,,,,इतना बोल कर दीदी हँसने लगी फिर कुछ सोचने लगी,,,,,,,,,,,,,देख सन्नी अगर बात होती शिखा को तैयार करने की तो मैं हेल्प कर सकती थी लेकिन अलका आंटी को तैयार करना मेरे बस की बात नही इसके लिए तुझे किसी ऑर की हेल्प की ज़रूरत है,,,,
किसकी दीदी,,,,,,,,,,,,,कॉन करेगा मेरी हेल्प,,,,
तू टेन्षन मत ले तेरा काम हो जाएगा ,,तुम ऑर करण मिलकर अलका आंटी की चुदाई कर सकते हो ,,बाद मे मैं ऑर शिखा भी मिलकर उसकी माँ के साथ मस्ती कर सकते है,,,,,मैं तो कुछ नही कर सकती लेकिन कोई है जो हम दोनो की हेल्प कर सकता है,,,
कॉन है वो मुझे भी तो बता दो दीदी,,,,,,
आज नही कल बताउन्गी तेरे को,,,,,,थोड़ा सबर करो,,,
मैने दीदी से फिर पूछा लेकिन दीदी कुछ नही बोली,,,,,फिर ना मैने कोई बात की ऑर ना दीदी ने हम लोग ऐसे ही घर आ गये लेकिन मैने दीदी की तरफ देखा तो ऐसा लग रहा था वो कुछ सोच रही है,,,,
हम लोग घर पहुँच गये ,,,,,,
मैं कार को घर के अंदर करके मेन डोर तक चला गया जबकि दीदी कार से उतर कर किसी को फोन करने लगी,,,,
मैने बेल बजाई तो मामा ने आके दरवाजा खोला ऑर वापिस पलट कर अंदर चला गया मैं दीदी की तरफ देखा कर दीदी को बुलाने लगा तभी दीदी ने फोन कट करके मुझे अंदर जाने को बोला ,,,,मैं अंदर जाने लगा तो दीदी ने फिर किसी का नंबर डायल किया ऑर बात करने लगी,,,खैर मैं घर के अंदर चला गया ऑर हाथ मुँह धोके डाइनिंग टेबल पर आ गया
माँ खाना लगा चुकी थी ,,,मामा पहले से वहीं बैठा हुआ था ऑर सोनिया भी ,,,,,,मैने सोनिया की तरफ कोई खास ध्यान नही दिया ऑर जाके मामा की साथ वाली चेयर पर बैठ गया,,,,कुछ देर मे मामा ने सारा खाने का समान टेबल पर रख दिया ऑर खुद भी हमारे साथ बैठ गई,,,2 मिनट बाद शोभा दीदी भी अंदर आ गई ,,,,,,,,,,हम सब खाना खाने लगे ऑर बातें करने लगे ,,लेकिन शोभा ऑर मामा बार बार एक दूसरे की तरफ़ देख रहे थे ,,,,दोनो के जिस्म मे आग लगी हुई थी,,लेकिन अभी कुछ नही कर सकते थे बस एक दूसरे को देख कर ही मन शांत कर रहे थे,,,
खाना ख़त्म होने के बाद सोनिया उपर आने रूम एम चली गई जबकि माँ ऑर शोभा बर्तन किचन मे रख कर माँ के रूम मे चली गई,, मैं भी उनके पीछे पीछे चला गया ,,,
माँ ऑर शोभा रूम मे जाते ही किस करने लगे,,
बेटी अभी कुछ मत कर जो करना है कल सुबह करते है,,,,माँ उसको मना कर रही थी लेकिन शोभा है कि माँ की बात ही नही सुन रही थी,,,
सुबह क्यू माँ अभी क्या है,,,,
बेटी अभी सोनिया हाँ ना घर पर,,,,,,,,,तो माँ उसको भी शामिल कर लेते है खेल मे ,,,फिर तो कोई टेन्षन नही होगी,,,,
अच्छा कॉन करेगा उसको राज़ी ये खेल खेलने के लिए,,,किसके मे है इतनी हिम्मत ,,,,,माँ ने हँसते हुए बोला,,,,
ये सन्नी है ना माँ ये कोशिश करेगा,,,,,इतना बोलकर माँ ऑर शोभा हँसने लगी,,,
मेरी तो गान्ड ही फॅट गई ये सुन कर,,,,
अरे बेटी क्यू इस मासूम को मरवाना है सोनिया के हाथों ,,जब तेरी बुआ ऑर मामा कुछ नही कर सके तो ये क्या कर लेगा,,,,
मैं हैरान हो गया ,,,,,,मामा ऑर बुआ ने कोशिश की थी सोनिया को खेल मे शामिल करने की लेकिन कब,,,,
ये क्या बोल रही हो माँ ,,,,मामा ऑर बुआ ने कब कोशिश की सोनिया को शामिल करने की अपने साथ,,,,,
तभी मामा अंदर आ गया,,,,,,बेटा मैने कोशिश नही कि बस कोशिश करने ही वाला था ऑर हिम्मत जुटा रहा था लेकिन जो कुछ देखा वो देख कर हिम्मत जुड़ने से पहले ही टूट गई,,,,
ऐसा क्या देखा मामा ,,,,,,,,,
देखा एक गाल ऑर एक थप्पड़,,,,,,,,,जिसकी वजह से गाल लाल हो गया था,,,,,,,,,,,,,मामा ने इतना बोला ओर हँसने लगा साथ मे माँ भी हँसने लगी,,,लेकिन शोभा चुप रही,,,,,
मेरी गान्ड फटने लगी कहीं माँ ऑर मामा ने मेरे थप्पड़ लगते तो नही देख लिया था गाओं मे जब सोनिया ने मुझे मांरा था,,,,
क्या देखा मामा ऑर कहाँ देखा,,,,,,,,,
यहीं देखा बेटा किचन मे,,,,,,,,,,,,,,सोनिया का थप्पड़ ऑर तेरी बुआ का गाल ,,,,,,,,,,,,,इतना कस्के थप्पड़ लगा था कि एक ही पल मे तेरी बुआ का मुँह लाल हो गया था,,,,ऑर ये देख कर मेरी बॉल्स मेरे गले मे अटक गई थी,,,,
क्या बोल रहे हो मामा खुल कर बोलो ना,,,,,,,,,
तभी शोभा बोलने लगी,,,,
सन्नी जब पापा ने गीता को मुझे उनके साथ खेल मे शामिल होने के लिए तैयार करने को बोला तो उसके कुछ दिनो बाद पापा की नज़रें सोनिया पर टिक गई ,,वो सोनिया के साथ भी चुदाई करना चाहते थे ,,गीता बुआ ने पापा की बात मान ली ऑर सोनिया को साथ मिलने का खेल शुरू हो गया लेकिन पहले तो गीता बुआ को सोनिया को अपने लिए पटाना था बाद मे पापा के सामने पेश करना था ,,लेकिन बुआ की कोशिश बेकार गई ऑर बदले मे एक कस्के थप्पड़ मिला सोनिया के हाथ का,,,,तभी तो सोनिया बुआ से कुछ खफा रहती है ऑर बुआ भी ज़्यादा बात नही करती सोनिया से,,,,,
मेरे तो गान्ड दोबारा फॅट गई ये सुनकर की सोनिया ने बुआ को थप्पड़ मारा था,,,,अगर वो बुआ को थप्पड़ मांर सकती है तो मेरे को तो गोली भी मांर सकती है,,,,शोभा की बात सुनके आज सोनिया मुझे अपने हाथ से रेत की तरह फिसलती हुई नज़र आ रही थी,,,,,,,,
हाँ बेटा ,,,मैं उस टाइम किचन के डोर के पास खड़ा हुआ था,,,कुछ दिनो मे मैं भी कोशिश करने वाला था सोनिया को क़ाबू करने की लेकिन गीता का हाल ऑर लाल गाल देख कर मेरी हिम्मत नही हुई,,,,वो है ही इतने गुस्से वाली,,,,,,,,,,,
साला अब समझा क्यू शोभा ने भी मुझे मना कर दिया था मेरे लिए सोनिया को तैयार करने के लिए,,,,साला अब तो जितना हो सके दूर रहना होगा उस हिट्लर सोनिया से,,,,ग़लती से भी करीब चला गया तो कच्चा चबा लेगी मुझे,,,,,
अरे आप लोग किन बातों मे उलझ गये,,,,,बात तो ये करनी है कि आज सोनिया घर पर है तो मस्ती कैसे कर सकते है हम्सब लोग मिलकर,,,
उसकी टेन्षन आप मत लो मों,,,,मैने सब बंदोबस्त कर दिया है बस कुछ देर रूको,,,,
क्या बंदोबस्त किया है मुझे भी बता दो बेटी,,,,माँ ने अभी पूछा ही था कि माँ के रूम के दरवाजे पर सोनिया आके खड़ी हो गई,,,,,
दीदी अक्तिवा की चाबी देना ज़रा,,,सोनिया ने रूम मे आते ही बोला,,,,
सोनिया को दरवाजे पर खड़ा देख कर एक दम से सबका रंग उड़ गया ,,,,,सब लोग डर गये,,रूम मे एक दम से सन्नाटा हो गया,,,,
सबको यही डर लग रहा था कहीं सोनिया ने वो सब बातें तो नही सुन ली थी जो अभी हम लोग कर रहे थे,,,,,,
तभी शोभा की आवाज़ के साथ रूम का सन्नाटा दूर हुआ,,,,,,,,,,अक्तिवा क्या करनी है तूने इतनी रात को,,,,,,कहाँ जाना है,,,,,
दीदी वो कामिनी भाभी का फोन आया था उन्होने मुझे घर पे बुलाया है अभी,,,,,सोनिया ने जवाब दिया,,,,,,,,
अरे बेटी अभी तो कुछ देर पहले तू कविता के घर से आई है ऑर अभी फिर जा रही है,,,कोई खास वजह,,,,,,माँ ने सोनिया से पूछा,,,,,
माँ अभी कामिनी भाभी का फोन आया था ,,,,उनकी सास यानी कविता की मोम अभी कुछ देर पहले कविता के डॅड के पास चली गई है,,,वो जिस फॅक्टरी मे काम करते है वहीं उनको एक नया फ्लॅट मिला है ,,,,,कविता का भाई सूरज भी उनको छोड़ने के लिए उनके साथ गया है,,घर मे कविता ऑर भाभी है बस,,इसलिए उन लोगो ने मुझे वहाँ बुलाया है,,,मैं अब कल सुबह ही वापिस आउन्गी,,,,
इतनी देर तक शोभा रूम से निकल कर उपर अपने रूम मे चली गई अक्तिवा की चाबी लेने ऑर उसके बाहर जाते ही मामा भी माँ के रूम से निकल गया,,,,मैं ऑर माँ वहीं थे,,,,,,,,,,,,,,
तभी माँ बोली,,,,,तुम अब रात वहीं रहने वाली हो सुबह वापिस आओगी,,,,
हाँ माँ मैं रात वहीं रहने वाली हूँ,,,,,,,,,,,लेकिन ऐसा क्यू पूछ रही हो आप,,,,,,
कुछ नही बेटी ये सन्नी मेरे साथ सोने वाला था ,,बोल रहा था उपर तुम्हारे साथ नही सोना,,,,लगता है तुम लोगो का झगड़ा अभी तक ख़तम नही हुआ है इसलिए ये उपर नही सोने जा रहा था लेकिन मुझे इसको अपने साथ नही सुलाना था रात को बहुत हिलता जुलता रहता है ये बेड पर,,,,सोते टाइम बहुत हाथ पैर चलाता है ,,,ना खुद सोता है ना मुझे सोने देता है,,,,,अब तुम अगर रात वहीं रहने वाली हो तो ये उपर जाके उस रूम मे सो जाएगा,,,,इसलिए पूछा था बेटी,,,,,
सोनिया कोई बात करती इस से पहले शोभा दीदी चाबी लेके आ गई ऑर सोनिया कुछ बोले बिना ही वहाँ से चली गई,,,शोभा दीदी उसको दरवाजे तक छोड़ने गई ऑर फिर दरवाजा बंद करके वापिस आ गई,,,,,
रूम मे मैं ऑर माँ बेड पर बैठ गये थे ,,,जबकि मामा बाहर सोफे पर बैठा हुआ टीवी देख रहा था,,,टीवी देख नही रहा था बस सोनिया के सामने टीवी देखने का नाटक करने लगा था ऑर सोनिया के जाने का वेट कर रहा था,,,,सोनिया के जाते ही वो भी शोभा के पीछे पीछे रूम मे आ गया,,,,,,,,,
अच्छा हुआ चली गई,,,,अब वापिस आएगी या रात वहीं रुकने वाली है,,,,,,,मामा ने अंदर आते ही पूछा,,,,,
वो रात वहीं रुकने वाली है मामा,,,ऐसा मुझे दरवाजे पर बोलकर गई है,,,अब सुबह ही वापिस आएगी,,,,,शोभा ने मामा की बात का जवाब दिया,,,,
इतने मे मामा ने शोभा को अपने करीब किया ऑर किस करने लगा,,,अच्छा हुआ चली गई अब रात भर तेरी चूत ऑर गान्ड मारूँगा मैं,,,,
मामा दीदी को किस करने ही लगा था कि दीदी ने मामा को रोक दिया,,,,,,,,,,,,,
अभी नही मामा कुछ देर रूको मुझे थोड़ा काम है,,,,तब तक तुम माँ के साथ मस्ती करो ,,,मैं अभी आई 15-20 मिनट मे,,,,
मामा ने दीदी को छोड़ दिया ,,,,,अच्छा जल्दी अपना काम ख़तम करके आ जाओ बेटी तब तक मैं तेरी माँ को थोड़ा खुश करता हूँ सन्नी के साथ मिलकर लेकिन ज़्यादा टाइम मत लगाना वरना मेरे लंड का बुरा हाल हो जाना है,,,मामा ने पयज़ामे के उपर से अपने लंड को मसल्ते हुए सब बात बोली ऑर बेड पर हम लोगो के पास आ गया ,,आते आते मामा अपने कपड़े उतारने लगा,,,,मामा को देख माँ भी जल्दी से नंगी होने लगी लेकिन मुझे कुछ अजीब लग रहा था,,,सोनिया इतनी रात को कभी नही गई कविता के घर ऑर भला ऐसा क्या काम होगा कि भाभी ने उसको फोन करके बुला लिया है,,,,
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही
sonia ko to bhul hi jayo.....ya fir uska ilaaj koi khatarnaak tarike se karna