कहीं वो सब सपना तो नही complete

Post Reply
User avatar
007
Platinum Member
Posts: 5355
Joined: 14 Oct 2014 17:28

Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

mastram wrote:jise ko taisa pahle sunny our shobha ne bhi bechaari kamini ke sath aisa hi kiya tha
jay wrote:भाभी पूरे मज़े ले रही है
thanks dosto
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
User avatar
007
Platinum Member
Posts: 5355
Joined: 14 Oct 2014 17:28

Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »


तभी कुछ देर बाद भाभी फिर बाथरूम से बाहर निकल आई लेकिन इस बार वो नंगी नही थी उनके जिस्म
पर एक टवल था जिसको उन्होने अपने बूब्स से लेके चूत के थोड़ा सा नीचे तक बँधा हुआ था लेकिन फिर
भी वो शरमा रही थी,,,,,

मैं अभी भी उनको एक आँख से देख रहा था लेकिन मैने दूसरी आँख से पट्टी नही उठाई थी,,,,

तुझे कहा था ना पट्टी मत उतारना,,,भाभी ने मेरे पास आके मेरी आँख पर लगी पट्टी को वापिस नीचे किया ऑर
मेरे गाल पर हल्के से थप्पड़ मारा,,,,

अरे भाभी अब इतना क्यूँ शरमाती हो ,,मैं पहले भी तो आपको ऐसी हालत मे देख चुका हूँ ऑर आपके साथ
सब कुछ कर चुका हूँ फिर भला अब ये शर्म कैसी,,,,,,,,,

तब हालात कुछ ऑर थे उस दिन सन्नी मैं मजबूर थी वो सब करने को,,,भाभी ने मेरे पास बैठ
कर मेरे हाथ को अपने हाथ मे ले लिया,,,,वैसे थोड़ी मजबूर भी थी तेरी वजह से

अच्छा तो आज भी आप मजबूर थी ऑर वो भी मेरी वजह से,,,,

हाँ आज भी मजबूर थी ऑर मजबूर नही भी थी,,,,,आज तो मेरा दिल कर रहा था तेरे से मिलने को ,,,तभी तो,,,
तभी तो क्या भाभी,,,,

तभी तो तुझे झूठ बोल कर यहाँ बुलाया था ,,तबीयत ठीक नही होने का बहाना किया था,,,इतना बोलकर
भाभी हँसने लगी,,,,

मैं भी दिल ही दिल मे हँसने लगा,,,,,लेकिन उपर उपर से नाटक करने लगा,,,,

क्या भाभी अपने झूठ बोलकर मुझे यहाँ बुला लिया ऑर वहाँ पता है कितनी इंपॉर्टेंट क्लास मिस हो गई मेरी

अच्छा कॉलेज की क्लास इंपॉर्टेंट थी ऑर मैं इंपॉर्टेंट नही हूँ क्या तेरे लिए,,,,क्या वहाँ क्लास मे ही मज़ा
आता तेरे को ओर यहाँ मज़ा नही आया क्या,,,,

ऐसी बात नही है भाभी कॉलेज की क्लास से ज़्यादा इंपॉर्टेंट तो आपकी क्लास है जिसमे कॉलेज से ज़्यादा मज़ा आया
मुझे लेकिन अपने मज़ा थोड़ा किरकिरा भी कर दिया आज,,,,

मज़ा किरकिरा कर दिया,,भाभी थोड़ा उदास हो गई,,,लेकिन मैने तो तेरे को ससप्राइज़ दिया तुझे सर्प्राइज़ अच्छा
नही लगा क्या,,,भाभी सच मे उदास होके बोल रही थी,,,

कॉन्सा सुरप्राइज़ भाभी,,,,

कॉन्सा सर्प्राइज़,,ये भी बताना पड़ेगा क्या अब मुझे सन्नी,,,

मैने भाभी के फेस की तरफ अपना फेस किया ऑर भाभी के गाल पर किस करदी ,,

इतने प्यार से मैने आज तेरा लंड चूसा ऑर तुझे सर्प्राइज़ दिया ऑर तू पूछता है कॉन्सा सर्प्राइज़,,,,उस दिन तो
मैं तेरा लंड ठीक से चूस नही पाई थी क्यूकी अंजान थी इन सब बातों से इसलिए आज मोका देख कर तुझे
झूठ बोलके यहाँ बुलाया ताकि तेरा लंड चूस सकूँ ऑर तुझे उस दिन के लिए थन्क्ष्क्ष्क्ष बोल सकूँ लेकिन तू है
की पूछता है कॉन्सा सर्प्राइज़,,,,,भाभी ने फिर से थोड़ा उदास होके बोला,,,,

अच्छा तो आप उस सर्प्राइज़ की बात कर रही हो मुझे लगा कि ये आँखों पर पट्टी वाली बात को आप सर्प्राइज़ बोल
रही हो ,,,,मैं तो इस पट्टी वाली बता को बोरिंग बोल रहा था भाभी इसी ने तो सारा मज़ा किरकिरा किया है जिस
वजह से मैं आपके खूबसूरत ऑर नंगे जिस्म को जी भरके नही देख पाया,,,आपका वो लंड चूसने वाला
सर्प्राइज़ तो बहुत अच्छा लगा मुझे ओर आज तो अपने बहुत अच्छे से चूसा मेरे लंड को भाभी सच मे बहुत
मज़ा आया मुझे,,,,

तभी भाभी खुश हो गई ऑर मेरे सीने से लग गई,,सच मे सन्नी तुझे मज़ा आया जब मैने तेरा लंड चूसा
मुझे तो लगा था आज मैं ठीक से नही कर पाउन्गी थोड़ा दर भी रही थी क्यूकी कभी ऐसा नही किया मैने
आज तक,,,सबसे पहला लंड तेरा है जिसको मैने मुँह मे लिया,,,,

क्यू भाभी सूरज भाई का लंड नही लिया क्या कभी मुँह मे ,,,,,

नही सन्नी वो ऐसा कुछ नही करते बस मैं नीचे लेट जाती हूँ ऑर वो उपर आके 2 मिनट मे अपना काम
करते है ऑर सो जाते है ,,ना तो कभी मेरी चूत को चाटते है ऑर ना कभी आज तक उन्होने मुझे अपना लंड
चुस्वाया है ऑर मैं भी इन सब बातों से अंजान थी अभी तक ,,वो तो उस दिन तुझे ऑर शोभा को ऐसा करता
देख एक अलग ही मज़ा आया मुझे,,,इसलिए तो तुझे यहाँ बुलाया है मैने,,,ताकि तेरा लंड चूस सकूँ ऑर तुझे
खुश कर सकूँ,,,

भाभी मुझे खुशी तो हुई पर इस पट्टी ने मज़ा खराब कर दिया,,,,क्या अब इसको उतार दूं मैं,,,,

नही सन्नी इसको मत उतरना प्लीज़ इस पट्टी की वजह से मैं तुम्हारे साथ हूँ इसी पट्टी ने तो मेरी हिम्मत
बढ़ाई है आज ऑर मैं इतना सब कुछ कर सकी हूँ,,,वर्ना मेरी तो कभी हिम्मत ही नही होती तेरे सामने यू
कपड़े उतारने की,,,, ऑर अगर ये पट्टी उतर गई तो मैं यहाँ से चली जाउन्गी ऑर तुझे तेरा दूसरा सर्प्राइज़ भी
नही दूँगी,,,,इतना बोलकर भाभी थोड़ा हँसने लगी,,,

कॉन्सा दूसरा सर्प्राइज़ भाभी,,,मैने एक्सिट्मंट मे पूछा,,

क्यू बताऊ कॉन्सा सर्प्राइज़ ,,तूने तो पट्टी उतारनी है ना आँखों से तो उतार दे ,,,

नही उतारता इस पट्टी को भाभी लेकिन जल्दी बताओ ना कॉन्सा दूसरा सर्प्राइज़,,

तभी भाभी बेड से उठी ऑर शायद खड़ी हो गई थी उन्होने ने मेरा हाथ पकड़ा ऑर अपनी गान्ड पर रख दिया
मैं तो एक दम से खुश हो गया था क्या मस्त गान्ड थी उनकी ऑर उसके उपर आयिल भी लगा हुआ था जो भाभी
शायद बाथरूम से लगा कर आई थी ,,मैने भाभी की चिकनी आयिल लगी गान्ड पे हाथ घमाया ऑर हलके से अपनी
एक उंगली भाभी की गान्ड के हॉल के करीब करदी गान्ड पर बहुत ज़्यादा आयिल लगा हुआ था जिस से उंगली फिसल कर
गान्ड मे घुस गई ऑर भाभी के मुँह से हल्की अयाया निकल गई,,,,,,,,ऑर इधर मेरा लंड फिर से ओकात मे आ
गया,,,,,

क्यू कैसा लगा दूसरा सर्प्राइज़ ,,इतना बोलकर भाभी ने मेरा हाथ गान्ड से हटा दिया ऑर मेरे लिप्स पर किस
करने लगी,,,,किस करते हुए भाभी ने मुझे वापिस बेड पर लेटा दिया ऑर खुद मेरे उपर आ गई जब मैं
बेड पर लेट गया तो भाभी ने फिर से मेरे हाथ बाँधने की कोशिस की,,,,

अरे भाभी आँखों पर पट्टी तो ठीक है लेकिन ये हाथ क्यू बाँध रही हो,,इनको तो खुले रहने दो,,,,

नही सन्नी हाथ भी बाँधने ज़रूरी है क्यूकी इसका भी एक अलग ही मज़ा है ऑर वैसे भी अब मैं काफ़ी कुछ
सीख चुकी हूँ तेरे ऑर शोभा से अब मैं सब ठीक से कर लूँगी,,,

लेकिन भाभी पहली बार भी ठीक से नही हुआ था आपसे तो अब कैसे होगा ,,पहले भी आपको मेरे हाथ खोलने
पड़े थे,,,,

ठीक है अगर इस बार भी मेरे से सही से नही हुआ तो मैं तेरे हाथ खोल दूँगी लेकिन अभी तो बाँधने दे

फिर मैं कुछ नही बोला ऑर आराम से लेट गया भाभी ने मेरे हाथ फिर से बाँध दिए ऑर एक पल के लिए मेरे
से दूर हट गई ऑर वापिस मेरे करीब होके मुझे किस करने लगी ऑर किस करते हुए मेरे उपर लेट गई,,,

भाभी अब फिर से नंगी हो गई थी उन्होने टवल निकाल दिया था ,,उनका नंगा जिस्म मेरे नंगे जिस्म पर
महसूस करके मैं फिर से मस्त हो गया था लंड तो पहले से ओकात मे आ गया था जब हाथ भाभी की आयिल
वाली चिकनी गान्ड पर रखा था लेकिन अब तो लंड मे हल्का दर्द होने लगा था मैं बस जल्दी से अपने लंड
को भाभी की गान्ड मे घुसा देना चाहता था,,,

लेकिन भाभी को कोई जल्दी नही थी जबकि मुझे डर लग रहा था कहीं खेल ख़तम होने से पहले कविता नही
आ जाए कॉलेज से,,,,

भाभी मेरे उपर लेट कर मुझे किस करते हुए मेरे जिस्म पर हाथ फेरने लगी,,,,मैं भी भाभी को पूरी
मस्ती से किस का रेस्पॉन्स देने लगा ,,,,,

हाई कितना मज़ा आता है तेरे साथ ऐसे नंगे होके लेटने मे सन्नी ,,जी करता है सारा दिन तेरे साथ ऐसे ही बेड
पर लेटी रहूं ऑर तेरे जिस्म से खेलती रहूं,,,तेरे मूसल लंड को चूत मे लेके बेड पर सोती रहूं सारा दिन,,,


जो दिल करता है करो भाभी ऑर जितना टाइम मेरे साथ सोना है आराम से सोती रहो मुझे कोई प्राब्लम नही है,,

तुझे नही है लेकिन मुझे तो है ना,,,,कभी भी कोई भी आ सकता है ,,

कों आ सकता है भाभी,,,,,कविता अभी कॉलेज मे होगी ऑर सूरज भाई ऑफीस मे,,,अपनी सास ऑर ससुर तो बाहर सिटी
मे है तो फिर कॉन आ सकता है,,,,

उनमे से तो कोई नही आ सकता बट कोई ऑर भी तो आ सकता है ना,,,जैसे कोई पड़ोसी या कोई ऑर,,,

अरे भाभी पड़ोसी घर के अंदर तो नही आएगा ना ऑर वो कॉन्सा रोज रोज आएगा,,,रोज रोज का डर तो घरवालो का
होता है,,,,,

हाँ सन्नी ठीक कहा तूने ,,,,काश कुछ ऐसा हाल हो जाए इस मुश्किल का कि हम दोनो जब दिल करे तब मस्ती कर
सके किसी घर वाले के आने का भी डर नही हो,,,काश किसी तरह से ये मसला हल हो जाए तो हम दोनो जब दिल
करे तब मस्ती कर सकते है वो भी बिना किसी डर के,,,,लेकिन इतनी किस्मत कहाँ इतनी जल्दी ऑर इतनी आसानी से ये मसला हल होने वाला कहाँ,,,,


मैने दिल ही दिल मे सोचा कि भाभी आप कविता को इस खेल मे शामिल कर लो फिर सब ठीक हो जाएगा क्यूकी वही
है जो कॉलेज से जल्दी आ जाती है सूरज भाई तो रात को ही आता है,,अगर कविता खेल मे शामिल हो गई तो हम सूरज
भाई के आने तक तो मस्ती कर ही सकते है ऑर वो भी सारा दिन,,बिना किसी डर के,,,,

हाँ भाभी ये मुश्किल इतनी जल्दी ऑर आसानी से हल होने वाली कहाँ है,,,ओर वैसे भी इस मुश्किल को आपको ही हल करना होगा ,,मैं इसमे कोई हेल्प नही कर सकता आपकी,,,,

जानती हूँ सन्नी लेकिन मुझे समझ नही आता कैसे हल होगी ये मुश्किल ,,,,

चलो छोड़ो भाभी जब हल होगी तब होगी अभी तो हम लोग मस्ती करते है अब भला क्यू फालतू की टेन्षन लेके
टाइम वेस्ट करना,,,,मैने अभी इतना बोला ही था कि भाभी फिर से मेरे लिप्स पर किस करने लगी ऑर अब भाभी
ने मेरे लंड को भी हाथ मे ले लिया था जो पूरी ओकात मे आ गया था,,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
User avatar
007
Platinum Member
Posts: 5355
Joined: 14 Oct 2014 17:28

Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »


भाभी कुछ देर ऐसे ही मुझे किस करती रही और लंड को हाथ मे लेके मसल्ति रही फिर कुछ देर बाद भाभी
मेरे जिस्म से उपर उठ गई ऑर मेरे लिप्स से अपने लिप्स दूर करके मेरी चेस्ट पर किस करने लगी ऑर साथ ही मेरे
लंड को मसलती रही ,,,,फिर भाभी मेरी चेस्ट से नीचे की तरफ बढ़ने लगी ऑर नीचे बढ़ती हुई अपने लिप्स को मेरी
चेस्ट पर टच करने लगी ऑर हल्की हल्की किस करके नीचे बढ़ती रही,,,,कुछ देर बाद भाभी फिर से मेरे लंड
के करीब पहुँच गई ऑर लंड पर अपने लिप्स रख कर हल्की किस करने लगी,,,,ऑर जैसे ही भाभी मे अपना मुँह
खोला ऑर मेरे लंड को मुँह मे लेने लगी तभी बाहर डोर बेल बजी,,,,

मेरो तो गान्ड ही फॅट गई ऑर शायद भाभी की भी,,,,,,,

मुझे लगा कि शायद कविता आ गई ऑर अगर कविता आई है तो पक्का साथ मे सोनिया भी होगी ऑर अगर उसने मुझे
इस हालत मे देख लिया तो मेरी मौत पक्की है आज,,मेरे को तो पसीना आने लगा ऑर शायद रंग भी पीला पड़ गया
था मेरा,,,,

तभी भाभी एक दम से बेड से उठी,,,,तुम यही रूको मैं देखती हूँ कॉन है,,,

मेरे हाथ तो खोल दो भाभी ताकि मैं जल्दी से कपड़े पहन सकूँ ,,,,,

तुम टेन्षन मत लो आराम से यहीं लेटे रहो ऑर कोई आवाज़ मत करना मैं देखती हूँ कॉन है बाहर ,,,

लेकिन भाभी,,,,,मैं अभी बोलने ही लगा था कि भाभी ने मेरे मुँह पर हाथ रख दिया,,,,बोला ना चुप करके
लेटे रहो को आवाज़ मत करना मैं देख कर आती हूँ कॉन है बाहर,,,,,,,,,

इतना बोलकर भाभी पीछे हट गई ओर फिर कोई 2-3 मिनट बाद मुझे भाभी के रूम का दरवाजा खुलने ऑर
बंद होने की आवाज़ आई,,,,,,भाभी रूम से बाहर चली गई थी,,,,ऑर मैं यहाँ बेड पर लेटा हुआ डर से काँप
रहा था ,,मेरी गान्ड फटी हुई थी मेरी बॉल्स मेरे गले मे अटकी हुई थी,,,मैं उठकर कपड़े पहनना चाहता
था लेकिन मेरे हाथ बँधे हुए थे मैं कुछ नही कर सकता था बस दुआ ही कर सकता था कि बाहर जो कोई
भी है वो इस रूम मे नही आए,,,

मैं अंदर बेड पर लेटा हुआ था दोनो हाथ बेड से बँधे हुए थे आँखों पर भी पट्टी बँधी हुई थी,,बाहर
डोर बेल बजी ऑर भाभी बाहर चली गई,,,,अंदर मेरी बेड पर लेटे हुए ही गान्ड फटी हुई थी ये सोच सोच कर
कि बाहर गेट पर कॉन आया होगा,,,सबसे ज़्यादा डर था मुझे कविता के आने का लेकिन उस से भी कहीं ज़्यादा डर
था मुझे कविता के साथ सोनिया के आने का क्यूकी अगर कविता मुझे ऐसी हालत मे देख लेती तो मुझे इतना फ़र्क
नही पड़ने वाला था ,वैसे पंगा तो तब भी बहुत होना था लेकिन अगर सोनिया मुझे ऐसी हालत मे यहाँ देख
लेती तो मेरी मौत आज पक्की थी ,,,,,,यही बिस्तेर मे मेरी लाश मिलनी थी आँखों पर पट्टी ऑर हाथ बँधे हुए,,

मैं बेड पर लेटा पता नही क्या क्या सोच रहा था तभी रूम का दरवाजा खुला ऑर कोई अंदर आ गया,,मेरी
गान्ड अभी भी फटी हुई थी लेकिन जल्दी ही मैं शांत हो गया क्यूकी अंदर आते ही भाभी की आवाज़ मेरे कानो
मे पड़ी थी,,,,,

इतना पसीना क्या आ गया है तुमको सन्नी ,,,,,,,एसी ऑन है फिर भी तुमको गर्मी लग रही है क्या,,,,इतना बोलके
भाभी हँसने लगी,,,,

आग लगाओ एसी को भाभी आपको मज़ाक सूझ रहा है यहाँ मेरी गान्ड फटी हुई थी,,कॉन आया था गेट पर,,,,

अच्छा तेरी भी फटी है क्या ,,मुझे तो लगा था तू ही सब्की फाड़ता है,,भाभी फिर हँसने लगी,,,,

आज भाभी कुछ ज़्यादा ही खुल कर बातें कर रही थी ,,,,या तो मेरे साथ मस्ती का असर था या फिर मेरी आँखों
पर बँधी हुई पट्टी का असर जिस वजह से भाभी बिल्कुल भी शर्म नही रही थी,,,,

हाँ भाभी ऐसे मोके पर मेरी भी कभी कभी फॅट जाती है,,,बोलो ना कॉन आया था गेट पर,,,,

इतना मत डरो कोई नही था तुम टेन्षन मत लो,,,,

कोई नही था फिर डोर बेल अपने आप बजने लगी थी क्या,,,,

अरे मेरा मतलब घर का कोई सदस्य नही था,,पोस्टमॅन था,,,,अब चला गया है,,,,

अच्छा पोस्टमॅन था,,,,,,पोस्टमॅन का सुनकर मेरी जान मे जान आ गई,,,
अच्छा तो पोस्टमॅन से आपका कोई चक्कर वक्कर है क्या,,,मैने हँसते हुए भाभी से पूछा,,,मेरा डर अब
कहीं उड़ गया था इसलिए मैं भी भाभी से मस्ती करने लगा था,,,,

चक्कर ???????कैसा चक्कर सन्नी,,,,,,,,,,

अरे आप पोस्ट मॅन को मिलने बिना कपड़ो के बाहर भाग गई थी इसलिए पूछा,,,,

चल बेशरम मैं बिना कपड़ो के थोड़ी गई थी,,कपड़े पहन कर गई थी,,नही यकीन तो ये देख ले,

भाभी मेरे पास आई ओर अपने बूब्स मेरे मुँह पर रख दिए,,,,मुझे भाभी के जिस्म पर कपड़ो का एहसास हुआ

देख कुछ महसूस हुआ मेरे जिस्म पर कपड़े है या नही,,,,इतना बोलकर भाभी भी हँसने लगी

मैने भी अपना मुँह खोला लेकिन हँसने के लिए नही ,,मैने भाभी के एक बूब को उनके कुर्ते के उपर से ही मुँह
मे भर लिया ओर हल्के से काट दिया,,,,

भाभी एक मुँह से आह्ह्ह्ह्ह्ह निकल गई,,,,,,,,,,थोड़ा आराम से करले मैं कहीं भागी जा रही हूँ क्या,,इतना बोलके
भाभी पीछे हट गई ,,शायद फिर कपड़े उतारने लगी थी,,,,,,

भाभी ये पट्टी खोल दो ना मुझे आपके नंगे ऑर खूबसूरत जिस्म को देखना है,,,,

नही सन्नी अगर पट्टी खोल दूँगी तो कुछ नही कर सकूँगी मैं ,,,बस शरमाती रह जाउन्गी ,,,अब पट्टी की वजह
से शरम दूर हुई है मेरी ऑर मस्ती करने की हिम्मत आई है,,,प्लीज़ इस पट्टी को ऐसे ही रहने को ऑर मस्ती करो
मेरे साथ मिलकर,,,इतना बोलकर भाभी बेड पर आ गई ऑर आते ही मुझे किस करने लगी,,किस करते हुए मेरे जिस्म
से एक दम सट गई थी मुझे पता चल गया था कि भाभी फिर से नंगी हो गई है जिस से मुझे मस्ती से छेड़ने
लगी थी ऑर मेरा लंड फिर से ओकात मे आने लगा था भाभी ने भी जल्दी से मेरे लंड को हाथ मे ले लिया ऑर
किस करते हुए लंड की मूठ मारने लगी,,,फिर कुछ देर बाद भाभी उठकर बैठ गई क्यूकी बेड बहुत ज़्यादा हिला
था,,,भाभी ने उठकर मेरे लंड को तेज़ी से हाथ मे लेके मूठ मारना शुरू कर दिया,,,,

अब देख मैं क्या हाल करती हूँ तेरा सन्नी,,,इतना बोलकर भाभी मेरे लंड पर झुक गई ऑर मेरे लंड को
मुँह मे ले लिया,,,पहले तो हल्के हल्के अपने सॉफ्ट लिप्स से मेरे लंड की टोपी पर किस करने लगी फिर लंड की टोपी
पर अपनी ज़ुबान घुमाने लगी ऑर लंड की टोपी को अपनी ज़ुबान से चाटने लगी फिर कुछ देर बाद मुँह को थोड़ा
ज़्यादा खोलकर लंड को मुँह मे भर लिया ऑर हल्के हल्के सर को उपर नीचे करने लगी ,,,,कुछ देर तो मुँह को
उपर नीचे करती रही फिर रुक कर आधे से ज़्यादा लंड को मुँह मे लेके अपने मुँह मे मेरे लंड पर अपनी
ज़ुबान घुमाने लगी ,,भाभी मुँह मे अंदर अपनी ज़ुबान से मेरे लंड के साथ खेलने लगी,,,मुझे बड़ा
मज़ा आने लगा था क्यूकी अब भाभी बहुत कुछ सीख गई थी,,अब तो लंड चूसने का अंदाज़ भी बिल्कुल मस्ती
भरने वाला हो गया था,,,भाभी मेरे लंड को पूरा मुँह मे लेने की कोशिस करने लगी लेकिन इतना बड़ा लंड
मुँह मे लेना अभी भाभी के बस की बात नही थी इसलिए वो आधे से थोड़ा ज़्यादा लंड को मुँह मे भरके चूसने
लगी थी,,जिस तरह से पहली बार उन्होने मेरा लंड चुसाइ था उस अंदाज़ से तो आज का अंदाज़ काफ़ी बेहतर लग
रहा था उनका,,मेरा आधे से ज़्यादा लंड उनके मुँह मे था जो उनके लिए बहुत बड़ी बात थी ऑर मेरे लिए भी
क्यूकी पहली बार तो वो आधा लंड भी मुँह मे नही ले पा रही थी ऑर आज तो आधे से भी ज्याद लंड मुँह मे ले
रही थी,,,भाभी आधे से ज़्यादा लंड को मुँह मे लेके चूस रही थी ऑर बाकी बचे लंड पर अपने हाथ से मूठ
मार रही थी भाभी के लंड चूसने का अंदाज़ बहुत निराला हो गया था ऑर नये खिलाड़ी से लंड चुसवाने की
एक्सिट्मांट ने मुझे कुछ ज़्यादा ही मस्त कर दिया था मुझे लगने लगा था कि मेरा लंड अब पानी छोड़ने
वाला है ऑर छोड़ता भी क्यू नही भाभी पीछे 10-15 मिनट से मेरे लंड को बड़े मस्त अंदाज़ मे चूस
रही थी ऑर साथ ही मूठ भी मार रही थी मुझे लगा कि अब मेरा होने ही वाला है लेकिन तभी भाभी ने
मेरे लंड को मुँह से निकाल दिया,,,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
User avatar
007
Platinum Member
Posts: 5355
Joined: 14 Oct 2014 17:28

Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »


भाभी म्मूउहह सीई क्क्यययूउ ननीककाल्ल्ला चुउस्स्त्ती र्राहहू नाआ म्मेरेरा हहूननी हहीी व्वाल्ला
हहाइईईईई,,,,,,,,,,,

नही सन्नी अभी नही होने देना अपना कम अभी तो मुझे तेरे को दूसरा सर्प्राइज़ देना है इतना बोलकर भाभी
मेरे उपर आने लगी,,,,

भाभी आपकी पहली बार गान्ड मारनी है मुझे आप उपर मत आओ मेरे हाथ खोल दो ताकि मैं खुद आपकी गान्ड
मार सकूँ आप से पहली बार मे नही होगा प्लाज़्ज़्ज़ मेरे हाथ खोल दो मेरा वैसे भी होने ही वाला है ,,

ठीक है लेकिन अपनी पट्टी मत खोलना ऑर तेरा हाथ भी एक ही खोलूँगी मैं दूसरा नही,,,,

ठीक है भाभी एक हाथ खोल दो लेकिन जल्दी खोलो अब रुका नही जाता मेरे से ,,जल्दी से अपना मूसल आपकी
गान्ड मे घुसाने को दिल कर रहा है ,,,,,,भाभी आगे बढ़ी ऑर मेरा एक हाथ खोल दिया ,,,,,,

मैं उठकर बैठ गया इतने मे भाभी मेरे सामने झुक कर कुतिया बन गई क्यूकी उनकी गान्ड मेरे करीब
थी ऑर मेरा हाथ उनकी पीठ पर आ गया था मैने हाथ को उनकी गान्ड की तरफ ले जाना शुरू किया इतने मे उन्होने
मेरे हाथ को अपने हाथ मे पकड़ लिया ऑर अपनी गान्ड पर रख दिया,,उनकी गान्ड पर अभी भी थोड़ा आयिल लगा हुआ
था कुछ आयिल कपड़े पहनने की वजह से कपड़ो पर लग गया होगा बहभही के लेकिन थोड़े आयिल से भी भाभी की
गान्ड काफ़ी चिकनी लग रही थी ओर इधर मेरा लुडन भी भाभी के थूक की वजह से काफ़ी चिकना हो गया था मैने
लंड को हाथ मे लिया ऑर भाभी की गान्ड के होल पर रखा ऑर हलके से ज़ोर लगाया लेकिन लंड गान्ड मे नही गया
मैने फिर कोशिस की ऑर थोड़ा थूक गान्ड पर लगा दिया जिस से गान्ड का होल ज़्यादा चिकना हो गया एक तो
पहले से गान्ड पर आयिल लगा हुआ था उपर से मेरा थूक लगने से गान्ड ज़्यादा चिकनी हो गई थी ,,,मैने अपने
लंड को हाथ मे लिया ऑर हल्के से ज़ोर लगाया तो लंड गान्ड मे घुस गया तभी भाभी की दबी हुई सिसकी निकल्ने
लगी लेकिन भाभी ने मुँह पर हाथ रखके सिसकी को दबा दिया इसलिए हल्की सी आवाज़ निकली भाभी के मुँह से लेकिन
वो आवाज़ मुझे कुछ ठीक नही लगी खैर मैने लंड को पीछे किया ऑर फिर से हल्का ज़ोर लगा कर आगे किया तो
इस बार आधा लंड भाभी की गान्ड मे चला गया भाभी की फिर दबी हुई आवाज़ निकली ,,मैने ऑर ज़्यादा लंड
घुसाना मुनासिब नही समझा क्यूकी भाभी की पहली गान्ड चुदाई थी इसलिए लेकिन मुझे भाभी की गान्ड इतनी भी
ज़्यादा टाइट नही लग रही थी हालाकी उनकी पहली गान्ड चुदाई थी उनकी गान्ड तो टाइट होनी चाहिए थी फिर मुझे
याद आया कि शोभा ने भाभी की गान्ड मे नकली लंड देके इसको थोड़ा खोल दिया था हो सकता है भाभी ने भी अपनी
गान्ड मे कुछ लिया हो ताकि वो अपनी गान्ड को थोड़ा खुली कर सके मेरे बड़े मूसल के लिए ,,,,

भाभी की गान्ड भले ही थोड़ी खुल गई थी लेकिन फिर भी मेरा बड़ा मूसल पूरा टाइट होने अंदर बाहर हो रहा था
क्यूकी एक तो भाभी की गान्ड मे पहली बार असली लंड गया था दूसरा मेरा लंड था ही इतना मोटा की खुली गान्ड मे भी
पूरी रगड़ ख़ाता हुआ अंदर जाता था ऑर ये तो नई नवेली गान्ड थी,मुझे ऐसा लग रहा था मैं अपने दोनो हाथों
पर आयिल लगा कर अपने लंड को माजब्बूती से पकड़ कर मूठ मार रहा हूँ मुझे सच मे भाभी की गान्ड मारने
बहुत मज़ा आ रहा था ,,,,इतना मज़ा आ रहा था कि मुझे बीच बीच मे एक ज़ोर का मस्ती भरा झटका लगा रहा
था ,,,


मैं अपना एक हाथ भाभी की पीठ पर रख कर तेज़ी से भाभी की गान्ड मार रहा था कि तभी मुझे एक
जबरदस्त झटका लगा ,,कुछ देर बाद मैने अपनी स्पीड थोड़ी तेज करदी लेकिन अभी भी मैं आधे लंड से ही भाभी
की गान्ड मार रहा था पूरा लंड घुसने का दिल तो कर रहा था लेकिन डर भी लग रहा था कहीं पूरा लंड एक
झटके मे घुसा दिया तो भाभी को दर्द होगा ऑर कहीं दर्द ज़्यादा हो गया तो भाभी मुझे मस्ती नही करने देगी
फिर अपना हाथ जगन-नाथ करके ही पानी निकालना पड़ेगा इसी बात से डर कर मैं आधे लंड से ही भाभी की गान्ड
मारने लगा लेकिन मेरी स्पीड तेज थी,,मेरी स्पीड तेज होने से भाभी की सिसकियाँ शुरू हो गई लेकिन साथ ही मुझे एक
दबी दबी आवाज़ सुनाई दे रही थी शायद भाभी अपने मुँह पर हाथ रख लेती थी सिसकियाँ लेते टाइम,,मेरा हाथ
भाभी की पीठ पर था ,,हाई क्या मस्त कोमल पीठ थी उनकी हाथ फिसलता ही जा रहा था एक दम पतली कमर ऑर
वो भी संगमरमर की तरह एक दम चिकनी,,हाथ घुमाने की ज़रूरत नही हाथ रखते खुद ही अपने आप फिसलने
लग जाता था लेकिन मेरा हाथ उनकी पूरी पीठ तक नही आ पा रहा था,,मैने अपने हाथ को भाभी के बूब्स तक ले जाने
की कोशिश की लेकिन नाकाम रहा क्यूकी मेरा एक हाथ अभी भी बेड से बँधा हुआ था ,,ऐसी हालत मे मेरा हाथ
उनकी आधी पीठ तक ही जा रहा था उनके बूब्स तक भी नही पहुँच रहा था ,,,लेकिन उनकी आधी नंगी पीठ पर ही
हाथ घुमा घुमा कर मेरी मस्ती बढ़ने लगी थी बीच बीच मे मेरा हाथ उनकी कमर तक भी चला जाता था
जो एक दम पतली थी ,,,

मैने सोचा कि मेरा हाथ भाभी के बूब्स तक नही जा रहा तो क्या हुआ मैं भाभी की चूत पर हाथ रख लेता हूँ
क्यूकी वैसे भी कुछ ही देर मे मेरा होने वाला था तो सोचा क्यू ना भाभी की चूत मे भी उंगली करनी शुरू कर
दूँ ताकि भाभी का काम भी जल्दी हो जाए ऑर वो मेरे साथ ही झड जाए ,,,मैने जैसे ही अपना हाथ भाभी की
चूत पर ले जाना चाहा तभी भाभी ने अपने हाथ से मेरे हाथ को पकड़ लिया ऑर वापिस अपनी पीठ पर रख दिया,,
मैं वापिस अपने हाथ को भाभी की चूत पर ले जाने लगा तभी मुझे महसूस हुआ कि भाभी कुछ ज़्यादा ही हिलने
जुलने लगी थी मैं समझ गया कि भाभी खुद अपने हाथ से अपनी चूत मे उंगली करने लगी थी ,,उनको खुद चूत मे
उंगली करके मज़ा लेना था तभी मेरा हाथ चूत तक नही जाने दिया भाभी ने,,,यही सोच कर मैने अपने हाथ को
चूत की तरफ नही ले जा कर वापिस भाभी की पीठ पर रख दिया ,,भाभी की हल्की हल्की सिसकियाँ अब थोड़ा तेज हो
गई थी लेकिन बीच बीच मे दबी दबी आवाज़ मे भी भाभी अह्ह्ह्ह्ह्ह अहह कर रही थी,,,,भाभी की मस्ती भरी
सिसकियाँ सुनकर मैने लंड को थोड़ा ज़्यादा अंदर कर दिया क्यूकी भाभी की सिसकियों से सॉफ ज़ाहिर हो गया था कि
भाभी अब फुल मस्ती मे आ गई है ,,लेकिन अभी भी मैने पूरा लंड अंदर नही किया था कुछ देर ऐसे ही स्पीड
नॉर्मल रखी ओर कुछ देर बाद पूरा लंड अंदर कर दिया ,,,जब भाभी ने पूरा लंड ले लिया गान्ड मे तो मैने
स्पीड थोड़ी तेज करदी मेरी स्पीड से पूरा बेड हिलने लगा ,,लेकिन बेड हिलने मे मैं अकेला ज़िम्मेदार नही था जितनी
स्पीड से मैं भाभी की गान्ड मे लंड पेल रहा था उतनी ही तेज़ी से भाभी अपनी चूत मे खुद उंगली कर रही थी
कभी कभी तो उनका हाथ मेरे लंड के नीचे बॉल्स पर ऑर कभी जाँघो पर टच होने लगता था,,भाभी सच मे
काफ़ी तेज़ी से अपनी चूत मे उंगली कर रही थी,,ऑर उतनी ही तेज़ी से सिसकियाँ भी ले रही थी ,,सिसकियाँ ज़्यादा तेज नही हो जाए इस बात का ख्याल रखते हुए भाभी कभी कभी अपने मुँह पर हाथ भी रख लेती थी इसलिए दबी दबी आवाज़ मे भी
उनके मुँह से अह्ह्ह्ह निकल जाती तो काफ़ी स्लो होती मैं भी मुश्किल से ही सुन पा रहा था उस दबी दबी आवाज़ को,,

अब मेरी स्पीड पूरी रफ़्तार पर थी ऑर मेरा लंड भी भाभी की गान्ड मे पूरा अंदर तक घुसा हुआ था सीधी भाषा
मे बोलू तो मेरा मूसल भाभी की गान्ड की जड़ तक समा गया था ,,,अब भाभी को भी मेरा पूरा मूसल गान्ड मे
लेने मे कोई दिक्कत नही हो रही थी बल्कि भाभी तो मस्ती मे सिसकियाँ लेती थक ही नही रही थी,,,,कभी कभी तो उनकी
आवाज़ इतनी तेज होती कि पूरे कमरे मे गूंजने लगती ऑर कभी कभी इतनी स्लो होती कि मेरे कानो तक पहुँचने मे
मुश्किल होती,,भाभी की टाइट गान्ड मे मेरा लंड अच्छी तरह रगड ख़ाता हुआ अंदर बाहर हो रहा था वो भी पूरी
रफ़्तार पर उपर से कुछ देर पहले भाभी ने मेरे लंड को इते ज़्यादा मज़े से चूसा था कि मेरा पानी निकलने वाला
हो गया था ऑर आज मुझे भी एक नई टाइट गान्ड मारने की एग्ज़ाइट्मेंट कुछ ज़्यादा हो गई थी कि मेरा लंड अभी झड़ने
के करीब आ गया था इसलिए मैने एक हाथ से ही भाभी की कमर को उनकी टाँग के पास से कस्के पकड़ा ऑर अपनी स्पीड को ओर भी ज़्यादा तेज कर दिया इतना तेज कि अब मैं अपनी पूरी रफ़्तार पर आ आ गया था अब बस किसी भी पल मेरा लंड पानी छोड़ने ही वाला था ,,मेरा बदन रह रह कर झटके खाने लगा था वो भी टाइट गान्ड मार कर की मस्ती भरे
तेज झटके जिसका अपना ही अलग मज़ा था ऑर तभी मेरे लंड ने भाभी की गान्ड मे पिचकारी मारना शुरू कर दिया
ऑर मैने अपने स्पर्म से भाभी की गान्ड को भरना शुरू कर दिया मैं अभी भी तेज़ी से भाभी की गान्ड मार
रहा था ऑर स्पर्म निकलते टाइम मेरा बदन मस्ती भरा झटके खा रहा था लेकिन तभी मुझे एक तेज झटका लगा
वो झटका भाभी की गान्ड की मस्ती से भी कहीं ज़्यादा तेज था,,,

किस ने मेरे पास आके मेरे सर को अपने हाथों मे पकड़ लिया था ऑर मेरे सर को अपनी तरफ मोड़ कर मुझे किस
करने लगा था मैं भी मस्ती मे किस का रेस्पॉन्स तो देने लगा था क्यूकी मेरा लंड अभी भी पानी निकाल रहा था
ऑर ऐसी हालत मे किसी भी मर्द को बहुत ज़्यादा मस्ती चढ़ि होती है वो चाह कर भी रुक नही पाता मेरा भी यही हाल
था मैं लंड से पानी निकलता हुआ किस का रेस्पॉन्स दे रहा था लेकिन थोड़ा हैरान भी हो गया था कि अगर मैं
भाभी की गान्ड मार रहा हूँ तो मेरे को किस कॉन कर रहा है यही सोच कर मुझे झटके पे झटका लग रहा
था,,,,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
User avatar
007
Platinum Member
Posts: 5355
Joined: 14 Oct 2014 17:28

Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »


लेकिन फिर जो झटका मुझे लगा वो सब से ज़्यादा तेज था अब तक मुझे इतनी तेज झटका कभी नही लगा था मेरे
लंड से सारा पानी निकल चुका था लेकिन लंड अभी भी भाभी की गान्ड मे था ऑर तभी मैने किसी के झड़ने
की आवाज़ सुनी जिस आवाज़ ने मेरे होश उड़ा दिए ,,,,,,,,वो आवाज़ इतनी तेज थी कि कमरे मे गूंजने लगी थी लेकिन वो गूँज मेरे दिल ऑर दिमाग़ पर हावी हो गई थी,,,,,उस गूँज से दिल मे एक डर पेदा हो गया था ऑर दिमाग़ मे एक उलझन,,,,

तभी मेरी पास खड़ा शक्स जो मुझे किस कर रहा था उसने मेरी आँखों से पट्टी उतार दी ,,मेरी आँखों के सामने
अभी बहुत अंधेरा था उपर से वो शक्स मुझे किस कर रहा था ऑर मेरे बहुद करीब होने की वजह से मुझे उसका
चेहरा भी सॉफ नज़र नही आ रहा था लेकिन उसको किस करने से मुझे एक मज़ा ज़रूर आ रहा था क्यूकी उसका किस
करने का अंदाज़ ही निराला था,,तभी कुछ देर बाद मेरा लंड भाभी की गान्ड से निकल गया ऑर मेरी आँखों से सामने
से अंधेरा भी हट गया ऑर मेरी नज़र पारी मेरे सामने खड़े शक्स पर जो मुझे किस कर रहा था वो शक्स थी
कामिनी भाभी मैं उनको अपने पास देख कर डर गया ,,,फिर मेरा दिमाग़ ठनका ऑर मुझे याद आया कि अभी किसी
के झड़ने की आवाज़ सुनी थी मैने उस आवाज़ के डर ऑर उपर से मैं ये सोच रहा था कि अगर भाभी मेरे पास खड़ी
किस कर रही थी तो मेरा लंड किसकी गान्ड मे था इसलिए मैने भाभी की अपने से थोड़ा दूर किया ऑर बेड पर अपने
सामने की तरफ़ देखने लगा तो मैं देख कर दंग रह गया मेरे सामने सूरज था ,,कामिनी का पति ओर कविता का भाई
इस से पहले मैं कुछ बोलता या कुछ करता सूरज ने मेरे लंड को मुँह मे ले लिया ,,,मैं तो ये देख कर दी दंग रह
गया ,,मैं पीछे हटना चाहता था मैं नही चाहता था कि सूरज मेरे लंड को मुँह मे भरे लेकिन मुझे हैरत
का इतना जबरदस्त झटका लगा था कि मेरा जिस्म एक दम सुन्न हो गया था मैं बड़े आराम से बिना हिले जुले सूरज के
मुँह मे जाते अपने लंड को देख रहा था जो अभी भी आधा खड़ा हुआ था जिस पर मेरा स्पर्म लगा हुआ था ,,सूरज
ने मेरे लंड को मुँह मे भर लिया ऑर अच्छी तरह चूसने लगा ऑर हाथ मे लेके अपनी ज़ुबान से चाटने भी लगा,,,उसने
2 मिनट मे मेरे लंड को मुँह मे रखके चूसा ऑर चाटा फिर जब लंड अच्छी तरफ सॉफ हो गया तो उसने लंड को मुँह
से निकाल दिया ऑर आराम से बेड पर लेट गया ओर मेरी तरफ देख कर हँसने लगा,,,लेकिन मेरे फेस पर कोई भाव नही
था ना हैरत ना ना खुशी का ना मस्ती का ,,,मैं तो बस चुप चाप सूरज की तरफ देख रहा था ,,तभी मेरे पास
खड़ी कामिनी भाभी ने मेरे सर को अपने हाथ मे पकड़ा ऑर अपनी तरफ टर्न करके वापिस मुझे किस करने लगी ,,वो
तो मस्ती मे मुझे किस कर रही थी लेकिन मैं उनकी किस का रेस्पॉन्स नही दे रहा था ,,मेरा जिस्म ऐसा हो गया था कि
जैसे अब मेरे मे जान ही नही बची हो,,,मैं कुछ सोच समझ भी नही पा रहा था दिमाग़ साला एक दम गुम्म
हो गया था कहीं,,,

भाभी भी इस बात को समझ गई ऑर मेरे लिप्स से अपने लिप्स हटा कर बेड पर सूरज के पास चली गई,,मैं वहीं घुटनो
पर बैठा हुआ भाभी ऑर सूरज की तरफ़ देखने लगा ,,मेरा एक हाथ अभी भी बेड से बँधा हुआ था ,,,मैं भी बेड
पर गिर गया ,,मुझे कोई होश नही था दुनिया की कोई खबर नही थी,,जो कुछ अभी हुआ था बस वही सब मेरे दिमाग़
मे घूम रहा था जिसको समझ पाना मेरे लिए बहुत मुश्किल हो रहा था,,,,मैं सोच सोच कर हैरान हो रहा था
कि कैसे मेरा स्पर्म से भीगा हुआ लंड सूरज के मुँह मे था ऑर वो कितने प्यार से मेरे लंड को चाट कर सॉफ कर
रहा था ,,तभी मैं ऑर ज़्यादा हैरान रह गया क्यूकी जब भाभी मेरे को किस कर रही थी तो मेरा लंड किसी की
गान्ड मे था तो क्या उस टाइम मेरा लंड सूरज की गान्ड मे ,,ओह्ह नो ये कैसे हो सकता है ,,मेरा दिमाग़ हैरत
से फटा जा रहा था कुछ समझ नही आ रहा था मुझे,,,,टेन्षन के मारे मेरी आँखें बंद हो गई शायद मुझे
नींद आ गई थी या मैं ज़्यादा टेन्षन से बेहोश हो गया था,,,,


कुछ देर बाद मेरे कानो मे एक आवाज़ पड़ी,,,,,,,,सन्नी उठो क्या हुआ तुमको ,,सन्नी ,,,सन्नी,,,,,

मैने हल्के से आँखें खोलते हुए देखा तो कामिनी भाभी मुझे उठा रही थी,,,मेरे आँखों के सामने अभी भी
अंधेरा था ऑर दिमाग़ भी काफ़ी भारी भारी लग रहा था ,,,,मेरा उठने को दिल नही कर रहा था लेकिन भाभी मुझे
बार बार उठा रही थी मेरा नाम पुकार रही थी,,,मैं अपने हाथों से अपनी आँखों को मलते हुए उठकर बैठ
गया ,,,,आँखें मलने से अंधेरा कुछ कम हुआ तो मुझे कामिनी भाभी की शक्ल सॉफ सॉफ नज़र आने लगी,,,मैने
देखा कि बेड पर मैं ओर कामिनी भाभी ही थे ,,

क्या हुआ सन्नी ,,तुम ठीक तो हो,,,,भाभी ने मेरे से पूछा,,,

तभी मुझे याद आई सूरज की ,,,मैने कमरे मे हर तरफ उसको ढूँढने लगा लेकिन वो वहाँ नही था ,,,

क्या हुआ सन्नी कुछ बोलो ना,,,,तुम चुप क्यू हो,,तबीयत तो ठीक है ना,,,भाभी लगातार बोलती जा रही थी

लेकिन मेरी नज़रे सूरज की तलाश रही थी ,,,,पर सूरज कहीं नज़र नही आ रहा था,,,

कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
Post Reply