कहीं वो सब सपना तो नही complete

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007
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

xyz wrote: 14 Oct 2017 09:11nice update
Thanks dost
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

फिर कुछ देर बाद मैं खड़ा हो गया ,,,आंटी ने पीछे मूड के मेरी तरफ देखा तो मैने अपने हाथ
से आयिल वाली शीशी से थोड़ा आयिल उनकी गान्ड पर गिरा दिया,,,आंटी समझ गई मैं क्या करने वाला हूँ तो
आंटी ने अपनी टाँगों को थोड़ा खोल दिया ,,,,,करण का बाप आंटी की गान्ड मारता तो था लेकिन बहुत ही
कम,,उनकी गान्ड खुली हुई थी लेकिन इतनी नही,,,,अभी भी काफ़ी टाइट लग रही थी उनकी गान्ड,,,,मैने गान्ड
पर आयिल लगाया ओर फिर गान्ड के होल को खोल कर उंगलियों से आयिल को गान्ड के अंदर तक भरने लगा जिस
से गान्ड अंदर से भी चिकनी हो जाए,,,,जब काफ़ी आयिल लग गया उनकी गान्ड पर तो मैने खूब सारा आयिल अपने
लंड पर लगा लिया ऑर फिर लंड की टोपी को उनकी गान्ड पर रखा ऑर हल्के से झटका लगाया तो आयिल की वजह
से लंड पहली बार मे ही आधा घुस गया आंटी की गान्ड मे ऑर आंटी ने मूह से एक लंबी अहह
निकल गई,,,, कोई शक नही था इसमे कि वो आह मस्ती की नही बल्कि दर्द की थी,,,,,मैने लंड को बाहर नही
निकाला ऑर ऐसे ही आगे की तरफ धाकेल दिया जिस से लंड फिसल कर ऑर ज़्यादा अंदर चला गया,,,,मैने लंड को
थोड़ा सा पीछे किया ऑर फिर से तेज झटका मारा तो लंड पूरा का पूरा अंदर घुस गया ऑर आंटी की तेज तेज
दर्द भरी आह निकलने लगी,,,,आंटी खुद को आगे करके मेरे से दूर होने की कोशिश करने लगी,,लेकिन
मैं कहाँ छोड़ने वाला था उनको,,,,मैने खुद को उनकी पीठ पर झुका दिया ऑर जल्दी से अपने एक हाथ
को उनके बूब्स पर ले गया ऑर दूसरे हाथ को उनकी चूत पर,,,,मेरी चेस्ट उनकी पीठ से चिपक गई थी,,


मेरा आयिल से भीगा हुआ लंड उनकी गान्ड मे था ,,जबकि आयिल से भीगे दोनो हाथ उनकी चूत ऑर बूब्स
पर पहुँच गये थे,,,,,मैने बिना देर किए आयिल से सनी हुई उंगलियों को उनकी चूत मे घुसा दिया ऑर
आयिल लगे हाथ से उनके बूब्स को मसल्ने लगा,,,,,जब भी मैं उनके बूब्स को मसलता तो आयिल की वजह से
मेरा हाथ फिसल जाता ऑर उनको हल्की मस्ती चढ़ जाती,,,,उधर मेरा दूसरा हाथ भी उनकी चूत पर कमाल
दिखा रहा था,,जल्दी ही उनकी मस्ती भरी सिसकियाँ शुरू हो गई,,,,इतनी देर तक मैने अपने लंड को ज़रा सा
भी नही हिलाया था उनकी गान्ड मे ऑर जब सिसकियाँ शुरू हुई तो मैने लंड को हल्के से आगे पीछे करना
शुरू किया,,आंटी के मूह से अब हल्की हल्की मस्ती भरी सिसकियाँ निकल रही थी क्यूकी आंटी को चूत ऑर
बूब्स पर आयिल लगे हाथों से मस्ती चढ़ रही थी इसलिए वो गान्ड मे लंड के दर्द को भूल ही गई थी ऑर
मेरे लिए ये सही मोका था मैं हल्के हल्के लंड को आगे पीछे करने लगा लेकिन मेरी स्पीड बहुत स्लो
थी,,,,,आंटी मस्ती मे सिसकियाँ लेती हुई अपनी गर्दन को पीछे की तरफ मोड़ कर मुझे देखने लगी ऑर हल्के
से मुस्कुराने लगी,,मानो बोल रही हो सन्नी तुम बहुत तेज हो,,मैने भी हंस कर आंटी की तरफ देखा ऑर लंड
को धीरे धीरे गान्ड मे पेलने लगा तो आंटी ने अपने सर को हिला कर मुझे बता दिया कि अब मैं अपने
लंड की स्पीड तेज कर सकता हूँ ऑर मैने भी देर किए बिना स्पीड थोड़ी तेज करदी,,ऑर तभी आंटी की
सिसकियाँ भी तेज हो गई,,,,आंटी अब पूरी मस्ती मे आ चुकी थी अब उनको गान्ड मे भी मज़ा आने लगा था
जो मेरे लिए खुशी की बात थी,,,मैं हल्के हल्के बूब्स दबाता गया चूत मे उंगली करता गया ऑर गान्ड
मे लंड पेलता गया,,,,मेरा दिल कर रहा था कि मैं स्पीड ऑर तेज कर दूं लेकिन ऐसी हालत मे मैं स्पीड
तेज नही कर पा रहा था,,,,तभी आंटी ने मेरी बात समझ ली ऑर मेरे हाथ को अपने बूब्स ऑर चूत से
हटा दिया ,,मैने भी जल्दी से अपने हाथों को आंटी की कमर पर रख दिया ऑर स्पीड तेज करते हुए आंटी
की गान्ड को चोदने लगा,,,,,


मैं ऐसे ही 10 मिनट तक आंटी की गान्ड मारता रहा फिर लंड को आंटी की गान्ड से बाहर निकाल लिया
ऑर पीछे हट गया,,,,,आंटी ने जल्दी से पीछे मूड कर देखा और नज़रो ही नज़रो मे पूछा कि तुम रुक क्यूँ गये
तो मैने आगे बढ़ कर आंटी को पकड़ा ऑर सोफे पर सीधी तरह लेटने को बोला तो आंटी भी जल्दी से सीधी होके
लेट गई,,,,मैने आंटी की दोनो टाँगों को अपने हाथों मे पकड़ा ऑर उनके सर की तरफ मोड़ दिया ऑर
फिर उनके हाथों मे उनकी टाँगों को पकड़ा दिया ,,,,फिर पास पड़ी आयिल वाली शीशी से थोड़ा आयिल लगा दिया
उनकी गान्ड पर ऑर लंड पर भी ,,,,,फिर लंड को उनकी गान्ड मे घुसा दिया जो एक ही बार मे पूरा
अंदर तक घुस गया,, आंटी ने हल्के से मुस्कुरा कर मुझे देखा ऑर अपने हाथों से अपनी टाँगों को
छोड़ दिया ऑर मुझे अपने करीब आने को बोला तो मैं आंटी के करीब हो गया आंटी ने पल भर मे मेरे
लिप्स को अपने लिप्स से जकड लिया ऑर पागलो की तरह मुझे किस करने लगी,,मैं भी अब तक पूरा पागल हो गया
था ऑर तेज़ी से आंटी की गान्ड मारता हुआ आंटी को उसी अंदाज़ मे किस करने लगा था,,,,मेरे हाथ आंटी के
बूब्स पर थे मुझे झटके मारने के लिए कहीं पकड़ बनानी थी लेकिन हाथ ऑर बूब्स पर आयिल की वजह
से मैं पकड़ नही बना पा रहा था इसलिए मैने अपने हाथों से सोफे को पकड़ लिया ऑर तेज़ी से आंटी की
गान्ड मारने लगा,,,,आंटी भी अपने हाथों से मेरी पीठ पर पकड़ बना कर मुझे तेज़ी से उपर नीचे
'होने मे हेल्प करने लगी,,,,,आंटी के बूब्स पर आयिल लगा हुआ था जिस से मेरी चेस्ट पर भी आयिल लग गया ऑर
मुझे आंटी के उपर लेट कर फिसलने मे हेल्प मिलने लगी ऑर मेरी स्पीड काफ़ी तेज होने लगी,,,आंटी के हाथ
अब मेरी पीठ से मेरी गान्ड पर चले गये ऑर आंटी मेरी गान्ड को पकड़ कर तेज़ी से उपर नीचे करने लगी,
मेरी स्पीड इतनी ज़्यादा तेज हो गई थी कि मैं झड़ने ही वाला था ,,ऑर झडता भी क्यू नही मैं कम से कम
20-25 मिनट से आंटी की गान्ड मार रहा था,,,,चूत होती तो कम से कम 30-40 मिनट लगा देता लेकिन
गान्ड चूत के मुक़ाबले काफ़ी टाइट थी इसीलिए जल्दी ही झड़ने वाला था मैं,,,मैने देखा कि आंटी का
एक हाथ मेरी गान्ड से उठ गया ऑर मेरे पेट ऑर आंटी के पेट के बीच से होता हुआ उनकी चूत पर चला
गया,,मैं समझ गया कि शायद अब आंटी भी झड़ने वाली है,,,ऑर ऐसा ही हुआ,,,,आंटी का हाथ अभी उनकी
चूत पर गये 2 मिनट ही हुए थे कि आंटी के बदन ने झटके मारने शुरू कर दिए ऑर कुछ पल मे ही
वो झड गई आंटी के झाड़ते ही मेरा भी काम होने वाल हो गया था मैं भी जल्दी से उठा ऑर आंटी के
उपर से उठकर ज़मीन पर खड़ा हो गया ऑर अपने हाथ से अपने लंड को सहलाता हुआ आंटी के मूह के
पास चला गया ,,,आंटी को समझ नही आया मैं क्या करने वाला हूँ लेकिन मस्ती की वजह से आंटी अभी भी
सिसकियाँ ले रही थी जिस वजह से उनका मूह खुला हुआ था ऑर जैसे ही लंड से पानी निकलने लगा तो मैने आगे बढ़ कर
लंड को आंटी एक मूह मे घुसा दिया आंटी भी समझ गई मैं क्या करने लगा हूँ तो आंटी ने अपने मूह
को टर्न करने की कोशिश की लेकिन तब तक मैं एक हाथ से आंटी के सर को पकड़ चुका था ऑर मेरा लंड
भी आंटी के मूह मे गले तक नीचे जा चुका था ऑर तभी मेरे लंड से पानी की पिचकारी निकलने लगी जो
आंटी के गले से नीचे जाने लगी,,,,मेरे लंड से जितना भी पानी निकला उसकी एक भी ड्रॉप आंटी के मूह मे नही
बल्कि गले से नीचे चली गई,,,,,मैं जानता था आंटी पानी को मूह मे नही झड़ने देगी क्यूकी शायद उन्होने ऐसा
कभी किया भी नही था,,,,,

जब लंड से सारा पानी निकल गया तो मैने लंड को मूह से निकाला ऑर पीछे हटके दूसरे सोफे पर जाके बैठ
गया ,,आंटी भी जल्दी उठी ऑर तेज़ी से खांसने लगी,,,,ऑर हल्के गुस्से से मुझे देखने लगी,,,,,,,फिर आंटी भाग
कर अपने रूम मे चली गई,,शायद बाथरूम गई थी,,,,,,मैं भी उठा ऑर उनके पीछे पीछे चला गया
लेकिन मैं बाथरूम मे नही गया बल्कि उनके रूम मे बेड पर जाके लेट गया,,,,

आंटी बाथरूम से बाहर निकली तो वो फ्रेश होके आई थी ,,शायद शवर लिया था,,,,लेकिन मैं ऐसे ही
आयिल से सने हुए बदन से उनके बेड पर लेटा हुआ था,,,आंटी ने बाहर निकल कर एक बार मुझे हल्के गुस्से
से देखा ,,,,शायद गुस्सा इसलिए था क्यूकी मैं उनके मूह मे झड गया था,,,,,,,,,फिर आंटी ने मुझे प्यार से
देखा ऑर मेरे पास आके बेड पर लेट गई,,,,,,

करली अपनी मनमानी ,,,अब तो खुश है तू सन्नी बेटा,,,,,
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by Kamini »

mast update dear
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

Kamini wrote: 15 Oct 2017 08:40 mast update dear
thanks
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

नही आंटी जी ,,अभी कहाँ खुश होने लगा मैं इतनी जल्दी,.,,,,अभी तो बहुत कुछ बाकी है खुश होने के
लिए,,,,


हाँ हाँ जानती हूँ कुछ ज़्यादा ही जोश है तेरे मे ,,,,आज कल मेहनत जो ज़्यादा करने लगा है


हाँ मेहनत तो करने लगा हूँ,,,,अभी देख ही लिया आपने कि मैं कितनी मेहनत करता हूँ,,,,

हाँ देख लिया,,,अभी भी देखा ऑर कल शाम को भी,,,,,,

मैं जान बूझ कर हैरान होते हुए,,,,,,,कल शाम को क्या देखा आपने आंटी जी,,,,

वही देखा जो तू कर रहा था,,,,,कितनी मेहनत की थी कल तूने,,,जब मैं माल गई थी,,इतना बोल कर आंटी
हँसने लगी,,,,

तो आपने सब देख लिया था,,,,,,

हाँ देख लिया तभी तो रात को तेरे साथ मस्ती करने लगी थी,,,,वर्ना तूने कुछ करना ही नही था,,,,

क्या करूँ आंटी जी डर लगता था,,,अगर आप कुछ नही करती तो सच मे मैं भी कुछ नही करता,,,,,,

अच्छा तो ये बता तू उस लड़की के साथ क्या कर रहा था,,,,,,

आपने तो सब कुछ देखा ना ,,,आपको तो पता होगा सब,,,,,,

पता तो है लेकिन तू क्या बात कर रहा था,,,,कि मुझे कब्से लाइक करता है,,,,क्या ये सच है,,,,,

जी आंटी जी,,मैं बहुत टाइम से आपको लाइक करता हूँ,,,,,

क्या अच्छा लगता है तुझे मेरे मे,,बता ज़रा,,,,,,,,

सब कुछ आंटी जी,,,,,अपने सॉफ्ट लिप्स,,बड़े बड़े बूब्न्स,,भरा हुआ बड़ा,,गोरा रंग,,,,,मस्त बड़ी गान्ड,,,

हाई राम इतना सब कुछ एक दम से बोल गया तू,,तुझे शरम नही आई क्या,,,,

इसमे शरमाने वाली क्या बात है आंटी जी,,शरमाता रहता तो आज आपके साथ मस्ती कैसे करता,,,

अच्छा बता ज़रा ,,मेरे साथ मस्ती करके मज़ा आया क्या,,,,,

हाँ आंटी जी बहुत मज़ा आया,,,,

कितना मज़ा ,,,,उतना मज़ा जितना कल उस लड़की को अलका आंटी बना कर आया या उस से भी ज़्यादा,,,,,

वो तो जस्ट रोल प्ले था आंटी जी ,,असली मज़ा तो आज आया है,,ऑर कल रात को भी,,,,

रोल प्ले,,,वो क्या होता है,,,,ऑर वो लड़की कॉन थी,,,,

वो मेरी दोस्त थी आंटी जी,,,,हम अक्सर वीडियो चॅट करते है ऑर मस्ती के लिए रोल प्ले भी करते है,,,


रोल प्ले क्या बला है सन्नी बेटा,,,,

आंटी जी मस्ती करते टाइम जब हम कोई किरदार प्ले करते है तो उसी को रोल प्ले बोलते है,,,,जैसे कल वो मेरे
लिया अलका आंटी बनी थी,,,,कभी मेरी टीचर बन जाती है,,,,कभी मेरी मालकिन ऑर मैं उसके घर पर रहने
वाला किरायेदार,,,ऐसे ही बहुत सारे किरदार है जो हम लोग प्ले करते है,,,,बस हम लोगो की शर्त होती है कि
हम लोग कभी अपनी शकल नही दिखाते कॅम पर,,बस बाकी का हिस्सा दिखा देते है,,,,पहचान छुपा कर रखते
है,,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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