कहीं वो सब सपना तो नही complete

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007
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

करीब 5 मिनट तक हम ऐसे ही चुप चाप लेटे रहे फिर ,,माँ बीच मे थी एक तरफ मैं था ऑर एक तरफ शोभा
थी ,,,,तभी शोभा माँ के ऑर ज़्यादा करीब हो गई ,,माँ का हाथ बेड पर गिरा हुआ था तो शोभा अपने सर को माँ के हाथ
पर रख कर माँ के शोल्डर के उपर माँ के सर के करीब आ गई ,,,माँ ने उसकी तरफ देखा ऑर प्यार से अपने दूसरे
हाथ से उसको सर को सहलाया ऑर हल्की सी किस करदी फॉरहेड पर लेकिन शोभा ने जल्दी से खुद के लिप्स को थोड़ा उपर कर दिया जिस से माँ जब दोबारा शोभा को फॉरहेड पर किस करने लगी तो माँ के लिप्स शोभा के लिप्स से टच हो गये ऑर दोनो ने फिर से एक दूसरे के लिप्स को किस करना शुरू कर दिया मैने भी आगे बढ़ कर माँ के पेट पर हाथ रखते हुए हाथ को थोड़ा आगे ले जाके शोभा के बूब को पकड़ लिया ऑर सर को माँ के बूब पर रख कर माँ के एक बूब को मुँह
मे भर लिया ऑर चूसने लगा,,,,

माँ मज़ा आया आज,,,,,,,,शोभा ने अपने लिप्स माँ के लिप्स से हटा कर माँ से पूछा,,,,,,

हाँ बेटी बहुत मज़ा आया,,,,आज मेरे बेटा ऑर बेटी दोनो ने मिलकर बहुत मज़ा दिया मुझे,,,,लेकिन थोड़ी हैरत भी हुई
मुझे जब तुमको अपने रूम मे देखा था,,,,,

माँ ये सब शोभा दीदी का प्लान था,,,मैने माँ के बूब को मुँह से निकालते हुए बोला,,,,

चल झूठा कहीं का ,,ये सब तेरा प्लान था सन्नी झूठ मत बोल अब,,,,,,,शोभा ने हल्के से मेरे सर पर थप्पड़
मारा,,,,,,,,

अरे झगड़ा मत करो प्लान किसी का भी था मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता ,,,,सच बात तो ये है कि प्लान कामयाब हो गया
,,,,,इतना बोलकर माँ हँसने लगी,,,,,

माँ प्लान तो मेरा था बट दीदी का भी दिल कर रहा था हम दोनो के साथ मिलकर मस्ती करने को,,,,जब मैने इसको
पूछा कि ये आपके बड़े बड़े बूब्स को मुँह मे भरके चूसना चाहती है तो एक ही बार मे मान गई थी ये,,,,,

शोभा ने फिर से मेरे थप्पड़ मारा,,हल्का सा,,,,

माँ ने शोभा की तरफ देखा,,,,,,,,,,,,,,,क्या सच मे तेरा दिल कर रहा था मेरे बड़े बड़े बूब्स को चूसने का बेटी,,,,
माँ ने शोभा का वही हाथ पकड़ा जिस से वो मुझे थप्पड़ मांर रही थी ऑर पकड़ कर अपने बूब्स पर रख दिया,,,

हां माँ मेरा बहुत दिल कर रहा था,आपके बड़े बड़े बूब्स चूसने को,,,शोभा ने माँ के बूब्स पर हाथ रखते
ही कस्के दबा दिया ऑर जल्दी से दूसरे वाले को मुँह मे भर लिया,,,,,,

अब मेरे बड़े बूब्स चूसने के दिल कर रहा है क्यू क्या बात है अब गीता के बूब्स से दिल भर गया क्या तेरा,,,,,

शोभा दीदी ने माँ के बूब को मुँह से निकाला ऑर मुँह खोलके माँ की तरफ देखने लगी,,,,,वही हाल मेरा भी था,,,
हम दोनो हैरान होके माँ की तरफ देखने लगे,,,,,

अरे डरो मत बेटी मुझे इस बात से कोई गुस्सा नही है कि तुम गीता के साथ भी मस्ती करती हो ,मैं तो खुश हूँ
इस बात से कि तुम अब मेरे साथ भी मस्ती करने आ गई,,,,,

लेकिन माँ आपको कैसे पता मेरे ऑर बुआ के बारे मे,,,,,,,,,यही सवाल मैं भी करने ही वाला था माँ से,,,,

माँ हँसने लगी,,,,,,,

तुम लोग क्या समझते हो कि तुम लोगो को ही सब कुछ पता है,,,,,माँ फिर हँसने लगी,,,,

तभी शोभा दीदी समझ गई कि माँ को रेखा ने बताया होगा,,,,,,,

माँ आपको रेखा ने बताया था क्या,,,,,,,,,,,,दीदी ने माँ से पूछ ही लिया,,,,,,,,,,,

नही बेटी वो मेरे आगे मुँह नही खोलती ज़्यादा,,,,,,कुछ नही बताती मुझे वो अगर बताने चाहती भी है तो भी
नही बता पाती क्यूकी डरती है मेरे से,,,,,,,,,,,

फिर कैसे पता चला आपको,,,,,,,,,,,शोभा ने हैरान होके पूछा क्यूकी अगर रेखा ने नही बताया तो फिर कॉन बता
सकता है,,,,,,,,,,,मैं भी हैरान था क्यूकी मैने भी नही बताया था माँ को दीदी ऑर बुआ के बारे मे,,,,

तुम लोग क्या समझते हो कि घर की ड्यूप्लिकेट चाबी बनवाना तुम लोगो को ही आता है,,,,,,,,,

मैं ओर दीदी कुछ नही समझे,,,,,,,,,,,,,क्या बोला रही हो माँ मैं कुछ समझी नही,,,,,

बच्चो मैं तुम्हारी माँ हूँ तुम लोगो से कुछ कदम आगे रहती हूँ,,,,,,,,,,,जैसे तुम लोगो ने घर की दूसरी
चाबी बनवाई हुई है वैसे मेरे पास गीता के बुटीक की दूसरी चाबी है,,,,,माँ हँसने लगी

मैं ऑर शोभा को एक दम से हैरान हो गये,,,,,,

ज़्यादा हैरान मैं हुआ था क्यूकी मुझे नही पता था दीदी के पास भी घर की एक चाबी है,,,,फिर मेरा माथा
ठनका ,,मुझे याद आया कि जब शिखा को पहली बार करण से मैने अपने ही घर मे चुदवाया था तब शोभा
घर पे नही थी क्यूकी इसकी अक्तिवा नही थी घर मे,,,लेकिन बाद मे वो घर मे कैसे आ गई थी पक्का उस दिन ये दूसरी
चाबी से घर मे आई थी ऑर मुझे झूठ बोल रही थी कि वो घर मे ही थी,,,,,

मैं तेरे ऑर गीता के बारे मे नही ,,,,,तुम्हारे गीता ऑर तेरे बाप के बारे मे भी जानती हूँ ऑर उन दो लड़कियों के
बारे मे भी जानती हूँ जो गीता के बुटीक पर काम करती है,,,,,,

माँ अपने क्या वहाँ आके देखा था हमे वो सब करते ,,,,,,,,,,शोभा ने माँ से पूछा,,,,,,

नही बेटी मैं नही आती थी वहाँ,,,,,,,,,,वहाँ तो

माँ बोलने ही लगी थी तभी डोर बेल बजी,,,,,,,,,,,,,,,

हम सब डर गये कहीं सोनिया तो नही आ गई ,,,,,,,,,,

मैं ऑर शोभा जल्दी से माँ के बाथरूम मे चले गये ऑर माँ नाइटी पहन कर बाहर दरवाजा खोलने चली गई,,,,

माँ बाहर दरवाजा खोलने चली गई जबकि मैं ओर दीदी बाथरूम मे चले गये,,,,,

लगता है सोनिया आ गई,,मैने डरते हुए बोला,,,,,,,,,,,,,,,,

नही सोनिया नही होगी क्यूकी उसका फोन आया था वो कॉलेज से सीधा कविता के घर जाने वाली थी अब शाम को ही
वापिस आएगी वो,,,,,,,,

मेरी साँस मे साँस आ गई कि शूकर है सोनिया नही है वो,,,,तो फिर कॉन आया है ,,,,,,,,

तभी माँ रूम मे आ गई मैं ऑर शोभा बाथरूम के दरवाजे के पीछे से देख ने लगे,,,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

माँ ने रूम मे आते ही अपनी नाइटी उतार दी ऑर नंगी हो गई,,,मैं ऑर दीदी बाहर आने लगे हमने सोचा कि जो भी
आया होगा लगता है वो चला गया इसलिए माँ रूम मे आते ही नंगी हो गई थी,,,,लेकिन जैसे ही हम बाहर जाने लगे
तभी मामा रूम मे आ गया ,,,शोभा ओर मैं वापिस बाथरूम के दरवाजे के पीछे छुप गये,,,,,

अरे बहना बड़ी खुजली हो रही है,,,,,लगता है घर पर कोई नही है,,,,शोभा कहीं चली गई है क्या,,,,

माँ कुछ नही बोली ऑर मामा के करीब जाके मामा को किस करने लगी ऑर साथ ही मामा के कपड़े खोलने लगी,,,,,

2 मिनट मे मामा नंगा हो गया ऑर माँ से चिपक कर किस करने लगा,,,,

सुबह तो शोभा ने आके काम खराब कर दिया था लेकिन अब नही छोड़ने वाला मैं तेरे को ,,,,,,सारी खुजली दूर
कर दूँगा तेरी,,,,,,,मामा ने माँ को कस्के अपनी बाहों मे भर लिया ऑर दोनो किस करने लगे,,,,

मैं ऑर शोभा बाथरूम से सब देख रहे थे,,,,,

मैने शोभा की तरफ देखा तो उसका ध्यान मामा के मूसल पर टिक गया था जो 2 मिनट मे ही पूरा ओकात मे आ गया
था,,,,,शोभा बस आँखें फाड़ फाड़ कर मामा के बड़े मूसल को देख रही थी तभी मैने देखा कि माँ ने
मामा को पकड़ कर पलट दिया ऑर मामा की पीठ हमारी तरफ करदी ताकि वो हमे नही देख सके ऑर फिर जब मामा की
पीठ हमारी तरफ हो गई तो माँ ने हममे बाथरूम से बाहर आने का इशारा किया,,,,

मुझे लगा माँ मुझे बुला रही है इसलिए मैं बाहर आने लगा लेकिन माँ ने इशारा किया कि तुम दोनो बाहर आ जाओ
,,,,

मैं तो बाहर आ गया लेकिन शोभा डर रही थी लेकिन माँ के इशारा मिलने से ऑर मामा के मूसल के लालच मे वो भी
बाहर आ गई,,,,,

माँ ने शोभा की मामा के लंड की तरफ किया तो शोभा जल्दी से माँ ऑर मामा के पॉस चली गई ,,,,

मामा माँ को किस करने मे मगन था उसका ध्यान शोभा पर नही गया वैसे भी मामा की पीठ थी हमारी तरफ
,,,,,

तभी माँ ने शोभा को सर पर हाथ रखके नीचे बिठा दिया ,,,शोभा ज़मीन पर बैठ गई ऑर माँ ने मामा के
लंड को हाथ मे लेके शोभा की तरफ कर दिया शोभा ने भी जल्दी से मुँह खोला ऑर जल्दी से मामा के लंड को मुँह मे
भर लिया,,,

मामा एक दम से माँ से पीछे हट गया क्यूकी वो डर गया था ,,,माँ तो उसको लिप्स पर किस कर रही थी फिर उसका लंड
किसके मुँह मे गया इसी बात से वो थोड़ा डर गया लेकिन शोभा को नंगी ज़मीन पर बैठी देख कर वो बहुत ज़्यादा
खुश हो गया उसके फेस पर कमीनगी भरी मुस्कान आ गई थी,,वो टुकूर टुकूर भूखे भेड़िए की तरह शोभा के
नंगे बदन को देख रह था,,,,,,,,,

यही है शोभा बेटी जिसके पास दूसरी चाबी है बुटीक की ऑर यही जाता था तुम सब की रंगरलियाँ देखने बुटीक
पर,,,,,,,,,,,,

मैं डर गया क्यूकी मैं भी बहुत बार गया था वहाँ कहीं मामा ने मुझे तो नही देख लिया था,,,ऑर कहीं माँ
को मेरे ऑर बुआ के बारे मे सब पता तो नही है,,,,,

मामा ने शोभा को पकड़ा ऑर उपर उठा लिया फिर एक ही पल मे पागल कुत्ते की तारह टूट पड़ा शोभा पर ऑर उसको
बाहों मे भरके जोरदार किस करने लगा,,,,

इतने मे माँ मेरे पास आ गई ऑर मुझे सोच मे डूबा देखा हँसने लगी,,,,तू क्या सोच रहा है मैं जानती हूँ
बेटा ,,,,,ऑर जो तू सोच रहा है वो सच है,,,,,तेरे बारे मे भी सब पहले से जानती थी मैं,,,तू भी गीता शोभा ऑर
उन दो लड़कियों के साथ मस्ती कर चुका है,,,,

मेरी तो हालत खराब हो गई माँ को ये सब तो पता था कहीं माँ को शिखा या कमीनी भाभी वाली बात तो नही पता
,,,,

माँ आपको यही सब पता है या कुछ ऑर भी पता है,,,,,,मैने माँ से पूछ ही लिया,,,,,,,,,,,,

ऑर भी कुछ है क्या पता लगाने को सन्नी बेटा,,,,,,माँ ने मेरे से सवाल किया तो मैं समझ गया कि माँ को शायद
ऑर कुछ नही पता है,,,,,,,,,,,,

नही माँ मैं तो बस ऐसे ही बोल रहा था लेकिन माँ मेरी बात समझ गई थी कि मैं उसने कुछ छुपा रहा हूँ ऑर
इस से पहले माँ कुछ बोलती मैने माँ को बाहों मे भरके किस करना शुरू कर दिया,,,,

माँ को किस करते हुए मैं मामा ऑर दीदी की तरफ देखने लगा ,,,मामा किसी कुत्ते की तरफ टूट पड़ा था दीदी पर
ऑर दीदी ने भी कुछ ही पल मे अपने आप को मामा के हवाले कर दिया था,,,,मामा दीदी को किस करते हुए दीदी के दोनो
बूब्स को कस्स कस्स कर अपने हाथों मे लेके मसल रहा था ऑर दीदी भी मामा के लंड को हाथ मे लेके पूरे लंड
पर हाथ घुमा रही थी और मूठ मांर रही थी ,,तभी मामा ने दीदी को किस करना बंद किया ऑर दीदी के दोनो बूब्स
पर टूट पड़ा ऑर नीचे झुक कर दीदी के एक बूब को मुँह मे भर लिया,,,,मामा जहाँ काले रंग का था वहीं दीदी
माँ की तरह गोरी चिट्टी थी ,,,मामा जब दीदी के बूब्स को चूसने मे लगा हुआ था तो ऐसा लग रहा था जैसे किसी पॉर्न
मूवीस मे कोई लंबा चौड़ा काले रंग का आदमी(निग्गर) किसी क्यूट छोटी से एशियन टीन के साथ चिपका हुआ है,,,,ऑर
मामा भी वैसे ही जबरदस्त तरीके से दीदी के बूब्स को चूसने लगा था ,,,मामा ने दीदी के एक बूब को मुँह मे
भर लिया ओर एक को हाथ मे लेक मसल्ने लगा फिर कुछ देर बाद दूसरे हाथ को दीदी की चूत पर ले गया ऑर एक ही पल मे मामा ने दीदी की चूत मे उंगली घुसा दी ,,दीदी हल्का सा उछल गई ऑर हल्के से अहह अहह करने लगी ,,मामा तो कोई क़सर नही छोड़ रहा था ऑर पागलो की तरह खा रहा था दीदी के बूब्स को ऑर तेज़ी से दीदी की चूत मे उंगली कर
रहा था,,,,मामा बारी बारी से दीदी के बूब्स को चूसने लगा था ऑर दीदी की चूत मे उंगली करने लगा था ,,,कुछ देर
ऐसे ही बूब्स चूसने ऑर चूत मे उंगली करने के बाद मामा ने दीदी को छोड़ दिया तभी दीदी ने ज़मीन पर बैठने
की कोशिश की ताकि मामा के लंड को चूस सके लेकिन मामा ने जल्दी से दीदी को गोद मे उठा लिया मैं देखता रह गया
मामा के हाथ मे दीदी कोई छोटी सी गुड़िया की तरह लग रही थी ,,,,

मामा ने दीदी को गोद मे उठाया ऑर मेरे देखते ही देखते दीदी को पलट कर उल्टा कर दिया मेरी समझ मे कुछ नही आया
दीदी का सर नीचे था ऑर टाँगे उपर तभी मैने देखा कि मामा ने दीदी को पीठ से पकड़ा हुआ था ऑर दीदी की चूत
मामा के सर के पास थी मामा ने दीदी को थोड़ा उपर उठाया ऑर खुद को अड्जस्ट करते हुए दीदी की चूत को अपने लिप्स के करीब ले आया ऑर एक ही पल मे दीदी की चूत को अपने मुँह मे भर लिया,,,,मैं देख कर हैरान था क्यूकी ऐसा पहले
पॉर्न मूवीस मे ही देखा था कभी लाइव नही देखा था...ऑर ना कभी खुद ट्राइ किया था ऐसा पोज़ किसी पर,,,,

मैने देखा कि जैसे ही मामा ने दीदी की चूत को चूसना शुरू किया दीदी के मुँह से आह निकलने लगी ऑर तभी मेरे
मुँह से भी अह्ह्ह्ह निकल गई,,,मैने देखा कि माँ नीचे ज़मीन पर बैठ गई ऑर मेरे लंड को मुँह मे लेके चूसने
लगी थी,,,,मैं दीदी ऑर मामा को देख कर मस्ती मे इतना खो गया कि माँ के बारे मे भूल ही गया कि वो भी इसी कमरे
मे है मेरे साथ,,,,,,,,,,,,,,,,जैसे ही मामा ने दीदी की चूत को मुँह मे भरके चूसना शुरू किया दीदी के मुँह से हल्की
हल्की सिसकियाँ निकलने लगी ऑर तभी मामा ने एक हाथ से दीदी को पकड़ा ऑर एक हाथ को अपने लंड पर ले गया ऑर लंड को हाथ मे लेके दीदी के फेस के करीब करने लगा दीदी का सर मामा के लंड के करीब ही था ऑर दीदी ने मामा का इशारा मिलते ही मुँह को खोल दिया ऑर लंड को मुँह मे ले लिया,,,,,,लंड मुँह मे लेते ही दीदी अपने सर को आगे पीछे करने लगी लेकिन उल्टी लटकी होने की वजह से दीदी को ऐसा करने मे मुश्किल हो रही थी इसलिए मामा ने दीदी को एक हाथ के पकड़े रखा ऑर एक हाथ को दीदी के सर पर रख कर दीदी के सर को अपने लंड पर दबा लिया ऑर दीदी की चूत को चूस्ते हुए खुद अपनी कमर को आगे पीछे करके लंड को दीदी के मुँह मे पेलने लगा,,,,दीदी भी काफ़ी तेज थी दीदी ने भी मुँह को पूरा खोल दिया ऑर मामा के लंड को पूरा का पूरा मुँह मे लेने लगी मामा भी थोड़ा ज़ोर से झटका मारने लगा ऑर लंड को दीदी के गले से नीचे तक उतारने लगा दीदी को भी कोई परेशानी नही हो रही थी 9 इंच के लंड को गले के अंदर तक लेने मे ,,वो काफ़ी बेहतरीन खिलाड़ी बन चुकी थी,,,,मामा भी ये बात जान चुका था इसलिए मामा ने स्पीड थोड़ी तेज करदी थी ऑर दीदी की चूत को भी कासके मुँह मे भरके चूसने लगा था,,,,,,
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

माँ का ध्यान भी मामा ओर दीदी की तरफ गया तो माँ जल्दी से मेरा हाथ पकड़ कर बेड पर ले गई ओर जल्दी से जाके बेड पर लेट गई,,फिर मुझे अपने उपर आने काइशारा किया मैं समझ गया माँ क्या बोल रही थी ,,मैं माँ के उपर सर
को माँ की टाँगों की तरफ ऑर अपने लंड को माँ के सर की तरफ करके माँ के उपर लेट गया जिस से मेरा लंड माँ के
मुँह के पास ऑर मेरा सर माँ की चूत पर आ गया हम लोग 69 के पोज़ मे आ गये ,,,माँ ने कोई देर किए बिना मुँह
खोल कर मेरे लंड को मुँह मे भर लिया ऑर मैने भी कोई देर नही की माँ की चूत को अपने लिप्स मे भरने की,,माँ
ने मेरी कमर पर हाथ रखा ऑर मुझे खुद अपनी कमर हिलाने का इशारा कर दिया ऑर मैने भी माँ की चूत को
पूरा मुँह मे भरके चूस्ते हुए अपनी कमर को उपर नीचे करना शुरू कर दिया,,,,माँ ने जल्दी से अपनी टाँगो को
खोल दिया ऑर मेरे हाथ को पकड़ कर अपनी गान्ड पर रख दिया ,,,,मैने भी मुँह से थोड़ा थूक माँ की गान्ड वाले
होल पर उगल दिया ऑर अपने हाथों से माँ की गान्ड को खोल कर उंगली से थूक को माँ की गान्ड मे भर दिया ऑर
जल्दी से दोनो हाथों की एक एक उंगली को माँ की गान्ड मे घुसा दिया ऑर माँ की गान्ड को दोनो तरफ फैला दिया जिस
से गान्ड का होल थोड़ा ज़्यादा खुल गया ऑर मैने जल्दी से एक एक उंगली ऑर घुसा दी माँ की गान्ड मे ,,अब मेरे दोनो
हाथों की 2-2 उंगलियाँ माँ की गान्ड मे थी ऑर मैं 4 उंगलियों को माँ की गान्ड मे पेलने लगा माँ ने भी मस्ती
मे आकर मेरी पीठ पर हाथ मारा ऑर मुझे तेज़ी से कमर हिलाने को बोलने लगी,,,

मैं ऑर माँ जिस हिसाब से लेटे हुए थे मेरा ध्यान मामा ऑर दीदी की तरफ था ,,मैने देखा की दीदी ने अपनी टाँगों
को मामा के सर के दोनो तरफ से कस्के मामा के सर को अपनी टाँगों मे जाकड़ लिया था ओर अपने हाथों को मामा की
गान्ड पर टिका कर सहारा लेके खुद के सर को मामा के लंड पर तेज़ी से आगे पीछे करने लगी थी ,,मामा अपनी कमर को
इतनी तेज़ी से नही हिला रहा था जितनी तेज़ी से दीदी का सर मामा के लंड पर आगे पीछे हो रहा था,,,मामा भी समझ गयाकि दीदी बहुत मन्झि हुई खिलाड़ी बन चुकी है इसलिए मामा ने अपनी कमर को हिलाना बंद कर दिया ऑर दीदी को ही अपनेसर आगे पीछे करने दिया ,,,मामा ने अपने हाथ को भी दीदी के सर से उठा लिया ऑर दोनो हाथों से दीदी की गान्ड को कस्के पकड़ लिया ऑर दीदी की चुतड़ों को दोनो हाथों से पकड़ कर खोल दिया ,,वो शायद मुयायना कर रहा था कि दीदी की गान्ड खुली हुई है या नही कुछ देर वो दीदी की चूत को चूमता हुआ दीदी की गान्ड को देखता रहा फिर उसने अपने
एक हाथ की एक उंगली दीदी की गान्ड मे घुसा दी लेकिन उंगली नही घुसी ऑर दीदी को भी हल्का दर्द हुआ क्यूकी मामा ने उंगली पर थूक नही लगाया था ऑर खुश्क उंगली को गान्ड मे डालने लगा था जब मामा को अपनी ग़लती का एहसास हुआ तो उसने जल्दी से उंगली को पीछे किया ऑर अपने मुँह मे भर लिया ऑर जब उंगली थूक से चिकनी हो गई तो वापिस उंगली को दीदी की गान्ड मे घुसा दिया अबकी बार उंगली एक ही बार मे पूरी अंदर तक चली गई ऑर मामा ने उंगली को हल्के से अंदर बाहर करना शुरू कर दिया,,,,जब मामा को एहसास हुआ कि एक उंगली अब आराम से अंदर बाहर होने लगी तो मामा ने थोड़ा थूक लगा कर 2 उंगलियाँ दीदी की गान्ड मे घुसा दी ऑर दोनो उंगलियाँ भी आराम से अंदर चली गई ऑर मामा ने उंगलियों से दीदी की गान्ड को चोदना शुरू कर दिया,,,

इधर मैने भी अपनी कमर को तेज़ी से उपर नीचे करते हुए अपने लंड को माँ के गले से नीचे उतारना शुरू कर
दिया ऑर साथ ही मस्ती मे माँ की चूत को पूरा का पूरा मुँह मे भरके चूसने लगा ,,,,तभी कुछ देर बाद मैने
देखा कि मामा दीदी को ऐसे ही गोद मे उठा कर बेड के पास आ गया ऑर देखते ही देखते बेड पर दीदी को गोद मे
उठाकर इसी ही हालत मे लेट गया ,,,मामा पीठ के बल लेट गया था जिस से दीदी मामा के उपर आ गई थी,,,मामा माँ की
तरफ सर करके लेटा था जिस से दीदी का सर मेरी तरफ आ गया था ,,,,बेड पर लेटते टाइम भी मामा ने दीदी की चूत को मुँह से अलग नही किया ऑर ना ही उंगलियाँ बाहर निकालने दी दीदी की गान्ड से ओर ना ही दीदी ने मामा के लंड को मुँह से बाहर निकाला था,,,,,,,,,,


जब मामा बेड पर लेट गया तो एक पल के लिए दीदी ने लंड को मुँह से बाहर निकला ऑर फिर मेरी तरफ हसके
देखा मैं भी दीदी की तरफ हसके देख रहा था फिर हम दोनो वापिस अपने अपने काम मे लग गये दीदी ने मामा के
पूरे लंड को मुँह मे भर लिया और मैने भी माँ की चूत को पूरा का पूरा मुँह मे भर लिया ,,जिस तरह से मामा दीदी
की चूत को पागलो की तरह चाट ऑर चूस रहा था दीदी भी वैसे ही मामा के लंड पर भूखी शेरनी की तरह टूट पड़ी
थी वो मामा के लंड को पूरा का पूरा मुँह मे भरके चूस रही थी,,,,मामा की बॉल्स दीदी की चिन पर टकरा जाती थी जब
भी दीदी पूरा लंड मुँह मे लेती थी,,,हम लोग करीब ऐसे ही एक दूसरे से चिपके हुए एक दूसरे के प्राइवेट पार्ट को चूस
ऑर चूम रहे थे वो भी करीब 20 मिनट से ,,,,सब लोगो मे एक नई मस्ती भरी हुई थी नया महॉल बना हुआ था
जिस वजह से सबको बहुत मज़ा आ रहा था,,,,दीदी मामा के लंड पर फिदा हो गई जबकि मामा भी दीदी की चिकनी चमेली
ऑर मस्त गान्ड पर मर मिटा था ,,,,तभी मामा ने दीदी की गान्ड मे तेज़ी से उंगली करनी शुरू करदी ऑर दीदी की चूत को
चाटते हुए हल्की सिसकियाँ भरनी शुरू करदी,,,,मामा के मुँह से चुदाई करते टाइम या मस्ती करते टाइम तभी आवाज़
निकलती थी जब वो झड़ने वाला होता था इसलिए तो उसने दीदी की चूत को हल्के से काटना शुरू कर दिया जिस से दीदी को पता चल गया की मामा झड़ने वाला है दीदी ने भी अपने हाथ से अपने बूब्स को ज़ोर से मसलना शुरू कर दिया जिस से दीदी ने भी ये बता दिया कि उसका भी होने ही वाला है ऑर तभी मामा ने दीदी के मुँह मे पानी निकालना शुरू कर दिया जिसको दीदी ने पीना शुरू कर दिया साथ ही दीदी ने भी चूत से एक सैलाब बहाना शुरू कर दिया जो बहुत ज़्यादा लग रहा था


मुझे ऐसा लगा कि जैसे दीदी ने मस्ती मे पेशाब करना शुरू कर दिया है क्यूकी अगर चूत का पानी होता तो इतना नही
निकलता थोड़ा सा होता और मामा उसको सारा का सारा पी जाता लेकिन ये पानी बहुत ज़्यादा था हो ना हो दीदी ने मामा के मुँह पर पेशाब कर दिया था लेकिन मामा को इस से कोई परेशानी नही थी मामा उसके पेशाब को भी पीता जा रहा था जैसे दीदी मामा के लंड के पानी को एक भी बूँद जाया नही होने दे रही थी मामा भी पूरी कोशिश कर रहा था दीदी की
चूत से निकालने वाले पानी की एक एक बूँद पीने की लेकिन पानी बहुत ज़्यादा था जो मामा के मुँह से गिरके बेड पर गिर
रहा था,,,,,जब दोनो का पानी निकल गया तब भी दोनो ने एक दूसरे के प्राइवेट पार्ट को मुँह से अलग नही किया ऑर ऐसे
ही चूस्ते ऑर चाटते रहे ,,,,
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

तभी मेरी पीठ पर हल्के से हाथ लगा ऑर माँ ने ये बता दिया कि बेटा अब मेरा भी होने वाला है तभी मैने भी माँ
की चूत को तेज़ी से चूस्ते हुए माँ की गान्ड मे उंगली की स्पीड भी तेज करदी ऑर साथ ही माँ के मुँह मे तेज़ी से अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा ,,मामा ऑर दीदी को देख कर वैसे ही मेरी मस्ती कुछ ज़्यादा हो गई थी इतनी ज़्यादा की लंड का पानी लंड की टोपी पर आके जमा हो गया था बस माँ के इशारे का इंतजार कर रहा था कुछ ही पल मे माँ की चूत के
साथ ही मेरे लंड ने भी पानी की पिचकारी मारना शुरू करदी ,,मैं माँ की चूत से निकालने वाले पानी को चाटने लगा
ऑर माँ मेरे लंड से निकलने वाले पानी को गले से नीचे गटकने लगी,,,जब दोनो का पानी निकल गया तो मैं माँ के उपर
से हटके साइड मे लेट गया,,,मेरे नीचे उतरते ही मैने देखा की शोभा भी मामा के उपर से उतर गई लेकिन तभी मामा
ने शोभा को हाथ से पकड़ा ऑर अपनी तरफ खींच लिया,,,ऑर फिर से दोनो की एक जबरदस्त किस शुरू हो गई,,,,

मामा ने दीदी को पकड़ा ओर अपनी तरफ खींच लिया ऑर फिर से दोनो की जबरदस्त किस शुरू हो गई ,,मामा तो दीदी को
खा जाना चाहता था उसका किस करने का अंदाज़ भी बिल्कुल वैसा ही था दीदी को भी इस बात का पता था इसलिए मस्ती मे जल्दी ही दीदी का हाथ उनकी चूत पर चला गया,,,,दीदी की चूत अभी पानी बहा कर हटी थी लेकिन मामा के किस करने के अंदाज़ से दीदी को फिर से एक दम मे मस्ती चोदने लगी ऑर चूत फिर से गीली होने लगी,,,

बड़ा मीठा पानी था तेरी चूत का शोभा बेटी मज़ा आ गया ऐसा मीठा पानी पीके,,,,मामा ने दीदी के लिप्स से अपने लिप्स
हटा कर बोला,,,,,,,,,

आपके लंड का पानी भी बड़ा मीठा था मामा एक बार पीके दिल नही भरा एक बार ऑर पीने को दिल करता है,,,शोभा ने
भी उसी अंदाज़ से मामा की बता का जवाब दिया,,,,,

तभी मामा ने वॉल क्लॉक की तरफ इशारा किया ऑर शोभा को बोलने लगा,,,,,अगर सोनिया एक आने के टाइम नही हुआ होता तो इतना पानी पिलाता तेरे को अपने लंड का की तो सोच भी नही सकती,,,,,,,

तो पिला दो जितना पानी पिलाना है मामा अभी बहुत टाइम है सोनिया के आने मे वो कविता के घर गई है ,,,,शोभा ने इतना बोला ऑर मामा को किस करदी

तभी मामा ने शोभा को कस्के बाहों मे भर लिया ऑर अपने जिस्म के उपर लेटा लिया शोभा की मामा की हेल्प करने के
लिए मामा के उपर लेट गई,,,,

मैं ऑर माँ समझ गयी कि आज ये दोनो को पूरी मस्ती चढ़ि हुई है ,एक तो मामा को जवान लड़की मिली थी उपर से शोभा को एक अछा खिलाड़ी जिसको काफ़ी एक्सपीरियंस था ऑर साथ ही जिसका मूसल भी काफ़ी बड़ा था,,,दोनो मस्ती मे पागल हो गये थे

शोभा मामा के उपर लेट गई ऑर मामा ने शोभा को किस करते हुए उसकी नंगी पीठ पर अपने हाथ घुमाना शुरू
कर दिए शोभा ने भी मामा के सर को अपने हाथों से पकड़ा ऑर मामा के बालों मे अपनी उंगलिया चलाने लगी,,,


इधर माँ ने फिर लेते हुए मेरे लंड को हाथ मे ले लिया जो मामा ओर दीदी की वजह से फिर से ओकाट मे आने लगा था ऑर माँ के हाथ लगते ही ज़ोर से सर उठाने लगा था माँ ने मेरे को किस करना शुरू कर दिया ऑर मैने भी माँ के बड़े
बड़े बूब्स को हाथों मे लेके मसल्ते हुए माँ को किस करना शुरू कर दिया इधर मैं ऑर माँ मस्ती मे खोने
लगी उधर दीदी ऑर मामा तो पागल हो गये थे मस्ती मे,,,,

माँ का हाल भी मामा ऑर दीदी को देख कर कुछ ज़्यादा ही उतावला हो गया था एक मिनट किस करने के बाद ही जल्दी से माँ ने मेरे लंड को मुँह मे डाल लिया ऑर चूसने लगी लेकिन जैसे किस भी एक मिनट ही की थी वैसे ही लंड को भी एक मिनट से
भी कम वक़्त मे चूस कर मुँह से निकाल दिया था माँ ने ,,बस उतनी देर ही लंड मुँह मे लिया जितनी देर मे लंड थूक से
चिकना हो जाता फिर जल्दी से मेरे सामने झुक कर कुतिया बन गई ऑर मुझे अपनी गान्ड की तरफ इशारा करने लगी मैने
भी जल्दी से उठा कर माँ के पीछे बैठ कर अपने लंड को माँ की गान्ड मे घुसा दिया ,,लंड काफ़ी चिकना हो गया था जो
एक ही बार एम पूरा जड़ तक घुस गया था ,लंड अंदर जाते ही मैने तेज़ी से झटके मारने शुरू कर दिया तभी मैने देखा
कि माँ ने बेड पर पड़ा हुआ नकली लंड उठा लिया ऑर अपने मुँह मे लेके चूसने लगी ,,,मैं समझ गया कि माँ की हालत
खराब हो गई है वो कुछ ज़्यादा ही मस्त हो गई है ,,,,माँ ने उस नकली लंड को भी मेरे लंड की तरह उतनी देर तक मुँह मे रखा जितनी देर उसको थूक से चिकना होने मे लगती फिर अपने सर को बेड से लगा कर अपन गान्ड को थोड़ा ऑर उपर उठा लिया ऑर अपने हाथ को अपनी चूत पर ले गई जिसमे नकली लंड पकड़ा हुआ था ऑर देखते ही देखते नकली लंड को चूत मे घुसा लिया ओर तेज़ी से हाथ को आगे पीछे करने लगी ,,,,माँ की गान्ड मे मेरा लंड था ऑर मेरी स्पीड बहुत तेज थी लेकिन माँ के हाथ की स्पीड मेरे से भी कहीं ज़्यादा तेज थी वो पूरी स्पीड मे नकली लंड को चूत मे लेके आगे पीछे कर रही थी,,,,मैं भी मस्ती मे माँ की गान्ड पर पकड़ बना कर तेज़ी से माँ की गान्ड मारने लगा ओर मस्ती को कुछ ज़्यादा बढ़ाने के लिए मामा ऑर दीदी की तरफ देखने लगा,,,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

दीदी मामा के उपर लेटी हुई थी दोनो क़िस्स्स करते हुए पागलो की तरह एक दूसरे के जिस्म से खेल रहे थे सहला रहे थे,,,फिर मामा की हालत कुछ ज़्यादा ही खराब होने लगी तो उसने जल्दी से दीदी की टाँगों को खोला ऑर दीदी के कुछ समझने से पहले ही लंड दीदी की चूत मे डाल दिया,,,,,,,,,,,,दीदी के मुँह से आहह निकल गई,,,,,,,थोड़ा अर्रामम्म ससी क्काररूव नाअ म्मामा ईत्त्न्नी बभिि क्क्य्या ज्जालल्ल्लडदिईई हहाईईईईईई ,,,,,,,मामा चुप रहा ऑर दीदी की पीठ पर से हाथ उठा कर दीदी की गान्ड पर ले गया ऑर गान्ड से दीदी को पकड़ कर तेज़ी से अपने जिस्म पर उपर नीचे करने लगा,,,,

,आराम्म्म्म ससी क्कारूऊ न्नाअ ईट्त्न्नी क्क्य्या ज्जाल्ल्लडदिईइ हहाइईइ बभहुत्त् त्तीईम्मी हहाइईइ आप्प्पंनी पपाससस्स ,,,इतना बोलते हुए दीदी ने मेरी ऑर माँ की तरफ देखा तो मैने ऑर माँ ने भी हसके उसकी तरफ़ देखा दीदी मेरी ऑर माँ की मुस्कान से समझ गई कि मामा कुछ ज़्यादा ही जोश मे है वो अब नही रुकने वाला तो दीदी ने भी अपना जवाब देते हुए अपनी टाँगों को घुटनो से मोड़ लिया ऑर अपनी गान्ड को मामा के जिस्म से थोड़ा उपर उठा लिया लेकिन लंड को चूत से बाहर नही निकलने दिया,,मैं समझ गया कि दीदी भी अपनी खेल मे अपने जोहर दिखाने के लिए तैयार हो गई है ऑर एसा ही हुआ,,,

घुटनो को मोड़ कर दीदी ने अपनी गान्ड को उपर उठा लिया ऑर मामा के शोल्डर को पकड़ कर तेज़ी से अपनी गान्ड को उपर नीचे करने लगी मामा की इतनी स्पीड नही थी दीदी को चोदने की जितनी स्पीड से दीदी खुद को चुदवा रही थी,,,,मामा ने हसके दीदी की तरफ देखा ऑर आराम से लेट गये ऑर खुद झटके मारने बंद कर दिए लेकिन दीदी नही रुकी ऑर मामा के लंड पर उपर नीचे उछलने लगी,,

आआआआब्ब्ब्बबब ब्बूऊल्लूऊऊ म्मामममामा क्काईससा ल्ल्लाग्ग र्राहहा हहाईईईई आब्ब्ब म्‍मैईन्न बभहिईिइ
त्त्यय्य्ाआरर हहूऊ ईन्न्ट्त क्का ज्जाववब्ब पपातथहाररर ससी डेन्णनी सीसी ल्लीइयईी इतना बोलकर दीदी मामा के लिप्स
पर टूट पड़ी ऐसा लग रहा था कि मामा दीदी को नही दीदी मामा को चोद रही है ,,,,आज्ज्जज्ज्ज्ज तटूऊ यईी बभ्ंनजििीइ
आप्प्पंनी म्मामममाम क्की प्पूउर्री ल्लुउन्न्ड्ड़ क्कू नीग्घाल्ल ज्जायएग्गिइइ ऊओरर ईट्त्न्ना मामज़्जज़ा द्ड़ेगीइ आपपंनी
म्मामममाम क्कूव क्कीी म्मामममाम स्सूवकच बहिि न्नाहहिि स्साककत्ता ,ब्बूओल्लूऊ म्मामममाम म्मामज़्जजाअ
एयेए र्राहहा हहाइईइ हहयइीई उुउऊहह म्‍म्म्ममामाआआआ ब्बूल्लूऊ म्मामममाम म्मांज़्जा आ र्राहहा
हहाइईइ ब्भ्ह्ह्हान्न्न्ज्ज्जीइ ककूऊ कच्छूओद्द क्काररर आहह हहययययययय दीदी आअहह आहह करते
हुए मेरी तरफ देखने लगी तो मैने दीदी को नज़रो ही नज़रो मे इशारा कर दिया कि मामा कुछ नाहही बोलेगा लेकिन दीदी फिर भी चुप नही हुई ओर मस्ती मे आहह उऊहह करती रही,,,,,,,,

इधर माँ की सिसकियाँ भी शुरू हो गई थी रूम मे ,,,,,,दोनो माँ बेटी के मस्ती भरे शोर मे रूम का महॉल मस्त कर
दिया था साथ ही गान्ड ऑर चूत मे झटके मारते लंड की पच पच्छ की आवाज़ से मज़ा दुगना हो गया था,,मैं तो दीदी ऑर
मामा की तरफ देखता हुआ मस्ती मे पूरी स्पीड से माँ की गान्ड मांर रहा था ,,,,,मेरे सामने लाइव पॉर्न मूवी चल रही
थी जिस से मस्ती कुछ ज़्यादा ही बढ़ने लगी थी माँ का भी यही हाल था वो नकली लंड को तेज़ी से अपने हाथ मे पकड़ कर अपनी चूत मे घुसा रही थी ऑर सिसकियाँ ले रही थी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आहह ब्बीत्त्ताअ ऊरर त्तीज्ज्जीइ ससीए
गगाणन्ंदड़ म्मांररर आप्प्पनन्ी माँ क्कीईइ आज्ज टूऊ आप्प्पनन्ी र्रांन्ँद्दद्दीई ब्बांना ल्ली म्मूउुज्झहहीए जज़ार्रा
बभिि त्ताररासस्स न्नाहहिईिइ क्काररणाआ आहह उूुुुुुउऊहह
हहयययययययययययययययययययईईईईईईईई ओर तेजज़्ज़्ज क्काररर ब्बेतत्टाअ ऊओरर त्टीज्जज्ज्ज्ज कच्छूऊद्दद
आप्प्पननन्िईिइ म्माम कककू गगाणन्ंदड़ कककूऊऊ आहह मैं भी पूरी स्पीड से माँ की चुदाई करने
मे लगा हुआ था लेकिन माँ ऑर भी तेज करने को बोल रही थी,,,,,,

उधर दीदी पिछले 10 मिनट से मामा के लंड पर बैठ कर उपर नीचे उछल रही थी इधर मैं माँ की गान्ड की चुदाई
कर रहा था तभी दीदी मामा के उपर से उतर गई ऑर लंड को मुँह मे लेके चूसने लगी फिर जल्दी ही वापिस मामा के उपर
चढ़ गई लेकिन मामा ने उसको उपर आने से मना कर दिया ऑर खुद बेड से उठ गया ओर दीदी को बेड पर माँ की तरह झुकने का इशारा किया और दीदी भी जल्दी से बेड पर झुक कर कुतिया बन गई मामा ने अपने लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर दीदी के पीछे जाके लंड को दीदी की चूत पर रखा लेकिन तभी दीदी ने मामा के हाथ को पकड़ कर लंड को गान्ड पर रखने को बोला तो मामा ने खुशी खुशी लंड को गान्ड पर रखा ऑर दीदी की कमर को मजबूती से हाथों मे पकड़ा ऑर एक ही बार मे लंड को दीदी की गान्ड मे घुसा दिया लंड दीदी के थूक ऑर चूत क पानी की वजह से काफ़ी चिकना हो गया था जो एक ही बार मे पूरा अंदर घुस्स गया था ,,,,दीदी के मुँह से हल्की मस्ती ऑर दर्द भरी मिली जुली अहह निकल गई,,,,,मामा ने
लंड अंदर घुसते ही तेज़ी से दीदी की गान्ड मारनी शुरू करदी,,,,,,,,,आआआआअहह आराम्म्म्मम सीए क्क्ययउउूउ
न्नहहिि कल्कर्रतती मामा म्मामिन्न क्कून्न्स्सा क्काहहिन्न बब्बगगगीइ जेया राहहिी हूऊंणन्न् त्हूड्दाअ
प्पययाररर सससी क्कार्रूऊ न्नाआअ आहह हहययईए ईत्त्ना ब्बाद्दा म्मूस्साल्ल्ल ईककक हहिईीईईई
बबाररर म्मी प्पूउर्रा ग्घुउऊस्सा दीईयया ज्ज्जानं नीककाल्ल दडिईइ म्मीरीईईई आहह हहययययईईई
उउउहह दीईद की दर्द ओर मस्ती भरी सिसकियों का कोई असर नही हुआ मामा पर वो तो अपनी पूरी रफ़्तार
से दीदी की गान्ड चुदाई करने मे लगा रहा,,,,,


मैं भी पूरी स्पीड से माँ की गान्ड मांर रहा था ऑर मामा भी पूरी तेज़ी से दीदी की गान्ड मारने मे लगा हुआ था ,दोनो
माँ बेटी मस्ती मे सिसकियाँ लेने लगी थी जिस से एक मस्ती भरा महॉल बना हुआ था रूम मे,,,मेरा लंड पूरा अंदर
तक ऑर तेज़ी से जा रहा था माँ की गान्ड मे ऑर माँ खुद तेज़ी से नकली लंड को अपनी चूत मे घुसा रही थी,,आहह
म्मीररीए ब्बेटया ऊओरर त्तेज्ज छ्छूड्डू आपपननीी म्मामा ककूऊ आहह माँ पूरी मस्ती मे सिसकिया ले रही
थी लेकिन उधर शोभा सिसकियों के साथ हल्के दर्द से चिल्ला भी रही थी ,मामा को काफ़ी टाइम बाद किसी जवान लड़की की गान्ड मारने का मोका मिला था इसलिए वो कुछ ज़्यादा ही मस्ती मे था ऑर इसी मस्ती मे वो पूरी तेज़ी से ऑर बेरेहमी से दीदी की गान्ड मांर रहा था दीदी दर्द से चिल्ला रही थी लेकिन मामा को रोक नही रही थी क्यूकी दीदी को भी बहुत मज़ा आ रहा था ,,,गान्ड मे होने वेल दर्द मीठे दर्द से ,,,,उसी तरह मामा को भी कोई परवाह नही थी दीदी की वो बस मस्ती मे तेज़ी से लंड को गान्ड की जड़ तक घुसा रहा था ,,,तभी मामा चुदाई करता हुआ अपने पैरो पर खड़ा हो गये ऑर दीदी के उपर झुक कर दीदी की पीठ पर किस करने लगा ऑर साथ ही अपने हाथों को दीदी के बूब्स पर ले गया ,,,दीदी मस्ती मे सिसकियाँ ले रही थी


तभी एक दम से दीदी हल्का सा चिल्लाने लगी थोड़ी देर मे दीदी ज़ोर से चिल्लाई मैने ऑर माँ ने उन दोनो की तरफ देखा तो मामा दीदी के बूब्स को पूरे ज़ोर से दबा रहा था वो कोई दया नही कर रहा था दीदी पर ऑर साथ ही दीदी की पीठ पर किस करते हुए हल्के हल्के दाँतों से काट भी रहा था जिस से दीदी को ज़्यादा मस्ती चढ़ने लगी थी लेकिन मामा कुछ ज़्यादा ही मस्ती मे था इसलिए वो बीच बीच मे थोड़ा ज़ोर से काटने लगा था दीदी को जिस से दीदी चिल्लाने लग जाती थी ,,मैने दीदी की पीठ पर देखा तो जगह जगह मामा के दाँतों के निशान पड़ने लगे थे ,,,एक तो दीदी दूध की तरह गोरी थी
जहाँ जहाँ मामा ने ज़ोर से काटा था वहाँ की स्किन लाल हो जाती थी,,,,मामा ज़ोर से काट रहा था फिर भी दीदी मामा को मना नही कर रही थी बस ज़ोर से चिल्ला रही थी,,मैं समझ गया कि दीदी को सच मे दर्द हो रही है अब शायद वो मामा को रोक देगी ऐसा करने से लेकिन मैं हैरान रह गया क्यूकी दीदी मामा को ओर ज़ोर से काटने को बोलने लगी थी,,,,दीदी के ऐसा बोलने से माँ दीदी की तरफ देख कर हँसने लगी ,,,,,र जूओर ससीए कातत्तूओ म्माममम्माम क्क्हा ज्जाऊ अपपननीी ब्भ्हान्न्ज्जी क्कूव क्कूवई त्ताररास्स म्मांत क्काररन्ना अहह जज़ूर ससी ककातटूऊ ऊरर ज्जूओर्र ससी म्मांसल्ल्लूऊ
म्मीररी ब्ब्ब्ूऊओब्ब्बसस कककूऊ कचात्त्तिीई सस्स्सीए उउक्खहाद्दद्ड द्दूव इन्नककूऊऊ अहह हयइईए

उधर दीदी मस्ती मे चिल्ला चिल्ला कर मामा को अपनी पीठ पर ज़ोर से काटने को बोल रही थी इधर माँ ने भी मुझे मामा
ऑर दीदी की तरफ मस्ती करने को बोलते हुए अपनी पीठ पर किस करने को बोला ,,,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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