कहीं वो सब सपना तो नही complete

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »


अरे भाई तू गुस्सा क्यू हो रहा है,,ऑर अभी तक इसको मारा ही कहाँ है मैने ,,अभी तो असली मार पड़नी है इसको,,,,,साली इतना नखरा कर रही थी इतना हाथ पैर चला रही थी,,,,मुझे डर था कि ये ऐसी हरकत करेगी इसलिए तो मोबाइल पर भी इसकी नंगी की वीडियो बना ली मैने ताकि ये मूह ना खोल सके,,,,इतना बोलकर करण मेरे करीब आया ऑर मुझे मोबाइल दिखाने लगा,,

मैने देखा कि उस वीडियो मे करण लड़की को बेड पर लेटा कर मार रहा था ऑर गालियाँ भी दे रहा था,,,वो लड़की बस रोती
जा रही थी,,,ऑर अभी भी रो रही थी,,,

तुझे शरम नही आती ऐसा घटिया काम करते हुए,,,,मैं करण के मोबाइल को पकड़ा ज़ोर से दीवार पर पटक कर मारा तो उसका मोबाइल टुकड़े टुकड़े होके बिखर गया,,,,

अरे ये क्या किया भाई,,,,मोबाइल क्यू तोड़ दिया,,उसी मे तो वीडियो थी ,,,,करण जल्दी से मोबाइल उठाने के लिए भागा ,,

तभी मैं भी उसके पीछे गया ऑर उसको हाथ से पकड़ लिया,,,,,,


इसके साथ ऐसा क्यूँ कर रहा है तू करण,, ,,देख क्या हालत हो गई है रो रो कर इस लड़की की,,,,,

रोती है तो रोने दे भाई,,,इसके भाई ने भी तो मेरी बेहन को रुलाया था,,,अब मैं इसके भाई की करतूत का बदला इस से लूँगा ऑर तब पता चलेगा इसके भाई को कि लड़की की एसी वीडियो बनाने से क्या होता है,,,,कितनी बदनामी होती है,,,अब पता चलेगा उसको,,,

क्या,,,,ये अमित की बेहन है,,,,

नही भाई ये उस से भी बड़े कमिने की बेहन है,,,,,,,,ये उस हरामी की बेहन है जिसकी वजह से शिखा दीदी की वीडियो बनी
थी,,,,,,,,

वीडियो तो अमित ने बनाई थी करण,,,,,

नही भाई,,,अमित तो दीदी को वहाँ लेके गया था , लेकिन वीडियो का काम था इसके हरामी भाई सुरेश का,,,,,,

सुरेश वही लड़का था जो अमित के साथ होता था,,,,उस दिन सुमित को भी वही मार रहा था,,,,काला कुत्ता ,,अकल ना शक्ल,,,किसी साउत इंडियन मूवीस का गुंडा ,,,,शक्ल ऐसी ऐसी दीवार पर गोबर पटक कर मारा होता है,,,,

इसके भाई ने मेरी बहन की इज़्ज़त खराब की मैं इसकी इज़्ज़त खराब कर दूँगा,,,,,इतना बोलकर करण हँसने लगा,,,,

वो लड़की फिर से अपने सर को घुटनो मे दबा कर रोने लगी,,,,,

मैने करण को गर्दन से पकड़ा ऑर कस्के 2-3 थप्पड़ लगा दिए उसके,,,,उसने मेरा हाथ पकड़ने की कोशिश की तो मैने
ऐसा कस्के घुसा मारा कि उसकी नाक से खून निकलने लगा,,,,ऑर फिर से थप्पड़ मारने लगा,,,तभी शिखा ऑर शोबा भाग
कर मेरे पास आई ऑर मेरा हाथ पकड़ कर करण को मेरे से अलग कर दिया,,,,,

शोबा ने मुझे दूर किया जबकि शिखा करण को लेके एक साइड पर हो गई,,,,,करण अपने हाथ से अपनी नाक से बहने वाले
खून को रोकने लगा तभी शिखा ने अपने रुमाल को उसकी नाक पर रख दिया,,,,,

ये क्या किया तूने सन्नी,,करण को क्यू मारा,,,,तेरा दिमाग़ तो ठीक है,,,,शिखा गुस्से मे बोली तो मैने शोबा को अपने से
दूर किया ऑर शिखा के करीब जाके उसको बालों से पकड़ लिया,,,,,,ऑर गुस्से मे बोला


क्या तुझे पता था करण ये सब करने वाला है,,,,,मैं पूरे गुस्से मे ऑर चिल्ला कर बोल रहा था,,,,,मेरा गुस्सा देख
शिखा डर गई ऑर शोबा भी जल्दी से मेरे पास आ गई ऑर मेरे हाथ से शिखा के बाल छुड़वाने लगी,,,,

सन्नी तू पागल हो गया है क्या,,,,ये क्या कर ,,छोड़ शिखा को,,,,दीदी मेरे हाथ को शिखा के बालों से खींचने लगी,,

तभी मैं शोबा दीदी को गुस्से मे बोला,,तुम पीछे हट जाओ दीदी,,,,,मेरा गुस्सा इतना ज़्यादा था ऑर मैं चिल्ला कर बोला तो
शोबा दीदी ने मेरा हाथ छोड़ दिया ऑर पीछे हट गई,,,,,उनका चेहरा उदास हो गया था ऑर वो बहुत ज़्यादा डर गई थी,,,,

मैं फिर शिखा से पूछा,,,,,क्या तुम जानती थी करण ये सब करने वाला है,,,,,मैने गुस्से से पूछा,,,

नही सन्नी मुझे कुछ नही पता था मुझे तो अभी करण ने फोन किया था ऑर घर आने को बोला,,,कहने लगा कि आपके लिए कोई सर्प्राइज़ है,,,,,

आप सच बोल रही हो ना,,,,,तभी शोबा दीदी बोलने लगी,,,,हाँ भाई हम सच कह रहे है,,,,करण ने हमे फोन किया था
तभी तो हम दोनो यहाँ आई है,,,,

मैं शिखा को छोड़ कर वापस करण की तरफ गया ,,करण पहले से बहुत डरा हुआ था मेरे करीब आते ही वो पीछे हटने
लाग ,,शिखा ऑर शोबा दोनो फिर हमारे बीच आ गई,,,,

शिखा,,इस से ग़लती हो गई सन्नी माफ़ कर्दे इसको,,,शोबा भी मेरे को रोक रही थी लेकिन वो ज़्यादा ज़ोर नही लगा रही थी,,,,


माफ़ कैसे कर दूं दीदी,,,इसने इस लड़की की ज़िंदगी खराब कर देनी थी,,,,,इसके भाई सुरेश ने ऑर उस कुत्ते अमित ने मिलकर आपको अपने जाल मे फसाया ऑर आपकी वीडियो बना ली तो इसमे इस बेचारी का क्या कसूर,,,उन दोनो की सज़ा इसको क्यू दी जा रही है,,,,सज़ा देनी है तो उन दोनो को दो,,,

सन्नी उसने मेरी बेहन के साथ ऐसा किया तो मैं भी उसकी बेहन,,,,

करण अभी बोलना शुरू ही हुआ था कि मैं उसकी तरफ हाथ बढ़ाया ऑर उसको चुप रहने का बोला,,,,,तू अपनी बकवास बंद
करले वर्ना मैं तेरा सर फोड़ दूँगा,,,,,,

मैं शिखा ऑर शोबा दीदी से दूर हुआ ऑर बेड पे बिछी हुई बेडशीट को उठा कर उस लड़की के करीब गया ,,वो अभी भी सर
को नीचे झुका कर अपने घुटनो मे दबा कर रो रही थी,,,,मैने बेडशीट से उसके नंगे बदन को कवर किया ,,उसने
सर उठा कर देखा ऑर थोड़ा डर गई लेकिन अपने जिस्म पर पड़ी हुई बेडशीट देख कर उसका डर थोड़ा कम हुआ लेकिन आँखों से आँसू ऑर चेहरे से उदासी दूर नही हुई,,,,,तभी शोबा दीदी भी मेरे पास आ गई ऑर उस लड़की को उठाने मे मेरी हेल्प करने लगी,,,,वो लड़की उठ कर खड़ी हो गई लेकिन अभी भी वो रोए जा रही थी,,,,इतने खूबसूरत चेहरे पर उदासी ऑर आँखों मे आँसू देख कर मुझे गुस्सा आ रहा था करण पर,,,,,

मैने ऑर शोबा दीदी ने उस लड़की को बेड पर बिठा दिया फिर दीदी भाग कर किचन मे गई ऑर पानी का ग्लास लेके आ गई,,

दीदी उसको पानी पीला रही थी लेकिन उसके गले से एक बूँद भी नीचे नही हो रही थी बल्कि सिसकियाँ लेते हुए जितना पानी वो पीने की कोशिश कर रही थी सारा का सारा पानी मूह से निकल कर उसकी टाँगों पर गिर रहा था,,,मुझे बहुत तरस आ रहा था उस लड़की पर,,,,,

मैने करण की तरफ देखा तो उसका हाथ अभी भी उसकी नाक पर था,,,शिखा दीदी का रुमाल उसके हाथ मे था जिसको उसनेनाक पर लगा रखा था,,,वो रुमाल खून से भीग गया था ऑर खून रुमाल से होता हुआ नीचे ज़मीन पर गिर रहा
था ,,तभी मैं करण के पास गया ऑर अपनी पॉकेट से रुमाल निकाल कर उसके नाक पर रखके ज़ोर से दबा दिया फिर शिखा दीदी का हाथ पकड़ कर करण की नाक पर रखा ऑर दीदी को भी उसकी नाक को ज़ोर से दबाने को बोला ताकि खून रुक
जाए,,,,

देख कमिने क्या हालत की है तूने इस लड़की की,,,,इसकी क्या ग़लती थी यही ना कि इसने तेरा यकीन किया ऑर तुझसे प्यार करने की ग़लती की,,,,ऑर आज उसी प्यार ऑर यकीन की वजह से तेरे साथ तेरे घर मे आ गई,,,ऑर तूने उसके इसी यकीन को थोड़ा ऑर उसका फ़ायदा उठाने की कोशिश की वो भी इसके भाई की वजह से,,,,इसके भाई ने जो कुछ किया उसमे इस बेचारी की क्या ग़लती,,बदला लेना ग़लत बात नही लेकिन बदला उसी से लो जिसकी ग़लती हो,,,,,

अमित ने शिखा दीदी को अपने जाल मे फसाया क्यूकी दीदी भी उसका यकीन करती थी,,प्यार करती थी उस से ,,फिर वो दीदी को अपने साथ ले गया ऑर दीदी भी उसी प्यार ऑर विश्वास की वजह से उसके साथ गई ,,फिर सुरेश के साथ मिलकर अमित ने दीदी की वीडियो बना ली ऑर दीदी के उस विश्वास को तोड़ दिया,,,,ये तो अच्छा हुआ कि हमे अमित की इस करतूत के बारे मे पता चल गया वर्ना क्या होता,,,,,,या तो दीदी उसकी बातों मे फस कर उसकी हर बात मानने को तैयार हो जाती फिर अमित,, सुरेश के साथ उसके दोस्तो को भी अपने जिस्म के साथ खेलने देती,,या फिर उनकी बात नही मान कर खुद को बदनामी से बचाने के लिए ख़ुदकुशी कर लेती जैसे हमारे कॉलेज की 2 लड़कियों ने की,,,,अमित ऑर सुरेश की ब्लॅकमेलिंग से तंग आके,,,,,,,क्या तू चाहता है कि कल को ये लड़की भी कुछ ऐसा ही करे,,,तेरी उस घटिया वीडियो की वजह से तेरी हर बात माने फिर तेरे ऑर तेरे दोस्तो के बिस्तर पर बिना कोई शर्त ऑर सवाल किए नंगी होके लेट जाए या बदनामी से बचने के लिए खुद अपनी जान देदे,,,,बोल क्या तू ऐसा ही चाहता है,,,,,बोल अब चुप क्यू है कमिने,,,,बोल,,,,

मैं गुस्से से करण को बोल रहा था लेकिन करण चुप रहा ,,,,,शिखा ऑर शोबा भी चुप थी,,,,,
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

तभी मैने शिखा को करण से दूर हटने को बोला,,,,,फिर शोबा दीदी ऑर शिखा दीदी को उस लड़की को अपने साथ दूसरे रूम मे लेके जाने को बोला,,,,शोबा ऑर शिखा उसको दूसरे रूम मे ले गई ऑर मैं करण को बेड पर लेके बैठ गया,,,मेरा हाथ करण की नाक पर गया ऑर मैं उसकी नाक को हाथ से दबाते हुए उसको सॉरी बोलने लगा,,,,,

सॉरी करण भाई मैने आज तेरे पर हाथ उठाया ,,लेकिन मैं मजबूर था,,,उस लड़की के उदास चेहरे ने रोती हुई आँखों ने मुझे मजबूर कर दिया था,,,,

तू सॉरी क्यू बोल रहा है सन्नी भाई ग़लती तो मेरी है,,मैं ही बदले की आग मे इतना जलने लगा था कि जिस लड़की को प्यार करने लगा था उसी को बदनाम करने की कोशिश करने वाला था,,,मैं पागल हो गया था सन्नी भाई ,,,मुझे कैसे भी उस सुरेश ऑर अमित से बदला लेना था ,,,जो कुछ भी उन्होने मेरी बेहन के साथ किया,,,,,,करण इतना बोलकर रोने लगा ऑर मेरे गले लग गया

माफी माँगनी है तो मेरे से नही उस लड़की से माँग जिसका तूने दिल तोड़ा है,,,,,कितना यकीन करती थी वो तेरे पे कितना प्यार करती थी वो तेरे से,,,,तूने उसके प्यार को उसके यकीन को विश्वास को तोड़ा है,,,,,माफी तो तुझे उस से माँगनी चाहिए,,,

नही भाई वो मेरी इस हरकत के लिए मुझे कभी माफ़ नही करेगी,,,,,वो क्या कोई भी लकड़ी किसी लड़के को ऐसी हरकत के लिए माफ़ नही कर सकती भाई,,,,,,,

देख अगर तू उसको सचे दिल से लव करता है ऑर वो भी तेरे को लव करती है तो तुझे उस से माफी माँगनी चाहिए ऑर वो भी तुझे माफ़ कर देगी,,वो जान गई है तुम ऐसा किसी बदले की वजह से कर रहे थे,,,,शायद वो तेरी बात को समझ जाए लेकिन उसको समझाना तेरा काम है,,,,

मैने करण का हाथ पकड़ा ऑर अपने साथ दूसरे रूम मे ले गया,,जहाँ वो लड़की कपड़े तो पहन चुकी थी लेकिन अभी भी
रो रही थी,,,शिखा ऑर शोबा उसको चुप करवाने की कोशिश कर रहे थे,,,,,,,

करण को देख कर उसकी आँखें गुस्से से लाल हो गई लेकिन उस लाल आँखों मे आँसू थमने का नाम नही ले रहे थे ऑर
ऐसा लग रहा था लाल आँखों से जवालामुखी फुट रहा हो,,,,,,

करण उसको देख कर डर रहा था ऑर उसके करीब नही जा रहा था लेकिन मैं करण को हाथ से पकड़ कर उसके करीब
ले गया,,,,,,

चल सॉरी बोल इसको,,,,,,,करण आगे नही बढ़ा लेकिन मेरे ज़ोर डालने पर वो आगे बढ़ गया ऑर सॉरी बोलने लगा,,,,

सॉरी रितिका,,,,मेरे से बहुत बड़ी ग़लती हो गई,,,,,अभी करण बोलने ही लगा था कि वो लड़की बेड से उठी ऑर करण के चेहरे पर थप्पड़ मारने लगी,,,तभी मैने आगे बढ़ कर करण को पीछे किया ऑर शिखा दीदी ऑर शोबा ने मिलकर उस लड़की को पकड़ा,,,

तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरे साथ ऐसा करने की,,,,ऑर इतना जॅलील है तू कि ये सब करने के बाद भी मुझे सॉरी बोलने आया है तुझे क्या लगा मैं सब भूल कर तुझे माफ़ कर दूँगी,,,जो तूने मेरे साथ किया है मैं कभी नही भूल सकती,,,,,

तभी मैं आगे हुआ,,,,रितिका उसको अपनी बात तो पूरी करने दो,,,सुनो तो सही वो क्या कहना कहता है,,,मैं मानता हूँ उसने
जो ग़लती की है उसके लिए तुम इसको कभी माफ़ नही कर सकती लेकिन इसने ये ग़लती क्यूँ की किन हालातों मे की ये तो पूछ लो इस से

मुझे कुछ नही सुनना मैं जानती हूँ इसने ऐसा क्यू किया,,,,वो रोती जा रही थी ऑर बोलती जा रही थी,,,,,,,,मेरे से झूठा प्यार
का नाटक किया ऑर मुझे अपने घर लेके आया ऑर यहाँ मेरे साथ ,,,,,,वो बात को बीच मे ही रोक कर रोने लग जाती है,,,,,


इसकी बात तो सुनलो एक बार,,,,ये कुछ बोलना चाहता है,,,,ऑर तेरे से झूठा प्यार नही करता ये ,,सच मे तुझे चाहता
है ,,,,

झूठ,,,एक ऑर झूठ,,,,मुझे सच मे चाहता तो मेरे साथ ऐसा नही करता ये,,मैं जानती हूँ इसने मेरे भाई ऑर उसके
दोस्त अमित की वजह से ऐसा किया है लेकिन उस मे मेरी क्या ग़लती,,,,मेरे भाई की ग़लती की सज़ा मुझे क्यू मिलती है बार बार,,,

पहले उसकी वजह से मुझे कॉलेज छोड़ना पड़ा क्यूकी हर कोई मुझे यही बोलता कि मेरा भाई कमीना है,,,उसके डर की
वजह से उसके सामने सब लोग मेरी इज़्ज़त करते लेकिन जब वो मेरे पास नही होता तो हर कोई मेरे से बत्तमीजि करता,,,बोलता की मेरा भाई कमीना है ,,,बड़ा जॅलील है ,,,यही बोल बोल कर लड़के मेरे से छेड़खानी करते,,,,मैं डर जाती ऑर डर के मारे भाई को कुछ नही बता पाती लेकिन वो लोग बार बार मुझे तंग करते,,,बोलते कि मेरा भाई लड़कियों की ज़िंदगी बर्बाद करता है तो हम तेरी ज़िंदगी बरबाद कर देंगे,,,,मुझे नही पता मेरे भाई ने क्या किया ऑर जो किया वो सच है या नही लेकिन अपने भाई की ग़लती की सज़ा मैं क्यू भुगत रही हूँ बार बार,,,,,क्यू मुझे बार बार जॅलील होना पड़ रहा है,,

आख़िर मेरी क्या ग़लती है इसमे,,,,,वो रोती जा रही थी,,,,शोबा ऑर शिखा उसको सहारा दे रही थी ऑर चुप करवा रही थी,,,,

तुम्हारी कोई ग़लती नही है रितिका,,मेरी ग़लती है मैं बदले की आग मे पागल हो गया था इसलिए ये सब करने वाला था,,,,मुझे माफ़ करदो रितिका,,,करण रोते हुए ज़मीन पर बैठ गया ऑर अपने सर को उसकी गोद मे रख दिया,,,,उसने भी रोते हुए अपने सर को शिखा के शोल्डर से उठाया ऑर करण एक सर को पकड़ कर अपनी गोद से उठा दिया,,,,

दूर हो जा करण मेरी नज़रो से ,,मैं तुझे कभी माफ़ नही करूँगी,,तूने मुझे उस ग़लती की सज़ा देने की कोशिश की है
जो ग़लती मैने की ही नही,,,ऑर पता नही मेरे भाई ने भी वो ग़लती की है या तुम लोग बस ऐसे ही उसको बदनाम कर
रहे हो,,,,,

नही रितिका वो सब सच है,,,,तुम्हारे भाई ने वो सब घटिया हरकते की है जिनकी वजह से कुछ लड़कियों की ज़िंदगी बर्बाद
हुई है,,,कुछ लड़कियों ने तो खुद्कुशि भी करली थी तेरे भाई से तंग आके,,इतना बोलकर मैं बाहर गया ऑर सोफे पर पड़ा
हुआ अपना कॉलेज बॅग लेके अंदर आ गया,,,,
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »


मैं ज़मीन पर ही बैठ गया जहाँ करण भी बैठ हुआ था,,,मैने अपने बॅग से लॅपटॉप निकाला ऑर वो फोल्डर ओपन किया
जहाँ सभी घटिया वीडियो पड़ी हुई थी जो अमित ऑर सुरेश की ग़लतियों का सबूत थी,,,,,,,मैं वीडियो प्ले की ओर लॅपटॉप रितिका की तरफ घुमा दिया,,,,,रितिका की आँखें फटी की फटी रह गई,,,उसने वीडियो मे अपने भाई सुरेश ऑर साथ ही अमित को देखा जिसके साथ कुछ ऑर लड़के थे जो हमारे कॉलेज के थे वो सब मिलकर एक लड़की से ज़बरदस्ती कर रहे थे,,ये वही लड़की थी जिसने ख़ुदकुशी की थी हॉस्टिल की छत से कूद कर,,,,

क्यू रितिका अब हुआ यकीन या नही,,,,,,,अब पता चला तेरा भाई कितना बड़ा कमीना है,,,,,

रितिका का मूह खुला का खुला रह गया ,,,ये देख कर वो खुद रोना भूल गई,,,क्यूकी उस से भी ज़्यादा रो रही थी वो लड़की
जो इस वीडियो मे थी,,,,,,

शिखा ऑर शोबा का भी मूह खुला का खुला रह गया था,,,,,

इसमे एक वीडियो शिखा दीदी की भी थी,,लेकिन इस से पहले वो वीडियो किसी ऑर के हाथ लगती मैने उस वीडियो को हमेशा के लिए ख़तम कर दिया,,,,,वर्ना शिखा दीदी भी आज ख़ुदकुशी कर चुकी होती या तेरे भाई ऑर उसके दोस्तो के डर से वही काम करतीजो वो लोग इस से करवाते,,,,,

मेरी इस बात पर शिखा दीदी की आँखों मे आँसू आ गये,,,रितिका ने शिखा दीदी की तरफ देखा तो शिखा दीदी ने सर को
हां मे हिला कर रितिका को बोल दिया कि मैं जो बोल रहा हूँ वो सच है,,,,,

कुछ देर तक रूम मे सन्नाटा रहा,,,,,,बोलो रितिका अब क्या बोलती हो,,,,अब भी तुमको लगता है करण ने जो किया ग़लत किया हालाकी करण ने ग़लत किया लेकिन उस ग़लती के पीछे एक बदले की आग थी एक जुनून था,,,,वो बदले की आग मे इस कदर जलने लगा था कि जिस लड़की को प्यार करने लगा था उसी को बदनाम करने की साजिश करने लगा था,,,,,ऑर वो कामयाब भी हो जाता शायद,,,,

तभी रितिका शिखा दीदी के गले लग्के रोने लगी,,,,,तेरे साथ इतना कुछ हो गया तूने मुझे बताया क्यू नही,,,,तू तो मेरी
बेस्ट फ्रेंड थी ना एक बार तो बता सकती थी मुझे,,,,,

नही बता सकती थी,,तेरे भाई को या किसी को शक हो जाता तो मुश्किल हो जानी थी,,शिखा दीदी भी रोते हुए उसकी बात का जवाब देने लगी,,,,

फिर रितिका उठी ऑर करण के पास ज़मीन पर घुटनो के बल बैठ गई,,,,मुझे माफ़ करदो करण मुझे नही पता था
शिखा दीदी के साथ ऐसा हुआ ऑर तुम अपने दिल मे बदले की आग लिए उस आग मे जल रहे हो,,अब मैं समझ गई कि उस लड़के कि ऐसी क्या मजबूरी थी जो मुझ से इतना प्यार करता है फिर भी मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहा है,,,,,इतना बोलकर रितिका करण के गले लगी ऑर दोनो एक दूसेर के गले लग कर रोने लगे,,,,


सबकी आँखों मे आँसू थे,,तभी मैं बोल पड़ा,,,,,अब क्या रोते रहोगे सारा दिन,,,कोई ऑर काम नही है क्या,,,,चलो शोबा
दीदी आंड शिखा दीदी आप लोग बाहर चलो ऑर सबके लिए कॉफी बनाओ,,,मेरे इतना बोलते ही शिखा दीदी आँखों से आँसू पोछते हुए बेड से उठी ऑर हल्के से स्माइल करने लगी,,,,साथ ही शोबा दीदी भी उठ गई,,,,,,

चलो हम लोग बाहर चलते है इन लोगो को थोड़ी देर बात करने दो,,,,,एक दूसरे को सॉरी बोलने दो ऑर एक दूसरे को माफ़ करने दो,,,,,

मैं शिखा ऑर शोबा दीदी वहाँ से चले गये,,शिखा दीदी ऑर शोबा दीदी किचन मे चली गई और मैं सोफे पर बैठ गया


कुछ देर बाद शिखा ऑर शोबा कॉफी लेके आ गई ऑर इतने मे करण ऑर रितिका भी वहाँ आ गये,,,,सब लोग बैठ गये ऑर कॉफी पीने लगे,,,,,करण की नाक से खून बहना बंद हो गया था ऑर रितिका की आँखों से आँसू लेकिन एक उदासी अभी भी थी उन लोगो के चेहरे पर,,,,,,

सन्नी तुमको ये सब वीडियोस कहाँ से मिली,,,,रितिका ने कॉफी पीते हुए मेरे से पूछा,,,,

फिर मैने उसको सारी बात बताई ,,,सुमित के घर के बारे मे जहाँ अमित दीदी को लेके गया ऑर कहाँ पर किस बॉक्स मे सारी सीडीज़ ऑर पेनड्राइव पड़ी हुई थी,,,,,,एक एक करके सब कुछ बता दिया

ये सब डेटा तुम लोगो के पास है तो तुम लोगो ने इसको पोलीस के हवाले क्यू नही किया,,,,,,क्या तुम लोग डरते हो इन कमिने लोगो से,,,,

मैं हैरान होके देखने लगा रितिका की तरफ,,,,वो अपने भाई को गाली दे रही थी,,,,,

तुम अपने भाई को गाली दे रही हो,,,,मैने रितिका से पूछा,,,,

मेरा कोई भाई नही है,,,,ऑर जो था अब वो मर गया है मेरे लिए,,,ऐसी घटिया हरकत करने वाला किसी का भाई नही हो सकता

,,,,,मेरा बस चले तो मैं खुद गोली मार दूं ऐसे भाई को,,,,,बट मैं मजबूर हूँ,,,,,,,लेकिन तुम लोग तो मजबूर नही
हो सन्नी,तुम लोग तो ऐसा कर सकते हो ,,,,लेकिन अगर तुम लोगो को डर लगता है ये सीडीज़ पोलीस तक पहुँचाने मे तो मैं तुम लोगो की हेल्प कर सकती हूँ,,,,

नही रितिका इसकी कोई ज़रूरत नही ,वैसे मैं इसी कोशिश मे लगा हुआ हूँ बस एक बार जो मैने प्लान बनाया है वो कामयाब हो जाए,,,फिर सब लोगो को उनकी करनी की सज़ा मिल जाएगी,,,,

क्या प्लान बनाया है सन्नी,,,,करण ने मेरे से पूछा,,,,,

तो मैने वो सारी बात बता दी करण को ऑर बाकी सबको जो मेरे दिमाग़ मे काफ़ी टाइम से चल रही थी,,,,,

कॉफी पीने के बाद शोबा ऑर शिखा ने मिलकर रितिका का हुलिया ठीक किया ऑर उसको अपने साथ लेके उसके घर छोड़ने चली गई,,,,ऑर मैं करण को साथ लेके डॉक्टर के पास चला गया ऑर उसकी नाक ठीक करवा कर मेडिसिन दिलवाके फिर करण को वापिस घर लेके आ गया,,,,

तुझे क्या लगता है ये रितिका जो बोल रही थी सच है क्या,,,क्या ये सच मे हम लोगो की हेल्प कर सकती है सीडीज़ को पोलीस तक पहुँचाने मे,,,,,

हाँ सन्नी भाई,,ये ऐसा कर सकती है लेकिन इस से हमारा प्लान खराब हो जाना है जो आपके दिमाग़ मे चल रहा है इसलिए हम लोगो को आपके प्लान के मुताबिक चलना होगा,,,इसी तरह सबको उनके किए की सज़ा ठीक तरीके से मिलेगी,,,,,

हाँ सही बोला तूने करण,,,,,हमे अपने प्लान के हिसाब से चलना है,,,,,वैसे भी उस बेचारी को हमे इस सब से दूर ही
रखना चाहिए,,,,,वैसे साले एक बात तो आज मैं मान गया कि तुझे सील बंद लड़की मिली तो तूने उसको मेरे लिए संभाल
कर रखा,,,मान गया तेरे को करण भाई,,,,,आंड एक बार फिर सॉरी बोलता हूँ तेरी नाक के लिए,,,मैने जान भूज कर नही
किया बस गुस्से मे ग़लती हो गई,,,,,

इट्स ओके सन्नी भाई आपने जो किया ठीक किया शायद यही तरीका था मुझे मेरी ग़लती का एहसास करवाने का,,मेरी आँखें
खोलने का,,,,ऑर वैसे भी आपने मेरे लिए इतना सब कुछ किया है ,,मेरी शिखा दीदी को मेरे करीब किया फिर शोबा दीदी को
भी,,,,,ऑर सबसे पहले वो मनीषा ऑर पूजा की चूत दिलवाई ,,,,अब तो अपनी माँ की चूत ऑर गान्ड भी दिलवा दी,,,,इतना सब कुछ किया है अब तो मेरा भी हक़ बनता है इसलिए मैने सोचा कि रितिका की सील खोलने का मोका आपको दिया जाए,,,,

अच्छा अब तू उस से प्यार करता है ,,अब क्या इरादा है खुद सील खोलेगा या अब भी मेरा हक बनता है,,,,,मैं मज़ाक मे
बोला ऑर हँसने लगा साथ मे करण भी हँसने लगा,,,,

सॉरी करण भाई बुरा नही मानना मेरे मज़ाक का,,,,,,तू उसको प्यार करता है तो उसपे पूरी तरह से तेरा हक़ है,,मैं
उसकी तरफ नज़र उठा कर भी नही देखूँगा,,,ऑर वैसे भी मेरी नज़र किसी ऑर पर है लेकिन वो आज नज़र नही आ रही,,,,,


जानता हूँ तू किसको ढूँढ रहा है सन्नी भाई,,,,,माँ नाना नानी के पास गई है,,,,नाना जी की तबीयत ठीक नही थी,,,तभी
तो तेरी मोम यानी सरिता आंटी आज हमारे घर नही आई,,,,,ऑर मैं मोका देख कर रितिका को यहाँ ले आया था,,,ऑर वो सब घटिया हरकत करने वाला था,,लेकिन तूने सही टाइम पर सब कुछ ठीक कर दिया,,,

जो होता है ठीक ही होता है करण भाई,,,,,ऑर सबके भले के लिए होता है,,,,,,

फिर हम लोग इधर उधर की बातें करने लगे ऑर कॉलेज टाइम पर मैं उसके घर से निकल पड़ा ऑर अपने घर आ गया,,,
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

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घर आया तो देखा कि कविता की अक्तिवा घर के बाहर खड़ी हुई थी ऑर साथ मे एक कार भी थी,,,,वो कार कुछ जानी पहचानी लग रही थी,,लेकिन ठीक से समझ नही आ रहा था कि वो कार किसकी है,,,,,

मैने बाइक स्टॅंड पर लगाया ऑर घर के मेन डोर पर जाके बेल बजाने लग,,,,तभी कोई 3-4 मिनट बाद कविता ने आके दरवाजा खोला,,,,,,

हेलो सन्नी,,,,,,

हेलो कविता,,,,,,तुमने दरवाजा क्यू खोला माँ कहाँ है,,,,,

क्यू मैं दरवाजा नही खोल सकती क्या,,,,,,,,वो थोड़ा नखरे से बोली,,,,,,,,आंटी जी उपर है सोनिया के रूम मे ,,उसकी तबीयत
ठीक नही है,,,,,,इतना बोलकर वो दरवाजे से पीछे हट गई ऑर मैं घर क अंदर आ गया ऑर अंदर आते ही मैं कविता के साथ उपर सोनिया के रूम की तरफ चला गया,,,

कविता सीडियाँ चढ़ते हुए मेरे को अजीब नज़रो से देख रही थी,,,,,ऑर जब मैं उसकी तरफ देखता तो वो अपने चेहरा को दूसरी तरफ घुमा लेती,,,,,

हम लोग सोनिया के रूम मे गये तो देखा कि सोनिया बेड पर लेटी हुई थी,,माँ बेड के पास खड़ी हुई थी ऑर साथ ही खड़ा हुआ था हमारा फॅमिली डॉक्टर,,,,,,फिर मुझे याद आया कि बाहर जो कार देखी थी मैने जो मुझे जानी पहचानी लग रही थी वो डॉक्टर की थी,,,,,,


इसको हुआ क्या है डॉक्टर ,,कल रात से इसकी तबीयत ऐसी ही है,,,,,,कल तो ठीक से डिन्नर भी नही किया इसने,,,,,माँ हल्की उदासी मे बोल रही थी,,,,,

इसको बहुत तेज बुखार है मिसेज़, वर्मा या तो ये गर्मी की वजह से हो सकता है या फिर बहुत ज़्यादा ठंड लगने की वजह
से जो ख़ासकर बारिश मे भीगने की वजह से होता है लेकिन पिछले कुछ दिनो मे बारिश नही हुई इसका मतलब है कि ये सब गर्मी की वजह से हुआ है,,,,,,,आप बोल रही हो कि रात इसने डिन्नर नही किया ऑर कल से इसकी तबीयत ठीक नही है तो अपने इसको कॉलेज क्यूँ जाने दिया,,,,ऐसी हालत मे कॉलेज जाने इसके लिए ठीक नही था,,थकावट की वजह से हालत ऑर भी ज़्यादा खराब हो सकती थी,,,,

क्या करूँ मैं डॉक्टर साहब ये तो मेरी कोई बात ही नही सुनती सुबह भी बोला था कि कॉलेज मत जाओ बेटी लेकिन मेरी एक बात नही सुनी इसने,,,,पता नही ऐसी कॉन्सी स्टडी है इसको जो इसके लिए इतनी ज़रूरी है कि बीमार होते हुए भी इसने कॉलेज जाने की ज़िद की,,,,,मैं तो समझा समझा कर थक गई हूँ इस लड़की को,,,बुखार मे भी कॉलेज भाग जाती है,,,,



ये ग़लत बात है सोनिया बेटा,,माना कि स्टडी ज़रूरी है लेकिन सेहत का ख्याल रखना उस से भी ज़्यादा ज़रूरी है,,,डॉक्टर
सोनिया को समझा रहा था तभी सोनिया का ध्यान मेरी तरफ आया तो उसके माथे से पसीना निकलने लगा,,वो शायद डर गई थी लेकिन उसकी आँखे लाल हो गई थी मतलब वो गुस्सा कर रही थी,,,,

कविता,,,,,,,,,,,,,,,,आंटी जी मैने भी इसको बहुत बार बोला क्लास मे कि तेरी तबीयत ठीक नही तुझे घर ले चलती हूँ लेकिन
इसने मेरी एक नही सुनी,,,,बस अपनी ही मर्ज़ी चलाती रही ऑर छुट्टी के टाइम ही घर आई,,,लेकिन मैने इसको कॉलेज के क्लिनिक से मेडिसिन लाके दी थी बट उस से कोई फ़र्क नही पड़ा,,

इट्स ओके कविता बेटी,,तेरी इसमे कोई ग़लती नही ये लड़की है ही ज़िद्दी,,,अपनी ज़िद्द की वजह से हम लोगो को भी परेशानी मे डाल देती है,,,,,

माँ मैने क्या किया अब मुझे बुखार क्यू हुआ मुझे क्या पता,,,,सोनिया उदास होके बोल रही थी,,,,

सुबह बुखार था तो कॉलेज क्यू गई,,छुट्टी नही कर सकती थी क्या,,,,इतना ज़रूरी है तेरा कॉलेज,,,,माँ हल्के गुस्से
मे बोली,,,,

माँ वो कुछ दिनो मे टेक्स्ट शुरू होने वाले है तो कॉलेज जाना ज़रूरी था,,,,सोनिया फिर से उदास होके बोल रही थी,,,,

टेस्ट इतने भी ज़रूरी नही कि बंदा अपनी सेहत का ख्याल ही ना रखे,,,,,अब तू मेरी मर्ज़ी के बिना बेड से उठ कर देखना,,

हाँ सही बोला मिसेज,वर्मा,,,,,अब इसको बेड से नही उठने देना,,बस मेडिसिन ले ऑर आराम करे ,,हो सके तो कुछ दिन तक इसको कॉलेज भी नही जाने देना,,,,,डॉक्टर ने माँ से इतना बोला ही था कि सोनिया बोल पड़ी,,,,,

नही डॉक्टर अंकल ऐसे मत बोलो मुझे कॉलेज जाना है कल सुबह,,बहुत ज़रूरी है ऑर आप प्ल्ज़्ज़ मुझे कोई अच्छी मेडिसिन
दे दो जिस से मैं जल्दी ठीक हो जाउ क्यूकी मुझे टेस्ट की तैयारी करनी है,,,,

सॉरी बेटा अब तो तुम कुछ नही कर सकती,,,,क्यूकी अभी जो मेडिसिन मैने तुझे दी है वो नींद वाली मेडिसिन थी,,अब
आज तो तुम आराम से सो जाओगी वो भी कम से कम 8-10 अवर्स के लिए,,,,,,

नही डॉक्टर अंकल मुझे स्टडी करनी है ,,,अपने ऐसा क्यूँ किया,,,,,,

तभी सोनिया की बात सुनके डॉक्टर मॉम आंड कविता हँसने लगे,,,,,,

देखा डॉक्टर साहब इसको स्टडी की कितनी टेन्षन है,,,,,,इतनी तबीयत खराब है फिर भी आराम नही करना इसको स्टडी करनी है,,,,,

हाँ देख लिया मिसेज़,वर्मा लेकिन आपको ख़ास ख्याल रखना होगा इसका क्यूकी ये छुटकी रानी बहुत ज़िद्दी है,,,मेडिसिन
का असर तो हो जाएगा 30 मिनट मे लेकिन उसके बाद आप लोगो को इसके फॉरहेड पर कोल्ड वॉटर की पट्टियाँ करनी है जिस से गर्मी का बुखार जल्दी ठीक होता है,,,,,,

ठीक है डॉक्टर साहब,,,,,,,,मैं ख्याल रखूँगी ऑर ठंडे पानी की पट्टियाँ भी कर दूँगी इसको,,,,,

ओके तो अब मैं चलता हूँ ,,2 दिन की मेडिसिन देके जा रहा हूँ ,वैसे तो 2 दिन मे ही ठीक हो जाएगी लेकिन अगर फिर भी
ठीक नही हुई तो मुझे कॉल कर देना,,,,,,,ओके ,,,,,

ठीक है डॉक्टर साहब,,,,,,

अच्छा तो मैं चलता हूँ सोनिया बेटी तुम अब आराम करो,,,,,,ओके बयए

ओके बाइ डॉक्टर अंकल,,,,,,,,,

डॉक्टर वहाँ से चला गया ऑर माँ भी नीचे चली गई डॉक्टर को दरवाजे तक छोड़ने,,,,,

कविता आगे बढ़ कर मेरे बेड पर बैठ गई जबकि मैं दरवाजे पर ही खड़ा हुआ था,,,,सोनिया ने एक बार मेरी तरफ देखा ऑर
फेस दूसरी तरफ करके लेट गई,,,,


तुम वहाँ क्यू खड़े हो सन्नी यहाँ बैठ जाओ आके,,,कविता ने अपने पास ही बेड पर हाथ रखकर मुझे इशारा किया ऑर
मैं भी उसके पास जाके बैठ गया,,,,,,

आज तुम कॉलेज नही आए क्या सन्नी,,,,,मैने तुमको कॅंटीन मे भी नही देखा,,,,इतना बोलकर कविता हँसने लगी ,,क्यूकी
वो मेरा मज़ाक उड़ा रही थी,,,,,मैं अक्सर क्लास से ज़्यादा टाइम कॅंटीन मे ही होता था,,,,,

मैं कॉलेज तो गया था लेकिन तभी किसी दोस्त का फोन आ गया ऑर मैं वहाँ से चला गया था,,,,कोई ज़रूरी काम था,,

तभी माँ उपर आ गई डॉक्टर को बाहर तक छोड़ कर,,माँ के हाथ मे एक पानी का बर्तन था ,,देखने से पता चल गया
था कि उसमे कोल्ड वॉटर था,,,,साथ ही माँ के हाथ मे 2 छोटे टॉवेल थे,,,,,,माँ ने अंदर आके पानी वाले बर्तन को टेबल
पर रखा ऑर सोनिया के पास बेड पर बैठ गई ऑर सोनिया को पकड़ कर सीधा करके लेटा दिया जिस से उसका सर सीधा हो गया ऑर फॉरहेड उपर की तरफ हो गया,,,,,

माँ ने एक टवल को पानी के बर्तन मे डाला ओर निचोड़ कर सोनिया के फॉरहेड पर रख दिया,,,,तभी कविता भी आगे बढ़ कर दूसरे टवल को पानी मे डालके निचोड़ कर माँ के हाथ मे देने लगी ऑर माँ ठंडे टवल को सोनिया के फॉरहेड पर
रखने लगी,,,,,

थॅंक्स्क्स कविता बेटी,,,,,माँ ने कविता को अपनी हेल्प करते देखा ऑर थेन्क्ष्क्ष बोला

अरे इसमे थॅंक्स्क्स की क्या बात आंटी जी सोनिया मेरी बेहन है ऑर अपनी बेहन के लिए मैं इतना तो कर ही सकती हूँ,,,,

तुम बहुत अच्छी हो कविता बेटी,,,,,,जो इतना करती हो मेरी बेटी का,,,,तुम सच मे इसकी अच्छी दोस्त हो,,,,,अच्छा एक बात तो बता इसने आज कुछ खाया भी था कॉलेज मे या नही,,,,,,

नही आंटी जी ये अक्सर कॉफी ही पीती है कॉलेज मे कभी कुछ खाती नही,,,,आज भी नही खाया,,,,,

सोनिया गुस्से से देखने लगी कविता की तरफ,,,मानो वो उसको गुस्सा हो रही थी क्यूकी वो उसकी माँ से उसकी शिकायत लगा रही थी,,,,,

अच्छा अगर मैं कुछ नही खाया तो तूने कॉन्सा कुछ खाया है,,,,,सोनिया ने भी हल्की आवाज़ मे लेकिन गुस्से से मा को
कविता की शिकायत करदी,,,,

हाइयी राम तभी मैं सोचु तुम दोनो इतनी दुबली पतली क्यूँ होती जा रही हो,,,,सारा दिन स्टडी करती रहती हो ऑर खाती पीती कुछ ' भी नही,,,,,आज भी कुछ नही खाया तुम लोगो ने,,,,,अब इसको तो कुछ नही देना है डॉक्टर मना करके गया है लेकिन तुझे तो भूख लगी होगी ना कविता बेटी,,,,,तू रुक मैं अभी कुछ लेके आती हूँ खाने के लिए,,,,,

अरे नही आंटी जी इसकी ज़रूरत नही है,,,क्यू खा-म-खा इतनी टेन्षन ले रही हो आप,,,,,

अरे इसमे टेन्षन की क्या बात बेटी ,,तू मेरे लिए ऑर मेरी बेटी के लिए इतना कुछ कर सकती है तो मैं तेरे लिए खाना भी नही पका सकती क्या,,,ऑर वैसे भी इसमे टेन्षन वाली क्या बात मैं कॉन्सा तेरे लिए स्पेशल खाना तैयार करने जा रही हूँ ये भी तो आया है कॉलेज से इसको भो भूख लगी होगी,,,,माँ ने बेड पर मेरी तरफ इशारा किया,,,,,

तुम सोनिया को पट्टियाँ करो मैं तब तक खाना तैयार कर देती हूँ इतना बोलकर माँ वहाँ से उठी ऑर दरवाजे से बाहर
की तरफ जाने लगी,,,,लेकिन जाते जाते रुक गई,,,,,तू यहाँ आराम से बैठा क्या कर रहा है चल कविता के साथ बैठ कर सोनिया को ठंडे पानी की पट्टियाँ कर,,चल उठ जल्दी,,,,,

माँ के कहने पर मैं उठा ऑर सोनिया के बेड पर जाने लगा तभी सोनिया ने मुझे गुस्से से घूर कर देखा ,,लेकिन मैं
डरा नही क्यूकी मेरा ध्यान उसकी तबीयत की तरफ था जो सच मे बहुत खराब थी,,,,मैं जाके माँ वाली जगह पर बैठने
लगा लेकिन सोनिया ने मुझे ऑर भी ज़्यादा गुस्से से देखा ऑर मैं सच मे डर गया ,,,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

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`·.¸.·´
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