कहीं वो सब सपना तो नही complete

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Smoothdad
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by Smoothdad »

अगली कड़ी के लिए उत्सुकता से प्रतीक्षा में . . .
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Kamini
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by Kamini »

Mast update
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007
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

xyz wrote: 05 Oct 2017 17:26nice update
Smoothdad wrote: 05 Oct 2017 19:52 अगली कड़ी के लिए उत्सुकता से प्रतीक्षा में . . .
Kamini wrote: 06 Oct 2017 08:58Mast update
Thanks dosto
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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007
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »


मैने फिर जान बूझ कर डरते हुए,,,,आप माल नही गई ,,क्या रास्ते से वापिस आ गई थी,,,,कब आई आप वापिस

अरे तू फिर से डर क्यू रहा है,,इतना बोलके आंटी ने मुझे अपने पास खींच लिया ऑर अपने गले से लगा
लिया,,,,बोला ना मैं अभी आई हूँ ,,,तू डर मत तेरी कोई चोरी नही पकड़ी मैने,,,,,

मैं जब कोई चोरी की ही नही तो मैं क्यू डरू आंटी जी,,,,,

फिर डर क्यू रहा है,,इतना बोलकर आंटी ने मुझे अपने जिस्म से ज़ोर से चिपका लिया ,,आंटी के हाथ मेरे सर
पर थे ,,आंटी ने मेरे सर को अपने बूब्स पर रख लिया ऑर मेरे सर को अपने बूब्स पर दबा लिया,,

मेरा दिल तो किया कि अभी बूब्स को मूह मे भर लूँ लेकिन मैने कोई जल्दबाज़ी नही की ऑर आंटी ने भी मुझे
ज़्यादा देर तक नही पकड़ा ऑर जल्दी ही छोड़ दिया,,,,,


अच्छा बता डिन्नर मे क्या खाना है,,,,,

डिन्नर अभी,,,,,अभी तो बहुत टाइम है डिन्नर मे आंटी जी,,,,

बेटा तू ठीक से अभी सो नही पाया है,,,,मैं भी कुछ थक गई हूँ,,,,क्यू ना आज जल्दी डिन्नर करले ऑर जल्दी
सो जाए,,,,नही तो तुम्हारा सर दर्द होने लगेगा,,,,ऑर मुझे भी अजीब फील होने लगेगा,,,,

ठीक है आंटी जी जैसा आप बोलो.,,,,,,

फिर आंटी किचन मे चली गई ऑर मेरे हाथ से देसी घी की कटोरी भी पकड़ कर ले गई,,,,

मैं वापिस करण के रूम मे चला गया,,,,,

करीब 5-20 मिनट बाद ही आंटी ने मुझे आवाज़ लगा दी डिन्नर के लिए,,,,मैं हैरान इतनी जल्दी डिन्नर
कैसे बन गया,,,,,


मैं बाहर गया ऑर देखा की आंटी ने राइस बना लिए थे,,ऑर साथ मे जो दाल ऑर सब्जी थी वो कल वाली थी,,,

मैं समझ गया आंटी ने जल्दी जल्दी मे कुछ नही बनाया बिना राइस के,,,,मैं जाकर चेयर पर बैठ गया ऑर
आंटी ने मुझे प्लेट लगा दी,,,,आज मैं डिन्नर टाइम से 2 अवर्स पहले ही डिन्नर कर रहा था,,भूख तो
नही थी लेकिन जल्दी सोने की चाहत मे मैं खाना खाने लगा ऑर आंटी भी,,,,जितना टाइम आंटी ऑर मैं
खाना खाते रहे उतना टाइम आंटी मुझे शरमाते हुए अजीब नज़रो से देख रही थी,,,,,

डिन्नर करके मैं करण के रूम मे चला गया ऑर जाके लेट गया,,,,मैं आज आंटी के रूम मे नही जाना
चाहता था,,,देखना चाहता था कि आंटी के जिस्म मे कितनी आग लगी है आज,,,क्या वो मेरे रूम मे आती है
या नही,,,अगर आ गई तो आज का प्रोग्राम फिट हो जाना है,,,अगर नही आई तो देखते है,,,,,,

करीब 30 मिनट बाद आंटी मेरे रूम मे आ गई,,,,,,

क्या हुआ बेटा ,,आज सोना नही क्या,,,,

सोना है आंटी जी ,,,,,,अभी नींद नही आई थोड़ी देर गेम खेल लेता हूँ शायद नींद आ जाए,,,,

तभी आंटी मेरे बेड पर बैठ गई,,,,ये बेड करण का था जो 4 बाइ 6 फीट का था,,,,एक आदमी के लिए काफ़ी था
लेकिन 2 लोगो का सोना मुश्किल था,,,,

आंटी बेड पर बैठ गई,,,,,सोने के लिए गेम खेलने की क्या ज़रूरत है,,,मैं सुला देती हूँ तुमको,,,,इतना
बोलकर आंटी ने मेरे हाथ से लॅपटॉप पकड़ा ऑर टेबल पर रख दिया,,ऑर मेरे साथ लेट गई,,,,ऑर मेरे सर
पर प्यार से हाथ फेरने लगी,,,,,चलो सो जाओ वर्ना सर दर्द होने लगेगा,,,,ऑर मुझे भी बहुत नींद आई
है,,,,,

आंटी ने मेरी तरफ करवट ली जबकि मैं सीधा लेटा हुआ था छत की तरफ मूह करके,,,,आंटी मेरे सर पर
हाथ फेरने लगी ओर करीब 15-20 मिनट बाद मेरी स्नोरिंग शुरू हो गई ,,हमेशा की तरह,,,,ये नकली
स्नोरिंग थी लेकिन फरक इतना था कि आज आंटी को भी पता था ये स्नोरिंग नकली है,,,,,स्नोरिंग शुरू होने के
2 मिनट बाद ही आंटी का हाथ मेरे सर से उठा ऑर मेरी छाती पर आ गया ऑर आंटी ने मेरी छाती को
प्यार से सहलाना शुरू कर दिया,,,लेकिन ये सब नॉर्मल था,,कुछ खास नही था,,,कुछ देर ऐसे ही आंटी मेरी
चेस्ट को सहलाती रही,,,मैं समझ गया कि आंटी का दिल तो कर रहा है मस्ती करने का लेकिन आंटी थोड़ा डर
रही है इसलिए आंटी का डर कम करने के लिए मैने आंटी की तरफ करवट ली,,,,बेड पर जगह कम थी ऑर
जैसे ही मैने करवट ली मैं आंटी के साथ चिपक गया,,,,आंटी का फेस मेरी तरफ था ऑर मेरा फेस आंटी
की तरफ,,आंटी का एक हाथ पिल्लो ऑर मेरे सर के बीच था ,,मेरा सर आंटी के हाथ पर था जबकि आंटी का
दूसरा हाथ मेरे सर पर था,,,,मैं मोका देखा ऑर मैने अपने सर को आंटी के बूब्स के करीब कर लिया
लेकिन बूब्स को टच नही किया,,,,,,लेकिन तभी आंटी ने आगे बढ़ कर अपने बूब्स को मेरे करीब कर दिया ऑर
अपने हाथ को भी मेरी पीठ पर ले गई,,,ऑर प्यार से मेरी पीठ को सहलाने लगी,,,,,मैं समझ गया कि आंटी
अकेले कुछ नही करने वाली,,,क्यूकी वो थोड़ा डर रही थी,,,,आंटी का डर दूर करने क लिए मुझे भी आंटी
का साथ देना होगा,,,,,,,,,मैं आगे बढ़ कर अपने सर को आंटी के बूब्स पर दबा दिया ऑर तभी आंटी ने भी
अपने हाथ को मेरी पीठ से उठा कर मेरे सर पर रखा ऑर मेरे सर को अपने बूब्स पर दबा लिया ,,,,

आंटी ने आज लोंग नाइटी पहनी हुई थी ,,,,,जो उनके घुटनो तक आती थी,,,लेकिन ये नाइटी भी काफ़ी पतले कपड़े
की थी,,,,,आगे से एक पट्टी थी जिस से उन्होने अपनी नाइटी को अपने पेट पर बाँधा हुआ था,,,,,जहाँ से पट्टी
पेट पर बँधी हुई थी वहाँ से तो उनकी नाइटी ठीक थी लेकिन बाकी जगह से उनकी नाइटी थोड़ी खुली हुई थी
जिसस वजह से उनके बूब्स भी नंगे हो गये थे,,,उन्होने नीचे ब्रा भी नही पहना हुआ था,,,,मेरा सर उनके
दोनो बूब्स की लाइन पर चला गया था,,,आंटी के बूब्स बहुत बड़े बड़े थे,,,,उनका उपर की तरफ वाला बूब
मेरे गाल पर लगा हुआ था ऑर उनके बूब की ब्राउन कॅप मेरे गाल को टच कर रही थी,,मैने हिम्मत
करके अपने फेस को हल्का सा टर्न किया ऑर अपने लिप्स को बूब की कॅप पर टच कर दिया,,,मेरे ऐसा करते ही
आंटी के मूह से हल्की अह्ह्ह्ह निकल गई ,,,,,
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