कहीं वो सब सपना तो नही complete

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007
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

घर पहुँचा तो रात हो चुकी थी,,,उन लोगो ने सुमित को शहर से बहुत दूर रखा हुआ था इसलिए
घर आने मे इतना टाइम हो गया,,,,मैं घर आया तो डिन्नर लग गया था ,,मैं भी आके डाइनिंग टेबल पर
बैठ गया,,


डॅड,,,वो पोलीस वाला क्या करने आया था आज घर मे ,,,

डॅड ने इतना बोला ही था कि मैने मा की तरफ देखा तो माँ ने अपना सर झुका लिया,,,

कुछ नही डॅड वो मेरे दोस्त थे ,,,

तेरे दोस्त,,,,पोलीस वालों से कब्से दोस्ती करने लगा तू,,,,

दरअसल वो मेरे नही कविता के भाई सूरज के दोस्त थे मैं उनको उन्ही के ऑफीस मे मिला था,,,बस
इधर से गुजर रहे थे तो मिलने आ गये,,,,,

अच्छा तो फिर तू उनके साथ कहाँ गया था जो इतनी लेट घर आया,,,,

वो तो मुझे थोड़ा काम था इसलिए करण के घर जाना था तो ख़ान भाई ने बोला कि वो मुझे छोड़
देंगे करण के घर इसलिए मैं उनके साथ चला गया,,ऑर अभी करण मुझे ड्रॉप करके गया है,,,,
यकीन नही तो फोन करके पूछ 'लो....

तभी सोनिया बोल पड़ी,,,,,हाँ हाँ डॅड फोन करके पूछ लो करण से मुझे तो लगता है ये झूठ
बोल रहा है पक्का कोई ग़लत काम किया होगा इसने तभी तो पोलीस घर आई थी आज,,,,मैने उसकी तरफ
देखा तो समझ गया कि ये बात वो मज़ाक मे बोल रही थी,,लेकिन मेरे देखते ही वो चुप चाप खाना
खाने लगी,,,,,

तू अपनी बोलती बंद ही रख समझी,,,,मैं कोई ग़लत काम नही करता,,ऑर मेरे मामले मे बोलने की कोई
ज़रूरत नही तुझे,,,,,

मुझे भी शॉंक नही तेरे मामले मे टाँग लड़ाने का मैं तो इसलिए बोल रही थी कि आज तक इस घर
मे कभी पोलीस नही आई ऑर आज तेरी वजह से आई,,,

तो इसका मतलब मैने कुछ ग़लत किया क्या,,,

हाँ किया होगा मुझे क्या पता तू है ही ग़लत इंसान ,,,,मैं ऑर सोनिया फाइट करने लगे तभी डॅड
बीच मे बोल पड़े ऑर वो भी गुस्से से,,,

लगता है तुम दोनो की फाइट अभी तक ख़तम नही हुई,,,जब देखो बच्चों की तरह लड़ते रहते हो
कुछ तो शरम करो कितने बड़े हो गये हो अब,,,,डॅड इतना गुस्से से बोले कि मैं ओर सोनिया दोनो
डर गये,,,,माँ भी थोड़ा सहम गई,,,,

तभी मैने डॅड का गुस्सा कम करने के लिए बोला,,,,डॅड हम लोग लड़ थोड़ी रहे थे हम लोग तो
मज़ाक कर रहे थे जैसे अक्सर करते है,,,,मेरी बात सुनके सोनिया ने भी मेरी बात मे अपनी बात
मिला दी,,,हाँ डॅड हम दोनो तो मज़ाक कर रहे थे,,,,,

अच्छा ये मज़ाक था,,,तुम दोनो मे कोई फाइट नही चल रही क्या,,,,,डॅड ने ये बात भी गुस्से मे बोली

हम दोनो एक साथ बोल पड़े,,नही डॅड हम दोनो मे कोई फाइट नही चल रही ,,सब नॉर्मल है हम
तो मज़ाक करते है फाइट करने का,,,,

अच्छा अगर फाइट नही चल रही तो तुम दोनो आज अपने रूम मे सोना,,,जैसे पहले सोते थे,,,डॅड
ने इतना सब ऐसे बोला जैसे अपना हुकम सुना रहे हो,,,,

सोनिया मेरी तरफ देख कर डर गई लेकिन मैं उस से भी ज़्यादा डर गया,,,उस से तो खाना खाया जा
रहा था लेकिन मेरे से तो एक नीवाला भी अंदर नही निगला जा रहा था,,,

खैर ऐसे तैसे डिन्नर ख़तम हुआ ,,,मोम डॅड अपने रूम मे जाने लगे जबकि मैं ऑर सोनिया उपर की
तरफ,,,,,,,,,,तभी हम दोनो को पीछे से आवाज़ आई,,,,,तुम चलो मैं अभी आता हूँ तुम दोनो के
रूम मे कॉफी देने के लिए,,,साथ मे बैठ कर स्टडी जो करनी है तुम दोनो ने,,

ओके तो ये डॅड का प्लान था ताकि मेरी ऑर सोनिया की फाइट ख़तम हो जाए ऑर सोनिया मुझे स्टडी मे हेल्प
करे जैसे वो हर बार करती थी एग्ज़ॅम के दिनो मे,,,,

मैं ऑर सोनिया उपर गये सोनिया अपने बेड पर बैठ गई ऑर मैं अपने बेड पर,,तभी कुछ देर बाद
डॅड आए ऑर हम लोगो के लिए कॉफी लेके आए,,,,ये लो कॉफी पियो ऑर अच्छे से स्टडी करो दोनो भाई
बेहन मिलकर,,,,एक दूसरे की हेल्प करो स्टडी मे ऑर फाइट बिल्कुल नही करना,,,,,,,डॅड के सामने तो
मैं ऑर सोनिया ऐसे नाटक कर रहे थे जैसे हम कितने शरीफ है ऑर चुप चाप बैठे रहे लेकिन
डॅड के जाते ही सोनिया मुझे गुस्से से देखने लगी,,,,

ऐसी मत घूर मुझे,,,,,मुझे कोई शॉंक नही इस रूम मे सोने का,,,वो भी तेरे जैसे पागल के साथ
इतना बोलकर मैने अपना बॅग उठया ऑर साथ मे कॉफी का कप ऑर रूम से बाहर निकल कर साथ वाले
शोबा के रूम मे चला गया,,नीचे मामा के रूम मे जाता तो डॅड को पता चल जाता इसलिए शोबा
के रूम मे आके स्टडी करने लगा,,,,,फिर स्टडी करते हुए कब नींद आ गई पता ही नही चला,,,,

अगले दिन कॉलेज से छुट्टी थी इसलिए डॅड की कार लेके करण को साथ लेके शॉपिंग करने चला गया,,करण
को फोन करके मैने अपने घर पे बुला लिया था क्यूकी अगर खुद उसके घर जाता तो अलका ऑर शिखा
ने मुझे बिना चुदाई के जाने नही देना था,,,,,

शॉपिंग करके जब मैं ऑर करण वापिस घर आने क लिए कार मे बैठने लगे तभी मेरे शोल्डर पर
किस ने हाथ रखा ,,,मैने पीछे मूड के देखा तो एक आदमी ब्लॅक कलर की यूनिफॉर्म मे हाथ मे
एके47 लेके खड़ा हुआ था,,,,,

सुनिए सर,,,आपका नामा सन्नी है,,,,,वो बड़ी तमीज़ ऑर प्यार से बोला,,,,

जी मेरा नाम सन्नी है ,,,मैने भी बड़े प्यार से उसकी बात का जवाब दिया,,,बोलो क्या काम है

आपको हमारे सर बुला रहे है,,,,उसने इतना बोला ऑर मुझे एक कार की तरफ इशारा किया,,मैने देखा
कि वो लाल बत्ती वाली कार थी,,,,मैं उसके साथ चलके कार के पास चला गया,,,,

जैसे ही मैं कार के पास पहुँचा तो कार का शिक्षा नीचे होने लगा,,ऑर अंदर बैठा हुआ था
सुरेश का बाप ऑर साथ मे थी रितिका,,,,,

रितिका ने मुझे देखा ऑर नज़रे झुका ली,,,,

हेलो सर,,,,,मैने सुरेश के बाप को हेलो बोला ,,,,

हेलो बेटा,,हाउ आर यू,,,,

उसका बाप बोल तो बड़े प्यार से रहा था लेकिन फिर भी मुझे उसके बात करने का अंदाज़ ठीक नही
लग रहा था,,,,

आइएम फाइन सर,,हाउ आर यू,,,

मैं भी ठीक हूँ बेटा,,,,

तभी रितिका ने ने मुझे ही बोला तो मैने भी उसको हाई बोला,,,,उसके बाद उसने कोई बात नही की,,,हाई
भी उसने अपने बाप की वजह से बोला था शायद,,,,

अपने मुझे बुलाया क्यूँ था सर,,कोई काम था क्या,,,

हाँ सन्नी बेटा,,,मुझे तुमसे सुरेश के बारे मे बात करनी थी,,,,उस दिन जो फाइट हुई तुम लोगो के
कॉलेज मे उसके बारे मे कुछ जान-ना था तुमसे,,,,ऑर ख़ासकर सुमित के बारे मे,,,,सुमित का नाम
उसने थोड़े गुस्से से लिया था,,,

जी क्या पूछना है ,,,,,पूछ लीजिए,,,,

यहाँ नही घर चलो फिर बात करते है,,,उसने मुझे कार के अंदर आने का इशारा किया,,,ऑर उसने
इशारा ऐसे किया जैसे मुझे ऑर्डर दे रहा था,,,

नही सर अभी नही,,,अभी मैं थोड़ा बिज़ी हूँ ,,मुझे शॉपिंग करनी है,,,,ऑर वहाँ मेरा दोस्त मेरा
वेट कर रहा है,,,,जब फ्री होता हूँ तो बात करता हूँ ,,

उसका बाप थोड़ा चिड़ते हुए,,,,,कोई बात नही बेटा करो शॉपिंग,,,बात फिर कभी कर लेंगे,,मैं
तुमको कॉल कर दूँगा घर चले आना,,,,अभी मुझे भी थोड़ा काम है,,,

ओके सर तो मैं चलता हूँ,,,फिर बात होगी,,,,इतना बोलकर मैने उनसे अलविदा ली ऑर करण की तरफ
चल पड़ा,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by Kamini »

mast update
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007
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

thanks dosto
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