कहीं वो सब सपना तो नही complete

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Kamini
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by Kamini »

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007
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

Kamini wrote: 09 Nov 2017 22:31Mast update
thanks
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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007
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »


भाभी कुछ अजीब नज़रो से देखने लगी मुझे,,,अब तुम्हारी उमर ही ऐसी है ध्यान तो भटकता ही
रहता है इस उमर मे,,कभी ध्यान इधर तो कभी उधर,,,,

क्या बोला भाभी मैं कुछ समझा नही,,,,,,

कुछ नही मैने तो बोला कि तू आज कल मुझे याद ही नही करता,,तभी तो सुबह आने को कॉल की थी ऑर
अब आया है,,ये तो अच्छा हुआ कि इन लोगो का जाने का टाइम चेंज हो गया ऑर अब गये ये लोग अगर सुबह
ही चले जाते तो मैं अकेली बोर हो जाती,,,

क्या करूँ भाभी थोड़ा काम आन पड़ा था इसलिए नही आ सका,,वैसे इनका जाने का टाइम क्यू चेंज
हो गया भाभी,,,,

कुछ नही सन्नी पहले तो सूरज का माना नही था ऑफीस जाने का उसने सोचा था कि सुबह जल्दी ही चले
जाएँगे ऑर ना ही कविता का मोड़ था कॉलेज जाने का लेकिन सुबह जब सोनिया उठी तो उसने बोला कि
कॉलेज जाना है तो कविता को भी जाना पड़ा ऑर सूरज भी कुछ काम से ऑफीस चले गये,,फिर कविता ऑर
सोनिया तो आ गई जल्दी लेकिन सूरज को टाइम लग गया ऑफीस मे,,,,

पहले क्या बोला अपने ,,सोनिया उठी तो उसने बोला कॉलेज जाने को,,,क्या सोनिया कल रात यहीं सोई थी,,

कल क्या सन्नी वो तो 4 दिन से यहीं थी,,,------देर शाम को वो यहाँ आई थी,,,,

ये तो उस दिन की बात कर रही थी भाभी जिस दिन उसको हल्का बुखार था ऑर जिस दिन सुबह मैं अपना
समान लेके कारण के घर चला गया था,,,,मैं नून टाइम मे गया था जबकि सोनिया कविता के साथ शाम
को यहाँ आ आ गई थी,,,,लेकिन क्यूँ,,,क्या मेरी वजह से,,,क्या उसको मेरा घर से जाना अच्छा नही लगा या अपनी
फ्रेंड के घर मे मन बहल जाता ऑर बीमारी थोड़ी कम फील होती इसलिए सोनिया यहाँ आ गई थी,,,

किस सोच मे पड़ गया सन्नी,,,,,ये उमर सोचने की नही करने की है,,,,

क्या बोला भाभी,,,,सन्नी भाभी की बात सुन नही सका क्यूकी उसका ध्यान कहीं ऑर था,,,


कुछ नही सन्नी,,,,,,,,अच्छा बताओ कुछ खाना पीना है ,,,चाइ या कॉफी,,,,,ओह सॉरी भूल गई थी
तुम तो कॉफी पीक आए हो,,,,कुछ ऑर चाहिए क्या,,,,,

मैं भाभी की बात समझ गया था लेकिन अभी मैं कुछ अजीब सा फील कर रहा था,,,भाभी की तरफ
भी ध्यान नही दे रहा था इसलिए मैं भाभी को कुछ खाने को बनाने के लिए बोला,,,,वैसे भी
आज सुबह से अलका आंटी के साथ ऑर फिर माँ ऑर शिखा क साथ मस्ती कर रहा था,,,,एक कप चाइ भी
नही पी थी सुबह से,,,,बहुत भूख लगी हुई थी,,,,,

क्या खाना है सन्नी,,,,,,भाभी शर्मा ती हुई वही मस्ती भरे अंदाज मे बोल रही थी,,,

कुछ भी बना दो भाभी ,,,तब तक मैं ज़रा शवर ले लेता हूँ,,,थोड़ा थका हुआ हूँ,,,

ठीक है तुम फ्रेश हो जाओ मैं सॅंडविच बना देती हूँ,,,,इस से पहले भाभी कुछ ऑर बोलती मैं
भाभी के रूम की तरफ चला गया,,ऑर बाथरूम मे जाके घुस गया,,

जब शवर लेके बाहर निकला तो देखा कि मेरे पास तो कोई कपड़ा ही नही था,,,अब क्या करूँ,,जो
कपड़े मैने पहने हुए थे उन पर तो आयिल लगा हुआ था,,,,अलका आंटी के घर से भी बाथ लेके नही
आया था मैं ओर मेरे कपड़ो वाला बॅग भी मैं घर पे माँ के पास छोड़ आया था,,,,अब क्या
करूँ ,,,यही सोचता हुआ मैं टवल लपेट कर बाहर चला आया,,,मेरे जिस्म पर बस एक टवल ही था,,

बाहर आया तो देखा सोफे पर शोबा भी बैठी हुई थी,,,,उसने मुझे रूम से बाहर आते देखा तो मेरे
जिस्म पर एक टवल देख कर मस्त हो गई ऑर जल्दी से उठकर मेरे पास आ गई,,,,,,,,


वाह जी वाह क्या बात है ,,मेरे आने से पहले ही भाभी ऑर देवर की मस्ती शुरू हो गई थी,,,,इतना बोलकर
शोबा मेरे से चिपक गई,,,,,

मैने भाभी की तरफ देखा तो भाभी शर्मा रही थी,,,


मैने शोबा को पीछे किया,,,,नही दीदी आप ग़लत समझ रही हो,,,मैं तो अभी आके शवर लेके बाहर
निकला हूँ,,,मेरे कपड़े गंदे हो गये थे इसलिए टवल मे बाहर आ गया,,,,इतना बोलकर मैं भाभी
की तरफ देखा ऑर भाभी को कुछ कपड़े देने को बोला,,,,,

भाभी उठी ऑर हम दोनो के करीब से शरमाती हुई गुजर कर अपने रूम मे गई,,,शायद सूरज भाई
के कुछ कपड़े लेने गई होगी,,,तभी शोबा ने मोका देखा ऑर मेरे से चिपकने की कोशिश की तो मैने
दीदी को पीछे कर दिया ,,,,,,

थोड़ा सबर करो दीदी ,,मुझे भूख लगी है अभी,,,,बाद मे मस्ती करते है,,,इतना बोलकर मैं
डाइनिंग टेबल की तरफ बढ़ने लगा,,,जहाँ सॅंडविच पड़े थे,,,,शोबा हल्के गुस्से से पैर पटकती हुई
भाभी के रूम मे चली गई और मैं बाहर बैठ कर सॅंडविच खाने लगा,,,,,अभी मैं सॅंडविच
खा ही रहा था ऑर शोबा को रूम मे गये 10 मिनट हुए थे कि मुझे भाभी के रूम से हल्की
हल्की सिसकियों की आवाज़ आने लगी,,,,जो कुछ देर बाद तेज होने लगी ये आवाज़ भाभी की थी,,,मैं समझ
गया कि मेरे से दूर होके शोबा से सबर नही हुआ इसलिए भाभी को पकड़ लिया है उसने,,,पहले तो
मेरा मूड नही था मस्ती का लेकिन भाभी की सिसकियाँ सुनकर मेरा लंड खड़ा होने लगा,,,,मैने
जल्दी जल्दी सॅंडविच ख़तम किए ऑर जल्दी से भाभी के रूम की तरफ चला गया,,,,,

रूम के दरवाजे के पास पहुँचा तो अंदर का नज़ारा देख कर दिल खुश हो गया,,,भाभी की सिसकियाँ
सुनकर लंड मे जो तूफान उठने लगा था वो तूफान अब लंड से होता हुआ पूरे जिस्म मे खलबली
मचाने लगा था,,,,भाभी बेड पर लेटी हुई थी भाभी की सलवार उतर चुकी थी लेकिन कमीज़ अभी
तक भाभी के जिस्म पर थी ऑर वो भी भाभी की गर्दन तक उठी हुई थी,,,भाभी की ब्रा भी उपर की
तरफ उठी हुई थी ,,,भाभी के दोनो बूब्स नंगे थे ऑर शोबा उनको हाथों मे लेके मसल रही थी
ऑर भाभी की दोनो टाँगे खुली हुई थी ऑर उन खुली टाँगों के बीच मे शोबा अपने सर को भाभी
की चूत पर टिका कर लेटी हुई थी,,,,,शोबा भाभी की चूत को मूह मे भरके चूस रही थी ऑर
दोनो हाथों से भाभी के बूब्स को मसल रही थी,,,भाभी मस्ती मे ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी
लेकिन जैसे ही भाभी की नज़र मुझपर पड़ी तो भाभी की आवाज़ कुछ दब गई ऑर उन्होने शरमाते हुए
अपने मूह पर हाथ रख लिया ,,लेकिन शोबा इतनी मस्ती से भाभी की चूत को चूस रही थी कि भाभी
मूह पर हाथ रख कर भी अपनी सिसकियाँ पर क़ाबू करने मे नाकाम हो रही थी,,,,भाभी की आवाज़
कुछ देर के लिए कम हुई तो शोबा ने सर उठा कर भाभी की तरफ देखा ऑर फिर भाभी की नज़रो का
पीछा करते हुए शोबा का ध्यान भी मेरे उपर पड़ गया तो शोबा ने हाथ का इशारा करके मुझे
अपने पास बुलाया ऑर मैं किसी डोर से बँधा हुआ शोबा ऑर भाभी के पास खिंचा चला गया,,,

बेड के पास जाते ही शोबा ने मेरा टवल एक दम से खींच कर नीचे ज़मीन पर गिरा दिया ऑर मेरे
फुल हार्ड हो चुके लंड को हाथ मे पकड़ लिया ऑर बिना देर किए मेरे लंड को पहली बार मे ही आधा
मूह मे भर लिया ऑर फिर मूह को पीछे करके लंड को मूह से बाहर निकाल दिया ऑर मूह से थोड़ा
थूक लेके मेरे लंड पर लगा दिया ओर अच्छी तरह से हाथ से थूक को मेरे लंड पर मलने लगी ,,,
कुछ देर हाथ मे लंड सहलाने के बाद उसने फिर से लंड को मूह मे भर लिया ऑर एक ही बार मे
पूरा का पूरा लंड मूह मे भरके गले से नीचे तक ले गई,,,,भाभी बेड पर लेटी हुई शोबा की इस
हरकत को आँखे फाड़ फाड़ कर देख रही थी क्यूकी भाभी की कभी इतनी हिम्मत नही हुई थी कि
मेरा पूरा लंड मूह मे ले सके,,,लेकिन शोबा की बात कुछ ऑर थी,,,,उसने लंड को पूरा मूह मे लिया
ऑर फिर मूह को तेज़ी से आगे पीछे करते हुए लंड को चूसने लगी,,,लेकिन वो सिर्फ़ इतने से खुश नही थी
उसने मेरे हाथ पकड़े ओर अपने सर पर रख दिए ऑर मुझे अपनी कमर हिलाने को बोलने लगी मैने
भी उसका इशारा समझा ऑर उसके सर को अपने हाथों से पकड़ कर तेज़ी से उसके मूह मे लंड पेलने लगा
मेरी कमर तेज़ी से आगे पीछे होने लगी लेकिन शोबा का सर उस से भी तेज़ी से आगे पीछे हो रहा था,,,

उधर शोबा भाभी की चूत मे उंगली कर रही थी लेकिन मस्ती मे सिसकियाँ लेने की जगह भाभी बड़ी
हैरत से शोबा के मूह मे जाते हुए मेरे लंड को देख रही थी,मेरा लंड शोबा के मूह मे था जबकि उसका
एक हाथ भाभी की चूत पर था जबकि एक हाथ से उसने बेड पर सहारा लिया हुआ था जिस से वो कुतिया की तरह झुक कर
मेरे लंड को चूस रही थी,,,लेकिन जल्दी ही उसने पीछे हटके लंड को मूह से निकाल दिया ऑर मुझे
बेड पर उपर खींच लिया ,,मेरे बेड पर जाते ही शोबा ने जल्दी से भाभी को भी उठा कर बिठा
दिया ऑर भाभी की कमीज़ ऑर ब्रा को निकाल दिया जिस से भाभी बिल्कुल नंगी हो गई ,,शोबा ऑर मैं तो
पहले से नंगे थे,,,अब मैं बेड पर खड़ा हो गया जबकि शोबा ऑर भाभी घुटनो के बल बेड पर
बैठी हुई थी,,,,शोबा ने मेरे लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर भाभी के मूह की तरफ बढ़ा दिया ,,भाभी
ने भी शरमाते हुए अपने मूह को खोल लिया लेकिन लंड को मूह मे लेने से नखरा करने लगी,,,तभी
शोबा ने अपने एक हाथ को भाभी की चूत की तरफ बड़ा दिया ऑर भाभी की चूत मे उंगली घुसा
दी ऑर तेज़ी से भाभी की चूत को उंगली से चोदने लगी,,,,उंगली की मस्ती से भाभी की मस्ती भी बढ़ गई
तो उन्होने मूह खोल कर लंड को मूह मे ले लिया ऑर हल्के हल्के चूसने लगी लेकिन भाभी लंड को
बस 3 इंच तक ही मूह मे ले रही थी ,,तभी शोबा ने भाभी के मूह मे जाते हुए मेरे लंड को अपने
हाथ से पकड़ा ओर भाभी के मूह से निकाल कर अपने मूह मे ले लिया ,,ऑर एक ही बार मे आधे से ज़्यादा
लंड को मूह मे लेके चूसने लगी ओर भाभी की तरफ देखने लगी,,,मानी शोबा भाभी को बोल रही
हो कि ज़्यादा से ज़्यादा लंड मूह मे लेक चूसो तभी चूसने वाले ओर चुसवाने वाले दोनो को मज़ा
आता है,,,,भाभी ने हां मे सर हिला कर अपनी सहमति जता दी ऑर तभी शोबा ने लंड को भाभी के
मूह की तरफ कर दिया ऑर भाभी ने भी लंड को मूह मे ले लिया ऑर हल्के हल्के चूसने लगी लेकिन
अभी भी भाभी 4 इंच तक लंड मूह मे ले रही थी ,,,शोबा ने एक हाथ से लंड को पकड़ा ऑर एक
हाथ को पीछे से भाभी के सर पर रख दिया ओर भाभी एक सर को लंड की तरफ आगे बढ़ा दिया जिस
से भाभी के मूह मे लंड करीब 6 इंच तक अंदर चला गया ऑर जाके उनके गले से टकरा गया,,भाभी
ने जल्दी से लंड को मूह से निकाला ऑर खांसने लगी ऑर कुछ थूक भी उनके मूह मे जमा था वो उनके
मूह से बाहर निकल आया तभी शोबा ने उस थूक को भाभी के मूह से सॉफ किया ऑर मेरे लंड पर
लगा कर अपने हाथ से अच्छी तरह मल दिया ऑर फिर भाभी के सर को पकड़ा ऑर लंड को उनके मूह मे
घुसा दिया,,भाभी का खांसना अभी तक ख़तम नही हुआ था कि लंड फिर से उनके मूह मे घुस
गया ऑर शोबा ने उनके सर को तेज़ी से आगे किया तो लंड फिर उनके गले से लगा तो भाभी ने फिर से
खांसने के लिए लंड को मूह से निकालने की कोशिश की लेकिन इस बार शोबा ने उनको लंड मूह से
नही निकलने दिया ऑर भाभी ऐसे ही लंड को मूह मे लिए हुए खांसने की कोशिश करने लगी,,,,भाभी
की आँखों मे भी पानी आ गया लेकिन शोबा नही रुकी ,,उसने भाभी के खाँसते हुए ही भाभी के
सर को फिर से आगे किया तो लंड उनके गले से टकराता हुआ गले से नीचे तक उतर गया ,,शोबा ने जल्दी
से अपने हाथ को मेरे लंड से हटा लिया जिस से बाकी का लंड भी भाभी के गले से नीचे तक उतर गया
ओर भाभी को खांसने का मोका भी नही मिला,,,भाभी की आँखें बाहर निकल आई लेकिन शोबा फिर
पर कोई असर नही हुआ ,,उसने भाभी के सर को पकड़ा ऑर थोड़ा पीछे किया फिर जल्दी से आगे कर दिया जिस
से लंड एक बार फिर से उनके मूह मे पूरा अंदर तक घुस गया,,,मेरी बॉल्स भाभी के लिप्स पर टच
हो रही थी मतलब मेरा पूरा लंड उनके मूह मे था,,,शोबा ने अभी तक भाभी के सर को पकड़ा हुआ
था फिर शोबा उठी ऑर भाभी के पीछे जाके बैठ गई लेकिन उसका एक हाथ अभी भी भाभी के सर पर
था ,,उसने भाभी के पीछे जाके भाभी के सर को दोनो हाथों से पकड़ा ऑर हल्के हल्के भाभी के
सर को आगे पीछे करने लगी,,,,मेरा लड 6 इंच तक भाभी के मूह मे था जबकि 3 इंच लंड भाभी
बाहर था जो बार बार अंदर बाहर हो रहा था,,,,शोबा मेरे लंड को भाभी के गले से बाहर
नही निकालने दे रही थी उसको पता था एक बार लंड गले से बाहर आ गया तो भाभी दोबारा से शोबा
को ऐसा नही करने देगी इसलिए वो लंड को ज़्यादा बाहर नही निकालने दे रही थी,,,,भाभी से अब बर्दाश्त
'नही हो रहा था उन्होने अपने हाथों से मेरे लंड को मूह से निकालने की कोशिश की लेकिन शोबा ने
जल्दी से मुझे भाभी के हाथ पकड़ने को बोला तो मैने भी मस्ती मे भाभी के हाथ पकड़ लिए
क्यूकी अभी मैं मस्ती एक सातवे आसमान पर था अगर लंड बाहर निकल जाता तो मैं फिर से ज़मीन
पर आके गिरता,,,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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