कहीं वो सब सपना तो नही complete

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007
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

उधर करण बेड पर लेटा हुआ था माँ ने
उसको लंड से पकड़ कर उठा दिया ऑर अपने करीब आने को बोला,करण भी बेड से उठा फिर मेरे ऑर माँ के करीब आके
घुटनो के बल बैठ गया माँ ने भी जल्दी से खुद के सर को करण के लंड की तरफ मोड़ दिया ऑर करण के लंड को मुँह
मे भर लिया करण ने भी मस्ती मे माँ के सर को अपने हाथ मे पकड़ा ऑर माँ के सर को पकड़ कर अपनी कमर हिलाने
लगा ऑर माँ के मुँह मे लंड को अंदर तक घुसाते हुए माँ के मुँह को चोदने लगा ,,करण का लंड पतला था लेकिन
लंबा बहुत था पतला होने की वजह से माँ को कोई ज़्यादा परेशानी नही हो रही थी करण के पूरे लंड को अपने गले
से नीचे उतारने मे ,,,




करण इतनी तेज़ी से माँ के मुँह को चोदने लगा था कि उसको देख कर मेरी मस्ती भी बढ़ने लगी मैने अपने हाथ माँ
की पीठ पर रखे ऑर माँ को अपनी बाहों मे कस्के अपनी कमर को बेड से उपर उछालने लगा मेरे उपर उछलते ही
माँ ने खुद की कमर को हिलाना बंद कर दिया ऑर मुझे खुद उनकी चूत चोदने का मोका दिया मैने भी तेज़ी से अपनी
कमर को बेड से उछाल उछाल कर माँ की चूत को चोदना शुरू कर दिया ,,,,माँ ने एक हाथ को बेड पर रखा हुआ
था ऑर एक हाथ से अपने बूब्स को मसल्ने लगी थी ,,करण का लंड बड़ी तेज़ी से माँ के मुँह मे अंदर बाहर हो रहा
था जिस वजह से माँ के मुँह से थूक बाहर निकलने लगा था ,,माँ ने जल्दी से अपने हाथ को अपने बूब से उठाया ऑर
अपने मुँह से निकलने वाले थूक को अपने हाथ मे लेके अपनी गान्ड पर लगा दिया ऑर कारण को भी वहाँ से उठकर
अपने पीछे जाने को बोला करण ने भी माँ का इशारा मिलते ही जल्दी से उठकर माँ के पीछे चला गया ,,माँ अपने हाथ
से अपनी गान्ड पर थूक लगा रही थी जो अभी अभी उसके मुँह से निकला था ,मस्ती मे माँ की गान्ड थोड़ा खुल गई थी जिस
वजह से माँ ने अपनी 2 उंगलियाँ गान्ड मे घुसा दी थी ऑर उंगलिओ से अपने थूक को अपनी गान्ड मे भरने लगी थी
जब अच्छी तरह थूक लग गया तो माँ ने अपने हाथ को अपनी गान्ड से उठा लिया ऑर करण ने आगे बढ़ कर अपने लंड को माँ
की गान्ड मे घुसा दिया ,,,माँ एक दम मस्ती मे उछल गई ऑर सिसकियाँ लेने लगी ,,करण ने भी एक दम से लंड अंदर
घुसते ही माँ की कमर को अपने हाथ मे पकड़ लिया था ऑर बिना कोई देर किए तेज़ी से माँ की गान्ड को ठोकना शुरू
कर दिया था ,,,




जिस स्पीड से करण माँ की गान्ड मार रहा था उसी स्पीड से मैं भी अपनी कमर बेड से उपर उछाल उछाल कर माँ
की चूत मार रहा था ,,कुछ ही देर मे माँ की सिसकियाँ शुरू हो गई,,,,,,हयीईईईईईईई आआज्जजज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज एयेए
राहहा हहाइईइ आसल्लीइी मामज़्जजाअ म्मेरेरी 2-2 बीट्टी ममिल्लककाररर म्मूउज़्झहही क्क्हुउस्शह क्कार्र रहही
हहाईईइ हययईई क्क्य्या म्मामज़्जज़ा हहाइईइ ,,हमम्म्मममम आहह ीसस्सीईई हहिईीईईईईईईई
ब्बाचहूऊ ऊर्र्टटीिई ससीई चछूड्डूऊ आप्प्पनन्िईिइ मामा ककूऊ हहययइईई आहह
कककाररान्ण ब्बीत्टता टतरराा ददिल्ल्ल्ल क्काररत्ता हहाइईइ नाअ अपपनन्िईिइ हहिि मामा क्कीईइ गगाणनदडड़ मार्रननी
कक्कूव टूऊ आआअजजज अब्भहिि म्मूउुज्झहहीए आपपनन्िईिइ मामा हहिि स्सामंमज़्जहहूओ ऊरर टटेजज़ििइईईई सीए
गगाणन्दड़ मारूव मेरेइईइ ससूच्छू क्कीिई तुउउंम आप्प्पनन्िईीई माँ क्कीिई गाणनदडड़ मररर र्रहही हूऊओ
हहयइईईई आजज्ज म्मेरेरी ब्बीत्टी ब्बान्न्णणन् ज्ज्ज्जाऊओ तुउउंम्म ऊरर ज्जिि बभ्ार्ररक्की म्म्मेररेइईईईईईईई
ग्गगाणंननन्न्ंदड़ म्मार्रूऊऊऊऊओ क्कूिइ त्तररासस्स माँात्त क्काररन्ना म्मूउज़्झहह पीररर हहययययई
मामाआ क्कीिट्त्न्ना म्मामज़्जज़ा आ र्राहहा अहहाईईईईई हययययए उऊहह हमम्म्मममम
आहह ऊरर त्टीज्जज क्कारूऊऊ सुउउन्नयी ब्बेतटटा पफाड्दड़ द्डूऊऊऊओ
आहज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज आपपनन्िईीईईईईई मामा क्कीईईईई चहूऊतत कककूऊऊओ ऊओरर टटेजज़्ज़्जििीइ ससीए त्तूकककूऊ मेरेइईईईईईईईईई
चहूवततत्त कककूऊऊओ हहययईई ऊरर त्टीजज कारूऊ क्काररान्ण बीत्टता तटुउंम्म बभहीइ टटेजज़्ज़ििीइ सस्स्स्स्सीए
गाअंन्दड़ म्मर्रूऊ मेरेइईईईईईईईई ,,,,,,,,,,आअज्ज आ र्राहहा हहाइईइ ज्जाननाट्त्ट क्का म्मामाजजा मेरेररी ब्बीत्टी
क्कीत्न्ननिईिइ माँसत्त्तिीई ससीए छ्छूड्द र्राहही हहाइईइ अप्प्पनन्ी मामा कूऊऊऊ हयीईईईईईईई


माँ की सिसकियाँ सुनकर मेरी स्पीड तेज हो गई ऑर साथ ही करण की भी हम दोनो फुल स्पीड से माँ को चूत ऑर गान्ड
मारने लगे ,,माँ ने अपने हाथ मे अपने बूब को पकड़ा ऑर मेरे मुँह की तरफ बड़ा दिया मैने भी जल्दी से अपने
मुँह को खोल दिया ऑर माँ के बूब को मुँह मे भर लिया ऑर चूसने लगा माँ कभी एक बूब को मेरे मुँह मे डालने
लगती तो कभी दूसरे को ,,ब्बीत्टता सिर्रफफ़्फ़ छ्छूवस्स्स न्नहहिि हाल्लकई हाल्लक्की आपपन्ने दडंन्तूओंन्न म्मी
द्डब्बा क्काररर काट्त इन्नक्कू ट्टाब्भीी मांज़्जा आयएएग्गा म्मूुझहही हहूओ स्सक्क्की टूऊ त्हूऊददाअ
ज्जूओर्रर ससीए बहिि काट्त डीएन्न्ना आज्ज्जज ककुउक्च ररीहम्म मॅट कररन्ना म्मेरेर ई ब्बीत्टी जीिथन्नाअ
हूऊ स्साक्क्की ददार्रद्द डीनना म्मूउज़्झहही क्क्ययुउककिईईईई उसस्स्सीई ददार्र्द्द म्मईए आसल्लीी मांज़्जा हूत्ताअ
हहाइईइ व्वाइईसी बबीी अओउर्रत्त्त्टतत्त क्कूव जबब्ब्ब त्टाकक च्छुद्दाइ मईए ददार्र्द्द ना हहूओ उउस्स्क्क्कू
म्मांजजई ऊरर मांसस्त्तिीई काअ ईहहस्स्साआस्स्स हहिि नाहहीी हूटता ,,र जजूर्र ससीए काट्त मेरेरी बॉब्ब पीरररर
ब्बेतटटा ख्हाा ज्जा म्मेररी ब्बूबबसस ककूऊ ,,मैं भी माँ के कहने पर मस्ती मे भरता चला गया ऑर माँ
के बूब्स को ज़ोर ज़ोर से काटने लगा कभी कभी तो निशान भी पड़ने लगे थे मेरे दाँतों के ,,माँ दर्द से चिल्ला
भी रही थी ऑर मस्ती मे सिसकियाँ भी ले रही थी उसकी आवाज़ मे दर्द ऑर मस्ती का मिला जुला असर था ,,ओरर ज्जूओर्र ससीए
काट्त मेरेरी ब्बीत्टी ऊरर जय्याद्दा ददार्रद्द डदीई म्मूउज़्झहही इसी ददार्र्द्द म्मी म्मांज़्जा आत्ता
हहाीइ मुऊऊुज्झहीई,,,,,,,,,,,,,,,,

तभी मैने माँ के बूब को मुँह से निकाल दिया ,,माँ मेरी तरफ हैरान होके देखने लगी तभी मैने माँ को
अपने उपर से हटने को बोला ऑर माँ आगे होके मेरे उपर से हट गई जिस वजह से करण का लंड भी माँ की गान्ड से
बाहर निकल गया,,माँ मेरी तरफ देख रही थी तभी मैने करण को पकड़ा ऑर बेड पर लेटा दिया करण बेड पर लेट
गया तो मैने माँ को उसके पास लेटने का इशारा किया माँ ने भी मेरी बात समझ ली ऑर करण की तरफ मुँह करके अपनी एक टाँग करण की टाँगों पर रख दी ऑर अपने हाथ को भी करण की पीठ पर रख कर करण से चिपक गई करण ने
भी जल्दी से अपने हाथ मे अपने लंड को पकड़ा ऑर माँ की उस टाँग के नीचे से जो टाँग केरेन की टाँगों पर पड़ी
हुई थी वहाँ से अपने लंड को माँ की चूत पर रख दिया ,माँ ने अपने हाथ मे करण के सर को पकड़ा ऑर उसके सर
को अपने बूब्स मे दबा लिया करण ने भी जल्दी से मुँह खोला ऑर माँ के बूब्स को मुँह मे भरके चूसने लगा ,इतनी
देर मे मैं माँ की पीठ पीछे लेट गया ऑर अपने हाथ से अपने लंड को पकड़ कर माँ की गान्ड पर रख दिया ,,मैने
अपने हाथ से अपने लंड को अच्छी तरह सॉफ कर लिया था ,,मेरे लंड पर जितना भी माँ की चूत का पानी लगा हुआ था
मैने उसको करण की बेडशीट से सॉफ करके अपने लंड को खुश्क कर लिया ऑर अपने हाथ से बेडशीट को खींच कर
माँ की गान्ड पे ले गया ऑर माँ की गान्ड पर लगे थूक ऑर करण के लंड के पानी को भी सॉफ कर दिया ,,

कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

जब मैं ऐसा
कर रहा था तो माँ ने मेरी तरफ मूड कर देखा ऑर नज़रो ही नज़रो मे पूछने लगी कि तुम ये क्या कर रहे हो ,,मैने
माँ की बात का कोई जवाब नही दिया ऑर अपने लंड को हाथ मे लेके माँ की पीठ के साथ सट गया ऑर लंड को माँ की
गान्ड के होल पर रख दिया फिर तेज़ी से झटका मार कर अपने लंड को माँ की चूत मे घुसा दिया ,,मेरा लंड भी
ऑर माँ की चूत भी एक दम खुश्क थी जिस वजह से लंड को अंदर जाने मे मुश्किल हो रही थी लेकिन मैने अपने एक
हाथ से माँ की गान्ड को थोड़ा खोला ऑर फिर से लंड को तेज़ी से झटका लगा कर अंदर घुसा दिया इस बार मेरा लंड
माँ की गान्ड की दीवार से रगड़ ख़ाता हुआ पूरा अंदर चला गया ऑर माँ के मुँह से एक तेज चीख निकल गई माँ
ने मेरी तरफ मूड कर देखा ,,



माँ की आँखों मे हल्के आँसू थे शायद माँ को दर्द हुआ था मैने माँ की तरफ हँसके देखे ऑर नज़रो ही नज़रो
मे बोला कि माँ तुमने ही बोला था कि तुमको दर्द चाहिए बिना दर्द के तुमको मज़ा नही आता इसलिए मैं तुमको दर्द
दे रहा हूँ ताकि तुम मज़ा कर सको ,,माँ ने हल्की मस्ती के साथ साथ गुस्से से मुझे देखा लेकिन मैं नही रुका ऑर
लंड को अंदर घुसा कर तेज़ी से माँ की गान्ड मारने लगा ,,,खुश्क लंड जब भी माँ की गान्ड की दीवारों से
रगड़ ख़ाता हुआ अंदर जाता तो माँ के मुँह से एक दर्द भरी चीख निकल जाती ,,इस चीख से मुझे माँ पर तरस
नही आता बल्कि मुझे ज़्यादा मस्ती चोदने लगती ऑर मैं तेज़ी से जोरदार धक्का लगाने लगता ,,,मैं काफ़ी देर तक माँ की
गान्ड मे तेज धक्के लगाता रहा ऑर माँ चिल्लाती रही कभी कभी मेरी तरफ पीछे मूड कर देखती ऑर आँखों मे पानी
ऑर फेस पर गुस्सा लिए मुझे घूर्ने लग जाती लेकिन मैं हँसके माँ की तरफ देखता ऑर तेज़ी से माँ की गान्ड मारने
लग जाता ,,,मैने अपने हाथ को आगे करके माँ के बूब को पकड़ लिया ऑर ज़ोर से दबा दिया ,,,,,,,,,,,,ध्हीर्र्री कार्ररर
कमिन्नईए ददार्रद्द हहू राहहा हाइी माँिन्न तीरीइ माँ हहूओन्न क्कूिइ र्रन्न्दडी न्नाहहिि आर्रामम्म्ममम
ससी न्नाहहीी छ्छूड्द स्सककत्ता कय्याअ हहययईईए मार्र द्दाल्ला ररीए क्कममिन्नी सुउन्नयी टुउन्नी
म्मूउुज्झीए आअज्जजज्ज्ज्ज्ज ठूड्दा अर्रामम ससीए म्मांस्साल्ल्ल ली मेरररी ब्बूबबसस क्कू आब्ब क्क्य्य्ाआअ
क्काहहत्तिईइ ससीए उउक्खाडदननी क्का ईर्राद्ड़ा हहाइईईईई आहह म्मार्र गगययईीीईईई हहयइईईईई


तभी मैने माँ की पीठ के उपर से करण की तरफ देखा जो माँ की चूत मारते हुए माँ के एक बूब को मुँह मे
भरके चूस रहा था ,,मैने उसकी तरफ देखा तो उसने भी मेरी तरफ़ देखा मैने उसको माँ के लिप्स पर किस करने
को इशारा किया ऑर उसने भी ऐसा ही किया उसने माँ के लिप्स को अपने लिप्स मे भर लिया ओर माँ की आवाज़ को बंद कर दिया ,,

मैने मोका देख कर जल्दी से अपने लंड को बाहर निकाला ऑर बेड शीट से सॉफ कर दिया क्यूकी माँ की गान्ड ने मस्ती
मे पानी भरना शुरू कर दिया था ऑर लंड फिर से चिकना होने लगा था ,,,मैने लंड को फिर से खुश्क किया ऑर माँ
की गान्ड पर लगे पानी को भी बेड शीट से सॉफ कर दिया ऑर अपने लंड को वापिस अपने हाथ मे लेके माँ की गान्ड पर
रख दिया ,,माँ को फिर से दर्द होना था खुश्क लंड गान्ड मे लेके इसलिए माँ ने मुझे रोकने की कोशिश की तो मैने
माँ के हाथ को अपने हाथ मे पकड़ लिया ऑर जल्दी से लंड को गान्ड मे घुसा दिया ,,माँ ने चिल्लाने की कोशिश की लेकिन
करण ने माँ के लिप्स को इतना कस्के अपने मुँह मे भर लिया कि माँ चाह कर भी चिल्ला नही सकी ,,मैने लंड अंदर
घुसते ही तेज़ी से माँ की गान्ड मारनी शुरू करदी ऑर हाथ को वापिस माँ के बूब्स पर ले गया ऑर ज़ोर से दबाने लगा ,,माँ
ने अपने हाथ को मेरे हाथ पर रखा ऑर अपने बूब से दूर करने लगी तभी मैने करण के हाथ को अपने हाथ मे
पकड़ा ऑर उसको माँ का हाथ पकड़ कर साइड करने का इशारा किया उसने भी ऐसा ही किया ऑर माँ का हाथ पकड़ कर साइड
कर दिया ,,मैं फिर अपने हाथ को माँ के बूब पर रखा ऑर ज़ोर से मसल्ते हुए तेज़ी से माँ की गान्ड मारने लगा,,

माँ के मुँह से हल्की हल्की दबी हुई दर्द भरी सिसकियाँ निकालने लगी थी,,इधर मैं तेज़ी से माँ की गान्ड मारते हुए
माँ के बूब्स को कस कस के हाथ मे लेके मसल रहा था ऑर उधर करण माँ की टाँग को अपनी टाँगों पर रखके माँ
की चूत मारते हुए माँ के लिप्स को अपने लिप्स मे जकड कर चूस रहा था,,,तभी उसने मेरी तरफ देखा ऑर मुझे
पीछे हटने को बोला,,मैने माँ की गान्ड से लंड निकाल लिया ऑर उठ गया तभी जल्दी से करण ने माँ को खुद से पीछे
ऑर माँ को पलट कर उल्टी कर दिया जिस से माँ का पेट बेड से लग गया ऑर गान्ड उठकर उपर आ गई ,,करण ने बेडशीट
की तरफ देखा जहाँ मैने अपने लंड की चिकनाई सॉफ की थी करण ने भी जल्दी से अपने लंड की वहीं सॉफ किया ऑर माँ
की गान्ड को भी जल्दी से सॉफ कर दिया ,,,माँ ने करण को ऐसे करते देख लिया था वो समझ गई थी कि अब करण भी
अपने लंड को खुश्क करके उसकी गान्ड मे डालने वाला है तो माँ ने जल्दी उठने की कोशिश की लेकिन तभी करण ने
माँ के राइट वाले हाथ को पकड़ कर माँ की पीठ पर रख दिया ओर मैने लेफ्ट वाले हाथ को अपने हाथ मे पकड़
कर फिर एक हाथ से माँ के सर को अपनी तरफ मोड़ कर बेड से लाग दिया ऑर माँ के गाल पर हल्का सा दबाव डाला तो माँ
का मुँह खुल गया ऑर जैसे ही मैने माँ के मुँह मे लंड डालने की कोशिश की माँ ने जल्दी से मुँह को बंद कर लिया,,



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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

तभी कारण ने माँ की गान्ड पर अपना लंड रखा ऑर एक हाथ से माँ की गान्ड को खोल कर अपने खुश्क लंड को माँ
की गान्ड मे घुसा दिया ,,,करण का लंड मेरे लंड से काफ़ी पतला था जो बड़े आराम से एक ही बार मे पूरा अंदर चला
गया लेकिन खुश्क होने की वजह से माँ को फिर दर्द हुआ तो माँ ने चिल्लाने के लिए अपना मुँह खोला ऑर जैसे ही माँ का
मुँह खुला मैने अपने लंड को माँ के मुँह मे घुसा दिया माँ की चीख दब कर रह गई ,,मैने माँ के एक हाथ
को अपने हाथ मे पकड़ा ऑर एक हाथ से माँ के सर को पकड़ा ऑर तेज़ी से अपने लंड को माँ के मुँह मे घुसाने लगा ऑर
पीछे से करण ने माँ के हाथ को पकड़ कर उनकी पीठ पर रखा हुआ था ऑर एक हाथ से बेड का सहारा लेके माँ की
गान्ड पर झुक कर तेज़ी से खुश्क लंड से माँ की गान्ड मारने लगा था ,,माँ को दर्द हो रहा था लेकिन वो चिल्ला नही
सकती थी क्यूकी मेरे लंड ने माँ के मुँह को पूरी तरह से बंद किया हुआ था ,,,लेकिन फिर भी माँ अपने दर्द को ब्यान
करने के लिए थोड़ा सा झटपटा रही थी जिसका मेरे ऑर करण पर कोई खास फ़र्क नही पड़ रहा था ,,,

कुछ देर बाद माँ ने झटपटाना बंद कर दिया ऑर मेरे लंड पर अपने मुँह को हलके से आगे पीछे करने लगी मैं
समझ गया कि माँ को मज़ा आने लगा है ऑर दर्द कम हो गया होगा क्यूकी काफ़ी टाइम से करण माँ की गान्ड मार रहा था

उसने खुश्क लंड डाला था माँ की गान्ड मे लेकिन अब तक मस्ती मे माँ की गान्ड ने काफ़ी पानी बहा दिया होगा जिस से
लंड चिकना हो गया होगा ऑर इसलिए माँ को मज़ा आना शुरू हो गया होगा ,,अब चिकने लंड की वजह से करण की स्पीड
भी काफ़ी तेज हो गई थी ऑर वो माँ के हाथ को अपने हाथ से छोड़ कर माँ के उपर ही लेट गया था ऑर तेज़ी से माँ की गान्ड
मारते हुए चिल्लाने लगा था मैं समझ गया कि ये बंदा तो अब झड़ने वाला हो गया है ऑर तभी करण ने ज़ोर से
आअहह की ऑर माँ की गान्ड मे झड गया ओर कुछ देर माँ की पीठ पर चढ़ कर ऐसे ही लेटा रहा ,,,,फिर उतर कर साइड
हो गया तभी माँ ने मेरे लंड को मुँह से निकाल दिया मैं समझ गया माँ मुझे हटने को बोलेगी लेकिन जो मैं सोच
रहा था उस से उल्टा ही हुआ माँ उठी ऑर बेड शीट को अपने हाथ मे लेके अपनी गान्ड सॉफ करने लगी ऑर करण के लंड
पर झुक कर करण के लंड पर लगे स्पर्म को चाटने लगी फिर करण के लंड को मुँह मे भरके चूसने लगी जब तक
माँ ने बेडशीट से अपनी गान्ड को सॉफ किया उतनी देर मे माँ ने करण के लंड को भी चूस कर सॉफ कर दिया ऑर
वापिस बेड पर पीठ के बल लेट गई ऑर मुझे इशारा किया अपनी पीठ पर चोदने के लिए मैं भी माँ की पीठ पर
चढ़ गया ऑर आगे झुक कर अपने लंड को हाथ मे लेके माँ की चूत पर रखा क्यूकी मैं माँ को ऑर दर्द नही देना
चाहता था इसलिए लंड को माँ की गान्ड मे नही चूत मे पेलना चाहता था लेकिन जैसे ही मैने अपने लंड की माँ की
चूत के होल पर रखा माँ ने मेरे लंड को हाथ से पकड़ लिया ऑर अपनी गान्ड पर रख दिया ऑर फिर पीछे मूड कर मेरी
तरफ देखा ऑर हँसने लगी,,मैं तो साला हैरान ही रह गया कि अभी कुछ देर पहले मैने ऑर करण ने इसकी सुखी गान्ड
मारी थी ऑर इसको इतना दर्द भी हुआ था ,,इतना दर्द कि इसका पूरा जिस्म झटके खाने लगा था ऑर आँखों मे भी आँसू आ
गये थे लेकिन ये औरत तो फिर से लंड को गान्ड मे लेने को तैयार थी ,,,मैने अपने लंड को माँ के हाथ से पकड़ा ऑर
चूत पर रखा लेकिन माँ ने मेरी तरफ देख कर अपने हाथ से लंड को पकड़ कर वापिस गान्ड पर रख दिया ,,,,मैने
फिर कोई देर नही की अगर ये खुद गान्ड फाडवाना चाहती है तो ठीक है यह सोच कर मैने अपने लंड को माँ की गान्ड
मे पेल दिया ,,
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

मेरे लंड पर तो माँ का थूक लगा था क्यूकी अभी कुछ देर पहले मेरा लंड माँ के मुँह मे था लेकिन माँ की गान्ड
उपर से काफ़ी सुखी ऑर खुश्क थी लंड को थोड़ी दिक्कत हो रही थी अंदर जाने मे लेकिन एक बार जब अंदर घुस गया तो
फिसल कर गान्ड की जड़ तक समा गया ऑर माँ की हल्की आहह निकल गई जिसमे मज़ा ज़्यादा था और दर्द कम था,,


मैने हलके से झटके मारने शुरू किया तो माँ ने मुझे पीछे मूड कर देखा ऑर तेज़ी से चोदने को बोला,,,,आब्ब्ब्बब
कय्या हहूउआ क्कामिन्नी ज़्जब्ब ददार्रद्द ससीए त्टाद्दप्प र्राहहिि टहिईिइ ज्जू जजूर्र जजूर्र ससी छूओद्द्द द्द्दद्ड
र्राहहा त्तहा ऊररर आब्ब्ब्ब ज़्जबब्ब्ब म्मांज़्जा आन्नी ल्लागगगा हहाईईइ तटूऊ स्स्पपीएद्ड क्क्ययउउू स्ल्लूओवव्वव
क्कार्र र्राहहा हहाईईइ व्वाईससीए हहिि टीज्जिई र बीररीहममी ससीए छ्छूड्द ज्जाससी प्पीहील्ल्लीए छ्छूड्द
र्र्र्ररराहहा त्तहााअ इतना बोलकर माँ हँसने लगी ऑर मैने भी माँ की हसी देख कर खुद को माँ की पीठ पर
लेटा लिया ओर हाथों को माँ के शोल्डर पर रख कर अच्छी तरह से पकड़ बना ली ऑर तेज़ी से जोरदार धक्के मारते हुए
माँ की गान्ड मे लंड पेलने लगा ऑर हल्के हल्के से अपने दाँतों से माँ की पीठ को काटने लगा ,,,आहह
आहंंननननणणन् हहानं मेरेरी ब्बीत्टी आईसीए हहिईिइ ऊरर त्तीज्ज ऊरर त्तीज्ज छ्छूओद्द अपपननीी माँ कीईईईईईईई
माँसतटत्त ब्बाहहर्रिई भार्रककामम गाअंन्दड़ ककूऊ क्कूिइ त्तार्रास्स्स मांत्त क्काररन्ना आज्ज्जज हययइईईई
चछूड्द म्मेरेरे ब्बीत्टी ऊरर त्टीजज चछूड्द मैने देखा की सिसकियाँ लेते हुए माँ अपने एक हाथ को अपने
जिस्म के नीचे ले गई शायद अपनी चूत पर लेके गई होगी क्यूकी माँ का हाथ जब उसके जिस्म के नीचे गया था तभी से
माँ का हिलना जुलना कुछ ज़्यादा हो गया था ,,,,,,माँ खुद अपनी चूत मे उंगली करती हुई तेज़ी से चिल्ला रही थी ऑर मुझे
ज़ोर ज़ोर से झटका मारने को बोल रही थी मैं भी तेज़ी से जोरदार धक्का लगा कर माँ की ख्वाहिश पूरी कर रहा था ,,


तभी माँ की सिकियाँ तेज होने लगी मैं समझ गया कि माँ झड़ने वाली है क्यूकी माँ ने पीछे मूड कर मेरी तरफ
देखा था ऑर बता दिया था कि वो अब झड़ने वाली है तो मैने जल्दी से माँ के हाथ को पकड़ा जो उनकी चूत पर था ऑर
खींच कर उसको माँ की चूत से दूर कर दिया क्यूकी कुछ देर मे मैं भी झड़ने ही वाला था मैं नही चाहता
था कि माँ मेरे से पहले झड जाए लेकिन माँ के हाथ उनकी चूत से पीछे करके मैने माँ का मज़ा कम कर दिया
था इसलिए मैं अपने हाथ को माँ की कमर की साइड से बेड ऑर माँ के जिस्म के बीच मे से माँ की चूत पर ले गया ऑर
हल्के हल्के चूत को सहलाने लगा ,,,


माँ फिर से दुगनी मस्ती मे आ गई ऑर सिसकियाँ लेने लगी ,,,करण साइड पर लेटा हुआ था ऑर हम लोगो की तरफ देख रहा था तभी माँ ने करण को अपने पास आने का इशारा किया ऑर करण भी माँ के पास आ गया माँ ने उसको अपना लंड माँ के करीब करने को बोला लेकिन करण ने मना कर दिया ऑर माँ को वॉल क्लॉक की तरफ इशारा करने लगा वो माँ
को ये बताने की कोशिश कर रहा था कि टाइम बहुत हो गया है ऑर उसकी माँ कभी भी आ सकती है क्यूकी उन लोगो को मस्ती
करते हुए 2 घंटे हो गये थे ,,लेकिन मेरी माँ नही मानी ओर करण के लंड को हाथ मे लेके मसल्ने लगी तो करण
जल्दी से पीछे हट गया क्यूकी उसको डर था कि अगर उसका लंड खड़ा हो गया ऑर बीच मे ही उसकी माँ आ गई तो काम खराब हो जाना है इसलिए उसने जल्दी से पीछे हटके अपने लंड को माँ के हाथ से दूर कर दिया ऑर बेड पर माँ के
साथ लेट कर माँ के लिप्स पर किस करने लगा माँ ने फिर अपने हाथ से करण के लंड को पकड़ने की कोशिश की लेकिन
करण ने माँ के हाथ को पकड़ लिया ऑर माँ को किस करने लगा उधर मैं पूरी स्पीड से माँ की गान्ड मारने मे लगा
हुआ था करीब 5-7 मिनट बाद मुझे लगा कि अब मेरा होने वाला है तो मैने माँ की चूत मे तेज़ी से उंगली करना
शुरू कर दिया जिस वजह से माँ भी झड़ने के करीब आ गई ऑर मस्ती मे कारण एक लिप्स को खा जाने वाले अंदाज़ से
चूसने लगी ,,तभी मैं तेज़ी से अह्ह्ह्ह भरते हुए माँ की गान्ड मे झड गया मेरे लंड ने एक के बाद एक 8-10
पिचकारी मारी माँ की गान्ड मे ऑर मेरा सारा पानी माँ की गान्ड मे समा गया ऑर जब सारा पानी निकल गया तो माँ ने भी तेज़ी से आहे भरना शुरू करदी अभी भी मेरा लंड माँ की गान्ड मे ही था लेकिन सारा पानी निकल चुका था ऑर मैं
माँ की चूत मे उंगली कर रहा था ऑर तभी माँ की चूत ने भी पानी बहाना शुरू कर दिया ऑर जब मेरे हाथ पर कुछ
ज़्यादा ही गीला गीला एहसास हुआ तो मैने माँ की चूत पर अपने हाथ की स्पीड को स्लो कर दिया ऑर कुछ देर बाद अपने
हाथ को रोक कर माँ की चूत से हटा लिया ओर माँ के जिस्म ऑर बेड के बीच से खींच लिया ऑर खुद भी माँ के जिस्म
से नीचे उतर कर साइड मे लेट गया ,,इतने मे माँ भी जल्दी से उठी ऑर मेरे हाथ को चाटने लगी जिस पर उसी की चूत का
पानी लगा हुआ था जब हाथ को अच्छी तरह से चाट कर सॉफ कर दिया तो माँ मेरे लंड को मुँह मे लेके चूसने लगी
ऑर लंड को अची तरह साफ करके मुँह से बाहर निकाल दिया,,,फिर माँ भी बेड पर निढाल होके गिर गई,,,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
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