कहीं वो सब सपना तो नही complete

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

Kamini wrote: 16 Jun 2017 20:12mast update
thanks Kamini
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

जब कॉफी ख़तम हो गई तो मैने माँ से ऑर आंटी से बाइ बोला,,,,माँ मैं अपने रूम मे जाके आराम करने लगा हूँ
सर मे बहुत दर्द है ,,हो सकता है नींद आ जाए ,,मुझे डिस्टर्ब मत करना प्ल्ज़्ज़,,इतना बोलकर मैं उपर अपने रूम की
तरफ जाने लगा,,,,

तभी पीछे से माँ की आवाज़ आई,,,,,,,सोने से पहले मेडिसिन ले लेना बेटा,,,,

ठीक है माँ,,,,,इतना बोलकर मैं उपर अपने रूम मे आ गया,,,,,ऑर लॅपटॉप ऑन करके गेम खेलने लगा,,,दिल तो कर रहा था
दोनो की बाते सुनू लेकिन माँ ने मुझे उपर रहने को बोला था,,,ताकि माँ आंटी से खुल कर बात कर सके,,क्यूकी अगर मैं
नीचे रहता तो वो लोग अपनी बातें नही कर सकती थी,,,,


करीब 15-20 मिनिट बाद मैं नीचे गया लेकिन हल्के कदमो से चलके ताकि कोई आवाज़ नही हो,,,मैने देखा कि माँ ऑर
आंटी वहाँ नही थी,,शायद माँ के रूम मे चली गई थी,,,,मैं हल्के कदमो से चलके माँ के रूम के पास गया तभी
मुझे अंदर से हल्की हल्की आवाज़ आने लगी,,जो माँ की थी,,,,दरवाजा खुला हुआ था इसीलिए मैं माँ के रूम से थोड़ा पीछे
दीवार के साथ सटके खड़ा हो गया,,,,


माँ,,,,,,,,,,,तो क्या सोचा ,,किसी नये मर्द की ज़रूरत है या नही,,,,

अलका,,,,,,,,,दीदी कल आपने बात ही की थी नये मर्द की तबसे बुरा हाल है मेरा ,,,रात को नींद भी नही आई मुझे,,,

माँ,,,,,,चूत की आग होती ही ऐसी है अलका ,,नीद उड़ा देती है,,मुझे ही देख ले तेरे जीजा जी को काम के सिलसिले मे बाहर
गये अभी 3-4 दिन हुए है इतने दिनो मे ही बुरा हाल हो गया है मेरा,,ना दिन मे चैन ऑर ना रात को नींद,,,,बात करते
हुए माँ के मूह से आह निकल गई,,,,

अलका,,,,,,,,क्या हुआ दीदी ,,,

माँ,,,,,,कुछ नही वो चॉट दर्द करने लगी है फिर से,,,,

अलका,,,हाँ दीदी मैं तो आज फिर भूल गई आपकी चॉट के बारे मे,,,,मेडिसिन ली या नही ऑर डॉक्टर को दिखाया या नही,,,,

माँ हँसने लगी,,,,,अरे ये चोट ऐसी है कि कोई दवा असर नही करती ना कोई डॉक्टर इलाज कर सकता है इसका,,इसका इलाज तो तेरे जीजा का पास है बस,,,,या उस दूसरे मर्द के पास,,,,

अलका,,,,,ये कैसी चॉट है दीदी जिसपे दवा असर नही करती,,,,,ऑर कैसा दर्द है जिसको जीजा जी ठीक कर सकते है डॉक्टर नही,,

माँ ,,,,,,ये मेरी मस्ती भरी चोट है अलका ऑर ये दर्द गान्ड का दर्द,,,,इतना बोलकर माँ हँसने लगी,,

अलका,,,,क्या बोल रही हो दीदी ज़रा आराम से बोलो कोई सुन लेगा,,,ऑर आपको वहाँ पीछे दर्द क्यू हो रहा है,,

माँ,,,,,कॉन सुन लेगा अलका ,,,घर पे सिर्फ़ सन्नी है जो उपर आराम कर रहा है अब तक तो शायद सो भी गया होगा,, ऑर अगर
तुझे ज़्यादा डर लगता है तो मैं दरवाजा भी बंद कर देती हूँ फिर तो आवाज़ भी बाहर नही जाएगी,,,इतना बोलकर माँ
उठी ऑर दरवाजा बंद करने आ गई,,,लेकिन दरवाजा बंद करते टाइम उसकी नज़र मेरे पर पड़ गई,,उसने मुझे हल्के गुस्से
से देखा ऑर दरवाजा बंद करके वापिस चली गई,,,,,

मैं दरवाजा बंद होते ही दरवाजे के पास आ गया ऑर कीहोल से अंदर देखने लगा ऑर उनकी बातें भी सुनने लगा,,


माँ,,,,,,ले अब तो कोई टेन्षन नही तुझे,,,अब तो दिल खोल कर बात कर सकती है तू...ऑर मेरी चोट का दर्द भी देख सकती
है,,,,माँ हँसने लगी,,,

अलका,,,,,,तुम अभी भी पीछे से करती हो दीदी,,,,दर्द होता है तो क्यूँ करती हो,,,,ऑर अब तो जीजा जी को गये इतने दिन हो गये फिर भी तुमको पीछे दर्द क्यू हो रहा है,,,

माँ,,,,,,,,,,अरे अब तुझे क्या बोलू कि तेरे जीजा जी कितनी बुरी चुदाई करते है पीछे से,,पूरी गान्ड फाड़ कर रख देते है मेरी
देख ज़रा मेरी हालत,,,,


अलका,,,,,,,दीदी ऐसे वर्ड्स मत यूज़ किया करो कितनी बार बोला है,,,,मुझे अच्छा नही लगता,,शरम आती है,,,

माँ,,,,,,,अब गान्ड को गान्ड नही बोलू तो क्या बोलू मेरी अलका रानी तू ही बता दे,,,,पिछवाड़ा या कुछ ऑर,,,

अलका,,,,आप नही सुधरने वाली दीदी,,कुछ भी बोलो,,,,लेकिन आपने बताया नही कि जीजा जी को गये तो इतने दिन हो गये फिर भी आपको पीछे दर्द क्यू हो रहा है,,,,,

माँ,,,,,,,,,,,,बोला ना कि तेरा जीजा बहुत बुरी गान्ड चुदाई करता है तेरे पति की तरह नही जो महीने मे 6 बार ही गान्ड
मारता है लेकिन अब तो वो भी नही मारता ,,बाहर जो चला गया,,,,लेकिन ये दर्द तेरे जीजा ने नही दिया ये तो किसी ऑर मर्द के बड़े मूसल ने दिया है ,,,,

अलका,,,,क्या बोल रही हो दीदी,,,कोई ऑर मर्द,,,,आपको शरम नही आती शादी शुदा होके ऐसी हरकत करते हुए,,,ज़रा तो सोचना था कि अगर किसी को पता चल गया तो कितनी बदनामी होगी,,,,

माँ..,,,,.अच्छा कल खुद उछल उछल कर बोल रही थी किस मर्द की बात कर रही हो दीदी अब मुझे बोलती हो शादी शुदा होके ऐसी हरकत करते शरम नही आती,,खुद का भी तो दिल करता है तेरा किसी ऑर मर्द का लंड लेने को,,,,,

अलका,,,,,वो तो दीदी बस,,,,लेकिन दीदी आप जिसके साथ वो सब करती हो आपको डर नही लगता कहीं उसने आपको बदनाम कर दिया तो ,,अगर किसी को पता चल गया तो क्या होगा,,,,

माँ,,,,,,,,,वो किसी को कुछ नही बता सकता अलका,,,,,वो पूरी तरह से मेरे क़ाबू मे है,,,,,जब मेरा दिल करता है तब वो
मुझे खुश करता है ,,ऑर जितना मेरा दिल करता है उतनी देर तक वो मुझे मस्ती ऑर मज़ा देता है,,,,,जब तक मैं नही
थकती वो भी नही थकता,,,,,ऑर जब तक मैं नही चाहू वो किसी को कुछ नही बोल सकता,,,,

अलका ,,,,,,,,कॉन है वो दीदी,,,,,,,,,मुझे भी बता दो ना ,,,,,,

माँ अलका के पास गई ऑर ब्लाउस के उपर से उसके बूब्स पर हाथ रख दिया ,,,,देख तेरे बूब्स कितने हार्ड हो गये ,,लगता
है तू अच्छी ख़ासी मस्त हो गई है,,,,

अलका शरमाते हुए,,,,,क्या कर रही हो दीदी ,,,छोड़ो मुझे ये सब अच्छा नही लगता,,,कितनी बार बोला है आपको,,,,,हटो दीदी
मुझे शरम आ रही है,,,,,

माँ,,,,,,,,शरम आ रही है तो मस्त क्यूँ हो रही है तू अलका,,,,,,इतना बोलकर माँ ने उसके बूब को ज़ोर से दबा दिया ऑर उसकी आहह निकल गई,,,,देख मस्ती मे सिसकियाँ भी शुरू हो गई तेरी

अलका,,,,अब आप इतना ज़ोर से दबा दोगि तो मस्ती तो चढ़ेगी ही ना ,,,ऑर मैं तो वैसे भी पता नही कितने महीने से भरी हुई बैठी हूँ,,,,,देखो ना आपका हाथ लगते ही क्या हाल हो गया मेरा,,,,

माँ,,,,,,,,,,जानती हूँ तभी तो तेरे को यहाँ बुलाया है ताकि जितनी आग तेरे जिस्म मे लगी हुई है करण के डॅड के बाहर जाने
के बाद आज मैं वो सारी आग को भुजा दूँगी,,,,,इतना बोलकर माँ ने अलका के बूब्स को दोनो हाथों मे पकड़ लिया ऑर
कस्के दबा दिया,,,,,

अलका,,,,,ये क्या कर रही हो दीदी,,,,,

माँ,,,,,,,,,,वही जिस से तेरी आग भुज जाएगी,,,,,

अलका,,,,नही दीदी ऐसा मत करो ये ग़लत है,,,,आप मेरी दीदी हो,,,,एक औरत हो,,,ये अजीब लग रहा है दीदी,,,,,,

लेकिन माँ ने उसकी कोई बात नही सुनी ऑर उसके बूब्स को दबाते हुए उसको बेड पर पीछे की तरफ लेटा दिया,,ऑर खुद उसके करीब जाके उसके बूब्स को कस्के दबाने लगी,,,,

अलका ,,,अह्ह्ह्ह नही दीदी ऐसा मत करो प्ल्ज़्ज़ मुझे अच्छा नही लग रहा ,,,ये बहुत अजीब है मुझे शरम आ रही है,,,,

तभी माँ ने उसके ब्लाउस के बटन को खोल दिया ,,,,अगर अच्छा नही लग रहा तो तेरी निपलेस इतनी हार्ड क्यूँ हो रही है,,,ऑर इस से पहले अलका आंटी माँ को रोकती माँ ने ब्लाउस को साइड करके ब्रा के उपर से आंटी एक बूब्स को पकड़ लिया ऑर ब्रा को साइड करने लगी लेकिन तभी आंटी ने माँ के हाथों को अपने हाथों मे पकड़ लिया,,,

अलका,,,,,,,,ये क्या कर रही हो दीदी कुछ तो शरम करो ,,,मैं औरत हूँ ऑर आप भी औरत हो ,,,ऑर औरत का औरत को ऐसे हाथ लगाना कहाँ की बात है,,,,,चलो छोड़ो मुझे ये सब अच्छा नही लग रहा,,,

लेकिन माँ ने उसकी बात नही सुनी ऑर उसकी ब्रा को थोड़ा नीचे कर दिया तो उसका एक बूब ब्रा से बाहर निकल आया ऑर माँ ने अपने हाथ की उंगली से उसकी निपल की कॅप को ज़ोर से दाब दिया,,,,

इस हरकत से अलका आंटी की एक तेज अहह निकल गई तो दरवाजे के बाहर खड़े हुए मेरे लंड को एक तेज झटका लगा,,

दीदी छोड़ो ना क्या कर रही हो मुझे शरम आ रही है,,,,ऐसा मत करो ना प्लज़्ज़्ज़ दीदी

पर माँ तो उसकी कोई बात नही सुन रही थी ,,क्यू अच्छा नही लग रहा क्या,,,,

अलका कुछ नही बोली बस ना मे गर्दन हिला दी,,,

अच्छा नही लग रहा तो निपल को बार बार हार्ड क्यू कर रही है ऑर इतना कहते ही माँ ने जल्दी से उसकी साड़ी को उपर
उठा दिया ऑर साथ मे पेटिकोट को भी,,,इस से पहले अलका आंटी मा कॉम रोकती माँ का हाथ 2 पल मे ही आंटी की चूत पर चला गया,,,,,

हईीई दीदी ये क्या कर रही हो छोड़ो मुझे ये सब ठीक नही ,,,आपको होश तो हो ,,,दीदी छोड़ो ना ,,,,ये सब ग़लत कर
रही हो आप कोई ऐसा भी करता है क्या,,,,लेकिन माँ ने उसकी बात नही सुनी ऑर चूत को अपने हाथ से सहलाने लगी अभी माँ ने शायद एक बार ही अपने हाथ को अलका की चूत पर उपर से नीचे तक सहलाया था ऑर अलका की लगातार हल्की हल्की सिसकियाँ निकलने लगी,,,,,,

क्यू क्या हुआ ,,अभी से तेरी चूत पानीपानि हो गई ,अभी तो मैने हाथ ही लगाया है ऑर तेरी चूत मे सैलाब बहने लगा तो
सोच ज़रा जब किसी मर्द का मूसल जाएगा तेरी चूत मे तो कैसा लगेगा,,,बोल लेना है किसी मर्द का मूसल,,

अलका कुछ नही बोली ऑर ऐसे ही लेटी रही ,,,तभी शायद माँ ने उसकी चूत मे उंगली घुसा दी ऑर वो बेड पर उछल गई,,,,

हईए रामम्म्म दिदीई क्या कर रहहीी हूओ छ्छूड्डू म्मूउज़्झहही स्शहाररम्म आ राहि हहाइी,,,

शरम आ रही है तो चूत मे पानी क्यू आ रहा है तेरी,,,,,बोल जल्दी लेना है क्या किसी मर्द का मूसल,,उसी मर्द का
दूँगी जिसने मेरी गान्ड का बुरा हाल किया है,,,,बोल लेना है क्या,,,,,

अलका कुछ नही बोल रही थी बस अपने सर को इधर उधर झटक रही थी ऑर अपने बूब्स से ऑर पेटिकोट के अंदर से माँ के हाथ को हटाने की कोशिश कर रही थी,,,

तभी माँ ने उंगली को थोड़ा अंदर बाहर किया तो अलका की सिसकियाँ ऑर भी ज्याद तेज हो गई,,,उसके माथे पर पसीना
आ गया ,,रूम मे एसी भी चल रहा था फिर भी,,,,

बोल जल्दी वर्ना इतनी तेज़ी से उंगली करूँगी कि ,,

अलका कुछ नही बोली बस आह आह करती रही इस से पहले माँ कुछ ऑर बोलती या करती अलका की चूत ने पानी का फव्वारा चला दिया ऑर माँ का हाथ पूरा भीग गया ,,बेड भी पूरा गीला हो गया था,,,अलका आंटी ने स्किन कलर की साड़ी ऑर मॅचिंग पेटिकोट ब्लाउस पहना हुआ था जब उनकी चूत से पानी निकला तो उनकी साड़ी के साथ उनका पेटिकोट भी भीग गया जिस से स्किन कलर की साड़ी ऑर पेटिकोट डार्क-ब्राउन कलर का लगने लगा,,,,

अरे तू तो इतनी जल्दी झड गई,,थोड़ा सबर नही कर सकती थी क्या,,,,,,,

आज मेरे ऑर मेरे पति के अलावा आप हो दीदी जिसका हाथ लगा है वहाँ,,,,मुझसे ऑर बर्दाश्त नही हुआ दीदी,,,,

कहाँ हाथ लगा ये तो बता,,,,माँ ने हाथ को हल्का सा चूत पर रगड़ा,,,

आहह दीदी आब रुउक्क जाऊ त्हूड्दीई द्दीर्ररर,,,,

जल्दी बता पहला कहाँ हाथ लगा,,,,वर्ना उंगली तेज कर दूँगी ,,,,

वूऊ व्वाहन्ना

वो वहाँ नही सीधी तरह बोल,,,,,माँ ने इतना बोला ऑर चूत मे हल्के से उंगली करने लगी,,,,

अह्ह्ह्ह डीईडीिई चूत प्पीईए ,,,आजज्ज त्तुउम्म प्पील्लीी अओउर्रतत्त हहू जीिस्सन्णोनी म्मेरेईी छूत क्कूव च्छुउआ
हहाईईइ अहह

माँ,,,,,,,,,,,अब बोल उंगली से मज़ा आया कि नही,,,,,

अलका,,,,,,,,,,,,,,,,हहानं दडियड्डिई आय्या ल्लेककिन्न त्तहूदिईई द्दीर सीसी लइइयईी ,,,,

हाँ हाँ थोड़ी देर के लिए आया लेकिन आया तो सही,,,,पता नही कब्से भरी बैठी थी ,,,देख ज़रा कितना पानी निकला तेरी चूत
से ,,,लगता है जबसे तेरा पति गया है तबसे पानी नही निकाला तूने चूत का,,,,

अलका,,,,,,,,,,,,,,,,हाँ दीदी बैंगन से करती हूँ पर मज़ा नही आता,,,,ऑर पानी भी नही निकलता

माँ,,,,,,,,,,,,,,,अब बोल लंड लेने का दिल करता है या नही,,,,

अलका,,,,,,,,,,,हाँ दीदी करता है लेकिन डर भी लगता है बदनामी से,,,,

माँ,,,,,,,,तू फ़िक्र मत कर बदनामी नही होगी ऑर मज़ा भी बहुत आएगा,,,तुझे उसी मर्द का लंड दूँगी जिसने मेरा ये हाल किया है,, मेरा मतलब मेरी गान्ड का ये हाल किया है,,,,

अलका,,,,,,,,,,,अच्छा दीदी कहाँ है वो,,,जल्दी बुला दो उसको,,लेकिन याद रखना बदनामी वाली बात ना हो ,,मैं तो मर ही जाउन्गी वर्ना,,

माँ,,,,,,,,,,,,चल पगली कोई बात नही होती बदनामी वाली,,,बस तू बेफ़िक्र रह मैं अभी बुलाती हूँ उसको,,,खूब मज़ा देगा फिर तेरे को,,,,इतना मज़ा तुझे तेरे पति ने नही दिया होगा,,,,

अलका,,,,,,,,कहाँ है दीदी जल्दी बुला दो उसको अब ऑर बर्दाश्त नही हो रहा,,,,

माँ,,,,,,,,,ठीक है तैयार होज़ा अभी आएगा 2 मिनिट मे

अलका,,,,,,,,,,,,,2 मिनिट मे ,,,,क्या अभी यहीं है वो ,,घर के आस पास रहता है क्या,,,,,

माँ,,,,,,,,,,,नही घर के आस पास नही इसी घर मे रहता है,,,ऑर अभी इसी कमरे मे है,,,,इतना बोलकर माँ बेड से उठी ऑर,,,,,,
तभी माँ बेड से उठी ऑर अलमारी की तरफ चली गई ऑर मैने देखा कि अलमारी खोलकर माँ ने वही शोबा दीदी वाला पिंक
कलर का नकली लंड निकाल लिया ,,

माँ की पीठ थी अलका की तरफ तो अलका कुछ देख नही पा रही थी,,,,,वो बेड से उठते हुए बोली,,,,हाई दीदी क्या उस मर्द को अलमारी मे छुपा कर रखा हुआ है,,,,,

माँ पीछे मुड़ते हुए,,,,हाँ ऐसा ही सोच ले तू,,,,तभी माँ ने अपने हाथ मे पकड़ा हुआ नकली लंड अलका की तरफ किया,,

अलका,,,,,,,,,,,,,,,,हयी राम ये क्या है दीदी,,,,अलका की नज़रे नकली लंड पर पड़ी तो उसकी आँखें बड़ी बड़ी हो गई ऑर मूह खुले का खुला रह गया,,,,

माँ,,,,,,,,यही तो है वो मर्द ऑर मूसल जो मेरे काम आता है,,,जब मैं कहूँ तब मुझे चोद देता है कभी चूत मे
तो कभी गान्ड मे ,,,,ना इसके होते मुझे बदनामी का डर ना किसी ऑर बात का ,,,जितना कहूँ उतना देर चोदता है मुझे ऑर
मेरे कहने से पहले थकता भी नही,,,,माँ हँसते हुए बोल रही थी ऑर बेड के करीब जा रही थी,,
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

Ankit wrote: 17 Jun 2017 13:42 superb update bhai
thanks dost
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

मैं तो साला बाहर खड़ा गुस्से मे लाल हो रहा था ,,माँ की बातों से मुझे लग रहा था कि माँ मेरी बात कर रही है
ऑर अभी मुझे ही बुला लेगी रूम मे ऑर मैं जाके अलका आंटी की मस्त चूत ऑर भारी गान्ड मारूँगा लेकिन ये तो साला कुछ ऑर ही हो गया,,,,साला आज फिर कलपद हो गया,,,,ऑर इधर लंड महाराज का अकड़ मे बुरा हाल हो गया था ,,हल्का हल्का दर्द भी होने लगा था,,,,,,

माँ,,,,,,क्यू है ना तेरे बैंगन से बेहतर चीज़,,,,इतना बोलकर माँ ने नकली लंड को मूह मे ले लिया ऑर प्यार से चूसने लगी,,
ऑर चूस्ते हुए अलका के पास बैठ गई,,,अलका बड़े हैरान होके माँ की तरफ़ देख रही थी,,,,,

माँ,,,,,,,,,,ऐसे क्या देख रही है क्या तू बैंगन को पहले मूह मे नही लेती चूत मे लेने से पहले,,,,,

अलका,,,,,,,,,नही दीदी मैं तो उसपे आयिल लगा लेती हूँ ऑर भला मूह मे क्यूँ लेना बैंगन को,,,

माँ,,,,,,,,,,,,तो सच मे पागल ही है,,,...थूक आयिल से ज़्यादा चिकना होता है ऑर लंड आराम से चूत मे चला जाता है ऑर
गान्ड मे भी थूक लगा कर लंड लेने से दर्द का एहसास तक नही होता,,,,

अलका,,,,सच मे दीदी थूक लगा कर भी आयिल का काम लिया जाता है क्या,,,,

माँ ,,,,हाई रे मेरी भोली अलका,,,,अब ये मत कहना कि तूने कभी लंड को मूह मे नही लिया,,,,,

अलका,,,,,आपको तो पता ही है दीदी मैने ऐसा कुछ कभी नही किया,,ऑर भला लंड को कोई मूह मे क्यू लेगा,,उसी से मर्द
पेशाब करता है उसी को मूह मे लेने की बात कर रही हो ,,च्चिईिइ,,

माँ ,,,,,,,लगता है तुझे कुछ नही पता,,,शादी के इतने साल हो गये ना तूने लंड मूह मे लिया ठीक से ऑर ना ही गान्ड मे
फिर भला क्या मज़ा ऑर मस्ती की होगी तूने अपने पति के साथ,,,,,,चल आज मैं ही तेरे को सब सिखा देती हूँ,,,,चल पहले
साड़ी निकाल देख पूरी गीली हो गई है,,,,,,

अलका,,,,,,,,ना दीदी मुझे नही निकालनी साड़ी आपके सामने ,,,,,,,,,,,,आप पहले बाहर जाओ,,,,,

माँ,,,अरे पगली मैं भी तो औरत हूँ ,,अब तेरे पास ऐसा क्या ख़ास है जो मेरे पास नही है,,,,चल जल्दी निकाल साड़ी

अलका,,,,,,,नही दीदी मुझे शरम आती है ,,,,

माँ,,,,,,,,निकालती है या मैं खुद निकालु तेरी साड़ी,,,,,माँ इतना बोलके थोड़ा आगे बढ़ी तो अलका जल्दी से उठकर बैठ गई,,,

अलका,,,,,अच्छा अच्छा निकालती हूँ दीदी,,,,,

अलका आंटी बेड पर खड़ी हो गई ऑर अपनी साड़ी खोलने लगी,,मेरा तो बाहर खड़े के होल से देखते देखते ही काम
होने वाला हो गया ,,मैं मन ही मन अपनी माँ को गाली देने लगा कि साली अगर मेरे को बुला लेती तो क्या जाता,,,कुछ देर
मे आंटी ने साड़ी निकाल दी,,,,

माँ,,,,,,,,अब ब्लाउस ऑर पेटिकोट भी निकाल जल्दी से,,,,,,,,,,

अलका,,,,,,,,,,,,,हाई मेरी माँ ,ना बाबा ना,,,,,,,,,,,,ये नही उतारने वाली मैं आपके सामने,,मुझे शरम आती है,,,,,ऑर मेरे
कपड़े उतरवा कर आपने क्या करना है,,,

माँ,,,,,,,,,,अरे बुधु तेरे कपड़े गीले हो गये है धो कर मशीन मे सूखा दूँगी इसलिए बोल रही हूँ उतारने को,,,

अलका,,,,,,,ऐसा बोलो ना फिर दीदी,,,,,,,,,,,लेकिन मैं यहाँ नही उतारने वाली,,

माँ,,,,,,ठीक है जाके बाथरूम मे उतार दे,,मैं तेरे को दूसरा पेटिकोट ऑर ब्लाउस का सेट देती हूँ वो पहन कर बाहर
आ जाना,,,,

अलका,,,ठीक है दीदी,,,,,,,,

अलका उठी ऑर बाथरूम की तरफ चली गई जबकि माँ बाथरूम के दरवाजे के बाहर खड़ी हो गई,,,,,

कुछ देर बाद बाथरूम से अलका की आवाज़ आई,,,दीदी दूसरे कपड़े दो मुझे,,,,,,,

वो कपड़े उतार चुकी क्या तू,,,,,माँ ने बाहर से पूछा,,,,

हाँ दीदी उतार दिए है तभी दूसरे कपड़े माँग रही हूँ,,,,

दरवाजा खोल मैं बाहर ही खड़ी हूँ कपड़े मेरे हाथ मे है लेले,,,ऑर जैसे ही अलका ने दरवाजा खोलकर हाथ बाहर
निकाला माँ ने उसके हाथ को पकड़ लिया ऑर बाहर खींच लिया,,,

मैने तो देख कर दंग ही रह गया,,,,अलका आंटी के जिस्म पर एक ब्रा थी बस ,,,वो गीली नही हुई थी इसलिए वो अभी तक पहनी हुई थी ,,,मैं तो साला देख देख कर पागल हुआ जा रहा था,,,,,मेरे सामने एक गोरी चिट्टी मखमली भरे हुए जिस्म की
एक मस्त माल खड़ी हुई थी जिसकी बड़ी मस्त गान्ड ऑर बड़े बड़े बूब्स थे ,,,,दिल कर रहा था कि दरवाजा तोड़कर अंदर
चला जाऊ ऑर जाके लंड पेल दूं अलका आंटी की गान्ड मे ,,लेकिन मजबूर था माँ की वजह से,,,

आंटी ने बाहर आते ही अपनी दोनो टाँगों को आपस मे जोड़ लिया ऑर हाथ भी चूत पर रख लिए,,,,,

क्या करती हो दीदी,,,मुझे शरम आ रही है,,,,,,,छोड़ो मुझे ऑर कपड़े दो जल्दी से,,,

अभी कपड़े क्या करने तूने,,,मैने जो देखना था देख लिया,,,,इतना बोलकर माँ अलका आंटी को बेड की तरफ ले आई,,,आंटी
का एक हाथ माँ के हाथ मे था जबकि एक हाथ चूत पर था वो शर्मा रही थी लेकिन माँ उसको खींच कर बेड पर ले
आई,,,,

क्या कर रही हो दीदी छोड़ो मुझे शरम आ रही है,,,,,कपड़े पहनने दो मुझे,,,,,,

कपड़े पहन कर क्या करेगी वो तो बाद मे भी उतार दूँगी मैं तो टाइम क्यू जाया करना कपड़े पहन कर ,,इतना बोलते
हुए माँ ने आंटी को बेड पर बिठा दिया ओर हल्का सा धक्का देके पीछे लेटा दिया ,,

आंटी बेड पर लेट गई लेकिन उनकी टाँगे घुटनो से नीचे ज़मीन पर थी,,,,आंटी ने जल्दी से बेड पर गिरते ही अपनी
दोनो टाँगों को आपस मे जोड़ लिया ऑर दोनो हाथ भी चूत पर रख लिए,,आंटी का चेहरा शरम से एक दम लाल हो गया,,

हाई री मेरी बन्नो रानी इतना क्यू शरमा रही है,,,,हम लोग पहले भी तो ऐसी बातें कर चुके है कितनी बार ,,याद नही
क्या,,,,,

याद है दीदी लेकिन इतना खुलकर बात नही की जितना अब खुल गई है हम दोनो ,,ऑर बिना कपड़ो के तो आज तक मैं अपने पति के सामने ही गई हूँ आपके सामने कभी नही आई,,,,,,,

जानती हूँ लेकिन आज ये शरम छोड़ दे ऑर खुल का मस्ती कर मेरे साथ,,,जितनी आग है तेरे जिस्म मे सब भुजा दूँगी मैं आज,,,,ऑर वैसे भी तेरे जैसी मस्त औरत किस्मत वालो को मिलती है ,,मुझे तो गुस्सा आ रहा है तेरे पति पर जो इतनी हसीन औरत को अकेले छोड़ कर बाहर चला गया,,काश मैं तेरा पति होती तो कभी तेरे से दूर नही जाती,,,,,सच मे अलकातेरे जिस्म ने तो पागल कर दिया है मुझे,,,,देख मेरी आँखों मे कितना नशा चढ़ने लगा है ,,,,डर है कहीं मदहोश
होके कुछ गड़बड़ नही कर दूं मैं,,,,
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