कहीं वो सब सपना तो नही complete
- 007
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- Joined: 14 Oct 2014 17:28
Re: कहीं वो सब सपना तो नही
Thanks dosto
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही
मैं भाग कर टाय्लेट मे घुस गया,,,,मुझे बहुत तेज सूसू आया था,,,मैने जैसे ही ज़िप खोली तो लंड
पूरी ओकात मे सर उठ कर खड़ा हुआ था,,,मैने लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर सूसू करने लगा,,ये
टाय्लेट बहुत छोटा था ,,एक आदमी के लिए ही जगह थी मैं खड़ा होके सूसू कर रहा था ऑर जैसे
जैसे मैं सूसू करता गया लंड छोटा होता गया,,,,मुझे बड़ी राहत मिली सूसू करके ,,लेकिन जैसे ही
एक राहत मिली उसके साथ ही एक उलझन भी होने लगी,,,,मैं सोचने लगा कि पायल खड़ी हुई थी तो
पक्का था वो पैर रितिका का था लेकिन रितिका ने ऐसा क्यू किया,,,वो तो बड़ी सियानी लड़की थी,,कभी कोई
ऐसी वैसी हरकत नही की थी उसने,,,फिर आज ही क्यूँ,,,,शायद शराब के नशे की वजह से,,,हाँ यही
हो सकता है,,,,,
अभी मैं खुद से बातें करने लगा था ऑर मेरा लंड सिकुड कर छोटा हो गया था लेकिन मैने उसको
अभी तक पॅंट के अंदर नही किया था,,,,लंड तो पॅंट के अंदर नही गया लेकिन तभी कोई उस बाथरूम
मे घुस आया जिसमे मैं था,,,,सूसू के ज़ोर की वजह से मैने दरवाजा लॉक नही किया था ऑर जैसे ही
मैं वापिस पलटा देख कर दंग रह गया मेरे पीछे पायल भाभी खड़ी हुई थी,,उसने बाथरूम मे
घुसते ही दरवाजा लॉक कर दिया ऑर जल्दी से मेरी तरफ पलट गई,,,,,जगह कम थी हम दोनो को खड़े
होने मे दिक्कत हो रही थी तभी उसने मुझे पीछे की तरफ धक्का दिया ऑर जगह बनाने के लिए मेरी
टाँगें टॉयलेट सीट की दोनो तरफ से फैल गई ओर मैं पीछे की दीवार से जाके टिक गया,,,,
मैने कुछ बोलने के लिए मुँह खोला तभी भाभी ने मेरा मुँह खुलते ही अपना हाथ मेरे मुँह पर
रख दिया ऑर खुद एक उंगली अपने लिप्स पर रखते हुए मुझे चुप रहने के इशारा करने लगी,,भाभी
ने वही हाथ रखा था मेरे मुँह पर जिसकी उंगली अपनी चूत मे घुसा रही थी वो,,,उंगली से आने
वाली चूत के नमकीन पानी की खुसबू मुझे एक ही पल मे मद-होश करने लगी ,,,वो खुसबू
मेरे नाक से होते हुए मेरे पूरे जिस्म मे पहुँच गई थी जिस से एक एक अंग मस्ती मे भरने लगा
था,,,,मेरी नाक ने उस उंगली को करीब से सूंघना शुरू कर दिया इस बात का पायल को भी पता
चल गया था इसलिए जल्दी से उसने अपने हाथ को अपने लिप्स पर से उठा कर मेरे लंड पर रख दिया जो
अभी सिकुड कर छोटा हो गया था ऑर ज़िप से बाहर था,,,लेकिन पायल की चूत की नमकीन खुश्बू जो
मुझे उसकी उंगली से मिल रही थी उस से उत्तेजित होके मेरा लंड ओकात मे आने लगा था ऑर बाकी का
काम पायल का हाथ करने लगा था जो मेरे लंड पर था,,उसने मेरे लंड को मुट्ठी मे पकड़ लिया
ऑर हल्के से दबाने लगी,,,फिर अपने उस हाथ को जो मेरे मुँह पर था उसकी वही उंगली जो पायल ने
चूत मे ली थी वो उंगली मेरे मुँह मे घुसा दी ऑर चूत के नमकीन पानी का स्वाद मिलते ही मेरी
ज़ुबान ने उस उंगली को चाटना ऑर चूसना शुरू कर दिया,,,,पायल मेरी इस हरकत से खुश हो गई ऑर
जल्दी से आगे बढ़ कर मुझे किस करने लगी,,,उसकी उंगली तो मेरे मुँह मे थी अब उसकी ज़ुबान भी मेरे
मुँह मे घुस गई थी,,,वो अपनी उंगली को ऑर ज़ुबान को एक साथ मेरे मुँह मे घुसा कर मेरी ज़ुबान
के साथ छेड़खानी कर रही थी उसका हाथ मेरे लंड पर बड़े प्यार से आगे पीछे होने लगा था लेकिन
'बीच बीच मे वो मेरे लंड को मुट्ठी मे भरके दबा देती थी जिस से एक झटका सा लगता था मेरे
पूरे जिस्म मे,,तभी उसने अपनी उंगली को मेरे मुँह से निकाल लिया ओर मुझे प्यार से चूमने लगी ऑर
साथ साथ लंड पर हाथ की स्पीड भी तेज करने लगी ,,वो मेरे लिप्स को अपने लिप्स मे भरके बड़े मस्ती
भरे अंदाज़ से चूस रही थी ऑर मेरे लंड को हाथ से मसल्ति हुई मेरे लंड की टोपी पर अपने
नाख़ून से हल्के से ज़ोर डालके दबा रही थी मुझे हल्का दर्द हो रहा था लेकिन मज़ा भी बहुत आ
रहा था,,,पेशाब करके लंड सो गया था लेकिन अब लंड फिर से एक मस्ती के साथ जाग गया था ऑर पूरी
ओकात मे आ गया था,,,,
मैं मस्ती मे तो आ गया था लेकिन इस एक दम हुए हमले से मैं थोड़ा कन्फ्यूज़ हो गया था इसलिए
मैं उसको किस का रेस्पॉन्स तो देना शुरू कर दिया था थोड़ा थोड़ा लेकिन मेरे हाथ अभी तक नीचे
लटक रहे थे ,उसको ये अच्छा नही लग रहा था तभी उसने मुझे किस करते हुए अपने दोनो हाथों
से मेरे हाथ पकड़े ऑर टॉप के उपर से अपने बूब्स पर रख दिए ऑर मैने भी कोई देर किए बिना
उसके बूब्स को मसलना शुरू कर दिया,,,उसने जल्दी से अपने हाथ उठा कर अपना टॉप निकाल दिया उसने
ये इतना जल्दी किया कि मुझे पता ही नही चला,,मैं तो उसके बूब्स देख कर ही दंग रह गया उसने
टॉप के नीचे ब्रा नही पहनी हुई थी लेकिन फिर भी उसके बूब्स थोड़े से भी कमजोर नही पड़े थे
थोड़ा सा भी नीचे की तरफ नही झुके थे,,,एक दम टिक कर खड़े हुए थे अपनी जगह पर,,,मैने
बिना देर किए उसके बूब्स को मसलना शुरू कर दिया,,मेरी तरफ से रेस्पॉन्स मिलने पर वो बहुत
खुश हो गई ऑर मुझे फिर से किस करने लगी ,,,,मैं उसके बूब्स मसल रहा था जबकि वो मेरे लंड
पर अपने दोनो हाथों से मूठ लगा रही थी,,,,तभी एक दम से उसको पता नही क्या हुआ वो एक दम
से पीछे हट गई ऑर मुझे हाथ से पकड़ कर पॉट सीट पर बिठा दिया ऑर खुद ज़मीन पर बैठ गई
ऑर जल्दी से मेरे लंड को हाथ मे लेके उसपे थूक दिया ऑर हाथ से थूक को लंड पर मल दिया ऑर
फिर थोड़ी देर मेरे लंड पर थूक से मालिश करने लगी ऑर एक हाथ से मेरे सर को पकड़ कर अपनी
तरफ झुका लिया ऑर फिर से मुझे किस करने लगी,,लेकिन किस ज्याद देर नही चली उसने मेरे सर को
फिर से पीछे कर दिया ऑर झुक कर मेरे लंड को मुँह मे भर लिया,,,मैं एक दम से मस्ती के झटके
खाने लगा था,,,उसने एक ही बार मे मेरा लंड पूरा का पूरा मुँह मे भर लिया था ऑर मेरा लंड उसके
गले से टकराता हुआ उसके मुँह मे हलक से नीचे तक घुस गया था,,,,उसने मेरे लंड को फिर मुँह से
निकाला ऑर वापिस मुँह मे भर लिया,,,वो पूरे लंड को मुँह से निकाल रही थी ऑर फिर से लंड को पूरा
मुँह मे भर रही थी ,,जब 8-10 बार पूरा लंड उसके मुँह मे घुस गया तो उसने तेज़ी से अपने सिर को
मेरे लंड पर उपर नीचे करना शुरू कर दिया फिर बीच बीच मे अपने हाथों से ही अपने सर
को मेरे लंड पर दबा कर मेरे लंड को इतना ज़्यादा मुँह मे भरने की कोशिश करने लगती जैसे कि
मेरी बॉल्स को भी मुँह मे भरना चाहती थी वो,,,उसका लंड चूसने का अंदाज़ किसी रंडी से कम नही
था लेकिन फरक बस इतना था कि ये बड़े घर की रंडी थी जो शायद अपने पति से खुश नही थी या फिर
इसको शुरू से ही बाहर खाने की आदत थी,,,खैर मुझे क्या मुझे तो चूत से मतलब था,,,,
कुछ देर बाद वो उठी ऑर अपनी स्कर्ट उपर उठा कर अपनी पेंटी को उतारने लगी ,,,मेरी नज़र उसकी चूत
पर पड़ी जो एक दम गोरी थी ऑर जिसके लिप्स लाइट पिंक कलर के थे,,बहुत ही सॉफ थी उसकी चूत जिसमे
एक भी बाल नही था,,दिल तो किया कि उसकी चूत को मुँह मे भर लूँ ऑर शायद वो भी ऐसा ही चाहती थी
इसलिए वो अपनी एक टाँग उठाने लगी मैं समझा कि उसकी चूत मेरे मुँह की तरफ आ रही है लेकिन
पेंटी उतार कर अपनी टाँग उठा कर वो अपनी चूत को मेरे मुँह के पास नही लाई बल्कि मेरी टाँगों
पर बैठ गई ओर मेरे लंड को हाथ मे पकड़ कर फिर दूसरे हाथ मे थोड़ा थूक लगा कर अपनी
चूत पर लगा लिया ऑर जल्दी से मेरे लंड पर बैठ गई,,,उसकी चूत दिखने मे तो सॉफ सुथरी थी
लेकिन इतनी ज़्यादा खुल चुकी थी कि मेरा लंड एक बार मे ही पूरा घुस गया था,,,इतनी खुली चूत तो
आज तक मुझे रेखा की मिली थी बस,,,यानी ये पायल रेखा से भी बड़ी चूड्डकड़ थी,,उसने मेरे लंड
पर बैठ कर एक दम से उपर नीचे उछलना शुरू कर दिया ,उसके हाथ मेरे शोल्डर पर थे ऑर
उसने शोल्डर का सहारा लेके खुद को उपर नीचे करना शुरू कर दिया,,उसकी चूत जितनी भी खुली थी
मेरा लंड भी कम नही था जो उसकी खुली चूत मे भी अच्छी तरह से रग्गड़ ख़ाता हुआ अंदर बाहर
हो रहा था इस बात का अंदाज़ा मुझे तब हुआ जब मस्ती के मारे उसकी सिसकियाँ निकालने लगी लेकिन बाहर
लोग थे इसलिए उसने जल्दी से मुझे किस करना शुरू कर दिया ताकि उसकी आवाज़ बाहर नही निकले ,,किस करते
हुए मैं ओर भी पागल हो गया मैने अपने हाथ उसकी कमर पर रखे ओर उसको गोद मे उठा कर अपने
लंड पर उपर नीचे करने लगा,,,उसका वजन ज़्यादा नही था इसलिए मुझे उसको उठाने मे कोई ज़्यादा
दिक्कत नही हुई वैसे भी मर्द चुदाई करते टाइम ज़्यादा ही जोश मे आ जाता है,,वो खुद भी मेरे
लंड पर तेज़ी से उछल रही थी ऑर पागलो की तरह मुझे किस कर रही थी अब तक मेरा पागलपन भी
शुरू हो गया था ,,,काफ़ी देर वो ऐसे ही लंड पर उछलती रही ऑर हम दोनो किस करते रहे फिर कुछ
देर बाद वो उठी ऑर खड़ी हो गई फिर मुझे भी पॉट सीट से उठकर खड़ा कर दिया ,,फिर मुझे एक
साइड करके वो मेरे बगल से गुजर कर पॉट सीट की तरफ बढ़ गई,,,टाय्लेट मे जगह बहुत कम थी हम
दोनो का टर्न करना मुश्किल था जब वो मेरे बगल से गुज़री तो उसके बूब्स मेरी छाती पर रग्गड़
खाने लगे थे,,,,,,,
पूरी ओकात मे सर उठ कर खड़ा हुआ था,,,मैने लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर सूसू करने लगा,,ये
टाय्लेट बहुत छोटा था ,,एक आदमी के लिए ही जगह थी मैं खड़ा होके सूसू कर रहा था ऑर जैसे
जैसे मैं सूसू करता गया लंड छोटा होता गया,,,,मुझे बड़ी राहत मिली सूसू करके ,,लेकिन जैसे ही
एक राहत मिली उसके साथ ही एक उलझन भी होने लगी,,,,मैं सोचने लगा कि पायल खड़ी हुई थी तो
पक्का था वो पैर रितिका का था लेकिन रितिका ने ऐसा क्यू किया,,,वो तो बड़ी सियानी लड़की थी,,कभी कोई
ऐसी वैसी हरकत नही की थी उसने,,,फिर आज ही क्यूँ,,,,शायद शराब के नशे की वजह से,,,हाँ यही
हो सकता है,,,,,
अभी मैं खुद से बातें करने लगा था ऑर मेरा लंड सिकुड कर छोटा हो गया था लेकिन मैने उसको
अभी तक पॅंट के अंदर नही किया था,,,,लंड तो पॅंट के अंदर नही गया लेकिन तभी कोई उस बाथरूम
मे घुस आया जिसमे मैं था,,,,सूसू के ज़ोर की वजह से मैने दरवाजा लॉक नही किया था ऑर जैसे ही
मैं वापिस पलटा देख कर दंग रह गया मेरे पीछे पायल भाभी खड़ी हुई थी,,उसने बाथरूम मे
घुसते ही दरवाजा लॉक कर दिया ऑर जल्दी से मेरी तरफ पलट गई,,,,,जगह कम थी हम दोनो को खड़े
होने मे दिक्कत हो रही थी तभी उसने मुझे पीछे की तरफ धक्का दिया ऑर जगह बनाने के लिए मेरी
टाँगें टॉयलेट सीट की दोनो तरफ से फैल गई ओर मैं पीछे की दीवार से जाके टिक गया,,,,
मैने कुछ बोलने के लिए मुँह खोला तभी भाभी ने मेरा मुँह खुलते ही अपना हाथ मेरे मुँह पर
रख दिया ऑर खुद एक उंगली अपने लिप्स पर रखते हुए मुझे चुप रहने के इशारा करने लगी,,भाभी
ने वही हाथ रखा था मेरे मुँह पर जिसकी उंगली अपनी चूत मे घुसा रही थी वो,,,उंगली से आने
वाली चूत के नमकीन पानी की खुसबू मुझे एक ही पल मे मद-होश करने लगी ,,,वो खुसबू
मेरे नाक से होते हुए मेरे पूरे जिस्म मे पहुँच गई थी जिस से एक एक अंग मस्ती मे भरने लगा
था,,,,मेरी नाक ने उस उंगली को करीब से सूंघना शुरू कर दिया इस बात का पायल को भी पता
चल गया था इसलिए जल्दी से उसने अपने हाथ को अपने लिप्स पर से उठा कर मेरे लंड पर रख दिया जो
अभी सिकुड कर छोटा हो गया था ऑर ज़िप से बाहर था,,,लेकिन पायल की चूत की नमकीन खुश्बू जो
मुझे उसकी उंगली से मिल रही थी उस से उत्तेजित होके मेरा लंड ओकात मे आने लगा था ऑर बाकी का
काम पायल का हाथ करने लगा था जो मेरे लंड पर था,,उसने मेरे लंड को मुट्ठी मे पकड़ लिया
ऑर हल्के से दबाने लगी,,,फिर अपने उस हाथ को जो मेरे मुँह पर था उसकी वही उंगली जो पायल ने
चूत मे ली थी वो उंगली मेरे मुँह मे घुसा दी ऑर चूत के नमकीन पानी का स्वाद मिलते ही मेरी
ज़ुबान ने उस उंगली को चाटना ऑर चूसना शुरू कर दिया,,,,पायल मेरी इस हरकत से खुश हो गई ऑर
जल्दी से आगे बढ़ कर मुझे किस करने लगी,,,उसकी उंगली तो मेरे मुँह मे थी अब उसकी ज़ुबान भी मेरे
मुँह मे घुस गई थी,,,वो अपनी उंगली को ऑर ज़ुबान को एक साथ मेरे मुँह मे घुसा कर मेरी ज़ुबान
के साथ छेड़खानी कर रही थी उसका हाथ मेरे लंड पर बड़े प्यार से आगे पीछे होने लगा था लेकिन
'बीच बीच मे वो मेरे लंड को मुट्ठी मे भरके दबा देती थी जिस से एक झटका सा लगता था मेरे
पूरे जिस्म मे,,तभी उसने अपनी उंगली को मेरे मुँह से निकाल लिया ओर मुझे प्यार से चूमने लगी ऑर
साथ साथ लंड पर हाथ की स्पीड भी तेज करने लगी ,,वो मेरे लिप्स को अपने लिप्स मे भरके बड़े मस्ती
भरे अंदाज़ से चूस रही थी ऑर मेरे लंड को हाथ से मसल्ति हुई मेरे लंड की टोपी पर अपने
नाख़ून से हल्के से ज़ोर डालके दबा रही थी मुझे हल्का दर्द हो रहा था लेकिन मज़ा भी बहुत आ
रहा था,,,पेशाब करके लंड सो गया था लेकिन अब लंड फिर से एक मस्ती के साथ जाग गया था ऑर पूरी
ओकात मे आ गया था,,,,
मैं मस्ती मे तो आ गया था लेकिन इस एक दम हुए हमले से मैं थोड़ा कन्फ्यूज़ हो गया था इसलिए
मैं उसको किस का रेस्पॉन्स तो देना शुरू कर दिया था थोड़ा थोड़ा लेकिन मेरे हाथ अभी तक नीचे
लटक रहे थे ,उसको ये अच्छा नही लग रहा था तभी उसने मुझे किस करते हुए अपने दोनो हाथों
से मेरे हाथ पकड़े ऑर टॉप के उपर से अपने बूब्स पर रख दिए ऑर मैने भी कोई देर किए बिना
उसके बूब्स को मसलना शुरू कर दिया,,,उसने जल्दी से अपने हाथ उठा कर अपना टॉप निकाल दिया उसने
ये इतना जल्दी किया कि मुझे पता ही नही चला,,मैं तो उसके बूब्स देख कर ही दंग रह गया उसने
टॉप के नीचे ब्रा नही पहनी हुई थी लेकिन फिर भी उसके बूब्स थोड़े से भी कमजोर नही पड़े थे
थोड़ा सा भी नीचे की तरफ नही झुके थे,,,एक दम टिक कर खड़े हुए थे अपनी जगह पर,,,मैने
बिना देर किए उसके बूब्स को मसलना शुरू कर दिया,,मेरी तरफ से रेस्पॉन्स मिलने पर वो बहुत
खुश हो गई ऑर मुझे फिर से किस करने लगी ,,,,मैं उसके बूब्स मसल रहा था जबकि वो मेरे लंड
पर अपने दोनो हाथों से मूठ लगा रही थी,,,,तभी एक दम से उसको पता नही क्या हुआ वो एक दम
से पीछे हट गई ऑर मुझे हाथ से पकड़ कर पॉट सीट पर बिठा दिया ऑर खुद ज़मीन पर बैठ गई
ऑर जल्दी से मेरे लंड को हाथ मे लेके उसपे थूक दिया ऑर हाथ से थूक को लंड पर मल दिया ऑर
फिर थोड़ी देर मेरे लंड पर थूक से मालिश करने लगी ऑर एक हाथ से मेरे सर को पकड़ कर अपनी
तरफ झुका लिया ऑर फिर से मुझे किस करने लगी,,लेकिन किस ज्याद देर नही चली उसने मेरे सर को
फिर से पीछे कर दिया ऑर झुक कर मेरे लंड को मुँह मे भर लिया,,,मैं एक दम से मस्ती के झटके
खाने लगा था,,,उसने एक ही बार मे मेरा लंड पूरा का पूरा मुँह मे भर लिया था ऑर मेरा लंड उसके
गले से टकराता हुआ उसके मुँह मे हलक से नीचे तक घुस गया था,,,,उसने मेरे लंड को फिर मुँह से
निकाला ऑर वापिस मुँह मे भर लिया,,,वो पूरे लंड को मुँह से निकाल रही थी ऑर फिर से लंड को पूरा
मुँह मे भर रही थी ,,जब 8-10 बार पूरा लंड उसके मुँह मे घुस गया तो उसने तेज़ी से अपने सिर को
मेरे लंड पर उपर नीचे करना शुरू कर दिया फिर बीच बीच मे अपने हाथों से ही अपने सर
को मेरे लंड पर दबा कर मेरे लंड को इतना ज़्यादा मुँह मे भरने की कोशिश करने लगती जैसे कि
मेरी बॉल्स को भी मुँह मे भरना चाहती थी वो,,,उसका लंड चूसने का अंदाज़ किसी रंडी से कम नही
था लेकिन फरक बस इतना था कि ये बड़े घर की रंडी थी जो शायद अपने पति से खुश नही थी या फिर
इसको शुरू से ही बाहर खाने की आदत थी,,,खैर मुझे क्या मुझे तो चूत से मतलब था,,,,
कुछ देर बाद वो उठी ऑर अपनी स्कर्ट उपर उठा कर अपनी पेंटी को उतारने लगी ,,,मेरी नज़र उसकी चूत
पर पड़ी जो एक दम गोरी थी ऑर जिसके लिप्स लाइट पिंक कलर के थे,,बहुत ही सॉफ थी उसकी चूत जिसमे
एक भी बाल नही था,,दिल तो किया कि उसकी चूत को मुँह मे भर लूँ ऑर शायद वो भी ऐसा ही चाहती थी
इसलिए वो अपनी एक टाँग उठाने लगी मैं समझा कि उसकी चूत मेरे मुँह की तरफ आ रही है लेकिन
पेंटी उतार कर अपनी टाँग उठा कर वो अपनी चूत को मेरे मुँह के पास नही लाई बल्कि मेरी टाँगों
पर बैठ गई ओर मेरे लंड को हाथ मे पकड़ कर फिर दूसरे हाथ मे थोड़ा थूक लगा कर अपनी
चूत पर लगा लिया ऑर जल्दी से मेरे लंड पर बैठ गई,,,उसकी चूत दिखने मे तो सॉफ सुथरी थी
लेकिन इतनी ज़्यादा खुल चुकी थी कि मेरा लंड एक बार मे ही पूरा घुस गया था,,,इतनी खुली चूत तो
आज तक मुझे रेखा की मिली थी बस,,,यानी ये पायल रेखा से भी बड़ी चूड्डकड़ थी,,उसने मेरे लंड
पर बैठ कर एक दम से उपर नीचे उछलना शुरू कर दिया ,उसके हाथ मेरे शोल्डर पर थे ऑर
उसने शोल्डर का सहारा लेके खुद को उपर नीचे करना शुरू कर दिया,,उसकी चूत जितनी भी खुली थी
मेरा लंड भी कम नही था जो उसकी खुली चूत मे भी अच्छी तरह से रग्गड़ ख़ाता हुआ अंदर बाहर
हो रहा था इस बात का अंदाज़ा मुझे तब हुआ जब मस्ती के मारे उसकी सिसकियाँ निकालने लगी लेकिन बाहर
लोग थे इसलिए उसने जल्दी से मुझे किस करना शुरू कर दिया ताकि उसकी आवाज़ बाहर नही निकले ,,किस करते
हुए मैं ओर भी पागल हो गया मैने अपने हाथ उसकी कमर पर रखे ओर उसको गोद मे उठा कर अपने
लंड पर उपर नीचे करने लगा,,,उसका वजन ज़्यादा नही था इसलिए मुझे उसको उठाने मे कोई ज़्यादा
दिक्कत नही हुई वैसे भी मर्द चुदाई करते टाइम ज़्यादा ही जोश मे आ जाता है,,वो खुद भी मेरे
लंड पर तेज़ी से उछल रही थी ऑर पागलो की तरह मुझे किस कर रही थी अब तक मेरा पागलपन भी
शुरू हो गया था ,,,काफ़ी देर वो ऐसे ही लंड पर उछलती रही ऑर हम दोनो किस करते रहे फिर कुछ
देर बाद वो उठी ऑर खड़ी हो गई फिर मुझे भी पॉट सीट से उठकर खड़ा कर दिया ,,फिर मुझे एक
साइड करके वो मेरे बगल से गुजर कर पॉट सीट की तरफ बढ़ गई,,,टाय्लेट मे जगह बहुत कम थी हम
दोनो का टर्न करना मुश्किल था जब वो मेरे बगल से गुज़री तो उसके बूब्स मेरी छाती पर रग्गड़
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- Dolly sharma
- Pro Member
- Posts: 2734
- Joined: 03 Apr 2016 16:34
Re: कहीं वो सब सपना तो नही
बहुत ज़बरदस्त मस्त कहानी है
खूनी रिश्तों में प्यार बेशुमारRunning.....परिवार मे प्यार बेशुमारRunning..... वो लाल बॅग वाली Running.....दहशत complete..... मेरा परिवार और मेरी वासना Running..... मोहिनी Running....सुल्तान और रफीक की अय्याशी .....Horror अगिया बेतालcomplete....डार्क नाइटcomplete .... अनदेखे जीवन का सफ़र complete.....भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete.....काला साया complete.....प्यासी आँखों की लोलुपता complete.....मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग complete......मासूम ननद complete
- Ankit
- Expert Member
- Posts: 3339
- Joined: 06 Apr 2016 09:59
Re: कहीं वो सब सपना तो नही
superb update bhai
waiting next
waiting next
- Kamini
- Novice User
- Posts: 2112
- Joined: 12 Jan 2017 13:15
Re: कहीं वो सब सपना तो नही
Happy New year friends