कहीं वो सब सपना तो नही complete

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jay
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by jay »

nice update
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

jay wrote: 05 Oct 2017 11:35nice update
Kamini wrote: 04 Oct 2017 16:10mast update
Thanks dosto
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

मैं रूम मे जाते ही अपने फोन को कान पर लगाया ऑर बात करने का नाटक करने लगा,,,,,

हाँ बस कुछ देर मे आंटी जाने वाली है,,फिर मैं घर पे अकेला हूँ,,2-3 अवर्स तक मस्ती कर सकते
है,,,,,जैसे ही वो जाती है मैं तुझे मेसेज कर दूँगा,,,तू आ जाना,,,,इतना बोलकर मैने फोन को वापिस
रख दिया ऑर आप भी आराम से बेड पर लेट गया,,,

करीब 5 मिनट बाद आंटी वापिस मेरे रूम मे आई,,,,बेटा मैं जा रही हूँ तू गेट बंद करले,,,

आंटी जी आपके पास घर की चाबी है ना,,,,,

हाँ बेटा ,,क्यू चाहिए क्या,,,,,

नही आंटी जी,,,,,मेरे को नींद आ रही थी ,,मैं सोच रहा था कि आप गेट को खुद लॉक कर दो ,,पता
नही आपके वापिस आने पर मैं नींद से जाग पाउन्गा भी या नही,,,आपके पास चाबी होगी तो आप अंदर तो
आ जाओगी ,,,,,

ठीक है बेटा,,मैं खुद गेट लॉक करके जाती हूँ तुम आराम से सो जाना,,,,,फिर आंटी वहाँ से चली
गई ऑर जाते टाइम मुझे अजीब शक्की नज़रो से देख कर गई,,यही तो मेरा प्लान था,,,,ऑर प्लान के हिसाब से
जब आंटी घर से निकली तो 5 मिनट बाद ही माँ ने आंटी को फोन कर दिया ऑर मना कर दिया आज
शॉपिंग के लिए ऑर आंटी वापिस घर आ गई,,,,,ऑर उनके आने से पहले मैं बेड पर नंगा होके लेट गया
थे ,,मेरा लॅपटॉप मेरे सामने था ऑर उसपे मेसेन्जर ऑन था ऑर मेरे साथ वीडियो चॅट कर रही थी शिखा
दीदी,,,,वो भी बुटीक पर नंगी होके बेड पर लेटी हुई थी,,लेकिन ना तो वो अपना फेस दिखा रही थी ऑर
ना ही मैं,,,हम दोनो अपने सर से नीचे का बॉडी पार्ट दिखा रहे थे,,,मैं तो दीदी को ये भी बोल
दिया था कि मूह पर कपड़ा बाँध ले ताकि उनकी आवाज़ कुछ अलग हो जाए ऑर आंटी उनकी आवाज़ नही पहचान
सके ऑर दीदी ने ऐसा ही किया,,,,

ऑर जैसे ही गेट खुलने की आवाज़ आई मैं ऑर दीदी शुरू हो गये,,,,मैं जानता था गेट खुलने के बाद आंटी
सीधा मेरे रूम मे आएगी क्यूकी उन्होने मुझे फोन पर बात करते भी सुना था ऑर किचन मे चोरों
की तरह जाते भी देखा था,,,ऑर ऐसा ही हुआ आंटी सीधा मेरे रूम के दरवाजे के पास आ गई ऑर यहाँ
मैं बेड पर नंगा बैठा हुआ था ऑर मेरा लॅपटॉप मेरे बेड पर मेरी टाँगों के बीच मे पड़ा हुआ
था ऑर मेरे लॅपटॉप पर एक लड़की नंगी थी जिसकी वीडियो आंटी देख सकती थी,,,,वो लड़की शिखा थी ये आंटी
को नही पता चलने वाला था क्यूकी वो अपना फेस नही दिखा रही थी,,,बस जो हिस्सा देखना था मुझे वही
दिखा रही थी,,,,,

मैने शिखा से ऐसे बात करनी शुरू की जैसे वो मेरी कोई नेट की चॅट फ्रेंड है,,फिर हम दोनो की
वीडियो चॅट शुरू हो गई,,,,

शिखा को भी मैने बता दिया था कि उसकी माँ रूम के दरवाजे के पास खड़ी हुई है,,,,,,,,

शिखा,,,,,,,,इतना टाइम क्यूँ लगा दिया,,,,,


मैं,,,,,,,,,,यार आंटी के जाने का वेट कर रहा था वो अभी गई,,,,वो अगर होती तो मैने कहाँ ऑनलाइन
आना था,,,

शिखा,,,,,,अब कब तक वापिस आना है तुम्हारी आंटी जी ने,,,,

मैं,,,,बोल कर तो गई है 3 अवर्स तक ,,बाकी पता नही,,,,

शिखा,,,,ओह्ह वाउ मतलब हम 3 अवर्स तक मस्ती कर सकते है,,,,

मैं,,,,,हाँ कर तो सकते है ,,अगर आंटी नही आई तो,,,,,

शिखा,,,,आंटी आती है तो आने दो उसको भी अपने खेल मे शामिल कर लेना तुम,,,वैसे भी तुम तो यही
चाहते हो ना,,,,

मैं,,,,हां यार चाहता तो हूँ कि आंटी भी मेरे साथ इस मस्ती के खेल मे शामिल हो जाए लेकिन उनको
मैं शामिल करूँ तो कैसे करूँ,,,मुझे तो बहुत डर लगता है उनके पास जाने मे,,,,

शिखा,,,,इतना डरोगे तो चुदाई कैसे करोगे आंटी की,,,,या तो डरना छोड़ दो या आंटी को चोदने का
ख्याल अपने दिल से निकाल दो,,,,

मैं,,,अरे यार ऐसा मत बोल प्लज़्ज़्ज़्ज़ ,,,मैं ये ख्याल कभी दिल से नही निकाल सकता,,,तुझे तो पता है ना
कि मैं अलका आंटी को कितना लाइक करता हूँ,,,,,

शिखा,,,,,,अच्छा बता कितना लाइक करता है,,,मुझे भी तो पता चले आख़िर क्या है तेरी आंटी मे ऐसा जो
मेरे मे नही,,,,,शिखा सामने से अपनी चूत मे उंगली करती हुई एक हाथ से अपने बूब्स को बारी बारी से
मसल्ति हुई बोल रही थी,,,

मैं,,,,,,मत पूछ यार,,,,गोरा रंग है संगमरमर की तरह,,,भरा हुआ बदन है ,,मोटी नही है
लेकिन कुछ हेल्थि है,,,,बड़े बड़े बूब्स कम से कम 40 साइज़ के है,,,,बड़ी मस्त गान्ड है उनकी ,,,जब
भी उनको देखता हूँ तो दिल करता है अपना से 9" इंच का लंड उनकी चूत मे घुसा दूं ऑर उनके
बड़े-बड़े बूब्स को हाथों मे लेके मसलता हुआ उनकी चूत मे झटके मारने शुरू कर दूं ऑर साथ
ही उनके सॉफ्ट सॉफ्ट लिप्स को अपने मूह मे भरके चूस्ता रहूं,,फिर कुछ देर बाद उनको बेड पर झुका
कर पीछे से अपने मूसल को उनकी गान्ड मे घुसा दूं ऑर इतनी चुदाई करूँ कि उनकी गान्ड को अपने
लंड के पानी से भर दूं,,,,,,,,,,,,,मैं भी अपने लंड को हल्के हल्के से मसल रहा था देसी घी
लगा कर,,,,,

आंटी बाहर खड़ी सब सुन रही थी ऑर सब देख भी रही थी,,,,पक्का वो कुछ परेशान होंगी लेकिन वो
मेरी बातों से कुछ गरम भी हो गई होगी,,,,,चूत मे उंगली भी करने लगी होगी,,,,क्यूकी मुझे लॅपटॉप
मे उनकी परच्छाई तो नज़र आ रही थी लेकिन वो क्या कर रही थी ये नज़र नही आ रहा था,,,

शिखा,,,,,अच्छा ये बता तू कभी आंटी के साथ सोया है क्या,,,,,

मैं,,,,हाँ मैं 3 दिन से यहाँ हूँ ऑर 2 रात मैं आंटी एक साथ सोया भी था,,,

शिखा,,,,,,,,,,कुछ हुआ क्या फिर,,,तूने उनको कहीं टच किया कि नही सोते टाइम,,,,

मैं,,,,,,नही मुझे बहुत डर लगता है,,,कहीं वो जाग जाती तो,,,,,ऑर वैसे भी मैं बेड पर लेटते-ते ही सो
जाता हूँ,,कुछ करने का मोका ही नही मिलता मुझे,,,,

शिखा,,,तू सच मे बुद्धू है,,,नींद मे जब आंटी होती है तू हल्का सा हाथ तो लगा ही सकता है ,,बूब्स
पर या उनकी चूत पर,,,,

मैं,,,,नही यार मुझे बहुत डर लगता है,,,वो मेरे दोस्त की माँ है तो मेरी भी माँ हुई ना,,,ऑर उमर
मे इतनी बड़ी है मेरे से कि मेरी हिम्म्त ही नही होती कभी कुछ करने की,,,,,

शिखा,,,,फिर तुझे क्यू लगता है कि तू उनको चोद सकता है,,,,जब तेरे मे हिम्मत ही नही,,,,क्या वो तुझे
सामने से आके ऐसा बोलेगी कि आजा सन्नी मेरी चूत मारले,,,,,

मैं,,,नही यार ऐसी बात नही है,,,मुझे ही कुछ करना होगा वो नही कहने वाली कुछ,,लेकिन एक बात
है कि वो चुदाई क लिए मान ज़रूर जाएगी,,,,

शिखा,,,,अच्छा ,,तुझे ऐसा क्यू लगता है भला,,,,

मैं,,,,,अरे यार तूने उसको देखा नही कभी,,क्या मस्त माल है वो,,,,ऐसी औरत का पति हर रात को उसको
एक बार तो ज़रूर चोदता होगा,,,,तभी तो इतने बड़े बूब्स ऑर इतनी मस्त गान्ड है उनकी,,,,ऑर अब करण
के पापा को आउट ऑफ कंट्री गये काफ़ी महीने हो गये है,,,जहाँ तक मुझे लगता है आंटी इतने टाइम से
बहुत चुदासी हो गई होंगी,,,,,अगर मैं कोशिश करूँगा तो शायद मान जाएगी,,,,,क्यूकी पूरी भरी बैठी
हुई है वो,,,,आग लगी हुई होगी उनके जिस्म मे,,,,बस जलते हुए अंगारों पर हल्की राख पड़ी हुई है जिसको
हल्की मस्ती की फूँक मार कर उड़ाना होगा ओर फिर से शोले भड़कने शुरू हो जाने है,,,,

शिखा,,,,,,फिर तो तुझे कुछ करना ही होगा,,,रात को सोते टाइम,,,,,वैसे तू जवान लड़का है उनको तेरे
साथ सोने मे कोई दिक्केट तो नही होती,,,,,

मैं,,,,नही कोई दिक्कत नही होती,,,,वो तो मुझे अपना बेटा समझती है बिल्कुल करण की तरह,,,दिक्कत तो
मुझे होती है क्यूकी मैं अक्सर निक्कर पहन कर सोता हूँ ऑर मुझे उनके साथ ऐसे सोने मे शरम
आती है,,,,,,,,ऑर सॉरी भूल गया उनको भी दिक्कत होती है,,,मेरी स्नोरिंग की वजह से,,,जब भी मैं गहरी
नींद मे होता हूँ तो मेरे खर्राटे शुरू हो जाते है,,जिनसे आंटी को थोड़ी प्रोबलम होती है,,,,

शिखा,,,,,क्या तू गहरी नींद मे खर्राटे मारता है,,,,,

मैं,,,हाँ यार जब नींद गहरी होती है तो कहाँ पता चलता है सोने वाले को की वो क्या कर रहा है,,

शिखा,,,,,अच्छा ये बता तुझे कभी आंटी के साथ सोते हुए ऐसा लगा कि आंटी तेरे बहुद करीब है ,,,या
तेरी बॉडी को कहीं टच कर रही है,,,

मैं,,,,क्या मतलब,,,,,

शिखा,,,मतलब कि आंटी कभी तेरी चेस्ट को या कभी तेरे लंड को हाथ लगाती है जब तू सो जाता है,,,

मैं,,,,नही मुझे नही पता,,,,मैं तो गहरी नींद मे होता हूँ ना,,,,लेकिन कभी कभी मुझे लगता
है जैसे उनका हाथ मेरी चेस्ट पर रखा हुआ है या चेस्ट पर घूम रहा है,,लेकिन वो तो नींद मे
होती होंगी शायद इसलिए ऐसा कुछ हो जाता होगा,,,,,मैं भी तो नींद मे खर्राटे मारता हूँ,,,,

शिखा,,,,,अरे बुद्धू अगर वो भी तीर साथ चुदाई करने की तमन्ना दिल मे रखती होगी तो तेरे सोने के
बाद वो तुझे कहीं ना कहीं टच ज़रूर करती होंगी,,,,,,

मैं,,,,,पता नही मुझे,,,,,,

शिखा,,,,अच्छा एक बात बता,,तू गहरी नींद मे खर्राटे मारता है ये बात आंटी को पता है क्या,,,,

मैं,,,,हाँ पता है,,,ऐसा क्यो पूछा तूने,,,,,

शिखा,,,,देख आज रात जब तू आंटी के साथ सोएगा तो कोशिश करना कि तुझे नींद नही आए लेकिन तू
सोने की आक्टिंग करते हुए जान बूझ कर खर्राटे मारना शुरू कर देना,,,

मैं,,,,इस से क्या होगा,,,,

शिखा,,,,अगर आंटी के दिल मे भी कुछ ऐसा हुआ जैसा तेरे दिल मे है तो आंटी शायद सोते टाइम तेरे को
टच करती हो,,,शायद तेरे लंड को भी पकड़ती हो,,,,तू तो गहरी नींद मे होता है ना,,,,,,,,,,वैसे तुझे
ऐसा क्यू लगता है कि आंटी भी वैसा चाहती होगी जैसा तू चाहता है,,,,

मैं,,,,,मैने देखा है उनकी आँखों मे,,,,मैं उनको काफ़ी टाइम से लाइक करता आ रहा हूँ,,,,ऑर हर
बार जब मैं उनके घर आता हूँ तो उनके बूब्स ऑर मस्त गान्ड को दिल भरके देखता हूँ लेकिन आंटी
मेरी तरफ कभी नही देखती थी,,,अगर देखती थी तो बस नॉर्मल तरीके से लेकिन अभी कुछ महीनो मे मैने
देखा है कि जब भी मैं आंटी को देखता हूँ या उनके बड़े बड़े बूब्स की तरफ देखता हूँ तो वो हंस कर
हल्का सा शरमा जाती है,,,,उनको कोई परेशानी नही होती जब मैं उनके बूब्स देखता हूँ,,,ऑर अभी कुछ
दिन से तो वो ज़्यादा ही बूब्स दिखा रही है मुझे,,,,रात खाना खाते टाइम भी झुक झुक कर मुझे अपने
बूब्स दिखाती है,,,,मेरा ध्यान खाने की प्लेट की तरफ कम ऑर उनके बूब्स की तरफ ज़्यादा होता है,लेकिन
वो ऐसा अंजाने मे करती है है जान भूज कर मैं ये नही जानता,,,,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »


शिखा,,,,तो जैसा मैं कहती हूँ वैसा कर,,,,,आज रात सोने की आक्टिंग कर ऑर नकली खर्राटे मारने शुरू
कर देना,,फिर देखना आंटी तुझे कहीं हाथ लगाती है या नही,,,,अगर उन्होने ऐसा वैसा कुछ किया तो
समझ जाना तेरी लाइन क्लियर है,,,,

मैं,,,,सच मे ऐसा हो गया तो मज़ा आ जाना है,,,,,मैं नही जानता आंटी भी वैसा चाहती है या नही
लेकिन मैं तो चाहता हूँ लेकिन मैं पहले कुछ करने से डरता हूँ क्यूकी वो मेरे दोस्त की माँ है
ऑर मेरी माँ जैसी है,,लेकिन अगर वो भी वहीं चाहती है तो बस एक बार मुझे अजीब तरीके से कहीं
टच कर्दे फिर मैं नही छोड़ने वाला आंटी को,,,,इतनी दमदार चुदाई करूँगा कि आंटी करण के
पापा को भी भूल जाएगी,,,,,

शिखा,,,,चल आंटी के साथ तो जो होगा वो होगा लेकिन बता क्या अभी तू आंटी के साथ मस्ती करना चाहता
है,,,,,

मैं,,,अभी ? अभी कैसे,,,,??

शिखा,,,मैं बनती हूँ ना तेरे लिए तेरी अलका आंटी ऑर तेरा जितना दिल करे उतनी देर चुदाई करले मेरी,,

मैं,,,हाँ ये ठीक है ,,,,हर बार की तरह हम लोग रोल प्ले करते है,,,,तुम अलका आंटी बन जाओ आज मेरे
लिए ऑर मैं पूरी मस्ती से तुम्हारी चुदाई करता हूँ,,,,

फिर मेरा ऑर शिखा का रोल प्ले शुरू हुआ जो करीब 1 अवर से ज़्यादा चला ओर इसके साथ ही मैं अपने
लंड की मालिश भी करता रहा ,,,जब मेरा ऑर शिखा दोनो का पानी निकल गया तो हम दोनो बेड पर लेट
गये फिर वो ऑफलाइन हो गई लेकिन जैसे ही वो ऑफलाइन होने लगी पीछे से उनके लॅपटॉप से आवाज़ आई,,,,,जल्दी
कर घर जाना है सभी वेट कर रहे होंगे,,,,,ये आवाज़ शोबा दीदी की थी,,,पता नही आंटी ने वो आवाज़
सुनी थी या नही लेकिन मैं तो सुन ली थी,,,,जैसे ही मैं अपने लॅपटॉप बंद करके पीछे की तरफ मुड़ा तो
देखा कि आंटी वहाँ से जा चुकी थी,,,,,शायद आंटी ने शोबा की आवाज़ नही सुनी थी,,,,,

मैं बहुत खुश था ,,,मेरा काम तो हो गया था,,,आंटी आज पूरी तरह क़ाबू मे आ गई थी,,अब तो बस
रात का इंतजार था,,लेकिन अभ तो शाम थी डिन्नर भी करना था,,,,,,,देखते है रात को क्या होता है ,,,,,,
मैं लॅपटॉप बंद करके निक्कर पहन कर रूम से बाहर निकला ,,,आंटी घर वापिस आ चुकी थी लेकिन मैं
रूम से ऐसे अंजान बनके निकला जैसे आंटी अभी घर मे है ही नही,,,,,

जब मैं आंटी के रूम के सामने से गुजर रहा था तो रूम के अंदर देखा तो आंटी अपने कपड़े चेंज
करके नाइटी पहन रही थी,,,,ये नाइटी भी काफ़ी पलते कपड़े की थी लेकिन काफ़ी लंबी थी जो घुटनो से काफ़ी
नीचे तक आ रही थी,,,,,,मैने एक बार आंटी की तरफ देखा ओर जैसे ही उन्होने पलट कर बाहर की तरफ देखा
तो मैं अंजान बनके वहाँ से आगे बढ़ गया किचन की तरफ,,मेरे हाथ मे देसी घी की खाली कटोरी थी,,
मैं अपनी मस्ती मे अंजान बनते हुए किचन की तरफ जाने लगा तभी आंटी अपने रूम से बाहर निकली,,


सन्नी बेटा तू इतनी जल्दी उठ भी गया,,या अभी तक सोया ही नही,,,,आंटी ने बड़े शरारती अंदाज़ मे बोला ,,,,


मैं डरने का नाटक करते हुए एक दम से पीछे मुड़ा,,,,,,आअप्प्प्प कब आयई अयूयूंटीयी ज्जिि,,,,मैं इतना
ज़्यादा नाटक कर रहा था की आंटी को लगा जैसे मैं बहुत ज़्यादा डर गया हूँ,,,,,

अरे तुम इतना डर क्यूँ रहे हो,,,,ऑर तुमको पसीना क्यू आ रहा है,,,तुम तो ऐसे डरने लगे हो जैसे मैने
तुम्हारी चोरी पकड़ ली है,,,,

चूरिई कैइईसीई चोरी मायिनी क्कोइ चोरि ंहिी क्कीिई,,,ऊरर पास्सीनना क्काहहानं आय्या हहाई
म्मूउुज्झहही ,,,मैं जानभूज कर अपने हाथ को अपने माथे पर रखते हुए बोला,,,,


तभी आंटी मेरे पास आ गई,,,,ऑर अपने हाथ से मेरे हाथ को पकड़ कर मेरे माथे से नीचे कर दिया ऑर
हँसने लगी,,,,,,मैं तो मज़ाक कर रही थी बेटा,,,लेकिन तुम तो ऐसे डर रहे हो जैसे सच मे कोई ग़लत काम
कर के आरहे थे,,,,,

मैं क्या ग़लत काम कर रहा था,,,मैं तो सो रहा था आंटी जीई,,अभी उठा हूँ,,,,

अच्छा तो तेरे हाथ मे क्या है ये,,,,

ये तो देसी घी है आंटी जी,,,,मेरा दिल किया था देसी गीयी खाने को,,,,,इसमे कुछ ग़लत बात है क्या,,,,

नही बेटा ये तो बहुत अच्छी बता है,,,,तेरी उमर ही ऐसी है ,,,,,वैसे भी आज कल तू जितनी मेहनत करता है
उसके लिए अच्छी खुराक खानी ही चाहिए,,तभी तो ऑर ज़्यादा मेहनत करने की ताक़त आएगी,,,,लेकिन तू मेहनत
सही जगह किया कर,,,,फालतू मे थका मत कर,,,,,आंटी बड़ी नटखट अंदाज़ मे बोली थी ऑर मैं समझ गया
था उनका मतलब,,,,

ग़लत जगह ,,,,कॉन्सी ग़लत जगह मेहनत की है मैने आंटी जी,,,,

अरे मेरे कहने का मतलब है तू वीडियोगेम मे मेहनत बहुत करता है,,जब देखो लॅपटॉप पर लगा रहता
है पता नही क्या क्या गेम खेलता रहता है,,,,,मेहनत करनी है तो किसी ऑर तरफ मेहनत किया कर,,,,

कहाँ मेहनत करूँ आंटी जी,,,,मुझे तो गेम खेलने मे ही मज़ा आता है,,,,,आपको क्या पता गेम खेलके
कितना मज़ा आता है,,अपने एक बार खेली हो तो पता लगे,,,,,

जानती हूँ बेटा तू कितनी मस्ती करता है गेम खेलने मे,,,,आंटी हँसते हुए बोली,,,,,,


वैसे आप इतनी जल्दी कैसे आ गई आंटी जी,,,,मुझे तो आपके आने का पता भी नही चला,,,,,,

पता कैसे लगना था तुझे बेटा,,,,इतनी मेहनत करने मे जो बिज़ी था,,,,,,

क्या मतलब आंटी जी,,,,,,,

मेरा मतलब इतनी मेहनत करता है तू थक गया होगा,,,,ऑर वैसे भी तेरी नींद इतनी पक्की है कि तुझे सोते
टाइम कुछ पता नही चलता,,,,,,

हाँ ये बात तो ठीक कही अपने आंटी जी,,,,,सोते टाइम मुझे कुछ पता नही चलता,,,,,इसलिए तो अपने खर्राटे
भी नही सुन पाता मैं,,ये तो आपसे पता चलता है कि मैं खर्राटे मारता हूँ,,,,,वैसे आपने बताया नही
आप इतनी जल्दी कैसे आ गई,,,,,,

कुछ नही बेटा ,,जिस सहेली के साथ गई थी उसको कोई ऑर काम आन पड़ा ओर वो माल से वापिस घर चली गई,,तो
मैं अकेली क्या करती इसलिए मैं भी वापिस आ गई,,,,,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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