कहीं वो सब सपना तो नही complete

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pongapandit
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by pongapandit »

mast update
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007
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

pongapandit wrote: 07 Oct 2017 12:11 mast update
xyz wrote: 06 Oct 2017 17:39nice update bhai
Thanks dosto
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007
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

मेरे लिप्स आंटी के एक बूब की कॅप पर टच तो हो गये थे लेकिन मैने इस से आगे कुछ नही किया ऑर आराम
से लेटा रहा तभी आंटी का हाथ पूरी मस्ती मे मेरी पीठ ऑर सर पर घूमने लगा,,,,उनसे अब कंट्रोल नही
हो रहा था ,,वो अपनी मस्ती को जाहिर करने के लिए बड़े मस्त अंदाज़ से मेरी पीठ ऑर सर पर अपना हाथ
घुमा रही थी,,,,,,लेकिन मैं ऐसे ही लेटा रहा ऑर हल्की स्नोरिंग करता रहा,,,आंटी को पता था कि मैं
जाग रहा हूँ लेकिन मैं डर रहा हूँ कुछ करने से इसलिए उन्होने हिम्मत की ऑर अपने उस बूब को
अपने हाथ मे पकड़ लिया जिसकी कॅप मेरे लिप्स पर टच कर रही थी,,,,आंटी ने उस बूब को हाथ मे पकड़ा
ऑर अपने हाथ से हिला कर अपने बूब की कॅप को मेरे होंठों पर रगड़ने लगी,,,वो मुझे इशारा कर रही
थी अपने लिप्स खोलने के लिए ऑर मैने भी ऐसा ही किया,,,,एक ही पल मे अपने लिप्स खोल दिया ऑर आंटी के बूब
की कॅप को अपने लिप्स मे भर लिया,,,लेकिन आंटी इतने से खुश नही हुई उन्होने अपने बूब को हाथ से आगे
करके ऑर ज़्यादा मेरे मूह मे भरने की कोशिश की ऑर मैने भी अपने मूह को ऑर ज़्यादा खोल दिया जिस से बूब
मेरे मूह मे भर गया ,,,,लेकिन अभी भी मैने उसको चूसना शुरू नही किया,,,,


ये बात नही थी कि मैं मस्त नही हुआ था लेकिन मैं चाहता था कि ज़्यादा से ज़्यादा मेहनत आंटी करे ऑर
कुछ ऐसा करे कि मैं मस्ती मे पागल हो जाउ,,,,वैसे मैं मस्त हो चुका था ऑर मेरा लंड भी पूरी
ओकात मे आ गया था,,,,ऑर इस बात का आंटी को भी पता चल गया था,,,,मेरा लंड आंटी की टाँगों के
साथ टच हो रहा था ,,,तभी आंटी ने अपनी एक टाँग से मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया ऑर अपने
घुटने से मेरे लंड को हल्के से रगड़ने लगी,,,,,,,लेकिन फिर भी मैने कुछ नही किया तो आंटी से अब
रहा नही गया आंटी ने जल्दी से अपने हाथ को नीचे किया ऑर निक्कर के उपर से मेरे लंड को हाथ मे पकड़
लिया,,,,,बस मेरे लिए इतना ही काफ़ी था ,,,,मैने भी अपने मूह को हल्का सा खोला ऑर आंटी के बूब को ऑर भी
ज़्यादा मूह मे भर लिया ऑर हल्के से चूसने लगा,,,,,आंटी के मूह से आह निकली ऑर आंटी ने मेरे लंड को
निक्कर के उपर से सहलाना शुरू कर दिया,,,,,पहले तो आंटी ने लंड को मुट्ठी मे दबा लिया ऑर हल्के हल्के
दबाती रही फिर आंटी का हाथ मेरे लंड पर उपर नीचे चलने लगा,,,ऑर इधर मैं भी आंटी के बूब को
अच्छी तरह से चूसने लगा,,,,तभी मैने अपने हाथ को नीचे किया ऑर आंटी के हाथ को अपने लंड से अलग
करके अपने लंड को निक्कर से बाहर निकाल दिया ऑर फिर से आंटी का हाथ पकड़ा ऑर अपने लंड पर रख दिया


,,,,,पहले तो आंटी ने हाथ हटा लिया लेकिन मैने दोबारा से आंटी का हाथ पकड़ा ऑर अपने लंड पर रख
दिया,,,इस बार आंटी ने हाथ दूर नही किया ऑर मेरे लंड को प्यार से सहलाने लगी,,,मैने भी हिम्मत की
ऑर आंटी के बूब को मूह मे भरके चूसने लगा,,,,फिर मैने अपने हाथ से नाइटी की उस पट्टी को खोल
दिया जो आंटी एक पेट पर बँधी हुई थी,,ऐसा करते ही नाइटी का वो हिस्सा जो बेड पर नीचे की तरफ था वो
बेड पर गिर गया ओर उपर वाले हिस्से को मैने अपने हाथ से उठा कर उनकी पीठ की तरफ मोड़ना चाहा ,,,

मेरी आँखें बंद थी लेकिन नाइटी को अड्जस्ट करते टाइम मैने अपनी आँखें खोल ली थी,,,,रूम की लाइट अभी
भी जल रही थी,,,,मैं नाइटी को आंटी की पीठ की तरफ करते हुए एक बार नज़रे उठा कर आंटी की तरफ देखा
तो आंटी ने जल्दी से मेरे लंड पर से अपना हाथ उठा लिया ऑर अपने हाथ को बेड के पीछे की तरफ लगे स्विच
बोर्ड की तरफ ले गई ऑर लाइट बंद करदी,,,,,,,मैं समझ गया कि आंटी कुछ डरी हुई थी,,,,वो मेरी नज़रो का
सामना करने से खुद को बचा रही थी,,इसलिए तो लाइट ऑफ करदी थी,,,,,,लाइट ऑफ होते ही मेरी हिम्मत पूरे
जोश के साथ बढ़ गई ऑर मैने आंटी की नाइटी को उनकी पीठ की तरफ मोड़ दिया ओर आंटी के दोनो बूब्स को
अपने हाथों मे पकड़ लिया ऑर एक बूब को मूह मे भरके चूसने लगा ऑर दूसरे को हाथ मे लेके मसल्ने
लगा,,,,,आंटी के मूह से आह आह की सिसकियाँ निकलने लगी ऑर आंटी ने अपने हाथ को वापिस मेरे लंड
पर रख दिया,,,,मैने अपनी टाँगों को थोड़ा हिला हिला कर अपनी निक्कर को नीचे किया ऑर फिर अपनी टाँगों
से अलग करके साइड पर फैंक दिया ऑर नंगा हो गया ऑर अपने एक हाथ को आंटी की चूत की तरफ ले गया लेकिन
मैने आंटी की चूत को हाथ नही लगाया बल्कि आंटी की एक टाँग को पकड़ कर उपर उठा लिया ऑर अपनी कमर
पर रख दिया जिस से आंटी की चूत खुल कर मेरे लंड के सामने आ गई ऑर आंटी ने भी खुद को अड्जस्ट करते
हुए अपनी चूत को मेरे लंड के करीब कर दिया,,,,आंटी का हाथ मेरे लंड को सहलाता हुआ उनकी चूत पर
टच करने लगा था ऑर साथ ही मेरे लंड की टोपी भी आंटी की चूत पर रगड़ खाने लगी थी,,,मेरे से
अब सबर नही हो रहा था मैने आंटी की टाँग को पकड़ा ऑर उपर उठा दिया ऑर अपनी कमर को आगे की
तरफ झटका मारा तो लंड आंटी की चूत के मूह पर लगने लगा,,,आंटी भी समझ गई कि अब मेरे से
रुका नही जा रहा तो आंटी ने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ा ऑर अपनी चूत के मूह पर रख दिया ऑर
तभी मैने झटका मार तो मेरा 3 इंच लंड आंटी की चूत मे घुस गया ऑर आंटी के मूह से एक लंबी
आहह निकल गई लेकिन आंटी ने जल्दी से अपने हाथ को अपने मूह पर रखा ऑर आवाज़ को दबाने की कोशिश
की लेकिन आंटी थोड़ा लेट हो गई,,,,उनके मूह से आहह निकल चुकी थी ऑर उनकी मस्ती को ब्यान कर चुकी
थी,,,,

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by Kamini »

mast update
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

Kamini wrote: 12 Oct 2017 11:53mast update
Thanks
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