कहीं वो सब सपना तो नही complete

Post Reply
User avatar
007
Platinum Member
Posts: 5355
Joined: 14 Oct 2014 17:28

Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

मैं तो ऑर भी ज़्यादा हैरान हो गया था,,,,क्या सच मे दीदी,,,,डॅड ऑर बुआ भी ऐसा करते थे

ऑर नही तो क्या ,,,बुआ मेरे दूध के ग्लास मे नींद की गोली मिला देती थी फिर डॅड उपर इसी रूम मे आके बुआ के साथ मस्ती करते थे ,,,,,,,,ये तब की बात है जब बुआ ने अभी मुझे डॅड के लिए तैयार नही किया था,,,,,मैं रोज रोज सुबह उठती तो सर मे दर्द होता फिर एक दिन बुआ को बात करते सुन लिया था कि वो मेरे दूध के ग्लास मे नींद की गोली डालती थी,,,एक दिन दूध नही पिया मैने ऑर नज़रे बचा कर दूध को फेंक दिया उस रात पहली बार मैने डॅड ऑर बुआ की मस्ती देखी थी,,उसी के बाद बुआ ने मुझे डॅड के लिए तैयार किया था,,

पहले तो मैं ओर बुआ मस्ती करते थे लेकिन एक दिन बुआ ने मुझे नकली की जगह असली लंड लेने का पूछा तो मैने हाँ करदी,,नकली लंड से इतना मज़ा आता था मैने सोचा कि असली लंड से कितना मज़ा आएगा ,,,लेकिन जब पता चला कि वो लंड डॅड का होगा तो मैने मना कर दिया ,,,,

क्यूकी मैं अपने ही बाप से ऐसा कुछ नही करना चाहती थी ,,फिर एक दिन डॅड ऑर बुआ ने मुझे बताया कि मामा माँ की चुदाई करता है ऑर साथ मे विशाल भाई भी होता है ,,,,,,,,,पहले तो मुझे यकीन नही आया लेकिन जब अपनी आँखों से देखा तो यकीन आया,,,,,,,,,,,

क्या दीदी,,आपने देखा था उन लोगो को मस्ती करते,,,,,,,,,,,,,,,मैने बड़ी हैरत से पूछा,,,,,,,,

ऑर नही तो क्या सन्नी,,,,,,,क्या घर की ड्यूप्लिकेट चाबी सिर्फ़ तेरे पास है,,,,इतना बोलके दीदी हँसने लगी,,,,

चल अब जल्दी नीचे जा बाकी बात फिर कभी करते है वैसे भी मेरा मूड बहुत खराब हो रहा है ऑर ज़्यादा इंतेज़ार नही होता मेरे से,, जल्दी से माँ के बड़े बड़े बूब्स को मुँह मे भरने का दिल कर रहा है,,,,,,,,

ठीक है दीदी मैने चलता हूँ लेकिन आप जल्दी मत आना मुझे सब तैयारी करने देना,,,,,,,,,

ठीक है अब जा तू,,ऑर जब मेरे नीचे आने का टाइम हो जाए मोबाइल से मिस कॉल कर देना,,,,मैं आ जाउन्गी,,,,,,

मैने वहाँ से उठा ऑर नीचे चला गया ,,,,,,हम लोगो का प्लान था आज मिलकर माँ के साथ मस्ती करने का,,लेकिन हम माँ को सरप्राइज देना चाहते थे इसलिए ये सब नाटक कर रहे थे,,,,नींद की गोली वाला,,,,,,,,,,,

लेकिन मैं एक बात से थोड़ा हैरान हो गया ,,कैसे साला मेरी माँ ऑर बुआ ने मुझे नींद की गोली दी थी ताकि वो लोग आराम से देल्ही मे विशाल भाई के रूम मे मस्ती कर सके ऑर यहाँ घर पर डॅड ऑर बुआ शोभा को नींद की गोली देते थे ताकि आराम से उसी रूम मे मस्ती कर सके बिना किसी टेन्षन के,,,,,,,,साला मेरा पूरा परिवार ही कमीने ऑर हरामी लोगो का था,,,,,,,चुदाई के लिए कुछ भी करने को तैयार थे सब लोग,,,,,,,,,अब मैं भी तो उतना ही हरामी हो गया हूँ,,,,,,,,,चुदाई करने के लिए मैं भी अब कुछ भी करने को तैयार रहता हूँ,,,जैसे आज कर रहा हूँ,,,,,,,,,,

मैं नीचे गया तो देखा माँ किचन मे बर्तन धो रही थी,,मैने माँ को पीछे से जाके अपनी बाहों मे भर लिया,,,,,

माँ को पता नही था कि मैं किचन मे आ गया हूँ इसलिए जैसे ही मैने माँ को बाहों मे भरा माँ एक दम से डर गई ऑर पीछे मूड गई,,,,,

क्या हुआ माँ इतना डर क्यू गई,,,,,,मैने थोड़ा पीछे हटते हुए बोला,,,,,

तुम हो सन्नी बेटा मुझे लगा कहीं सुरिंदर आ गया है वो भी ऐसे ही आ टपकता है ऑर शुरू हो जाता है,,,ये भी नही सोचता कि घर मे कॉन है ऑर कॉन नही,,,,,अभी भी मुझे ऐसा ही लगा कि उसने मुझे पकड़ा है ऑर मैं इसीलिए डर गई क्यूकी शोभा घर पर है,,,,,,

माँ अब मत डरो शोभा सो चुकी है ,,मैने उसकी कॉफी मे नींद की गोली मिला दी थी ,,अब वो आराम करने लगी थी,,,,थोड़ी देर मे गहरी नींद मे होगी वो,,,

माँ ने आगे बढ़ कर मुझे हल्की किस की,,,,,,,,,,सुरिंदर को या मेरे को पहले ये आइडिया क्यू नही आया नींद की गोली वाला ,,पहले ही शोभा को नींद की गोली दे देते ऑर आराम से मस्ती करते,,,,सुरिंदर को ऐसे बाहर भी नही जाना पड़ता ऑर मेरी चोट की खुजली भी इतनी बेक़ाबू नही होती,,,,,,,,,चल कोई बात नही अब तूने तो सुला दिया है शोभा को अब सुरिंदर नही तो क्या हुआ हम दोनो मस्ती करते है लेकिन अगर सुरिंदर भी साथ होता तो मज़ा आ जाता ,,,,,

जानता हूँ माँ तेरे को 2 लंड से ही ज़्यादा मज़ा आता है,,,,,तुम मामा को फोन क्यूँ नही करती,,,,,,

बेटा जब तूने नींद की गोली डालने को बोला था शोभा की कॉफी मे ऑर जैसे ही तू उपर गया था मैने तेरे मामा को फोन किया था लेकिन वो नशेड़ी कमीना अपना फोन घर पर ही छोड़ कर गया है,,,,,

चलो कोई बात नही माँ एक बार शोभा को सो जाने दो फिर मैं इतना मज़ा दूँगा कि तुमको मामा की कमी महसूस नही होगी,,,,,मैने अपने हाथ माँ के बूब्स पर रख दिए ओर ज़ोर से दबा दिए,,,,,

माँ की हल्की आअहह निकल गई ऑर मैने माँ का मुँह खुलते ही अपनी ज़ुबान को माँ के मुँह मे घुसा दिया ऑर देखते ही देखते हम माँ बेटे की जबरदस्त किस शुरू हो गई,,,,माँ मेरे लिप्स को खाने लगी ऑर मैं भी माँ के लिप्स को खा जाने वाले अंदाज़ मे चूसने ऑर हल्के से काटने लगा,,,,,साथ ही माँ के बड़े बड़े बूब्स को हाथों मे लेके ब्लाउस के उपर से मसल्ने लगा,,,

कुछ देर हम ऐसे ही खड़े किस करते रहे ,,,मैं माँ के बूब्स को दबाता रहा ऑर माँ ने भी मेरे लंड को निक्केर के उपर से दबाना शुरू कर दिया था,,,,,

चल बेटा जल्दी चल मेरे रूम मे अब ऑर ज़्यादा सबर नही होता,,,,,,

मैं ऑर माँ दोनो माँ के रूम मे चले गये,,,,,

माँ ने अंदर जाते ही जल्दी से साड़ी निकाल दी ऑर मैने भी अपनी निक्केर ऑर टी-शर्ट निकाल दी,,,,जितनी देर मे माँ की साड़ी निकली उतनी देर मे मैं बिल्कुल नंगा हो गया,,,,,नंगा होते ही मेरा 9 इंच का लंड अपनी पूरी ओकात मे अपना सर उठा कर खड़ा हो गया ,,,,माँ अपने ब्लाउस ऑर पेटिकोट को खोलते टाइम मेरे लंड को घूर रही थी मानो नज़रो ही नज़रो मे खा रही थी मेरे लंड को,,,,,

कुछ 2 मिनट मे ही मैं ओर माँ दोनो नंगे हो गये,,,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
User avatar
007
Platinum Member
Posts: 5355
Joined: 14 Oct 2014 17:28

Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

मैं नंगा होके बेड पर बैठ गया माँ चलके मेरे पास बेड पर आ गई ऑर आते ही मेरे करीब बैठ कर मेरे लंड को हाथ मे लेके सर को नीचे झुका कर मेरे लिप्स को किस करने लगी साथ ही मेरे लंड को प्यार से सहलाने लगी,,,,मैने भी माँ ने बूब्स को अपने हाथों मे पकड़ लिया ऑर हल्के हल्के दबाने लगा,,,,,

हल्के से नही बेटा थोड़ा ज़ोर से दबा ,,,,माँ ने अपना सर उपर उठाते हुए बोला ऑर मेरे लंड को प्यार से देखने
लगी,,,,,हाई कितना बड़ा ऑर मोटा है ये मूसल तेरा,,,जिसको एक बार चोद देता है दीवानी बन देता है,,,,गाओं मे
रेखा का भी बुरा हाल है तेरे इस मूसल के बिना उसका बस चलता तो तेरे को कभी गाओं से वापिस नही आने देती,,,ऑर
मैं भी तरस गई थी वहाँ रहके तेरे लंड के लिए,,जबसे तू वापिस आया है मेरा तो बुरा हाल हो गया,,,कहाँ मैं
ऑर रेखा एक टाइम 2 लंड लेने की शोकिन कान हम दोनो को तेरा मामा अकेला चोदता था,,,,,आज तो सारी प्यास भुजा लूँगी अपनी छूट की,,,,,इतना बोलके माँ ने मेरे लंड को मुँह मे भर लिया,,,,माँ किसी भूखी शेरनी की तरह टूट पड़ी थी
मेरे लंड पर ऑर तेज़ी से पूरा लंड मुँह मे लेके चूसने लगी थी मुझे भी मस्ती के सातवे आसमांं तक जाने मे देर
नही लगी,,मैने माँ को बेड पर ठीक तरह से आने को बोला तो माँ जल्दी से बेड पर चढ़ गई ऑर मेरा इशारा समझ कर
अपनी चूत को मेरे मुँह पर कर दिया ऑर मैने भी कोई देर किए बिना माँ की चूत को मुँह मे भर लिया,,,,,हम 69 के
पोज़ मे एक दूसरे के प्राइवेट पार्ट को मस्ती मे चूसने ऑर चाटने लगे,,,,,

माँ की चूत काफ़ी पानी बहा चुकी थी जिसका नमकीन स्वाद मुझे बहुत अच्छा लगा रहा था मैने माँ की
पूरी चूत को मुँह मे भरके चूसने लगा था बीच बीच मे हल्की ज़ुबान बाहर निकाल कर माँ की चूत
को अच्छी तरह चाटने लग जाता,,,माँ भी मस्ती मे मेरे पूरे लंड को मुँह मे लेके गले से नीचे उतारकर चूसने
लगी थी ऑर बीच बीच मे लंड की टोपी को किस करने लग जाती ऑर अपनी ज़ुबान से चाटने लग जाती,,,माँ की लंड
चूसने की स्पीड बहुत तेज थी शायद वो मेरे लंड का पानी जल्दी पीना चाहती थी इसलिए वो पूरी रफ़्तार से अपने
सर को उपर नीचे करने लगी थी ,,वो एक हाथ से बेड का सहारा लेके ओर एक हाथ से मेरी बाल्स को सहला रही थी,,
मैं समझ गया कि माँ मेरे लंड का पानी जल्दी निकालना चाहती थी लेकिन मैं जल्दी नही करना चाहता था इसलिए
मैने जल्दी से माँ को अपने से नीचे उतार दिया माँ मेरे उपर से हट कर बेड पर गिर गई ऑर अजीब नज़रो से मुझे
देखने लगी,,,,मेरे पास इस हरकत का कोई जवाब नही था लेकिन ज्वाब देने की जगह मैं माँ के बूब्स पर टूट
पड़ा ऑर जल्दी से अपनी 2 उंगलियाँ भी माँ की चूत मे घुसा दी,,,,माँ ने भी मस्ती मे अपने दोनो बूब्स को अपने
हाथों से पकड़ लिया ऑर ज़ोर से दबा दबा कर मेरे मुँह मे डालने लगी मैने भी पागलो की तरह माँ के बूब्स को
चूस्ते हुए तेज़ी से माँ की चूत मे उंगली डालना शुरू कर दिया ऑर पूरी रफ़्तार से माँ की चूत को उंगलियों से चोदने
लगा,,फिर मैने देखा कि माँ ने अपनी आँखें बंद करली थी ऑर आराम से लेट गई थी वो समझ गई थी कि मैं उसको
ऐसे ही थोड़ी देर खुश करने वाला हूँ इसलिए उसने अपने हाथों से अपने बूब्स को मुझे चुसवाना शुरू करके
आराम से आँखें बंद करली थी ऑर मस्ती के आनंद लेने लगी थी,,,,मैने भी मोका 'देखा ऑर बेड के पास पड़ी अपनी
निक्केर से मोबाइल निकाला ऑर शोभा को कॉल करने लगा लेकिन जैसे ही मैने उसका नंबर डाइयल करने लगा मैने
देखा कि शोभा रूम के दरवाजे के पास खड़ी हुई थी ऑर सब देख रही थी,,,मैं माँ के बूबा चूस्ता हुआ
दरवाजे की तरफ देख रहा था जबकि माँ आराम से सर को बेड से लगा कर लेटी हुई इसलिए माँ का ध्यान दरवाजे की तरफ नही गया था,,,,,,

शोभा पूरी नंगी होके दरवाजे पर खड़ी हुई थी,,,,,ऑर एक हाथ से अपने बूब्स को सहलाती हुई एक हाथ से अपनी
चूत मे उंगली कर रही थी,,,, साली इतनी ज़्यादा उतावली थी अपनी ही माँ के बूब्स चूसने को की मेरे कॉल करने से पहले
ही नीचे आ गई थी,,मैने एक पल के लिए बूब्स को मुँह से निकाला ओर हंस कर शोभा की तरफ देखा ऑर उसको बेड पर आने का इशारा किया वो तो मेरे से भी ज़्यादा जल्दी मे थी ऑर एक ही पल मे इशारा मिलते ही बेड के करीब आ गई,,,,,माँ की आँखें अभी भी बंद थी,,,मैने उसको माँ की चूत की तरफ इशारा किया तो उसने जल्दी से खुद को माँ की चूत के करीब कर दिया,

कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
User avatar
007
Platinum Member
Posts: 5355
Joined: 14 Oct 2014 17:28

Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

,,,,उसके बेड पर चढ़ने से माँ की आँखें खुल गई लेकिन मैने जल्दी से खुद को बेड पर ज़ोर से हिलाया ऑर माँ के
लिप्स को किस करने के लिए अपने सर को माँ के सर के उपर कर दिया ताकि माँ को शोभा के आने का पता नही चले ऑर बेड को भी इसीलिए थोड़ा ज़ोर से हिला दिया था ताकि माँ को लगे कि मेरे हिलने की वजह से ही बेड हिला था,,,,,,

माँ ने फिर से अपनी आँखे बंद करली ऑर मुझे किस का रेस्पॉन्स देने लगी ऑर अपनी बाहों को मेरे गले मे डालके
मुझे अपने से सटा लिया ,,,,माँ ने मेरे सर ओर पीठ पर हाथ फिराना शुरू किया ऑर मैं माँ को किस करते हुए माँ
की चूत मे उंगली करने लगा,,,फिर मेरे उस हाथ को शोभा ने अपने हाथ मे पकड़ा जो माँ की चूत मे था ऑर मेरे हाथ
को वहाँ से हटा दिया ऑर खुद माँ की चूत मे अपनी उंगली घुसा दी ऑर हल्के से माँ की चूत मे उंगली करने लगी लेकिन एक ही पल मे उसने स्पीड तेज करदी इतनी ज़्यादा तेज की उतनी तेज़ी से तो मैं भी उंगली नही कर रहा था माँ की चूत मे,,,माँ को एक दम से ज़्यादा मस्ती का एहसास हुआ तो माँ ने मेरे लिप्स को कस्के चूसना शुरू कर दिया ऑर अपनी टाँगों को भी खोल दिया,,,


माँ ने मस्ती मे मेरे सर ऑर पीठ को भी प्यार से सहलाना शुरू कर दिया,,,,,वो कुछ ज़्यादा ही मस्त हो गई थी क्यूकी शोभा के हाथ की स्पीड बहुत तेज थी,,,,मैं किस करते हुए माँ की तरफ देख रह था तभी एक दम से माँ की आँखें खुल गई ऑर शोभा का हाथ भी रुक गया ,,इस से पहले मैं कुछ समझ पाता माँ ने मेरे सर को पीछे कर दिया ,,,मैने पीछे हटके जल्दी से शोभा की तरफ देखा तो उसने अपने सर को माँ की चूत से लगा रखा था ऑर माँ की चूत को चूसने लगी थी,,,फिर मैने माँ की तरफ देखा तो माँ सर को उठा कर अपनी चूत की तरफ देख रही थी,,,माँ बहुत हैरान हो गई शोभा की उनकी चूत चूस्ते देख कर ,,

लेकिन बोली कुछ नही क्यूकी शोभा का चूत चूसने का अंदाज़ इतना मस्ती भरने वाला था कि माँ की सिसकियाँ निकलनी शुरू हो गई थी,,,फिर भी माँ हैरान होके सिसकियाँ लेते हुए कभी मेरी तरफ ओर कभी शोभा की तरफ देख रही थी,,मैने वापिस
माँ को किस करना शुरू किया लेकिन माँ ने मुझे किस का थोड़ा सा भी रेस्पॉन्स नही दिया इसलिए मैं फिर से पीछे हो गया ,,,,,,,,,

शोभा द्वारा चूत चूसे जाने पर माँ मस्ती मे तो आने लगी थी लेकिन इसी बात से माँ थोड़ी बहुत हैरान ऑर परेशान
भी थी इसीलिए तो मुझे भी किस का रेस्पॉन्स नही दे रही थी,,,,,शोभा को कोई फ़र्क नही पड़ रहा था वो तो मस्ती मे माँ
की चूत को मुँह मे भरके चूसने मे बिज़ी थी,,उसने दोनो हाथों से माँ की चूत को दोनो तरफ खोल दिया ऑर अपनी
ज़ुबान से उपर से नीचे तक माँ की छूट को चाटने लगी,,माँ मस्ती मे ह भरने लगी लेकिन चहरे पर हैरत के
भाव कम नही हुए थे माँ के,,,,,,मेरी हालत खराब होने लगी थी क्यूकी माँ की चूत चूस्ते टाइम शोभा अपने हाथ
से बीच बीच मे अपनी चूत को सहलाने लगी थी ऑर माँ भी मस्ती मे चूत चुसवाने का मज़ा लेती हुई आहे भर
रही थी,,,,मेरे से भी अब रहा नही गया ऑर मैं जल्दी से बेड से नीचे उतर गया,,माँ मेरी तरफ देखने लगी,,मैने बेड
से नीचे जाके माँ को बेड की एक तरफ लास्ट मे खेंच लिया जिस से माँ की चूत शोभा से दूर हो गई लेकिन शोभा भी जल्दी से माँ की चूत के करीब हो गई,,,,मैने माँ की लास्ट मे खींच लिया था जिस से माँ का सर बेड से नीचे लटक गया था ऑर मैं बेड से नीचे ज़मीन पर घुटनो के बल बैठ गया था,,मेरा लंड माँ के मुँह के करीब था माँ ने भी
आहह भरते हुए मस्ती मे अपना मुँह खोल दिया ऑर मेरे लंड को मुँह मे लेने की कोशिश करने लगी मैने
भी आगे बढ़ कर लंड को माँ ने मुँह मे घुसा दिया ऑर हल्के से अपनी कमर को आगे पीछे करने लगा क्यूकी माँ
को अपना सर हिलाने मे मुश्किल होनी थी इसलिए मैने अपनी कमर को हल्के से आगे पीछे करना शुरू किया ऑर लंड को
माँ की मुँह मे अंदर बाहर करने लगा ,,,उधर शोभा भी कुतिया की तरह माँ की चूत पर झुकी हुई थी
ऑर माँ की चूत को चूस्ते हुए अपनी चूत मे उंगली कर रही थी,,,,,फिर शोभा ने अपनी उंगली माँ की चूत मे
घुसा दी ऑर हाथ ही अपनी ज़ुबान से माँ की चूत को चाटने लगी ,,,

मैने अपने हाथ माँ के बूब्स पर रख दिए ऑर बूब्स को मसल्ते हुए कमर हिलाते हुए लंड को माँ के गले
से नीचे तक उतारने लगा,,,माँ मेरी तरफ देख रही थी मानो पूछ रही थी कि शोभा को यहाँ तुम लेके आए
हो,,,,मैने हसके माँ की तरफ़ देखा ऑर इशारा कर दिया कि हाँ माँ दीदी को मैं ही यहाँ लेके आया हूँ,,,,माँ
ने आँखों से मुझे कुछ इशारा किया ऑर राहत की साँस लेते हुए अपने सर को हल्के से आगे पीछे करने की कोशिश
करने लगी लेकिन मैने माँ को मना कर दिया अपना सर हिलाने से क्यूकी माँ को मुश्किल हो रही थी,,,बल्कि मैने
अपनी कमर की स्पीड को तेज करते हुए लंड को तेज़ी से माँ के मुँह मे पेलने लगा,,,,,,करीब 10-15 मिनट तक
मैं माँ के मुँह को चोदता रहा ओर शोभा माँ की चूत को चुस्ती रही,,,फिर माँ के बदन को झटके लगने
शुरू हो गये मैं ऑर दीदी समझ गये माँ का काम होने वाला है इसलिए दीदी ने अपने मुँह को माँ की चूत पर
कस्के सटा दिया ऑर तेज़ी से उंगली भी करने लगी माँ की चूत मे मैने भी माँ के बूब्स को कस्के मसलना शुरू
कर दिया ऑर लंड को भी तेज़ी से माँ के मुँह मे पेलने लगा,,,,कुछ 2 मिनट बाद ही माँ ने पानी निकालना शुरू कर दिया
ऑर शोभा ने माँ की चूत से निकलने वाला सारा पानी पीना शुरू कर दिया ऑर तब तक माँ की चूत से मुँह नही हटाया
जब तक सारा पानी नही पी लिया,,,फिर शोभा उठके बैठ गई ऑर मुझे माँ के मुँह से लंड निकालने को बोला ऑर मैने
भी लंड को माँ के मुँह से निकाल लिया ऑर सहारा देके माँ को बेड पर बिठा दिया,,,इस से पहले माँ कुछ सोचती शोभा
ने माँ को जल्दी से बेड पर लेटा दिया ऑर खुद माँ के उपर चढ़ गई,,,माँ फिर इस एक दम से हुए हमले से डर गई लेकिन ....शोभा को ऐसे हालात पर क़ाबू करना अच्छे से आता था,,,,उसने जल्दी से अपने हाथ माँ के बूब्स पर रख दिया ऑर ज़ोर से मसल्ने लगी एक ही पल पहले ही माँ झड़ी थी लेकिन शोभा द्वारा बूब्स के इतने ज़ोर से मसले जाने पर माँ को फिर से मस्ती का तेज झटका लगा ऑर मुँह से हल्के मीठे दर्द भरी अह्ह्ह्ह निकल गई,,,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
User avatar
007
Platinum Member
Posts: 5355
Joined: 14 Oct 2014 17:28

Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

शोभा ने माँ के लिप्स को अपने लिप्स मे जकड लिया ऑर माँ ने भी एक ही पल मे अपने हाथ शोभा की पीठ पर रख दिए ऑर मस्ती मे शोभा की पीठ को प्यार से सहलाने लगी,,,दोनो माँ बेटी एक दूसरे को पागलो की तरह किस करने लगी थी

,,,शोभा माँ के बूब्स को मसल रही थी ओर माँ शोभा की पीठ पर प्यार से अपने हाथ फिरा रही थी,,,शोभा माँ के बूब से अपना हाथ हटाया ओर मुझे पकड़ कर अपने पीछे जाने को बोल दिया,,मैं बेड के उपर आ गया ऑर जल्दी से शोभा के पीछे चला गया,,माँ की टाँगे आपस मे जुड़ी हुई थी मैने उनकी टाँगो को खोला ऑर उनके बीच घुटनो के बल बैठ गया
शोभा ने जल्दी से अपने हाथ को पीछे की तरफ किया ऑर अपनी गान्ड मे उंगली घुसा कर मुझे गान्ड मे अपना लंड घुसाने को बोला मैने भी लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर थोड़ा थूक लगा कर लंड को शोभा की गान्ड मे घुसा दिया ,,,लंड एक बार मे
थोड़ा सा अंदर गया तो मैने वापिस बाहर निकाल कर खूब सारा थूक लंड पर लगा लिया ऑर 2-3 बार मुँह मे थूक जमा करके शोभा की गान्ड पर थूक दिया ओर शोभा ने खुद अपनी उंगली से थूक को गान्ड के होल मे भर लिया जिस से उसकी गान्ड अंदर से भी चिकनी हो गई थी,,,,फिर मैने लंड को हाथ मे लेके उसकी गान्ड पर रखा ऑर हल्के धक्के से ही आधा लंड फिसल कर उसकी गान्ड मे घुस गया ऑर मैने हल्के झटके मारते हुए थोड़ा थोड़ा करने सारा लंड उसकी गान्ड मे घुसा दिया,,,

जब पूरा लंड उसकी गान्ड मे घुस गया तो मैने स्पीड थोड़ी तेज करते हुए अपने हाथ शोभा की पीठ पर रख दिए जहाँ
माँ के हाथ भी शोभा की पीठ को सहला रहे थे ,,,माँ के हाथ मेरे हाथ पर लगे तो माँ ने मेरे हाथ को पकड़ लिया
ऑर तभी अपनी टाँगो को उठा कर मेरे पीठ पर लगाने लगी ,,माँ ने अपनी टाँगो से तोड़ा कासके मुझे अपनी टाँगों
मे जाकड़ लिया ऑर टाँगो को तेज़ी से आगे पीछे करके मुझे स्पीड तेज करने को बोलने लगी,,,,मुझे पता चल गया कि माँ भी अब फुल मस्ती मे आ चुकी है मैने भी माँ के हाथ पकड़े ऑर तेज़ी से शोभा की गान्ड को मारने लगा अब मेरा लंड शोभा की गान्ड की जड़ तक घुसने लगा वो भी पूरी तेज़ी के साथ शोभा मस्ती मे तो पहले से थी लेकिन गान्ड मे मेरा मूसल जाने की वजह से उसकी मस्ती ऑर भी ज़्यादा हो गई ऑर माँ की किस करते हुए ही उसकी सिसकियाँ निकलने लगी,,,उसने एक पल के लिए माँ के लिप्स से अपनी लिप्स दूर किए ऑर आँहे भरते हुए मुझे तेज़ी से उसकी गान्ड मारने को बोलने लगी,,,,आहह भ्हाई आईसीए हहिि ऊरर त्तीज्ज छ्छूड्डू मुउज़्झहक्कू आहह उसकी आवाज़ ज़्यादा तेज नही थी लेकिन मस्ती पूरी थी उसकी आवाज़ मे वो शायद माँ की वजह से थोड़ा जीझक कर बोल रही थी वर्ना जब भी मेरा लंड उसकी गान्ड मे जाता वो तो चिल्ला चिल्ला कर लंड पेलने को बोलती थी,,,,,तभी उसकी आवाज़ के साथ की एक ऑर आवाज़ गूंजने लगी रूम मे,,,,,,

आहह बायेट्टया ऐसी हहीी छूद्दू आपपननीी ब्बीहानन्न क्कूव ऊरर त्तीज्ज्जी ससी छूद्दू
आपपननीी ब्बीहहानं क्कू प्पूउरा ल्लुउन्न्ड्ड़ ग्घुउस्स्सा द्दूव उउन्नड़दीर्रर ऊओरर टटेजज काररूव
ब्बीत्टता ,,,ये आवाज़ माँ की थी ओर माँ भी मस्ती मे मुझे शोभा की चुदाई करने को बोल रही थी माँ की मस्ती
भारी आवाज़ सुनते ही शोभा मे जोश बादने लगा,,,,,,,,,,,,,,आहह भाई ओररर त्तीज्ज म्माम्ररू म्मीरीइ
गाणनदडड़ प्प्प्ुउउर्रा म्मूस्साल्ल ग्घुउस्स्सा दडिईई म्मीरीईइ गगाणन्ंदड़ म्मीई आहह इतने बोलते
हुए शोभा ने अपने हाथ को अपनी पीठ पर रखा जहाँ मेरा हाथ था उसने अपने हाथ से मेरे हाथ को
पकड़ा ऑर जल्दी से माँ की चूत की तरफ ले गई मैने भी जल्दी से अपने हाथ को माँ की चूत पर रखा ऑर 2 उंगलियाँ
माँ की चूत मे घुसा दी माँ की एक दम से अहह निकल गई लेकिन एक दम से माँ की आवाज़ बंद भी हो गई मैने आगे की तरफ देखा तो शोभा ऑर माँ फिर किस करने लगे थे,,,मैने शोभा की गान्ड मारते हुए एक हाथ शोभा की पीठ पर
रखा हुआ था जिसको माँ ने अपने हाथ मे पकड़ा हुआ था ऑर मेरा एक हाथ माँ की चूत मे उंगली करने लगा था ,,,



मैने जितनी तेज़ी से शोभा की गान्ड मांर रहा था उतनी तेज़ी से ही माँ की चूत मे उंगली कर रहा था,,,तभी मुझे मेरे
लंड के नीचे बॉल्स पर कुछ महसूस हुआ मैने देखा कि एक हाथ मेरे लंड के नीचे से मेरी बॉल्स को सहला
रहा था ये हाथ कुछ भारी था देखने से पता चलता था कि ये हाथ माँ का था ,,माँ ने अपने ऑर शोभा के
पेट ऑर टाँगो के बीच से अपना हाथ मेरे लंड के नीचे बॉल्स पे रख दिया ऑर हल्के से सहलाने लगी ऑर मेरी
बॉल्स को मुट्ठी मे भरके हल्के हल्के दबाने लगी,,कुछ ही देर मे माँ का हाथ मेरे लंड से हट कर शोभा की
चूत पर चला गया ऑर माँ ने अपनी उंगलियाँ शोभा की चूत मे घुसा दी शोभा एक दम से मस्ती मे उछल गई में ने
शोभा की चूत मे उंगली पेलना शुरू कर दिया,,,,अब हम तीनो लोग पूरी मस्ती मे थे ,,,

कुछ देर बाद मुझे एहसास होने लगा कि शोभा झड़ने वाली है ऑर झड़ती भी क्यूँ नही मैं कम से कम 20 मिनट
से उसकी गान्ड मांर रहा था ऑर एक हाथ से माँ की चूत को सहला रहा था माँ का भी एक हाथ शोभा की पीठ पर था
जबकि दूसरे हाथ से माँ शोभा की चूत को सहला रही थी शोभा अब डबल मस्ती मे थी इसीलिए उसका पानी निकलने वाला
हो गया था,,,माँ ने जब देखा कि शोभा झड़ने वाली है तो माँ ने मेरे हाथ को पकड़ा ऑर अपनी चूत
से निकल कर शोभा की चूत पर रख दिया ऑर अपने हाथ को वापिस शोभा की पीठ पर ले गई फिर मेरे हाथ को अपने
हाथ से अलग करने अपने दोनो हाथों से शोभा को कस्के अपनी बाहों मे भर लिया ऑर तेज़ी से किस करने लगी,,मैने
शोभा की गान्ड को तेज़ी से चोदते हुए अपने हाथ से शोभा की चूत को सहलाने लगा मेरे हाथ ऑर लंड की स्पीड एक जैसी
थी शोभा ने माँ को किस करना बंद करके अपने सर को उपर उठा लिया ऑर ज़ोर से चिल्लाने लगी,,,,आहह
ब्बाहहिि ऐसी हहिईिइ ज़ूर्र्रर ससी कच्छूओद्दूऊ ऊऊररर त्तीह्ज्ज्ज्ज्ज्ज्जीइ ससी चछूड़दूव आपपंनी ब्बीहानन्न
ककूऊ आहह ऊओरर जजूर्र ससी ग्गाअंन्दड़ म्माम्ररूव आपपनन्ी ब्बीहानन्न क्क्कीईईई पफाड्दड़ द्दूव म्मीररीइ
कचहूवतत कककूऊव शोबा के मुँह से ऐसी बातें सुनके माँ भी बोलने लगी,,,,,,ओरर ज्जूओर्र ससी क्काररूव ससुउउन्नयी ब्बीतता
स्शूब्बा ज्झाड्ढनने व्वाल्ली हहाइईइ ऊरर त्टीजज गगाणन्दड़ म्माम्ररू उउस्स्ककिी उूउउन्नगगल्लीी बभिि त्तीजीइ ससी द्दाल्लू ईसस्ककिी
चूत्त म्मी फिर माँ चुप हो गई लेकिन शोभा की आवाज़ फिर शुरू हो गई,,,ऐसी हहिि म्मामाआ ऊरर जजूर्र ससी कच्छुउऊस्स्ूओ
म्मीरररी ब्बूबबस क्कूव प्प्प्ुउउर्रा म्मूउहह म्मी बभ्ाररल्ल्लूओ ऊरर जजूर्र ससी ककाटटूऊ मीररी ब्बूबबसस
प्पीररर क्क्हा ज्जाऊओ म्मीर्रे ब्बूबबसस कक्कूव अहह म्मामाआ उूुउऊहह हहययययययययययययययययययययययी
शोभा ने ऐसे ही तेज़ी से चिल्लाते हुए पानी निकालना शुरू कर दिया ,,,,मैं तब तक उसकी गान्ड मारता रहा ऑर चूत मे उंगली करता रहा जब तक उसकी चूत से सारा पानी नही निकल गया जब वो निढाल होके माँ के जिस्म पर गिर गई तो मैने ऑर माँ ने मिलकर उसको माँ के जिस्म से नीचे किया ऑर बेड पर लेटा दिया ऑर मैं खुद जल्दी से माँ के उपर लेट गया ऑर लंड को माँ की चूत मे घुसा दिया,,,,माँ ने भी एक ही पल मे मुझे अपनी बाहों मे भर लिया,,


मैं माँ के उपर लेट गया ऑर अपने लंड को जल्दी से माँ की चूत मे घुसा दिया माँ ने भी जल्दी
ही मुझे अपनी बाहों मे भर लिया ऑर मेरी पीठ को कस्के अपने हाथ मेरी पीठ पर घुमाने
लगी,,तभी माँ का ऑर मेरा ध्यान शोभा की तरफ गया तो शोभा मुझे ऑर माँ को देख कर बहुत खुश थी ,,
माँ ने एक पल शोभा की तरफ़ देखा ऑर फिर हसके मुझे किस करने लगी मैने भी माँ को उसी अंदाज़
मे किस का रेस्पॉन्स देना शुरू कर दिया,,,,,तभी मैने देखा की शोभा बेड से उठी ऑर नंगी ही
बाहर चली गई,,पहले मुझे लगा शायद वो बाथरूम चली है लेकिन वो तो रूम से बाहर चली गई थी,,,,

खैर हमे क्या लेना देना मैं ऑर माँ तो मस्ती के सातवे आसमांं पर थे ,आज तो माँ बहुत खुश
थी क्यूकी शोभा हमारे साथ शामिल हो गई थी वैसे तो माँ को एक लंड चाहिए था लेकिन मैने माँ
के लिए एक चूत का बंदोबस्त कर दिया था ,,,,,इस से माँ को कोई फ़र्क नही पड़ने वाला था माँ चूत
को चुस्के भी उतनी ही खुश होती थी जितना लंड से चुदके खुश होती थी ,क्यूकी ये सब मैने गाओं
मे देख लिया था माँ कैसे रेखा की चूत चाटने मेमस्त हो जाती थी,,,,,माँ ने अपनी टाँगो को
घुटनो से मूड लिया ऑर थोड़ा खोला कर घुटनो को हवा मे उठा लिया,,,जिस से माँ की टाँगे बहुत ज़्यादा
खुल गई ऑर मुझे माँ की चूत पर कस्के झटके मारने मे आसानी होने लगी,,,मेरा लंड माँ की खुली
चूत मे पकच पकच की आवाज़ करता हुआ तेज़ी से अंदर बाहर हो रहा था उसी आवाज़ मे मेरी ऑर माँ की
हल्की हल्की दबी सिसकियाँ घूंज रही थी जो रूम मे मस्ती का महॉल पूरी तरह गर्म कर चुकी थी



तभी मुझे महसूस हुआ कि बेड पर कोई आया है इस से पहले कि मैं पीछे मूड के देखता माँ की एक
हल्की सी लेकिन लंबी आहह निकल गई ऑर माँ ने मुझे ऑर भी ज़्यादा कस लिया अपनी
बाहों मे ऑर हल्की हल्की सिसकियाँ अब थोड़ी तेज हो गई मैने पीछे मूड कर देखा तो शोभा मेरे
ऑर माँ के पीछे बैठी हुई थी ऑर मुझे देख कर हँस रही थी ,,,,,मैने गौर से देखा तो शोभा का
हाथ मुझे माँ की टाँगों की तरफ जाता हुआ नज़र आया जिसको वो हल्के से आगे पीछे करके हिला रही थी ,,,,


उसका हाथ आगे पीछे हो रहा था तभी उसने अपने हाथ को पीछे किया ऑर मेरी नज़र उसके हाथ मे
पकड़े हुए नकली लंड पर गई,,,,,,,,,,,,,उसके हाथ मे वही पिंक कलर का नकली लंड था उसने उस लंड को
अपने मुँह मे डाल लिया ऑर फिर पूरा मुँह मे भरके चूसने लगी,,,,उसने लंड को अच्छी तरह से थूक से
चिकना कर दिया ऑर हाथ को वापिस मेरी ऑर माँ की टाँगों के बीच मे ले गई जैसे ही उसका हाथ
माँ की टाँगों के बीच मे गया मैने महसूस किया कि माँ ने खुद को अड्जस्ट करते हुए अपनी
टाँगों की थोड़ा पीछे की तरफ मोड़ लिया जिस से उनकी गान्ड उपर की तरफ हो गई,,,,,शोभा दीदी ने शायद
नकली लंड को माँ की गान्ड पर रखा था क्यूकी माँ की चूत मे तो पहले से ही मेरा लंड था,,,शोभा ने
हाथ को फिर से आगे पीछे करना शुरू किया ऑर माँ की सिसकियाँ फिर से तेज होने लगी,,,इधर माँ मेरी पीठ
पर हाथ रखके मुझे तेज़ी से उपर नीचे करने लगी मैने भी अपनी स्पीड तेज करदी ऑर माँ को तेज़ी से चोदने लगा,,,,

आहह ईएसस्सीए हहिईिइ कच्छूओद्द म्मीररी ब्बीत्ताआ पफाद्दद्ड डदीए
आपपननन्िईीई मामा क्क्कीईइ कचूतततटतत्त ककूऊ आआअहह उूुुुुउऊहह
हयीईईईईईईईई हमम्म्ममममममममममम ऊरर त्तीज्ज ककककार्र्रूऊओ
ब्बीत्त्ताआअ प्प्प्ूउर्राा ग्घुउस्स्साआ दद्दूव आपपन्ना म्मूस्सालल्ल्ल म्मीरीईई कच्छूटतत म्मीईए
आहह हहयइईई ततुउुुउउम्म्म्म बभहिि ब्बीत्तीईईईईईईई प्प्प्ूउर्राआ ल्लुउउउन्न्ड़डड़ ददाालल्ल्ल
दद्दूऊव म्मीररीई ग्गगाणन्ँद्दद्ड म्मीईए ऊओररर त्टीज्जज्जििइई ससीईए आग्गगीई प्प्पीीिकचह्ी
क्कार्रूऊऊओ पफहाआद्द्दद्ड द्दूऊव द्दूओन्नूऊ ब्ब्बबभहाइईइ ब्ब्ीएहाआनन्न ममिल्ल्लक्काआरररर आपपन्नदननिईीई
म्मामाआ क्क्कीईईई cछ्हूत्त्त ऊऊऊररर्ररर गगाआंनद्दद्ड ककूऊऊऊ आआआहह

माँ ने अपने हाथों से मेरी पीठ को कस्के जकड लिया ओर मैने भी अपने हाथ माँ के शोल्डर्स पर
रखे ऑर कस कस के लंड पेलने लगा माँ की चूत मे माँ फुल मस्ती मे थी ऑर मस्ती फुल हुई थी नकली लंड
से तभी तो माँ की मस्ती भरी सिसकियाँ शुरू हो गई थी..माँ को कभी एक लंड से मज़ा ही नही आता था लेकिन
जब 2 लंड एक साथ माँ की चुदाई करते थे तो मज़ा उनकी सिसकियों मे झलकने लगता था इस बात का एहसास
शोभा को भी हो गया था तभी तो उसके हाथ की स्पीड तेज हो गई थी ,,,,जितनी स्पीड से मैं माँ की चूत मे लंड
घुसा रहा था वो भी उतनी तेज़ी से माँ की गान्ड मे नकली लंड घुसा रही थी...माँ की सिसकियाँ तो मानो पूरे
घर मे गूँज रही थी तभी माँ की आवाज़ ऑर भी ज़्यादा तेज होने लगी साथ ही मेरी स्पीड भी तेज होने लगी मैं
समझ गया था कि माँ शायद झड़ने वाली है तभी तो शोभा के हाथ की स्पीड भी तेज हो गई थी,,,,,अगर मैं अकेला
माँ को चोद रहा होता तो माँ इतनी जल्दी नही झड़ती लेकिन 2 लंड से मज़ा डबल हो जाता है ऑर जल्दी ही पानी निकल जाता है माँ का ,,,माँ ने फिर से चिल्लाते हुए मुझे ऑर शोभा को स्पीड तेज करने को बोला,,,,,,,,,,,,,

ऊऊरररर त्टीज्जज क्कार्रूऊ मीररी ब्बाच्छू ऊओररर त्टीज्जज्ज आहह उूुुुुुुुुुुउऊहह हहययययययययययययययए
म्मांरररर गगयययययीीई आहह क्कीिट्त्न्ना मांज़्जाआ एयेए र्राहहाअ हहाइईईईई उूुुुउउइईईईईईईईईईईईईईईई म्मामाआआआ आईसीए हहूओ चछूड्डतट्तीए र्राहहूओ
आपपनन्िईीईई माँाआ क्कूव ब्बाक्चूऊऊ ऊरर त्टीज्जज्ज तुउउउम्मछार्रीई मामा ज्झाड्दननी हहिि वाल्लीइी हहाइईइ ऊओरर त्टीजज क्कार्रूऊऊ आहह
हहययययययययययययययययई ब्बेट्ट्ट्टाया ऊरर त्टीज्जज क्काररर म्मीररी लालल्ल्ल आपपनन्ी माँ क्कीिई छ्छूटतत क्कू बभहिईिइ लालल्ल्ल्ल क्कार्र्रडदीई
चहूऊ कचहूऊद्दद क्कीए ऊऊरर त्टीज्जज क्काररर ष्ूवब्बा ब्बीत्तीईईईईई मामा क्कीी गगाणन्दड़ क्कूव प्फ़ादद्ड़ डीईए आहह मामाआअ
ब्बबास्स ज्झहहाड्दननी हहिईीई व्वाल्लीइी हहाइईइ ब्बाचहूऊ ऊररर त्टीज्जज्ज क्कार्रूऊऊऊओ हहययययययययईए,,,,,,,,,,,,,,,

माँ की मस्ती ने मुझे भी मस्त किया था ऑर वैसे भी मैं काफ़ी टाइम से चुदाई कर रहा था एक बार शोभा
की चूत का पानी भी निकाल चुका था इसलिए अब मैं भी झड़ने ही वाला था मस्ती मे मेरी स्पीड अपनी चरम
सीमा पर पहुँच गई ऑर शोभा का हाथ भी तेज हो गया जो तेज़ी से मेरी आँड से टकरा रहा था,,,,मैं भी माँ
के साथ झड़ना चाहता था ऑर ऐसा ही हुआ,,माँ ने ज़ोर से चिल्लाते हुए पानी निकलना शुरू कर दिया ऑर जैसे ही
माँ की चूत मे सैलाब आया मेरे भी लंड ने माँ की चूत मे पिचकारी मारना शुरू कर दिया ,,,,,,,देखते ही
देखते मेरे लंड ने माँ की चूत को स्पर्म से भर दिया ऑर मैं हांफता हुआ माँ के उपर गिर गया माँ भी भी हल्की
सिसकियाँ ले रही थी ऑर शोभा का हाथ भी माँ की गान्ड मे हल्के से नकली लंड पेल रहा था तभी उसका हाथ भी
रुक गया ऑर माँ ने भी सिसकियाँ लेना बंद कर दिया,,

फिर माँ ने मुझे उपर से हटा दिया ऑर मैं बेड की साइड मे लेट गया ,,,,,,,,मैं ऑर माँ ज़ोर से साँस लेते हुए
हाँफ रहे थे जबकि शोभा खुशी से मुझे ऑर माँ को देख रही थी तभी उसने माँ की टाँगों को फिर से
खोला ऑर अपने सर को माँ की टाँगों के बीच मे कर दिया ऑर माँ की चूत को अपने ज़ुबान से चाटने लगी,,


वो शायद माँ की चूत के पानी को पी रही थी ,,,तभी कुछ देर बाद वो उठी ऑर मैने उसके चहरे पर देखा
तो मेरा स्पर्म लगा हुआ था उसने मुझे जानभूज कर अपनी ज़ुबान दिखाई जिसमे मेरा स्पर्म लगा हुआ था
वो माँ की चूत से माँ की चूत का पानी ऑर मेरा स्पर्म चाट रही थी ....उसने माँ की चूत को चाटने के बाद
मेरे करीब आके मेरे लंड को मुँह मे भर लिया ,,,,,,मेरा लंड अब तक सो चुका था उसने उसी सोए हुए
लंड को मुँह मे भरा ऑर अच्छी तरह से चूस ऑर चाट कर' सॉफ करने लगी,,फिर जब लंड सॉफ हो गया उसने
लंड को मुँह से निकाला ऑर माँ की साइड मे जाके लेट गई,,,,,,,,बेड पर मैं माँ ऑर शोभा नंगे ही लेटे हुए थे ,,माँ
बीच मे ऑर दोनो तरफ मैं ऑर शोभा थे,,,,,,,,,,,,,,,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
chusu
Novice User
Posts: 683
Joined: 20 Jun 2015 16:11

Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by chusu »

poore khandaan ki ma chod di.....
Post Reply