कहीं वो सब सपना तो नही complete

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Kamini
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by Kamini »

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007
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

Thanks dosto
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

उसने मेरी उंगली खुद की तरफ देखी तो शरमा गई,,,ऑर प्यार से हँसते हुए बोलने लगी,,,,तेरा नाम
ब्लककी नही फ्लर्टी होना चाहिए था सन्नी,,कितना फ्लर्ट करता है तू,,,

उसने इतना बोला ऑर वापिस पलट कर जाने लगी तभी मैने उसको पकड़ लिया ऑर दीवार के साथ लगा दिया
मैं उसको दीवार के पास इसलिए लेके आया था कि अगर मैं चांस मिलने पर कविता को अपनी बहहों
मे भर लूँ तो उपर से सोनिया हम दोनो को नही देख सके,,,,

मैने उसको पकड़ा ऑर दीवार से लगा दिया,,,,,आप जैसी खूबसूरत लड़की से भला कॉन फ्लर्ट करने की
कोशिश कर सकता है,,,हम कोशिश नही कर रहे ,,,हम तो फ्लर्ट कर रहे है ऑर खुल-म-खुला कर रहे है,,,इतना बोलकर मैं उसके लिप्स की तरफ बड़ा,,,,

सन्नी रुकजा,,,,उसने अपने हाथ मेरी चेस्ट पर रखे ऑर मुझे रोकने लगी,,,,उसके हाथ तो मुझे रोक
रहे थे लेकिन उसकी तेज हो चुकी साँसे जो उखाड़ने लगी थी बस पल भर मे ,मदहोश हो चुकी
आँखें जो एक ही पल मे नशीली हो गई थी,,उसके लिप्स जो एक दम सूख गये थे मस्ती की वजह से
वो सब चिल्ला चिल्ला कर बोल रहे थे कि वो मुझे दूर नही बल्कि अपने करीब करना चाहती है ऑर
मैं भी उसके करीब होने लगा,,,मुझे हैरत थी कि अभी मैने उसको हल्के से छुआ था इतने मे ही
वो क़ाबू से बाहर हो गई थी,,,,

मैं उसके लिप्स की तरफ बढ़ने लगा उसकी हार्टबीट ऑर तेज होने लगी,,उसके हाथ जो मेरी चेस्ट पर थे
वो मुझे रोक नही रहे थे,,उसकी ज़ुबान भले मुझे रोक रही थी लेकिन पल-भर मे उसकी ज़ुबान
लड़खड़ाने भी लगी थी,,,सुउन्न्ञनयययी म्मात्त्त कारर प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ उसकी आवाज़ से उसकी मद-होशी सॉफ-सॉफ
झलक रही थी,,उसकी तेज हो चुकी साँसे जो उसके बस मे नही थी उसकी हार्टबीट जो इतनी तेज थी कि मेरे
कानों तक उसके दिल की धड़कन सुनाई दे रही थी,,,मैं भी उसकी हरकत देख मस्त हो गया था ऑर मेरे
लिप्स उसके लिप्स की तरफ बढ़ने लगे थे,,अभी मेरे हाथ दीवार की दोनो तरफ थे ऑर वो मेरे हाथों
ऑर दीवार के बीच मे क़ैद थी,,,,,,मेरे लिप्स उसके लिप्स की तरफ बढ़ रहे थे तभी उसके हाथ जो मेरी
चेस्ट पर थे वो हाथ मेरी चेस्ट से उपर उठकर मेरे शोल्डर्स की तरफ बढ़ने लगे थे,,मैं उसकी
इस हरकत से हैरान था वो मुझे रोक रही थी लेकिन अपने करीब आने को उकसा भी रही थी,,मेरे लिप्स
उसके लिप्स से 2-3 इंच दूर थे हम दोनो की तेज ऑर गर्म साँसे एक दूसरे के लिप्स पर महसूस हो
रही थी,,,मेरी आँखें खुली हुई थी ऑर उसकी भी लेकिन जैसे ही मेरे लिप्स उसके लिप्स के करीब हुए ऑर मेरी
नज़रे उसकी नज़रो से मिली तो उसने बड़ी नज़ाकत से शरमाते हुए अपनी आँखें बंद करली ऑर आँखें बंद
होते ही मेरे लिप्स उसके लिप्स से टच हो गये,,,अभी लिप्स से लिप्स टच ही हुए थे कि उसने मेरे लिप्स को
अपने लिप्स मे भर लिया ऑर मेरे से पहले खुद मुझे किस करना शुरू कर दिया उसकी तरफ से किस का
रेस्पॉन्स मिलते ही,,(रेस्पॉन्स क्या मिलना ,,,,रेस्पॉन्स तो मुझे देना था उसको),,,,,जैसे ही मैने उसको
किस का रेस्पॉन्स देना शुरू किया मेरे हाथ दीवार से उठकर उसकी कमर पर आ गये ऑर मैने हल्के
से उसकी कमर की एक तरफ से उसकी कमीज़ को उपर करने की कोशिश की लेकिन तभी उसने मेरा हाथ पकड़
लिया ऑर अपने लिप्स से मुझे दूर कर दिया,,,,

मैने उसकी तरफ देखा तो वो ना मे सर हिला कर मुझे मना करने लगी ऐसा करने से,,,मैने भी कोई
ज़बरदस्ती नही की ऑर उस से पीछे हो गया,,,ऑर बता दिया कि मैं कुछ नही करूँगा,,मैं उस से दूर
हुआ ऑर पीछे हटके जाने लगा तभी उसने मेरा हाथ पकड़ा ऑर मुझे अपने करीब कर लिया,,मुझे
उसकी इस हरकत से बड़ा अजीब लगा,,,,उसने मुझे अपने करीब किया ऑर मुझे किस करने लगी,,,मैने
भी उसको किस करना शुरू कर दिया लेकिन अपने हाथ उसके जिस्म पर नही रखे ,,,मैने अपने हाथ वापिस
दीवार पर रख दिए थे,,,काफ़ी देर हम ऐसे ही किस करते रहे ,,,हम दोनो की हालत खराब थी
मेरा तो दिल कर रहा था कि अभी इसकी चुदाई शुरू कर दूं लेकिन मैं ज़ोर ज़बरदस्ती नही करता था


,,,क्यूकी सेक्स का असली मज़ा रज़ामंदी से होता है ना कि ज़ोर ज़बरदस्ती से,,उसके हाथ भी मेरे शोल्डर
पर थे,,,,फिर कुछ देर बाद हम अलग हुए क्यूकी बादल बहुत ज़ोर से गरजे थे,,,,वो डर गई क्यूकी
सोनिया घर पर थी,,,,उसने मेरी तरफ देखा तो मैने उसको फिर से किस करने की कोशिश की तभी उसने
मेरा हाथ पकड़ा ऑर शरमाते हुए अपनी नज़रे झुका कर अपने दूसरे हाथ से अपनी कमीज़ को थोड़ा
उपर किया ऑर अपनी कमर को थोड़ा नंगा कर दिया ऑर मेरे हाथ को अपनी नंगी कमर पर रख दिया
जैसे ही मेरा हाथ उसकी नंगी कमर पर लगा उसके मुँह से अहह निकल गई,,,ऑर साथ ही मेरा
नाम भी सुन्न्ञन्न्नययययययी,,,,,,मैने कमर पर हाथ रखते ही खुद के जिस्म मे तेज झटके महसूस
किए जो काफ़ी तेज थे,,,मुझे एक दम से पता नही क्या हो गया था मैने अपने दूसरे हाथ को उसकी कमर
की दूसरी तरफ किया तो उसने अपनी कमर को दूसरी तरफ से भी थोड़ा नंगा कर दिया ऑर मेरा हाथ उसकी
नंगी कमर पर दोनो तरफ से जकड़ा गया मैने ज़ोर से दोनो तरफ से उसकी कमर को कस्के दबा दिया
जिससे वो एक दम से सिहर गई,,,,उसकी गर्दन एक तरफ मूड गई ऑर उसका जिस्म रह रह कर झटके मारने
लगा,,तभी मैने आग मे आयिल डाल दिया ओर उसकी गर्दन पर अपने लिप्स रख दिए ऑर उसकी गर्दन पर किस
करने लगा मेरे बस इतना करने से उसकी हालत ऑर भी ज़्यादा खराब हो गई उसने जल्दी से अपने हाथ मेरे
सर पर रखे ऑर मुझे दूर करने लगी,,,

रूउक् जाऊओ ससुउन्नयी प्लज़्ज़्ज़ ,,,,अहह सुउन्नययययययययी ,,

उसने मेरे सर को तो दूर कर दिया लेकिन मेरे हाथ अभी भी उसकी कमर पर थे जिसको मैने प्यार से
सहलाना शुरू कर दिया था,,,

सुन्नयययी प्पल्लज़्ज़्ज़ मात्त काऊरर वरर्न्ना म्मूउस्शह्क्किल्ल हहू जाईज्गीइइ,,,,

कुछ मुश्किल नही होगी ,,,सब कुछ आसानी से होगा,,,,,

तभी उसने उपर खिड़की की तरफ देखा ऑर बोला,,,,नही सुउन्नययी म्मूउशह्क्किल्ल्ल हूगगीइइ भूत्त्
ज्जय्याअड्डा म्मूउस्शह्क्किल्ल्ल

मैं उसका इशारा समझ गया वो सोनिया की बात कर रही थी,,,,,लेकिन मुझे अब कोई परवाह नही थी
मैने उसकी बात नही सुनी ऑर अपने लिप्स को उसके लिप्स की तरफ ले गया ऑर फिर से हम दोनो की किस शुरू
हो गई,,,,उसके हाथ एक पल से पहले ही मेरी पीठ पर चले गये,,,मुझे समझ नही आ रहा था इस
लड़की का,,,,कहती कुछ है करती कुछ ऑर है,,,,मुँह से मना कर रही है लेकिन उसके जज़्बात मुझे ऑर
करीब आने को बोल रहे है,,तभी तो किस शुरू होते ही उसके हाथ मेरी पीठ पर चले गये ऑर उसने
किस का रेस्पॉन्स भी देना शुरू कर दिया,,,,अब मैने अगली चाल चली ऑर उसकी कमर को सहलाते हुए
अपने हाथों से उसके पैट को भी सहलाने लगा ऑर जल्दी ही मेरे हाथ उपर बढ़ने लगे उसके बूब्स की
तरफ लेकिन इस से पहले मैं उसके बूब्स की तरफ जाता उसने मुझे ज़ोर से धक्का दिया ऑर मैं एक दम
से पीछे जाके गिरा,,,,मुझे नही लगा था वो ऐसा करेगी एक बार फिर,,,,उसकी हालत से तो लग रहा था
वो तैयार है अब पूरी तरह से मेरे क़ाबू मे है लेकिन एक ही पल मे उसको पता नही क्या हुआ उसने
मुझे धक्का दिया ऑर भाग कर अपने समान की तरफ गई ऑर समान को बॅग्स मे डालने लगी जल्दी
से जबकि मैं खड़ा होके उसकी तरफ देखने लगा,,वो भी मेरी तरफ देख रही थी लेकिन साथ ही उसका
ध्यान उपर खिड़की की तरफ भी था,,,,मैं समझ गया कि ये सोनिया की वजह से डर गई थी,,,उसने जल्दी से
समान प्लास्टिक बॅग्स मे डाला ऑर मुझे एक बार हंस कर देखा ऑर वहाँ से भाग कर गेट की तरफ चली
फिर गेट खोलके अपनी अक्तिवा पर बैठ कर वहाँ से चली गई,,,,,जब तक मैं गेट तक पहुँचा वो
वहाँ से जा चुकी थी,,,,,,मैने गेट बंद किया ऑर पलट कर खिड़की की तरफ देखा तो सोनिया वहाँ नही
थी,,,,,,,,शूकर है वो वहाँ नही थी क्यूकी अगर उसको ज़रा सा भी शक हो जाता तो पता नही क्या करती
वो,,मेरा तो ठीक था लेकिन कविता के साथ क्या होता,,,,मुझे भी ये सोच कर डर लगने लगा,,,,उस टाइम
तो मैं मस्ती मे पागल हो गया था ऑर कुछ सोचने समझने की हालत मे नही था लेकिन अब सोच सोच
कर डर लगने लगा था कि अगर कविता का डर सही साबित हो जाता तो,,,,,,,,,अगर सोनिया हमे देख लेती
तो,,,यही सोच सोच कर डर लगने लगा मुझे,,,,,मौसम इतना अच्छा था लेकिन अब क्या फ़ायदा,,अब तो
डर से अंदर की दुनिया वीरान हो गई थी,,,,

सुबह डाइनिंग टेबल पर हम सब साथ थे,,,मैं,, सोनिया,,मोम,,डॅड,,,,,

सोनिया=== डॅड मेरे बाथरूम का शवर ऑर टॅब्स ठीक से काम नही कर रही आप किसी को बोलकर
ठीक करवा दो प्ल्ज़्ज़

डॅड===ये सन्नी है ना इसको बोल दे ये ठीक कर देगा,,,पहले भी तो कर देता था,,,आख़िर वो रूम
ऑर उसका बाथरूम तेरे साथ इसका भी तो है,,,

सोनिया गुस्से से मुझे घूरती हुई===डॅड इसको बोला था इसने कोशिश भी करली लेकिन कुछ फ़ायदा नही
हुआ इसलिए आपको बोल रही हूँ,,,,

मैने हंस कर उसकी तरफ देखा कि वो कितने मासूम चेहरा बना कर झूठ बोल लेती थी ऑर किसी को
पता भी नही चलता था,,

इस से पहले की मैं कुछ बोलता डॅड बोल पड़े,,,,,ठीक है मैं किसी को बुलवा कर सब ठीक करवा
दूँगा,,,,,वो सब तो मैं ठीक करवा दूँगा पहले ये बताओ कि एग्ज़ॅम कैसे चल रहे है,,,,

डॅड ने ये बात मेरे से पूछी थी लेकिन जवाब दिया सोनिया ने,,,

सोनिया== डॅड अभी तो एक ही एग्ज़ॅम हुआ है,,वैसे बहुत अच्छा हुआ मेरा एग्ज़ॅम,,,वो बड़ी खुश होके
बोल रही थी,,,,

डॅड== ऑर तुम सूनाओ सन्नी तुम्हारा एग्ज़ॅम कैसा हुआ,,,ऑर आगे के एग्ज़ॅम की तैयारियाँ कैसी चल रही है

डॅड के सवाल से मैं एक दम से थोडा सहम गया क्यूकी डॅड के सवाल पूछने का अंदाज़ थोडा गुस्से
वाला था,,,,

मैं=== जी डॅड एग्ज़ॅम बहुत अच्छा हुआ,,दिल लगा कर तैयारी की थी मैने,,आगे भी तैयारी दिल लगा कर ही
करूँगा,,,

डॅड खुश होते हुए,,,,अच्छे से तैयारी करना दिल लगा कर ,,,ऑर इस बार 65% से कम नंबर आए तो देख
लेना..........

डॅड ने देख लेना इतनी गुस्से से बोला कि मेरी तो पुँगी बज गई,,लेकिन माँ ऑर सोनिया हँसने लगी थी,,,

सोनिया=== बस डॅड 65% ,,इस से क्या होगा,,,,

डॅड == बेटी तेरे से तो मैं 95% की उम्मीद कर सकता हूँ क्यूकी मुझे पता है तू काफ़ी होनहार है
लेकिन इस नालयक के लिए 65% भी कॉलेज मे टॉप करने के बराबर है,,,,

डॅड ने इतना बोला ऑर हँसने लगे ऑर साथ मे मोम ओर सोनिया भी,,,

मैं=== डॅड मैं पूरी कोशिश करूँगा,,,,

डॅड== कोशिश नही मुझे 65 % चाहिए तेरे से वर्ना तुझे वो न्यू कार नही मिलेगी जो विशाल ने
ली है,,,,मैं अपनी कार सेल कर दूँगा ऑर खुद वो कार रख लूँगा,,,याद रखना,,,

मैं===ओके डॅड मैं 65% नंबर लेके ही आउन्गा,,पक्का,,,वादा करता हूँ आपसे,,,

तभी सोनिया मस्ती भरे अंदाज़ मे बोल पड़ी,,,मोम किसी का वादा टूटेगा ऑर न्यू कार डॅड की होगी,,
सोनिया ने इतना बोला तो मोम उसके साथ ही हँसने लगी,,,

तभी डॅड बोल पड़े,,,इतना खुश होने की बात नही है सोनिया बेटी,,,,अगर इसके 65% नंबर नही आए
तो याद रखना इसकी कार तो इसको नही मिलेगी लेकिन साथ मे तेरी न्यू आक्टिव न्यू लॅपटॉप ऑर न्यू
मोबाइल भी तुझे नही मिलना,,,

डॅड ने ये बात हँसते हुए बोली ऑर डॅड के साथ मैं भी खुश हो गया,,,लेकिन सोनिया का चेहरा उतर
गया,,,,,

ये क्या बात हुई डॅड,,पास ये नही होगा तो उसकी सज़ा मुझे क्यू,,,,

क्यूकी मुझे पता है तुम इसको स्टडी मे हेल्प नही कर रही,,,तुम दोनो की फाइट अभी भी चल रही
है,,,,तुम दोनो फाइट ख़तम होने का नाटक मेरे सामने मत किया करो मैं तुम्हारा बाप हूँ
,,तुमने अगर सही से सन्नी की हेल्प नही की तो सज़ा दोनो को मिलेगी,,,डॅड ने इतना बोला ऑर अपना नाश्ता
करके वहाँ से चले गये,,,,ऑर जाते जाते मेरे फेस पर खुशी ऑर सोनिया के फेस पर गुस्सा छोड़ गये,,,

मैं सोनिया की तरफ हंस कर देख रहा था लेकिन सोनिया गुस्से से मुझे घूर रही थी,,,माँ भी हम दोनो
को देख कर खुश हो रही थी क्यूकी उनको भी पता था हम लोगो की फाइट अभी ख़तम नही हुई,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

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नाश्ते के बाद मैं बाहर गार्डन मे आके बैठ गया क्यूकी मौसम काफ़ी अच्छा था ,,,तभी सोनिया
भी अपनी बुक्स लेके गार्डन मे मेरे पास आ गई ऑर आके मेरे पास बैठ गई,,,,

तू यहाँ क्यू आई है,,जा यहाँ से ऑर कहीं ऑर बैठ कर स्टडी कर,,,,

मुझे भी शॉंक नही तेरे पास बैठने का,,ये तो डॅड ने बोला है इसलिए मैं तेरी हेल्प करने आई
हूँ स्टडी मे,,वर्ना तूने फैल हो जाना है ऑर तेरी वजह से मुझे भी मेरा समान नही मिलना
जो पास होके मिलने वाला था,,,

चल चल ,,मुझे ज़रूरत नही तेरी हेल्प की ऑर ना कोई परवाह है तेरी अक्तिवा ऑर लॅपटॉप की,,मैं
खुद अपने एग्ज़ॅम की तैयारी कर लूँगा,,,,मैने इतना बोला ऑर खुद वहाँ से उठकर चला गया
अभी मैं उठा ही था कि मेरा फोन बजने लगा,,,,ये कोई अननोन नंबर था,,,

हेलो सन्नी,,,,

हेलो,,मैं सन्नी बोल रहा हूँ आप कॉन,,,,

अच्छा अब मैं कॉन हो गई,,,आवाज़ भी नही पहचानता मेरी,,,मैं रितिका बोल रही हूँ,,,

ओह्ह सॉरी रितिका,,,वो पहले कभी फोन पर बात नही हुई है इसीलिए आवाज़ पहचान नही सका,,,ऑर
सूनाओ क्या हाल चाल है रितिका,,,

मैं ठीक हूँ सन्नी तुम सूनाओ,,,,क्या कर रहे थे,,,,

तभी मैने सोनिया की तरफ देखा जो मुझे गुस्से से देख रही थी,,,एक तो गुस्सा उसको इस बात का था
कि मुझे स्टडी मे उसकी हेल्प लेने से इनकार कर दिया था ऑर उसको अपनी अक्तिवा ऑर न्यू लॅपटॉप अपने
हाथ से जाता नज़र आ रहा था ,,,वो गुस्से मे लाल हो रही थी तभी मैने इस आग मे आयिल डाल दिया,,,,

कुछ खास नही रितिका मैं बस कुछ कमजोर बच्चों की हेल्प कर रहा था स्टडी मे,,,,तुमको तो
पता है मैं पढ़ने मे कितना होशियार हूँ,,मेरी इस बात से सोनिया ऑर गुस्सा हो गई ऑर गुस्से मे
पैर पटकती हुई वहाँ से चली गई,,,

खैर मेरी छोड़ो तुमने कैसे याद किया आज मुझे,,,

मैने नही सन्नी मेरे डॅड ने याद किया है,,,वो तुमसे कुछ बात करना चाहते है,,अगर फ्री हो
तो क्या मेरे घर आ सकते हो,,,,

हाँ हां अभी आ जाता हूँ,,,लेकिन तेरे डॅड ने बात क्या करनी है मेरे से,,,

वही सुरेश भाई ऑर कॉलेज के पंगे के बारे मे बात करनी है,,,,

उसकी बात सुनके मैं थोड़ा डर गया,,,क्यूकी करण ने बोला था कि अकेले मत जाना कोई पंगा हो सकता
है,,,,,,,,,,,,,,,,,ठीक है मैं अभी आता हूँ करण के साथ,,,

नही नही सन्नी करण को साथ मत लेके आना,,,,अभी मैने तुम्हारा नंबर करण से ही लिया है ऑर
उसको सब बता दिया है,,,,दाद पहले ही थोड़े गुस्से मे है सुरेश भाई की वहज से ओर अगर कारण
साथ आ गया तो पता नही क्या होगा,,,,,डॅड को मेरे ऑर करण के बारे मे पता चल गया है शायद
तुम उसको मत लेके आना प्लज़्ज़्ज़,,

मैं उसकी बात को समझ नही पाया,,,मुझे कुछ अजीब लग रहा था,,,खैर देखते है क्या होता है

ओके रितिका मैं आता हूँ कुछ देर मे,,इतना बोलकर मैने फोन कट किया ऑर ख़ान भाई को फोन
कर दिया ऑर उनको सारी बात बता दी,,,,ख़ान भाई ने मुझे विश्वसस दिलाया कि कुछ नही होगा तुम
बिना किसी डर के जाओ ऑर अगर कुछ प्रोबलम हुई तो मुझे फोन कर देना,,,,ख़ान भाई की बात से
मुझे हिम्मत मिली ऑर मैं चेंज करके बाइक लेके रितिका के घर की तरफ चल पड़ा,,,



मैं रितिका के घर के बाहर पहुँचा ऑर बाइक गेट के आगे रोक दिया,,,,चलके गेट के पास गया,,

गेट पर नॉक किया तो गेट खुला ऑर एक आदमी सामने आया,,,,जी किसको मिलना है अपने,,वो गेट खोलकर
मेरे से बात कर रहा था ऑर मेरा ध्यान गया गेट के अंदर गार्डन मे टहलती हुई रितिका पर,,वो
कुछ परेशान लग रही थी तभी इधर उधर टहल रही थी,,,,तभी मैने देखा कि वो सर उठाकर
घर की एक बाल्कनी की तरफ देख कर कुछ एशारे मे बात कर रही थी,,मैने गेट से आगे होके
देखना चाहा कि रितिका किस से बात कर रही है तभी उस आदमी ने मुझे रोक दिया,,,,

आपने बताया नही किसको मिलना है अपने,,इस बार वो आदमी थोड़े गुस्से से बोला ऑर रितिका ने उसकी आवाज़
सुन ली,,,,,ऑर मेरे बोलने से पहले खुद बोल पड़ी,,,,

सिकुरिटी इनको अंदर आने दो,,,ये मेहमान है,,,,रितिका ने गेट की तरफ बढ़ते हुए बोला,,,

सॉरी सर मुझे नही पता था आप मेहमान हो,,,,इतना बोलकर वो मुझे सॉरी बोलते हुए गेट को
खोल कर मुझे अंदर आने को बोलने लगा,,,,,

मैं अंदर जाते हुए रितिका की तरफ देख रहा था जो बहुत परेशान लग रही थी,,,उसके माथे पर
पसीना भी आया हुआ था,,,वो कुछ डरी ऑर सहमी लग रही थी,,,तभी उसने एक बार पलट कर बाल्कनी
की तरफ देखा ऑर उसके साथ मेरा ध्यान भी बालकोनी की तरफ गया पर वहाँ कोई नही था,,मुझे कुछ
ठीक नही लगा,,,,,लगा कि कुछ गड़बड़ है,,,,फिर भी मैं हिम्मत करके आगे बढ़ गया,,,,

हाई रितिका,,,

हाई सन्नी,,,वो बड़े अजीब अंदाज़ मे ही बोली तो मुझे ठीक नही लगा,,,,

क्या हुआ रितिका तुम ठीक तो हो,,इतना पसीना क्यूँ आ रहा है तुमको,,,इतना डरी क्यूँ हुई हो तुम,,,

मैं,,मैं कहाँ डरी हुई हूँ,,,,ये पसीना तो गर्मी की वजह से आ रहा है,,,वो पसीना सॉफ
करती हुई बोली,,,,

लेकिन आज तो गर्मी नही है,,,,देखो कितना अच्छा मौसम है,,,धूप भी नही है,,फिर तुमको
गर्मी क्यू लग रही है,,,,

वू वू कुछ नही,,,,तुम अंदर चलो,,

वो इतना बोलकर आगे चलने लगी ऑर मैं उसके पीछे पीछे,,तभी वो घर के अंदर एंटर हुई तो मैं
उसका घर देखता ही रह गया,,,इतना बड़ा घर था ऑर रहने वाले शायद 4-5 लोग थे,,जबकि इतनी जगह
मे अगर ग़रीबो की बस्ती होती तो वहाँ 1000 लोग रह लेते आराम से,,,,

अरे वाह घर तो बड़ा शानदार है तुम्हारा रितिका,,,,ओह सॉरी ये घर नही ये तो महल है,,,कितने
लोग रहते है यहाँ,,,

वो सीडियाँ चढ़ते हुए उपर जाने लगी,,,,मैं उसके पीछे था,,,,

यहाँ बस हम तीन लोग है सन्नी,,,वो वापिस नही पलटी बस ऐसे ही चलते हुए बात करती रही,,,

बस तीन लोग,,,,,कॉन -कॉन,,,,

मैं,,मेरे डॅड,,,ऑर सुरेश,,,,उसने सुरेश को अपना भाई नही बोला,,,,वो ये भी तो बोल सकती थी कि
वो अपने बाप ऑर भाई के साथ रहती है ,,,लेकिन उसने अपने बाप को तो बाप बोल दिया लेकिन भाई को
भाई नही बोला,,,सुरेश बोला,,,,शायद वो सच मे अपने भाई से नफ़रत करती थी,,,

इस से पहले कोई ऑर बात होती वो एक रूम मे घुस गई ऑर उसके पीछे मैं,,,,

ये तुम मुझे कहाँ ले आई,,,,तुम्हारे डॅड कहाँ है,,,उस रूम मे कोई नही था,,,बस हम दोनो
थे,,,

डॅड घर पे नही है सन्नी,,वो अपने पार्टी मीटिंग के लिए देल्ही गये है,,,शाम को आएँगे,,

शाम को,,,,,,,,,क्या मतलब,,तुमने तो फोन पर कहा था कि तुम्हारे डॅड ने मुझे बुलाया है,,,

नही सन्नी मैने झूठ बोला था,,,,दरअसल डॅड ने नही मैने तुमको बुलाया है,,,मुझे लगा मेरे
कहने पर पता नही तुम यहाँ आओगे या नही ,,,,,इसलिए डॅड के बारे मे झूठ बोला था,,,

तुम्हारे कहने पर क्यू नही आउन्गा,,तुम मेरी दोस्त हो,,,,लेकिन तुमको झूठ बोलने की क्या पड़ी
थी,,,सीधी तरफ बोल देती तो भी मैं आ जाता,,,,अच्छा छोड़ो इन बातों को तुमने बुलाया क्यूँ है
मुझे यहाँ ये बोलो,,,,

वो इधर उधर देखने लगी,,,अपने हाथों को बारी बारी से मसल्ने लगी वो ऐसे लग रही थी जैसे
बहुत परेशान थी,,बहुत डरी हुई थी,,,,मुझे कुछ ठीक नही लग रहा था,,

तभी मैं उसके पास गया,,,,क्या हुआ रितिका तुम परेशान क्यू हो,,,,,कुछ प्रोबलम है क्या,,,,

नही नही,,,कुछ भी तो प्रोबलम नही,,,वो मैं तो बस वो मैं बस वो,,,

क्या हुआ सीधी तरह बोलो,,,,डरो नही हम दोनो दोस्त है ना,,बोलो क्या बात है रितिका क्यू बुलाया
मुझे यहाँ,,,,

तभी उसने खिड़की की तरफ देखा जो बाल्कनी मे खुलती थी ऑर मेरे पीछे की तरफ थी,,,मैने भी
पलट कर उस तरफ देखा तो वहाँ कोई नही था,,,,बस करटन हिल रहे थे,,,शायद हवा से,,या
शायद वहाँ कोई था,,,,

क्या हुआ रितिका बोलो ना,,,,


तभी वो बोल पड़ी,,,,,,,,,,,,,,सन्नी क्या तुमने सुरेश को मारा था,,,,

मैं उसके सवाल से हैरान हो गया,,,,नही रितिका मैने उसको नही मारा,,1-2 बार पहले मेरी सुरेश
से फाइट ज़रूर हुई थी,,,लेकिन इस बार मैने कुछ नही किया,,,,

मैं जानती हूँ तुम झूठ नही बोलते सन्नी,,,,तुमने उसको नही मारा होगा लेकिन क्या तुम्हारा हाथ
है इस सबके पीछे,,,,


मैं कुछ देर चुप रहा,,,,कुछ नही बोला,,,,खुकी मैं झूठ नही बोल सकता था,,,वैसे मैं
बहुत झूठ बोलता था लेकिन रितिका इस टाइम बड़े यकीन से मेरे से बात कर रही थी ,,,

बोलो सन्नी,,,क्या ये सब तुमने करवाया है,,,,ऑर क्या ये सब तुम्हारे प्लान का हिस्सा है,,,

हां रितिका ,,,,,,,,मैने इतना बोला ही था कि वो मेरे करीब हो गई,,,,तो ये सच है,,तो ख़ान भाई
भी तुम्हारे साथ है ये भी सच है ना,,,,

ख़ान भाई का नाम सुनते मैं थोड़ा हैरान हो गया,,,,,,,,,तुमको कैसे पता ख़ान भाई भी मेरे
साथ है,,,,,,,,,,
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

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