कहीं वो सब सपना तो नही complete

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007
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

फिर मैने बाइक स्टार्ट की ऑर वापिस घर की तरफ़ चल पड़ा घर पहुँचा तो देखा कि
डोर लॉक था,,,मैं समझ गया कि दीदी ऑर बुआ मस्ती कर रहे होंगे,,,पहले तो सोचा कि
उनको डिस्टर्ब नही करता कहीं ऑर चला जाता हूँ,,फिर सोचा कि इतनी गर्मी मे कहाँ जाउन्गा
यही सोच कर मैने बेल बजा दी,,लेकिन कोई बाहर नही आया,,,मैने फिर बेल बजाई बट
कोई फ़ायदा नही हुआ,,मैं लगातार बेल बजाता रहा करीब 10 मिनिट बाद बुआ ने डोर खोला
अरे तुम तो 5 बजे आने वाले थे इतनी जल्दी वापिस आ गये,,,

भुआ मैं जिस दोस्त के पास गया था वो घर पे नही था,,हम ने कहीं जाना था मैं लेट हो गया तो वो अकेला चला गया

,ठीक है अब बेटा,,,

,मैं घर के अंदर चला गया,,,मैने देखा कि दीदी अभी भी उसी सोफे पे
लेटी हुई थी,,,अरे दीदी यहीं है अभी तक इसका मतलब इन दोनो ने अपना प्रोग्राम नही किया,
दीदी ने भी सेम प्रश्न किया,अरे तुम इतनी जल्दी आ गये,,,मैने भी सेम अन्सर किया जो बुआ
को किया था,,,,फिर मैं दूसरी साइड वाले सोफे पे बैठ गया,,,,बुआ मेरे सामने बैठ गई,,
ऑर दीदी वही लेटी रही,,,

,सन्नी यहाँ आओ मेरे पास मुझे तुम्हारी गोद मे सर रखना है,

नही दीदी अभी नही अभी मैं थका हुआ हूँ ,,,ऑर वैसे भी गर्मी लग रही है,,तभी
मैने देखा कि डॅड सीडियों से नीचे आ रहे थे,,,डॅड आप कब आए घर,,

,अभी आया हूँ बेटा 10 मिनिट पहले,,

,मुझे नही पता था आप घर पे हो क्यूकी आपकी कार नज़र नही आई बाहर,,,,

बेटा कार मे कुछ प्राब्लम हो गई थी वर्कशॉप छोड़ कर आया हूँ,,ऑर डॅड अपने
रूम मे चले गये ओर डोर क्लोज़ कर लिया,,टीवी पे अभी भी 3 ईडियट्स मूवी ही चल रही थी
मैं मूवी देखने लगा बुआ सामने थी मेरे ऑर दीदी लेफ्ट साइड पे ऑर राइट साइड पे टीवी था
दीदी फिर करवट लेके टीवी की तरफ मूह करके लेटी हुई थी मुझे पता था इस तरह लेटने की
वजह से दीदी के बूब नज़र आते होंगे,,मैने बुआ से नज़रे बचा कर दीदी की तरफ देखा
तो सच मे दीदी के बूब अभी पहले से भी ज़्यादा बाहर की तरफ थे,,मैने गौर से देखा तो
पाया कि दीदी ने अभी ब्रा नही पहनी हुई थी लेकिन मेरे जाने से पहले तो दीदी ने ब्रा पहनी
हुई थी इसका मतलब दीदी ऑर भुआ ने कुछ टाइम के लिए खेल तो खेला ही होगा,,यही सोचते-2
मैं दीदी की तरफ देखता रहा

तभी बुआ बोली,,,,,लगता है सन्नी तुमको ये मूवी कुछ ज़्यादा ही पस्संद है,,,

मैं एक दम डर गया ओर टीवी देखने लगा,जी ,जी हहान बुआ जी,

,मुझे लगा ही था सन्नी बेटा तभी तो इतनी गर्मी मे बाहर से आके भी तुम अपने रूम मे जाके बाथ
लेने की जगह यही बैठ गये मूवी देखने,,

,जी हां बुआ जी,,,,,

अभी भी गर्मी तो नही लग रही बेटा,,,,

,थोड़ी सी लग रही है बुआ ,,

,ठीक है रूको मैं तुमको मौसमी का जूस निकाल कर देती हूँ,बोलो पियोगे ना,,

जी बुआ जीई,,,,,तभी बुआ मेरी तरफ देख कर हँसते
हुए किचन की तरफ चल पड़ी,,चलो बुआ मैं भी हेल्प करती हूँ आपकी दीदी ने कहा,,

मैने सोचा एकजूस निकालने के लिए क्या हेल्प की ज़रूरत,,,,पक्का ये लोग किचन मे कुछ करने गये है,,
मैं भी चुपके से उनके पीछे चला गया जैसे ही मैं किचन के पास पहुँचा तो दीदी बोल
रही थी,,,,,,,आज सारा मज़ा खराब कर दिया थोड़ा लेट आता तो क्या जाता दीदी गुस्से मे लग
रही थी,,,,,ऑर गुस्से मे हो भी क्यू ना उसके साथ भी क्ल्प्ड हो गया था,,,,खड़े लंड पे
डंडा लग गया था,,ऑर हो भी क्यू ना,,दोनो मज़ा कर रही थी पहले डॅड आ गये जो कि शाम
को 7 बजे क्लब से वापिस आते है ऑर दूसरा मैं जो 5 बजे बोल कर 1 अवर मे ही वापिस आ गया

,,कोई बात नही शोभा बेटी तेरी मोम वेडनेसडे से पहले आने वाली नही है तब तक हम बहुत
एंजाय कर सकते है वो भी दिन के उजाले मे,रात को बंद कमरे मे तो अक्सर करते है,,,फिर
बुआ ऑर दीदी हँसने लगे,,,,,तभी जूस मशीन चलने की आवाज़ आने लगी ऑर मैं वापिस जाके
सोफे पे अपनी जगह पे बैठ गया,बुआ ओर दीदी बाहर आई ऑर मुझे जूस का ग्लास दिया मैने
जूस पी लिया,,फिर बुआ बोली कि मुझे थोड़ा काम है बुटीक का मैं ज़रा जाके आती हूँ
दीदी बोली बुआ मैं भी साथ चलती हूँ मैं घर पे क्या करूँगी,,ठीक है तुम भी चलो,
बुआ ऑर दीदी तैयार होके चले गये,मैं समझ गया कि घर पे डॅड ऑर मैं भी इसलिए ये लोग
बुटीक पे जा रहे है ऑर वहाँ जाके एंजाय करेंगे,,क्यूकी बुटीक के उपेर भी रहने ऑर
सोने की जगह है,,,वहाँ 2 रूम विद किचन ऑर बाथरूम,,वो रूम्स वहाँ पे काम करने
वाली लड़कियों के लिए बनाए थे क्यूकी वो लड़किया आउट ऑफ सिटी से थी इसलिए वो वहीं रहती
थी,,लेकिन अब वो वहाँ नही रहती उन लोगो ने अपना एक फ्लॅट रेंट पे लिया हुआ है,,,वो लोग
चले गये ऑर मैं भी अपने रूम मे गेम खेलने चला गया,,तभी कुछ देर बाद डॅड मेरे रूम
मे आए,,,सन्नी बेटा नीचे आके डोर लॉक कर्लो मैं वर्कशॉप तक जा रहा हूँ वहाँ से कॉल
आई है कार के बारे मे उन लोगो ने कोई बात करनी है,,,,,डॅड बाहर चले गये ऑर मैं डोर
लॉक करके नीचे ही बैठ गया ऑर फिर से टीवी देखने लगा,,,,,,रात को 8 बजे डॅड वापिस आ
गये लेकिन कार अभी भी वहीं थी, डॅड के आने के बाद मैं फिर उपेर अपने रूम मे चला गया ,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by jay »

मस्त कहानी भाई


इधर भी अपडेट दो ना
Read my other stories

(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

करीब 9 बजे शोभा दीदी मुझे डिन्नर क लिए बुलाने आई,,मैं तभी बेड पे लेटा हुआ था,,
क्या हुआ सन्नी तेरी तबीयत तो ठीक है ना,,,,

हाँ दीदी बट ऐसा क्यू पूछा अपने,,,,

बस ऐसेही क्यूकी जब भी तू रूम मे होता है तो गेम ही खेलता है आज बड़े आराम से बेड पे लेटा
हुआ है इसलिए पूछा ऑर हँसने लगी,,,

,हाँ दीदी अब सोचता हूँ ये गेम खेलना छोड़ दूं क्यूकी बुआ बार बार बोलती रहती है कि सन्नी बेटा तुम बड़े हो गये हो ऑर मैं भी हँसने लगा

ऐसे ही हंसते-2 बातें करते हुए मैं ओर दीदी नीचे डाइनिंग टेबल की तरफ आ रहे थे डॅड
ऑर बुआ वही बैठे हुए थे,,,

,क्या बात है बड़ी हँसी आ रही है भाई-बेहन को,,

कुछ नही डॅड बस ऐसे ही हँसी मज़ाक कर रहे थे,,सन्नी बोल रहा था कि अब वो बच्चा नही रहा
इसलिए गेम खेलना छोड़ देगा इसी बात पे हंस रहे थे,,

,तभी डॅड ऑर बुआ भी हँसनेलगे,,,,,अरे सन्नी बेटा तुम गेम खेलना छोड़ दोगे तो तुम्हारा कंप्यूटर तो अनाथ ऑर लाचार
हो जाएगा फिर कॉन पूछेगा उसका हाल,,,,,ऑर फिर सब हँसने लगे,,ऑर तेरे न्यू लॅपटॉप का क्या
होगा,,,,,,

तभी मैं खुश हो गया,,,,कॉन्सा लॅपटॉप,,कहाँ है लॅपटॉप,,,,

अरे अरे इतने भी उतावले मत हो अभी मैं लाया नही हूँ लॅपटॉप बट कुछ दिनो मे ले आउन्गा,,

,तभी मैं डॅड के पास गया ओर उनको हग करके बोला,थॅंक्स्क्स डॅड आप बहुत अच्छे हो,,,

चल अब मस्का नही मार ऑर डिन्नर कर,,,मैं ओर दीदी डिन्नर करने के लिए बैठ गये,,,,,

अरे सन्नी बेटा तूने सोनिया को फोन करके पूछा था कि वो कब आएगी,,,,

नही डॅड क्या वो अभी तक नही आई,,,,,

नही आईबेटा इसलिए बोल रहा हूँ,,,,तभी डोर खुला ऑर सोनिया आ गयी,,कहाँ थी इतनी देर बेटी,,,

डॅड मैं कविता के घर पे थी,,,उसके घरवाले कहीं बाहर गये थे इसलिए मैं वहाँ गयी
थी,,सोचा दिन भर कुछ बातें भी कर लेंगे ऑर नोट्स भी तैयार हो जाएँगे,,उसके घर वाले
अभी आए थे कुछ देर पहले इसलिए मैं लेट हो गयी,,,

कोई बात नही बेटा आओ डिन्नर करो ओर नेक्स्ट टाइम जब लेट होना हो तो कॉल कर दिया करो,,,,,,

ठीक है डॅड,,,,,,

,ऑर हाँ अपने इस भाई की हेल्प भी कर दिया करो स्टडी मे,,,,,,

,मैं तो हेल्प करती हूँ डॅड बट इसको गेम से फ़ुर्सत ही नही मिलती,,,,,

अब मिलेगी इसको फ़ुर्सत बेटी अब इसने गेम खेलना छोड़ दिया है,,

इसी बात पे सोनिया हँसने लगी ओर उसके साथ बाकी सब लोग भी,,,,,ऐसे ही बातें करते-2 हम
लोगो ने डिन्नर ख़तम किया ओर अपने-2 रूम मे चले गये,,,,


रात करीब 10:30 पे मैं बाथरूम मे चला गया मैं दीदी ऑर बुआ को देखना चाहता था,,
बट 11 बजे तकवेट किया फिर भी कोई नही आया,,,मैने सोचा कि आज वो लोग बुटीक पे गये
थे शायद वही ज़्यादा मज़ा कर लिया होगा,,क्यूकी सनडे को बुटीक पे कोई नही होता,,उन
लोगो के पास बहुत टाइम था ओर मोका भी,,,,बट मेरा दिल बहुत कर रहा था आज मूठ मारने को
क्यूकी नून टाइम मे दीदी के बूब्स जो देखे थे वो भी इतना करीब से,,,,बट जब तक कोई
पॉर्न मूवी नही देखी हो तब तक मूठ नही मारी जाती मेरे से,,,,,अगर बुआ ऑर दीदी की लाइव
टेल्कास्ट पॉर्न देखने को मिल जाती तो मज़ा आ जाता,,,,,,मैने सोचा चलो रूम मे जाके कोई
अच्छी सी पॉर्न मूवी देखते है बाद मे बाथरूम मे आके मूठ मार लेंगे,,,,यही सोच कर मैं
रूम से बाहर निकला,,तभी देखा की सोनिया अपने बेड मे पेट के बल पीठ उपर करके लेटी
हुई थी,,उसने आज वही पिंक कलर का ढीला सा कुर्ता ऑर साथ मे एक रेड कलर की छोटी सी
स्कर्ट पहनी हुई थी ,,कुर्ता भी ढीला था इसलिए वो उसकी आधी पीठ तक उपेर उठा हुआ था
उसकी गोरी ऑर च्मकदार पीठ हल्की रोशनी मे भी चाँदी के जैसे चमक रही थी,,उसकी स्कर्ट
भी बहुत छोटी थी जिस वजह से उसके नितंब नज़र आ रहे थे,,उसको ऐसी हालत मे देख
कर मेरे लंड ने अंगड़ाई लेना शुरू कर दिया,,,मैने सोचा कि इतना अच्छा माल पास मे लेटा
हुआ है तो पॉर्न मूवी क्यू देखनी,,,,मैने अपने लंड को पॅंट मे से बाहर निकाला ऑर सोनिया को
देखते हुए मूठ मारने लगा,,,मैं उसके पास बेड पे अपनी टाँगें नीचे किए हुए बैठ गया ऑर
मूठ मारने लगा,,मैने अपना एक हाथ उसकी नंगी पीठ मे रख दिया,,ऑर उसकी पीठ को बड़े
प्यार से सहलाने लगा,,ऑर साथ मे मूठ मारता रहा,,कुछ देर उसकी पीठ को सहलाने के बाद
मैने उसकी स्कर्ट को हल्का सा उपेर किया ऑर उसके नंगे नितंब को अपने हाथ मे ले लिया,,क्या
बताऊ ये एहसास कितना अच्छा था,,उसके नितंब एक दम सॉफ्ट ओर चिकने थे,,मेरा दिल तो कर रहा
था कि अभी इसकी पैंटी उतार दूं ऑर अपना लंड पेल दूं इसकी गान्ड मे,,,बट ऐसा नही कर
सकता था,,नितंब की गर्मी के कारण मेरी हालत खराब हो रही थी ऑर मेरे हाथ की स्पीड भी
लंड पे तेज हो गयी,,,जिसकी वजह से बेड हल्का सा हिलने लगा,,,मैं डर गया कि बेड हिलने की
वजह से अगर सोनिया जाग गयी ऑर मुझे इस हालत मे देख लिया तो मेरी मौत पक्की है,,बट अब
मैं अपने मज़े की चरम सीमा पे पहुँच गया था अब रुकना मुश्किल था अब चाहे आँधी
आए या तूफान ऐसी हालत पे कोई मर्द नही रुक सकता,,,तभी मेरे लंड ने ज़ोर दार पिचकारी के
साथ अपना माल छोड़ दिया सारा पानी नीचे ज़मीन पर गिरा,,ऑर कुछ मेरे हाथ पे लग गया,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

कुछ
देर मैं ऐसे ही बैठा रहा मेरा हाथ अभी भी उसकी स्कर्ट पर था ऑर दूसरा लंड पर,जब
लंड पूरी तरह सो गया तो मैने उठा कर उसको पयज़ामे के अंदर किया ऑर अपने बेड पे जाके सो
गया,,मैं ज़मीन पर गिरे हुए पानी(स्पर्म) को सॉफ करना भूल ही गया था,,,,

सुबह उठ कर तो याद आया कि मैने ज़मीन पेर ही पानी छोड़ दिया था ऑर उसको सॉफ भी नही
किया था,,,लेकिन ज़मीन की तरफ देखा तो ज़मीन बिल्कुल सॉफ थी,,मैं डर गया कहीं सोनिया
ने उसको देख ना लिया ओर ऑर सबसे बड़ी बात ये थी कि इसको सॉफ किसने किया,,,सोनिया रूम मे
नही थी शायद वो नीचे होगी,,,,,मैं भी तैयार होके नीचे चला गया,,,सोनिया नाश्ता कर
रही थी,,,वो मेरी तरफ बड़ी अजीब नज़रो सी देख रही थी,,,मैं डर गया ,,क्यूकी तभी
डॅड भी वहीं बैठे हुए थे,,मैं डरते हुए डाइनिंग टेबल पे बैठ गया,,ऑर नाश्ता करने
लगा,,,नाश्ता करके मैं ओर सोनिया कॉलेज चले गये,,नेक्स्ट डे कॉलेज मे छुट्टी थी क्यूकी
वेडनेसडे से हमारे टेस्ट शुरू होने थे,,मैं ओर सोनिया घर आ रहे थे तो सोनिया ने बोला
कि मुझे कविता के घर छोड़ देना मुझे टेस्ट की त्यारी करनी है ऑर नोट्स भी तैयार करने
है,,,,,,मैने उसको कविता के घर छोड़ा ऑर घर की तरफ चल पड़ा...घर पहुँचा तो
आज भी बुआ घर पे थी,,,,,अरे बुआ आज भी आप बुटीक पे नही गयी,,

,नही बेटा तेरी मोम घर पे नही है मैं भी चली जाती तो तेरे को खाना कॉन बना कर देता,,,चल तू
फ्रेश होके आजा मैं खाना लगा देती हूँ,,

मैने बोला बुआ फ्रेश बाद मे हो जाउन्गा भूक बहुत लगी है पहले खाना लगा दो प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़...

ठीक है बेटा तुम रूको मैं खाना लगा देती हूँ,,,,,,,

तभी मैने देखा की डॅड उपेर से नीचे आ रहे थे,,,उनके हाथ मे कुछ
फाइल्स थी,,,,अरे डॅड आज आप भी बॅंक नही गये क्या,,,,,

,नही बेटा मैं तो अभी आया मेरी कुछ पुरानी फाइल्स उपेर स्टोर रूम मे पड़ी हुई थी वही लेने आया था,,,इतना बोल कर डॅड
चले गये ऑर बुआ भी खाना लेके आ गयी,,मैं खाना खाने लगा ऑर बुआ सामने वाली चेर पे
बैठ गयी,,,उन्होने अभी तक नाइट सूट ही पहना हुआ था,,जिसके उपेर के 2 बटन खुले हुए
थे ऑर उनका क्लीवेज नज़र आ रहा था,,बुआ ने मुझे उनकी तरफ देखने हुए देख लिया,,
तभी मैने बोला बुआ अभी तो दिन है ऑर आप नाइट सूट ही पहने हो,,,

अरे बेटा मुझे आज बुटीक नही जाना था इसलिए कपड़े चेंज करके क्या करती,,सो मैने नाइट सूट ही पहने
रखा,,,,,,तभी कुछ देर बाद दीदी भी नीचे आ गयी,,,,,,अरे दीदी आप भी कॉलेज नही गयी
आज,,,,,,,,,आज तेरी दीदी की तबीयत ठीक नही थी सन्नी बेटा,,,,

मैं समझ गया कि तबीयत का तो बहाना है आप दोनो ने घर मे मस्ती जो करनी थी,,,,क्यूकी अक्सर जब मोम ऑर मामा जी गाओं जाते है तो बुआ बुटीक नही जाती ऑर दीदी भी बीमारी का बहाना करके घर पे ही
रहती है,,,,,,,,दीदी जाके सोफे पे बैठ गयी ऑर टीवी ऑन कर लिया,,,,मैने भी खाना ख़तम
किया ऑर उपेर अपने रूम मे जाके बाथ लेके टी-शर्ट ऑर बेरमूगा पहन कर नीचे उन लोगो के पास
आ गया,,,,आज दीदी छोटे सोफे पे बैठी हुई थी ऑर बुआ बड़े सोफे पे लेटी हुई थी,,बुआ
के बूब्स ज़्यादा बड़े तो नही थे लेकिन फिर भी हल्के-2 नज़र आ रह थे क्यूकी उनकी नाइटी
के उपेर वाले बटन कूले हुए थे,,,,दीदी का ध्यान टीवी की तरफ था बुआ भी टीवी देखने मे
मस्त थी ऑर मैं बुआ के बूब्स देखने मे,,,तभी बुआ ने मेरी तरफ देखा ऑर हँसने लगी,,
मैने डरकर नज़रे चुरा ली ऑर टीवी देखने लगा,,,,फिर मेरी हिम्मत ही नही हुई दोबारा बुआ
की तरफ देखने की,,,,



शाम क 6:30 बजे ऑर दाद घर पे आ गये,,

,डॅड सोनिया नही आई आपके साथ,

,नही बेटा उसकी कॉल आई थी मुझे कि टेस्ट की त्यारी करनी है इसलिए आज वो कविता क घर पर ही रहेगी रात को
वो बोल रही थी कि आप लोगो के टेस्ट शुरू होने वाले है ,

,यस डॅड वेडनेसडे से टेस्ट शुरू हो रहे है,,,कुछ ऑर भी बोला था क्या सोनिया ने डॅड,,,

,नही बेटा ओर तो कुछ नही बोला,,क्यू कुछ ऑर भी बात करनी थी क्या उसने मुझसे,,,

,नही डॅड मैं तो ऐसे ही पूछ रहा था,,मैंडर रहा था कहीं सोनिया ने डॅड को बता ना दिया हो कि कल हमारी कॉलेज से छुट्टी है,,क्यू कि मैने भी घर पे किसी को नही बताया था कल की छुट्टी के बारे मे ,,मैं कल बुआ ऑर
दीदी को मस्ती करते देखना चाहता था,,,,,



रात को डिन्नर करने के बाद मैं अपने रूम मे चला गया,,थोड़ी देर गेम खेली फिर 10:30
को बाथरूम मे जाके बुआ ऑर दीदी की वेट करने लगा,,लेकिन 11 बजे तक कोई नही आया ,मैं
चुप-चाप बाहर जाके लेट गया ऑर सो गया,,रात को करीब 1 बजे मुझे बड़ी प्यास लगी मैं
उठ कर बाहर गया बाहर के हॉल मे एक फ्रिड्ज रखा हुआ था मैने फ्रिड्ज मे से पानी की
बॉटल निकाली ऑर पानी पीने लगा,,पानी पीने के बाद मैं अपने रूम की तरफ जा रहा था तभी
मुझे बुआ के रूम से हल्की सी आवाज़ आई,,,,,ओह आआहह
मैं समझ गया कि चुदाई का खेल शुरू है मैं डोर के की होल से अंदर देखने लगा ऑर
तभी मुझे दूसरी तरफ के रूम( जो कि बुआ का ड्रॉयिंग रूम है) का डोर खुलने की आवाज़
आई,,मैं झट से अपने कमरे मे चला गया मुझे लगा कहीं डॅड ना हो,,लेकिन मैने सोचा कि
डॅड का उपेर क्या काम,,,,,मैने अपने रूम से कीहोल मे से बाहर देखा तो वो डॅड नही थे
बुआ थी,,,मैने सोचा अगर बुआ उस रूम मे थी तो दीदी किसके साथ एंजाय कर रही थी,,
बुआ ने नाइट गाउन पहना हुआ था जो आगे से पूरी तरह खुला हुआ था,,मैने देखा कि बुआ
ने ना तो ब्रा पहनी हुई थी ऑर ना ही पैंटी,,,बुआ अपने रूम मे चली गयी ऑर तभी बुआ
वापस आ गयी बुआ के साथ मे दीदी भी थी जो बिल्कुल नंगी थी,,,बुआ उसको साथ लेके साथ
वाले ड्रॉयिंग रूम मे चली गयी,,,ड्रॉयिंग रूम मे डोर के बंद होने की आवाज़ सुनके मैं अपने
रूम से बाहर निकला ओर ड्रॉयिंग रूम की तरफ चल पड़ा,,,मैने अंदर देखने की ऑर
आवाज़ सुनने की बड़ी कोशिश की बट कोई फ़ायदा नही हुआ,,,डोर लॉक था ओर कीहोल के सामने
भी कर्टन था ऑर अंदर हल्की आवाज़ मे म्यूज़िक चल रहा था जिसकी वजह से मुझे कोई ओर
आवाज़ भी सुनाई नही दे रही थी,,,,,,मैं निराश होके वापिस अपने रूम मे चला गया,,
मैं इतना ज़्यादा निराश सा हो गया कि अब मेरा दिल भी नही किया कुछ करने को ,,मैं बेड पे
लेट गया ऑर सो गया,,,,
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »


नेक्स्ट मॉर्निंग मैं उठा नाश्ता किया ऑर कॉलेज जाने के लिए निकल पड़ा,,कॉलेज की तो छुट्टी
थी बट मैने घर पे नही बताया था कि आज छुट्टी है,,घर से जाते टाइम मैं घर की चाबी
भी साथ ले गया था,,,,ताकि वापिस आके डोर का लॉक खोल कर बुआ ऑर दीदी का खेल देख सकूँ
मैं घर से निकल कर साथ वाली पार्क पे चला गया ऑर डॅड के जाने की वेट करने लगा,,लेकिन
30 मिंट तक भी डॅड नही गुज़रे वहाँ से,,,फिर मुझे याद आया कि डॅड की कार तो वर्कशॉप पे
दी हुई है ठीक करने के लिए,,मैने सोचा डॅड दूसरी तरफ की रोड से ऑटो रिक्शा लेके बॅंक
चले गये होंगे,,क्यूकी इस रोड पे रिक्शा नही मिलता था वो दूसरी रोड पे मिलता था,,,ये एक
कॉलोनी की रोड थी जबकि मेन रोड दूसरी तरफ थी,,,मैने 15-20 मिनिट ओर वेट किया ऑर घर
की तरफ चल पड़ा,,घर पहुँच कर मैने लॉक खोला ऑर अंदर चला गया,,,
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