कहीं वो सब सपना तो नही complete

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007
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »


फिर मैं रूम से निकल कर अपने दोस्तो को मिलने चला गया,,,, जब वापिस घर पहुँचा
तो 9 बजे थे,,,सभी लोग डाइनिंग टेबल पे बैठे खाना खा रहे थे.मैं बाहर से
खाना ख़ाके आया था तो सीधा उपर अपने रूम की तरफ जाने लगा तो पीछे से डेड
ने मुझे आवाज़ लगाई,,,,,,,,,सन्नी बेटा डिन्नर नही करना क्या,,,मैं बोला नही डेड
मैं अपने दोस्तो क साथ बाहर खाना ख़ाके आया हूँ,,,तभी डेड ने गुस्से मे बोला,,,
अपने आवारा दोस्तो क साथ घूमता रहना ओर बाहर खाना खाते रहना,,ना जनाब का स्टडी
मे ध्यान रहता है ओर ना घर के खाने की तरफ,,,बस अपने बेहूदा आवारा दोस्त चाहिए
बाहर का खाना ओर कंप्यूटर पे वीदीओ गेम्स,,,,,,ओर कुछ तो अच्छा ही नही लगता ,,तभी
मों बोलने लगी,,,,तो क्या हुआ अगर बाहर खाना ख़ाके आ गया ,,कभी कभी दिल करता
है बाहर का चटपटा खाने को, आप तो हर टाइम मेरे बच्चे क पीछे ही पड़े रहते हो.
सरिता एक दिन की बात हो तो ठीक है पर ये नवाबजादे तो रोज रात को बाहर ही ख़ाता
है,,,बच्चा है उम्र है उसकी बाहर खाने की,,,अब फालतू मे मेरे प्यारे बेटे को मत
डांटा करो,,,,तभी मों उठकर मेरे पास आई ओर मुझे अपने सीने से लगा लिया ओर बोला
जा बेटा तू अपने रूम मे,दिल छोटा मत करो,,तुम्हारे डेड की तो आदत है बिना वजह
बोलने की,,,तभी सोनिया बोली,,,,मों कभी हमे भी इतना प्यार कर लिया करो,,,तभी
सोनिया हस्ने लगी ओर बाकी सब लोग भी,,,,सरिता तुमने इन बच्चों को बिगाड़ दिया है
इतना लाड प्यार करके,,,,,,,,,,,,,,,,तो क्या करू मा हूँ,,अपने बच्चों को प्यार नही
करू तो किसको करू,,,,,,,,जा मेरा बेटा तू आराम करले अपने रूम मे जाके,,ओर खुद
वापिस जाके डिन्नर करने लगी..मैं भी उपर की तरफ अपने रूम मे चला गया,,ओर पीसी ओन
करके ग़मे खेलने लगा,,,,,


अभी 15 मिंट हुए थे गेम खेलते तभी सोनिया रूम मे आ गई,,,,,बस गेम ही खेलना
तुम स्टडी मत करना कभी,,,तू ज़्यादा मत बोला कर पागल ,,,,,,गुस्सा क्यू करता है
मेरे सोहने भाई लगता है डेड की बातों का गुस्सा मेरे पे उतार रहा है तू,,डेड की
तो आदत है भाई गुस्सा करने की तुम तो जानते हो,,अच्छा चलो अब गेम छोड़ो ओर नोट्स
त्यार करो अपने मैं हेल्प करती हूँ,,,,मैने बोला नही अभी नही बाद मे,,,,बाद मे
मुझे सोना है भाई ,,,,,तो सो जाओ मुझे अभी गेम खेलना है,,फिर कब करोगे नोट्स
पूरे कल तो सब्मिट करवाने है,,,,,मुझे कल नही करवाने मुझे कुछ दिन बाद करवाने हैं
,,ठीक है तो फिर मैं सोने लगी हूँ तुम गेम खेलो,,,सोनिया अपने बेड पे जाके
लेट गई,,,,हुमारा रूम तो एक था पर बेड अलग-2 थे,एक तरफ सोनिया का बेड ओर दूसरी
तरफ मेरा बेड,,बीच मे कंप्यूटर टेबल था,,सोनिया सो गई ओर मैं गेम खेलता रहा,
फिर कुछ देर बाद मैने पीसी बंद किया ओर सोने लगा पर मुझे नींद नही आ रही थी
मुझे मों को वो गंद ओर बड़े-2 बूब्स याद आ रहे थे,,मैं उठा कर वॉशरूम गया
ओर मों के नाम की मूठ मार के वापिस आके सो गया,,,,



सुबह उठा तो कलाज जाने का मूड नही हुआ,,मुझे पता था भाई आज घर पे है ओर
वो आज भी मों को ज़रूर चोदेगा इसलिए मैं कालेज से छुट्टी करने की सोची,फिर
मैने सोचा की अगर मैं रुक गया तो ये लोग अपना खेल नही खेलेंगे,मुझे कालेज
चले जाना चाहिए,,,,नाश्ता करके मैं रेडी हो गया ओर सोनिया को साथ लेके कालेज
की ओर चल पड़ा,,,रास्ते मे मैने सोचा की कालेज से जल्दी घर चला जाउन्गा ताकि
फिर मों ओर भाई का खेल देख सकूँ,,यही छोचते -2 कालेज पहुँच गया,,मैने सोनिया
को कालेज के गेट क सामने उतारा ओर उसको बोला की तुम अंदर जाओ मैं अपने एक दोस्त के
पास उसको लेने जा रहा हूँ,,,थोड़ी देर मे आ जाउन्गा,,,सोनिया कालेज के अंदर चली
गई ओर मैं बाइक वापिस मोड़ कर घर की तरफ आ गया,,,पर मुझे पता था अभी डेड
ओर बुआ घर पे है ,शोभा तो चली गई थी कालेज ,,,लेकिन सुरिंदर मामा भी तो
है घर पे,लेकिन उनका होना ना होना एक जैसा है,,,,मैने बाइक घर के पास वाले पार्क
के पास रोक दी ओर उतर कर पार्क मे चला गया,,ओर डेड ओर बुआ के जाने की वेट करने लगा
क्यूकी उन दोनो ने एक साथ ही घर से निकलना होता है क्यूकी बुआ का बुटीक ओर डेड
का बॅंक दोनो पास है इसलिए डेड बुआ को साथ ले जाते है,,ओर शाम को बुआ बड़ी
दीदी क साथ अक्तिवा पे आ जाती है,,,,,मैं उन दोनो के निकलने की वेट करने लगा,,,
तभी 15 मिंट बाद दोनो वहाँ से गुज्जर गये,,मैने उनके जाने के बाद भी 30 मिंट तक
पार्क मे वेट किया ओर फिर घर की तरफ चल पड़ा,,घर पहुँच कर मैने गेट को बड़े
प्यार से खोला ताकि कोई आवाज़ ना हो ओर बाइक को भी ऑफ करके घर के अंदर किया,,फिर
मैं घर के मैं डोर की तरफ गया ओर अंदर जाने लगा तो देखा डोर लॉक था,,,
मुझे पहले ही शक था की मेन डोर पे लॉक लगा होगा इसलिए मैं डोर की एक की
अपने साथ ले गया था,,मैने बड़े आराम से लॉक खोला ताकि कोई आवाज़ ना हो ओर अंदर
चला गया

घर के अंदर जाते ही मैने डोर वापिस लॉक किया ओर हल्के कदमो से मोम के रूम की
तरफ गया पर मोम के रूम का डोर ओपन था अंदर देखा तो कोई नही था फिर मैं उस
स्टोररूम की तरफ गया जहाँ भाई सोता था वहाँ भी कोई नही था अब घर पे 2 ही
रूम बचे थे एक था मेरा रूम ओर एक बुआ का,,,पर बुआ तो रूम को लॉक करके जाती
है हमेशा,,मैं उपर अपने रूम की तरफ गया पर मैं सोच रहा था वो लोग नीचे
अपने रूम छोड़ कर उपर मेरे रूम मे क्यू जाने लगे,उपर जाके देखा तो मेरे रूम
मे भी कोई नही था,,मुझे लगा की आज भी वो लोग छत पे स्टोररूम मे होंगे तो
मैं उपर वाले स्टोररूम की तरफ चला गया,,पर वहाँ भी कोई नही था,,,अब मुझे
गुस्सा आ रहा था आख़िर ये लोग कहाँ जा सकते है ओर कोई रूम भी नही बचा,,फिर
मैं नीचे आया ओर घर के पीछे बने हुए गार्डेन मे गया क्यूकी मामा अक्सर यहीः होता
है पर मामा भी नही था ,,मोम ओर भाई भी गायब थे,,,,फिर मेरा दिमाग़ संका,,
घर मे एक रूम ओर था,,,जैसे नीचे 2 रूम्स है वैसे ही उपर भी 2 रूम्स है
नीचे रूम के साथ डाइनिंग रूम ओर किचन है जबकि उपर किचन ओर डाइनिंग रूम की
जगह एक बड़ा सा रूम बनाया हुआ है,,उसमे एक सोफा सेट ओर एक छोटा बेड,,,छोटे का
मतलब ये नही की सिंगल बेड,,,छोटे से मेरा मतलब है की वो बेड नही है जस्ट
ज़मीन पे ही एक 8' मोटा मॅट्रेस रखा हुआ है,,ओर उसके सामने एक टीवी पड़ा है ओर
साथ मे डीवीडी प्लेयर ओर म्यूज़िक सिस्टम,,,,,,,,,,वो रूम बुआ का है,,,,,जब भी बुआ
का कोई दोस्त या बुटीक से कोई जान पहचान वाला आता है तो बुआ उसको वही बिठाती
है,लेकिन बुआ अपने बेड रूम की तरह इस रूम को लॉक नही करती कभी,,,,पता नही
उसके बेडरूम मे कॉन्सा अली बाबा का ख़ज़ाना रखा हुआ है,,,,,मैं वापिस उपर उसी
रूम की तरफ चल पड़ा क्यूकी घर मे एक वही जगह बाकी थी जहाँ मैने मोम ओर भाई
को नही देखा था,,वहाँ भी नही हुए तो इसका मतलब की वो घर पर ही नही है,,
मैं उस रूम की तरफ बड़ा तो मुझे कुछ आवाज़ सुनाई दी ये आवाज़ मोम की थी सेम
वही कल जैसे मोम अहह उहह कर रही थी,,
मैं समझ गया की खेल चालू है अंदर,,मैं डोर के करीब पहुँचा तो आवाज़ तेज हो
गई,,,कल तो मोम को डर था कहीं कोई आ ना जाए इसलिए स्लो आवाज़ कर रही थी पर
आज उनको यकीन था कोई आने वाला नही है इसी लिए वो बिना क़िस्सी डर के खुलके एंजाय
कर रही थी ओर तेज आवाज़ मे अहह उहह कर रही
थी,,मैं डोर क पास पहुँचा तो देखा रूम अंदर से बंद था,,मैने कीहोल मे से
अंदर देखने की कोशिश की तो देखा की मोम उसी छोटे बेड पे पूरी नंगी भाई के
उपर बैठी हुई थी ओर भाई का लंड चूत मे लेके उपर नीचे हो रही थी,मुझे कुछ
क्लियर नही दिख रहा था,,,,रूम मे अंधेरा नही था बल्कि रूम मे फेन आन था जिसकी
वजह से रूम मे कर्टन हिल रहा था ओर बार बार कीहोल क सामने आ रहा था,फिर
जब कर्टन साइड होता तो मुझे मोम का साइड पोज़ नज़र आ जाता,,मोम बड़ी तेज़ी से उपर
नीचे हो रही थी जिस वजह से उनके बूब्स भी उछल रहे थे इतने बड़े बूब्स थे की
मेरे दोनो हाथों मे एक बूब पूरा नही आ सकता था,,लेकिन एक बात थी मोम की उम्र
इतनी हो गई थी पर फिर भी बूब्स ज़रा सा भी लटके नही थे हाँ थोड़े नीचे की
तरफ ज़रूर हो गये थे पर इतने बड़े बूब्स का हल्का सा नीचे झुकना तो जाएज है,,

कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »



मैने देखा की मोम उपेर नीचे हो रही थी ओर लंड उनकी चूत मे अंदर बाहर हो रहा
था आज मुझे ये लंड कल से बड़ा लग रहा था ओर रंग मे भी काला था मैने सोचा
काला तो इस लिए लग रहा होगा क्यूकी मोम उपर बैठी है ओर लाइट नही पद रही है
लंड पे लेकिन एक ही दिन मे लंड बड़ा कैसे हो गया ये लंड कम से कम 9' इंच का था
मुझे लगा ये भाई नही हो सकता क्यूकी एक दिन मे लंड बड़ा नही हो सकता,तभी मुझे
जिसस बात का दर था वही हुआ उस आदमी ने अपने हाथ मेरी मों क बूब्स पे रखे मेरी
मोम के बूब्स दूध की तरह वाइट थे जबकि उसकी तुलना मे हाथ बहुत ही काले लग
रहे थे,जबकि मेरा भाई तो मोम की तरह गोरा चिटा है क़िस्सी कश्मीरी की तरह
मेरा दिमाग़ खराब हो गया मैं सोचने लगा की ये कौन है तभी मुझे नज़र आया की
रूम मे 2 न्ही 3 लोग है मैं ओर परेशान हो गया.मैने देखा की कोई मेरी मोम के बगल
मे खड़ा हुआ था ओर अपने लंड मोम के मूह मे डाल रहा था मैने ध्यान से देखा तो
वो विशाल भाई था,,मोम भाई का लंड मूह मे लेके चूस रही थी ओर नीचे लेते हुए
आदमी का लंड चूत मे लेके उछल रही थी,,फिर मोम ने भाई के लंड को मूह से निकाला
ओर उस आदमी के उपर झुक गई ओर भाई ने मोम के पीछे जाके अपना लंड मोम की गंद मे
डाल दिया,,,मैं दंग रह गया की मेरी मा दो लोगो से एक साथ चुद रही है,,इस टाइम
मुझे मेरी मा क़िस्सी बाज़ार की रंडी लग रही थी जो एक लंड से खुश नही थी ओर
2 लंड से चुद रही थी,,,नीचे से वो आदमी पूरे ज़ोर से मा की चूत मार रहा था ओर
पीछे से भाई अपने लंड से मों की गंद फाड़ रहा था,,मों अहह
उहह हययययययययययययईईईईईईईई कर रही थी भाई भी
कुछ एसी आवाज़ कर रहा था पर वो आदमी न्ही ,,,,मुझे उस आदमी की ज़रा सी आवाज़ भी
सुनाई नही दी,,तभी कुछ देर बाद भाई ने अपना लंड मों की गंद से बाहर निकाला ओर
खड़े होके फिर से मों के मूह मे डाल दिया,,मों ने भी बड़े प्यार से उसको चूसना
शुरू कर दिया,हाँ मों एसे ही चूसो अपने बेटे क लंड को अहह उहह
आहह पूरा मूह मे लेके चूसो मों आआआआआआअहह
उउउहह मों कभी लंड को मूह के अंदर करती कभी बाहर ओर
कभी कभी लंड की टोपी की होंठो मे लेके चुस्ती ओर अपनी ज़ुबान से चाट्ती ओर अपने
हाथ से भाई की बॉल्लस को सहलाती उधर उस आदमी ने नीचे से मोम की चूत मे अपने लंड
को स्पीड से पेलना जारी रखा ओर हाथों से मों के बूब्स को मसलता रहा,,फिर कुछ
देर बाद भाई ने अपना लंड मों के मूह से बाहर निकाला ओर नीचे लेट गया अब मों ने
उस आदमी क लंड को अपनी चूत से निकाला ओर उठा कर भाई क उपर चली गई ओर भाई के
लंड को अपनी चूत मे ले लिया फिर मैने देखा की वो आदमी भी उठा कर खड़ा हो गया
ओर उसने अपने बड़ा ओर मोटा मूसल जैसा लंड मों क मूह क पास कर दिया,,,उस आदमी की
पीठ मेरी तरफ थी जिसस वजह से उसका चहरा मुझे नज़र नही आ रहा था,मों उसके
लंड को बड़े प्यार से चूस रही थी ये लंड भाई क लंड से बड़ा ओर मोटा था फिर भी
मों बड़ी आसानी से इसको मूह मे लेके चूस रही थी जैसे कोई रंडी चुस्ती है,,नीचे
लेता हुआ मेरा भाई मों की चूत को बड़ी तेज़ी से बजा रहा था ओर चिल्ला रहा था
आअहह हमम्म्मममममममममममममममममममममममम मों बड़ा मज़ा आ रहा है
आहह काश दिल करता है एसे ही आपकी चूत मे लंड डालके लेता
राहु आअहह उूुुुुउऊहह क्क्कय्या ंमाज़्जा
हहाऐईयइ म्*मम्मूऊओंम्म्म आअप्प्प्क्कीईइ कक्चूवततत्त कककााअ आअहह
दिल्ली मे कितनी लड़कियों को चोद चुका हूँ पर कभी इतना मज़ा नही आता जितना मज़ा
आपके साथ आता है,,,,आआहह उूुउऊहह
तभी मैने देखा की उस आदमी ने अब अपना लंड मों के मूह से बाहर किया ओर मों के
पीछे जाके खड़ा हो गया मों ने उसका इशारा समाज लिया ओर भाई के पेट के उपर को
झुक गई मैं समझ गया की अब ये मों के गंद मे लंड डालने वाला है,तभी उसके अपने
लंड को मों की गंद के होल पे रखा ओर धक्का मारा पर लंड अंडर नही गया बल्कि
फिसल कर दूसरी तरफ मूड गया उसने दोबारा से कोशिश की पर कोई फायेदा नही हुआ अब
उसने अपने हाथ मे थूक लगा कर थोड़ा थूक मों की गंद के होल पर ओर थोड़ा अपने
लंड की टोपी पे लगाया ओर फिर से लंड को गंद क होल पे रखा ओर एक जोरदार धक्का
मारा तो लंड एक ही बार मे 6-7 इंच तक अंडर चला गया ओर मों की चीक निकल गई
ये चीख बड़ी ज़बरदस्त थी अगर रूम का डोर खुला होता तो पूरे घर मे ये चीख
गूंजने लगती,,उस आदमी ने अपना लंड थोड़ा बाहर की तरफ किया ओर फिर एक धक्का मारा
तो उसका पूरा का पूरा लंड मों के गंद फड़ता हुआ अंदर तक चला गया ओर मों फिर से
च्चिल्ला उठी हयीईईईईईईईई म्*म्म्ममाआआररररर गगगगगगगगयययययययीीईईईईईईईईईईईई
त्ततहूऊररर्राआ आअरर्राांम्म्म सस्सीई न्न्नाआहहिईिइ ककक्काआरररर सस्साआक्ककत्ता
कककाामम्मिईईईन्न्न्नीई म्*म्मईएरररिइ ग्गगाआअन्न्ँद्दद्ड पफाआद्द्दननीईए ककक्कााअ
ईईइइररराआद्ददडाा हहााअ क्क्यय्याअ मैं समझ गया था की मों को दर्द हुआ है ओर
दर्द हो भी क्यू ना उस आदमी का लंड क़िस्सी घोड़े क लंड जितना बड़ा था जो किसी भी
औरत की गंद फाड़ सकता था तभी कुछ एसा हुआ जिसकी उमीद नही थी मुझे फेन की
वजह से कर्टन हिला ओर मुझे उस आदमी का चेहरा नज़र आया,,मेरी तो सांस ही रुक गई
एसा लगा जैसे अभी मेरा दिल भी धड़कना बंद कर देगा,,वो आदमी कोई ओर नही मेरा
मामा सुरिंदर था,,,हे भगवान ये मैं क्या देख रहा हूँ मेरी मों अपने बेटे ओर
भाई से एक साथ चुदवा रही थी,,,,,मुझे यकीन नही हो रहा था,,मेरा दिल किया की
डोर खोल कर अंदर चला जाउन ओर सबको गोली मार दूं,,,,,ओर कभी दिल किया की मैं
भी अंदर जाके इस खेल मे शामिल हो जाउन,,,,पर मैं अभी बहुत छोटा था मेरी हिम्मत
नही हो रही थी ये सब करने की,,मेरा भाई ओर मामा मिलकर मेरी मों को चोद रहे
थे,,,चोद क्या रहे थे मों की चूत ओर गंद को फाड़ रहे थे,,तभी मों ने तेज
आवाज़ निकलनी शुरू करदी आआआआआआहह उूुउऊहह ओर
त्तहूड्दाअ त्टीजज क्काररू तटुउंम्म दद्दून्न्नूओ म्मीरररा प्प्पांनी ननीककाल्लननईए
व्वाअल्ला हहाऐ,,तभी भाई बोला मम्मूंम्म तूऊददाा ररुउउक्क्कूव म्*म्मईएरर्राा
बभहिि हहून्न्नईए वव्वाअल्लाअ हहााईयइ ब्ब्ब्बाअस्स तभी भाई ने अपनी स्पीड
तेज करदी ओर मामा ने भी,,, 2 मिंट बाद मों ओर भाई तेज तेज बोलते हुए झड़ गये ओर
तभी मामा भी झड़ गया भाई ने अपने पानी से मों की चूत ओर मामा ने मों की गंद
भर दी,,मामा ने अपने लंड निकाला ओर हफ़्ता हुआ एक साइड पे लेट गया मोम भी भाई
के उपर से हट कर नीचे लेट गई,,पहले मामा लेटा हुआ था फिर मोम ओर लास्ट मे भाई
सामने सोफा पड़ा हुआ था मुझे उनके चहरे तो नज़र नही आ रहे थे पर उनकी टाँगे
ज़रूर नज़र आ रही थी,,,,,सब लोग तेज तेज साँसे लेके हाँफ रहे थे,,हानफते भी
क्यू ना ये चुदाई कम से कम 50-60 मिंट चली थी,,क्यूकी पिछले 40 मिंट से तो मैं
खुद देख रहा था ओर ये लोग मेरे आने क पहले से लगे हुए थे,,,,,,,,,,,,,,


कुछ देर बाद सबकी हालत ठीक हुई तो वो लोग बातें करने लगे,पहले मामा बोला,,,,
आज तो मज़ा आ गया बहना,,,,,,मैने नोट किया की मामा सेक्स करते टाइम कोई आवाज़ नही
करता था ज़रा सी भी नही,,,,,,हां मेरे राजा भाई बहुत मज़ा आया है आज,,वैसे
तो ये मज़ा रोज ही आता है पर आज मेरा बेटा भी यहाँ है तो आज का मज़ा डबल हो
गया है,,तुम रोज आया करो बेटा रोज इतना मज़ा आएगा,,,,जैसे अभी फोन करके मुझे
बुलाया है मों वैसे ही रोज बुला लिया क्रो,,,मैं तो रोज फोन कर दूं बेटा पर तुम
रोज नही आ सकते ,,ये बात तो है मों,,,,कालेज से तो छुट्टी कर सकता हूँ पर
जॉब से छुट्टी नही मिलती,,,,,वैसे मों तुमने इस बार मुझे जल्दी बुला लिया,,अभी 15
दिन पहले ही तो तुम दिल्ली आई थी मामा के साथ जब मुझे ऑफीस से छुट्टी थी,,,तब
भी तो 3 दिन तक मैने ओर मामा ने तुम्हारी खूब चुदाई की थी,,,हाँ बेटा याद है
पर क्या करू तेरे लंड की प्यासी रहती हूँ मैं हमेशा,,रोज दिल करता है तेरा लंड
अपनी चूत मे लेने को,,,,,,,,रोज रोज मामा तो आपके पास ही होते है ना मों,,,तो उनका
लंड ले लिया करो,,,,तेरे मामा का लंड तो रोज लेती हूँ बेटा जब सब लोग घर से
चले जाते है तब पर अब एक लंड से रोज रोज चुदके मज़ा नही आता,,,अब तो मुझे
तुम दोनो से एक साथ चुदके मज़ा आता है,,,,अब कल तूने चले जाना है तो मैने फिर
से प्यासी हो जाना है,,,,,,कोई बात नही मों तो 2 वीक बाद मुझे 2 दिन की छुट्टी है
आप वहाँ आ जाना मामा को साथ लेके मेरे फ्लॅट पे,,,नही बेटा अब बार बार गाओं जाने
का बहाना लगा कर तेरे मामा क साथ दिल्ली आना मुश्किल है,,तुम ही आ जाना,,,,,नही
मों मैं नही आ सकता 2 दिन की छुट्टी मे मेरा एक दिन तो सफ़र मे बीत जाता है,,
ठीक है बेटा मैं कोशिश करूँगी,,तभी मामा बोला पड़ा,,,बहना अभी तो तेरे बेटे
ने कल जाना है अभी तो बहुत टाइम है,,क्यू ना एक ओर राउंड हो जाए,,,,,मोम बोली क्यू
नही भाई मैं तो हमेशा तयार रहती हूँ,,,,,,,,,वैसे भी अभी बहुत टाइम है
सन्नी ओर सोनिया क आने मे,,,बोलते बोलते मोम उठी ओर दोनो हाथों से दोनो लंड को पकड़
लिया ओर मूठ मरने लगी ओर बारी-2 दोनो को चूसने ओर चाटने लगी,,कुछ ही देर मे
दोनो लंड अपनी ओकात मे आ गये थे,,,,मैं समझ गया की अब दोबारा से चुदाई का
खेल शुरू होने वाला है,,पर मुझे अब यहाँ से जाना होगा कहीं इनको पता नही
लग जाए की मैं यहाँ हूँ,,मैने चुप चाप वहाँ से निकलने की सोची ओर वहाँ से
चला गया..नीचे जाके मैने डोर को अनलॉक किया ओर बाहर जाके फिर लॉक लगा दिया ओर
बाइक लेके वहाँ से चला गया

कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

मैने बाइक घर के पास वाले उसी पार्क पर रोक दी ओर उतर कर पार्क के अंदर चला
गया ओर एक टेबल पर बैठ कर आज की घटना के बारे मे सोचने लगा ,,मेरी मोम कितनी
बड़ी रंडी निकली अपने ही बेटे ओर भाई से चुद रही है वो भी एक साथ.ओर रोज सब लोग
घर से चले जाते है तो रोज ही मामा से चुदती है यहाँ तक की अपने गाँव जाने का
झूठा बहाना लगा कर मामा के साथ भाई के दिल्ली वाले फ्लॅट पे जाके भी चुदती है,,
यही सोचते-2 पता नही कब कालेज से छुट्टी का टाइम हो गया मैने बाइक उठाई ओर
ठीक टाइम पे कलाज के बाहर पहुँच गया,,सोनिया आई ओर पूछने लगी,,,आज तुम्हारा
बाइक नही दिखा मुझे कालेज मे,,,,कहाँ गये थे,,,कालेज बंक किया क्या,,,मैने
बोला नही पागल मेरे दोस्त की तबीयत ठीक नही थी इसलिए उसको लेके डॉक्टर के पास
गया था,अभी कुछ देर पहले ही,ठीक है भाई,,,,,अब घर चले,,,,तू बैठेगी तभी
चलूँगा ना,,,,ओर दोनो भाई बहन हस्ने लगे ओर बातें करते करते घर आ गये,घर
पहुँचे तो देखा मामा गेट पे खड़ा हुआ था ,,,,मामा जी बाहर खड़े क्या कर रहे हो
,,,तुम्हारा वेट कर रहा था बेटा,,,,,,क्यू मामा कोई काम था क्या,,,,,,,,,हाँ बेटा थोड़ी
देर के लिए तेरा बाइक चाहिए था मुझे कहीं जाना है,,,मैं ओर सोनिया बाइक से उतर
गये ओर बाइक मामा जी को दे दिया मामा जी बाइक लेके चले गये ओर मैं ओर सोनिया घर के
अंदर चले गये,,मैने सोचा की कितना बड़ा कमीना है मेरा मामा अभी कुछ देर पहले
ही अपनी बेहन को रंडी बना के चोद रहा था ओर अभी इतना शरीफ बना खड़ा था जैसे
कुछ किया ही नही,,,,घर के अंदर गया तो मोम रोज की तरह किचन मे थी ओर भाई
हॉल मे टीवी देख रहा था,,,,मोम ने हमको फ्रेश होने का बोला ओर खाना लगा दिया,,
मैने ओर सोनिया ने खाना खाया ओर अपने रूम मे चले गये,,,सोनिया आराम करने लगी ओर
मैं गेम खेलने लगा,,,,,


कुछ देर ग़मे खेलने क बाद मैं उठा ओर बाहर चला गये अपने दोस्तो के साथ मस्ती
करने.आज घर वापिस आने मे ज़रा लेट हो गया था मैं.सब लोग खाना ख़ाके अपने रूम्स
मे जा चुके थे.मैं घर मे घुसा तो मामा सामने बैठा टीवी देख रहा था ओर मुझे
बिना शोर किए उपर जाने का इशारा किया,,क्यूकी अगर मैं शोर करता तो डेड बाहर आ
जाते और फिर मेरे को डाँट पड़ती..मैं चुप चाप अपने रूम मे चला गया सोनिया फ़ोन पे
अपने दोस्तो से बात कर रही थी..मैने कपड़े चेंज किए ओर बेड पे लेट गया.बेड पर
लेट-ते ही मुझे दिन की घटना याद आने लगी कैसे भाई ओर मामा मोम की चुदाई कर
रहे थे,,तभी मेरे लंड ने ओकात मे आना शुरू कर दिया,मेरा दिल पीसी मे पॉर्न मूवीस
देखने का हुआ ओर मैने सोनिया को बोला की जल्दी पीसी फ्री करो मुझे ग़मे खेलना है,,
ठीक है भाई बस 5 मिंट,,,,,,5 मिंट बाद सोनिया ने पीसी फ्री कर दिया ओर जाके बेड पे
लेट गई ,,,मैने पीसी टेबल से एल.सी.डी को अपनी तरफ टर्न कर लिया ओर कीबोर्ड ओर माउस
को बेड पे रख लिया,,,सोनिया को पता था की मैं अक्सर एसे ही बेड पे बैठ कर गेम
खेलता था पर ये बात ओर थी की मैं ग़मे नही खेलता था बल्कि पॉर्न मूवी देखता
था,,तभी मैने गोंज़ क्षकशकश साइट ओपन की,,वहाँ बहुत सारी केटेगरीस थी,,,पहले तो
मैं कोई भी मूवी देख लेता था पर अब मैने मोम को नंगी देख लिया था इसलिए
मैने मी फ्रेंड'स हॉट मोम वाली एक वीडियो प्ले की जिसमे एक मेच्यूर लेडी(लिसा अन्न) अपने
बेटे के फ्रेंड के साथ सेक्स करती है,,मोविए मे मुझे वो औरत मेरी मा ओर लड़के की
जगह मैं खुद नज़र आ रहा था,,वो लड़का बाथरूम जाने के बहाने अंदर जाता है
ओर अपने दोस्त की मोम के बारे मे सोच कर मुठ मारने लगता है ग़लती से वो डोर क्लोज़
करना भूल जाता है तभी वो लेडी बाथरूम मे आती है ओर उस लड़के को मुठ मारते हुए
देख लेती है पहले तो वो एक दम से शर्मिंदा हो जाती है ओर पीछे की ओर मुड़ने लगती
है पर जब वो ध्यान से लड़के के बड़े लंड को देखती है तो अपना इरादा बदल देती
है ओर लड़के के करीब जाके उसके लंड को पकड़ लेती है लड़का भी आगे होके उसके लिप्स
को किस कर लेता है साथ साथ वो किस करते है ,,लेडी का हाथ लंड पे आगे पीछे
होके उसकी मूठ मरने लगता है ओर लड़का अपने हाथों से लेडी के बूब्स मसालने लगता
है कुछ ही देर मे लेडी नीचे अपने घुटनो के बल बैठ जाती है ओर लंड को मुँह मे
लेके लॉलिपोप की तरह चूसने लगती है लड़के का लंड 7-8 इंच का होता है जिसको वो
पूरा का पूरा मूह मे लेके चूसती है ओर कभी कभी लंड को मुँह से निकल कर उसकी
टोपी को अपनी ज़ुबान से चाटने लगती है फिर बीच-2 मे लंड को बाहर निकल कर अपने
मुँह से लंड पर बहुत सारा थूक लगा देती है ओर दोनो हाथों से मुठ मारने लगती
है फिर वो खड़ी हो जाती है ओर लड़के का हाथ पकड़ कर उसको बेडरूम मे ले जाती
है



बेडरूम मे जाके वो अपने कपड़े उतार कर नंगी हो जाती है ओर लड़के को भी नंगा कर
देती है फिर बेड पे लेट जाती है ओर टाँगे खोल देती है लड़का समझ जाता है ओर
अपना फेस उसकी चूत के पास ले जाता है ओर चूत को चाटने लगता है वो अपनी एक
फिंगर चूत मे डाल देता है ओर चूत के चॅम्डी को मूह मे लेके चूसने लगता है,
करीब 5 मिंट चूत चाटने के बाद वो खड़ा हो जाता है ओर अपने लंड उसकी चूत मे
डाल देता है ओर ज़ोर ज़ोर से चोदने लगता है ओह ईसस्सस्स फुऊूक्ककककक मईए
हहाअरर्र्र्र्दद्दीईरररर ,,,ऊऊओह ययययईएससस्स फ़फफुऊूउक्ककककककक म्*म्म्मीईए ऊओ
ईएससस्स ,,लड़का भी स्पीड तेज कर देता है,,5 मिंट एसे चोदने के बाद लड़का अपना
लंड बाहर निकल लेता है ओर बेड पे लेट जाता है लेडी उठ कर पहले लंड को मूह मे
लेक चूसती है 2-3 मिनिट ओर बाद मे लड़के के उपर चॅडके लंड को चूत मे ले लेती हे
ओर उपर नीचे होके खुद को चुदवाने लगती है लड़का अपने हाथ उसके बूब्स पे रख
लेता है ,,तभी मुझे वो सेशन याद आता है जब आज मामा मोम को चोद रहा था,,मोम
भी एसे ही मामा के लंड पे बैठ कर खुद को चुदवा रही थी ओर मामा के हाथ भी
मोम के बूब्स पे थे,,
तभी मेरे से कंट्रोल नही हुआ ओर मैने मूवी बंद करदी ओर उठा कर वॉशरूम मे
चला गया मूठ मारने,,मैने वॉशरूम मे जाके कपड़े उतारे ओर नंगा हो गया फिर
शवर ओं कर दिया ओर खुद टाय्लेट सीट पेर बैठ कर लंड पे आयिल लगा कर मालिश
करने लगा,,,,मैं अक्सर एसे ही मुठ मारता हूँ पहले शवर ओं करता ताकि बाहर
मेरी सिस को एसा लगे की मैं बाथ ले रहा हूँ फिर आयिल लगा कर कम से कम 15
मिनिट लंड की मालिश करता हूँ ओर बाद मे पानी निकालता हूँ,,,,,,मैने क़िस्सी बुक
मे पड़ा था की आयिल की मालिश करने से लंड का साइज़ बड़ा होता है ओर लंड काफ़ी
मजबूत भी हो जाता है,मैं मोम के बारे मे सोचता रहा ओर मालिश करता रहा फिर
मैने पानी छोड़ दिया फिर 2 मिंट शावर के नीचे खड़ा रहा ,,बाद मे मैने शावर
बंद किया ओर कपड़े पहन कर बाहर जाने लगा,,,,तभी मुझे हल्की सी आवाज़ सुनाई दी
ये आवाज़ साथ वाले रूम से आ रही थी,,गीता बुआ के रूम से,,मुझे लगा की कोई बुआ
के बाथरूम मे है क्यूकी दोनो बाथरूम साथ-साथ थे,,आवाज़ से एसा लग रहा था की
जो भी इस टाइम बाथरूम मे है वो मज़ा कर रहा है,,अब वो बुआ थी या शोभा सिस ये
कहना मुश्किल था,,इतना तो पक्का था की वो भी चूत मे उंगली डालके मुठ मार रहा
था,,,,मैं दीवार से कान लगा कर आवाज़ सुनने लगा ,,जैसे ही मैने कान लगाया आवाज़
बंद हो गई लगता था की उसने पानी छोड़ दिया था,,मैं वापिस रूम मे आके लेट गया.
मैं थक गया था मुठ मारके ओर टाइम भी 11 बजे का था इसलिए मुझे नींद आ गई,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »


सुबह जब उठा तो सब लोग नाश्ता कर रहे थे ,,,भाई दिल्ली को जा चुका था उसकी
ट्रेन थी सुबह 5 बजे की,,मैने भी नाश्ता किया ओर सोनिया को लेके कालेज चला गया
लेकिन आज भी मेरा मूड नही था कालेज जाने का,,मुझे पता लग गया था की सब लोगो
के घर से चले जाने क बाद हर रोज मोम ओर मामा चुदाई करते है इसलिए मैने सोनिया
को कालेज के गेट पे उतार दिया ओर खुद वहाँ से जाने लगा,,,तभी सोनिया ने बोला
भाई आज भी कलाज बंक करना है क्या,,मैने बोला नही स्टुपिड मैं तो अपने दोस्त को
लेने जा रहा हूँ उसकी तबीयत ठीक नही है,,,कुछ देर मे आजाउन्गा ,वो बोली ठीक
है भाई ओर कालेज के अंदर चली गई ओर मैं वापिस आके वही घर के पास वाली पार्क
मे बैठ गया डेड ओर बुआ के जाने की वेट करने लगा,,,डेड ओर बुआ कार मे बैठ कर
चले गये उनके जाने के 30 मिनिट बाद मैं घर की तरफ चला गया,मैने बाइक यहीं
पार्क के पास खड़ा कर दिया ओर पैदल घर की तरफ चल पड़ा,,घर पहुँचा तो डोर
लॉक था,,,मुझे पहले से पता था ,,,मैने की से लॉक खोला पर बड़े आराम से ताकि
कोई शोर ना हो ओर बड़े हल्के कदमो से घर मे एंटर हो गया,,जब मैं घर मे एंटर
हुआ तो देखा मोम के रूम का डोर खुला था ओर अंदर से आहह उहह
की आवाज़ भी आ रही थी,,मैं समझ गया की चुदाई का खेल शुरू हो गया है,,रूम
का डोर तो ओपन था पर कर्टन आगे की तरफ किया हुआ था,,मैने डोर के पास जाके
कर्टन को हल्का साइड पे किया ओर चुपके से अंदर देखने लगा,मोम ओर मामा पूरे नंगे
मों बेड पे लेटी हुई थी ओर मामा उसके उपर लेट कर उसको चोद रहा था ,,मामा पूरी
स्पीड पर था उसने मोम के एक बूब्स को अपने मूह मे लिया हुआ था ओर एक बूब को हाथ से
मसल रहा था मोम ने भी अपनी बाहों से मामा की पीठ को जकड़ा हुआ था ,,,आहह
मीईररररीई रर्राआज्जजाआ बभीीयय्य्ाआअ ीसस्सीई हहिि कक्चहूओद्दद्डूऊऊ
आआअप्प्पंनननिईीई बबबीईहाआंणन्न् कककूऊ प्प्प्ुउउर्र्राा ल्ल्लुउन्न्ञँदडड़ गगूउस्स्साआ
दद्दूऊ म्*म्मीर्ररीि कककचूऊऊथततत्त म्*म्म्मीई फहाआड्द्ड़ दददाअल्ल्लूऊ ईीसस्क्कूव
आअहह एसस्स्सिईई हहिईिइ ऊओरर तीएज ऊऊररर टत्त्तीईएजज़्ज़्ज्ज मामा को भी
मों की बातों से मस्ती आ गई थी उसने भी अपनी स्पीज़ तेज करदी ओर बूब को भी ज़ोर
से मसल्ने लगा ओर दूसरे बूब को ज़ोर से चूसने ओर काटने लगा आआअहह ईएसस्सीईए
हहिईीई म्*म्मास्स्सल्लूऊ प्पुउउर्रीए ज्ज्ज्ूओर्रर सस्सीए म्मईएररी ब्ब्बूऊबब्ब कक्कूव ऊरर
ज्ज्जूर्र ससीई कककाअततटूऊ 10 मिंट मामा एसे ही मोम के उपर लेट कर उसको चोद्ता
रहा फिर उठा कर बेड से नीचे खड़ा हो गया ओर मों को बेड की साइड पे करके नीचे
झुका दिया ओर खुद उसके पीछे खड़ा हो गया( डॉगी स्टाइल) ओर पीछे से मों की गंद पे
अपना लंड रख दिया,,भाई तेरे को मेरी गंद ही इतनी प्यारी क्यू लगती है जब देखो
गंद के पीछे पड़े रहते हो कभी चूत को भी जमकर छोड़ लिया करो,,मामा कुछ नही
बोला ओर थूक लगा कर लंड को गंद मे गुस्सा दिया,,मों हल्की सी चिल्ला उठी पर मामा
को कोई असर नही हुआ उसने लंड को गंद पे पेलना जारी रखा कुछ देर बाद मों को मज़ा
आने लगा ह्म्*म्म्मममममममममममम ऊऊऊऊऊओह आआआआअहह बाहहिि
तततुउउउ कच्छाहीई म्*म्मीररीि ग्गगाणनदडड़ म्माररीए इय्याअ कककचहूवततत प्पुउउर्री
जजूस्शह ससीए म्मार्रत्तता हहाइईइ ब्बुउथत् ज्ज्जययाद्दा म्*ंमाज़्जाअ ततुउुज्ज्झहहीए
गगाणनद्दद्ड म्*म्मार्रनननीई म्मी हहिी आअत्तता हहाआऐययइ ,,,,ब्बबुऊउथत् म्मूउज़्झहही
तटूऊ ईकक स्सात्ततह द्डू ल्लुउन्न्ड्ड़ ल्ल्लीन्*णनी म्*म्मी ज्ज्जययाद्दा म्*ंमाज़्ज़जा आट्तटा
हहाऐ छूतततत म्*म्मईए त्तीरररा ऊओरर ग्गगाणन्दड़ म्*म्मी व्ववीीसस्शाअलल्ल्ल कककाा
तभी मामा ने लंड को गंद मे पेलते हुए अपनी 2 उंगलिया मों की चूत मे घुसा दी ओर
चूत को उंगलियों से चोदने लगे,,,,हाआंन्*नणणन् बब्बहाऐईयईई आअब्ब्ब आआय्याअ
म्*म्माअज़्जजजाअ आआब्ब्ब ल्लाग्गतताअ हहाइी म्मायन्न्न 2 ल्लुउन्न्ड्ड़ ससी कच्छुद्द्द्द्दद्ड
र्रााहहिि हूओंणन्न् करीब 10 मिंट एसे ही मों की गंद को लंड से ओर चूत को उंगली
से चोदने के बाद मामा झड़ गया ओर मों भी उनके साथ झड़ गई दोनो थक कर बेड मे
बेसूध होके लेट गये दोनो की साँसे बहुत तेज थी,,फिर कुछ देर बाद जब वो नॉर्मल
हुए तो मों बोली भाई मज़ा आया क नही,,,मुझे तो रोज मज़ा आता है बहना तेरी गंद
मार कर तू बता तुझे मज़ा आया या नही,,,,मुझे भी बहुत मज़ा आया भाई,,सच बता,,
साची भाई ,,,,पर तुझे तो 2 लंड एक साथ लेने मे ज़्यादा मज़ा आता है,,,,ये बात तो
है भाई 2 लंड से चुदाई का अपना ही मज़ा है,,ओर ये आदत भी अपने ही डाली थी मुझे
भूल गये,,,,,नही भूला कुछ भी बहना सब याद है,,आख़िर मैने ही तो तेरे लिए
दूसरे लंड का इंतज़ाम किया था,,वो भी तेरे अपने बेटे का,,तब वो 18
का था,,अपना बेटा ही तो मुझ जैसी 40 साल की औरत को देख कर चोदने को मान
गया था वेर्ना अब मेरे मे बचा ही क्या है,,,,,,,,,एसा मत बोल बहना अभी भी बहुत
रस बाकी है तेरे मे जो मुझे ओर विशाल को मिलकर पीना है,,वैसे भी तू अपने आप
को कम मत समझ बहना आज भी तू अगर अपनी नंगी गंद को ज़रा सा मटका दे तो 1000
जवान लंड पानी छ्चोड़ देंगे,,,नही भाई अभी वो बात नही रही मेरे मे,,,,,क्यू बहना
भूल गयइ मैं भी तो 16 का था जब पहली बार तुझे चोदआ था,,तब तो मैं भी
19 की थी भाई जवान थी ओर मस्त भी,,,अभी भी तू कम मस्त नही है मेरी जान,,

कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

अगले दिन जब उठा तो तबीयत ठीक थी नाश्ता किया ओर कालेज चला गया आज भी दिल
तो कर रहा था की बंक करके घर वापिस आ जाउन ओर मोम की चुदाई देखु पर आज एसा
नही कर सकता था आज कालेज जाना ज़रूरी था क्यूकी आज नोट्स सब्मित करवाने थे
इसलिए छुट्टी होने तक कालेज मे ही बोर होता रहा ,,जब छुट्टी हुई तो सोनिया को
लेके घर आ रहा था तभी सोनिया ने बोला भाई मुझे कविता के घर छोड़ देना मुझे
कुछ काम है,,,,मैने उसको कविता के घर छोड़ा ओर खुद घर की तरफ चल पड़ा,,,
घर पहुँच कर खाना खाया ओर अपने रूम मे चला गया तभी कॉफी पीने का दिल किया
सोचा की मों को बोलता हूँ कॉफी बनाने के लिए जैसे ही नीचे गया तो देखा मों अपने
रूम मे नही थी जब मैं किचन की तरफ गया तो देखा की मों ओर मामा दोनो बाँहों
मे बाँहे डाल कर किस कर रहे थे पहले तो मैने सोचा की अंदर चला जाउन पर
मेरी हिम्मत नही हुई,,फिर मैं पीछे मूड गया ओर वापिस सीडियूं के पास जाके आवाज़
लगाई,,,,,मों मुझे एक कप कॉफी बना दो प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ आवाज़ लगाने के बाद ही जल्दी से
मामा किचन से बाहर आ गया,,,ओर पीछे-2 मों भी,,,,अरे मेरे बेटे को कॉफी पीनी
है,,मुझे तो लगा था तुम खाना ख़ाके सो गये हो,,,,हाँ यही लगा होगा तुझे तभी
तो किचन मे भी रंग रलिया मानने मे बिज़ी थी,,,,,,,,नही मों नींद नही आई आज
इसीलिए कॉफी पीने का दिल किया ठीक है बेटा तुम बैठो मैं अभी कॉफी बना देती
हूँ..मों ने कॉफी दी मुझे ओर मैं कॉफी लेके उपर रूम मे चला गया कॉफी पीते
हुए मैं सोचने लगा की मों को कैसे चोदा जाए,,,मामा ने एसा क्या किया था की भाई
को राज़ी कर लिया था अपनी ही मों को चोदने के लिए ओर मामा ने मों को कैसे चोदा होगा
पहली बार,,कॉफी ख़तम हो गई ओर मैने वापिस गेम खेलना शुरू कर दिया,,,,मुझे
गर्मी का एहसास हुआ ओर शावर लेने का दिल किया,,,जब मैं बाथरूम मे गया तो मुझे
याद आया की साथ वाले बाथरूम मे कोई चूत मे उंगली करता है बुआ या शोभा दीदी
ये नही पता,,,,मैने सोचा की मों को तो नंगी देख चुका हूँ क्यू ना शोभा दीदी ओर
बुआ को भी देखा जाए,,मैं कोई तरीका खोजने लगा साथ वाले बाथरूम मे देखने का
पर दीवार मे कोई होल नही था कोई तरीका नही था उधर देखने का,,तभी मैने
देखा की देवार पे एक लकड़ी का बॉक्स था जिसमे ब्रश,,शॅमपू ,,साबुन पड़ा होता है,,
उस बॉक्स के पीछे की दीवार भी लकड़ी की थी वहाँ कोई ब्रिक ओर सेमेंट की दीवार नही
थी,,,मैं बाहर रूम मे गया ओर स्क्रूड्राइवर ले आया ओर बॉक्स की दीवार मे होल करने की
कोशिश करने लगा,,,,बॉक्स दीवार पे फिट नही किया हुआ था बल्कि दीवार मे जगह बना
कर दीवार के अंदर फिट किया हुआ था,,करीब 15-20 मिनिट की कोशिश के बाद मैं एक
छोटा सा होल बनाने मे सफल हो गया,,मैने उसमे से देखा तो मुझे बुआ के बाथरूम
का कुछ हिस्सा नज़र आने लगा मैं खुश हो गया पर मुझे डर भी था कहीं सोनिया या
क़िस्सी ओर को इसके बारे मे पता नही चल जाए इसलिए मैने वहाँ पर एक काग़ज़ का
छोटा सा पीस फसा दिया ओर उसपे लकड़ी जैसा पैंट कर दिया ताकि क़िस्सी को पता नही
चले ओर उसके सामने शॅमपू की बॉटल रख दी,,वो मेरा शॅमपू था इसलिए मुझे पता
था सोनिया इसको नही उठा सकती वैसे भी उसका शॅमपू बॉक्स की नीचे वाली शेल्व पे
रखा हुआ था,,अब मैं रात का वेट करने लगा जब कोई इस बाथरूम मे आएगा ओर अपनी
चूत मे उंगली करेगा,,बाहर निकल कर मैं दोस्तो क पास चला गया ओर डिन्नर टाइम
पे घर आ गया आब रोज रोज मेरा दिल भी नही करता डेड से गाली खाने को, सबके
साथ डिन्नर करके मैं अपने रूम मे चला गया अभी 9:30 हुए थे तो मैं गेम खेलने
लगा तभी सोनिया अंदर आई ओर बेड पे लेट गयी,,गेम खेलते-2 10:30 हो गये अब मुझे
लगा की बाथरूम मे चलना चाहिए क्यूकी 2 रातों से मैं इसी टाइम बाथरूम मे जाता
था तब कोई ना कोई बुआ के बाथरूम मे होता था,,मैने बाथरूम मे जाके कपड़े उतरे
ओर शावर आन कर दिया फिर मैने लाइट ऑफ करके बॉक्स को खोला लाइट इसलिए ऑफ की
ताकि बुआ के बाथरूम मे क़िस्सी को मेरे बाथरूम से आने वाली लाइट से होल का पता
चल सकता था,,,,,लाइट ऑफ करके मैने बॉक्स खोला ओर उस कागज के टुकड़े को होल मे
से निकाला ओर बुआ के बाथरूम मे देखने लगा मेरी टाइमिंग बिल्कुल ठीक थी,,बुआ शावर
ले रही थी,,बुआ को देख कर मैं बहुत खुश हुआ क्यूकी बुआ का नंगा जिस्म बहुत अच्छा
लग रहा था,,बड़े बड़े बूब्स लेकिन मों से ज़्यादा बड़े नही थे,,लेकिन बुआ का
फिगर बहुत मस्त था,,,38 28 40,,,,,क्या मस्त फिगर था ओर कमाल की बॉडी मेरा बुरा
हाल हो गया,,बुआ ने शावर बंद किया ओर साबुन उठा कर बॉडी पे लगाना शुरू किया.
पहले गर्दन पे फिर गर्दन से होते हुए बूब्स पे फिर पेट पर ओर फिर बुआ ने अपनी
एक तंग उठा कर टाय्लेट सीट पे रखी ओर हल्का सा झुक कर टाँग पे साबुन लगाने
लगी मेरा तो हाल बुरा था ,पहले एक टांग पर फिर दूसरी पर क्या बताउन इस टाइम बुआ
कैसे लग रही थी एक दम सुसमिता सेन बस रंग सांवला था पर बुआ पे सांवला रंग ही
सूट करता था क्यूकी उनके नैन नक्श बहुत अच्छे थे ,,फिर बुआ ने शावर आन किया
ओर साबुन को बॉडी से हटाने लगी ओर पूरी बॉडी पे हाथ फेरने लगी,,हाथ फेरते हुए
बुआ अपने बूब्स को बड़े प्यार से सहला रही थी तभी बुआ ने अपना एक हाथ अपनी
चूत पे रख दिया ओर चूत को सहलाने लगी बुआ एक हाथ से चूत सहला रही थी ओर
दूसरे हाथ से बूब्स को मसल रही थी आहह उऊहह
आआआआआअहह मैं समझ गया की रोज इस टाइम बुआ बाथरूम मे आती
है ओर चूत मे उंगली करती है,,,तभी तो 2 दिन से इसी टाइम मुझे बाथरूम से एसी
आवाज़ आती थी,,,,


कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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