घर के रसीले आम compleet

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jay
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घर के रसीले आम

सावधान -यह कहानी सिर्फ़ वो ही पढ़े जिन्हे मम्मी की कहानी अच्छी लगती है
और आगे भी यदि आप ऐसी कहानी जो मम्मी या बहन को चोदने की हो पढ़ना पसंद करना चाहते है तो रिप्लाइ करना.


ले बेटा अब इक्का मार दिया और इस बार भी जीत मेरी हो गई चल अब वापस से पत्ते फेटना शुरू कर दे, यह कहते हुए हरिया ने ताश की गद्दी अपने सामने बैठे हुए किशणा की तरफ बढ़ा दी और आराम से पीछे की ओर दीवार से टिक कर अपने दोनो पैरो को मोड़ कर अपनी दोनो जाँघो से अपनी लूँगी मे खड़े मूसल लंड को दबा कर वापस बाहर दरवाजे की ओर अपने घर के आँगन मे देखने लगा जहा उसकी मम्मी बैठी-बैठी चावल साफ कर रही थी, हरिया का मुँह दरवाजे की ओर था जहा से उसे उसकी भरे बदन की 46 साल की गदराई मम्मी कमला नज़र आ रही थी,

और किशणा का मुँह अपने दोस्त हरिया की ओर था जो बैठा-बैठा ताश फेट रहा था, हरिया बैठा-बैठा अपने खड़े मोटे लंड को अपनी दोनो जाँघो के बीच मसल्ते हुए अपनी भरपूर जवानी से भरी हुई मा को देखते हुए किशणा से बाते कर रहा था, हरिया का यह रोज का काम था वह अपनी मम्मी के गथिले बदन जिसका कि वह दीवाना था, जब भी मोका मिलता देखने से चुकता नही था. कुछ देर बाद किशणा उठ कर अपने घर की ओर चला जाता है और हरिया वही बैठा-बैठा अपनी मम्मी की मस्त उठी हुई जवानी का रास्पान अपनी आँखो से करते हुए अपने मोटे लंड को मसल्ने लगता है, तभी कमला उठ कर खड़ी हो जाती है और उसका उठा हुआ गदराया पेट उसकी साडी और ब्लौज के बीच से साफ नज़र आने लगता है और हरिया का मोटा लंड झटके मारने लगता है, अपनी मम्मी का नंगा उठा हुआ पेट और उस पर गहरी बड़ी सी नाभि और ब्लौज मे कसे हुए उसके बड़े-बड़े पपितो के जैसी चुचियाँ देख कर वह अपने लंड को तेज़ी से हिलाते हुए देखने लगता है,

तभी कमला पास मे रखी झाड़ू उठाने के लिए जैसे ही झुकती है अपनी मम्मी की बड़े-बड़े तरबूज सी उठी और फैली हुई मोटी गान्ड को देख कर हरिया के लंड से चिपचिपा पानी आने लग जाता है, कमला वही झुक कर झाड़ू मारने लगती है और हरिया का मन करता है कि अपनी मदमस्त जवान मा की मोटी गान्ड मे जाकर अपना मुँह मार दे और उसकी गदराई उठी हुई जवानी को खूब कस-कस अपने हाथो से मसले, उसे कभी अपनी मम्मी के मोटी-मोटी चुचियाँ और कभी भारी-भारी फैले हुए चूतड़ और उठा हुआ गोरा-गोरा पेट
नज़र आता है और उसका मोटा लंड अपनी मम्मी को खूब कस-कस कर चोदने के लिए तड़पने लगता है.


यह हरिया का रोज का काम था उसका मोटा लंड अपनी मम्मी की उफान खाती गदराई जवानी को देख-देख कर ही खड़ा होना शुरू हुआ था और तब से ही वह अपनी खुद की मम्मी को ना जाने कितनी बार अपने ख्यालो मे खूब कस-कस कर चोद चुका था और अपना मोटा लंड हिला चुका था, ऐसा नही था कि उसका लंड अपनी मम्मी के भारी और गदराए जिस्म को देख कर ऐसे ही खड़ा होने लगा था, उसके पीछे भी कुछ बाते थी, जिन्होने उसे अपनी मस्तानी मम्मी के गदराए जिस्म का दीवाना बना दिया था,


हरिया स्वाभाव से सीधा उस समय उसकी उम्र करीब 16 साल रही होगी, जब वह अपने गाँव गाँव की एक चोपाल पर कुछ लड़को के साथ बैठा था, सभी लड़के चले गये और जीतू नाम का लड़का हरिया से बाते करने लगा, शाम हो चुकी थी और दोनो के बीच बाते चल रही थी, तभी जीतू ने सेक्स की बाते करने लगा जीतू- यार हरिया आज तो बहुत चोदने का मन कर रहा है
हरिया- उसे देखते हुए, मन करने से क्या होता है


जीतू- हरिया एक बात कहु, मुझे तो तेरी मम्मी की मोटी गान्ड बहुत अच्छी लगती है, जब वह चलती है तो उसकी गोरी-गोरी उठी हुई चौड़ी गान्ड इतनी मस्त लगती है कि मेरा दिल करता है कि अपना मुँह तेरी मम्मी की गान्ड मे मार दू, तेरी मम्मी को तो अपनी गोद मे पूरी नंगी बैठा कर खूब प्यार करने का मन करता है, और पता है सब से ज़्यादा सुंदर तो मुझे तेरी मम्मी का चेहरा लगता है, मेरा दिल तेरी मम्मी को बहुत प्यार करने का करता है यार

हरिया- एक दम से गुस्सा होकर खड़ा हो जाता है और, जीतू मुँह संभाल कर बात कर कामीने, तेरी मम्मी भी तो बहुत मस्त है उसे जाकर क्यो नही चोदता,

जीतू उम्र मे हरिया से 2 साल बड़ा था वह समझ गया कि हरिया को बुरा लगा है उसने हरिया का हाथ पकड़ कर वापस बैठते हुए कहा

जीतू-अच्छा भाई अब नही कहूँगा तू तो नाराज़ हो गया

जीतू- मुझे तो मेरी मम्मी भी नंगी होकर अपनी चूत मुझे दे-दे तो मे रात भर उसे चोदु, तू तो बेकार ही नाराज़ हो रहा है, देख तेरी मम्मी का शरीर पूरे गाँव की औरतो मे सबसे मस्त और सुंदर है इसलिए मैने ऐसी बात कह दी, देख हरिया मे खुले दिल का हू इसलिए तुझसे मुँह पर कह दिया और तू मुझ पर नाराज़ हो गया, और बाकी पूरे गाँव के लोग तेरी मम्मी के बारे मे बाते करते है और उसे चोदने के लिए मरते है तो तू उन्हे तो कुछ नही कहता क्यो कि वह तेरे सामने बात नही करते है इसलिए ना, खेर तुझे पसंद नही है तो मे तुझसे नही कहूँगा, पर एक बात तू ही सच-सच बता, चोदने के हिसाब से पूरे गाँव मे सबसे गथिला और भरा हुआ शरीर तेरी मम्मी का है कि नही,

जीतू की बात सुन कर हरिया कुछ ना कह सका क्यो कि जीतू सच ही कह रहा था हरिया की मम्मी की गदराई उठी हुई जवानी जो की 40 पर होने पर भी लोगो पर कहर ढा रही थी, और यह बात हरिया भी जानता था कि उसकी खुद की मम्मी बहुत सुंदर और खूब कस-कस कर चोदने लायक औरत है,


जीतू- बता हरिया क्या मे ग़लत कह रहा हू, तुझे भी पूरे गाँव मे तेरी मम्मी का शरीर ही सबसे सुंदर और भरा हुआ लगता होगा ना

हरिया- अपने सूखे होंठो को अपनी जीभ से गीला करता हुआ, हा जीतू तू कहता तो ठीक है पर मुझे यह सब बाते अच्छी नही लगती है, आज के बाद मुझसे यह सब बात मत करना

जीतू- अच्छा नही करूँगा पर प्यारे एक बार अपनी मम्मी को पूरी नंगी देख लेगा ना तो तू भी पागल हो जाएगा, मेरी मम्मी ऐसी होती तो मे तो दिन रात अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके अपने मोटे लंड पर चढ़ाए-चढ़ाए घूमता, पर एक बात कहु तेरी मम्मी की गदराई उठी हुई गान्ड को सोच कर जब मे लंड हिलाता हू तो बहुत मज़ा आता है, तू तो अपनी मम्मी के साथ दिन भर घर मे रहता है उसका खूबसूरत चेहरा देख कर तुझे उसे प्यार करने का मन नही होता है क्या, मेरा तो दिल करता है की तेरी मम्मी को खूब प्यार करू, इतनी अच्छी लगती है मुझे पर अपने ऐसे नसीब कहा, हाँ मे तेरी जगह होता और मेरी मम्मी ऐसी मस्तानी होती तो मे अब तक उसकी हज़ारो बार चूत और गान्ड दोनो मार चुका होता,

गाँव मे और कोई तो नही पर अक्सर कुछ लड़के जो हरिया से बड़ी उमर के थे हरिया से उसकी मम्मी की बाते कर जाते थे, हरिया मन ही मन जीतू से बहुत चिडता था और उससे बचने की कोशिश करता था किंतु जीतू की बातो ने उसे अपनी मम्मी की मसल उठी हुई जवानी की ओर देखने पर मजबूर कर दिया था और जब वह अपनी मम्मी को उपर से नीचे तक देखता था
तब जब उसकी नज़र अपनी मम्मी के मटकते हुए भारी चुतडो पर पड़ती तो उसके मन से आवाज़ आती थी की वाकई जीतू कहता तो सही है मेरी मम्मी जैसी मोटी और चौड़ी गान्ड पूरे गाँव मे किसी औरत की नही है,
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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एक दिन हरिया अपने कमरे मे बैठा हुआ था और तभी उसके घर के आँगन मे उसके चाचा जो कि 38 की उमर के होंगे लूँगी पहने हुए आए और उसकी मम्मी कमला से आँगन मे खड़े होकर बाते करने लगे, कमला उस समय पानी भर कर आई थी उसने साडी को उपर उठा कर अपनी नाभि के नीचे दबा रखा था उसका उठा हुआ पेट और गहरी नाभि बिल्कुल नंगी
नज़र आ रही थी और उसके मोटी-मोटी चुचियाँ भी ब्लौज के उपर के दो बटन खुले होने की वजह से नज़र आ रही थी,
हरिया चुपचाप कमरे के अंदर से अपनी मा की उठी हुई कातिल जवानी को देख रहा था और उसकी नज़र चाचा की ओर गई तो उसका चाचा चोर नज़रो से उसकी मम्मी कमला का कभी उठा हुआ पेट और गहरी नाभि और कभी उसके मोटी-मोटी चुचियाँ को बड़ी हसरत भरी नज़रो से निहार रहा था और कमला बिल्कुल लापरवाह होकर हस्ती हुई अपने देवेर से बाते कर रही थी, उसके जाने के बाद हरिया का मन बदल गया और वह सोचने लगा साले सब मेरी मम्मी को चोदने की नज़र से देखते है तो मे क्यो ना देखु, वैसे भी मेरी मम्मी उस समय खड़ी-खड़ी ऐसी लग रही थी जैसे खड़े-खड़े ही उसकी फूली हुई चूत मे अपना लंड पेल दू, बस तभी से हरिया अब रोज ही अपनी मम्मी की गदराई जवानी का रास्पान करने से नही चुकता था.

कमला झाड़ू मार कर जैसे ही सीधी होती है उसे घर के बाहर के दरवाजे से चंदा अंदर आते हुए नज़र आती है, चंदा 40 साल की औरत थी जो कि कमला के खेतो मे कम करती थी,
कमला- आजा चंदा आजा, सच पूंछ तो मे तेरी ही राह देख रही थी, आज मेरे पैरो मे खास कर इन घुटनो मे बड़ा दर्द महसूस हो रहा है, उठने बैठने मे बड़ा दर्द होता है, अच्छा है तू आ गई चल ज़रा मेरे पैरो की मालिश तो कर दे, वैसे भी कितने दिनो से तूने मालिश नही की है,

कमला की बात सुन कर हरिया मन ही मन चहक उठता है और धीरे से दरवाजा अंदर से हल्का सा लगा कर उसकी दरार मे अपनी आँखे लगा देता है, वह अक्सर कमरे के अंदर घुस कर दरवाजे की दरार से अपनी मम्मी की मालिश होते हुए देखता रहता था,
चंदा- मुस्कुराते हुए, अरे मालकिन तुम तो कहती ही नही हो नही तो मे रोज ही तुम्हरी मालिश कर दिया करू,
कमला- जा पहले बाहर का दरवाजा बंद कर दे मे यही आँगन मे चटाई बिछा देती हू,

चंदा बाहर का दरवाजा लगा कर आ जाती है और कमला एक चटाई बिछा कर दीवार से अपनी पीठ टीका कर बैठा जाती है और अपने दोनो पैरो को घुटने से मोड़ कर बैठ जाती है, उसका मुँह सीधे हरिया के 20 मीटर दूर के दरवाजे की ओर रहता है
और चंदा उसकी दूसरी तरफ कमला का पेर पकड़ कर बैठ जाती है,
चंदा तेल कटोरी मे लेकर कमला की साडी को उसकी जाँघो तक चढ़ा देती है और फिर कमला की लंबी-लंबी गोरी टाँगो पर तेल लगा कर उसकी गोरी-गोरी पिंदलियो पर तेल से मालिश शुरू कर देती है और हरिया जब अपनी मम्मी की गोरी-गोरी नंगी पिंदलियो को देखता है तो उसका लंड उसकी लूँगी मे तन कर खड़ा हो जाता है और वह अपनी मम्मी की रसीली जवानी कोदरवाजे की दरार मे अपनी आँखे लगाए देखने लगता है,
चंदा धीरे-धीरे कमला की साडी को उसकी जाँघो तक चढ़ा देती है और उसकी मोटी-मोटी गदराई गोरी जाँघो मे तेल लगा कर उन्हे खूब कर कर दबोचती है और कमला के मुँह से आ की एक गहरी सिसकारी निकल जाती है,

चंदा-अपने दोनो हाथो से कमला की गदराई मोटी जाँघो को दबोचते हुए, मुस्कुरा कर, क्या बात है मालकिन तुम्हारी उमर जितनी बढ़ती जा रही है तुम्हारी जंघे उतनी ही मोटी होती जा रही है, तुम्हारी इन मखमली जाँघो को अगर कोई 70 साल का बुढ्ढा भी देख ले तो उसका लोला खड़ा हुए बिना नही रहेगा,
कमला-सीसियते हुए, चुप कर बेशरम तू भी तो बूढ़ी होने चली है पर इस उमर मे भी लंड-लंड कहते तेरा मुँह नही थकता है,
चंदा- हस्ते हुए, सच कह रही हू मालकिन इस उमर मे लंड से चुदवाने मे जो मज़ा आता है वह तो भरी जवानी मे भी नही आता था,
और फिर तुम्हारा शरीर तो इतना भारी भरकम है और उपर से इतनी मोटी-मोटी जंघे और तरबूज से फैले हुए भारी चूतड़ देख-देख कर तो सारा गाँव पागल रहता है,
कमला- अपनी दोनो जाँघो को फैला कर हल्के से मुस्कुराती हुई, क्या बकती रहती है चंदा तू
चंदा-अपने हाथो को कमला की जाँघो की जड़ो तक फेरते हुए, नही मालकिन मे सच कह रही हू मैने तो 15-15 साल के लड़को को भी तुम्हारे भारी-भारी चुतडो को घूरते हुए देखा है, जैसे वह लड़के तुम्हारे चुतडो को खा जाना चाहते हो, तभी चंदा अपने हाथ से कमला की जाँघो की जड़ो मे फूली हुई चूत को एक दम से सहलाते हुए उसकी फूली चूत को अपने हाथो मे भरकर दबोच लेती है,

चंदा- हाय मालकिन तुम्हारी चूत कितनी फूली हुई है, मलिक तो तुम्हे रोज खूब कस-कस कर चोदते होंगे,
कमला- आह करके सीसियते हुए, ये क्या कर रही है चंदा, आह थोड़ा धीरे कर, आह
चंदा-मुस्कुराते हुए उसकी चूत को सहलाते हुए, सच बताओ मालकिन, मालिक तुम्हे रोज चोदते है ना
कमला- अरे मेरा ऐसा नसीब कहाँ है चंदा, और तू तो ऐसे पुंछ रही है जैसे तू जानती ही ना हो, तेरे मालिक 1 महीने मे कभी एक बार चढ़ते है और उसमे भी 2 मिनिट मे पानी छोड़ कर सो जाते है,
चंदा- सच मालकिन तुम्हे तो किसी मोटी जवान लंड से चुदवाने पर ही शांति मिल पाएगी, तुम्हे जब तक खूब कस कर ना ठोका जाए तुम्हे मज़ा ही नही आता होगा

कमला- तू राज से खूब अपनी चूत मरवाती होगी, तेरा जिस्म भी तो अच्छा गदराया हुआ है, राज तो खूब कस-कस कर चोदता होगा तुझे
चंदा- हाँ मालकिन चोदते तो अच्छा है लेकिन उनकी शराब पीने की आदात की वजह से हमेशा अच्छी चुदाई नही होती है,
शराब पीकर वह जल्दी झाड़ जाते है, मे तो बहुत तड़पने लगी हू मालकिन पर क्या करू यह चूत की आग होती ही ऐसी है कि फिर कोई भी मोटा लंड मिल जाए,
कमला- चल अब बस कर, मुझे नहा कर खाना भी बनाना है वैसे भी बहुत देर हो चुकी है, कल आकर और मालिश कर देना,

चंदा खड़ी होकर यह कह कर चली जाती है की वह खेतो की ओर जा रही है, कमला खड़ी होकर वही अपनी साडी और ब्लौज खोल देती है और हरिया अपनी मम्मी को केवल पेटिकोट मे देख कर पागल हो जाता है और अपने मोटे लंड को खूब कस-कस कर मसल्ने लगता है, वह समझ गया था कि अब उसकी मम्मी वही आँगन मे बने कच्चे बाथरूम मे जाकर नहाने वाली कमला बाहर का दरवाजा लगाना भूल जाती है और उसी बाथरूम जो कि पत्थर और इंटो से बना था मे घुस कर अपने हाथ पाँव रगड़ने लगती है हरिया दबे पाँव बाथरूम के पास आकर एक सुराग से अपनी आँखे लगा देता है और चुपचाप अपनीमम्मी की गदराई नंगी जवानी को देखने लगता है, कमला हाथ पाँव रगड़ने के बाद वही खड़ी हो जाती है और उसके भारी-भारी फैले हुए चूतड़ उसके बेटे के मुँह की ओर हो जाते है और कमला अपना पेटिकोट उतार कर पूरी नंगी हो जाती है,


हरिया अपनी मम्मी की गोरी-गोरी मोटी और गदराई गान्ड को देख कर पागल हो जाता है और अपने मोटे 9 इंच लंबे लंड को बाहर निकाल कर खूब कस-कस कर अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को देखते हुए मसल्ने लगता है, कमला जैसे ही आगे को झुकती है उसकी मोटी गान्ड का बड़ा सा छेद और उसकी खूब मोटी-मोटी फांको वाली फूली हुई चूत और उसकी चूत की गुलाबी दरार उसके बेटे की आँखो के सामने आ जाती है और हरिया का अपनी मम्मी की ऐसी फूली और गुलाबी फटी हुई चूत और गान्ड का भूरा और बड़ा सा छेद देख कर लंड झटके मारने लगता है और उसके लंड की मोटाई और लंबाई कुछ ज़्यादा ही बढ़ जाती है,
क्रमशः......................
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Re: घर के रसीले आम

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गतान्क से आगे..................
तभी अचानक उसके घर के दरवाजे के अंदर घुसते ही चंदा के पेर वही के वही रुक जाते है और वह एक दम से अपने पेर धीरे से पीछे करके छुप कर हरिया को देखने लगती है और उसे समझते देर नही लगती कि हरिया अपनी मम्मी को बाथरूम मे नंगी नहाते हुए देख रहा है, चंदा के होंठो पर एक हल्की सी मुस्कान फैल जाती है पर तभी उसकी
मुस्कान एक दम से गायब हो जाती है जब उसकी नज़र हरिया के भयानक मोटे लंड पर पड़ती है और उसका मोटा लंड देख कर चंदा का गला सूखने लगता है, हरिया 22 साल का एक हत्ते कत्ते बदन का मालिक था और उसका लंड काफ़ी लंबा और मोटा था, उसके मोटी लंड को देखकर चंदा का हलक सुख जाता है और वह चुपचाप दबे पाँव वापस आ जाती है और
खेतो की ओर चल देती है,


हरिया अपनी मम्मी की नंगी जवानी देख कर अपने लंड को खूब कस-कस कर मसल्ने लगता है, कुछ देर बाद जब कमला नाहकार पेटिकोट पहन लेती है तो हरिया दबे पाँव अपने कमरे मे आकर लेट जाता है और लेटे-लेटे ही अपने लंड को हिलाते हुए अपनी आँखे बंद कर लेता है और कल्पना करने लगता है कि वह अपनी मम्मी की मोटी गान्ड और फूली चूत को खूब कस-कस कर चोद रहा है. वह कल्पना मे आँखे बंद कर अपनी मम्मी को अलग-अलग तरीके से कभी चोदता है कभी उसकी फूली हुई चूत और गान्ड को चाट ता है जब उसकी आँखो के सामने उसकी मम्मी की मोटी गान्ड और फूली हुई बड़ी-बड़ीफांको वाली चूत आती है तो उसके लंड का जोश पूरी तरह बढ़ जाता है और उसे लगता है जैसे उसका पानी छुट जाएगा, तभी बाहर से आवाज़ आती है


कमला- हरिया ओ हरिया, बेटा कितना सोएगा, चल उठ जा और जा ज़रा खेतो की ओर घूम फिर आ और फिर कमला उसके कमरे मे जाती है और हरिया अपनी आँखे बंद कर के चुपचाप लेटा रहता है, कमला उसे पकड़ कर हिलाते हुए उठती है और हरिया कसमसाते हुए उठ कर बैठ जाता है
हरिया- क्या है मम्मी, सोने दो ना


कमला- अरे बेटा जा खेतो मे काम चल रहा है और तू है कि घर पर पड़ा रहता है और तेरे बापू ने दूसरी तरफ के एक खेत को ऐसा पकड़ा है कि बस वही झोपड़ी मे दिन रत ताश खेलता पड़ा रहता है, जा जाकर देख, चंदा भी गई है,

हरिया- मम्मी मे अकेले क्या करूँगा वहाँ
कमला- तू चल तो सही पीछे से मे पहले तेरे बापू का खाना दे कर फिर तेरा खाना लेकर आती हू तब तक कुछ तो काम निपटा दे.
हरिया- अच्छा मम्मी जाता हू और फिर हरिया अपने खेतो की ओर चल देता है,

खेतो के बीचो बीच चंदा काम कर रही थी जब उसकी नज़र हरिया पर पड़ती है तो वह उठ कर कुए की ओर चल देती है जहा हरिया खड़ा हुआ था, वाहा आकर पेड़ की छाया मे बैठ कर, क्या बात है हरिया बेटा आज सुबह-सुबह खेतो मे आए हो, लगता है कुछ काम करने के इरादे से आए हो
हरिया- अरे नही चंदा काकी, मेरा मन इन खेतो मे काम करने मे ज़रा भी नही लगता है
चंदा- मुस्कुराते हुए तो फिर तेरा मन काहे मे लगता है बेटा चंदा ने घाघरा और चोली पहना हुआ था 40 की उमर मे भी उसका शरीर बहुत गदराया और भरा हुआ लगता था, और जब से उसने हरिया का मोटा लंड देख लिया था उसका मन बार-बार उसके मोटे लंड की कल्पना मे डूबने लगा था और वह भी शांत बैठने वाली नही थी और अपने मन मे सोचती है आज इसका पानी छुड़वा ही देती हू,
चंदा- उठते हुए, बेटा तू बैठ मे झोपड़ी के पीछे से पेशाब करके आती हू बहुत जोरो की लगी है और चंदा जनभुज कर अपने घाघरे के उपर से अपनी चूत को मसल्ते हुए पास ही बनी झोपड़ी के पीछे जाने लगती है, वह जानती थी कि उसके झोपड़ी के पीछे जाते ही हरिया झोपड़ी के अंदर पहुच जाएगा और झोपड़ी की झाड़ियो को हटा कर उसकी चूत देखने की कोशिश करेगा,

और फिर ऐसा ही हुआ चंदा के जाते ही हरिया जल्दी से झोपड़ी के अंदर जाकर पीछे की तरफ की घास की झाड़ियो को हटा कर अपनी आँखे लगा देता है
खेत पूरा सुनसान था चारो और दूर-दूर तक कोई नज़र नही आ रहा था, चंदा पहले ही मस्ती मे भरी हुई थी और वह जानती थी कि हरिया उसे देख रहा है इसलिए उसने जानबूझ कर अपना घाघरा कमर तक चढ़ा लिया और खड़ी-खड़ी अपनी फूली हुई चूत को मसल्ते हुए अपने चूत के दाने को रगड़ने लगी, हरिया चंदा काकी की फूली हुई गदराई फांको वाली चूत और मोटी-मोटी जाँघो को देख कर पागल हो गया और उसका लंड खूब झटके मारने लगा, उसने चंदा काकी की पूरी नंगी चूत और कसी हुई गोटी जाँघो को देख कर अपना लंड हिलाना शुरू कर दिया इतने मे चंदा ने अपनी चूत को खूब रगड़ते हुए खड़ी-खड़ी ही अपनी चूत की मोटी-मोटी फांको को फैला कर मुतना शुरू कर दिया और उसकी चूत से निकलती मोटी धार देख कर हरिया का लंड पानी छोड़ते-छोड़ते रह गया,
कुछ देर बाद चंदा अपने घाघरे से अपनी चूत का पानी पोछते हुए वापस आने लगती है तब हरिया जल्दी से झोपड़ी के बाहर निकल कर बाहर खड़ा हो जाता है, चंदा मुस्कुराते हुए उसकी ओर आने लगती है तभी चंदा जान बुझ कर आह करती हुई अपने पेर पकड़ कर पेड़ के नीचे बैठ जाती है,
हरिया- जल्दी से चंदा के पास जाकर, क्या हुआ काकी कुछ लग गया क्या पैरो मे,
चंदा- अपने घाघरे को घुटनो तक चढ़ा कर अपने पेर के तलवो की तरफ इशारा करते हुए, देख बेटा क्या काँटा चुभ कर टूट गया है
हरिया- उसके पैरो के पास बैठ कर अपना सर झुका कर उसकी नंगी गोरी टाँगो को पकड़ कर उसके पैरो के तलवो की ओर देखने लगता है, तभी चंदा अपनी दोनो जाँघो को थोड़ा फैला देती है और जैसे ही हरिया उसकी एक टांग को पकड़ कर थोड़ा उपर उठा कर देखता है उसकी नज़र चंदा की फूली और मोटी फांको वाली चूत पर पहुच जाती है और उसका अधसोया लंड फिर से खड़ा हो जाता है,
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( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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jay
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Re: घर के रसीले आम

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चंदा- मन ही मन मुस्कुराते हुए हरिया की नज़रो को अपनी चूत को घूरते पाकर, देखा बेटा कुछ दिखा क्या
हरिया- अपनी नज़रे मतकते हुए उसके तलवो पर हाथ फेरते हुए, देख रहा हू काकी कही नज़र तो आ नही रहा है
चंदा- थोड़ा दबा कर देखने की कोशिश कर बेटा, दर्द होगा तो पता चल जाएगा कहाँ पर लगा है और फिर चंदा अपनी दोनो जाँघो को और अच्छे से फैला कर अपने घाघरे को थोड़ा और उठा देती है और उसका भारी भरकम गदराया भोसड़ा पूरा खुल कर हरिया की आँखो के सामने आ जाता है और चंदा काकी का रसीला भोसड़ा देख कर हरिया की नज़रे बस उसकी मस्तानी चूत पर ही टिक जाती है
चंदा- नाटक करते हुए, थोड़ा गुस्से मे, हरिया क्या देख रहा था तू
हरिया- एक दम से थोड़ा डर कर कुछ भी नही काकी
चंदा का घाघरा अभी भी उसकी जाँघो तक चढ़ा हुआ था और हरिया उसकी टांग छोड़कर खड़ा हो गया था
चंदा- उसका हाथ पकड़ कर वही अपने पैरो के पास बैठा लेती है और, सच-सच बता हरिया तू मेरे घाघरे के अंदर क्या देख रहा था
हरिया- घबराते हुए अपने सूखे होंठो पर जीभ फेर कर, नही काकी मे कुछ भी नही देख रहा था,
चंदा- मन ही मन मुस्कुराते हुए, पक्का तू मेरे घाघरे के अंदर नही झाँक रहा था ना
हरिया- नही काकी बिल्कुल नही
चंदा- चल ठीक है अब ज़रा अच्छे से काँटा देख कहाँ लगा है और चंदा फिर से अपनी एक टांग उठा कर हरिया के कंधे की और रख देती है और उसकी पूरी चूत खुल कर हरिया के मुँह के सामने आ जाती है, हरिया उसके तलवो को देखता है फिर भी उसकी फूली हुई चूत उसके सामने आ जाती है और वह चंदा काकी की चूत को देखे बिना नही रह पाता है,
चंदा- हरिया तुझे शरम नही आती अपनी काकी की चूत को इस तरह खा जाने वाली नज़रो से देख रहा है,
हरिया- थोड़ा हिम्मत करते हुए, क्या करू काकी जब मे तुम्हारे पैरो के तलवो को देखता हू तो तुम्हारी वो भी नज़र आ जाती है,
चंदा- तो क्या तू अपनी काकी की चूत को देखेगा
हरिया- डरते हुए नही काकी मे देखना नही चाहता हू पर आपका पेर देखते हुए वह दिख जाती है,
चंदा- क्या देखना नही चाहता है तू
हरिया- अपनी नज़रे नीचे से उसकी चूत की ओर करते हुए, आपकी चूत
चंदा- क्यो तुझे मेरी चूत देखना अच्छा नही लगता है क्या,
हरिया- कोई जवाब नही दे पाता है
चंदा- अच्छा चल देख ले पर काँटा भी जल्दी से ढूँढ कहाँ लगा है, और चंदा अपना घाघरा इस बार कमर तक चढ़ा कर अपनी पूरी चूत हरिया के सामने खोल देती है, यह नज़ारा देख कर हरिया का मान करता है कि अभी अपनी काकी की चूत मे मुँह डाल कर चूस डाले,
चंदा- हरिया का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खीच लेती है और मुस्कुरकर हरिया को देख कर, ऐसे क्या देख रहा है बेटा क्या खा जाएगा मेरी चूत को, सच-सच बता तुझे मेरी चूत कैसी लगती है,
हरिया- थोड़ा शरमाते हुए, अच्छी है काकी,
चंदा- च्छू कर देखेगा
उसकी बात सुन कर हरिया कोई जवाब नही देता है, तब चंदा उसे अपने पास खीच कर उसके गालो को चूमती हुई, अच्छा सच-सच बता तूने और किस-किस को नंगी देखा है,
हरिया- किसी को नही काकी
चंदा- झूठ मत बोल, अगर सच-सच बताएगा तो मैं तुझे अपनी चूत च्छू कर देखने दूँगी
हरिया- मे सच कह रहा हू काकी मैने आज से पहले कभी चूत नही देखी,
चंदा-अच्छा तू सच नही बताएगा, अच्छा ये तो बता गाँव मे कौन सी औरत को नंगी देखने का सबसे ज़्यादा मन करता है तेरा,
हरिया- मुझे क्या पता काकी मैने थोड़े किसी को नंगी देखा है,
चंदा की नज़रे हरिया के लूँगी मे फूले हुए लंड पर थी और वह आज उस लंड का स्वाद चखने के लिए बेचैन हो उठी थी और उसे पता था कि उसके पास हरिया की दुखती रग का राज भी है, वह समझ गई थी कि हरिया के दिलो दिमाग़ मे क्या चलता रहता है, इसीलिए यह दिन भर अपने घर मे ही घुसा रहता है,
चंदा- हरिया को अपने पास सटा कर, अच्छा हरिया तुझे पता है अपने पूरे गाँव मे सबसे ज़्यादा उठी हुई और गदराई औरत कौन है
हरिया- कौन है
चंदा- उसके लंड की और देख कर, तेरी मम्मी और कौन
अपनी मम्मी का नाम सुनते ही हरिया का लंड झटका मारने लगा और चंदा को उसका एहसास उसकी लूँगी के उपर से हो गया,
चंदा- मालूम है तेरी मम्मी के भारी भरकम चुतडो ने पूरे गाँव को पागल कर रखा है, हर कोई तेरी मम्मी को खूब कस-कस कर चोदना चाहता है
हरिया- यह तुम क्या कह रही हो काकी
चंदा- सच कह रही हू बेटे, तेरी मम्मी की गदराई जवानी उसकी मोटी-मोटी जंघे और फैले हुए भारी भरकम गान्ड देख-देख कर लोगो के लंड खड़े हो जाते है,

तेरा भी लंड अपनी मम्मी को देख कर खड़ा हो जाता है ना
हरिया- ये क्या कह रही हो काकी, मे भला ऐसा क्यो करूँगा
चंदा उसके मोटे लंड को लूँगी के उपर से एक दम से पकड़ लेती है और हरिया आह करके चंदा से सत जाता है, और उसकी गदराई जाँघो को अपने हाथ के पंजो मे भर कर मसल्ने लगता है


चंदा- उसके लंड को सहलाते हुए, सच बोल हरिया तेरा लंड भी अपनी मम्मी को देख कर खड़ा हो जाता है ना,
हरिया- चंदा की मोटी जाँघो को सहलाता हुआ, नही काकी यह तुमसे किसने कह दिया,
चंदा- उसके लंड को कस कर दबाते हुए तो फिर अपनी मम्मी को नंगी नहाते हुए क्यो देख रहा था,
उसकी बात सुनते ही हरिया के होश उड़ जाते है और उसके हाथ की पकड़ चंदा की जाँघो से ढीली पड़ जाती है,


चंदा- उसका हाथ पकड़ कर अपनी दोनो जाँघो को फैला कर अपनी फूली हुई चूत के उपर रख लेती है और, अरे डरता क्यो है बेटे मे किसी से कहने थोड़े ही जा रही हू, मुझे मालूम है तुझे अपनी मम्मी को पूरी नंगी देखने का कितना मन करता है, तू क्या तेरी जगह कोई भी बेटा होता जिसकी ऐसी गदराई और जवान मम्मी होती वह उसे पूरी नंगी करके ज़रूर चोदना चाहता,

चंदा की बाते सुन कर हरिया का लंड पूरे ताव मे आ जाता है और वह चंदा की चूत को खूब ज़ोर-ज़ोर से मसल्ने लगता है,
चंदा- सीसियते हुए उसके मोटे लंड को लूँगी से बाहर निकाल कर देखती है और पागल हो जाती है और हरिया के मोटे लंड को झुक कर अपने मुँह मे भर कर पागलो की तरह खूब कस-कस कर चूसने लगती है, हरिया मानो आसमान मे उड़ने लग जाता है, वह चंदा काकी की दोनो मोटी जाँघो और पूरी फूली हुई चूत को पागलो की तरह दबोच-दबोच कर मसल्ने लगता है, चंदा हरिया के लंड को खूब कस-कस कर तब तक चुस्ती है जब तक की उसका सारा पानी चंदा पी नही जाती है, हरिया चंदा काकी की चूत को खूब मसल-मसल कर लाल कर देता है और अपने लंड का सारा पानी चंदा काकी के मुँह मे छोड़ देता है जिसे चंदा काकी पूरा चाट-चाट कर चूस लेती है,

चंदा- हरिया को चूमते हुए, अब बता बेटा सच-सच तू अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके चोदना चाहता है ना
हरिया का मोटा लंड फिर से खड़ा होने लगता है और वह चंदा काकी के होंठो को चूमते हुए उसके मोटी-मोटी चुचियाँ को दबाते हुए, हा काकी मुझे अपनी मम्मी बहुत अच्छी लगती है, मे उसे पूरी नंगी करके खूब कस-कस कर चोदना चाहता हू, जब तुम मम्मी की तेल मालिश करती हो तब मे उसका पूरा भोसड़ा देख चुका हू वह मुझे बहुत अच्छी लगती है,


चंदा- हरिया को रंग मे आता देख उसे उठ कर झोपड़ी के अंदर चलने को कहती है और फिर दोनो झोपड़ी के अंदर चले जाते है ज़मीन पर चंदा एक चटाई डाल कर उसे पकड़ कर नीचे बैठा लेती है और फिर हरिया के मोटे लंड को दोनो हाथो से पकड़ कर सहलाते हुए, हा बेटा अब बता तेरा क्या-क्या मन करता है अपनी मम्मी के साथ करने को,
हरिया- चंदा काकी की चूत को अपने हाथो मे भर कर खूब कस कर दबोचते हुए, हे काकी मेरा दिल करता है कि मे अपनी मम्मी की खूब गान्ड और चूत को चतु उसकी चूत की फांको को फैला-फैला कर खूब उसकी फूली हुई चूत का रस पी जाउ, उसे पूरी नंगी करके अपने लंड पर बैठा कर खूब कस-कस कर चोदु, उसकी खूब मोटी-मोटी गान्ड को खूब जी भर कर गहराई तक चोदु,


चंदा- उसके लंड के टोपे को सहलाती हुई, अपनी काकी को चोदेगा?
हरिया- हाँ काकी क्यो नही और फिर हरिया अपना मोटा लंड अपनी काकी की दोनो जाँघो के बीच बैठ कर उसकी दोनो जाँघो को उपर तक उठा कर उसके घुटनो को मोड़ देता है और मोटे लंड को उसकी फूली हुई चूत की गदराई फांको को हटा कर कस कर एक ही झटके मे जड़ तक पेल देता है और चंदा आह..आह करके सीसीयाने लगती है, हाय हरिया कितना मोटा लंड है रे तेरा ओह मा मर गई, उसकी ऐसी आवाज़ सुन कर हरिया उसकी दोनो मोटी जाँघो को और कस कर फैलाते हुए खूब कस-कस कर उसकी फूली चूत मे अपने मोटे लंड को बिल्कुल जड़ तक पेलना शुरू कर देता है और चंदा आह आह करती हुई अपने मोटे-मोटे चुतडो को हरिया के लंड पर मारने लगती है, हरिया खूब हुमच-हुमच कर चंदा काकी को चोदना शुरू कर देता है, कुछ देर बाद हरिया चंदा काकी को घोड़ी बना कर पीछे से उसकी मोटी-मोटी गोरी गान्ड और एक बित्ते की लंबी और चौड़ी चूत को खूब कस-कस कर चाटने लगता है और चंदा आह आह करती हुई खूब सीसीयाने लगती है,


चंदा- हाय हरिया ये सब चोदने की कलाबाजी कहाँ से सीखा है रे तू तो बहुत अच्छा चोदता है, तेरी मम्मी अगर एक बार तुझसे अपनी चूत मरवा ले तो वह तो तेरे मोटे लंड की
दीवानी हो जाएगी, तू नही जानता हरिया तेरी मम्मी की चूत कितनी चुदासी है वह तो मोटे-मोटे लंड खाने के लिए तड़पति रहती है,
हरिया- सच काकी तुम सच कह रही हो, मैने तो मम्मी की चूत दूर से देखी है पर तुमने तो उसे च्छू कर भी देखा है कैसी लगती है मेरी मम्मी की चूत और फिर हरिया पीछे से चंदा की गान्ड और चूत को लंबी-लंबी जीभ निकाल कर चाटने लगता है,
चंदा- आह आह हाय हरिया तेरी मम्मी की चूत तो बहुत फूली हुई और चिकनी है रे वह जब तेरे मुँह मे अपनी चूत खोल कर बैठेगी तब तुझे पता चलेगा कितना मस्त भोसड़ा है तेरी मम्मी का, सारे गाँव के मोटे लंड उसकी फूली हुई चूत मे घुसना चाहते है और मुझे आज पता चला कि उसकी चूत मे घुसने के लिए उसके अपने बेटे का मोटा लंड कितना उतावला है, बोल चोदेगा अपनी मम्मी को
क्रमशः......................
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
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Re: घर के रसीले आम

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गतान्क से आगे..................

हरिया- हा काकी मे अपनी मम्मी को खूब रगड़-रगड़ कर चोदना चाहता हू, जब घर मे चलती है तो दिल करता है उसे जाकर अपनी गोद मे उठा कर खूब प्यार करू, उसका चेहरा इतना भरा हुआ और खूबसूरत है कि दिल करता है उसके गालो होंठो को खूब चुसू और उसकी चूत मे लंड पेलते हुए उसकी जीभ का रस खूब चुसू, मम्मी को जब भी चोदु उसकी रसीली जीभ को चूस्ते हुए उसकी चूत मे अपना मोटा लंड डालु,


और फिर हरिया चंदा काकी की चूत मे पीछे से अपना मोटा लंड कस कर पेल देता है और सतसट उसकी कमर पकड़ कर धक्के पर धक्के मारने लगता है, वह चोद चंदा काकी को रहा था लेकिन उसकी बंद आँखो के सामने उसकी मम्मी की गदराई जवानी नाच रही थी, उसके हर धक्के के साथ उसे ऐसा लगता था कि जैसे वह अपनी मम्मी की गान्ड मार रहा है, वह चोद चंदा काकी को रहा था लेकिन उसकी कल्पना मे उसकी मम्मी उसके सामने पूरी नंगी होकर अपनी चूत उठा-उठा कर अपने बेटे को दिखाते हुए नाच रही थी, उसने अपनी कल्पना मे अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके खूब नचा-नचा कर चूत और गान्ड मतकते हुए देखा था, और उसके हर धक्को के साथ उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी मम्मी नंगी नाचती हुई उसे अपनी चूत दिखा-दिखा कर कह रही हो ले बेटा चढ़ जा अपनी मा के नंगे बदन पर और खूब कर कर चोद दे मेरी चूत को,


उसके धक्के की रफ़्तार अपनी मम्मी की नंगे बदन की कल्पना से बढ़ती जा रही थी और वह खूब कस-कस कर सतसट अपने मोटे लंड को चंदा काकी को घोड़ी बना कर उसकी चूत मार रहा था, उधर चंदा काकी उस धमाकेदार चुदाई से पूरी तरफ मस्त हो चुकी थी, तभी हरिया की आँखो के सामने कल्पना मे उसकी मम्मी ने अपनी दोनो जाँघो को फैलाकर अपना मदहोश कर देने वाला भोसड़ा दिखाया तो हरिया अपनी कल्पना मे अपनी मम्मी की मस्त चूत को खूब कस-कस कर चोदता हुआ एक दम से झाड़ गया और उसकी आँखो के सामने उसकी मम्मी की फूली हुई चूत ने उसका सारा पानी चंदा काकी की चूत मे गिरवा दिया था,

हरिया से चुदवाने के बाद चंदा अपने पेट के बल अपनी गान्ड उठाए हुए लेटी थी और हरिया उसके भारी भरकम चुतडो की गहरी दरार मे अपनी उंगलिया घुमा रहा था,
हरिया- काकी तुम्हारी मोटी गान्ड और इसका यह भूरा छेद कितना अच्छा लग रहा है,
चंदा- अरे बेटा जब अपनी मम्मी की मोटी गान्ड और उसकी गान्ड की गहरी दरार को फैला कर देखेगा तो खड़ा-खड़ा मूत देगा
हरिया- क्यो इतनी मस्त है क्या मम्मी की गान्ड
चंदा- अरे बेटा उसके गोरे-गोरे भारी भरकम चुतडो को चाटने और चोदने के लिए तो पूरा गाँव पागल है पर किसी को उसकी गान्ड की गहराई देखने का मोका नही मिला, तेरी मम्मी की जगह कोई चालू रांड होती तो अब तक सारे गाँव का लंड अपनी गदराई गान्ड मे ले चुकी होती, पर तेरी मम्मी पर हाथ रखने की हिम्मत किसी ने नही दिखाई और तो और तेरा बाप भी उसे कहाँ ढंग से चोद पाता है, सच कहु उसे तेरे जैसे मोटे लंड की ठुकाई से ही राहत मिलेगी, तेरा मोटा लंड देख कर तो ऐसा लगता है जैसे इसे तेरी मम्मी को चोदने के लिए ही बनाया गया है,
हरिया- अपने दोनो हाथो से चंदा की दोनो गान्ड को फैला कर उसकी गुदा को सूंघ कर आह काकी कितनी मस्त गुदा है तुम्हारी मे अपना लंड एक बार इसमे भी डाल दू
चंदा- एक दम से पलट कर ना बेटा ना, मे अपनी गान्ड नही मरवाउंगी, तुझे ज़्यादा गान्ड मारने का मन कर रहा है तो जा कर अपनी मम्मी की गान्ड मार उसकी गान्ड है भी बहुत मोटी तेरा मोटा लंड सह लेगी, मे तो तेरा ये मूसल अपनी गान्ड मे लेकर मर ही जाउन्गि,
हरिया- पर काकी मम्मी मुझे कहाँ अपनी गान्ड दे देगी तुम ही मार लेने दो ना,
चंदा- नही बेटे तेरा लंड तेरी मम्मी की गान्ड मे ही सही रहेगा, कोशिश करके देख ले शायद तुझसे अपनी चूत और गान्ड मरवाने के लिए राज़ी हो जाए,
हरिया- कुछ सोच कर, तो काकी तुम ही कोई उपाय बताओ ना
चंदा- बेटा मे क्या उपाय बताऊ, फिर भी मे कोशिश करूँगी चल अब जल्दी से कपड़े पहन ले हमे बहुत देर हो गई है कोई इधर ही ना चला आ रहा हो,
चंदा का शक सही निकला और दूर से कमला आती हुई दोनो को दिखाई देती है, कमला को देख कर चंदा खेतो के बीच मे काम करने पहुच जाती है और हरिया इधर उधर के काम मे लग जाता है,

कुछ देर बाद तीनो पेड़ की छाया मे बैठ कर बाते करने लगते है, हरिया खाना खा कर बैठ जाता है तब कमला उसे कुछ देर झोपड़ी मे आराम करने को कह देती है और फिर जब हरिया झोपड़ी मे चला जाता है तब कमला अपने पल्लू से तेल की छ्होटी सी शीशी निकाल कर चंदा को देते हुए
कमला- ले चंदा पकड़ ये तेल और एक बार और कस कर मेरे पैरो की मालिश कर दे ना जाने क्यो इतना दर्द बना हुआ है उस समय तुझसे मालिश करवाई तो कुछ ठीक हो गया था पर अब तो जाँघो मे भी जकड़न महसूस हो रही है, ले ज़रा अच्छे से कस कर मालिश कर मे यही पेड़ के नीचे लेट जाती हू,
चंदा- मुस्कुराते हुए कमला की साडी को उसकी कमर तक कर देती है,
कमला- अरे क्या कर रही है पूरी नंगी कर दिया तूने कही हरिया बाहर आ गया तो वह देख लेगा
चंदा- अपने हाथो मे तेल भर कर उसकी गदराई जाँघो मे लगा कर मसल्ते हुए, अरे मालकिन देख भी लेगा तो क्या हुआ अब तुम्हारा हरिया भी कोई बच्चा नही रहा अब तो उसे भी तुम्हारे जैसी गदराई औरत को चोदने का मन करता होगा,
कमला- क्या अनब सनब बक रही है मेरे बेटे के बारे मे, चुपचाप मालिश कर आह हाँ यही सबसे ज़्यादा दर्द है
चंदा- मुस्कुराते हुए, मालकिन तुम्हारी मोटी जंघे खूब कस गई है लगता है बहुत समय से इन्हे किसी मर्द ने दबोचा नही है इसलिए खून बँध गया है इनमे,
कमला- अब इस बुढ़ापे मे कौन दबोचेगा मेरी जंघे
तभी चंदा कमला की चूत को सहला देती है और हाय मालकिन तुम्हारी चूत से तो पानी बह रहा है
कमला- थोड़ा शर्मकार मुस्कुराते हुए, हाँ रे जब तू इस तरह छुएगी तो पानी नही तो क्या बहेगा,
चंदा- एक बात कहु मालकिन
कमला- क्या
चंदा- अपने कभी घोड़े जैसा मोटा और लंबा लंड देखा है,
कमला- नही तो, क्यो तूने किसका देख लिया
चंदा- कुछ नही बस ऐसे ही पुंछ लिया
कमला- अब ज़्यादा नखरा ना छोड़ बता भी किसका देखा है तूने
चंदा हल्के से मुस्कुराते हुए समझ गई थी कि कमला की चूत बहुत चुदासी है उसने धीरे से अपने हाथ मे ढेर सारा तेल लेकर कमला की चूत को खूब फैला कर उसमे भर कर उसकी चिकनी चूत को मसल्ने लगी,
कमला- आह यह क्या कर रही है चंदा, अब बता भी दे तूने किसका मोटा लंड देखा है
चंदा- रहने दो मालकिन आप नाराज़ हो जाओगी
कमला- अरे नही रे मे भला तुझसे कभी नाराज़ हो सकती हू तू तो मुझसे हर तरह की बाते कर लेती है अब बता भी दे
चंदा- आज मैने आपके बेटे हरिया का लंड देखा है, क्या बताऊ मालकिन उसके बराबर तगड़ा और मोटा लंड मैने आज तक नही देखा, जो औरत उसके मोटे लंड से एक बार चुद जाए वह जिंदगी भर उसके लंड की दीवानी रहेगी,
कमला- यह तू क्या कह रही है और तूने कैसे हरिया का लंड देख लिया,
चंदा- सच बताऊ मालकिन, हरिया झोपड़ी के पीछे पेशाब करने गया था और मे झोपड़ी के अंदर थी तब मेरी नज़र अचानक झोपड़ी के एक छेद से पीछे की ओर गई और मैने देखा हरिया अपने लंड से खड़ा-खड़ा खेल रहा था उस समय उसका लंड ढीला था लेकिन तब भी उसके पूरे हाथ मे नही समा रहा था और फिर वह अपने लंड की खाल को कभी आगे कभी पीछे करके सहलाने लगा, वह अपनी आँखे बंद करके अपने लंड को सहला रहा था ऐसा लग रहा था जैसे वह अपनी कल्पना मे किसी औरत को पूरी नंगी करके चोद रहा था धीरे-धीरे उसका मोटा लंड विकराल रूप धारण करने लगा और फिर हरिया ने अपने लंड को खूब कस-कस कर हिलाया और करीब 5 मिनिट बाद वह झाड़ गया, वह नज़ारा देख कर तो मालकिन मेरी चूत भी गीली हो गई थी,
चंदा की बात सुन कर कमला की साँसे तेज हो गई थी और उसकी गान्ड ज़मीन से रह-रह कर उठ जाती थी और वह अपनी फूली हुई चूत को चंदा के हाथो मे मारने लग गई थी, चंदा ने उसकी दशा देख कर उसकी चूत को कस कर अपने हाथो मे भींच लिया,
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