दो भाई दो बहन compleet

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jay
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Re: दो भाई दो बहन

Post by jay »

nice. waiting for more....
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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rajsharma
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Re: दो भाई दो बहन

Post by rajsharma »

23

गतान्क से आगे.......

राज को वो रात याद आने लगी जब उसने खड़े खड़े रिया के मुँह मे

अपना लंड डाल उसके मुँह को चोदा था....

शायद रिया भी उसी रात के ख़याल मे खोई हुई थी... "क्या चाहते हो

मेरे राजा... क्या आज फिर उसी दिन की तरह के मेरे मुँह को चोद्ना

चाहते हो...यही चाहते हो ना..." रिया ने उसकी पॅंट के उपर से उसके

लंड को मसल्ते हुए कहा.

राज जानता था कि उसे कुछ कहने की ज़रूरत नही है.. रिया सब कुछ

समझ जाती थी... यही तो फ़र्क था इन दोनो के बीच.... रिया उसकी

गोद से उतरी और उसके बगल मे गाड़ी की ज़मीन पर बैठ गयी... रिया

ने उसकी शर्ट को पॅंट के अंदर से बाहर खींच लिया... राज का पेट

और कमर नंगे हो गये... रिया झुक कर अपनी जीभ उसकी कमर और

पेट पर फिराने लगी.. एक झुरजुरी सी राज के बदन मे दौड़ गयी....

रिया ने उसकी पॅंट के बटन खोल दिए और उसे थोड़ा नीचे खिसका

दिया.... राज का लंड अंदर मचल उठा... वो भी उत्तेजना मे आज़ाद

होने के लिए के फड़फदा रहा था......रिया ने भी किसी भूकि बिल्ली

की तरह उसके लंड को पकड़ा और कपड़ों की क़ैद से आज़ाद कर दिया...

और फिर उसके सूपदे पर अपनी जीब फिराने लगी..

राज से सहन नही हो रहा था... घूटनो मे फँसी पॅंट उसे तकलीफ़

दे रही थी.. उसने थोड़ा सा उँचा उठाते हुए अपनी पॅंट को पूरी तरह

नीचे खिसका दिया और रिया के चेहरे को अपने लंड पर दबाने

लगा....."रिया चूसो इसे... देखो कैसे फड़फदा रहा है...ये."

रिया ने अपने मुँह को पूरी तरह ओओओ के रूप देते हुए खोला और उसके

लंड को अपने गले तक ले लिया... फिर अपनी थूक से भरी जीब को

उसके लंड से चिपकाते हुए उसे चूसने लगी....

सन्नाटे से भरी रात मे गाड़ी के अंदर 'स्पप्प्र स्पप्प्र' के आवाज़ गूंजने

लगी.... राज तो जैसे पागल हो गया.

"ऑश हाां चूवसो ऐसे ही चूऊवसो श अया हाां और ज़ोर से

चूसो." राज रिया के सिर को पकड़ नीचे से अपने लंड को और अंदर

तक घूसाते हुए बड़बड़ा उठा.

रिया उसके लंड को हाथो से पकड़ अपने मुँह को उपर नीचे कर जोरों

से उसके लंड को चूस रही थी....

थोड़ी ही देर मे राज के लंड ने उबाल खाना शुरू कर दिया....उत्तेजना

मे उसने अपना हाथ रिया के सिर पर से हटाया और गाड़ी की छत का

सहारा ले अपनी कमर उठा दी.... उसका लंड पहले से भी ज़्यादा उसके

गले के अंदर तक घुस गया....

जब उसका लंड पानी छोड़ने ही वाला था रिया ने अपना मुँह उसके लंड

पर से हटा लिया.

"ऑश रिया ये क्या किया तुमने... तुम्हे पता है मेरा छूटने ही वाला

था...." राज ने मायूसी भरे स्वर मे कहा.

"अभी नही मेरे राजा...." रिया धीरे से फुफूसा... "अभी मेरा

कुछ और करने का इरादा है."

रिया उठ कर उसके बगल मे बैठ गयी और अपनी छोटी स्कर्ट के अंदर

हाथ डाल दिया.. राज गहरी नज़रों से उसकी मुलायम टाँगो को देखता

रहा... इतने मे रिया ने अपनी पॅंटी उतार दी....

रिया एक बार फिर राज की गोद मे बैठ गयी... उसने अपनी शर्ट के

बटन खोल दिए.... उसकी सफेद ब्रा से ढाकी चुचियाँ नज़र आने

लगी... उसने अपने हाथ पीछे को किया और ब्रा का हुक खोल दिया

जिससे ब्रा ढीली पड़ गयी..... राज ने अपने हाथ बढ़ा कर ब्रा को

थोड़ा उपर किया और फिर उसकी चुचियों को मसल्ने लगा.

"ओ राज कितना अच्छा लग रहा है..." रिया ने उसकी गर्दन मे हाथ

डाल दिया.... "में कब्से इस दिन का इंतेज़ार कर रही थी.... कितना

तडपया है तुमने मुझे..... जब में जानती थी कि तुम मेरे पास ही

हो और अपनी बेहन को चोद रहे तो अपने आप को संभालना बहोत

मुश्किल हो जाता था राज... सच कहती हूँ में तुमसे बहोत प्यार

करती हूँ." रिया ने उसे चूमते हुए कहा.
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
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Re: दो भाई दो बहन

Post by rajsharma »

जब तुम दोनो की चुदाई की आवाज़ें मेरे कानो मे पड़ती तो दिल हमेशा

यही कहता कि वो रोमा नही में हूँ.... तुम्हारे सपने देखते हुए

मेने कितनी बार अपनी चूत की गर्मी को उंगलियों से शांत किया तुम्हे

बता नही सकती." रिया उसे जोरों से चूमते हुए बोल रही थी.

रिया के मुँह से प्यार का इज़हार और इकरार सुन वो और उत्तेजित हो

गया... वो उसके खड़े लंड पर अपनी गीली चूत लिए बैठी थी....

उसका लंड उसकी चूत के पास मचल रहा था. वो अपने कूल्हे हिला अपनी

चूत को उसके लंड पर घिस रही थी.

राज उसकी चुचियों को ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा.... उसकी खड़े निपल

को भींचने लगा.... रिया भी अपनी चूत का दबाव उसके लंड पर

बढ़ा रही थी.

"ऑश राज तुम्हारा लंड कितना मोटा और तगड़ा है."

"और तुम्हारी मखमल सी मुलायम चूत किसी भट्टी की तरह सुलग

रही है... और गीली भी हो गयी है..." राज ने उसकी चुचियों पर

अपनी जीब घूमाते हुए बोला.

"हा राज अब नही रहा जाता." कहकर रिया थोड़ा सा उपर को उठी और

अपना हाथ नीचे कर उसके खड़े लंड को पकड़ अपनी चूत के मुँह पर

लगा दिया.... फिर धीरे से नीचे बैठते हुए उसने उसके लंड को

अपनी चूत के अंदर ले लिया.

राज ने भी अपनी कमर उचक कर अपने लंड को उसकी चूत के अंदर

तक थेल दिया.

"ऑश राज तुम्हारा लंड कितना अच्छा लग रहा है.. ओह ऊवू"

"रिया में तुम्हे पाना चाहता हूँ." राज ने धीरे से कहा.

"में तुम्हारे पास ही हूँ राज .... जब भी जैसे भी तुम चाहो."

रिया ने वादा किया.

रिया ने राज के कंधों को पकड़ा और उछल उछल कर धक्के लगाने

लगी.... रिया ने उसके पूरे लंड को अपनी चूत के अंदर ले लिया

था..... इस आसन से राज का लंड रिया की चूत की दीवारों को

रगड़ता हुआ उसकी चूत का अंदर बाहर हो रहा था.

राज ने अपने दोनो हाथ रिया के कुल्हों के नीचे लगाए और अपने लंड

को उसकी चूत के अंदर बाहर करने लगा...

'ऑश हां ऐसे ही चूड़ो.... किसी लड़की की चुदाई ऐसी ही की जाती

है.. अब ज़ोर ज़ोर से मुझे छोड़ूओ और मेरे चेहरे पर वो मुस्कान दे

दो जिसे में जिंदगी भर ना भूल पयूं."

राज ने अपनी शर्ट के बटन खोल कर अपनी छाती को नंगा कर दिया

और रिया उसकी नंगी छाती पर अपनी चुचियाँ रगड़ने लगी... दोनो

एक दूसरे के होठों को चूस्ते हुए चुदाई मे लगे हुए थे.

रिया धीरे धीरे उपर नीचे हो उसके लंड पर धक्के मार रही

थी... और राज भी नीचे से अपनी कमर उठा उसका साथ दे रहा था..

"हां राज आज ऐसे ही प्यार से मुझे प्यार करो.. धीरे धीरे आज

बहोत अच्छा लग रहा है.. ओह हाआँ ऐसे ही.. ओह्ह्ह्ह" रिया सिसक रही

थी.

राज ने उसकी चुचि को पकड़ अपने मुँह के पास किया और उसके निपल को

अपने दाँत से काट लिया... फिर मुँह ले चुलबुलाने लगा... फिर पूरी

चकुही मुँह मे ले चूसने लगा.. एक हाथ से दूसरी चुचि को मसल्ते

हुए वो एक चूची को जोरों से चूसने लगा..

'ऑश राज हाआँ ऐसे ही चूवसो....ऑश थोड़ा ज़ोर से... हां आज खा

जाओ मेरी चुचि को ....ओह हां और ज़ोर से मसालो... श ओह.."

रिया की उत्तेजना अपनी चरम सीमा पर पहुँच चुकी थी.

रिया अब जोरों से उछल उछल कर धक्के मार रही थी.. गाड़ी के अंदर

गर्मी बढ़ती जा रही थी और साथ ही दोनो का शरीर पसीने से नहा

गया था... रिया झड़ने के करीब पहुँच चुकी थी.... राज भी अब

उसका पूरे ज़ोर से साथ दे रहा था... दोनो के सिसीक़ियों की आवाज़ गाड़ी

मे गूँज रही थी....

"ऑश हाआँ आआआः ऑश हाआँ ऐसे ही ऑश में करीब ही हूँ राज

मेरा चूओटने वाला है..." रिया सिसक रही थी.

रिया जोरों से राज के लंड पर उछल रही थी.... उसकी चूत मे तनाव

बढ़ता जा रहा था....वो ज़ोर से उपर होकर एक ही झटके मे राज के

लंड पर बैठती चली गयी..... और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.

"खुश हो ना मेरी जान." राज ने उसे चूमते हुए कहा.

"बहुत खुश हूँ." रिया अपनी गंद को उसके लंड पर घुमाते हुए

बोली... "लेकिन अभी खेल ख़तम नही हुआ है... है ना?"

"नही" राज ने कहा.

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Re: दो भाई दो बहन

Post by rajsharma »

रोमा और जीत इस तरह घुल मिल कर बातें कर रहे थे जैसे उनकी

बरसों की पुरानी जान पहचान हो.

"आज तुमसे मिलकर और बात कर के मेरे दिल का बहोत सारा बोझ हल्का

हो गया." रोमा ने जीत से कहा.

जीत और रोमा इसी दरमियाँ हॉल के टेबल से उठ कर कोने मे बने एक

बूथ मे बैठ गये थे.... बाहर संगीत जोरों से बज रहा था.

"ये रही तुम दोनो की ड्रिंक" ज्योति ने टेबल पर ड्रिंक रखते हुए

कहा. "बहुत जल्दी दोस्ती हो गयी तुम दोनो की, ज़रा बच कर रहना इस

शैतान से." ज्योति ने जीत की तरफ इशारा करते हुए रोमा से कहा.

"हाआँ....तुम तो ऐसे कह रही हो जैसे में रोज़ आकर कॉलेज की

लड़कियों को पाटता रहता हूँ." जीत ने हंसते हुए कहा, "ज्योति और

मेरे बीच इस तरह के मज़ाक चलते रहते है."

ज्योति ने हंसते हुए जीत के सिर पर हल्के से एक चपत

जमाए.. "औरों की तो में नही जानती लेकिन हाआँ... आज से पहले

ऐसी कॉलेज की लड़की तुम्हे नही मिली होगी."

ज्योति की बात सुनकर रोमा के मुँह से जोरों से हँसी छूट गयी..

उसने जल्दी से अपने मुँह पर हाथ रख कर हँसने लगी.... हंसते

हंसते उसका बुरा हाल हो गया.. और आँखों मे आँसू आ गये.

"बहुत दिनो बाद ऐसे खुल कर हँसी हूँ..." रोमा ने कहा.

"हँसना सेहत के लिए वैसे भी अछा होता है," जीत ने कहा, "वैसे

अगर तुम मेरे घर पर ट्यूशन लेने आओगी तो तुम्हारे बॉय फ़्रेंड को

बुरा तो नही लगेगा."

"मेरा कोई बॉय फ़्रेंड नही है," रोमा ने जवाब दिया, "में अपने भाई

और उसकी गर्ल फ़्रेंड के साथ रहती हूँ... और मुझे लगता है की उन

दोनो को कोई फरक नही पड़ेगा अगर में तुमसे ट्यूशन लूँगी तो."

"ये तो बहोत अच्छी बात है."

दो ड्रिंक के बाद रोमा को थोड़ा नशा होने लगा था.... उसका सिर

चकरा रहा था... जीत से मिलकर उसे बहोत अच्छा लगा था और कुछ

देर के लिए वो राज और रिया को अपने दीमाग से निकल चुकी थी.

"चलो बाहर चल कर बैठते है.. यहाँ थोड़ी घुटन सी हो रही

है." जीत ने रोमा की हालत देखते हुए कहा.

दोनो बाहर आकर एक टेबल पर बैठ गये... जीत ने ज्योति से कह कर

अपनी पसंद का गाना लगाने को कह दिया....

"क्या तुम मेरे साथ डॅन्स करना पसंद करोगी?" जीत ने रोमा की तरफ

हाथ बढ़ते हुए कहा.

"पता नही... ज्योति बार बार मुझे तुमसे सावधान रहने को कह रही

है.." रोमा ने हंसते हुए कहा.

"क्या तुम डरती हो मुझसे... तुम्हे लगता है की में तुम्हारे साथ कोई

ग़लत हरकत करूँगा." जीत ने पूछा.

"नही मुझे डर तुमसे नही अपने आपसे है... कि डॅन्स करते वक्त

कहीं मे गिर ना पदू.. मुझे नाचना नही आता." रोमा ने जवाब

दिया.

"ये तो और भी अछी बात है." जीत ने मुस्कुराते हुए कहा, "अब मुझे

पढ़ाई के अलावा तुम्हे और भी कुछ सीखाने का मौका मिल जाएगा."

रोमा को जीत पसंद आ गया था.. वो एक हस्मुख और अछा इंसान था..

उसने अपना हाथ आगे बढ़ा दिया.... जीत ने उसका हाथ पकड़ा और उसे

डॅन्स फ्लोर पर ले आया.... जीत ने उसकी कमर मे हाथ डाला और दोनो

गाने की धुन पर नाचने लगे.

"इतना अच्छा तो नाच रही हो." जीत ने कहा.

रोमा ने उसे कस कर पकड़ लिया और अपना सिर उसके बाएँ कंधे पर

टिका दिया.

"तुम ठीक तो हो ना?"

रोमा हल्के से मुस्कुराइ और उसकी पीठ पर हाथ फिराते हुए

बोली, "पहले से कहीं बेहतर... मेरी आज की रात रंगीन बनाने के

लिया शुक्रिया."

जीत ने किसी बुजुर्ग की तरह उसके माथे को चूम लिया, "ये तो मेरी

ख़ुशनसीबी है की मुझे तुम्हारी सहयता करने का मौका मिला."

दोनो इसी तरह एक दूसरे की बाहों मे बाहें डाले थोड़ी देर तक

नाचते रहे.

"चलो में तुम्हे घर छोड़ देता हूँ, रात काफ़ी हो चुकी है." जीत

ने रोमा से कहा.

जीत ने किसी अच्छे इंसान की तरह की होटेल का बिल चुकाया और रोमा

को सहारा देते हुए अपनी गाड़ी तक ले आया.... फिर रोमा को गाड़ी की

अगली सीट पर बिठा कर उसने गाड़ी रोमा के घर की तरफ बढ़ा दी.

रोमा ने उसे अपने मकान के सामने रुकने का इशारा किया तो जीत ने

गाड़ी रोक दी.

"तुम ठीक हो ना?" जीत ने एक बार फिर पूछा.

"हां में बिल्कुल ठीक हूँ.... क्या तुम अंदर आना चाहोगे?" रोमा ने

पूछा.

"नही रात काफ़ी हो चुकी है... अब में चलूँगा... हां अगर कोई

काम हो तो फोन करने मे मत हिचकिचाना... तुम्हारी मदद करके

मुझे खुशी होगी." जीत ने जवाब दिया.

"शुक्रिया आज तुमने मेरी काफ़ी मदद की उसके लिया." कहकर रोमा अपने

फ्लॅट मे चली गयी.

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Re: दो भाई दो बहन

Post by rajsharma »

"ऑश इहहस ऑश" सिसकते हूर राज अपनी कमर उठा नीचे से

रिया को चोद रहा था.... और रिया भी जोरों से उछल उछल कर उसके

लंड का मज़ा ले रही थी... रिया दो बार झाड़ चुकी थी.. लेकिन उसकी

चूत गर्मी शांत ही नही हो रही थी.

राज का लंड पूरे उबाल पर था... उसने रिया को कमर से पकड़ा और

अपना लंड पूरा अंदर घुसाते हुए अपने वीर्य की पिचकारी उसकी चूत

मे छोड़ दी.

रिया भी पूरी ताक़त से उसके लंड पर बैठ अपनी चूत की

मांसपेशियों को कस उसके लंड को अपनी गिरफ़्त मे ले लिया.

'ऑश हाआँ चूड़ो ऑश ऐसे ही ऑश हन आअज भर दो मेरी चूत को

अपने रस से....ऑश और अंदर तक घुसा डूऊ." रिया अपनी चूत को

उसके लंड पर रगड़ते हुए सिसकने लगी.

जब राज का लंड शांत हुआ तो रिया ने उसके होठों को चूम

लिया, "ऑश राज आज तुमने मेरी कितने दिनो की प्यास बुझा दी.....

में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ."

दोनो का बदन पसीने मे नाहया हुआ था... गाड़ी मे उनकी उखड़ी साँसों

की आवाज़ गूँज रही थी... वातावरण मे गर्मी बढ़ी तो राज ने ड्राइवर

सीट वाली खिड़की नीचे कर डी..ठंडी हवा का झोंका उनके बदन से

टकराया तो एक बार लिया दोनो बदन एक साथ कांप उठे.

राज का लंड मुरझा कर रिया की चूत की बाहर आ चुका था.

"तुम्हे क्या लगता है रोमा इस समय क्या कर रही होगी?" राज ने रिया

से पूछा.

"प्लीस राज रोमा के बारे मे मुझसे कोई सवाल मत करो... सही पूछो

तो मुझे मतलब भी नही है.. बस मुझे इसी तरह अपनी बाहों मे

भींचे रहो." रिया ने अपनी बाहों का कसाव बढ़ाते हुए जवाब दिया.

रिया की चुचियाँ राज की छाती से रगड़ खाने लगी तो रिया ने अपनी

जीब राज के मुँह मे डाल दी... राज उसकी जीब को चूसने लगा....

दोनो एक बार फिर एक दूसरे को चूमने चूसने लगे.

"चलो गाड़ी की पिछली सीट पर चलते है... में तुम्हारे नंगे

बदन को अपने बदन पर महसूस करना चाहती हूँ." रिया ने उसके

होठों को चूस्ते हुए कहा.

"हमे तूरंत घर चलना चाहिए." राज ने कहा.

"अभी नही राज... तुम्हारी बेहन एक रात तुम्हारे बिना गुज़ार सकती

है... आज की रात मुझे तुम्हारी ज़रूरत है.. और शायद अब तक तो

वो सो भी चुकी होगी... चलो पीछे चलते है."

एक एक कर के दोनो आगे की सीट से खिसक कर पीछे की सीट पर आ

गये. रिया ने अपना ब्लाउस और ब्रा खोल कर निकाल दिया. जब राज सीट

पर अछी तरह से बैठ गया तो वो उसके सामने नीचे बैठ गयी और

उसके मुरझाए लंड को अपने हाथो मे ले मसल्ने लगी.

"रिया में फिर से कुछ कर पाऊ.. उसमे हो सकता है कुछ वक्त

लगे...." राज ने उसे बताया.

रिया ने एक शैतानी मुस्कुराहट के साथ कहा, "ये सब तुम मुझपर

छोड़ दो.."

रिया के हाथों की गर्माहट पाकर उसका लंड फिर से हरकत करने

लगा.... रिया ने अपनी पूरी जीब को बाहर निकालते हुए उसके लंड के

नीचले हिस्से से चाटना शुरू किया फिर उपर तक आकर वो उसके लंड

के सूपदे के छेद पर अपनी जीब की नोक रगड़ने लगी..... कुछ मिनटों

मे ही राज का लंड फिर तनने लगा.... राज सीट के सहारे पसर सा

गया और रिया ने उसके लंड को अपने मुँह मे ले लिया.

पहले तो रिया धीरे धीरे उसके लंड को चूस रही थी.. लेकिन जब

लंड पूरी तरह तन गया तो वो जोरों से चूसने लगी... राज ने अपना

हाथ उसके सिर पर रख दिया और अब नीचे से उसके मुँह मे धक्के

लगाने लगा.

रिया के बदन मे भी गर्मी बढ़ने लगी थी... उसके निपल तन चुके

थे..... चूत मे सरसराहट हो रही थी... उसने अपना दूसरा हाथ

नीचे किया और अपनी चूत को रगड़ने लगी.

"लगता है तुम फिर से तैयार हो गये हो?" रिया ने अपने मुँह को उसके

लंड पर से हटाते हुए कहा.

"नही अभी थोड़ी कसर बाकी है.." कहकर उसने रिया के मुँह को फिर

अपने लंड पर झुका दिया.

क्रमशः..................
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