आप की शशि compleet

User avatar
007
Platinum Member
Posts: 5355
Joined: 14 Oct 2014 17:28

Re: आप की शशि

Post by 007 »

आप की शशि पार्ट् – 5



तो उस दिन तो जैसे मैंने एक नई जिन्दगी प ली न्यू सेक्स लाईफ इस जस्ट कमिंग तो स्टार्ट नोउ!!!! मैं और कमि कुछ देर वही बेड़ पे लेटे रहे और किस्सिंग करते रहे. बड़े जोर से चूमता था मुझ को वों पर मुझे और भी अच्छा लगता था.... फिर वों उठा.

अये शशि आज मुझे नहलओगी नहीं क्या?

हां क्यों नहीन. मैंने उस का हाथ पकड़ के उस को अपनी तरफ खिंचा वों भी बेड़ से नीचे आ गया उस का लंड अब फिर से हार्ड हो रहा था. मैंने हाथ में पकड़ लिया काफी बड़ा था मेरे हाथ में पूरा नहीं आया. खैर मैंने जोर से पकड़ा और उसे बाथ्रूम में ले आयी वों वैसे ही चलता हुआ मेरे पीछे पीछे आ गया.

जरा आराम से शशि

ओह साँरी दर्द तो नहीं हुआ? और मैंने अपनी गिरफ्त ढीली कर दी मैं शोवेर खोला और हम दोनों उस के नीचे आ गये. ठंडा ठंडा पानी जब हमारी बोडिस पे गिरा तो एक सुकून सा मिला. आह्ह्ह्ह!!!!!!!!!!!!!! हम एक दूसरे कि बोडिस को मल रहे थे और शोवेर के नीचे ही थे. वों मेरे पीछे था और उस का हार्ड लंड मेरे हिप्प्स पे लगा रहा था. उस के हाथ मेरे बूब्स को मसल रहे थे वोव बड़ा अच्छा लगा रहा था. जी चाहा रहा था के अब युन्हि नहाते रहें और कोई न आये आह्ह!! अब उस का लंड मेरे हिप्प्स के सेंटर में आ गया मेरे हिप्प्स बड़े गोल गोल और छोटे थे उस का लंड सेंटर से मेरी पूस्सी (चूत) को टच कर रहा था. मैं एक बार फिर होट् और वेट् हो रही थी. मैंने हाथ पीछे कर के उस के लंड को पकड़ लिया.

नाराज न हो तो मैं तुम्हें फिर गिला गिला कर दून? मैंने आहिस्ता से कहा.

हां जान जो चाहो करो ये तो है ही तुम्हारे लिये. कम ओन... उस ने मेरे कानों कि लौ को किस्स करते हुए कहा और मैं पलटी और उस के लंड को दोनों हाथों में ले कर मसाज़ करने लगी. उस ने मेरे हाथों को ठीक डाईरेक्शन में किया अब मैं उस कि शाफ्ट को आगे पीछे करने लगी. फिर मैं बैठ गयी और बड़े प्यार से उस के लंड हेड पे किस्स कि. और बहुत सी किस्सेस कि अह्ह्ह अच्छा लगा रहा था ऊपर से पानी हम पे गिर रहा था और मैं गिला गिला लंड ज़ुबान से चाटने लगी. और उस के बोल्ल्स मुँह में डाल के सुक्क करने लगी फिर पूरा मुँह खोला के आधे से ज्यादा लंड मुँह में ले गई और मुँह को आगे पीछे करने लगी. कमि के मुँह से आह्ह्ह्ह कि आवाज़ आई जोर से और मैंने लंड मुँह से निकल दिया.

क्या हुआ?

कुछ नहीं जान दांत न लगाओ दर्द होता है सिर्फ होंठों से करो .

ओ के. जान और मैंने फिर लंड मुँह में डाल कर जोर जोर से चूसना शुरू कर दिया अब तो उस के मुँह से अवज़ैन आने लगी मैं तो जैसे पागलों कि तरह सुक्क कर रही थी. मेरी चूत से गिला गिला शोवेर के पानी के साथ टीप टीप नीचे टपकने लगा. मैं एक हाथ अपनी पूस्सी (चूत) पे ले गई और अपने क्लीट् को रब करने लगी.

हाथ हटा लो और सिर्फ मुँह से करो उस ने कहा और मैंने हाथ उस कि हिप्प्स पे रख लिये और मुँह को और खोल के आगे पीछे करने लगी. अब तो उस का लंड हेड मेरे गले को उन्देर से टच कर रहा था और मेरी हलक से अवज़ैन निकलने लगी. आघ अघ आघ आघ !!! अब वों भी आगे पीछे हो रहा था उसे बहुत ही मजा आ रहा था और मुझे ये सोच कर मजा आ रहा था के वों setisfy हो रहा है. आघ आघ अघ अघ और वों रिलेक्स हो गया. सारा मेरे मुँह में फिर से उस का गिला गिला मेरे गले के उन्देर चला गया.. उस ने मुझ शौल्देर्स से पकड़ के उठा और गले लगा लिया और मेरे हूंतून को चुम्ने लगा.

थैंक्स जान थंक्स थंक्स

क्यों ये मेरा ही है न मैं जब चहून जो करुँ.. तुम अपनी चीज का खयाल रखो बस...

हां क्यों नहीं अभी लो... उस ने कहा और अब वों बैठ गया और मेरी पूस्सी (चूत) को लिक्क करने लगा मैंने थोडी से टाँगें फैला ली ताके उस को आसानी हो.. और वों भी पागलों कि तरह मेरी चूत चाटने लगा आह हुँ हो ह अह्ह मैं जोर जोर से सिसकियाँ लेने लगी. मुझ ऊंची आवाज़ में आहें भरने में बहुत ही मजा आता था और वों था के मेरे पयुबिक हैर पे लेफ्ट लिप पे राईट लिप पे और फिर मेरे क्लीट् को तो जैसे ख ही जाना चह्त था. अह्ह्ह अह्ह्ह और फिर उस ने अपनी ज़ुबान मेरे होल में डाल दी आअह्ह ह्हा हुउउम्म्म!!!!!!

वोव क्या सरूर था और वों अब ज़ुबान को उन्देर बाहर कर रहा था और मैं रेलेअस हो गई लेकिन वों रुका नहीं और करता गया. मेरे हाथ उस के सिर पे थे मैं उस का सिर जोर से अपनी तरफ कर रही थी.. और मैं एक बार फिर रेलेअस हो गई और मेरी अवज़ैन और बुलन्द हो गई आह आह अह अह और मैंने उस को ऊपर उठा लिया.

बस जान बस करो मैं मर जऊनगि बस!!!!!! और वों मेरे साथ लिपट गया और हम ने एक दूसरे को सोअप लगा कर नहलाया और बाहर आ गये. हम ने कपड़े पहने और वों एक लोंग किस्स कर के कमरे से चला गया. मैं बेड़ पे लेट गई मेरी तो टाँगों और पूरे बादन में जान ही नहीं रही थी और मेरी आंख लगा गई और मैं सो गई. मेरी आंख जब खुली के खाला मेरे सिर पे हाथ फेर रही थी.

उठ बैटा कुछ खा लो. कब तक युन्हि घुम करती रहोगि... और जाने क्या क्या कहा रही थी वों. मैं उठ के बैठ गई. अब मेरा मूड काफी बेहतर था रात हो चुकी थी. हम सब ने मिल कर डिनर किया. और मैं फिर अपने कमरे मे आ गई... इन दिनों खाला मेरे ही साथ सोती थी क्यों के मैं रात में डर जाति थी लेकिन उस रात जब खाला सोने के लिये आइन तो मैंने उन से कहा.

ख़ल्ल मैं अब ठीक हुँ आप अब अपने कमरे में सो जाये

थंक्स और फिर उन्होने ने प्यार से मेरे माथे को चूमा और चली गयी.... मैं अकेले नहीं बल्कि फिर से कमि के साथ सोने में intresded थी और मुझ पत्ता था के वों आये ग जरूर हमें एक दूसरे कि प्यास थी..... मैं लेटी करवटें ले रही थी के रात के १२ हो गये लेकिन वों नहीं आया तो मैं अपने कमरे से निकली और बाहर का जायजा लिया. सब सो रहे थे घर कि लाईट ओफ्फ थी मैं कमि के रूम कि तरफ जाने लगी कहा वों भी कमरे से निकल आया. लेकिन मैं उस के डोर तक आ चुकी थी. हम ने एक दूसरे को गले लगाया और वों मुझे अपने कमरे में ले गया.

तुम आये नहीं मैं वैट कर कर के खुद ही आ गई मैंने एक किस्स किया उस के हूंतून पे.

मैं आ ही रहा था लेकिन मोम डैड के सोने का वैट कर रहा था. हां वैसे भी मेरे पूरे बादन में दर्द हो रहा है आज हम ने बहुत हार्ड वर्क कर लिया है. अब मुझ में ताकत नहीं यार उस ने मुझे बेड़ पे बिथते हुए कहा

हां हिमत तो मुझ में भी नहीं है लेकिन जाने ये केसी आग लगा दी है तुम ने के मेरी चूत को सुकून ही नहीं. अभी भी देखो वेट् हो रही है. और उस ने हाथ मेरी शलवार में डाल के मेरी पूस्सी (चूत) को टच किया मैंने हिप्प्स को उठाया.

हां शशि तुम तो अभी भी बहुत गेलि हो रही हो. लेकिन हाथ से काम चलेगा क्या? उस ने हाथ मेरे क्लीट् पे फेरते हुए पूछा.

हां ये हाथ यहीं रख दो अब कुछ चैन आया है इस को... और मेरी आंखें बन्द होने लगी वों मसाज़ करता रहा.

शशि वों मूवी देखोगि? उस ने आहिस्ता से पूछा

हां ज़रोर. क्यों नहीं जिस कि वजह से हम ने इतना मजा लिया दिखाऊ तो सही उस में है क्या. मैं उठ कर बैठ गई और उस ने टीवी और विडिओ ओन कर दिया और अपने ड्रॉअर में से एक कैसेट निकाली और ओन कर दी. फिर मेरे पास आ के बैठ गया. मूवी चलने लगी उस का हाथ मैंने पकड़ के वापिस अपनी चूत पे रख लिया और उस का लंड हाथ में ले कर मलने लगे और मूवी चलती रही....... हम देखते रहे.......

वों एक फुल्ल xxx मूवी थी जिस ने हम को सब कुछ सीखा दिया.......... हम मूवी देखते रहे और हमारे हाथ अपना काम करते रहे मैं तीन बार रेलेअस हुई और वों भी एक बार रेलेअस हो गया... . अब तो हम सब जान चुके थे कहा सेक्स है क्या......... अब तो जंग होनी थी......
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
User avatar
007
Platinum Member
Posts: 5355
Joined: 14 Oct 2014 17:28

Re: आप की शशि

Post by 007 »

आप की शशि पार्ट् – 6


हां तो कमि जैसे ही मुझे मेरे रूम में बेड़ पर लिटा के चला गया और जाते हुए मेरे रूम कि लाईट भी ओफ्फ कर गया. मैं थक तो बहुत चुकी थी लेकिन नींद अब मेरी आंखून में कहा थी. मेरा हाथ खुद ब खुद ही अपनी पूस्सी (चूत) पे फिर से चला गया. मैं खुद ही अपने पूस्सी (चूत) लिप्स से खेलने लगी. मेरी चूत तो वेट् थी ही मेरे दिमाग में वोहि स्क्रीन बार बार आ रहा था जो मैं मूवी में अभी अभी देख कर आई थी..

और मैंने अपनी दरमियान वाली लम्बी उँगली अपनी पूस्सी (चूत) में पूरी कि पूरी डाल दी. मैं चेक्क करना चाहा रही थी के मेरे उन्देर कितनी डेप्थ है. कि कमि का लंड अन्दर जा भी सकता है या नहीं. पर मेरी उँगली तो पूरी अन्दर चली गई थी. मुझे मजा आने लगा. मैं उसे अन्दर बाहर करने लगी.. मेरी सांसें तेज़ होने लगी. मैं सोचने लगी के जैसे मेरी उँगली नहीं कमि का लंड मेरी चूत में अन्दर बाहर आ जा रहा है... और मैं फिर से रिलेक्स हो गई और इन्हीन खैअलून में जाने कब मुझे नींद आ गई...

सुबह जब आंख मेरी खुली तो मुझे खुद से बड़ी अजीब से स्मेल्ल आ रही थी. मैंने रूम लोक्क कि और सारे कपड़े उत्तरे और एक नजर द्रेस्सिंग टेबल के मिरेर में अपना सीना देखा. मेरे उठे हुए गोल गोल उभार. मेरे पिंक निप्पलस्. मेरा कमर के साथ लगा हुआ पेट. मेरी हिप्स. मेरी स्लिम टाँगें. मुझे खुद पे बड़ा प्यार आया.. दिल चाहा के ऐसे ही कमि के पास चली जऊन और वों मुझे खूब प्यार करे.. खैर मैं बाथरुम में गई और खूब अच्छी तरह नहाई मल मल के...

मैं नीचे आ गई खाला घर में थी और सफाई कर रही थी मुझे सीरिऊन से नीचे आते हुए देख के खाला बोली.

आँह ह मेरी बेटी आई है. शुक्र है के तुम कमरे से तो निक्लीन अब तबीयत केसी है?

मैं ठीक हुँ खाला जान और उन्होने मेरा माथा चूमा और अपने पास बिठाया.

किआ नाश्ता करना है मेरी बिटिया रानी ने?

कुछ भी.. कमि कहा है खाला जान? मैंने पूछा.

वों भी अभी तक सो रहा है. पता नहीं कियुन आज तो जोगिंग पे भी नहीं गया. तबीयत ठीक हो उसकी.. मैं जाती हुँ उस को उठा कर लाती हुँ ओर दोनों को साथ ही नाश्ता देती हुँ और खाला उठ कर जाने लगी.

मैं जाती हुँ उस को उठाने आप बैथै और मैं उठी और फिर ऊपर चली आई. कमि के रूम का डोर खोला और अन्दर आ गई वों बिल्कुल सिध लेटा था और अभी तक सो रहा था. मुझे उस पे बड़ा प्यार आया और मैंने उस के हूंतून पे जोर से चूम लिया और बेड़ पे बैठ गई. वों उठा नहीं मैंने एक और किस्स क्या और अपनी ज़ुबान उस के मुंह में डाल दी. उस को होश आ गया था और उस ने मेरी ज़ुबान को सक्क करना शुरू कर दिया. फिर मैं पीछे हट गई वों बड़ा अच्छा style है सोत्ते होये को उठाने का मजा आ गया..

चलो अब उठ जाओ खाला बुला रही है.. मैंने मुस्कराते हुए उसे कहा .

हां उठा जाता हुँ. पर इस का तो कुछ करो पहले और उस ने मेरा हाथ अपने लंड पर रख लिया. वों as usual हार्ड था मैंने मूठी में पकड़ लिया.

क्या है इस को ये हर वक्त ऐसे ही खड़ा रहता है और मैं सहलाने लगी उसे.

क्या करे ये भी.. तुम हो ही इतनी सेक्सी के देखते ही हार्ड हो जाता है.

चलो चलो मस्का नहीं लगऊ अब उठो और आओ नीचे नाश्ता करने बड़ी भूख लग रही है मैंने उस के लंड को एक झटका दिया उस के मुंह से एक चीख निकल गई.

क्या हुआ? मैं डर गई

आह आराम से यार तोडना है इस को क्या और वों अपने हाथ में अपने लंड को ले कर सहलाने लगा.

ऑह साँरी जान. लाओ मैं इसे प्यार कर लू ये मेरा ही तो है न.. और मैंने उस का कम्ब्ल उथैआ और उस के लंड के हेड पे एक किस्स क्या.

चलो अब ठीक है आ जाओ नीचे अब और मैं कमरे से बाहर निकल आई...

नाश्ते का बाद कमि कहीं बाहर जाने लगा तो मैंने उस से कहा .

कमि वों मूवी मैंने पूरी देखनी है..

ओ के! जओ देख लो. वों मेरे ड्राअर में है ये लो चाबी और उस ने अपने ड्राअर कि चाबी मुझे दे दी. मैं उस के कमरे में आ गई और रूम लोक्क कर के मूवी लगा ली और देखने लगी. बड़े गोर से मैंने हर स्क्रीन बार बार देखा..

और आप तो जानते ही है का ऐसी मोविएस में क्या कुछ होता है. मैं एक एक स्क्रीन कई कई बार देखा मैं बहुत होर्नेय हो गई. मुझे वों मूवी देखने से बहुत से बातें पत्ता चली. मसलन के. डिफ्फिरेंत मर्दून के लंड दिफ्फिरेंत शेपस और साईज़ेस का होते है. डिफ्फिरेंत औरतून के बूब्स भी दिफ्फिरेंत शेपस और दिफ्फिरेंत साईज़ेस के होते है और उन कि पुस्सिएस भी दिफ्फिरेंत साईज़ेस कि होती है. और सेक्स के भी बहुत से style होते है.. और और और... बहुत कुछ...

मेरा दिल चाहा रहा था के अभी मैं किसी के साथ ये सब कुछ एक साथ कर लून.. लेकिन मेरी पूस्सी (चूत) तो मूवी वाली हर लड़की से छोटी थी... एक ख्वाहिश थी .. पर एक खौफ भी था के जाने क्या होग.... मूवी में सब ही लर्कियुन ने बहुत मजा ले ले कर फक्किंग कि थी.. पत्ता नहीं मैं भी ऐसे कर सकूनगि या नहीं???

और फिर मैंने मूवी बन्द कि कमि के ड्राअर में रखी लोक्क किया और रूम से बाहर आ गई.. मेरे पास से फिर वहीं सेक्सी स्मेल्ल आ रही थी और मुझे पागल कर रही थी. क्या करुँ दो बार तो फिंगेर से खुद को रिलेक्स कर चुकी थी लेकिन तसलि नहीं हुई थी.. जाने कमि कहा रह गया है.. दोपहर हो गई फिर शाम वों नहीं आया मैं अपने रूम में सोच सोच के पागल हो रही थी....

रात में जा के कमि आया पर खाला और खल्लु भी घर में थे खुद को रोकना मुश्किल हो रहा था. खैर रात गहरी हुई. ख़ल्ल खल्लु अपने कमरे में गये और मैं अपने कमरे में आ गई. पर चैन नहीं था मन् में हलचल सी थी. फ़ौरन ही कमि के रूम में चली गई..

आओ आओ जनाब! क्या क्या देखा आज उस ने आँखें मत्कते हुए पूछा.

आग लगी हुई है मेरे पूरे बादन में. जान जल्दी से बुझा दो.. मेरे साथ वों सब करो न.. मैं उसे बहून में लेते हुए कहा . उस ने मुझ एक किस्स किया.

करेंगे जान जरूर करेंगे लेकिन अभी वैट करो जिस दिन घर में कोई न हो. उस दिन करेंगे... और हम किस्सिंग करने लगे हमारी ज़ुबने एक दूसरे से खेलने लगी और मैंने उस कि ज़ुबान को सक्क करना शुरू कर दिया.

डंतून में दबा लिया. उस का एक हाथ मेरे लेफ्ट ब्रेस्ट पे आ गया और मेरा हाथ उस कि ट्राउजर् के ऊपर से ही उस के लंड पे था. हम एक दूसरे को भिंच रहे थे. मैं काबू से बाहर हो रही थी.. वों भी मेरे बूब्स को जोर जोर से दबा रहा था... फिर मैं अलग हुई और घुत्नो के बल बैठ गई और उस का ट्राउजर् खोलने लगी.. वों खड़ा रहा. मैं मूवी के स्क्रीन कि तरह act कर रही थी. मैंने उस का लंड बाहर निकल लिया वों as usual हार्ड था. मैं उस को जोर जोर से चुम्ने लगी उस के हेड को अपने होंठों में लिया और उस के सुरख पे अपनी ज़ुबान कि टीप लगाई..

नमकीन सा टेस्ट् आया फिर मुंह खोल के अन्दर ले गई. मेरा मुंह छोटा था और उस का लंड मोटा. तकरीबन आधा ही अन्दर आया मैं पागलों कि तरह उसे चूस्ने लगी. एक हाथ में पकड़ कर. दूसरे हाथ से मैंने उस के बोल्ल्स को सहलाना शुरू कर दिया उस के मुंह से सिस्कियुन कि हल्की हल्की अवज़ैन आने लगी... मैं और जोश से सुक्किंग करने लगी मुझे नहीं पत्ता था के मैं क्या कर रही हुँ... मैं होश में ही कहा थी मैं तो दिवनून कि तरह से उस के लंड को लोल्ल्य्पोप कि तरह चूस रही थी. मेरी आँखें बन्द थीन और उस के हाथ मेरे सिर पर मेरे बालों से खेल रहे थे...
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
User avatar
007
Platinum Member
Posts: 5355
Joined: 14 Oct 2014 17:28

Re: आप की शशि

Post by 007 »

फिर मैं उस के लंड को मुंह में अन्दर बाहर करने लगी. उस कि सिसकियाँ तेज़ होती जा रही थी और मेरी स्पीड भी बडती जा रही थी. मेरे थूक से उस का सारा लंड गीला हो चुका था और वों मेरे मुंह में अन्दर बाहर आ रहा था मैंने पूरा मुंह खोला हुआ था और अब उस का लंड मेरे हलक से टकरा रहा था... ऍघ अघ आघ आअघ्ह कि अवज़ैन मेरे मुंह से निकल रही थी..... और वों मेरे मुंह ही में रिलेक्स हो गया...... ऍआह आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह...... कमि के मुंह से निकला और मेरे मुंह उस के लोड् से भर गया कुछ गले के अन्दर चला गया और कुछ मैंने बाहर उगल दिया.. जो के मेरे गले से होते हुए मेरे ही कपड़ों पे गिर गया........

वों शशि!!! ग़्रेअत यार!!! तुम ने तो कमाल कर दिया.. और उस ने मुझे कंधों से पकड़ कर उथैअ और गले लगा लिया.... और मेरे होंठो को चूम्ने लगा... फिर उस ने मेरी हिप्प्स पे हाथ रखे और मुझ उठा लिया मैंने टाँगें उस कि कमर के गिर्द लपेट लीन.. और वों मुझे बेड़ का पास ले आया और बेड़ पे लिटा दिया और फौरन ही मेरी शलवार उतार दी. और मेरी टांगैन फैला कर उन के सेंटर में जमीन पे बैठ गया मैं बेड़ कि ऐज् पे थी.. उस ने मेरी चूत को हाथ से सहलाना शुरू किया मेरी आँखें बन्द हो गई... वों मेरे पूस्सी (चूत) लिप्स से खेल रहा था मेरे क्लीट् को छू रहा था और मैं हिप्प्स उठा कर उस के हर टच का जवाब दे रही थी और उस ने मेरी पूस्सी (चूत) पे किस्स किया. एक और किस्स किया और फिर अपनी ज़ुबान से उस को चारो तरफ से चाटने लगा आह आह ह्म्म ह्म्म्म्म !!!!!!!!!! क्या मजा था वह क्या बतऊओन.....

फिर तो वों पागलों कि तरह मेरी चूत को चाटने लगा उस कि ज़ुबान मेरी चूत को गीला कर रही थी.. हर तरफ से मेरे क्लीट् के गिर्द घूम रही थी. उस को छू रही थी और मेरी सांसें...... मेरा सीना फूल रहा था पिचक रहा था मेरे निप्प्लेस हार्ड हो गये थे. मेरे पूरे बादन में आग सी लग चुकी थी.... और उस ने मेरे क्लीट् को दंतून में दबाया तो मेरी जैसे जान ही नकल गई मैं टाँगें फैल रही थी. सिकोड रही थी.... हिप्प्स उठा रही थी और उस ने ज़ुबान चूत के अन्दर ही डाल दी और गोल गोल घुमाने लगा मुझे अपनी चूत के अन्दर उस कि ज़ुबान महसूस हो रही थी.....

वों क्या मजा था क्या बतऊन अल्फज़ में बयान से बाहर है ये सब....... और मैं ऋलेअक्स... हो गई आह आह आअह्ह आह्ह हम हम ह्म्म्म्म्म्म्म्म !!!!!!!!! मैं अपनी सिस्क्युन को दबाने कि कोशिश कर रही थी मेरा बादन पसीने से भीग चुका था और कमि था के मेरी चूत को जैसे ख ही जायेगा.

ब.. बस.. बस्स करो कमि बस करूओ मैं मर जऊनगि... जान बस मैं रिलेक्स हो गई हूँ. मैंने उस के बालों में हाथ फेरते हुए कहा और वों उथ कर मेरे ऊपर लेट गया मैंने उसे बहून में कस लिया..... मेरी सांसें अभी भी तेज़ थीन. कुछ देर यूँ ही लेटे रहने के बाद उस ने सिर उथैअ और मेरी आंखून में देखा.

मजा आया...

हुम्म्म्म्म... मेरे मुंह से इतना ही निकल सका और हम किस्सिंग करने लगे... चलो अब जओ और सो जऊ. गुड़ नाईट!!! उस ने मुझे शलवार पहनते हुए कहा और मैं खामोशी से उस के रूम से निकल आई.......

Posted by Sanjay at 11:53 PM Links to this post

आप की शशि पार्ट् – 6

आप की शशि पार्ट् – 6

शशि हज़िर ए खिदमत है!!! और अब सुन्ये आगे का हाल......(पार्ट् - ६)

हां जी तो टीवी पे वोहि सेक्स मूवी चल रही थी. उस में एक लड़का और लड़की एक दूसरे को ६९ पोसितिओन में सुक्किंग कर रहे थे मेरा हाथ भी खुद ब खुद कमि के पेनिस पे चला गया वों as usual हार्ड रोक्क बना हुआ था. मैं उसे सहलाने लगी. उस का हाथ भी मेरी शलवार के उन्देर आ गया और वों भी मेरी पूस्सी (चूत) को सहलाने लगा. मैं फिर से गिलि गिलि हो रही थी. उस कि पहली फिंगेर मेरे क्लिट् से खेल रही थी. चूँ रही थी. डैरे बना रही थी. बड़ा ही मजा आ रहा था.

मैं भी उस के हार्ड रोक्क लंड कि शाफ्ट को ऊपर नीचे कर रही थी और मूवी चल रही थी... फिर स्क्रीन बादला और उस लड़के ने लड़की को बेड़ पे सिध लिटा दिया उस के पैरून को पकड़ के दोनों टाँगें पूरी खोल दी जिस से उस कि पूस्सी (चूत) के लिप्स भी खुल गये और फिर लड़के ने उस कि पूस्सी (चूत) पे अपने सीधे लम्बे लंड को रख और आहिस्ता आहिस्ता अन्दर डालने लगा.. और पूरा अन्दर डाल दिया... टीवी कि आवाज़ तो बन्द थी क्यों के रात का टाईम था और नीचे खाला और खल्लु सो रहे थे.... मैं एक दम हैरान हो गयी और कमि कि तरफ देखने लगी.... वों मेरी तरफ देखने लगा और मुस्कुरय....

ये क्या किया इन्हून ने? मैंने हेरांगी से कमि से पूछा.

यही तो मैं तुम को दिखन चह्त था. ये ही असली सेक्स है. इसी से ही असली सेक्स का मजा आता है.. उस ने मेरा चेहरा अपने दोनों हाथों में ले कर आहिस्ता से मेरी आंखून में देखते हुए कहा .

अरे इस से तो बड़ा दर्द होता होगा. वों लड़की तो मर जायेगी... मेरी हेरांगी अभी कम नहीं हुई थी .

नहीं यार अभी देखो कुछ नहीं होग. पहले पूरी तरह देख तो लो उस ने कहा और हम फिर से मूवी देखने लगे. अब वों लड़का अपने लंड को उस कि पूस्सी (चूत) में अन्दर बाहर कर रहा था और और वों लड़की भी बड़े मजे से हिल रही थी.

इस कि जरा सी आवाज़ तो खोलों मैंने कहा . और उस ने टीवी कि जरा सी आवाज़ खोल दे. लड़की कि सिस्करियून कि अवज़ैन आने लगी वों बड़ी ही मस्त आवाज़ में आह आह आह ह ओह येस ओह येस ओह येस... ऍह हा ह अह्ह अह अहा फक्क मे आह अह फक्क मे हार्ड आह ... बोल रही थी और साथ में पिच् पिच् पिच् कि अवज़ैन भी आ रही थी...... मुझे तो ये सुन के जैसे नशा सा होने लगा.... कमि का हाथ अभी भी मेरी पूस्सी (चूत) से खेल रहा था अलबत्ता मैंने उस का लंड छोड़ दिया था. मैं खुद ब खुद अपनी हिप्प्स को उठा रही थी उस कि उँगली अब मेरे अन्दर बाहर हो रही थी वैसे ही जैसे मूवी में लड़के का लंड उन्देर बाहर हो रहा था... ह्म्म्म ह्म म्म्म ह्म्म्म अह अह्ह अह मेरी आंखें बन्द होने लगी थी मैं उस कि उँगली के हर झटके का जवाब हिप्प्स को उठा के दे रही थी....

कमि तुम भी मेरे साथ वैसे करुँ न मैंने कमि के लिप्स को चूमते हुए रेक़ुएस्त कि.

ऍभि नहीं जान करेंगे लेकिन तुम को पत्ता है न इस वक्त सब सो रहे है और तुम कितना चीखती हो.. उस ने भी मेरे लिप्स पे जवाबी पप्पी देत्ते हुए कहा .

हां ये तो है. मुझे मजा ही नहीं आता जब तक का मैं शोर न मचऊन. लेकिन कब करेंगे? मैंने फिर पूछा.

करेंगे जान जरूर करेंगे. जिस दिन आज कि तरह मौका मिला घर में कोई न हुआ तो करेंगे.

ओ के ओ के.... लेकिन जल्दी... मुझ से रहा नहीं जा रहा अब.. ये सब कुछ देख कर. लेकिन एक बात है के इस मूवी में तो उस लड़की कि चूत बहुत बड़ी है और मेरी तो बहुत छोटी है और तुम्हारा लंड इतना बड़ा ये कैसे अन्दर जायेगा? मैंने उस से पूछा.

चला जायेगा इस में बड़ी flexibility होती है.. उस ने मेरी पूस्सी (चूत) को अपने हाथ कि मूठी में भरते हुए कहा.

अच्छा अभी तो मुझे रिलेक्स कर दो अब निन्द नहीं आयेगी इस के बगैर.. और वों फिर से उँगली अन्दर बाहर करने लगा और मूवी के स्क्रीन में उन दोनों कि पोसितिओन बादल चुकी थी अब लड़की doggi style में थी और लड़का पीछे से झटके लगा रहा था..

इस को किया कहते है

किस को किया कहते है

अरे बाबा इसी को जो ये कर रहे है...

इस को फक्किंग. फ़क्क करना

और अपनी ज़ुबान में?

उस में चोदना. लड़के का लड़की को चोदना. या चुदाई....

ओ के फक्किंग ठीक लफ्ज है मुझे ये अच्छा लगा है... और मैं रिलेक्स हो गई..... ऍआह अह्ह्ह आह अह्ह्ह और उस ने मूवी बन्द कर दी अभी उस में और बहुत से स्क्रीन थे लेकिन रात काफी हो चुकी थी और हमें सोना भी था. मैं बेड़ से उठने लगी तो मुझ से उठा ही नहीं जा रहा था मेरी तो जैसे टाँगों में जान ही नहीं थी एक दिन में ये ७ बार रिलेक्स और वों भी इस ऐज मैं उस वक्त मेरी ऐज फोर्टिन और हाफ होगी ऐर कमि भी तो मुझ से कोई ६/८ मंथ ही बड़ा होगा. खैर उस ने मुझे गोद में उठाया.

अरे गिरा न देना मुझे मैंने कहा लेकिन उस ने मुझे अच्छी तरह संभाला हुआ था औस कि बोडी बड़ी मज़्बूत थी.

नहीं गिरत जान तुम इतनी भारी नहीं हो बस तुम्हारे ये गोले (बूब्स) ही जरा ज्यादा भारी है हम दोनों मुस्कुर दिये और वों मुझे मेरे कमरे में ले आया और मेरे बेड़ पर लिटा दिया और मेरे लिप्प्स को एक सोफ्त किस्स कि और कमरे से चला गया......
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
User avatar
007
Platinum Member
Posts: 5355
Joined: 14 Oct 2014 17:28

Re: आप की शशि

Post by 007 »

आप की शशि पार्ट् – 7



हां तो ये उन दिनों कि बात है जब मैं अपनी खाला के यहाँ थी और कमि के साथ अब रोज ही लिक्किंग सुक्किंग चल रही थी लेकिन हमें वैट था के कब कोई मौका मिले और हम घर में अकेले हूँ और वों सब कर सके जो हम मूवी में देख चुके थे.... दिन गुजरते रहे लेकिन खाला कही जाती ही नहीं थी.... और हम कभी रात में कभी दिन में जहान भी मौका मिलता था एक दूसरे को प्यार करने लगते थे. कमि आते जाते मेरे बूब्स को पकड़ लेत्त था मैं उस के लंड को छेरती थी.. ये सिलसिला चलता रहा......

और आखिर वों दिन आ ही गया जिस का इंतेज़ार हम दोनों ही बड़ी शिद्दत से कर रहे थे... मैं और खाला घर में अकेले थे के अचानक खल्लु आये और बताया के उन के भतीजे (भाईया के बैटे) का एक्सिडेंट हो गया है. वों मोटर बाईक से गिरा है होस्पितल में है और खाला को साथ ले कर वों होस्पितल कि तरफ निकल गये... पहले मुझे भी साथ जाने को कहा लेकिन खाला ने मना कर दिया. बच्ची को क्या करना है वहां और वैसे ही इस के जेहन से पहले वाला वकिअ अभी निक्ल है हम दोनों ही चलते है. और वों चले गये..

अब मैं घर में अकेली थी. और दिमाग मेरा तो जैसे सेक्स कि पिटारी थी मैं तो इस वक्त के इंतेज़र में कब से थी. पर मेरा हीरो मेरा लवर मेरा फक्किंग बोय कहा था...? मैं बेताब हो रही थी बेहाल हो रही थी... दुआ कर रही थी के वों ऐसे में आ जाये उस दौर में मोबाईल तो थे नहीं सब के पास के काल कर लेती और नहीं मुझे उस के किसी दोस्त का नम्बर पत्ता था... मैं इधर उधर टहल रही थी... और दुआ कर रही थी... कि वों आ जाये.

और डोर बेल बज़ी. मेरा दिल उछल के हलक में आ गया. आ गया मेरा हीरो. मैं दौर के में डोर पे आई और दरवाजा खोला... लेकिन वों कोई मांगने वाली थी.. ऑह हो!!! ग़ुस्से में उसे भगाया.. जाने कितना ही टाईम गुजर गया.. लेकिन वों नहीं आया. ऍह!!! क्या करुँ कहा से उसे बुलऊन ये मौका फिर जाने कब आयेगा. वों जब भी बाहर जाता था जा कर भूल ही जाता था कि घर में भी कोई है जो उस का इतनी बेसब्रि से वैट कर रहा है.. अकसर रात में ही आता था... मेरी आंखून में आंसू आ रहे थे मेरा मन्न रोने को चाहा रहा था.. क्या करुँ.. मैं अपने कमरे में आ गई और बेड़ पे लेट के जोर जोर से रोने लगी.... ऍअज सोचती हुँ तो अपने आप पे हंसी आती है कहा कैसा जुनून होता है उस ऐज में सेक्स का. हर चीज ही सेक्सी लगती है.. मेरे साथ तो ऐसा ही था पत्ता नहीं सब के साथ ऐसे होता है या नहीं?

रोते रोते मेरी आंख लग गई और मैं सो गई... फिर डोर बेल गुंगुनाई. तीसरी या चौथी बेल्ल पे मेरी आंख खुली और मैं बे दिली से नीचे आई के अब तो खाला ही होगी. जैसे ही दरवाजा खोला तो कमि सामने था..

कहा थी जनाब ए साहिबा? क्या फिर मूवी चला रही थी उस ने अन्दर आते हुए पूछा

तुम कहा थे इतनी देर से मैंने ग़ुस्से से पूछा.

क्या हो गया है यार मैं तो रोज ही tution से लेट आता हुँ तुम को तो पत्ता ही है और आज तो मैंने अभी जाना है बूक्स लेने आया हूँ उस ने मेरी आवाज़ में गुस्सा महसूस करते हुए कहा .

मोम कहा है? उस ने पूछा.

वों तो कब से होस्पितल गई है वों एक एक्सिडेंट हो गया है मैंने उसे बताया और घडी कि तरफ देखा तो हैरान हो गई खाला को अभी गये हुए सिर्फ अध घंटा ही हुआ था. लेकिन मेरे जुनून ने इस अधे घंटे को कई सदियुन में कैसे बादल दिया था.. मेरे चेहरे पे हंशि लोट आई. मैंने उस का हाथ पकड़ा और भागती हुई ऊपर अपने कमरे में आ गई.

क्या है? ये क्या हो रहा है? उस ने रस्ते में पूछा.

कुछ नहीं चलो बस आज कोई नहीं है घर में तो?

उस ने मुझे छेड़ने वाले लहजे में कहा , तो क्या आज हम वों सब कुछ करेंगे!!!

चलो न जल्दी करो कोई आ न जाये मैंने अपने रूम में आते ही उसे अपनी बहून में भर लिया और हम किस्सिंग करने लगे. हम बराबर खड़े थे पर वों मुझ से लम्बा था उस को मुझे किस्सिंग करने के लिये थोड़ा झुकना पड़ता था और मुझे भी कुछ पऊन उठाने पड़ते थे... होंठो से हूंत मिले हुए थे. उस कि ज़ुबान मेरे मुँह में थी मैं उसे चूस रही थी. फिर वों मेरी ज़ुबान चूस्ने लगा और उस के हाथ मेरे बूब्स पर थे वों उन को मसल रहा था. जोर जोर से मेरे निप्पलस् हार्ड हो रहे थे.

मेरा हाथ उस कि fly खोलने कि कोशिश में था और मैंने उस का हार्ड रोक्क लंड ट्राउजर् से बाहर निकल लिया और सहलाने लगी. और फिर वों मेरे कपड़े उतारने लगा मैं भी उस का साथ दे रही थी. पहले उस ने मेरी क़मिज़ उतरि फिर शलवार अब मेरे बादन पे सिर्फ ब्रा थी क्यों के मैंने पेंटी तो पेह्नि ही नहीं थी. और मैंने भी उस के कपड़े उतार दिये और फिर उस ने मेरे ब्रा के हूक्स भी खोला दिये. अब हम एक दूसरे के सामने बिल्कुल नंगे खड़े थे...

उस का हार्ड लंड मेरे हाथ में था और हम फिर से एक दूसरे को किस्सिंग करने लगे. वों मेरे बूब्स को दब रहा था सहला रहा था... मेरे मुँह से अह आह आह अह निकल रहा था... अब उस के हाथ मेरे बोत्तुक्क्स पे आ गये और वों मेरे हिप्प्स को सहलाने लगा दबाने लगा. मेरी पूस्सी (चूत) बड़ी होट हो रही थी. हम ऐसे ही चूमा चति करते हुए बेड़ पे आ गये उस एन मुझे बेड़ पे लिटा दिया.

ऍअज और कुछ नहीं करना सिर्फ वों करो जो पहले नहीं किया

ओ के बोस्स वहीं करुंगा सिर्फ वों ही उस ने कहा और मेरी टाँगे फैला दी और खुद देर्मिअन में आ गया. उस का लंड पूरी तरह तना हुआ था. मैं भी पूरे जोश में थी लेकिन कुछ डर भी था दिल में लेकिन कोई बात नहीं. दर्द ही होगा न मैं चीख लूनगि लेकिन आज ये कर के ही रहूनगि....

कमि एक बात बताओ ये तुम्हारे लंड का क्या साईज है मैंने कुछ सोचते हुए पूछा.

क्यों? मैंने कभी नापा नहीं उस ने हेरांगी से कहा .

थेह्रो जरा मैंने उसे रोका और बेड़ से उठ कर ड्राअर कि तरफ गई और वहाँ से इंच टेप ले कर आई और पहले अपनी उँगली को नापा तो वों ३ इंच से कुछ छोटी थी फिर मैंने उस के हार्ड लंड को नापा तो वों ५ इंच से कुछ बड़ा था...

ये क्या कर रही हो? उस ने पूछा.

कुछ नहीं मैंने अपनी चूत में ये उँगली पूरी डाली थी मैं चेक्क कर रही थी के तुम्हारे लंड इस से कितना बड़ा है चला तो जायेगा न?

ह ह ह ह !!!! वों हँसने लगा.

चला जायेगा यार यहाँ आओ मैं अभी इसे उन्देर भेजता हूँ और उस ने मुझे फिर बेड़ पे लिटा दिया और मेरी टाँगें पूरी खोल दी और खुद घुटने के बल मेरी टाँगों के सेंटर में आ गया. अपने हाथ से पकड़ के उस ने अपना लंड जब मेरी चूत पे टच कि तो एक करंट सा मेरे पूरे बादन में दौड गया.

आँह आह कमि जरा आहिस्ता आहिस्ता डालना यार मुझे डर लग रहा है...

हां हां!!! जब दर्द control से बाहर हो जाये तो बता देना ओ के!

ओ के!!! और उसने मेरी चूत के लिप्स के देर्मिअन अपने लंड के हेड को रखा और मेरे क्लीट् पर उस को हल्के से रगडा मेरी सिसकी निकल गई... होल पर ले आया लंड को और हल्के से लंड का हेड सुराख के अन्दर डाला. मेरी चूत के लिप्स खुले हुए थे लेकिन इतने नहीं के उस का मोटा लंड अन्दर चला जाये. मैं तकिये पे सिर को रखे सब देख रही थी.

आहिस्ता जान मैंने फिर कहा और उस ने लंड हेड मेरी चूत पे रख कर एक जोर का झटका दिया

आआआह्ह्ह्ह! मेरी चीख पूरे घर में गूंज गई. ऍह्ह मर गई मैं अह अह बस बस बस्स्स्स्स करो बस इतना ही.. और मेरी आँखों से आंसू निकलने लगे. वों रुक गया मेरी चूत में तो जैसे आग का गोला रख दिया था उस ने. मैं अपना सिर इधर उधर पटक रही थी... फिर कुछ देर में दर्द थोड़ा हल्का हुआ मेरी सांसें एक दूसरे से मिल नहीं रही थी मेरा सीना मेरे बूब्स बुरी तरह से ऊपर नीचे हो रहे थे... इतने में उस ने एक और जोर का झटका दिया और मैं तो बुरी तरह चिल्ला उठी...

ओ आआआह्ह्ह्ह्ह बस बस निकल लो निकल लो मैं मर जऊनगि कमि बस मैं मर जऊनगि अह आह अह अह !!!!! और वों फिर रुक गया लेकिन अब तक उस का अधे से ज्यादा लंड मेरी चूत को चीरता हुआ अन्दर आ चुका था बड़ी जलन हो रही थी... मैं अभी पूरी तरह संभली भी नहीं थी के उस ने एक और झटका दिया और सारा लंड मेरी पूस्सी (चूत) के अन्दर था और साथ ही वों वही रिलेक्स हो गया मेरी चूत उस के गर्म गर्म लोड् से भर गई.......

ऍआअह्ह्ह्ह्ह्ह अब उस के मुँह से सिसकी निकली .... और वों मारे ऊपर ही लेट गया... हम दोनों ही लम्बी लम्बी सांस ले रहे थे....

क्या हुआ इतनी जल्दी रिलेक्स हो गये तुम मैंने पूछा.

हां यार इतनी टाईट है ये तुम्हरि...

क्या मेरी? मैंने पूछा

तुम्हारी चूत

मैं ये ही सुनना चाहती थी उस के मुँह से अच्छा लगता था. और हम हँसने लगे.

कोई बात नहीं! वों तो हो गया न जिस का डर था अब इतना दर्द नहीं होगा उस ने मुझे चूमते हुए कहा.

कहा हो गया बस दर्द ही हुआ और तो कुछ नहीं हुआ मैंने झूठ का नाराज होते हुए कहा.

अब उस का लंड सोफ्ट हो रहा था और उस ने मेरी चूत से बाहर निकाला तो उस का गरम सा लोड् भी साथ में बाहर आया और साथ ही कुछ ब्लड भी. मैं डर गई और वों भी. मैं फौरन उठ के बैठ गई.

ये क्या हो गया. लगता है अन्दर से फट गई है मेरी. मैंने रोने कि सी आवाज़ में कहा.

कुछ नहीं होता मैं अभी जरा इसे साफ करता हुउन फिर चेक्क करते है क्या हुआ है उस ने कहा और वों कपड़ा गिला कर के ले आया और मेरी चूत साफ करने लगा. मुझे अभी भी हल्का हल्का दर्द हो रहा था.. उस ने अच्छी तरह सफाई कि तो ब्लड रुक गया....

अब उस ने मुझे फिर लिटाया और मेरी चूत को चाटने लगा. कुछ देर लिक्क करने से मुझे फिर से जोश आने लगा और उस का लंड भी दोबारा हार्ड हो गया था. मैं बेड़ पे लेटे लेटे उस के साथ ६९ पोसितिओन में हो गई और मैं उस का लंड चूस्ने लगी वों फुल्ल हार्ड हो गया...

अब वों दोबारा मेरी टाँगों को फैला कर उन के सेंटर में था. उस ने अपने लंड का हेड मेरी चूत के देर्मिअन रखा और एक ही झटके में सारा अन्दर कर दिया. मैं एक बार फिर जोर से चिखि आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह!!!!!!!! लेकिन इस बार उस का लंड सारा अन्दर चला गया रुके बगैर... कुछ देर हम युहि लेटे रहे फिर उस ने हल्के हल्के झटके देने स्टार्ट किये और उस का लंड मेरी चूत में अन्दर बाहर आने जाने लगा.. मेरी सिसकियाँ जारी थी मैं बुलन्द आवाज़ में आह अह अह हह अह अह हह कर रही थी मजा आने लगा था ऐसा मजा कि क्या बतऊन. First time fucking का मजा ही ओर होता है...... क्यों ladies????????

अब उस के झत्कून में तेजी आती जा रही थी मेरी सांसें तेज़ हो रही थी वों मेरे बूब्स को भी साथ साथ सुक्क करने लगा.

आह अह अह और तेज़ जान तेज़ आह fuck me fuck me मैं मूवी वाली लडकीयुन कि तरह बोल रही थी...... और उस कि स्पिद तो जैसे १०० कि हो गई थी मैं भी अब साथ दे रही थी. मैं भी अपनी हिप्स को उठा रही थी... और १० मिनट तक वों मुझे खूब जोर जोर से चोदता रहा वाह क्या मजा था हल्का हल्का दर्द भी था लेकिन मजा ज्यादा था... बेड़ में से अवज़ैन आने लगी थी... आँह आह आह्ह आह ...... और वों एक बार फिर मेरी चूत में ही गर्म गर्म स्पर्म्स छोडने लगा... मैं इस दौरान ३ बार रिलेक्स हो चुकी थी. वों क्या बात है फक्किंग कि........ और वों ठंडा हो कर मेरे ऊपर ही लेट गया. मैं उस को चूम्ने लगी उस के होंठो को. ऍअंखून को. चिक्स को. माथे को. उस का चेहरा हाथों में ले कर उसे खूब प्यार किया....

थैंक्स जान तुम ने मेरी सब से बड़ी ख्वाहिश पूरी कर दी आज.... आज से ये सारा बादन तुम्हारा है जब चाहो मुझे खूब फक्क करना.... मैं जज़्बात में आ कर जाने क्या क्या बोल्ल रही थी और वों सुन रहा था.....

सो ये थी मेरी पहली चुदाई. First fuck.... केसी लगी यहाँ तक कि स्टोरी?..... Ok bye आप कि शशि
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
Post Reply