में अम्मी और मेरी बहिन complete

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jay
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Re: में अम्मी और मेरी बहिन

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में अम्मी और मेरी बहिन-11

फिर जमीला ने मेरे होंठ अपने होंठो में दबा लिए और चूसने लगी मेरा लंड भी ठुमके लेने लगा,
जमीला का लंड मेरे लंड से रगड कहा रहा था बहुत ही गरम ठ जमीला का लंड ,,
तभी जमीला बोली=मेरे लंड का क्या होगा साहिल ये भी मचल रहा है आपकी गांड के लिए..
में अब अपनी गांड जमीला से मरवाने को तेयार था ,
साला इतना मोटा और कमसिन था जमीला का लंड कि मैं पागल ही हो गया उसे देखकर,
करीब 9'' इंच का तो होगा ही,

अब मैं उसके ऊपर लेट गया और कस कर उनके चुचूक चूसने लगा,
मेरे हाथ उनकी गोटियों से खेल रहे थे, मैंने उनके मम्मों में कस कर काटा,
फिर नीचे को उसका बदन चूसते हुए उसके लंड की ओर अपना मुंह ले गया,
कुछ देर तक उसके हथोड़े के साथ खेलने के बाद मैंने उसे मुँह में ले लिया,
जीभ से गोलाई में घुमा घुमा कर उस फौलादी लंड की पूजा करने लगा,
तभी उसने मेरा सिर पकड़ के ज़ोर का धक्का लगा दिया और पूरा का पूरा मेरे गले तक उतार दीया,
'उम्फ !' मेरे मुँह से आवाज़ आई,
पहली बार था लेकिन फिर भी बड़े प्यार से डलवाए रहा,
अब जमीला भी पूरे जोश में थी और ज़ोर ज़ोर से धक्के मार मार के लंड मेरे मुँह में अन्दर बाहर कर रही थी ,
पाँच मिनट तक मुँह की चुदाई करने के बाद उसने अपना लंड बाहर निकाला ,
फिर मुझे उल्टा कर मेरी चिकनी गांड सहलाने लगी और अपनी जीभ अन्दर बाहर करनेलगी,
'म्म्ह जमीला , आह ! यह क्या कर रही हो?' मैं मस्ती में चिल्लाया,
'आइ लव यू साहिल , आह... बस इस चिकनी गांड को अपने लंड के लिएढीली कर रही हूँ,
'क्या? ओह यस , प्लीज़ जल्दी से डालो !' मैं चिल्लाया पर वो थी कि मेरी गांड चाट ती ही जारही थी,
मैंने बोला= जमीला 'आह प्लीज़ जानू अब डालो ना लेट मत करो ना ...
जमीला ने अपना सिर मेरी गुलाब जैसी गांड से निकाला और प्यार से मुस्कराकर कहा='आपका हुकुम सर आँखों पर साहिल !'
यह सुनकर मेर हँसी छूट पड़ी ..
वो फिर एक बार मेरे ऊपर लेट कर मेरे रसीले होंठों का रस पीने लगी,
जमीला एक हाथ से वो मेरी मुट्ठी भी मारटी जा रही थी .
अब मेरे अन्दर भी हवस का तूफ़ान भर चुका था
मैं नशे में बोला=>'मेरा निकलने वाला है जानू आह !' ,,
तभी जमीला ने मुझे उल्टा लिटाया और मेरी गांड के छेद पर क्रीम लगाई
मैंने उसके लंड को हाथ में ले लिया और हिलाने लगा,
जमीला अपने लंड को मेरे होंटों पर घुमाने लगी ,
वासना से मेरी आँखे बंद होने लगी, फिर उसने अपना लंड मेरे मुँह में फिर से दे दिया,
अब मैं धीरे धीरे उसके लंड पर जीभ घुमाने लगा और मुँह में डाल कर चूसने लगा.
मैं बड़ी मुश्किल से उसके लंड को चूस पा रहा था क्योंकि वो बहुत मोटा था।
कभी कभी तो जमीला का लंड मेरे गले तक चला जाता,
मेरे गांड में भयंकर आग लग चुकी थी पर मैं सलीम के मोटे लौड़े से डर भी रहा था,
पर मैंने हिम्मत करके जमीला के लंड के आगे अपनी गांड कर दी,
जमीला ने बहुत सारी क्रीम मेरी गांड पर लगा दी और कुछ क्रीम अपने लंड पर भी लगा दी.
तभी मैंने जमीलासे कहा कि वो पहले अपनी उंगली मेरी गांड में घुसाए क्योंकि उससे गांड मारने में आसानी होगी.
फिर जमीला ने मेरी गांड में उंगली करनी शुरू कर दी, मुझे बड़ा मजा आ रहा था,
फिर उसने अपनी दो उंगलियाँ मेरी गांड में घुसा दी.
अब मेरे बदन में आग लग चुकी थी.

मैंने जमीला से कहा= अब गांड मारनी शुरू करो मेरी जान ..

जमीला ने अपना मोटा लंड मेरी गांड पर रख कर दबाव बनाना शुरू किया,
परउसका लंड बहुत मोटा था, वो मेरे गांड में जा ही नहीं रहा था.
फिर मैं पेट के बल बिस्तर पर लेट गया और अपने चूतड़ अपने हाथों से खोलने लगा.
अब जमीला ने अपना लंड मेरे गांड में डालना शुरू किया, मैंने जोर से अपना मुँह भीच लिया, और तभी जमीला ने जोर से धक्का मारा,
उसका पूरा सुपारा मेरी गांड में घुस गया था और मुँह से घुटी घुटी चीखें निकल गई.
फिर जमीला ने मेरे चूतड़ों को दबाना शुरू किया, वो करीब पांच मिनट तक मेरे चूतड़ों से खेलता रहा.
अब मेरा दर्द कम हो चुका था, फिर जमीला ने मेरे चूतड़ों को सहलाते हुए अपना लंड मेरी गांड में आगे पीछे करना शुरू किया,
अब मुझे भी मजा आने लगा था, मैं भी अपनी गांड उचका कर उसका पूरा लंड खाने को तैयार था,
करीब पांच मिनट बाद जमीला का पूरा लंड मेरी गांड में घुस चुका था पर हम दोनों के बदन पसीने में नहा चुके थे,
अब जमीला ने धक्के मारने शुरू कर दिए थे, वो कई साल का प्यासी थी , लगता था कि आज मेरी गांड की खैर नहीं,
मुझे भी मजा आ रहा था,
करीब सात मिनट बाद जमीलाझड़ गयी ,
उसके वीर्य ने मेरी गांड में कंडोम के अंदर ही पानी कटोरी लबालब भर दी थी,
वो करीब एक मिनट तक झाड़ता रही , उसके वीर्य की गर्म गरम पिचकारी ने मेरी आग को ठंडा कर दिया था,
फिर हम दोनों एक दूसरे की बांहों में लुढ़क गए..
बहुत ही थक गए थे हम दोनों इस गांड मरवाई से ..
करीब आधा घंटा बाद मैंने फिर अपनी गांड को जमीला के लंड पर घिसना शुरू कर दिया,
दो मिनट बाद जमीला का लंड चोदने के लिए फिर तैयार थी .
इस बार मैं जमीला के सामने घोड़ी बन गया और अपनी गांड जमीला के मुँह के सामने कर दी.
जमीला ने मेरी गांड को चाटना शुरू कर दिया, वो अपनी जीभ को मेरी गांड पर गोल गोल घुमाने लगी.
वो मेरी गांड को करीब पांच मिनट तक चाटती रही फिर मैंने कहा- अब चुदाई फिर से शुरू करो जमीला .
उसने फिर मेरी गांड और अपने लंड पर क्रीम लगाई और मेरी मस्त गांड में अपना बड़ा सा लंड डालना शुरू कर दिया,
इस बार लंड आराम से अन्दर जा रहा था,
मुझे बहुत मजा आ रहा था, मैंने जमीलासे कहा=अब मैं तुम्हारी गुलाम हूँ, मुझे जी भर कर चोदो जमीला ...
जमीला ने मेरी गांड को बजाना शुरू कर दिया। साथ ही वो मेरे चूतड़ों पर थप्पड़ भी बजाने लगा।

मैं जन्नत की सैर कर रहा था,
मैंने जमीला से कहा- मेरी रानी , बजा दे मेरी गांड का बाजा..
फिर उसने अपने धक्कों की रफ़्तार तेज कर दी और साथ ही मेरे चूतड़ों पर अपने थप्पड़ों की बरसात भी..
मेरी गांड फच फच बोलने लगी।
मैंने उत्तेजना में कहा=जमीला, आज मेरी गांड को फाड़ दे,
करीब बीस मिनट तक जमीला मेरी गांड को फाड़ती रही ..
बीस मिनट बाद जमीला मेरी गांड में झड़ गयी इस बार कंडोम नहीं लगाया था जमीला ने,
मेरी गांड की प्यास भी बुझ चुकी थी..
फिर में जमीला को अपनी बांहों में लेकर भर कर चूमने लगा और बोला=आज तुमने मुझे बहुत बड़ी ख़ुशी दी है,
जमीला मैं इसे जिंदगी भर नहीं भूल सकता,उसकी आँखों में आँसू आ गये..
जमीला बोली =साहिल आप बहुत ही अच्छे हो कोई हमारे को प्यार नहीं करता है ,
बस खली हमारी गांड मारते है, पैसा देकर ..कोई मेरे लंड की प्रवाह नहीं करता है,
साहिल आपने मेरे दिल को जीत लिया है..
अब जमीला आपकी गुलाम है साहिल आप कभी भी मुझे बुला सकते हो...

मुज्झे भी इस सेक्स में बहुत ही मज़ा आया था खासतौर से जमीला से अपनी गांड मरवा कर..

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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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Re: में अम्मी और मेरी बहिन

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में अम्मी और मेरी बहिन-12

हाँ तो दोस्तों फिर में घर चला गया,अम्मी और भाईजान बेकोग जा चुके थे,
घर पर नजमा और में ही अब्बू रात को कब आये कोई पता नहीं था,

घर पर समझिये में और नजमा ही थे या मदीना थी,
मेरे लंड के मज़े हो गए थे,,
जमीला का लंड अपनी गांड में लेने के बाद मेरी गांड में कुछ कुछ हो रहा था.
खुजली जेइसा...पता नहीं क्यों मुझे दर्द में भी मज़ा आया जमीला से अपनी गांड मरवाके .
खेर ये आगे अभी घर पर पहुँच गया.
अंदर हॉल में नजमा tv देख रही थी,
मुझे देख कर वो मुस्करा गयी में भी मुसकुराया.
फिर मैंने उसे अपनी बांहों में ले लिया,
पर नजमा मेरी बांहों से निकल गयी..
मैंने दोड़ कर पीछे से पकड़ लिय, मेरा लंड उसकी गांड पर लग गया और मेरे दोनों हाथ उसके बूब दबाने लगे,
तभी नजमा बोली=भाई प्लीज छोडो ना'''''
मैंने कहा- नजमा अपनी चूत मुझे दो ना ,,
नजमा बोली- भाई जान मुझे छोडो ना ,अम्मी कहकर गई है कि तुम्हें में अपने हाथ की चाय पिलाउ,
मैं बोला- नहीं मैं पहले नहाऊँगा, फिर चाय पिऊँगा,
वो बोली- ठीक है, मैं आपको नहाने के बाद चाय बना कर दे दूँगी,
मैंने कहा- ठीक है,
मेरे मन में अभी तक कुछ भी गलत ना था, मैं नहा कर निकला और थोड़ी देर में नजमा मेरे रूम में आ गयी ,
मैं उसे देखता रह गया क्योंकि वो अब एक मैक्सी पहन कर आई थी ,
जबकि थोड़ी देर पहले वोसलवार सूट में थी ,उसके इस बदले रूप से मुझे लगा कि नजमा भी वही चाहती है ,
जो मैं चाहता हूँ,
नजमा बोली- चाय बना दूँ?
मैं जैसे सपने से जागा और कहा- हाँ, अब बना दो, मैं नहा चुका हूँ,
नजमा रसोई में चाय बनाने चली गई,
मैं अब अपने ही काबू में नहीं था, मैंने सोच लिया अगर उसको बुरा लगे तो लगे और मैं किचन की तरफ चल दिया,
मैं आपको बता दूँ ,की नजमा का फिगर 32-28-24 होगा,
मैंने पीछे से उसको देखा उसके चूतड़ मस्त लग रहे थे,
मैंने आगे बढ़ कर उसकी कमर पकड़ ली और उसके मम्मों पर हाथ रख दिया,
‘उफ्फ्फ्फ़’... इतने बड़े और नर्म और गर्म मम्मों की मैंने कल्पना तक नहीं की थी..
नजमा चिल्लाई- ये क्या कर रहे हो?
मैं बोला- जानेमन, मैं आज रुकने वाला नहीं हूँ, मुझे करने दो जो मैं चाहता हूँ,
वो बोली- साहिल भाई, तुम गलत कर रहे हो,मेरी गांड में अभी भी दर्द हो रहा है भाईजान ..
पर मुझे अब मेरी सगी बहिन की चूत चोडनी ही थी ,
मैंने फिर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए, वो चीखना चाहती थी ,
पर मैंने उसका मुँह अपने मुँह से बंद कर दिया,
मैं उसके उरोजों को सहलाने लगा,वो मना करती रही पर मैं अपना काम करता रहा,
मैंने हाथ पीछे ले जाकर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया,
हुक खुलते ही उसके बड़े और सेक्सी मम्मे मेरे हाथों में थे..
‘या अल्लाह !!!’ मैं अपनी किस्मत पर नाज़ कर उठा कि इतने सेक्सी,
सुन्दर मुखड़े और सेक्सी बदन की मलिका अब मेरी लंड की गुलाम है..
शुरू से ही मुझे बड़े-बड़े और नर्म मुलायम मम्मे बहुत अच्छे लगते हैं..
उसके ऊपर चढ़ कर उसके मम्मे चूसने लगा..
वो “अह्ह्ह...ओह्हह्ह...सीईईए...”करने लगी..
इतनी धीरे कि सिर्फ मेरे कानों तक ही पहुँच रही थी..
मैंने दुबारा उसके होठों से शुरुआत की, थोड़ी देर तक उसके शहद से भरे होठों को चूसा..
उसकी जीभ, फिर नीचे आ कर उसकी गर्दन को चाटा,
फिर उसके अंगूर के दाने के आकार के चुचूकों को होठों में लेकर कम से कम 15 मिनट तक चूसता रहा...।
मुझे आज बहुत ख़ुशी हो रही थी कि जिस लड़की को मैं इतना पसंद करता हूँ आज वो मेरी बाँहों में है,
वो दबी जुबान से कहने लगी- प्लीज मुझे छोड़ दो..
मैंने कहा- देख कभी किसी से चुदना तो तुझे है ही,
इससे तो अच्छा है कि तू मेरा साथ दे और खुद भी मजे ले और मुझे भी दे,
मैंने उसकी मैक्सी ऊपर कर दी और उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बोबे सहलाने लगा,
अब उसका विरोध कुछ धीमा पढ़ रहा था, वो सिसकारियाँ ले रही थी,
मैंने फिर उसकी मैक्सी को हटा दिया, अब वो भी मेरा थोड़ा-थोड़ा साथ दे रही थी.

वो अब मेरा मुँह अपने बोबे पर दबा रही थी, कुछ देर बाद वो ज्यादा गरम हो गई,
मेरे होंठों से अपने होंठ मिला दिए और जबरदस्त तरीके से चूसने लगी,
और एक हाथ से मेरे लण्ड को जोर-जोर से हिला रही थी..
मैंने उसकी ब्रा उतारकर उसके बदन से अलग कर दी और उसके नंगे संतरों को मसलने लगा,
वो आनन्द भरी सिसकारियाँ ले रही थी..
मैंने अपने होंठों से उसके एक मम्मे के चुचूक चुभलाना शुरू किये और दूसरे हाथ से मैं उसके दूसरे मम्मे को दबा रहा था,
मुझे बोबे चूसने में बहुत मजा आया।,
वो भी गर्म होकर मेरा मुँह अपनी चूचियों में दबाने लगी, उसको गर्म होते देख मैंने उसकी पेंटी हटानी चाही..
लेकिन उसने मना कर दिया और बोली- शादी के बाद मेरा पति क्या सोचेगा भाईजान ?
प्लीज मुझे चोदना मत, आपने मेरी गांड मारी तो भी मैंने किसी को नहीं बोला था .
पर चूत नहीं चोदना मेरे भाई जान..
मैंने उसकी बात मानते हुए कहा- मैं तुझे चोदूँगा नहीं बस तेरी चूत चाटूँगा...बहिन ..
फिर उसने मेरी टी-शर्ट भी निकाल दी और मेरी छाती पर काटने लगी..उसने जगह-जगह अपने दांत गड़ा दिए,
हम दोनों एक-दूसरे को बुरी तरह से चूम रहे थे,,
मैंने भी उसकी कमीज निकाल दी और फिर उसका नाड़ा भी खोल दिया,
अब वो केवल ब्रा और पैन्टी में रह गई थी, गुलाबी ब्रा और पैन्टी में, वो बिल्कुल कटरीना लग रही थी..

मैंने उसे पकड़ कर नीचे लेटा दिया और उसके शरीर को बुरी तरह से चूमने लगा..
वो मान गई और फिर मैंने उसकी पेंटी उसके बदन से अलग कर दी.
उसकी चूत देखकर मैं होश में नहीं रहा,
मैं भी अपना कण्ट्रोल खो बैठा और उसे जोर-जोर से चूमने लगा, हम दोनों के मुँह से ‘आह-आह’ की आवाज आ रही थी..
अपना आपा खो कर मैं टूट उसकी चूत पर पड़ा और उसकी बुर को चाटने लगा..
मैंने भी कई जगह अपने दांत गड़ा दिए थे..
मेरी बहन के मुँह से एक आनन्द भी चीख निकल गई और उसने मुझे जानवर कहा..
नजमा बोली- देखो भाई, तुम एक जानवर की तरह से हरकत कर रहे हो,
देखो तुमने कैसे मेरी चूत को चाट कर गुदगुदा दिया और काट लिया, मुझे दर्द हो रहा है..

जैसे उसने अंडरवीयर खींचा, मेरा बड़ा मोटा सांवला लण्ड देख उसका मुँह खुला रह गया,
मेरे लण्ड को मसलने के लिए पकड़ा तो पागल हो गई,
"क्या हुआ?" नजमा मेरी प्यारी बहिन ..
"इतना बड़ा औज़ार? कैसे पाला है इस शेर को?" कह कर वो चूमने लगी..
में ="क्यूँ पहले कभी कोई लण्ड नहीं देखा?" नजमा ..
नजमा हंसी और बोली
"नहीं पहली बार है, ऐसा लण्ड ब्लू फिल्मों में ही देखा है" वो सुपारे को चूसने लगी
में = "चल एक साथ दोनों एक दूसरे को चूमते हैं !"


वो तब तक बहुत ही ज्यादा गर्म हो चुकी थी,
मुझे अपने से लिपटाये मेरे सर को अपने मम्मों से सटा रही थी,
और अचानक मैंने उसके हाथ को अपने लण्ड पर महसूस किया...
मैं समझ गया कि अब यह मुझसे चुदना चाहती है, जो सही भी था..
मैंने भी अब मम्मों को छोड़ा और उसका पेट चूमते हुए उसकी जांघों तक आ गया..
पहले तो मैंने उसकी जांघें चाटी और जानबूझ कर उसकी चूत की तरफ ध्यान नहीं दिया ''
ताकि वो खुद तड़प कर मुझे चूत चाटने के लिए बोले..
मेरी उंगलियाँ अब उसकी कुँवारी चूत की फांकों को अलग-अलग करने लगीं थी..

मैंने अपनी एक ऊँगली उसकी चूत के अंदर घुमा कर जायजा लेना चाहा पर उसकी चूत इतनी कसी हुई थी..
कि मेरी उंगली उसके अन्दर जा ही नहीं सकी.

उसकी बुर पर एक भी बाल नहीं था और एकदम गुलाबी थी, अगर कोई बुड्ढा भी देख ले तो उसका भी खड़ा हो जाये.
एसी थी मेरी बहिन नजमा की चूत ...
मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के अंदर तक डालकर उसे चोदा और उसके दाने को चूसा,
खैर मैंने उसको धीरे-धीरे सहलाना चालू रखा,
जल्दी ही मुझे लगा कि मेरी उंगली में कुछ गीला और चिपचिपा सा लगा ..
मेरी प्यारी बहना का शरीर कुछ अकड़ने लगा..
मैं समझ गया कि इसकी चूत को पहली बार किसी मर्द की उंगलियों ने छुआ है,
जिसे यह बर्दाश्त नहीं कर सकी और इसका योनि-रस निकल आया है..
मैं तुरंत अपनी उँगलियों को अपने मुँह के पास ले गया, क्या खुशबू थी उसकी कुँवारी चूत की !

अब उसकी सिसकारियाँ तेज़ होने लगी थी, बदन कांपने लगा था..
ज़ाहिर था कि वो झड़ने वाली थी और अचानक उसने मेरा सर पकड़ कर मेरा मुँह अपनी चूत पर रख दिया.
बिना बोले उसने मुझे कह दिया कि मेरी चूत चाटो !
और बारी थी दुनिया की सबसे सुन्दर लड़की की सबसे सुन्दर चूत की,
जो मेरी सगी बहिन नजमा की ही थी जिसको मैं बड़े प्यार से और धैर्य के साथ चाटना चाहता था.
जैसे ही मैंने उसकी प्यारी और फूली हुई चूत पर चुम्बन लिया,
उसके मुँह से एक तेज़ सिसकारी निकली, “आह...!”
मुझे ऐसा करने में मज़ा आ रहा था और नजमा भी अपनी पिछाड़ी को मटकाते हुए सिसकारियाँ ले रही थी,
"ओह भाई, तुम बहुत सता रहे हो डार्लिंग ब्रदर !
इसी प्रकार से अपनी बहन की गरमाई हुई बुर को चाटते रहो चूसो,
मुझे बहुत मज़ा आ रहा है और मेरी चूत पानी छोड़ने ही वाली है..
ओह भाई तुम कितना मजा दे रहे हो, ओहहह... चाटो... मेरी जान मेरे कुत्ते मेरे प्यारे भाई !"
उसके मुँह से अनाप-शनाप बड़बड़ाना यह साबित कर रहा था कि मेरी चिकनी बहन अब अपनी चुदाई लीला की रौ में बहने लगी थी..
उसकी चूत इतनी रसीली हो गई थी कि मुझे लग रहा था कि इसका फव्वारा किसी भी क्षण छूट सकता है..
उसके मुख से लगातार सीत्कारें निकल रहीं थीं,
मुझे उसकी सीत्कारों को सुन कर बहुत ही मजा आ रहा था.. वो और गर्म हो गई और मेरे मुँह को अपनी चूत में दबाने लगी,
नजमा ने जोर से मेरा सर अपनी चूत पर दबा दिया और कांपते हुए अपनी प्यारी चूत से रस छोड़ दिया,
मुझे भी उसका ऐसा करने से बहुत मजा आया..
आखिरकार नजमा से भी रहा नहीं गया और उसने मुझे कहा- चोद दे मेरे भाई राजा, फाड़ दे मेरी चूत को..
तोड़ दे अपनी बहन की चूत की सील को..
यह सुन कर मेरा लंड फड़फड़ाने लगा और मैंने फिर देर न करते हुए अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया,
लंड थोड़ा सा अन्दर जाते ही वो चीख पड़ी क्योंकि उसकी चूत अभी तक कुँवारी थी,
मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और एक और धक्का दिया और लंड पूरा अन्दर सरक गया..
मैं थोड़ी देर रुका और जब मैंने देखा अब उसका दर्द कम हो गया है, तो मैंने धक्के मारने शुरू किये,
कुछ ही धक्कों के बाद उसको भी अब मजा आने लगा,
वो भी नीचे से अपने चूतड़ों को उठा कर मेरा साथ देने लगी,
थोड़ी देर बाद उसने मेरी कमर को जोर से पकड़ा और झड़ गई...
मैंने धक्के लगाना जारी रखा और थोड़ी देर बाद में भी झड़ गया,
उसने मुझे कहा- ये क्या कर दिया तूने? अब मैं किसी को क्या मुँह दिखाऊँगी..भाईजान
मैंने कहा- देख नजमा , तू मुझे बहुत अच्छी लगती है.
इसलिए मैं अपने आप को रोक नहीं पाया और तुझे भी तो मजा आया न?
वो बोली- मजा तो आया लेकिन दुनिया वाले क्या कहेंगे?
मैंने उसको समझाया- जब दुनिया को पता ही नहीं चलेगा तो कोई क्या बोलेगा?
रही अम्मी और भाईजान की बात तो उनकी टेंसन मत करो ..
उसने पास आकर मुझे चूम लिया और मुस्कुराने लगी..
इस तरह में पहली बार किसी कमसिन और कच्ची कली की चूत का मज़ा लिया..!
अपनी सगी बहिन का ......
फिर मैंने और नजमा ने साथ में ही खाना खाया और अपने अपने रूम में जाकर सो गए..!
आगे सब कुछ नया ....
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( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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Re: में अम्मी और मेरी बहिन

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में अम्मी और मेरी बहिन-13

सुबह जब सो कर उठा तो 11 बज गए थे, मेरा लंड खड़ा था,
में नजमा के रूम की तरफ गया पर वो कोलेज जा चुकी थी,
तभी मदीना दिखी वो सफाई कर रही थी,
वो निचे झुकी हुई कुछ कर रही थी,मैंने उसे गांड पर से पकड़ कर अपने लंड से लगा लिया..
पहले वो चौंक कर उछली फिर मुझे देख कर हलके हलके मुस्कुराने लगी..
मेरा लंड अब अपनी पूरी औकात पर आ गया था,,यानि कि 7 इंच लंबा हो गया था.
मदीना हंस कर मुझसे दूर चली गई,
और बड़े ही कामुक अंदाज़ में उसने अपनी सलवार पर अपनी चूत की जगह पर हाथ फेरना शुरू कर दिया,
वो अपनी चूत पर हाथ फेर रही थी और फिर पीछे की तरफ घूम कर उसने अपने चूतड़ मेरी तरफ कर दिए .
मदीना किसी डांसर की तरह धीरे धीरे अपनी गांड हिला रही थी...
तभी उसने अपनी जीभ निकल कर अपने होंठो पर यूँ चलाने लगी की किसी का लंड चूस रही हो...
मेंने उसे भाग कर फिर से पकड़ लिया अबकी बार सामने से ..
मैंने उसके होंठो पर एक चुम्मा लिया, वो गर्म होने लग गई थी, मैं ऊपर से स्तन दबाने लगा था..
मैं तो उनके बोबे जोर-जोर से मसलने लगा,वो भी आहें भरने लगी थी.
अआह .......... क्या मुलायम बोबे थे !
मैं पागल हो रहा था, मेरा लंड कड़क होने के कारण फुफकार रहा था..
मदीना भी गर्म होकर सिसकारियाँ लेने लगी='आअ हाअ हाआअ उफ्फ्फ हईईए' करने लगी.
मेरे सामने खड़ी होकर मेरी ओर धीरे-धीरे झुक रही थी ,
फिर मेरी गोद में बैठ कर मुझसे प्रगाढ़ चुम्बन करने लगी जैसे एक प्रेयसी प्यार करती है,
सचमुच इतना मज़ा तो मुझे इससे पहले किसी ‘चुतवाली ’ के साथ भी नहीं आया था..
इतना मस्त चुम्मा कर रही थी मदीना ...
मैंने ब्रा के साथ ही उनके बोबे फिर से दबाना शुरु कर दिया,
वो आह ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ईईईईए ऊऊऊऊ .....जैसी आवाजें निकालने लगी,
5 मिनट के बाद मैंने ब्रा भी निकाल दी और देखा तो वाह ! क्या बोबे थे ! जैसे दूध की डेयरी !
मैं तो प्यासी बिल्ली की तरह उनके बोबे पर दूध पीने टूट पड़ा। मेरा लण्ड काबू के बाहर हो गया था,
अब मैं उनके गले पर हल्के-हल्के से काट कर चूम रहा था,
वो सिसिया रही थीं, “उन… ऊं… ऊं… आई… ई ई सी… सी उफ़… उफ़ हाई… मजा आ रहा हा है…”
वो बहुत गर्म हो चुकी थी...
में भी गरम हो गया था..
तभी मदीना बोली की अब्बू अभी भी घर में ही है.
मेरा खड़ा लंड बेठ गया..
मदीना की सांसे तेज़ हो गयी थी..पर मज़बूरी थी.
तभी मैंने एक हाथ उसकी चूचियों पर रख दीया,
मेरे ओंठ अभी भी उनके ओंठों पर चिपके हुए थे और मेरी उंगलियाँ उनकी चूचियों पर तैर रही थी...
फिर मैंने उसकी चूची को कस कर दबा दिया,
वो चीख से उठी- उईईई, इस्स… आहह… क्या करते हो !
"अरे मदीना, आज तो तुम कमाल लग रही हो !" उसने मेरे कान में धीरे से कहा..
वो शरमा गई फिर वो मेरे करीब आ कर बोली = साहिल आज मेरे पीरियड आ गये है..
अब पांच दिन कुछ नहीं हो सकता है..
अपने हाथ से ही काम चलाओ ना तब तक ..
ये मदीना कब चुदेगी मुझसे ...या अल्लाह इसकी भी चूत और गांड दिलवा न मुझको ....
तभी अब्बू निचे आ गये ..

अब्बू ने आते ही मुझे कहाँ की आज भाईजान नहीं है तो बेंक का कुछ काम है,
जो मुझे निपटने है, फिर अब्बू के साथ में भी बहार चला गया.….
दोपहर को में बेंक से फ्री हुआ तो अब्बू ने मुझसे घर जाने को कहा क्यूँकी मैंने खाना भी नहीं खाया था और नजमा भी घर पे अकेली थी..
में जल्दी से घर की तरफ निकला रास्ते में एक मेडिकल स्टोर से कंडोम का बड़ा पेक ले लिया,
लेता भी क्यों नहीं अब अम्मी थी नजमा थी और मदीना भी मुझे अपनी चुत देने ही वाली थी ना !
में अब जल्दी से जल्दी बस घर पर पहुंचना चाहता था.
मैंने कंडोम लिया और जेल भी क्यूंकि गांड मारने में थुक लगाने में मज़ा नहीं आता था,,
फिर में घर की तरफ निकल गया …
घर पर पहुँच कर में जल्दी से नजमा या फिर मदीना की चूत और गांड मरना चाहता था,
घर के अंदर जाकर मैंने मैंन गेट पर वाचमेन से पूछा की नजमाँ आ गयी क्या ,,उसने कहाँ की हाँ करीब एक घंटा हो गया है ,,
मेरा लड मारे ख़ुशी के पेंट के अंदर उछलने लगा,
अपने कमरे में जाकर जल्दी से कपडे चेंज किये और नजमा के रुम की तरफ भागा,,
पर वहां कोई नहीं था ,,
में हेरान हो गया की नजमा कहाँ गयी फिर मैंने दिमाग लगाया की नजमा कंही अम्मी के रूम में तो नहीं गयी है ,
में भी अम्मी के रूम की तरफ गया ,
अम्मी का रूम खुला हुआ था ,
ओह अल्लाह नजमा और मदीना अम्मी के बेड पर लेटी हुई थी नजमाँ नंगी थी जबकि मदीना उपर से ही नंगी थी ,,
खुदा क्या नज़ारा था ,मेरी छोटी बहनिया सीधी लेटी हुई थी और मदीना उसकी मस्त और रसभरी चूत अपनी जीभ से चाट रही थी,,
मेरी प्यारी बहिन के मुँह से आह आऽऽह की आवाजें आ रही थी ..
टीवी पर एक लेस्बियन सेक्स फिल्म चल रही थी, नजमा फिल्म देख राही थी और अपनी चूत को चटवा भी रही थी,
फिल्म में कोई आवाज नन्ही थी इसलिए मुझे नजमा और मदीना की बातें साफ़ साफ़ सुनाइ दे रही थी।
नजमा = मदीना चाट मेरी चूत को हई मेरी प्यारी मदीना अम्मी की चूत की कितना रस पिया है तुमने आज तक, .बोल ना रंडी ,
और अब मेरे प्यारे भाईजान का लैंड रस पीना चाहती है कुतिया ,,
ले मेरा गरमा गरम् पेशाब पीले कुतिया हरामजादी रंडी कंही की और पहले पूरी नंगी होजा ना ,,
में नजमा के मुँह से ये सब सुन कर हेरान था, हमारे इतने बड़े खानदान की लड़की ने ऐसी गन्दी भाषा कहाँ से सीखी है..
पर मैंने ये सब देखना और सुनना जारी रखा ,
मदीना = हाँ तू तो बड़ी ही शरीफ है, साली रंडी तुम तो 1000/= के लिए लिसी का भी लैंड चूस लेती हो साली,
और तो और कोई नहीं मिलता है तो अपने भाई का गन्दा अंडरवियर भी चूस लेती हो तेरे से बड़ी रंडी तो इस घर में कोई नन्ही है.
नजमा = और तुम रंडी की ओलाद अपने ही बाप का लंड चुस्ती हो और गांड मरवाती हो और तेरा ही बाप तुझे चुदवाने लेकर जाता है दुसरो के पास ,
मदीना तेरे से बड़ी रंडी में नहीं हूँ , अब तू मेरी गांड चाट क्यूंकि जब से भाईजान ने मेरी गांड मारी है पता नहीं खुजली सी होती रहती है इसमें

मुझे लेस्बीयन सेक्स की आदत पड़ गई है, मुझे भी किसी लड़की की चूत चाटने और चूसने का दिल करता है।

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jay
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Re: में अम्मी और मेरी बहिन

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में अम्मी और मेरी बहिन-14

उफ्फ अल्लाह फिर मदीना ने अपनी जुबान यानी की जीभ से मेरी बहिन की गांड चाटना शुरू किया ...


अल्लाह नजमा किसी विदेशी ब्लू फिल्म की तरह मदीना की गांड चाट रही थी,
दोनो गरम थीं और तभी मैने महसूस किया कि मेरा लंड खड़ा हो चुका है....।
मेरा ट्राउजर तन गया था और मेरा लंड उत्तेजना के मारे ऐंठ रहा था..।
पर में ये सब देखना चाहता था इसलिए खामोश रहा पर में अपना मोबाइल निकला और ये सब का विडिओ बनाने लगा.
मदीना बहुत ही मज़े ले लेकर मेरी बहिन की गांड चाट रही थी ,,
ये देखकर मुझे जमीला की याद आ गयी,
मेरी भी गांड में कुछ कुछ होने लगा ...
काश कोई लंड मेरी गांड में जाता पर अभी तो दो दो चूत और दो दो गांड मेरे लंड के सामने थी
तभी नजमा का फोन बजा,
नजमा = अम्मी का लोडा भोस्डी वाला किसका फोन है इस टाइम ..
मदीना = बेबी देख ही लो ना tab तक में पेशाब करके आती हूँ मेंरी रानी ,,,
नजमा फोन की तरफ गई और फोन पर बात करने लगी , वो उसकी कोई दोस्त का फोन था ..
मदीना बाथरूम की तरफ आई में उसी के पास ही आड़ में था ..
जेसे ही वो मेरे पास आई मैंने जल्दी से उसका मुंह बंद किया,
और मदीना के कान में धीरे से बोला = क्या हाल है मेरी छमिया ,,बड़े मज़े कर रही हो मेरी बहिन के साथ...
मदीना उछल हई पड़ी पर मैंने उसे सख्ती से पकड़ रखा था ..
मैंने उससे धीरे से कहा की आज मुझे तुम दोनों की चूत चाहिए ..
मदीना न न करने लगी तभी मैंने उसे बाथरूम में धकेला और में भी बाथरूम में गया ..
बाथरूम अंदर से लॉक किया और मदीना को वो विडिओ दिखाया जो मैंने अभी अभी बनाया था .

मदीना विडिओ देख बुरी तरह से हिल गयी और वो मेरे पैर पकड़ने लगी और कहने लगी की में उसको चोद लू पर वो विडिओ डिलीट कर दूँ ,
मैंने उससे धीरे से कहा की आज मुझे तुम दोनों की चूत चाहिए ..
में अपनी बहिन की चूत और तेरी गांड दोनों एक साथ चोदना चाहता हूँ ,
मदीना हेरत से मुझे देखने लगी,
मदीना बोली = ये क्या कह रहे हो साहिल वो आपकी सगी बहिन है..
में = तो क्या हुआ जब तेरे सगे अब्बू तुझे चोद सकते है तो में अपनी बहिन को क्यों नहीं चोद सकता हूँ.
ये सुन कर मदीन सोच में डूब गयी.
में फिर बोला = इन सब में तेरा भी भला है मदीना तेरी चूत भी प्यासी नहीं रहेगी और में तुझे पैसे भी दूंगा..
मदीना चुप थी में समझ गया की गाड़ी लाइन पर ही है ..
मैंने मदीना के बूब चूमें और उसकी नंगी चूत पर अपनी जीभ लगा दी मदीना सिसक पड़ी ,पर मेरे पास टाइम नहीं था,
आज में नजमा की चूत को चोदना चाहता था,
किसी भी कीमत पर ..
तभी बाथरूम का दरवाजा बजा,
बहार नजमा थी.
नजमा = मदीना खोल न दरवाजा मुझे भी पेशाब करना है साली रंडी अभी तो नंगी मेरे साथ थी अब शर्मा रही है.
बेचारी नजमा उसको क्या पता था की आज उसके साथ क्या होने वाला है,
मैंने जल्दी से मदीना को समझाया की वो मुझे नजमा को चोदने में मेरी मदद करे,
मदीना ने हामी भर दी..
दरवाजा फिर बजा में दरवाजे के पीछे हो गया और मदीना ने दरवाजा खोला ,
नजमा सीधी अंदर आई उसने मुझे नहीं देखा था,
आते ही क्मोड पर खड़ी खड़ी ही पेशाब करने लगी और कहने लगी= मदीना आ न मेरा पेसाब पी ना..
मदीना उसके सामने बेथ गयी और उसकी कंवारी चूत से मुंह लगा लिया और धीरे धीरे नजमा का पेशाब पिने लगी.
में धीरे से उसके पीछे गया और नजमा को पीछे से दबोच लिया,
इस हमले से नजमा हडबडा गयी और चीखने लगी पर मैंने जल्द से उसका मुंह बंद किया और मदीना भी खड़ी हो गयी.
वो भी नजमा को दबोच रही थी ,
नजमा मेरी और देख कर कुछ धीमी पड़ी और मुंह से गु गु करने लगी,
मदीना और नजमा दोनों ही मादरजात नंगी ही थी..
मैंने नजमा को पीछे से पकड़ रखा था नजमा की मस्त गंद मेरे लंड से टच हो रही थी,
पेंट के अंदर से ही मेरा लंड बहार आकर नजमा की गांड में तूफान मचने को मचल रहा था .
तभी मदीना नजमा के सामने बेठ गयी और नजमा की नंगी चूत को चाटने लगी,
नजमा पहले से ही उतेजित तो थी ही,
मदीना के यूँ चूत चाटने से वो सिसकिय भरने लगी और में भी उसकी मस्त और कसी हुई चुन्चिया दबाने लगा था ..
तभी मदीना खड़ी हो गयी और नजमा के मुंह से मुंह मिलाकर लिप्प किस करने लगी अब नजमा ने मचलना छोड़ दिया था.
तभी मैंने अपनी पेंट और कमीज निकल दी..
कपडे खुलते ही मेरा लौड़ा पूरा टनटना रहा था और मैंने जल्दी से अपना लंड अपनी बहिन नजमा की गांड से सटा दिया .
मेरे हाथो में मेरी प्यारी बही के बूब थे जो की काफी बड़े थे,
मैंने नजमा की कमर पकड़ ली,
मदीना ने अपने हाथ से मेरा लण्ड नजमा की गांड के मुँह पर लगा लिया और बोली- अब तेजी से धक्का मारो साहिल !
मैंने बिना देर किये उसकी कमर पकड़ कर उठाया और एक तेज झटके में लण्ड को गांड के छेद में डाल दिया ,
नजमा चीख पड़ी पर मदीना ने जल्दी से उसके मुंह पर अपने होंठ रख दिए और चूमने लड़ी नजमा की गांड कोई कंवारी तो थी नहीं ..
इसलिए मेरा लंड जल्द ही गंद के छोटे से छेद के अंदर चला गया ,
नजमा की गांड में वाकई एक अनोखा मज़ा था !
मैंने उसकी चूचियां पीछे से पकड़ राखी थी, नजमा की आँखों में आंसू आ गए थे पर में आज तरस खाने के मुड में नहीं था..
मेरा लंड नजमा की गांड की सेर कर रहा था,
तभी मदीना मेरे पीछे आ गयी और पीछे से मेरी गांड का छेद अपनी जीभ से चाटने लगी उफ्फ क्या मज़ा था,
क्या मज़ा था दोस्तों मेरा लंड मेरी सगी बहिन की गांड के अंदर बाहर हो रहा था और मेरी खुद की गांड को एक सुन्दरी चाट रही थी,
वह क्या बात थी इस तरहा का सेक्स पहली ही बार कर रहा था में ,
अब में ने देर ना करते हुए नजमा को कुतिया की तरह झुकाया और दे दनादन गंद में लंड ठोकने लगा,
तब तक नजमा भी सही हो चुकी थी तभी मादिना ने मुझे रोका और मदीना ने हमें बिस्तर पर चलने को कहा,
मैंने नजमा की गांड से जेसे ही लंड निकाला सैट की आवाज आई ..
फिर हम तीनो बिस्तर पर आगये ,
मैंने नजमा को फिर कुतिया बनने को कहा पर तभी मदीना ने रोका,
फिर मदीना पहले निचे सो गयी ,उसने नजमा को अपने उपर आने को कहा,
अब सीन ये था की मदीन सीधी सोई हुई थी और नजमा उसके उपर उलटी सो गयी,
मतलब दोनों 69 की पोजीशन में थी,
फिर मदीना ने मुझे नजमा की गांड में लंड डालने को कहा,
अब में नजमा की गांड मार रहा था और नजमा और मदीना एक दूजे की चूत से खेल रही थी,
नजमा के मुँह से लगातार सिसकारियाँ निकल रही थी, पूरा कमरा उनकी आवाज से गूंज रहा था,
में सटा सट नजमा की गांड में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा,
सुबह से मेरा लंड खड़ा ही था तो ज्यादा देर न करते हुए मेरा लंड झड़ने लगा मेरी प्यारी बहिन की गांड में मेरे लंड का पानी निकल गया,
उह उहाआ आआआआआह ''आआयययययययीीईईईईईईई .........अहह उम्म्म्मममममममम''.
करते हुए मैंने अपना पानी नजमा की मस्त गांड में छोड़ दिया,,

में और नजमा दोनों ही थक गए थे ,
दोस्तों एक बात तो है की चूत मारने से ज्यादा थकावट गांड मारने में होती है..
में हांफने लगा था जबकि नजमा सुबक रही थी,
मदीना उसको समझा रही थी,
मदीना (नजमा से )= रो मत नजमा, इस दुनिया में सगे भाई से बढ़ कर कुछ नहीं होता है,
देखो एक दिन कोई अनजान आदमी तेरी चूत और गांड का मालिक बन जायेगा,
ये तो तुम्हारा सगा भाई है इसका तो तेरी हर चीज पर हक है नजमा,और इसका तना हुआ लंड देखो ना,
तुम ही तो बोलती हो ना की बड़े लंड से चुदना या गांड मरवाना बड़े ही मज़े की बात है तो फिर ये रोना क्यों नजमा..
नजमा सिसकते हुए = मदीना लेकिन इतने बड़े लंड से बिना चिकने गांड मरवाना कितना दर्द भरा काम है रे ,
क्या तूने इतना बड़ा लंड अपनी गांड में लिया है क्या कभी, तेरे अब्बू का तो तू बता ही चुकी है की, बस चार इंच का ही है..
*
मदीना = पागल तो क्या मैंने सिर्फ अपने अब्बू का ही लिया है तुझे मैंने बताया था न की मेरे अब्बू मुझे दुसरे लोगो से भी चुद्वाते है,
एक दिन मेरे अब्बू मुझे एक सरदार के पास ले गये थे उस सरदार ने मुझे छोड़ने के 5000/- दिए थे,
नजमा उस सरदार का लंड पुरे दस इंच का था और उसने न सिर्फ मेरी चूत मरी बल्कि मेरी कोमल और मुलायम गांड भी माँरी थी,
*
नजमा = में नहीं मानती हूँ,की तुमने अपनी गांड में किसी का लंड लिया है,अगर लिया है तो मेरे भाईजान का भी लेकर बताओ फिर में मानूंगी.
*
में भी बोल पड़ा = मदीना क्या तुमभी बस फेंकती हो दस इंच का लंड तो क्या तुम मेरा ये सात-आठ इंच का लंड भी अपनी गांड में नहीं ले सकती हो,
मदीना बोली =अगर ले लिया तो क्या करोगे तुम दोनों ,
में = बोलो क्या करना है,
मदीना = मानोगे क्या..
नजमा = हाँ हाँ क्यूँ नहीं मदीना बोलो तो सही..
मदीना = तो फिर सुनो नजमा साहिल में तुमसे गांड और चूत मरवाने को तैयार हूँ,
पर मेरी एक शर्त है की तुम पहले मेरे सामने ही अपनी बहिन की चूत में अपना लंड डालो..
नजमा = मदीना ये क्या कह रही हो तुम साहिल मेरे भाई जान ह..
में = नजमा अब तुम दो बार अपनी गांड मरवा ही चुकी हो तो चूत भी मरवा ही लो ना ...
नजमा = नहीं भाईजान आप मेरे भाई हो और मेरी चूत मेरे शोहर के लिए अभी तक बचा कर रखी हुई है,
हाँ आप चाहो तो मेरे मुंह को चोद सकते हो भाई जान..?
मदीना = क्या बच्चियों जेसी बात कर रही हो नजमा, चूत चुदवाने से घिस थोड़े ही जाएगी,
इसी उम्र में ही तो सेक्स का मज़ा लिया जाता है बेबी, और तेरे भाईजान जेसा लंड तो तुझे पता नहीं कहीं मिलेगा की नहीं,
इसके लंड में वो कशिश है की कोई भी चुदवा ले बेबी.
ये कहकर मदीना मेरे सामने बेठ गयी,और सट से मेरा सिकुड़ा हुआ और मेरे पानी और नजमा की गांड के पीलेपन से पीले हुए
लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी किसी आइस क्रीम की तरह,,
मेरा लंड धीरे धीरे फिर से खड़ा होने लगा .
मदीना = नजमा आ ना तेरे भाईजान का लंड चूस ना..कितना रसभरा है,
आ ना देख तो सही अब गांड मरवा ली है तो लंड का चूस कर मज़ा तो ले ना बेबी ..
नजमा = नहीं मदीना इससे कहीं बच्चा ठहर गया तो ..
में = नजमा लंड चूसने से बच्चा नहीं होता है बहिन लंड का पानी चूत में जाने से बच्चा होता है...
मदीना = नजमा आ ना क्यों नाटक करती है बेबी आ जवानी का मज़ा ले ना आज तो तेरे अब्बू भी नहीं आने वाले है,
वो कल सुबह ही आने वाले है,
में = आओ ना नजमा आओ प्लीज़ मेरी प्यारी बहिन अपने भाई के लंड को लुत्फ़ दो ना अपने मुंह का ..
नजमा = पर आप मेरी चूत तो नहीं फाड़ोगे भाई जान ..?
में = नहीं आब आ भी जा ना बहिन ..क्यों तद्फई हो मेरे लंड को ..
नजमा मेरे सामने मेरे पाँवों के बीच में बैठ गई, और अपने मुलायम हाथो में मेरा खड़ा लंड थम लिया,
तभी मदीना ने उसको मेरे लंड की तरफ धकेला मेरा लंड उसके गालो से टकरा गया..
नजमा मुस्करा दी , में समझ गया की आज मुझे अपनी बहिन की कच्ची चूत मिलने ही वाली है..
तभी मदीना ने मेरा लंड नजमा के मुंह में डाल दिया,
वह क्या मस्त होंठ थे मेरी बहीन के पतले पतले नजमा ने मेरा लंड का सुपारा अपने मुंह में लिया,
वह कयामत ही थी मेरी बहिन की लंड चुसाई,
तभी मदीना मेरी बहिन के पीछे गयी और पीछे से हाथ डाल कर नजमा के बूब दबाने लगी,
नजमा मस्ती में आ गयी थी वो धीरे धीरे मेरा लंड चूस रही थी,
में उसके गालो पर अपने दोनों हाथ रखे हुए था,
मैंने लंड उसके मुख में ठूंस दिया,
उसके बदन से मस्त परफ़्यूम की सुगंध आ रही थी,
जिससे मैं और भी मोहित हो रहा था,
नजमा मेरा पूरा लंड मुँह के अंदर बाहर करने लगी,
लंड के ऊपर उसका सीधा हाथ चलने भी लगा था,
वह एक साथ मुझे चुसाई और हस्तमैथुन का मजा दे रही थी,
वो जिस तरह से लंड चूस रही थी,
उससे तो ऐसा लग रहा था कि उसकी भरी हुई जवानी का राज लंड की प्यास और चुदाई ही था,

मैंने लंड को उसके मुख से बाहर निकाला,
जिसके ऊपर अब मुँह की लार से चिकनाहट की अलग ही परत लगी हुई थी,
मेरा लंड चमक रहा था, ऐसे हिल रहा था,
वह चुदाई के लिए तीव्र झंकार कर रहा था और नजमा भी सिसकने लगी थी तभी मदीना ने नजमा को खड़ा किया,
नजमा को खड़ी करके मदीना ने नजमा के पीछे से गांड में अपनी जीभ घुसा दी,
मैंने भी नजमा की चूत पर अपनी जीभ लगा दी.
अब सीन ये था की नजमा खड़ी हुई थी और मैं और मदीना उसके आगे पीछे बेठे थे ,
हम दोनों तरफ से उसकी चूत और गांड को अपनी जीभ से चोद रहे थे,
अब नजमा की हालत देखने लायाक्क थी .वो सिसक भी रही थी..
अब वो कामाग्नि में थिरक रही थी- अब नहीं सहा जाता...
नजमा की सिसकारियाँ गहरी होती चली गईं- आआहह... आआहहहह..
तभी नजमा ज़ोरों से मेरा लंड चूसने लगी और बोली- अब से यह लंड मेरा.. और मेरी चूत तेरी मेरे भाई जान ...
आओ चोदो मुझे फाड़ दो मेरी कंवारी और चिकनी चूत मेरे भाईजान आओ अब मुझे चुदना है आपसे ...
ये कहते हुए नजमा खड़ी हो गयी और मुझसे लिपट गयी और मुझे चूमने लगी ..
अब उससे रहा नही गया,
वो बेताबी से मेरा लण्ड पकड़ पर दबाने लगी और फ़िर अपने मुँह में लेकर चूसने लगी जैसे कोई आइसक्रीम चूसता है..।
मुझे बहुत मजा आ रहा था कसम से ! मैंने कहा- छोड़ो, नहीं तो तुम्हारे मुँह में ही मेरा गिर जाएगा.. !

उसने छोड़ दिया और कहा- जल्दी से चूत में घुसाओ भाईजान ! अब बर्दाश्त नहीं होता !
मैंने कहा- रुको ! थोडा सब्र कर बहना ...
मैंने उसे अपने करीब खींच कर उसके होंठों पर होंठ रख दिये,
वह मुझसे बेल की तरह लिपट गई,
मैंने उसे बेड पर सीधा लेटा दिया..
मैंने उसके तलवों को चाटने से शुरु किया और बारी-बारी से उसकी चिकनी और रेशमी जाँघों तक पहुँच कर चूमता-चाटता रहा,
नजमा के मुँह से आहें निकल रही थी,
उसकी छोटी झांटों वाली चूत चाटने लगा,
फिर मैंने उसे लिटा दिया और उसकी संगमरमरी चूत को उंगली से चोदने लगा,
उसकी चूत एकदम कसी थी, अनचुदी कली थी..

और में उसके पेट पर बेठ गया .. साथ ही मैं अपने दोनो हाथों से उसकी चूचियाँ दबाता रहा और उसके निप्पल पर चुटकियाँ काटता रहा..
उसके रसीले होंठों से उसकी जवानी का रस चूसते हुए मैंने उसकी चूचियों और कूल्हों को खूब मसला.
उफ़ क्या चुचिया थी , गोल मटोल कठोर और निप्पल नुकीले..
अभी उसकी काली झाँटें ही नहीं उगी थी, बस भूरे भूरे रोम से थे.

*-*
शानदार !
*-*
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( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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Re: में अम्मी और मेरी बहिन

Post by jay »

में अम्मी और मेरी बहिन-15

मैंने उसकी मस्त गाण्ड के नीचे एक तकिया लगाया उसकी शानदार,
अनछुई चूत पर अपने होंठ रखे और फिर जीभ को इस्तेमाल करने लगा,
बुर के होंठ मोटे रस-भरे थे, अंदर गुलाबी संकरी गली दिख रही थी,
चूत पर छोटे छोटे बाल भी थे, पर मस्त लग रही थी उसकी चूत !
मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ लगा दी और चाटने लगा,
उसकी चूत से कुछ लिसलिसा सा पानी निकल रहा था, नमकीन सा स्वाद था !
साथ ही उसकी रेशमी जाँघों को सहलाते हुए अपने हाथ ऊपर करते हुए उसकी चूचियों पर पहुँचा कर उन्हें मसलने लगा,
मैं उसके ऊपर लेट कर उसकी एक चूची मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरी मसलने लगा फिर यही दूसरी चूची के साथ भी किया.
आखिर मेरी सगी बहिन आज मुझे प्यार से अपनी चूत देने वाली थी.
नजमा कामवासना में बिल्कुल बेसुध थी,

लेकिन जब मैंने उसके होंठों पर होठ रखा तो उसे जैसे होश आ गया और उसने जोश से साथ दिया,
भरपूर चुम्बन के बाद मैंने उससे पूछा कि लंड डालूँ ..?
उसने सिसकते हुए कहा- हाँ भाईजान , मैं तड़प रही हूँ..
मदमस्त कमर, गुलाबी बदन, मुझे अब चुदाई किए बहुत अरसा हो गया था, अब बस मन नहीं मान रहा था..
आज तो चूत चोदनी ही थी, चाहे वो बहिन की ही क्यों ना हो ..
फिर मैं उसकी चूत पर अपना लण्ड रख कर अन्दर करने लगा तो बोली- पागल हो क्या..?
पहले थूक लगा दो मेरी चूत और अपने लण्ड पर ! नहीं तो दर्द होगा !
मैंने पूछा = तुम्हे केसे पता बहना ,
नजमा = में अब इतनी भी छोटी नहीं हूँ भाईजान, में भी सब जानती हूँ बस लंड ही नहीं डलवाया है इस चूत में बाकि सब किया है मैंने ..
मैंने झट से थूक अपने लण्ड और उसकी चूत पर लगाया और लंड को उसकी चूत में घुसाने लगा.
मेरा लण्ड थोडा सा उसकी चूत में घुस गया,
उसको थोड़ी तकलीफ हुई, उसने कहा- उई ईई ईए थोड़ा धीरे से करो न !
मैंने थोडा ठुक और लगाया फिर ..
मैंने लौड़े को नजमा की चूत के मुँह पर रख कर धीरे-धीरे दबाव बना कर अन्दर डालने लगा,
मैंने अपना लौड़ा उसकी चूत की छेद से सटाया और सांस रोक कर जोर लगाने लगा,
पर उसकी चूत बहुत कसी लग रही थी.
तो मैंने थोड़ा जोर से धक्का लगाया तो उसकी चीख निकल गई,
लौड़े का सुपारा उसकी चूत में घुस चुका था,
उसकी सील टूट गई और खून निकलने लगा.
अब मैंने लण्ड को थोड़ा सा पीछे करके एक और जरा सा धक्का दिया,
लण्ड चूत की दीवारों को चीरता हुआ आधा घुस गया,
अब वह दर्द के मारे अपने सर को इधर-उधर मार रही थी।
मैंने अपनी साँस रोकी और लण्ड को थोड़ा पीछे करके एक और धक्का दिया तो मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में घुस गया.
थोड़ी देर रुक कर मैं धीरे-धीरे लण्ड आगे-पीछे करने लगा,
नजमा की चूत का दर्द अब कम हो रहा था और उसे भी अब मजा आ रहा था.

नजमा ने मुझे कस कर पकड़ रखा था और उसके नाखून मेरी पीठ में धंस रहे थे,
पर मुझे उसकी परवाह नहीं थी, मैं बस कमर को धीरे-धीरे आगे-पीछे करने लगा,
तो नजमा भी, “आह... आह्ह... ओह्ह... ओह्ह... फ़क मी...” चिल्लाने लगी और कमर उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगी..
तो मैंने अपनी रफ्तार थोड़ी तेज कर दी,
नजमा अब कमर उठा-उठा कर मेरा साथ दे रही थी।
उसे बहुत मजा आ रहा था.
वो अब ‘कम आँन- भाई जान फक मी हार्ड’ चोदो मुझे रंडी बनाकर ''कहकर मेरा साथ दे रही थी,
हम दोनों की साँसे तेज हो गई थी, ,
नजमा अ..आ… उ.. ऊ.. आ की आवाज करके मजा ले रही थी।
दस बारह लगातार झटकों के बाद जब लंड बाहर निकाला तो परर की आवाज़ के साथ चूत से हवा निकल पड़ी,
हम दोनों को हंसी आ गई,
मैंने फिर चूत को पौंछा और फिर से लंड अंदर डाल कर जोर से झटका दिया,
उस समय मेरे जोर जोर से उछलने से एक बार तो ऐसा लग रहा था कि बेड ही टूट कर गिर जायेगा.

मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में दबा दिया।
उसने कहा- थोड़ा रुक जाओ, अभी थोड़ा दर्द हो रहा है, लण्ड को अन्दर ही रहने दो !
फिर दो मिनट के बाद उसने कहा- अब करो !
उसे थोड़ा दर्द हो रहा था। फिर मैं उसकी चूत में लण्ड अन्दर-बाहर करने लगा।
वो भी नीचे से अपनी गाण्ड हिला-हिला कर मेरे लण्ड के ठुमकों को जवाब दे रही थी।
मस्त चुद रही थी वो !
उई ई ई ई ई ई आ आ आह्ह उफ्फ की आवाजें निकल रही थी उसके मुँह से !
कभी कभी मेरी पीठ पर अपने नाख़ून भी गड़ा देती !
वो पूरे जोश में चुदवा रही थी मेरे नीचे लेट कर मजे से !
उसने कहा= हई ई ई मजे से चोदोभाके ईजान !
कितने सालो के इन्तजार बाद मिला है लण्ड !
मजे से जोर-जोर से चोदो मुझे !
वो फिर जोर जोर से अपनी कमर हिलाने लगी,
मेरे लण्ड को धक्के मारने लगी,
पूरी मस्ती में थी वो, कह रही थी- जोर से चोदो ! जोर से ! और जोर से !
मैं भी जोर जोर से चुदाई कर रहा था उसकी, मुझे भी बहुत मजा जा रहा था।
अब वो पूरी मस्ती में थी,
बाद में हमने पोजीशन बदली, अब वो ऊपर थी और मैं नीचे,
नजमा अब मुझे चोद रही थी जेसे वो गजब की घुड़सवार साबित हो रही थी,
अचानक उसकी रफ़्तार तेज हो गई अब मैं भी मन्जिल के करीब पहुँच रहा था.
अब वो कुतिया सी बनी हुई थी और मैं उसकी कमर पकड़े जोर जोर जोर से उसे चोद रहा था.

हाल में जैसे गर्म बेतरतीब सांसों का तूफ़ान आ गया और उसकी उत्तेजक सिसकारियों के साथ हमारे संगम की फच्च-फच्च की आवाजें आग भर रही थी.
वो चरम पर पहुँचने लगी तो जोर जोर से किसी रांड की तरह गन्दी गन्दी गलियों के साथ मुझे उकसाने लगी,
मैं और भी उत्तेजित होकर उसके साथ ही गालियाँ बकते हुए उसे और तेज़ चोदने लगा..
"निकलने वाला है ! अंदर ही छोड़ दूँ?" मैंने टूटती आवाज़ में पूछा।
"नहीं, मेरे मुँह में दे दे !" नजमा बोली और मुड़ कर मुँह खोल के बैठ गई,
पिचकारी निकालने में मेरी मदद करने लगी,
थोड़ा वीर्य पी गयी थोड़ा थूक के साथ अपने मम्मों पर गिरने दिया, चूस कर मेरा लंड साफ़ किया..
फिर नजमा ने मुझे अपनी चूत दिखाई और बोली = भाई इसका भी पानी पियो ना ..
में अब नजमा की चूत को अपनी जीभ से चोद रहा था ..

करीब 4-5 मिनिट बाद ही अचानक ही उसने मुझे कस कर पकड़ लिया जैसे निचोड़ डालेगी..
फिर नजमा ने मेरा सर बुरी तरह से अपनी चूत में दबा दिया ..
नजमा की चूत ने भी अपना पानी मेरे मुंह में ही छोड़ दिया ...

में जब अपनी बहिन को चोद रहा था तो मदीना बाहर चली गयी थी,
अब नजमा बेड पर बेठ कर अपनी चूत को देख रही थी,
वो थोड़ी उदास थी अपनी चूत देख कर ..?
उसकी चूत हलकी सी खुल गयी थी .
तभी मदीना अंदर आ गयी...
नजमा मदीना से बोली = आजा रंडी अब तेरी बारी है गांड में लंड लेने की ..
तभी फोन बज गया .
मैंने फोन उठाया फोन अम्मी का था.
अम्मी ने फोन उठाते ही अम्मी ने शिकायत की, फोन नही करता है मेरा राजा बेटा कोई दूसरी लैंड चूसने वाली मिल गयी क्या मेरे बेटे को……
मैंने कहा = नहीं अम्मी, कोई नहीं मिली है,
अम्मी = झूठे , कहीं नजमा की चूत में तो अपना लंड नहीं डाल दिया,मेरे बेटे ने,अपनी बहिन को तो नहीं चोद डाला...
में = नहीं अम्मी आप पागल हो गयी हो क्या ...
अम्मी = तो मुझे याद नहीं किया, बुआ को चोद रहे हो या नहीं..?
(अब में अम्मी को क्या बताता की किस किस को चोद रहा हूँ )
में = नहीं अम्मी बस आपकी ही याद आ रही है,(तभी नजमा मेरे पास आ गयी)
अम्मी = मुझे भी तेरी बहुत याद आ रही है साहिल कितना मज़ा कर रहे है ,
हम दोनों यहाँ पर कितनी लडकिय है चोदने को काश तू आता तो हम तीनो मज़ा करते मेरे बेटे...
साहिल यहाँ तो जन्नत का नज़र ही है..
मेरे बेटे (अम्मी की आवाज बिलकुल धीमी हो गयी) तेरे लंड की बहुत याद आ रही है..

नजमा मेरे पास आगयी थी, फोन की बाते उसको भी सुनाइ पड़ रही थी,
अम्मी से इस तरह बात करते देख वो हेरान थी,
तभी में (नजमा को सुनकर अम्मी से बोला) अम्मी मेरा लंड बहुत तडफ रहा है किसी चूत के लिए,
कोई चूत बताओ ना, ये बोल है मैंने फोन को हैण्ड फ्री कर दिया.
अम्मी = बेटा तेरी बहिन अब जवान हो गयी है इससे पहले की कोई उसकी कंवारी चूत में अपना लंड डाले,
तुम ही चोद डालो उसको ..
में = अम्मी पर अगर नजमा नहीं मानती है तो क्या करूँ ...?
अम्मी = साहिल तुम भी कोई भी लड़की हो, चूत में खुजली होती ही होती है,
उसको कोई सेक्सी फिल्म दिखाकर चोद डाल मेरे बेटे, फिर हम चारो घर में खुलकर सेक्स का मज़ा लेंगे बेटे,
और हाँ ले तेरे भाईजान से बात कर ना ..
नजमा मेरे पास ही खड़ी थी,ये सब सुन कर वो थोड़ी परेशान सी हो गयी..
भाईजान फोन पर आये हमने दुआ स्लाम की,
भाईजान = साहिल तुम नजमा को पटाकर चोद लो,में भी उसकी चूत चोदना चाहता हूँ मेरे भाई,
(मैंने फिर से हैण्ड फ्री चालू कर दिया) अम्मी भी नजमा के साथ लेस्बो सेक्स करना चाहती है,
यहाँ आकर तो अम्मी बिलकुल ही पागल हो गयी है, हर टाइम सेक्स सेक्स ही करती रहती है,
कल तो दो फिरंगियों के साथ गयी थी,करीब चार घंटे चूदी उनसे वापस आई तो ढंग से चला भी नहीं जारहा था,
अम्मी की गांड भी मारी उन्होंने और अभी अम्मी ने उन दोनों और उनकी लोवर को यहाँ बुलाया है,
सब मिलकर एक साथ सेक्स का मज़ा लेंगे,और इनसब का विडिओ भी बनायेंगे..
नजमा ये सुनकर हेरान ही थी की में उसे अपनी बांहों में ले लिया,वो मेरी बांहों में आ गयी,
भाईजान बोल रहे थे = साहिल यहाँ हर और रंडिया ही रंडिया है , हर उम्र की रंडिया, परसों मैंने भी एक रंडी बुलाई थी .
क्या बताऊ मेरे भाई करीब 23 साल की ही थी बिलकुल अपनी बहिन नजमा की तरह लग रही थी,
अम्मी और में और वो पहले तीनो ने शराब पी फिर हमने सेक्स किया,अम्मी तो उसको नजमा नजमा ही बुला रही थी,
करीब तिन बार मेरे लंड ने पानी छोड़ा था,और अम्मी तो उसकी चूत और गांड जेसे काटकर ही खाना चाहती थी..
बहुत मज़ा आ रहा है भाई,
तुम भी नजमा को चोद लो....
भाई ..
अब रखता हूँ चोदने का वक्त हो गया है .. ये कहकर भाईजान ने फोन रख दिया..
मैंने नजमा की आँखों में देखा, वो सेक्स के मारे लाल हो रही थी,
नजमा = भाईजान क्या तुमने अम्मी के साथ भी ....
में = हाँ नजमा, क्या हुआ तो, नजमा सेक्स कोई गुनाह नहीं है,
नजमा = पर भाई सगी अम्मी को चोदना क्या सही है,
में = नजमा क्या तुम सेक्स को गलत मानती हो,
नजमा = भाई मुझे ये अजीब लग रहा है, क्या रहमान भाई भी अम्मी को चोद...मतलब वो करते है क्या,
(अब नजमा मेरे सामने खुल रही थी और में भी उसको और खोलना चाहता था )
में = हाँ नजमा में और भाई जान दोनों मिलकर अम्मी की गांड और चूत एक साथ में हो मारते है..
नजमा = अम्मी की भी गांड लेते हो आप बड़े गंदे हो भाई, तभी मैंने उसकी नंगी चुन्चिया पकड़ ली.
नजमा जोर से चीखी, मैंने उसको छोड़ दिया ,तो वो हंस पड़ी और बोली = डर गए क्या भाई ,,,?
में समझ गया की मेरी छोटी सी बहिन अब बड़े बड़े लंड से खेलना चाहती है,

तभी मदीना अंदर आ गयी, वो आइस क्रीम ले कर आई थी,
में और नजमा अब भी नंगे ही थे जबकि मदीना ने ब्रा पेंटी डाल ली थी,
मेरा लंड हल्का हल्का खड़ा था,मदीना मेरे लंड की तरफ देख रही थी,
तभी नजमा बोली = भाई क्या आपने कभी गर्म आइस क्रीम खाई है क्या...?
में = नहीं नजमा कभी नहीं ये केसी होती है,बहना बताओ ना ..
नजमा हंसने लगी, और मदीना भी,
नजमा = मेरे पास तो गर्म आइस क्रीम की फेक्ट्री है भाई,
ये देखो, नजमा अपनी चूत को दोनों हाथो से पकड़ कर छोड़ी करके दिखने लगी,
तभी मदीना ने उसमे आइस क्रीम लगादी और चाटने लगी..

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