हिन्दी सेक्सी कहानियाँ

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rajsharma
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हिन्दी सेक्सी कहानियाँ

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हिन्दी सेक्सी कहानियाँ

हाय फ्रेंड्स माय सेल्फ राजेश. में २४ साल का हूँ. में चंदिगढ से हूँ. आई ऍम वैरी बिग फेन ऑफ़ सकसेक्स. में इस को बहोत इयर्स से पढ़ रहा हूँ. मेरा लंड का साइज कभी मीजर नहीं किया बट इतना हे की ये किसी भी लेडी को सटिसफाय करने के लिए काफी हे. ये स्टोरी मेरी और मेरी ट्युशन टीचर की हे में उस टाइम १२th में पढ़ रहा था. मेरी इंग्लिश वीक थी सो मेरे पेरेंट्स ने मुझे पास की एक ट्युशन लेडी के पास पढ़ ने के लिए भेजा. उसका नाम था कंचन (नाम बदला हे ).

वो ट्युशन के साथ साथ स्टिचिंग भी करती थी. वो मेरिड थी और उसके दो बच्चे बी थे. एक गर्ल जो की ५ या ६ इयर्स की होगी. और एक बॉय जो की १ इयर का था. उसका हसबंड ड्रिंक बहोत करता था. और डेली लड़ाई करता था, उसके साथ वो मेरी पडोश में रहती थी सो हमें डेली उसके लड़ाई झगड़े की आवाज आती रहती थी. कंचन बहोत मस्त माल थी. उसका फिगर ३६-३०-३४ था. (जो उसने मुझे बाद में बताया). उसके पास और भी बॉयज एंड गर्ल्स ट्यूशन पढ़ने आते थे. बट वो मेरी पड़ोस में रहती थी सो वो ज्यादा ध्यान मुझ पर देती थी. क्यू की वो नहीं चाहती थी की उसे मेरे घर से कोई कंप्लेंट आये की उसने मुझे ठीक से नहीं पढाया.

जब वो सूट कटिंग कर रही थी निचे बेठ कर तो उसके कमीज मेसे बूब्स दीखते थे. उसके बूब्स बहोत मस्त थे सो में उसे चोर नजर से देखता रहता था. एक दिन में उसके पास ट्यूशन पढने गया तो वहा उसने सबको घर वापस भेज दिया. में उसके गर के पास रहता था, सो उसने मुझे वहीँ रुकने के लिए बोला. क्यू की उसे कुछ काम था. तो उसने मुझे कहा की बेडरूम में बेठ कर लेसन रिवीज कर लो. जेसा उसने मुझे कहा में उसके बेडरूम में चला गया. और उसके बेड पर बेठ कर लेसन रिवीज करने लग गया. करीब १५-२० मिनट बाद उसका बेटा जो की अभी दूध पिता था वो सो कर उठ गया और रोने लगा शायद उसे भूक लगी थी.

वो भागते हुए बेडरूम में आई और अपने बेटे को उठाया और उसे चुप करवाने लगी बट उसे शायद भूक लगी थी. तो वो चुप नि हो रहा था. तो वो वहीँ मेरे सामने बेठ कर अपना एक बूब्स निकाल कर उसे दूध पिलाने लगी. वाव क्या बूब्स था उसका एक दम गोरा और ऊपर निपल. में उसे चोर नजर से देख रहा था और वो मुझे नोटिस कर रही थी. मेरा लंड भी एर्रेक्ट हो गया. में उसे सेट करने लगा तो उसने मुझे देख लिया और गुस्से में बोली क्या कर रहे हो ? में डर गया.

में; कुछ नहीं.

कंचन; तुमने निचे हाथ लगाया क्या हुआ तुम तुम पढाई की तरफ क्यू घ्यान नि लगा रहे. क्या हे निचे बताओ.

में; कुछ नहीं मेम सॉरी.

कंचन; आज कल तुम पढाई से ज्यादा कही और ही ध्यान लगा रहे हो इस लिए मुझे आज ज्यादा काम हे फिर भी मेने सब को छुट्टी दे दी और तुम्हे ट्यूशन पढ़ा रही हूँ.

में; कहा सॉरी मेम तो वो बोली ओके पढाई की तरफ ध्यान दो.

में पढाई करने लगा बट चोर नजर से उसके बूब्स को बार बार देख रहा था. उसने मुझे उसका बूब्स देखते हुए फिर पकड़ लिया.

कंचन; क्या देख रहे हो ?

में; कुछ नहीं मेम.

कंचन; देखो तुम अभी बच्चे हो ये सब बाद में करना थोडा बड़े हो जाओ अपने पेरो पर खड़े हो जाओ फिर ये सब करना.

में; फिर पढाई करने लगा. उसका बेबी सो गया और वो उठ कर बहार चली गयी और काम करने लगी.

उसके जाने के बाद मुझे उसके बूब्स के बारे में सोच कर अपने लंड को सहला रहा था, अचानक ही वो रूम में आई और मुझे देख लिया और बोली क्या कर रहे हो / में बुरी तरह से डर गया, मेरी तो गांड फट गयी की भाई आज तो मेरे पेरेंट्स को ये सब बता देगी. वो मेरे पास आई और अचानक मेरे लंड को पकड़ लिया और मेरी पेंट की जिप खोल कर मेरा लंड बहार निकाल लिया, और बोली लड़का जवान हो गया हे, में उसके इस अचानक से चेंज हुए बिहेव को समज नहीं पाया. इससे पहले की में कुछ कहता उसने मेरा लंड अपने मुह में ले लिया. और फिर जोर जोर से वो चूसने लगी. में तो जेसे सातवे आसमान पे था, बहोत मझा आ रहा था. में उस टाइम तक वर्जिन था और किसी को किस भी नहीं किया था में १० मिनट में ही झड गया. उसने मेरा सारा माल पि लिया, और वो उठी और बोली की कपडे उतारो अपने भी और मेरे भी, जेसा उसने कहा मेने किया. वाओ क्या बूब्स थे उसके मस्त लग रहे थे, में उन्हें सुक करने लगा और वो मेरे सर पर हाथ फेरने लगी.

वो मुझे अपने बूब्स में प्रेस करती जा रही थी, में वेसा ही कर रहा था जेसा मेने पोर्न मूवीज में देखा था, थोड़ी देर बाद वो बोली की उसकी चूत सैक करो. मेने कभी नहीं किया था तो जेसे ही में उसकी चूत के पास गया मुझे अजीब सी स्मेल आई. उसने मुझे जातक से अपनी चूत की तरफ प्रेस किया और में उसे चाटने लगा, वो मोअन कर रही थी आआआआआआ……ऊऊऊऊऊउ…ऊऊऊऊउ….और जोर से करो राजा बहोत दिन हो गए किसी ने हाथ नहीं लगाया इसे…. वो भी थिदी देर में झड गयी.

मेने उसका माल नहीं पिया क्यू की उसका टेस्ट मुझे अच्छा नहीं लगा. वो बोली जल्दी कर जान अब इस चूत को तृप्त कर दो बहोत टाइम से प्यासी हे, तेरे अंकल तो मुझे हाथ भी नहीं लगाते. दारु पि कर आते हे और लड़ाई करते हे डेली. और सो जाते हे. और जब करते हे थोड़ी देर में झड जाते हे.

मेने तो कभी नहीं किया था तो सो मुझे नहीं समज आ रहा था. केसे करूँ तो उसने मुझे निचे लिटाया और मेरे ऊपर बेठ गयी. और मेरे लंड को अपनी चूत में डाल लिया, वाओ क्या माझा आ रहा था लग रहा मेरा लंड जेसे किसी ज्वाला मुखी में हो, गरम. और वो जोर जोर से मेरे ऊपर कूद रही थी, मेने उसे निचे आने को कहा.

और फिर मेने उसके ऊपर लेट कर उसे चोदा, और फिर दोग्गी पोजीशन में, वो लगातार मोअन कर रही थी की बहोत दिनों के बाद चुदाई हुई की बहोत माझा आ रहा हे, और जोर्र्र्रर्र्र से चूओद जूओर्र्र से.., फास्ट फ़क मीई फुच्क्क मीई ..वोव्वव्व्वव्व्व्व याआआ याआअ याआआअ याआअ और लगातार चिल्ला रही थी, और वो अब तक ३ बार झड चुकी थी. में भी बस झड ने वाला था और में उसे जोर जोर से चोदने लगा ३० मिनट हो गए थे और उसकी चूत में झड गया.

वो जोर जोर से साँसे ले ताहि थी और में भी बोली की तुम्हारा लंड बहोत मस्त हे, तुम्हारे अंकल का तो छोटा सा हे, शादी के कुछ टाइम तक तो वो सही चोदते थे बट जेसे जेसे टाइम बितता गया उनका चोदाई का टाइम कम होता गया और में अपनी फिंगर से ही सेटीसफाय होती रही. मुझे अब मस्त लंड मिल गया हे में तुमसे जब चाहे तब चोदूंगी.

फिर वो मेरे लंड को दुबारा चूसने लगी. और मेरा फिर खड़ा हो गया, और मेने उसे कहा की मुझे गांड मारनी हे तो वो बोली नहीं प्लीज् मेरी गांड मत मारन. मेने उसे ज्यादा फ़ोर्स नहीं किया और फिर से उसकी चूत मारी. और दुबारा उसकी चूत में झड गया. उसने मुझे फिर दूध पिलाया और बोली ये तुम्हारा फर्स्ट टाइम था सो तुम्हे वेअक्नेस महसूस होगी. तो दूध पि लो मेने दूध पिया और अपने घर चला गया. उसके बाद जब भी मेरा या उसका मन होता में उसे चोदता.
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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एक रात माँ के साथ

में दिल्ली का हूँ और अभी जोधपुर राजस्थान में जॉब कर रहा हूँ तो तैयार हो जाइये अपने लंड को सहलाने के लिये और अपनी चूत में उंगली करने के लिये ये स्टोरी पिछले महीने की है जब मेरी माँ मुझसे मिलने दिल्ली से जोधपुर आई थी मेरी माँ की उम्र
42 साल है और उनकी फिगर इतनी सेक्सी है की कोई भी उन्हे देख के मूठ ज़रूर मारता होगा.
मेरी माँ का नाम प्रिया है वो एक हाउस वाइफ है जो की मेरे दादा-दादी के साथ दिल्ली में रहती है में उनका इकलौता बेटा हूँ पापा का निधन 2003 में हो गया था एक कार एक्सिडेन्ट में अब स्टोरी पर आता हूँ मेरी उम्र 26 साल की है और 7 इंच का लंड है और 3 इंच मोटा मेरी माँ का फिगर 34-28-34 है और 5 फुट 6 इंच की लम्बाई गोरा रंग क्या क़यामत लगती है.

मेरी माँ न्यू ईयर पर मेरे साथ रहने आई थी क्योकि में 6 महीने से जॉब की वजह से घर नही गया था में हमेशा ही माँ को चोदने का सपना देखकर मुट्ठ मारता था और उनकी पेंटी चुरा के उसे सूँघा करता था जब मेंने माँ को देखा यार मेरा तो लंड ही खड़ा हो गया क्या क़यामत लग रही थी मैने माँ को गले लगाया और हम घर आ गये मेरा कमरा फ्लेट में है.

माँ आते ही फ्रेश होने चली गयी माँ जब नहा के निकली तो माँ ने क्रीम कलर की साड़ी और ब्लाउज पहना था और क्रीम कलर की ब्लाउज जिसमे उनका सफ़ेद ब्रा दिख रहा था मुझे ऐसा लगा की इस वक़्त उनको पकड़ लूँ और चोद दूँ पर कंट्रोल किया क्योकि मेरी हिम्मत उतनी नही थी.
हमने खाना खाया यहाँ वहाँ की बाते की और फिर माँ बोली की में सोने जा रही हूँ मैने कहा माँ क्या में तुम्हारे साथ सो सकता हूँ में दिल्ली में कभी कभी माँ के साथ सोता था तो माँ ने हाँ बोल दिया हम कमरे में गये बड़ा बेड था ठंड बहुत पड़ रही थी और हम एक ही रजाई में लेटे थे बात करते करते माँ सो गयी पर मुझे नींद नही आ रही थी.

माँ अपना एक हाथ सर पर रख कर सो रही थी और उनके बूब्स सांस की वजह से उपर नीचे हो रहे थे अब मुझसे रहा नही गया और में माँ के और करीब जा कर लेट गया और अब मेरा लंड उनकी कमर पर टच हो रहा था मैने धीरे से अपना हाथ माँ के पेट पर रखा माँ हिली नही तब मेंने धीरे से अपना हाथ माँ के सीधे बूब्स पर रख दिया और सहलाने लगा माँ हिली मैने तुरंत अपनी आँख बंद कर ली माँ ने आँख खोली और मेरा हाथ बूब्स पर से हटा के अपने पेट पर रख दिया और सोने लगी.
फिर मेंने कुछ देर इन्तजार किया की माँ सो जाये और मैने फिर से बूब्स पर हाथ रखा क्या सॉफ्ट सॉफ्ट बूब्स थे जैसे ही मैने उनका बूब्स दबाया माँ ने तुरंत आँख खोल दी और मेरा हाथ पकड़ लिया बोली बेटा क्या कर रहे हो ये ग़लत है अब मै हिम्मत करके उनके उपर चड गया और उनके होठो को चूसने लगा वो छटपटाने लगी और मुझे धक्का मारने लगी पर में नही हटा कुछ देर बाद माँ भी मुझे किस करने लगी मेरे होठ को चूसने लगी 10 मिनिट तक किस करने के बाद मैने माँ के होठो को छोड़ा.
माँ मेरी आँखों में देख कर बोली बेटा अब मत रुक मैं बहुत साल से प्यासी हूँ आज बुझा दे मेरी प्यास ये सुनते ही मैने उनकी साड़ी हटा दी और आइसक्रीम की तरह उनके गले गाल और होठ चूसने लगा माँ भी पागल हुये जा रही थी माँ ने मेरे सारे कपड़े उतार दिये मैने भी माँ की साड़ी ब्लाउज और पेटीकोट उतार दिया माँ सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी मै एक साइड में हो कर उनको देखने लगा किसी अप्सरा से कम नही लग रही थी.
माँ ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अपने उपर खींच के चूमने लगी और मै माँ को चूमे जा रहा था मैने माँ की ब्रा खोल दी और और उनके निपल्स को काटने लगा माँ भी हाँ बेटा आआआहह काटो काट लो राज चूस लो आआअहह सस्स्स्स्स्स्शह आनाआघह काट राज काट आआआहह ह्म्‍म्म्मममममम आआहहाआहह और मेरे बालो को ज़ोर से खीच कर अपने बूब्स पर दबा रही थी

मैने माँ को उल्टा लेटा दिया और उनके कन्धो और उनकी पूरी पीठ को चाट रहा था और माँ आआअहह ह्म्‍म्म्ममममममम राज आआआआहह ह्म्‍म्म्ममममममममम आआआअहह राज चाटो राज मैने भी माँ को आआहह माँ क्या जिस्म है तेरा आआहह माँ बोली बेटा तू मुझे प्रिया बोल गाली दे राज चाट साले मादारचोद चाट मैंने धीरे से माँ की पेंटी के उपर से उनकी गांड काटने लगा फिर माँ की पेंटी अपने दांत से खीच कर उतार दिया और उनकी गांड चाटने लगा और राआज्जजज्ज्ज्ज्ज्ज चाट चाट साले चाट अपनी प्रिया की गांड चाट साले आआआनाआअहह चाट.
फिर मैने माँ को सीधा लेटा दिया उनकी चूत से निकले पानी ने बिस्तर को गीला कर दिया था मैने अब उनके पैरो के बीच बैठ कर उनके पैरो को फैला कर उनकी चूत को अपने हाथ से फैला के उनकी चूत के अंदर वाले हिस्से को चाटने लगा माँ पागल हो रही थी राआआआअशज्जजज्ज आआआअहह चाआटततटतत्त आआआहह साले चाट मादारचोद चटाआआअटतततटतफ तेरे बाप ने कभी मेरी चूत नही चाटी तू साले मादरचोद चाटततटटटटतत्त कहते कहते माँ का जिस्म थोड़ा टाइट हुआ और वो झड़ गयी और माँ ने पूरे रस को चाट लिया.

अब माँ बोली राज अब चोद अपनी माँ को चोद मै माँ के उपर लेटा और माँ ने मेरे लंड को अपनी चूत पर रखा और बोला राज धीरे से बहुत दिनो बाद चुदने जा रही हूँ मैने धीरे से अपना लंड अपनी माँ की चूत में धीरे धीरे से डाला और माँ के उपर लेट गया जब लंड पूरी तरह अंदर चला गया माँ बोली राज चोदो मुझे चोदो.

मैं धीरे धीरे से माँ को चोदने लगा माँ आह राज हाँ राज चोदो राज आआअहह आह आह आह आह आह आह चोदो राज आज इस चूत की गर्मी बुझा दो आआहन चूत का कचूमर बना दो आआअहह चोदो आआअहह आआआअहह हा हा हा हा राज चोदो राज कोँम्म्मममम्मूऊऊँ न्‍न्‍नणणन् आह आह आह आह चोद मादरचोद चोद अपनी माँ को माँ आज दो बार झड़ चुकी थी मैं भी झडने वाला था मैने बोला माँ आज़ में कहाँ झड़ने वाला हूँ.

माँ बोली राज अंदर ही डालो अंदर ही छोड़ दो आआसस्स्स्स्स्शह आआआआहाहह प्रिया आइ लव यू आआआआआआहह करके में झड़ गया और हम दोनो उसी तरह नंगे सो गये।
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कहानी न्यू ईयर की

यह कहानी न्यू ईयर की है जब शाम को मौका पाकर के मेरे पापा ने मुझे चोद दिया वैसे तो में पापा से कई बार चुद चुकी

हूँ मगर इस बार नये साल की रात में चुदने का मज़ा ही दूसरा था यह बात है की शाम के 5 बज रहे थे में ऑफीस से निकली और घर की और चल दी में भी नये साल की पार्टी उम्मीद में खोई हुई थी तभी मेरे मोबाइल पर एक मैसेज आया मैने देखा तो पापा का था.

वो मुझे विश कर रहे थे और लिखा था की बेटी अगर कुछ मज़ा लेना चाहती हो तो पार्क रॉयल होटल में आ जाओ में वहाँ तुमको किसी से मिलाना चाहता हूँ में समझ गई की पापा ने कोई मुर्गा फँसा लिया है और उसके साथ मिल के मेरी चुदाई का प्रोग्राम रखा होगा में मन ही मन बहुत खुश हो गई मेरी चूत ने पानी छोड़ दियाथा में तुरंत एक ऑटो कर के घर पहुँची और कपड़े बदल कर सीधी पार्क रॉयल होटल पहुँच गई पापा ने जिस रूम में कहा था में सीधी वहीं चली गई दरवाजा खुला में देख कर हक्का बक्का रह गई.

वो आदमी कोई और नही मेरी कंपनी का मालिक था मुझे देख कर बोला अरे आशा तुम में तो तुमको चोदने के बारे में कई बार सोच चुका था मगर में सोच भी नही सकता था की आज नये साल के मौके पर में तुमको चोद पाउँगा भगवान का लाख लाख शुक्रिया है की तुम आ गई हो आज बहुत मज़ा आने वाला है में मुस्कुरा कर अंदर पहुँच गई बेड पर मेरे पापा हाथ मे शराब का गिलास लिये बैठे थे में उनको देख के मुस्कुरा दी वो भी मुस्कुराये में सोच रही थी की पापा मुझे चोदने का कोई भी मौका नही छोड़ते है आज मेरे बॉस के साथ भी मुझे चोदने आ गये थे.

में नखरे करती हुई पापा के पास पहुच गई और उनके पास जा के बैठने लगी मगर मेरे पापा एक हरामी ज़ात के है फ़ौरन अपनी उंगली मेरी गांड में दे दी में उछल गई उई क्या करते हो पापा मेरा बॉस एकदम से खड़ा हो गया हहाई यह तुम्हारे पापा है में मुस्कुरा के बोली हाँ क्यो में हैरान हूँ की कोई पिता अपनी बेटी को हाँ में ज़ोर से हँसीयह पिता नही है यह मेरे पति भी है जब हम दोनो का मन होता है तो हम दोनो चुदाई कर लेते है मेरे पिता होने से पहले यह एक मर्द है और में एक बेटी होने से पहले एक लड़की हूँ तो मेरी चूत पर मेरे बाप का पहला अधिकार है इसलिये में उनको कभी मना नही करती समझे.

बॉस ने मुझे देखा और बोला काश की तुम्हारी जितनी समझदार हर लड़की हो जाये तो हम जैसो को यहाँ वहाँ मुँह नहीं मारना पड़े मैने उसे कहा की कोई बात नही सर आप अपनी बेटी का नम्बर मुझे दे दो में आपकी बेटी को आपसे ना चुदवा दूं तो मेरा नाम बदल दीजियेगा वो खुश हो गया और उसने तुरंत मुझे अपनी बेटी का नम्बर दिया और बोला आशा यह काम जल्दी करवाना में उसकी जवानी को जब भी देखता हूँ तो में बहुत खुश होता हूँ मगर साली चुदने को तैयार नही होती है में क्या करूँ.

मैने उनसे पूछा की आज आपकी बेटी क्या कर रही है मुझे नही पता शायद कही घुमने गई होगी अच्छा तो में पता करूँ मैने यह कह के अपने मोबाइल से उसको फोन मिला दिया उसका नाम रिचा था हेलो..“ “ हेलो.. कौन.. में आशा बोल रही हूँ में रिचा से बात कर रही हूँ जी हाँ आप को मैने पहचाना नही जी आप मुझे नही जानती हैं में आपके पापा की दोस्त हूँ मेरा नाम आशा है. “ अच्छा..जी.. बोलीये..क्या बात है

मुझे आपको कुछ दिखाना था अगर आप फ्री हों तो में आपके पापा के बारे में बहुत कुछ जानती हूँ और उनको एक्सपोज़ करने का यह एक अच्छा मौका है वो आज पार्क रॉयल होटल में किसी के साथ मज़े ले रहे है अगर देखना चाहती हो तो वहाँ पहुँच जाओ में तुमको रूम नम्बर बता देती हूँ उनको वहाँ पर पकड़ सकती हो तुम झूठ बोल रही हो वो ऐसे नही है में अपने पापा को जानती हूँ समझी नही तुम उनको नही जानती हो में उनका नया रुप तुमको दिखा सकती हूँ वो तो ऐसा खराब आदमी है की तुमको भी नही छोड़ेगा.

अगर मौका लगे तो तुमको भी चोद सकता है शट-अप कुत्तिया कौन बोल रही है अरे मेरी प्यारी रंडी अगर तुमको विश्वास नही होता तोआकर अपनी आँखों से देख लो ठीक है चुड़ैल में आ रही हूँ मेने फ़ोन बंद करते ही मेरे बॉस बोले यह क्या किया वो यहाँ आ गई और बात नही बनी तो क्या होगा अरे कैसे मर्द हो अगर प्यार से ना माने तो ज़बरदस्ती चोद देना कोई प्रोब्लम होगी तो मेरे पापा तो है ही साथ देंने के लिये तभी मेरे पापा ने मेरी पीठ पर हाथ फेरते हुये बोले वो जब आयेगी तब की तब देखेंगे.

अभी तो कुछ दिखा दो मैने उनको देखा और मुस्कुराती हुई बोली पापा तुमसे कुछ छुपा थोड़ी है मैने अपनी कोट उतार के अपनी टी-शर्ट उतार दी और अब मेरे बदन पर एक थर्मा-कोट था उन्होने मुझे मेरे बॉस की तरफ़ धक्का दे दिया में उनसे लिपट गई मेरे बॉस यही कोई 42 साल के मर्द होंगे मगर उनका शरीर काफ़ी भरा हुआ लग रहा था उन्होने मुझे पकड़ा और मुझे किस करने लगे में उनकी बाहों में मधहोश सी होती चली गई

उन्होने मेंरी कोट को उतार कर मेरी ब्रा खोल दी मेरे पापा भी कम नही थे वो नीचे से मेरे कपड़े उतारने के लिये लग गये मेरी पेन्ट उतार कर मेरी पेंटी को उतार रहे थे और मेरी चूत को सहलाने लगे मेरी चूत आग उगलने लगी थी आज सुबह से ही मुझे लग रहा था की में आज किसी ना किसी से तो चुदूगी जरुर। तभी मैने अपनी चूत को तैयार कर लिया था मतलब बालो को साफ कर लिया था।
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साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
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नमकीन चूत

दोस्तो मे अपनी एक भाभी की स्टोरी बताने जा रहा हूँ
उनका नाम अंकिता है वो 29 साल की है मैं जयपुर मे जहाँ रहता हूँ उसी सोसाइटी मे मेरे पास
वाले फ्लेट मे रहती है उनके पति यानी कमल भैया किसी कम्पनी मे एग्ज़िक्युटिव है तो वो पूरे दिनभर बाहर रहते है और भाभी भी जॉब करती है तो उनसे कभी कभी मुलाकात हो जाती है अंकिता भाभी का फिगर बहुत मस्त है 36-28-36 है मैने अब तक भाभी के साथ दो वेलेंनटाइन डे मनाये है और दोनो ही वेलेंनटाइन डे पर भाभी को सेक्सी से दो हॉट ड्रेस मँगवाकर दी है जो उन्हे बहुत पसंद आई है.

मैं भाभी से 2 साल पहले सोसाइटी के जिम मे मिला था पहले ही हेलो से बात स्टार्ट हुई फिर स्माइल पास करना कभी कभी मैं उन्हे जिम मे एक्सरसार्इज़ करते हुये देखता रहता तो वो आकर पूछती थी क्या देखता रहता है मुझमे तो मैं कह देता था की भाभी आप मे तो उपर से नीचे तक बहुत कुछ है दिखाने को लेकिन आप कभी दिखाती ही नही हो हमेशा स्माइल करके चली जाती हो उनका फ्लेट और मेरा फ्लेट पास पास है और हम दोनो के बेडरूम की बाल्कनी भी पास पास है तो हम बहुत बार बाल्कनी मे खड़े होकर बात करते थे.

एक दिन भैया और भाभी रात को चुदाई कर रहे थे और उनके रूम से आवाज़ मेरे रूम मे साफ साफ़ सुनाई दे रही थी मुश्किल से 5 मिनिट ही हुये थे भैया बाल्कनी मे आकर खड़े होकर सिगरेट पीने लगे मैं भी सिगरेट पीने बाल्कनी मे चला गया और ऐसे ही गप्पे मारने लगा अगले दिन भाभी मिली जिम मे तो मैने उन्हे कमेन्ट कर दिया की भाभी दो दो बार मेहनत कैसे करती हो पहले जिम में और रात मे भैया पर तो वो कुछ बोली नही और चली गयी.

मै अगले दिन उनके फ्लेट पर गया और उनसे पूछा भैया कहाँ है तो उन्होने कहा की वो ऑफीस गये है महीने का आखरी चल रहा है इसलिये मैने उनसे फिर वही सवाल किया तो वो रोना स्टार्ट कर दिया तो मैने पूछा ऐसा क्या हुआ तो मुझे हग करके रोने लगी मैं समझ गया की भैया से भाभी संतुस्ट नही है फिर क्या था भाभी को थोड़ी सी बाते की और उन्हे सेट किया फिर मैने उन्हे आइ लव यू बोल दिया उसने कुछ नही बोला मैने उन्हे किस किया लिप्स पर वो रेस्पॉन्स दे रही थी यारो क्या किस था मुझे तो लगा की यह तो आज मुझे खा जायेगी या मेरे लिप्स फिर 15 मिनिट किस करने के बाद वो खड़ी हुई और किचन मे चली गयी अब मेरा 8 इंच का लंड तैयार था मैं भी उनके पीछे किचन मे गया और उनके पीछे जाकर उनकी गर्दन पर किस करने लगा.

फिर धीरे धीरे मैने उनके एयररींग्स निकाल कर किस करने लगा और उनके साथ खेलने लगा भाभी ने उस दिन घर पर टॉप और स्कर्ट पहना था फिर उन्होने अपना फेस मेरी तरफ घुमाया और मुझे बहुत टाइट किस किया और धीरे से बोला की राहुल फक मी में आज से तुम्हारी हूँ फिर क्या था यह सुनते ही मैं उन्हे उनके बेडरूम मे ले गया और बेड पर लेटा दिया और उनकी आँखे बंद कर दी अब धीरे धीरे मैं उनके फेस पर किस करने लगा फिर धीरे धीरे गर्दन पर से होते होये कन्धो तक आया फिर मैने भाभी की टॉप की स्ट्रीप साइड मे कर दी और उनके कन्धो और गर्दन पर किस करने लगा उन्होने आहें भरना स्टार्ट कर दिया ओह राहुल्ल्ल्ल आआआआआआअहह. आहें वो भर रही थी और हालत मेरी ख़राब हो रही थी फिर मैंने उनका टॉप उतार दिया उन्होने ब्रा नही पहनी थी उनके बूब्स मेरे सामने थे और निपल भी टाइट हो रहे थे

मैने एक एक करके उनके निपल्स चूसना स्टार्ट कर दिया फिर उनके पेट पर किस करता हुआ मैं उनकी चूत तक आया पहले मैने उनकी कमर पर बहुत किस करी फिर उनका स्कर्ट उतार दिया अब वो सिर्फ़ अपनी लाल पेंटी मे थीमैंने उन्हे पूछा अंकिता कैसा चाहती हो सॉफ्ट और वाइल्ड सेक्स तो उन्होने कहा स्टार्ट करो सॉफ्ट एंड वाइल्ड मैं समझ गया आज यह बहुत चुदने के मूड मे है मैने उसकी जांघ पर किस करना स्टार्ट किया तो वो पागल हो गयी थी फिर एकदम से वो उठी और और मेरा सर पकड़कर अपनी चूत के पास ले गयी और बोली राहुल मत तड़पा और चाट मेरी चूत को मैने उनकी पेंटी उतारी और जैसे ही उनकी चूत के पास अपने लिप्स लेकर गया उन्होने मेरे सर को अपनी चूत मे घुसा दिया एक बार तो मैं साँस भी नही ले पा रहा था.

फिर मैने उनकी चूत चाटना स्टार्ट किया क्या नमकीन चूत थी मुझे बहुत मजा आ रहा था आह वो चिल्ला रही थी चाट राहुल मेरी चूत आआआआआआआहह और चाट खा जा मेरी चूत को आआआआआआआहह फिर उसने मुझे बेड पर लेटाया और मेरे मुँह के उपर अपनी चूत को रखकर रगड़ने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और उसे तो बता नही सकता पूरे रूम में आआआअहहस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्शह आआआआआआहह की आवाज़ आ रही थी फिर उसने मेरी जीन्स उतारी और मेरा लंड निकाल कर मुँह मे लेकर चूसने लगी क्या गर्म मुँह था उसका वो एक नंबर की एक्सपर्ट थी लंड चूसने मे हम कम से कम 20 मिनिट तक ऐसे ही रहे और फिर हम दोनो एक साथ झड़ने वाले थे तो उसने मुझे कहा की अभी मत निकालना मैने तो अपने आप पर कंट्रोल किया पर वो नही कर पाई.

फिर हम सीधे हुये और वो बोली राहुल अब डाल दो ना मैने फिर अपने पर्स मे से कन्डोम निकाला और उसे दिया उसने फट से कन्डोम लगाया और खूब सारा लूब्रिकेंट भी लगाया मेरे लंड पर जो मैं अपने साथ लाया था और मेरे लंड को अपनी चूत के पास ले गई और बोली डाल दो राहुल मैने एक झटका दिया और पूरा का पूरा 8 इंच का लंड उसकी चूत के अंदर चला गया उसे थोड़ी तकलीफ़ हुई लेकिन थोड़ी देर बाद वो बोली राहुल चोद दो अपनी रांड़ को कुत्तिया की तरहफिर मैने उसे चोदना स्टार्ट किया वो आआआआआआआआआहह फुउऊऊउक्ककककक मीईईईईई रहुल्ल्ल्ल्ल आआआआआआआहह हमम्म्ममममममममममम ममममाआआआआअ फफफफफफफफफफफूक्कककककककककककककककककक्क्क़मम्म्ममीईई कर रही थी और पूरे रूम मे पचक पचक की आवाज़ हो रही थी.

फिर मैने उसे डॉगी स्टाइल मे आने को कहा और उसके उपर चड़ गया और चोदने लगा सच में बहुत मजा आ रहा था और मैने कम से कम 20 मिनिट तक उसे चोदा और उसके बाद उसे बोला की मेरा आने वाला है तो वो बोली की वो अब तक 3 बार झड़ चुकी है और मेरे आने का इन्तजार कर रही थी उसने मेरे लंड से कन्डोम हटाया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी फिर सारा पानी अपने बूब्स और फेस पर डलवा लिया फिर हम दोनो ने फटाफट अपने आपको साफ किया और तैयार हुये और चाय पीने बैठे ही थे की भैया आ गये किस्मत अच्छी थी की हम बच गये तब से लेकर आज तक 2 साल से हम महीने मे कम से कम 15 बार चुदाई करते है और बहुत इन्जॉय करते है.
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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Re: हिन्दी सेक्सी कहानियाँ

Post by rajsharma »

में कुणाल है, जयपुर का रहने वाला हूँ, मैं डॉक्टर हूँ।
बात उन दिनों की है जब मैं अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद एक सीनियर डॉक्टर के क्लिनिक में काम करने लगा था…
वहाँ उसने एक मस्त सी माल को भी लगा रखा था काम पर…
उन दिनों कॉलेज से निकलने के बाद मुझ पर जवानी के मजे लेने का ज्यादा ही जोश था और मैं हर लड़की को बस एक बार प्यार करने की ही सोचता था। क्लिनिक में काम करने वाली उस अप्सरा का नाम मालविका था और उसका कहर ढाता जिस्म किसी को भी दीवाना बनाने के लिए काफी था… वो बहुत ही खूबसूरत और छरहरे बदन की थी, उसका बदन 34-30-36 का तो होगा, उसके मम्मे बड़े ही नुकीले थे और उसकी हर चाल के कदम से उसकी हिलते हुए चूतड़ किसी के भी सोते लंड को खड़ा करने के लिए काफी थे।
मैं भी उस हसीं मालविका का दीवाना हो चला था.. मन ही मन मैं उसे सोच कर मुठ मारा करता था.. मैं उसे मन ही मन चोद भी चुका था।
लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था, एक दिन मेरा सीनियर किसी मरीज को देखने बाहर गया हुआ था और मैं उसके कहने पर क्लिनिक जल्दी पहुँच गया था.. क्लिनिक पहुँच कर मैं मालविका का इन्तजार करता रहा लेकिन वो समय पर नहीं आई।
बाहर मौसम भी बारिश का हो गया था तो मैंने उसे फोन करना ठीक समझा… क्लिनिक से ही मैंने उसका नंबर निकाला और उसको फोन किया तो उसने मुझे बताया कि वो रास्ते में ही कहीं रुक गई है और बारिश के कारण थोड़ी देर से आ पायेगी..
मैं भी उसका इन्तजार करने लगा..
इन्तजार ख़त्म हुआ और वो मेरे सामने ही थी.. उस दिन उसने नीले रंग का सूट पहना हुआ था जो पूरी तरह से भीग चुका था।
वो क्लिनिक के अन्दर आई और ठण्ड के मारे कांप रही थी, उसका सूट उसकी जवानी छुपाने में नाकाम हो रहा था… पूरा सूट उससे चिपका जा रहा था और वो अपने हाथों से अपनी इज्जत छुपाने की कोशिश कर रही थी।
और मेरी नजर उसके मम्मों से हट ही नहीं रही थी।
उस दिन उसने काले रंग की ब्रा पहनी थी जो कमीज में से साफ़ साफ़ दिख रही थी।
वो अन्दर जाने लगी कि तभी मैंने उसे रोका।
उसे हल्की हिचकिचाहट तो हुई लेकिन फिर वो रुक गई… पलट कर उसने मेरी तरफ देखा तो मैंने उसे दूर से ही चुम्बन का इशारा कर दिया…
वो शरमा गई और अन्दर जाने लगी… मुझे लगा कि कहीं वो बुरा न मान जाए और मैं उसके पीछे ही चल पड़ा। वो बाथरूम में चली गई और कपड़े बदलने लगी, मैं भी चाबी के छेद से सब कुछ देखने लगा। उसने अपने सारे कपड़े उतारे और शीशे के सामने खड़ी होकर अपने बदन को तौलिये से पौंछने लगी..
अचानक ही वो रुकी और अपने मम्मों पर हाथ रखकर शीशे में देखने लगी..जैसे कि उसे अपने आप से खेलने का मन किया हो..
उसके मम्मे देख कर मुझसे रहा नहीं जा रहा था और मैं वहाँ से हटकर बाहर की तरफ आ गया। मैंने क्लिनिक को अन्दर से बंद कर दिया और उसका बाहर आने का इन्तजार करने लगा..
5 मिनट बाद वो बाहर आ गई और यह देखकर स्तब्ध सी रह गई कि क्लिनिक अन्दर से बंद था…
उसने मुझसे पूछा- क्लिनिक क्यों बंद कर दिया?
मैंने उसे बोला- आज काम करने का मूड नहीं है…
तो वो भी मेरे सामने आकर बैठ गई..
उसके बाल अभी भी गीले थे जिस कारण बालों से थोड़ा पानी उसके चेहरे पर भी आ रहा था।
उसके गीले बाल देख कर मुझे लगा कि शायद उसे ठण्ड लग रही होगी इसलिए सामने की थड़ी से ही मैंने दो चाय मंगा ली।
चाय पीते पीते मैं उसे ही देख रहा था… वो समझ चुकी थी कि मेरी नजर उसके मम्मों से हट नहीं रही थी।
हमारे बीच बस शांति ही थी, हम चाय पी रहे थे कि तभी अचानक वो हुआ जो सोचा भी नहीं था…
असल में ठण्ड के मारे वो कांप रही थी और चाय का गिलास उसके हाथ में हिल रहा था, मैंने ग्लास पकड़ना चाहा कि कहीं गिर न जाए…
जैसे ही मैंने उसका हाथ छुआ, वो मुझे देखने लगी और हाथ पकड़ लिया और बस नजरों में देखने लगी… मैं भी सोचने लगा कि यह हुआ क्या..
कि तभी अचानक वो मेज के इस पार आ गई और मेरे होंठों पे होंठ रख दिए.. इससे पहले मैं कुछ समझ पाता, वो मुझसे पूरी तरह से चिपक चुकी थी जैसे नागिन हो…
उसका ऐसा करना मुझे अच्छा लग रहा था और मैं भी उसका साथ देने लगा.. मैं उसके होंठों को कस कर चूस रहा था और मेरा हाथ भी उसके शरीर को टटोल रहा था… हाथ उसकी पीठ पर था और वो मेरी शर्ट उतारने लगी…उसने मेरे अन्दर अपने लिए वासना जगा दी थी, मेरा लंड तन गया था.. मैं भी उसका साथ देता जा रहा था।
मैंने कुर्ते के ऊपर से ही उसके मम्मों को दबाना शुरू किया और वो मेरे होंठ चूसती जा रही थी.. उसके सख्त मम्मों को दबाने में बड़ा ही मजा आ रहा था और मैं बस उस समय उसके मम्मों को ही प्यार किये जा रहा था। मेरा ऐसा करना उसे और गरमाता जा रहा था और वो बस इ.. ई… ईईई…आह … किए जा रही थी… शायद उसे मेरा ऐसा करना अच्छा लग रहा था।
मैंने मम्मे दबाते हुए उसका कुर्ता हटा दिया ! क्या मम्मे थे उसके ! और बारिश से भीग जाने के कारण उसने ब्रा भी नहीं पहनी थी…
बाहर बादल काफी गहरा गए थे, जिस कारण कमरे में ज्यादा उजाला भी नहीं था और थोड़े से उजाले में उसके मम्मे दूध जैसे चमक रहे थे… मैंने उन्हें दबाना छोड़ कर खाना शुरू कर दिया…
मेरा मुख उसके मम्मों को चूस रहा था और मेरी एक उंगली उसके मुँह में थी जिसे वो लंड की तरह चूस रही थी। उसने और जोर से अपनी चूचियों को मेरे चेहरे पर दबाते हुए कहा- कुणाल, चूसो इन्हें.. और जोर से चूसो… ओह ओह ओह ओह ओह… हाँ हाँ हाँ ऐसे ही… चूसो इन्हें…
उसका ऐसा कहने से जैसे मुझमें और जोश आ गया था और मैं बस उसके मम्मों में घुसा जा रहा था..
उसने बोला- आज पहली बार ऐसा कुछ हो रहा है मेरे साथ और मुझे ये सब बहुत अच्छा लग रहा है।
मैं भी बोला- हाँ, आज पहली बार मैं किसी लड़की के इतना नजदीक हूँ, मुझे बड़ा आनन्द आ रहा है..
और मैं उसके चुचूकों पर काटने लगा… इससे उसके मुंह से दर्द और आनन्द भरा स्वर निकल रहा था।
एक हाथ से उसके मम्मे को नीचे से पकड़ रखा था, निप्प्ल को मैंने अपने दांतों के बीच दबा दिया था और वो बहुत ज्यादा उत्तेजित होती जा रही थी और मेरा चेहरा अपने वक्ष पर बहुत जोर से दबा रही थी।
मैंने भी सही समय सोच कर उसकी सलवार में हाथ डाल दिया, उसने सलवार के अन्दर उसने पैंटी भी नहीं पहनी थी जिस कारण मेरा हाथ सीधा उसकी चूत से टकरा गया, उसकी चूत छूने में बड़ी चिकनी लग रही थी, एक भी बाल नहीं था, जैसे अभी ही शेव करके आई हो… उत्तेजना के कारण उसकी चूत काफी गीली भी हो चुकी थी…
मैंने मम्मों को चूसते चूसते ही उसकी चूत में उंगली करना शुरू कर दी.. जैसे ही उंगली उसकी चूत में गई वो बड़ी जोर से चिल्लाने लगी, वो जोर जोर से ओ ओह… ओह.. ओह.. ओह जैसे आवाजे निकलने लगी… और साथ ही अपने चूतड़ भी हिलाने लगी।
मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल कर उसे भी उसके शरीर से अलग कर दिया।
एकाएक उसने मुझे पकड़ा और अपने ऊपर खींच लिया और मेरे होठों को फिर से चूसने लगी और बोली- सारे मजे खुद ही लोगे क्या? मुझे मजे नहीं करने दोगे?
मैं हँसा और बोला- जो करना है कर लो, मैं तुम्हारा ही तो हूँ..
यह सुन कर वो नीचे हुई और मेरी जींस के बटन खोलने लगी, उसने जींस के बटन खोल कर जींस अलग कर दी और मेरी चड्डी के अन्दर हाथ डाल दिया…
उसके ऐसा करने से मेरे लंड में करंट सा दौड़ गया और लंड पहले से ज्यादा कड़क होने लगा…उसने चड्डी भी दूसरे हाथ से हटा दी और लंड को एकटक देखने लगी और बोली- इतना बड़ा? यह इतना बड़ा होता है क्या?
उसके चेहरे से डर साफ़ दिख रहा था…
मैं बोला- अरे मेरी जान, डरना कैसा, यह प्यार करने की चीज है, मजे लो और मस्ती मारो…
लेकिन अब भी उसे मेरे 7 इंच लम्बे और 2 इंच मोटे लंड को देखकर डर सा लग रहा था। मैंने उसका डर दूर करने के लिए उसका चेहरा पकड़ा और लंड उसके होंठों पर सटा दिया। उसने भी ज्यादा झिकझिक नहीं की और लंड के टोपे को चाटने लगी। मैं उसके बाल पीछे से पकड़े था और वो लंड के टोपे को चाट रही थी… मैंने एक बार उसे थोड़ा और नीचे की तरफ धकेला और उसने पूरा लंड लेने की कोशिश की लेकिन आधे में ही हट गई और बोली- अगर और लिया तो उलटी हो जायेगी !
मालविका मेरे लंड को अपने मुँह में लेना तो चाहती थी लेकिन डर डर के आगे बढ़ रही थी। एक बार को तो मुझे भी लगा जैसे वो सच में ही उलटी करने वाली हो…
फिर 3-4 मिनट बाद उसे भी मजा आने लगा और लंड को कुल्फी की तरह चाटने लगी और अपने जीभ से चाट भी रही थी। उसके ऐसा करने से लंड और ताव खा रहा था और तड़पता हुआ पूरा उसके मुँह में घुस रहा था…
मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था, मैं भी अब उसके साथ मरीज के लेटने वाली मेज पर 69 की अवस्था में आ चुका था और उसकी चूत चाट रहा था, वो मेरे लंड को चूसे जा रही थी।
हम लोग बस एक दूसरे में खोये हुए थे और क्लिनिक अन्दर से बंद होने का कारण किसी के आने का डर भी नहीं था।
कुछ मिनट तक 69 अवस्था में रहने के बाद अचानक से मालविका जोर जोर से हिलने लगी और सारा पानी मेरे मुंह पर ही छोड़ दिया… उसका स्वाद बड़ा ही अच्छा था और मैं अब भी उसकी चूत चाटे जा रहा था और उसे गरम करने लगा… वो अब भी मेरा लंड मुँह में लिए थी…3-4 मिनट बाद ही वो फिर से तपने लगी और मुझसे बोली- कुणाल, अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है… प्लीज अब मेरी गर्मी शांत कर दो… और अपनी गाड़ी को सही जगह पार्क कर दो… इस जानवर का पिंजरा कब से इसके लिए तड़प रहा है…”
यह सुनकर मैं सीधा हुआ और उसकी चूत के पास आकर बैठ गया और उसके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख दिया, मुझे पता था कि इस अवस्था में सेक्स करने में मजा भी आता है और लड़की के अन्दर पूरा जाता है…
मैंने थूक निकाला और उसकी चूत पर लगा दिया और अपने लंड को ठीक उसके छेद के ऊपर टिका दिया। चूंकि आज तक मालविका ने किसी के साथ कुछ नहीं किया था तो उसकी चूत बड़ी ही मुलायम और सील बंद थी, मैंने अपने हाथों से उसकी चूत को थोड़ा सा खोला और लंड के टोपे को थोड़ा अन्दर घुसाया। जरा सा घुसते ही वो चिल्ला पड़ी और लंड बाहर निकालने को कहने लगी लेकिन मुझे पता था की पहली बार में लड़कियाँ ऐसे ही कहती हैं, मैंने उसकी कमर के नीचे हाथ रखा और थोड़ा सा ऊपर किया। ज्यादा टाईट होने के कारण उसकी चूत में लंड बड़ी मुश्किल से ही जा पा रहा था, मैंने थोड़ा सा धक्का लगाया और लंड थोडा और अन्दर चला गया…
उसने मुझे धक्का देकर हटाने की बहुत कोशिश की मगर मैं हिला नहीं और चूत में आधे लंड को घुसा दिया। वो दर्द के मारे चिल्ला रही थी बहुत जोर से, उसकी चीख से सारा क्लिनिक गूँज रहा था।
मैं आधे लंड को घुसा कर रुक गया ताकि उसका दर्द थोड़ा कम हो जाए… दो मिनट बाद मैंने एक और धक्का लगाया और पूरा लंड उसकी चूत में समा चुका था। शायद उसे ज्यादा दर्द हो रहा था जिस कारण उसकी आँखों में आँसू आ गए थे, वो जोर जोर से आह… आह… आह… उई… इ..ई..आह… ह्ह…करने लगी और उसके चिल्लाने से मुझे भी अच्छा लग रहा था।
मैं धक्कों पे धक्के लगाये जा रहा था और कुछ के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया।
मालविका की हालत बड़ी ख़राब थी, उसकी चूत से खून बह रहा था, उससे चला भी नहीं जा रहा था… मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसे बाथरूम में ले गया और अपने हाथों से ही उसकी सफाई की।
फिर मैंने मालविका को लिटा दिया वो मुझसे नजर नहीं मिला पा रही थी।
जब बाहर मौसम ठीक हो गया तो वो जाने लगी… मैंने उससे उस समय कुछ नहीं कहा… वो चली गई और मैं अगले मौके की इन्तजार करने लगा।
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साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
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