कमीना पार्ट - II Incest compleet

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rajsharma
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Re: कमीना पार्ट - II Incest

Post by rajsharma »

mini wrote:intjjjjjjar
mini wrote:good going cont.
intjaar khatam hua
Read my all running stories

(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
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Re: कमीना पार्ट - II Incest

Post by rajsharma »

कमीना पार्ट - II Incest--7

सविता दो मिनिट बाद उसे खिचती हुई बिस्तेर पर ले गई और पेंट खोल कर लंड हाथ मे पकड़ कर मसल्ते हुए

कहने लगी हे सोनू कितना मोटा लंड है तेरा आज तो अपनी चाची की चुत मार मार कर लाल कर दे कितने दिनो से

ऐसे तगड़े लंड के लिए तरस रही हू, मैने चाची का पेटिकोट उतार दिया और उसकी फूली हुई चूत को अपनी हथेली

मे भरकर कस कर मसल्ते हुए कहा, क्या वाकई मेरा लंड बहुत मोटा है

सविता- हाँ रे इतना मोटा और बड़ा लंड तो मैने आज तक नही देखा, कसम से तेरा लंड अगर तेरी मा रति देख लेगी

तो वह तो इससे अपनी चूत मराने के लिए पागल हो जाएगी, इतना कहते ही चाची मेरी गोद मे चढ़ गई और मेरे लंड

को चूत पर अड्जस्ट करके एक धक्का मारा कि लंड उसकी फूली चूत को चीरता हुआ अंदर तक समा गया और चाची के मूह

से आह जैसी आवाज़ निकल गई,

सविता- हे सोनू कितना मोटा मूसल है तेरा कविता कैसे इसे लेती होगी, यह तो तेरी मा की भी चूत फाड़ देगा, सच

यह तो तेरी मा रति के मस्त भोस्डे के लायक है,

मैं लगातार चाची की चूत मे लंड पेल रहा था, मेरा जोश इसलिए दुगुना हो गया क्योकि चाची चुदने के साथ बार

बार मेरी मा रति के भोस्डे की बात कर रही थी और मेरी कल्पना मे मुझे मा नंगी नज़र आ रही थी,

सोनू- क्या मा का भोसड़ा सचमुच बहुत बड़ा और फूला हुआ है,

सविता- हाँ रे पर तू मुझसे क्यो पूछ रहा है तू तो कह रहा था ना कि तूने अपनी मा को भी नंगी देखा है,

आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

सोनू- कस कस कर सविता चाची की चूत ठोकते हुए, हाँ नंगी तो देखा है पर भोसड़ा इस तरह पूरा खोल कर

नही देखा इसलिए अंदाज़ा नही है कि मा का भोसड़ा कैसा होगा,

सविता- आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीईईईईईईईईईईईईईईईईई सीईइ अरे खूब उसकी चूत फूली रहती है वह भी किसी मोटे तगड़े लंड से अपनी चूत कुटवाना

चाहती है, तेरे बाप के लोड्‍े मे अब वह दम नही रहा ना इसलिए, और अगर कही उसे पता चल जाए कि तेरा मूसल

कितना तगड़ा है तो वह ज़रूर तुझसे अपनी चूत और गंद दोनो मरवा लेगी, तू नही जानता वह दिन भर पानी छोड़ती

रहती है बड़ी चुदासि है तेरी मा,

सोनू- पर मुझसे कैसे चुदवा सकती है आख़िर मेरी मा जो ठहरी,

सविता- अरे सब चुदवा लेगी, जब तुझसे अपनी मोटी मोटी जंघे दब्वा सकती है तो चुदवाएगि क्यो नही, और तू क्या

सोचता है क्या उसके पेर दर्द करते है जो तुझसे मसलवाती है, अरे उसकी चूत खूब पानी छोड़ती है इसलिए तुझसे

अपनी जंघे दब्वाति है और मज़ा लेती है उसका दिल करता है कि कोई मजबूत हाथो से उसको खूब मसले उसे खूब

दबाए और अपने तगड़े लोड्‍े से उसकी खूब चुदाई करे उसकी खूब जम जम कर चूत मारे

सोनू- तो जब वह जंघे दब्वाति है तो क्या उस समय उसका चुदने का मन होता है,

सविता- आह आह और तेज मार सोनू बहुत अच्छा लग रहा है, अरे वह तो अपना भोसड़ा खोले तेरे लंड के लिए तरस

रही है अब जब तू अपनी मा की जंघे दबाएगा तब धीरे से हाथ जाँघो से उपर लेजाकार उसकी फूली हुई चिकनी चूत

सहला देना फिर देखना वह अपनी जाँघो को और चौड़ा करके खुद ही अपना भोसड़ा और खोल देगी बस तू हल्के से उसका

भोसड़ा दबा देना इतने मे तो तेरी मम्मी तेरे सामने ही मूतने लगेगी, अब और तेज तेज मार मेरी बच्चेदानि पर अपने

लंड की ठोकर मार आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सी सीईईईईईईईईईईईई सीयी ऑश्फह माँ मर गई कितना मज़ा आ रहा है,

सोनू- चाची तुम्हारा भोसड़ा बड़ा मस्त है आज तो इसे चोद चोद कर फाड़ दूँगा, अब ज़रा घूम जाओ मैं पीछे से

तुम्हारी चूत मारूँगा,

इतना कहना था कि सविता घोड़ी बन गई और अपनी मोटी गंद उठाकर हिलाने लगी मैने तुरंत अपने लंड को कस

कर उसके मस्त भोस्डे मे पेल दिया और हाथ से उसकी गुदा और गंद सहलाते हुए उसकी चूत मारने लगा,

सोनू- चाची तुम्हारे चूतड़ बड़े मोटे और चौड़े है कोई भी इन्हे इस तरह नंगा देख ले तो उसका मन तुम्हारी

गंद मारने का होने लगेगा,

सविता- तेरी मा रति के चूतड़ मेरी गंद से भी ज़्यादा मोटे और चौड़े है, तू अपनी मा के चूतड़ ऐसे नंगे

देखेगा तो तेरा मन करेगा कि अपना मूह अपनी मम्मी की नंगी गंद मे भर कर उसे खूब अपने मूह से दबाए और चूमे,
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Re: कमीना पार्ट - II Incest

Post by rajsharma »

सोनू- चाची एक बार तुम्हारी गंद मे लंड पेल दू,

सविता- आह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह नही रे मुझे गंद मरवाने मे मज़ा नही आता है, एक बार अपनी मा को चोद ले फिर उसकी गंद मारना

तुझे बड़ा मज़ा आएगा, वैसे भी तू नही जानता तेरी मा को गंद मरवाने मे बड़ा मज़ा आता है उसने तेरे बाप

से खूब अपनी गंद मे लंड डलवाया है तभी तो उसके चूतड़ ऐसे भारी भरकम और चौड़े हो गये है उसकी गंद

मे तो हमेशा ही खुजली मची रहती है और तो और उसे अपनी गंद मे बड़ा और मोटा लंड लेने का बड़ा मन होता

है तू एक बार उसे अपना यह मूसल दिखा देना फिर देख कैसे अपनी गंद तेरे सामने मटका मटका कर तुझे उकसाएगी

कि ले बेटा देख अपनी मा के भारी भरकम चूतड़ और खूब कस कस कर चोद अपनी मा के चुतडो को,

सोनू- चाची मा को नंगी देखने का बड़ा मन करता है बहुत दिनो से मैने मा को नंगी नही देखा है और खास

कर उसके मोटे मोटे चुतडो को पूरा नंगा देखने का बड़ा मन करता है,

सविता- मुस्कुराते हुए, इसमे तेरी ग़लती नही है आज कल हर बेटे को सबसे ज़्यादा अपनी मा के ही चूतड़ सबसे

ज़्यादा अच्छे लगते है और अपनी मा को ही नंगी देखने मे सबसे ज़्यादा सुख मिलता है और तो और मैं यह भी

जानती हू कि तू चोद मुझे रहा है लेकिन महसूस यही कर रहा होगा कि अपनी मा रति पर चढ़ कर उसे पूरी

नंगी करके उसकी चूत मार रहा है,

सोनू- खूब कस कस कर धक्का सविता की गंद मे मारते हुए, हाँ चाची तुम बिल्कुल ठीक कह रही हो अपनी मा

को चोदने की कल्पना भर से ही बड़ा मज़ा आता है सच मे जब मा को पूरी नंगी करके उसे खूब कस कस कर

चोदुन्गा और उसे घोड़ी बना कर जब उसके भारी भरकम और चौड़े चौड़े चुतडो को अपना मूह भरकर चाटूँगा

तब जो मज़ा आएगा वह अलग ही आनंद देने वाला होगा,

सविता- फिर तो तू कविता को चोद्ते समय भी यही सोचता होगा कि अपनी मम्मी की चूत मार रहा है,

सोनू- हाँ चाची क्या करू जब से मा को पूरी नंगी देखा है और खास कर उसके भारी चूतड़ तब से बस उसी की

गंद और चूत मारने का मन करता है, मैं तो अपनी मा रति को देखता भी हू तो मेरा लंड खड़ा हो जाता है

बहुत ही गुदाज और मस्त बदन है उसका पता नही जब मैं उसे चोदुन्गा तो मुझसे संभलेगी भी या नही,

सविता- अरे सोनू तू तो अब अच्छा मजबूत हो गया है और उस पर तेरा यह घोड़े जैसा लंड लेकर जब तू अपनी

मा पर चढ़ेगा तो देखना वह भी तेरे लोड्‍े से चुद चुद कर एक दम पस्त हो जाएगी, हाँ यह ज़रूर है कि तुझे

उसे 2-3 घंटे तक तो कस कस कर ठोकना होगा,

सोनू- तेज तेज धक्के मारते हुए चाची के दूध को कस कस कर मसलता हुआ, अरे चाची 2-3 घंटे क्या मैं तो

मा को पूरी रात नंगी करके चोदुन्गा, बहुत मस्त माल है बहुत भारी भरकम और लंबी चौड़ी है उसे तो रात

भर पूरी नंगी करके जब तक नही थोकुन्गा तब तक उसे मज़ा नही आएगा,

सविता- अब बस कर सोनू तीन बार झाड़ चुकी हू मैं और तेरा पानी छूटने का नाम ही नही लेता

सोनू- अच्छा लो अब एक बार और झाड़ जाओ लेकिन मेरे साथ और फिर दोनो तरफ से लंड और चूत एक दूसरे को कस

कस कर चोदने लगे और सोनू ने सविता की गंद को अपने हाथो मे भर कर दबोचते हुए एक कस कर धक्का

मारा जो सविता की बच्चेदानि से जाकर लगा और सविता का बदन ऐंठ गया और उसकी चूत की गहराई मे सोनू

ने वीर्य का फव्वारा छोड़ दिया और उसकी मोटी गंद से कस कर अपने लंड को चिपका दिया,

दो मिनिट तक दोनो के लंड छूट एक दूसरे से चिपके रहे और वह गहरी साँसे लेते रहे और फिर

सोनू- अच्छा चाची मैं चलता हू मा इंतजार कर रही होगी

सविता- फिर कब चोदेगा मुझे

सोनू- कल सुबह इसी समय फिर आ जाउन्गा,

सविता- मुस्कुराते हुए क्यो रात को क्या करेगा, रात को भी आ सकता है तेरे चाचा तो खेत मे ही रहते है,

सोनू- कुछ सोचते हुए रात को तो,

सविता- मुस्कुराकर समझ गई रात को अपनी मम्मी को चोदने का जुगाड़ जमाएगा यही सोच रहा है ना

सोनू- मुस्कुराते हुए, कल की तरह आज रात को तुम मत आ जाना,

सविता- हँसते हुए ठीक है बेटे नही आउन्गि पर अगर तुझसे तेरी मम्मी ना पाटे तो मुझे बताना मैं तेरी

मदद कर दूँगी,

सोनू- पहले मैं तो कोशिश कर लू अगर नही फसि तो तुम मेरी मा को मेरे लिए तैयार कर लेना,

सविता- चल ठीक है पर अगर फस गई तो दिन मे भी तेरा मन अपनी मम्मी को चोदने का होगा फिर दिन मे

तू उसे कैसे चोदेगा दिन मे तेरा बाप घर पर ही रहता है वह तो सिर्फ़ रात को खेतो मे जाता है और दारू

पीकर पड़ा रहता है और फिर दिन मे गाँव के लोग भी घर आते जाते रहते है,

सोनू- तो दिन मे मा को चोदने के लिए क्या करूगा,

सविता- तेरा खेत बगीचे की तरफ है वहाँ दिन मे कोई नही रहता है दिन मे तू उसे खेतो मे लेजा कर दिन

भर भी चोदेगा तो किसी को कानो कान खबर नही होगी, समझा

सोनू- सच चाची तुम बड़ी समझदार हो, कल सुबह आकर तुम्हे फिर तबीयत से चोदुन्गा,

सविता- मुस्कुराते हुए चल अब ज़्यादा मेरी चापलूसी ना कर और जा नही तो तेरी रंडी मा तेरे लोड्‍े को ढूढ़ती

हुई यहाँ आ जाएगी,

और फिर मैं अपने घर की ओर चल दिया.

घर पहुचा तो मा टाँगे फैला कर बैठी थी मोटी जंघे अलग ही झलक रही थी लग रहा था कि अभी टाँगे उँची करके लंड पेल दूं उसे देखते ही लंड खड़ा हो चुका था और मैं खड़े खड़े मसल रहा था, सच तो यह था कि आज जब से चाची की गुदाज नंगी गंद देखी तब से मा की नंगी गंद देखने का बड़ा दिल कर रहा था अचानक मा ने मुझे अपना लंड मसल्ते हुए देख लिया और मैं उस समय अचरज मे पड़ गया जब मा ने मेरे सामने ही अपनी साड़ी के उपर से अपनी चूत खुजलाते हुए कहा आ गया बेटा कुण्डी लगा दे मैं ज़रा नहा लू पूरा बदन पसीने मे भीग गया है आज बड़ी गर्मी लग रही है,

मैने कहा ठीक है मा नहा लो फिर मैं भी नहाउन्गा गर्मी वाकई आज ज़्यादा है मा उठी और पलट कर अंदर जाने लगी और मेरा लंड उस समय ऐसा लगा कि फट जाएगा जब मा अपने चुताडो को हिलाते हुए जाने लगी और मेरे सामने ही अपनी गंद को साड़ी के उपर से खुजलाते हुए अंदर चली गई अंदर से जब आई तो सिर्फ़ पेटिकोट मे थी और उसे दांतो से दबा कर आँगन मे मेरे सामने ही झुक कर बाल्टी और मग उठाने लगी उसके भारी चुतडो और चुतडो के क्रॅक मे फसा पेटिकोट मुझे पागल कर गया और मा मुस्कुराते हुए यह कहती हुई आँगन मे बने बाथरूम मे घुस गई कि तू तो ऐसे देख रहा है जैसे मुझे पहली बार देखा हो और मैं तेरी मा नही बल्कि तेरी नई नवेली दुल्हन हू, चल आजा ज़रा मेरी पीठ रगड़ दे

मैं मा की बात सुन कर बाथरूम मे गया तब तक मा पेटिकोट को मूह से छोड़ कर बैठ चुकी थी और उसके मोटे मोटे दूध साफ नज़र आ रहे थे जैसे मुझसे कह रहे हो कि ले मुझे कस कस कर दबा और मसल दे, मा ने अपने उपर पानी डाला और मुझे पीठ रगड़ने को कहने लगी मैं पीछे उकड़ू बैठ गया और उसकी गोरी गोरी पीठ सहलाने लगा,

रति- अरे तू अपनी मा की पीठ का मेल छूटा रहा है या सहला रहा है ज़रा ज़ोर लगा के रगड़

सोनू- अरे मा तुम्हारी पीठ पर मेल है कहाँ एक दम गोरी तो नज़र आ रही है
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Re: कमीना पार्ट - II Incest

Post by rajsharma »

रति- अरे तो थोड़ा नीचे रगड़ देख कमर के उपर तो मेल होगा और मा ने साया थोड़ा और नीचे कर दिया और उसकी कमर के नीचे उसकी गंद का गॅप भी हल्का नज़र आने लगा अब मैं मा के पीछे बैठ कर उसकी कमर से हाथ रगड़ता हुआ उसकी गंद के गॅप जो शुरू होता है वहाँ तक सहलाने लगा

रति- तुझे इसलिए प्रेक्टिस करवा रही हू ताकि जब तेरी औरत आएगी और तुझे उसे नहलाना होगा तो तुझसे अच्छी तरह उसकी पीठ और कमर रगड़ते बने

सोनू- मैं उसकी पीठ क्यो रागडूंगा वह खुद नहा लेगी

रति- मुस्कुराते हुए तो फिर मेरी क्यो रगड़ रहा है

सोनू- मा की पीठ चूमते हुए तुम तो मेरी मा हो

रति- रहने दे सब बेटे पहले पहले ऐसे ही मा को प्यार करने की बात करते है और फिर औरत के आने के बाद बस उसी के पल्लू मे घुसे रहते है

सोनू- मा अगर तुम बिल्कुल अपने जैसी औरत लाओगी तो मैं उसकी पीठ ज़रूर रगड़ दूँगा पर ज़्यादा दुबली पतली औरत लाओगी तो मुझे पसंद नही आएगी

रति- क्यो तुझे मेरे जैसी भरे बदन की औरते अच्छी लगती है क्या

सोनू- हाँ माँ औरत का शरीर तो बिल्कुल तुम्हारे जैसा होना चाहिए यह कहते हुए अचानक मेरा हाथ मा की गंद के छेद तक पहुच गया था और मैने जल्दी से हाथ थोड़ा उपर कर लिया मा फर्श पर बैठी थी और शायद उसे खूब मज़ा आ गया था इसलिए उसने कहा रुक जा तेरा हाथ कमर पर ठीक से ज़ोर लगा नही पा रहा है एक काम कर वो लकड़ी का पटिया ले आ मैं उस पर बैठ जाती हू फिर कमर अच्छे से रगड़ पाएगा

मैं समझ गया कि मा जब लकड़ी के पटिए पर बैठेगी तो उसकी गंद की गुदा तक मेरा हाथ सही तरीके से जाएगा मा लकड़ी के पटिए पर अपनी गंद पटिए के बाहर तक झूला कर बैठी ताकि मैं उसकी गुदा को आसानी से छु सकु अब मैने मा के चुतडो को सहलाते हुए दबाना शुरू किया तो मा ने कहा तू कमर रगड़ता रह तब तक मैं अपने बालो को शॅंपू से धो लेती हू और मा पटिए पर दोनो पेरो से चढ़ कर बैठ गई और अपने सर को आगे झुका कर बालो मे शांपू करने लगी मैं उसके मोटे मोटे चुतडो को खूब कस कस कर रगड़ रहा था और बीच वाली उंगली को बार बार उसकी गंद के छेद से टच कर रहा था मा बालो को धोती जा रही थी और उसकी चूत से पानी बह रहा था मेरा लंड भी पूरी औकात मे खड़ा था

क्रमशः..............................................................
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Re: कमीना पार्ट - II Incest

Post by rajsharma »

savita do minute bad use khichti hui bister par le gai aur pent khol kar land hath mai pakad kar masalte huye

kahne lagi hay sonu kitna mota land hai tera aaj to apni chachi ki chut mar mar kar lal kar de kitne dino se

aise tagde land ke liye taras rahi hu, maine chachi ka petikot utar diya aur uski phuli hui chut ko apni hatheli

mai bharkar kas kar masalte huye kaha, kya vakai mera land bahut mota hai

savita- ha re itna mota aur bada land to maine aaj tak nahi dekha, kasam se tera land agar teri ma rati dekh legi

to vah to isse apni chut marane ke liye pagal ho jayegi, itna kahte hi chachi meri god mai chadh gai aur mere land

ko chut par adjust karke ek dhakka mara ki land uski phuli chut ko chirta hua andar tak sama gaya aur chachi ke muh

se aah jaisi aawaj nikal gai,

savita- hay sonu kitna mota musal hai tera kavita kaise ise leti hogi, yah to teri ma ki bhi chut fad dega, sach

yah to teri ma rati ke mast bhosde ke layak hai,

mai lagatar chachi ki chut mai land pel raha tha, mera josh isliye duguna ho gaya kyoki chachi chudne ke sath bar

bar meri ma rati ke bhosde ki bat kar rahi thi aur meri kalpna mai mujhe ma nangi najar aa rahi thi,

sonu- kya ma ka bhosda sachmuch bahut bada aur phula hua hai,

savita- ha re par tu mujhse kyo puch raha hai tu to kah raha tha na ki tune apni ma ko bhi nangi dekha hai,

aah ahh aah oh

sonu- kas kas kar savita chachi ki chut thonkte huye, ha nangi to dekha hai par bhosda is tarah pura khol kar

nahi dekha isliye andaja nahi hai ki ma ka bhosda kaisa hoga,

savita- aah aah sii siiii are khub uski chut phuli rahti hai vah bhi kisi mote tagde land se apni chut kutwana

chahti hai, tere bap ke lode mai ab vah dam nahi raha na isliye, aur agar kahi use pata chal jaye ki tera musal

kitna tagda hai to vah jarur tujhse apni chut aur gand dono marwa legi, tu nahi janta vah din bhar pani chhodti

rahti hai badi chudasi hai teri ma,

sonu- par mujhse kaise chudwa sakti hai akhir meri ma jo thahri,

savita- are sab chudwa legi, jab tujhse apni moti moti janghe dabwa sakti hai to chudwayegi kyo nahi, aur tu kya

sochta hai kya uske per dard karte hai jo tujhse masalwati hai, are uski chut khub pani chhodti hai isliye tujhse

apni janghe dabwati hai aur maja leti hai uska dil karta hai ki koi majboot hantho se usko khub masale use khub

dabaye aur apne tagde lode se uski khub chudai kare uski khub jam jam kar chut mare

sonu- to jab vah janghe dabwati hai to kya us samay uska chudne ka man hota hai,

savita- aah aah aur tej mar sonu bahut achcha lag raha hai, are vah to apna bhosda khole tere land ke liye taras

rahi hai ab jab tu apni ma ki janghe dabayega tak dhire se hath jangho se upar lejakar uski phuli hui chikni chut

sahla dena phir dekhna vah apni jangho ko aur chauda karke khud hi apna bhosda aur khol degi bas tu halke se uska

bhosda daba dena itne mai to teri mummy tere samne hi mutne lagegi, ab aur tej tej mar meri bachchedani par apne

land ki thokar mar aah aah si si siii oh ma mar gai kitna maja aa raha hai,

sonu- chachi tumhara bhosda bada mast hai aaj to ise chod chod kar fad dunga, ab jara ghum jao mai piche se

tumhari chut marunga,

itna kahna tha ki savita ghodi ban gai aur apni moti gand uthakar hilane lagi maine turant apne land ko kas

kar uske mast bhosde mai pel diya aur hath se uski guda aur gand sahlate huye uski chut marne laga,

sonu- chachi tumhare chutad bade mote aur chaude hai koi bhi inhe is tarah nanga dekh le to uska man tumhari

gand marne ka hone lagega,

savita- teri ma rati ke chutad meri gand se bhi jyada mote aur chaude hai, tu apni ma ke chutad aise nange

dekhega to tera man karega ki apna muh apni mummy ki nangi gand mai bhar kar use khub apne muh se dabaye aur

chume,

sonu- chachi ek bar tumhari gand mai land pel du,

savita- aah aah nahi re mujhe gand marwane mai maja nahi aata hai, ek bar apni ma ko chod le phir uski gand marna

tujhe bada maja aayega, vaise bhi tu nahi janta teri ma ko gand marwane mai bada maja ata hai usne tere bap

se khub apni gand mai land dalwaya hai tabhi to uske chutad aise bhari bharkam aur chaude ho gaye hai uski gand

mai to hamesha hi khujli machi rahti hai aur to aur use apni gand mai bada aur mota land lene ka bada man hota

hai tu ek bar use apna yah musal dikha dena phir dekh kaise apni gand tere samne matka matka kar tujhe uksayegi

ki le beta dekh apni ma ke bhari bharkam chutad aur khub kas kas kar chod apni ma ke chutado ko,

sonu- chachi ma ko nangi dekhne ka bada man karta hai bahut dino se maine ma ko nangi nahi dekha hai aur khas

kar uske mote mote chutado ko pura nanga dekhne ka bada man karta hai,

savita- muskurate huye, isme teri galti nahi hai aaj kal har bete ko sabse jyada apni ma ke hi chutad sabse

jyada achche lagte hai aur apni ma ko hi nangi dekhne mai sabse jyada sukh milta hai aur to aur mai yah bhi

janti hu ki tu chod mujhe raha hai lekin mehsus yahi kar raha hoga ki apni ma rati par chadh kar use puri

nangi karke uski chut mar raha hai,

sonu- khub kas kas kar dhakka savita ki gand mai marte huye, ha chachi tum bilkul thik kah rahi ho apni ma

ko chodne ki kalpna bhar se hi bada maja aata hai sach mai jab ma ko puri nangi karke use khub kas kas kar

chodunga aur use ghodi bana kar jab uske bhari bharkam aur chaude chaude chutado ko apna muh bharkar chatunga

tab jo maja aayega vah alag hi aanand dene wala hoga,

savita- phir to tu kavita ko chodte samay bhi yahi sochta hoga ki apni mummy ki chut mar raha hai,

sonu- ha chachi kya karu jab se ma ko puri nangi dekha hai aur khas kar uske bhari chutad tab se bas usi ki

gand aur chut marne ka man karta hai, mai to apni ma rati ko dekhta bhi hu to mera land khada ho jata hai

bahut hi gudaj aur mast badan hai uska pata nahi jab mai use chodunga to mujhse sambhlegi bhi ya nahi,

savita- are sonu tu to ab achcha majboot ho gaya hai aur us par tera yah ghode jaisa land lekar jab tu apni

ma par chadhega to dekhna vah bhi tere lode se chud chud kar ek dam past ho jayegi, ha yah jarur hai ki tujhe

use 2-3 ghante tak to kas kas kar thokna hoga,
Read my all running stories

(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
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