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साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
सोनू- कस कस कर सविता चाची की चूत ठोकते हुए, हाँ नंगी तो देखा है पर भोसड़ा इस तरह पूरा खोल कर
नही देखा इसलिए अंदाज़ा नही है कि मा का भोसड़ा कैसा होगा,
सविता- आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीईईईईईईईईईईईईईईईईई सीईइ अरे खूब उसकी चूत फूली रहती है वह भी किसी मोटे तगड़े लंड से अपनी चूत कुटवाना
चाहती है, तेरे बाप के लोड्े मे अब वह दम नही रहा ना इसलिए, और अगर कही उसे पता चल जाए कि तेरा मूसल
कितना तगड़ा है तो वह ज़रूर तुझसे अपनी चूत और गंद दोनो मरवा लेगी, तू नही जानता वह दिन भर पानी छोड़ती
रहती है बड़ी चुदासि है तेरी मा,
सोनू- पर मुझसे कैसे चुदवा सकती है आख़िर मेरी मा जो ठहरी,
सविता- अरे सब चुदवा लेगी, जब तुझसे अपनी मोटी मोटी जंघे दब्वा सकती है तो चुदवाएगि क्यो नही, और तू क्या
सोचता है क्या उसके पेर दर्द करते है जो तुझसे मसलवाती है, अरे उसकी चूत खूब पानी छोड़ती है इसलिए तुझसे
अपनी जंघे दब्वाति है और मज़ा लेती है उसका दिल करता है कि कोई मजबूत हाथो से उसको खूब मसले उसे खूब
दबाए और अपने तगड़े लोड्े से उसकी खूब चुदाई करे उसकी खूब जम जम कर चूत मारे
सोनू- तो जब वह जंघे दब्वाति है तो क्या उस समय उसका चुदने का मन होता है,
सविता- आह आह और तेज मार सोनू बहुत अच्छा लग रहा है, अरे वह तो अपना भोसड़ा खोले तेरे लंड के लिए तरस
रही है अब जब तू अपनी मा की जंघे दबाएगा तब धीरे से हाथ जाँघो से उपर लेजाकार उसकी फूली हुई चिकनी चूत
सहला देना फिर देखना वह अपनी जाँघो को और चौड़ा करके खुद ही अपना भोसड़ा और खोल देगी बस तू हल्के से उसका
भोसड़ा दबा देना इतने मे तो तेरी मम्मी तेरे सामने ही मूतने लगेगी, अब और तेज तेज मार मेरी बच्चेदानि पर अपने
लंड की ठोकर मार आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सी सीईईईईईईईईईईईई सीयी ऑश्फह माँ मर गई कितना मज़ा आ रहा है,
सोनू- चाची तुम्हारा भोसड़ा बड़ा मस्त है आज तो इसे चोद चोद कर फाड़ दूँगा, अब ज़रा घूम जाओ मैं पीछे से
तुम्हारी चूत मारूँगा,
इतना कहना था कि सविता घोड़ी बन गई और अपनी मोटी गंद उठाकर हिलाने लगी मैने तुरंत अपने लंड को कस
कर उसके मस्त भोस्डे मे पेल दिया और हाथ से उसकी गुदा और गंद सहलाते हुए उसकी चूत मारने लगा,
सोनू- चाची तुम्हारे चूतड़ बड़े मोटे और चौड़े है कोई भी इन्हे इस तरह नंगा देख ले तो उसका मन तुम्हारी
गंद मारने का होने लगेगा,
सविता- तेरी मा रति के चूतड़ मेरी गंद से भी ज़्यादा मोटे और चौड़े है, तू अपनी मा के चूतड़ ऐसे नंगे
देखेगा तो तेरा मन करेगा कि अपना मूह अपनी मम्मी की नंगी गंद मे भर कर उसे खूब अपने मूह से दबाए और चूमे,
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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सविता- आह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह नही रे मुझे गंद मरवाने मे मज़ा नही आता है, एक बार अपनी मा को चोद ले फिर उसकी गंद मारना
तुझे बड़ा मज़ा आएगा, वैसे भी तू नही जानता तेरी मा को गंद मरवाने मे बड़ा मज़ा आता है उसने तेरे बाप
से खूब अपनी गंद मे लंड डलवाया है तभी तो उसके चूतड़ ऐसे भारी भरकम और चौड़े हो गये है उसकी गंद
मे तो हमेशा ही खुजली मची रहती है और तो और उसे अपनी गंद मे बड़ा और मोटा लंड लेने का बड़ा मन होता
है तू एक बार उसे अपना यह मूसल दिखा देना फिर देख कैसे अपनी गंद तेरे सामने मटका मटका कर तुझे उकसाएगी
कि ले बेटा देख अपनी मा के भारी भरकम चूतड़ और खूब कस कस कर चोद अपनी मा के चुतडो को,
सोनू- चाची मा को नंगी देखने का बड़ा मन करता है बहुत दिनो से मैने मा को नंगी नही देखा है और खास
कर उसके मोटे मोटे चुतडो को पूरा नंगा देखने का बड़ा मन करता है,
सविता- मुस्कुराते हुए, इसमे तेरी ग़लती नही है आज कल हर बेटे को सबसे ज़्यादा अपनी मा के ही चूतड़ सबसे
ज़्यादा अच्छे लगते है और अपनी मा को ही नंगी देखने मे सबसे ज़्यादा सुख मिलता है और तो और मैं यह भी
जानती हू कि तू चोद मुझे रहा है लेकिन महसूस यही कर रहा होगा कि अपनी मा रति पर चढ़ कर उसे पूरी
नंगी करके उसकी चूत मार रहा है,
सोनू- खूब कस कस कर धक्का सविता की गंद मे मारते हुए, हाँ चाची तुम बिल्कुल ठीक कह रही हो अपनी मा
को चोदने की कल्पना भर से ही बड़ा मज़ा आता है सच मे जब मा को पूरी नंगी करके उसे खूब कस कस कर
चोदुन्गा और उसे घोड़ी बना कर जब उसके भारी भरकम और चौड़े चौड़े चुतडो को अपना मूह भरकर चाटूँगा
तब जो मज़ा आएगा वह अलग ही आनंद देने वाला होगा,
सविता- फिर तो तू कविता को चोद्ते समय भी यही सोचता होगा कि अपनी मम्मी की चूत मार रहा है,
सोनू- हाँ चाची क्या करू जब से मा को पूरी नंगी देखा है और खास कर उसके भारी चूतड़ तब से बस उसी की
गंद और चूत मारने का मन करता है, मैं तो अपनी मा रति को देखता भी हू तो मेरा लंड खड़ा हो जाता है
बहुत ही गुदाज और मस्त बदन है उसका पता नही जब मैं उसे चोदुन्गा तो मुझसे संभलेगी भी या नही,
सविता- अरे सोनू तू तो अब अच्छा मजबूत हो गया है और उस पर तेरा यह घोड़े जैसा लंड लेकर जब तू अपनी
मा पर चढ़ेगा तो देखना वह भी तेरे लोड्े से चुद चुद कर एक दम पस्त हो जाएगी, हाँ यह ज़रूर है कि तुझे
उसे 2-3 घंटे तक तो कस कस कर ठोकना होगा,
सोनू- तेज तेज धक्के मारते हुए चाची के दूध को कस कस कर मसलता हुआ, अरे चाची 2-3 घंटे क्या मैं तो
मा को पूरी रात नंगी करके चोदुन्गा, बहुत मस्त माल है बहुत भारी भरकम और लंबी चौड़ी है उसे तो रात
भर पूरी नंगी करके जब तक नही थोकुन्गा तब तक उसे मज़ा नही आएगा,
सविता- अब बस कर सोनू तीन बार झाड़ चुकी हू मैं और तेरा पानी छूटने का नाम ही नही लेता
सोनू- अच्छा लो अब एक बार और झाड़ जाओ लेकिन मेरे साथ और फिर दोनो तरफ से लंड और चूत एक दूसरे को कस
कस कर चोदने लगे और सोनू ने सविता की गंद को अपने हाथो मे भर कर दबोचते हुए एक कस कर धक्का
मारा जो सविता की बच्चेदानि से जाकर लगा और सविता का बदन ऐंठ गया और उसकी चूत की गहराई मे सोनू
ने वीर्य का फव्वारा छोड़ दिया और उसकी मोटी गंद से कस कर अपने लंड को चिपका दिया,
दो मिनिट तक दोनो के लंड छूट एक दूसरे से चिपके रहे और वह गहरी साँसे लेते रहे और फिर
सोनू- अच्छा चाची मैं चलता हू मा इंतजार कर रही होगी
सविता- फिर कब चोदेगा मुझे
सोनू- कल सुबह इसी समय फिर आ जाउन्गा,
सविता- मुस्कुराते हुए क्यो रात को क्या करेगा, रात को भी आ सकता है तेरे चाचा तो खेत मे ही रहते है,
सोनू- कुछ सोचते हुए रात को तो,
सविता- मुस्कुराकर समझ गई रात को अपनी मम्मी को चोदने का जुगाड़ जमाएगा यही सोच रहा है ना
सोनू- मुस्कुराते हुए, कल की तरह आज रात को तुम मत आ जाना,
सविता- हँसते हुए ठीक है बेटे नही आउन्गि पर अगर तुझसे तेरी मम्मी ना पाटे तो मुझे बताना मैं तेरी
मदद कर दूँगी,
सोनू- पहले मैं तो कोशिश कर लू अगर नही फसि तो तुम मेरी मा को मेरे लिए तैयार कर लेना,
सविता- चल ठीक है पर अगर फस गई तो दिन मे भी तेरा मन अपनी मम्मी को चोदने का होगा फिर दिन मे
तू उसे कैसे चोदेगा दिन मे तेरा बाप घर पर ही रहता है वह तो सिर्फ़ रात को खेतो मे जाता है और दारू
पीकर पड़ा रहता है और फिर दिन मे गाँव के लोग भी घर आते जाते रहते है,
सोनू- तो दिन मे मा को चोदने के लिए क्या करूगा,
सविता- तेरा खेत बगीचे की तरफ है वहाँ दिन मे कोई नही रहता है दिन मे तू उसे खेतो मे लेजा कर दिन
भर भी चोदेगा तो किसी को कानो कान खबर नही होगी, समझा
सोनू- सच चाची तुम बड़ी समझदार हो, कल सुबह आकर तुम्हे फिर तबीयत से चोदुन्गा,
सविता- मुस्कुराते हुए चल अब ज़्यादा मेरी चापलूसी ना कर और जा नही तो तेरी रंडी मा तेरे लोड्े को ढूढ़ती
हुई यहाँ आ जाएगी,
और फिर मैं अपने घर की ओर चल दिया.
घर पहुचा तो मा टाँगे फैला कर बैठी थी मोटी जंघे अलग ही झलक रही थी लग रहा था कि अभी टाँगे उँची करके लंड पेल दूं उसे देखते ही लंड खड़ा हो चुका था और मैं खड़े खड़े मसल रहा था, सच तो यह था कि आज जब से चाची की गुदाज नंगी गंद देखी तब से मा की नंगी गंद देखने का बड़ा दिल कर रहा था अचानक मा ने मुझे अपना लंड मसल्ते हुए देख लिया और मैं उस समय अचरज मे पड़ गया जब मा ने मेरे सामने ही अपनी साड़ी के उपर से अपनी चूत खुजलाते हुए कहा आ गया बेटा कुण्डी लगा दे मैं ज़रा नहा लू पूरा बदन पसीने मे भीग गया है आज बड़ी गर्मी लग रही है,
मैने कहा ठीक है मा नहा लो फिर मैं भी नहाउन्गा गर्मी वाकई आज ज़्यादा है मा उठी और पलट कर अंदर जाने लगी और मेरा लंड उस समय ऐसा लगा कि फट जाएगा जब मा अपने चुताडो को हिलाते हुए जाने लगी और मेरे सामने ही अपनी गंद को साड़ी के उपर से खुजलाते हुए अंदर चली गई अंदर से जब आई तो सिर्फ़ पेटिकोट मे थी और उसे दांतो से दबा कर आँगन मे मेरे सामने ही झुक कर बाल्टी और मग उठाने लगी उसके भारी चुतडो और चुतडो के क्रॅक मे फसा पेटिकोट मुझे पागल कर गया और मा मुस्कुराते हुए यह कहती हुई आँगन मे बने बाथरूम मे घुस गई कि तू तो ऐसे देख रहा है जैसे मुझे पहली बार देखा हो और मैं तेरी मा नही बल्कि तेरी नई नवेली दुल्हन हू, चल आजा ज़रा मेरी पीठ रगड़ दे
मैं मा की बात सुन कर बाथरूम मे गया तब तक मा पेटिकोट को मूह से छोड़ कर बैठ चुकी थी और उसके मोटे मोटे दूध साफ नज़र आ रहे थे जैसे मुझसे कह रहे हो कि ले मुझे कस कस कर दबा और मसल दे, मा ने अपने उपर पानी डाला और मुझे पीठ रगड़ने को कहने लगी मैं पीछे उकड़ू बैठ गया और उसकी गोरी गोरी पीठ सहलाने लगा,
रति- अरे तू अपनी मा की पीठ का मेल छूटा रहा है या सहला रहा है ज़रा ज़ोर लगा के रगड़
सोनू- अरे मा तुम्हारी पीठ पर मेल है कहाँ एक दम गोरी तो नज़र आ रही है
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
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रति- अरे तो थोड़ा नीचे रगड़ देख कमर के उपर तो मेल होगा और मा ने साया थोड़ा और नीचे कर दिया और उसकी कमर के नीचे उसकी गंद का गॅप भी हल्का नज़र आने लगा अब मैं मा के पीछे बैठ कर उसकी कमर से हाथ रगड़ता हुआ उसकी गंद के गॅप जो शुरू होता है वहाँ तक सहलाने लगा
रति- तुझे इसलिए प्रेक्टिस करवा रही हू ताकि जब तेरी औरत आएगी और तुझे उसे नहलाना होगा तो तुझसे अच्छी तरह उसकी पीठ और कमर रगड़ते बने
सोनू- मैं उसकी पीठ क्यो रागडूंगा वह खुद नहा लेगी
रति- मुस्कुराते हुए तो फिर मेरी क्यो रगड़ रहा है
सोनू- मा की पीठ चूमते हुए तुम तो मेरी मा हो
रति- रहने दे सब बेटे पहले पहले ऐसे ही मा को प्यार करने की बात करते है और फिर औरत के आने के बाद बस उसी के पल्लू मे घुसे रहते है
सोनू- मा अगर तुम बिल्कुल अपने जैसी औरत लाओगी तो मैं उसकी पीठ ज़रूर रगड़ दूँगा पर ज़्यादा दुबली पतली औरत लाओगी तो मुझे पसंद नही आएगी
रति- क्यो तुझे मेरे जैसी भरे बदन की औरते अच्छी लगती है क्या
सोनू- हाँ माँ औरत का शरीर तो बिल्कुल तुम्हारे जैसा होना चाहिए यह कहते हुए अचानक मेरा हाथ मा की गंद के छेद तक पहुच गया था और मैने जल्दी से हाथ थोड़ा उपर कर लिया मा फर्श पर बैठी थी और शायद उसे खूब मज़ा आ गया था इसलिए उसने कहा रुक जा तेरा हाथ कमर पर ठीक से ज़ोर लगा नही पा रहा है एक काम कर वो लकड़ी का पटिया ले आ मैं उस पर बैठ जाती हू फिर कमर अच्छे से रगड़ पाएगा
मैं समझ गया कि मा जब लकड़ी के पटिए पर बैठेगी तो उसकी गंद की गुदा तक मेरा हाथ सही तरीके से जाएगा मा लकड़ी के पटिए पर अपनी गंद पटिए के बाहर तक झूला कर बैठी ताकि मैं उसकी गुदा को आसानी से छु सकु अब मैने मा के चुतडो को सहलाते हुए दबाना शुरू किया तो मा ने कहा तू कमर रगड़ता रह तब तक मैं अपने बालो को शॅंपू से धो लेती हू और मा पटिए पर दोनो पेरो से चढ़ कर बैठ गई और अपने सर को आगे झुका कर बालो मे शांपू करने लगी मैं उसके मोटे मोटे चुतडो को खूब कस कस कर रगड़ रहा था और बीच वाली उंगली को बार बार उसकी गंद के छेद से टच कर रहा था मा बालो को धोती जा रही थी और उसकी चूत से पानी बह रहा था मेरा लंड भी पूरी औकात मे खड़ा था
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
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