मेरी बहन-मेरी पत्नी compleet

User avatar
jay
Super member
Posts: 9108
Joined: 15 Oct 2014 22:49
Contact:

Re: मेरी बहन-मेरी पत्नी

Post by jay »

थोड़ी देर के बाद वो उठी और शरारतभरी मुस्कुराहट के साथ मेरी आँखों में आँखें डाल कर बोली- "क्या हाल चाल है भईया? कैसा लगा? मजा आया?"
मैंने कहा- "मजा तो मै तुझे अभी चखाता हूँ | मुझे जरा सामान रखने दे फिर देख मजा क्या होता है? अभी बिस्तर पर डालता हूँ तुझे और बताता हूँ मजा क्या होता है ? "

अमृता ने फिर से शरारत भरे अंदाज में (लिप्स-टू-लिप्स करते हुए और हाथ से लंड सहलाते हुए ) कहा- "अच्छा...................सच में? ”और मै बिना उसे बाहों में भरे ही लिप्स-टू-लिप्स करने लगा |
मैंने सारा सामान रखने के बाद अमृता को बाहों में भरा और एक बहुत जोर से लिप्स-टू-लिप्स करते हुए कहा-
"अपनी जिंदगी का पहला हनीमून मुबारक हो मेरी जान"
अमृता ने भी मेरे लंड को हाथ से सहलाते हुए मुझे लिप्स-टू-लिप्स किया और कहा-
"आपको भी भईया "
अमृता जानती थी कि मुझे सबसे ज्यादा पागलपन तब चड़ता है जब वो मेरा लंड हाथ ले लेकर (या सेक्स करते समय) बहुत प्यार से मुझे भईया बुलाती है |
अमृता के मुहे से इस समय भईया सुनकर (जब वो मेरा लंड हाथ में लेकर सहला रही थी) मै उतावला हो गया और उसी समय उसे नंगा करके उसकी चूत मारने के लिए उसके ऊपर भूखे भेडिये कि तरह टूट पड़ा |मगर अमृता ने मुझे रूक दिया और कहा-
"भईया हमे पंद्रह दिन साथ रहना है और मै चाहती हूँ कि ये पंद्रह दिन हमारे जीवन के सबसे ज्यादा यादगार दिन रहे | हम दोनों इंटरकोर्से (अथार्त सम्भोग ) तो रोज ही करते है, इन पन्दरह दिनों में ज्यादा से ज्यादा प्यार करे | इसलिए अपने पर थोडा सा नियंत्रण रखो और अभी से उतावलापन मत दिखाओ | मै तो आपकी ही हूँ जब चाहो टांग उठा लेना (और ये कहते हुए थोडा सा शरमा भी गयी) मगर मै चाहती हूँ कि हम दोनों ज्यादा से ज्यादा समय तक एक दुसरे को किस्स करें, एक दुसरे के बदन के साथ खेलें, एक दुसरे को बाहों में भर के प्यार करें और ज्यादा से ज्यादा समय एक दुसरे की बाहों में बिताएं | इसलिए अभी से मुझे बिस्तर पर मत ले जाना | "
मुझे भी अमृता का सुझाव अच्छा लगा और मैंने भी अमृता से कहा तो फिर तुझे भी मेरी एक शर्त माननी पड़ेगी- तू भी मेरे लंड से इतनी छेड़-छाड़ नहीं करेगी कि मै झड जाऊं | तू मेरे लंड से खेल ले मगर इसे इतना मत सह्लाइयो कि ये पानी छोड़ दे | तभी मै मेरे बदन से सारा दिन खेल सकूँगा (वैसे तो रात होने में सिर्फ कुछ ही घंटे बाकी थे)|
अमृता ने भी वादा किया कि वो भी मेरे लंड को सिर्फ इतना ही सहलाएगी कि सिर्फ सुरूर बना रहे , इतना नहीं कि मै झड जाऊं |
मैंने अमृता को फिर से बाहों में भर कर किस्स करना शुरू कर दिया | कभी मै उसके होंठ पीता तो कभी उसके बूब्स दबाता | कभी मै अमृता के गालों को चूमता तो कभी उसकी टी-शर्ट के अंदर हाथ डाल कर उसकी नंगी कमर का एहसास लेता|
अमृता भी मेरे बदन के साथ खेल रही थी- वो भी कभी मेरे होंठ पीती तो कभी मेरा लंड सहलाने लगती और कभी मेरे ऊपर आ जाती तो कभी मेरे नीचे |

मैंने अमृता को नंगा करना चाहा मगर अमृता ने कपडे उतरवाने से मन कर दिया और बोली कि अगर मैंने उसके कपडे उतर दिए तो मै फिर से बेकाबू हो जाऊंगा और उसकी चूत मार कर ठंडा हो कर लेट जाऊँगा जबकि वो अभी और प्यार करना चाहती है |

अमृता कि चूत मारते हुए तो मुझे दो साल होने वाले थे इसलिए मुझे भी उसकी चूत मारने की कोई जल्दी नहीं थी और साथ ही मुझे पता था कि अब पंद्रह दिनों तक तो और कुछ होना भी नहीं है सिवाए चूत मारने के| इसलिए मैंने भी सोचा कि आज थोडा सा मजा सिर्फ किस्स करने का और उसे सहलाने का ही ले लिया जाए |इस तरह से अमृता भी खुश हो जायेगी और मुझे भी मजा तो मिल ही रहा था |
Read my other stories

(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
User avatar
jay
Super member
Posts: 9108
Joined: 15 Oct 2014 22:49
Contact:

Re: मेरी बहन-मेरी पत्नी

Post by jay »

उन तीन या चार घंटों में, (जब तक रात होती और हम दोनों बिस्तर पर जाते ) मैंने अमृता के साथ सारे मजे लिए- कभी तो मै उसे सोफे पर लेटा कर किस्स करता, कभी नीचे जमीन पर ही लेटाकर उसपे चढ़ जाता, कभी खड़े-खड़े ही बाहों में ले कर चूसने लगता तो कभी उसकी स्कर्ट उठा कर उसके कुल्ल्हे सहलाने लगता |
अमृता भी पूरे मूड में थी- कभी तो वो मेरा लंड पेंट के ऊपर से ही सहलाने लगती, कभी किस्स करने लग जाती , कभी लिप्स टू लिप्स करती तो कभी लंड पेंट में से बहार निकल कर दो-तीन चुसके मार लेती और वापिस अंदर कर देती |
इस तरह पूरी शाम हम दोनों भाई बहन ने मस्ती करते हुए गुजारी मगर दोनों ने इस बात का पूरा-पूरा ख़याल रखा कि न तो हम दोनों में से कोई झड सके और न ही सुरूर ख़तम हो सके |इसलिए हम दोनों एक दुसरे के साथ बातें भी करते रहते और बीच बीच में उतेजित हो कर प्रेम भी करने लगते |
रात का टाइम हुआ तो अमृता रसोई में खाना बनाने गयी | रसोई में अमृता को काम करता देख कर मेरा दिल बार बार कर रहा था कि काश मेरी अमृता से ही शादी हो सकती होती और अमृता जीवन भर मेरे लिए ऐसे ही खाना बनती और मै उसे ऐसे ही निहारता रहता |
मैंने अमृता से अपने दिल की बात कही जिसे सुनकर उसका भी मन मेरी तरह अशांत हो गया और माहोल कुछ ग़मगीन सा होने लगा | माहोल को बदलने के लिए मैंने अमृता से कहा-
अमृता आज तक मैंने तुझे सिर्फ अपने ही कमरे में प्यार किया है, आज मै तुझे यही रसोई में ही प्यार कर लूँ? मगर अमृता ने उसके लिए भी मन कर दिया और कहा कल कर लेना (शादी की बात से अमृता का मूड अभी भी ख़राब हो रहा था) |

मैंने कहा -अच्छा चूत मत दे मगर मजा तो ले लेने दे- ये कहते हुए मै अमृता को पीछे से बाहों में भर कर उसके बूब्स दबाने लगा |और इस तरह मै अमृता का मूड बदलने की कोशिश करने लगा |अमृता भी मेरा सहयोग करने लगी और पीछे मुड़कर बीच बीच में किस्स देने लगी | मै भी खाना बनती हुई अमृता को कभी तो किस्स करने लगता, कभी उसकी चुचिया दबाने लगता तो कभी उसकी गांड से अपना लंड रगड़ने लगता |इस तरह मैंने अमृता के साथ रसोई में वो मजा ले लिया जो एक पति अपनी नयी नवेली दुल्हन के साथ लेता है |खाना बनाने के बाद अमृता ने अपने हाथों से मुझे खाना खिलाया और मैंने उसे अपने हाथों से |
रात हो चुकी थी अब समय बिस्तर पर जाने का था | अमृता ने कहा कि वो सोने से पहले अडल्ट फिल्म देखना चाहती है मेरे साथ इसलिए मैंने फिल्म चला दी और मै बीयर कि बोतल लेकर उसके बराबर में लेट गया |
मैंने अमृता से कहा कि उसने जो ब्रा और पेंटी खरीदीं है वो उन्हें पहन ले और फिर मेरे साथ बैठ कर फिल्म देखे |मगर अमृता ने हँसते हुए कहा-
“भईया आप मेरे बदन पे अब कोई कपडा छोड़ोगे भी ये फिल्म देखने के बाद ? जितना समय मुझे कपडे बदलने में लगेगा उतने समय से पहले तो आप मेरे बदन से सारे कपडे उतर कर शुरू हो जाओगे |”
मुझे भी अमृता की बात सही लगी और मै जानता था कि पूरे दिन बरदाश्त करने के बाद मै अब और बरदाश्त नहीं कर सकूँगा | मुझे भी पता था कि बीयर पीने के बाद और अडल्ट फिल्म देखने के साथ साथ मै अमृता के बदन पर एक भी कपडा बरदाश्त नहीं कर सकूँगा और चाहे चूत मारने में जल्दबाजी करूँ या न करूँ मगर उसे नंगा करने के लिए तो उतावला ही रहूँगा | और हुआ भी ठीक ऐसा ही |

अभी मैंने फिल्म लगायी ही थी मुश्किल से दो-तीन मिनट हुए थे कि मैंने अमृता को नंगा करना शुरू कर दिया था | अमृता भी जानती थी कि इस समय मुझे रोकना बेकार होगा इसलिए वो भी चुप-चाप मेरा सहयोग कर रही थी | मै बीयर पीता जा रहा था और एक एक करके उसके कपडे नोचता जा रहा था |उधर अमृता भी मेरे कपडे उतरती जा रही थी |कुछ ही पलों में हम दोनों भाई बहन बिस्तर पर हमेशा की तरह नंगे थे | अमृता का नंगा बदन मुझे हमेशा बेसुध कर देता है | उसकी खुली हुई गोल-गोल चूचियां, गोल-गोल चुचियों पे हलके से ब्राउन रंग के निप्पल,गोरा-गोरा बदन, चूत पर थोड़े-थोड़े बाल सब कुछ पागल बना देता है | सबसे बड़ी बात ये है कि अमृता को पता है कि मुझे उसकी चूत पर बाल अच्छे लगते है, इसलिए वो कभी भी उन्हें साफ़ नहीं करती है बस कैंची से काटती रहती है |मुझे ना तो बहुत ज्यादा बालों वाली चूत पसंद है और न ही चिकनी चूत | मुझे बस ऐसी ही चूत पसंद है जैसी मेरी बहन अमृता की है |
क्रमशः........
Read my other stories

(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
User avatar
jay
Super member
Posts: 9108
Joined: 15 Oct 2014 22:49
Contact:

Re: मेरी बहन-मेरी पत्नी

Post by jay »

गतांक से आगे...................................
अमृता को नंगा करके मेरे दिल को तस्सली हो गयी और मै उसके बराबर में लेट गया |अब अमृता अडल्ट फिल्म देख-देख कर हैरान हो रही थी कि कैसे ये लड़कियां कैमरे पर ये सब कर लेती है और साथ ही साथ फिल्म देख कर गरम भी होती जा रही थी | अमृता मेरा लंड लेकर सहला रही थी और मै बीयर पीते पीते उसकी चुचियों से खेल रहा था |
मैंने थोड़ी सी बीयर उसकी चूची पर पलट कर पीनी शुरू कर दी | अमृता भी गरम होती जा रही थी उसे भी मेरा ये सब करना अच्छा लग रहा था |
अमृता ने कहा कि वो भी थोड़ी सी बीयर पीना चाहती है | मेरी पहली बोतल तो ख़तम हो चुकी थी मैंने फ्रिज में से दूसरी बोतल निकली और अमृता के साथ बाँट कर पीने लगा | थोड़ी दे के बाद अमृता भी मेरी नक़ल करते हुए मेरे लंड पर बीयर पलट कर पीने लगी और मेरा लंड चूसने लगी | मुझे भी अगल ही मजा आ रहा था |
अमृता मुश्किल से पांच या सात मिनट कि फिल्म ही देख सकी होगी और इतनी गरम हो गयी कि खुद ही मेरे साथ फिल्म बनाने लगी | अब कमरे में टीवी पर फिल्म चल जरुर रही थी मगर हम दोनों अब अपनी ही फिल्म की शूटिंग में मस्त थे |

अमृता पलंग की ओट के सहारे टेक लगा कर बैठ गयी और मै उसके सामने खड़ा हो गया |मेरा लैंड अमृता के चेहरे के ठीक सामने था और अमृता बीयर पलट-पलट कर मेरे लंड से बीयर पी रही थी |वैसे तो अमृता रोज ही मेरा लंड चूसती है मगर उस दिन उसे के स्थान पर बीयर का स्वाद आ रहा था, इसलिए अमृता और अंदर तक ले कर मेरा लंड पी रही थी |मुझे भी रोज के मुकाबले ज्यादा मजा आ रहा था इसलिए मै खुद ऊपर से बीयर अपने लंड पे गिराता और फिर रूक कर अमृता के लंड चूसने का मजा लेता |जब लंड पे से बीयर का मजा खत्म हो जाता अमृता मेरी तरफ देखती और मै दुबारा से बीयर गिरा देता |
अमृता आज पहली बार ही बीयर पी रही थी, मगर मजे मजे में उसने आधी बोतल बीयर पी डाली थी |इसलिए मैंने उसे और बीयर पिलाने से मन कर दिया क्योकि मै नहीं चाहता था की वो बेहोश हो जाए और मेरी रात काली हो जाए |
बीयर खत्म होने के बाद मैंने अपना लंड उसके मुहं में डाला और जोर-जोर से झटके देने लगा | मै अमृता के मुहं में लंड डालकर झटके भी दे रहा था और जोर जोर से उसकी चुचियो को भी दबा रहा था |और वो भी आज पूरे दिल से मेरा लंड पी रही थी | रोज तो वो थोड़ी ही देर तक लंड चूस कर छोड़ देती थी कि कही मेरा लंड उसके मुहं में पानी न छोड़ दे, मगर आज उसे इस बात का भी दर नहीं था (अमृता को वीर्य पीना पसंद नहीं है, वो मेरी ख़ुशी के लिए लंड मुहं में तो ले लेती है मगर ज्यादा देर तक चूसती नहीं है) | आज तो वो मेरा लंड ऐसे चूस रही थी जैसे मुहं में ही झाड देगी |

थोड़ी देर मेरा लंड चूसने के बाद अमृता रूक गयी शायद उसे लगा कि अब मै ज्यादा ही जोश में आ गया हूँ तो झड़ने वाला हूँ | अमृता के रुकते ही मै उसकी चूत की तरफ लपका |मैंने उसकी टांगो से उसे खीचते हुए, उसे बिस्तर पे लेटा लिया और उसकी टाँगे खोलकर उसकी चूत को चूसने लगा |हमेशा की तरह अमृता मेरे बालों में हाथ फेरने लगी और जब जब मै उसकी चूत के अंदर तक अपनी जीभ घुमाता वो सिसकी लेते हुए बोलती- भईया आराम से करो, बहन हूँ आपकी-वो भी सगी | कुछ तो तरस खाया करो | आप तो ऐसे चूसते हो जैसे फाड़ ही डालोगे |
उस दिन भी यही हो रहा था मै उसकी चूत का मजा ले रहा था और वो बार बार- "भईया कुछ तो तरस खाओ अपनी सगी बहन पे".............."भईया बस करो अब और मत चूसो प्लीज"......................."
भईया मै पागल हो जाउंगी, बस करो प्लीज" .................."भईया अपनी ही बहन की फाड़ डालोगे क्या?" ये सब बोले जा रही थी | जितना वो तड़प रही थी, उतना ही मुझे मजा आ रहा था | आखिरकार अमृता उठकर बैठ गयी
उसकी इस बात से तो मुझे और भी नशा चढ़ गया और मै और भी जोर-जोर से उसकी चूत को चूसने लगा |मुझे अमृता कि चूत मारने से भी ज्यादा मजा उसकी चूत को चूसने का आता है क्योकि इस समय मुझे उसका पूरा बदन साफ़-साफ़ दिखता है और साथ ही साथ अमृता के मुहं से निकलने वाली सिसकियों के साथ उसका बार बार "बस करो भईया " या "आराम से करो न भईया", बहुत मजा देता है |जब जब वो सेक्स करते समय मुझे "भईया" बुलाती है, मेरा नशा दुगना हो जाता है और मै और भी ज्यादा जोश में आ जाता हूँ |
Read my other stories

(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
User avatar
jay
Super member
Posts: 9108
Joined: 15 Oct 2014 22:49
Contact:

Re: मेरी बहन-मेरी पत्नी

Post by jay »

आखिरकार अमृता उठ कर बैठ गयी और बहुत ज्यादा अनुरोध करते हुए बोली-
"भईया , बस अब और बर्दाश्त नहीं होता अब इसे डाल दो (और ये लहते हुए उसने मेरा लंड पकड़ लिया ) मुझे भी लग रहा था कि अब मई भी बहुत ज्यादा देर तक रुका नहीं रह सकता |अगर और ज्यादा इन्तजार करूँगा तो शायद मै भी बिना चूत मारे ही झड जाऊँगा इसलिए मै अमृता को किस्स करते हुए उसकी टांग फैलाकर (अपने पसंदीदा पोज़ में ) उसके ऊपर चढ़ गया और अपना लैंड उसकी चूत में डालकर मजे लेने लगा | हमेशा कि तरह मै अमृता के ऊपर चढ़ा हुआ उसकी चूत मार रहा था और साथ साथ उसके होंठ पीते हुए, अपने दाए (राईट हैण्ड से ) उसकी चूचियां दबा रहा था |
लेकिन जितना लम्बा समय मैंने उस दिन अमृता के बदन के साथ खेलने में लगाया था वो आज तक का सबसे लम्बा समय था | यूँ तो मै बहुत ज्यादा देर तक उसकी चूत का मजा नहीं ले सका और जल्दी ही झड गया (क्योकि अमृता बहुत देर तक मेरा लंड पी चुकी थी, इसलिए मेरा आधा काम तो पहले ही हो चूका था | थोड़ी देर अमृता की चूत का मजा लेने के बाद मै झड गया और हमेशा की तरह मैंने अपने लंड का पानी उसकी चूत में ही छोड़ दिया |

वैसे तो मैंने उस दिन अमृता के साथ पूरा दिन मजे लिए और वो सब किया जो मै मम्मी की मजुदगी में नहीं कर सकता था | मैंने उस दिन अमृता के जिस्म का जितना मजा लूटा उतना तो इन दो सालों में भी नहीं लूटा था लेकिन एक बात की कमी रह गयी थी-
मैंने सोचा था की मै आज किसी नए अंदाज में उसकी चूत मारूंगा मगर जोश में आ कर रोज की तरह अमृता को नीचे डाल कर उसपे चढ़ गया| और जैसे ही मै उसकी चूत में झड गया , मैंने उसे कहा-

उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ यार मैंने तो सोचा था आज कुछ नया ट्राई करूंगा मगर फिर वैसे ही चढ़ गया मै तेरे पे |
अमृता ने मेरे बालों में हाथ फेरते हुए ऐसे प्यार से कहा जैसे कोई किसी बच्चे को बहलाते हुए कहता है-
तो क्या हुआ दुबारा कर लेना, मै कौनसा कही जा रही हूँ, यही तो हूँ- आपके पास, आपकी बाहों में | जब दिल करे दुबारा ले लेना |

मैंने अमृता से कहा मै अभी एक ट्रिप और लूँगा उसकी, इसलिए वो कपडे नहीं पहने और मेरे बराबर में लेटी रहे- सोये नहीं |

वैसे तो जब भी हमें दूसरी ट्रिप लेनी होती है हम लोग पहली ट्रिप के बाद कपडे पहन कर ही सोते है और दुबारा मन करने पर दुबारा कपडे उतर कर प्यार करते है (ताकि कोई रिस्क न रहे) मगर आज तो घर पर हम दोनों अकेले थे, इसलिए मैंने अमृता को कपडे नहीं पहनने दिए ये सोच कर कि मै थोड़ी देर में नए अंदाज में दूसरी ट्रिप लूँगा | मगर बातें करते करते कब हम दोनों की आँख लग गयी., पता ही नहीं चला | जब मै सुबह उठा तो दस बजने वाले थे |और मेरी बहन मेरे बिस्तर पर बिलकुल नंगी सो रही थी | उसकी टंगे भी खुली हुई थी , जिसके कारण उसकी चूत साफ़ दिखाई दे रही थी | मैंने आज तक अमृता को रात के अँधेरे ये सिर्फ कम रोशनी में ही नंगा देखा था मगर आज दिन की रोशनी में उसके नंगे बदन को निहारने का मौका मिला था | मेरे दिन की शुरुआत बहुत अच्छी थी- सुबह सुबह ही अमृता मेरे बिस्तर पे नंगी थी और वो भी टाँगे खोलकर |
Read my other stories

(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
User avatar
jay
Super member
Posts: 9108
Joined: 15 Oct 2014 22:49
Contact:

Re: मेरी बहन-मेरी पत्नी

Post by jay »


मैंने पहली बार देखा कि अमृता की चूत के बाल सुनहरे रंग के जैसे थे, जबकि रात की कम रोशनी में तो मुझे उसकी चूत पर बाल काले रंग के दीखते थे |मुझे अमृता के बदन को तस्सल्ली से निहारना बहुत अच्छा लग रहा था और मै जी भर के बहुत देर तक अपनी बहन के नंगे बदन को निहारता रहा |

रात तो बीयर का नशा था या पूरे दिन की शरारत का असर ये तो मुझे नहीं पता, मगर रात अपनी बहन की दूसरी ट्रिप लेने से पहले ही मेरी आंख लग गयी और मै सो गया था |
मगर जब मै सुबह उठा तो मैंने पहली बार दिन की रोशनी में अपनी बहन को नंगा देखा था (वैसे तो मै उसे दो साल से नंगा देख रहा था, मगर मैंने उसे सिर्फ रात की कम रोशनी में ही देखा था )|
अमृता मेरे बराबर में गहरी नींद सो रही थी |शायद वो भी कल की बीयर और दिन भर की मस्ती के कारण थक गयी थी , वरना वो तो सुबह मुझसे पहले उठ जाती है | मगर उस दिन दस बजने वाले थे और अमृता अभी तक सो रही थी | मुझे भी सोती हुई अमृता इतनी प्यारी लग रही थी की मैंने भी उसे उठाना उचित नहीं समझा और सोती हुई अपनी नंगी बहन को निहारने लगा |

उसका बदन बहुत नशीला लग रहा था |सोते समय उसकी चूचियां फैली हुई थीं और टाँगे खुली हुई थी, जिसके कारण उसकी चूत भी साफ़ दिखाई दे रही थी | उस दिन पहली बार मैंने ध्यान से देखा तो मुझे पता चला की उसकी चूत पर जो बाल थे वो सुनहरापन लिए हुए थे वरना रात के अँधेरे में तो चूत के बाल काले ही दीखते थे |उसकी गोरी-गोरी चूचियों पर हल्से से ब्राउन रंग के निप्पल क़यामत ढा रहे थे |कुल मिला कर कहूँ तो मेरी सुबह बहुत हसीन हो गयी थी | मेरी बहुत सी रातें तो हसीन रही थी, मगर वो पहली सुबह थी जो इतनी हसीन थी |

अपनी सोती हुई बहन को जी भर के निहारने के बाद मेरे दिल में शरारत सूझी और मैंने सोचा क्यों न मै उसकी सुबह की शुरुआत भी मस्ती के साथ करवाऊं | इसलिए मै उसकी खुली हुई टांगों के बीच में आ कर बैठ गया और उसकी चूत को देख कर अपने हाथ से सहलाते हुए अपने लंड को अच्छे से खड़ा करने लगा (वैसे तो मेरा लंड खड़ा ही था मगर मै उसे और सख्त करना चाहता था )| अपने लंड को और सख्त करने के बाद मै धीरे धीरे अपनी बहन के ऊपर इस तरह लेट गया की मेरा लंड उसकी चूत से टकरा जाए और अपने एक हाथ से उसकी चूची को पकड़ कर अपने होंठ उसके होंठो पर रख दिए (ये सब मैंने बहुत धीरे धीरे किया ताकि उसके किस्स करने से पहले उसकी नींद ना टूट जाए )|

अमृता के ऊपर लेटकर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रगडा, उसकी लेफ्ट वाली चूची को अपने राईट वाले हाथ से दबाया और उसके होंठो पर किस्स कर दिया | जैसे ही अमृता ने आँख खोली मैंने उसे कहा -
"हमारे प्यार की पहली सुबह मुबाकर हो मेरी जान "
उसने भी बदन में अंगडाई लेते हुए अपनी बाहे मेरे गले में डाली और मेरे होंठो पे किस्स करते हुए बोली-
"आपको भी जानू "
उसके बाद हम दोनों किस्स करने लगे |किस्स करते करते कभी मै अपने लंड को उसकी चूत पे रगड़ देता (मगर अंदर नहीं डालता था ) तो कभी वो अपनी कमर उठा कर मेरे लंड पे अपनी चूत की रगड़ मार देती थी | बहुत मजा आ रहा था |
क्रमशः........
Read my other stories

(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
Post Reply