तरक्की का सफ़र compleet

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rajsharma
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Re: तरक्की का सफ़र

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राज तुमने ये नही बताया कि खेल क्या है?" अनिता ने ज़य के लंड को प्यार से मसल्ते हुए पूछा.

मेरे लिविंग रूम के कोने मे बने बार की तरफ इशारा कर मेने कहा."जो भी चाहे बार से ड्रिंक ले सकता है.में खेल और उसके नियम आप सब को 15 मिनिट बाद बताउन्गा.सो प्लीज़ आप सब एंजाय करें और 15 मिनिट का इंतेज़ार." आज मेरे घर मे एक पार्टी थी.मेने एक खेल रखा था और सब उसके नियम सुनने को बैचेन थे.

15 मिनिट हो चुके थे.दोस्तों अब जो खेल मेने रखा है प्लीज़ सब ध्यान से उसके नियम सुन ले." में सबका ध्यान अपनी और आकर्षित कर बोला."दीवार पर लगी घड़ी मे इस समय 7.30 बजे है.ठीक 8.15 पर बार बंद हो जाएगा.और 8.15 से 9.00 के बीच हर मर्द को अपनी औरतों की जोड़ी को एक बार ज़रूर चोद्ना है.ठीक 9.00 बजे औरतों को अपने अपने मर्द का लंड चूसना है.जिस जोड़ी की औरत अपने मर्द का पानी पहले छुड़ाने में कामयाब होगी वो ही इस खेल की विजेता होगी.कोई सवाल है किसी के दिल मे?

"क्या हम औरतों की चुदाई एक बार से ज़्यादा बार नही कर सकते?" संजू ने पूछा.

तुम्हारा दिल चाहे उतनी बार तुम उनको चोद सकते हो पर तुम्हारी जोड़ीदार औरतों को ही तकलीफ़ होगी तुम्हारा पानी छुड़ाने मे." मेने जवाब दिया.

पहले किसको चोद्ना है मा को या बेटी को?" राम ने पूछा.

इसकी कोई पाबंदी नही है.ये तुम लोग आपस मे तय कर सकते हो." मेने उसकी बात का खुलासा किया.

नही में इस बात से सहमत नही हूँ." मिली ने मेरे लंड को चूमते हुए कहा,उम्र के हिसाब से अहमियत बड़ों को पहले मिलनी चाहिए.क्या सब मेरी बात को मानते है."सबने उसकी बात का समर्थन किया.

तो ठीक है जो बड़े है पहले वो चुदाई करेंगे." मेने कहा.

क्या जीतने वाले को इनाम भी मिलने वाला है.अगर हां तो वो क्या है?" निशा ने पूछा.

इनाम ये है कि जीतने वाली आज अपना चुदाई का कोई भी ख्वाब पूरा कर सकती है." मेने कहा ,और कोई सवाल.

"क्या लंड चूसने के भी कोई नियम है." अनिता ने पूछा.

नही उसके कोई नियम नही है,सिर्फ़ इतना की लंड चूस्ते वक़्त औरतें अपने हाथों का इस्तेमाल नही करेंगी." मेने कहा,और कुछ पूछना है किसी को.

"हां बार वापस कब खुलेगा?" विजय ने पूछा.

जैसे ही ये खेल कोई जीत लेगा." मेने जवाब दिया.

"वैसे बार अभी खुला है."मम्मी." संजू रूही के पास पहुँचा.

हां बेटा तुम ड्रिंक ले सकते हो पर ज़्यादा मत लेना." रूही ने संजू के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा.

क्या तुमने पहले कभी शराब पी है?" निशा ने संजू से पूछा.

नहीं आज से पहले कभी नहीं पी पर आज पीने वाला हूँ." संजू ने कहा.चलो बियर पीते हैं मेरा भी ये पहला मौका है.

" निशा संजू को घसीट कर बार की ओर ले गयी.कितनी अच्छी जोड़ी है दोनो की." मेने रूही के कान में कहा.

हां मे भी यही सोच रही थी." रूही ने जवाब दिया.जब हम सब ड्रिंक करते हुए आपस मे बातें कर रहे थे तो एमडी ने कहा,राज में तुम्हे बता सकता हूँ कि आज कौन जीतेगा.

"कौन?" मेने पूछा.

मैं अपने पैसे अनिता पर लगा सकता हूँ.मेरी जिंदगी मे कई औरतों ने मेरा लंड चूसा पर अनिता का लंड चूसने का अंदाज़ ही निराला है.वो एक नपुंसक के लंड मे भी जान डाल सकती है." एमडी ने हंसते हुए कहा.

पर सर मिली,रूही और प्रीति भी किसी से कम नही है.मुझे लगता है कि स्पर्धा काफ़ी नज़दीकी होगी." मेने कहा.

अनुभवी इंसान की बात को मानना सीखो हमेशा फ़ायदे में रहोगे." एमडी ने अपनी छाती पे हाथ ठोकते हुए कहा.

ठीक 8.15 बजे सात खड़े लंड सात गीली हुई चूतो मे घुस गये और एक साथ सात आवाज़े "आआआआआअहह" की कमरे मे गूँज पड़ी.थोड़ी ही देर मे कमरे का महॉल गरमा गया.चारों तरफ से सिसकारियों की आवाज़ गूँज रही थी,ओह हााआआं चूऊऊदो मुझीईई." कोई कह रहा था,हाआाआअँ जोर्र्र्र्र्र्ररर से और जोर्र्र्र्र्ररर से डाआआअलो हाआआं और जोर्र्र्रर से."कुछ देर बाद सिसकारिया बड़बड़ाहट मे बदल गयी,रक्क्क्कक्नया मत्त्त्त चोद्द्द्द्द्द जऊऊ और जोर्र्र्ररर से मेरााआ छूटनीईईई वाला है." और मर्दों ने एक ज़ोर की `आआआआअहह" कहकर अपना पानी उनकी चूत मे छोड़ दिया.जैसे ही सब मर्दों का लंड दुबारा खड़ा हुआ उन्होने बेटियों की चूत मे अपना लंड घुसा चोद्ने लगे.थोड़ी देर मे सब औरतों की चुदाई एक बार हो चुकी थी.सब मर्द अपनी उखड़ी सांसो को संभाले आराम कर रहे थे सिवाई संजू के,
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Re: तरक्की का सफ़र

Post by rajsharma »

निशा चलो एक बार फिर से चुदाई करते है.तुम्हारा तो सपना कोई होगा नही.

"सच कहूँ तो एक नही कई है.और में आज उनमे से अपने एक सपने को ज़रूर पूरा करूँगी." निशा ने जवाब दिया.

निराश होता हुआ संजू प्रीति के पास पहुँचा,प्रीति चलो चुदाई करते है."अभी नही,में नही चाहती हूँ कि निशा इस खेल में हर जाए." प्रीति ने जवाब दिया.

जैसे सब बैठे है वैसे ही तुम भी बैठ जाओ और 9.00 बजने का इंतेज़ार करो." कहकर निशा ने संजू को एक कुर्सी पर बिठा दिया.ठीक 9.00 बजे औरतों की जोड़ी मे सबसे छोटी थी वो अपने मर्दों का लंड चूसने लगी,

निशा ज़रा धीरे चूसो तुम्हारे दाँत मुझे चुभ रहे है." संजू ने दर्द से सिसकते हुए कहा.

संजू अपना मुँह बंद रखो,मेरे हिसाब से निशा सही ढंग से चूस रही है." प्रीति ने उसे डाँटते हुए कहा.

नीलम मेरे लंड को चूस रही थी.उसे भी लंड चूसने का अनुभव नही था इसलिए उसके भी दाँत मेरे लंड पर चुभ रहे थे.थोड़ी देर बाद सब बड़ी औरतों ने छोटी लड़कियों का स्थान ले लिया.

"शुक्रिया भगवान" संजू ने एक गहरी सांस ली."निशा तुमने तो मेरे लंड को चबा ही डाला था.

"मेने अनिता को कहते हुए सुना,मीना कैसा चल रहा है?

"वैसे तो ठीक है पर खड़ा नही हो रहा." मीना ने जवाब दिया.

लाओ इसके लंड को मुझे चूसने दो." अनिता ने कहा,में इसके लौडे को थोड़ी देर मे ऐसा कर दूँगी कि ये कमरे के चारों और पिक्खरी मारता रहेगा." थोड़ी देर में ज़य के मुँह से सिसकारियाँ फुटनी शुरू होगआई,हााआअँ चूऊऊओसो आईसस्स्स्ससे ही ओह हन्णन्न् ज़ोर सीईई उ.'

वैसे तो मिली भी काफ़ी अच्छी तरह चूस रही थी पर ज़य के चेहरे से लग रहा था कि वो लोग बाज़ी मार ले जाएँगे.ओह अनीता मेरााा छोओओओओट्णे वाला हाईईईई." जाई ज़ोर से चिल्लाया,हााआ ज़ोर सस्स्ससे चूऊवसो हाआआं आईसस्स्स्स्ससे ही हाआाआअँ मेरााआअ छूउटा." उसका शरीर आकड़ा और उसके लंड ने अपने वीर्य की पिचकारी अनिता के मुँह मे छोड़ दी.खुशी से झूमते हुए अनिता ने ज़य के लंड को अपने से निकाला और मीना और ज़य को अपनी बाहों मे भर लिया,हम जीत गये हम जीत गये."जब सब मदों का पॅनिक छूट गया तो सभी औरतें अनिता को बधाई देने लगी

."एमडी सही कह रहा था,लगता है हम सब को तुमसे ट्यूशन लेना पड़ेगा.अब बताओ तुम अपना कौन सा सपना पूरा करना चाहोगी.?"

मेरा एक सपना है जिसके बारे मे में हमेशा सोचती रहती थी किंतु……." अनिता कहने जा रही थी पर में बीच मे बोला,

अनिता तुम अपना समय लो और सोच कर बोलो.हम खाना खाने के बाद तुम्हारा सपना ज़रूर पूरा करेंगे.तब तक लिए बार खुला है और जो लोग ड्रिंक्स लेना चाहे ले सकते है.

"राज मुझे मालूम है कि में क्या करना चाहती हूँ मुझे सोचने की ज़रूरत नही है." अनिता हंसते हुए बोली.

खाना खाने के बाद सब ये जानने को उत्सुक थी कि अनिता का वो ऐसा कौन सा सपना है जिसे वो पूरा करना चाहती है.सब अनिता के पास इकट्ठा हो गये,मेरा हमेशा से सपना रहा है कि मुझे 5 मर्द मिल कर चोदे और मेरे शरीर को अपने वीर्य से नहला दे,आज मे अपना ये सपना पूरा करूँगी." अनिता ने कहा.

क्या 5 मर्द वो कैसे?" अंजू ने पूछा.

सीधी सी बात है,एक मेरी चूत में एक मेरी गांद में और एक मेरे मुँह में.बाकी बचे दो वो या तो मेरे हाथों से या मेरी चुचियों के बीच." अनिता ने बताया.

ठीक है तुम अपने साथी चुन सकती हो?" मेने अनिता से कहा.
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Re: तरक्की का सफ़र

Post by rajsharma »

विजय तुम नीचे लेट जाओ में तुम्हारे उपर चढ़ कर तुम्हारे लंड को अपनी चूत मे लूँगी.ज़य तुम मेरी गान्ड मारोगे और में संजू के लंबे लंड को अपने मुँह से चूसुन्गि.राम और श्याम के लंड को अपने हाथों से."

जब सब लड़कों ने अपनी जगह ले ली तो अनिता ने कहा,लड़कों मेरा सपना है कि तुम सब आपस मे ताल मेल रखते हुए अपना पानी छोड़ोगे और सब मेरे बदन पर ही छोड़ोगे.इससे सबको ज़्यादा मज़ा मिलेगा."

हे राम और श्याम ध्यान रखना जब तुम अपना पानी छोड़ो तो अनिता के बदन पर ही छोड़ना कहीं मेरे चेहरे पर मत छोड़ना." विजय ने उनसे कहा.

राम तुम इसकी बाई आँख पर पिचकारी मारना और में इसकी दाई आँख पर." श्याम ने हंसते हुए कहा.

इसके पहले की विजय कुछ कहता अनिता ने कहा,विजय ये मज़ाक कर रहे है,और अगर ये ऐसा करते भी है तो तुम चिंता मत करो में तुम्हे चाट चाट कर साफ कर दूँगी."नज़ारा जो अनिता ने रखा था वो देखने लायक था.ज़य उसकी गान्ड में अपना लंड जड़ तक पेल देता जिससे विजय का लंड भी अंदर तक घुस जाता.राम और श्याम के लंड अनिता की बंद हथेली मे आगे पीछे हो रहे थे.और संजू के लंड को अनिता ज़ोर ज़ोर से चूस रही थी.

कमरे में सबकी सिसकारियाँ गूँज रही थी.राम उसकी गान्ड मे लंड पेलते हुए बब्बड़ा रहा था,लीईईई साआाअली और्र्र्र्ररर जोर्र्र्र्ररर से लीईई बहोत्त्त्टटतत्ट शौख हाआआआई नाआआआअ पाआांचह मर्डूऊऊ से चूद्द्ददद्वाने का.आाज मेर्रर्र्ररी टर्र्र्र्ररी गणनद्दद्ड ना फ़ाआआद दी तो क़हना."

वहीं संजू बड़बड़ा रहा था,हााआअँ और्र्र्ररर जोर्र्र्र्ररर सीईए चूऊसो नाआआअ हााआआं अपनीईई गलीईई तक लीईई लो ओह अहह."

अनिता ज़ोर ज़ोर से लंड चूसने लगी तो संजू तुरंत बोला "अनिता आंटी धीरे मेरा छूटने वाला है." अनिता ने अपनी रफ़्तार धीमी कर दी.

भाई कैसा चल रहा है?" विजय ने पूछा.

मज़ा आ रहा है,ऐसा लग रहा है कि तुम्हारा लंड मेरे लंड को स्पर्श कर रहा है.हां इसी तरह अंदर तक अपने लंड को इसकी गान्ड मे पेलते रहो." ज़य ने नीचे से धक्का लगाते हुए जवाब दिया.

हााआअँ जोर्र्र्र्र्र्र्ररर से जोर्र्र्र्र्ररर से चूऊऊओदूऊऊ मुझीईई सब्बब्ब्बबब मिल्ल्ल्लकर मेरााआआ छुउऊुउउतने वाला है."

अनिता ज़ोर ज़ोर से अपने कूल्हे उछाल रही थी.संजू ने अनिता के सिर को अपने हाथों से पकड़ रखा था और अपना लंड उसके गले तक डाल चोद रहा था.बहुत ही दिलकश नज़ारा था.ऐसी सामूहिक और भयंकर चुदाई ना तो मेने देखी थी ना ही मेने की थी.ओह मेरााआआआ छूट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्टा." अनिता का इतना कहना था कि संजू ने भी,ओह मेरााआआ छूटााआअ." कहकर अपने लंड की बौछार अनिता के चेहरे पर कर दी.

ज़य ने ज़ोर से अनिता को कमर से पकड़ अपने लंड को उपर की और करते हुए अपना पानी उसकी चूत में छोड़ दिया वहीं विजय ने अपने लंड के दो चार धक्के उसकी गान्ड मे मारे और अपना पानी अनिता की पीठ पर छोड़ने लगा.राम और श्याम ने अपने लंड को ठीक अनिता के चेहरे और छाती का निशाना बना अपनी पिचकारी छोड़ना शुरू किया,आए संभलो." ज़य कुछ कहता इसके पहले उनके लंड से छूटा वीर्य उसके चेहरे पे गिर पड़ा.

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Re: तरक्की का सफ़र

Post by rajsharma »

माधुरी ज़ोर से हंस पड़ी और निशा ताली बजाने लगी कि दो और बौछार उसके चेहरे से टकराई.गंदे साले क्या और कोई जगह नही मिली निशाना साधने के लिए." ज़य गुस्से में बोला.अरे गुस्सा क्यों करते हो," कहकर अनिता उसके चेहरे पर लगे वीर्य को चाटने लगी.जब उसने जय को अच्छी तरह साफ कर दिया तो निढाल पड़ गयी.जब सब कोई सुस्ता चुके थे तो निशा ने कहा,सर अब मेरी बारी है."नही तुम्हारी नही अब मीना की बारी है." मेने कहा."मालती तुम बताओ तुम्हारा क्या सपना है."मेरा कोई खास सपना नही है.एमडी और आप मुझे ऑफीस में चोद्ते है में उससे ही खुश हूँ." मीना ने जवाब दिया.तो फिर दोनो के साथ यहाँ क्यों नही चुद्वाती?" मधुरी ने कहा.दोनो मुझे कई बार एक साथ चोद चुके है इसलिए एक बार और चुद्वाने से मुझे कोई फरक नही पड़ेगा." मीना ने हंसते हुए कहा."एमडी सर आप लेट जाएँ और नीचे से मेरी चूत में लंड को डाले और राज सर आप पीछे से मेरी गांद मारे.आपका मोटा और लंबा लंड मुझे अपनी गंद में अच्छा लगता है."कमरे में फिर एक बार चारों तरफ चुदाई का आलम था.में यहाँ एमडी के साथ मिलकर मीना को चोद रहा था और चारों तरफ कोई ना कोई किसी को चोद रहा था.थोड़ी देर बाद सब तक कर निढाल पड़े थे.पार्टी करीब करीब ख़त्म होने को आ गयी थी,निशा रात काफ़ी हो चुकी है चलो तुम्हे घर छोड़ आऊ." मेने निशा से कहा.सर मुझे यहीं रहने दे ना वैसे भी घर में सबको पता है कि में यहाँ हूँ." निशा थोड़ा नाराज़ होते हुए बोली.वो तो सब ठीक है पर काम ऐसा करना चाहिए कि तुम्हे दुबारा भी यहाँ आने की इजाज़त मिल जाए." मेने उसे समझाते हुए कहा.ठीक है,पर क्या में सुबह यहाँ आ सकती हूँ? रूही माँ आप संजू कल यही है ना." निशा ने कहा.हां मेरी लाडो हम यही है." रूही ने प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरते हुए कहा."तुम कल सुबह आ जाना हम इंतेज़ार करेंगे."जब में निशा को उसके घर छोड़ कर आया तो देखा कि सब किसी ना किसी को बाहों मे लिए सो गये है.मेने देखा कि प्रीति और रजनी अकेले सो रहे है तो में भी उनके बीच मे जा सो गया.ट्रियीनिग डोर बेल की घंटी बजी.मेने उसे अनसुना कर दिया.ट्र्र्र्र्र्र्रियियैयींग घंटी फिर बजी और देर तक बज रही थी."इतनी सुबह कौन हो सकता है." सोचकर मेने घड़ी पर देखा तो सुबह के 7.30 बज चुके थे.

दरवाज़ा खोलते ही में चौंक पड़ा,दरवाज़े पर निशा खड़ी थी.हे भगवान इतनी सुबह पहले तुम यहाँ क्या कर रही हो?"मैं यहाँ पार्टी जाय्न करने आई हूँ." उसने अंदर आते हुए कहा."तुम्ही ने तो कहा था कि में आ सकती हूँ."हां कहा था पर इतनी सुबह पहले आ जाओगी उम्मीद नही थी.सब सोए पड़े है." मेने कहा.तुम इसकी चिंता मत करो में सबको जगा दूँगी." कहकर वो अपने कपड़े उतारने लगी."ये समय चुदाई करने का है ना कि सोकर बर्बाद करने का."वो संजू को ढूँढने लगी जो अंजू और मंजू के बीच सोया हुआ था.उसने उसके मुरझाए लंड को अपने हाथों में लिया,गुड मॉर्निंग मेरे प्यारे राजा." कहकर उसके लंड को चूसने लगी.ओह बहुत ही अच्‍छा लग राहा है." संजू ने बड़बड़ाते हुए अपनी आँखे खोली,ओह निशा तो ये तुम हो?"हां मेरे राजा तुम्हारी जान निशा,और सिर्फ़ तुम्हारी." निशा थोड़ा मुस्कुरई,जान आराम से लेटे रहो और मज़े लो."संजू के मुँह से सिसकारी निकल पड़ी और वो अंजू और मंजू की चूत को सहलाने लगा.अंजू और मंजू ने आँख खोल जब देखा तो दोनो संजू की छाती में चेहरा छिपा उसके निपल पर अपनी ज़ुबान फिराने लगी.निशा का सुझाव बुरा नही है." सोचते हुए में भी देखने लगा कि कोई उठा हुआ है कि नही.मेने देखा कि विजय सिमरन और साक्षी के बीच सोया हुआ था.सिमरन अपनी पीठ के बल लेटी हुई थी.में उसकी टाँगो के बीच आ उसकी चूत को चाटने लगा.ओह प्लीज़ नही,प्लीज़ रुक जाओ ना." वो चिल्ला पड़ी.क्या तुम्हे मेरा तुम्हारी चूत चाटना अच्छा नही लग रहा?" मेने थोड़ा झल्लाते हुए पूछा.ऐसी बात नही है,मुझे बहोत अच्छा लग रहा है पर मुझे पिशाब जाना है और अगर में जल्दी से नही गयी यही तुम्हारे मुँह पर कर दूँगी." सिमरन ने जवाब दिया.ठीक है जाओ." मेने उसे जाने दिया फिर दूसरों की तरफ देखने लगा,मेने अनिता और मीना को उठाया और उन्हे दूसरों को भी उठाने के लिए कहा.इतने में सिमरन टाय्लेट से लौट कर आ रही थी.ओय ये यहाँ क्या चल रहा है," जब उसने संजू को तीन लड़कियों के साथ मज़े लेते देखा."किसी को बुरा तो नही लगेगा अगर में भी इसमे शामिल हो जाउ."
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Re: तरक्की का सफ़र

Post by rajsharma »

कहकर उसने अपने चूत संजू के मुँह पर रख दी.ये क्या कर रही हो?" संजू ने पूछा.कुछ नही मेरी चूत के पानी के रूप मे तुम्हे सुबह की चाइ पिला रही हूँ." सिमरन ने हंसते हुए कहा."चलो अब अपनी चाइ पियो."राज क्या तुमने ज़य को देखा है?" अनिता ने पूछा.मेने अपनी गर्दन ना मे हिला दी.मेने उसे उस कमरे मे जाते देखा है." रूही ने जवाब दिया.आओ रूही हम उसे ढूँढते है." अनिता ने रूही का हाथ पकड़ते हुए कहा.ज़य उन्हे बाथरूम मे नहाते हुए मिला.छोटी बच्चियों की तरह उन्होने ज़य को बाथरूम के बाहर खींचा और बिस्तर पर धकेल दिया.ज़य का पूरा बदन साबुन से भीगा हुआ था.रूही में इसका लंड चूस्ति हूँ और तुम अपनी चूत इसे चाटने के लिए दे दो?" अनिता ज़ोर से चिल्लाई.कमरे के बाहर मेने देखा कि एमडी मधुरी की चूत चाट रहा था वहीं प्रीति उसके लंड को मुँह मे ले जोरो से चूस रही थी.हम पूरे दिन सब कोई चुदाई चटाई गान्ड मराई करते रहे.हालत ये थी कि सब चोद चोद के इतना थक चुके थे कि किसी मे भी ताक़त नही बची थी.दूसरे दिन रूही अपने बच्चों के साथ वापस चली गयी और वादा कर गयी कि वो जल्द ही वापस आएगी.शाम को मेरी बहने अपनी पति के साथ और मेरे साले ने अपनी बीवियों के साथ अपने अपने घर जाने के लिए ट्रेन पकड़ ली.कई महीने गुज़र गये.इसी दौरान हम कई बार रूही के यहाँ हो आए थे और रूही भी कई बार हमारे यहाँ आ चुकी थी.पिंकी के जनमदिन को अब एक हफ़्ता ही रह गया था और हमे उसके जनम दिन की तय्यारियाँ करनी थी.पिंकी के जनमदिन से एक दिन पहले रजनी,योगिता,नीलम,प्रीति और में सब डिसकस कर रहे थे कि हम पिंकी की कुँवारी चूत को चोद्ने के प्रोग्राम को कैसे अंजाम दे.हमे पता था कि इस बार एमडी पूरी सावधानी बरतेगा कि में उसकी बेटी की कुँवारी चूत ना फाड़ पाऊ .हम ये भी जानते थे कि नीलम की तरह वो हमे पिंकी की बर्तडे पार्टी नही करने देगा.योगिता तुम्हे क्या लगता है कि हमे मिली से भी होशियार रहना चाहिए?" मेने पूछा.नही मुझे ऐसा नही लगता.वो बड़ी प्रॅक्टिकल किस्म की औरत है.उसे ये बात मालूम है कि उसकी बेटी की चूत को एक दिन तो फटना ही है,सो कल फटे या आज उसे कोई फरक नही पड़ता." योगिता ने जवाब दिया.अगर ऐसा है तो क्या हम उसे सारी हक़ीक़त बता कर अपना राज़दार बना सकते है." मेने पूछा.नही उसे बिल्कुल मत बताना.सारी बात जानने के बाद शायद वो अपनी बेटी की चूत फड़वाने मे हमारी मदद करे पर फटने के बाद शायद वो ऐतराज़ ना करे." योगिता ने जवाब दिया.क्या उसके जनमदिन की पार्टी होगी?" प्रीति ने पूछा.ज़रूर होगी,पिंकी एमडी की लाडली बेटी है.उन्होने उसे एक बड़ी पार्टी का वादा किया है और वो अपना वादा ज़रूर पूरा करेंगे,बस सवाल ये उठता है कि वो पार्टी कहाँ पर रखेंगे." नीलम ने जवाब दिया.क्या पिंकी तो अब भी अपनी उस इंग्लीश टीचर की चूत चाट्ती है और अपनी चटवाती है,क्या नाम था उस टीचर का मुझे याद नही आ रहा,हां याद आया मिस ब्रेग़ेंज़ा." प्रीति ने पूछा.बदक़िस्मती से हां." रजनी ने जवाब दिया."और उसका यही शौक हमारे काम को अंजाम देने मे आड़े आ सकता है."उसी समय फोन की घंटी बज़ी,एमडी लाइन पर था,राज में तुम्हे और प्रीति को मेरी बेटी पिंकी की जनम दिन की पार्टी की दावत देता है.

पार्टी शनिवार की शाम को है सो ज़रूर से पहुँच जाना."थॅंक यू सर." मेने जवाब दिया."पर सर आपने क्यों तकलीफ़ उठाई.मुझसे कह दिया होता मैं पार्टी का सारा इंतेज़ाम कर देता जैसे मेने नीलम की पार्टी का इंतेज़ाम किया था."राज क्या तुम मुझे बेवकूफ़ समझते हो." एमडी ज़ोर से हंसते हुए कहा."तुम्हे क्या लगता है कि में अपनी मासूम बेटी को तुम्हारे फ्लॅट पे आसानी से आने दूँगा जिससे तुम मेरी बेटी की कुँवारी चूत को चोद सको.किसी भी हालत मे नही राज इस बार पार्टी मेरे घर पे होगी.और में तुम्हे सावधान कर रहा हूँ कि अगर तुमने मेरी बेटी की ओर आँख उठा कर देखा तो में तुम्हे जान से मार दूँगा."सर आप ज़बरदस्ती मुझ पर शक़ कर रहे है." मेने झूट बोलते हुए कहा."मेरा ऐसा कोई इरादा नही है."हो सकता हो तुम्हारा इरादा ना हो.फिर भी में तुम्हे सावधान कर रहा हूँ." एमडी हंसा,ठीक है शनिवार की शाम को मिलते है." कहकर उसने फोन रख दिया.एमडी था फोन पर उसने पिंकी के जन्मदिन की पार्टी के लिए शनिवार की शाम की दावत दी है हमें." मेने सबको बताया.पर तुमने ऐसा क्यों कहा कि तुम्हारा पिंकी की कुँवारी चूत चोद्ने का कोई इरादा नही है." रजनी ने पूछा.मेने ये इस लिए कहा जिससे वो निसचिंत हो जाए और आखरी वक़्त पर अपना इरादा ना बदल ले." मेने जवाब दिया.अब जब पार्टी उसके घर पर है तो हम अपने इरादों को कैसे कामयाब बनाएँगे." योगिता ने पूछा.जब में उससे बात कर रहा था तो एक आइडिया मेरे दिमाग़ मे आया है,हम वही तरीका आजमा सकते है जो हम ने रागिनी की कुँवारी चूत के लिए आजमाया था." मेने कहा.ये रागिनी कौन है और क्या हुआ था?" योगिता ने पूछा.तब रजनी ने उसे सब बताया कि किस तरह और कैसे हम ने रागिनी की कुँवारी चूत चुद्वाइ थी.ये तो सब समझ मे आता है फिर भी ये बात समझ मे नही आती कि पिंकी अपनी चूत चुद्वाने को कैसे तय्यार होगी?" योगिता ने पूछा.रूको सब कोई.मेरे पास एक प्लान है." प्रीति ने कहा."उसकी चूत चूसने की आदत ही उसकी चूत का उधघाटन कराएगी." फिर प्रीति हमें प्लान समझने लग गयी.हम सब उसकी बात से सहमत हो गये और शनिवार का इंतेज़ार करने लगे.शनिवार की शाम को मे और प्रीति एमडी के घर पहुँच गये.हम ने एक बड़ा सा तोहफा लिया था पिंकी के लिए.केक काटने की रस्म के बाद सबने पिंकी को तोहफे दिए.कमरे में म्यूज़िक चालू था और सब आपस में बात कर रहे थे.सर हम सबने मिलकर काफ़ी समय से मज़ा नही किया क्यों ना आज कर ले." प्रीति ने एमडी से कहा.क्यों नही वैसे भी मुझे इतनी ज़ोर से म्यूज़िक बजता अच्छा नही लगता." एमडी अपनी स्टडी रूम की ओर बढ़ता हुआ बोला." प्रीति उसके पीछे चल पड़ी."रजनी पिंकी को सिर्फ़ चार बुस्कुट देना खाने के लिए ज़्यादा नही." प्रीति रजनी के कान मे फुस्फुसाइ.तुम इस बात की चिंता मत करो." रजनी ने कहा.जब स्टडी रूम मेयोगिता को छोड़ कर हम सब ने अपने कपड़े उतार दिए."क्या बात है डार्लिंग क्या आज तुम हमे अपनी चूत नही दिखाओगी?" एमडी ने पूछा.
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
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