कच्ची कली compleet

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jay
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Re: कच्ची कली

Post by jay »

इतनी चुदाई के बाद मेरे लंड से क्रीम तो अभी निकलने वाली नही थी
इसी लिए आंटी के शोल्डर्स को पकड़ के अपने लंड पे जो उनकी चूत
में जड़ तक घुस चुका था बिठा लिया और चोद्नना कुछ देर के लिए
रोक दिया.

सीता आंटी मेरे लंड पे बैठी रही और उनका उछलना बंद हो गया
और वो मेरे लंड को अपनी चूत में रखे शांत हो के बैठ गई और
हम इधर उधर की बातें करने लगे. में पूछा के आंटी शरमा जी
का लंड कैसा है और वो कैसे चुदाई करते है तो उनके मूह लाल हो
गया और बोली राज तुम ने ऐसे टाइम पे उनकी याद दिला के मेरे
चुदाई के रंग में भंग डाल दिया इतना मज़ा आया था मुझे और तुम ने
सारा मज़ा किर कीरा कर दिया. अब तुम ने पूछ ही लिया है तो सुनो उनका
लंड तुम्हारे तगड़े लौडे का 1/4त भी नही है और मोस्ट ऑफ दा टाइम
उनका लौडा पूरी तरह से अकड़ता भी नही और कभी थोड़ा सा अकड़ भी
जाता है तो चूत के अंदर जाने से पहले ही उनका पतला पानी निकाल
जाता है और मुझे गरम करके पलट के सो जाते है. शादी के बाद
कभी कभी ही उनका लौडा मेरी चूत के अंदर तक घुस पाया था और
उसी में प्रेग्नेन्सी ठहर गई थी और गीता पैदा हो गई. उसके पैदा
होने के बाद से आज तक कभी भी उनका लंड चूत के अंदर अच्छी तरह
से नही घुस पाया और वो मुझे कभी भी सॅटिस्फाइ नही कर पाए और
मुझे कभी भी चुदाई का मज़ा नही आया. फिर आप किया करती हो आंटी
तो बोली के किया कर सकती हू उनका पानी निकाल जाने के बाद पलट के अपनी
ही उंगली से अपनी चूत का मसाज करके अपनी क्रीम निकाल के सो जाती
हू. में बोला के अब फिकर ना करो आंटी अब तो में हू में आपको हमेशा
ही सॅटिस्फाइ करूगा यू डॉन'ट वरी और सीता आंटी झुक के मुझे किस
करने लगी और बोली के हा राज अब तुम आ गये हो तो मुझे भी आज
लगा जैसे में आज ही अच्छी तरह से चुदि हू और आज तक किसी ने मेरी
इतने टाइम चुदाई नही की थी और मेरी चूत में से भी इतना जूस
कभी नही निकला था. में आंटी को झुका के उनको चोदने लगा और सीता
आंटी किस करने और मेरी जीभ को चूसने लगी.

अब फिर सीता आंटी मेरे लंड पे उछल उछल के चुदवाना शुरू कर दिया
उनकी मस्त चुचियाँ डॅन्स कर रही थी इतना डीप पेनेट्रेशन था के
मेरा लंड उनके बच्चे दानी को पार कर के पेट में घुस चुका था.
सीता आंटी की आँखे बंद हो चुकी थी उनके बॉल हवा में ऐसे उड़
रहे थे जैसे कोई शॅमपू के अड्वर्टाइज़्मेंट में मॉडेल लड़की के उड़ते
है वो बहुत ही सेक्सी सीन था. आंटी मस्त हो के मज़े से चुदवा रही
थी जैसे वो सब भूल गई हो बॅस चुदाई ही याद हो. मुझे लगा के
अब फिर से आंटी को नीचे लिटा के उनकी चूत को एक बार फिर से फुल
पावर से चोद्नना चाहिए तो में आंटी को पलटा के नीचे पेट के बल
लिटा दिया और उनकी टाँगें लंबी थी में अपने दोनो टाँगो को उनकी दोनो
टाँगो के बीच में रख के अपनी टाँगो से उनकी टाँगो को फैला दिया जिस
से उनकी चूत नारंगी (ऑरेंज) की फाँक की तरह खुल गई में उनके
ऊपेर था उनकी मक्खन जैसी चिकनी गान्ड मेरे नवल एरिया से टच
कर रही थी मेरा लंड तो मेरे नवल से ही चिपका रहता था पॉवेरफूल
एरेक्षन की वजह से तो में उनके पैरों को अपने पैरों से फैला के
उनकी कमर में हाथ डाल के उनको थोड़ा उठा लिया और उनकी चूत में
पीछे से अपना लंड घुसेड दिया उनकी गान्ड थोड़ी उठ गई थी में उनके
नीचे हाथ लगा के उनकी चुचियों को मसल रहा था उनकी चुचियाँ
मसलते हुए मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरे हाथ में मक्खन हो
इतनी मस्त चुचियाँ थी सीता आंटी की. में अपनी गान्ड उठा उठा के उनकी
चूत में अंदर तक अपना लंड पेल रहा था वो मेरे नीचे पेट के बल
लेटी थी उनकी चुचियाँ बेड से लग के चिपक गई थी. उनकी चूत बहुत
ही गीली हो चुकी थी लगता था के वो झाड़ चुकी है पर मेरा लंड तो
रेलवे एंजिन के शॅफ्ट की तरह अंदर बाहर घुस घुस के चुदाई
कर रहा था उनके जूस से मेरे लंड गीला हो गया था झड़ जाने की
वजह से आंटी का बदन पूरी तरह से शांत हो गया था.

मेरे झटके स्पीड पकड़ने लगे लंड को सुपाडे तक बाहर निकाल निकाल
के चोद रहा था एक टाइम ऐसे ही जब लंड फुल बाहर निकला तो लंड एक
झटके से हिला और लंड चूत का निशाना मिस कर के एक ही पावरफुल
धक्के में उनकी रिलॅक्स गान्ड में पूरी ताक़त से घुस गया और आंटी
बेड पे उछल पड़ी ऊऊऊऊऊओिईईईईईईईईई म्म्म्म्ममममाआआआआआआ
ययइईईई कििय्ाआआआआ कार्रर्र्ररर डीईईय्ाआआआ ईएहह
राज्ज्जज्ज्ज में सीता आंटी को टाइट पकड़ लिया उनको उछलने नही दिया ज़ोर
से बेड पे दबा दिया और उनका बदन एक दम से टाइट हो गया पर अब क्या
हो सकता था
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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jay
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Re: कच्ची कली

Post by jay »

लंड एक ही झटके में उनकी बहुत छोटी सी टाइट मक्खन
जैसी गान्ड को फाड़ के अंदर जड़ तक घुस ही चुका था. में बिना
धक्को के थोड़ी देर तक उनको टाइट पकड़े ऐसे ही लेटा रहा फिर जब
उनकी गान्ड के मसल्स थोड़े रिलॅक्स हुए तो में उनके शोल्डर्स को पकड़
के उनकी गान्ड मारने लगा आअहह किया वंडरफुल टाइट गान्ड थी आंटी
की मस्त टाइट गान्ड मारने में बहुत मज़ा आ रहा था. –
- अब आंटी भी अपनी गान्ड में मेरा लंड
ले के मज़े से गान्ड मरवा रही थी और में उनकी गान्ड फुल स्पीड से
मार रहा था. मेरी मलाई निकलने ही वाली थी तो में आंटी से पूछा
के मलाई कहा निकालु गान्ड में या चूत में तो बोली के राज्ज्ज मेरी
चूत बहुत सालो से प्यासी है अपनी गरम मलाई मेरी चूत में ही
डाल के उसकी प्यास को बुझा दो तो में अपने लंड को उनकी गान्ड से बाहर
खेच के निकाल लिया और आंटी को एक ही झटके में सीधा कर दिया और
उनकी टाँगें मेरे बॅक पे लपेट के एक ही झटका मारा और मेरा मिज़ाइल
जैसा लंड उनकी गीली गरम चूत में जड़ तक पेल दिया सीता आंटी के
बदन में एक तनाव आ गया और वो मुझ से ज़ोर से लिपट गई में अपने
मूसल लंड को पूरा सुपाडे तक चूत से बाहर निकाल के एक बहुत ही
पावरफुल चूत फाड़ धक्का मारा और उनके मूह से ऊऊऊऊऊऊओ
उूुुुुुुुुुुउऊहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स निकला और मेरे लोहे
जैसे सख़्त और मोटे लंड में से मलाई की मोटी धार वाली पिचकारिया
निकल निकल के उनकी चूत को भरने लगी. सीता आंटी की चूत में मेरी
मलाई की पिचकारी लगते ही उनका बदन फिर से थॅर थॅर काँपने लगा
और वो फिर से झड़ने लगी दोनो गहरी गहरी साँसें लेने लगे में
आंटी के ऊपेर ही पड़ा रहा मेरा लंड उनकी गीली चूत में ही नरम
होने लगा था और थोड़ी ही देर में प्लॉप की आवाज़ के साथ ही उनकी चूत
से बाहर निकल गया और हमारी मिक्स मलाई उनकी चूत से ओवरफ्लो हो के
नीचे बेडशीट पे गिरने लगी.
- सीता आंटी की चूत इतनी मस्त और फुल चुदाई से गुलाब के
फूल की तरह खिल उठी थी. सीता आंटी मेरे से लिपट गई और बोली
के राज यू आर जस्ट वंडरफुल कमाल का चोदते हो तुम आज ज़िंदगी
में पहली बार इतना चुदि हू और इतने टाइम झड़ी हू के में गिनती ही
भूल गई और मेरी प्यासी चूत की आज प्यास मिट गई हो और मेरा बदन
बिल्कुल ही हल्का लग रहा है मुझे ऐसा लग रहा है जैसे में आकाश
में उड़ी जा रही हू इतने टाइम चुदाई तो में कभी ख्वाब में भी नही
सोच सकती थी आई नीड युवर इनक्रेडिबल लंड इन माइ चूत ऑल्वेज़ राज
में चाहती हू के तुम मुझे हमेशा चोदते ही रहो ऐसी मस्त चुदाई की
तो कोई लड़की सिर्फ़ कल्पना ही कर सकती है और आज मेरी बरसो की
ख्वाहिश पूरी हो गई है और तुम्हारा लंड चूत से बाहर निकालने के
बाद ऐसा लग रहा है जैसे मेरी चूत एक दम से खाली हो गई हो.
मेरे लंड को अपने हाथो में पकड़ के बोली के यह सरकम्साइज़्ड लंड तो
बहुत ही लाजवाब है और किसी छुरी (नाइफ) की तरह तेज़ भी है
गीता के पापा का फॉरेस्किन वाला है इसी लिए शाएद मुझे उतना मज़ा
नही आता जितना तुम्हारे लंड से आया है और बोली के मेरी एक ऑफीस
की फ्रेंड है जिसका नाम नेहा है वो भी बता रही थे के उसका कोई
मुस्लिम फ्रेंड है जिसने उसको चोदा है तो वो भी बता रही थी के
सरकम्साइज़्ड लंड से चुदवाने का मज़ा कुछ और ही है जिसका मुझे आज
पता चला राज तुम्हारा लंड तो सच में वंडरफुल यह तो किसी की
चू त में घुस के धूम मचा देगा.

में उनके बदन से साइड में लुढ़क गया और हम दोनो एक दूसरे से
लिपट गये सीता आंटी बोली के प्लीज़ राज्ज मुझे कभी नही छोड़ना
हमेशा मेरे साथ ही रहना आइ लव युवर मूसल लंड और मेरे लंड को
अपने नाज़ुक हाथो से पकड़ के दबाने लगी और बोली के यह शैतान आज
मेरी कुवारि गान्ड भी मार चुका है आज तक में ने किसी से भी गान्ड
नही मरवाई थी मुझे पता नही था के गान्ड मरवाने का अपने एक अलग
ही स्वाद है. हम दोनो हँसते हुए एक दूसरे से लिपटे रहे और पता नही
कब नींद आ गई और हम एक दूसरे से लिपटे लिपटे ही सो गये.

सुबह मेरी आँख सब से पहले खुली मुझे समझ में नही आ रही थी
के में कहा हू अपने दिमाग़ पे ज़ोर दिया के में कहा हू तो मुझे सीता
आंटी साइड में लेटी दिखाई दी और फॉरन ही मुझे हमारी चुदाई की
रात याद आ गई देखा तो में उनके बेड पे ही था आंटी मेरे साइड में
गहरी गेँरी सांस लेते हुए सो रही थी हम दोनो नंगे थे. मुझे याद
आया के हम दोनो के कपड़े तो टीवी रूम में ही पड़े है तो में आहिस्ता
से बेड पे से उठा और टीवी रूम की तरफ जाने लगा. विंडो पे और डोर
पे थिक कर्टन्स की वजह से लग रहा था जैसे अभी रात ही है जब
के दिन के 10 बज चुके थे. में बिना आंटी को डिस्टर्ब किए रूम से
नंगा ही बाहर आया मेरा लंड मेरे रानो के बीच में लटक रहा था
रात आंटी की इतनी मस्त टाइट चूत की चुदाई के बाद मेरा लंड भी
मस्त हो गया था. में टीवी रूम के सेंटर में आ गया अपने कपड़े उठाने
के लिए झुका ही था के उसी समय सामने के रूम में से गंगा बाहर
निकली और मुझे देखते ही उसके मूह से वाउ निकल गया और करीब आ के
थोड़ा सा झुक के अपने हाथ जोड़ के मेरे लंड की तरफ देखते हुए
प्रणाम किया और मुझे देखते हुए राज बाबू कहा यह सब ऐसे लग रहा
था जैसे वो मेरे लंड को देखते हुआ मुझे प्रणाम कर रही हो बट
उसने पहले मेरे लंड को प्रणाम किया और मुझे ( सब मिला के बन गया
प्रणाम राज बाबू ) कहा तो में गड़बड़ा गया और अपने कपड़े उठा ने
लगा. मेरी समझ में नही आया के उस से क्या बोलू. मुझे लगा जैसे
गंगा पहले ही हमारे कपड़े टीवी रूम में देख चुकी थी और शाएद वेट
कर रही थी के कौन पहले रूम से बाहर निकलता है कपड़े लेने के
लिए ताके वो उसको रंगे हाथो पकड़ के तमाशा देख सके उसकी
किस्मत अच्छी थी के उसके दर्शन मेरे मूसल लंड से हुए और अगर पहले
सीता आंटी नंगी बाहर निकल जाती तो पता नही आंटी को कितनी
एंबरस्सेमेंट होती.
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(^^d^-1$s7)
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jay
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Re: कच्ची कली

Post by jay »


वो मेरी तरफ शरारत से एक आँख बंद करके बोली के रात कैसी गुज़री
राजा बाबू मेब साहेब तो ठीक है ना यह उसने मेरे लंड की तरफ
देखते हुए कहा तो में धीरे से मुस्कुरा दिया और बोला के हा ठीक
है और गंगा से बोला के सुनो गंगा प्लीज़ सीता आंटी को नही बताना
के तुम्हें यह पता चल गया है के में आंटी को चोद चुका हू तो वो
एक आँख बंद करके शरारत से बोली के मुझे क्या मिलेगा बाबूजी तो
में अपने लंड की ओर इशारा कर के बोला के यह मिलेगा तो वो हँसने लगी
और बोली के बाबूजी यह मुझे मिलेगा तो में किसी से कुछ नही कहुगी
मुझे तो पता ही है के आप सीता और गीता दोनो मा बेटी को चोद
चुके हो. में ने कुछ नही कहा और ऐसे ही खड़ा गंगा की ओर देखता
रहा तो गंगा बोली के राजा बाबू किया में इसे हाथ में ले के देख सकती
हू तो में ने कहा ठीक है देखो और उस के करीब आने से पहले ही
मेरा लंबा मोटा लंड हाथी (एलिफेंट) की सूंड की तरह उठ के मेरे
पेट से लग गया जैसे गंगा की चूत को प्रणाम कर रहा हो गंगा की
आँखें मेरे लंड का पावरफुल एरेक्षन देख के फैल गई और गौर से
देखने लगी और बोली वाउ क्या मस्त हथ्यार पाया है राज बाबू आप ने
और बीबीजी तो मस्त हो गई होगी इस मूसल से चुद्वके और फिर वो मेरे
सामने घुटनो के बल बैठ गई और मेरे लंड को अपने हाथ में ले के
गौर से ऊपेर नीचे देखने लगी फिर अपने हाथो से लंड को दबाया और
किस करने लगी और देखते ही देखते अपना मूह खोल के लंड के टोपे को
चूसने लगी तो मेरा हाथ ऑटोमॅटिकली उसके सर पे चला गया और
में एक मिनिट की देर किए बिना ही उसके मूह को चोदने लगा. गंगा बोली
के बाबूजी यह तो मस्त टेस्टी है तो में समझ गया के कल रात को
चुदाई के बाद लंड को बिना वॉश किए ही सो गया था और गंगा मेरे
लंड पे लगी मेरी और सीता आंटी की मिक्स क्रीम को टेस्ट कर रही है.
गंगा मेरी गान्ड पे हाथ रख के मुझे अपनी ओर खेच के मेरे लंड को
लॉली पोप की तरह अपने हलक (थ्रोट) के अंदर तक ले ले के चूसने
लगी.- – गंगा का मूह
मस्ती में बहुत गरम था और में उसके मूह की गर्मी को ज़ियादा देर तक
सहन नही कर पाया और उसके हलक के अंदर तक अपना लंड घुसेड दिया
और मलाई की मोटी मोटी पिचकारीओं की धार निकलने लगी और उसके
थ्रोट में से डाइरेक्ट उसके पेट में गिरने लगी वो मेरी सारी मलाई मज़े
से खा गई. गंगा को उठाया और उसकी चुचियों को मसलते हुए उसकी
चूत को अपनी मुट्ठी में पकड़ के ज़ोर से मसल दिया तो उसके मूह से
सिसकारी निकली उूुुुुुउऊहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स
बबुउुुुुुुुुुुुुउउ वो मेरे लंड को देख के उसको चूस के मस्त तो हो
ही चुकी थी मेरे मुट्ठी में उसकी चूत आते उसने अपनी दोनो जांघों से
मेरे हाथ को ज़ोर से दबा के पकड़ लिया और उसके बदन में जैसे
एलेक्ट्रिसिटी दौड़ गई उसकी आँखें बंद हो चुकी थी और वो ज़ोर से
काँपने लगी और झड़ने लगी.

में दोनो के कपड़े उठा के सीता आंटी के बेडरूम में आया और उनकी
नाइटी बेड पे रख दिया वो अभी भी गहरी नींद सो रही थी उनकी नंगी
चुचियाँ समंदर की लहरो की तरह से ऊपेर नीचे हो रही थी और
साथ में उनका मंगल सूत्र जो राइट साइड की निपल से चिपका हुआ था
वो भी ऊपेर नीचे होने लगा. में अपने कपड़े पहेन के रूम के बाहर
निकल गया और गंगा को फिर से बोला के देखो सीता आंटी को पता ना
चलना चाहिए गंगा तो उसने अपना सर हा में हिलाया और बोली के राज
बाबू में आज शाम में आपके पास आउन्गि आपको काम वाली चाहिए ना तो
उसी बारे में बात करना चाहती हू और काम देखना चाहती हू और आज
पहली तारीख भी है ना तो में आज से ही आपका काम सुरू करदेना
चाहती हू तो में खुश हो गया और कहा के ओह गंगा में बहुत खुश
हू के तुम मेरे घर काम करने को रेडी हो गई हो तुम यहा का काम
ख़तम करके मेरे घर पे आ जाना तुम्हें पता तो है ना मेरे घर का
तो उसने कहा के हा आपका घर देखा है और हँसते हुए बोली के पर
अंदर से नही देखा आज देख लुगी तो में भी हँसने लगा और बोला के
में तुम्हारा वेट करूगा और बाहर निकल के अपनी बाइक स्टार्ट करके अपने
घर की ओर चल दिया रास्ते में गंगा की चूत और चुदाई का सोचते
सोचते घर पहुँच गया और गरम गरम पानी का शवर लिया और बेड पे
लेट ते ही गहरी नींद सो गया.

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Re: कच्ची कली

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सीता आंटी की आँख खुली तो 11 बज चुके थे. उनका सर भारी लग
रहा था अपने आप को देखा तो पता चला के वो तो नंगी है फिर उनको
रात की चुदाई याद आई और सीता आंटी के होंठो पे ऑटोमॅटिकली एक
सेक्सी मुस्कान आ गई. कपड़े उनके पास ही पड़े थे वो कपड़े पहेन के
बाहर निकली तो गंगा किचन में सफाई कर रही थी तो सीता आंटी ने
पूछा कब आइ तो गंगा बोली के बस अभी अभी आइ हू बीबी तो सीता
आंटी ने इम्तमिनान का सांस लिया और सोचा के शाएद राज के चले जाने के
बाद ही गंगा आई होगी और उसको पता नही चला होगा के रात राज
मेरे साथ ही सोया था. गंगा ने कहा बीबी रात बहुत बारिश हुई ना तो
सीता आंटी ने कहा हा बहुत बारिश हुई और बिजली भी तो बहुत ज़ोर से
कड़क रही थी. सीता आंटी समझी नही के गंगा का मतलब कौन सी
बारिश से था गंगा का मतलब था के बहुत चुदाई हुई और चूत में
मलाई की खूब बारिश हुई पर सीता आंटी को गंगा की बात समझ में
नही आई थी. सीता आंटी गंगा से बोली के गंगा आज मेरा सारा बदन
टूट रहा है एक बढ़िया सी कड़क चाइ बना दो में अभी शवर ले के
आती हू. गंगा ने बोला के ठीक है बीबी हो सकता है के बारिश की
वजह से आप को गहरी नींद आई होगी तो सीता आंटी ने कहा हा गंगा
में बहुत थक्क गई थी और फिर बहुत बारिश भी हुई ना तो में बहुत
गहरी नींद सो गई और देर से भी उठी इसी लिए शाएद बदन टूट रहा
है गंगा ने कहा अगर आप कहो बीबी तो में आपके बदन की मालिश
कर दूं तो सीता आंटी कुछ सोचने लगी फिर बोली के अभी नही फिर कभी
कर देना अभी तो सिर्फ़ चाइ ही पिल दो तो गंगा ने कहा ठीक है अभी
चाइ बना के लाती हू बीबी और किचन में जाते जाते उसके होटो पे एक
मुस्कुरहट थी पता नही यह मुस्कुराहट सीता आंटी की चुदाई को जान
के हुई थी या आज राज के लंबे मोटे लंड से चुदवाने का ख़याल आ
गया था. –

शाम 3 बजे के करीब जब गंगा काम ख़तम करके जाने को रेडी हो
रही थी तो फिर से हल्की हल्की बारिश स्टार्ट हो गई थी. सीता आंटी ने
गंगा से कहा गंगा आज से राज के घर जाओगी क्या तो गंगा ने कहा
हा बीबी आज पहली तारीख है ना तो में राज बाबू के घर काम करने
को तैयार हू और वही जा रही हू और उनका काम भी देख लुगी और आज
से काम भी चालू कर दुगी उनके घर के करीब ही तो बस स्टॉप भी है
वहाँ से अपने घर चली जाउन्गि. गंगा ने पूछा राजा बाबू को यहा आने
के लिए बोलू क्या बीबीजी? तो सीता आंटी एक मिनिट के लिए कुछ सोचने
लगी फिर बोली नही रहने दो आज छुट्टी है ना तो हो सकता है राज
आराम कर रहा होगा और अभी तो में भी सोने जा रही हू पता नही
राज फ्री होगा या नही तुम जाओ राज को में बाद में फोन कर लुगी तो
गंगा अपनी सारी संभालती हुई बाहर निकल के सड़क पे आगई. सीता
आंटी के घर से मेरा घर ऑलमोस्ट 15 मिनिट की वॉकिंग डिस्टेन्स पे
था. गंगा अभी आधा ही रास्ता आई थी के बारिश तेज़ी से होने लगी
और देखते ही देखते बहुत ही ज़ोर से होने लगी और गंगा का बदन
पूरी तरह से भीग गया पर बारिश का ठंडा पानी भी गंगा के
गरम बदन को ठंडा नही कर सका और वो मुस्कुराती मेरे घर की ओर
बढ़ती रही जैसे बारिश में नही चाँदनी रात में आराम से टहल
रही हो.
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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Re: कच्ची कली

Post by jay »

में गहरी नींद सो रहा था डोर बेल की आवाज़ सुनाई दी तो मेरी
आँख खुल गई पहले तो मेरी समझ में नही आया के यह क्या आवाज़ आ
रही है थोड़ी देर बाद गौर से सुना तो पता चला के कोई बेल बजा
रहा है तो में बेड से खड़ा हो गया घड़ी देखा तो 4 बजने के करीब
था. बाहर के आवाज़ से मालूम हो रहा था के अभी बारिश बहुत ज़ोर से
हो रही है. में बेड से नीचे उतर के खड़ा हो गया अपने आप को
अलमारी के मिरर मे देखा तो पाया के में नंगा हू पास पड़ा हुआ
टवल उठा के अपने बदन पे लपेट लिया और डोर की तरफ चला गया.
डोर खोला तो देखा के गंगा खड़ी है एक दम से गीली बारिश में
पूरी तरह से भीग चुकी है उसके बदन और कपड़ो से पानी टपक
रहा है उसका ब्लाउस उसके बदन से चिपका हुआ था जिस्मै से उसकी
चुचियों की गोलियाँ और उभरे हुए निपल सॉफ नज़र आ रहे थे. में
ने उसका हाथ पकड़ के जल्दी से डोर के अंदर खेच लिया और डोर बंद
कर दिया बारिश बाहर बहुत ज़ोर से हो रही थी और गहरे बादल छाए
हुए थे जिस से बाहर ऑलमोस्ट अंधेरा हो गया था. अफ गंगा तुम तो
बिल्कुल भीग चुकी हो तुम्हें सर्दी लग जाएगी एक मिनिट ठहरो में
अभी टवल ले के आता हू तुम तब तक अपने कपड़े उतार लो में कुछ लेके
आता हू तुम कपड़े चेंज कर लेना और में दौड़ता हुआ अपने कमरे की
तरफ चला गया और एक नया टवल हाथ में ले के आ गया इतनी देर
में गंगा अपने कपड़े उतार के वही फ़राश पे डाल चुकी थी और नंगी
खड़ी थी. उसके सारे बदन से पानी टपक रहा था निपल्स पे भी दो
ड्रॉप्स पानी के चमक रहे थे. गीली गंगा बहुत सुंदर लग रही थी.
खुलता हुआ सवला रंग, गीले बॉल पीछे पड़े हुए थे चुचियाँ ऊपेर
नीचे हो रही थी. उसकी मस्त रानो के बीच में उसकी चूत जिसपे
बहुत थोड़े से काले काले झांट थे और झतो के नोक पे भी पानी के
ड्रॉप्स ऐसे चमक रहे थे जैसे हीरे (डाइमंड) हो मेरे सामने गीली
गंगा खड़ी हुई थी और मुझे घूर घूर के ऐसे देख रही थी जैसे
मुझे कचा ही खा जाएगी. – .

में उसके करीब आ गया और उसको टवल दिया और बोला के अपने बदन को
पौंछ लो वो कुछ नही बोली बॅस मेरी तरफ ही घूर घूर के अपनी
नशेली नज़रो से ऐसे देख रही थी जैसे कोई जानवर अपने शिकार को
देखता है और मेरे हाथ से टवल को ले के दूर रखी चैर पे फेक
दिया और मेरे करीब आके मेरा टवल भी खेच के निकाल लिया और बोली
के सुबह से तुम्हारे लंड ने मुझे पागल किया हुआ है बाबू जब से
तुम्हारा लंड का दर्शन हुआ है मेरी चूत में आग लगी हुई है बहुत
तडपाया है तुम्हारे मूसल ने मुझे और बोली के में तो ऊपेर और अंदर
से पूरी तरह से गीली हू बाबू और मुझ पे भूकि शेरनी की तरह
झपट पड़ी मुझे दबा के पकड़ लिया और मेरे कुछ सोचने और समझने
से पहले ही मेरे होटो पे अपने होन्ट टीका दिए और मेरे होन्ट काटने
लगी और मेरा मूह ऑटोमॅटिकली खुल गया और हम मस्ती भरा किस
करने लगे एक दूसरे की जीभ चूस्टे रहे और उसी समय मेरा लंड एक
झटका मार के खड़ा हो गया और स्प्रिंग की तरह से मेरे पेट से जा
लगा.

उसका गीला बदन भी बहुत गरम था शाएद वासना की आग में जल रहा
होगा. गंगा मुझ पे दीवानो की तरह झपट पड़ी और मुझे अपनी बाँहों
में पकड़ लिया और मुझे पलटा के दीवार से लगा के दबा दिया और ज़ोर
ज़ोर से किस करने लगी और अपने बदन को मेरे बदन से रगड़ने लगी.
मेरे मूह में अपनी जीभ घुसेड डाली जिसे में भी ज़ोर ज़ोर से चूसने
लगा और फिर मेरी जीभ को वो भी ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी. मेरा
लंड हम दोनो के बदन के बीच में सॅंडविच बन गया था. गंगा की
नाभि के पास मेरे लंड का सुपाडा था और वो अपने बदन को मेरे बदन
से रगड़ रही थी. मेरे लंड से प्री कम के ड्रॉप्स निकलना शुरू हो
गये थे. गंगा इतनी गरम हो गई थी के उसका बदन एक ही मिनिट के
अंदर ड्राइ हो चुका था. वो मेरी ज़बान को कुछ इस तरह से चूस रही
थी जैसे मेरी ज़बान को खाज़ाएगी. उसकी मस्त चुचियाँ मेरे सीने से
चिपक के दब्ब गई थी.

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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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