कच्ची कली compleet

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jay
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Re: कच्ची कली

Post by jay »

में अपने दोनो पैर उसके गर्दन से
लपेट के अपनी ओर खेच लिया और उसका सर पकड़ के एक ही स्ट्रोक में
अपना लंड उसके मूह के अंदर घुसेड दिया और अपने चूतड़ उठा के उसके
मूह को चोदने लगा थोड़ी देर के बाद में ने उसके बदन पे ठप
थपाया और वो इशारा समझ के मेरे ऊपेर 69 की पोसितों में आ गई
तो में ने अपना हाथ बोल में डाल के मिक्स्चर निकाल के उसकी चूत पे
लगा दिया लक्ष्मी मेरे ऊपेर झुक के मेरे लंड को चूस रही थी इस
पोज़िशन मे उसके गले से झूलता मंगल सूत्र मेरे लंड से लग रहा
था तो उसने अपने मंगल सूत्र को मेरे लंड के डंडे पे गोल गोल 3 – 4
बल दे के लपेट दिया और अपने हाथ से पकड़ के लंड को मूठ जैसा
मारने लगी लंड का
सुपाडा उसके मूह में था और वो लंड का सुपाडा उसके मूह के अंदर था
जिसे वो चूस रही थी और लंड के डंडे को पकड़ के मेरा मूठ मार
रही थी उसका हाथ मंगल सूत्र पे था जिस से मुझे कुछ ज़ियादा ही मज़ा
आ रहा था मुझे लगा के में तो अब जल्दी झड़ने वाला नही हू तो में
उसके चुतडो को पकड़ के अपने मूह पे उसकी चूत को करीब ला के
चूसने लगा और काटने लगा उसकी गान्ड में मक्खन का मिक्स्चर लगा के
एक उंगली डाल दिया तो उसका बदन एक झटका खा गया और मेरे मस्ती में
अपने गान्ड उठा उठा के चूत से मेरे मूह को ज़ोर ज़ोर से मार मार के
चोदने लगी लक्ष्मी की चूत के दाने को दाँतों से काटा तो वो फिर से
काँपने लगी और सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स अहह
ब्ब्ब्बाआआआआआआबुउुुुुुुुुुुुुुुउउ की आवाज़ के साथ ही मेरे मूह
में झड़ गई और बे दम हो के मेरे बदन पे ही गिर गई लंड उसके मूह
में ऐसे ही पड़ा रहा लक्ष्मी के मूह में अब उस में लंड चूसने की
ताक़त भी नही थी

में लक्ष्मी के चूतड़ पे धीरे से सहलाया और इशारा किया तो वो अब
पलट के अपने पैर घुटने से मोड़ के मेरे थाइस पे बैठ गई लक्ष्मी
के सामने मेरा लंड हिल रहा था तो उसने एक बार फिर से क्रीम और जैम
का मिक्स्चर अपने हाथ में ले के लंड पे अच्छी तरह से लगा दिया और
मेरे मूसल जैसे लंड पे बैठने लगी आआआअहह
क्या टाइट चूत थी उसकी लंड धीरे धीरे अंदर घुस रहा था और
लक्ष्मी की आँखें बंद थी
लंड क्रीम और जैम के मिक्स्चर के साथ उसकी चूत में घुस गया
और उसके बच्चे दानी से टकराने लगा अब लक्ष्मी मेरे लंड पे उछलने
लगी जिस से उसके मस्त टाइट चुचियाँ भी डॅन्स करने लगी तो में उनको
पकड़ के मसलने लगा और निपल्स को अपने उंगली और अंगूठे में
पकड़ के निचोड़ दिया तो वो मज़े में चिल्लाने लगी आआआआअहह
राआआजजजज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज बाआआआबुउुुुुुुुुुुुुुुउउ किय्ाआआआअ
मस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्त लुउन्न्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड हाआआआआऐईईईईईईई
आआआआआअहह अब में उसको झुका के मक्खन और जैम के
मिक्स्चर को उसके छातियों पे मलना शुरू कर दिया और फिर उसके
छातियों को चूसना शुरू कर दिया आआआअहह क्या मस्त चुचियाँ थी
उसकी एक दम से टाइट गंगा से भी अच्छी थी उसकी चुचियाँ लगता है
सावित्री के पति ने उसकी छातियों को ज़ियादा नही दबाया होगा
लक्ष्मी को झुका के अपने चूतड़ उठा उठा के उसको मस्त तरीके से चोद
रहा था मेरा मूसल लंड से उसकी चूत भर गयी थी और चूत के
आस पास के मसल्स से चूत का सुराख पूरी तरह से खुल चुका था
जैम और क्रीम का मिक्स्चर पूरे का पूरा उसकी चूत के अंदर चला
गया था ऐसी पोज़िशन में लंड बहुत अंदर तक उसकी चूत में घुस
चुका था उसकी आँखे बंद हो गई थी और लक्ष्मी की आँखो से मस्ती
के आँसू निकल रहे थे
Read my other stories

(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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jay
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Re: कच्ची कली

Post by jay »

लक्ष्मी भी इतने टाइम झाड़ जाने के बाद फिर से मस्ती में आ गई थी और
आआआहह राआाजजजजाआाआआआ बाआआआआआब्ब्ब्बबू उूुउउ
आईसीईए हीईईईईईई आअहह आईसीईई हीईईई
चूद्ददडूऊऊऊ ऊऊओिईईईईईईई म्म्म्मीमममममाआआआआअ आअहह ऐसे ही
आवाज़ें निकाल रही थी तो में फिर से बिना लंड उसकी चूत से निकाले
के पोज़िशन चेंज किया और उसको नीचे लिटा दिया उसके पैर मेरी कमर
से लिपट गये और अपने पैरो को में पीछे की ओर लंबा कर के अपनी
गान्ड उठा उठा के लंड को पूरा उसकी चूत से बाहर निकाल निकाल के
धना धन्न चोद ता रहा ख्हकचह कक्खाआकचह और तप्प
तप्प की आवाज़ें कमरे में गूँज रही थी और लंड को पूरा सुपाडे
तक बाहर खेच खेच के चोदने लगा तो वो मेरे से लिपट गई और अपने
बड़े से मंगल सूत्र को मेरी गर्दन के पीछे से मेरे सर में पहना
दिया अब पोज़िशन ऐसी थी के मंगल सूत्र हम दोनो के गले में एक साथ
फँसा हुआ था
में घचा घच चोद रहा था और मेरी स्पीड बढ़ गई थी मुझे
लगने लगा था के अब मेरी मलाई निकलने वाली है दोनो के बदन
पसीने से भर चुके थे मेरे मूह पे से पसीना बह के उसके चेहरे
पे गिरने लगा कोई कोई ड्रॉप उसके मूह पे गिर जाता तो वो अपनी ज़ुबान
बाहर निकाल के मेरे पसीने को चाट जाती में बहुत ही ज़ोर ज़ोर से
चोद रहा था और लक्ष्मी आआआअहह
बाआआआअब्ब्ब्ब्ब्बबबुउुुुुुुुुुुुुउउ उूुुुुुउउफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़
म्म्म्ब्माआऐययईईईईईईईईई माआआररर्र्र्र्र्र्र्र्ररर
ज़ाआआवउऊउगगगगगगगगगीइइई आआआआहह
कीिय्ाआआआआआआआआआअ माज़ाआआआआआ हाआईईईई
बबुउुुुुुुुुुुुुुुुुुउउ ऊऊऊीीईईईईईईईईई हहाआआईईईईई
मीररीईईईईईईईईईई म्म्म्मा आआआआआआआआआ वो मेरे बदन से बेल की
तरह से लिपटी हुई थी पकच पकच की आवाज़ें कमरे में गूँज
रही थी और फिर में ने पूरे लंड को बाहर निकाल के एक बहुत ही ज़ोर
का झटका मारा तो लक्ष्मी का मूह खुला रह गया और उसके मूह से
हहाआआआआआऐईईईईईईई म्म्म्मआमममममाआआआआआआआअ निकला
और फिर से उसकी आँखों से आँसू निकल के उसके गाल से होते हुए
नीचे गिरने लगे उसने मुझे बहुत ज़ोर से पकड़ रखा था और एक
फाइनल झटका मारा लंड को पूरा बाहर खेच के लंड उसकी चूत में
घुस के बच्चे दानी को ज़ोर से टकराया और मेरे लंड में से गरम
गरम मलाई की मोटी मोटी पिचकारियाँ निकल के उसकी चूत को भरने
लगी और उसी समय लक्ष्मी का बदन में भी बिजली के झटके लगने लगे
और वो झड़ने लगी सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआअहह औसे
आवाज़ें निकालने लगी और थोड़ी ही देर में दोनो शांत हो गे
में उसके बेजान बदन पे
ढेरे हो गया और दोनो गहरी गहरी साँसें लेने लगे थोड़ी देर के
बाद जब हमारा ऑर्गॅज़म थम गया और दोनो अपने अपने सेन्सस में वापस
आ गये तो लक्ष्मी मेरे चेहरे को शोल्डर को गर्दन को बे तहाशा
चूमने लगी और में भी उसके बदन के हर हिस्से को चूमने लगा
जैसे इतनी मस्त चुदाई का जशन मना रहे हो और एक दूसरे को अन -
देखी लॅंग्वेज में थॅंक यू कह रहे हो

थोड़ी देर के बाद में लुढ़क के उसके साइड में लेट गया और एक दूसरे
की बाँहों में बाहें डाले हम पता नही कब गहरी नींद सो गये पता
नही कितनी देर हो चुकी थी और क्या टाइम हुआ था ऐसे लग रहा था
जैसे कोई लक्ष्मी को बहुत दूर से पुकार रहा हो आँख खुली तो देखा
गंगा बेड के साइड में शरारती मुस्कुराहट लिए खड़ी है में और
लक्ष्मी दोनो बिस्तर पे नंगे पड़े गहरी नींद सो रहे थे इतने में
लक्ष्मी की आँख भी खुल गई गंगा लक्ष्मी से पूछ रही थी क्या है री
ऐसी कितने टाइम चुदवा है जो इतनी गहरी नींद सो रही है कुछ
राज बाबू को खाना वाना भी खिलाया या सारा दिन बस चुदवाती ही रही
लक्ष्मी ने कोई जवाब नही दिया लक्ष्मी के चेहरे पे भी एक सुकून लग रहा
था जैसे आज से पहले कभी इतने गहरी नींद नही सोई हो
घड़ी देखी तो पता चला के शाम
के 7 बज चुके है अफ तो किया हम 6 घंटे तक सोते रहे ? गौर किया
तो पता चला के हम ने लंच भी नही लिया है और खाना भी बना हुआ
नही है गंगा बोली के फिकर ना करो बाबू में अंदर आ के किचन
में देख चुकी थी के लक्ष्मी ने खाना नही बनाया तो में समझ गई के
इसे फुक्कत का लंड मिल गया तो इस ने सारा दिन चुदवाया होगा और में
पास वाले होटेल से चिकन खोरमा, टोमतो की चटनी और चिकन
बिरयानी के 6 पार्सल ले के आई हू और आँख दबा के बोली के आज रात
में कही भूक लग गई तो स्टॉक तो होना चाहिए ना तो हम दोनो के
चेहरे पे मुस्कुराहट दौड़ गई
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Re: कच्ची कली

Post by jay »


मेरे बदन पे लक्ष्मी के दाँतों से काटने के निशान नज़र आ रहे थे
जहा जहा उसने मस्ती में काटा था तो गंगा यह निशान देख के बोली
अरी लक्ष्मी तू ने क्या हालत बना दी है राज बाबू की तो उसने बोला के तू
ने भी तो काट खाया था इनके शोल्डर को देख अभी तक तेरे काटे का
निशान बाकी है तो गंगा भी मुस्कुराने लगी में और लक्ष्मी दोनो नंगे
ही बाथरूम में शवर लेने के लिए घुस गये और एक दूसरे को अच्छी
तरह से साबुन मल के नहलाने लगे

बाथरूम से बाहर निकल के दोनो ने एक दूसरे का बदन टवल से पूछा
और नंगे ही डाइनिंग टेबल की तरफ चले गये गंगा टेबल पे खाना
लगा चुकी थी में और लक्ष्मी तो नंगे ही थे जैसे ही गंगा करीब
आई लक्ष्मी ने उसे पकड़ के उसके कपड़े निकाल दिए और बोली के तुझे
शरम नही आती में और राज बाबू दोनो ही नंगे है और तो बड़ी मेमसाब
जैसे कपड़े पहेने घूम रही है तो उसने हँसते हुए कहा के अरी
पगली मेरी चूत को देखे गी तो पता चलेगा के वो तो समंदर जैसी
गीली हो रही है और सुबह से ही ( मेरे लंड की तरफ इशारा कर के
बोली )
इस मूसल लंड से चुदाई का सोचते सोचते में 4 – 5 टाइम तो ऑलरेडी
झड़ चुकी हू और मेरी चूत में तो भट्टी जैसे आग लगी हुई है अब
इस चूत की आग बुझाने का टाइम आ गया है और अपने कपड़े खुद ही
निकाल के नंगी ही आ के अपनी कुर्सी पे बैठ गई और हम तीनो ने
खाना खाया उसके बाद लक्ष्मी कॉफी बना ने किचन में चली गई तो
गंगा मेरे सामने आ के खड़ी हो गई और मेरी आँखों में आँखे
डाले घूर घूर के देखते हुए सीधे मेरे आकड़े हुए लंड पे अपनी
चूत टीका के बैठने लगी

डाइनिंग चेर बैठने की जगह पे गोल थी और बिना हत्थे ( विदाउट
हेड रेस्ट ) वाली थी इसी लिए वो मेरी कुर्सी के ऊपेर से ही दोनो
तरफ अपनी दोनो टाँगें रख के अपनी चूत के सुराख को मेरे लंड के
चिकने सुपाडे पे टीका दिया और डाइरेक्ट मेरे लंड पे बैठने लगी मेरा
लंड तो अच्छा ख़ासा रेस्ट ले चुका था और अपने सामने दो दो नंगी
लड़कियों की मस्त चुचियाँ और गरम गरम रसीली चूते देख के वो
तो किसी साँप की तरह से फपकारने लगा था और जोश में हिल रहा
था जैसे दोनो चूतो को प्रणाम कर रहा हो जिसे गंगा ने अपने हाथो से पकड़ के अपनी
भट्टी जैसे गरम और समंदर जैसी गीली चूत में घुसेड लिया था
और में उसके मम्मे चूसने और दबा ने लगा गंगा ने अपने हाथ मेरी
गर्दन में डाल दिए मुझ से चिपक गई और मेरे लंड पे उछलने लगी
जिस से उसके चुचियाँ भी डॅन्स करने लगे और साथ में उसका मंगल
सूत्र भी डॅन्स करने ल्गा और गंगा ने भी वोही लक्ष्मी वाली हरकत की
अपने मंगल सूत्र को पकड़ के मेरे सर में डाल दिया जिस से एक मंगल
सूत्र हाँ दोनो के गर्दानो में अटक गया था गंगा सुबह ही से मेरी
और लक्ष्मी की चुदाई का सोचते सोचते बहुत ही गरम हो चुकी थी और
मेरा लंड जो उसके चूत के बहुत अंदर तक घुस के उसकी बच्चे दानी
से टकरा रहा था उसपे 4 – 5 टाइम उछल ते ही मुझ से ज़ोर से लिपट
गई उसकी चुचियाँ मेरे सीने से चिपक गई और उसकी किशमिश जैसी
घुंडी मेरे सीने के बालों से रगड़ खा के अकड़ने लगी और उसकी
आँखें बंद हो गई और उसका बदन कापने लगा और वो मेरे लंड पे ही
एक सिसकारी भरते हुए ऊऊऊऊऊऊऊऊ
सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ऊऊऊऊऊऊओह कहते हुए झड़ने
लगी मुझे बहुत ही टाइट पकड़ा हुआ था उसने और मुझे मेरे लंड पे
महसूस हो रहा था के उसकी टाइट चूत मेरे मोटे लंड को कस्स के
पकड़े हुए है मेरी
क्रीम तो अभी नही निकली थी पर वो झाड़ के मेरे लंड को अपनी चूत
के अंदर रखे रखे बंद आँखो से गहरी गहरी साँसें लेती हुई
ऐसे ही बैठी रही मेरा लंड गंगा की चूत में किसी खंबे की
तरह से गढ़ा हुआ था जिसे गंगा की चूत मे मसल्स निचोड़ रहे थे
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( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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Re: कच्ची कली

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गंगा मेरे तने हुए लंड पे ही बैठी रही हम दोनो एक दूसरे के
साथ मस्तियाँ कर रहे थे एक दूसरे को बेतहाशा चूम रहे थे में
उसके चुचियों को दबा देता कभी मूह में ले के चूसने लगता तो कभी
उसके निपल्स को दाँतों से काट डालता कभी वो खुद अपनी चुचियाँ अपने
हाथो से पकड़ के मेरे बालो भरे सीने से रगड़देती जिस से उसके
निपल्स और खड़े हो जाते इतने में लक्ष्मी कॉफी बना के ले आई और
दोनो के हाथ में कप थमा दिए और बोली गंगा तेरी मलाई तो निकल
गई होगी तू थक्क चुकी है अब थोड़ी सी गरम गरम कॉफी पि ले ता
के तेरी चूत में और जान पड़ जाए तो गंगा हंस के बोली के इतना
मस्त लंड चूत के अंदर घुसा हो तो चूत के अंदर खुद बा खुद जान
पड़ जाती है फिर हम सब हँसने लगे

अब मंगल सूत्र गले में पड़े पड़े कॉफी पीना मुश्किल हो रहा था इसी
लिए उसने मंगल सूत्र मेरे सर से निकाल दिया और उसका मंगल सूत्र उसके
चुचियों के बीच में झूलने लगा लक्ष्मी और गंगा के मंगल सूत्र
काफ़ी बड़े थे इतने बड़े में ने बहुत कम औरतो के देखे शाएद उनके
गाओं में ऐसे ही मंगल सूत्र पहनते होगे गंगा मेरे लंड पे बैठे
बैठे कॉफी पीने लगी तो लक्ष्मी ने कहा क्यों गंगा ऐसे लंड पे
सवारी करते करते कॉफी पीना कैसा लग रहा है तो गंगा बोली ऐसे
कॉफी पीने का मज़ा तो कुछ और ही है तू भी किसी दीन ऐसे ही मस्त
लंड पे बैठ के पी के देख तो पता चलेगा के चूत में लंड ले के
कॉफी पीने में कितना मज़ा है और फिर दोनो हँसने लगे कॉफी ख़तम हो गई तो मेरे लंड
पे से उठे बिना ही उसने अपना हाथ पीछे कर के दोनो के कप्स टेबल पे
रख दिए और अपनी जीभ मेरे मूह में डाल दी और हम दोनो एक दूसरे
को किस करने लगे और कॉफी का मज़ा लेने लगे

लंड गंगा की चूत में इतना टाइट फँसा हुआ था जिस से उसका निकला
हुआ जूस भी चूत के अंदर ही रुका हुआ था और बाहर नही निकला
था थोड़ी देर के बाद गंगा मेरे लंड पे से उठी तो उसकी चूत में
जमा हुआ जूस ऐसे गिरने लगा जैसे किसी ने नल खोल दिया हो और सारा
जूस निकल के मेरे लंड पे से बहता हुआ नीचे गिरने लगा तो वो
जल्दी से नीचे फ्लोर पे मेरे दोनो पैरो के बीच में बैठ गई और
मेरे लंड को एक दम से अपने मूह में भर के चूसने लगी मेरे लंड
पे लगे अपनी मीठे जूस को वो मज़े से चटखारे ले ले के चाटने
लगी और मेरे लंड को लॉली पोप की तरह से चूसने लगी में ने उसका सर पकड़ के अपनी गान्ड
उठा के उसके मूह को छोदना शुरू कर दिया इतने में लक्ष्मी मेरे सामने आ
के खड़ी हो गई तो में उसकी चुचियों को मसलने लगा और उसकी पेट पे
किस किया फिर उसकी नाभी पे किस किया मेरे मूह से उसकी चूत का लेवल
सही नही था तो उसने करीब पड़ा हुआ एक छोटा सा स्टूल उठा लिया और
उसपे खड़ी हो गई तो में उसकी चूत पे किस करने लगा और अब लक्ष्मी
ने मेरे सर को पकड़ के अपने टाँगें खोल के अपनी चूत को मेरे मूह
से रगड़ने लगी उधर गंगा मेरे लंड को मज़े से चूसने में बिज़ी थी

अब मेरा एक हाथ गंगा के सर पे था और दूसरा हाथ लक्ष्मी की गान्ड पे
जिसे में खेच के उसकी चूत से निकालता हूआ रस्स पी रहा था लक्ष्मी की
आँखें बंद हो चुकी थी और मस्ती में मेरे मूह की चुदाई कर रही
थी और ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत को मेरे मूह पे मारने और रगड़ने लगी
और मेरे सर को अपने हाथो से पकड़ के अपनी चूत में घुसा लिया और
दबा के पकड़ लिया और उसका बदन एलेक्ट्रिक के झटके खाने लगा
और उसके चूत में से मीठा मीठा जूस निकलने लगा जिसे में पी
गया और वो शांत हो गई
गंगा मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से चूस रही थी में इतना मस्त होगया
था के अपनी कुर्सी से खड़ा होगया और नीचे बैठी हुई गंगा का सर
पकड़ के उसका मूह बड़ी ज़ोर ज़ोर से छोदने लगा लंड उसके हलक के
अंदर तक घुसा के वापस निकाल के चोद रहा था और अब मेरी मलाई
निकलने का टाइम आ गया था तो में गंगा के मूह को ज़ोर ज़ोर से चोदने
लगा और वो भी लॉली पोप जैसे ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी जिस से उसकी
चुचियाँ और उसका मंगल सूत्र दोनो साथ में डॅन्स कर रहे थे मेरी
आँख बंद हो गई और दिमाग़ में लाखों पटाखे फूटने लगे और
में ने अपने लंड को गंगा के हलक के सुराख तक घुसेड दिया और उसी
समय मेरे बॉल्स में हल चल मचाती हुई गरम गरम मलाई की मोटी
मोटी पिचखारियाँ निकलती हुई सीधे उसके हलक में गिरने लगी जिसे
वो बड़े मज़े से गटक गई और धीरे धीरे मेरे धक्के कम होने
लगे और में वापस अपनी कुर्शी पे बैठ गया मेरी साँसें तेज़ी से
चल रही थी और आँखें बंद थी बदन सारा पसीने में शरबूर
हो गया था मेरी मलाई निकलना बंद हो गई और लंड भी नरम पड़ने
लगा था पर गंगा ने मेरा लंड अपने मूह से बाहर नही निकाला और वो
लंड को कंटिन्यू ऐसे ही चुसती जा रही थी उसके
गरम मूह के स्पर्श से मेरे मुरझाए लंड में फिर से जान पड़ने
लगी और 5 मिनिट के अंदर ही मेरा लंड वापस मूसल की तरह सख़्त
और रॉकेट की तरह से सीधा खड़ा हो गया
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( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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में ने गंगा को उसके बगल से पकड़ के उठाया और अपनी दोनो बाँहों में
दोनो को ले के बेडरूम में आ गया गंगा ने लक्ष्मी से बोला के देख
लक्ष्मी तुझे तो राज बाबू सुबह से चोद रहे है और में राजा बहू की
चुदाई की भूकी हू और अभी भी मेरी चूत प्यासी है तो अब थोड़ी देर
तू मुझे ही चुदवाने दे और तू आराम कर और देख हमारी चुदाई यह
सुनते ही लक्ष्मी का मूह लटक गया वो समझी के अब सिर्फ़ गंगा ही
चुदवाएगी तो में ने कहा क्यों फिकर करती हो हम तीनो मज़े
करेंगे में तुम दोनो को चोद के खुश करदूँगा हम तीनो मिल कर
चुदाई करते है और इसे इंग्लीश में थ्रीसम कहते है इतना सुनते
ही लक्ष्मी का चेहरा चौदहवीं के चाँद की तरह से चमकने लगा लगता
है लक्ष्मी की चूत गंगा की चूत से ज़ियादा गरम और प्यासी है और
सच तो यह है दोस्तो के लक्ष्मी की उमर भी गंगा से कम है और उसकी
चुचियाँ भी छोटी और चूत तो आअहह इतनी टाइट चूत बॅस गीता की
ही चोदि थी उसके बाद लक्ष्मी की चूत सब से छोटी मिली है चोदने को


मेरा लंड तो रॉकेट की तरह से तय्यार खड़ा था मुझे गंगा ने बेड
पे चित्त लिटा दिया और उसके कुछ करने से पहले ही लक्ष्मी जल्दी से मेरी
टाँगो के बीच आ के बैठ गई और मेरे लंड को अपने मूह में ले के
चूसने लगी तो गंगा हंस के बोली लक्ष्मी तो बहुत बेसब्री है रे ऐसा
लगता है जानम जनम की प्यासी है तो लक्ष्मी ने मूह से बिना लंड
निकाले उसकी तरफ आँख घुमा कर देखा उसकी आँखो में चमक से
सॉफ पता चल रहा था के वो लंड चूसने से कितनी खुश है में ने
गंगा से कहा के इधर आ जाओ और मुझे तुम्हारी प्यारी चूत का अमृत
तो पिलाओ तो वो बेड के ऊपेर चढ़ के आ गई और मेरे सर के दोनो तरफ
अपने घुटने मोड़ के मेरे मूह पे बैठ गई तो में हाथ बढ़ा के उसके
मम्मे मसलने लगा निपल्स को निचोड़ने लगा और उसकी गरम रसीली
चूत को चूसने लगा
गंगा मेरे मूह पे बैठी अपनी चूत रगड़ रही थी और फिर अपने हाथ
सामने की ओर कर के ऐसे पोज़िशन में थी के उसकी गान्ड लक्ष्मी के मूह के
सामने आ गई थी गंगा मस्ती में चूर थी और बहुत ज़ोर ज़ोर से
अपने चूतड़ उठा उठा के मेरे मूह को चोद रही थी मेरे दाँतों से
उसकी क्लाइटॉरिस रगड़ खा रही थी तो वो मस्ती में दीवानी हुई जा रही
थी और गंगा के मूह से आआआआआहह
सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ऊओह और आआआअ हह
जैसी आवाज़ें निकल रही थी और घुटनो के ऐसे ही बेड पे रखे दोनो
हाथ आगे की तरफ टीका के घोड़ी जैसी पोज़िशन बना के आगे पीछे
मस्ती में हिल रही थी और मेरे मूह से चुदवाइ का मज़ा ले रही थी
लक्ष्मी गंगा की गान्ड को
गौर से देख रही थी और देखते देखते लक्ष्मी की राइट हॅंड की बीच
वाली उंगली गंगा की गीली चूत में घुस गई और लक्ष्मी गंगा की चूत
में उंगली डाल के चोद रही थी चूत में गोल गोल घुमा रही थी
गंगा की चूत से तो रस्स की बरसात हो रही थी उसकी आँखें मस्ती
में बंद हो गई थी और मूह से सिसकारियाँ निकल रही थी इतने में
लक्ष्मी ने उंगली में से चूत का रस्स निकाल के गंगा की गान्ड के छेद में
लगाना शुरू किया और उसी उंगली से थोड़ी देर गान्ड मारती रही
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(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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