ममेरी बहन के साथ कबड्डी

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jay
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Re: ममेरी बहन के साथ कबड्डी

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मैं अभी नहा धोकर मैं बाथरूम से बाहर आया और कपड़े पहने ही थे कि प्रिया मेरे लिए नाश्ता लेकर आ रही थी।
उसने अपनी नज़र नीचे कर रखी थी।

प्रिया को देखते ही मुझे रात का वो सीन याद आ गया और मेरे चेहरे पर मुस्कान आई गई।

जब प्रिया नाश्ता बेड पर रख रही थी तो मैंने प्रिया से कहा- ये दोनों भी उठ गए है इनके लिए भी नाश्ता ले आती!

पर मेरी बात का प्रिया ने कोई जवाब नहीं दिया और वो वापस जाने लगी तो मैंने उसको कहा- प्रिया क्या हो गया तुमको? तबियत तो ठीक है न।

मैं उसको यह दर्शाना चाह रहा था कि मुझे रात की घटना के बारे में कुछ नहीं पता।
और मेरी थोड़ी सी कोशिश के बाद उसको विश्वास हो गया कि मुझे रात की बात का कुछ भी नहीं पता, तब जाकर वो नार्मल हुई।

प्रिया- जब मैं साजन भाई के सामने गई तो साजन भाई से नजर नहीं मिलाई जा रही थी। पर भाई की बात से मुझे लगा कि भाई को रात के बारे में कुछ नहीं पता… इसलिए मैं भी अब नार्मल हो गई थी।

फिर मैंने पारुल और मुकेश को भी नाश्ता करवाया, उसके बाद मैंने भाई से पूछा- आपको कहीं जाना तो नहीं है, मम्मी पूछ रही थी तो साजन भाई ने कहा नहीं आज तो मुझे कहीं नहीं जाना।

इतना सुनकर मैं वापस रसोई में मम्मी का हाथ बंटाने आ गई और मम्मी को भी बता दिया कि आज भाई को कही नहीं जाना।

कुछ देर बाद पापा भी अपने ऑफिस निकल गए।

हमें घर का काम खत्म करते करते मुझे 11 बज गए थे और 11:30 पर हमारा घर का सारा काम ख़त्म हो चुका था।

दोपहर में 12 बजे मम्मी ने मुझसे कहा- मैं पड़ोस में जा रही हूँ, 2-3 घंटे में आ जाऊँगी, खाना मैंने बना दिया है, जब भूख लगे खा लेना और अपने भाई को भी खिला देना।

मैंने कहा- ठीक है मम्मी !

और फिर मम्मी तैयार होकर पड़ोस में चली गई।

साजन भाई, पारुल और मुकेश टी वी देख रहे थे।
मुझे रात की बात याद आई और मैं सोचने लगी कि यह अच्छा हुआ, मम्मी पड़ोस में चली गई। आज मैं कोशिश करती हूँ कि किसी तरह से मैं भाई को अपने साथ सेक्स करने के लिए तैयार कर सकूँ। क्योंकि रात को भाई का चूसने के बाद मेरे अन्दर चुदाई का कीड़ा जोर मार रहा था और मैं अभी चाहती थी कि भाई भी मेरी योनि को चूसे, खा जाए और जम कर मेरी चुदाई करे, जब तक भाई यहाँ रहे तब तक हम मौज मस्ती कर सकें।

बस फिर क्या था भाई को रिझाने के लिए मैंने अपने कपड़े चेंज कर लिए।

दिन में इतनी ठंड तो थी नहीं, क्योंकि ठंड अभी रात को ही होती थी, दिन में मौसम नोर्मल ही था अभी, इसलिए मैंने शर्ट और स्कर्ट पहन ली पर शर्ट के नीचे ब्रा नहीं पहनी और स्कर्ट के नीचे गुलाबी रंग की पेंटी जरूर पहन ली थी।
जो स्कर्ट मैंने पहनी थी वो बहुत ही शार्ट थी जिसमें मेरी गोरी टाँगें और आधी से ज्यादा मेरी जांघें दिखाई दे रही थी, और स्कर्ट ने तो बस मेरी पेंटी ही छुपा रखी थी बाकी सब तो ओपन ही था।
ब्रा न पहनने के कारण शर्ट में मेरे बूब्स का आकर सही से नजर आ रहा था।

जब मैं तैयार होकर आईने के सामने आई तो आज मैं खुद को ही बहुत सुन्दर और सेक्सी लग रही थी।
आईने में देखते हुए मैंने अपनी शर्ट के ऊपर के दो बटन भी खोल दिए, शर्ट के दो बटन खुलते ही मेरे बूब्स दिखाई देने लगे।

अब मैं और भी ज्यादा सेक्सी लग रही थी, अब मुझे पूरा यकींन हो गया था कि साजन भाई मेरी मस्त मस्त, गोल गोल चूचियों को देखकर मुझ पर जरूर फ़िदा हो जायेंगे।

शर्ट के नीचे ब्रा तो थी नहीं और ऊपर के दो बटन भी खुले हुए थे, तो मुझे ऐसा लग रहा था कि हवा भी मेरी चूचियों को छेड़ती हुई महसूस हो रही थी।

मैं अपने कपड़े बदल कर भाई के पास पहुँची, जिस कमरे में साजन भाई और मेरे भाई बहन तीनों टी वी देख रहे थे। मैं भी वहीं साजन भाई के सामने कुर्सी पर बैठ गई।

मुकेश और पारुल टी वी के नजदीक आगे की तरफ बैठे थे, अगर मैं कोई भी हरकत करती तो उन दोनों को पता नहीं चल पाता।

मुकेश और पारुल दोनों ही बड़े ध्यान से टी वी देख रहे थे, पर जैसे ही मैं कुर्सी पर बैठी तो साजन भाई का ध्यान मेरी तरफ गया और वो मुझे एकटक देखने लगे और बस देखते ही जा रहे थे।

मेरे इस बदले हुए रूप को शायद ही उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था।

कभी वो मेरे चेहरे को देखते तो कभी वो मेरे बूब्स देख रहे थे जो कि दो बटन खुले होने के कारण कुछ ही ज्यादा बाहर को आ गए थे।
भाई का ध्यान अब मेरे बूब्स में ही अटका हुआ था इसलिए मैंने अपनी सोची समझी हुई दूसरी चाल भी चल दी मतलब यह कि मैंने अपने दोनों पैरो इस तरफ से खोले कि उनको यह महसूस ही न हो कि मैं ये सब जान बूझकर कर रही हूँ।

जैसे ही मैंने अपने दोनों पैर खोले तो साजन भाई की नज़र मेरे बूब्स से होते हुए मेरी टांगों के बीच गई। वहाँ पर उनकी नजर गुलाबी पेंटी से ढकी हुई मेरी अनछुई चूत पर गई।

मेरी गुलाबी पेंटी में मेरी चूत का उभरा हुआ भाग साफ़ साफ़ साजन भाई को दिखाई दे रहा था।

एक पल को तो साजन भाई पलके झपकाना ही भूल गए थे।

मैं साजन- पारुल, मुकेश और मैं कमरे में बैठ हुए टी वी पर फ़िल्म देख रहे थे तभी मेरी नज़र कमरे में आती हुई प्रिया पर पड़ी।
तो उससे देखता का देखता ही रह गया… क्या मस्त और सेक्सी लगी रही थी और उसने आज कपड़े भी बहुत सेक्सी ही पहने थे।
उसने शर्ट और मिनी स्कर्ट पहनी हुई थी।
जब प्रिया कमरे में चलती हुई आई तो उसके बूब्स हवा में उछल रहे थे और प्रिया के शर्ट के दो बटन भी खुले हुए थे जिससे चलते हुए उसके बूब्स बाहर को आ जाते थे।
जो स्कर्ट प्रिया ने पहनी हुई थी वो बस उसके चूतड़ और योनि को ही छुपाये हुई थी।
उसकी चिकनी जाँघ देखकर मेरा लिंग अंगड़ाई लेने लगा था। मुझे उसका यह रूप देखकर अंदाजा हो गया था कि यह क्या चाह रही है।

मुझे तो अपनी आँखों पर विश्वास ही नहीं हो रहा था कि रात प्रिया ने मेरा लण्ड चूसा और अब ये सब देखने को मिल रहा है।

आज मुझे लगा कि प्रिया की चूत का मेरे लण्ड से संगम होकर ही रहेगा।

प्रिया कमरे में आकर साइड में रखी हुई कुर्सी पर मेरे सामने बैठ गई, फ़िल्म पारुल और मुकेश की पसंद की आ रही थी कि पारुल और मुकेश ने प्रिया की तरफ ध्यान ही नहीं दिया पर मेरा ध्यान अब टी वी में कहाँ था, अब तो बस मुझे प्रिया ही नजर आ रही थी।

कुर्सी पर बैठ कर वो टी वी देखने लगी और मैं उसके बूब्स को देख रहा था। शर्ट के ऊपर प्रिया के बूब्स की निप्पल मुझे साफ़ साफ़ दिखाई दे रही थी, कुछ देर बाद प्रिया ने अपने पैरों को खोल कर चौड़ा कर लिया।
जैसे ही प्रिया ने अपने पैरों को खोला तो उसकी गुलाबी रंग की कच्छी नजर आने लगी और उस कच्छी से झांकती हुई उसकी चूत के भी दर्शन हो रहे थे जिसे देखकर मेरा लण्ड अंगड़ाई लेने लगा।
कुछ देर बाद ही मेरा लण्ड पूरी तरफ तन कर खड़ा हो गया।

मुझे तो लग रहा था कि प्रिया ये सब जान बूझकर कर रही है।

मैं अपना लण्ड अपने एक हाथ से मसल रहा था और उसकी चूत को अपनी आँखों से ही चोदने की भरपूर कोशिश कर रहा था।
प्रिया मुझे चोर निगाहों से देख रही थी, मेरे लण्ड का तो बहुत बुरा हाल हो गया था।
मैं अपना लण्ड मसलते हुए प्रिया को देख रहा था तो वो थोड़ा सा नीचे की तरफ कुछ इस तरफ से झुकी की उसकी पूरी चूची मुझे साफ़ साफ़ दिखाई दे गई और जब वो ऊपर की तरफ उठी तो मेरी और प्रिया की नजरें आपस में मिली।
मुझसे नजरें मिलते ही वो मुस्कुरा दी और बदले में, मैं भी अपना लण्ड मसलते हुए मुस्कुरा दिया।
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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jay
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प्रिया- साजन भाई ने नहाने के बाद वही लोअर पहना हुआ था जो उन्होंने रात को सोते समय पहना था और शायद उन्होंने अब भी लोअर के नीचे भी कुछ नहीं पहना था इसलिए तो मुझे उनके लोअर में उनका लण्ड अंगड़ाई लेता हुआ दिखा दे रहा था।

मैं भाई को चोर नजर से देख रही थी भाई बड़ी बेदर्दी से अपना लण्ड मसल रहे थे और मैं ये देखकर मन ही मन खुश होते हुए सोच रही थी कि अब मंजिल दूर नहीं है।

मैं साजन भाई को तड़पाने के लिए कुर्सी पर कुछ इस तरह से झुकी के उनको मेरी चूची पूरी नजर आ जाए साजन भाई को अपनी चूची दिखने के बाद मैंने एक नजर उनकी तरह देखा तो मैं भाई को देखकर मुस्कुरा दी। साजन भाई मेरी चूत और चूची को देखते हुए अपना लण्ड मसल रहे थे।

मैं- लण्ड मसलते हुए जब मुझे काफी देर हो गई और मुझे लगने लगा कि अगर में ऐसे ही मसलता रहूँगा तो मैं झड़ जाऊँगा और मेरा लोअर भी खराब हो जाएगा। मैं किसी से कुछ भी बिना बोले बाहर निकल आया और नीचे जाने लगा, मामा मामी के बाथरूम में मुठ मारने के लिए…

मैं अभी नीचे पहुंचकर मामा मामी के रूम में घुसने ही वाला था।

प्रिया- भाई को पता नहीं अचानक क्या हुआ वो बिना कुछ बोले बाहर निकल गए।

साजन भाई के कमरे से निकलते ही मैं भी उठकर उनके पीछे कमरे से बाहर निकल आई।

मैंने देखा भाई कमरे से निकल कर नीचे जा रहे है, मैं भी उनके पीछे पीछे हो ली।

भाई मेरे आगे आगे चल रहे थे और मैं उनके पीछे पीछे।

साजन भाई मम्मी पापा के रूम के अन्दर जा रहे थे कि तभी मैंने साजन भाई को आवाज लगाई।

तब तक भाई रूम के अन्दर घुस चुके थे, मेरी आवाज सुनकर वो रुक गए और उन्होंने पलट कर मेरी तरफ देखा तो भाई अभी भी अपने हाथ से अपने लण्ड को मसल रहे थे।

मैं भाई के करीब पहुंची तो उन्होंने अपना हाथ लण्ड से हटा लिया पर भाई का लण्ड खड़ा हुआ मुझे साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था।

भाई मेरी शर्ट के अन्दर से बाहर की ओर निकलते हुए बूब्स देखने लगे।
भाई की आँखों में मुझे कुछ अजीब सा ही नशा नज़र आ रहा था।

मैं साजन- जब प्रिया ने मुझे पीछे से आवाज दी तो मैं समझ गया कि यह लड़की मुझसे चुदना चाह रही है इसलिए तो ये सब ड्रामा कर रही है।
मैंने भी अब सोच लिया कि इससे साफ़ साफ़ बात कर ही लूँ।
इसलिए जब वो मेरे नजदीक आई तो मैंने उसकी चूची को घूरते हुए पूछा- क्या बात है प्रिया?

प्रिया- भाई आप मुझे मसाज वाली वीडियो दिखने वाले थे वो कब दिखाओगे? और क्या आप मेरी मसाज भी कर दोगे?

मैं साजन- अब मुझसे भी नहीं रहा जा रहा था मन तो कर रहा था अभी चोद दूँ, पर ऊपर मुकेश और पारुल थे इसलिए मैंने प्रिया को अभी चोदने का विचार छोड़ दिया पर मेरा लण्ड भी बहुत जोर मार रहा था इसलिए मैं उसकी खुली हुई एक चूची पर अपना हाथ रखते हुए बोला- प्रिया बस मसाज ही करवानी है या कुछ और भी?

इतना कह कर मैं चुप हो गया और हल्के हल्के हाथ से उसकी चूची दबाने लगा।

जैसे ही मैंने प्रिया के बूब्स को छुआ तो मुझे एक अलग ही आनन्द आया उसकी नर्म और मुलायम पर सख्त चूची को दबाने में मुझे मज़ा ही आ गया और मेरा लण्ड लोअर में ठुमके मारने लगा।

प्रिया- भाई का हाथ मेरे बूब्स पर पड़ा तो मैं सिहर गई, मेरा बदन कांपने लगा।
साजन भाई के हाथों में पता नहीं क्या जादू था कि मैं उनके और भी करीब आ गई पर जैसे ही मैं साजन भाई के और करीब गई तो उन्होंने मेरी चूची जोर से दबा दी जिस कारण मेरी हल्की सी चीख निकल गई।
पर वो इतनी भी तेज नहीं थी जोकि पारुल और मुकेश को सुनाई दे।
जोर से चूची दबाने से मेरी चूची में हल्का सा दर्द हुआ तो मुझे होश आया और मैं भाई को बोली- साजन भाई, आप यह क्या कर रहे हो?
मैं- तुझे पता है कि मैं क्या कर रहा हूँ पर तुमने अभी तक नहीं बताया जो मैंने पूछा था।

प्रिया- मुझे क्या पता है साजन भाई? और मैं तो बस आपसे मसाज की ही बात कर रही हूँ।

इतना कह कर मैं नीचे भाई के लण्ड को देखने लगी जो बार बार ऊपर नीचे हो रहा था।

मैंने भाई का हाथ अपनी चूची पर से हाथ नहीं हटाया क्योंकि मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था।

मैं- अच्छा बस मसाज की बात कर रही थी। तो ये क्या है?

इतना कहकर मैंने उसके दोनों बूब्स को अपने दोनों हाथ से पकड़ा और उसको दिखने लगा।

प्रिया- भाई वो वो वो मुझे याद नहीं रहा शर्ट के बटन लगाना।

भाई अब मेरे दोनों बूब्स को अपने दोनों हाथो से दबा रहे थे।

मैं साजन- मुझे पता है कि तुम झूठ बोल रही हो।

मैंने भी बात को ज्यादा न बढ़ाते हुए उसको साफ़ साफ़ कह दिया क्योंकि अब मेरे लण्ड में उतेजना के कारण बहुत दर्द हो रहा था।
‘प्रिया, मुझे पता है तुमने रात को मेरे साथ क्या क्या किया था तो फिर अब ये सब ड्रामा किस लिए?’
इतना कह कर मैंने उसके दोनों बूब्स को छोड़ कर उसकी पतली कमर पकड़ ली और उसको अपने बदन से चिपका लिया।

प्रिया- जैसे ही भाई ने कहा कि मुझे सब पता है तो मुझे बहुत शरम आई और मैंने अपनी नजरें झुका ली।
फिर भाई ने मुझे अपने बदन से चिपका लिया तो भाई का लण्ड ठीक मेरी चूत सामने आ गया भाई का लण्ड मेरी चूत पर रगड़ता हुआ ऊपर नीचे हो रहा था।
जिस कारण मेरी चूत भी गीली हो चुकी थी मेरी साँसें तेज होने की वजह से मेरे बूब्स साजन भाई के सीने को रगड़ रहे थे।

मैंने अपनी नजरों को नीचे किये हुए ही धीरे से बोला– भाई जब आपको रात को ही पता चल गया था और आप जाग गए थे तो आपने मुझे क्यों नहीं बताया?

मैं साजन-
प्रिया का चेहरा अपने के हाथ से ऊपर उठाते हुए बोला– प्रिया, मेरी जान !

इतना कह कर मैं उसके होंठ चूमने लगा और प्रिया के नीचे वाले होंठों का रस पीने लगा, तो प्रिया भी मेरा साथ देने लगी और वो भी मेरा ऊपर का होंठ चूसने लगी।

कुछ देर उसके गुलाबी होंठों का रस पीने के बाद मैं प्रिया से बोला– पहले इसका कुछ इलाज कर!

यह कहते हुए उसका एक हाथ पकड़ा और अपने लण्ड पर रख दिया।
और फिर कहा- बहुत देर से मेरा लण्ड खड़ा हुआ है इसलिए इसमें दर्द भी बहुत हो रहा है।

प्रिया- भाई ने अपना लण्ड मेरे हाथ में पकड़ा दिया तो अब कुछ कहने को बचा ही नहीं था।

साजन भाई का लण्ड मेरे हाथ में आते ही भाई का लण्ड और भी सख्त हो गया था।

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अब मुझे पता था कि आगे क्या करना है मैंने भाई को मम्मी पापा के बेड पर बैठने का इशारा किया तो भाई मेरा इशारा समझ गए और बेड पर पैर लटका कर बैठ गए।

मैंने साजन भाई के लोअर को अपने हाथो से खोलकर नीचे कर दिया।

अब उनका लण्ड लोअर से बाहर आ गया क्योंकि उन्होंने नीचे तो कुछ पहना ही नहीं था।

मैंने साजन भाई को एक नजर देखा और फिर मैं उनकी टांगों के बीच नीचे घुटनों के बल जमीन पर बैठ गई।

मैं साजन- प्रिया ने मेरे लण्ड को अपने कोमल हाथ में लिया और मेरे लण्ड हिलाने लगी, मुझे उस वक़्त बहुत मज़ा आ रहा था।
फिर प्रिया ने मेरे लण्ड के ऊपर की खाल नीचे कर के मेरे लण्ड को अपने मुँह में ले लिया और फिर उसको चूसने लगी।

उस वक़्त मुझे नशा सा होने लगा था।
मुझे लगा कि मैं आकाश में सैर कर रहा था मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि मैं ब्यान नहीं कर सकता था।

प्रिया ने अपने एक हाथ से मेरे लण्ड को पकड रखा था और दूसरा हाथ मेरी जाँघ पर रखा हुआ था।

प्रिया- मैं अपनी आँखें बंद किये हुए भाई का लण्ड चूस रही थी तो भाई का हाथ मेरे सर पर आया और मेरे सर के बाल को सहलाने लगे, भाई का हाथ मेरे सर पर आया तो मैंने अपनी आँखे खोली और उनका लण्ड चूसते हुए ही भाई को देखा तो उन्होंने अपनी आँखें बंद की हुई थी।

मैंने भाई का लण्ड एक ही बार चूसा था रात में, ओर अब यह दूसरी बार चूस रही थी पर एक बार के चूसने से ही मुझे भाई के लण्ड का स्वाद मुझे इतना भाया कि मन करता है कि बस चूसती ही रहूँ।

मैं भाई के लण्ड का सुपारा बहुत जोर से चूस रही थी और अपने एक हाथ से भाई का लण्ड सहला भी रही थी।

मैंने देखा भाई का लण्ड चूसने से वो मेरे थूक से पूरा गीला हो चुका था, तभी मुझे कुछ याद आया तो भाई का लण्ड मैंने अपने मुंह से निकाला तो भाई ने आँखें खोल कर मुझे देखा।

मैं साजन- क्या हुआ प्रिया? मेरा होने वाला था और जल्दी से चूसो कही कोई आ न जाए।

प्रिया- कोई नहीं आएगा भाई ! पारुल और मुकेश तो टी वी देख रहे हैं… पहले मुझे बताओ तो कि जब आपको रात को ही पता चल गया था और आप जाग गए थे तो आपने मुझे क्यों नहीं बताया, क्यों मुझे तड़पाते रहे अब तक?

मैं- ठीक है बाबा, बताता हूँ, तुम लण्ड चूसती रहो ! मेरा होने वाला है ! पर एक बात का ध्यान रखना तुम अपने होंठो से ही मेरे लण्ड को चूसो क्योंकि तुम्हारे दांत मेरे लण्ड को लगते हैं तो मुझे दर्द होता है।

प्रिया मुस्कुराती हुई- ठीक है भाई !

और फिर भाई के लण्ड को मुठ मारते हुए अपने गुलाबी होंठ भाई के लण्ड पर रखकर उसका टोपा चूसने लगी।

मैं साजन- जब रात को तुमने मेरे लण्ड को छुआ और उसको चूसा तो मैं तभी जाग गया था। अगर उस वक़्त तुमको पता चल जाता कि मैं जाग रहा हूँ तो तुम वो सब नहीं करती जो तुमने रात को किया और जो अब तुम कर रही हो। और फिर जो मज़ा तुमको रात आया वो तुमको कभी नहीं आता !
और एक बात और है, अगर उस वक़्त मैं बता देता कि मैं जाग रहा हूँ तो शायद ही हम एक दूसरे के साथ खुल पाते… आआअह्ह्ह… बस ऐसे ही चूसती रहो।
वैसे रात तुमको मज़ा तो बहुत आया होगा।

प्रिया ने भाई का लण्ड अपने मुंह से निकलते हुए कहा- हाँ भाई, आप सच कह रहे हो, शायद ही हम इतनी जल्दी आपस में खुल पाते।

मैं साजन- अरे अरे… बाहर क्यों निकाल दिया… मेरा होने ही वाला था… चूसो मेरी बहना जल्दी से…

इतना सुनकर प्रिया फिर से मेरा लण्ड चूसने लगी और अपने हाथ से मेरा लण्ड भी हिलती जा रही थी।

कुछ ही देर बाद मेरा माल निकलने को हुआ तो मैंने प्रिया से पूछा- मेरा निकलने वाला है।

तो उसने इशारे से कहा- निकाल दो मेरे मुंह में ही !

और फिर ‘आआअह्ह्हा आआआआअ’ मेरे लण्ड से पानी निकलने लगा।

तभी मैंने प्रिया का सर अपने लण्ड पर दबा दिया जिस की वजह से मेरा आधे से ज्यादा लण्ड प्रिया के गले में उतर गया और तब तक दबाये रखा जब तक कि पूरा लण्ड खाली न हो गया।

प्रिया- जब भाई ने मेरा सर अपने लण्ड पर दबाया तो वो मेरे हलक में आ गया और तभी भाई के लण्ड से पानी निकल कर मेरे गले के अन्दर आने लगा जब भाई का लण्ड खाली हो गया तो भाई के हाथ का दबाव मेरे सर पर कम हुआ तो मैंने भाई का लण्ड अपने मुंह से निकाला और अपनी साँसों को नियंत्रण करती हुई बोली– भाई मारने का इरादा है क्या आज तुम्हारा?

मेरी बात सुनकर बस भाई मुस्कुरा दिए और बोले कुछ नहीं।

फिर मैंने देखा भाई के लण्ड पर अभी भी कुछ बूंदें माल की उनके लण्ड पर रह गई थी। इसलिए मैंने अपनी जीभ निकली और भाई का लण्ड चाट चाट कर साफ़ कर दिया क्योंकि मैं अपने भाई का माल बर्बाद नहीं होने दे सकती थी।

मैं साजन- उसके बाद मैंने अपना लोअर ठीक किया और प्रिया से बोला– अब ऊपर चलते है क्योंकि हमें बहुत देर हो गई है।

प्रिया- हाँ भाई, ऊपर चलते हैं बहुत देर हो गई हैं। पर एक बात तो बताओ आप मेरी मसाज कब करो
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मैंने देखा भाई के लण्ड पर अभी भी कुछ बूंदें माल की उनके लण्ड पर रह गई थी। इसलिए मैंने अपनी जीभ निकली और भाई का लण्ड चाट चाट कर साफ़ कर दिया क्योंकि मैं अपने भाई का माल बर्बाद नहीं होने दे सकती थी।

मैं साजन- उसके बाद मैंने अपना लोअर ठीक किया और प्रिया से बोला– अब ऊपर चलते है क्योंकि हमें बहुत देर हो गई है।

प्रिया- हाँ भाई, ऊपर चलते हैं बहुत देर हो गई हैं। पर एक बात तो बताओ आप मेरी मसाज कब करोगे?

और मैं हँसते हुए- प्रिया, पहली बात तो यह है कि मुझे मसाज करनी नहीं आती, वो मैंने तुमसे झूठ बोला था।

प्रिया- कोई बात नहीं भाई, आप कोशिश करके देखना, मैं आपसे मसाज करवाना चाहती हूँ… चाहे आपको आती हो या न आती हो और मुझे वो मसाज वाली मूवी भी देखनी है, वो कब दिखाओगे आप?

मैं- ठीक है जब घर में कोई नहीं होगा तब मैं मूवी भी दिखा दूँगा और मसाज भी कर दूँगा क्योंकि तुमको पता है इन सब में टाइम ज्यादा ही लगता है।

प्रिया- भाई आप मुझे वो वीडियो दिखा दो ! मैं यही इसी कमरे में देख लेती हूँ। बाकी का काम जब कर देना जब घर पर कोई न हो और आप पारुल और मुकेश के साथ ऊपर ही बैठ जाओ तो उन दोनों को लगेगा मैं नीचे कुछ काम कर रही हूँ।

मेरी बात सुनकर भाई ने अपना मोबाईल फ़ोन निकला और मुझे वही फ़ोल्डर खोल कर मेरे हाथ में मोबाईल पकड़ते हुए कहा कि इसमें बहुत सारी वीडियो हैं, जो तुमको अच्छी लगेगी।

मैंने फ़ोन हाथ में पकड़ा और उसमें मसाज वाली मूवी खोजने लगी।

तब तक भाई ऊपर पारुल और मुकेश के पास जा चुके थे।

मैं बहुत खुश थी जो मैंने सोचा था बिलकुल वैसे ही हो रहा था।

मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था भाई इतनी जल्दी मान जायेंगे और जो अभी हमने किया तो मुझे बहुत अच्छा लगा।
सच में भाई का लण्ड बहुत ही दमदार है।

फिर मैं मसाज वाली मूवी देखने लगी।

अब आगे की स्टोरी जो कुछ भी हमारे बीच हुआ वो साजन भाई आपको बतायेंगे।

मैं- प्रिया को नीचे छोड़ने के बाद मैं ऊपर उस रूम में गया जहाँ पारूल और मुकेश टी वी देख रहे थे, जैसे ही में रूम के पास पहुँचा तो मुझे पारुल की आवाज सुनाई दी।

वो कह रही थी कि मैं अभी कुछ देर में आ रही हूँ जब तक मैं रूम के अन्दर पहुँच गया था वो किसी से फ़ोन पर बात कर रही थी।

मैंने पारुल से पूछा तो उसने बताया कि उसकी सहली का फ़ोन है और उसको मुझसे कुछ हेल्प चाहिए, इसलिए वो मुझे बुला रही है और इतना कह कर वो तैयार होने लगी।

जब वो तैयार हो गई तो पारुल ने मुझसे पूछा- भाई प्रिया दीदी कहाँ है?

तो मैंने उसको बता दिया कि वो नीचे कमरे में है, शायद कोई काम कर रही है।

मेरी बात सुनकर पारुल ने उसी कमरे से आवाज लगाई- दीदी… प्रिया दीदी !
कई बार पुकारने पर प्रिया ने नीचे से आवाज दी- एक मिनट… अभी आ रही हूँ।

और कुछ देर बाद ही प्रिया ऊपर रूम में आ गई।

प्रिया के आते ही पारुल ने प्रिया को बताया की उसकी सहेली ने उसको बुलाया है तो वो वहाँ पर जा रही है और मम्मी के आने से पहले वापस आ जाएगी।

प्रिया ने कहा- ठीक है, अभी 12:40 हुए हैं, मम्मी दोपहर 3 बजे तक आ जाएगी तो तुम 2:30 बजे तक वापस आ जाना, और हाँ एक काम ओर करना ! मुकेश को भी अपने साथ ले जाना। अगर यह यहाँ रहा तो भाई को परेशान करेगा और मुझे अभी बहुत सारा घर का काम करना है।

पारुल ने कहा- ठीक है दीदी, मैं मुकेश को साथ ले जाती हूँ !

और फिर पारुल ने मुकेश को अपने साथ चलने के लिए कहा तो वो भी तैयार होने लगा।

प्रिया ने मेरे करीब आकर मेरी आँखों में झांकते हुए कहा- मैंने ठीक किया न भाई !

इतना कह कर वो मुस्कुरा दी और मेरे चेहरे पर भी मुस्कान आ गई।

प्रिया की आँखों में एक अजीब सी चमक दिखाई दे रही थी। उसकी आँखें वासना के कारण और भी नशीली हो गई थी।

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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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jay
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Re: ममेरी बहन के साथ कबड्डी

Post by jay »

यह सब उन मूवी का कमाल था जो अभी वो देखकर आई थी।

कुछ देर के बाद ही पारुल और मुकेश चले गए अब हम दोनों को छोड़कर यहाँ और कोई भी नहीं था।

मैं बेड पर बैठा टी वी देख रहा था।

पारुल और मुकेश के जाने के बाद प्रिया घर का मुख्य दरवाजा बंद करके मेरे पास बेड पर मेरे बहुत करीब ही बैठ गई।

वो लगातार मुझे ही देखे जा रही थी।

जब मुझे उसका आभास हुआ तो मैंने उसकी तरफ देखा।

वो मुझे देख कर मुस्कुरा दी, बदले में मैं भी उसको देखकर मुस्कुरा दिया।

फिर मैंने प्रिया से कहा- तुमने वो वीडियो देख लिए जो तुम देखने के लिए कह रही थी?

प्रिया ने कहा- हाँ भाई, वो मैंने देख ली पर वो खाली मसाज की वीडियो नहीं थी उसमें तो वो और भी कुछ कर रहे थे।

मैंने उससे कहा- तुमको कैसी लगी?

तो उसने कहा- बहुत अच्छी लगी पर उसको देखकर मुझे भी कुछ अजीब-अजीब सा हो रहा था। आपके मोबाईल में और भी वीडियो हैं पर पारुल ने बुला लिया नहीं तो वो सभी वीडियो में देख लेती।

मैंने प्रिया से कहा- अब देख लो… अब तो यहाँ कोई नहीं है तेरे और मेरे सिवा।

उसी वक़्त जैसे प्रिया को कुछ याद आया और वो बोली- भाई, अब तो घर में कोई नहीं है, आप मेरी मसाज कर दो न जैसे उस वीडियो में वो लड़का कर रहा था !

मैं प्रिया से बोला- प्रिया बस मसाज ही करनी है न या वो सब भी करवाओगी जो वो लड़का उस लड़की के साथ कर रहा था?

तो वो बोली- हाँ भाई, पूरी मसाज करनी है !

और वो कुछ शरमा कर बोली- जो वो सब कर रहा था, वो भी।

मैंने उससे कहा- वो तो मुझे दिखाई दे रहा है, ख़ैर छोड़ो इस बात को, अब तो वो सब ही करेंगे जो उस मूवी में वो लड़का और लड़की कर रहे थे।

फिर मैंने प्रिया से कहा- उसके लिए तुमको सारे कपड़े उतारने पड़ेंगे, क्या तुम ऐसा कर लोगी?

इस बार प्रिया ने अपने मुंह से बस इतना ही कहा- इतना सब होने के बाद भी आप पूछ रहे हो?

प्रिया की बात सुनकर इधर मेरा लण्ड फिर से अंगड़ाई लेने लगा था और वो धीरे धीरे खड़ा हो रहा था।

प्रिया मेरे लण्ड को अंगड़ाई लेता हुआ बड़े ही गौर से देख रही थी।

मैंने प्रिया को कहा- तुम कोई पुराने चादर ले आओ इस बेड पर बिछाने के लिए क्योंकि तेल के कारण यह साफ़ चादर खराब न हो जाए।

प्रिया कुछ ही पलों में एक पुरानी सी चादर ले आई, वो मैंने बेड के एक कोने में बिछा दी।

मैं ये सब कर तो रहा था पर मेरे मन में एक शंका हो रही थी !
कहीं मामी न आ जाये और हमारा प्रोग्राम अधूरा न रह जाए।

मैंने प्रिया को यह बात बताई- कहीं तेरी मम्मी आ गई तो बहुत बुरा होगा।

मेरी बात सुनकर प्रिया बोली- भाई, मैं एक मिनट में आई !
और इतना कह कर वो नीचे गई, कमरे से मेरा फ़ोन ले आई और वो बोली- मुझे मम्मी का नम्बर मिला कर दो।

तो मैंने उसको उसकी मम्मी का फ़ोन नम्बर मिला कर दे दिया।

कुछ देर बाद मामी ने फ़ोन उठाया तो प्रिया ने कहा- मम्मी आप कितनी देर में आओगी? क्योंकि भाई को खाना दिया था तो वो बोल रहे है जब मामी आ जाएगी तभी खा लूँगा।

प्रिया की बात सुनकर मामी ने दूसरी तरफ से कहा- तू अपने भाई को खाना खिला दे, मुझे यहाँ पर टाईम लग जाएगा। मैं तो 4 बजे तक ही आ पाऊँगी।

प्रिया ने कहा- ठीक है, मैं भाई को खाना खिला दूंगी।

और यह कह कर प्रिया ने फ़ोन काट दिया।

और फिर उसके बाद मुझे सारी बात बताते हुए प्रिया बोली- मम्मी 4 बजे से पहले नहीं आने वाली ! और पारुल और मुकेश भी 2:30 तक ही आयेंगे।

प्रिया की बात सुनकर अब पूरी तरफ पक्का हो गया कि आज प्रिया की चुदाई पक्की है।
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