प्यारी मौसी compleet

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rajsharma
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Re: प्यारी मौसी

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प्यारी मौसी पार्ट--3

गतान्क से आगे........
सभी की सेवा करने का दिल कर रहा है.ये कहते हुए मैं एक
दम झाड़ गया. मौसी एक बार फिर से मेरे साथ साथ झाड़ गयी,
हम दोनो इस चुदाई से बिल्कुल पसीने से भीग गये थे.मैने मौसी की नंगी पीठ पर किस
किया.

फिर मैं जाकर फ्रेश हो गया.और नंगा ही घर में घूमने लगा.मौसी
ब्रेकफास्ट लगाने लगी और मैं बैठकर मौसी को देख रहा था,मौसी भी
ब्रेकफास्ट करने के लिए बैठने लगी तो मैने उनका हाथ खिचकर अपनी गोदी में
बिठा लिया जिससे मेरा लंड खड़ा हो गया और मौसी की गांद पर दस्तक देने
लगा.

मौसी बोली कि तेरा ये नाग फिर से खड़ा हो गया है.इसे शांत कर,मैने
कहा मौसी ये नाग तो तुम्हारे बिल में जाकर ही शांत होगा.
मैने मौसी के गाउन
को नीचे से उठाया और मौसी ने मेरे लंड को पकड़कर अपनी चूत में डाल
दिया.फिर हम ऐसे ही बैठकर ब्रेकफास्ट करने लगे और चुदाई भी.
ब्रेकफास्ट
करने के बाद मौसी नहाने जाने लगी तो मैने कहा कि मौसी मैं भी नहाउँगा
आज तुम्हारे साथ तो मौसी हसणे लगी और मैं भी उनके साथ बाथरूम में घुस
गया.
मैने मौसी का गाउन उतारा और कहा कि मौसी आज मैं नहलाउँगा तुम्हे.मैने
भी अपना अंडरवेर उतार दिया.

मैने मौसी को शवर के नीचे खड़ा किया और
फिर अपने पीछे बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया.
मौसी ने अपने आपको शवर के नीचे रख कर अपने हाथों को दीवाल से टीका
दिया,मैं ठीक उनके पीछे खड़ा था और अपने हाथ मे साबुन और एक छ्होटा
तौलिया लिए अपने मौसी को साबुन लगाने के लिए खड़ा था.

"मैं कहा से शुरू
करूँ?” मैने मौसी से पूछा"मेरे हाथ," मौसी बोली, "ठीक जैसे तुम अपने
हाथों पर साबुन लगाते हो, वैसे ही मेरे हाथों पर साबुन लगाओ.”

मैने
छ्होटे तौलिया पर साबुन लगाया और मौसी के हाथों को साबुन लगा कर धोना
शुरू कर दिया.

मैने पहले हाथों पर साबुन वाला तौलिया मला, फिर कंधों
पर फिर बगल मे और फिर पीठ पर साबुन से मला और फिर साबुन को पानी से धो
दिया.
फिर मैने मौसी को घुमा कर खड़ा कर दिया. और साबुन को पानी से धोने
लगा.
मैं अपने आपको मौसी से चिपका कर खड़ा था और हाथों को पीछे ले
जाकर साबुन को पानी से धो रहा था.
मेरा खड़ा लंड मौसी के पेट मे चुभ रहा
था, मौसी की चूंची मेरी छाती से रगड़ रही थी.
मेरा हाथ अब मौसी के
चूतर के ऊपेर घूम रहा था और फिर मैने मौसी के चूतर पकड़ कर मौसी को
अपने आप से चिपका लिया.
मौसी के हाथ भी मेरे गले के दोनो तरफ थे और वो
भी मेरे से अपने आप से चिपका कर खड़ी थी. "ओह्ह्ह, कुश..." मौसी धीरे से
फुसफुसा कर बोली."ष्ह्ह्ह," मैं धीरे से बोला, "फिर से घूम जाओ और मैं अब
तुम्हारे सामने साबुन लगाउँगा.”

मैं थोड़ा पीछे हटा और मौसी घूम कर खड़ी
हो गयी और फिर से अपने हाथों को दीवार से टिका दिया. मैने फिर से साबुन वाला
तौलिया उठा कर पीछे से मौसी के पेट पर मलना शुरू किया और धीरे धीरे अपने
हाथों को ऊपेर ले जाने लगा और थोड़ी देर के बाद मेरे हाथ मौसी की
चूंची पर थे जिनको मैने साबुन लगा
लगा कर धोना शुरू कर दिया.

मौसीने भी झुककर अपने चूतर मेरे लंड से लगा
दिए और उसकी ठोकर अपने गंद के छेद पर महेसुस करने लगी."ओह्ह्ह कुश,"

मौसी धीरे से बोली, "तुम अपनी मौसी की कितनी सेवा कर रहे हो,मुझे बहुत अच्छा
लग रहा है."
मौसी ने अपनी गंद को फिर से मेरे लंड से रगड़ा और उसके धक्के
अपनी गंद की छेद पर महसूस करने लगी. अब मैं थोड़ा पीछे हट गया. "अब
मैं आपकी पैर और पीछे साबुन लगा कर सॉफ करूँगा,"
मैं धीरे से बोला और
मौसी के पीछे बाथरूम में अपने घुटने के बल बैठ गया.
मैने फिर से
छोटे तौलिया पर साबुन लगाया और पहले मौसी के पैर के पंजे, फिर पैर के
पिंडली और जांघों पर साबुन मला और धीरे धीरे मैने अपना हाथ मौसी की
झांतों से धकि चूत तक ले गया.

फिर मैं मौसी की चूत पर साबुन मलने
लगा. "मौसी अपना एक पैर थोड़ा उठा कर टब के ऊपेर रखो और थोड़ा सा सामने
झुक जाओ, प्लीज़.
मुझे इससे तुम्हारे चूतर में साबुन लगाने मे आसानी होगी,”
मैं अपनी मौसी जान से बोला.
मौसी ने ठीक वैसे ही किया जैसा कि मैने कहा
और झुक अपने पैरों के बीच से मेरा तन्नाए हुए लंड को देखने लगी.

मौसी
देख रही थी कि मैने फिर से छोटे तौलिया मे साबुन लगाया और अपने हाथों
से मौसी के चूतरों पर साबुन लगाना शुरू कर दिया.
फिर मैने मौसी के
चूतरों को साबुन लगा करके मौसी की गांद के छेद पर भी साबुन लगाया.
मैं साबुन
मौसी की गांद की छेद पर ज़ोर ज़ोर से रगड़ रहा था.
अब मैने अपने हाथों
में साबुन लगा कर मौसी के गांद के छेद पर लगा कर धीरे से दबाया और
अपनी उंगली गंद के अंदर कर दी. "ओह्ह्ह्ह...कुश जान," मौसी चीखी, "तुम मेरे
साथ क्या कर रहे हो?”
"मौसी,मैं सिर्फ़ ये देख रहा हूँ कि आपका पीछे का छेद
बिल्कुल सॉफ है कि नही" मैं अपनी मौसी से बोला और अपनी उंगली को और थोड़ा
सा अंदर कर दिया. मौसी हल्की सी कसमसाई.
मैने अपनी उंगली निकाल ली, लेकिन
फिर से अपनी उंगली
मौसी की गांद में घुसेड दी और धीरे धीरे अपनी उंगली मौसी की गांद मे
अंदर बाहर करने लगा.
मैं अब झुककर अपनी मौसी के पैरों के बीच से देखने
लगा कि मौसी के होंठ खुले हुए है और आँखें बंद हैं.
"मौसी, तुमको अच्छा
लगा," मैने धीरे से पूछा. "एम्म्म...तुम अपनी मौसी के शरीर की सफाई बहुत
अच्छी तरफ से कर रहे हो.
अपनी उंगली को थोडा और अंदर करो.” मैने अपनी
उंगली पूरी की पूरी मौसी की गांद मे घुसेड दी और मौसी के मुँह से हल्की सी
चीख निकल गयी.
मैं अपना चहेरा उठा कर अपनी मौसी को देखने लगा और
देखा कि मौसी की गोल गोल चूंची उसके उंगली के हर धक्के के साथ हिल रही
है.
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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Re: प्यारी मौसी

Post by rajsharma »


मौसी की सांस अब उखड रही थी और वो अपने चूतर को मेरे हर धक्के के
साथ पीछे को थेल रही थी. एकाएक मैने अपनी उंगली मौसी की गांद मे से
निकाल ली और साथ साथ मौसी के मुँह से एक आहह! निकल
गयी.“ओह्ह्ह्ह...कुश...तुम अपनी मौसी के शरीर को सॉफ कर चुके?”"नही अभी
पूरा सफाई नही हुई है," मैं बोला और अपने साबुन लगे हाथ को मौसी की
नंगी और खुली चूत पर मलने लगा.

"मुझे तुम्हारी ये जगह भी साफ करनी
है. क्या तुम अपनी चूत गंदी रखना चाहती हो?”
मेरा हाथ अब मौसी की चूत
के चारों तरफ सफाई करने के लिए घूम रहा था. जैसे ही मैने मौसी की
चूत के होंठों को अपने उंगलिओ से फैलाया और अपनी दो उंगलियो को मौसी की
चूत के अंदर डाला तो मौसी ओह्ह! आहह! ष्ह्ह! की आवाज़ें करने लगी. "ओह्ह्ह्ह
कुश, मेरी की चूत को अच्छी तरफ से और सही तरीके से साफ कर दो,”
मौसी के
मुँह से फिर एक बार किल्कारी निकल गयी जब मैने अपने अंगूठे और एक उंगली से उसकी
चूत की घुंडी को पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया.
अब मेरी उंगली मौसी की
चूत के अंदर तक पहुँच रहा थी और वो मैं मौसी की चूत मे डाल कर घुमा
रहा था और धीरे धीरे अंदर बाहर कर रहा था और कभी अपनी उंगली रोक कर
देख रहा था कि कैसे मेरी उंगली को मौसी की चूत के होंठ जाकड़ कर पकड़ रहे है.

एकाएक मौसी अपनी पीठ को मोड़ कर अपनी गार्डेन तान ली और अपना सर पीछे करके
शवर का पानी अपने मुँह पर लेने लगी.
मौसी के मुँह से हल्की चीख निकल
गयी और उसके घुटनो ने जबाब दिया और मौसी अपने आपको टब के सहारा लेकर
खड़ी हो गयी और फिर बैठ गयी.
मैने अपने हाथों से मौसी को जाकड़ लिया
और अपने हाथों से उनकी चुन्चेओ के निपल को मलने लगा.
थोरी देर तक दोनो
वैसे ही बैठे रहे और फिर मैं मौसी से बोला, “मौसी तुम ठीक तो हो?’ या
मैं तुम्हारे बालों को भी धो दूँ?”
मौसी धीरे से मुस्कुरा दी और कंधों के
बगल से मुझ को देखते हुए बोली, “हाँ तुम मेरे बालों को भी धो दो, तुमने तो
मेरी सारी चीज़ धो दी है.
तुमने अपनी मौसी को बहुत तंग किया और मज़ा भी
दिया.” "तंग नही किया. हाँ मज़ा दिया." मैने मौसी से हंसते हुए कहा. "अब तुम
नीचे बैठो और मैं टब के ऊपेर बैठता हूँ. मैं शवर बंद कर देता हूँ और
हाथ वाला शवर लेकर आपके बालों को धो देता हूँ."

मौसी खड़ी हो गयी और
मैं टब के किनारे बैठ गया और फिर मौसी से बोला, “आप अपने घुटने के बल
बैठ जाएँ जिससे मुझको आपके बालों को धोने मे आसानी रहेगी.”
मैं घूम कर
शॅमपू की बोतल और हाथ वाला शवर लिया और मौसी अपने घुटने के बल बैठ
गयी. जब मैं घूम करके फिर से बैठा तो मेरा मोटा ताज़ा और तन्नाया हुआ लंड
ठीक मौसी के मुँह के सामने कुछ इंचों की दूरी पर था.

मैने हाथ वाले
शवर से मौसी के बालों को पूरी तरफ से भीगा दिया और फिर उसपर शॅमपू
गिराया और अपने हाथों से शॅमपू मलते हुए ढेर सारा झाग पैदा करके मौसी
के बालों को धोना शुरू किया.

मैने झुक कर मौसी की गर्देन के पास के बालों को
शॅमपू से धोना शुरू किया, लेकिन ऐसा करके वक़्त मेरा लंड मौसी के होंठों से
छूने लगा. मौसी ने अपने होंठों को खोला और लंड के सुपरे का थोड़ा सा हिस्सा
अपने मुँह मे ले लिया.

मौसी नेअपनी जीव से मेरे लंड से रिसते हुए पानी को हल्के से
चॅटा. मौसी ने अपने पीछे मेरा हाथ महसूस किया.

मैने मौसी का सर पकड़ के
अपनी तरफ थोड़ा से खींचा और अपना लंड थोड़ा सा और मौसी के मुँह मे घुसा
दिया और फिर मौसी का सर छोड़ दिया.

मौसी ने अपना सर थोडा और आगे किया और मेरा तना हुआ लंड और थोड़ा अपने
मुँह के अंदर ले लिया.
फिर अपने होंठों को सिकोड कर मेरा लंड अपने मुँह से
निकाली और अपनी जीव मेरा लंड के छेद पर रख कर घुमाना शुरू किया.

मौसी नेअपने भानजे की तरफ देखते हुए अपनी जीव से लंड के सुपरे को चाटना शुरू
किया. मैने अपनी कमर चलाना शुरू किया और अपना लंड मौसी के मुँह के अंदर
बाहर करने लगा.
धीरे धीरे मेरा शरीर ऐंठने लगा और मैं फिर से झार गया.
झटकों के साथ मेरा वीर्य मौसी के मुँह पर
गिरने लगा और मौसी का मुँह भरने लगा.
मौसी की सांस फूलने लगी और वो गाटा
गट मेरे सारे वीर्य को पीने लगी. कुछ थोड़ा वीर्य मौसी के होंठों से निकल कर
मुँह से छूने लगा.
मौसी फिर से मेरे वीर्य को पी गयी. मैं टब के किनारे बैठा
रहा और मौसी ने अपना सर मेरे घुटने पर रख दिया और मैने अपने हाथों से
मौसी के बालों को सहलाने लगा.
थोरी देर के बाद मैं उठ कर खड़ा हो गया
और अब मेरा झारा हुआ लंड उसके दोनो पैरों के बीच लटक रहा था.
मैने झुककर अपने मौसी को उठाया और मौसी को खड़ा कर दिया और उसको देख देख कर
मैं मुस्कुराने लगा.
देखा भाई लोगो एक तो मौसी को चोद दिया फिर अपने लंड का पानी भी पीला दिया
उसके बाद भी मौसी को देखकर मुस्कुरा रहा है यानी अभी और धमाल होना बाकी है
तो मेरे साथ आप भी पढ़ते रहिए प्यारी मौसी के अगले पार्ट आपका दोस्त राज शर्मा

क्रमशः..............
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साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
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Re: प्यारी मौसी

Post by rajsharma »



pyari mousi paart--3

gataank se aage........
Sabhi ki sewa karne ka dil kar raha hai ye kehte hue main ek
dum jhad gaya. Mousi ek baar fir se mere saath saath jhad gayi,h
um dono is
chudai se bilkul paseene se bheeg gaye the.maine mousi ki nangi peeth par kiss
kiya.

Fir main jaakar fresh ho gaya.aur nanga hi ghar mein ghoomne laga.mousi
breakfast lagane lagi aur main baithkar mousi ko dekh raha tha,mousi bhi
breakfast karne ke liye baithne lagi to maine unka haath khichkar apni godi mein
bith liya jisse mera lund khada ho gaya aur mousi ki gaand par dastak dene
laga.

mousi boli ki tera ye naag fir se khada ho gaya hai.isse shaant kar,maine
kaha mousi ye naag to tumhare bil mein jaakar hi shaant hoga.
maine mousi ke gown
ko niche se uthaya aur mousi ne mere lund ko pakadkar apni chut mein daal
diya.fir hum aise hi baithkar breakfast karne lage aur chudai bhi.
Breakfast
karne ke baad mousi nahane jaane lagi to maine kaha hi mousi main bhi nahaunga
aaj tumhare saath to mousi hasne lagi aur main bhi unke saath bathroom mein ghus
gaya.
maine mousi ka gown utara aur kaha ki mousi aaj main nehlaunga tumhe.maine
bhi apna underwear utar diya.

Maine mousi ko shower ke neeche khara kiya aur
phir apne peeche bathroom ka darwaja band kar diya.
Mousi apne aapko shower ke neeche rakh kar apne haathon ko diwal se tika
diya,main teekh unke peeche khara tha aur apne hath me sabun aur ek chhota
tauliya liye apne mousi ko sabun lagane ke liye khada tha.

"Main kaha se shuru
karoon?” Maine mousi se poocha"Mere haath," mousi boli, "teekh jaise tum apne
haathon par sabun lagate ho, waise hi mere haathon par sabun lagao.”

Maine
chhote tauliya par sabun lagaya aur mousi ke hathon ko sabun laga kar dhona
shuru kar diya.

Maine pahle haathon par sabun wala tauliya mala, phir kandhon
par phir bagal me aur phir peeth par sabun se mala aur phir sabun ko pani se dho
diya.
Phir maine Mousi ko ghuma kar khara kar diya. Aur sabun ko pani se dhone
laga.
Main apne aapko Mousi se chipka kar khara tha aur haathon ko peeche le
jakar sabun ko pani se dho raha tha.
Mera khara lund mousi ke pet me chuv raha
tha, mousi ki chunchee meri chatee se ragar rahi thi.
Mere hath ab mousi ke
chutar ke ooper ghum raha tha aur phir maine Mousi ke chutar pakar kar Mousi ko
apne aap se chipka liya.
Mousi ke hath bhi mere gale ke dono taraf the aur wo
bhi mere se apne aap se chipka kar khari thee. "Ohhh, kush..." Mousi dhire se
phusphusa kar boli."Shhhh," main dhire se bola, "phir se ghum jao aur mai ab
tumhare samne sabun lagaunga.”

Main thora peeche hata aur mousi ghum kar kharee
ho gayee aur phir se apne haathon ko diwar se tika diya. Main phir se sabun wala
taulia utha kar peeche se Mousi ke pet par malna shuru kiya aur dhire dhire apne
haathon ko ooper le jaane laga aur thori der ke baad mere haath Mousi ke
chunchee par the jinko maine sabun laga
Laga kar dhona shuru kar diya.

Mousi bhi jhukkar apne chutar mere lund se laga
diya aur uske thokar apne gand ke chhed par mahesus karne lagee."Ohhh kush,"

Mousi dhire se boli, "tum apni mousi ki kitni sewa kar rahe ho,mujhe bahut achha
lag raha hai."
Mousi ne apne gand ko phir se mere lund se ragra aur uske dhakke
apne gand ki chhed par mahasoos karne lagee. Ab main thora peeche hat gaya. "Ab
main aapki pair aur peeche sabun laga kar saaf karunga,"
Main dhire se bola aur
Mousi ke peeche bathroom mein apne ghutne ke bal baith gaya.
Maine phir se
chhote taulia par sabun lagaya aur pahle Mousi ke pair ke panje, phir pair ke
pindlee aur janghon par sabun mala aur dhire dhire maine apna haath Mousi ke
jhanton se dhaki choot tak le gaya.

Phir main Mousi ki choot par sabun malne
laga. "Mousi apna ek pair thora utha kar tub ke ooper rakho aur thora sa samne
jhuk jao, please.
Mujhe isse tumhari chutar mein sabun lagane me asani hogi,”
main apni mousi jaan se bola.
Mousi ne theek waise hi kiya jaisa ki maine kaha
aur jhuk apne pairon ke beech se mera tanaya hua lund ko dekhne lagee.

Mousi
dekh rahee thee ki maine phir se chote taulia me sabun lagaya aur apne haathon
se Mousi ke chutaron par sabun lagana shuru kar diya.
Phir maine Mousi ke
chutaron ko laga karke Mousi ki gaand ke chhed par bhi sabun lagaya.
Main sabun
Mousi ki gaand ki chhed par jor jor se ragar raha tha.
Ab maine apne haathon
mein sabun laga kar Mousi ke gaand ke chhed par laga kar dhire se dabaya aur
apni unglee gand ke andar kar di. "Ohhhh...kush jaan," Mousi cheekhi, "tum mere
sath kya kar rahe ho?”
"Mousi,mai sirf eh dekh raha hun ki aapki peeche ke chehd
bilkul saaf hai ki nahee" main apni mousi se bola aur apni unglee ko aur thora
sa andar kar diya. Mousi halkee si kasmasai.
Maine apni unglee nikal li, lekin
phir se apni unglee
Mousi ki gaand mein ghuser di aur dhire dhire apni unglee Mousi ki gaand me
andar bahar karne laga.
Main ab jhukkar apni mousi ke pairon ke beech se dekhne
laga ki Mousi ke honth khule hue hai aur aankhen bandh hain.
"Mousi, tumko achha
kaga," maine dhire se pucha. "Mmmm...tum apni mousi ki sharer ki safai bahut
achhee taraf se kar rahe ho.
Apni unglee ko thora aur andar karo.” Maine apna
unglee pura ka pura Mousi ki gaand me ghuser di aur Mousi ke munh se halkee si
cheekh nikal gayee.
Main apna chehera utha kar apni mousi ko dekhne laga aur
dekha ki Mousi ki gol gol chunchee uske unglee ke har dhakke ke saath hil rahee
hai.
Mousi ki sans ab ukhra ukhra thi aur wo apne chutar ko mere har dhakke ke
saath peeche ko thel rahee thee. Ekaek maine apni unglee Mousi ki gaand me se
nikal li aur saath saath Mousi ke munh se ek Ahh! Nikal
gayee.“Ohhhh...kush...tum apni mousi ke shareer ko saaf kar chuke?”"Nahee abhi
pura safai nahee hua hai," main bola aur apna sabun laga haath ko Mousi ki
nangee aur khulee choot par malne laga.

"Mujhe tumharee is jagah bhi saf karna
hai. Kya tum apni choot gandee rakhna chahti ho?”
Mera haath ab Mousi ki choot
ke chaaron taraf safai karne ke liye ghum raha tha. Jaise hi maine mousi ki
choot ke honthon ko apne unglion se failaya aur apne do ungleion ko mousi ki
choot ke andar dala to Mousi Ohh! Ahh! Shhh! Ki awaajen karne lagee. "Ohhhh
kush, meri ki choot ko achhee taraf se aur sahi tarike se saf kar do,”
Mousi ki
munh se phir ek bar kilkaree nikal gayee jab mera anghutha aur ek unglee uski
choot ki ghundee ko pakar kar masalna shuru kar diya.
Ab meri unglee Mousi ki
choot ke anadar tak pahunch raha thi aur wo main mousi ki choot me dal kar ghuma
raha tha aur dhire dhire andar bahar kar raha tha aur kabhi apni unglee rok kar
dekh raha tha ki kaise uske unglee ko choot ki honth jakar kar pakar raha hai.

Ekaek Mousi apni peeth ko mor kar apni garden tan liya aur apne sar peeche karke
shower ka pani apne munh par lene lagi.
Mousi ki munh se halki cheekh nikal
gayee aur auski ghutne jababde diya aur Mousi apne aapko tub ke sahara lekar
kharee ho gayee aur phir baith gayee.
Maine apne haathon se Mousi ko jakar liya
aur apne haathon se unki chuncheon ke nipple ko malne laga.
Thori der tak dono
waise hi baithe rahe aur phir main mousi se bola, “mousi tum theekh to ho?’ ya
mai tumhare baalon ko bhi dho doon?”
Mousi dhire se muskura dee aur kandhon ke
bagal searun ko dekhtee hue boli, “han tum mere baalon ko bhi dho doo, tumne to
mere saare cheez dho diya hai.
Tumne apni mousi ko bahut tang kiya aur maza bhi
diya.” "tang nahee kiya. Han maza diya." maine Mousi se hanse hue kaha. "Ab tum
neeche baith aur mai tub ke ooper baithta hun. Mai shower band kar deta hun aur
haath wala shower lekar aapki baalon ko dho deta hun."

Mousi kharee ho gayee aur
main tub ke kinare baith gaya aur phir mousi se bola, “aap apne ghutne ke bal
baith jaen jisse mujhko aapke baalon ko dhone me asani rahegi.”
Main ghum kar
shampoo ki botal aur haath wala shower liya aur mousi apne ghutne ke bal baith
gayee. Jab main ghum karke phir se baitha to mera mata taza aur tannaya hua lund
theek Mousi ke munh ke samne kuch inchon ki dooree par tha.

Maine haath wale
shower se Mousi ke balon ko puree taraf se bhiga diya aur phir uspar shampoo
giraya aur apne haathon se shampoo malte hue dher saara jhag paida karke Mousi
ke baalon ko dhon shuru kiya.

Main jhuk kar Mousi ke garden ke pas ke baalon ko
shampoo se dhona shuru kiya, lekin aisa karke waqt mera lund Mousi ke honthon se
chune laga. Mousi ne apne honthon ko khola aur lund ke supare ka thora sa hissa
apne munh me le liya.

Mousi apne jeev se mere lund se rista hua pani ko halke se
chata. Mousi ko apne peeche mera hath mahasoos kiya.

Maine Mousi ko sar pakar ke
apni taraf thora se kheencha aur apna lund thora sa aur Mousi ke munh me ghusa
diya aur phir Mousi ka sar chor diya.

Mousi ne apna sar thora aur aage barhaya aur mera tana hua lund aur thora apne
munh ke andar liya.
Phir apni honthon ko sikor kar mera lund apne munh se
nikalee aur apne jeev mera lund ke ched par rakh kar ghumana shuru kiya.

Mousi
apne bhanje ki taraf dekhte hue apni jeev se lund ke supare ko chatna shuru
kiya. Maine apna kamar chalana shuru kiya aur apna lund Mousi ke munh ke andar
bahar karne laga.
Dhire dhire mera sharer aithne laga aur uske ande kara hona
shuru kiya aur phir main jhar gaya.
Jhatkon ke saath mera virz Mousi ke munh par
girne laga aur Mousi ka munh bharne laga.
Mousi ki sans phulne lagee aur wo gata
gat mere saare virz ko pine lagee. Kuch thora virz Mousi ke honthon se nakal kar
munh se chune laga.
Mousi phir se mere virz pee gayee. Main tub ke kinare baitha
raha aur Mousi ne apne sar mere ghutne par rakh diya aur maine apne haathon se
Mousi ke baalon ko sahalane laga.
Thori der ke bad main uth kar khara ho gaya
aur ab mera jhara hua lund uske dono pairon ke beech latak raha tha.
Main jhuk
kar apne mousi ko uthaya aur Mousi ko khara kar diya aur usko dekh dekh kar
muskurane laga.

kramashah..............
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
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Re: प्यारी मौसी

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प्यारी मौसी पार्ट--4

गतान्क से आगे........
फिर मैं सूखा हुआ तैलिया लेकर आया तो मौसी अपने हाथों को
ऊपेर किया जिससे कि मैं उनको तौलिया से पूछ सकु.
हाथ उठाने से मौसी की
चूंचिया भी ऊपेर उठ गयी और ये देख कर मैने झट से अपना सर नीचे किया
और मौसी की एक चूंची और उसका निपल अपने मुँह मे भर कर चूसने लगा.
"ओह्ह्ह कुश," मौसी बड़बड़ाई, "तुम ये कैसा मज़ा दे रहे हो मुझे.आज तक मैं
इस मज़े से अंजान थी.मेरे साथ पहले ऐसा कभी नही हुआ.आज भी तूने मुझे
जन्नत के नज़ारे करा दिए है.मेरे साथ रोज़ ऐसा ही करा कर जब तेरे मौसा
घर पर ना होया करे.


"ठीक है मौसी," मैं अपनी मौसी की चूंची पर से अपना मुँह हटाते हुए
बोला,लेकिन मेरी उंगली अभी भी मौसी की रिस्ती हुए चूत से खेल रही थी और
धीरे धीरे अंदर बाहर कर रहा था. फिर मैने अपनी मौसी से कहा, “मौसी जी
क्या मौसा जी तुम्हारे साथ अच्छी तरह से चुदाई नही करते है क्या?"मैं बोला


मौसी जान जब तक मैं यहा हू तब तक मैं आपकी और आपकी चूत की तन मन से
सेवा करूँगा, इतना कहकर मैने मौसी की निपल को हल्के से काटा और अपनी उंगली
जितना जा सकती है उतनी मौसी की चूत मे घुसेड दी. "उहग्ग्ग," मौसी हल्के
से चीखी और अपना हाथ मेरे कंधों पर रखती हुई बोली, “बदमाश तेरे को
सब पता चल गया है कि तेरा मौसा बस मुझे ऐसे ही चोद्ता है.

कभी कभी
तो पूरे कपड़े उतारे बिना ही चुदाई करता है.मेरा भी दिल करता है कि मुझे
भी कोई प्यार से चुदाई करे.मैं तब धीरे से पीछे हट गया और मौसी की चूत
से उंगली निकाल कर अपने मुँह मे डाल दी और अपनी उंगली चूस्ते हुए मुस्कुरा कर
अपने मुँह से "म्‍म्म्मम," की आवाज़ निकाली.

मौसी ये देखकर शर्मा गयी,मैं मौसी से
बोला कि ये कमी तो मौसी मैं पूरी कर दूँगा तुम्हारी तुम चिंता ना करो.मेरा
लंड फिर से खड़ा हो गया था,मौसी मेरे लंड को देखे जा रही थी,मैं बोला
मौसी देख क्या रही हो,इसको पकड़ोना.

मौसी ने मेरे लंड को पड़का और आगे पीछे
करने लगी.
मौसी बोली की कुश डार्लिंग अब चोद भी दे मुझे क्यो तडपा रहा है
मेरी चूत को. डाल दे अपना लंड मेरी चूत में और फाड़ डाल मेरी चूत को.मैं
मौसी को गोद में उठाकर वैसे ही दोनो नंगे ही बेडरूम में ले आया. और
मौसी को बेड पर पटक दिया.और मैं मौसी के उपर लेट गया जिससे मेरे सीने से
मौसी की चुचिया दब रही थी.और रगड़ रही थी.और मेरा लंड मेरीमौसी की चूत पर
दस्तक दे रहा था.

तभी डोरबेल बजी,हम दोनो फटाफट खड़े हुए और मैं तो
बाथरूम में नंगा ही चला गया और मौसी केवल गाउन पहन कर गेट खोलने
गयी.
मैने गेट बंद होने की आवाज़ सुनी तो थोड़ा झाँक कर देखा तो मौसी की
एक सहेली( जिसके बारे में बाद में मौसी ने बताया था) जिसका नाम पायल
था

पायल की एज 32 की और फिगर 38 28 38 है.वो साड़ी पहनकर आई थी.
उसका
साड़ी में फिगर देखकर मेरा लंड फटने को होने लगा.

मैं सोचने लगा कि मेरी मौसी साड़ी में कैसी लगेगी.
वो दोनो सोफे पर
बैठकर बाते करने लगी.मैं कान लगाकर उनकी बाते सुनने लगा थोड़ी देर
बाते करने के बाद वो सेक्स पर बाते करने लगी.

पायल मौसी से बोली कि आज
तूने ब्रा नही पहेनी हुई है क्या जो तेरे बूब्स झूल रहे है.मौसी बोली नही
पहनी और पायल के बूब्स पकड़कर दबा दिए.

शायद मौसी गरम तो पहले से थी
और बात भी सेक्स के उपर हो रही थी तो उनसे रहा नही गया होगा.पायल के मूह से
स्शह निकल गया और बोली कि छ्चोड़ इन्हे क्यो तडपा रही है मुझे इन्हे दबा कर
मौसी बोली आज बड़े लगे रहे है तेरे बूब्स क्या बात है लगता है बहुत चुदाई
हो रही है आजकल तेरी.

पायल बोली कहा यार मेरा पति एक तो लेट आता है काम
से और आते ही सोने की लगी रहती है.काफ़ी टाइम हो गया मुझे सेक्स करे
हुए.
उनकी बाते सुनकर मैने बाथरूम में मूठ मार ली.ऐसे ही बाते करते हुए
मौसी किचन में चली गयी नाश्ता लगाने के लिए.
मैं भी थोड़ी देर बाद
केवल टोलिया लपेटकर बाथरूम से बाहर निकला तो पायल मुझे देखकर घबरा
गयी.जब मौसी ने मेरा परिचय पायल से करवाया तो वो कुछ नॉर्मल हुई.
मैने
पायल को आंटी कह कर नमस्ते की.पायल मेरे तोलिये के अंदर खड़े हुए लंड को
घूरकर देख रही थी,मुझे भी मज़ा आ रहा था दिखाने में.
तभी मौसी
किचन से वापस आई तो मैं रूम में चला गया कपड़े चेंज करने के
लिए.तब पायल मौसी से बोली कि तेरा भांजा घर में है और तू ब्रा भी नही
पहनी हुई है अगर कुछ हो गया तो,मौसी बोली क्या हो जाएगा??

पायल बोली तूने
देखा नही कि उसका लंड खड़ा हुआ था.मौसी बोली
जवान लड़का है अभी नही खड़ा होगा तो कब होगा.

पायल बोली तुझे शरम नही
आती अपने भानजे के बारे में ऐसा कहते हुए? मौसी बोली: इसमे शरम की क्या
बात है वो तो घर का मेंबर ही तो है ना.

फिर मैं रूम से बाहर निकला और
मौसी से कहा कि मैं अभी थोड़ी देर में आता हू.ये कहकर मैं बाहर निकल
गया.और जाकर रूम की खिड़की से देखने लगा.

मौसी ने पायल की साड़ी के उपर
से चूत पर हाथ रखकर पूछा कि जब तू चुदाई नही करवाती है तो इसे कैसे
शांत करती है.पायल बोली कि क्या करू यार फिंगर से ही काम चलाना पड़ता
है.
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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Re: प्यारी मौसी

Post by rajsharma »


मैं इन दोनो को रूम में
छ्चोड़कर बहाना बनाकर रूम से निकलकर खिड़की से अंदर झाकने लगा.
पायल साड़ी पहेन कर आई थी और मौसी ने पायल की साड़ी के उपर से चूत पर
हाथ रखकर पूछा की जब तू चुदाई नही करवाती है तो इसे कैसे शांत
करती है.
पायल बोली कि क्या करू यार अब तो वीक में एक दो बार ही चुदाई होती है
बाकी दिन तो फिंगर से ही काम चलाना पड़ता है. मौसी ने पायल की साड़ी बूब्स
से हटा दी और कपड़े के उपर से ही पायल के बूब्स दबाने लगी.
जिससे पायल गरम होने लगी.अब पायाल भी मौसी की चुचियो को ज़ोर से दबाने
लगी.
मैने जिंदगी में कभी लेज़्बीयन सेक्स नही देखा था.आज नसीब से देखने को
मिल रहा था.
मौसी ने पायल की साड़ी को कमर तक उठा दिया.
पायल की टांगे बहुत सुंदर आंड गौरी थी,
पायल ने पिंक कलर की पॅंटी पहनी थी जो बहुत महीन कपड़े की सेक्सी पॅंटी
थी जिसमे से पायल की चूत दिख रही थी.
पायल ने मौसी के गाउन को उतार दिया.
मौसी को बिना पॅंटी में देखकर पायल मौसी की चूत पर हाथ रखकर बोली
कि कही अपने भानजे के साथ मज़े कर रही थी क्या.ना तो ब्रा
और ना ही पॅंटी पहनी हुई है तूने.
मौसी ने पायल के सारे कपड़े उतार दिए और नीचे लेट गयी और पायल को
अपने उपर खीच लिया
जिससे दोनो आपस में लिपटी हुई थी.
मौसी के पैर पायल की कमर पर थे.पायल पॅंटी निकाले बिना अपनी
चूत मौसी की चूत पे रगड़ने लगी.
उसने दोनो हाथो से मौसी को कसकर पकड़
लिया.
पायल के बूब्स मौसी के बूब से पूरे दब रहे थे. और होंठ…
वो बुरी तरह से मौसी के होंठो से चिपक गये थे.
वो मौसी को जबरदस्त किस कर रही थी...मौसी ने अपनी आँखें बंद कर ली थी.
मगर ज़्यादा वक़्त मौसी आँखें बंद नही रख सकी.
मौसी को भी मज़ा आने लगा था मौसी ने भी दोनो हाथो से पायल को कस लिया
और किस का रेस्पॉन्स देने लगी.
अब मौसी की जीब पायल के मूह मे घूम रही थी. ये देखकर पायल के बदन
में भी फुर्ती आ गयी अब उसने मौसी को नीचे लिटाकर पायल उपेर आ गयी.
वो ज़ोर ज़ोर से अपनी पुसी मौसी की पुसी पे रगड़ रही थी. आह ओह्ह मौसी
कराहने लगी.
पायल.. ओह पायल पॅंटी भी निकाल दे प्लीज़.
उसने अपनी पॅंटी भी उतार दी.
पायल किसी भूके मर्द की तरह मौसी पर टूट पड़ी.
मौसी नीचे थी हिल भी नही पा रही थी.
अब पुसी से पुसी रगड़ रगड़ कर उन दोनो की चूत पूरी गीली (वेट) हो चुकी थी.
दोनो फिर अलग अलग हुई.पीठ के बल सोई दोनो आसमान(छत)की तरफ
देखकर हाफ़ रही थी.
मौसी ने देखा कि पायल दोनो पैर फैला कर पीठ के बल लेटी हुई थी.
पायल की पुसी से पानी बह रहा था.
अब मौसी से रहा नही गया."पायल तुमने तो तुम्हारा सॅटिस्फॅक्षन कर लिया मेरा
क्या?''मौसी ने पूछा.
"मैने मेरा तरीका ढूँढा तुम जो चाहो तुम कर लो"पायल बोली.
अब मौसी भी मूड मे आ गयी अप नी दोनो टाँगो को फैलाकर मौसी ने अपनी पुसी
पायल के मूह पर रख दी और दोनो हाथ उसके हिप के नीचे डालकर अपना मूह उसके
पुसी मे घुसा दिया.
मौसी उसकी पुसी सक करने लगी.पूरी तरह से गीली हुई पुसी को
चाटने लगी.साथ ही साथ मे पायल के मूह को पुसी समझ कर ज़ोर ज़ोर से आगे
पीछे होने लगी.
पायल के हाथ कहा शांत थे वो मौसी के हिप्स पर घूम रहे
थे बीच बीच में उसकी उंगली मौसी के गांद को छेड़ रही थी.
उसकी जीब भी मौसी की पुसी मे डीप घूम रही थी.
मौसी ज़्यादा ही फार्म मे आ गयी.ज़ोर लगाके अपनी पुसी उसके मूह मे रगड़ने लगी.
अब उसकी एक उंगली मौसी के आसहोल पे थी.
जैसे ही मौसी उछलती उसकी उंगली थोड़ी आस मे घुस जाती.
मौसी को बहुत ही मज़ा आ रहा था.
अब मौसी बहुत ही कराह रही थी. मौसी की पुसी पायल के मूह
मे ही खाली हो गयी.
पायल भी पुसी मे से निकली हर बूँद चूस रही थी निगल
रही थी.अचानक उसने करवट बदल कर मौसी को नीचे लिया अब वो मौसी का मूह
अपनी पुसी से फक कर रही थी.
अब वो दोनो भी बहुत थक चुके थे.वो अलग हुए और एक दूसरे की बाहो मे आकर
एक दूसरे के मूह चूसने लगे.
अपनी ही पुसी के पानी का टेस्ट और स्मेल उन दोनो को किस्सिंग मे मिल रहा था.
ये सब अंदर का नज़ारा देखकर बाहर खड़ा हुआ मैने वही खड़े खड़े मूठ मार
ली.
दिल तो कर रहा था कि अंदर जाकर दो दो जवानी के मज़े लू.लेकिन मैं ऐसा
नही कर सकता था.
अपनी चूत की आग भुजाने के बाद पायल शाम को अपने घर चली गयी.और मैं
वापस आ गया,
लेकिन मैने मौसी को उन दोनो की चुदाई देखी है ये नही बताया.
मैने घर पर आते ही मौसी को नंगा करके फिर से मौसी की चूत में अपना
लंड डालकर दिल भर के चोदा.
चुदाई करते हुए मैं मौसी से बोला कि मौसी तुम भी साड़ी पहना करोना,
देखो तुम्हारी सहेली साड़ी पहनी हुई कितनी सेक्सी लगती है.

मौसी बोली कि क्यो पायल तुझे पसंद आ गयी है क्या.उस पर भी दिल आ गया है
क्या.
मेरी चूत काफ़ी नही थी क्या तुझे मेरी सहेली की भी लेने का दिल कर रहा
है.
मैने कहा मौसी तुम्हारी जैसी चूत तो कही नही मिलेगी?
अगर तुम्हारी सहेली की मैं कुछ मदद कर सकु तो अच्छा ही होगा ना..
मौसी बोली कि क्या मतलब?
मैं चुदाई करते हुए बोला कि मैने तुम दोनो की बाते सुन ली थी और तुम दोनो की
चुदाई भी देखी.
मौसी बोली कि अच्छा तभी तू तारीफ़ कर रहा है उसकी.
अच्छा बता दोनो में से कौन अच्छी लगी तुझे.मैने कहा मौसी अभी तुम्हारी
सहेली की चुदाई की कहाँ है मैने जो अभी से बता दू.
मैने अपना सारा पानी मौसी की चूत में छ्चोड़ दिया.
उस दिन के बाद तो मौसी घर में ज़्यादातर साड़ी ही पेहेन्ति थी.
मौसी साड़ी में और भी सेक्सी लगती थी.ऐसा लगता था जैसे उसके
बूब्स ब्लौवज से बाहर आने को तड़प्ते रहते थे.
और मौसी साड़ी को अपनी नाभि के नीचे बाँधती थी जिसे देखकर मुझे अपने
उपर कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता था और मैं मौसी की बिना कपड़े उतारे
ही चुदाई कर देता था.
देखा भाई लोगो आपने मौसी को चोद दिया अब उसकी सहेली के पीछे पड़ा है कितनी औरतो की
ये ले के मानेगा क्या ये पायल को चोद पाएगा क्या मौसी पायल को इससे चुदने देगी इन सवालो
का जबाब जानने के लिए पढ़ते रहे प्यारी मौसी के अगले पार्ट आपका दोस्त राज शर्मा

क्रमशः..............
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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