मैं और मेरा परिवार

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xyz
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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by xyz »

810 सी

मेरे आने तक रिया और राजेश ने एक राउंड कर लिया

रिया तैयार होके मेरा इंतज़ार कर रही थी ,और राजेश वापस सो गया था

रिया-कितनी देर कर दी तुम ने

अवी-हो गया तुम्हारा

रिया-हाँ, चलो मुझे ड्रॉप करदो

अवी-राजेश कहाँ है

रिया-वो वापस सो गया है.चलो मुझे देर हो रही है.

अवी-छोड़ देता हूँ पहले अपना मोबाइल दो

रिया-सब कुछ तो डेलीट कर चुके वो अब क्या करने वाले हो

अवी-मेरे मोबाइल की बॅटरी ख़तम हो गयी है,एक कॉल करना है

रिया-लो

मैं ने रिया के मोबाइल से चाची को कॉल किया ,ऐसा करने से चाची को देर से कॉल करने की वजह बता सकता था और रिया का फोन फिर चेक कर सकता था.

अवी-हेलो चाची

सी चाची-अवी कहाँ हो

ब चाची-अवी कहाँ हो तुम

अवी-चाची मैं फ्रेंड के घर पे हूँ

ब चाची-सुबह से फोन क्यूँ नही किया. और कब आने वाला है.

अवी-चाची मोबाइल की बॅटरी ख़तम हो गयी थी. ये फ्रेंड के मोबाइल से बात कर रहा हूँ

ब चाची-तू है कहाँ. और खाना खाया कि नही

अवी-खाना खा लिया है. शाम तक आ जाउन्गा.

ब चाची-मुझे पता है नही खाया होगा. और तू इतना लापरवाह कैसे हो गया. एक फोन नही कर सकता था सुबह उठ कर

अवी-यहाँ आप नही थी ना तो मैं देर तक सोता रहा किसी ने जगाया नही.जिस से सुबह फोन नही किया

ब चाची-ठीक है. पर दुबारा ऐसा मत करना. अब जल्दी राजेश को लेकर आ

अवी-शाम तक आ जाउन्गा.आप नीता बुआ घर मे आ जाना.

ब चाची-आ जाउन्गी. अपना ख़याल रखना

अवी-जी

बड़ी चाची के साथ बात करके बता दिया कि मैं शाम तक आ जाउन्गा. उसी समय मैं ने रिया का फोन फिर चेक किया क्या हैना रिस्क नही ले सकते
फोन मे कुछ नही था.

रिया-हो गया होगा तो चले

अवी-हाँ चलो

मैं रिया को उसके कोर्स की जगह पर छोड़ने चला गया.

राजेश आराम कर रहा था. मैं रिया को छोड़ कर आ गया उस के बाद भी राजेश सो रहा था.

सोने दो कल से काफ़ी चुदाई कर चुका है

राजेश को आराम की ज़रूरत है.

कम से कम कपड़े तो पहन कर सोता .ऐसे नगा सो गया.

मुझे भी नींद आ रही है.मैं भी सो गया ,

2 3 घंटे की एक छोटी नींद लेने के बाद राजेश और मैं एक साथ उठ गये

अवी-उठ गये छोटे मिया

राजेश-बड़ी अच्छी नींद आ गयी.

अवी-इतनी चुदाई करेगा तो नींद तो आएगी ना

राजेश-आपने आंटी इतनी सेक्सी लाई कि मैं कंट्रोल नही रख पाया

अवी-कंट्रोल रखा कर ,


राजेश-भैया सब कंट्रोल मे था बस उनको दिख रहा था कि वो कितनी हॉट है,मेरे लट्तू होते वो जवान हो गयी.

अवी-मुझे लग ही रहा था कि तू ड्रामा कर रहा है

राजेश-पर कुछ भी हो, थी कमाल की चीज़ ,पूरा मज़ा आ गया.

अवी-कैसी भी हो मज़ा लेना आना चाहिए

राजेश-आप बढ़िया चुदाई करते हो. आप से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा

अवी-सीख लेना ,चल फ्रेश हो जाओ

राजेश-हो जाउन्गा पर अब क्या प्लान है

अवी-तुम जैसे स्कूल मे रहते हो वैसे बन जाओ

राजेश-बन जाउन्गा ,

अवी-और गाओं मे रख कर एंजाय करना शुरू कर दो

राजेश-वो तो कल से कर दिया. गाओं मे रिया शहर मे आंटी

अवी-अपनी सेट्टिंग भी कर लेना

राजेश-वो तो कर लूँगा वैसे आपने बताया नही वो कौन थी जिसने मेरे बारे मे आपको बताया

अवी-तू खुद पता लगा ले ,मैं भी तो देखु तू कितना स्मार्ट है

राजेश-वो तो लगा लूँगा .और उसकी चुदाई हम साथ मे करेंगे

अवी-पहले पता लगा लो ,बाकी बाद मे देखेंगे

राजेश-वैसे भैया आपको मेरी एक बात माननी होगी

अवी-क्या?

राजेश-आपने मुझे इतना मज़ा करवाया ,मैं भी आपको मज़ा करवाना चाहता हूँ

अवी-मैं ने इसके लिए थोड़े किया था. तुझे बताने के लिए किया कि गाओं मे भी मज़ा कर सकते है.

राजेश-कुछ भी हो , आपको मैं मज़ा करवाकर रहूँगा

अवी-कैसे

राजेश-आपको मेरे स्कूल आना होगा ,ना मत कहना

अवी-ठीक है आ जाउन्गा. अब खुश

राजेश-हाँ, आप मेरे स्कूल आना हम मिलकर कल जैसा मज़ा करेंगे,

अवी-तुझे कल बहुत मज़ा आना ना

राजेश-हाँ, आज तक ऐसा मज़ा कभी किया नही. पर और ऐसा मज़ा करना चाहता हूँ,बस आप मेरे स्कूल आना

अवी-आ जाउन्गा. मिलकर मज़ा करेंगे ,मैं भी देखना चाहता हूँ तेरे स्कूल मे ऐसा क्या है जो तू गाओं आना नही चाहता था

राजेश-आकर खुद देख लेना

अवी-जा अब फ्रेश हो जा ,हमे शॉपिंग करके घर भी जाना है.

राजेश-अभी फ्रेश होता हूँ.

राजेश फ्रेश होने चला गया

राजेश ने अपने स्कूल आने का इन्विटेशन दिया है.

ये तो मेरे लिए अच्छा हो गया.

राजेश के स्कूल मे वर्जिन लड़किया भी मिलेगी और कमसिन कलियाँ भी

राजेश के साथ मिलकर चुदाई करने से हम दोनो को फ़ायदा होगा.


चलो अच्छा है , मेरा भाई गाओं मे रहेगा और हम मज़े भी कर सकते है.

पर एक प्राब्लम हो गयी

इस घर2 की चाबी मैं ने राजेश को भी दी है.

अगर मैं यहाँ कविता और लीना के साथ आया और तभी राजेश आ गया तो

राजेश यहाँ रहेगा तो मुझे ध्यान रख कर यहाँ किसी को लाना होगा.

राजेश के स्कूल जाते मैं किसी को भी यहाँ ला सकता हूँ

बस कुछ दिन ध्यान रखना होगा.

कुछ खास के लिए ध्यान रखना होगा ,बाकियो के साथ देख लिया तो भी प्राब्लम नही होगी

या फिर एक रेंट पर घर ले लूँ

अगर ज़्यादा ज़रूरत पड़ी तो लूँगा ,तब तक चल जाएगा.

राजेश और मैं इस घर2 का इस्तेमाल कर सकते हैं

वैसे राजेश शहर मे कोई लड़की पटाएगा तो मुझे ज़रूर बुलाएगा.


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shubhs
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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by shubhs »

बिल्कुल सत्य
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
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xyz
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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by xyz »

810 डी

राजेश के फ्रेश होते ही हम शॉपिंग करने चले गये

उसी नये शॉप मे गया जहाँ पर मेले मे शॉपिंग की थी.

तब राजेश जल्दी चला गया था जिस से उसे कुछ दे नही पाया.

अब राजेश को उसके तरीके से शॉपिंग करने देता हूँ.

राजेश शॉप को देखते सोचने लगा कि यहाँ इतनी बड़ी शॉप भी हो सकती है.

राजेश तो अपने कपड़े शहर2 से लेता था आज शहर से लेने वाला था.

शॉप मे आते ही मैं पहले उस शॉप गर्ल को ढूँढने लगा जिसने पिछली बार शॉपिंग करवाई थी.

पर वो कहीं दिख नही रही थी.

जाने दो उसकी मदद नही चाहिए क्यू कि हम जेंट्स सेक्षन मे चले गये

छोटे टाउन मे इतनी अच्छी शॉप खुल ने से हर कोई शॉपिंग को यही आता था.

अच्छा है ,शहर डेवेलप्ड हो रहा है, कॉटन का मार्केट हमारे छोटे से टाउन बाकी के बड़े टाउन से ज़्यादा अच्छा था.

कॉटन मार्केट के वजसे कॉटन मिल,, गारमेंट मिल, कोल्ट प्रोसेसिंग मिल, ज़्यादा थे.

उनकी वजह से छोटे मोटे मिल भी बन गये थे.

ठाकुरजी, हरीश की फॅमिली हमारे डिस्ट्रिक्ट की रिच फिमिली थी. हरीश की फॅमिली के ज़्यादा मिल्स थे. पंकज के पापा के कारटन की कंपनी थी जो हर कोम्पनी मे अपना माल भेजते थे.सिर्फ़ हरीश के पापा की कंपनी मे नही भेजते थे.

ठाकुर जी के पास क्लॉत प्रोसेसिंग की मिलथी बाकी की कंपनी एलेकट्रोन्सिस गुड की थी. मेरी पाटनेर्शिप पता नही किस कंपनी मे है, जिस मे भी हो मुझे तो प्रॉफिट मिलता रहेगा.

मुझे बिज़्नेस मे पैर रखने मे टाइम है पहले राजेश की शॉपिंग करवाता हूँ.

राजेश जेंट्स सेक्षन मे जाते अपने लिए ड्रेस निकालने लगा.

राजेश ने लड़कियो की तरह ज़्यादा टाइम नही लगाया.

राजेश ने 1 घंटे मे पूरी शॉपिंग कर ली. सब कुछ खरीद लिए सर से लेकर पैरो तक, मतलब कप से लेकर शूस तक सब खरीद लिया

अवी-हो गयी शॉपिंग

राजेश-हाँ, सब ले लिया

अवी-और कुछ लेना हो तो ले लो

राजेश-मुझे तो यही बहुत लग रहा है. बिल ज़्यादा हो जाएगा.

अवी-बिल की टेन्षन तुम मत लो

राजेश-माँ देखेगी तो गुस्सा करेगी.

अवी-बुआ कुछ नही कहेगी. वैसे भी तुम्हारी मेले की शॉपिंग बाकी थी

राजेश-बताया लीना ने कि आपने सबको गिफ्ट दिए.

अवी-सिर्फ़ तू रह गया था.

राजेश-मेरा भी हो गया.

अवी-सोच ले भाई की पॉकेट को लूटने का इतना अच्छा मोका दुबारा नही मिलेगा

राजेश-नही मिला तो भी चल जाएगा ,आज इस से ज़्यादा शॉपिंग नही कर सकता.

अवी-मुझे क्या है. चल एक ड्रेस ट्राइ कर और उसे पहने रहना

राजेश-आप बिल पे करो .मैं ड्रेस पहन कर आता हूँ

अवी-ड्रेस काउंटर पर ले जाने पड़ते है. पहले बिल पे करते है फिर ड्रेस पहन लेना

बिल ज़्यादा नही हुआ था. राजेश ने चद्देर देख कर पैर लंबे किए थे

बिल पे होते राजेश ने एक ड्रेस पहन लिया.

अवी-हीरो लग रहा है.


राजेश-हीरो बन ने के लिए सलून जाना होगा.

अवी-मेरे भी बाल बढ़ गये है. चल मैं भी बाल कटवालेता करता हूँ.

राजेश-यहाँ कोई अच्छा सलून तो होगा ही.

अवी-चल तुझे मेरे वाले सलून ले चलता हूँ. जहाँ मैं अपने बाल कटवाता हूँ.

राजेश-मुझे बाल कटवाने नही करने बस शेप देना है

अवी-चल तो ,वहाँ सब हो जाता है.

शॉपिंग के बाद मैं राजेश के साथ सलून चला गया.

राजेश ने अपनी मर्ज़ी से बाल सेट किए और मैं ने बाल कटवाए किए.

अवी-बन गया हीरो

राजेश-आप भी हीरो लग रहे है

अवी-चल किसी केफे मे चलते है वही पता चल जाएगा कौन हीरो है.

राजेश-वहाँ लड़कियो से पता करना चाहते है

अवी-हाँ, और कॉफी पीकर घर चलते है.

राजेश-चलो

हम कॉफी पीने केफे मे आ गये .यहाँ मैं रानी और कोमल के साथ आता था.

हमारे केफे मे आते ही सबकी नज़र हमारी तरफ हो गयी.

लड़कियो की आँखे मे चमक थी और लड़को की आँखो मे जलन क्यू कि उनकी गर्लफ्रेंड हमारी तरफ देख रही थी.

राजेश-भैया लगता है यहाँ आपका रेप होने वाला है.

अवी-मेरा नही तेरा होगा समझा.

राजेश-देख लो सब आपकी तरफ देख रही है.

अवी-क्यू कि तू मेरे साथ है.

हम एक टेबल पे जाके बैठे जहाँ पर लड़किया ज़्यादा थी.

राजेश-मैं ब्लॅक टी वित लेमन पिउगा.

अवी-ये क्या है, चुप चाप कॉफी पिएँगे

राजेश-भैया आप कॉफी पियो,मैं तो ब्लॅक टी पिउगा.

अवी-तू बैठ मैं लेकर आता हूँ

मैं ऑर्डर देने चला गया. सेल्फ़ सर्विस जो थी.

मेरे काउंटर पर आते ही राजेश के पास मेरी चेयर पे एक लड़की आकर बैठ गयी.

राजेश लकी है.

राजेश इस लड़की को ज़रूर पटा लेगा

मैं काउंटर पर ऑर्डर ले रहा था कि मेरे साइड मे एक लड़की आकर खड़ी हो गयी.

और एक पेपर पे अपना नंबर लिखने लगी

मैं चुप चाप उसकी हरकतों को देखने लगा.

उसने नंबर लिख कर मेरा जो ऑर्डर था उसमे रख दिया.

और अपना ऑर्डर लेकर अपने बाय्फ्रेंड के पास चली गयी.

मेरे आते राजेश के पास बैठी हुई लड़की उठ कर केफे से बाहर चली गयी.

अवी-बोला था ना कि लड़किया तुझे देख रही थी.

राजेश-वो तो

अवी-कौन थी, क्या बोल रही थी

राजेश-मेरे फ्रेंड की बड़ी बहन है. अपने बाय्फ्रेंड के साथ यहाँ आई थी.

अवी-तेरे दोस्त की बहन ,तुझे कैसे पहचान लिया

राजेश-मेरी फोटो देखी होगी अपने भाई के साथ.

अवी-क्या कह रही थी.

राजेश-कुछ नही. बस ऐसे ही. और अपना नंबर दे गयी

अवी-कॉल करना ,जल्दी पट जाएगी.

राजेश-मेरा छोड़िए. उस लड़कीने आपको नंबर दिया कि नही

अवी-मुझे क्यूँ वो नंबर देगी. वो अपना ऑर्डर लेने गयी थी.

राजेश-उसकी तरफ देखो, उसके टेबल पर पहले 2 कप रखे है. वो कॉफी पी चुकी है. फिर उसे फिरसे कॉफी पीने की ज़रूरत क्या पड़ी.

अवी-स्मार्ट हो. चल जल्दी कॉफी ख़तम करके चलते हैं ,

राजेश-आप उसे कॉल करेंगे

अवी-किसके पास इतना टाइम है. अगर कभी टाइम मिला तो कर लूँगा.

राजेश-मेरा हो गया ,

हम केफे से बाहर आ गये .और राजेश उस लड़की के नंबर वाला पेज फेकने लगा.

अवी-क्या कर रहे हो

राजेश-उसका बाय्फ्रेंड है. और वो मेरे दोस्त की बहन है

अवी-तो क्या हुआ. उसने नंबर दिया ऐसे फेक मत बस अपने पास रख,

राजेश-क्यूँ?

अवी-क्या पता कब काम आ जाए.

राजेश-वो मेरे दोस्त की बहन है.

अवी-तो क्या हुआ ,तूने जिसके साथ किया होगा शायद वो मेरे किसी फ्रेंड की बहन होगी. वो खुद तेरी फ्रेंड बनना चाहती है तो बन जा ,

राजेश-उसे खुद मुझसे दोस्ती करनी है , उसके बाय्फ्रेंड होते हुए, आप ठीक कह रहे है. नंबर फेकने से मैं ईडियट साबित होता.

अवी-ओह ईडियट आज भी यहीं रुकने का इरादा है क्या ,चल बैठ बाइक पर

खरीदी करते ही मैं राजेश के साथ गाओं की तरफ जाने लगा.

शाम हो रही है. मुझे जल्दी जाना होगा वरना चाची मुझ पे नाराज़ होगी.

हम गाओं के आधे रास्ते आए थे कि मुझे कोमल दिखाई दी.

कोमल अपने क्लासस करके घर जा रही थी.

मैं ने अपनी बाइक कोमल की स्कूटी के पीछे ले ली और हॉर्न बजाने लगा.

कोमल ने पीछे मूड कर देखा ,

मुझे देखते ही अपनी बाइक रोक दी,मैं ने भी उसके पास बाइक रोक दी

कोमल-कहाँ घूम रहे हो.

अवी-शहर गया था एक काम से

कोमल-ये पीछे कौन बैठा है.

अवी-तुम खुद देख लो.



कोमल-जाना पहचाना दिख रहा है. अपनी कॅप और गॉगल निकालो

राजेश ने कॅप और गॉगल निकाल दिए

कोमल-राजेश ,ये तो राजेश है, पर ये ऐसे कैसे, ये हमारा राजेश हैना

अवी-तू खुद देख लो

राजेश-दीदी मैं राजेश ही हूँ

कोमल-ये क्या कर दिया. अवी राजेश तो पहचान मे नही आ रहा

अवी-धीरे धीरे इसकी आदत हो जाएगी.बोलो कैसा दिख रहा है राजेश

कोमल-हीरो ,राजेश तू ऐसे ही रहा कर, ऐसे अच्छा दिखता है. वो चंपू जैसा बिल्कुल अच्छा नही लगता.

राजेश-आज से मैं ऐसा ही रहूँगा

कोमल-ये कमाल अवी ने किया होगा.

राजेश-भैया को मना किया पर मेरी बात नही सुनी

कोमल-अच्छा किया अवी जो राजेश की बात नही सुनी, राजेश का नया रूप तो मुझे पसंद आया.

अवी-मेरी मेहनत सफल हुई. कोमल को राजेश का नया रूप जो पसंद आया.

कोमल-अवी उठो बाइक से

अवी-क्यू?

कोमल-उठो तो. तुम दोनो उठो

मैं और राजेश बाइक से नीचे उतर गये

कोमल-राजेश तुम अवी की जगह बैठो

राजेश-दीदी आप करना क्या चाहती हो

कोमल-बैठो तो

राजेश मेरी जगह बैठ गया और कोमल उसके पीछे बैठ गयी.

और मेरे हाथ मे शॉपिंग की बॅग रख दी

कोमल-अवी स्कूटी से आओ, मैं तो राजेश के साथ जाउन्गी

अवी-ये चीटिंग है. हीरो मैं ने बनाया और मुझे लटका रहे हो

कोमल-मुझे कुछ नही पता, राजेश चलो तुम

राजेश बाइक पर कोमल को लेकर निकल गया .

और मैं बॅग लेकर स्कूटी से उनके पीछे पीछे जाने लगा.

कोमल राजेश के साथ बातें करते हुए जा रही थी.

राजेश का नया रूप कोमल को पसंद आया यही काफ़ी है.

हम गाओं मे पहुँच गये. राजेश कोमल के साथ बाइक पर और मैं स्कूटी लेकर

बुआ और चाची नीता बुआ के घर के आगन मे बैठ कर हमारा इंतज़ार कर रही थी.

जैसे ही राजेश कोमल के साथ बाइक घर के पास पहुँची तो सबकी नज़र कोमल पर गयी.

कोमल को एक नये लड़के के साथ देखते सब अपनी जगह पर खड़े हो गये.

नेहा बुआ तो पहले खड़ी हो गयी.

कोमल को अंजान लड़के के साथ बाइक पर देखते ही नेहा बुआ गुस्से से खड़ी हो गयी.
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zainu98
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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by zainu98 »

kahani bhut badya hai bhai pr thode dheemi ja rahe hai
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