मैं और मेरा परिवार
- shubhs
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Re: मैं और मेरा परिवार
अच्छा अपडेट
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
- xyz
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- Joined: 17 Feb 2015 17:18
Re: मैं और मेरा परिवार
thanks aap sab ko
Friends Read my all stories
(मैं और मेरा परिवार Running )........
(रेशमा - मेरी पड़ोसन complete).....(मेरी मस्तानी समधन complete)......
(भूत प्रेतों की कहानियाँ complete)....... (इंसाफ कुदरत का complete).... (हरामी बेटा compleet )-.....(माया ने लगाया चस्का complete). (Incest-मेरे पति और मेरी ननद complete ).
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(भूत प्रेतों की कहानियाँ complete)....... (इंसाफ कुदरत का complete).... (हरामी बेटा compleet )-.....(माया ने लगाया चस्का complete). (Incest-मेरे पति और मेरी ननद complete ).
- xyz
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Re: मैं और मेरा परिवार
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नीता बुआ ने हम सब के लिए खाना बनाया
नेहा बुआ और पूजा बुआ भी आ गयी हम सब के साथ खाना खाने के लिए.
चाची भी आ जाती पर चाचा शहर गये हुए थे वो देर से आने वाले थे उनके लिए चाची को घर पे रुकना पड़ेगा.
हम सब भाई बहन मिलकर खाना खाने लगे.
हम सब को साथ मे देख बुआ के चेहरे पे खुशी झलक रही थी
पूजा बुआ नेहा बुआ भी खुश थी. वो भी हम प्यार से खाना खिला रही थी.
हम बाते करते हुए हसी मज़ाक करते खाना खा रहे थे.
खाना खाने के बाद मैं सबको लेकर छत पर चला गया.
छत पर ठंडी ठंडी हवा मे हम भाई बहन हसी मज़ाक करने लगे.
फिर बुआ का खाना खा कर होते ही हमें नीचे बुला लिया.
पूजा बुआ राज को लेकर चली गयी तो नेहा बुआ कविता को लेकर चली गयी.
उनके जाते नीता बुआ ने सोने की तैयारी करने लगी.
मैं राजेश के साथ सोने वाला था. लीना अपने कमरे मे और नीता बुआ अपने कमरे मे सोने वाली थी.
नीता बुआ सोने से पहले सबके लिए दूध लाने किचन मे चली गयी.
मैं भी उनके पीछे किचन मे चला गया.
नीता बुआ ग्लास मे दूध डाल रही थी.
अवी-बुआ ये ग्लास राजेश और लीना का है.
नीता बुआ-हाँ ,क्यू पूछ रहे हो
अवी-उनको अच्छी नींद लाने के लिए कुछ है मेरे पास,
नीता बुआ-क्या ,
मैं ने अपनी जेब से नींद की मेडिसिन निकाल कर एक एक गोली ग्लास मे डाल दी
नीता बुआ मेरी तरफ देखती रह गयी.
अवी-ये राजेश और लीना के लिए है. ताकि उनको अच्छी नींद आ जाए
नीता बुआ शॉक्ड हो गयी
मैं क्या कर रहा हूँ वो समझने की कॉसिश कर रही थी
वो कुछ बोलना चाहती थी उनके लिप्स काँप रहे थे कुछ बोलने के लिए .पर उनके मूह से कुछ नही निकला.
मैं दूध का ट्रे लेकर हॉल मे चला गया और नीता बुआ मुझे जाते गुए देखती रह गयी.
मैं ने राजेश और लीना को दूध पिला दिया. दूध पीते उनको नींद आनी सुरू हो गयी.
बुआ हॉल मे आकर मेरी तरफ देख रही थी.
उनको राजेश और लीना के आँखों मे नींद दिख रही थी.
राजेश-भैया आज बहुत थक गया हूँ
लीना-मुझे भी ऐसा लग रहा है.
अवी-चलो सो जाते है.बाकी बाते कल करेंगे
राजेश-हाँ ,मुझे भी ऐसा लग रहा है. अब सो जाना चाहिए
लीना-माँ, गुड नाइट ,
और लीना लड़खड़ाते हुए अपने कमरे मे जाने लगी.
नीता बुआ ने उसको सहारा दे कर कमरे मे ले जाकर सुला दिया.
मैं ने भी राजेश को उसके कमरे मे सुला दिया.
दोनो के सोते ही नीता बुआ ने लाइट ऑफ कर दी .और गेट बंद करके अपने कमरे मे जाकर लेट गयी
मैं राजेश के पास लेट कर सोचने लगा कि मैं बुआ के पास जाउ कि नही.
बुआ पता नही क्या सोच रही थी. उनके आँखों से नींद गायब हो चुकी थी.
मैं क्या करने वाला हूँ ये सोच कर उनका बदन काँप रहा था.
उनका दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था .उनके दिमाग़ मे अलग अलग ख़याल आ रहे थे.
नीता बुआ करवट बदल बदल कर सोने की खोसिश कर रही थी.
वो डोर की तरफ देख रही थी कि मैं अब तक आया क्यूँ नही.
अगर मुझे प्यार करना है तो मैं अभी तक आया क्यूँ नही.
राजेश और लीना तो सो गये फिर मैं किस बात का इंतज़ार कर रहा था.
इसी सोच मे नीता बुआ को नींद नही आ रही थी.
मैं सोच रहा था कि बुआ के पास जाउ कि नही
उनको प्यार करूँ कि नही.वो मुझे प्यार करने देगी.
उनको तो पता चल गया है कि मैं क्या करने वाला हूँ . वो क्या सोच रही होगी.
क्या बुआ ने अपने कमरे का डोर बंद किया होगा. क्या बुआ सो गयी होगी.
मैं यही सोच रहा था कि मुझे जाना चाहिए कि नही.
मैं सोच रहा था कि मुझे राजेश के कमरे के डोर के पास एक परछाई दिखी
शायद बुआ मुझे देखने आई होगी.
उनको पता था कि मैं ने उनको प्यार करने वाला हूँ
इसी लिए मेरे देर होने से खुद देखने आई होगी.
बुआ सोच रही होगी कि मैं उनके पास क्यूँ नही आ रहा अगर मुझे उनको प्यार करना है तो ,
उधर नीता बुआ अपने बिस्तर से अपने सवाल का जवाब लेने मेरे पास आ रही थी.
अगर मुझ को उनको प्यार करना है उसी के लिए राजेश और लीना को नींद की गोली खिलाई है तो मैं अब तक उनके पास आया क्यूँ नही
मैं उनको पूछने क्यूँ नही आया अब तक ,
मैं उनके मर्ज़ी के बिना कुछ नही करूँगा ये उनको पता था.
बुआ को मेरी फिकर होने लगी कि मैं कर क्या रहा हूँ
बुआ उठ कर मुझे देखने के लिए तो आ गयी पर उनके कदम कमरे के पास आ कर रुक गये.
उनको लगा होगा कि उनको मेरे पास जाना ठीक नही होगा.
अगर वो मेरे पास आ गयी तो मैं उनके बारे मे क्या सोचूँगा.
यही सोच कर बुआ अपने कमरे मे वापस चली गयी.
बुआ इतनी सोच मे डूबी थी कि उन्होने अब तक नाइटी भी नही पहनी थी. साड़ी पहन कर सो रही थी.
अपने बेड पर लेट कर नीता बुआ छत की तरफ देखने लगी.
टेबल लॅंप को ऑन ऑफ करके फॅन की तरफ देख रही थी
मैं ने बुआ की परछाई देख ली थी.
बुआ की परछाई देखते मैं ने बुआ के पास जाने का फ़ैसला कर लिया.
मैं ने राजेश को सोने दिया कमरे बाहर आकर राजेश औरलीना के कमरे को बाहर से बंद किया.
और नीता बुआ के कमरे की तरफ जाने लगा कि उनके कमरे से लाइट ऑन ऑफ होते हुए देख कर समझ गया कि बुआ कुछ सोच रही है
मैं ने उनके कमरे मे जाने से पहले एक ग्लास नीचे गिरा दिया ताकि उनको पता चले कि मैं आ रहा हूँ.
मेरे आने की आवाज़ सुनते नीता बुआ ने लाइट पर्मनॅंट ऑफ कर दी
और मेरे कमरे मे आने का इंतज़ार आँखों को बंद करके करने लगी
मैं ने बुआ के कमरे का डोर खोला ,वो ओपन था.
मैं बुआ के कमरे मे आ गया
बुआ मेरी तरफ पीठ करके लेटी थी.
उनका चेहरा खिड़की तरफ था.
बुआ के कमरे मे मेरे आते ही एक अजीब सी शांति फैल गयी
मुझे इस शांति मे बुआ की धड़कने सुनाई दे रही थी.
मैं ने बुआ को आवाज़ दी
अवी-बुआ ,बुआ
बुआ ने कोई आवाज़ नही दी.
बुआ वैसे ही लेट कर मेरे कुछ करने का इंतज़ार करने लगी.
मैं बुआ के पास बेड पर लेट गया.
बेड पर लेट ते ही बुआ के बदन मे कुछ हलचल हुई.
मैं बेड पर लेट कर पीछे से बुआ से चिपक गया.
बुआ की धड़कने और तेज चलने लगी.
मैं ने बुआ को पीछे से गले लगाते उनके उपर हाथ डाल कर उनके पेट पर रख दिया.
मेरा हाथ उनके पेट पर टच होते ही बुआ ने एक लंबी सास ली.
उनका बदन जो काप रहा था वो मेरे टच करते ही रिलॅक्स हो गया.
पर बुआ ने मेरी तरफ नही देखा ,बल्कि मेरे हाथ पे अपना हाथ रख कर अपनी आँखों बंद की.
मैं बुआ से गले लग कर कुछ देर उनके धड़कने को सुन ने लगा.
नीता बुआ ने हम सब के लिए खाना बनाया
नेहा बुआ और पूजा बुआ भी आ गयी हम सब के साथ खाना खाने के लिए.
चाची भी आ जाती पर चाचा शहर गये हुए थे वो देर से आने वाले थे उनके लिए चाची को घर पे रुकना पड़ेगा.
हम सब भाई बहन मिलकर खाना खाने लगे.
हम सब को साथ मे देख बुआ के चेहरे पे खुशी झलक रही थी
पूजा बुआ नेहा बुआ भी खुश थी. वो भी हम प्यार से खाना खिला रही थी.
हम बाते करते हुए हसी मज़ाक करते खाना खा रहे थे.
खाना खाने के बाद मैं सबको लेकर छत पर चला गया.
छत पर ठंडी ठंडी हवा मे हम भाई बहन हसी मज़ाक करने लगे.
फिर बुआ का खाना खा कर होते ही हमें नीचे बुला लिया.
पूजा बुआ राज को लेकर चली गयी तो नेहा बुआ कविता को लेकर चली गयी.
उनके जाते नीता बुआ ने सोने की तैयारी करने लगी.
मैं राजेश के साथ सोने वाला था. लीना अपने कमरे मे और नीता बुआ अपने कमरे मे सोने वाली थी.
नीता बुआ सोने से पहले सबके लिए दूध लाने किचन मे चली गयी.
मैं भी उनके पीछे किचन मे चला गया.
नीता बुआ ग्लास मे दूध डाल रही थी.
अवी-बुआ ये ग्लास राजेश और लीना का है.
नीता बुआ-हाँ ,क्यू पूछ रहे हो
अवी-उनको अच्छी नींद लाने के लिए कुछ है मेरे पास,
नीता बुआ-क्या ,
मैं ने अपनी जेब से नींद की मेडिसिन निकाल कर एक एक गोली ग्लास मे डाल दी
नीता बुआ मेरी तरफ देखती रह गयी.
अवी-ये राजेश और लीना के लिए है. ताकि उनको अच्छी नींद आ जाए
नीता बुआ शॉक्ड हो गयी
मैं क्या कर रहा हूँ वो समझने की कॉसिश कर रही थी
वो कुछ बोलना चाहती थी उनके लिप्स काँप रहे थे कुछ बोलने के लिए .पर उनके मूह से कुछ नही निकला.
मैं दूध का ट्रे लेकर हॉल मे चला गया और नीता बुआ मुझे जाते गुए देखती रह गयी.
मैं ने राजेश और लीना को दूध पिला दिया. दूध पीते उनको नींद आनी सुरू हो गयी.
बुआ हॉल मे आकर मेरी तरफ देख रही थी.
उनको राजेश और लीना के आँखों मे नींद दिख रही थी.
राजेश-भैया आज बहुत थक गया हूँ
लीना-मुझे भी ऐसा लग रहा है.
अवी-चलो सो जाते है.बाकी बाते कल करेंगे
राजेश-हाँ ,मुझे भी ऐसा लग रहा है. अब सो जाना चाहिए
लीना-माँ, गुड नाइट ,
और लीना लड़खड़ाते हुए अपने कमरे मे जाने लगी.
नीता बुआ ने उसको सहारा दे कर कमरे मे ले जाकर सुला दिया.
मैं ने भी राजेश को उसके कमरे मे सुला दिया.
दोनो के सोते ही नीता बुआ ने लाइट ऑफ कर दी .और गेट बंद करके अपने कमरे मे जाकर लेट गयी
मैं राजेश के पास लेट कर सोचने लगा कि मैं बुआ के पास जाउ कि नही.
बुआ पता नही क्या सोच रही थी. उनके आँखों से नींद गायब हो चुकी थी.
मैं क्या करने वाला हूँ ये सोच कर उनका बदन काँप रहा था.
उनका दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था .उनके दिमाग़ मे अलग अलग ख़याल आ रहे थे.
नीता बुआ करवट बदल बदल कर सोने की खोसिश कर रही थी.
वो डोर की तरफ देख रही थी कि मैं अब तक आया क्यूँ नही.
अगर मुझे प्यार करना है तो मैं अभी तक आया क्यूँ नही.
राजेश और लीना तो सो गये फिर मैं किस बात का इंतज़ार कर रहा था.
इसी सोच मे नीता बुआ को नींद नही आ रही थी.
मैं सोच रहा था कि बुआ के पास जाउ कि नही
उनको प्यार करूँ कि नही.वो मुझे प्यार करने देगी.
उनको तो पता चल गया है कि मैं क्या करने वाला हूँ . वो क्या सोच रही होगी.
क्या बुआ ने अपने कमरे का डोर बंद किया होगा. क्या बुआ सो गयी होगी.
मैं यही सोच रहा था कि मुझे जाना चाहिए कि नही.
मैं सोच रहा था कि मुझे राजेश के कमरे के डोर के पास एक परछाई दिखी
शायद बुआ मुझे देखने आई होगी.
उनको पता था कि मैं ने उनको प्यार करने वाला हूँ
इसी लिए मेरे देर होने से खुद देखने आई होगी.
बुआ सोच रही होगी कि मैं उनके पास क्यूँ नही आ रहा अगर मुझे उनको प्यार करना है तो ,
उधर नीता बुआ अपने बिस्तर से अपने सवाल का जवाब लेने मेरे पास आ रही थी.
अगर मुझ को उनको प्यार करना है उसी के लिए राजेश और लीना को नींद की गोली खिलाई है तो मैं अब तक उनके पास आया क्यूँ नही
मैं उनको पूछने क्यूँ नही आया अब तक ,
मैं उनके मर्ज़ी के बिना कुछ नही करूँगा ये उनको पता था.
बुआ को मेरी फिकर होने लगी कि मैं कर क्या रहा हूँ
बुआ उठ कर मुझे देखने के लिए तो आ गयी पर उनके कदम कमरे के पास आ कर रुक गये.
उनको लगा होगा कि उनको मेरे पास जाना ठीक नही होगा.
अगर वो मेरे पास आ गयी तो मैं उनके बारे मे क्या सोचूँगा.
यही सोच कर बुआ अपने कमरे मे वापस चली गयी.
बुआ इतनी सोच मे डूबी थी कि उन्होने अब तक नाइटी भी नही पहनी थी. साड़ी पहन कर सो रही थी.
अपने बेड पर लेट कर नीता बुआ छत की तरफ देखने लगी.
टेबल लॅंप को ऑन ऑफ करके फॅन की तरफ देख रही थी
मैं ने बुआ की परछाई देख ली थी.
बुआ की परछाई देखते मैं ने बुआ के पास जाने का फ़ैसला कर लिया.
मैं ने राजेश को सोने दिया कमरे बाहर आकर राजेश औरलीना के कमरे को बाहर से बंद किया.
और नीता बुआ के कमरे की तरफ जाने लगा कि उनके कमरे से लाइट ऑन ऑफ होते हुए देख कर समझ गया कि बुआ कुछ सोच रही है
मैं ने उनके कमरे मे जाने से पहले एक ग्लास नीचे गिरा दिया ताकि उनको पता चले कि मैं आ रहा हूँ.
मेरे आने की आवाज़ सुनते नीता बुआ ने लाइट पर्मनॅंट ऑफ कर दी
और मेरे कमरे मे आने का इंतज़ार आँखों को बंद करके करने लगी
मैं ने बुआ के कमरे का डोर खोला ,वो ओपन था.
मैं बुआ के कमरे मे आ गया
बुआ मेरी तरफ पीठ करके लेटी थी.
उनका चेहरा खिड़की तरफ था.
बुआ के कमरे मे मेरे आते ही एक अजीब सी शांति फैल गयी
मुझे इस शांति मे बुआ की धड़कने सुनाई दे रही थी.
मैं ने बुआ को आवाज़ दी
अवी-बुआ ,बुआ
बुआ ने कोई आवाज़ नही दी.
बुआ वैसे ही लेट कर मेरे कुछ करने का इंतज़ार करने लगी.
मैं बुआ के पास बेड पर लेट गया.
बेड पर लेट ते ही बुआ के बदन मे कुछ हलचल हुई.
मैं बेड पर लेट कर पीछे से बुआ से चिपक गया.
बुआ की धड़कने और तेज चलने लगी.
मैं ने बुआ को पीछे से गले लगाते उनके उपर हाथ डाल कर उनके पेट पर रख दिया.
मेरा हाथ उनके पेट पर टच होते ही बुआ ने एक लंबी सास ली.
उनका बदन जो काप रहा था वो मेरे टच करते ही रिलॅक्स हो गया.
पर बुआ ने मेरी तरफ नही देखा ,बल्कि मेरे हाथ पे अपना हाथ रख कर अपनी आँखों बंद की.
मैं बुआ से गले लग कर कुछ देर उनके धड़कने को सुन ने लगा.
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(रेशमा - मेरी पड़ोसन complete).....(मेरी मस्तानी समधन complete)......
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(मैं और मेरा परिवार Running )........
(रेशमा - मेरी पड़ोसन complete).....(मेरी मस्तानी समधन complete)......
(भूत प्रेतों की कहानियाँ complete)....... (इंसाफ कुदरत का complete).... (हरामी बेटा compleet )-.....(माया ने लगाया चस्का complete). (Incest-मेरे पति और मेरी ननद complete ).