800ए
वो मिसेज़ वर्मा के पीछे चुप गयी.
मिसेज़ वर्मा-क्या हुआ ,ऐसे चुप क्यूँ रही हो,अवी क्या किया तुम ने ,
अवी-मैं ने कुछ नही किया
मिसेज़ वर्मा-तुम ने अपना हथियार दिखा कर डरा दिया होगा
अवी-अगर दिखाया होता तो वो मेरे बाहों मे होती
मिसेज़ वर्मा-फिर वो मेरे पीछे क्यूँ छुप रही है
अवी-उसकी को पूछ लीजिए
मिसेज़ वर्मा-क्या हुआ
करीना- आपको मैं ने एक लड़के के बारे मे बताया था ना
मिसेज़ वर्मा-तेरा ड्रीम बॉय राजेश
करीना- हाँ
मिसेज़ वर्मा-तो क्या हुआ.
करीना- वो इसका भाई है.
मिसेज़ वर्मा-अवी राजेश का भाई है
अवी-हाँ
मिसेज़ वर्मा-तो प्राब्लम क्या है.
करीना- अवी ने चालाकी से मुझसे राजेश के बारे मे सब पता कर लिया.
मिसेज़ वर्मा-इसमे डरने की क्या बात है.
करीना- राजेश के बारे मे इसे कुछ पता नही था. राजेश ने इस से छुपा कर रखा था. अगर राजेश को पता चला कि मैं ने उसके बारे मे अवी को बताया है तो मेरी जान लेगा राजेश
मिसेज़ वर्मा-कुछ नही होगा .तू डर मत,
अवी-तुम्हारा नाम नही आएगा. टेन्षन मत लो .
मिसेज़ वर्मा-लो हो गयी प्राब्लम सॉल्व .
करीना- पर
अवी-तुम डरो मत ,राजेश तुम्हे कुछ नही कहेगा.
मिसेज़ वर्मा-चलो बेडरूम मे चलते है.
करीना- मुझे नही करना है
अवी-तुम्हारी वर्जिनिटी राजेश तोड़ेगा.अब खुश
करीना- सच
अवी-हाँ,
मिसेज़ वर्मा-तुम कुछ नही करोगे
अवी-मैं इसकी गंद मारूँगा.
मिसेज़ वर्मा-ये तो बढ़िया रहेगा. एक भाई गंद खोलेगा .और दूसरा भाई चूत खोलेगा.
करीना-राजेश मेरे साथ सेक्स करेगा.
अवी-हाँ, पर पहले मैं तुम्हारी गंद मारूँगा, और तुम्हारे स्कूल मे राजेश तुम्हारी चूत मारेगा.
मिसेज़ वर्मा-बातें बहुत हो गयी. चलो अब
और मिसेज़ वर्मा अपनी करीना का हाथ पकड़ कर बेडरूम मे ले गयी.
मैं उन दोनो की गंद को देखते हुए अपना लंड मसल्ते हुए बेडरूम मे चला गया.
बेडरूम मे जाते मैं ने मिसेज़ वर्मा को दबोच लिया.
मिसेज़ वर्मा के कपड़े किस करते हुए निकाल दिया. मिसेज़ वर्मा की स्टूडेंट पहले देख कर सीखना चाहती थी.
मैं ने मिसेज़ वर्मा की जमकर चूत मारी .जिसे देख कर वो गरम हो गयी.
मिसेज़ वर्मा की चूत मारने के बाद मैं ने उनकी स्टूडेंट करीना की गंद मारने का सोचा.
एक चुदाई से लंड मुरझा गया था. जिस की वजह से उस के साथ ज़्यादा देर तक ओरल सेक्स कर सका.
जितना ओरल सेक्स करने को मिलता है उतना चुदाई मे ज़्यादा मज़ा आता है.
उसने अपनी चूत का अच्छे से ध्यान नही रखा था.पर गंद सेक्सी थी.
मुझे गंद मिली और मेरे छोटे भाई को चूत मिलेगी.
मैं ने बिना तेल के सिर्फ़ थूक लगा कर उसकी गंद मे लंड डालना सुरू किया.
टोपा जाते ही उसकी जोरदार चीख निकल गयी. पर मिसेज़ वर्मा ने उसकी चीख को अपनी चूत मे लिया.
मिसेज़ वर्मा ने अपनी चूत उसको चूसने को दी और मैं ने झटका मार दिया.
जैसे जैसे लंड अंदर जा रहा था वैसे वैसे करीना की चीख निकल रही थी.लंड गंद मे जाने के दर्द की वजह से उसने मिसेज़ वर्मा की चूत पे काटना सुरू किया .जिस से मिसेज़ वर्मा की चीख निकल गयी.
मेरा लंड उस लड़की को पसंद आ गया.
उसकी चीखे इस बात का सबूत था.
मैं ने उसकी गंद मारने का पूरा मज़ा लेना सुरू किया.
मिसेज़ वर्मा भी अपनी स्टूडेंट को पूरा मज़ा देने की कॉसिश कर रही थी.
मेरा लंड अपनी गंद मे महसूस करके वो खुश हो गयी.
2 भाई के लंड से 2 छेद खोलने वाली थी.
मैं ने उसे ओरल सेक्स और गंद मरवाने का पूरा मज़ा दिया.
ऐसी गंद मारी कि वो 2 दिन तक ठीक से चल नही पाएगी.
गंद मरवाने के बाद वो बेड पर ऐसी गिरी जैसे उसमे जान ही ना हो.
उसके गंद से लंड निकालने पर भी आवाज़ हुई .और डालते समय भी हुई थी.
गंद का छेद ऐसा खुल गया था कि उसे नॉर्मल होने मे महीनो लग जाएँगे.
वो मेरे लंड के धक्को से खुश हो गयी. औरदुबारा मिलने का बोल कर सो गयी.
मिसेज़ वर्मा-थोड़ी देर आराम कर लो ,फिर मेरी गंद मारना है.
अवी- आराम नही ,जिसके लिए आया था वो काम करते है
मिसेज़ वर्मा-रूको कंप्यूटर सुरू कर ने दो
मिसेज़ वर्मा ने कंप्यूटर सुरू किया.
अवी- पेपर चेक हो गये
मिसेज़ वर्मा-मेरे सब्जेक्ट के कर लिए ,बाकी सब्जेक्ट की लिस्ट आनी बाकी है.
अवी- ये लीजिए रोल नंबर
मिसेज़ वर्मा नंबर चेक करने लगी.
मिसेज़ वर्मा-मेरे सब्जेक्ट मे इतने कम मार्क
अवी- कितने मिले है
मिसेज़ वर्मा-एक को 15 मिले है और दूसरे को 16 मार्क ,दोनो फैल हो गये है.
अवी- पास कर दो
मिसेज़ वर्मा-20मार्क कम है. मैं इतने मार्क कैसे बढ़ाऊ
अवी- नंबर उल्टे रख दीजिए 15 के 51 और 16 के 61
मिसेज़ वर्मा-तुम पागल हो ,इतने मार्क नही बढ़ा सकती.
अवी- मार्क बढ़ा कहाँ रही है ,ग़लती से मिस्टेक हो गयी. अगर कुछ हुआ तो बोल देना मिस्टेक से 15 की जगह 51 लिख दिया .कोई शक नही करेगा. सबको लगेगा टाइपिंग करते समय मिस्टेक हो गयी.
मिसेज़ वर्मा-ये हो सकता.
अवी- तो कर दीजिए .और बाकी सब्जेक्ट का कर देना
मिसेज़ वर्मा-लिस्ट आते ही कर दूँगी.वैसे ये दोनो वही हैना जिसको मैं कॉलेज मे पकड़ा था
अवी- हाँ
मिसेज़ वर्मा-तुम्हारे फ्रेंड है
अवी- हाँ
मिसेज़ वर्मा-वो दोनो लकी है जो तुम्हारे जैसा फ्रेंड मिला है.
अवी- आप भी लकी है जो आपको मेरा लंड मिला है
मिसेज़ वर्मा-वो तो है. पर तुम मुझसे बहुत काम करवाते हो
अवी- इनाम भी तो देता हूँ
मिसेज़ वर्मा-मैं तुम्हे इनाम देती हूँ पिछली बार सहेली दी थी इस बार अपनी स्टूडेंट दी
अवी-थॅंक्स
मिसेज़ वर्मा-थॅंक्स से काम नही चलेगा. एक और बार चूत मे लंड डालो
अवी- चला गया समझो
मिसेज़ वर्मा की फिर से चूत गंद के साथ मार कर उनको खुश किया.
मिसेज़ वर्मा के घर आकर मुझे फ़ायदा होता है.
पिछली बार मिसेज़ वर्मा के साथ साथ उनकी सहेली और सेलेज़्गर्ल मिल गयी.
इस बार मिसेज़ वर्मा के साथ उनकी स्टूडेंट. और राजेश के बारे मे पता चला.
राजेश को आने दो ऐसी खबर लूँगा कि हीरोपन्ती करना भूल जाएगा.
मैं और मेरा परिवार
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Re: मैं और मेरा परिवार
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(मैं और मेरा परिवार Running )........
(रेशमा - मेरी पड़ोसन complete).....(मेरी मस्तानी समधन complete)......
(भूत प्रेतों की कहानियाँ complete)....... (इंसाफ कुदरत का complete).... (हरामी बेटा compleet )-.....(माया ने लगाया चस्का complete). (Incest-मेरे पति और मेरी ननद complete ).
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Re: मैं और मेरा परिवार
800ब
मिसेज़ वर्मा से मिलने के बाद मैं ने पंकज की गर्लफ्रेंड को कॉल किया.
पंकज की गर्लफ्रेंड-हेलो अवी
अवी- याद तो हूँ मैं ,मुझे लगा तुम भूल गयी होगी.
पंकज की गर्लफ्रेंड-तुम्हे क्यू भूलूंगी मैं ,
अवी-फिर कॉल तो करती ,ये पूछने के लिए कि तुम पास होगी कि नही
पंकज की गर्लफ्रेंड-करने वाली थी पर पंकज मुझे छोड़ ही नही रहा है.
अवी-सुनो ,तुम दोनो की सेट्टिंग कर दी है. तुम पास हो
पंकज की गर्लफ्रेंड-सच
अवी- हाँ, अब एंजाय करो
पंकज की गर्लफ्रेंड-थॅंक्स
पंकज की गर्लफ्रेंड से बात करने के बाद मैं रानी के घर चला गया.
रानी और कोमल अभी तक बाते कर रही थी.
मेरे आने के बाद भी उनकी बाते चल रही थी.
3 3 कप टी के रखे हुए थे उनके पास ,लगता है काफ़ी लंबी बाते चली.
मेरे आने के बाद भी वो रुकी नही.
उनकी गॉसिप ख़तम होने का नाम नही ले रही थी.
अवी- अब बस भी कर दो
रानी-अबी तो बाते सुरू की है
अवी- तुम पागल हो गयी हो. शाम के 5.00 बज रहे है
रानी-मेरा मतलब था कि अभी पढ़ाई की बाते सुरू की
अवी- ये भगवान
कोमल-अवी बस 1 घंटा और
अवी-ठीक है. तुम बाते करो मैं सुनता हूँ
फिर से दोनो ने बाते करनी सुरू की.
उनकी बाते इतनी पकाऊ थी कि मुझे नींद आ गयी.
कभी किसी लड़कियो की बाते ना सुनो ,वरना बहुत पछताओगे.
मेरे सोने के बाद भी उनकी बाते ख़तम नही हुई.
आंटी की डाँट खाने के बाद उनका मूह बंद हुआ.
और आंटी ने मुझे नींद से जगाया.
रानी की मम्मी-अवी उठो
अवी-हो गयी बाते ख़तम
,आंटी आप
रानी की मम्मी-तुम सो क्यूँ गये थे
अवी- इनकी बाते सुन के नींद आ गयी.
रानी की मम्मी-तुम दोनो अब बाते ख़तम करो ,अवी मैं तुम्हारे लिए टी बनाती हूँ
अवी-जी .आंटी
आंटी के जाते ही रानी और कोमल ने फिर से बाते करनी सुरू की.
रानी-कल से क्लासस सुरू हो रहे है.
कोमल-कितने बजे है
रानी-10 से 5 बजे तक
कोमल- फिर तो पहले मैं तुम्हारे घर आउन्गि.
रानी-आना ही होगा.
कोमल-अवी तुम कुछ देने वाले हो.
अवी-तुम क्या चाहती हो.
कोमल- मुझे कुछ भी चलेगा.
अवी-तुम स्कूटी इस्तेमाल करना
कोमल- ठीक है. पर तुमने क्या करने का सोचा है.
अवी-करना क्या है .घर पे रह कर पढ़ाई करूँगा.
आंटी टी लेकर आ गयी.
रानी की मम्मी-तुम दोनो अभी तक उठी नही. चलो उठो
फाइनली कोमल और रानी की बाते ख़तम हुई.
आंटी की टी ने उनका मूह बंद कर दिया.
टी पीने के बाद मैं कोमल को लेकर घर की तरह निकल पड़ा.
अवी-कोमल
कोमल- हाँ
अवी-तुम अकेली जा पाओगी.
कोमल- हाँ क्यू नही.
अवी-मैं छोड़ दूं
कोमल- मैं चली जाउन्गी.
अवी-पक्का
कोमल- हाँ
अवी-अगर कभी कुछ प्राब्लम हुई तो मुझे कॉल करना.
कोमल- तुम्हे फोन तो करना ही होगा ना. अब चलो जल्दी
और मैं कोमल को लेकर घर आ गया
घर आते ही हम अपने अपने काम मे लग गये.
छोटी चाची ने मेरे घर आते पूरे दिन का हिसाब किताब लिया.
सी चाची-कैसा रहा आज का दिन
अवी-हमेशा की तरह 1स्ट क्लास,
सी चाची-मुझे भी बता क्या किया आज
अवी-आज मिसेज़ वर्मा की दमदार चुदाई की
सी चाची-अच्छे से बता क्या किया
अवी-पहले कोमल को रानी के घर ड्रॉप किया .फिर मैं मिसेज़ वर्मा के घर कबड्डी खेलने चला गया.
सी चाची-मिसेज़ वर्मा की सहेली आई थी.
अवी-नही, पर मिसेज़ वर्मा ने एक वर्जिन लड़की का इंतज़ाम किया था.
सी चाची-वर्जिन, मिसेज़ वर्मा तो बहुत दिल दार है
अवी-हाँ, उनकी स्टूडेंट को अपनी पहली चुदाई करनी थी तो
सी चाची-मिसेज़ वर्मा ने तुझ से करवाई.तेरे तो मज़े थे आज,वर्जिन लड़की मिली.
अवी-मिली तो सही पर मैं ने सिर्फ़ उसकी गंद मारी
सी चाची-क्यूँ?
अवी-उसकी चूत किसी और के लिए बचा कर रखी.
सी चाची-किसके लिए तूने वर्जिन चूत छोड़ दी.
अवी-वो बाद मे बताउन्गा.
सी चाची-बता ना
अवी-अबी नही. कुछ दिन आपको रुकना होगा.
सी चाची-ठीक है रुक जाती हूँ. वैसे मिसेज़ वर्मा ने तेरा काम कर दिया
अवी-हां कर दिया,पंकज और उसकी गर्लफ्रेंड पास हो जाएगी.
सी चाची-उनका तो हो गया तेरा क्या ,छुट्टियों मे क्या करने वाला है
अवी-करना क्या है. पढ़ाई करूँगा और मस्ती करूँगा.
सी चाची-किस के साथ मस्ती करेगा
अवी-पायल और जो मिलेगी उसके साथ मस्ती करूँगा.
सी चाची-करते जा पर मुझे बताया कर
अवी-आपको बताए बिना मेरी मस्ती पूरी नही होती.
सी चाची-मेरे बिना मस्ती कर भी नही सकता
अवी-आप तो मेरी सौल हो
सी चाची-थोड़ा आराम कर मुझे खाना बनाना है.
अवी-चाची चिकन तंदूरी बनाना
सी चाची-अभी तो 2 मुर्गी को हलाल कर के आया है.
अवी-आज नोन वेज खाने का मन हो रहा है
सी चाची-बना दूँगी.
चाची ने मेरे लिए टेस्टी चिकन तंदूरी बना दो
चाची के हाथ का नोन वेज खाते ही पेट मे कुछ खाने के लिए जगह नही बची.
और पेट भर खाना खाने के बाद नींद अच्छी आती है.
नेक्स्ट डे से कोमल स्कूटी लेकर शहर जाने लगी क्लासस करने के लिए
नेहा बुआ को कोमल का अकेले जाना पसंद नही था पर कोमल ने उनको समझा दिया.
कविता और लीना अपने लॅपटॉप पे नयी नयी बाते सीख रही थी.
राज तो दिन भर खेलने मे बिता रहा था.
विद्या बच्चो का ख़याल रखने के साथ किताबें पढ़ रही थी जो उसने खरीदी थी.
और कोमल के साथ अपनी नॉलेज शेयर कर रही थी.
छोटी चाची रोजाना मेरी कसरत ले रही थी.
साथ मे योगा करके खुद को मेन्टेन रख रही थी
सुबह सुबह पूरी फॅमिली के साथ समय बिताने से मेरा दिन अच्छा जा रहा था.
चाचा भी सुबह खेत पर देर से जाने लगे .
चाचा को बच्चो केसाथ खेलते हुए देख कर अच्छा लग रहा था.
पूरी फॅमिली को साथ मे देख कर किसे अच्छा नही लगेगा.
पंकज भी अपनी गर्लफ्रेंड के साथ एंजाय कर रहा था. और करीम अपने गर्लफ्रेंड के साथ एंजाय कर रहा था.
मैं सुबह कसरत ,फिर आराम ,उसके बाद खेत का चक्कर लगा कर मैं पढ़ाई करने लगा.
बस इंतज़ार कर रहा था राजेश के आने का.
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Re: मैं और मेरा परिवार
801
कोमल रोज क्लासस के लिए शहर जाने लगी.रानी के घर से दोनो क्लासस को जाती.
कभी कभी कोमल पढ़ाई के लिए रानी के घर रुक जाती.
तो कभी लेट होने पर रानी को अपने साथ गाओं लेकर आ जाती.
पर कोमल इतनी बिज़ी होने के बाद भी मुझसे मिलने ज़रूरी आती थी. और अपने स्टाइल मे मेरे साथ बातें करती थी. और मुझे क्लासस मे जो पढ़ाया वो शॉर्ट मे समझा देती.
सॅटर्डे को रानी कोमल के साथ गाओं आ जाती. और दोनो विद्या का दिमाग़ खाने लग जाती. विद्या ने उनको कुछ मेडिकल रिलेटेड बातें बताई.
इसी बीच राजेश गाओं आ गया. राजेश के आने से लीना खुश हो गयी. उसका भाई जो आया था.
राजेश के आते ही लीना उसके साथ रहेगी जिस की वजह से मैं ने कुछ दिन रुकने का सोचा.
नीता बुआ राजेश के आने के बाद थोड़ी परेशान दिखने लगी.
पता नही क्या बात है पर मुझे जानना होगा.
मुझे राजेश से बात करनी होगी.
राजेश को आए हुए 2 दिन हो गये ,इतने दिन काफ़ी है उसे आराम करने के लिए.
मैं सुबह कसरत करके नीता बुआ के घर जाने का तय्यार हो गया.
ब चाची-अवी कहाँ जा रहे हो.
अवी-बुआ के घर जा कर आता हूँ
ब चाची-मेरा एक काम करेगा.
अवी-ये भी कोई पूछने की बात है.क्या करना है मुझे
ब चाची-नीता को बुला लाएगा.
अवी-नीता बुआ के घर ही जा रहा हूँ मैं , मैं उनको बता दूँगा कि आपने उनको याद किया है.
ब चाची-अब जा ,
अवी-वैसे बुआ से कोई ज़रूरी काम है.
ब चाची-नही ,बस ऐसे ही ,बहुत दिन हो गये नीता से बात किए हुए
अवी-मुझे नही लगता इतना ही काम होगा.
ब चाची-तू बड़ा हो जाएगा तो ये सब तुझे करना होगा.
अवी-क्या करना होगा मुझे
ब चाची-फॅमिली की ज़िम्मेदारी तुझे उतनी होगी. अब जा ,बुला नीता को और तेरी पूजा बुआ को भी बुला लाना.
अवी-नेहा बुआ को नही बुलाऊ
ब चाची-नीता को बुलाया है तो नेहा अपने आप आ जाएगी. नीता नेहा के बिना नही आएँगी. समझा
अवी-जी ,वैसे चाची मैं बड़ा हो गया हूँ
ब चाची-तू बड़ा होगा तो पहले मुझे पता चलेगा ,समझा ,अभी तू छोटा है.
अवी-आपको कब पता चलेगा.
ब चाची-कभी ना कभी पता चल जाएगा , तू बातें बहुत करता है. और काम कम करता है
अवी-अभी बुला कर लाता हूँ बुआ को
मैं नीता बुआ के घर की तरफ निकल पड़ा.
मेरी तरह बड़ी चाची ने भी नीता बुआ की परेशानी को देख लिया होगा.
तभी चाची ने पूजा बुआ और नीता बुआ को बुलाने कहा है.
मैं ने अपने फॅमिली मे एक बात नोट की है कि चाची और बुआ मिल कर प्राब्लम सॉल्व करती है.
चाची को परेशानी होती है तो बुआ उसका सल्यूशन निकालती है. और बुआ परेशान होती है तो चाची सब संभालती है.
शायद दादाजी के बीमार पड़ने के बाद चाची और बुआ ने घर की ज़िम्मेदारी उठा ली होगी.
चाचा के पास इतना दिमाग़ नही है जो फॅमिली को संभाल सके
मेले के वक्त बुआ और चाची घंटो बातें करती रहती थी. पता नही क्या बातें करती थी.
मुझे तो कोई कुछ बताता ही नही, सब मुझे छोटा समझते है.
मैं अपने फॅमिली के बारे मे सोचते हुए नीता बुआ के घर आ गया.
लीना घर से बाहर आ रही थी. उसके हाथ मे लॅपटॉप था.
लीना जल्दी मे दिख रही थी. शायद कविता से मिलने जा रही होगी.
अवी-लीना इतनी जल्दी मे कहाँ जा रही हो
लीना-कविता केपास ,मैं आप से बाद मे बात करती हूँ
अवी-रूको, क्या बात है जो मुझसे मिले बिना जा रही हो
लीना-भैया आपने आन्यूयल बजेट पढ़ा है.
अवी-बजेट तो छोटी चाची मेनेज करती है
लीना-मैं कंट्री के आन्यूयल बजेट की बात कर रही हूँ. एक्साइस ड्यूटीस कितनी कम कर दी है.
अवी-तुम पागल तो नही हो गयी. ये क्या बोल रही हो.
लीना-भैया ये एकनॉमिक्स है.
अवी-तुझे कब से एकनॉमिक्स मे दिलचस्पी होने लगी. एकनॉमिक्स कोई पढ़ने की चीज़ थोड़ी होती है ,कितना बोरिंग होता है.
लीना-भैया मुझे एमबीए करना है ,और उसके लिए एकनॉमिक्स ज़रूरी है. और इतना भी बुरा नही होता एकनॉमिक्स
अवी-तुझे एमबीए करना है ये अच्छी बात है पर इसके लिए टाइम है.
लीना-भैया दुनिया फास्ट बदल रही है. कितना कुछ है दुनिया मे जिस के बारे मे पता नही है हमे
अवी-मेरी माँ, तेरे खेलने के दिन है. दुनिया के बारे मे सोचने की नही है.
लीना-आप नही समझेंगे.
अवी-लगता है लॅपटॉप दे कर मैं ने ग़लती कर दी
लीना-लॅपटॉप से तो कितना कुछ पता चला है दुनिया के बारे मे
अवी-बता क्या पता चला है
लीना-आन्यूयल बजेट के बारे मे पता चला है.
अवी-बजेट तो फेब मे था ना
लीना-तब लॅपटॉप कहाँ था मेरे पास, आपने छुपा कर रखा था. अब लॅपटॉप आया तो पढ़ रही हूँ.
अवी-पढ़ना अछा होता है. पर जिस आगे मे जो पढ़ना चाहिए वही पढ़ा करो
लीना-बस थोड़ा नॉलेज ले रही हूँ.
अवी-ठीक है. पर अपने छोटे दिमाग़ मे ज़्यादा ज़ोर मत डालना
लीना-अब जाउ
अवी-हा जा ,औरकविता को बताना जो मैं ने कहा है.
लीना-बता दूँगी
और लीना लॅपटॉप लेकर कविता के पास चली गयी.
ये दोनो भी ना , कुछ भी करती रहती है. इनके दिमाग़ मे पता नही ऐसे आइडिया कैसे आते है.
मुझे तो लग था कि लॅपटॉप मिलते सेक्स के बारे मे पढ़ेंगी. बीएफ देखेंगी .पर बजेट
बजेट , एकनॉमिक्स,अपने छोटे दिमाग़ से पता नही क्या क्या सोचत रहती है.
ये दोनो पक्का साइंटिस्ट बनेंगी.
बजेट
,
बजेट के बारे मे पढ़ना अच्छा होता है पर उसकी एक एज होती है.
जल्दी उनका एकनॉमिक्स का भूत उतर जाएगा.
मैं यहाँ नीता बुआ से मिलने आया था और कहाँ एकनॉमिक्स के चक्कर मे फस गया.
लीना के जाते ही मैं अंदर चला गया.
राजेश अपने कमरे मे होगा. वो बाहर निकलता ही नही.
नीता बुआ कहाँ होगी. किचन मे होगी.
मैं नीता बुआ को ढूँढते हुए किचन मे आ गया.
नीता बुआ किचन मे खड़ी रह कर कुछ सोच रही थी.
मैं नीता बुआ के पास जाकर खड़ा हो गया.
मेरे आने के बाद भी नीता बुआ अपने ख़यालो से बाहर नही निकली.
नीता बुआ खिड़की से बाहर देख कर कुछ सोच रही थी.
नीता बुआ को पहेली बार इतनी गहरी सोच मे डूबा हुआ देखा है.
बड़ी चाची ने इसी लिए नीता बुआ को बुलाया है
मैं ने अपने हाथ को हल्के से उनके हाथो पे घुमा कर गुदगुदी करने लगा.
पर नीता बुआ की तरफ से कोई रिएक्सन नही मिला.
गॅस पे रखा हुआ दूध के पतीले से दूध नीचे गिर रहा था फिर भी नीता बुआ अपने ख़यालो से बाहर नही निकली
ऐसे मे मैं ने नीता बुआ की हथेली पे चिमती काट ली
चिमती काट ते ही नीता बुआ होश मे आ गयी.
नीता बुआ-ऊच
अवी-बुआ
नीता बुआ-तुम कब आए
अवी-बुआ दूध
नीता बुआ-दूध ,
नीता बुआ-ज़ोर से दूध
नीता बुआ ने पतीले की तरफ देखा ,पतीले से दूध नीचे गिर रहा था.
बुआ ने गॅस ऑफ की .
नीता बुआ-सारा दूध नीचे गिर गया.
अवी-अब टी पीने नही मिलेगी
नीता बुआ-टी जितना दूध बचा है. वैसे तुम कब आए
अवी-काफ़ी देर हो गयी.आप दिन मे खड़े खड़े सो रही थी.
नीता बुआ-वो मैं ... तू टीवी देख मैं टी बनाती हूँ
और नीता बुआ मुझे हॉल मे भेज कर टी बनाने लगी.
टी पीते हुए बात करूँगा. जिस से बातों मे थोड़ी मिठास आएगी.
कोमल रोज क्लासस के लिए शहर जाने लगी.रानी के घर से दोनो क्लासस को जाती.
कभी कभी कोमल पढ़ाई के लिए रानी के घर रुक जाती.
तो कभी लेट होने पर रानी को अपने साथ गाओं लेकर आ जाती.
पर कोमल इतनी बिज़ी होने के बाद भी मुझसे मिलने ज़रूरी आती थी. और अपने स्टाइल मे मेरे साथ बातें करती थी. और मुझे क्लासस मे जो पढ़ाया वो शॉर्ट मे समझा देती.
सॅटर्डे को रानी कोमल के साथ गाओं आ जाती. और दोनो विद्या का दिमाग़ खाने लग जाती. विद्या ने उनको कुछ मेडिकल रिलेटेड बातें बताई.
इसी बीच राजेश गाओं आ गया. राजेश के आने से लीना खुश हो गयी. उसका भाई जो आया था.
राजेश के आते ही लीना उसके साथ रहेगी जिस की वजह से मैं ने कुछ दिन रुकने का सोचा.
नीता बुआ राजेश के आने के बाद थोड़ी परेशान दिखने लगी.
पता नही क्या बात है पर मुझे जानना होगा.
मुझे राजेश से बात करनी होगी.
राजेश को आए हुए 2 दिन हो गये ,इतने दिन काफ़ी है उसे आराम करने के लिए.
मैं सुबह कसरत करके नीता बुआ के घर जाने का तय्यार हो गया.
ब चाची-अवी कहाँ जा रहे हो.
अवी-बुआ के घर जा कर आता हूँ
ब चाची-मेरा एक काम करेगा.
अवी-ये भी कोई पूछने की बात है.क्या करना है मुझे
ब चाची-नीता को बुला लाएगा.
अवी-नीता बुआ के घर ही जा रहा हूँ मैं , मैं उनको बता दूँगा कि आपने उनको याद किया है.
ब चाची-अब जा ,
अवी-वैसे बुआ से कोई ज़रूरी काम है.
ब चाची-नही ,बस ऐसे ही ,बहुत दिन हो गये नीता से बात किए हुए
अवी-मुझे नही लगता इतना ही काम होगा.
ब चाची-तू बड़ा हो जाएगा तो ये सब तुझे करना होगा.
अवी-क्या करना होगा मुझे
ब चाची-फॅमिली की ज़िम्मेदारी तुझे उतनी होगी. अब जा ,बुला नीता को और तेरी पूजा बुआ को भी बुला लाना.
अवी-नेहा बुआ को नही बुलाऊ
ब चाची-नीता को बुलाया है तो नेहा अपने आप आ जाएगी. नीता नेहा के बिना नही आएँगी. समझा
अवी-जी ,वैसे चाची मैं बड़ा हो गया हूँ
ब चाची-तू बड़ा होगा तो पहले मुझे पता चलेगा ,समझा ,अभी तू छोटा है.
अवी-आपको कब पता चलेगा.
ब चाची-कभी ना कभी पता चल जाएगा , तू बातें बहुत करता है. और काम कम करता है
अवी-अभी बुला कर लाता हूँ बुआ को
मैं नीता बुआ के घर की तरफ निकल पड़ा.
मेरी तरह बड़ी चाची ने भी नीता बुआ की परेशानी को देख लिया होगा.
तभी चाची ने पूजा बुआ और नीता बुआ को बुलाने कहा है.
मैं ने अपने फॅमिली मे एक बात नोट की है कि चाची और बुआ मिल कर प्राब्लम सॉल्व करती है.
चाची को परेशानी होती है तो बुआ उसका सल्यूशन निकालती है. और बुआ परेशान होती है तो चाची सब संभालती है.
शायद दादाजी के बीमार पड़ने के बाद चाची और बुआ ने घर की ज़िम्मेदारी उठा ली होगी.
चाचा के पास इतना दिमाग़ नही है जो फॅमिली को संभाल सके
मेले के वक्त बुआ और चाची घंटो बातें करती रहती थी. पता नही क्या बातें करती थी.
मुझे तो कोई कुछ बताता ही नही, सब मुझे छोटा समझते है.
मैं अपने फॅमिली के बारे मे सोचते हुए नीता बुआ के घर आ गया.
लीना घर से बाहर आ रही थी. उसके हाथ मे लॅपटॉप था.
लीना जल्दी मे दिख रही थी. शायद कविता से मिलने जा रही होगी.
अवी-लीना इतनी जल्दी मे कहाँ जा रही हो
लीना-कविता केपास ,मैं आप से बाद मे बात करती हूँ
अवी-रूको, क्या बात है जो मुझसे मिले बिना जा रही हो
लीना-भैया आपने आन्यूयल बजेट पढ़ा है.
अवी-बजेट तो छोटी चाची मेनेज करती है
लीना-मैं कंट्री के आन्यूयल बजेट की बात कर रही हूँ. एक्साइस ड्यूटीस कितनी कम कर दी है.
अवी-तुम पागल तो नही हो गयी. ये क्या बोल रही हो.
लीना-भैया ये एकनॉमिक्स है.
अवी-तुझे कब से एकनॉमिक्स मे दिलचस्पी होने लगी. एकनॉमिक्स कोई पढ़ने की चीज़ थोड़ी होती है ,कितना बोरिंग होता है.
लीना-भैया मुझे एमबीए करना है ,और उसके लिए एकनॉमिक्स ज़रूरी है. और इतना भी बुरा नही होता एकनॉमिक्स
अवी-तुझे एमबीए करना है ये अच्छी बात है पर इसके लिए टाइम है.
लीना-भैया दुनिया फास्ट बदल रही है. कितना कुछ है दुनिया मे जिस के बारे मे पता नही है हमे
अवी-मेरी माँ, तेरे खेलने के दिन है. दुनिया के बारे मे सोचने की नही है.
लीना-आप नही समझेंगे.
अवी-लगता है लॅपटॉप दे कर मैं ने ग़लती कर दी
लीना-लॅपटॉप से तो कितना कुछ पता चला है दुनिया के बारे मे
अवी-बता क्या पता चला है
लीना-आन्यूयल बजेट के बारे मे पता चला है.
अवी-बजेट तो फेब मे था ना
लीना-तब लॅपटॉप कहाँ था मेरे पास, आपने छुपा कर रखा था. अब लॅपटॉप आया तो पढ़ रही हूँ.
अवी-पढ़ना अछा होता है. पर जिस आगे मे जो पढ़ना चाहिए वही पढ़ा करो
लीना-बस थोड़ा नॉलेज ले रही हूँ.
अवी-ठीक है. पर अपने छोटे दिमाग़ मे ज़्यादा ज़ोर मत डालना
लीना-अब जाउ
अवी-हा जा ,औरकविता को बताना जो मैं ने कहा है.
लीना-बता दूँगी
और लीना लॅपटॉप लेकर कविता के पास चली गयी.
ये दोनो भी ना , कुछ भी करती रहती है. इनके दिमाग़ मे पता नही ऐसे आइडिया कैसे आते है.
मुझे तो लग था कि लॅपटॉप मिलते सेक्स के बारे मे पढ़ेंगी. बीएफ देखेंगी .पर बजेट
बजेट , एकनॉमिक्स,अपने छोटे दिमाग़ से पता नही क्या क्या सोचत रहती है.
ये दोनो पक्का साइंटिस्ट बनेंगी.
बजेट
,
बजेट के बारे मे पढ़ना अच्छा होता है पर उसकी एक एज होती है.
जल्दी उनका एकनॉमिक्स का भूत उतर जाएगा.
मैं यहाँ नीता बुआ से मिलने आया था और कहाँ एकनॉमिक्स के चक्कर मे फस गया.
लीना के जाते ही मैं अंदर चला गया.
राजेश अपने कमरे मे होगा. वो बाहर निकलता ही नही.
नीता बुआ कहाँ होगी. किचन मे होगी.
मैं नीता बुआ को ढूँढते हुए किचन मे आ गया.
नीता बुआ किचन मे खड़ी रह कर कुछ सोच रही थी.
मैं नीता बुआ के पास जाकर खड़ा हो गया.
मेरे आने के बाद भी नीता बुआ अपने ख़यालो से बाहर नही निकली.
नीता बुआ खिड़की से बाहर देख कर कुछ सोच रही थी.
नीता बुआ को पहेली बार इतनी गहरी सोच मे डूबा हुआ देखा है.
बड़ी चाची ने इसी लिए नीता बुआ को बुलाया है
मैं ने अपने हाथ को हल्के से उनके हाथो पे घुमा कर गुदगुदी करने लगा.
पर नीता बुआ की तरफ से कोई रिएक्सन नही मिला.
गॅस पे रखा हुआ दूध के पतीले से दूध नीचे गिर रहा था फिर भी नीता बुआ अपने ख़यालो से बाहर नही निकली
ऐसे मे मैं ने नीता बुआ की हथेली पे चिमती काट ली
चिमती काट ते ही नीता बुआ होश मे आ गयी.
नीता बुआ-ऊच
अवी-बुआ
नीता बुआ-तुम कब आए
अवी-बुआ दूध
नीता बुआ-दूध ,
नीता बुआ-ज़ोर से दूध
नीता बुआ ने पतीले की तरफ देखा ,पतीले से दूध नीचे गिर रहा था.
बुआ ने गॅस ऑफ की .
नीता बुआ-सारा दूध नीचे गिर गया.
अवी-अब टी पीने नही मिलेगी
नीता बुआ-टी जितना दूध बचा है. वैसे तुम कब आए
अवी-काफ़ी देर हो गयी.आप दिन मे खड़े खड़े सो रही थी.
नीता बुआ-वो मैं ... तू टीवी देख मैं टी बनाती हूँ
और नीता बुआ मुझे हॉल मे भेज कर टी बनाने लगी.
टी पीते हुए बात करूँगा. जिस से बातों मे थोड़ी मिठास आएगी.
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(मैं और मेरा परिवार Running )........
(रेशमा - मेरी पड़ोसन complete).....(मेरी मस्तानी समधन complete)......
(भूत प्रेतों की कहानियाँ complete)....... (इंसाफ कुदरत का complete).... (हरामी बेटा compleet )-.....(माया ने लगाया चस्का complete). (Incest-मेरे पति और मेरी ननद complete ).
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Re: मैं और मेरा परिवार
802
बुआ मेरे लिए टी लेकर आ गयी.
अवी-बुआ आप टी नही पिएंगी
नीता बुआ-मैं बाद मे पी लूँगी.
अवी-कभी कभी तो आता हूँ और उसमे भी ,मुझे नही पीनी टी
नीता बुआ-मैं अपने लिए लेकर आती हूँ. अब खुश
अवी-हाँ
नीता बुआ अपने लिए टी लेकर मेरे पास आकर बैठ गयी.
अवी-बुआ राजेश कहाँ है.
नीता बुआ-अपने कमरे है
अवी-वो नही पियेगा टी
नीता बुआ-वो कमरे से बाहर ही नही निकलता, जब उसका मन होता है तब चाहिए उसे टी
अवी-ये क्या बात हुई.
नीता बुआ-वो यहाँ भी अपने हॉस्टिल जैसा रहना चाहता है.
अवी-बुलाइये उसे ,मैं बात करता हूँ
नीता बुआ-नही रहने दो ,फिर गुस्सा हो जाएगा.
अवी-फिर से क्या मतलब
नीता बुआ-कुछ नही
अवी-बुआ बात क्या है.
नीता बुआ-कुछ भी तो नही
अवी-कुछ तो बात ज़रूर है. वरना मेरे इतने आवाज़ देने के बाद भी आप ने जवाब नही दिया था.
नीता बुआ-वो तो रात मे नींद नही आई थी इसलिए दिन मे
अवी-मुझे जाना चाहिए यहाँ से ,
नीता बुआ-क्या हुआ
अवी-मैं आपको अपनी माँ जैसा मानता हूँ पर आप मुझे अपना बेटा मानती नही.
नीता बुआ ने थप्पड़ मेरे गाल पे मारा
नीता बुआ-ऐसा सोचना भी मत,
अवी-फिर बताइए ना बात क्या है.
नीता बुआ-तुझे बता कर परेशान नही करना चाहती.
अवी-अपनी माँ को परेशान देख कर मुझे क्या अच्छा लगेगा.
नीता बुआ-तू समझता क्यू नही.
अवी-राजेश की वजह से आप परेशान हो ना
राजेश का नाम सुनते नीता बुआ चुप हो गयी.
अवी-मैं राजेश से पूछता हूँ ,एक थप्पड़ खाएगा तो बोलने लग जाएगा.
नीता बुआ-राजेश से कुछ मत पूछना ,मैं बताती हूँ.
अवी-सब कुछ बताना होगा.
नीता बुआ-तुम्हे बताया था ना कि राजेश कॅंप की वजह से कुछ दिन स्कूल मे रुकेगा.
अवी-हाँ
नीता बुआ-उसके स्कूल मे कोई कॅंप नही था.
अवी-क्या? कॅंप नही था .फिर राजेश कहाँ गया था.और आपको कैसे पता चला
नीता बुआ-मैं उसको फोन करके पूछना चाहती कि वो कब तक आएगा पर उसका फोन स्विच ऑफ था. तो मैं ने स्कूल मे फोन लगाया. स्कूल के क्लर्क ने बताया की स्कूल मे कोई कॅंप नही है. सभी बच्चे घर जा चुके है.
अवी-फिर क्या किया आपने
नीता बुआ-मैं राजेश को फोन करती गयी. दूसरे दिन उसको फोन लग गया. और मैं ने अभी के अभी घर आने को कहा.
अवी-फिर आपने उस से इसके बारे मे पूछा.
नीता बुआ-फोन पर पूछना ठीक नही था तो मैं ने उसे घर बुला कर पूछा .तो उल्टा वो मुझ पे गुस्सा हो गया.
अवी-क्या कहा उसने
नीता बुआ-कहने लगा कि स्कूल मे फोन क्यू किया, आपको मुझ पे विश्वास नही है.और भी बहुत कुछ कहा. और अपनी सारी ट्रोपी फेक दी
अवी-इतना कुछ हुआ और आपने मुझे बताया नही.
नीता बुआ-कैसे बताती. मैं खुद राजेश की वजह से परेशान थी. पता नही कहाँ गया था.
अवी-मुझे बता देती तो इतना कुछ नही होता.
नीता बुआ-तुझे बताती तो तू क्या करता
अवी-उसका बड़ा भाई हूँ ,कुछ ना कुछ तो ज़रूर करता
नीता बुआ-तेरा भाई है.पर मैं भी उसकी माँ हूँ.मुझे कुछ नही बताया तो तुझे कैसे बताएगा
अवी-बुआ जमाना बदल गया है
नीता बुआ-क्या मतलब
अवी-माता पिता से ज़्यादा अपने दोस्त की बात मानते है लड़के
नीता बुआ-क्या मतलब
अवी-जो आप नही पूछ सकती वो मैं राजेश से पूछ सकता हूँ
नीता बुआ-अगर लीना के पापा यहाँ होते तो वो राजेश से बात कर लेते
अवी-अंकल नही है तो क्या हुआ मैं हूँ ना. आपका बड़ा बेटा है यहाँ पे
नीता बुआ-तू उस तरह राजेश से बात नही कर पाएगा जिस तरह लीना के पापा करेंगे
अवी-बुआ मैं आपका बेटा हूँ ,राजेश के लिए मेरी भी कुछ ज़िम्मेदारी बनती है .
नीता बुआ-तुझे उसके पास भेजा तो वो और ज़्यादा गुस्सा हो जाएगा.
अवी-नही होगा. मुझे उस से बात करने की इजाज़त दीजिए ,
नीता बुआ-पर
अवी-पर को मारिए गोली.राजेश को मैं एक फ्रेंड की तरह हॅंडल करूँगा.
नीता बुआ-फ्रेंड
अवी-राजेश को फ्रेंड बनके उससे सारी बातें निकाल लूँगा.
नीता बुआ-अगर बात बिगड़ गयी तो
अवी-मैं हूँ ना.
नीता बुआ-फिर हो सके तो ये भी पता करना कि वो घर मे रुकता क्यूँ नही.
अवी-वो मैं ने पता कर लिया है.
नीता बुआ-तुम्हे पता है. मुझे बता दो
अवी-बता दूँगा, पहले राजेश से मिलने दीजिए
नीता बुआ-वो अपने कमरे है.
अवी-जिसके लिए मैं यहाँ आया था वो आपको बताना तो भूल गया
नीता बुआ-क्या भूल गये
अवी-आपको चाची ने बुलाया है.
नीता बुआ-सुमन ने बुलाया है
अवी-हाँ
नीता बुआ-मुझे परेशान देख कर, ये लीना अपना मूह बंद रखती नही. और क्या कहा.
अवी-आते हुआ पूजा बुआ और नेहा बुआ को साथ लाने को कहा है
नीता बुआ-लीना आज मेरे हाथ से मार खाएगी.
अवी-क्या हुआ.
नीता बुआ-कुछ नही. तुम राजेश से मिल लो ,मैं सुमन से मिलके आती हूँ
अवी-बात क्या है. चाची ने आपको क्यूँ बुलाया
नीता बुआ-ऐसे ही. तुझे राजेश से मिलना था ना ,जा मिल ले
और नीता बुआ सॅंडल पहन कर बाहर चली गयी.
नीता बुआ चली गयी .
अछा हुआ बुआ चली गयी. अब राजेश से आराम से बात कर सकता हूँ.
बुआ मेरे लिए टी लेकर आ गयी.
अवी-बुआ आप टी नही पिएंगी
नीता बुआ-मैं बाद मे पी लूँगी.
अवी-कभी कभी तो आता हूँ और उसमे भी ,मुझे नही पीनी टी
नीता बुआ-मैं अपने लिए लेकर आती हूँ. अब खुश
अवी-हाँ
नीता बुआ अपने लिए टी लेकर मेरे पास आकर बैठ गयी.
अवी-बुआ राजेश कहाँ है.
नीता बुआ-अपने कमरे है
अवी-वो नही पियेगा टी
नीता बुआ-वो कमरे से बाहर ही नही निकलता, जब उसका मन होता है तब चाहिए उसे टी
अवी-ये क्या बात हुई.
नीता बुआ-वो यहाँ भी अपने हॉस्टिल जैसा रहना चाहता है.
अवी-बुलाइये उसे ,मैं बात करता हूँ
नीता बुआ-नही रहने दो ,फिर गुस्सा हो जाएगा.
अवी-फिर से क्या मतलब
नीता बुआ-कुछ नही
अवी-बुआ बात क्या है.
नीता बुआ-कुछ भी तो नही
अवी-कुछ तो बात ज़रूर है. वरना मेरे इतने आवाज़ देने के बाद भी आप ने जवाब नही दिया था.
नीता बुआ-वो तो रात मे नींद नही आई थी इसलिए दिन मे
अवी-मुझे जाना चाहिए यहाँ से ,
नीता बुआ-क्या हुआ
अवी-मैं आपको अपनी माँ जैसा मानता हूँ पर आप मुझे अपना बेटा मानती नही.
नीता बुआ ने थप्पड़ मेरे गाल पे मारा
नीता बुआ-ऐसा सोचना भी मत,
अवी-फिर बताइए ना बात क्या है.
नीता बुआ-तुझे बता कर परेशान नही करना चाहती.
अवी-अपनी माँ को परेशान देख कर मुझे क्या अच्छा लगेगा.
नीता बुआ-तू समझता क्यू नही.
अवी-राजेश की वजह से आप परेशान हो ना
राजेश का नाम सुनते नीता बुआ चुप हो गयी.
अवी-मैं राजेश से पूछता हूँ ,एक थप्पड़ खाएगा तो बोलने लग जाएगा.
नीता बुआ-राजेश से कुछ मत पूछना ,मैं बताती हूँ.
अवी-सब कुछ बताना होगा.
नीता बुआ-तुम्हे बताया था ना कि राजेश कॅंप की वजह से कुछ दिन स्कूल मे रुकेगा.
अवी-हाँ
नीता बुआ-उसके स्कूल मे कोई कॅंप नही था.
अवी-क्या? कॅंप नही था .फिर राजेश कहाँ गया था.और आपको कैसे पता चला
नीता बुआ-मैं उसको फोन करके पूछना चाहती कि वो कब तक आएगा पर उसका फोन स्विच ऑफ था. तो मैं ने स्कूल मे फोन लगाया. स्कूल के क्लर्क ने बताया की स्कूल मे कोई कॅंप नही है. सभी बच्चे घर जा चुके है.
अवी-फिर क्या किया आपने
नीता बुआ-मैं राजेश को फोन करती गयी. दूसरे दिन उसको फोन लग गया. और मैं ने अभी के अभी घर आने को कहा.
अवी-फिर आपने उस से इसके बारे मे पूछा.
नीता बुआ-फोन पर पूछना ठीक नही था तो मैं ने उसे घर बुला कर पूछा .तो उल्टा वो मुझ पे गुस्सा हो गया.
अवी-क्या कहा उसने
नीता बुआ-कहने लगा कि स्कूल मे फोन क्यू किया, आपको मुझ पे विश्वास नही है.और भी बहुत कुछ कहा. और अपनी सारी ट्रोपी फेक दी
अवी-इतना कुछ हुआ और आपने मुझे बताया नही.
नीता बुआ-कैसे बताती. मैं खुद राजेश की वजह से परेशान थी. पता नही कहाँ गया था.
अवी-मुझे बता देती तो इतना कुछ नही होता.
नीता बुआ-तुझे बताती तो तू क्या करता
अवी-उसका बड़ा भाई हूँ ,कुछ ना कुछ तो ज़रूर करता
नीता बुआ-तेरा भाई है.पर मैं भी उसकी माँ हूँ.मुझे कुछ नही बताया तो तुझे कैसे बताएगा
अवी-बुआ जमाना बदल गया है
नीता बुआ-क्या मतलब
अवी-माता पिता से ज़्यादा अपने दोस्त की बात मानते है लड़के
नीता बुआ-क्या मतलब
अवी-जो आप नही पूछ सकती वो मैं राजेश से पूछ सकता हूँ
नीता बुआ-अगर लीना के पापा यहाँ होते तो वो राजेश से बात कर लेते
अवी-अंकल नही है तो क्या हुआ मैं हूँ ना. आपका बड़ा बेटा है यहाँ पे
नीता बुआ-तू उस तरह राजेश से बात नही कर पाएगा जिस तरह लीना के पापा करेंगे
अवी-बुआ मैं आपका बेटा हूँ ,राजेश के लिए मेरी भी कुछ ज़िम्मेदारी बनती है .
नीता बुआ-तुझे उसके पास भेजा तो वो और ज़्यादा गुस्सा हो जाएगा.
अवी-नही होगा. मुझे उस से बात करने की इजाज़त दीजिए ,
नीता बुआ-पर
अवी-पर को मारिए गोली.राजेश को मैं एक फ्रेंड की तरह हॅंडल करूँगा.
नीता बुआ-फ्रेंड
अवी-राजेश को फ्रेंड बनके उससे सारी बातें निकाल लूँगा.
नीता बुआ-अगर बात बिगड़ गयी तो
अवी-मैं हूँ ना.
नीता बुआ-फिर हो सके तो ये भी पता करना कि वो घर मे रुकता क्यूँ नही.
अवी-वो मैं ने पता कर लिया है.
नीता बुआ-तुम्हे पता है. मुझे बता दो
अवी-बता दूँगा, पहले राजेश से मिलने दीजिए
नीता बुआ-वो अपने कमरे है.
अवी-जिसके लिए मैं यहाँ आया था वो आपको बताना तो भूल गया
नीता बुआ-क्या भूल गये
अवी-आपको चाची ने बुलाया है.
नीता बुआ-सुमन ने बुलाया है
अवी-हाँ
नीता बुआ-मुझे परेशान देख कर, ये लीना अपना मूह बंद रखती नही. और क्या कहा.
अवी-आते हुआ पूजा बुआ और नेहा बुआ को साथ लाने को कहा है
नीता बुआ-लीना आज मेरे हाथ से मार खाएगी.
अवी-क्या हुआ.
नीता बुआ-कुछ नही. तुम राजेश से मिल लो ,मैं सुमन से मिलके आती हूँ
अवी-बात क्या है. चाची ने आपको क्यूँ बुलाया
नीता बुआ-ऐसे ही. तुझे राजेश से मिलना था ना ,जा मिल ले
और नीता बुआ सॅंडल पहन कर बाहर चली गयी.
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Re: मैं और मेरा परिवार
803
मैं ने घर को अंदर से लॉक किया और राजेश के कमरे मे चला गया.
राजेश अपने कमरे मे बेड पर लेट कर छत की तरफ देख रहा था.
राजेश कुछ सोच रहा था .
राजेश के गाल पर रोने के निशान थे.
शायद नीता बुआ पे गुस्सा करके बात तो ख़तम कर दी पर बुआ से इस तरह बात करने से उसका बहुत बुरा लगा होगा.
राजेश को खुद पे गुस्सा आ रहा होगा.
राजेश अपनी माँ से बहुत प्यार करता है. इसी लिए तो वो यहाँ सिंपल तरीके से रहता है .ताकि बुआ खुश रहे
वैसे राजेश पढ़ाई मे अव्वल है ,स्पोर्ट मे चॅंपियन है .ऐसे मे उसके मस्ती करने से किसी को बुरा नही लगेगा चाहिए
वो अपनी पढ़ाई को बिना नुकसान पहुँचाए मस्ती करता है तो किसी को क्या प्राब्लम होगी.
वैसे ग़लती मेरी भी है मुझे अपने भाई पे ध्यान रखना चाहिए था.
उसके साथ बातें करके अपना फ्रेंड बनाना चाहिए था.
अबी देर नही हुई है. नीता बुआ को राजेश के बारे मे ज़्यादा पता नही चला है. अगर मैं ने कुछ किया नही तो नीता बुआ राजेश के बारे मे पता लगा लेंगी.
मैं राजेश की हालत को समझ सकता हूँ. उसे खुद पे गुस्सा करना लाज़मी था.
मैं राजेश के पास जाकर बैठ गया.
अवी-राजेश ,कब आया स्कूल से बताया भी नही.
राजेश ने मेरी तरफ देखा. मुझे देखते ही राजेश उठ कर बैठ गया.
और मेरे गले लग कर रोने लगा.
राजेश को अपना दर्द शेयर करने के लिए कोई चाहिए था.
उसके पापा यहाँ होते तो वो उनसे बात करता . पर पापा के ना होने से वो खुद घुट घुट कर अंदर ही अंदर रो रहा था.
मेरे आते ही उसे अपना दर्द बाँटने के लिए एक सहारा मिल गया.
राजेश छोटे बच्चे की तरह रो रहा था.
अवी-क्या हुआ राजेश, ऐसे रो क्यूँ रहे हो
राजेश-भैया
अवी-क्या हुआ ,बुआ ने कुछ कहा
राजेश-नही.
अवी-फिर ऐसे रो क्यूँ रहे हो
राजेश-मैं खुद पे रो रहा हूँ.
अवी-खुद पे गुस्सा आ रहा है.
राजेश-हाँ
अवी-ऐसा क्या हुआ
राजेश-मुझसे बहुत बड़ी ग़लती हो गयी.
अवी-क्या हुआ ,ठीक से बता
राजेश-भैया मैं ने माँ को गुस्से मे बुरा भला कहा
अवी-ऐसा क्या होगा गया था जो तुझे ऐसा करना पड़ा.
राजेश-मैं ने माँ को ऐसा कैसे बोल दिया,
अवी-हुआ क्या है.
राजेश-माँ ने एक सवाल ही तो पूछा था ,मुझे उनपे इतना गुस्सा करने की क्या ज़रूरत थी.मैं अच्छा बेटा नही बन पाया
अवी-(दुनिया का आठवाँ अजूबा) पानी पी , और खुद को शांत कर
मैं ने राजेश को पानी पिलाया और उसका रोना बंद किया.
अवी-अब बता क्या हुआ.
राजेश-मैं ने माँ से गुस्से मे जो ज़ुबान पे आया वो बोल दिया.
अवी-ऐसा क्या पूछा था बुआ ने जो तुम्हे गुस्सा आ या
राजेश-आपको मैं क्या बताऊ,
अवी-जो हुआ है वो बता
राजेश-मैं आपको नही बता सकता ,आप गुस्सा करोगे
अवी-मैं ने तुझे पहले कहा था कि तू मुझे अपना फ्रेंड समझ ,तू जो बताएगा वो एक फ्रेंड को बता रहा हूँ ये समझ
राजेश-फ्रेंड
अवी-क्या हम फ्रेंड नही बन सकते
राजेश-आप किसी को बताना मत
अवी-नही बताउन्गा .अब बता
राजेश-वो मैं ने माँ से झूठ कहा था कि मैं कॅंप मे जा रहा हूँ.
अवी-झूठ कहा था अगेर तू कॅंप मे नही गया था तो फिर कहाँ गया था.
राजेश-अपने दोस्तो के साथ टूर पे गया था.
अवी-(झूठ ,ये ऐसे नही बताएगा) बुआ को सच क्यूँ नही बताया
राजेश-मुझे लगा माँ को मेरा घूमने जाना बुरा लगेगा .इस लिए झूठ कहा ,और माँ ने स्कूल मे फोन करके पता लगा लिया कि मैं ने कॅंप के बारे मे झूठ कहा है
अवी-बोलता जा
राजेश-इसी बात पे माँ के साथ बहस हुई .और मैं ने गुस्से मे माँ को कुछ भी बोल दिया.
अवी-देख तूने बुआ को सच बताना चाहिए था.उनको तेरे झूठ बोलने से बहुत बुरा लगा होगा.
राजेश-मैं अच्छा बेटा नही बन पाया.
अवी-तेरे जैसा बेटा हर कोई चाहेगा.
राजेश-मैं ने माँ के साथ ऐसा किया फिर भी आप ऐसा कह रहे हो.
अवी-हाँ, तू पढ़ाई मे अव्वल है, स्पोर्ट मे चॅंपियन है, ट्रोपी रखने के लिए जगह कम है. ऐसे मे थोड़ी मस्ती करेगा तो बुआ रोकेंगी थोड़ी.तू टूर पे जाना चाहता है तो बुआ मना थोड़े करती.
राजेश-पर माँ चाहती थी कि मैं यहाँ रहूं .पूरी छुट्टियाँ
अवी-अगर तू बुआ को मना लेता तो बुआ मान जाती.
राजेश-(टूर की बात नही थी,बात कुछ और थी मैं आपको कैसे बताऊ ) वो जाने दीजिए ,अब बताइए मुझे क्या करना चाहिए
अवी-बुआ से माफी माँग ले .और बता दे कि तू टूर पे गया था दोस्तो के साथ
राजेश-माफी माँगने से माँ मुझे माफ़ कर देंगी.
अवी-हाँ, बुआ को तो तेरे ऐसे घुट घुट के रोने से और ज़्यादा बुरा लग रहा है.
राजेश-मैं माँ को बता दूँगा कि मैं फ्रेंड के साथ टूर पे गया था. और उनसे दुबारा झूठ नही बोलूँगा.
अवी-ये हुई ना बात ,ये तो हुए बुआ को बताने वाली बात ,अब मुझे बता कहाँ था तू
राजेश-बताया ना टूर पे गया था.
अवी-प्रिन्सिपल मेडम और उनकी बेटियो के साथ था ना तू
राजेश शॉक्ड हो गया.
प्रिन्सिपल मेडम के बारे मे सुनकर राजेश आँखे फाड़ कर मेरी तरफ देखने लगा.
अवी-इनके साथ बेडरूम के टूर पे गया था ना
राजेश-आप ये क्या बोल रहे हो.
अवी-ये नही थे तो साइन्स की मेडम के साथ गये थे.
राजेश मेरी तरफ घूर के देखने लगा.
अवी-बच्चू ,तेरा बाद भाई हूँ,तुम्हारे बारे मे इतनी तो खबर रख ही सकता हूँ
राजेश-आपको किसने बताया.
अवी-पहले ये बता ये सच है कि नही
राजेश-ये बात मेरे फ्रेंड को भी पता नही फिर आपको किसने बताया.
अवी-मतलब ये सच है
राजेश-ये सब झूठ है.
अवी-झूठ है.फिर ये हीरो कौन है.
मैं ने उसे उसकी फोटो अपने मोबाइल से दिखा दी
फोटो देखते ही राजेश की बोलती बंद हुई.
अवी-ये टट्टू मुझे भी बनवाना है. कहाँ से बनाया था.
राजेश-कौन सा टट्टू
अवी-मोबाइल मे जो है उसकी बात कर रहा हूँ
राजेश-मोबाइल मे ,कहाँ
राजेश ने फोटो देखते हुए मोबाइल से फोटो डेलीट भी कर दिए
अवी-मेरे लॅपटॉप मे बॅकप है. तेरा बड़ा भाई हूँ ये क्यूँ भूल जाता है.
राजेश-ये फोटो कहाँ से मिली
अवी-वो छोड़ ,आज तो फ्री है . फ्री सॅट और सुन कोई कुछ खास करता हैना
राजेश अपने सिर पे हाथ रख कर सोचने लगा.
अवी-नयी कहानी नही सुननी. मुझे सच जानना है.
राजेश-भैया
अवी-हाँ बोलो
राजेश-माँ को इसके बारे मे पता है.
अवी-नही. पर तूने अब झूठ कहा तो मैं बुआ को बता दूँगा.
राजेश कुछ सोचने लगा.
राजेश ऐसे नही बताएगा.
मुझे अपना राज़ बताना होगा ,तभी राजेश पोपट की तरह बोलना सुरू करेगा.
अवी-देख आज से हम फ्रेंड बनते है
राजेश ने अपना सर हाँ मे हिलाया.
अवी-तू मुझे सच बताएगा नही ये मैं जानता हूँ
राजेश मेरी बात गोर से सुन रहा था
अवी-मैं तुझे एक वीडियो दिखाता हूँ
राजेश वीडियो का नाम सुनते ही डर गया .उसे लग रहा था कि ये उसका वीडियो है
अवी-डर मत तेरा वीडियो नही है.
मैं ने रणजीतसिंघ की सेक्रेटरी के साथ जो चुदाई की वो वीडियो प्ले करके राजेश के हाथ मे मोबाइल दिया.
राजेश ने मोबाइल के स्क्रीन की तरफ देखा. उस मे अंजानी लेडी को देख कर रिलॅक्स हो गया .ये वीडियो उसका नही था.
फिर वीडियो मे मुझे देखते राजेश हैरान हो गया.
राजेश कभी मुझे तो कभी मोबाइल को देख रहा था.
राजेश ने सोचा नही था कि मैं ऐसा कर सकता हूँ.
राजेश बिना पलके झुकाए मेरा वीडियो देख रहा था.
राजेश को विश्वास नही हो रहा था कि मैं ऐसा भी कर सकता हूँ.
वो मुझे सिंपल सा लड़का समझता था .जो गाओं मे रह कर सिंपल लाइफ जीता है.
पर मेरी सिंपल लाइफ कैसी है ये देखते ही राजेश हॅंग हो गया.
वो तो एक स्टॅच्यू बन कर मेरी वीडियो देख कर पता नही क्या क्या सोचने लगा
फिर मैं ने मोबाइल लेकर वीडियो डेलीट किया. और राजेश के रिएक्सन का इंतज़ार करने लगा.
राजेश को समझ नही आ रहा था की वो कहाँ से शुरुआत करे.
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(मैं और मेरा परिवार Running )........
(रेशमा - मेरी पड़ोसन complete).....(मेरी मस्तानी समधन complete)......
(भूत प्रेतों की कहानियाँ complete)....... (इंसाफ कुदरत का complete).... (हरामी बेटा compleet )-.....(माया ने लगाया चस्का complete). (Incest-मेरे पति और मेरी ननद complete ).
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