मैं और मेरा परिवार

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xyz
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Re: मैं और मेरा परिवार

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826 फ

रिज़ल्ट लगते ही मेरे हाथ मे किताब आ गयी

रिज़ल्ट लगने के बाद तो कॉलेज स्टार्ट होने तक कोई पढ़ाई नही करता और मैं किताब खोल कर बैठा हुआ था

ये सब नेहा बुआ की वजह से हो रहा था

ना वो चाची को कुछ कहती और ना मेरे दिमाग़ मे ये सब चलता

पर कुछ भी हो इस वजह से मैं पढ़ाई तो कर रहा था

लंड की जगह पेन (कलम) हाथ मे आ जाए तो फ्यूचर सेफ हो जाता है

मैं ने ऐसा नही सोचा कि "कल" से पढ़ाई करूँगा

मैं ने चाची के जाते ही किताब खोल कर पढ़ना स्टार्ट किया

उधर पंकज और करीम पार्टी कर रहे है और मैं पढ़ाई कर रहा हूँ , कॉलेज के समय इसका उल्टा होता था

मैं सिर्फ़ शाम मे खाना खाने के लिए कमरे से बाहर निकाल , खाना खाते ही अपने कमरे मे पढ़ाई करने लगा

चाची को लगा कि नेहा बुआ के वजह से मैं आराम करना चाहता हूँ , जिस से चाची ने मुझे कुछ नही कहा

मैं देर रात तक पढ़ाई करता रहा

कोई कोई रिज़ल्ट देख कर स्यूयिसाइड करते है तो कोई मेरे जैसे पढ़ाई करने लग जाते है जैसे उनके अंदर कोई पढ़ाई का भूत घुस गया हो

मैं इतना कमजोर तो था नही कि स्यूयिसाइड कर लूँ , मुझे तो चाची ने लड़ना सिखाया है , और मैं पढ़ाई कर रहा था

ये दिन मेरी लाइफ का सबसे बड़ा दिन था

मेरे आँखों के सामने से नींद गायब थी

रात मे रानी का कॉल आया पर मैं ने सिर्फ़ ही हेलो बोल कर फोन रख दिया

रानी समझ गयी कि रिज़ल्ट की वजह से मैं ठीक से बात नही कर रहा हूँ

नेक्स्ट डे

चाची के उठाने से पहले मैं उठ गया

छोटी चाची ये देख कर शॉक्ड हो गयी

रोज वो मुझे कसरत करने को उठाती है पर आज तो मैं ने छत पे जाकर कसरत करनी शुरू भी कर दी थी

चाची ने कुछ कहा नही , चाची योगा करने लगी और मैं कसरत करके जल्द से जल्द अपने कमरे मे जाकर पढ़ाई करना चाहता था

कसरत करने के बाद नाश्ता करके मैं हॉल मे मोबाइल पे पीडीफ पढ़ने लगा , चाची को लगा कि मैं गेम खेल रहा हूँ

चाची को मेरी हरकतों पे शक तो हो रहा था

क्यू की दिमाग़ मे केमिकल लोचा हो जाने से मेरे चेहरे के एक्सप्रेशन चेंज हो गये थे

दिन तो ऐसे पढ़ाई करने मे निकल गया

कोमल अपने क्लासस को गयी थी

शाम को मुझे याद आया कि कॉनल ने कहा था की उसके पास आ जाउ पढ़ाई करने को

मैं ने चाची को इतना कहा कि मैं कोमल के पास जा रहा हूँ

कोमल मुझे देखते ही खुश हो गयी

नेहा बुआ ने हमेशा की तरह मेरा वेलकम किया , आँखों से आग निकाल कर मुझे जलाना शुरू किया

मैं ने नेहा बुआ की तरफ ना देखते हुए सीधा कोमल के कमरे मे कोमल के साथ चला गया

कोमल रिज़ल्ट लगने से कुछ दिन बिना पढ़ाई के रहना चाहती थी जिस से वो बेड पे जाकर बैठ गयी

और मैं कोमल के स्टडी टेबल पे जाकर बैठ गया

अवी- तुम वहाँ क्या कर रही हो , पढ़ाई नही करनी है

कोमल- क्या कहा फिर से कहना

अवी- मैं यहाँ पढ़ाई करने आया हूँ , भूल गयी तुमने ही तो कहा था कि रोज 2 घंटे तुम्हारे साथ पढ़ाई करूँ

कोमल- कल ही तो रिज़ल्ट लगा था

अवी- किसी ने कहा है कि कल करे सो अब कर

कोमल- तुम्हारी तबीयत तो ठीक है ना

अवी- मैं ठीक हूँ , तुम मेरी मदद कर रही हो या मैं वापस जाउ

कोमल- तुम्हें कही जाने की ज़रूरत नही है , मैं मदद करती हूँ , पर तुम ये सब रिज़ल्ट की टेन्षन की वजह से कर रहे हो तो पढ़ाई करके कुछ फ़ायदा नही होगा

अवी- तुम्हें तो पता है मुझे कभी भी कोई भी काम आ जाता है जिस से मेरी पढ़ाई पे असर हो जाता है , तो मैं अभी से पढ़ाई कर रहा हूँ क्या पता बाद मे कोई काम आ जाए

कोमल- ऐसा कुछ नही होगा , और अब मेले जैसा बड़ा काम नही आएगा

अवी- अगर स्वेता दीदी की सगाई आ गयी तो

कोमल- बात मे दम है

अवी- तो मेरी मदद करो

कोमल- फिज़िक्स से स्टार्ट करते है

अवी- यस मेडम

कोमल- तुम तो मज़ाक करने लग गये

अवी- ये सीरीयस वाला मेडम था , आज से तुम मेरी मेडम हो

कोमल- मेरे साथ कितने रिश्ते जोड़ रहे हो

अवी- क्या मतलब

कोमल- कुछ नही , तो हम आंग्युलर वेलोसिटी से स्टार्ट करते है

और कोमल ने मुझे पढ़ाना स्टार्ट किया

कोमल तो किसी टीचर की तरह पढ़ा रही थी

क्लासस लगाने से कोमल का नालेज बढ़ गया था

कोमल दिल से पढ़ा रही थी और मैं मन लगा कर पढ़ रहा था



कोमल के मूह से निकल रहे एक एक वर्ड को मैं अपने दिमाग़ मे फिट कर रहा था

कोमल मुझे शॉर्टकट तरीके भी बता रही थी कि कैसे प्राब्लम सॉल्व करना है

कोमल मुझे उस तरह पढ़ाई करते हुए शॉक्ड हो गयी

हर बार मैं पढ़ाई करते हुए मज़ाक कर ही देता था

पर इस बार म्बबस स्टूडेंट की तरह मन लगा कर पढ़ाई कर रहा था

मेरी नज़र किताब से बाहर जा ही नही रही थी

बीच मे कविता आई थी मुझसे बात करने को

पर मेरा रेस्पॉन्स ना पा कर वो वापस चली गयी

कविता को इस तरह वापस आता हुआ देख कर नेहा बुआ डोर के पास खड़ी रह कर मुझे पढ़ाई करते हुए देख रही थी

मुझे पढ़ाई करते हुए देख कर पता नही नेहा बुआ के दिमाग़ मे क्या चल रहा होगा

वो तो बिना पलकें झपकाए मुझे देख रही थी

कल ही तो नेहा बुआ ने मुझे कम मार्क मिलने से डांता था और आज मैं पढ़ाई कर रहा था

नेहा बुआ की आँखों मे कुछ पानी के बूंदे आ गयी थी

पर मैं तो किताब मे घुसा हुआ था

अब तक मैं दूसरो पे हंसता था कि वो किताबी कीड़े है और आज मैं किताबी कीड़ा बन गया था

एक रिज़ल्ट ने सब कुछ बदल दिया

आज पढ़ाई करते हुए कोमल थक गयी पर मैं थकने का नाम नही ले रहा था

नेहा बुआ डोर के पास खड़ी रह कर सब देख रही थी

अवी- क्या हुआ रुक क्यूँ गयी

कोमल- आज के लिए इतना काफ़ी है बाकी कल पढ़ लेंगे

अवी- अभी तो शुरू किया है , और मुझे तो सब समझ मे आ रहा है , थोड़ी देर और पढ़ते है

कोमल- 2 घंटे हो गये हमे पढ़ाई करते हुए

अवी- प्लीज़ थोड़ी देर और पढ़ लेते है , ये टॉपिक कंप्लीट करते है

कोमल- अवी सूगरकेन कितना भी मीठा क्यूँ ना हो उसे रूट के साथ नही खा सकते

अवी- पता है मुझे , पर लिंक मिलने के बाद ऐसे बीच मे छोड़ देना भी तो ठीक नही है

कोमल- और 1 घंटा बस

अवी- थॅंक यू

कोमल- तुम पढ़ो मैं 2 मिनट मे आती हूँ

अवी- तुम कहाँ जा रही हो बैठो यहाँ

कोमल- तुम्हारे अंदर पढ़ाई का भूत घुस गया है ,

अवी- तो उस भूत को निकाल दो

कोमल- तो नेक्स्ट टॉपिक स्टार्ट करते है

अवी- हाँ करो पर साथ मे बुआ को बोलो कि टी बना दे ,

कोमल- तुम कहो

अवी- मुझे मरना थोड़े है , बुआ मुझे कच्चा खा जाएगी

मेरी बात सुनते ही नेहा बुआ ने कच्चा खाने के लिए अपना मूह ओपन किया

कोमल- मेरी माँ के बारे मे ऐसा मत बोलो , वो बहुत अच्छी है

अवी- तो तुम बोल दो की टी बना दे

कोमल- टी तुम्हें चाहिए तुम बोलो ,

अवी- कल तो बुआ की गालियों से पेट भर गया था , आज अगर फिर से बात की तो बुआ मेरा खून पी लेगी

नेहा बुआ बस हमारी बात सुनती गयी

अवी- कल जो हुआ उसके बाद मैं नेहा बुआ का सामना नही कर सकता

कोमल- ये जो डर है उसको ख़तम करना चाहिए वरना ये डर तुम्हें खा जाएगा

अवी- नेहा बुआ और उनका डर , इनका सामना करना मुझसे नही होगा

कोमल- कॉसिश करो , और ये डर कभी ना कभी तो ख़तम करना होगा

अवी- जब सही समय आएगा तब देख लूँगा तुम्हारी माँ को

कोमल- सही समय

अवी- छोटी चाची कहती है कि समय से पहले और समय के बाद कुछ नही करना चाहिए ,, सही समय पर हठोड़ा मारना चाहिए

कोमल- मेरी माँ को हतोड़े से मारोगे

अवी- ऐसा कहते है

कोमल- मैं मज़ाक कर रही थी

अवी- टी बनाने को बोलो ना बुआ को

कोमल- टी चाहिए तो खुद बोलो वरना मैं पढ़ाई स्टार्ट कर रही हूँ

अवी- टी बाद मे पी लूँगा तुम पढ़ाना स्टार्ट करो

और कोमल मुझे वापस पढ़ाने लगी

और नेहा बुआ वापस चली गयी

नेहा बुआ को मेरे बात पे गुस्सा आया होगा

अगर ऐसा हुआ तो मेरी जान ले लेगी नेहा बुआ
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Re: मैं और मेरा परिवार

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826 ग

मैं कोमल के साथ पढ़ाई करने लगा

नेहा बुआ ने हमारी बात सुन ली , पर इस बात से हम अंजान थे

पर नेहा बुआ ने सब सुन लिया तो कुछ कहा क्यूँ नही

शायद कोमल के वजह से चुप होगी

कोमल के कहते नेहा बुआ चुप हो जाती है , कल कोमल ने ही प्रॉमिस करवा के मुझे कुछ हद तक नेहा बुआ से बचा लिया था

हम तो पढ़ाई कर रहे थे

नेहा बुआ पता नही कहाँ थी

उनको तो मेरी बात सुनकर गुस्सा आया होगा

नेहा बुआ=>

खुद को समझता क्या है

मुझे चुड़ेल कहा

उसको कच्चा खाउन्गी तो चुड़ेल ही बन जाउन्गी ना

मैं क्या उसका खून पीती हूँ जो ऐसा बोल रहा था

मैं क्या इतनी बुरी हूँ

मैं ने जो किया था वो उसके भले के लिए ही तो किया है

अगेर मैं बुरी होती तो उस से कुछ कहती ही नही

कल इतना कुछ कहा तभी तो पढ़ाई कर रहा है

पढ़ाई करेगा तो उसके लिए ही अच्छा होगा

मैं कल चुप रहती तो आज वो पढ़ाई की जगह मस्ती कर रहा होता

मुझे थॅंक्स कहने की जगह मुझे चुड़ेल कह रहा है

मैं क्यूँ उसके बारे मे सोच रही हूँ

उसकी लाइफ है वो जो चाहे वो करे

मैं जैसी हूँ अच्छी हूँ

कोमल ही मुझे समझती है

मेरी प्यारी बेटी

अगेर कल कोमल ने मुझे रोका ना होता तो उसे दिखाती की मैं क्या चीज़ हूँ

लेकिन मैं उसके बारे मे सोच ही क्यूँ रही हूँ

वो मेरा है ही कौन

वो मेरा कोई नही है तो मुझे क्या हक था उसको बोलने का

कैसे ना बोलती , क्या उसे ऐसे बर्बाद होने देती

मेरा सर फट जाएगा अगर अवी के बारे मे सोचूँगी तो

कितनी बार कॉसिश करती हूँ अवी के बारे मे ना सोचु पर दिमाग़ मे घूम फिर कर उसकी का नाम आ जाता है

अवी का ख़याल रखने के लिए सुमन है

क्या ज़रूरत थी मुझे उसे बुलाने की रिज़ल्ट लेकर

मुझे क्या ज़रूरत थी सुमन मीना को कुछ कहने की

देखा नही अवी ने दिल पे ले लिया है

कैसे पढ़ाई कर रहा है

कितना डर गया है मुझसे

डरना ही चाहिए मुझसे ,

कल अगर कोमल रोकती नही तो एक थप्पड़ तो ज़रूर मारती

अवी को थप्पड़ , ये मैं कैसे कर सकती हूँ

ये मैं क्या सोच रही हूँ

उसी के बारे मे सोच रही हूँ

और वो वहाँ

क्या कहा था कि मैं उसे कच्चा खा जाउन्गी

मैं क्या चुड़ेल हूँ

और उसको टी चाहिए

वो क्या कोई महाराजा है जो उसे टी लेकर दूं

वो बोलेगा तो भी नही बनाउन्गी टी

वो समझता क्या है खुद को

मेरी बेटी के सामने मुझे चुड़ेल कहता है

कोमल ना होती तो दिखाती उसको की मैं क्या कर सकती हूँ

टी चाहिए उसे

जहर दे दूँगी उसको मेरा बस चला तो

लेकिन वो तो मेरी बात सुनकर पढ़ाई कर रहा है

पढ़ाई करते हुए टी मिल जाए तो वो अच्छे से पढ़ लेगा

पर उसने कहना तो चाहिए ना

ऐसे हाथ मे आकर नही टपक जाएगी टी

अगर कोमल कहती तो अभी बना कर देती

उसके लिए मैं क्यू बनाऊ टी

उसकी चाची बना कर देती होगी

मैं क्यूँ बनाऊ

कोमल को क्या ज़रूरत थी ये कहने की वो पढ़ा देगी अवी को

अब रोज मुझे उसका चेहरा देखना पड़ेगा

पर वो भी तो चुप चाप मेरी बात मान कर पढ़ाई कर रहा है

कोमल ने तो मेरी बात को सपोर्ट करके उसकी मदद करने को तैयार हुई

पर वो तो यहाँ भी महाराजा की तरह रहना चाहता है

उसको टी चाहिए

कोमल ने अच्छा किया जो ये कहा कि खुद मुझे बोले

वो मुझे पूछता तो ऐसी खबर लेती कि दुबारा मेरे पास आ ता ही नही बात करने को

टी तो दूर की बात है

इतना बोलो बन कर बोल रहा था कि टी चाहिए

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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by jay »

१२ लाख व्यूज एक और रिकॉर्ड कायम करने जा रही है ये कहानी

मित्र इस मंज़िल पर पहुँचने की अग्रिम बधाई


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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by xyz »

jay wrote: 20 Nov 2017 19:20 १२ लाख व्यूज एक और रिकॉर्ड कायम करने जा रही है ये कहानी

मित्र इस मंज़िल पर पहुँचने की अग्रिम बधाई


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thanks
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Re: मैं और मेरा परिवार

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नेहा बुआ खुद से बातें कर रही थी कविता ने हंस कर नेहा बुआ को होश मे लाया

कविता नेहा बुआ को खुद से बातें करते हुए देख कर हँसने लगी

कविता की हँसी से नेहा बुआ होश मे आ गयी

नेहा बुआ- तुझे क्या हुआ , ऐसे दाँत (टीत) क्यू दिखा रही है

कविता - आप खुद से बात कर रही है ये देख कर हँसी आ रही है

नेहा बुआ- ज़्यादा हंस मत वरना मार पड़ेगी

कविता- आप बात ही ऐसी कर रही थी कि हँसी आ गयी

नेहा बुआ को अहसास हो गया कि वो क्या कर रही थी

कविता- पर आप बोल क्या रही थी

नेहा बुआ- तुझे क्या करना है

कविता- आप टी की बात कर रही थी

नेहा बुआ- तू जाती है या मार खाएगी

कविता- आप कह रही थी कि अवी भैया को टी नही देगी

नेहा बुआ- तू अपना काम कर

कविता- मैं तो जा रही हूँ पर आप क्या कर रही है वो यो देखिए

नेहा बुआ- क्या कर रही हूँ मैं

कविता- आप कह रही है कि अवी भैया को टी नही देगी और टी बना भी दी है



नेहा बुआ- तू जाती है या मार खाएगी

कविता- आप कह रही थी कि अवी भैया को टी नही देगी

नेहा बुआ- तू अपना काम कर

कविता- मैं तो जा रही हूँ पर आप क्या कर रही है वो ये देखिए

नेहा बुआ- क्या कर रही हूँ मैं

कविता- आप कह रही है कि अवी भैया को टी नही देगी और टी बना भी दी है

कविता की बात सुनते नेहा बुआ ने नीचे देखा तो चूल्हे पे टी बन रही थी

टी बन चुकी थी

नेहा बुआ का चेहरा देखने लायक था

कविता फिर से हँसने लगी

नहा बुआ सोच रही थी कि टी नही बनाएगी पर ख़यालो मे खो कर कब टी बना दी ये नेहा बुआ को भी याद नही रहा

मेरे बारे मे कभी अच्छा तो कभी बुरा सोचते हुए रियल मे वो क्या कर रही है ये भूल गयी

नेहा बुआ ये देख हँसने लगी

कविता- माँ आप हंस रही हो

नेहा बुआ- तू नही समझेगी

कविता- पर आप कह रही थी टी नही बनाएगी और टी बना भी दी

नेहा बुआ- कहा ना तू नही समझेगी (मैं भी ना , मुझे हो क्या जाता है , जब भी अवी के बारे मे सोचती हूँ तो ऐसा ही होता है , )

कविता- अब टी का क्या करे , फेक दूं

नेहा बुआ- कोमल और तेरे भाई को टी ले जाकर दे

कविता-पर आप तो बोल रही थी कि भैया को टी नही देगी

नेहा बुआ- तू ज़्यादा बोलने लगी है

कविता- मैं तो वही बोल रही हूँ जो आप कह रही थी

नेहा बुआ-अब बोल रही हूँ ना कि टी ले जाकर दे
कविता- आप खुद दो ,

नेहा बुआ- जाती है या मार खाएगी

कविता- जा रही हूँ , पर भैया पूछेंगे तो क्या कहूँ

नेहा बुआ- बोलना कि तूने बनाई है

कविता- मैं झूठ बोलू

नेहा बुआ- रोज तो झूठ बोलती है , आज मैं कह रही हूँ ये नाटक करती है

कविता- मुझे क्या मिलेगा झूठ बोलने के लिए

नेहा बुआ- अपनी माँ से सोदा करती है

कविता- बिज़्नेस है ये

नेहा बुआ- कल गुलाब जामुन बना दूँगी

कविता- पक्का

नेहा बुआ- अब जा , वरना मार खाएगी

और कविता मेरे लिए टी लेकर आ गयी

नेहा बुआ फिर से मेरे बारे मे सोचने लगी

नेहा बुआ को खुद पे हँसी आ रही थी

मैं कविता के हाथ की टी पीने लगा

कविता ने टी के लिए मुझसे भी गिफ्ट माँग ही लिया

टी मिलने से पढ़ाई करने मे आसानी हो गयी

कोमल के साथ पढ़ाई करने के बाद मैं वापस घर आकर खाना खा कर पढ़ाई करने लगा


रिज़ल्ट लगते मैं कितना पानी मे हूँ वो पता चल गया.

ज़्यादा मस्ती करने का फल कैसा मिलता है ये मैं ने देख लिया.

ज़्यादा मस्ती और कम पढ़ाई से मेरा रिज़ल्ट इस से ज़्यादा क्या हो सकता था.

मैं ने अगर मेले मे रोज 1 घंटा भी पढ़ाई की होती तो मेरा रिज़ल्ट इतना बुरा तो नही होता.

मेरी वजह से छोटी चाची को गालियाँ खानी पड़ी

मेरी वजह से सबको नेहा बुआ की बात सुननी पड़ी

ग़लती मेरी है , मुझे पढ़ाई पे ध्यान देना चाहिए था

छोटी चाची ने कहा था कि पढ़ाई के साथ जो काम मिलते है वो भी पूरे करने चाहिए ,

मैं ने इस बात पे ध्यान ही नही दिया

पर अब ऐसा नही होगा

सब को पता है मैं ने किस तरह पढ़ाई की है पर कुछ दिन बाद लोग ये भूल जाएँगे कि मैं बिज़ी था उनको याद रहेगा की मुझे कम मार्क मिले है

ये साल ज़्यादा इम्पोर्टेंट नही था जिस से ज़्यादा फरक नही पड़ा

पर अगला साल तो फ्यूचर डिसाइड करेगा .जिस से मैं इस बार कोई रिस्क नही लूँगा.

अभी पढ़ाई कर ली तो आगे जाकर कोई काम भी आ गया तो ज़्यादा प्राब्लम नही होगी.

क्या पता स्वेता दीदी की मँगनी (सगाई) एग्ज़ॅम के समय आ जाए. रोहन की फॅमिली का कुछ कह नही सकते.

मैं ने एग्ज़ॅम होने के बाद 2 3 घंटे तो पढ़ाई कंटिन्यू कर रहा था पर अब तो रिज़ल्ट लगते मैं ने पढ़ाई और थोड़ा बहुत टाइम बहनों और फॅमिली के लिए अड्जस्ट करके मेरा दिन सेट किया है

मैं चुप चाप अपने कमरे पे बैठ कर पढ़ाई कर रहा था

रिज़ल्ट देख कर ऐसा लग रहा था कि पूरी पढ़ाई करके एग्ज़ॅम दे कर अच्छा रिज़ल्ट छोटी चाची के हाथ मे दूं

मेरा दिमाग़ मेरा साथ ही नही दे रहा था

मेरे दिमाग़ मे यही चल रहा था कि मुझे पढ़ाई करनी है

और मैं चुप चाप कमरे मे बंद रह कर पढ़ाई करने लगा

.रिज़ल्ट लग कर 1 हफ़्ता हो गया और इस 1 हफ्ते मे मैं अपने कमरे मे पढ़ाई करता रहा

छोटी चाची को मेरे बदले हुए रवैये को देख कर शक हो रहा था

पर मेरे दिमाग़ मे तो कुछ और चल रहा था

एक भूत सवार हो गया था मेरे अंदर

पर ऐसा कब तक चलता कि छोटी चाची को मेरे चुपके चुपके पढ़ाई के बारे मे पता ना चले to be continue...............
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