मैं और मेरा परिवार
- shubhs
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Re: मैं और मेरा परिवार
बिल्कुल सत्य
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
- xyz
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Re: मैं और मेरा परिवार
kya bat haishubhs wrote:बिल्कुल सत्य
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(मैं और मेरा परिवार Running )........
(रेशमा - मेरी पड़ोसन complete).....(मेरी मस्तानी समधन complete)......
(भूत प्रेतों की कहानियाँ complete)....... (इंसाफ कुदरत का complete).... (हरामी बेटा compleet )-.....(माया ने लगाया चस्का complete). (Incest-मेरे पति और मेरी ननद complete ).
(मैं और मेरा परिवार Running )........
(रेशमा - मेरी पड़ोसन complete).....(मेरी मस्तानी समधन complete)......
(भूत प्रेतों की कहानियाँ complete)....... (इंसाफ कुदरत का complete).... (हरामी बेटा compleet )-.....(माया ने लगाया चस्का complete). (Incest-मेरे पति और मेरी ननद complete ).
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Re: मैं और मेरा परिवार
810 डी
राजेश के फ्रेश होते ही हम शॉपिंग करने चले गये
उसी नये शॉप मे गया जहाँ पर मेले मे शॉपिंग की थी.
तब राजेश जल्दी चला गया था जिस से उसे कुछ दे नही पाया.
अब राजेश को उसके तरीके से शॉपिंग करने देता हूँ.
राजेश शॉप को देखते सोचने लगा कि यहाँ इतनी बड़ी शॉप भी हो सकती है.
राजेश तो अपने कपड़े शहर2 से लेता था आज शहर से लेने वाला था.
शॉप मे आते ही मैं पहले उस शॉप गर्ल को ढूँढने लगा जिसने पिछली बार शॉपिंग करवाई थी.
पर वो कहीं दिख नही रही थी.
जाने दो उसकी मदद नही चाहिए क्यू कि हम जेंट्स सेक्षन मे चले गये
छोटे टाउन मे इतनी अच्छी शॉप खुल ने से हर कोई शॉपिंग को यही आता था.
अच्छा है ,शहर डेवेलप्ड हो रहा है, कॉटन का मार्केट हमारे छोटे से टाउन बाकी के बड़े टाउन से ज़्यादा अच्छा था.
कॉटन मार्केट के वजसे कॉटन मिल,, गारमेंट मिल, कोल्ट प्रोसेसिंग मिल, ज़्यादा थे.
उनकी वजह से छोटे मोटे मिल भी बन गये थे.
ठाकुरजी, हरीश की फॅमिली हमारे डिस्ट्रिक्ट की रिच फिमिली थी. हरीश की फॅमिली के ज़्यादा मिल्स थे. पंकज के पापा के कारटन की कंपनी थी जो हर कोम्पनी मे अपना माल भेजते थे.सिर्फ़ हरीश के पापा की कंपनी मे नही भेजते थे.
ठाकुर जी के पास क्लॉत प्रोसेसिंग की मिलथी बाकी की कंपनी एलेकट्रोन्सिस गुड की थी. मेरी पाटनेर्शिप पता नही किस कंपनी मे है, जिस मे भी हो मुझे तो प्रॉफिट मिलता रहेगा.
मुझे बिज़्नेस मे पैर रखने मे टाइम है पहले राजेश की शॉपिंग करवाता हूँ.
राजेश जेंट्स सेक्षन मे जाते अपने लिए ड्रेस निकालने लगा.
राजेश ने लड़कियो की तरह ज़्यादा टाइम नही लगाया.
राजेश ने 1 घंटे मे पूरी शॉपिंग कर ली. सब कुछ खरीद लिए सर से लेकर पैरो तक, मतलब कप से लेकर शूस तक सब खरीद लिया
अवी-हो गयी शॉपिंग
राजेश-हाँ, सब ले लिया
अवी-और कुछ लेना हो तो ले लो
राजेश-मुझे तो यही बहुत लग रहा है. बिल ज़्यादा हो जाएगा.
अवी-बिल की टेन्षन तुम मत लो
राजेश-माँ देखेगी तो गुस्सा करेगी.
अवी-बुआ कुछ नही कहेगी. वैसे भी तुम्हारी मेले की शॉपिंग बाकी थी
राजेश-बताया लीना ने कि आपने सबको गिफ्ट दिए.
अवी-सिर्फ़ तू रह गया था.
राजेश-मेरा भी हो गया.
अवी-सोच ले भाई की पॉकेट को लूटने का इतना अच्छा मोका दुबारा नही मिलेगा
राजेश-नही मिला तो भी चल जाएगा ,आज इस से ज़्यादा शॉपिंग नही कर सकता.
अवी-मुझे क्या है. चल एक ड्रेस ट्राइ कर और उसे पहने रहना
राजेश-आप बिल पे करो .मैं ड्रेस पहन कर आता हूँ
अवी-ड्रेस काउंटर पर ले जाने पड़ते है. पहले बिल पे करते है फिर ड्रेस पहन लेना
बिल ज़्यादा नही हुआ था. राजेश ने चद्देर देख कर पैर लंबे किए थे
बिल पे होते राजेश ने एक ड्रेस पहन लिया.
अवी-हीरो लग रहा है.
राजेश-हीरो बन ने के लिए सलून जाना होगा.
अवी-मेरे भी बाल बढ़ गये है. चल मैं भी बाल कटवालेता करता हूँ.
राजेश-यहाँ कोई अच्छा सलून तो होगा ही.
अवी-चल तुझे मेरे वाले सलून ले चलता हूँ. जहाँ मैं अपने बाल कटवाता हूँ.
राजेश-मुझे बाल कटवाने नही करने बस शेप देना है
अवी-चल तो ,वहाँ सब हो जाता है.
शॉपिंग के बाद मैं राजेश के साथ सलून चला गया.
राजेश ने अपनी मर्ज़ी से बाल सेट किए और मैं ने बाल कटवाए किए.
अवी-बन गया हीरो
राजेश-आप भी हीरो लग रहे है
अवी-चल किसी केफे मे चलते है वही पता चल जाएगा कौन हीरो है.
राजेश-वहाँ लड़कियो से पता करना चाहते है
अवी-हाँ, और कॉफी पीकर घर चलते है.
राजेश-चलो
हम कॉफी पीने केफे मे आ गये .यहाँ मैं रानी और कोमल के साथ आता था.
हमारे केफे मे आते ही सबकी नज़र हमारी तरफ हो गयी.
लड़कियो की आँखे मे चमक थी और लड़को की आँखो मे जलन क्यू कि उनकी गर्लफ्रेंड हमारी तरफ देख रही थी.
राजेश-भैया लगता है यहाँ आपका रेप होने वाला है.
अवी-मेरा नही तेरा होगा समझा.
राजेश-देख लो सब आपकी तरफ देख रही है.
अवी-क्यू कि तू मेरे साथ है.
हम एक टेबल पे जाके बैठे जहाँ पर लड़किया ज़्यादा थी.
राजेश-मैं ब्लॅक टी वित लेमन पिउगा.
अवी-ये क्या है, चुप चाप कॉफी पिएँगे
राजेश-भैया आप कॉफी पियो,मैं तो ब्लॅक टी पिउगा.
अवी-तू बैठ मैं लेकर आता हूँ
मैं ऑर्डर देने चला गया. सेल्फ़ सर्विस जो थी.
मेरे काउंटर पर आते ही राजेश के पास मेरी चेयर पे एक लड़की आकर बैठ गयी.
राजेश लकी है.
राजेश इस लड़की को ज़रूर पटा लेगा
मैं काउंटर पर ऑर्डर ले रहा था कि मेरे साइड मे एक लड़की आकर खड़ी हो गयी.
और एक पेपर पे अपना नंबर लिखने लगी
मैं चुप चाप उसकी हरकतों को देखने लगा.
उसने नंबर लिख कर मेरा जो ऑर्डर था उसमे रख दिया.
और अपना ऑर्डर लेकर अपने बाय्फ्रेंड के पास चली गयी.
मेरे आते राजेश के पास बैठी हुई लड़की उठ कर केफे से बाहर चली गयी.
अवी-बोला था ना कि लड़किया तुझे देख रही थी.
राजेश-वो तो
अवी-कौन थी, क्या बोल रही थी
राजेश-मेरे फ्रेंड की बड़ी बहन है. अपने बाय्फ्रेंड के साथ यहाँ आई थी.
अवी-तेरे दोस्त की बहन ,तुझे कैसे पहचान लिया
राजेश-मेरी फोटो देखी होगी अपने भाई के साथ.
अवी-क्या कह रही थी.
राजेश-कुछ नही. बस ऐसे ही. और अपना नंबर दे गयी
अवी-कॉल करना ,जल्दी पट जाएगी.
राजेश-मेरा छोड़िए. उस लड़कीने आपको नंबर दिया कि नही
अवी-मुझे क्यूँ वो नंबर देगी. वो अपना ऑर्डर लेने गयी थी.
राजेश-उसकी तरफ देखो, उसके टेबल पर पहले 2 कप रखे है. वो कॉफी पी चुकी है. फिर उसे फिरसे कॉफी पीने की ज़रूरत क्या पड़ी.
अवी-स्मार्ट हो. चल जल्दी कॉफी ख़तम करके चलते हैं ,
राजेश-आप उसे कॉल करेंगे
अवी-किसके पास इतना टाइम है. अगर कभी टाइम मिला तो कर लूँगा.
राजेश-मेरा हो गया ,
हम केफे से बाहर आ गये .और राजेश उस लड़की के नंबर वाला पेज फेकने लगा.
अवी-क्या कर रहे हो
राजेश-उसका बाय्फ्रेंड है. और वो मेरे दोस्त की बहन है
अवी-तो क्या हुआ. उसने नंबर दिया ऐसे फेक मत बस अपने पास रख,
राजेश-क्यूँ?
अवी-क्या पता कब काम आ जाए.
राजेश-वो मेरे दोस्त की बहन है.
अवी-तो क्या हुआ ,तूने जिसके साथ किया होगा शायद वो मेरे किसी फ्रेंड की बहन होगी. वो खुद तेरी फ्रेंड बनना चाहती है तो बन जा ,
राजेश-उसे खुद मुझसे दोस्ती करनी है , उसके बाय्फ्रेंड होते हुए, आप ठीक कह रहे है. नंबर फेकने से मैं ईडियट साबित होता.
अवी-ओह ईडियट आज भी यहीं रुकने का इरादा है क्या ,चल बैठ बाइक पर
खरीदी करते ही मैं राजेश के साथ गाओं की तरफ जाने लगा.
शाम हो रही है. मुझे जल्दी जाना होगा वरना चाची मुझ पे नाराज़ होगी.
हम गाओं के आधे रास्ते आए थे कि मुझे कोमल दिखाई दी.
कोमल अपने क्लासस करके घर जा रही थी.
मैं ने अपनी बाइक कोमल की स्कूटी के पीछे ले ली और हॉर्न बजाने लगा.
कोमल ने पीछे मूड कर देखा ,
मुझे देखते ही अपनी बाइक रोक दी,मैं ने भी उसके पास बाइक रोक दी
कोमल-कहाँ घूम रहे हो.
अवी-शहर गया था एक काम से
कोमल-ये पीछे कौन बैठा है.
अवी-तुम खुद देख लो.
कोमल-जाना पहचाना दिख रहा है. अपनी कॅप और गॉगल निकालो
राजेश ने कॅप और गॉगल निकाल दिए
कोमल-राजेश ,ये तो राजेश है, पर ये ऐसे कैसे, ये हमारा राजेश हैना
अवी-तू खुद देख लो
राजेश-दीदी मैं राजेश ही हूँ
कोमल-ये क्या कर दिया. अवी राजेश तो पहचान मे नही आ रहा
अवी-धीरे धीरे इसकी आदत हो जाएगी.बोलो कैसा दिख रहा है राजेश
कोमल-हीरो ,राजेश तू ऐसे ही रहा कर, ऐसे अच्छा दिखता है. वो चंपू जैसा बिल्कुल अच्छा नही लगता.
राजेश-आज से मैं ऐसा ही रहूँगा
कोमल-ये कमाल अवी ने किया होगा.
राजेश-भैया को मना किया पर मेरी बात नही सुनी
कोमल-अच्छा किया अवी जो राजेश की बात नही सुनी, राजेश का नया रूप तो मुझे पसंद आया.
अवी-मेरी मेहनत सफल हुई. कोमल को राजेश का नया रूप जो पसंद आया.
कोमल-अवी उठो बाइक से
अवी-क्यू?
कोमल-उठो तो. तुम दोनो उठो
मैं और राजेश बाइक से नीचे उतर गये
कोमल-राजेश तुम अवी की जगह बैठो
राजेश-दीदी आप करना क्या चाहती हो
कोमल-बैठो तो
राजेश मेरी जगह बैठ गया और कोमल उसके पीछे बैठ गयी.
और मेरे हाथ मे शॉपिंग की बॅग रख दी
कोमल-अवी स्कूटी से आओ, मैं तो राजेश के साथ जाउन्गी
अवी-ये चीटिंग है. हीरो मैं ने बनाया और मुझे लटका रहे हो
कोमल-मुझे कुछ नही पता, राजेश चलो तुम
राजेश बाइक पर कोमल को लेकर निकल गया .
और मैं बॅग लेकर स्कूटी से उनके पीछे पीछे जाने लगा.
कोमल राजेश के साथ बातें करते हुए जा रही थी.
राजेश का नया रूप कोमल को पसंद आया यही काफ़ी है.
हम गाओं मे पहुँच गये. राजेश कोमल के साथ बाइक पर और मैं स्कूटी लेकर
बुआ और चाची नीता बुआ के घर के आगन मे बैठ कर हमारा इंतज़ार कर रही थी.
जैसे ही राजेश कोमल के साथ बाइक घर के पास पहुँची तो सबकी नज़र कोमल पर गयी.
कोमल को एक नये लड़के के साथ देखते सब अपनी जगह पर खड़े हो गये.
नेहा बुआ तो पहले खड़ी हो गयी.
कोमल को अंजान लड़के के साथ बाइक पर देखते ही नेहा बुआ गुस्से से खड़ी हो गयी.
राजेश के फ्रेश होते ही हम शॉपिंग करने चले गये
उसी नये शॉप मे गया जहाँ पर मेले मे शॉपिंग की थी.
तब राजेश जल्दी चला गया था जिस से उसे कुछ दे नही पाया.
अब राजेश को उसके तरीके से शॉपिंग करने देता हूँ.
राजेश शॉप को देखते सोचने लगा कि यहाँ इतनी बड़ी शॉप भी हो सकती है.
राजेश तो अपने कपड़े शहर2 से लेता था आज शहर से लेने वाला था.
शॉप मे आते ही मैं पहले उस शॉप गर्ल को ढूँढने लगा जिसने पिछली बार शॉपिंग करवाई थी.
पर वो कहीं दिख नही रही थी.
जाने दो उसकी मदद नही चाहिए क्यू कि हम जेंट्स सेक्षन मे चले गये
छोटे टाउन मे इतनी अच्छी शॉप खुल ने से हर कोई शॉपिंग को यही आता था.
अच्छा है ,शहर डेवेलप्ड हो रहा है, कॉटन का मार्केट हमारे छोटे से टाउन बाकी के बड़े टाउन से ज़्यादा अच्छा था.
कॉटन मार्केट के वजसे कॉटन मिल,, गारमेंट मिल, कोल्ट प्रोसेसिंग मिल, ज़्यादा थे.
उनकी वजह से छोटे मोटे मिल भी बन गये थे.
ठाकुरजी, हरीश की फॅमिली हमारे डिस्ट्रिक्ट की रिच फिमिली थी. हरीश की फॅमिली के ज़्यादा मिल्स थे. पंकज के पापा के कारटन की कंपनी थी जो हर कोम्पनी मे अपना माल भेजते थे.सिर्फ़ हरीश के पापा की कंपनी मे नही भेजते थे.
ठाकुर जी के पास क्लॉत प्रोसेसिंग की मिलथी बाकी की कंपनी एलेकट्रोन्सिस गुड की थी. मेरी पाटनेर्शिप पता नही किस कंपनी मे है, जिस मे भी हो मुझे तो प्रॉफिट मिलता रहेगा.
मुझे बिज़्नेस मे पैर रखने मे टाइम है पहले राजेश की शॉपिंग करवाता हूँ.
राजेश जेंट्स सेक्षन मे जाते अपने लिए ड्रेस निकालने लगा.
राजेश ने लड़कियो की तरह ज़्यादा टाइम नही लगाया.
राजेश ने 1 घंटे मे पूरी शॉपिंग कर ली. सब कुछ खरीद लिए सर से लेकर पैरो तक, मतलब कप से लेकर शूस तक सब खरीद लिया
अवी-हो गयी शॉपिंग
राजेश-हाँ, सब ले लिया
अवी-और कुछ लेना हो तो ले लो
राजेश-मुझे तो यही बहुत लग रहा है. बिल ज़्यादा हो जाएगा.
अवी-बिल की टेन्षन तुम मत लो
राजेश-माँ देखेगी तो गुस्सा करेगी.
अवी-बुआ कुछ नही कहेगी. वैसे भी तुम्हारी मेले की शॉपिंग बाकी थी
राजेश-बताया लीना ने कि आपने सबको गिफ्ट दिए.
अवी-सिर्फ़ तू रह गया था.
राजेश-मेरा भी हो गया.
अवी-सोच ले भाई की पॉकेट को लूटने का इतना अच्छा मोका दुबारा नही मिलेगा
राजेश-नही मिला तो भी चल जाएगा ,आज इस से ज़्यादा शॉपिंग नही कर सकता.
अवी-मुझे क्या है. चल एक ड्रेस ट्राइ कर और उसे पहने रहना
राजेश-आप बिल पे करो .मैं ड्रेस पहन कर आता हूँ
अवी-ड्रेस काउंटर पर ले जाने पड़ते है. पहले बिल पे करते है फिर ड्रेस पहन लेना
बिल ज़्यादा नही हुआ था. राजेश ने चद्देर देख कर पैर लंबे किए थे
बिल पे होते राजेश ने एक ड्रेस पहन लिया.
अवी-हीरो लग रहा है.
राजेश-हीरो बन ने के लिए सलून जाना होगा.
अवी-मेरे भी बाल बढ़ गये है. चल मैं भी बाल कटवालेता करता हूँ.
राजेश-यहाँ कोई अच्छा सलून तो होगा ही.
अवी-चल तुझे मेरे वाले सलून ले चलता हूँ. जहाँ मैं अपने बाल कटवाता हूँ.
राजेश-मुझे बाल कटवाने नही करने बस शेप देना है
अवी-चल तो ,वहाँ सब हो जाता है.
शॉपिंग के बाद मैं राजेश के साथ सलून चला गया.
राजेश ने अपनी मर्ज़ी से बाल सेट किए और मैं ने बाल कटवाए किए.
अवी-बन गया हीरो
राजेश-आप भी हीरो लग रहे है
अवी-चल किसी केफे मे चलते है वही पता चल जाएगा कौन हीरो है.
राजेश-वहाँ लड़कियो से पता करना चाहते है
अवी-हाँ, और कॉफी पीकर घर चलते है.
राजेश-चलो
हम कॉफी पीने केफे मे आ गये .यहाँ मैं रानी और कोमल के साथ आता था.
हमारे केफे मे आते ही सबकी नज़र हमारी तरफ हो गयी.
लड़कियो की आँखे मे चमक थी और लड़को की आँखो मे जलन क्यू कि उनकी गर्लफ्रेंड हमारी तरफ देख रही थी.
राजेश-भैया लगता है यहाँ आपका रेप होने वाला है.
अवी-मेरा नही तेरा होगा समझा.
राजेश-देख लो सब आपकी तरफ देख रही है.
अवी-क्यू कि तू मेरे साथ है.
हम एक टेबल पे जाके बैठे जहाँ पर लड़किया ज़्यादा थी.
राजेश-मैं ब्लॅक टी वित लेमन पिउगा.
अवी-ये क्या है, चुप चाप कॉफी पिएँगे
राजेश-भैया आप कॉफी पियो,मैं तो ब्लॅक टी पिउगा.
अवी-तू बैठ मैं लेकर आता हूँ
मैं ऑर्डर देने चला गया. सेल्फ़ सर्विस जो थी.
मेरे काउंटर पर आते ही राजेश के पास मेरी चेयर पे एक लड़की आकर बैठ गयी.
राजेश लकी है.
राजेश इस लड़की को ज़रूर पटा लेगा
मैं काउंटर पर ऑर्डर ले रहा था कि मेरे साइड मे एक लड़की आकर खड़ी हो गयी.
और एक पेपर पे अपना नंबर लिखने लगी
मैं चुप चाप उसकी हरकतों को देखने लगा.
उसने नंबर लिख कर मेरा जो ऑर्डर था उसमे रख दिया.
और अपना ऑर्डर लेकर अपने बाय्फ्रेंड के पास चली गयी.
मेरे आते राजेश के पास बैठी हुई लड़की उठ कर केफे से बाहर चली गयी.
अवी-बोला था ना कि लड़किया तुझे देख रही थी.
राजेश-वो तो
अवी-कौन थी, क्या बोल रही थी
राजेश-मेरे फ्रेंड की बड़ी बहन है. अपने बाय्फ्रेंड के साथ यहाँ आई थी.
अवी-तेरे दोस्त की बहन ,तुझे कैसे पहचान लिया
राजेश-मेरी फोटो देखी होगी अपने भाई के साथ.
अवी-क्या कह रही थी.
राजेश-कुछ नही. बस ऐसे ही. और अपना नंबर दे गयी
अवी-कॉल करना ,जल्दी पट जाएगी.
राजेश-मेरा छोड़िए. उस लड़कीने आपको नंबर दिया कि नही
अवी-मुझे क्यूँ वो नंबर देगी. वो अपना ऑर्डर लेने गयी थी.
राजेश-उसकी तरफ देखो, उसके टेबल पर पहले 2 कप रखे है. वो कॉफी पी चुकी है. फिर उसे फिरसे कॉफी पीने की ज़रूरत क्या पड़ी.
अवी-स्मार्ट हो. चल जल्दी कॉफी ख़तम करके चलते हैं ,
राजेश-आप उसे कॉल करेंगे
अवी-किसके पास इतना टाइम है. अगर कभी टाइम मिला तो कर लूँगा.
राजेश-मेरा हो गया ,
हम केफे से बाहर आ गये .और राजेश उस लड़की के नंबर वाला पेज फेकने लगा.
अवी-क्या कर रहे हो
राजेश-उसका बाय्फ्रेंड है. और वो मेरे दोस्त की बहन है
अवी-तो क्या हुआ. उसने नंबर दिया ऐसे फेक मत बस अपने पास रख,
राजेश-क्यूँ?
अवी-क्या पता कब काम आ जाए.
राजेश-वो मेरे दोस्त की बहन है.
अवी-तो क्या हुआ ,तूने जिसके साथ किया होगा शायद वो मेरे किसी फ्रेंड की बहन होगी. वो खुद तेरी फ्रेंड बनना चाहती है तो बन जा ,
राजेश-उसे खुद मुझसे दोस्ती करनी है , उसके बाय्फ्रेंड होते हुए, आप ठीक कह रहे है. नंबर फेकने से मैं ईडियट साबित होता.
अवी-ओह ईडियट आज भी यहीं रुकने का इरादा है क्या ,चल बैठ बाइक पर
खरीदी करते ही मैं राजेश के साथ गाओं की तरफ जाने लगा.
शाम हो रही है. मुझे जल्दी जाना होगा वरना चाची मुझ पे नाराज़ होगी.
हम गाओं के आधे रास्ते आए थे कि मुझे कोमल दिखाई दी.
कोमल अपने क्लासस करके घर जा रही थी.
मैं ने अपनी बाइक कोमल की स्कूटी के पीछे ले ली और हॉर्न बजाने लगा.
कोमल ने पीछे मूड कर देखा ,
मुझे देखते ही अपनी बाइक रोक दी,मैं ने भी उसके पास बाइक रोक दी
कोमल-कहाँ घूम रहे हो.
अवी-शहर गया था एक काम से
कोमल-ये पीछे कौन बैठा है.
अवी-तुम खुद देख लो.
कोमल-जाना पहचाना दिख रहा है. अपनी कॅप और गॉगल निकालो
राजेश ने कॅप और गॉगल निकाल दिए
कोमल-राजेश ,ये तो राजेश है, पर ये ऐसे कैसे, ये हमारा राजेश हैना
अवी-तू खुद देख लो
राजेश-दीदी मैं राजेश ही हूँ
कोमल-ये क्या कर दिया. अवी राजेश तो पहचान मे नही आ रहा
अवी-धीरे धीरे इसकी आदत हो जाएगी.बोलो कैसा दिख रहा है राजेश
कोमल-हीरो ,राजेश तू ऐसे ही रहा कर, ऐसे अच्छा दिखता है. वो चंपू जैसा बिल्कुल अच्छा नही लगता.
राजेश-आज से मैं ऐसा ही रहूँगा
कोमल-ये कमाल अवी ने किया होगा.
राजेश-भैया को मना किया पर मेरी बात नही सुनी
कोमल-अच्छा किया अवी जो राजेश की बात नही सुनी, राजेश का नया रूप तो मुझे पसंद आया.
अवी-मेरी मेहनत सफल हुई. कोमल को राजेश का नया रूप जो पसंद आया.
कोमल-अवी उठो बाइक से
अवी-क्यू?
कोमल-उठो तो. तुम दोनो उठो
मैं और राजेश बाइक से नीचे उतर गये
कोमल-राजेश तुम अवी की जगह बैठो
राजेश-दीदी आप करना क्या चाहती हो
कोमल-बैठो तो
राजेश मेरी जगह बैठ गया और कोमल उसके पीछे बैठ गयी.
और मेरे हाथ मे शॉपिंग की बॅग रख दी
कोमल-अवी स्कूटी से आओ, मैं तो राजेश के साथ जाउन्गी
अवी-ये चीटिंग है. हीरो मैं ने बनाया और मुझे लटका रहे हो
कोमल-मुझे कुछ नही पता, राजेश चलो तुम
राजेश बाइक पर कोमल को लेकर निकल गया .
और मैं बॅग लेकर स्कूटी से उनके पीछे पीछे जाने लगा.
कोमल राजेश के साथ बातें करते हुए जा रही थी.
राजेश का नया रूप कोमल को पसंद आया यही काफ़ी है.
हम गाओं मे पहुँच गये. राजेश कोमल के साथ बाइक पर और मैं स्कूटी लेकर
बुआ और चाची नीता बुआ के घर के आगन मे बैठ कर हमारा इंतज़ार कर रही थी.
जैसे ही राजेश कोमल के साथ बाइक घर के पास पहुँची तो सबकी नज़र कोमल पर गयी.
कोमल को एक नये लड़के के साथ देखते सब अपनी जगह पर खड़े हो गये.
नेहा बुआ तो पहले खड़ी हो गयी.
कोमल को अंजान लड़के के साथ बाइक पर देखते ही नेहा बुआ गुस्से से खड़ी हो गयी.
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(मैं और मेरा परिवार Running )........
(रेशमा - मेरी पड़ोसन complete).....(मेरी मस्तानी समधन complete)......
(भूत प्रेतों की कहानियाँ complete)....... (इंसाफ कुदरत का complete).... (हरामी बेटा compleet )-.....(माया ने लगाया चस्का complete). (Incest-मेरे पति और मेरी ननद complete ).
(मैं और मेरा परिवार Running )........
(रेशमा - मेरी पड़ोसन complete).....(मेरी मस्तानी समधन complete)......
(भूत प्रेतों की कहानियाँ complete)....... (इंसाफ कुदरत का complete).... (हरामी बेटा compleet )-.....(माया ने लगाया चस्का complete). (Incest-मेरे पति और मेरी ननद complete ).
- zainu98
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Re: मैं और मेरा परिवार
kahani bhut badya hai bhai pr thode dheemi ja rahe hai
- shubhs
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Re: मैं और मेरा परिवार
थोड़ा स्पीड चाहिए
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।