795आ
मिसेज़ वर्मा डोर लॉक करके मेरे पास आ गयी.
मैं मिसेज़ वर्मा के चेयर पे बैठ कर अपना लंड हिला रहा था.
मिसेज़ वर्मा के चेहरे पे मुझे अपना लंड सहलाते हुए देख स्माइल आ गयी.
मिसेज़ वर्मा ने मेरा लंड को देख कर अपने होंठो पर जीभ घुमा दी. और हाथ से चूत को मसल्ने लगी.
मैं ने मिसेज़ वर्मा को अपने पास बुलाया तो वो मेरे पास आने की जगह अपना बॅग उठा लिया .
अपने पेटिकॉट मे हाथ डाल कर अपनी पैंटी निकाल कर पर्स मे रख दी.
फिर मेरे सामने आकर घुटनो के बल बैठ कर मेरे लंड को अपने हाथो मे ले लिया.
मेडम अपने कॅबिन मे ,कॉलेज मे ,मुझे ब्लोवजोब देंगी. सोच कर की मैं एग्ज़ाइट हो गया.
मेडम के साथ सेक्स करने मे सबसे ज़्यादा मज़ा कॉलेज मे आता है. एक डर और एक नये एक्सिटमेंट के साथ सेक्स होता है.
मिसेज़ वर्मा मेरे लंड को सहलाने लगी. और अपनी लिपस्टिक के रंग मे मेरे लंड को रंगने लगी.
मिसेज़ वर्मा मेरे लंड पे किस करके ,फिर चाट कर अपनी लिपस्टिक खा रही थी.
मेरे लंड का जादू मिसेज़ वर्मा पे पहली मुलाकात मे चढ़ गया था. और उसका हॅंगओवर अब तक उतरा नही था.
मिसेज़ वर्मा ने पहले मेरे लंड को रेड कलर मे किस करके रंग दिया.फिर अपनी जीभ से चाट ने के बाद चूसने लगी.
मेडम को इस तरह कॉलेज मे ब्लोवजोब देने के बारे मे कभी सोचा नही था.
मेरा नसीब इतना अच्छा होगा मैं ने सोचा नही होगा.
ऋतु दीदी के मेमोरी कार्ड की मेहरबानी है , ऋतु दीदी का मेहरबानी पंकज के काम आ रही है
मैं ने मिसेज़ वर्मा के बालो को पकड़ रखा ताकि उनको ब्लोवजोब देते हुए देख सकूँ.
मिसेज़ वर्मा एक मेडम नही रंडी लग रही थी.
मेडम के साथ कॉलेज मे,
डॉक्टर के साथ हॉस्पिटल मे,
बीवी के साथ बेडरूम मे,
गर्लफ्रेंड के साथ चुपके चुपके प्यार करने मे सब से ज़्यादा मज़ा आता है.
सही जगह पर सही पार्टनर केसाथ सेक्स करने से जो मज़ा मिलता है वो वर्जिन लड़की भी नही दे सकती.
मिसेज़ वर्मा ने कुछ देर मुझे ब्लोवजोब दिया .फिर खड़ी होकर सारी के साथ पेटिकोट उपरकरके मेरे गोद मे बैठ गयी.
मिसेज़ वर्मा के बैठने से चेयर पीछे सरकती हुई खिड़की के पास चली गयी.
खिड़की के पास जाने के बाद भी मिसेज़ वर्मा को कोईफरक नही पड़ा.वो मेरे लंड को अपनी चूत मे लेकर मेरी गोद मे बैठ गयी.
मैं ने खिड़की के पर्दे लगा दिए और मिसेज़ वर्मा ने उछल खुद करना सुरू किया.
मिसेज़ वर्मा की चुदाई चेयर पे बैठ कर करते ही मुझे सारा ज़ोया की याद आ गयी. उनकी भी एक चुदाई चेयर पे बैठ कर की थी.
चेयर पे चुदाई करने से ज़ोया सारा के कॅबिन मे करके आया था. यहाँ मिसेज़ वर्मा के कॅबिन मे नही ला सकता ,
मिसेज़ वर्मा ज़्यादा उछल नही रही थी, बस अपनी कमर गोल गोल घुमा कर चुदाई कर रही थी.
मैं ठीक पोज़िशन मे बैठा होता तो अभी तक धक्के मार रहा होता ,
मिसेज़ वर्मा अकेली चुदाई मे अपनी एनर्जी लगा रही थी.
एनर्जी बनाने के लिए गलोस को बर्न करने के लिए ऑक्सिजन की ज़रूरत थी जो मैं मिसेज़ वर्मा को किस करके दे रहा था.
किस करने से मिसेज़ वर्मा लंड का ज़्यादा से ज़्यादा मज़ा ले रही थी.
ऐसे चुदाई करता रहा तो काफ़ी समय लग जाएगा.
मैं ने मिसेज़ वर्मा को अपनी गोद से उठा दिया. और टेबल पर रखी हुई फाइल नीचे फेक कर जगह बना दी.
मिसेज़ वर्मा-ये क्या कर रहे हो ,वो इम्पोर्टेंट फाइल है
अवी-मेरे लंड से ज़्यादा इम्पोर्टेंट नही होगी
मिसेज़ वर्मा ने नाप्कीन से अपनी चूत को पोछ लिया और टेबल पर जाकर लेट गयी.
मिसेज़ वर्मा के पैरो को फैला कर मैं ने लंड उनकी चूत मे डाल दिया.
और मेडम की चूत मे ऐसे धक्के मारने लगा कि उनकी शीष्कारिया निकल लगी.
मैं पहले खड़ा रह कर उनकी चूत की धज्जिया उड़ाने लगा.
मिसेज़ वर्मा ने अपनी आवाज़ बाहर जाने से रोक के लिए उसी नाप्कीन को अपने मूह मे डाल दिया जिस से चूत साफ की थी
मिसेज़ वर्मा के बूब्स दबाकर कपड़े खराब करने का इरादा नही था .जिस से मैं उनके उपर नही आया बस खड़े खड़े उनकी चूत मारने लगा.
मिसेज़ वर्मा की गोरी गोरी जाँघो को अपने हाथो मे पकड़ कर धक्के मारने लगा.
मेरे जबरदस्त धक्को से मिसेज़ वर्मा का पानी निकल गया.
पानी निकलते ही मिसेज़ वर्मा ने मुझे धक्का दे कर मूह से नाप्कीन निकाल अपनी चूत को साफ करने लगी.
मुझे लग रहा था कि अपना पानी निकालने के बाद मिसेज़ वर्मा चुदाई करने से मना कर देंगी.
पर मिसेज़ वर्मा पे मेरे लंड का जादू हावी हो गया था.
मिसेज़ वर्मा टेबल को पकड़ कर घोड़ी बन गयी.
मिसेज़ वर्मा -जल्दी ख़तम करो
मिसेज़ वर्मा के घोड़ी बनते ही उनकी सारी और पेटिकोट उपर करके पीछे से लंड उनकी चूत मे डाल दिया.
और उनकी कमर को पकड़ कर जोरदार फुल स्पीड मे धक्के मारने लगा.
मिसेज़ वर्मा इसके लिए तय्यार थी ,जिस से मुझे पहले धक्के से मज़ा आने लगा.
धक्के का पूरा मज़ा मिसेज़ वर्मा ले रही थी.
उनकी गंद देख कर मारने का मन हो रहा था पर अब इसके लिए टाइम नही है.
लंड से ना सही पर थप्पड़ मारकर गंद मारने लगा
गंद पे थप्पड़ और चूत मे धक्के ,मिसेज़ वर्मा जन्नत मे चली गयी. और वहाँ से अमृत लाकर अपनी चूत से बाहर निकालने लगी.
मिसेज़ वर्मा की कॉलेज मे चुदाई के नाम से मैं ज़्यादा एग्ज़ाइट हो गया था.
इस का नतीज़ा मिसेज़ वर्मा की चूत मे समा गया.
मिसेज़ वर्मा की चूत को अपने वीर्य से भर दिया.
वीर्य निकाल कर मैं चेयर पर जाकर बैठ गया.
मिसेज़ वर्मा ने अपने हाथ पे चूत से तपक रहा मेरा वीर्य ले लिया.
और अपनी जीभ से चाट कर पी गयी. और नेप्किन से चूत को साफ किया.
और खुद को ठीक करने लगी.
एक बात अच्छी हुई जो कोई डिस्ट्रब करने नही आया.
मिसेज़ वर्मा ने मेरे लंड जो चाट कर भी साफ किया.
मैं ने खुद को ठीक किया तब तक मिसेज़ वर्मा अपने कॅबिन को ठीक करने लगी.
अवी-मज़ा आया
मिसेज़ वर्मा-हाँ,एक डर था पर डार्क आगे जीत होती है
अवी-क्या बात है
मिसेज़ वर्मा-अब जाओ यहाँ से
अवी-इतनी जल्दी ,आपकी गंद मारनी बाकी है
मिसेज़ वर्मा-वो सनडे मार लेना.अब जाओ
अवी-अपनी लिपस्टिक ठीक कर लेना
मिसेज़ वर्मा-कर लूँगी.
अवी-तो मिलते है सनडे को
मिसेज़ वर्मा-सनडे,
अवी-बाइ
मिसेज़ वर्मा के साथ चुदाई करके बहुत मज़ा मिला.
मेडम के साथ कॉलेज मे चुदाई करने का मज़ा मिल गया.
मैं और मेरा परिवार
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Re: मैं और मेरा परिवार
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(भूत प्रेतों की कहानियाँ complete)....... (इंसाफ कुदरत का complete).... (हरामी बेटा compleet )-.....(माया ने लगाया चस्का complete). (Incest-मेरे पति और मेरी ननद complete ).
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Re: मैं और मेरा परिवार
796
मिसेज़ वर्मा की चुदाई करके मैं कॅंटीन मे आ गया.
कॅंटीन मे हमारा देवदास अपनी पारू के साथ बैयटा हुआ था .और करीम अपनी गफ़ के साथ आ चुका था.
अवी-कहाँ था तू
करीम-तू बता तू कहाँ था.
अवी-कॉलेज के चक्कर लगा रहा था. और तू इतनी देर से क्यूँ आया.
करीम-मैं अपनी गर्लफ्रेंड के साथ मूवी देखने गया था.
करीम की गर्लफ्रेंड-हमे इतनी जल्दी क्यू बुलाया .
अवी-पंकज ने कोर्ट मॅरेज कर ली ,एक सिग्नेचर कम पड़ रही थी तो तुम्हे बुला रहा था.
करीम-पंकज ने शादी की .पंकज तूने तो बताया भी नही.
पंकज कुछ बोलने वाला था मैं ने उसे चुप करा दिया.
अवी-सब इतनी जल्दी हो गया कि ,मुझे भी अभी पता चला
करीम-साले ,अब तो पार्टी चाहिए
पंकज-चलो मेरे घर चलते है. वही पर पार्टी करेंगे.
अवी-घर पे आंटी होगी ना
करीम-तो क्या हुआ. अब तो शादी हो गयी.
पंकज-घर मे बाद मे बताना है. और मम्मी पापा बाहर गये है.और ऋतु दीदी अमेरिका गयी है
अवी-ऋतु दीदी अमेरिका कब गयी.
पंकज-दीदी तो दिसंबर मे गयी .पर हमे 1 हफ्ते पहले बताया .जिस से पापा नाराज़ है
करीम-वो छोड़ चल पार्टी करते है.
करीम की गर्लफ्रेंड-तूने बताया नही. मुझे लगा कि तुम्हारा ब्रेकप हुआ है पर तुम ने तो शादी कर ली.
पंकज की गर्लफ्रेंड-सब अचानक हो गया.
करीम की गर्लफ्रेंड-फिर तो आज सुहागरात होगा.
पंकज की गर्लफ्रेंड-अभी नही.
करीम की गर्लफ्रेंड-क्यू?
पंकज की गर्लफ्रेंड-दिल मे आया तो शादी कर ली. पर मम्मी पापा के मर्ज़ी के बाद जो शादी होगी तब हनीमून पे जाएँगे .अभी तो पढ़ाई करनी है,एंजाय करना है.
पंकज-चलो एंजाय करने चलते है.
करीम और उसकी गर्लफ्रेंड को बेवकूफ़ बनाने के बाद हम पंकज के घर चले गये.
पंकज की गर्लफ्रेंड पंकज के बाइक पर नही मेरी बाइक पर बैठ गयी.ताकि मुझसे बात कर सके
अवी-शादी मुबारक हो
पंकज की गर्लफ्रेंड-झुह क्यूँ बोला करीम से
अवी-झूठ बोलने से तुम खुश नही हो.
पंकज की गर्लफ्रेंड-बहुत खुश हूँ. और ये खुशी तुम ने दी
अवी-तुम ने भी तो मुझे बहुत कुछ दिया है. अपनी कुवारि गंद
पंकज की गर्लफ्रेंड-आज से वो सिर्फ़ तुम्हारी होगी.
अवी- तोहफा पसंद आया .पर रहने दो ,वरना देवदास बुरा मान जाएगा.
पंकज की गर्लफ्रेंड-तुम्हे पता है पंकज ने
अवी-अपनी मम्मी के साथ, सुना मैं ने , पंकज अब तुमसे कुछ नही छुपाया.
पंकज की गर्लफ्रेंड-हाँ, आंटी का इतना बड़ा राज़ भी मुझे बता दिया. वो चाहता तो छुपा सकता था पर उसने ऐसा नही किया.
अवी-वो तुम से बहुत प्यार करता है.
पंकज की गर्लफ्रेंड-मैं भी करती हूँ
अवी-तो मुझे भूल जाओ,
पंकज की गर्लफ्रेंड-भूल जाउ?
अवी-यही तुम्हारे लिए अच्छा रहेगा.
पंकज की गर्लफ्रेंड-जैसा तुम कहो.
बाते करते हुए कब घर आ गया पता ही नही चला.
पंकज का घर आते ही सब अंदर चले गये .
मेरे अंदर जाते मेरी नज़र काकी पर पड़ी.
काकी भी मुझे देख रही थी.
पंकज-काकी मेरे दोस्तो के लिए कुछ खाने का इंतज़ाम करो
पंकज की गर्लफ्रेंड-मुझे नोनवेज चाहिए
काकी-चिकन नही है
पंकज-तो लेकर आओ .और हा फ़्रीज़ से बीयर लाना
काकी-अभी लाती हूँ
काकी किचन की तरफ जाने के लिए मूडी थी कि मैं ने काकी की गंद पर थप्पड़ मारा
काकी ने पीछे पलट कर मुझे गुस्से मे देखा
पंकज और उसकी गर्लफ्रेंड भी वही पर थे जिस से काकी बिना कुछ कहे चली गयी.
करीम और उसकी गर्लफ्रेंड बाहर थे .
पिछली बार जिस तरह काकी की गंद मारी थी उसके बाद भी काकी को गुस्सा आया.
वैसे काकी की गंद मारने के बाद और सेक्सी हो गयी
कितने दिनो के बाद मैं यहाँ पंकज के घर आया था.
जिस केवजसे मुझे काकी की गंद पर थप्पड़ मारने मे मज़ा आया.
पंकज की गर्लफ्रेंड-ऐसा क्यूँ किया तुम ने
अवी-ऐसे ही,
पंकज- तू फिर मरवाएगा.
करीम-क्या बाते हो रही है
पंकज-कुछ नही
पंकज की थोड़ी खिचाई लेता हूँ
काकी की गंद के किससे बताता हूँ पंकज की गर्लफ्रेंड को
अवी-क्या नरम थी,हैना पंकज
पंकज की गर्लफ्रेंड-तुम्हे मार चाहिए ,और तुम इधर आओ
पंकज चुप चाप अपनी गर्लफ्रेंड के पास चला गया.
करीम की गर्लफ्रेंड-हुआ क्या ,हमे भी बताओ
पंकज की गर्लफ्रेंड-कुछ नही,
हम सोफे पर जाकर बैठ गये. और काकी बीयर लेकर आ गयी.
अवी-पंकज, क्या नरम थी.
पंकज-मुझे मरवाए बिना तुझे चैन नही आएगा.
पंकज की गर्लफ्रेंड-अवी ,मज़ाक करना बंद करो
करीम-तुम तीनो क्या बाते कर रहे हो मुझे कुछ समझ नही आ रहा है.
करीम की गर्लफ्रेंड-बीयर पी लो , और ठंडे हो जाओ
करीम-तुम ही पिला दो.अपने हाथो से
करीम की गर्लफ्रेंड ने बीयर उठा ली और करीम को पिलाने लगी.
उनका देख कर पंकज की गर्लफ्रेंड ने भी पंकज को बीयर पिला दी.
मैं अकेला रह गया. और अकेले इंसान को अपने हाथ से काम चलाना पड़ता है.
ग़लत मत समझना ,
अपने हाथ से काम.चला मतलब , मुझे खुद बीयर उठा कर पीनी होगी
मैं ने भी बीयर उठा ली और पीने लगा.
मुझे बीयर पीता हुआ देख कर पंकज और करीम ने बीयर पीना बंद किया और मेरी तरफ देखने लगी.
करीम-तूने बीयर पी
अवी-मुझे बीयर नही पीना चाहिए ऐसा कोई रूल है
करीम-तू पहले तो मना करता था.
अवी-पंकज की शादी की खुशी मे पी रहा हूँ
पंकज-तुझे देख कर लगता है तू पहले भी पी चुका है
अवी-एक दो बार पी है
पंकज-अच्छा हुआ तूने भी सुरू कर दी. अब पीने मे मज़ा आएगा
अवी-तुम को ज़्यादा मज़ा आ रहा होगा .तुम्हारी गर्लफ्रेंड जो पिला रही है.
करीम-अनु को बुला ले
अवी-वो अब नही आएगी. उसने बाय्फ्रेंड बना लिया है
पंकज-बताया था तूने
करीम-फिर भी बुला लेते
अवी-वो अपने दुनिया मे खुश है ,अनु के साथ जितनी मस्ती करनी थी उतनी कर ली.
पंकज-अनु तो गयी.तुम कोई दूसरी ढूँढ दो अवी को
पंकज की गर्लफ्रेंड-देखती हूँ, अनु की तरह कोई मिल जाएगी.
करीम-अवी की तरह पंकज के लिए भी कोई टाइम पास ढूँढ लो
पंकज-तुझे मार नही खाना होगा तो फिर कभी मत बोलना
पंकज की गर्लफ्रेंड-पंकज के लिए मैं काफ़ी हूँ
करीम की गर्लफ्रेंड-लेकिन अवी का क्या.वो अकेला है
करीम-तू गर्लफ्रेंड बना ले .प्राब्लम सॉल्व हो जाएगी.
अवी-मुझे गर्लफ्रेंड बनाने की ज़रूरत नही है
करीम-क्यूँ?
अवी-तुम दोनो की गर्लफ्रेंड हैना.
मेरे लिए
मेरे इतना कहते पंकज की गर्लफ्रेंड और करीम की गर्लफ्रेंड पंकज और करीम के पास से उठ कर मेरे पास आकर बैठ गयी.
मैं दोनो की कमर मे हाथ डाल कर बैठ गया.
पंकज की गर्लफ्रेंड और करीम की गर्लफ्रेंड मुझसे चिपक गयी ओरमुझे बीयर पिलाने लगी.
अवी-हो गयी प्राब्लम सॉल्व
पंकज-एक नंबर का कमीना है तू
करीम-हमारी गर्लफ्रेंड को छीन लिया
अवी-वो खुद मेरे पास आ गयी
पंकज-तू लकी है.
करीम-मेरी गर्लफ्रेंड को वापस दे
अवी-रोज तू इस से चिपका रहता है आज मुझे रहने दे
करीम की गर्लफ्रेंड-करीम को मारो गोली, लो बीयर पीओ
पंकज की गर्लफ्रेंड और करीम की गर्लफ्रेंड एक एक करके मुझे बीयर पिलाने लगी. और पंकज करीम के साथ हमे देखता रह गया
पंकज और करीम के सामने उनकी गर्लफ्रेंड के साथ मस्ती करने मे मज़ा आ रहा था.
दोनो कुछ नही कर सकते थे.
पर अंदर ही अंदर जल रहे थे
उनको गुस्सा आ रहा होगा
कितना कमीना दोस्त मिला है उनको जो उनकी गर्लफ्रेंड को उनके सामने फ्लर्ट कर रहा है
मैं उनको जला जला कर बीयर पी रहा था.
पंकज तो नॉर्मल था ,करीम थोड़ा नाराज़ हो गया.
अवी-भाभी के हाथो से सब टी पीते है .मैं बीयर पी रहा हूँ.
पंकज-अपने देवर को जी भर के बीयर पिलाना ,कोई शिकायत नही आनी चाहिए
पंकज की गर्लफ्रेंड-मुझे अपने देवर का ख़याल रखना आता है
करीम की गर्लफ्रेंड-मुझसे ज़्यादा नही. मैं तुझसे अच्छे से अपने देवर का ख़याल रखती हूँ. करीम तुम्हारे भाई की टेन्षन मत लो ,
करीम हमारी बाते सुनकर रिलॅक्स हो गया.
उसे जो डर था वो ख़तम हो गया.
डर ख़तम होते ही हम एग्ज़ॅम ख़तम होने की खुशी मे ,पंकज की झूठी शादी की खुशी मे सेलेब्रेशन करने लगे.
काकी ने हमारे लिए बढ़िया नोन वेज बनाया.
पंकज की गर्लफ्रेंड मुझे चिकन खिलाने लगी और करीम की गर्लफ्रेंड मुझे बीयर पिलाने लगी.
पंकज और करीम को अपनी अपनी गर्लफ्रेंड के साथ मस्ती करनी थी पर मेरे होते हुए ये मुमकिन नही था.
पंकज के भावनाओ को समझते हुए मैं ने वहाँ से जाने का फ़ैसला किया.
अवी-तुम एंजाय करो मैं चलता हूँ
पंकज-तू कहाँ जा रहा है.
अवी-घर जाना है. अगर नही गया तो मुसीबत मे फस जाउन्गा.
करीम-फिर तो तुझे जाना चाहिए
अवी-ऐसा बोल ना कि तुझे अपनी गर्लफ्रेंड के साथ एंजाय करना है
करीम -मेरे कहने का मतलब था कि
अवी-रहने दे
पंकज-रुक जा ,रात भर एंजाय करेंगे.
अवी-मुझे काम ना होता तो ज़रूर रुकता
पंकज की गर्लफ्रेंड-अवी रुक जाओ ,
अवी-नही. मुझे जाना होगा,वैसे भी तुम को पंकज के साथ प्राइवसी मिलनी चाहिए
पंकज की गर्लफ्रेंड और करीम की गर्लफ्रेंड ने एक साथ मेरे गालो पे किस करके गुड बाइ कहा.
करीम और पंकज मेरे जाने से खुश हो गये .उनको उनकी गर्लफ्रेंड जो मिल रही थी.
तभी तो कहते है हर एक फ्रेंड कमीना होता है.
पंकज के घर से जाते हुए मैं काकी की गंद पर थप्पड़ मारना भुला नही.
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Re: मैं और मेरा परिवार
797
पंकज के घर से निकल कर पहले मैं शॉप मे जाकर माउत फ्रेशनेर ले लिया.
बीयर की स्मेल मेरे घर जाने तक चली जाएगी.
अगर रानी यहाँ होती तो उसके घर चला जाता. पर रानी अपनी मम्मी के साथ घूमने गयी थी.
रानी पूरा समय अपनी मम्मी के साथ बिताना चाहती थी जिस की वजह से मैं ने उसको कॉल करने से मना किया था.
रानी फिर भी मुझे एक मेसेज कर देती.
रानी को आने मे और 3 दिन बाकी थे , और मिसेज़ वर्मा ने सनडे को बुलाया है, तब तक घर मे आराम करता हूँ.
आराम करते हुए पढ़ाई भी कर लेता हूँ, और थोड़ा टाइम कोमल के लिए निकाल लूँगा.
रानी के जाने की वजह से कोमल भी बोर हो रही है.
मैं घर जाते ही सीधा अपने कमरे मे चला गया.
विद्या मेरे लिए पानी लेकर आ गयी.
विद्या-पानी पी लो ,
अवी-थॅंक्स, कितना ध्यान रखती हो मेरा
विद्या-तुम्हारा ध्यान रखने के लिए तो हूँ यहाँ पर,
विद्या को एक किस करके पानी लाने का इनाम दिया .और मैं सो गया.
फिर शाम मे बच्चो के साथ खेलने के बाद मैं पढ़ाई करने लगा.
सी चाची-अवी
अवी-जी चाची
सी चाची-अभी तो एग्ज़ॅम हुई है .और पढ़ाई कर रहे हो
अवी-चाची कुछ मत पूछिए ,मुझे पढ़ाई करने दो
सी चाची-कक्षा हुआ
अवी-चाची आपको तो पता है कि मेरा ये साल कैसा गया है. अगर 12थ क्लास मे पढ़ाई नही की तो पूरा फ्यूचर खराब हो जाएगा.
सी चाची-इतना टेन्षन क्यूँ ले रहा है
अवी-चाची अभी से पढ़ाई करूँगा तो आगे जाकर आसानी होगी. और आगे किसी काम मे बिज़ी हो गया तो गयी भैंस पानी मे
सी चाची-ये सही सोचा तूने. कर पढ़ाई ,पर ज़्यादा टेन्षन मत लेना.
अवी-थोड़ी पढ़ाई करके रखता हूँ जिस से आगे जाकर ज़्यादा प्राब्लम ना हो.
सी चाची-कसरत पढ़ाई और आराम ,करने का प्लान बनाया है तूने
अवी-हाँ
सी चाची-अच्छा है.
रात मे थोड़ी बहुत पढ़ाई करने के बाद मैं सो गया.
सुबह उतना जो था कसरत करने के लिए.
दोपेहर मे मिसेज़ वर्मा की चुदाई करने से रात मे नींद अच्छी आई.
सुबह उठ कर कसरत करने के बाद मैं रणजीतसिंघ को मिलने के लिए हवेली चला गया.
रणजीतसिंघ ने मुझे एक काम से बुलाया था.
जिस कंपनी मे मुझे 50%पार्ट्नरशिप दी थी उसका प्रॉफिट मुझे देने के लिए बुलाया था.
हवेली मे मेरे आते सब के चेहरे पे खुशी झलकने लगी.
खास करके पायल के चेहरे पे,
मैं ने पहले रणजीतसिंघ को अपना अकाउंट नंबर दे दिया.
रणजीतसिंघ ने कहा कि 2 3 दिन मे मेरा हिस्सा मुझे मिल जाएगा.
रणजीतसिंघ और ठाकुरजी से बाते करने के बाद पायल मुझे अपने कमरे मे ले गयी.
ठाकुरजी और ठकुराइन को इस पे कुछ भी ऐतराज़ नही था . वो मुझे और पायल को भाई बहन की तरह देख रहे थे
पायल के कमरे मे जाते ही पायल मे अपने कपड़े निकालने सुरू किए
मैं पायल को देखता रह गया. पायल पूरी नंगी होकर मेरे उपर बैठ गयी.
और बिना कुछ कहे मेरे लंड को जीन्स से बाहर निकाल कर अपनी चूत मे ले लिया.
और खड़े खड़े चुदाई करने लगी.
अपना और मेरा पानी निकलने तक लंड पर उछलती रही
मेरा वीर्य अपनी चूत मे लेते ही वो बोलने लगी.
पायल-इतने दिन कहाँ थे
अवी-एग्ज़ॅम था मेरा
पायल-एग्ज़ॅम होने के बाद आज मिलने आए हो
अवी-तुम भी तो कॉल कर सकती थी
पायल-मैं तुम्हारा इंतज़ार कर रही थी.
अवी-अब आ गया ना
पायल-कार सीखना कब सुरू करना है
अवी-हफ्ते मे एक बार ,
पायल-बस एक बार
अवी-रोज रोज मिलना ठीक नही होगा. समझा करो
पायल-समझ गयी.
अवी-मेरे कॉल का इंतज़ार करना.
पायल-जल्दी कॉल करना .
अवी-इस हफ्ते का हो गया. अब नेक्स्ट हफ्ते मे करेंगे
पायल-अभी हुआ कहाँ है. एक और बार करते है
अवी-थोड़ी देर और रुका तो सबको शक होगा .अब उठो ,और कपड़े पहनो
पायल ने कपड़े पहन लिए और गेट खोल कर थोड़ी देर मुझे कंप्यूटर के बारे मे बताने लगी.
ठकुराइन हमे देखने के लिए पायल के कमरे मे आ गयी. हमे कंप्यूटर ईस्तमाल करते हुए देख कर रिलॅक्स हो गयी.
ठकुराइन के आते ही मैं नीचे चला गया.और रणजीतसिंघ के साथ बाते करने के बाद घर चला गया.
सम्मर मे आम के बगीचे मे जाने का मन हो रहा था.
मेले के बाद खेतो मे गया ही नही था.
आम के बगीचे की ठंडी हुआ का मज़ा लेने के लिए मैं ने शाम मे बगीचे मे जाने का सोच लिया.
चाची को मेरे खेतो मे जाने से कोई अतराज़ नही था.
शाम मे नींबू शरबत पीकर मैं आम के बगीचे मे जाने के लिए तय्यार हो गया.
मैं घर से बाहर निकला था कि कोमल मेरे सामने आकर खड़ी हो गयी.
कोमल के कुछ पूछने से पहले मैं ने उसे बता दिया कि मैं खेत मे जा रहा हूँ
अवी-अच्छा हुआ तुम यही आ गयी .मैं तुम्हारे पास आ रहा था.
कोमल- मेरे पास किस लिए
अवी-मैं खेत मे घूमने जा रहा था तो सोचा तुम्हे ले चालू अपने साथ .चलॉगी.
कोमल- खेत मे ,आम के बगीचे मे ,हाँ चलो
अवी-बुआ से पूछ लो
कोमल- माँ को बता कर आई हूँ की विद्या से मिलने जा रही हूँ
अवी-विद्या से मिलने आई हो,पर किस लिए
कोमल- विद्या ने कहा की वो मुझे मेडिकल के बारे मे कुछ बाते सिखाना चाहती है.
अवी-फिर तो तुम विद्या के पास जाओ
कोमल- नही. विद्या से कल सीख लूँगी ,चलो अब
अवी-तुम्हारी तबीयत ठीक हैना
कोमल- हाँ, ऐसा क्यू पूछ रहे हो
अवी-तुम पढ़ाई को मना कर रही हो और ऐसा बहुत कम बार हुआ है.
कोमल-पढ़ाई तो होती रहेगी. पढ़ाई से ज़्यादा इम्पोर्टेंट लाइफ को एंजाय करना होता है
कोमल की नयी ,समझदारी की बाते सुनकर मैं खुश हो गया.
और इसी खुशी के साथ हँसते हुए बाते करते हुए हम खेत मे आ गये
खेत मे मैं सीधा कोमल को घर3 मे लेकर नही जा सकता था.क्या पता चाचा क्या कर रहे होंगे.
खेत मे आते मैं कोमल को आम के बगीचे मे ले गया.
बगीचे मे कमला काकी मुझे देख कर खुश हो गयी. पर कोमल के देख कर उनका चेहरा उतर गया.
अवी-चलो कोमल बगीचे मे घूमते है.
कोमल-इतनी गरमी मे यहाँ ठंडी हुआ चल रही है.
अवी-ये बगीचे और जंगल की वजह से हो रहा है.
कोमल- जंगल ,तुम कभी इस जंगल मे गये हो
अवी-हाँ एक बार गया था. वो देखो पका हुआ आम
कोमल-आम ,दिखा क्या रहे हो तोडो ना
अवी-वो बहुत उपर है
कोमल- मुझे वो आम खाना है.
अवी-कोई और ढूंढते है
कोमल-मुझे वही चाहिए
अवी-तुम भी ना,
और मैं पेड़ पर चढ़ने लगा.
कोमल- आराम से चढ़ना
अवी-डिस्ट्रब मत करो ,मुझे पता है
कोमल- संभाल के
अवी-डरा मत
कोमल-रहने दो ,वो काफ़ी उपर है. तुम्हे चोट लग जाएगी
अवी-तुम्हे वो आम पसंद है ना ,तुम्हे मिल जाएगा
बड़ी मुश्किल से मैं ने वो आम तोड़ लिया.
अवी-लो तुम्हारा आम
कोमल-रहने देते
अवी-मत खाओ ,मैं खा लेता हूँ.
कोमल ने मेरे हाथ से आम छीन लिया.
कोमल- आधा आधा खाएँगे
अवी-मुझे दो मैं उसको चूसने लायक बनाता हूँ.
कोमल-मैं कर लूँगी.
कोमल आम को मसल्ने लगी .और मैं हमारे लिए बैठ ने के लिए जगह बनाने लगा.
जगह बनते ही कोमल के साथ मैं पेड़ के नीचे बैठ गया
कोमल- यहाँ आकर कितनी शांति मिलती है
अवी-उस झरने की तरह यहाँ भी मन शांत हो रहा है
कोमल- उस झरने पे हम फिर कब जाएँगे
अवी-जल्दी जाएँगे
कोमल- वो झरना ,वो जंगल मुझे आज भी मेरे आँखो के सामने दिखता है
और कोमल ने आधा आम खा कर मुझे दिया.
मैं ने सिर्फ़ एक बाइट लिया और कोमल को वो आम वापस कर दिया.
अवी-तुम्हे पता है .इस जंगल मे एक तालाब है.
कोमल- तुम्हे कैसे पता
अवी-मैं जंगल मे गया हूँ
कोमल- कैसा है वो तालाब उस झरने की तरह है
अवी-उतना कुछ खास नही है पर अच्छा है.
कोमल- मुझे दिखाओगे
अवी-दिखा तो दूँगा पर तालाब देख कर मुझे नहाने के मन होता है. और मैं ने बनियान नही पहनी है.
कोमल- बनियान, मैं समझी नही.
अवी-तुम कैसे नहाओगी तालाब मे ,तुम्हे तो मेरी बनियान चाहिए ना ,
कोमल को वो झरने का सीन याद आ गया .जब मैं ने उसको अपने करीब लाकर उसे ब्रा पैंटी मे कर दिया था.
और उसकी खूबसूरती मैं खो रहा था.
अवी-क्या हुआ कहाँ खो गयी.
कोमल- तुम बहुत गंदे हो
अवी-मैं ने क्या किया
कोमल- उस दिन झरने मे तुम ने
अवी-क्या किया मैं ने
कोमल- कुछ नही
अवी-बोलो भी.
कोमल- मैं एक्सट्रा कपड़े लेकर आउन्गि तब दिखाना तालाब
अवी-फिर तो रहने दो,
कोमल-तुम बहुत गंदे हो,
अवी-और तुम बहुत खूबसूरत हो,
अपनी तारीफ सुनकर कोमल शरमा गयी.
अवी-तुम शरमाती हो ना तो और भी हसीन लगती हो
कोमल के गाल शरम के मारे लाल हो गये
अवी-तुम्हारी गाल की लाली को देख कर सूरज भी लाल हो गया,
इतना ना शरमाओ वरना सूरज तुम्हे देख कर शरमा कर छुप जाएगा.
कोमल से अब बर्दास्त नही हो रहा था. कोमल मुझसे आँखे नही मिला पा रही थी.
जिस से कोमल ने अपना चेहरा मेरी बाहों मे छुपा दिया.
और मेरे चेस्ट पे मुक्का मारने लगी.
अवी-क्या हुआ. मुझे मार क्यूँ रही हो.
कोमल-तुम
अवी-मैं
कोमल- मुझे आम खाना है. (कोमल ने बात बदल दी)
अवी-आम ,चलो ढूँढते है.तुम दिखाना मैं तोड़ दूँगा.
कोमल-चलो
कोमल के साथ मैं बगीचे मे पके हुए आम ढूँढने लगा.
कोमल मुझे पेड़ पर पका हुआ आम दिखाती और मैं तोड़ देता.
कभी इस पेड़ पे तो कभी दूसरे पेड़ पर मुझे चढ़ा देती.
और मुझे मंकी मंकी बोल कर छिडाने लगती.
कोमल को मुझे छिडाने मे मज़ा आ रहा था.
पता नही पर क्यूँ ,मुझे कोमल के चेहरे पे खुशी देख कर सुकून मिलता है. एक अलग आनंद प्राप्त होता है
कोमल की कोमलता के सामने सब कुछ कुर्बान
कोमल है ही इतनी प्यारी की फॅमिली मे सब उसको इतना प्यार करते हैं. कभी कोई उसे डाँट ता नही है.
कोमल ने मुझे आम के बगीचे के ज़्यादातर पेड़ पर चढ़ा ही दिया.
एक बार तो पका हुआ आम ना होने के बाद भी मुझे पेड़ पर चढ़ा दिया .और हँसने लगी.
कोमल- वो उस पेड़ पे एक आम है
अवी- कहाँ है मुझे नही दिख रहा
कोमल- तुम पेड़ पे जाओ मैं दिखाती हूँ
अवी- कोई शरारत तो नही कर रही
कोमल- तुम्हे शरारत की पड़ी है मुझे आम खाना है
और मैं पेड़ पे चढ़ गया
अवी- कहाँ है आम
कोमल- थोड़ा और उपर
मैं और उपर चला गया
अवी- कहाँ है पका हुआ आम
कोमल- उल्लू बनाया , वहाँ कोई पका हुआ आम नही है
अवी- कोमल
कोमल-तुम तो उल्लू बन गये
और कोमल मुझ पे हँसने लगी
10 12 साल के बच्चे की तरह मुझे उल्लू बना कर हँस रही थी.
मैं भी उसके साथ हँस कर खुद के उल्लू बन ने का मज़ा लेने लगा.
पेड़ से नीचे उतर कर मैं कोमल के पीछे भागने लगा.
कोमल मोरनी की तरह बगीचे मे नाचते हुए भाग रही थी.
कोमल को इस तरह लाइफ को एंजाय करते हुए देख कर मैं ने ये हसीन पल केमरे मे क़ैद कर लिए.
कोमल एक आज़ाद पंछी की तरह खुद को आज़ाद महसूस कर रही थी.
बगीचे को अपना घर समझ कर बिना किसी फिकर के घूम रही थी.
जब वो थक गयी तो मैं उसे अपने पीठ पर लेकर बगीचा घूमने लगा.
कोमल- अवी तुम तक जाओगे ,
अवी-तुम्हारा वेट ही क्या है.
कोमल- वो पहलवान रहने दो ,तुम भी पेड़ पर छाड़ कर थक गये होगे.
अवी-पहले मंकी ,फिर उल्लू बना दिया. अब गधा भी बनने दो
कोमल- गधा फिर कभी बन जाना. मुझे नीचे उतारो ,मुझे आम खाने है
अवी-कोई बहाना नही चलेगा.
कोमल- अवी मैं इतनी भी नही थकि हूँ ,
मैं ने कोमल को अपने पीठ से नीचे उतर दिया.
अवी-आ गये हम खेत मे वापस
कोमल- तुम ने मेरी बात नही मानी.
अवी-बाते बाद मे करेंगे पहले पानी पीते है .मैं तो थक गया .कितनी मोटी हो तुम
कोमल- क्या है.
अवी-कितनी मोटी हो तुम, मेरी पीठ दर्द कर रही है
कोमल- मोटी ,रूको अभी दिखाती हूँ
और कोमल मेरे पीछे पीछे भागने लगी. और मैं उसे इसी तरह घर3 ले आया.
चाचा को देखते ही कोमल रुक गयी .और चुप चाप जाकर मेरे लिए पानी लेकर आ गयी.
पानी पीने के बाद हम आम खाते हुएचाचा के साथ बाते करने लगे.
फिर मैं कुछ आम चाची केलिए औरकॉमल बुआ के लिए लेकर घर आ गयी.
इस सेशन का पहला आम खा कर चाची खुश हो गयी.
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(मैं और मेरा परिवार Running )........
(रेशमा - मेरी पड़ोसन complete).....(मेरी मस्तानी समधन complete)......
(भूत प्रेतों की कहानियाँ complete)....... (इंसाफ कुदरत का complete).... (हरामी बेटा compleet )-.....(माया ने लगाया चस्का complete). (Incest-मेरे पति और मेरी ननद complete ).
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Re: मैं और मेरा परिवार
798
ऐसे ही 2 दिन मैं ने गुज़ार दिए
सुबह कसरत करना. फिर चाची के साथ बाते करना, बच्चो के साथ खेलना उनको प्यार करना.
शाम मे कोमल के साथ खेत मे जाना ,उसके साथ हसी मज़ाक करना. रात मे पढ़ाई करने सो जाना.
फिर वो दिन आ गया .
आज रानी अपनी मम्मी के साथ वापस आ रही थी.
रानी ने सुबह मुझे मसाज करके बताया कि वो शाम तक पहोच जाएँगे.
रानी का ये अच्छा था जो वो अपनी मम्मी के साथ कुछ समय प्यार के साथ एंजाय करती है.
आंटी भी अपने काम को अलग रख कर पूरा समय रानी के लिए निकालती थी.
वैसे तो रानी 1 महीने के लिए अपनी मम्मी के साथ घूमने जाती थी ,पर क्लासस की वजह से सिर्फ़ 1 हफ्ते के लिए घूमने गयी थी और दूसरी वजह मैं था ,मुझसे इतने दिन दूर कैसे रहती ,
रानी आ रही थी. क्यू ना रेलवे स्टेशन पे जाकर रानी को पिकप कर लूँ.
रानी को मुझे देख कर डबल खुशी होगी.
मैं चाची को बता रानी को मिलने के लिए चला गया.
शॉप से रानी के लिए एक गिफ्ट लेने के बाद मैं रेलवे स्टेशन पे चला गया
मेरे आते ही ट्रेन भी आ गयी.पासेंगेर ट्रेन से निकलने लगे .और मुझे जिसका इंतज़ार था वो भी ट्रेन से बाहर आ गयी.
रानी के ट्रेन से उतरते उसकी नज़र मुझपे पड़ी. मुझे देखते रानी ने बॅग वही रख दिया और भाग कर मेरे गले लग गयी.
उसके गले लगने से,उसने जिस तरह मुझे कस के गले लगाया .उस से पता चल गया कि रानी ने मुझे कितना मिस किया.
रानी ने मुझे ऐसे लगे लगाया कि कभी मुझसे दूर होना ही नही चाहती हो.
आंटी रानी का बॅग लेकर हमारे पास आ गयी.
रानी की मम्मी-रानी ,हम रेलवे स्टेशन पे है. कुछ तो ख़याल रखो
आंटी की बात सुनते मैं ने रानी को खुद से अलग किया.
रानी की मम्मी-रानी, घर जाकर अपना प्यार दिखाना ,सब यहाँ तुम्हे देख रहे है
अवी-आंटी कैसा रहा टूर
रानी की मम्मी-तुम आते तो अच्छा रहता
अवी-क्यूँ?
रानी की मम्मी-वो सब घर जाकर बताउन्गी. चलो यहाँ से
मैं ने रानी का बॅग उठा लिया और हम स्टेशन से बाहर आ गये. रानी चुप चाप मेरे पीछे पीछे आ रही थी.
टॅक्सी लेकर हम घर आ गये .घर आते ही रानी ने अपनी मम्मी की तरफ देखा.
रानी की मम्मी-अब क्या देख रही हो ,मिल लो अवी से
रानी ने मुझे गले लगा लिया.
रानी- तुम्हे मैं ने बहुत मिस किया.
अवी-मैं ने भी, तभी तो स्टेशन तक लेने आ गया.
रानी-आज के बाद मैं कही नही जाउन्गी
अवी-मत जाना, अब बताओ कैसा रहा टूर
रानी- अच्छा था पर तुम्हारे बिना मज़ा नही आया.
रानी की मम्मी-जब देखो तब तुम्हारा नाम ले रही थी. अवी यहाँ होता तो हम ये करते,अवी होता तो वो करते, मुझे तो भूल ही गयी थी ,
अवी-रानी ये अच्छी बात नही है , मम्मी का टाइम मम्मी के लिए देना चाहिए
रानी- मैं तो......
अवी-ये ग़लत है. हम बाकी समय तो रहते हैना साथ मे फिर आंटी के साथ कुछ दिन मिलते है वो उनको मिलने चाहिए कि नही.
रानी-तुम सही कह रहे हो
अवी-तो सॉरी बोलो आंटी को
रानी की मम्मी-इसकी कोई ज़रूरत नही है. बस रानी को बात समझ मे आ गयी इतना काफ़ी है.
रानी- सॉरी मम्मी
रानी की मम्मी-मेरी प्यारी बेटी के मूह से सॉरी वर्ड अच्छा नही लगता.
अवी-अब बताओ क्या क्या किया
रानी- पहले हम
रानी को आंटी ने रोक दिया.
रानी मम्मी-रानी पहले फ्रेश हो जाओ,फिर आराम से बात करना
रानी- बाद मे हो जाउन्गी.
अवी-मैं यही पर हूँ. जाओ फ्रेश हो जाओ ,
रानी-जाना मत
अवी-नही जाउन्गा.
रानी ने बॅग से अपने कपड़े निकाल दिए और भाग कर बाथरूम मे चली गयी.
अवी-आंटी कैसा रहा टूर
रानी की मम्मी- अच्छा था. और तुम ने स्टेशन मे आकर बहुत अच्छा बना दिया.
अवी-रानी के लिए आना ही था. उसे मुझे देख कर सबसे ज़्यादा खुशी हुई है.
रानी की मम्मी- हाँ, रानी तुम्हारे आने से खुद को रोक नही पाई.
अवी-आपको बुरा नही लगा ,रानी का इस तरह मेरे गले लगना.
रानी की मम्मी- मैं तो खुश हूँ तुम दोनो का प्यार देख कर.
अवी-अच्छा है कि आपकी लव मॅरेज हुई जिस से आपको कोई अतराज़ नही था
रानी की मम्मी- ऐसा नही है. तुम मे इतनी खूबिया हैकि कौन ना करेगा. और तुम्हारे नेचर के बारे मे मुझे अच्छे से पता है. और रही बात लव मॅरेज की तो मैं अपने माता पिता की तरह मना करके ग़लत नही करना चाहती.
अवी-ये लीजिए ,मैं ने खाना पार्सल करके लाया था.
रानी की मम्मी- इसकी क्या ज़रूरत थी.
आंटी खाना लेकर किचन मे चली गयी और मैं रानी के कमरे मे चला गया.
मेरे और रानी के कमरे मे आने का टाइम सेम था,रानी भी बाथरूम से बाहर आ गयी.
रानी सिर्फ़ टवल मे बाहर आ गयी. रानी को टवल मे देखते ही मैं ने सीटी बजा दी.
रानी- तुम यहाँ ,
और रानी वापस बाथरूम मे जाने के लिए पलटी थी कि
अवी-फ़्रीज़
रानी वही पर रुक गयी. और स्टॅच्यू बन गयी.
अब तो रानी गयी काम से .
एक तो वो टवल मे है और दूसरी तरफ वो स्टॅच्यू बन गयी है.
मैं शैतानी हँसी के साथ रानी के पास जाने लगा
रानी सोच रही होंगी अब तो वो गयी काम से
शिकार खुद शिकारी के हाथ मे आ गया
मैं रानी के सामने जाकर खड़ा हो गया .और रानी के गीले बदन को देखने लगा.
रानी मेरी तरफ देख रही थी मेरी हसी से उसे अंदाज़ा जो गया कि उसका शिकार होने वाला है
मैं तो रानी के खूबसूरत बदन को देखता रह गया
कितने दिनो बाद दर्शन हुए है , आज तो पूरा दर्शन कर लूँगा
रानी के बदन पर वॉटर के ड्रॉप देख कर मेरे मूह मे पानी आ गया.
रानी के गीले बाल उसके चेहरे पे आ गये थे. उन बालो से गिरता हुया पानी रानी के बदन को गीला कर रहा था.
रानी का एक पैर उपर उठा हुआ था ,भागने वाली पोज़िशन मे
मैं रानी के पीछे चला गया .और उसके उपर उठे हुए पैर को अपने हाथो मे पकड़ कर उसपे किस किया.
किस करने से रानी के बदन मे प्यार की लहर दौड़ गयी पर वो खुद को कंट्रोल करते हुए स्टॅच्यू बनी रही.
मैं उसके पैरो पे किस करते हुए उपर जाने लगा तो उसके पैर कापने लगे.
मैं उसके गीले बदन पे किस करके और गीला करने लगा
एक पैर पे खड़े रहने से रानी को प्राब्लम हो रही थी. और उसके पैर कापने से वो अपना कंट्रोल खोती जा रही थी,
मैं ने उसके पैरो पे किस करना बंद किया .और खड़ा होकर उसके सामने आ गया.
रानी का दिल जोरो से धड़क रहा था
.
अब मैं क्या करूँगा इस बात से उसके पसीने निकल रहे होंगे पर गीले बदन से मैं उसके डर को पहचान नही पा रहा था
वॉटर के के ड्रॉप रानी के होंठो पर अपना का कब्जा कर रहे थे
मैं ने रानी के नशीले होंठो को , उसके गीले होंठो को अपने होंठो से मिला दिया
मैं ने उसके हाथो पे किस किया ,रानी आँखे तिर्छि करके मुझे देखने लगी.
मैं रानी के हाथो पर किस करते हुए उसके गर्दन के पास आ गया.
रानी को मेरा प्यार करना अच्छा लग रहा था .जिस से वो स्टॅच्यू बन कर खड़ी थी.
वरना वो भाग कर बाथरूम मे चली जाती
या फिर रानी चैक कर रही होगी कि मैं क्या करता हूँ, सिचुयेशन का अड्वॅंटेज लेता हूँ कि नही ये देखने के लिए स्टॅच्यू बनी हुई थी
मेरे रानी की गर्दन पे किस करने से उसके बदन मे गुदगुदी होने लगी.
रानी ने अपना सर थोड़ा हिला दिया .पर मैं रुका नही , और उसके गर्दन पे हर जगह किस करने लगा.
उसके बदन पे जितने पानी के ड्रॉप थे उनको पीने लगा
रानी के बदन को छुते ही वो पानी अमृत बन गया था
फिर भी रानी अनफ्ररीज़ नही हुई. वैसी खड़ी रह कर मुझे प्यार करने दे रही थी.
उसकी साँसे और धड़कने तेज चल रही थी.
उसके पैर काप रहे थे फिर भी वो अनफ्ररीज़ नही हुई
रानी के होंठ मेरे होंठो से मिलना चाहते थे पर इस मिलन के लिए अभी टाइम था
गर्दन पर किस करने के बाद मैं ने अपना हाथ टवल पे रख दिया.
टवल पे हाथ रखते ही रानी की धड़कने और तेज हो गयी. और उसकी आँखे बड़ी हो गयी.
रानी ने मुझे रोकने की कोशिस नही की , बल्कि अपनी आँखे बंद की ताकि मैं उसे प्यार कर सकूँ
कितने दिन हो गये रानी की खूबसूरती को बिना कपड़ो के देखे हुए
आज मिले हुए गोल्डन चान्स को खो नही सकता.
मैं ने टवल को खोल दिया .टवल नीचे गिर गया ,टवल ने रानी का बदन का साथ छोड़ दिया.
रानी की खूबसूरती मेरी आँखो मे क़ैद हो गयी
रानी बिना टवल के मेरे सामने खड़ी थी. पर ये क्या रानी ने ब्रा और पैंटी पहन रखी है
ये चीटिंग है , मुझे लगा उसने अभी तक अपने बदन को टवल से पोछा नही होगा , जो पानी के ड्रॉप रानी के बदन पे थे वो उसके बालो से गिर रहे थे
ये तो चीटिंग है. पर कोई बात नही, रानी को ब्रा पैंटी मे देखना ,ये मेरे लिए एक ख्वाब जैसा था
रानी का खूबसूरत ,नशीला बदन सिर्फ़ 2 कपड़ो मे देख कर मेरे दिल मे पटाखे फूटने लगे.
मेरी आँखे तो इस के सिवा कुछ और देखना नही चाहती थी ,
रानी ने अपनी फिगर को अच्छे से मेनटेन करके रखा था.
मैं रानी को गोल गोल घूमकर उसे देखने लगा.
रानी शरमा रही थी. पर वो वैसी ही स्टॅच्यू बन कर खड़ी थी.
रानी ने मुझे रोका नही टोका नही अपने बदन को छुपाया नही ,
उसे मेरा प्यार करना पसंद ना आए ये हो ही नही सकता ,पर वो देखना चाहती थी कि मुझे उसका प्रोमिस जो उसकी मम्मी ने दिया था याद है कि नही.
वो मुझे रोकेगी तो नही पर मुझे उसका प्रॉमिस टूटने नही देना होगा.
मैं ने रानी के बूब्स को ब्रा के उपर से किस किया.
मेरे किस करते रानी ने अपनी आँखे फिर से बंद की, वो बस इतना हो कर सकती थी
क्यू की रानी फ़्रीज़ ही चुकी थी
रानी आँखे बंद करके क्या सोच रही होगी ये मुझे पता था.
उसे लग रहा होगा कि एक तो मैं ब्रा खोलूँगा या फिर नीचे किस करूँगा
या फिर उसकी नाभि पे किस करके प्यार करता जाउन्गा
पर मैं इतने मे ही खुश था
रानी की खूबसूरती को देख कर मेरे दिल को सुकून मिला
मैं ने बेड पर रखी हुई टीशर्ट उठा ली और रानी को पहनाने लगा.
टीशर्ट पहनाने से रानी ने आँखे खोल दी और मुझे देखती रह गयी.
मैं ने रानी को टीशर्ट पहना दी. और बेड पर से उसकी सलवार उठा ली.
और मैं रानी की कमर के सामने बैठ गया.
और रानी की आँखो मे देखने के बाद मैं ने रानी की प्यारी पैंटी मे छुपी हुई मेरी जान को किस किया.
इस किस से रानी को मेरा प्यार मिल गया.
ऐसा प्यार जिसमे सिर्फ़ प्यार नही , एक विश्वास था. रेस्पेक्ट थी,
रानी को मुझसे जो चाहिए था वो सब कुछ एक किस ने उसे दे दिया.
रानी को किस करने के बाद मैं ने उसे सलवार पहना दी.
फिर भी रानी वैसी ही खड़ी थी. स्टॅच्यू बन कर.
मैं ने उसे फ़्रीज़ किया था, अब मेरे प्यार की गर्मी उसे अनफ्ररीज़ कर देगी.
मैं अपने होंठ रानी के होंठो के पास ले गया.
और रानी को अपने प्यार की गरमी देने लगा.
रानी के होंठो का रस पीते हुए अपनी गरम सासो से उसे पिघलाने लगा.
रानी मेरे प्यार की गर्मी मे पिघल गयी. और मुझे किस करने मे साथ देने लगी.
रानी को किस करते हुए मेरी नज़र गेट की तरफ गयी.
गेट के पास आंटी खड़ी होकर हमे देख रही थी. आंटी की आँखो मे खुशी के आसू थे.
आंटी को जो मुझसे उम्मीद थी उस पे मैं सही साबित हुआ.
आंटी ने हमे डिस्ट्रब नही किया और कमरे से बाहर चली गयी.
मैं ने रानी को लंबा किस किया .जिस से रानी खुश हो गयी.
रानी-अवी
अवी-कुछ मत कहो ,मुझे तुम्हारी धड़कने सुन ने दो
मैं रानी के गले लग कर उसकी धड़कनो मे छुपा हुआ प्यार फील करने लगा.
अवी-रानी
रानी- अवी आइ लव यू
अवी-लव यू टू
रानी-तुम ने इतना अच्छा मोका गवाँ दिया.
अवी-मुझे जितना प्यार करना था कर लिया.
रानी- कुछ भी तो नही किया
अवी-बाथरूम जाकर अपनी पैंटी चेंज कर लेना
रानी- क्या?
और रानी ने मुझे धक्का दे दिया.
रानी- तुम्हे तो मैं बाद मे देख लूँगी.
अवी-मैं ने तो तुम्हे देख भी लिया है. अगर चाहो मैं खुद को दिखा सकता हूँ.
रानी- मुझे नही देखना
अवी-देख लो ,
रानी-नही देखना है
अवी-क्यू डर रही हो ,फिर से गीली ना हो जाओ
रानी- तुम ,जाओ मैं तुम से बात नही करूँगी.
अवी-मत करो, बस प्यार करते रहना.
रानी-वो भी...
रानी की बात पूरी होने से पहले मैं ने उसे किस करके मूह बंद कर दिया.
अवी-ऐसा मज़ाक मे भी मत कहना.
रानी-इतना प्यार करते हो.
अवी-फिर से करके दिखाऊ
रानी- नही, और दुबारा फ़्रीज़ करोगे तो बता देना ,मैं पहले नही नहाउन्गी
अवी-क्यूँ?
रानी- क्यूँ कि मुझे फिर से नहाना होगा.
इस का मतलब मैं जानता था
और रानी टवल लेकर फिर से बाथरूम मे चली गयी.
और मैं आंटी के पास जाकर उनको भरोसा दिलाया कि हम शादी से पहले कुछ नही करेंगे.
फिर रानी के फ्रेश होते हम ने खाना खा लिया. और रानी मुझे अपने टूर की बाते बताने लगी.
रानी जिस तरह बता रही थी उस से मुझे बस सुनते रहने का मन हो रहा था.
पर समय ही नही होता मेरे पास.
रानी की प्यारी प्यारी बाते सुन ने के बाद मैं घर चला गया.
ऐसे ही 2 दिन मैं ने गुज़ार दिए
सुबह कसरत करना. फिर चाची के साथ बाते करना, बच्चो के साथ खेलना उनको प्यार करना.
शाम मे कोमल के साथ खेत मे जाना ,उसके साथ हसी मज़ाक करना. रात मे पढ़ाई करने सो जाना.
फिर वो दिन आ गया .
आज रानी अपनी मम्मी के साथ वापस आ रही थी.
रानी ने सुबह मुझे मसाज करके बताया कि वो शाम तक पहोच जाएँगे.
रानी का ये अच्छा था जो वो अपनी मम्मी के साथ कुछ समय प्यार के साथ एंजाय करती है.
आंटी भी अपने काम को अलग रख कर पूरा समय रानी के लिए निकालती थी.
वैसे तो रानी 1 महीने के लिए अपनी मम्मी के साथ घूमने जाती थी ,पर क्लासस की वजह से सिर्फ़ 1 हफ्ते के लिए घूमने गयी थी और दूसरी वजह मैं था ,मुझसे इतने दिन दूर कैसे रहती ,
रानी आ रही थी. क्यू ना रेलवे स्टेशन पे जाकर रानी को पिकप कर लूँ.
रानी को मुझे देख कर डबल खुशी होगी.
मैं चाची को बता रानी को मिलने के लिए चला गया.
शॉप से रानी के लिए एक गिफ्ट लेने के बाद मैं रेलवे स्टेशन पे चला गया
मेरे आते ही ट्रेन भी आ गयी.पासेंगेर ट्रेन से निकलने लगे .और मुझे जिसका इंतज़ार था वो भी ट्रेन से बाहर आ गयी.
रानी के ट्रेन से उतरते उसकी नज़र मुझपे पड़ी. मुझे देखते रानी ने बॅग वही रख दिया और भाग कर मेरे गले लग गयी.
उसके गले लगने से,उसने जिस तरह मुझे कस के गले लगाया .उस से पता चल गया कि रानी ने मुझे कितना मिस किया.
रानी ने मुझे ऐसे लगे लगाया कि कभी मुझसे दूर होना ही नही चाहती हो.
आंटी रानी का बॅग लेकर हमारे पास आ गयी.
रानी की मम्मी-रानी ,हम रेलवे स्टेशन पे है. कुछ तो ख़याल रखो
आंटी की बात सुनते मैं ने रानी को खुद से अलग किया.
रानी की मम्मी-रानी, घर जाकर अपना प्यार दिखाना ,सब यहाँ तुम्हे देख रहे है
अवी-आंटी कैसा रहा टूर
रानी की मम्मी-तुम आते तो अच्छा रहता
अवी-क्यूँ?
रानी की मम्मी-वो सब घर जाकर बताउन्गी. चलो यहाँ से
मैं ने रानी का बॅग उठा लिया और हम स्टेशन से बाहर आ गये. रानी चुप चाप मेरे पीछे पीछे आ रही थी.
टॅक्सी लेकर हम घर आ गये .घर आते ही रानी ने अपनी मम्मी की तरफ देखा.
रानी की मम्मी-अब क्या देख रही हो ,मिल लो अवी से
रानी ने मुझे गले लगा लिया.
रानी- तुम्हे मैं ने बहुत मिस किया.
अवी-मैं ने भी, तभी तो स्टेशन तक लेने आ गया.
रानी-आज के बाद मैं कही नही जाउन्गी
अवी-मत जाना, अब बताओ कैसा रहा टूर
रानी- अच्छा था पर तुम्हारे बिना मज़ा नही आया.
रानी की मम्मी-जब देखो तब तुम्हारा नाम ले रही थी. अवी यहाँ होता तो हम ये करते,अवी होता तो वो करते, मुझे तो भूल ही गयी थी ,
अवी-रानी ये अच्छी बात नही है , मम्मी का टाइम मम्मी के लिए देना चाहिए
रानी- मैं तो......
अवी-ये ग़लत है. हम बाकी समय तो रहते हैना साथ मे फिर आंटी के साथ कुछ दिन मिलते है वो उनको मिलने चाहिए कि नही.
रानी-तुम सही कह रहे हो
अवी-तो सॉरी बोलो आंटी को
रानी की मम्मी-इसकी कोई ज़रूरत नही है. बस रानी को बात समझ मे आ गयी इतना काफ़ी है.
रानी- सॉरी मम्मी
रानी की मम्मी-मेरी प्यारी बेटी के मूह से सॉरी वर्ड अच्छा नही लगता.
अवी-अब बताओ क्या क्या किया
रानी- पहले हम
रानी को आंटी ने रोक दिया.
रानी मम्मी-रानी पहले फ्रेश हो जाओ,फिर आराम से बात करना
रानी- बाद मे हो जाउन्गी.
अवी-मैं यही पर हूँ. जाओ फ्रेश हो जाओ ,
रानी-जाना मत
अवी-नही जाउन्गा.
रानी ने बॅग से अपने कपड़े निकाल दिए और भाग कर बाथरूम मे चली गयी.
अवी-आंटी कैसा रहा टूर
रानी की मम्मी- अच्छा था. और तुम ने स्टेशन मे आकर बहुत अच्छा बना दिया.
अवी-रानी के लिए आना ही था. उसे मुझे देख कर सबसे ज़्यादा खुशी हुई है.
रानी की मम्मी- हाँ, रानी तुम्हारे आने से खुद को रोक नही पाई.
अवी-आपको बुरा नही लगा ,रानी का इस तरह मेरे गले लगना.
रानी की मम्मी- मैं तो खुश हूँ तुम दोनो का प्यार देख कर.
अवी-अच्छा है कि आपकी लव मॅरेज हुई जिस से आपको कोई अतराज़ नही था
रानी की मम्मी- ऐसा नही है. तुम मे इतनी खूबिया हैकि कौन ना करेगा. और तुम्हारे नेचर के बारे मे मुझे अच्छे से पता है. और रही बात लव मॅरेज की तो मैं अपने माता पिता की तरह मना करके ग़लत नही करना चाहती.
अवी-ये लीजिए ,मैं ने खाना पार्सल करके लाया था.
रानी की मम्मी- इसकी क्या ज़रूरत थी.
आंटी खाना लेकर किचन मे चली गयी और मैं रानी के कमरे मे चला गया.
मेरे और रानी के कमरे मे आने का टाइम सेम था,रानी भी बाथरूम से बाहर आ गयी.
रानी सिर्फ़ टवल मे बाहर आ गयी. रानी को टवल मे देखते ही मैं ने सीटी बजा दी.
रानी- तुम यहाँ ,
और रानी वापस बाथरूम मे जाने के लिए पलटी थी कि
अवी-फ़्रीज़
रानी वही पर रुक गयी. और स्टॅच्यू बन गयी.
अब तो रानी गयी काम से .
एक तो वो टवल मे है और दूसरी तरफ वो स्टॅच्यू बन गयी है.
मैं शैतानी हँसी के साथ रानी के पास जाने लगा
रानी सोच रही होंगी अब तो वो गयी काम से
शिकार खुद शिकारी के हाथ मे आ गया
मैं रानी के सामने जाकर खड़ा हो गया .और रानी के गीले बदन को देखने लगा.
रानी मेरी तरफ देख रही थी मेरी हसी से उसे अंदाज़ा जो गया कि उसका शिकार होने वाला है
मैं तो रानी के खूबसूरत बदन को देखता रह गया
कितने दिनो बाद दर्शन हुए है , आज तो पूरा दर्शन कर लूँगा
रानी के बदन पर वॉटर के ड्रॉप देख कर मेरे मूह मे पानी आ गया.
रानी के गीले बाल उसके चेहरे पे आ गये थे. उन बालो से गिरता हुया पानी रानी के बदन को गीला कर रहा था.
रानी का एक पैर उपर उठा हुआ था ,भागने वाली पोज़िशन मे
मैं रानी के पीछे चला गया .और उसके उपर उठे हुए पैर को अपने हाथो मे पकड़ कर उसपे किस किया.
किस करने से रानी के बदन मे प्यार की लहर दौड़ गयी पर वो खुद को कंट्रोल करते हुए स्टॅच्यू बनी रही.
मैं उसके पैरो पे किस करते हुए उपर जाने लगा तो उसके पैर कापने लगे.
मैं उसके गीले बदन पे किस करके और गीला करने लगा
एक पैर पे खड़े रहने से रानी को प्राब्लम हो रही थी. और उसके पैर कापने से वो अपना कंट्रोल खोती जा रही थी,
मैं ने उसके पैरो पे किस करना बंद किया .और खड़ा होकर उसके सामने आ गया.
रानी का दिल जोरो से धड़क रहा था
.
अब मैं क्या करूँगा इस बात से उसके पसीने निकल रहे होंगे पर गीले बदन से मैं उसके डर को पहचान नही पा रहा था
वॉटर के के ड्रॉप रानी के होंठो पर अपना का कब्जा कर रहे थे
मैं ने रानी के नशीले होंठो को , उसके गीले होंठो को अपने होंठो से मिला दिया
मैं ने उसके हाथो पे किस किया ,रानी आँखे तिर्छि करके मुझे देखने लगी.
मैं रानी के हाथो पर किस करते हुए उसके गर्दन के पास आ गया.
रानी को मेरा प्यार करना अच्छा लग रहा था .जिस से वो स्टॅच्यू बन कर खड़ी थी.
वरना वो भाग कर बाथरूम मे चली जाती
या फिर रानी चैक कर रही होगी कि मैं क्या करता हूँ, सिचुयेशन का अड्वॅंटेज लेता हूँ कि नही ये देखने के लिए स्टॅच्यू बनी हुई थी
मेरे रानी की गर्दन पे किस करने से उसके बदन मे गुदगुदी होने लगी.
रानी ने अपना सर थोड़ा हिला दिया .पर मैं रुका नही , और उसके गर्दन पे हर जगह किस करने लगा.
उसके बदन पे जितने पानी के ड्रॉप थे उनको पीने लगा
रानी के बदन को छुते ही वो पानी अमृत बन गया था
फिर भी रानी अनफ्ररीज़ नही हुई. वैसी खड़ी रह कर मुझे प्यार करने दे रही थी.
उसकी साँसे और धड़कने तेज चल रही थी.
उसके पैर काप रहे थे फिर भी वो अनफ्ररीज़ नही हुई
रानी के होंठ मेरे होंठो से मिलना चाहते थे पर इस मिलन के लिए अभी टाइम था
गर्दन पर किस करने के बाद मैं ने अपना हाथ टवल पे रख दिया.
टवल पे हाथ रखते ही रानी की धड़कने और तेज हो गयी. और उसकी आँखे बड़ी हो गयी.
रानी ने मुझे रोकने की कोशिस नही की , बल्कि अपनी आँखे बंद की ताकि मैं उसे प्यार कर सकूँ
कितने दिन हो गये रानी की खूबसूरती को बिना कपड़ो के देखे हुए
आज मिले हुए गोल्डन चान्स को खो नही सकता.
मैं ने टवल को खोल दिया .टवल नीचे गिर गया ,टवल ने रानी का बदन का साथ छोड़ दिया.
रानी की खूबसूरती मेरी आँखो मे क़ैद हो गयी
रानी बिना टवल के मेरे सामने खड़ी थी. पर ये क्या रानी ने ब्रा और पैंटी पहन रखी है
ये चीटिंग है , मुझे लगा उसने अभी तक अपने बदन को टवल से पोछा नही होगा , जो पानी के ड्रॉप रानी के बदन पे थे वो उसके बालो से गिर रहे थे
ये तो चीटिंग है. पर कोई बात नही, रानी को ब्रा पैंटी मे देखना ,ये मेरे लिए एक ख्वाब जैसा था
रानी का खूबसूरत ,नशीला बदन सिर्फ़ 2 कपड़ो मे देख कर मेरे दिल मे पटाखे फूटने लगे.
मेरी आँखे तो इस के सिवा कुछ और देखना नही चाहती थी ,
रानी ने अपनी फिगर को अच्छे से मेनटेन करके रखा था.
मैं रानी को गोल गोल घूमकर उसे देखने लगा.
रानी शरमा रही थी. पर वो वैसी ही स्टॅच्यू बन कर खड़ी थी.
रानी ने मुझे रोका नही टोका नही अपने बदन को छुपाया नही ,
उसे मेरा प्यार करना पसंद ना आए ये हो ही नही सकता ,पर वो देखना चाहती थी कि मुझे उसका प्रोमिस जो उसकी मम्मी ने दिया था याद है कि नही.
वो मुझे रोकेगी तो नही पर मुझे उसका प्रॉमिस टूटने नही देना होगा.
मैं ने रानी के बूब्स को ब्रा के उपर से किस किया.
मेरे किस करते रानी ने अपनी आँखे फिर से बंद की, वो बस इतना हो कर सकती थी
क्यू की रानी फ़्रीज़ ही चुकी थी
रानी आँखे बंद करके क्या सोच रही होगी ये मुझे पता था.
उसे लग रहा होगा कि एक तो मैं ब्रा खोलूँगा या फिर नीचे किस करूँगा
या फिर उसकी नाभि पे किस करके प्यार करता जाउन्गा
पर मैं इतने मे ही खुश था
रानी की खूबसूरती को देख कर मेरे दिल को सुकून मिला
मैं ने बेड पर रखी हुई टीशर्ट उठा ली और रानी को पहनाने लगा.
टीशर्ट पहनाने से रानी ने आँखे खोल दी और मुझे देखती रह गयी.
मैं ने रानी को टीशर्ट पहना दी. और बेड पर से उसकी सलवार उठा ली.
और मैं रानी की कमर के सामने बैठ गया.
और रानी की आँखो मे देखने के बाद मैं ने रानी की प्यारी पैंटी मे छुपी हुई मेरी जान को किस किया.
इस किस से रानी को मेरा प्यार मिल गया.
ऐसा प्यार जिसमे सिर्फ़ प्यार नही , एक विश्वास था. रेस्पेक्ट थी,
रानी को मुझसे जो चाहिए था वो सब कुछ एक किस ने उसे दे दिया.
रानी को किस करने के बाद मैं ने उसे सलवार पहना दी.
फिर भी रानी वैसी ही खड़ी थी. स्टॅच्यू बन कर.
मैं ने उसे फ़्रीज़ किया था, अब मेरे प्यार की गर्मी उसे अनफ्ररीज़ कर देगी.
मैं अपने होंठ रानी के होंठो के पास ले गया.
और रानी को अपने प्यार की गरमी देने लगा.
रानी के होंठो का रस पीते हुए अपनी गरम सासो से उसे पिघलाने लगा.
रानी मेरे प्यार की गर्मी मे पिघल गयी. और मुझे किस करने मे साथ देने लगी.
रानी को किस करते हुए मेरी नज़र गेट की तरफ गयी.
गेट के पास आंटी खड़ी होकर हमे देख रही थी. आंटी की आँखो मे खुशी के आसू थे.
आंटी को जो मुझसे उम्मीद थी उस पे मैं सही साबित हुआ.
आंटी ने हमे डिस्ट्रब नही किया और कमरे से बाहर चली गयी.
मैं ने रानी को लंबा किस किया .जिस से रानी खुश हो गयी.
रानी-अवी
अवी-कुछ मत कहो ,मुझे तुम्हारी धड़कने सुन ने दो
मैं रानी के गले लग कर उसकी धड़कनो मे छुपा हुआ प्यार फील करने लगा.
अवी-रानी
रानी- अवी आइ लव यू
अवी-लव यू टू
रानी-तुम ने इतना अच्छा मोका गवाँ दिया.
अवी-मुझे जितना प्यार करना था कर लिया.
रानी- कुछ भी तो नही किया
अवी-बाथरूम जाकर अपनी पैंटी चेंज कर लेना
रानी- क्या?
और रानी ने मुझे धक्का दे दिया.
रानी- तुम्हे तो मैं बाद मे देख लूँगी.
अवी-मैं ने तो तुम्हे देख भी लिया है. अगर चाहो मैं खुद को दिखा सकता हूँ.
रानी- मुझे नही देखना
अवी-देख लो ,
रानी-नही देखना है
अवी-क्यू डर रही हो ,फिर से गीली ना हो जाओ
रानी- तुम ,जाओ मैं तुम से बात नही करूँगी.
अवी-मत करो, बस प्यार करते रहना.
रानी-वो भी...
रानी की बात पूरी होने से पहले मैं ने उसे किस करके मूह बंद कर दिया.
अवी-ऐसा मज़ाक मे भी मत कहना.
रानी-इतना प्यार करते हो.
अवी-फिर से करके दिखाऊ
रानी- नही, और दुबारा फ़्रीज़ करोगे तो बता देना ,मैं पहले नही नहाउन्गी
अवी-क्यूँ?
रानी- क्यूँ कि मुझे फिर से नहाना होगा.
इस का मतलब मैं जानता था
और रानी टवल लेकर फिर से बाथरूम मे चली गयी.
और मैं आंटी के पास जाकर उनको भरोसा दिलाया कि हम शादी से पहले कुछ नही करेंगे.
फिर रानी के फ्रेश होते हम ने खाना खा लिया. और रानी मुझे अपने टूर की बाते बताने लगी.
रानी जिस तरह बता रही थी उस से मुझे बस सुनते रहने का मन हो रहा था.
पर समय ही नही होता मेरे पास.
रानी की प्यारी प्यारी बाते सुन ने के बाद मैं घर चला गया.
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(मैं और मेरा परिवार Running )........
(रेशमा - मेरी पड़ोसन complete).....(मेरी मस्तानी समधन complete)......
(भूत प्रेतों की कहानियाँ complete)....... (इंसाफ कुदरत का complete).... (हरामी बेटा compleet )-.....(माया ने लगाया चस्का complete). (Incest-मेरे पति और मेरी ननद complete ).
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Re: मैं और मेरा परिवार
799
रानी के आने से कोमल भी उस से मिलना चाहती थी
मंडे से उनके क्लासस सुरू होने वाले थे. जिस से कोमल रानी से मिलने जाना चाहती थी.
कोमल को कुछ करना हो और मैं पूरा ना करू ये हो नही सकता.
मैं ने कोमल को तय्यार रहने को कहा.
वैसे भी मुझे आज मिसेज़ वर्मा से मिलना था.
कोमल को रानी के पास छोड़ कर मैं मिसेज़ वर्मा के पास जा सकता हूँ.
मैं ने छोटी चाची को बता दिया कि मैं मिसेज़ वर्मा से मिलने जा रहा हूँ.
सी चाची- अचानक मिसेज़ वर्मा से मिलने क्यूँ जा रहे हो
अवी-वो पंकज के मार्क बढ़ाने
सी चाची- ये अच्छी बात नही है. 36 मार्क अगर मेहनत से मिलते है वो 99 मार्क से ज़्यादा खुशी देते है
अवी-मैं अपने लिए नही माँग रहा हूँ.
सी चाची-किसी के लिए भी हो ,ये ग़लत है,अगर पंकज को इतना डर था तो पढ़ाई क्यू नही की उसने
अवी-वो पढ़ाई करके आराम से पास हो जाता. पर
सी चाची- पर क्या
अवी-उसकी ऐसी हालत मेरी वजह से हुई है. जो वो फैल हो सकता है.
सी चाची- तुम्हारी वजह से
अवी-आपको सब बता देता हूँ
और मैं ने छोटी चाची को मेले से लेके एग्ज़ॅम तक सब बता दिया.
सी चाची- तो ये बात है.
अवी-क्या करू मैं ,आप ही बताइए.
सी चाची- तूने उनके अच्छे के लिए ब्रेकप करवाया ,पर उसका असर एग्ज़ॅम पर हुआ. अगर वो फैल होते है तो तेरी वजह से होगे
अवी-ग़लती मेरी है. मुझे क्या करना चाहिए
सी चाची- जा मिल ले मिसेज़ वर्मा से
अवी-उनको पास करवा दूं
सी चाची-करवा दो, पर तुम कभी अपने लिए ऐसा मत करना. तुम्हे 36 मार्क मिलेतो मुझे उतनी ही खुशी होगी जितनी 99 मार्क मिलने पे , क्यू कि वो तुम्हारे मेहनत से मिल होगे. पर अगर मार्क बढ़ाए होगे तो मुझे बहुत बुरा लगेगा.
अवी-मैं अपने लिए कभी ऐसा नही करूँगा.
सी चाची- मुझे तुझ पर खुद से ज़्यादा भरोसा है. जा मिल ले मिसेज़ वर्मा से ,मैं यहाँ संभाल लूँगी.
चाची की इजाज़त मिलते ही मैं कोमल को लेकर रानी के घर आ गया.
रानी और कोमल ने एक दूसरे को देखते ही ऐसे मिली जैसे वो फ्रेंड नही बहनें हो
कोमल-तू तो मुझे भूल ही गयी. एक भी कॉल नही किया
रानी-मम्मी ने मना किया था. मम्मी के साथ एंजाय करना चाहती थी जिस की वजह से कॉल नही किया.
कोमल-कॉल तो कर सकती थी ना ,
रानी-सॉरी ,
कोमल-ठीक है. बता वहाँ क्या क्या किया था.
अवी-कोमल तुम आराम से रानी के साथ बाते करो ,मैं पंकज के घर जाकर आता हूँ
कोमल-तुम हमेशा ऐसा करते हो, मुझे अकेला छोड़ कर भाग जाते हो
अवी-मैं इस लिए कह रहा था कि तुम दोनो फ्रीली बाते कर सको. वो कहते हैना लड़कियो की गॉसिप
रानी-लड़कियो की गॉसिप , अवी कह तो सही रहा है
कोमल-कब तक आओगे
अवी-तुम्हारे कॉल करते ही 20 मिनट मे आ जाउन्गा.
रानी और कोमल को बाते करने मे मेरी वजह से परेशानी ना हो इस लिए पंकज के घर जाने का बहाना करके चला गया.
पंकज को कॉल करके उसका रोल नंबर माँग लिया.
फोन पर पंकज और उसकी गर्लफ्रेंड की शीष्कारियो की आवाज़ आ रही थी.
लगता है सच मे हनीमून मना रहे है
उनको हनी मून मनाने देता हूँ और मैं मिसेज़ वर्मा के साथ एंजाय करता हूँ
मिसेज़ वर्मा ने अपने पति और बच्चो को उनके दादाजी के पास भेज दिया.
मतलब आज मिसेज़ वर्मा पूरी कसर निकालने के मूड मे है.
मिसेज़ वर्मा के घर जाकर मैं ने गेट पर नोक किया
ये क्या गेट एक लड़की ने खोला .
मिसेज़ वर्मा ने कहा था कि उनके बच्चे गाओं गये है.
फिर ये कौन है. ये तो काफ़ी बड़ी है. ये मिसेज़ वर्मा की बेटी नही हो सकती.
मिसेज़ वर्मा 32 की है और ये लड़की 18 की लग रही है. ये मिसेज़ वर्मा की बेटी नही हो सकती.
लड़की-किस से मिलना है
अवी-वर्मा मेडम से
मिसेज़ वर्मा-कौन है
लड़की-आपका स्टूडेंट लग रहा है.
मिसेज़ वर्मा-नाम पूछ लो
लड़की-तुम्हारा नाम क्या है
अवी-अवी
लड़की-उसका नाम अवी है.
मेरा नाम सुनते मिसेज़ वर्मा अपने बेडरूम से बाहर आ गयी.
मिसेज़ वर्मा-अवी आओ,अंदर आ जाओ
मैं अंदर आकर सोफे पर बैठ गया.
मिसेज़ वर्मा ने नाइटी ड्रेस पहन रखा था. उनके शरीर पर आयिल लगा हुआ था.
लगता है मिसेज़ वर्मा मालिश करवा रही थी
मिसेज़ वर्मा- तुम तो जल्दी आ गये
मैं ने जवाब नही दिया .और इशारा करके उस लड़की के बारे मे पूछा.
मिसेज़ वर्मा-पहले तुम दोनो की पहचान करवा देती हूँ. अवी ये मेरे नेबर मे रहती है. मेरी खास स्टूडेंट है.करीना है
अवी-हेलो
करीना- हाई
मिसेज़ वर्मा- इतनी जल्दी कैसे आ गये
अवी-फ्रेंड्स से मिलने आया था. वो घर पे नही मिला तो यही आ गया.
मिसेज़ वर्मा- अच्छा किया जल्दी आ गया. हमे ज़्यादा समय मिलेगा
अवी-आप के बदन पे आयिल लगा हुआ है.
मिसेज़ वर्मा- मैं मालिश करवा रही थी ,
अवी-आप मालिश करवा लो ,बाद मे बात करते है.
मिसेज़ वर्मा- मालिश हो गयी. बस नहा लेती हूँ
अवी-इसका काम हो गया होगा तो अपने घर भेज दीजिए.
मिसेज़ वर्मा- ये मेरी खास स्टूडेंट है
अवी-तो
मिसेज़ वर्मा- तो ये वर्जिन है
वर्जिन नाम सुनते वो शरमा गयी.
अवी-मतलब
मिसेज़ वर्मा- तुम इसके साथ बाते करो ,मैं नहा कर आती हूँ.
अवी-आराम से नहा लेना ,तब तक मैं आपकी स्टूडेंट की नालेज चेक करता हूँ कि उसे आपने क्या सिखाया है.
मिसेज़ वर्मा- कर लो ,पर प्रॅक्टिकल पहले टीचर करेंगी फिर स्टूडेंट
अवी-जैसा आप कहेंगी वैसा ही होगा.
मिसेज़ वर्मा-टी शरबत कुछ बना लूँ
अवी-शरबत तो आपका पीऊंगा
मिसेज़ वर्मा- पी लेना ,आज शरबत की कमी नही होगी.
अवी-मैं भी खाली पेट आया हूँ. पूरा शरबत पी कर जाउन्गा.
मिसेज़ वर्मा- तुम से जीतना मुश्किल है. मैं नहा कर आती हूँ
मिसेज़ वर्मा बाथरूम मे चली गयी.
मिसेज़ वर्मा ने तो बढ़िया काम कर दिया.
मेरे लिए एक वर्जिन का इंतज़ाम कर दिया.
चलो पहले पहचान तो बढ़ा लेते है.
ये है कौन है ,कहाँ रहती ,किस क्लास मे है, मिसेज़ वर्मा ने क्या सिखाया है.देख तो लूँ
रानी के आने से कोमल भी उस से मिलना चाहती थी
मंडे से उनके क्लासस सुरू होने वाले थे. जिस से कोमल रानी से मिलने जाना चाहती थी.
कोमल को कुछ करना हो और मैं पूरा ना करू ये हो नही सकता.
मैं ने कोमल को तय्यार रहने को कहा.
वैसे भी मुझे आज मिसेज़ वर्मा से मिलना था.
कोमल को रानी के पास छोड़ कर मैं मिसेज़ वर्मा के पास जा सकता हूँ.
मैं ने छोटी चाची को बता दिया कि मैं मिसेज़ वर्मा से मिलने जा रहा हूँ.
सी चाची- अचानक मिसेज़ वर्मा से मिलने क्यूँ जा रहे हो
अवी-वो पंकज के मार्क बढ़ाने
सी चाची- ये अच्छी बात नही है. 36 मार्क अगर मेहनत से मिलते है वो 99 मार्क से ज़्यादा खुशी देते है
अवी-मैं अपने लिए नही माँग रहा हूँ.
सी चाची-किसी के लिए भी हो ,ये ग़लत है,अगर पंकज को इतना डर था तो पढ़ाई क्यू नही की उसने
अवी-वो पढ़ाई करके आराम से पास हो जाता. पर
सी चाची- पर क्या
अवी-उसकी ऐसी हालत मेरी वजह से हुई है. जो वो फैल हो सकता है.
सी चाची- तुम्हारी वजह से
अवी-आपको सब बता देता हूँ
और मैं ने छोटी चाची को मेले से लेके एग्ज़ॅम तक सब बता दिया.
सी चाची- तो ये बात है.
अवी-क्या करू मैं ,आप ही बताइए.
सी चाची- तूने उनके अच्छे के लिए ब्रेकप करवाया ,पर उसका असर एग्ज़ॅम पर हुआ. अगर वो फैल होते है तो तेरी वजह से होगे
अवी-ग़लती मेरी है. मुझे क्या करना चाहिए
सी चाची- जा मिल ले मिसेज़ वर्मा से
अवी-उनको पास करवा दूं
सी चाची-करवा दो, पर तुम कभी अपने लिए ऐसा मत करना. तुम्हे 36 मार्क मिलेतो मुझे उतनी ही खुशी होगी जितनी 99 मार्क मिलने पे , क्यू कि वो तुम्हारे मेहनत से मिल होगे. पर अगर मार्क बढ़ाए होगे तो मुझे बहुत बुरा लगेगा.
अवी-मैं अपने लिए कभी ऐसा नही करूँगा.
सी चाची- मुझे तुझ पर खुद से ज़्यादा भरोसा है. जा मिल ले मिसेज़ वर्मा से ,मैं यहाँ संभाल लूँगी.
चाची की इजाज़त मिलते ही मैं कोमल को लेकर रानी के घर आ गया.
रानी और कोमल ने एक दूसरे को देखते ही ऐसे मिली जैसे वो फ्रेंड नही बहनें हो
कोमल-तू तो मुझे भूल ही गयी. एक भी कॉल नही किया
रानी-मम्मी ने मना किया था. मम्मी के साथ एंजाय करना चाहती थी जिस की वजह से कॉल नही किया.
कोमल-कॉल तो कर सकती थी ना ,
रानी-सॉरी ,
कोमल-ठीक है. बता वहाँ क्या क्या किया था.
अवी-कोमल तुम आराम से रानी के साथ बाते करो ,मैं पंकज के घर जाकर आता हूँ
कोमल-तुम हमेशा ऐसा करते हो, मुझे अकेला छोड़ कर भाग जाते हो
अवी-मैं इस लिए कह रहा था कि तुम दोनो फ्रीली बाते कर सको. वो कहते हैना लड़कियो की गॉसिप
रानी-लड़कियो की गॉसिप , अवी कह तो सही रहा है
कोमल-कब तक आओगे
अवी-तुम्हारे कॉल करते ही 20 मिनट मे आ जाउन्गा.
रानी और कोमल को बाते करने मे मेरी वजह से परेशानी ना हो इस लिए पंकज के घर जाने का बहाना करके चला गया.
पंकज को कॉल करके उसका रोल नंबर माँग लिया.
फोन पर पंकज और उसकी गर्लफ्रेंड की शीष्कारियो की आवाज़ आ रही थी.
लगता है सच मे हनीमून मना रहे है
उनको हनी मून मनाने देता हूँ और मैं मिसेज़ वर्मा के साथ एंजाय करता हूँ
मिसेज़ वर्मा ने अपने पति और बच्चो को उनके दादाजी के पास भेज दिया.
मतलब आज मिसेज़ वर्मा पूरी कसर निकालने के मूड मे है.
मिसेज़ वर्मा के घर जाकर मैं ने गेट पर नोक किया
ये क्या गेट एक लड़की ने खोला .
मिसेज़ वर्मा ने कहा था कि उनके बच्चे गाओं गये है.
फिर ये कौन है. ये तो काफ़ी बड़ी है. ये मिसेज़ वर्मा की बेटी नही हो सकती.
मिसेज़ वर्मा 32 की है और ये लड़की 18 की लग रही है. ये मिसेज़ वर्मा की बेटी नही हो सकती.
लड़की-किस से मिलना है
अवी-वर्मा मेडम से
मिसेज़ वर्मा-कौन है
लड़की-आपका स्टूडेंट लग रहा है.
मिसेज़ वर्मा-नाम पूछ लो
लड़की-तुम्हारा नाम क्या है
अवी-अवी
लड़की-उसका नाम अवी है.
मेरा नाम सुनते मिसेज़ वर्मा अपने बेडरूम से बाहर आ गयी.
मिसेज़ वर्मा-अवी आओ,अंदर आ जाओ
मैं अंदर आकर सोफे पर बैठ गया.
मिसेज़ वर्मा ने नाइटी ड्रेस पहन रखा था. उनके शरीर पर आयिल लगा हुआ था.
लगता है मिसेज़ वर्मा मालिश करवा रही थी
मिसेज़ वर्मा- तुम तो जल्दी आ गये
मैं ने जवाब नही दिया .और इशारा करके उस लड़की के बारे मे पूछा.
मिसेज़ वर्मा-पहले तुम दोनो की पहचान करवा देती हूँ. अवी ये मेरे नेबर मे रहती है. मेरी खास स्टूडेंट है.करीना है
अवी-हेलो
करीना- हाई
मिसेज़ वर्मा- इतनी जल्दी कैसे आ गये
अवी-फ्रेंड्स से मिलने आया था. वो घर पे नही मिला तो यही आ गया.
मिसेज़ वर्मा- अच्छा किया जल्दी आ गया. हमे ज़्यादा समय मिलेगा
अवी-आप के बदन पे आयिल लगा हुआ है.
मिसेज़ वर्मा- मैं मालिश करवा रही थी ,
अवी-आप मालिश करवा लो ,बाद मे बात करते है.
मिसेज़ वर्मा- मालिश हो गयी. बस नहा लेती हूँ
अवी-इसका काम हो गया होगा तो अपने घर भेज दीजिए.
मिसेज़ वर्मा- ये मेरी खास स्टूडेंट है
अवी-तो
मिसेज़ वर्मा- तो ये वर्जिन है
वर्जिन नाम सुनते वो शरमा गयी.
अवी-मतलब
मिसेज़ वर्मा- तुम इसके साथ बाते करो ,मैं नहा कर आती हूँ.
अवी-आराम से नहा लेना ,तब तक मैं आपकी स्टूडेंट की नालेज चेक करता हूँ कि उसे आपने क्या सिखाया है.
मिसेज़ वर्मा- कर लो ,पर प्रॅक्टिकल पहले टीचर करेंगी फिर स्टूडेंट
अवी-जैसा आप कहेंगी वैसा ही होगा.
मिसेज़ वर्मा-टी शरबत कुछ बना लूँ
अवी-शरबत तो आपका पीऊंगा
मिसेज़ वर्मा- पी लेना ,आज शरबत की कमी नही होगी.
अवी-मैं भी खाली पेट आया हूँ. पूरा शरबत पी कर जाउन्गा.
मिसेज़ वर्मा- तुम से जीतना मुश्किल है. मैं नहा कर आती हूँ
मिसेज़ वर्मा बाथरूम मे चली गयी.
मिसेज़ वर्मा ने तो बढ़िया काम कर दिया.
मेरे लिए एक वर्जिन का इंतज़ाम कर दिया.
चलो पहले पहचान तो बढ़ा लेते है.
ये है कौन है ,कहाँ रहती ,किस क्लास मे है, मिसेज़ वर्मा ने क्या सिखाया है.देख तो लूँ
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