मैं और मेरा परिवार

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007
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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by 007 »

दोस्त मेरी दुआ है की आपकी कहानी आरएसएस की सबसे सुपर हिट कहानी हो


aise hi likhte rahna . mast rahna mast rakhna
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xyz
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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by xyz »

मिनी. 007 भाई , राज भाई .आपका सब का तहे दिल से आभार आप सब को मेरी कहानी पर देख कर दिल रोमांच से भर गया . आप इसी तरह मेरा हॉंसला बढ़ाते रहें यही मेरी दिली तमन्ना है

mini wrote:kahani ka plot achha hai,dhmaal karegi
mini wrote:updates continued rakhna pls
mini wrote:mast mast
rajaarkey wrote:nai khaani ke liye shubhkaamanaaye dost
mini wrote:pls continew
007 wrote:दोस्त मेरी दुआ है की आपकी कहानी आरएसएस की सबसे सुपर हिट कहानी हो


aise hi likhte rahna . mast rahna mast rakhna
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xyz
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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by xyz »


जब मैं घर आया तो छोटी चाची अपनी सहेली जो कि नर्स है, उस से बात कर रही थी.

मैं ने पैसे छोटी चाची को दिए और अपने रूम मे सोने चला गया.

छोटी चाची-हाँ रिया तूने मेरा काम किया

सहेली(रिया)- हाँ , तेरी रिपोर्ट लेकर आई हू

छोटी चाची-दिखा क्या लिखा है

सहेली-वो क्या है कि ..

छोटी चाची-ये क्या वो वो लगा रखा है .दे ना रिपोर्ट

सहेली-ये ले

छोटी चाची-यार मुझे तो कुछ समझ नही आ रहा है

सहेली- इसमे लिखा है कि.....

छोटी चाची-हां बोल ना

सहेली- वो क्या है कि

छोटी चाची-अब बोलेगी भी कि नही

सहेली- वो तेरे सारे टेस्ट पॉज़िटिव है

छोटी चाची-और अवी के चाचा के

सहेली- वो नेगेटिव है

छोटी चाची-मतलब

सहेली- तेरे पति के कम मे स्पर्म बहोत कम है और जो स्पर्म है वो कमजोर है , मतलब तेरा पति तुझे कभी भी मा नही बना सकता

छोटी चाची-क्या बात कर रही है तू . ये कैसे हो सकता है.

सहेली- यही सच है

छोटी चाची-नही, मेरा पति तो 10 15 मिनिट तक मेरी चुदाई करता है.और मेरा तो दो या तीन बार पानी निकलता है

सहेली- वो सब ठीक है पर तेरा पति कभी भी बाप नही बन सकता

छोटी चाची-लेकिन

सहेली- ज़्यादा देर तक चुदाई करने से थोड़े ही बाप बनते है , वो तो स्पर्म पे डिपेंड करता है

छोटी चाची-तो मैं क्या करू .अवी के चाचा तो मेरी ही ग़लती मानते है

सहेली- तू एक काम कर किसी और का स्पर्म अपने अंदर ले के बच्चा पैदा कर

छोटी चाची-इस के लिए अवी के चाचा नही मानेंगे

सहेली- तो तू अवी के चाचा को मत बता और मेरे साथ हॉस्पिटल चल तेरा काम कर देती हू.किसी को पता नही चलेंगा

छोटी चाची-पर ये ग़लत है

सहेली- कुछ ग़लत नही है , शहर मे तो ऐसा रोज होता है

छोटी चाची-नही यार मैं ऐसा नही कर सकती,

सहेली- ठीक है मत कर मेरा क्या जाता है

छोटी चाची- तू गुस्सा मत कर

सहेली-नही ,मैं गुस्सा नही हू

छोटी चाची-वो जाने दे ये बता तेरा पति और बच्चे कैसे है
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xyz
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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by xyz »


सहेली- अरे यार तेरी रिपोर्ट के चक्कर मे ये तो बताना भूल गयी कि ,मेरे पति का ट्रान्स्फर हो गया है .और हम इस सनडे ये शहर छोड़ कर जा रहे है

छोटी चाची-ये क्या तू भी मुझे छोड़ कर जा रही है

सहेली- जाना तो पड़ेगा
चल अब मैं चलती हू

छोटी चाची- हां ठीक है ,कॉल करती रहना

सहेली-हां करूँगी बाइ अब शहर भी जाना है नही तो बस निकल जाएगी

चाची-(रिया के जाने के बाद ) रिया तूने मेरी एक बहोत बड़ी परेशानी दूर कर दी. अब मैं जल्दी ही मा बनूँगी पर पता नही उसका बाप कौन होगा.इसी घर का हुआ तो अच्छा होगा. मेरे साथ सुमन दीदी और सीमा दीदी भी मा बन जाएगी. अब सिर्फ़ होने वाले बच्चे का बाप ढूँढना पड़ेंगा. और ये रिपोर्ट तो जल गयी...

अपडेट 5

करीब 4 बजे मेरी नीद कुल गयी. मैं ने देखा मेरी पॅंट पर एक दाग लगा हुआ है .मैं ने अपनी पैंट उतारी तो मेरी छड़ी पर भी दाग लगा हुआ था.मैं ने तुरंत चड्डी निकाल दी और दूसरे कपड़े पहन कर बाहर खेलने चला गया.

मैं क्रिकेट खेल रहा था,एक लड़के ने एक जोरदार शॉर्ट मारा जिस से बॉल ग्राउंड के पास वाले स्टोर हाउस मे चली गयी .

वो स्टोर हाउस हमेशा बंद रहता है तो सब बच्चे अपने अपने घर चले गये पर बॉल मेरी थी इसी लिए मैं ने बॉल ढूँढने का फ़ैसला किया .

लगबग 6 बज रहे थे और सूरज भी ढल चुका था.
मैं स्टोर हाउस के पीछे चला गया और कोई खिड़की ढूँढने लगा जिस से मैं अंदर जा सकु

थोड़ी देर बाद मुझे एक खिड़की खुली मिल गयी. मैं चुपके से अंदर गया और बॉल ढूँढने लगा.

पर स्टोर हाउस बड़ा था और अंधेरा भी हो चुका था कि तभी मुझे खिड़की से कुछ लड़के अंदर आते दिखाई दिए.


मैं जल्दी से छुप गया . मैं ने देखा मेरे स्कूल की यूनिफॉर्म पहने हुए दो लड़के और एक लड़की अंदर आ गये ,अंधेरा था पर खिड़की की रोशनी से मैं उनके यूनिफॉर्म देख पाया.
और वो घास पर बैठ गये.

वो लड़की दोनो लड़को के बीच मे बैटी थी और दोनो लड़के उसके दूध दबा रहे थे .

1स्ट लड़का-तेरे आम तो मस्त है

2न्ड लड़का-हां यार इसके आम और तरबूजे दोनो मस्त हो गये

लड़की-तुम क्या सिर्फ़ बाते करने आए हो.या फिर कुछ करोगे भी
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xyz
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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by xyz »


1स्ट लड़का-तेरे होन्ट तो बोहत मीठे है मैं तो दिन भर इस चूस्ता रहू

2न्ड लड़का-जल्दी अपने कपड़े उतार अब कंट्रोल नही होता है

लड़की-हां उतार रही हू मुझे भी कहाँ कंट्रोल हो रहा है .जब से तुम दोनो ने ये आदत लगा दी है तब से मेरी चूत मे खुजली हो रही है.

1स्ट लड़का-ले मेरा लंड चूस दे

2न्ड लड़का-तेरे बूब्स और बड़ा करता हू

लड़की-आह... मस्त मज़ा आ रहा है.

1स्ट लड़का-यार अब तू मेरी जगह आ और मैं तेरी जगह आता हू

2न्ड लड़का- आ जल्दी आ

लड़की- क्या चूसना लगा रहे हो पहले मेरी चूत मारो

थोड़ी देर बूब्स दबाने के बाद उस लड़के ने अपना लंड लड़की की चूत मे डाल दिया और धक्के मारने लगा और दूसरा लड़का अपना लंड लड़की के मूह मे डालकर चोदने लगा

अब फिर से दोनो ने अपनी जगह चेंज की और चुदाई सुरू की

ये देख कर मेरा लंड भी खड़ा हो गया. पर खड़ा हो जाने के बाद क्या करते है मुझे पता नही था.मैने भी अपना लंड बाहर निकाला .मेरा लंड हार्ड हो गया था . मैं अपने हाथ थोड़ा आगे पीछे करने लगा .मुझे अच्छा लग रहा था.फिर मैं ने हाथ को ज़ोर ज़ोर से हिलाना सुरू किया.

उधर दोनो लड़को ने अपनी गति बढ़ा दी.फिर थोड़ी देर बाद हाँफने लगे .मुझे भी लगा कि मेरा सू सू निकल जाएगा .पर मेरे सू सू की जगह पर कुछ सफेद और गाढ़ा पानी निकल गया. मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे उपेर किसीने 100किलो सामान रख दिया हो और अब वो सामान मेरे उपेर से निकल गया. हल्का सा महसूस कर रहा था.
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