मैं और मेरा परिवार

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xyz
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Re: मैं और मेरा परिवार

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ऋतु दीदी हरीश को इस तरह बताना चाहती कि वो बात मैं समझ सकूँ

पर होटेल आ गया.

ऋतु दीदी की एक लाइन पूरी होने से पहले मैं ने ब्रेक मार दिया

अवी-होटेल आ गया.

ऋतु दीदी समझ गयी कि उनको जल्दी कुछ करना होगा. कुछ तो सोचना होगा.

होटेल आते ही ऋतु विक्रांत के साथ धीरे धीरे बातें करते हुए होटेल के अंदर चली गयी.

हरीश ने उनके लिए रूम बुक करके रखा था

रूम मे जाते ही विक्रांत और ऋतु काफ़ी देर तक रूम मे बातें करते रहे ये बता कर कि उनको फ्रेश होना है.

हमारा टूर पूरा हो चुका था .छोटी चाची का फोन आया था ये पूछने के लिए की मैं कब आ रहा हूँ.

हमारी पॅकिंग हो चुकी थी.

बस हरीश के फ़ैसले का इंतज़ार था.

विक्रांत ने हम सबको अपने रूम मे बुला लिया

विक्रांत-तो तुम सब ने टूर एंजाय किया होगा.

हरीश-बहुत एंजाय किया.

हिट्लर-भैया ये आपकी गर्लफ्रेंड है.

हरीश ने सबको बताया था कि उसका भाई आ रहा है.

पर ग़लती से एरपोर्ट पे हरीश ने मुझे अपने भैया भाभी के बारे मे बताया .

हरीश ने ग़लत आदमी को अपने भैया भाभी के बारे मे बताया

हरीश के ऐसा करने से विक्रांत और ऋतु दीदी मुसीबत मे फँस गये

विक्रांत-मेरी गर्लफ्रेंड नही मेरी दोस्त है. हम अमेरिका मे मिले ,ये वहाँ पढ़ाई करने आई थी. हमारे शहर की है तो साथ मे यहाँ आ गये

हरीश-भैया आप आराम करो फिर हम शहर की तरफ वापस जाएँगे

विक्रांत-और कुछ दिन रूको हम साथ मे मिल कर एंजाय करेंगे

ऋतु दीदी मुझे रोकना चाहती है बात करने के लिए

हिट्लर-भैया हम काफ़ी दिन से यहाँ है. अब बोर हो गये

विक्रांत-एक 2 दिन और रुक जाओ.मैं भी तुम सबके साथ इस जगह को एंजाय करना चाहता हूँ

ऋतु-यहाँ बोर हुए तो हम किसी और जगह चलते है.

हरीश-आइडिया अच्छा है. क्या कहते हो

सब एक दूसरे के चेहरे देखने लगे

अवी-मैं और नही रुक सकता ,मेरे घर से फोन आया है.

विक्रांत-एक दिन से क्या होगा.

ऋतु-एक दिन रुकने से हमे आराम भी मिलेगा.

अवी-एक ज़रूरी काम है. वरना मैं ज़रूर रुकता

ऋतु दीदी मेरे काम की बात से घबरा गयी

ऋतु-कौन सा काम


अवी-कल मेरी सिस्टर का बर्तडे है. इस लिए मुझे जाना होगा(झूठ)

हरीश-फिर तो तुम्हें जाना होगा. तू चला जा हम रुकते है.

मेरे जाने की बात से विक्रांत और ऋतु एक दूसरे के चेहरे देखने लगे.

मेरे अकेले शहर जाने से ऋतु दीदी रिस्क नही ले सकती.

ऋतु-ठीक है हम भी शहर चलते है

हरीश-पर रुकने का क्या हुआ

विक्रांत-फिर कभी आएँगे.

हरीश-जैसा आप ठीक समझे

विक्रांत-कब निकलना है.

हरीश-एक घंटे मे निकलते है.

विक्रांत-हमारे लिए कार बुक कर लो

ऋतु दीदी का चेहरा उतर चुका था.

उनको मुझसे बात किए बिना चैन नही आएगा.

हम नाश्ता करके शहर की तरफ जाने लगे.

इस टूर मे सब ने बहुत मस्ती की जिस से सब थक चुके थे.

मैं ने तो फुल मस्ती की.

ये तौर यादगार रहेगा मेरे लिए.

इस टूर मे मैं चुदाई और बीयर ज़्यादा पी.

नयी नयी जगह पर घूमने गये.

रोज नये पार्टनर के साथ सोना

मैं हर दिन 2 बीयर की कॅन तो ख़तम कर ही देता.

मैं एंजाय करने के साथ रानी कोमल छोटी चाची और बड़ी चाची को रोज फोन करता था.

उनके बिना एंजाय्मेंट मे ज़्यादा मज़ा नही आया .

लास्ट मे मुझे जोरदार झटका लगा.

ऋतु दीदी ने शादी की.

ऋतु दीदी से शहर मे बात करूँगा.

विक्रांत और ऋतु कार मे मेरे साथ बैठ सकते थे पर वो सबके सामने बात नही करना चाहते थे

हम आराम से शहर पहुँच गये.

टूर सक्सेजफूल रहा.

रिज़ल्ट का टेन्षन कम हुआ.

मैं ने राजेश को मुझे लेने के लिए बुलाया.

मैं कॉलेज के सामने उतर गया.

सब ने मुझे गले लगा कर अलविदा किया.

मुझे अपने ग्रूप का पर्मनॅंट मेंबर बना दिया.

वैसे अब उनके ग्रूप मे कुछ बचा नही था फिर भी बहुत काम का ग्रूप था.

मैं ने सबको फिर से मिलने का वादा किया .

हिट्लर की तो आँखो मे आसू आ गये थे.

टूर पे जाते समय मुझे ले जाने से ऐतराज था और अब मुझे दूर जाने से रो रही थी.

मेरे शेर ने हिट्लर को भीगी बिल्ली बना दिया.

मैं कॉलेज के सामने उतर कर राजेश का इंतज़ार करने लगा.

राजेश के आते ही मैं गाओं की तरफ जाने लगा.

अपनी फॅमिली से मिलने
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shubhs
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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by shubhs »

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सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
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xyz
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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by xyz »

828

मैं अपना टूर सक्सेज करके घर आ गया.

छोटी चाची ने जिस लिए मुझे टूर पे भेजा था वो काम पूरा हुया.

मैं ने अपनी लाइफ मे वापस एंजाय्मेंट को जगह दी.

मेरे घर पे पैर रखते ही बड़ी चाची भाग कर मेरे गले लग गयी.

जैसे कि मैं 3 4 साल बाद उनसे मिल रहा हूँ

बड़ी चाची ने ऐसे मुझे गले लगाया कि जैसे मुझे दुबारा अपने से अलग नही करेगी.

बड़ी चाची का बस चले तो वो मुझे हर दिन अपने आँखों के सामने बैठा कर रखे.

गले लगाने के बाद बड़ी चाची ने मेरे चेहरे पे चूमना शुरू कर दिया.

चाची के प्यार के सामने तो सब कुछ कुर्बान

चाची का इतना प्यार मिलेगा तो मैं ऐसे टूर पे जाउ हमेशा

अवी-चाची बस भी करो पूरा चेहरा गीला कर दिया

ब चाची-तू तो चुप ही रह, इतने दिनो बाद तुझे देखा तो कंट्रोल नही रख पाई

अवी-रोज तो कॉल करता था.

ब चाची-तेरी आवाज़ तो सुनने को मिलती थी पर तुझे देखे बिना नींद नही आती उसका क्या

अवी-मेरा एक बड़ा सा फोटो लगवा देता हूँ आपके कमरे मे

ब चाची-अपनी चाची का मज़ाक उड़ाता है

अवी-मैं आपका मज़ाक नही उड़ा रहा,देखिए मेरे पॉकेट मैं आपकी फोटो रखता हूँ ताकि आप मेरे साथ हमेशा रहे

ब चाची-तू इतना प्यार करता है मुझसे

अवी-ये सवाल ऐसा है कि इसका जवाब दूँगा भी तो अपने प्यार के बारे मे बता नही पाउन्गा.

ब चाची-मेरा प्यारा बेटा

म चाची-दीदी हम भी है लाइन मे ,हमे भी थोड़ा प्यार करने दीजिए

ब चाची-तू पहले कुछ खाने के लिए बना देख अवी कितना दुबला हो गया है.

अवी-आपको तो मैं हमेशा दुबला दिखता हूँ.

म चाची-मेरे हाथ के खाने के बिना अवी दुबला हो गया है

अवी-आप दुबला बोल बोल कर मुझे मोटा बना देगी.

म चाची-मोटा बन गया तो मीना है ना

सी चाची-मैं ऐसी कसरत लूँगी कि तू मोटा बनेगा ही नही.

म चाची-और मैं खिलाती जाउन्गी.

ब चाची-तुम दोनो बस बोलती हो कुछ करती नही. जा परान्ठे बना ला अवी के लिए

अवी-चाची पहले फ्रेश हो जाउ

विद्या-पानी

ब चाची-तुम दोनो सीखो कुछ विद्या से,बस बातें करती हो और किसी ने अवी को पानी के लिए नही पूछा.

मैं ने पानी पी लिया.

म चाची-मैं परान्ठे बना कर लाती हूँ.

और सीमा उदास होकर रशोई घर मे जाने लगी.

अवी-सीमा चाची, 4 परान्ठे काफ़ी होंगे

म चाची-तू चुप रह. अब तो तुझे मोटा बना कर रहूंगी.

सी चाची-दीदी मेरा काम मत बढ़ाओ

म चाची-मैं अपना काम कर रही हूँ. तू अपना कर, अवी तैयार रह परान्ठे खाने के लिए

अवी-एक शरत पे खाउन्गा

म चाची-क्या

अवी-आप को अपने हाथो से खिलाना होगा.

म चाची-फिर तो ज़्यादा परान्ठे बनाने होगे

अवी-साथ मे खाएँगे ,

म चाची-चलो विद्या

ब चाची-सीमा आराम से, अवी जा फ्रेश हो जा

अवी-आपने मेरे टूर के बारे मे नही पूछा

ब चाची-तेरे चेहरे की चमक बता रही है कि तेरा टूर अच्छा गया होगा.

अवी-आप को पता है मैं ने वहाँ बहुत एंजाय किया.

ब चाची-तेरी खुशी बता रही है कि तूने नयी दुनिया देखी है.

अवी-आप वहाँ होती ज़्यादा मज़ा आता

ब चाची-तूने मज़ा किया ,मैं ने मज़ा किया ,क्या समझा

अवी-आपने ये टूर पे जाने दिया ये मेरे लिए अच्छा हुआ.

ब चाची-तेरे अच्छे के बारे मे मैं नही सोचूँगी तो कौन सोचेगा

अवी-थॅंक यू चाची


ब चाची-अब दुबारा टेन्षन मत लेना

अवी-ये क्या बोल दिया आपने ,अगर दुबारा टेन्षन लूँगा तभी तो फिर से टूर पे जानेको मिलेगा.

ब चाची-अगली बार टूर पे नही सज़ा मिलेगी

अवी-आप मुझे सज़ा नही दे सकती.

ब चाची-तू ग़लती करेगा तो ज़रूर सज़ा मिलेगी

अवी-आप मुझे सज़ा नही दे सकती

और मैं ने बड़ी चाची के गाल पे पप्पी लेकर फ्रेश होने चला गया.

फ्रेश होने के बाद मैं ने तीनो चाची के साथ मिलकर परान्ठे खाए

प्यार से भरपूर परान्ठे खाने से पेट भर गया.

खाना खा कर मैं अपने कमरे मे चला गया.

थोड़ी देर बाद छोटी चाची मेरे कमरे मे आई और मेरे कपड़े विद्या को देने लगी.वॉश करने के लिए
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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by xyz »

विद्या कपड़े लेकर चली गयी और छोटी चाची मेरे पास आ गयी

सी चाची-तो

अवी-तो क्या?

सी चाची-मुझे बताने वाला है या दिखाने वाला है.

अवी-दोनो करूँगा.

सी चाची-पहले बता फिर दिखाना

अवी-हिल स्टेशन मे मैं ने बहुत एंजाय किया

सी चाची-हरीश के ग्रूप के साथ एंजाय तो करेगा ही

अवी-6 लड़किया और अकेला मैं

सी चाची-और 3 लड़के थे ना

अवी-उनमे से 2 गे थे और हरीश मे दम नही था

सी चाची-फिर तो तेरे एक हाथ की पाँचो उंगलिया घी मे थी.

अवी-एक घी का दबा तो भूल गयी आप

सी चाची-उसके लिए 2 पैरो के बीच वाला डंडा है ना.

अवी-आप ग्रेट हो

सी चाची-चल बता क्या क्या किया

अवी-पहले दिन जाते ही मई ने ............ मैं ने.........एक एक करके...........सबकी चुदाई......की......... ........पर सिर्फ़ एक कुवारि थी........लेकिन मज़ा बहुत आया......इधर घुमा ,उधर घूमने गये , नये लोगो से मिला , ड्राइविंग की ,फुल टू मज़ेदार था टूर (कुछ बात छुपा दी छोटी चाची से )

मैं ने ऋतु की बात छोड़ कर सब बता दिया

सी चाची-तू ने तो खेल खेल मे मज़े किए

अवी- खेल खेल कर चुदाई की.

सी चाची-और वो हिट्लर तो तेरी दीवानी हो गयी.

अवी-दीवानी बनाकर प्यार करने मे मज़ा आया

सी चाची-और क्या किया ,

अवी-और इधर उधर की छोटी मोटी मस्ती की.

सी चाची-और

अवी-एक रात तो जंगल मे पार्टी थी वहाँ एंजाय किया

सी चाची-रात मे जंगल मे मॅंगल किया होगा तूने

अवी-हाँ. मॅंगल ही मॅंगल किया

सी चाची-तेरा टूर सक्सेसफूल हुआ

अवी-हाँ, आपने टूर प्लान करके मुझे खुश कर दिया

सी चाची-ऐसे खुश रहा कर

अवी-आप ऐसे ही टूर बनाया कीजिए

सी चाची-अब अगले साल टूर बनाउन्गी. तब तक हरीश जैसा ग्रूप ढूँढ लेना

अवी-जी.

सी चाची-अब दिखा मुझे तेरी मस्ती


मैं ने लॅपटॉप ओपन किया और मोबाइल मे मेमोरी कार्ड डाल डाल कर वीडियो लॅपटॉप मे कॉपी किए

उनमे से जो बड़ी चाची और बहनों को दिखाने वाले वीडियो और पिक्चर अलग फोल्डर मे रखे

सी चाची-ये क्या कर रहा है

अवी-ये आपके वाले वीडियो जो आप कल देखना .और ये बाकी सब को दिखाने वाले वीडियो

सी चाची-मैं दीदी को बुलाती हूँ

अवी-बुला लीजिए

छोटी चाची ने विद्या को आवाज़ दे कर बड़ी चाची और सीमा चाची को बुलाया.

ब चाची-क्या हुआ मीना ,हमे क्यूँ बुलाया

अवी-चाची आपको कुछ दिखाना है आइए

चाची बेड पर आकर बैठ गयी और मैं उनको अपने पिक्चर दिखाने लगा.

अवी-चाची ये फोटो पहाड़ी पे ली है

म चाची-अवी सारे फोटो मे तू अकेला क्यूँ है.

अवी-मेरे अकेले वाले फोटो लिए है बाकी फोटो दोस्तो के पास है.

म चाची-वो भी ले आता

अवी-कुछ फोटो है पर उसमे पंकज और करीम नही है. वो अलग जगह गये थे

ब चाची-दिखा ,वैसे कितने लोग गये थे

अवी-15 दोस्त थे, कुछ लड़किया तो कुछ लड़के,

सी चाची-क्लास वाले टूर पे गये थे

और मैं हरीश और 2 लड़को के फोटो दिखाने लगा.

मेरा हंसता हुआ फोटो देख कर बड़ी चाची खुश हो गयी.

और मेरे सर पे प्यार से हाथ घुमाने लगी.

कुछ फोटो मे एक 2 लड़किया थी जिसे देख कर सीमा चाची मेरी खिचाई करने लगी.

कुछ पुराने फोटो जिसमे पंकज और करीम मेरे साथ थे वो फोटो भी दिखा दी

ओवरॉल मेरे टूर से मैं खुश था मुझे खुश देख कर तीनो चाची खुश थी.

कल मेरे भाई बहन से मिलना होगा.

उनको मेरे टूर के फोटो दिखाने होंगे

चाची ने कहा कि कल सुबह होते ही मैं बुआ से मिलने जाउ

चाची को टूर के फोटो दिखा कर मैं सो गया
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