यादें मेरे बचपन की compleet

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Rohit Kapoor
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Re: यादें मेरे बचपन की

Post by Rohit Kapoor »



सोनी ने भी अपने हाथ अनन्या के कन्धों पर रख दिए और संतुलन बनाकर अपने कूल्हे उचकाकर मेरे लिंग को अन्दर-बाहर करने लगी।
कुछ मिनटों में मैंने अनु को ऊपर से हटाया और सोनी के गोरे स्तनों की तनी हुई गुलाबी घुण्डियों को मसलने लगा।
सोनी कसमसा उठी– आह्ह… बहुत अच्छा है ये… ऐसे ही करो… मसल दो इनको… वाओ…अभि… यू आर रियली वैरी गुड…!!
काफी देर हो गई थी इसलिए किसी के आने के डर और थकान के कारण अब मैं आज के इस खेल को समाप्त करना चाहता था इसलिए सोनी को नीचे गिराया, कूल्हों के नीचे तकिया लगाया, अपना लिंग रस से सराबोर योनि के मुख पर लगा कर अन्दर घुसा दिया और जोरदार धक्कों की बारिश कर दी।
‘आह्ह… अभि… फाड़ दो मेरी नूनी को… फ़क मी…हार्डर…!!’ सोनी उत्तेजनावश तेज-तेज आवाजें करने लगी और एक-डेढ़ मिनट में ही सीत्कारों के साथ फिनिश हो गई।
कुछ ही क्षणों में मुझे भी अपना अंत निकट लगने लगा इसलिए वीर्य अन्दर छूटने के जोखिम से बचने के लिए तुरंत अपना लिंग बाहर निकाल लिया और हाथ से हिलाकर अपने कामरस की दो-तीन-चार पिचकारियाँ उसके पेट छोड़ दी।
तब आज की भांति वीर्य को मुँह में लेने का चलन सामान्य जीवन में और तब के वीडियोज़ में भी नहीं होता था और कुछ वर्षों बाद जब मैंने यह क्रिया पहली बार एक वीडियो में देखी, तब काफी अजीब भी लगी और गन्दी भी।
मैं आज भी अपनी पत्नी के साथ सहवास करते समय इसे पसंद नहीं करता हूँ।
फिर से कहानी पर आता हूँ…
मैं पास में ही लेट गया और बिना साफ़ किये ही बैड पर लेटा हांफता रहा।
सोनी धीरे से उठी, टॉयलेट में जाकर अपना बदन धोकर बाहर आ गई और कपड़े पहनने लगी।
मैं भी उठा और टॉयलेट में जाकर अपने हाथ और लिंग को धोकर बाहर आया।
तब तक अनन्या और सोनी दोनों कपड़े पहन चुकी थी।
पहले हम तीनों ने कंडोम का निस्तारण किया, बैड और टॉयलेट को ठीक किया जिससे किसी को शक नहीं हो और फिर वहीं बैठकर आनन्द की चर्चा करने लगे।
अगले बारह-तेरह दिन हम तीनों ने लगभग रोज़ विभिन्न आसनों में कई बार सैक्स किया।
फिर दोनों बुआएँ अपने-अपने घर चली गईं और हम तीनों अलग हो गये।
मेरा सैक्स दर्शन का खेल फिर शुरू हो गया पर अब उसमें ज्यादा मज़ा नहीं आता था।
खैर… हम तीनों फोन पर एक दूसरे से जुड़े रहे।
अगले साल फिर दोनों आई, दोनों के बदन में जबरदस्त निखार आ गया था।
इस साल भी हमने अठारह-बीस दिन सैक्स का भरपूर आनन्द लिया।
एक साल बाद अनन्या की और उसके दो साल बाद सोनी की शादी हो गई।
अनन्या गुजरात के एक प्रसिद्ध शहर में और सोनी शारजाह (UAE) में अपने वैवाहिक जीवन में बहुत खुश व पूरी तरह से संतुष्ट जीवन जी रहीं हैं।
सोनी की शादी के एक साल बाद मेरी शादी भी हो गई और मैं भी अपने वैवाहिक जीवन का आनन्द उठा रहा हूँ।
अनन्या व सोनी की शादी होने के बाद भी मेरी शादी होने के पहले तक हमने आपसी सहमति से सम्बन्ध बनाये।
मेरी शादी के बाद आवश्यकता नहीं होने के कारण हम तीनों ने कभी शारीरिक सम्बन्ध नहीं बनाये, हालाँकि आज भी हम जब मिलते हैं तो अपने सुनहरे पलों को याद करते हैं, उनकी चर्चा करते हैं…

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pongapandit
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Re: यादें मेरे बचपन की compleet

Post by pongapandit »

Superb Hot story
premraja
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Joined: 08 Sep 2017 15:16

Re: यादें मेरे बचपन की compleet

Post by premraja »

nice
LIV2LUV
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