ज़िंदगी भी अजीब होती है Restart

Post Reply
User avatar
007
Platinum Member
Posts: 5355
Joined: 14 Oct 2014 17:28

ज़िंदगी भी अजीब होती है Restart

Post by 007 »

ज़िंदगी भी अजीब होती है

लेखक- FrankanstienTheKount

दोस्तो मुझे ये कहानी अच्छी लगी इसीलिए इस कहानी को मैं हिन्दी मे पोस्ट कर रहा हूँ

ज़िंदगी भी अजीब होती है कब कैसे मोड़ ले आती है हम कभी कल्पना भी नही कर सकते है. कुछ ऐसी ही मेरी कहानी है मैं कभी ऐसा नही बनना चाहता था पर एक चीज़ होती है तक़दीर जिसपे हमारा कोई बस नही चलता है.यह सब अचानक ही सुरू होता गया शुरुआत मे बहुत ही अच्छा लगता था पर आज जब पीछे मुड़कर देखता हू तो अजीब सा लगता है.खैर आपको बताता हू कि कैसे ये सब शुरू हुआ.


मेरा नाम $$$$ है. मैं एक गाँव मे रहता हू उस समय मेरी उमर तो कुछ खास नही थी पर वीसीआर पे ब्लूफिल्म ऑर सेक्सी कहानियो वाली किताब पढ़ कर थोड़ा जल्दी ही जवानी की ओर कदम बढ़ा दिए थे.ये कहानी शुरू हुवी जब मैं अपनी भाभी यानी मेरे तौजी के बेटे की वाइफ के पार्टी आकर्षित होने लगा उनका नाम अनीता था


23-24 की होगी उस टाइम पे वो काफ़ी हँसी-मज़ाक भी करती रहती थी. मैं नया नया जवान हुआ था तो दिल मे चूत मारने की कसक लगी रहती थी. धीरे धीरे अनिता भाभी मुझसे खुलने लगी हम कई देर बाते करते रहते थे और दिन कट रहे थे पर एकाएक दिन लगभग 11 बजे के आसपास्स मैं अपनी छत पर गया तो अचानक मैने देखा कि .........................................

अनिता अपने आँगन मे नहा रही है मेरे तो होश ही उड़ गये!उसको देख कर आप समझ सकते हैं कि गाँव मे लोग ऐसे ही नहाते है बाथरूम वगेरा का चलन गाँवो मे थोड़ा कम ही होता हैं,पानी मे भीगा हुआ उसका गोरा बदन
देख कर मेरी तो सिट्टी पिट्टी ही गुम हो गयी ज़िंदगी मे पहली बात किसी औरत तो ऐसा देखा था

बस एक काले रंग की कछि ही उसके बदन पे थी उसकी बड़ी बड़ी चूचिया देख कर मेरा तो दिमाग़ ही खराब होगया अचानक ही उसकी नज़र मुझ पे पड़ी तो वो मेरी ओर देखकर मुस्कुराइ पर मैं तुरंत ही नीचे भाग गया. बस मेरे दिमाग़ मेउसका मादक बदन ही घूम रहा था शाम को मैं उसके घर पे गया तो वो अकेली ही थी हम बात करने लगे फिर

अचानक से उसने पूछा कि दोपहर को क्या देख रहे थे ? मैने उसको बताया कि कैसे वो सब हो गया. फिर वो हँसने लगी तभी मेरे दिमाग़ मे एक फिल्म का डायलॉग आया कि हसी तो फसी ना जाने मुझे क्या हुआ मैने उसको पकड़ लिया और उसके गुलाबी होंटो को अपने होंटो मे दबा लिया और चूसने लगा वो एकदम से पीछे हुई और मेरी ओर देखने लगी


मैने बिना देर किए उसको आइ लव यू बोल दिया और दोबारा अपनी बाहों मे भरने की कोशिश की परंतु उसने कहा कि वो सोच के बताए गी और मुझे जाने को कहा क्योंकि उसकी सास आने वाली थी खैर अगले दिनो कुछ खास नही हुआ मैं सोच रहा था कि कब उसको चोदु.................


5-6 दिन बाद अनिता की सास हमारे घर आई और बताने लगी कि वो और उसके पति खाटू शामजी के दर्शन करने के लिए जा रहे है एक हफ्ते के लिए अगले दिन वो चले गये.

कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
User avatar
007
Platinum Member
Posts: 5355
Joined: 14 Oct 2014 17:28

Re: ज़िंदगी भी अजीब होती है

Post by 007 »

अब मैं जुगाड़ मे था कि कैसे अनिता भाभी को चोदु पर बात नही बन रही थी.शाम को हम ऐसे ही बैठे थे तो उसके पति रवि ने जिकर किया कि उसको काम के सिलसिले मे बाहर जाना पड़ेगा कुछ दिनो के लिए पर घर पे कोई नही है तो वो कैसे जाए तो

पापा बोले कि वो जाए और घर की तरफ से बे फिकर रहे.अगली सुबह रवि काम पे निकल गया शाम को पापा ने मुझे बुलाया और कहा कि जब तक रवि या उसके मा-बाबा नही आ जाते मुझे उनके घर पे ही सोना है और भाभी की मदद भी करनी है

कानो मे मैं तो ये सुनके मस्त हो गया पर उपर से ऐसा शो किया कि मेरी कोई इच्छा नही है उनके घर जाने की. खैर धीरे धीरे शाम हुई और मैं उनके घर की ओर चल दिया ...................................



मुझे देख कर भाभी हँसते हुए बोली कि आ गये फिर हम ने चाइ पी और बातें करने लग गये. लगभग 9 बजे हम ने सोने की तैयारी की उन्होने मेरी खाट अपने पलंग के पास ही बिछा दी मैं लेटे लेटे उसको चोदने का सोचने लगा

भाभी घाघरे चोली मे बहोत ही मादक लग रही थी जबकि वो गाँव मे एक नॉर्मल ड्रेस ही होती है.मुझसे कंट्रोल नही हो रहा था आख़िर मैने फ़ैसला किया और भाभी के पलंग पे जा के बैठ गया और उनका हाथ पकड़ लिया भाभी उठ कर मेरे पास बैठ गयी और बोली "क्या बात है नींद नही आ रही क्या"

मैने कहा ,"भाभी मुझे कुछ हो रहा है मैं अपने को कंट्रोल नही कर पा रहा हू"तो भाभी बोली कि मैं क्या मदद करू तुम्हारी इतना सुनते ही मैं उस से लिपट गया और उनके गालो की पप्पी ले ली थोड़ी देर मैं उनसे लिपटा रहा फिर मैने उनके होंटो को चूसना शुरू किया पता नही कितनी देर मैं किस करता रहा फिर उन्होने किस तोड़ा और मेरी ओर देखने लगी

मैने दुबारा किस करना शुरू किया और धीरे से अपने हाथ उनकी पीठ पर फेरता रहा अब भाभी की साँसे उखड़ने लगी थी मेरे हाथ उनकी गोलमटोल सुडोल छातियों पे पहुँच गये थे जैसे ही मैने उनकी चूचियो को हल्का सा दबाया भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया


पर मैने कहा "भाभी आज मत रोको आज बस जो होता है हो जाने दो" तो वो बोली अगर किसी को मालूम हो गया तो मैने कहा चिंता मत करो अभी बस इन लम्हो मे खो जाओ और मेरे हाथ उनकी चूचियो पर कस गये उनके मूह से एक हल्की सी सिसकारी निकल गयी जिस से मैं और उत्तेजित हो गया

मैने भाभी की चोली को खोल दिया और ब्रा के उपर से ही उनको मसल्ने लगा फिर मैने ब्रा को भी उतार दिया और एक चूची को अपने मूह मे भर कर चूसने लगा और दूसरी को अपने हाथ से मसल्ने लगा जैसे जैसे भाभी की निप्पल को चूस्ता गया उनके मूह से उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ हीईीईईईईईईईईईईईईईईईईई जैसी आवाज़े हल्के हल्के निकलने लगी

मैं बारी बारी से दोनो चुचियो को पीता रहा अब भाभी की आँखो मे खुमारी छाने लगी थी मैने भाभी को खड़ा किया और उनके घाघरे का नाडा खींच दिया जैसे ही वो नीचे गिरा मेरी अनंखे खुशी से चमक उठी उन्होने कछि नही पहनी थी

वो पूर्ण रूप से नंगी मेरे सामने खड़ी थी शरम से उनकी आँखे बंद हो गयी और मेरी नज़रे तो उनकी चूत से ही नही हाथ रही थी काले काले बालों से धकि हुई हाली लाल लाल सी चूत को देख कर मेरा लंड जो पहले से ही ज़ोर मार रहा था और बेकाबू हो गया भाभी बोली लाइट बंद करदो मुझे शरम आ रही है

पर मैने मना किया कि भाभी आज इस हुस्न के दर्शन करने का मौका आया है और आप लाइट को बंद करने के लिए कह रही हो.अब रुकना मुश्किल था मैने अपने कच्छे को छोड़ कर सारे कपड़े उतार दिए और भाभी को अपनी गोदी मे बिठा लिया और उनको किस करने लगा

मेरे हाथ उनकी चुतडो पर पहुच गये और मैं उन्हे सहलाने लगा मेरा लंड उनके चुतडो की दरार पर महसूस हो रहा था वो मस्ती मे आ चुकी थी अब मैने भाभी को लिटा दिया और उनके बदन को चूमना शुरू कर दिया भाभी की पप्पी लेते लेते मैने एक हाथ उनकी चूत पे रख दिया और उसको सहलाने लगा जैसे ही मेरी उंगलिया उनकी झांतो से टकराई उनकी आँखे मस्ती से बोझिल होने लगी
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
User avatar
007
Platinum Member
Posts: 5355
Joined: 14 Oct 2014 17:28

Re: ज़िंदगी भी अजीब होती है

Post by 007 »



अब मैने उनकी मांसल केले के पेड़ जैसे तनी जाँघो को चूमना शुरू किया तभी मुझे याद आया कि बीएफ मे आदमी औरत की चूत को चाट ता हैं तो मेरे मन मे फितूर हुआ और मैने अपने होंठ भाभी की चूत पे रख दिए जैसे ही मैने चूत पे होंठ रखे भाभी का पूरा बदन कांप उठा

और उनके मूह से लरजती हुई आवाज़ बोली कि ये क्या कर दिया जालिम थोड़ा धीरे यह सुनके मुझे थोड़ा जोश आ गया और मैने उनकी टाँगो को चौड़ी किया और अब चूत पूरी तरह से मेरे सामने थी छोटी सी बालो से धकि चूत मुझे बहुत ही प्यारी लग रही थी

जी मे आया के एक ही झटके मे लंड घुसा दूं पर मैं इस रात को यादगार बनाना चाहता था मैने अपना मूह उनकी गदराई चूत पे रख दिया और उसको अपने मूह मे भर लिया जैसे ही मैने ऐसा किया भाभी की सिसकारियो से कमरा गूँज उठा क्योंकि घर मे हमारे अलावा और कोई नही था तो वो भी थोड़ा खुलके मैदान मे उतर आई थी

चूत से निकलता रस मेरे मूह मे जा रहा था भाभी ने अपने दोनो हाथ मेरे सिर पे रख दिए और मेरे सर को अपनी चूत पे दबाते हुए बोली " मेरे राजा पी जा आज इसका सारा रस निचोड़ ले मेरा आज से मैं तेरी हो गयी" आहह आआआआअहहााआअ उफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ ओह! मेरे राजा और अंदर जीभ डाल दो निचोड़ दो मुझे

मैं भी पूरे जोश मे उनकी चूत चाट रहा था अब वो अपनी दोनो चूचियों को खुद ही भींच रही थी और लगातार अपने कुल्हो को हिला रही थी थोड़ी ही देर मे उनका पूरा बदन अकड़ गया और वो काँपते हुए लंबी लंबी साँसे लेने लगी उनकी चूत से बहुत सारा रस निकलने लगा फिर भाभी बेड पे निढाल से पड़ गयी

अब मैने अपना कच्छा उतार दिया और भाभी के साथ लेट गया और उनसे लिपट ते हुए उनके गालों को काटने लगा और उनका हाथ अपने लंड पे रख दिया जैसे ही उनका हाथ मेरे लंड पे कसा उसने एक ज़ोर का झटका खाया भाभी मेरे लंड को सहलाते हुए बोली वाह यह तो बहुत गरम हो रहा है और मेरे लंड के सुपाडे पे उंगलिया फेरने लगी

उनकी उंगलियो से मेरे लंड का संवेदनशील भाग सहलाए से मेरे शरीर पे कंपकंपी चढ़ गयी यह देख के भाभी हँसने लगी और बोली कभी यह आधे रास्ते मे ही दम नो तोड़ दे मैने कहा आजमा ले मेरी रानी और उनको अपने लंड पे झुका दिया भाभी नीचे बैठ गयी और मेरे लंड के सुपाडे पे भी जीभ फेरने लगी

ज़िंदगी मे पहली बार किसी औरत ने ऐसा किया था तो मेरी आँखे मस्ती मे बंद हो गयी भाभी अपनी जीभ को धीरे धीरे लंड पे फेरने लगी मेरा तो हाल टाइट हो गया था भीर उन्होने मेरे लंड को मुँह मे भर लिया और किसी आइस्क्रीम की तरह चूसने लगी मैं तो मस्ती के सातवे आसमान पे पहुच गया था

भाभी ने अब मेरी गोलियो को अपने मूह मे भर लिया और मुझे एक अलग ही सुख को प्रदान करने लगी पूरा लंड उनके थूक से भर गया था अब मैने उनको बिस्तर पे लिटा दिया और उनके उपर लेट के उनके होंटो का रस पीने लगा आग दोनो तरफ बराबर की लगी थी

भाभी मेरे लंड को अपनी चूत पे रगड़ने लगी थोड़ी देर रगड़ने के बाद वो मेरे कान मे बोली अब देर मत करो घुसा दो अंदर मेने हल्का सा धक्का मारा तो सुपाडा चूत मे चला गया उनकी चूत काफ़ी टाइट और गरम थी उनके मूह से आआआआआअहह की आवाज़ निकल गयी

मैने थोड़ा और झटका मारा और आधा लंड अंदर डाल दिया वो बोली थोड़ा धीरे और अपने कुल्हो को हल्का सा हिला अब रुकना मुश्किल था एक धक्का और मेरा लंड पूरा उनकी मस्त चूत मे घुस गया भाभी की सिसकी निकल गयी उन्होने अपनी आँखे बंद करली मैने हल्के हल्के धक्के लगाने शुरू कर दिए

थोड़ी देर मे वो भी सहज होने लगी और उन पलो का आनंद लेने लगी हमारे होंठ एक दूसरे के होंठो से जुड़ गये और हम एक दूसरे मे समाते चले गये उन्होने अपनी जाँघो को फैला दिये ताकि मैं खुल के धक्के मार सकु 15 मिनिट तक ऐसे ही धक्के लगाने के बाद भाभी ने मुझ ने अलग किया और घोड़ी बन गयी

अब मैं पिछे आया और लपलपाति चूत पे अपने लंड रखा और धक्के मारने लगा साथ साथ उनके गोरे गोरे चुतडो को सहलाने लगा फिर मैने हाथ आगे बढ़ा कर उनकी मस्त चूचियों को पकड़ लिया और उनको भींचते हुए भाभी को चोदने लगा

उनकी कामुक सिसकारियो से मेरा जोश भी बढ़ रहा था पसीना हमारे शरीर से बहने लगा था पर इस खेल का आनंद तो अलग ही था हम दोनो लगातार एक दूसरे को इस खेल मे हराने की कोशिश कर रहे थे फिर मैने भाभी को दुबारा लिटा दिया और उनके उपर आकर चूत मारने लगा

भाभी ने अपनी जांघे मेरी कमर के पे लिपटा दी और बोली शाबाश ऐसे ही लगे रहो तभी उनका बदन फिर ऐंठ गया और चूत की चीकक्नई अंदर से बढ़ गयी मैं समझ गया कि वो चर्म सुख की ओर बढ़ गयी है

उसी पल मुझे मेरे शरीर मे तनाव महसूस हुआ लगा सारे शरीर का खून एक जगह जमा हो गया है और भाभी के मादक बदन से चिपकते हुए मेने अपना वीर्य उनकी चूत मे छोड़ दिया और उनके उपर लेटे लेटे ही हाँफने लगा वो मेरी ओर देख के मुस्कुराइ और मेरे होटो को चूम लिया
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
User avatar
jay
Super member
Posts: 9108
Joined: 15 Oct 2014 22:49
Contact:

Re: ज़िंदगी भी अजीब होती है

Post by jay »

ब्रो नई कहानी ज़रूर हंगामा होगा अब तो

वैसे आपकी हर कहानी मस्त होती है
Read my other stories

(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
User avatar
007
Platinum Member
Posts: 5355
Joined: 14 Oct 2014 17:28

Re: ज़िंदगी भी अजीब होती है

Post by 007 »

फिर वो बाहर सुसू करने चली गयी और मैं पलंग पे लेट गया थोड़ी देर बाद वो भी आकर मेरे पास ही लेट गयी रज़ाई के अंदर हमारे जिस्म क़ैद हो गये थे भाभी टेढ़ी होकर लेटी हुई थी मैं भी उनसे चिपक गया मेरा लंड उनके कुल्हो से टकराता हुआ जाँघो के बीच मे फँस गया और मैने उनकी चूची को हल्के हल्के सहलाना शुरू कर दिया

वो बोली के क्या हुआ मन नही भरा क्या तुम्हारा तो मैं बोला भाभी ये प्यास इतनी आसानी से नही मिटने वाली और चूची को कसकर भींच दिया तो उनके मूह से एक दर्द भरी कराह निकल गयी वो मेरी ओर गुस्से से देखते हुए बोली थोड़ा धीरे करो दर्द होता हैं.

मैने अब भाभी को अपनी ओर कर लिया और उनका हाथ अपने लंड पे रख दिया वो मेरे लंड को सहलाने लगी और मैं उनके होंठो को पीने लगा मेरा मन तो बस कर रहा था कि उनके होंठ चूस्ता ही रहू उनमे एक हल्का सा मीठा सा स्वाद था 3- 4 मिनिट किस करने के बाद मैने अनिता की निप्पल को मूह मे भर लिया और अपनी जीभ उसपे फेरने लगा

भाभी भी अब मस्त होने लगी थी उनके हाथ का दबाव मेरे लंड पे कस गया और वो मेरी मूठ मारने लगी मैं पूरी मस्ती से बारी बारी दोनो चूचियो को चूस रहा था भाभी की सिसकी बढ़ने लगी थी उनकी साँसे भारी होने लगी थी अब उन्होने मेरे लंड से अपना हाथ हटा लिया

और मेरे सर पे फेरते हुई बोली मेरे राजा पी जा आहह अहह अहह सीईईईईईईईईई सीईईईईईईईईईईईईईईईई सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई पी जा आज मेरा दूध निकाल दे मेरे राजा आज पूरी रात मैं तेरी दुल्हन हू आज मेरी हर हसरत मिटा दे अहह बीच बीच मे निप्पल को जब मैं दांतो से काट लेता था तो वो और भी मस्त हो जाती थी

महॉल गरम होने लगा था मैने भाभी को अपनी उपर उल्टी तरफ आने को कहा जिससे उनका मूह मेरे लंड की तरफ और कूल्हे मेरे मूह की तरफ हो गये थे भाभी भी पूरी खेली खाई थी वो समझ गयी कि मैं क्या चाहता हू उनकी चूत मुझसे कुछ ही इंच दूर थी अब वो थोड़ा सा नीचे हुई और मैने अपनी जीभ उनकी फूली हुई चूत पे फेर दी

अहह अहह उनकी मस्त आहे निकल गयी मैने धीरे धीरे चूत को चाटना शुरू कर दिया उन्होने अपने चूतड़ पूरी तरह से मेरे चेहरे पे रख दिए ताकि मैं अच्छी तरह से चूत का रस पी सकु मेरी पूरी जीभ चूत के अंदर घूम रही थी भाभी ने धीरे धीरे अपने मोटे मोटे चुतडो को हिलाना शुरू कर दिया और पूरा वजन मेरे चेहरे पे डाल रही थी उनकी मस्ती बढ़ती जा रही थी

तभी अचानक से भाभी ने मेरे लंड को अपने मूह मे भर लिया और चूस ने लगी मेरे आनंद का कोई ठिकाना ना रहा मैं बोला जियो भाभी आज तो क़यामत ही कर दी और हम एक दूसरे का रस निचोड़ने मे लग गये भाभी की चूत बहुत रस छोड़ रही थी अब उन्होने मेरे लंड को अपने मूह से निकाला और मेरे टट्टो पे जीभ फेरने लगी

वो बारी बारी से लंड और गोलियो को अपनी जीभ का मज़ा दे रही थी मैं तो उस लम्हे को कभी नही भूल सकता हू, फिर मैने भाभी को अपने उपर से हटाया और उनके उपर आ गया और उनकी पप्पी लेते हुए लंड को चूत के छेद पे रगड़ने को कहा मैं उनके गुलाबी होंटो को पी रहा था और वो मेरे लंड को अपनी चूत के द्वार पे रगड़ रही थी

कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
Post Reply