जोरू का गुलाम या जे के जी
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Re: जोरू का गुलाम या जे के जी
thx plz update new
- rajsharma
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Re: जोरू का गुलाम या जे के जी
नये वर्ष की बहुत बहुत शुभकामनाएँ दोस्तो
Read my all running stories
(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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- kunal
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Re: जोरू का गुलाम या जे के जी
मैंने उन्हें पीछे से हलके से पकड़ रखा था , और हलके हलके गदराये जोबन सहला रही थी ,उन्हें समझा रही थी ,
" आप झूठे ही टेंशन ले रही हैं। अरे दिया बहुत अच्छी लड़की है ,देखिये आप की कितनी मस्त आज उसने शॉपिंग करवाई , ब्लाउज सिलवाए। अब ननद है तो थोई बहुत छेड़खानी तो करेगी ही ,रिश्ता है हक़ है उसका। सच्ची वो किसी को नहीं बताएगी ये बातें ,फिर उसकी छोटी सी शर्त थी सेल्फी की तो आपने दे दी। बस बात ख़तम। . "
मेरा एक हाथ उनके जोबन पर था जिसमे उनके देवर के दांतों नाखूनों के निशान साफ़ नजर आ रहे थे ,
और दूसरा उनके भरे भरे चूतड़ों पर जहाँ कमल खिल चुका था।
बीच की दरार पर मेरी ऊँगली सेंध लगाने की कोशिस कर रही थी ,एक बार मेरा डिलडो और दूसरी बार इनका मूसल चंद ,हचक हचक के ,इसलिए पिछवाड़े का रास्ता अब थोड़ा खुल गया था।
जेठानी को हलके हलके उंगलियाते मैं बोली ,
" आपने आज मेरा मन रख लिया ,मेरा बहुत दिन से मन था की मेरे पिछवाड़े का स्वाद ,... बुर तो बहुत लड़कियां चाट लेती हैं ; लेकिन गांड का स्वाद ,...
सच में आप बहुत अच्छी हो। लेकिन आपने मेरी गांड के लिए इतना किया तो मेरा भी तो कुछ करना बनता है न। :"
क्या बोलतीं वो ,अब उनके बोलने के दिन खंत्म हो गए थे और सुनने के शुरू।
" चलिए ज़रा एक बार फिर से कुतिया बन जाओ न ,हाँ गुड , सामू जैसे बनाता था आपको बस वैसे ही हाँ लेकिन फर्श पर बिस्तर पकड़ के ,कस के पकड़ियेगा। "
और अगले पल वो फर्श पर ,निहुरि कुतिया बनी।
मैंने आलमारी खोल के जैसे ही उस डिलडो को छुआ जिसने उनकी सील तोड़ी थी , तो बस कनखियों से देखते हुए वो चीख पड़ीं ,
" हे ये कहा था न की ये वाला नहीं ,..." वो आलमोस्ट रुआँसी बोलीं।
" अब आपकी बात तो मैं टालूंगी नहीं , और आपकी बात सही है मैंने प्रामिस किया था और कोमल का प्रॉमिस ,... लेकिन आप बस दो मिनट आँखे बंद कर के प्लीज। "
और उनको दिखा के मैं वो ८ इंच वाला डिलडो वापस रख दिया ,
और एक दूसरा डिलडो निकाला।
एकदम काला ,पूरे दस इंच का , और मोटाई में मेरे साजन की साइज का ,एकदम बीयर कैन की चौड़ाई बल्कि बीस ही होगा उससे।
और सबसे बड़ी बात ये थी की रिब्ड था और ख़ास तौर पे जहाँ सुपाड़ा ख़तम होता था वहां तो एक बड़े कड़े छल्ले की तरह ,
जब ये उनकी गांड के छल्ले को रगड़ते फाड़ते घुसेगा न तो जो चीख निकलेगी ,
वो सोच के ही मुझे इतना मजा आया , हाँ थोड़ी दया भी आयी तो दो बूँद ,बस गिन के दो बूँद डिल्डो के सुपाड़े पर लगा लिया और जेठानी की गांड फैला के सेट कर दिया , पहले धक्के में ही पलंग हिल गया।
और उनकी चीख भी ,
पर बिचारि को क्या मालूम था ये बस शुरुआत थी।
अगला धक्का और तेज
फिर और ,... और जैसे ही उनकी गांड का छल्ला पार हुआ ,
बस दर्द से वो बेहोश नहीं हुयी।
चीखती रहीं ,तड़पती रहीं , जोर जोर से
और इस चीख पुकार में उनके देवर की नींद खुल गयी।
बिचारी अपने देवर की ओर दया की उम्मीद लगाए देख रही थीं शायद वो बचा ले
पर अब मेरा साजन सिर्फ मेरा था।
मुस्करा के मुझे देखता हुआ वो बोला ,
" अरे का कर रही हो ,हमरी भौजी ने बचपन से मोट मोट घोंटा है अरहर के खेत में ,अपने मायके में। उन्हें आधे तीहै में मजा नहीं आएगा ,पेल दो पूरा हचक के। "
" आप झूठे ही टेंशन ले रही हैं। अरे दिया बहुत अच्छी लड़की है ,देखिये आप की कितनी मस्त आज उसने शॉपिंग करवाई , ब्लाउज सिलवाए। अब ननद है तो थोई बहुत छेड़खानी तो करेगी ही ,रिश्ता है हक़ है उसका। सच्ची वो किसी को नहीं बताएगी ये बातें ,फिर उसकी छोटी सी शर्त थी सेल्फी की तो आपने दे दी। बस बात ख़तम। . "
मेरा एक हाथ उनके जोबन पर था जिसमे उनके देवर के दांतों नाखूनों के निशान साफ़ नजर आ रहे थे ,
और दूसरा उनके भरे भरे चूतड़ों पर जहाँ कमल खिल चुका था।
बीच की दरार पर मेरी ऊँगली सेंध लगाने की कोशिस कर रही थी ,एक बार मेरा डिलडो और दूसरी बार इनका मूसल चंद ,हचक हचक के ,इसलिए पिछवाड़े का रास्ता अब थोड़ा खुल गया था।
जेठानी को हलके हलके उंगलियाते मैं बोली ,
" आपने आज मेरा मन रख लिया ,मेरा बहुत दिन से मन था की मेरे पिछवाड़े का स्वाद ,... बुर तो बहुत लड़कियां चाट लेती हैं ; लेकिन गांड का स्वाद ,...
सच में आप बहुत अच्छी हो। लेकिन आपने मेरी गांड के लिए इतना किया तो मेरा भी तो कुछ करना बनता है न। :"
क्या बोलतीं वो ,अब उनके बोलने के दिन खंत्म हो गए थे और सुनने के शुरू।
" चलिए ज़रा एक बार फिर से कुतिया बन जाओ न ,हाँ गुड , सामू जैसे बनाता था आपको बस वैसे ही हाँ लेकिन फर्श पर बिस्तर पकड़ के ,कस के पकड़ियेगा। "
और अगले पल वो फर्श पर ,निहुरि कुतिया बनी।
मैंने आलमारी खोल के जैसे ही उस डिलडो को छुआ जिसने उनकी सील तोड़ी थी , तो बस कनखियों से देखते हुए वो चीख पड़ीं ,
" हे ये कहा था न की ये वाला नहीं ,..." वो आलमोस्ट रुआँसी बोलीं।
" अब आपकी बात तो मैं टालूंगी नहीं , और आपकी बात सही है मैंने प्रामिस किया था और कोमल का प्रॉमिस ,... लेकिन आप बस दो मिनट आँखे बंद कर के प्लीज। "
और उनको दिखा के मैं वो ८ इंच वाला डिलडो वापस रख दिया ,
और एक दूसरा डिलडो निकाला।
एकदम काला ,पूरे दस इंच का , और मोटाई में मेरे साजन की साइज का ,एकदम बीयर कैन की चौड़ाई बल्कि बीस ही होगा उससे।
और सबसे बड़ी बात ये थी की रिब्ड था और ख़ास तौर पे जहाँ सुपाड़ा ख़तम होता था वहां तो एक बड़े कड़े छल्ले की तरह ,
जब ये उनकी गांड के छल्ले को रगड़ते फाड़ते घुसेगा न तो जो चीख निकलेगी ,
वो सोच के ही मुझे इतना मजा आया , हाँ थोड़ी दया भी आयी तो दो बूँद ,बस गिन के दो बूँद डिल्डो के सुपाड़े पर लगा लिया और जेठानी की गांड फैला के सेट कर दिया , पहले धक्के में ही पलंग हिल गया।
और उनकी चीख भी ,
पर बिचारि को क्या मालूम था ये बस शुरुआत थी।
अगला धक्का और तेज
फिर और ,... और जैसे ही उनकी गांड का छल्ला पार हुआ ,
बस दर्द से वो बेहोश नहीं हुयी।
चीखती रहीं ,तड़पती रहीं , जोर जोर से
और इस चीख पुकार में उनके देवर की नींद खुल गयी।
बिचारी अपने देवर की ओर दया की उम्मीद लगाए देख रही थीं शायद वो बचा ले
पर अब मेरा साजन सिर्फ मेरा था।
मुस्करा के मुझे देखता हुआ वो बोला ,
" अरे का कर रही हो ,हमरी भौजी ने बचपन से मोट मोट घोंटा है अरहर के खेत में ,अपने मायके में। उन्हें आधे तीहै में मजा नहीं आएगा ,पेल दो पूरा हचक के। "
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!
- kunal
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Re: जोरू का गुलाम या जे के जी
मैं अपने साजन की बात कभी टालती और खासतौर से जब मौक़ा उनके मायके में उनकी मायकेवालियों की गांड मारने का हो ,
एकहाथ से उनकी भौजी की गांड में धंसे उसे मोटे काले डिल्डो को मैंने पकड़ा और फिर पूरी ताकत से ,कमर की भी कलाई की भी
गांड का छल्ला पार।
क्या चीखीं वो , जब रगड़ता हुया वो रिब्ड ,...
पर मैं पुश करती रहे धकेलती रही ठेलती रही
और ८ इंच अंदर।
कैमरे काम कर रहे थे ,और अब तो जेठानी को भी रकार्डिंग हो रही है ये मालूम ही होगया था।
इसलिए वो भी मोबाईल से ,
हाँ मोबाइल जेठानी का ही था जिससे कोई भी ट्रेसिंग उन्ही के फोन पे रुकती।
इस बार न मैं उनकी बुर छू रही थी न चूँची।
सिर्फ हचक के गांड मार रही थी ,कुतीया बना के।
जेठानी की पीठ की ओर मुस्करा के मेरे उन्होंने देखा और मैं इशारा समझ गयी।
उनकी चिकनी कामुक पीठ पर अमावस की तरह छितराये मेरी जेठानी के घने काले केश ,
बस उसे लपेट कर मैंने लगाम सी बनायी और जोर से खींच दिया
उईईईईई जोर से चीखीं वो
चटाक चटाक दो चांटे जोर जोर से उन गोल चूतड़ों पर जिसे मटका मटका कर सबके लंड खड़ा करती थीं।
और फिर एक बार जोर से बाल खींच के डिल्डो आलमोस्ट बाहर ,
और फिर पूरी ताकत से पूरा अंदर ,
फिर चांटे
और उनसे उनके पूरी खानदान को गाली दिलवाई।
उस ममेरी बहन की पूरी जीवनी पूछ ली जिस ने उन मॉर्फिंग का ज्ञान दिलवाया था।
और इस दुरगत के बाद उनकी चूँचिया एकदम कड़ी ,पत्थर की तरह
निपल खड़े ,एकदम पक्का सबूत की उन्हें ह्यूमलियेट होने में ,मार पिटाई खाने में एक अजब सेक्सुअल मजा मिलता था।
बस मैंने हचक हचक के उस दस इंच के डिल्डो से वो गांड मारी उनकी ,
और तभी एक मुर्गे ने सुबह होने की घंटी बजा दी।
कालिख रात की बिखर गयी थी ,हलकी हलकी रोशनी दस्तक दे रही थी।
और मैंने एक बार फिर पूरी ताकत से जड़ तक डिल्डो गांड में ठूंस कर , साथ में उनकी क्लिट को बस हलके से छू भर दिया
और क्या झड़ी वो ,झड़ती ही रहीं ,रुकतीं फिर झड़ना चालू हो जाता।
और उनकी किसी मायकेवाली की गांड में चाहे ऊँगली जाय या मोटा लंड या डिलडो ,गाँड़ से निकल कर तो उसे सीधे सीधे ,उनके मायकेवाली के मुंह में ही जाना होता है।
आखिर साफ़ कौन करेगा।
मेरी जेठानी ने चूस चूस कर डिलडो साफ़ भी किया।
हलकी लाली फ़ैलने लगी थी।
"सोने के पहले बेड टी चलेगी , " मैंने मुस्कराकर अपने उनसे पूछा।
"दौड़ेगी " हंस के वो बोले।
हलकी लाली फ़ैलने लगी थी।
"सोने के पहले बेड टी चलेगी , " मैंने मुस्कराकर अपने उनसे पूछा।
"दौड़ेगी " हंस के वो बोले।
जेठानी मेरी , थोड़ी स्लो लर्नर थीं ( चुदाई के अलावा ,जिसकी सारी ट्रिक्स उन्होंने गाँव में गन्ने के खेतों में सीख ली थीं कच्ची जवानी में )
वो नहीं समझ पायीं जमाना बदल गया है। मेरी शादी के बाद से चाय बनाना मेरे जिम्मे और उसके पहले उनके अपने पति,
मैंने अपना मोबाइल उनकी ओर बढ़ाया , देखिये न कोई एम् एम् एस ,आप ही के मोबाइल से आया है कितना प्यारा है।
ये एकदम शुरू का ,जब वो अपने देवर के खूंटे पर क्रीम लपेट रही थीं और बार बार बोल रहीं थी ,
"देवर दे दे न आपन लंड। "
दो न लंड।
" देख न आवाज भी कितनी साफ़ है एकदम टनटनाटन मेरी भौजी की , आँख बंद कर के भी कोई पहचान लेगा इनकी आवाज " वो बोले।
" तभी तो मॉर्फिंग का कोई सवाल नहीं और दीवाल पर तो देखिये ,... " मैंने जोड़ा।
दीवाल पर मेरी जेठानी और जेठ की शादी के बाद की युगल जोड़ी वाली फोटो थी और बिस्तर पर वो अपने देवर के लंड में क्रीम लपेट रही थीं।
" एक और आया है इन्ही के फोन से " अबकी उनके देवर ने खोला ,
इसमें जेठानी जी उनके मोटे खूंटे पर चढ़ी धक्के लगा रही थीं , और इन्हे ललकार रही थीं ,
" हाँ और ताकत से ,ओह्ह बहुत दिन बाद ऐसा मजा आया है चुदवाने का। "
और दीवाल पर वही फोटो।
मैंने तीसरा खोला जिसमें वो निहुरि हुयी कुतिया बनी चुदवा रही थीं ,मजे से सिसक रही थीं।
और अब उनके देवर का नंबर था और ये वाला एम् एम् एस तो ,... आस टू माउथ , ...
ये उनकी गांड से लंड निकाल के सीधे मुंह में।
जेठानी जी को मेसेज मिल गया ,मैं जा रही हूँ चाय बनाने ,बोल के वो उठीं तो मैंने अगला इंस्ट्रक्शन भी ठोंक दिया ,
" अरे मंजन वंजन के चक्कर में मत पड़ियेगा बेड टी तो ऐसे ही हाँ लेकिन जैसे मुझे पंसद है न ,स्ट्रांग लिकर , दूध अलग ,चीनी अलग ,प्याले भी गरम पानी से वाश आकर लीजियेगा। "
" और भाभी सिर्फ पांच मिनट में , नींद बड़ी तगड़ी आ रही है ," अंगड़ाई लेते हुए वो बोले।
जेठानी झुकी हुयी फर्श पर अपने कपडे ढूंढ रही थी , पर सब तो मेरे कब्जे में ,... उनकी साडी मैंने उठा के दे दी और बोला बस इसी को लपेट लीजिये हमी तो है।
" वो ब्रा ब्लाउज " हलके से हिम्मत करके वो बोलीं।
ब्रा पलंग के हेड बोर्ड से बंधी ,उसी से तो मैंने उनके हाथ बांधे थे।
ब्लाउज मैंने दे दिया ,फ्रंट ओपन,.... पर नीचे के दो हुक छोड़कर सब मैंने पहले ही काट दिए थे।
एकहाथ से उनकी भौजी की गांड में धंसे उसे मोटे काले डिल्डो को मैंने पकड़ा और फिर पूरी ताकत से ,कमर की भी कलाई की भी
गांड का छल्ला पार।
क्या चीखीं वो , जब रगड़ता हुया वो रिब्ड ,...
पर मैं पुश करती रहे धकेलती रही ठेलती रही
और ८ इंच अंदर।
कैमरे काम कर रहे थे ,और अब तो जेठानी को भी रकार्डिंग हो रही है ये मालूम ही होगया था।
इसलिए वो भी मोबाईल से ,
हाँ मोबाइल जेठानी का ही था जिससे कोई भी ट्रेसिंग उन्ही के फोन पे रुकती।
इस बार न मैं उनकी बुर छू रही थी न चूँची।
सिर्फ हचक के गांड मार रही थी ,कुतीया बना के।
जेठानी की पीठ की ओर मुस्करा के मेरे उन्होंने देखा और मैं इशारा समझ गयी।
उनकी चिकनी कामुक पीठ पर अमावस की तरह छितराये मेरी जेठानी के घने काले केश ,
बस उसे लपेट कर मैंने लगाम सी बनायी और जोर से खींच दिया
उईईईईई जोर से चीखीं वो
चटाक चटाक दो चांटे जोर जोर से उन गोल चूतड़ों पर जिसे मटका मटका कर सबके लंड खड़ा करती थीं।
और फिर एक बार जोर से बाल खींच के डिल्डो आलमोस्ट बाहर ,
और फिर पूरी ताकत से पूरा अंदर ,
फिर चांटे
और उनसे उनके पूरी खानदान को गाली दिलवाई।
उस ममेरी बहन की पूरी जीवनी पूछ ली जिस ने उन मॉर्फिंग का ज्ञान दिलवाया था।
और इस दुरगत के बाद उनकी चूँचिया एकदम कड़ी ,पत्थर की तरह
निपल खड़े ,एकदम पक्का सबूत की उन्हें ह्यूमलियेट होने में ,मार पिटाई खाने में एक अजब सेक्सुअल मजा मिलता था।
बस मैंने हचक हचक के उस दस इंच के डिल्डो से वो गांड मारी उनकी ,
और तभी एक मुर्गे ने सुबह होने की घंटी बजा दी।
कालिख रात की बिखर गयी थी ,हलकी हलकी रोशनी दस्तक दे रही थी।
और मैंने एक बार फिर पूरी ताकत से जड़ तक डिल्डो गांड में ठूंस कर , साथ में उनकी क्लिट को बस हलके से छू भर दिया
और क्या झड़ी वो ,झड़ती ही रहीं ,रुकतीं फिर झड़ना चालू हो जाता।
और उनकी किसी मायकेवाली की गांड में चाहे ऊँगली जाय या मोटा लंड या डिलडो ,गाँड़ से निकल कर तो उसे सीधे सीधे ,उनके मायकेवाली के मुंह में ही जाना होता है।
आखिर साफ़ कौन करेगा।
मेरी जेठानी ने चूस चूस कर डिलडो साफ़ भी किया।
हलकी लाली फ़ैलने लगी थी।
"सोने के पहले बेड टी चलेगी , " मैंने मुस्कराकर अपने उनसे पूछा।
"दौड़ेगी " हंस के वो बोले।
हलकी लाली फ़ैलने लगी थी।
"सोने के पहले बेड टी चलेगी , " मैंने मुस्कराकर अपने उनसे पूछा।
"दौड़ेगी " हंस के वो बोले।
जेठानी मेरी , थोड़ी स्लो लर्नर थीं ( चुदाई के अलावा ,जिसकी सारी ट्रिक्स उन्होंने गाँव में गन्ने के खेतों में सीख ली थीं कच्ची जवानी में )
वो नहीं समझ पायीं जमाना बदल गया है। मेरी शादी के बाद से चाय बनाना मेरे जिम्मे और उसके पहले उनके अपने पति,
मैंने अपना मोबाइल उनकी ओर बढ़ाया , देखिये न कोई एम् एम् एस ,आप ही के मोबाइल से आया है कितना प्यारा है।
ये एकदम शुरू का ,जब वो अपने देवर के खूंटे पर क्रीम लपेट रही थीं और बार बार बोल रहीं थी ,
"देवर दे दे न आपन लंड। "
दो न लंड।
" देख न आवाज भी कितनी साफ़ है एकदम टनटनाटन मेरी भौजी की , आँख बंद कर के भी कोई पहचान लेगा इनकी आवाज " वो बोले।
" तभी तो मॉर्फिंग का कोई सवाल नहीं और दीवाल पर तो देखिये ,... " मैंने जोड़ा।
दीवाल पर मेरी जेठानी और जेठ की शादी के बाद की युगल जोड़ी वाली फोटो थी और बिस्तर पर वो अपने देवर के लंड में क्रीम लपेट रही थीं।
" एक और आया है इन्ही के फोन से " अबकी उनके देवर ने खोला ,
इसमें जेठानी जी उनके मोटे खूंटे पर चढ़ी धक्के लगा रही थीं , और इन्हे ललकार रही थीं ,
" हाँ और ताकत से ,ओह्ह बहुत दिन बाद ऐसा मजा आया है चुदवाने का। "
और दीवाल पर वही फोटो।
मैंने तीसरा खोला जिसमें वो निहुरि हुयी कुतिया बनी चुदवा रही थीं ,मजे से सिसक रही थीं।
और अब उनके देवर का नंबर था और ये वाला एम् एम् एस तो ,... आस टू माउथ , ...
ये उनकी गांड से लंड निकाल के सीधे मुंह में।
जेठानी जी को मेसेज मिल गया ,मैं जा रही हूँ चाय बनाने ,बोल के वो उठीं तो मैंने अगला इंस्ट्रक्शन भी ठोंक दिया ,
" अरे मंजन वंजन के चक्कर में मत पड़ियेगा बेड टी तो ऐसे ही हाँ लेकिन जैसे मुझे पंसद है न ,स्ट्रांग लिकर , दूध अलग ,चीनी अलग ,प्याले भी गरम पानी से वाश आकर लीजियेगा। "
" और भाभी सिर्फ पांच मिनट में , नींद बड़ी तगड़ी आ रही है ," अंगड़ाई लेते हुए वो बोले।
जेठानी झुकी हुयी फर्श पर अपने कपडे ढूंढ रही थी , पर सब तो मेरे कब्जे में ,... उनकी साडी मैंने उठा के दे दी और बोला बस इसी को लपेट लीजिये हमी तो है।
" वो ब्रा ब्लाउज " हलके से हिम्मत करके वो बोलीं।
ब्रा पलंग के हेड बोर्ड से बंधी ,उसी से तो मैंने उनके हाथ बांधे थे।
ब्लाउज मैंने दे दिया ,फ्रंट ओपन,.... पर नीचे के दो हुक छोड़कर सब मैंने पहले ही काट दिए थे।
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!
- kunal
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Re: जोरू का गुलाम या जे के जी
पहन लिया उन्होंने और किचेन की ओर चल दीं और मेरा मन एक बार फिर फ्लैश बैक शादी के डेढ़ दो महीने बाद की बात , मैंने एक दिन ऐसे ही बोल दिया की मायके में तो बेड टी बेड पर ही मिलती थी ,ब्रश वश बाद में।
और जेठानी जी ने ये बातें सुनाई ये बातें सुनाई ,मुझसे ज्यादा मेरी मम्मी को।
" गन्दी ,छी और तेरी माँ भी ,... कैसे कैसे ,.. कुछ टोकती भी नहीं ,... बिना मंजन के मुंह में ,... मेरे यहाँ तो सोच भी नहीं सकती। सुबह उठो पहले नहाओ फिर किचेन में घुसना ,तेरी मम्मी भी न कैसे कैसे ,... "
पर फ्लैश बैक से वापस आ गयी ,
और मेरी जेठानी भी वापस आ गयीं चाय की ट्रे के साथ , बिना मंजन किये।
चाय भी एकदम मेरी पसंद की।
दोनों हाथों से ट्रे पकडे,चाय के तीन प्याले और मैं बिस्तर से उठ के उनके बगल में
लेकिन उनके हाथ से मैंने ट्रे नहीं ली बल्कि उन्हें याद दिलाया
" दीदी हम लोगों की तो बात अलग है पर आप भी ,आप तो ,... "
और उन के देवर ने भी मेरी बात में हाँ में हाँ मिलायी।
" हाँ आप तो बिना ब्रश के ,... "
मेरा एक हाथ जेठानी के पिछवाड़े बिजी था , मैंने साडी उनकी पीछे से उठा के कमर में फंसा दी और अब पिछवाड़ा एक खुला , मेरा हाथ उनका पिछवाड़ा सहला रहा था।
और जेठानी के दोनों हाथ ट्रे पकडे ,सम्हाले ,
मैंने कचाक से दाएं हाथ की दो ऊँगली उनकी गांड में पूरी ताकत से पेल दी।
हलकी सी चीख निकल गयी उनकी ,अभी थोड़ी देर पहले इसी छेद में मैंने हचक के १० इंच के डिल्डो से , तो दो ऊँगली ,ज़रा सी ताकत लगाने से अंदर जड़ तक ,
और गोल गोल ,जेठानी की गांड की दीवारों को रगड़ाती करोचती , थोड़ा सा चम्मच की तरह नकल मोड़ के , कभी दाएं से बाएं फिर कभी बाएं से दाएं ,चार पांच मिनट तक
जब तक वो समझें समझे मेरे बाएं हाथ ने दबा के उनके फूले फूले गाल ,उनका मुंह खुलवा दिया और गांड से निकल कर दोनों उँगलियाँ सीधे मुंह में
दांतों पर,
और मंजन चालू।
ऊपर से वो भी न ,
" अरे भौजी को ठीक से मंजन कराओ ,३२ बार गिन के। '
उन की बात मैं क्यों टालती ३२ बार गिन के दांतों पर फिर दांतों के पीछे भी।
और अब उन के हाथ से ट्रे ले कर टेबल पर मैंने रख दी और जेठानी को चाय पकड़ा दी।
उसी मुंह से वो चाय पी रही थीं और
जब वो चाय की ट्रे लेकर उठीं तो मैंने उन्हें कामों की फेहरिश्त पकड़ा दी।
" अब इस हालत में आपको कलावती देखेगी तो पता नहीं कहाँ कहाँ जा के गाती न ,इसलिए मैंने कलावती को मना कर दिया था सुबह को आने को। दोपहर को तो वो आएगी ही , तो बस थोड़ा सा काम ,अरे वो तो रोज करती है आप तो बस एक दिन ,...
अब कल आपके देवर ने आपको एक से एक डिश खिलाई थी अब लेकिन बनाने वाले बर्तन और जो हम लोगों ने खाये थे ,रोज से थोड़े ज्यादा तो बस वो बर्तन साफ़ करने हैं।
और घर तो आपका ही है तो झाड़ू पोंछा , हाँ जरा ठीक से करियेगा , लगे की आज मेरी जेठानी ने झाड़ू पोंछा किया है ,है न। एकदम चमाचम। "
लेकिन उनके देवर को बुरा लगा उन्होंने टोका ,
" आखिर क्या बुरा हाल है मेरी भौजी का ,आखिर देवर भौजी की रात के बाद तो ई सब भौजी का सिंगार है। भौजी कुछ भी साफ़ वाफ मत कीजियेगा। "
खिलखिलाते हुए मैं बोली ,
" देखिये ये बात मैं नहीं आपके देवर ही कह रहे हैं और सच में देवर की बात तो आप कभी नहीं टालेंगी ,तो नो सफाई आफ चेहरा और बाड़ी ,सिर्फ बरतन और घर। अच्छा कलावती को तो मैंने मना कर दिया था
लेकिन वो दूधवाला लड़का तो आएगा ही , अब सब की तरह वो भी आपके जुबना का दीवाना है तो आज ज़रा ठीक से झलक देख लेगा और शहर के रिश्ते में देवर ही तो लगेगा वो भी।
फिर अपने मायके के दूधवाले को तो आपने मन भर दूध पिलाया था तो इस बिचारे को दूध दिखा ही दीजियेगा। बस उसको पटा के आज एक किलो दूध एक्स्ट्रा ले लीजियेगा ,हैं न। "
जब वो कमरे से निकलने को हुईं तो उन्होंने बोला,...
और फोन ,
मैंने फिर उन्हें आवाज दे कर बुला लिया।
" अरे एक दो बातें रह ही गयीं थी , अब आपने ऑफिसियल पिया जी से तो बात करेंगीं ही न ,जिनके बिस्तर पर आपने अपने देवर के साथ कुश्ती लड़ी हाँ तो उनको साफ़ साफ़ बता दीजियेगा की गुड्डी आज हमारे साथ जा रही है ,पूरे साल भर के लिए।
और हाँ यही बोलियेगा की हम लोग तो नहीं चाह रहे थे पर आपने हमसे बहुत जिद्द करवाके , गुड्डी के भले के लिए जबरदस्ती ,.. गुड्डी भी बहुत ना नुकुर कर रही थी।
दो तीन घंटे में तो उनकी ट्रेन भी छूटने वाली होगी। मुझे मालूम है आपकी बात जेठ जी को बहुत अच्छी लगती है इसलिए आपसे कहलवा रही हूँ ,और सासू जी भी उन की बात मानती हैं। एकदम इस तरह से की सारी क्रेडिट आप को मिले।
आखिर देखिये गुड्डी को जाने से तो अब कोई रोक नहीं सकता और वहां पहुँचने पर उस की फटने से भी कोई रोक नहीं सकता तो वो क्रेडिट आप ही को मिले तो अच्छा होगा न। "
मुझे लगा वो थोड़ी उहापोह में हैं तो मैंने उनके फोन का राज खोल दिया।
" देखिये अब बात तो करेंगी ही जेठ जी से , हाँ अब आपके मोबाइल फोन से जो भी बात होगी, इनकमिंग आउटगोइंग सब ,वो आपके फोन में रिकार्ड होगा और साथ मेरे और इनके फोन में लाइव ट्रांसमिट भी होगा और रिकार्ड भी होगा।
तो बस आपकी बात तो हम दोनों बाद में सुन ही लेंगे ,लेकिन आप पर हमें पूरा यकीं है इसलिए सुनने सुनाने की कोई बात नहीं मैं ऐसे ही बोल रही हूँ ,आप आखिर हमारे भले की ही सोचेंगी , "
" और क्या भाभी अब हम ये थोड़े उन्हें बताएंगे की आप ने उन्हें दूध में दो नींद की गोली मिला के ,... उन्ही के बिस्तर पर अपने भैया क्या नाम है उस का संदीपवा के साथ ,ऐन राखी के दिन डबल राउंड कबड्डी खेली। रिकार्ड है ,आपकी आवाज में है ,लेकिन ये अब हम सब के बीच की बात है। "
उनके देवर भी बीच में बोल पड़े।
" और एक फोन और ,अरे वही गुड्डी को।
कल पता नहीं उसका मूड , कह रही थी भाभी पर काटने की बात कर रही थीं , मैंने बोला भी की मजाक कर रही होंगी ,तू अकेली ननद है तो लेकिन ,.. तो ज़रा मना लीजियेगा उसे।
और जेठानी जी ने ये बातें सुनाई ये बातें सुनाई ,मुझसे ज्यादा मेरी मम्मी को।
" गन्दी ,छी और तेरी माँ भी ,... कैसे कैसे ,.. कुछ टोकती भी नहीं ,... बिना मंजन के मुंह में ,... मेरे यहाँ तो सोच भी नहीं सकती। सुबह उठो पहले नहाओ फिर किचेन में घुसना ,तेरी मम्मी भी न कैसे कैसे ,... "
पर फ्लैश बैक से वापस आ गयी ,
और मेरी जेठानी भी वापस आ गयीं चाय की ट्रे के साथ , बिना मंजन किये।
चाय भी एकदम मेरी पसंद की।
दोनों हाथों से ट्रे पकडे,चाय के तीन प्याले और मैं बिस्तर से उठ के उनके बगल में
लेकिन उनके हाथ से मैंने ट्रे नहीं ली बल्कि उन्हें याद दिलाया
" दीदी हम लोगों की तो बात अलग है पर आप भी ,आप तो ,... "
और उन के देवर ने भी मेरी बात में हाँ में हाँ मिलायी।
" हाँ आप तो बिना ब्रश के ,... "
मेरा एक हाथ जेठानी के पिछवाड़े बिजी था , मैंने साडी उनकी पीछे से उठा के कमर में फंसा दी और अब पिछवाड़ा एक खुला , मेरा हाथ उनका पिछवाड़ा सहला रहा था।
और जेठानी के दोनों हाथ ट्रे पकडे ,सम्हाले ,
मैंने कचाक से दाएं हाथ की दो ऊँगली उनकी गांड में पूरी ताकत से पेल दी।
हलकी सी चीख निकल गयी उनकी ,अभी थोड़ी देर पहले इसी छेद में मैंने हचक के १० इंच के डिल्डो से , तो दो ऊँगली ,ज़रा सी ताकत लगाने से अंदर जड़ तक ,
और गोल गोल ,जेठानी की गांड की दीवारों को रगड़ाती करोचती , थोड़ा सा चम्मच की तरह नकल मोड़ के , कभी दाएं से बाएं फिर कभी बाएं से दाएं ,चार पांच मिनट तक
जब तक वो समझें समझे मेरे बाएं हाथ ने दबा के उनके फूले फूले गाल ,उनका मुंह खुलवा दिया और गांड से निकल कर दोनों उँगलियाँ सीधे मुंह में
दांतों पर,
और मंजन चालू।
ऊपर से वो भी न ,
" अरे भौजी को ठीक से मंजन कराओ ,३२ बार गिन के। '
उन की बात मैं क्यों टालती ३२ बार गिन के दांतों पर फिर दांतों के पीछे भी।
और अब उन के हाथ से ट्रे ले कर टेबल पर मैंने रख दी और जेठानी को चाय पकड़ा दी।
उसी मुंह से वो चाय पी रही थीं और
जब वो चाय की ट्रे लेकर उठीं तो मैंने उन्हें कामों की फेहरिश्त पकड़ा दी।
" अब इस हालत में आपको कलावती देखेगी तो पता नहीं कहाँ कहाँ जा के गाती न ,इसलिए मैंने कलावती को मना कर दिया था सुबह को आने को। दोपहर को तो वो आएगी ही , तो बस थोड़ा सा काम ,अरे वो तो रोज करती है आप तो बस एक दिन ,...
अब कल आपके देवर ने आपको एक से एक डिश खिलाई थी अब लेकिन बनाने वाले बर्तन और जो हम लोगों ने खाये थे ,रोज से थोड़े ज्यादा तो बस वो बर्तन साफ़ करने हैं।
और घर तो आपका ही है तो झाड़ू पोंछा , हाँ जरा ठीक से करियेगा , लगे की आज मेरी जेठानी ने झाड़ू पोंछा किया है ,है न। एकदम चमाचम। "
लेकिन उनके देवर को बुरा लगा उन्होंने टोका ,
" आखिर क्या बुरा हाल है मेरी भौजी का ,आखिर देवर भौजी की रात के बाद तो ई सब भौजी का सिंगार है। भौजी कुछ भी साफ़ वाफ मत कीजियेगा। "
खिलखिलाते हुए मैं बोली ,
" देखिये ये बात मैं नहीं आपके देवर ही कह रहे हैं और सच में देवर की बात तो आप कभी नहीं टालेंगी ,तो नो सफाई आफ चेहरा और बाड़ी ,सिर्फ बरतन और घर। अच्छा कलावती को तो मैंने मना कर दिया था
लेकिन वो दूधवाला लड़का तो आएगा ही , अब सब की तरह वो भी आपके जुबना का दीवाना है तो आज ज़रा ठीक से झलक देख लेगा और शहर के रिश्ते में देवर ही तो लगेगा वो भी।
फिर अपने मायके के दूधवाले को तो आपने मन भर दूध पिलाया था तो इस बिचारे को दूध दिखा ही दीजियेगा। बस उसको पटा के आज एक किलो दूध एक्स्ट्रा ले लीजियेगा ,हैं न। "
जब वो कमरे से निकलने को हुईं तो उन्होंने बोला,...
और फोन ,
मैंने फिर उन्हें आवाज दे कर बुला लिया।
" अरे एक दो बातें रह ही गयीं थी , अब आपने ऑफिसियल पिया जी से तो बात करेंगीं ही न ,जिनके बिस्तर पर आपने अपने देवर के साथ कुश्ती लड़ी हाँ तो उनको साफ़ साफ़ बता दीजियेगा की गुड्डी आज हमारे साथ जा रही है ,पूरे साल भर के लिए।
और हाँ यही बोलियेगा की हम लोग तो नहीं चाह रहे थे पर आपने हमसे बहुत जिद्द करवाके , गुड्डी के भले के लिए जबरदस्ती ,.. गुड्डी भी बहुत ना नुकुर कर रही थी।
दो तीन घंटे में तो उनकी ट्रेन भी छूटने वाली होगी। मुझे मालूम है आपकी बात जेठ जी को बहुत अच्छी लगती है इसलिए आपसे कहलवा रही हूँ ,और सासू जी भी उन की बात मानती हैं। एकदम इस तरह से की सारी क्रेडिट आप को मिले।
आखिर देखिये गुड्डी को जाने से तो अब कोई रोक नहीं सकता और वहां पहुँचने पर उस की फटने से भी कोई रोक नहीं सकता तो वो क्रेडिट आप ही को मिले तो अच्छा होगा न। "
मुझे लगा वो थोड़ी उहापोह में हैं तो मैंने उनके फोन का राज खोल दिया।
" देखिये अब बात तो करेंगी ही जेठ जी से , हाँ अब आपके मोबाइल फोन से जो भी बात होगी, इनकमिंग आउटगोइंग सब ,वो आपके फोन में रिकार्ड होगा और साथ मेरे और इनके फोन में लाइव ट्रांसमिट भी होगा और रिकार्ड भी होगा।
तो बस आपकी बात तो हम दोनों बाद में सुन ही लेंगे ,लेकिन आप पर हमें पूरा यकीं है इसलिए सुनने सुनाने की कोई बात नहीं मैं ऐसे ही बोल रही हूँ ,आप आखिर हमारे भले की ही सोचेंगी , "
" और क्या भाभी अब हम ये थोड़े उन्हें बताएंगे की आप ने उन्हें दूध में दो नींद की गोली मिला के ,... उन्ही के बिस्तर पर अपने भैया क्या नाम है उस का संदीपवा के साथ ,ऐन राखी के दिन डबल राउंड कबड्डी खेली। रिकार्ड है ,आपकी आवाज में है ,लेकिन ये अब हम सब के बीच की बात है। "
उनके देवर भी बीच में बोल पड़े।
" और एक फोन और ,अरे वही गुड्डी को।
कल पता नहीं उसका मूड , कह रही थी भाभी पर काटने की बात कर रही थीं , मैंने बोला भी की मजाक कर रही होंगी ,तू अकेली ननद है तो लेकिन ,.. तो ज़रा मना लीजियेगा उसे।
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