जोरू का गुलाम या जे के जी
- kunal
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Re: जोरू का गुलाम या जे के जी
क्या ताकत थी उनके हाथों में , जिस तरह से वो रगड़ मसल रहे थे।
और जैसे उनकी उंगलिया मेरे कड़े निपल्स को मसलता रोल करता , मैं एकदम पिघल रही थी।
तभी मुझे याद आया रीनू का डेयर तो अभी बचा ही है ,
और मैंने कार्ड खोल के अनाउंस कर दिया ,
" पहले तो दो मिनट अपनी ब्रा खोल के निपल फ्लिक करो फिर अपनी ब्रा मेरे हवाले ,"
वो जब निपल फ्लिक कर रही थी तो उसकी निगाहें अपने जीजू ,मेरे उनके साथ , उन्हें छेड़ते चिढाते ललचाते ,
और ब्रा मेरी हाथ में आते ही मैंने उसे वही फेंक दिया ,शेल्फ के ऊपर जहां कमल जीजू ने मेरी ब्रा फेंकी थी ,
और अब हम सब टॉप लेस थे।
अगला राउंड ट्रुथ वाला था लेकिन उसके पहले रीनू ने एक बार फिर सबकी ग्लासेज भर दीं।
और अब कार्ड मेरे हाथ में थे। सवाल अजय जीजू से मैंने पूछा ,
अगला राउंड ट्रुथ वाला था लेकिन उसके पहले रीनू ने एक बार फिर सबकी ग्लासेज भर दीं।
और अब कार्ड मेरे हाथ में थे।
सवाल अजय जीजू से मैंने पूछा ,
" माना जीजू ,आप और कमल जीजू दोनों जेंडर इक्वलिटी में विश्वास करते हैं , लंबे और गोल छेद दोनों में कोई फर्क नहीं करते , लेकिन ये बताइये अपने किसी लड़के से चुसवाया है ?"
" अरे , एकदम , सबसे पहले मैं जब इंटर में था , और आखिरी बार दिल्ली गया था वो वहां एक स्पा में , और ये मत पूछना मलाई कहाँ गयी , एक एक बूँद वो गटक कर गया। " हंसते हुए बिना हिचक उन्होंने बता दिया।
लेकिन साथ साथ कार्ड खोल कर अजय जीजू ने मेरे लिए सवाल दाग दिया ,
" अच्छा चल तू बता , तूने सबसे पहले किसकी चूसी है? "
मैं और रीनू दोनों ही खिलखिला के हंस पड़े।
" नहीं ऐसे नहीं बताना पडेगा , खुल के और खोल के ,"
दोनों जीजू के साथ ये भी बोल रहे थे।
" अरे आपकी बीबी की ,रीनू की और ये मत पूछियेगा उस ने सब से पहले किसकी , ... मेरी। और हम दोनों आप से एक साल छोटे थे , ग्यारहवीं में। "
हँसते हुए मैंने कैशोर्य का राज खोल दिया।
कार्ड फिर मेरे हाथ में था ,और मैंने कमल जीजू के लिए सवाल निकाला ,
" जीजू , आप ने बोला था सबसे पहले आप ने एक लौण्डे की ली थी ,जब आप हाईस्कूल में थे , आखिर बार कब किसी लड़के के साथ और कितनी बार ,?"
बात काटते हुए वो बोले ,"मैं कोई हिसाब थोड़े ही रखता हूँ। हाँ दस बारह दिन पहले एक मिल गया था , चीनू की पांच दिन वाली छुट्टी चल रही थी ,बस उस लौंडे को निहुरा के , तीन बार। "
अब. वो बचे थे और कार्ड उनकी साली ,रीनू के पास.
" जीजू आप ने कबूल कर लिया है की आप की नथ मेरी बहन ने उतारी ,तो ये आप से पूछना बेकार है की आप ने शादी के पहले किसी लड़के की ली है की नहीं , लेकिन आप ऐसे चिकने की तो , .... "
" अरे साफ़ साफ़ पूछ न साली ,... " मैंने रीनू को हड़काया। और उसने बोल दिया ,
" आपकी गांड सबसे पहले कब मारी गयी ? "
क्या कोई लौंडिया ब्लश करेगी , जिस तरह से उन्होंने ब्लश किया ,फिर धीमे से बोले ,
" नहीं ,... नहीं मारी गयी अभी तक। "
कमल जीजू को विश्वास नहीं हुआ ,
" स्साले , अबे तूने तो पूरे स्कूल में आग लगा रखा थी ,मैंने उसी साल तो स्कूल छोड़ा था ,लेकिन खबर तो आती थी ,अब ये मत कहना की ,... किसी ने लाइन नहीं मारी या ट्राई नहीं किया। "
उन्होंने कबूल किया की लाइन तो बहुतों ने मारी , तीन बार तो स्कूल के लौण्डेबाजों ने उनकी नेकर सरका भी दी थी लेकिन बस ,... ऐन मौके पर बच गए।
" तो तेरी अब तक कोरी है , ... ?" कमल जीजू ने उनकी ओर ध्यान से देखते हुए पूछा।
" हाँ " बहुत शरमाते हुए उन्होंने आँख झुका के कबूल किया।
रीनू बच गयी थी ,उस का कार्ड मैंने निकाला ,
" तूने कभी स्ट्रैप आन इस्तेमाल किया है ? "
" एकदम किया है और तेरे मर्द का कोरेपन का इलाज अगर तेरे जीजू लोगों ने नहीं किया न तो जब मेरी छुट्टी ख़तम होगी न तो बस ,सीधे उनके ऊपर। "
हँसते हुए वो बोली ,और पूरा पेग गटक लिया।
दूसरी बोतल भी ख़तम हो गयी थी।
अगला राउंड शुरू होने के पहले , अजय जीजू ने अपनी स्पेशल सिगी निकाल की और रोल कर के एक खुद और एक कमल जीजू को ,
मैं पहचान गयी ये कोई ऐसी नहीं स्पेशल सिगी थी , मसाले वाली , चीनू के भाई की शादी में अजय जीजू ने मुझे एक दो सुट्टा लगवाया था। असली कश्मीरी ,
एक सुट्टे में ही दिमाग और बुर /लन्ड दोनों सातवे आसमान पर पहुँच जाते थे।
" जीजू अकेले अकेले , "
मैंने उन्हें छेड़ा , और खुद उनके हाथ से ले के पहले तो दो सुट्टे खुद लगाए और फिर रीनू को पास कर दिया ,
" अरे एक कश तो लगा लो , "
कमल जीजू ने थोड़ी जबरदस्ती , थोड़ी मान मन्नौवल कर के उनके होंठ में भी खोंस दिया।
कश तो वो अब लगा ही लेते थे , और मम्मी ने उन्हें 'पेसल ' वाली सिगरेट का धुंआ भी सुंघा दिया था।
पर ये तो एकदम दिमाग का रायता बनाने वाली थी ,सोच समझ का बिस्तरा गोल,
खांसते ,हिचिकचाते उन्होंने दो कश लगा ही लिए , और असर एकदम साफ़ दिख रहा था।
सिगरेट चालू थी लेकिन गेम का अगला राउंड शुरू हो गया , रीनू ने पत्ते खोल दिए ,
डार्क रेड यानी वाइल्ड डेयर वाले ,
और पहला टास्क मुझे ही मिला ,
एक आइटम गर्ल की तरह डांस , बूब्स को झटके देते हुए , फिर अपनी थांग खोल के सबको अपनी बुलबुल खोल के दिखाना , और दो ऊँगली अंदर डाल के दो मिनट तक फिंगरिंग
और फिर मेरे चूत रस में सोक्ड फिंगर ,अजय जीजू को चटाना ,
खूब हल्ला हो रहा था जब मैं डांस कर रही थी , जीजू लोगों के साथ ये भी जब मैंने थांग नीचे सरकायी ,कुछ देर तक हथेली में चुनमुनिया को छुपा के रखा , उसे हलके हलके रगड़ा ,उँगलियाँ फैला के उसकी झलक दिखाई ,
फिर एक और बाद में दो ऊँगली अंदर ढकेल दी।
जितनी जोर से मैंने सिसकी ली ,उससे दूने जोर से पब्लिक ने आहें भरी।
बुर तो में पहले सी गीली थी और अब सबके सामने इस तरह फिंगरिंग ,
बुर का बुरा हाल था।
मुझे अजय के पास जाने की जरूरत ही नहीं पड़ी ,खुद आके उसने बुर के रस में नहायी मेरी दोनों ऊँगली अपने मुंह में और जोर जोर से चाटने लगा।
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!
- kunal
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जोरू का गुलाम भाग ७३
जोरू का गुलाम भाग ७३
अगला नम्बर अजय का ही था , और बड़ा खतरनाक डेयर ,
कमल जीजू के ब्रीफ में हाथ डालकर उनके लन्ड को मुठियाना ,पूरे दो मिनट तक।
न वो झिझका न कमल जीजू।
कमल जीजू का लन्ड अब उनके ब्रीफ को फाड् के एकदम निकल जाने की हालत में था।
और तब तक रीनू ने कमल जीजू का भी कार्ड निकाल दिया।
इस कमरे में बैठे किसी भी लड़के को किस करना ,.... डीप फ्रेंच किस
और उन्हें तो मौका मिल गया ,डेयर रीनू ने पूरा बोला भी नहीं था
और कमल जीजू ने उन्हें अपनी बाहों में में कस के बाँध के , सीधे लिप्पी और वो ,....डीप फ्रेंच किस में बदल गया।
पता नहीं कमल जीजू ने पकड़ा के या उन्होंने खुद ,... जो मैंने देखा तो उनका हाथ ब्रीफ फाड़ते कमल जीजू के खूंटे पर था।
उनका कार्ड भी रीनू ने ही निकाला ,
अजय की गोद में बैठ कर अपने चूतड़ उसके खूंटे पर , ड्राई हंपिंग चार मिनट तक ,
थोड़ा वो झिझके , पर साली का हुकुम और सिगी का असर ,
जबरदस्त ग्राइंडिंग।
रीनू का कार्ड मैंने खोला ,
और उनका फायदा हो गया ,
रीनू को उनका लन्ड बॉक्सर शार्ट से बाहर निकाल कर के दो मिनट तक मुट्ठ मारना था ,फिर सुपाड़ा खोल के एक छोटा सा किस ,
लेकिन वो साली ,असली साली थी ,किस पे नहीं रुकी ,पूरा गप्प कर लिया।
अब तक हम सब पूरी तरह मूड में रंग गए थे।
और वैसे भी अगला राउंड , तो ,.... एकदम। ..
लेकिन न रीनू रुकी न जीजू ने उसे रुकने दिया ,....
ये डार्क डार्क रेड कार्ड्स थे , यानी वाइल्डेस्ट डेयर वाले।
पर अब हम सब जिस मूड में थे , एकदम से नो होल्ड्स बार्ड वाला ,...
कमल जीजू ने उन्हें स्पेशल सिगी का एक जोरदार सुट्टा लगवाया और , फिर उन्होंने रीनू के हाथ से कार्ड ले के ,
डेयर रीनू का था , लेकिन सच में तो हम दोनों का , ...
रीनू को मुझे किस करना था लिप्स पे
,फिर मेरे निपल चार मिनट तक सक करना था और मुझे उसका
फिर रीनू को मेरी थांग हटा के मेरी बुर में पहले तो ऊँगली करनी थी और फिर चाटना चूसना था ,
और मेरी बुर के रस से भीगे होंठों से तीनो मर्दों को किस करना था।
कम्प्लीट लेस्बियन प्ले ,
रीनू ने अपने जीजू के मुंह से सिगरेट खींच के एक जोरदार सुट्टा लगाया और उन्हें सिगरेट वापस करते बोली ,
"चल जीजू आप भी क्या याद करोगे। "
टॉपलेस तो मैं और रीनू दोनों ही कब के हो गए थे। मुझे कमल जीजू के गोद से उठाती , वो रूम के बीच में ले गयी और हलकी सी एरोटिक म्यूजिक लगा दी।
हम दोनों साथ साथ डांस करते रहे , और फिर हगिंग , मेरी और रीनू की उँगलियाँ नशीले सांप की तरह एक दूसरे के बदन पर रेंग रही थीं।
कमरे में पिन ड्रॉप साइलेन्स था , सारे मर्दों की गहरी लंबी सांसे सुनाई दे रही थी ,
फिर रीनू के प्यासे होंठ मेरे दहकते होंठों पर ,
जस्ट अ टच , अ लाइट ब्रश और हम दोनों दूर हो गए ,
लेकिन अगली बार हम दोनों टाइट हग में थे और होंठ भी टाइट किस में।
कोई पहली बार तो हम किस कर नहीं रहे थे , दोनों के होंठ एक दूसरे की शरारतों से परिचित थे
कुछ देर के खेल खिलवाड़ के बाद , रीनू ने अपनी जीभ मेरे होंठों के बीच डाल दी और जैसे कोई नयी नवेली किशोरी
लन्ड चूसे ,मैं रीनू की जीभ चूस रही थी
जैसे हम दोनों के होंठ बिजी थे ,
वैसे ही हाथ भी मगन थे ,एक दूसरे के जोबन में ,
पहल रीनू ने ही की , पहले सहलाते हुए अचानक वो जोर जोर से मेरी चूंचियां दबाने मसलने लगी ,
अगला नम्बर अजय का ही था , और बड़ा खतरनाक डेयर ,
कमल जीजू के ब्रीफ में हाथ डालकर उनके लन्ड को मुठियाना ,पूरे दो मिनट तक।
न वो झिझका न कमल जीजू।
कमल जीजू का लन्ड अब उनके ब्रीफ को फाड् के एकदम निकल जाने की हालत में था।
और तब तक रीनू ने कमल जीजू का भी कार्ड निकाल दिया।
इस कमरे में बैठे किसी भी लड़के को किस करना ,.... डीप फ्रेंच किस
और उन्हें तो मौका मिल गया ,डेयर रीनू ने पूरा बोला भी नहीं था
और कमल जीजू ने उन्हें अपनी बाहों में में कस के बाँध के , सीधे लिप्पी और वो ,....डीप फ्रेंच किस में बदल गया।
पता नहीं कमल जीजू ने पकड़ा के या उन्होंने खुद ,... जो मैंने देखा तो उनका हाथ ब्रीफ फाड़ते कमल जीजू के खूंटे पर था।
उनका कार्ड भी रीनू ने ही निकाला ,
अजय की गोद में बैठ कर अपने चूतड़ उसके खूंटे पर , ड्राई हंपिंग चार मिनट तक ,
थोड़ा वो झिझके , पर साली का हुकुम और सिगी का असर ,
जबरदस्त ग्राइंडिंग।
रीनू का कार्ड मैंने खोला ,
और उनका फायदा हो गया ,
रीनू को उनका लन्ड बॉक्सर शार्ट से बाहर निकाल कर के दो मिनट तक मुट्ठ मारना था ,फिर सुपाड़ा खोल के एक छोटा सा किस ,
लेकिन वो साली ,असली साली थी ,किस पे नहीं रुकी ,पूरा गप्प कर लिया।
अब तक हम सब पूरी तरह मूड में रंग गए थे।
और वैसे भी अगला राउंड , तो ,.... एकदम। ..
लेकिन न रीनू रुकी न जीजू ने उसे रुकने दिया ,....
ये डार्क डार्क रेड कार्ड्स थे , यानी वाइल्डेस्ट डेयर वाले।
पर अब हम सब जिस मूड में थे , एकदम से नो होल्ड्स बार्ड वाला ,...
कमल जीजू ने उन्हें स्पेशल सिगी का एक जोरदार सुट्टा लगवाया और , फिर उन्होंने रीनू के हाथ से कार्ड ले के ,
डेयर रीनू का था , लेकिन सच में तो हम दोनों का , ...
रीनू को मुझे किस करना था लिप्स पे
,फिर मेरे निपल चार मिनट तक सक करना था और मुझे उसका
फिर रीनू को मेरी थांग हटा के मेरी बुर में पहले तो ऊँगली करनी थी और फिर चाटना चूसना था ,
और मेरी बुर के रस से भीगे होंठों से तीनो मर्दों को किस करना था।
कम्प्लीट लेस्बियन प्ले ,
रीनू ने अपने जीजू के मुंह से सिगरेट खींच के एक जोरदार सुट्टा लगाया और उन्हें सिगरेट वापस करते बोली ,
"चल जीजू आप भी क्या याद करोगे। "
टॉपलेस तो मैं और रीनू दोनों ही कब के हो गए थे। मुझे कमल जीजू के गोद से उठाती , वो रूम के बीच में ले गयी और हलकी सी एरोटिक म्यूजिक लगा दी।
हम दोनों साथ साथ डांस करते रहे , और फिर हगिंग , मेरी और रीनू की उँगलियाँ नशीले सांप की तरह एक दूसरे के बदन पर रेंग रही थीं।
कमरे में पिन ड्रॉप साइलेन्स था , सारे मर्दों की गहरी लंबी सांसे सुनाई दे रही थी ,
फिर रीनू के प्यासे होंठ मेरे दहकते होंठों पर ,
जस्ट अ टच , अ लाइट ब्रश और हम दोनों दूर हो गए ,
लेकिन अगली बार हम दोनों टाइट हग में थे और होंठ भी टाइट किस में।
कोई पहली बार तो हम किस कर नहीं रहे थे , दोनों के होंठ एक दूसरे की शरारतों से परिचित थे
कुछ देर के खेल खिलवाड़ के बाद , रीनू ने अपनी जीभ मेरे होंठों के बीच डाल दी और जैसे कोई नयी नवेली किशोरी
लन्ड चूसे ,मैं रीनू की जीभ चूस रही थी
जैसे हम दोनों के होंठ बिजी थे ,
वैसे ही हाथ भी मगन थे ,एक दूसरे के जोबन में ,
पहल रीनू ने ही की , पहले सहलाते हुए अचानक वो जोर जोर से मेरी चूंचियां दबाने मसलने लगी ,
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!
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Re: जोरू का गुलाम या जे के जी
मैं क्यों पीछे रहती , एक हाथ जोबन मर्दन में लगा था तो दूसरे हाथ की उंगलियां निपल से खेल रही थीं।
तीनों बहनों में मैं सबसे छोटी जरूर थी , लेकिन जब हम तीनों साथ होते ,( जो अक्सर होता ) तो कन्या रस के खेल में मैं ही फर्स्ट आती।
और मेरे दोनों जीजू , और रीनू के जीजू , .... तीनों मर्द ,... आँखे गड़ाए हम दोनों का खेल तमाशा देख रहे थे जैसे परदे पर कोई लेस्बियन ब्ल्यू फिल्म चल रही हो।
और मैंने रीनू को जोर से हग कर लिया ,और अब जैसे दंगल में कोई पहलवान दूसरे को रगड़ता है ,
जैसे गीत्ता बबिता आपस में ही कुश्ती लड़ रही हों , उसी तरह मेरे ३४ सी जोबन रीनू के जोबन मसल रगड़ रहे थे।
लेकिन रीनू कमीनी ,कम छिनार थोड़े ही थी ,उसके होंठों ने मेरे निपल पर हमला कर दिया , और ये मेरी दूसरे नंबर की वीकनेस थी।
वो इत्ता मस्त चूस चुभला रही थी की बस मेरी पूरी देह पिघल रही थी , लग रहा था मैं अब गयी तब गयी।
और इस कमजोरी का फायदा उठा के रीनू ने मुझे हल्का सा धक्का दिया और मैं गद्दे पर जा गिरी ,कमल जीजू के ठीक बगल में।
मेरी अल्ट्रा लो जीन्स के हुक तो कब के कमल जीजू ने खोल दिए थे और थांग स्ट्रिप पोकर में खेत रही थी।
बस एकझटके में रीनू ने मेरी जीन्स के दोनों लेग्स पकड़े ,
सरसररर , ... मैं रेजिस्ट करने की हालत में तो थी नहीं , ... जीन्स ने साथ छोड़ दिया और मैं एकदम। ...
लेकिन मेरी प्यारी बहना को इतने में संतोष कहाँ ,
मेरी दोनों गोरी गोरी जाँघों को फैला के उसने मेरे और अपने जीजू( यानी ' मेरे इनके ' ) के सामने पेश कर दिया ,
देखो कैसी मस्त सोन चिरैया है , मुंह खोल के चारा मांग रही है , देखो देखो ,देखो
देखने का कोई पैसा नहीं ,कोई चार्ज नहीं।
कमल और अजय जीजू दोनों के मुंह से लार टपक रही थी।
दोनों ही अपने ब्रीफ के ऊपर से ही तन्नाए बौराये खूंटे को रगड़ रगड़ के ,मसल मसल के ,
और रीनू ने मेरी बुर फैला के सीधे अपने होंठ ,
चूत चटोरी तो मैं भी थी अव्वल नम्बरी ,लेकिन रीनू का कोई सानी नहीं था ,
पहले तो जीभ की टिप से रीनू ने मेरी रसीली फांको को सहलाया , हलके हलके लिक किया और फिर खुली चूत में एक झटके में अपनी जीभ अंदर तक पेल दी।
उसके दोनों होंठ मेरे निचले होंठों को चूस रहे थे ,पहले तो धीरे धीरे फिर पूरे जोश से।
मैं हलके हलके चूतड़ पटक रही थी ,सिसक रही थी ,
फिर वही हुआ जिसका सबसे बड़ा डर था मुझे ,
मेरी सबसे बड़ी वीकनेस , .... मेरी क्लिंट
जीभ की नोक से रीनू उसे सहलाने लगी , और अचानक
अपने दोनों होंठों के बीच दबाकर उसका रस चूसने लगी , होंठ रस चूस रहे थे ,जीभ क्लिंट को छेड़ रही थी ,
हलके से उसने काट लिया।
मैं चीख पड़ी , कुछ दर्द से ज्यादा मजे से ,
और रीनू ने बस ,एक झटके में पुरी जड़ तक अपनी दो उंगलियां मेरी गीली बुर में पेल दी।
क्या कोई मर्द चोदेगा , जिस तरह मेरी छिनार बहनिया चोद रही थी , बुर पानी फेंक रही थी ,
मेरी हालत खराब ,लेकिन मुझसे ज्यादा मेरे जीजू लोगों की ,
और रीनू ने चार पांच मिनट मुझे ऊँगली से चोदने के बाद ,रस से भीगी अपनी ऊँगली ,पहले तो कमल जीजू के मुंह में ,फिर अजय जीजू के और बचा खुचा इनके होंठों पर लथेड़ दिया।
मुझे दो मिनट की मोहलत मिल गयी ,लेकिन चार आने का खेल अभी बचा था।
रीनू के होंठ एक बार फिर मेरी भीगी चूत पे
दो मिनट तक जम कर चूसने के बाद , मेरी बुर के रस से गीले होंठ पहले कमल जीजू के होंठों पर , फिर अजय जीजू के और अंत में , ' मेरे इनके '
अब मैंने आँखे खोल दी थी ,
ये सुट्टा लगा रहे थे उसी स्पेशल सिगी का , उनके हाथ से सिगरेट छीन के , उनके होंठों पे रीनू ने अपने होंठ रगड़े और बोला ,
"ले तू भी चाट ले मेरी बहन की बिल का रस , अब बोल हो गया न जो मादरचोद तूने डेयर दिया था। "
जब तक रीनू मेरी बगल में आके बैठी , मैंने फिर से जीन्स धारण कर ली थी।
सिगरेट का एक सुट्टा लगा के रीनू ने मुझे पकड़ा दिया ,
"ले तू भी चाट ले मेरी बहन की बिल का रस , अब बोल हो गया न जो मादरचोद तूने डेयर दिया था। "
जब तक रीनू मेरी बगल में आके बैठी , मैंने फिर से जीन्स धारण कर ली थी।
सिगरेट का एक सुट्टा लगा के रीनू ने मुझे पकड़ा दिया ,
ओफ़्फ़्फ़ , इसका नशा तो पहले वाली से भी तेज था , मेरी चूत में एकदम आग लग गयी।
" चल बहनचोद , नम्बरी गांडू अब तेरा कार्ड खोलती हूँ , तू भी क्या याद करेगा। "
अपने जीजू को देख छेडती मुस्कराती
उनकी साली ,रीनू बोली।
लेकिन कार्ड देख के रीनू की जैसे फट के हाथ में आ गयी। नशा आधा हो गया।
" ये नहीं कर पायेगा , तू , चल दूसरा खोलती हूँ। " रीनू हलके से बोली।
नहीं नहीं , मैं कमल जीजू ,अजय सब एक साथ बोल रहे थे।
बेईमानी नहीं चलेगी ,बोलो बोलो , कार्ड खोलो।
लेकिन रीनू की निगाह अपने जीजू की ओर , इनकी ओर लगी थी।
हलके से किसी तरह उन्होंने भी बोल दिया , हाँ हाँ बोलो न ,फिर ,...
और रीनू ने कार्ड खोल दिया ,,,,,,,,,,,,,,
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!
Re: जोरू का गुलाम या जे के जी
wah wah kya kamaal kar rhe ho....komal rani ki kami nahi dikh rhi ,,,,,,,,,,,congrats lage rho
- kunal
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जोरू का गुलाम भाग ७४
जोरू का गुलाम भाग ७४
" अपने बाएं बैठे , ... "
और चुप हो गयी।
ये कमल और अजय जीजू के बीच बैठे थे ,अजय जीजू इनके बाएं ,
" बोल न छिनार , अपने जीजू के लिए बेईमानी नहीं चलेगी। अरे ये करेंगे , बोल न क्या करना है। "
मैंने रीनू को कोहनी से टोका ,
" अपने बाएं बैठे मर्द का ,... "
फिर एक झटके में उसने सेंटेंस पूरा कर दिया और कमरे में सन्नाटा पसर गया।
" अपने बाएं बैठे मर्द का लन्ड , तीन मिनट तक मुंह में लेकर चूसो । "
कोई कुछ नहीं बोल रहा था।
ये तो खैर ,नीचे फर्श की ओर देख रहे थे , अपने पैर के अंगूठे से जमीन कुरेद रहे थे ,चेहरा एकदम सफ़ेद ,
लेकिन अजय जीजू भी एकदम चुप
जैसे किसी ने क्या काम उन्हें बता दिया हो।
गनीमत थी ,उनकी साली रीनू ने ,सन्नाटा तोडा , उन पास जा के बैठ के उनका चेहरा उठाती ,समझाती बोली ,
" अरे जीजू , सिर्फ तीन ही मिनट तो ,एक सेकेण्ड भी ज्यादा नहीं ,मैं हूँ न , टाइम काउंट करने के लिए। "
वो कुछ नहीं बोले ,लेकिन अब चेहरा उठा के साली की बात सुन रहे थे ,
" सच्ची जीजू ,सिर्फ तीन मिनट आपको पता भी नहीं चलेगा , और जज तो मैं ही रहूंगी न ,बस थोड़ा सा ऊपर वाला लेके ,हलके से होंठ लगा दीजियेगा , डेयर पूरा। "
और रीनू ने उनके ब्रीफ से तन्नाए हथियार को निकाल के अपने होंठो से रगड़ के बता भी दिया की कैसे
साली की बातों से उन्हें थोड़ी थोड़ी हिम्मत बंध रही थी।
" जीजू ,सच में अरे तीन मिनट तो शुरू होते ही , और कौन आपको मलाई घोंटनी है , प्लीज जीजू ,... "
अब वो थोड़े थोड़े नार्मल हो गए थे , लेकिन अभी भी हिचक रहे थे , रीनू आखिर बोली ,
और अगर आप न माने तो दूसरा कार्ड ,या कहिये तो गेम ख़तम ,... "
साली ने आखिरी दांव फेंका।
और मैं आगयी बीच मैदान में ,
पहले तो मैंने अजय जीजू को ले जाके गद्दे के कोने की ओर खड़ा कर दिया था जहां मैंने चार पांच मोटे मोटे कुशन लगा दिए थे ,
फिर उनका हाथ पकड़ के मैंने उठा दिया ,
" अरे वाह साली हो तो बेईमानी करोगी , अरे दूसरा कार्ड क्यों , करेंगे ये ,देखना तू अरे तेरे जीजू किसी से कम नहीं है ,"
और खींच के जहाँ अजय खड़े थे ले गयी और हलके से उन्हें समझाते बोली ,
" देख यार ,कुछ ख़ास नहीं , पहले मैं करती हूँ न बस तुम ध्यान से देखते रहो , और फिर वैसे ही , खाली तीन मिनट ही तो , "
उनका हाथ पकड़ के मैंने उठा दिया ,
" अरे वाह साली हो तो बेईमानी करोगी , अरे दूसरा कार्ड क्यों , करेंगे ये ,देखना तू अरे तेरे जीजू किसी से कम नहीं है ,"
और खींच के जहाँ अजय खड़े थे ले गयी और हलके से उन्हें समझाते बोली ,
" देख यार ,कुछ ख़ास नहीं , पहले मैं करती हूँ न बस तुम ध्यान से देखते रहो , और फिर वैसे ही , खाली तीन मिनट ही तो , "
…………
और मोटे गद्देदार कुशन पर अपने दोनों घुटने रख के , डॉगी पोज में ,
मेरी देखा देखी वो भी बगल के कुशन पे घुटने रख के , ... उसी पोज में ,
" जीजू पैर थोड़ा खूब दूर दूर फैला लो ,हाँ गुड ऐसे ही और हिप्स एकदम ऊपर , थोड़ा और हवा में हाँ , हाँ ज़रा सा और ,.... बैलन्स अच्छा रहेगा , सही "
रीनू उनकी साली उनकी हिम्मत बढ़ा रही थी ,और रीनू ने कई एक्स्ट्रा कुशन भी उनके पैरों ,पेट के नीचे लगा दिए।
मैंने अजय का मेश बॉक्सर शार्ट अपने भीगे होंठों से पकड़ कर नीचे खींच दिया।
जैसे कोई स्प्रिंग वाला चाक़ू बाहर निकल आये ,
खूब मोटा , लंबा कडा , ८ इंच से कम नहीं होगा।
मेरी तो नियत डोल गयी , क्या मस्त लन्ड था ,कोई भी लौंडिया खुद टाँगे फैला दे , ...
कनखियों से मैं उनकी ओर देख रही थी ,
और ,...और उनकी भी निगाहें उसी तरह ललचायी ,पियासी , अजय जीजू के मोटे लन्ड को देख रही थीं।
अपनी कोमल उँगलियों से मैंने एक झटके में ,... मोटा सुपाड़ा पूरा खुल गया।
मन तो कर रहा था गप्प कर लूँ , लेकिन रिश्ता जीजू साली का ,
बिना छेड़े ,तड़पाये ,... पूरी जीभ निकाल के , जीजू के लन्ड के बेस से हलके हलके लिक करना शुरू किया ,
फिर तेजी से चाटने लगी ,पूरे मुंह में सैलाइवा भर के ,
और साथ में फुसफुसाते उन्हें समझा भी रही थी ,
( देख मैंने कैसे जीभ निकाली है ,पूरी जीभ निकाली है न ,पूरी जीभ से ,सैलाइवा के साथ गीली कर के लिक करना )
अजय जो थोड़ी देर पहले हिचक रहे थे अब सिसक रहे थे।
और अब मैंने होंठ गोल कर के थोड़ा सा सुपाड़ा मुंह में ले लिया और चूसने चुभलाने लगी ,जीभ अजय जीजू के पी होल से खिलवाड़ कर रही थी।
और साथ में उनको भी बता रही थी ,
( देख न दांत एकदम होंठ से ढके रहने चाहिए ,लन्ड पे होंठ का दबाव पड़े ,होंठ से रगड़ो ,चूसो , और फिर धीमे धीमे कर के मुंह में ले लो )
" अपने बाएं बैठे , ... "
और चुप हो गयी।
ये कमल और अजय जीजू के बीच बैठे थे ,अजय जीजू इनके बाएं ,
" बोल न छिनार , अपने जीजू के लिए बेईमानी नहीं चलेगी। अरे ये करेंगे , बोल न क्या करना है। "
मैंने रीनू को कोहनी से टोका ,
" अपने बाएं बैठे मर्द का ,... "
फिर एक झटके में उसने सेंटेंस पूरा कर दिया और कमरे में सन्नाटा पसर गया।
" अपने बाएं बैठे मर्द का लन्ड , तीन मिनट तक मुंह में लेकर चूसो । "
कोई कुछ नहीं बोल रहा था।
ये तो खैर ,नीचे फर्श की ओर देख रहे थे , अपने पैर के अंगूठे से जमीन कुरेद रहे थे ,चेहरा एकदम सफ़ेद ,
लेकिन अजय जीजू भी एकदम चुप
जैसे किसी ने क्या काम उन्हें बता दिया हो।
गनीमत थी ,उनकी साली रीनू ने ,सन्नाटा तोडा , उन पास जा के बैठ के उनका चेहरा उठाती ,समझाती बोली ,
" अरे जीजू , सिर्फ तीन ही मिनट तो ,एक सेकेण्ड भी ज्यादा नहीं ,मैं हूँ न , टाइम काउंट करने के लिए। "
वो कुछ नहीं बोले ,लेकिन अब चेहरा उठा के साली की बात सुन रहे थे ,
" सच्ची जीजू ,सिर्फ तीन मिनट आपको पता भी नहीं चलेगा , और जज तो मैं ही रहूंगी न ,बस थोड़ा सा ऊपर वाला लेके ,हलके से होंठ लगा दीजियेगा , डेयर पूरा। "
और रीनू ने उनके ब्रीफ से तन्नाए हथियार को निकाल के अपने होंठो से रगड़ के बता भी दिया की कैसे
साली की बातों से उन्हें थोड़ी थोड़ी हिम्मत बंध रही थी।
" जीजू ,सच में अरे तीन मिनट तो शुरू होते ही , और कौन आपको मलाई घोंटनी है , प्लीज जीजू ,... "
अब वो थोड़े थोड़े नार्मल हो गए थे , लेकिन अभी भी हिचक रहे थे , रीनू आखिर बोली ,
और अगर आप न माने तो दूसरा कार्ड ,या कहिये तो गेम ख़तम ,... "
साली ने आखिरी दांव फेंका।
और मैं आगयी बीच मैदान में ,
पहले तो मैंने अजय जीजू को ले जाके गद्दे के कोने की ओर खड़ा कर दिया था जहां मैंने चार पांच मोटे मोटे कुशन लगा दिए थे ,
फिर उनका हाथ पकड़ के मैंने उठा दिया ,
" अरे वाह साली हो तो बेईमानी करोगी , अरे दूसरा कार्ड क्यों , करेंगे ये ,देखना तू अरे तेरे जीजू किसी से कम नहीं है ,"
और खींच के जहाँ अजय खड़े थे ले गयी और हलके से उन्हें समझाते बोली ,
" देख यार ,कुछ ख़ास नहीं , पहले मैं करती हूँ न बस तुम ध्यान से देखते रहो , और फिर वैसे ही , खाली तीन मिनट ही तो , "
उनका हाथ पकड़ के मैंने उठा दिया ,
" अरे वाह साली हो तो बेईमानी करोगी , अरे दूसरा कार्ड क्यों , करेंगे ये ,देखना तू अरे तेरे जीजू किसी से कम नहीं है ,"
और खींच के जहाँ अजय खड़े थे ले गयी और हलके से उन्हें समझाते बोली ,
" देख यार ,कुछ ख़ास नहीं , पहले मैं करती हूँ न बस तुम ध्यान से देखते रहो , और फिर वैसे ही , खाली तीन मिनट ही तो , "
…………
और मोटे गद्देदार कुशन पर अपने दोनों घुटने रख के , डॉगी पोज में ,
मेरी देखा देखी वो भी बगल के कुशन पे घुटने रख के , ... उसी पोज में ,
" जीजू पैर थोड़ा खूब दूर दूर फैला लो ,हाँ गुड ऐसे ही और हिप्स एकदम ऊपर , थोड़ा और हवा में हाँ , हाँ ज़रा सा और ,.... बैलन्स अच्छा रहेगा , सही "
रीनू उनकी साली उनकी हिम्मत बढ़ा रही थी ,और रीनू ने कई एक्स्ट्रा कुशन भी उनके पैरों ,पेट के नीचे लगा दिए।
मैंने अजय का मेश बॉक्सर शार्ट अपने भीगे होंठों से पकड़ कर नीचे खींच दिया।
जैसे कोई स्प्रिंग वाला चाक़ू बाहर निकल आये ,
खूब मोटा , लंबा कडा , ८ इंच से कम नहीं होगा।
मेरी तो नियत डोल गयी , क्या मस्त लन्ड था ,कोई भी लौंडिया खुद टाँगे फैला दे , ...
कनखियों से मैं उनकी ओर देख रही थी ,
और ,...और उनकी भी निगाहें उसी तरह ललचायी ,पियासी , अजय जीजू के मोटे लन्ड को देख रही थीं।
अपनी कोमल उँगलियों से मैंने एक झटके में ,... मोटा सुपाड़ा पूरा खुल गया।
मन तो कर रहा था गप्प कर लूँ , लेकिन रिश्ता जीजू साली का ,
बिना छेड़े ,तड़पाये ,... पूरी जीभ निकाल के , जीजू के लन्ड के बेस से हलके हलके लिक करना शुरू किया ,
फिर तेजी से चाटने लगी ,पूरे मुंह में सैलाइवा भर के ,
और साथ में फुसफुसाते उन्हें समझा भी रही थी ,
( देख मैंने कैसे जीभ निकाली है ,पूरी जीभ निकाली है न ,पूरी जीभ से ,सैलाइवा के साथ गीली कर के लिक करना )
अजय जो थोड़ी देर पहले हिचक रहे थे अब सिसक रहे थे।
और अब मैंने होंठ गोल कर के थोड़ा सा सुपाड़ा मुंह में ले लिया और चूसने चुभलाने लगी ,जीभ अजय जीजू के पी होल से खिलवाड़ कर रही थी।
और साथ में उनको भी बता रही थी ,
( देख न दांत एकदम होंठ से ढके रहने चाहिए ,लन्ड पे होंठ का दबाव पड़े ,होंठ से रगड़ो ,चूसो , और फिर धीमे धीमे कर के मुंह में ले लो )
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