जोरू का गुलाम या जे के जी
- kunal
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Re: जोरू का गुलाम या जे के जी
अब हँसते हुए मैं भी उन लोगों के मजाक में शामिल हो गयी।
कुछ देर में नहा धो के तैयार होके मैं नर्सिंग होम में गयी.
रूम में चीनू अकेली थी ,मुझे देख के उनका थका मुरझाया चेहरा खिल उठा ,
बजाय
मैं कुछ बोलती ,पूछती उसके पहले उन्होंने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और अपनी टिपिकल शरारती आवाज में बोलीं ,
" बच गयी तू , मेरी जगह तू इस बेड पर होती ,अगर कमल तेरे ऊपर सबसे पहले चढ़ते न ,"
मेरा अगले सवाल का अंदाज उन्हें हो गया था ,
इसलिए मेरे बिना पूछे बता दिया पूरा बित्ता फैला के जीजू की साइज ,
मेरी तो आँखे फटी की फटी रह गयी।
और मेरी कलाई पकड़ के दबाते चीनू ने इशारा किया उनके औजार की मोटाई का ,
मेरी साँस रुक गयी ,सच में गदहे वाली साइज।
' तभी ,लेकिन जीजू ने इत्ती जल्दी बाजी क्यों की "
मैं बोली पर चीनू दी ने मान ली गलती उन्ही की थी,मेरे जीजू की नहीं।
वो कुछ ज्यादा ही नखड़े दिखा रही थी ,पहले तो आज नहीं ,आज नहीं कहती रही ,और घण्टे भर बाद जब अपनी जाँघे खोलीं भी तो जैसे ही जीजू ने घुसेड़ा,बजाय टाँगे फैलाने के , साथ देने के ,उन्होंने अपनी टाँगे भींच ली।
फिर डाक्टरनी ने बोला की उनकी झिल्ली थोड़ी मोटी भी थी ,इसलिए, थोड़ा बहुत खून निकला था , वो तो कह रही थी की हॉस्पिटल ले जाने की कोई जरूरत नहीं है लेकिन कमल जीजू एकदम परेशान हो गए और उन्हें यहां ले आये , अभी थोड़ी देर पहले ही गए हैं।
' सजा मिली दी आपको मेरे सीधे साधे जीजू को तंग करने की " मैंने उन्हें चिढाया।
" घबड़ा मत जब तेरे ऊपर चढ़ेगा न तो फिर पूछुंगी तुझसे। "
अब वो भी मस्ती के मूड में आगयी थीं।
मेरे दिमाग में तो जीजू के औजार का साइज घूम रहा था , ये तो एकदम जैसे ब्ल्यू फिल्मों में देखते हैं एकदम वैसा ,ऊपर से उनका एट्टीट्यूड भी एकदम फुल्ली मस्त
सच में बिचारी दी , इत्ता लंबा ,मोटा ,
बिचारी क्यों ,मजा भी तो खूब आया होगा।
मैंने सोचा,
मेरे आंख के सामने बस जीजू और उन का औजार घूम रहा था ,
कहते हैं न ,थिंक आफ डेविल , ... बस वही हुआ।
उसी समय बस बाहर से जीजू की आवाज सुनाई दी ,
मैंने मुस्कराते हुए चीनू दी को चुप रहने का इशारा किया और चुपके से कमरे से बाहर निकल आयी।
वो डाक्टरनी से बाते कर रहे थे ,
टॉल , फेयर ,हैंडसम,
लेकिन बरात में जो उनका हंसता हुआ चेहरा था ,अभी एकदम लटका हुआ ,
और डाक्टरनी भी उन्हें समझा रही थी।
डोंट ब्लेम योरसेल्फ ,ये होता है ,नथिंग ऐबनार्मल। वो अभी एकदम ठीक है। मैंने तीन चार टाँके लगा दिया है, सब ठीक है।
बस एक दिन यहाँ रहना होगा कल सुबह डिस्चार्ज होजायेगी। एक बहुत छोटा सा टियर था मैंने ग्राफ्ट कर दिया है , बस कल शी विल बी ऐज गुड ऐज न्यू। कल रात जैसे थी बस वैसे , बल्कि बेहतर टाइटर।
थोड़ा जीजू के चेहरे पे मुस्कान लौटी ,और वो चीनू के कमरे में घुसे।
चीनू दी को वो समझा रहे थे की उन्हें कल डिस्चार्ज किया जायेगा , और सब एकदम ठीक है।
चुपके से मैंने पीछे से जाके उन्हें पकड़ लिया।
मेरी टाइट टी शर्ट मेरी लो राइज जीन्स में टक थी और मेरे बूब्स ,बस आप सोच सकते हैं , कटाव उभार के साथ निपल तक झलक रहे थे। और पीछे से जीजू की पीठ में गड रहे थे।
जीजू का उदास चेहरा मुझसे नहीं देखा जा रहा था ,मैंने अपनी जीभ के टिप्स से उनके इयर लोब्स को हलके से छू दिया ,
बस वो ,
और मैं और चीनू खिलखिलाने लगे।
" क्यों जीजू इत्ते उदास क्यों हैं ,आज की रात का उपवास हो जाएगा ,इसलिए ? "
मैंने उन्हें चिढ़ाया।
" अरे वाह उपवास क्यों होगा , इत्ती अच्छी सी प्यारी सेक्सी साली जो है ,"
चीनू भी उन्हें चिढाने में जुट गयी।
" और क्या दी ,आपका घाटा तो मेरा फायदा , और जीजू रात की बात तो रात को, कहिये तो थोड़ा बहुत ब्रेकफास्ट अभी आपको करा दूँ , थोड़ी सी पेट पूजा कहीं भी ,कभी भी। "
मैं भी चीनू के साथ मिल गयी।
जीजू के चेहरे पर थोड़ी सी मुस्कान लौटी।
" देखा मेरी बहन है पीछे नहीं हटने वाली "
चीनू भी हंसते हुए बोली।
" कहिये तो दरवाजा बंद करूँ और यही बिस्तर पे ,चीनू की बगल में , बहुत जगह है इसके बिस्तर पे ,वरना जिंदगी भर शिकायत करेगी ,मेरे मरद को भूखा रखा। "
मैं बोली।
" वैसलीन लगा के आयी हो क्या "
जीजू अब अपने असली मूड में आ गए थे , चिढाते हुए बोले।
" जीजू मैं परफेक्ट आर्गेनिक हूँ , सिर्फ सैलाइवा , वैसे भी सच में बोलूं आप को देखते ही लार टपकने लगती है और वो साली की साली वो भी गीली हो जाती है। इसलिए एवर रेडी फॉर माई हैंडसम जीजू "
मैं भी जीजू के लेवल पर आ गयी थी।
लेकिन बुरा हो हॉस्पिटल वालों का तभी एक नर्स आगयी चूतड़ मटकाती ,दी को इंजेक्शन लगाने और हम दोनों को निकालने , विजिटिंग ऑवर खत्म हो गया था ,
जीजू की निगाह उस नर्स के पिछवाड़े चिपकी थी।
" क्यों जीजू , मस्त पिछवाड़ा है न बहुत ललचा रहे हो। "
लेकिन अब कमल जीजू अपने रंग में आ चुके थे , पीछे से मेरी टाइट जीन्स में कसर मसर करते गुदाज चूतड़ों के बीच दरार में ऊँगली रगड़ते बोले ,
" लेकिन मेरी साली से ज्यादा नहीं। "
फिर ऊँगली और ज्यादा धंसाते बोले ,
" तुझे मालूम है ,मैं पिछवाड़े का भी उतना ही शौक़ीन हूँ जितना अगवाड़े का ,तेरा पिछवाड़ा भी नहीं छोडूंगा , बिना बजाये। "
मैं सच में गीली हो गयी , मेरे सामने चीनू दी का डिस्क्रिप्शन घूम गया , बालिश्त भर लंबा और मेरी कलाई के बराबर मोटा।
मैंने इधर उधर देखा , हॉस्पिटल में सन्नाटा था।
मैंने जोर से जीजू की जीन्स के ऊपर से ही बल्ज जोर से दबाया /
तन्ना रहा था ,और हँसते हुए बोली ,
" एकदम जीजू वरना मेरा पिछवाड़ा गुस्सा नहीं हो जाएगा। मुझे भेदभाव एकदम पसंद नहीं। "
न उन्होंने मेरी गांड की दरार पर से ऊँगली हटाई और न मैंने उनके तन्नाते , टेंट पोल पर से अपना हाथ।
" जीजू ,इसपर पहला नम्बर तो मेरा लगना था लेकिन चलिए चीनू बड़ी है मैंने बख्श दिया ,पर आज मैं नहीं छोडूंगी आज की रात साली के नाम "
मैंने जीजू के टेंट पोल को अब खुल के रगड़ते बोली।
जीजू का दूसरा हाथ मेरे कंधे पर था जो सरक कर टी फाड़ते मेरी गोलाई पर आ पहुँचा ,और खुल के दबाते बोले,
" तुझपे भी तो पहला नंबर मेरा लगना था पर , अब आज की रात तू बचेगी नहीं ,न अगवाड़ा न पिछवाड़ा। "
हम लोगों को अलग अलग करने वाला रास्ता आ गया था ,
उन्हें दिखाते ललचाते मैंने एक जोर की अंगड़ाई ली ,मेरे दोनों कबूतर एकदम छलक रहे थे , और बोली ,
" जीजू आपके मुंह में घी शक्कर , बचना कौन साली चाहती है। और ये साली मना करने वाली नहीं है। "
जीजू हँसते हुए बोले ,
" और अगर मना करे तो ,... "
" तो मानियेगा मत ,... " और मैंने उन्हें दिखा के ,अपने मस्त चूतड़ मटकाते ललचाते मौसी के घर की ओर चल पड़ी।
रात आयी लेकिन ,
जीजू नहीं आये , वो बिचारे हॉस्पिटल में चीनू के कमरे के बाहर एक कुर्सी पर बैठे , जागते हुए उन्होंने रात गुजारी। .
मुझे अगली सुबह वापस जाना था ,लेकिन घर पहुँचते ही पहला फोन कमल जीजू का आया ,
वही मस्ती ,वही अंदाज ,
" तू अबकी तो बच गयी पर अगली बार नहीं बचेगी। "
" अरे जीजू आपको कित्ती बार समझाऊं , ये साली बचना नहीं चाहती। "
फिर पूरे आधे घंटे तक वो खुल के मजाक ,द्विअर्थी डायलाग।
और उस के बाद हर हफ्ते दस दिन में उनका फोन आ जाता था , बस वही कोहबर की शर्त याद दिलाते , जबरदस्त सेन्स आफ ह्यूमर।
लेकिन मैं बची रही ,उनसे मुलाक़ात ही नहीं हुयी ,फिर मेरा ससुराल , हर तरह की पाबन्दी।
डेढ़ साल से ऊपर हो गए ,
हाँ पांच छह महीने पहले मैं गयी थी चीनू के छोटे भाई की शादी में , और तब पक्का लग रहा था नहीं बचूंगी ,
लेकिन ऐन मौके पर ,...
मैंने उनकी ओर देखा ,उस समय ये भी न अपने मायकेवालियों के रंग में , ये बुरा ,ये गड़बड़ ,
लेकिन ये उनके " प्री चेंज " के जमाने की बाते हैं ,
अब तो वो भी पूरी तरह हम लोगों के रंग में रंग गए है।
और मैं भी थकी ,पीछे से उन्हें पकड़ उन्ही के साथ सो गयी।
घण्टे भर से ज्यादा ही सोती रही होउंगी , उन्हें पीछे से पकडे ,शाम बस ढलना शुरू होने ही वाली थी ,
फोन की घंटी बजी ,
कमल जीजू।
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!
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जोरू का गुलाम भाग ६८
जोरू का गुलाम भाग ६८
फ्लैश बैक से वापस
" सो रही थी " आँखे मींचते ,अलसायी अंगड़ाई लेती मस्त आवाज में मैं बोली।
" किसके साथ " हंसती हुयी मर्दानी सेक्सी आवाज आयी उधर से।
टिपीकल कमल जीजू।
" अरे आप तो पास में हैं नहीं न ,वरना आप के साथ ही सोती , अभी तो बस सपने में,... "
मैं भी तो आखिर उनकी साली थी , क्यों छोड़ती।
अब अच्छी तरह जग गयी थी।
" इसलिए तो तुम्हे फोन किया था ,घास फूस साफ़ कर लो , आगे पीछे अच्छी तरह वैसलीन लगा लो। मैं और अजय दोनों तेरे पास आ रहे हैं बस तीन साढ़े घण्टे में पहुँच जाएंगे। रात तेरे साथ , फिर कल सुबह रवाना। "
कमल जीजू मुझे छेड़ते बोले।
पूरी बात रीनू ने बतायी। वो लोग काठमांडू जा रहे थे , ड्राइव कर के। देर शाम हमारे यहाँ पहुंचेंगे , और कल सुबह मेरे यहां से पोखरा के लिए निकल पड़ेंगे।
चीनू उनके साथ नहीं है ,वो किसी काम में फंसी है तो सीधे फ्लाइट से वो परसों पोखरा पहुंचेगी पांच छह दिन वो दोनों कपल साथ साथ काठमांडू में ,... और फिर वापस।
वापसी में भी चीनू फ्लाईट से सीधे काठमांडू से वापस और ,ये तीनों लोग ड्राइव करते।
रीनू ,मेरी मंझली मौसेरी बहन , मुझसे ८ महीने बड़ी।
और अजय उसके पति ,मेरे दूसरे जीजू।
बताया था न की तीन मौसेरी बहनों में मैं सबसे छोटी और वो दोनों , और मेरी मौसियां भी चिढाती रहती थीं मुझे।
तेरे दोनों जीजू चढ़ेंगे तेरे ऊपर पहले ,फाड़ के रख देंगे तेरी आखिर छोटी साली है , चीनू खूब बोलती , बुरा मत मानना तेरे मर्द को एकदम पोखर मिलेगा , मेरे और रीनू के ,
रीनू और मुंहफट बोलती , तो क्या हुआ ,एक्सपीरिएंस भी तो हो जाएगा इसे ,सारे आसान की प्रक्टिस अपने जीजू लोगों के साथ कर लेगी अपनी सुहागरात में खुद ऊपर चढ़ के,,
लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ, मेरी शादी पहले हो गयी। मेरे दोनों जीजू बाद में आये।
हाँ लेकिन कमल -चीनू दी की शादी में , खूब मस्ती हुयी और कोहबर में शर्त धरा ली थी उन्होंने।
पर उसके बाद सिर्फ फोन पर ही छेड़छाड़ , असल में तो मुलाकात भी ,
हाँ पांच छह महीने पहिले ,
तब मैं ससुराल में ही रहती थी ,एकदम घुटन वाले माहौल में इनकी जॉब चेंज हो के जहाँ अभी है वहां लग गयी थी , पर मैं इनके साथ गयी नहीं थी।
इनके ' बदलाव ' के पहले
चीनू के छोटे भाई की शादी थी।
मजे जीजा साली के
हाँ पांच छह महीने पहिले ,
तब मैं ससुराल में ही रहती थी ,एकदम घुटन वाले माहौल में इनकी जॉब चेंज हो के जहाँ अभी है वहां लग गयी थी , पर मैं इनके साथ गयी नहीं थी।
इनके ' बदलाव ' के पहले
चीनू के छोटे भाई की शादी थी।
इन्हें तो छुट्टी नहीं मिली ,मैं आ गयी थी। ये तय हुआ था की ये रिसेप्शन के दिन आ जाएंगे और अगले दिन मैं उनके साथ वापस ,
इनके मायके।
वहां कमल जीजू के साथ रीनू ,अजय ,चीनू दी की भाभियाँ ,,... खूब मस्ती।
पूरी शादी के दौरान मैंने कमल जीजू को खूब ललचाया,छेड़ा।
हर रस्म में गारियां तो सीधे उन्ही को टारगेट करके , और पूरी नान वेज
अरे हमरे खेत में सरसों फुलायी ,सरसों फुलायी ,
अरे जीजू की बहना ,अरे कमल जीजू की बहना खूब चुदवाई।
हमरे भैय्या से चुदवायी , चीनू के भैय्या से चुदवाई।
शादी में खूब नाची मैं उनके साथ ,
मुझे मालूम था कितने वो मेरे जुबना के दीवाने हैं , तो बस एकदम टाइट कटाव उभार दिखाती ,पूरी बैकलेस चोली ,
और चुनरी तो बस गले में चिपकी रहती , कभी बहुत हुआ तो एक उभार पे हलके से और एक उनको लुभाने ललचाने के लिए हरदम , खुला।
बरात चलने से पहले मैं और रीनू कमल और अजय जीजू के दोस्तों की पार्टी के बीच गेट क्रैश कर गए , वो लोग ड्रिंक कर रहे थे और हम दोनों ने भी ,
सिर्फ ड्रिंक ही नहीं सुट्टा भी।
बरात में तो नाची ही , शादी में डी जे भी था ,फिर वहां बेबी डॉल से लेकर हनी सिंह के 'ऐसे वैसे ' गानों पर भी , जम के स्लो ग्राइंड ,
रिशेप्शन वाले दिन ' उनका ' फोन आ गया , गाडी छूट गयी है अब वो कल सुबह ही आ पाएंगे।
फिर तो कमल और अजय ने ,उससे बढ़कर मेरी मौसेरी बहनों और मौसियों ने खूब छेड़ा , आज तो तेरी ,...
मुंह दिखाई के बाद , छवि ,मेरी नयी नयी भाभी दुल्हन , खूब सुंदर ,लेकिन लजाती शर्माती , बैठी थी।
सिर्फ घर के ही लोग थे , भौजाइयां ,
कजिन्स , और सोफे पर कमल जीजू बैठे थे।
मैं एक प्लेट में लड्ड लेके आयी।
कमल जीजू,बोले
" अरे मेरी सेक्सी साली दे , तो किसकी हिम्मत है जो मना करे। "
और उन्होंने हाथ फैला दिया ,
" ना ना , ऐसे नहीं ,.. आप खोलिये मैं आज डालूंगी, और एक बार में पूरा , "
उनके मुंह के सामने पूरा बड़ा सा लड्ड ललचाते मैं बोली ,
और उन्होंने बड़ा सा मुंह खोल दिया ,पर मुझे चिढाया ,
" अरे यार डालूँ मैं या तुम ,जाएगा तो वहीं जहां उसे जाना है। "
अपनी पतली नाजुक उँगलियों में मैंने लड्डू लेके उनके होंठों के पास ,
मेरी गोरी पतली उँगलियों ने उन्हें ललचाते बड़ी सेक्सी अदा से उनके होंठों को हलके से सहलाया,
और फिर शरारत से मुस्कराती ,लड्ड झट से मेरे गुलाबी रसीले होंठों के बीच में ,मेरे मुंह में
गड़प।
" स्साली, मुझसे ही बेईमानी,... "
और मेरी पतली कमर को कस के पकड़ के, खींच के उन्होंने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया ,
उनके होंठ मेरे होंठ डार्क स्कारलेट लिपस्टिक लगे होंठों पर थोड़ी देर रगड़ते रहे और फिर मुंह खुलवा के ही उनकी जीभ सीधे मेरे मुंह में।
लड्ड की तलाश में ,
मैं छुड़ाने की नाकाम कोशिश कर रही थी ,पर छूटना कौन चाहता था।
और अब उनका दूसरा हाथ सीधे बिना झिझक मेरे गुदाज उभार पर ,
जोर जोर से दबाते मसलते रगड़ते , और अंगूठा एक ऊँगली , आधी से ज्यादा खुली दिखती ,डीप लो कट बैकलेस चोली से झांकती माँसल गोलाइयों पर ,
उनकी जीभ मेरे मुंह के अंदर का रस ले रही थी और हाथ रसीले जोबन का।
कुछ देर में मेरी जीभ ने भी , वो कौन कम थी , मेरे मुंह के अंदर घुसी उनकी जीभ से टंग फाइट करना शुरू कर दिया।
कुछ देर के बाद जब उनके होंठों ने मेरे होंठ छोड़े ,उनकी जीभ बाहर निकली ,
तो मैंने बुरा सा मुंह बनाते हुए , शिकायत की ,
" जीजू , ये सख्त नाइंसाफी है , बल्कि ,... डबल नाइंसाफी। डालना तो चलिए ठीक था ,लेकिन ,... लेकिन इतनी जल्दी निकाल लेना।
बहुत सूना था आपके बारे में लेकिन , ... और फिर गलती तो मेरे होंठों ने की थी , मान लिया ,उनकी सजा तो ठीक ,लेकिन इन बिचारों का क्या दोष जो इन्हें भी ,... "
अपने उभारों की ओर इशारा करते मैं बोली।
जीजू ने झट कान पकड़े , माफ़ी मांगी और बोले ,
" गलती मंजूर साली जी ,अबकी डालूंगा तो जल्दी नहीं निकालूंगा , चलिए फिर से डाल देता हूँ। और जहाँ तक इनकी बात है ( उनका एक हाथ अब फिर से खुल के मेरे जोबन पे था ) ये तो सूद है ,... "
" जीजू ,आपको कौन स्साली निकालने देगी। " मैं भी हंस के बोली।
और जब अबकी कमल जीजू के होंठ मेरे होंठों से चिपके , तो मेरे होंठ भी बराबरी का मुकाबला करते ,
डीप फ्रेंच किस , किसी अडल्ट फिल्मों की हीरोइन मात खा जाए ,जिस तरह से मैं किस कर रही थी ,
उनकी जीभ मेरे मुंह के अंदर ,
एक हाथ तो पहले से ही कमल जीजू का चोली के ऊपर से मेरे गद्दर अनार रगड़ मसल रहा था ,
जो हाथ कमर को पकडे हुआ था वो भी गोरे मखमली पेट से रेंगते सरकते , नीचे से मेरी चोली के अंदर घुस गया ,
और मेरे दोनों जोबन कमल जीजू की मुट्ठी में , खुल के रगड़ते मसलते।
खूब देर तक डीप किस चलता रहा और होंठ मेरे आजाद हुए लेकिन उनकी दुष्ट उँगलियों ने जोबन रस लेना नहीं छोड़ा।
मेरी नयी नयी भौजाई अपनी ननद और नंदोई की शरारते , नजरें झुकाये ,लजाते शरमाते ,छुप छुप के देख रही थी।
मैंने लजाती शर्माती नयकी भौजी को हम लोगों की ओर चुपके चुपके देखते देखा तो बनावटी गुस्से से जीजू का हाथ अपने उभारों पर से हटाते बोली,
" जीजू , ... चलिए आप का तो कुछ नहीं , आप तो पैदायशी बेशरम हैं , और मैं भी ,आप की छोटी साली हूँ तो आप की संगत में थोड़ी बहुत बेशरम हो ही जाउंगी। लेकिन ये बेचारी नयी नयी दुल्हन , जो आज ही आयी है इस घर में , वो क्या सोचेगी बिचारी ?"
मेरी नयी नयी भौजाई अपनी ननद और नंदोई की शरारते , नजरें झुकाये ,लजाते शरमाते ,छुप छुप के देख रही थी।
मैंने लजाती शर्माती नयकी भौजी को हम लोगों की ओर चुपके चुपके देखते देखा तो बनावटी गुस्से से जीजू का हाथ अपने उभारों पर से हटाते बोली,
" जीजू , ... चलिए आप का तो कुछ नहीं , आप तो पैदायशी बेशरम हैं , और मैं भी ,आप की छोटी साली हूँ तो आप की संगत में थोड़ी बहुत बेशरम हो ही जाउंगी। लेकिन ये बेचारी नयी नयी दुल्हन , जो आज ही आयी है इस घर में , वो क्या सोचेगी बिचारी ?"
लेकिन कमल जीजू भी न ,पूरे कमल जीजू थे , नयी आयी दुल्हन की आँखों में सीधे देखते हुए बोले ,
" अरे क्या सोचेगी , अरे जिसकी बहन को मैंने चोद दिया ,क्या उसकी बीबी की छोडूंगा ,
वो भी ऐसे मस्त माल को।
अरे तुम लोगों का ख्याल कर के आज छोड़ दे रहा हूँ की इस के साथ वो अपनी सुहागरात मना ले , कल देखना रगड़ रगड़ के इसे भी ,... और वो भी तेरा भाई अगर कुछ भी ना नुकुर करेगा न तो निहुरा के उसकी भी गांड मार लूंगा। "
जीजू की बात सुन के सब खिलखिलाने लगे , और संध्या भाभी ने उसे चढ़ाया ,
" अरे तू भी तो अपने ननदोई के साथ , अरे जवाब दे न उनको , ... अरे सलहज का हक़ साली से कम नहीं ज्यादा ही होता है। "
" एकदम " मैं बोली और खींच के अपनी नयकी भौजी की कमल जीजू के बगल में बैठा दिया।
" देख अपने ससुराल वालों के ,ऐसे हैं तेरे नंदोई। " खिलखलाते हुए उससे मैं बोली।
रीनू भी वहीँ थीं ,मेरी मंझली बहन , उसने नयकी भौजी का चेहरा उठाते हुए चिढ़ाया ,
" अरे अभी सारे ससुराल वालों में इसे सिर्फ अपने साजन का इन्तजार है ,कब आएगी मिलन की घड़ी ,कब से कर रही है इन्तजार। "
हम लोगों की भाभियाँ भी ,किसी ने पीछे से कमेंट मारा ,जब से झांटे आयी।
रीनू उनके कमेंट को इग्नोर करते बोली ,
" घबड़ा मत, बस मुश्किल से घण्टे भर की देर है , नौ बजे के पहले ही तुझे तेरे कमरे में पहुंचा देंगे , और ठीक नौ बजे बाहर से ताला बंद , पूरे १२ घंटे के लिए। होगी तेरी चुनमुनिया की कुटाई , रात भर। "
छंदा भाभी नयी दुल्हन का पूरा साथ दे रही थीं ,आखिर उन की देवरानी थी ,उन्ही के गोल की ,हम ननदों पर हमला करने के लिए। बोलीं ,
" अरे वो आयी ही इसलिए है , फिर अपना भूल गयी तुम लोग पहली रात का हाल , कै दिन टाँगे फैलाये फैलाये चल रही थी। "
तभी पीछे से किसी और भाभी की आवाज छंदा भाभी के पक्ष में आयी ,
" अरे चीनू का ,.... "
मैं तुरंत बीच में बात काट दी। अब सबको मालुम हो गया था की कमल जीजू का गदहा छाप था, पहली रात ही चीनू का ऐसे खून खच्चर हुआ की उसे हॉस्पिटल जाना पड़ा।
अगर ये बात आज की रात इस नयी नवेली ,कोरी दुल्हन को मालुम हो जाती तो बिचारी बेकार में ही हदस जाती। बात काटती मैं बीच में कूदते बोली ,
" अरे इसकी ननदे चीनू की ननदों की तरह ,... क्यों रीनू। हम दोनों तो अपनी इस प्यारी प्यारी भाभी के साथ जब जाएंगी कमरे में तो खुद सब चेक चाक कर लेंगी।
दो दो ऊँगली से खुद ही वैसलीन पूरे अंदर तक लगाएंगी ,पूरी वैसलीन की नयी बॉटल खाली कर देंगी ,वैसलीन में क्या कंजूसी। फिर तो सटॉक से भौजी मेरा मूसल घोंटेगी। "
" अरे आज कल वो जेली आती है न कौन सी ,... "
रीनू याद करने की कोशिश करते बोली।
कमल जीजू कैसे चुप रहते ,उन का एक हाथ मेरे उभारों पर फिर पहुंच गया था लेकिन दूसरा लालची हाथ अब उन्होंने अपनी सहलज के कंधे पर रख दिया था।
हलके से उसे दबाते ,सहलाते उन्होंने रीनू की बात पूरी की ,
"के वाई जेली। "
" हाँ हाँ वही ,"
रीनू बोली ,और नयी दुल्हन समझाते हुए कहा , बस वो भी तेरी गुलबिया के मुहाने लगा देंगे , दर्द आधा हो जाएगा ,और मजा एकदम कम नहीं होगा। "
बसन्ती ,नाउन की बहु। लगती तो वो भी हमारी भाभी ही थी ,हमें चिढाते बोली ,
" अरे भौजाई को इतना तैयार कर रही हो तनी अपने भैया को भी ,तेल वेल लगा के तैयार कर के ,... "
मैं थी ही जवाब देने के लिए ,
" अरे तो तू भौजाई लोग काहें के लिए हो , कडुवा तेल लगाय के मुठियाय के अपने देवर को भेजियेगा , हम लोग अपनी भौजाई को तैयार करेंगी ,आप लोग देवर को। "
सारी भाभियाँ खिलखलाने लगीं लेकिन छंदा भाभी बोलीं ,
" एकदम हमार देवर है , कड़वा तेल चुपड़ के तो भेजूंगी ही , अगले राउंड के लिए भी पूरी एक लीटर वाली बोतल कमरे में रख दिया है। "
" अरे सिर्फ कडुवा तेल ही नहीं सांडे का तेल भी लगा के भेजूंगी देखना , पूरी रात भर कुश्ती होगी। "
बसंती भी अब अपने पूरे रूप में आगयी थी।
" हे हमारे भैया को ज्यादा इन्तजार मत करवाना ,ये रात रोज रोज नहीं आती , ये नहीं की सारी रात भर नहीं नहीं में गुजर जाए। "
रीनू ने एक बार फिर दुल्हन की ठुड्डी पकड़ के उठा के समझाया।
" एकदम हम सारी ननदे तेरे बगल के ही कमरे में रहेंगी ,अगर ताला बन्द करने के आधे घण्टे के अंदर चीख न सुनाई पड़ी तो समझ लो , हम सब ताला खोल के अंदर पहुँच जायेगीं। अंदर सिटकनी मैंने पहले ही निकाल दी है ,और कमरा सिर्फ बाहर से बंद रहेगा और चाभी मेरे पास। "
उसे चिढाती मैं बोली।
" घबड़ा मत यार , पूरे १२ घण्टे की गारन्टी , सुबह नौ बजे ही हम ननदे आएँगी तेरे पास। "
चीनू अपनी छोटी भाभी को हिम्मत दिलाते बोली।
" एकदम , फिर तेरे मर्द को भगा के हम ननदे फुर्सत से एक बार फिर से नीचे वाले मुंह की ,मुंह दिखायी करेंगी। देखेंगे की इस्तेमाल के बाद क्या रूप निखर आया है भौजी की गुलबिया का। "
कमल जीजू को चुप करना मुश्किल था ,वो भी बोल पड़े ,
" अरे सिर्फ ननदे ही क्यों नंदोई को भी भी मुंह दिखाई करने का हक है। "
उनकी बात अनसुनी करते , एक भाभी ने मुझे टारगेट किया ,
" अरे मुंहदिखाई की रसम तो ठीक है ,लेकिन नेग में क्या दोगी। " चिढाते हुए उन्होंने मुझे छेड़ा ,
फ्लैश बैक से वापस
" सो रही थी " आँखे मींचते ,अलसायी अंगड़ाई लेती मस्त आवाज में मैं बोली।
" किसके साथ " हंसती हुयी मर्दानी सेक्सी आवाज आयी उधर से।
टिपीकल कमल जीजू।
" अरे आप तो पास में हैं नहीं न ,वरना आप के साथ ही सोती , अभी तो बस सपने में,... "
मैं भी तो आखिर उनकी साली थी , क्यों छोड़ती।
अब अच्छी तरह जग गयी थी।
" इसलिए तो तुम्हे फोन किया था ,घास फूस साफ़ कर लो , आगे पीछे अच्छी तरह वैसलीन लगा लो। मैं और अजय दोनों तेरे पास आ रहे हैं बस तीन साढ़े घण्टे में पहुँच जाएंगे। रात तेरे साथ , फिर कल सुबह रवाना। "
कमल जीजू मुझे छेड़ते बोले।
पूरी बात रीनू ने बतायी। वो लोग काठमांडू जा रहे थे , ड्राइव कर के। देर शाम हमारे यहाँ पहुंचेंगे , और कल सुबह मेरे यहां से पोखरा के लिए निकल पड़ेंगे।
चीनू उनके साथ नहीं है ,वो किसी काम में फंसी है तो सीधे फ्लाइट से वो परसों पोखरा पहुंचेगी पांच छह दिन वो दोनों कपल साथ साथ काठमांडू में ,... और फिर वापस।
वापसी में भी चीनू फ्लाईट से सीधे काठमांडू से वापस और ,ये तीनों लोग ड्राइव करते।
रीनू ,मेरी मंझली मौसेरी बहन , मुझसे ८ महीने बड़ी।
और अजय उसके पति ,मेरे दूसरे जीजू।
बताया था न की तीन मौसेरी बहनों में मैं सबसे छोटी और वो दोनों , और मेरी मौसियां भी चिढाती रहती थीं मुझे।
तेरे दोनों जीजू चढ़ेंगे तेरे ऊपर पहले ,फाड़ के रख देंगे तेरी आखिर छोटी साली है , चीनू खूब बोलती , बुरा मत मानना तेरे मर्द को एकदम पोखर मिलेगा , मेरे और रीनू के ,
रीनू और मुंहफट बोलती , तो क्या हुआ ,एक्सपीरिएंस भी तो हो जाएगा इसे ,सारे आसान की प्रक्टिस अपने जीजू लोगों के साथ कर लेगी अपनी सुहागरात में खुद ऊपर चढ़ के,,
लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ, मेरी शादी पहले हो गयी। मेरे दोनों जीजू बाद में आये।
हाँ लेकिन कमल -चीनू दी की शादी में , खूब मस्ती हुयी और कोहबर में शर्त धरा ली थी उन्होंने।
पर उसके बाद सिर्फ फोन पर ही छेड़छाड़ , असल में तो मुलाकात भी ,
हाँ पांच छह महीने पहिले ,
तब मैं ससुराल में ही रहती थी ,एकदम घुटन वाले माहौल में इनकी जॉब चेंज हो के जहाँ अभी है वहां लग गयी थी , पर मैं इनके साथ गयी नहीं थी।
इनके ' बदलाव ' के पहले
चीनू के छोटे भाई की शादी थी।
मजे जीजा साली के
हाँ पांच छह महीने पहिले ,
तब मैं ससुराल में ही रहती थी ,एकदम घुटन वाले माहौल में इनकी जॉब चेंज हो के जहाँ अभी है वहां लग गयी थी , पर मैं इनके साथ गयी नहीं थी।
इनके ' बदलाव ' के पहले
चीनू के छोटे भाई की शादी थी।
इन्हें तो छुट्टी नहीं मिली ,मैं आ गयी थी। ये तय हुआ था की ये रिसेप्शन के दिन आ जाएंगे और अगले दिन मैं उनके साथ वापस ,
इनके मायके।
वहां कमल जीजू के साथ रीनू ,अजय ,चीनू दी की भाभियाँ ,,... खूब मस्ती।
पूरी शादी के दौरान मैंने कमल जीजू को खूब ललचाया,छेड़ा।
हर रस्म में गारियां तो सीधे उन्ही को टारगेट करके , और पूरी नान वेज
अरे हमरे खेत में सरसों फुलायी ,सरसों फुलायी ,
अरे जीजू की बहना ,अरे कमल जीजू की बहना खूब चुदवाई।
हमरे भैय्या से चुदवायी , चीनू के भैय्या से चुदवाई।
शादी में खूब नाची मैं उनके साथ ,
मुझे मालूम था कितने वो मेरे जुबना के दीवाने हैं , तो बस एकदम टाइट कटाव उभार दिखाती ,पूरी बैकलेस चोली ,
और चुनरी तो बस गले में चिपकी रहती , कभी बहुत हुआ तो एक उभार पे हलके से और एक उनको लुभाने ललचाने के लिए हरदम , खुला।
बरात चलने से पहले मैं और रीनू कमल और अजय जीजू के दोस्तों की पार्टी के बीच गेट क्रैश कर गए , वो लोग ड्रिंक कर रहे थे और हम दोनों ने भी ,
सिर्फ ड्रिंक ही नहीं सुट्टा भी।
बरात में तो नाची ही , शादी में डी जे भी था ,फिर वहां बेबी डॉल से लेकर हनी सिंह के 'ऐसे वैसे ' गानों पर भी , जम के स्लो ग्राइंड ,
रिशेप्शन वाले दिन ' उनका ' फोन आ गया , गाडी छूट गयी है अब वो कल सुबह ही आ पाएंगे।
फिर तो कमल और अजय ने ,उससे बढ़कर मेरी मौसेरी बहनों और मौसियों ने खूब छेड़ा , आज तो तेरी ,...
मुंह दिखाई के बाद , छवि ,मेरी नयी नयी भाभी दुल्हन , खूब सुंदर ,लेकिन लजाती शर्माती , बैठी थी।
सिर्फ घर के ही लोग थे , भौजाइयां ,
कजिन्स , और सोफे पर कमल जीजू बैठे थे।
मैं एक प्लेट में लड्ड लेके आयी।
कमल जीजू,बोले
" अरे मेरी सेक्सी साली दे , तो किसकी हिम्मत है जो मना करे। "
और उन्होंने हाथ फैला दिया ,
" ना ना , ऐसे नहीं ,.. आप खोलिये मैं आज डालूंगी, और एक बार में पूरा , "
उनके मुंह के सामने पूरा बड़ा सा लड्ड ललचाते मैं बोली ,
और उन्होंने बड़ा सा मुंह खोल दिया ,पर मुझे चिढाया ,
" अरे यार डालूँ मैं या तुम ,जाएगा तो वहीं जहां उसे जाना है। "
अपनी पतली नाजुक उँगलियों में मैंने लड्डू लेके उनके होंठों के पास ,
मेरी गोरी पतली उँगलियों ने उन्हें ललचाते बड़ी सेक्सी अदा से उनके होंठों को हलके से सहलाया,
और फिर शरारत से मुस्कराती ,लड्ड झट से मेरे गुलाबी रसीले होंठों के बीच में ,मेरे मुंह में
गड़प।
" स्साली, मुझसे ही बेईमानी,... "
और मेरी पतली कमर को कस के पकड़ के, खींच के उन्होंने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया ,
उनके होंठ मेरे होंठ डार्क स्कारलेट लिपस्टिक लगे होंठों पर थोड़ी देर रगड़ते रहे और फिर मुंह खुलवा के ही उनकी जीभ सीधे मेरे मुंह में।
लड्ड की तलाश में ,
मैं छुड़ाने की नाकाम कोशिश कर रही थी ,पर छूटना कौन चाहता था।
और अब उनका दूसरा हाथ सीधे बिना झिझक मेरे गुदाज उभार पर ,
जोर जोर से दबाते मसलते रगड़ते , और अंगूठा एक ऊँगली , आधी से ज्यादा खुली दिखती ,डीप लो कट बैकलेस चोली से झांकती माँसल गोलाइयों पर ,
उनकी जीभ मेरे मुंह के अंदर का रस ले रही थी और हाथ रसीले जोबन का।
कुछ देर में मेरी जीभ ने भी , वो कौन कम थी , मेरे मुंह के अंदर घुसी उनकी जीभ से टंग फाइट करना शुरू कर दिया।
कुछ देर के बाद जब उनके होंठों ने मेरे होंठ छोड़े ,उनकी जीभ बाहर निकली ,
तो मैंने बुरा सा मुंह बनाते हुए , शिकायत की ,
" जीजू , ये सख्त नाइंसाफी है , बल्कि ,... डबल नाइंसाफी। डालना तो चलिए ठीक था ,लेकिन ,... लेकिन इतनी जल्दी निकाल लेना।
बहुत सूना था आपके बारे में लेकिन , ... और फिर गलती तो मेरे होंठों ने की थी , मान लिया ,उनकी सजा तो ठीक ,लेकिन इन बिचारों का क्या दोष जो इन्हें भी ,... "
अपने उभारों की ओर इशारा करते मैं बोली।
जीजू ने झट कान पकड़े , माफ़ी मांगी और बोले ,
" गलती मंजूर साली जी ,अबकी डालूंगा तो जल्दी नहीं निकालूंगा , चलिए फिर से डाल देता हूँ। और जहाँ तक इनकी बात है ( उनका एक हाथ अब फिर से खुल के मेरे जोबन पे था ) ये तो सूद है ,... "
" जीजू ,आपको कौन स्साली निकालने देगी। " मैं भी हंस के बोली।
और जब अबकी कमल जीजू के होंठ मेरे होंठों से चिपके , तो मेरे होंठ भी बराबरी का मुकाबला करते ,
डीप फ्रेंच किस , किसी अडल्ट फिल्मों की हीरोइन मात खा जाए ,जिस तरह से मैं किस कर रही थी ,
उनकी जीभ मेरे मुंह के अंदर ,
एक हाथ तो पहले से ही कमल जीजू का चोली के ऊपर से मेरे गद्दर अनार रगड़ मसल रहा था ,
जो हाथ कमर को पकडे हुआ था वो भी गोरे मखमली पेट से रेंगते सरकते , नीचे से मेरी चोली के अंदर घुस गया ,
और मेरे दोनों जोबन कमल जीजू की मुट्ठी में , खुल के रगड़ते मसलते।
खूब देर तक डीप किस चलता रहा और होंठ मेरे आजाद हुए लेकिन उनकी दुष्ट उँगलियों ने जोबन रस लेना नहीं छोड़ा।
मेरी नयी नयी भौजाई अपनी ननद और नंदोई की शरारते , नजरें झुकाये ,लजाते शरमाते ,छुप छुप के देख रही थी।
मैंने लजाती शर्माती नयकी भौजी को हम लोगों की ओर चुपके चुपके देखते देखा तो बनावटी गुस्से से जीजू का हाथ अपने उभारों पर से हटाते बोली,
" जीजू , ... चलिए आप का तो कुछ नहीं , आप तो पैदायशी बेशरम हैं , और मैं भी ,आप की छोटी साली हूँ तो आप की संगत में थोड़ी बहुत बेशरम हो ही जाउंगी। लेकिन ये बेचारी नयी नयी दुल्हन , जो आज ही आयी है इस घर में , वो क्या सोचेगी बिचारी ?"
मेरी नयी नयी भौजाई अपनी ननद और नंदोई की शरारते , नजरें झुकाये ,लजाते शरमाते ,छुप छुप के देख रही थी।
मैंने लजाती शर्माती नयकी भौजी को हम लोगों की ओर चुपके चुपके देखते देखा तो बनावटी गुस्से से जीजू का हाथ अपने उभारों पर से हटाते बोली,
" जीजू , ... चलिए आप का तो कुछ नहीं , आप तो पैदायशी बेशरम हैं , और मैं भी ,आप की छोटी साली हूँ तो आप की संगत में थोड़ी बहुत बेशरम हो ही जाउंगी। लेकिन ये बेचारी नयी नयी दुल्हन , जो आज ही आयी है इस घर में , वो क्या सोचेगी बिचारी ?"
लेकिन कमल जीजू भी न ,पूरे कमल जीजू थे , नयी आयी दुल्हन की आँखों में सीधे देखते हुए बोले ,
" अरे क्या सोचेगी , अरे जिसकी बहन को मैंने चोद दिया ,क्या उसकी बीबी की छोडूंगा ,
वो भी ऐसे मस्त माल को।
अरे तुम लोगों का ख्याल कर के आज छोड़ दे रहा हूँ की इस के साथ वो अपनी सुहागरात मना ले , कल देखना रगड़ रगड़ के इसे भी ,... और वो भी तेरा भाई अगर कुछ भी ना नुकुर करेगा न तो निहुरा के उसकी भी गांड मार लूंगा। "
जीजू की बात सुन के सब खिलखिलाने लगे , और संध्या भाभी ने उसे चढ़ाया ,
" अरे तू भी तो अपने ननदोई के साथ , अरे जवाब दे न उनको , ... अरे सलहज का हक़ साली से कम नहीं ज्यादा ही होता है। "
" एकदम " मैं बोली और खींच के अपनी नयकी भौजी की कमल जीजू के बगल में बैठा दिया।
" देख अपने ससुराल वालों के ,ऐसे हैं तेरे नंदोई। " खिलखलाते हुए उससे मैं बोली।
रीनू भी वहीँ थीं ,मेरी मंझली बहन , उसने नयकी भौजी का चेहरा उठाते हुए चिढ़ाया ,
" अरे अभी सारे ससुराल वालों में इसे सिर्फ अपने साजन का इन्तजार है ,कब आएगी मिलन की घड़ी ,कब से कर रही है इन्तजार। "
हम लोगों की भाभियाँ भी ,किसी ने पीछे से कमेंट मारा ,जब से झांटे आयी।
रीनू उनके कमेंट को इग्नोर करते बोली ,
" घबड़ा मत, बस मुश्किल से घण्टे भर की देर है , नौ बजे के पहले ही तुझे तेरे कमरे में पहुंचा देंगे , और ठीक नौ बजे बाहर से ताला बंद , पूरे १२ घंटे के लिए। होगी तेरी चुनमुनिया की कुटाई , रात भर। "
छंदा भाभी नयी दुल्हन का पूरा साथ दे रही थीं ,आखिर उन की देवरानी थी ,उन्ही के गोल की ,हम ननदों पर हमला करने के लिए। बोलीं ,
" अरे वो आयी ही इसलिए है , फिर अपना भूल गयी तुम लोग पहली रात का हाल , कै दिन टाँगे फैलाये फैलाये चल रही थी। "
तभी पीछे से किसी और भाभी की आवाज छंदा भाभी के पक्ष में आयी ,
" अरे चीनू का ,.... "
मैं तुरंत बीच में बात काट दी। अब सबको मालुम हो गया था की कमल जीजू का गदहा छाप था, पहली रात ही चीनू का ऐसे खून खच्चर हुआ की उसे हॉस्पिटल जाना पड़ा।
अगर ये बात आज की रात इस नयी नवेली ,कोरी दुल्हन को मालुम हो जाती तो बिचारी बेकार में ही हदस जाती। बात काटती मैं बीच में कूदते बोली ,
" अरे इसकी ननदे चीनू की ननदों की तरह ,... क्यों रीनू। हम दोनों तो अपनी इस प्यारी प्यारी भाभी के साथ जब जाएंगी कमरे में तो खुद सब चेक चाक कर लेंगी।
दो दो ऊँगली से खुद ही वैसलीन पूरे अंदर तक लगाएंगी ,पूरी वैसलीन की नयी बॉटल खाली कर देंगी ,वैसलीन में क्या कंजूसी। फिर तो सटॉक से भौजी मेरा मूसल घोंटेगी। "
" अरे आज कल वो जेली आती है न कौन सी ,... "
रीनू याद करने की कोशिश करते बोली।
कमल जीजू कैसे चुप रहते ,उन का एक हाथ मेरे उभारों पर फिर पहुंच गया था लेकिन दूसरा लालची हाथ अब उन्होंने अपनी सहलज के कंधे पर रख दिया था।
हलके से उसे दबाते ,सहलाते उन्होंने रीनू की बात पूरी की ,
"के वाई जेली। "
" हाँ हाँ वही ,"
रीनू बोली ,और नयी दुल्हन समझाते हुए कहा , बस वो भी तेरी गुलबिया के मुहाने लगा देंगे , दर्द आधा हो जाएगा ,और मजा एकदम कम नहीं होगा। "
बसन्ती ,नाउन की बहु। लगती तो वो भी हमारी भाभी ही थी ,हमें चिढाते बोली ,
" अरे भौजाई को इतना तैयार कर रही हो तनी अपने भैया को भी ,तेल वेल लगा के तैयार कर के ,... "
मैं थी ही जवाब देने के लिए ,
" अरे तो तू भौजाई लोग काहें के लिए हो , कडुवा तेल लगाय के मुठियाय के अपने देवर को भेजियेगा , हम लोग अपनी भौजाई को तैयार करेंगी ,आप लोग देवर को। "
सारी भाभियाँ खिलखलाने लगीं लेकिन छंदा भाभी बोलीं ,
" एकदम हमार देवर है , कड़वा तेल चुपड़ के तो भेजूंगी ही , अगले राउंड के लिए भी पूरी एक लीटर वाली बोतल कमरे में रख दिया है। "
" अरे सिर्फ कडुवा तेल ही नहीं सांडे का तेल भी लगा के भेजूंगी देखना , पूरी रात भर कुश्ती होगी। "
बसंती भी अब अपने पूरे रूप में आगयी थी।
" हे हमारे भैया को ज्यादा इन्तजार मत करवाना ,ये रात रोज रोज नहीं आती , ये नहीं की सारी रात भर नहीं नहीं में गुजर जाए। "
रीनू ने एक बार फिर दुल्हन की ठुड्डी पकड़ के उठा के समझाया।
" एकदम हम सारी ननदे तेरे बगल के ही कमरे में रहेंगी ,अगर ताला बन्द करने के आधे घण्टे के अंदर चीख न सुनाई पड़ी तो समझ लो , हम सब ताला खोल के अंदर पहुँच जायेगीं। अंदर सिटकनी मैंने पहले ही निकाल दी है ,और कमरा सिर्फ बाहर से बंद रहेगा और चाभी मेरे पास। "
उसे चिढाती मैं बोली।
" घबड़ा मत यार , पूरे १२ घण्टे की गारन्टी , सुबह नौ बजे ही हम ननदे आएँगी तेरे पास। "
चीनू अपनी छोटी भाभी को हिम्मत दिलाते बोली।
" एकदम , फिर तेरे मर्द को भगा के हम ननदे फुर्सत से एक बार फिर से नीचे वाले मुंह की ,मुंह दिखायी करेंगी। देखेंगे की इस्तेमाल के बाद क्या रूप निखर आया है भौजी की गुलबिया का। "
कमल जीजू को चुप करना मुश्किल था ,वो भी बोल पड़े ,
" अरे सिर्फ ननदे ही क्यों नंदोई को भी भी मुंह दिखाई करने का हक है। "
उनकी बात अनसुनी करते , एक भाभी ने मुझे टारगेट किया ,
" अरे मुंहदिखाई की रसम तो ठीक है ,लेकिन नेग में क्या दोगी। " चिढाते हुए उन्होंने मुझे छेड़ा ,
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!
- kunal
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Re: जोरू का गुलाम या जे के जी
मौके का फायदा उठाते हुए मैंने नयी दुल्हन के मेंहदी लगे हाथ सीधे कमल जीजू की जांघ पर रखते हुए जवाब दिया ,
" ये छह फिट के हैं न मेरे जीजू , नेग में। कल से सहलज और ननदोई ,हम सालियाँ बीच में नहीं आएगी , वैसे भी तुझे देख देख के कब से इनके मुंह में पानी आ रहा है। "
मैंने नयी दुल्हन को चिढाते बोला।
" मुंह में पानी आ रहा है या कहीं और ,... " भाभियाँ क्यों चूकती।
" अरे कहीं भी पानी आ रहा हो आज उस का इलाज करने के लिए उनकी सालियाँ है न इनके पास , जहां तेरी सुहाग रात मनेगी ठीक उसी से सटे कमरे में तेरी ननदे भी एक बार फिर से दुबारा सुहागरात।“
मैं बोली।
पर मेरी बात काटती हुयी चीनू और रीनू दोनों एक साथ चीखीं ,
,
" सालियाँ नहीं साली ,सिर्फ तेरी ली जायेगी ,हाँ साथ में नजारा देखने के लिए हम दोनों रहेंगी। "
हुआ ये की जैसे शाम को रिसेप्शन के पहले ये पता चला की वो आज नहीं आ पाएंगे बस मेरी दोनों शैतान मौसेरी बहनों ने प्लान बना लिया और आफ कोर्स मेरे जीजू लोगों का तो फायदा ही हो गया। हम लोगों का पहले से ही सुहागरात वाले कमरे के बगल वाले कमरे में सोने का प्लान था।
हम तीनों बहनों का बस कमल जीजू ने एलान कर दिया की कोई भी अपने मर्द के साथ नहीं सोयेगा ,
" एकदम , " हम तीनों बहने एक साथ बोलीं ," आखिर हम भी अपने मुंह का स्वाद बदल लेंगी न। "
और डील पक्की हो गयी थी।
लेकिन जैसे ही पता चला की वो नहीं आ रहे हैं चीनू और रीनू दोनों मेरे पीछे ,
" चल सबसे छोटी है तू , आज तुझे अपने मर्द हमने दिए। "
मैं क्यों पीछे रहती ,हँसते हुए भी मैं बोली ,
:तू दोनों क्यों दोगी , मैं खुद अपने दोनों जीजू के साथ , तुम दोनों ने बहुत मजा ले लिया मेरे जीजू का, आज साली का नम्बर है."
" अरे क्या पहले तो यही दोनों फाड़ते तेरी ,लेकिन शादी तेरी पहले हो गयी , तेरे जीजू लोगों का घाटा हो गया , लेकिन आज सूद ब्याज के साथ वसूलेंगे दोनों। " चीनू हँसते हुए बोली।
" और तुम दोनों क्या करोगी , ऊँगली ? " मैंने हंसते हुए रीनू और चीनू को छेड़ा।
" हम दोनों मिल के तेरी और तेरे जीजू की फिल्म बनाएंगे , उनकी हिम्मत बढ़ाएंगे। " दोनों एक साथ बोलीं।
तो फिर बस उसी बैकग्राउंड में ,
कमल जीजू ने अपनी नयी सलहज को छेड़ा भी ,हिम्मत भी दिलाई ,
" अरे घबड़ा मत , तेरा मर्द जितनी बार तेरे साथ ,उससे एक ज्यादा बार हम दोनों तेरे ननदोई उसकी बहन के साथ। "
अब हमारी नयकी भौजी और उंनकी नयी नवेली सलहज की हिम्मत खुल गयी थी , बजाय छुप छुप के आँचल में मुस्कराने के अपने ननदोई की बात पर वो खुल के खिलखिलाई।
" ये छह फिट के हैं न मेरे जीजू , नेग में। कल से सहलज और ननदोई ,हम सालियाँ बीच में नहीं आएगी , वैसे भी तुझे देख देख के कब से इनके मुंह में पानी आ रहा है। "
मैंने नयी दुल्हन को चिढाते बोला।
" मुंह में पानी आ रहा है या कहीं और ,... " भाभियाँ क्यों चूकती।
" अरे कहीं भी पानी आ रहा हो आज उस का इलाज करने के लिए उनकी सालियाँ है न इनके पास , जहां तेरी सुहाग रात मनेगी ठीक उसी से सटे कमरे में तेरी ननदे भी एक बार फिर से दुबारा सुहागरात।“
मैं बोली।
पर मेरी बात काटती हुयी चीनू और रीनू दोनों एक साथ चीखीं ,
,
" सालियाँ नहीं साली ,सिर्फ तेरी ली जायेगी ,हाँ साथ में नजारा देखने के लिए हम दोनों रहेंगी। "
हुआ ये की जैसे शाम को रिसेप्शन के पहले ये पता चला की वो आज नहीं आ पाएंगे बस मेरी दोनों शैतान मौसेरी बहनों ने प्लान बना लिया और आफ कोर्स मेरे जीजू लोगों का तो फायदा ही हो गया। हम लोगों का पहले से ही सुहागरात वाले कमरे के बगल वाले कमरे में सोने का प्लान था।
हम तीनों बहनों का बस कमल जीजू ने एलान कर दिया की कोई भी अपने मर्द के साथ नहीं सोयेगा ,
" एकदम , " हम तीनों बहने एक साथ बोलीं ," आखिर हम भी अपने मुंह का स्वाद बदल लेंगी न। "
और डील पक्की हो गयी थी।
लेकिन जैसे ही पता चला की वो नहीं आ रहे हैं चीनू और रीनू दोनों मेरे पीछे ,
" चल सबसे छोटी है तू , आज तुझे अपने मर्द हमने दिए। "
मैं क्यों पीछे रहती ,हँसते हुए भी मैं बोली ,
:तू दोनों क्यों दोगी , मैं खुद अपने दोनों जीजू के साथ , तुम दोनों ने बहुत मजा ले लिया मेरे जीजू का, आज साली का नम्बर है."
" अरे क्या पहले तो यही दोनों फाड़ते तेरी ,लेकिन शादी तेरी पहले हो गयी , तेरे जीजू लोगों का घाटा हो गया , लेकिन आज सूद ब्याज के साथ वसूलेंगे दोनों। " चीनू हँसते हुए बोली।
" और तुम दोनों क्या करोगी , ऊँगली ? " मैंने हंसते हुए रीनू और चीनू को छेड़ा।
" हम दोनों मिल के तेरी और तेरे जीजू की फिल्म बनाएंगे , उनकी हिम्मत बढ़ाएंगे। " दोनों एक साथ बोलीं।
तो फिर बस उसी बैकग्राउंड में ,
कमल जीजू ने अपनी नयी सलहज को छेड़ा भी ,हिम्मत भी दिलाई ,
" अरे घबड़ा मत , तेरा मर्द जितनी बार तेरे साथ ,उससे एक ज्यादा बार हम दोनों तेरे ननदोई उसकी बहन के साथ। "
अब हमारी नयकी भौजी और उंनकी नयी नवेली सलहज की हिम्मत खुल गयी थी , बजाय छुप छुप के आँचल में मुस्कराने के अपने ननदोई की बात पर वो खुल के खिलखिलाई।
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!
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जोरू का गुलाम भाग ६९
जोरू का गुलाम भाग ६९
लेकिन मैं कहाँ मानने वाली थी ,
" नहीं नहीं जीजू ये बेईमानी है। वो आपका साला अकेला और आप दो दो लोग , फिर आप दोनों तो बचपन के खिलाड़ी है ,वो बिचारा सीधा साधा ,पहली बार , और बार ज्यादा,... बहुत कम है ये। "
मैं चिढाते हुए बोली।
" चलो कोई नहीं ,मेरा देवर ,नयी देवरानी के साथ हैटट्रिक करेगा ,और तुम मेरे दोनों ननदोइयों के साथ डबल हैट्रिक , "
संध्या भाभी ने फैसला सुना दिया ,लेकिन साथ में अपने नन्दोइयों से सवाल भी पूछ लिया,
" मेरी छोटी ननद अकेली और आप दोनों , .... दो , ... बारी बारी से या साथ साथ। "
" अरे बारी बारी से काहें , ई छिनार ननद के मस्त रसीले गाल दो , गद्दर जोबन दो ,... और एकर अगवाड़ा भी छिनार ,पिछवाड़ा भी छिनार , तो बारी बारी से काहें ,साथ साथ , अरे एनकर बुर भी चुदेगी और गांड भी मारी जाएगी ,वो भी साथ साथ , वरना फायदा क्या दो दो जीजा होने का। "
बसन्ती भौजी अब एकदम अपने लेवल पर आगयी।
सोच कर ही मैं गीली हो रही थी , आगे पीछे दोनों ओर ,
मेरा पिछवाड़ा अभी भी कुंवारा था। कमल जीजू तो खैर अगवाड़े से ज्यादा पिछवाड़े के शौक़ीन थे ,अजय ने भी शादी के एक हफ्ते के अंदर हनीमून के दूसरे दिन ही रीनू का पिछवाड़ा बजा दिया था।
लेकिन तबतक फोटो लेने वाले आगये और हम लोग ग्रुप फोटो की तैयारी में लग गए।
और ग्रुप फोटो में आफ कोर्स , प्लेस आफ हॉनर ,नयी दुल्हन को मिलना था।
बीच में मेरी नयी भाभी , उसके दोनों ओर उसके ननदोई यानी मेरे जीजू अजय और कमल , और मैंने सोफे के हत्थे पर। चीनू ,रीनू सोफे के पीछे खड़ी।
नयी दुल्हन का पहला दिन था तो उसके साथ उतना ज्यादा तो नहीं पर उसके दोनों कन्धों पर अजय और कमल जीजू ने हाथ रखे हुए थे और उनकी शरारती ललचाती उंगलिया बस उसकी गोलाइयों से थोड़े ही ऊपर ,
" हे उधर बैठी हो कड़ा कड़ा गड़ रहा होगा , आ इधर बैठ जा न , "
कमल जीजू भी न, उन्होंने मुझे अपनी गोद में बैठने का इशारा किया ,
ऊपर से मेरी मझली बहन रीनू ,वो भी मेरे पीछे पड़ गयी ,
" हे माना की तू छोटी साली है लेकिन मैं भी तो कमल जीजू की साली हूँ ,मुझे भी बगल में बैठ के फोटो खिंचवाना है :
और बस मैं कमल जीजू की गोद में।
मेरी भाभियाँ , नयी दुल्हन सब उनकी शरारतों पर मुस्करा रहे थे।
एक सलहज ने उन्हें छेड़ा ,
" सम्हल के अरे , सालियों और सहलज के धक्का मुक्की में कहीं गिर न पड़ें ,ज़रा सम्हल के। "
" अरे आपके ननदोई इत्ती जल्दी गिर जाते हैं ,क्यों जीजू , नयी सलहज का असर है क्या ," मैंने भी जीजू को चिढाया।
बिचारे ट्रैक बदल के ,वो मेरे पीछे पड़ गए ,
" वहां लकड़ी पर बैठी थी कडा कड़ा लग रहा होगा , और यहां ,.... " कमल जीजू बोले।
" अरे जीजू नहीं ,यहां ज्यादा कड़ा कड़ा लग रहा है। "
उनके गदहा छाप तने औजार पर खुल के अपने बड़े बड़े चूतड़ रगड़ते मैं बोली ,और उन्होंने भी
ठीक बीच की दरार में उसे सेट किया हुआ था।
अब संध्या भाभी का मौक़ा था , वो उन्हें छेड़ने लगी ,
,
" अरे हमें तेरी चिन्ता है कहीं तू न गिर पड़े ," और कमल जीजू को उन्होंने उकसाया ,
" अरे ननदोई जी ,साली को पकड़ने की जगह बनी हुयी है न , तो वहां ठीक से और जोर लगा के पकड़िये न "
बस कमल जीजू का हाथ सीधे मेरी चोली के ऊपर ,उभार पे और वही कस के रगड़ता मसलता ,
स्टिल , वीडयो सब कुछ।
और सलहज के बाद ,सालियों को तो नम्बर लगाना ही था।
लेकिन सब सोफे पर ही बैठना चाहते थे , बस अबकी बिना किसी के कहे सुने , मैं अजय और कमल जीजू दोनों के गोद में बैठ गयी ,ठसके से।
कमल जीजू के बगल में रीनू और रीनू के पति , यानी अजय की बगल में चीनू। अरे भले बड़ी हो ,लेकिन थी तो साली न।
मेरे दोनों उभार दोनों जीजू ने बाँट लिए थे ,एक जुबना अजय के हाथ तो दूसरा कमल जीजू के हाथ में। रगड़ते मसलते खूब फोटो खिंचवाई उन्होंने ,और ऊपर से रीनू चीनू ,उन दोनों को चढ़ा भी रही थीं,
" इत्ते हलके से क्या मजा आएगा , "
अरे चोली दबा रहे हो या चोली के अंदर वाला ,"
फिर एक ने ऊपर से और दूसरे ने पेट के रास्ते चोली में सेंध भी लगा ली।
स्टिल ,वीडियों , हम सब की शरारतों का ,मस्ती का ,क्लोज अप मेरे क्लीवेज का।
और मैं भी अपने जीजू लोगों को खूब ललचा रही थी ,छेड़ रही थी। इत्ते दिन बाद तो हम सब मिले थे।
कभी अपने रसीले गाल उनके गाल से रगड़ देती तो कभी मेरी उंगलिया बल्ज पे ,
घण्टे भर से कम ही बचे थे वैसे भी , एक बार हम ननदे नयी दुल्हन को उसके पिया के कमरे में पहुंचा देती उसके बाद तो ,
मेरी रगड़ाई आज तय थी ,दोनों जीजू एकदम उतावले।
लेकिन,
लेकिन ,
पर वैसा कुछ नहीं हुआ।
ये आगये।
मैं जीजू लोगों के साथ ग्रुप फोटों खिंचवा रही थी , बस उसी समय।
और उनका चेहरा ऐसा उतर गया की ,
मैं समझ गयी कि ,इन्हें जम कर बुरा लग गया।
कमल जीजू को तो ये पहचानते थे , कमल जीजू स्कूल में उनसे तीन साल सीनियर थे ,जब ये नौवें में गए थे तो वो बारहवीं में थे ,
अजय जीजू से पहली बार मिले थे ,लेकिन सब कुछ बहुत फार्मल कोल्ड,
रीनू ,चीनू ने उन्हें छेड़ने की ,मजाक करने की भी कोशिश की पर , इनका जो चेहरा लटका तो ,
पूरा माहौल एकदम,...
और कुछ देर बाद उन्होंने बॉम्बशेल छोड़ दिया ,
मुझे उनके साथ आज ही लौटना होगा , तीन चार घंटे बाद।
रीनू चीनू ने बहुत मनाया ,मेरी बड़ी मौसी ,चीनू की माँ ने भी ,लेकिन ,...
उनके मायके में कुछ छोटी मोटी कुछ ,... किसी का बर्थडे शायद उनकी उसी छिपकली मार्का ममेरी बहन का ,
मैंने अपनी ओर से बात बदलने की कोशिश करते हुए दबी आवाज में पूछा भी की ,
" आपकी तो ट्रेन छूट गयी थी न। "
" हाँ ,लेकिन कुहासे के चक्कर में ट्रेन लेट चल रही है तो एक दूसरी ट्रेन में ,... "
पता ये चला की ट्रेन में टीटी को कुछ ले दे कर वो चढ़ गए थे और उतरने पर स्टेशन पर उन्होंने देखा की एक ट्रेन जो करीब १६-१७ घंटे लेट चल रही थी ,उसमें उन्होंने करेंट रिजर्वेशन करवा लिया था और बस कुछ देर में मुझे वापस ,
मेरी फिर बच गयी।
जब मैं वापस लौट रही थी , इनके साथ तो अजय जीजू ने मुझे छेड़ते हुए माहौल हल्का बनाने की कोशिश की ,
"जा जा ,भूख शेर मिलेगा। "
हम लोग दरवाजे से बाहर निकल रहे थे की किसी ने पीछे से हलके से कमेंट मारा ,
किलज्वॉय।
मुझे इतना बुरा लगा मैं बता नहीं सकती।
पुरानी यादों से उबरती मैं उन्हें निहार रही थी।
लेकिन वो उनके पूर्व परिवर्तन के दिन थे ,और अब ,....
अब तो मेरे जीजू लोगों से किसी भी मामले में कम नहीं थे , न मजे देने में।
न मजे लेने में।
और मैं काम में लग गयी ,
जीजू लोगों के आने के बाद टाइम तो मिलेगा नहीं इसलिए इनके मायके जाने की पैकिंग अभी पूरी करनी थी , फिर उन लोगों के लिए भी तैयारी करनी थी /
उन्हें मैंने सोने दिया , अपना काम ख़तम कर के घंटे भर बाद उठाया। शाम होनेवाली थी।
लुकिंग अ परफेक्ट स्लीपिंग ब्यूटी ,
मेरी निगाह उनके मस्त नितम्बो पर गयी , स्साली क्या चूतड़ हैं , मस्त लौंडिया भी मात।
तभी तो उन्हें खुद बताया था उन्होंने हाई स्कूल में है शुकर की तू है लड़का , की टाइटिल मिली थी ,
सारे लड़के उन्हें हाई क्लास लौंडा कह के छेड़ते थे ,
एकदम ऐसे चिकने थे की , बस,... कोई अच्छा खास स्ट्रेट भी , .... लौण्डबाज बनने पर मजबूर हो जाए।
मैं हलके हलके उनके बबल बॉटम्स सहला रही थी।
वो सोते हुए भी मुस्करा रहे थे , और तभी मुझे एक शर्त याद आयी, उनकी सास ने लगाई थी ,
" अगर तुझे इसे मादरचोद बनाना है न तो मेरे आने के पहले इसकी नथ उतर जानी चाहिए , तब तू इसके फटने की फोटो भेजेगी मुझे तभी मैं इसकी माँ को लेके ,... "
और मैने उस समय तुरंत हाँ बोल दी थी।
ये तो मैं किसी शर्त पर नहीं छोड़ सकती थी , उसके लिए मुझे चाहे जो करना पड़े।
उनका मोटा लन्ड कसर मसर उनकी माँ के भोंसडे में जाय और वो भी मेरे सामने , इस सीन के लिए तो मैं ,
मेरा शैतान दिमाग चरखी की तरह चल रहा था ,
कैसे चुदेगी मेरी छिनार पंचभतारी सास अपने बेटे से , ... और अब मेरी ऊँगली उनकी कसी कोरी गांड की दरार में चल रही थी।
चिकने तो वो बचपन के थे , खुद अपने बचपन के किस्से बताते हुए उन्होंने कबूला था की क्लास ९ से ११ के बीच तीन बार उनकी नेकर उतर चुकी थी ,
एक बार तो निहुराया , सटाया ,भी हो चुका था ,लेकिन बस घुसेड़ने के पहले गड़बड़ हो गया।
बच गए बिचारे ,
लेकिन अब नहीं बच सकते ,क्योंकि ये अगर बच गए तो मेरी छिनार सास बच जाएंगी और ये मैं होने नहीं दे सकती थी।
लेकिन मैं कहाँ मानने वाली थी ,
" नहीं नहीं जीजू ये बेईमानी है। वो आपका साला अकेला और आप दो दो लोग , फिर आप दोनों तो बचपन के खिलाड़ी है ,वो बिचारा सीधा साधा ,पहली बार , और बार ज्यादा,... बहुत कम है ये। "
मैं चिढाते हुए बोली।
" चलो कोई नहीं ,मेरा देवर ,नयी देवरानी के साथ हैटट्रिक करेगा ,और तुम मेरे दोनों ननदोइयों के साथ डबल हैट्रिक , "
संध्या भाभी ने फैसला सुना दिया ,लेकिन साथ में अपने नन्दोइयों से सवाल भी पूछ लिया,
" मेरी छोटी ननद अकेली और आप दोनों , .... दो , ... बारी बारी से या साथ साथ। "
" अरे बारी बारी से काहें , ई छिनार ननद के मस्त रसीले गाल दो , गद्दर जोबन दो ,... और एकर अगवाड़ा भी छिनार ,पिछवाड़ा भी छिनार , तो बारी बारी से काहें ,साथ साथ , अरे एनकर बुर भी चुदेगी और गांड भी मारी जाएगी ,वो भी साथ साथ , वरना फायदा क्या दो दो जीजा होने का। "
बसन्ती भौजी अब एकदम अपने लेवल पर आगयी।
सोच कर ही मैं गीली हो रही थी , आगे पीछे दोनों ओर ,
मेरा पिछवाड़ा अभी भी कुंवारा था। कमल जीजू तो खैर अगवाड़े से ज्यादा पिछवाड़े के शौक़ीन थे ,अजय ने भी शादी के एक हफ्ते के अंदर हनीमून के दूसरे दिन ही रीनू का पिछवाड़ा बजा दिया था।
लेकिन तबतक फोटो लेने वाले आगये और हम लोग ग्रुप फोटो की तैयारी में लग गए।
और ग्रुप फोटो में आफ कोर्स , प्लेस आफ हॉनर ,नयी दुल्हन को मिलना था।
बीच में मेरी नयी भाभी , उसके दोनों ओर उसके ननदोई यानी मेरे जीजू अजय और कमल , और मैंने सोफे के हत्थे पर। चीनू ,रीनू सोफे के पीछे खड़ी।
नयी दुल्हन का पहला दिन था तो उसके साथ उतना ज्यादा तो नहीं पर उसके दोनों कन्धों पर अजय और कमल जीजू ने हाथ रखे हुए थे और उनकी शरारती ललचाती उंगलिया बस उसकी गोलाइयों से थोड़े ही ऊपर ,
" हे उधर बैठी हो कड़ा कड़ा गड़ रहा होगा , आ इधर बैठ जा न , "
कमल जीजू भी न, उन्होंने मुझे अपनी गोद में बैठने का इशारा किया ,
ऊपर से मेरी मझली बहन रीनू ,वो भी मेरे पीछे पड़ गयी ,
" हे माना की तू छोटी साली है लेकिन मैं भी तो कमल जीजू की साली हूँ ,मुझे भी बगल में बैठ के फोटो खिंचवाना है :
और बस मैं कमल जीजू की गोद में।
मेरी भाभियाँ , नयी दुल्हन सब उनकी शरारतों पर मुस्करा रहे थे।
एक सलहज ने उन्हें छेड़ा ,
" सम्हल के अरे , सालियों और सहलज के धक्का मुक्की में कहीं गिर न पड़ें ,ज़रा सम्हल के। "
" अरे आपके ननदोई इत्ती जल्दी गिर जाते हैं ,क्यों जीजू , नयी सलहज का असर है क्या ," मैंने भी जीजू को चिढाया।
बिचारे ट्रैक बदल के ,वो मेरे पीछे पड़ गए ,
" वहां लकड़ी पर बैठी थी कडा कड़ा लग रहा होगा , और यहां ,.... " कमल जीजू बोले।
" अरे जीजू नहीं ,यहां ज्यादा कड़ा कड़ा लग रहा है। "
उनके गदहा छाप तने औजार पर खुल के अपने बड़े बड़े चूतड़ रगड़ते मैं बोली ,और उन्होंने भी
ठीक बीच की दरार में उसे सेट किया हुआ था।
अब संध्या भाभी का मौक़ा था , वो उन्हें छेड़ने लगी ,
,
" अरे हमें तेरी चिन्ता है कहीं तू न गिर पड़े ," और कमल जीजू को उन्होंने उकसाया ,
" अरे ननदोई जी ,साली को पकड़ने की जगह बनी हुयी है न , तो वहां ठीक से और जोर लगा के पकड़िये न "
बस कमल जीजू का हाथ सीधे मेरी चोली के ऊपर ,उभार पे और वही कस के रगड़ता मसलता ,
स्टिल , वीडयो सब कुछ।
और सलहज के बाद ,सालियों को तो नम्बर लगाना ही था।
लेकिन सब सोफे पर ही बैठना चाहते थे , बस अबकी बिना किसी के कहे सुने , मैं अजय और कमल जीजू दोनों के गोद में बैठ गयी ,ठसके से।
कमल जीजू के बगल में रीनू और रीनू के पति , यानी अजय की बगल में चीनू। अरे भले बड़ी हो ,लेकिन थी तो साली न।
मेरे दोनों उभार दोनों जीजू ने बाँट लिए थे ,एक जुबना अजय के हाथ तो दूसरा कमल जीजू के हाथ में। रगड़ते मसलते खूब फोटो खिंचवाई उन्होंने ,और ऊपर से रीनू चीनू ,उन दोनों को चढ़ा भी रही थीं,
" इत्ते हलके से क्या मजा आएगा , "
अरे चोली दबा रहे हो या चोली के अंदर वाला ,"
फिर एक ने ऊपर से और दूसरे ने पेट के रास्ते चोली में सेंध भी लगा ली।
स्टिल ,वीडियों , हम सब की शरारतों का ,मस्ती का ,क्लोज अप मेरे क्लीवेज का।
और मैं भी अपने जीजू लोगों को खूब ललचा रही थी ,छेड़ रही थी। इत्ते दिन बाद तो हम सब मिले थे।
कभी अपने रसीले गाल उनके गाल से रगड़ देती तो कभी मेरी उंगलिया बल्ज पे ,
घण्टे भर से कम ही बचे थे वैसे भी , एक बार हम ननदे नयी दुल्हन को उसके पिया के कमरे में पहुंचा देती उसके बाद तो ,
मेरी रगड़ाई आज तय थी ,दोनों जीजू एकदम उतावले।
लेकिन,
लेकिन ,
पर वैसा कुछ नहीं हुआ।
ये आगये।
मैं जीजू लोगों के साथ ग्रुप फोटों खिंचवा रही थी , बस उसी समय।
और उनका चेहरा ऐसा उतर गया की ,
मैं समझ गयी कि ,इन्हें जम कर बुरा लग गया।
कमल जीजू को तो ये पहचानते थे , कमल जीजू स्कूल में उनसे तीन साल सीनियर थे ,जब ये नौवें में गए थे तो वो बारहवीं में थे ,
अजय जीजू से पहली बार मिले थे ,लेकिन सब कुछ बहुत फार्मल कोल्ड,
रीनू ,चीनू ने उन्हें छेड़ने की ,मजाक करने की भी कोशिश की पर , इनका जो चेहरा लटका तो ,
पूरा माहौल एकदम,...
और कुछ देर बाद उन्होंने बॉम्बशेल छोड़ दिया ,
मुझे उनके साथ आज ही लौटना होगा , तीन चार घंटे बाद।
रीनू चीनू ने बहुत मनाया ,मेरी बड़ी मौसी ,चीनू की माँ ने भी ,लेकिन ,...
उनके मायके में कुछ छोटी मोटी कुछ ,... किसी का बर्थडे शायद उनकी उसी छिपकली मार्का ममेरी बहन का ,
मैंने अपनी ओर से बात बदलने की कोशिश करते हुए दबी आवाज में पूछा भी की ,
" आपकी तो ट्रेन छूट गयी थी न। "
" हाँ ,लेकिन कुहासे के चक्कर में ट्रेन लेट चल रही है तो एक दूसरी ट्रेन में ,... "
पता ये चला की ट्रेन में टीटी को कुछ ले दे कर वो चढ़ गए थे और उतरने पर स्टेशन पर उन्होंने देखा की एक ट्रेन जो करीब १६-१७ घंटे लेट चल रही थी ,उसमें उन्होंने करेंट रिजर्वेशन करवा लिया था और बस कुछ देर में मुझे वापस ,
मेरी फिर बच गयी।
जब मैं वापस लौट रही थी , इनके साथ तो अजय जीजू ने मुझे छेड़ते हुए माहौल हल्का बनाने की कोशिश की ,
"जा जा ,भूख शेर मिलेगा। "
हम लोग दरवाजे से बाहर निकल रहे थे की किसी ने पीछे से हलके से कमेंट मारा ,
किलज्वॉय।
मुझे इतना बुरा लगा मैं बता नहीं सकती।
पुरानी यादों से उबरती मैं उन्हें निहार रही थी।
लेकिन वो उनके पूर्व परिवर्तन के दिन थे ,और अब ,....
अब तो मेरे जीजू लोगों से किसी भी मामले में कम नहीं थे , न मजे देने में।
न मजे लेने में।
और मैं काम में लग गयी ,
जीजू लोगों के आने के बाद टाइम तो मिलेगा नहीं इसलिए इनके मायके जाने की पैकिंग अभी पूरी करनी थी , फिर उन लोगों के लिए भी तैयारी करनी थी /
उन्हें मैंने सोने दिया , अपना काम ख़तम कर के घंटे भर बाद उठाया। शाम होनेवाली थी।
लुकिंग अ परफेक्ट स्लीपिंग ब्यूटी ,
मेरी निगाह उनके मस्त नितम्बो पर गयी , स्साली क्या चूतड़ हैं , मस्त लौंडिया भी मात।
तभी तो उन्हें खुद बताया था उन्होंने हाई स्कूल में है शुकर की तू है लड़का , की टाइटिल मिली थी ,
सारे लड़के उन्हें हाई क्लास लौंडा कह के छेड़ते थे ,
एकदम ऐसे चिकने थे की , बस,... कोई अच्छा खास स्ट्रेट भी , .... लौण्डबाज बनने पर मजबूर हो जाए।
मैं हलके हलके उनके बबल बॉटम्स सहला रही थी।
वो सोते हुए भी मुस्करा रहे थे , और तभी मुझे एक शर्त याद आयी, उनकी सास ने लगाई थी ,
" अगर तुझे इसे मादरचोद बनाना है न तो मेरे आने के पहले इसकी नथ उतर जानी चाहिए , तब तू इसके फटने की फोटो भेजेगी मुझे तभी मैं इसकी माँ को लेके ,... "
और मैने उस समय तुरंत हाँ बोल दी थी।
ये तो मैं किसी शर्त पर नहीं छोड़ सकती थी , उसके लिए मुझे चाहे जो करना पड़े।
उनका मोटा लन्ड कसर मसर उनकी माँ के भोंसडे में जाय और वो भी मेरे सामने , इस सीन के लिए तो मैं ,
मेरा शैतान दिमाग चरखी की तरह चल रहा था ,
कैसे चुदेगी मेरी छिनार पंचभतारी सास अपने बेटे से , ... और अब मेरी ऊँगली उनकी कसी कोरी गांड की दरार में चल रही थी।
चिकने तो वो बचपन के थे , खुद अपने बचपन के किस्से बताते हुए उन्होंने कबूला था की क्लास ९ से ११ के बीच तीन बार उनकी नेकर उतर चुकी थी ,
एक बार तो निहुराया , सटाया ,भी हो चुका था ,लेकिन बस घुसेड़ने के पहले गड़बड़ हो गया।
बच गए बिचारे ,
लेकिन अब नहीं बच सकते ,क्योंकि ये अगर बच गए तो मेरी छिनार सास बच जाएंगी और ये मैं होने नहीं दे सकती थी।
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!
- kunal
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- Joined: 10 Oct 2014 21:53
जोरू का गुलाम भाग ७०
जोरू का गुलाम भाग ७०
कमल जीजू भी तो इन्ही के स्कूल में थे ,शायद इनसे तीन या चार साल सीनियर ,
इन्होंने खुद बताया था , कोई भी चिकना उनके स्कूल का ,कमल जीजू से बचा नहीं था ,सीधे नहीं तो जबरदस्ती ,
ये बस इसलिए बच गए थे की जिस साल ये स्कूल में गए उसी साल कमल जीजू इंजीनियरिंग में पहुँच गए।
और कमल जीजू तो अभी भी , चीनू ने खुद बताया था अभी भी जेंडर डिस्क्रिमिनेशन में विश्वास नहीं रखते थे , महीने में एकाध बार ,
बस ,
कचाक से ऊँगली मैंने उनकी कसी कोरी गांड में पेल दी ,
मिल गया , अब न ये बचेंगे ,न इनकी माँ।
दो पोर तक मेरी ऊँगली इनकी गांड में ,
इन्होंने झट से आँखे खोल दी और मुस्कारने लगे,
ऊँगली निकाल के मैंने सीधे उनके होंठों पे लगा दी और वो झट्ट ,..
मंजू बाई और गीता ने उन्हें तरह का स्वाद चखा दिया था।
" तेरे लिए एक सरप्राइज खबर है लेकिन अभी नहीं , तुमने अभी नहाया नहीं न आज , चलो पहले अपने सोना मोना को नहलाती हूँ अच्छी तरह से फिर ,…
लेकिन नहलाया भी उन्होंने ,धुलाया भी उन्होंने।
मेरे उभारों से दरारों तक हर जगह रगड़ रगड़ के ,साबुन लगा के ,
मैंने उनको भी साबुन लगा के मसला मुठियाया ,
और हम दोनों साथ साथ साथ शावर में , हैण्ड शावर के नॉजल से उनके खूंटे को ,सुपाड़े को भी छेड़ा ,
और जब हमने शावर में एक दूसरे का साबुन साफ़ कर दिया तो मैंने उन्हें हड़काते हुए कहा,
" हे तुमने सब जगह ठीक से साफ़ नहीं किया ,अपने को। "
बिचारे वो ,उन्होंने हाथ की उँगलियों के बीच ,पैर की उंगलियों को ,तलुओं को मुझे दिखाया ,
स्पॉट लेसली क्लीन ,
लेकिन मेरे मन में तो कुछ और ही चल रहा था ,
" बेंड " मैं बोली ,
वो झुक गए।
टच योर टोज ,
उन्होंने झुके हुए अपने टोज छूने शुरू कर दिए ,
रेज योर आस ,
झुके हुए उन्होंने अपने गोल गोल नितम्बो को हवा में उठा दिया।
क्या मस्त चिकनी स्मूथ गोलाइयाँ थी , कोई ब्रम्हचारी भी देख ले तो उसका लौण्डेबाज होने का मन करने लगे।
मैंने थोड़ी देर उन्हें सहलाने के बाद एक झटके में पूरी ताकत से उन्हें फैला दिया ,
कसी कोरी दरार एकदम चिकनी साफ़ ,
मम्मी ने उन्हें सिखा रखा था , ये तेरी मेल कंट है , हरदम मखमल की तरह मुलायम और रेशम की तरह चिकना रखना ,
लेकिन मेरी शैतानी दिमाग का चरखा कुछ और ही चल रहा था।
" आँखे बंद " मैंने हुक्म दिया और उन्होंने आँखे बंद कर ली।
मेरी निगाह दीवाल पर टंगे एनिमा बैग पर थी।
इसके पहले भी कई बार इसी बाथरूम में , ... मम्मी ने और,मंजू बाई ने भी उनके साथ ,
मंजू बाई का दिमाग तो एकदम किंकी , कुछ भी गन्दा नहीं था उसके लिए और सीधे से नहीं तो जबरदस्ती ,....
" क्या पता आज तेरी किस्मत , ...अंदर तक एकदम ,.. कुछ लोगों को अंदर भी साफ़ सफाई ,... " मैं हलके हलके बुदबुदा रही थी ,
और मैंने एक झटके में एनिमा को नोजल उनकी गांड के अंदर ,
गरम पानी गुनगुना ,साबुन का घोल , लेकिन साथ साथ एक कोई ख़ास हर्बल पाउडर मंजू बाई ने मुझे दिया था ,
," बस दो चार चुटकी और ,... पांच दस मिनट भी अंदर रह गया न तो बस गांड में इतनी खुजली मिटेगी ,जैसे पांच दिन की छुट्टी ख़तम होने के बाद औरतों को मचती है, बिना लन्ड घोंटे वो खुजली जायेगी भी नहीं एकदम सीधा साधा भी पक्का गांडू ,... "
मंजू बाई की सलाह और वो भी ऐसे मामलों में कभी गलत नहीं होती थी।
एनिमा का नॉजल बट प्लग की तरह था ,उस दिन जो मम्मी ने एडल्ट सेक्स ट्वायज ख़रीदे थे ,उसीमे ये भी लायी थीं वो अपने दामाद के लिए।
मंजू ने जितना बोला था उसका पूरा डबल डाला था मैंने ,और १० मिनट में पूरा दो लीटर साबुन का गुनगुना घोल और साथ में वो पाउडर ,जिसमे नीम की सूखी पत्तियों का चूर्ण ,सौंफ ,थोड़ी सी हींग और न जाने क्या क्या, बट प्लग मीडियम साइज का ,उससे मैंने सील कर दिया।
और थोड़ी देर में हम दोनों किचेन में थे ,वो चाय बना रहे थे और मैं प्लान।
एकदम कड़क चाय।
और मैंने उन्हें उनका काम बता दिया ,
" कुछ बहुत ही स्पेशल गेस्ट आ रहे हैं ,बस ये सोच लो आज तेरे कुलिनरी स्किल्स का असली टेस्ट है ,और सब कुछ नान वेज, नो घास फूस और वैरायटी भी। "
बिचारे जानना तो चाह रहे थे की कौन ,लेकिन ये भी जानते थे की मैं तभी बताउंगी जब मैं चाहूंगी। लेकिन एक सवाल उन्होंने पूछ ही लिया ,
" टाइम कितना है। "
"ढाई से तीन घंटा। "
उन्होंने राहत की सांस ली ,बोले बस बहुत है और चालू हो गए।
प्रिपरेशन मैंने कर ही रखी थी
वो काम में लग गए थे ,और मैं पीछे से उन्हें देख रही थी।
परफेक्ट बबल बॉटम ,
पहली नजर में ही कोई भांप जाए , परफेक्ट बॉट,
एक काम मैंने उन्हें और पकड़ाया ,
"सुनो वो ड्रिंक्स की ग्लासेज , जरा अच्छी तरह साफ़ कर लो , व्हिस्की के साथ कॉकटेल स्नैक्स भी कुछ ,... "
ग्लास निकाल कर के वो साफ़ करने लगे और बोले ,
"हाँ मैंने चिकन मैरीनेट होने के लिए रखा था तो ,... मैं सोच रहा हूँ , चिकेन टिक्का और फ्रेश चटनी ,बारबेक भी लगा देता हूँ ,"
लेकिन मेरी निगाह तो उनके पिछवाड़े चिपकी थी। ही वाज लुकिंग सो क्यूट ,टॉट रिपिंग मसल्स ऑफ बैक, पतली बलखाती कमर ,
ऐसी जिसके लिए मॉडल भी मरते हों , एंड दोज फर्म बटक्स , उसपे एक छोटा सा डिम्पल भी ,खूब चिकना , मुलायम और गोरा ,... सच में कोई स्ट्रेट मैन भी एकबार तो ललचा जाएगा।
और दोनों नितम्बो की कसी कसी दरार के बीच वो , ... पल्सेटिंग मैं सोच सकती थी उनकी हालत ,पांच मिनट में लेकिन ,...
ये तो मैंने अंदर तक जो मोटा बट प्लग घुसेड़ रखा था वो होल्ड कर रहा था .
बार स्टूल पर बैठे बैठे ,मैंने अपनी सैंडल की नोक से नितम्बो के बीच की दरार को हलके से रगड़ा , और
.... खूँटा उनका तुरंत ९० डिग्री।
मैं मुस्कराये बिना नहीं रह सकी ,
इसका मतलब की उनका पिछवाड़ा टच से कितना सेंसेटिव था ,
ड्रिंक्स की तैयारी हो गयी तो , ...
" सुनो , स्वीट डिश सिम्पल ही रखते है , दसहरी आम रखे हैं न बस उसी की बड़ी बड़ी फांके काट लेना , और ऊपर फ्रेश क्रीम। "
मैंने सजेस्ट किया।
उनकी आम की चिढ उनके मायके वालों के साथ अब ससुराल वालों को भी मालुम थी , मेरी सारे बहने ,जीजू सबको , छू भी नहीं सकते वो।
और आज , यही तो मैं चाहती थी।
वो काम में लगे थे ,और मैं घडी देख रही थी।
मंजू बाई ने बताया था वो उसकी स्पेशल हर्ब कम से कम पंद्रह मिनट अंदर रहनी चाहिए ,
टू बी श्योर ,... अभी आधे घण्टे होने को आ रहे थे। जिस तरह उनके चूतड़ बार बार सिकुड़ रहे थे , वो मेरी ओर देख रहे थे मैं उनकी परेशानी समझ रही थी।
" ओके ,गो लेकिन उसके बाद अच्छी तरह से क्लीन , ... " मैं बोली और वो बाथरूम की ओर।
मैं भी अपने कमरे में सोच रही थी क्या पहनू
मुझे मालुम था कमल जीजू पर मेरे गदराये जोबन क्या जादू होता है ,और उन्हें तड़पाना ,ललचाना मुझे बहुत अच्छा लगता था।
पहले तो सोचा की एक काछी बैकलेस ब्लाउज शिफॉन की साड़ी के साथ ,
फिर लगा ज्यादा फार्मल ट्रेडिशनल हो जाएगा , कुछ कॅज्यूअल ,
तभी रोगन जोश की सीटी बजी और वो वापस किचेन में ,
मैं अपने लिए कपडे निकाल रही थी ,और उनके लिए भी ,
टाइम पास नहीं हो रहा था ,
मेरी निगाह बार बार घडी की ओर तो कभी मोबाइल की ओर ,
जीजू ने बोला था यहाँ पहुंचने के आधे घंटे पहले वो फोन करेंगे।
किचेन से अच्छी अच्छी खुशबू आ रही थी ,हांडी चिकेन जो मम्मी की फेवरिट थी , और अपने दामाद को उन्होंने बहुत प्यार से सिखाया था ,
मटन बिरयानी कश्मीरी ,
सब की सब नान वेज,
मुझे याद आ गयी अपनी वो छुटकी ननदिया , .... भाभी हमारे यहां कुछ भी नहीं , किचेन तो छोड़िये , बाहर का भी कुछ नहीं , ... मैं बड़े प्यार से उनकी बर्थडे पेस्ट्री ले आयी थी ,एकदम एगलेस ,लेकिन उसने ,मेरी जिठानी ने , वो भी फिंकवा दिया। ' अरे बर्तन तो वही होगा न "
एक बार हम लोग बड़ी मौसी के यहाँ ,(चीनू की मम्मी ) गए और पहुंचते ही उन्होंने हुकुम सुना दिया ,
मैं नान वेज नहीं खाता ,
आपके लिए आलू की सब्जी बन जायेगी ,कोई बोला लेकिन ये ,... उसी किचेन में अगर नान वेज बनेगा ,
मजबूरन हम सबने आलू की सब्जी ही खायी। चिकन ,मटन का प्लान फेल हो गया।
और आज ,
थोड़ी देर में काम ख़तम कर के वो मेरे पास बेड रूम में आ गए ,
" आलमोस्ट रेडी , आधे घंटे में सब तैयार हो जाएगा। " मुस्कराते हुए वो बोले।
चल अब मैं अपने सोना मोना को तैयार कर देती हूँ , ड्रेसिंग टेबल पर बैठी मैं बोली।
मैं अपने बाल सेट कर रही थी , उनके बाल भी थोड़ी क्रीम लगा के सेट कर के हॉट लुक दे दिया।
मैंने तय किया था वेट सेंसुअस लुक ,डार्क रेड लिपस्टिक , हाई चीकबोन्स , मस्कारा ,काजल ,
उनको भी मैंने बस जरा सा बहुत हल्का काजल , जस्ट अ टच , और गालों पे भी हल्का सा रूज ,
हाँ जो परफ्यूम मैंने लगाया था वही उनको भी ,
मैंने एक सेक्सी रेड हॉल्टर शोल्डर लेस टॉप पहना , उसके नीचे बस छोटी शोल्डरलेस हाफ कप पुश अप ब्रा ,
जो मेरे उभारों को और उभार रही थी , एक मैचिंग पिंक थांग और रिप्ड अल्ट्रा लो टाइट डेनिम ,
उनके लिए भी मैंने पिंक शर्ट निकाल दी थी ,एकदम बॉडी हगिंग , और स्किन टाइट जीन्स।
हम दोनों साथ तैयार हो गए।
" सुनो ,एक बेड रूम ,मम्मी जिस में थी ,वो वाला ,रेडी तो है बस एक बार चेक कर लेना , और हाँ , लिविंग रूम में दो स्पेयर मैट्रेस लगा देना , ब्लैक साटन शीट के साथ और कुशन भी , ... क्या पता वो लोग वहीँ ही ,... "
एकदम कह कर वो निकल दिए।
मेरी निगाह घड़ी पर पड़ी ,अभी ४५ मिनट थे , जीजू का फोन नहीं आया ,
एंड थिंक आफ डेविल ,
मेरा आई फोन घनघना उठा।
टिपिकल कमल जीजू ,
" कहीं फंसी थी क्या , मतलब किसी काम में "
टिपिकल डबल मीनिंग डायलाग।
खिलखिलाते हुए मैंने जवाब दिया ,
" अरे जीजू ,फंसाने वाला तो अभी इत्ती दूर है , " शिकायत भरे अंदाज में मैं बोली।
" कोई खास दूर नहीं , बस आधे घंटे में , और ये सोच ले ,पिछली बार तो तू बच गयी थी ,अबकी एकदम नहीं बच पायेगी। मैं और अजय दोनों है , सीधे से नहीं तो जबरदस्ती। "
उन्हें पिछली बार की बात याद थी ,जब इनके किल ज्वाय एट्टीट्यूड ने सब ,... लेकिन अब तो वो भी एकदम हमारे ही रंग में ,... "
" जीजू बचना कौन साली चाहती है , बल्कि अबकी मैं आप दोनों को नहीं छोडूंगी ,निचोड़ के रख दूंगी। और उस रीनू साली को भी आप दोनों के पास नहीं फटकने दूंगी , बहुत मजा ले लिया उसने मेरे जीजू से अकेले अकेले। "
मैंने उन्हें और चढ़ाया ,
और फोन उनसे रीनू ने ले लिया ,
" क्यों साली , बहुत रगड़ाई होने वाली है तेरी , वैसलीन लगा लेना अच्छी तरह " वो बोली।
उसने बहुत पहले चीनू की शादी के बाद पहली होली में ही कमल जीजू से नंबर लगवा लिया था।
" कमीनी , बहुत मजा ले रही है न मेरे जीजू लोगों के साथ। अरे जब कमल जीजू का फोन आया था तभी मैंने वैसलीन लगा ली थी ,वो भी दो ऊँगली अंदर तक डाल के। पुरी वैसलीन की बोतल अंदर कर ली है लेकिन तेरी तो खूब सैंडविच बन रही होगी न , बड़े मजे हो रहे होंगे ,एक साथ दो दो। "
हम मौसेरी बहनो के बीच बचपन से इसी तरह की बातचीत होती थी। लेकिन मेरे सवाल का जो जवाब रीनू ने दिया उसकी मुझे उम्मीद नहीं थी ,
" अरे नहीं , छिनार , मेरी ५ दिन वाली सहेली आ गयी हैं , तेरे दोनों जीजू बहुत बहूत भूखे हैं दोनों का उपवास चल रहा है। पांच दिन की दोनों की मलाई आज तुझे घोंटनी होगी। . "
मेरे बदन में सिहरन दौड़ गयी , पांच दिन का भूखा शेर ,वो भी एक नहीं दो ,
पर एक सवाल मैने पूछ ही लिया ,
" अरे तुम और चीनू ,री- हनीमून पर जा रही हो लेकिन तेरी छुट्टी ,... ?"
" अरे आज छुट्टी का आखिरी दिन है ,मैंने सोचा तू सबसे छोटी बहन है आज तेरे मुंह का स्वाद बदलवा दूँ कल से तो मैं तेरे दोनों जीजू पे चढ़ चढ़ के , ... " रीनू ने मामला साफ किया।
अजय ,रीनू के हबी ने उसके हाथ से फोन ले लिया।
बिचारे बहुत बेताब लग रहे थे ,कोई भी होता ,पांच दिन से खूँटा टनटनाया।
' बस ये तू तय कर ले ,बारी बारी से की साथ साथ , आज हम दोनों मिल के ,.. " उन्होंने सवाल पूछा।
" जीजू साथ साथ , अरे दो दो जीजू होने का फायदा क्या ,अगर साली की सैंडविच न बने , और फिर मेरी कमीनी बहन वैसे भी आउट आफ आर्डर है। हाँ साइड का आप और कमल जीजू टॉस कर लेना। "
हँसते हुए मैं बोली।
कमल जीजू ने उनके हाथ से फोन ले लिया , और बोले
" और बोल खिलाएगी क्या , हम लोग घास फूस नहीं खाते ,... " उन्होंने पूछ ही डाला।
" नहीं जीजू , प्योर नान वेज ,मैंने आपसे पहले ही कहा था न , जीजू और साली के बीच सब कुछ एकदम नान वेज होना चाहिए तो, ... "
पर उनके मन की शंका ,उन्होंने फिर पूछा ,
" लेकिन तेरा वो ,... "
" अरे अब वो भी हम लोगों के रंग में रंग गए हैं ,आप आइये तो आज आपको प्राइज भी मिलेगा और सरप्राइज भी ,एक बड़ी पुरानी इच्छा ,... भी पूरी होगी।आप आइये जल्दी "
मैं उनके स्कूल के जमाने की बात याद दिला रही थी ,पर जीजू ने ये बोल के की बस बीस मिनट में वो पहुँच रहे हैं , फोन रख दिया।
इन्होंने रूम सेट कर दिया था और बारबेक भी लगा दिया था।
बीस क्या पंद्रह मिनट में ही वो लोग आ गए।
मैं बाहर ही वेट कर रही थी।
कमल जीजू भी तो इन्ही के स्कूल में थे ,शायद इनसे तीन या चार साल सीनियर ,
इन्होंने खुद बताया था , कोई भी चिकना उनके स्कूल का ,कमल जीजू से बचा नहीं था ,सीधे नहीं तो जबरदस्ती ,
ये बस इसलिए बच गए थे की जिस साल ये स्कूल में गए उसी साल कमल जीजू इंजीनियरिंग में पहुँच गए।
और कमल जीजू तो अभी भी , चीनू ने खुद बताया था अभी भी जेंडर डिस्क्रिमिनेशन में विश्वास नहीं रखते थे , महीने में एकाध बार ,
बस ,
कचाक से ऊँगली मैंने उनकी कसी कोरी गांड में पेल दी ,
मिल गया , अब न ये बचेंगे ,न इनकी माँ।
दो पोर तक मेरी ऊँगली इनकी गांड में ,
इन्होंने झट से आँखे खोल दी और मुस्कारने लगे,
ऊँगली निकाल के मैंने सीधे उनके होंठों पे लगा दी और वो झट्ट ,..
मंजू बाई और गीता ने उन्हें तरह का स्वाद चखा दिया था।
" तेरे लिए एक सरप्राइज खबर है लेकिन अभी नहीं , तुमने अभी नहाया नहीं न आज , चलो पहले अपने सोना मोना को नहलाती हूँ अच्छी तरह से फिर ,…
लेकिन नहलाया भी उन्होंने ,धुलाया भी उन्होंने।
मेरे उभारों से दरारों तक हर जगह रगड़ रगड़ के ,साबुन लगा के ,
मैंने उनको भी साबुन लगा के मसला मुठियाया ,
और हम दोनों साथ साथ साथ शावर में , हैण्ड शावर के नॉजल से उनके खूंटे को ,सुपाड़े को भी छेड़ा ,
और जब हमने शावर में एक दूसरे का साबुन साफ़ कर दिया तो मैंने उन्हें हड़काते हुए कहा,
" हे तुमने सब जगह ठीक से साफ़ नहीं किया ,अपने को। "
बिचारे वो ,उन्होंने हाथ की उँगलियों के बीच ,पैर की उंगलियों को ,तलुओं को मुझे दिखाया ,
स्पॉट लेसली क्लीन ,
लेकिन मेरे मन में तो कुछ और ही चल रहा था ,
" बेंड " मैं बोली ,
वो झुक गए।
टच योर टोज ,
उन्होंने झुके हुए अपने टोज छूने शुरू कर दिए ,
रेज योर आस ,
झुके हुए उन्होंने अपने गोल गोल नितम्बो को हवा में उठा दिया।
क्या मस्त चिकनी स्मूथ गोलाइयाँ थी , कोई ब्रम्हचारी भी देख ले तो उसका लौण्डेबाज होने का मन करने लगे।
मैंने थोड़ी देर उन्हें सहलाने के बाद एक झटके में पूरी ताकत से उन्हें फैला दिया ,
कसी कोरी दरार एकदम चिकनी साफ़ ,
मम्मी ने उन्हें सिखा रखा था , ये तेरी मेल कंट है , हरदम मखमल की तरह मुलायम और रेशम की तरह चिकना रखना ,
लेकिन मेरी शैतानी दिमाग का चरखा कुछ और ही चल रहा था।
" आँखे बंद " मैंने हुक्म दिया और उन्होंने आँखे बंद कर ली।
मेरी निगाह दीवाल पर टंगे एनिमा बैग पर थी।
इसके पहले भी कई बार इसी बाथरूम में , ... मम्मी ने और,मंजू बाई ने भी उनके साथ ,
मंजू बाई का दिमाग तो एकदम किंकी , कुछ भी गन्दा नहीं था उसके लिए और सीधे से नहीं तो जबरदस्ती ,....
" क्या पता आज तेरी किस्मत , ...अंदर तक एकदम ,.. कुछ लोगों को अंदर भी साफ़ सफाई ,... " मैं हलके हलके बुदबुदा रही थी ,
और मैंने एक झटके में एनिमा को नोजल उनकी गांड के अंदर ,
गरम पानी गुनगुना ,साबुन का घोल , लेकिन साथ साथ एक कोई ख़ास हर्बल पाउडर मंजू बाई ने मुझे दिया था ,
," बस दो चार चुटकी और ,... पांच दस मिनट भी अंदर रह गया न तो बस गांड में इतनी खुजली मिटेगी ,जैसे पांच दिन की छुट्टी ख़तम होने के बाद औरतों को मचती है, बिना लन्ड घोंटे वो खुजली जायेगी भी नहीं एकदम सीधा साधा भी पक्का गांडू ,... "
मंजू बाई की सलाह और वो भी ऐसे मामलों में कभी गलत नहीं होती थी।
एनिमा का नॉजल बट प्लग की तरह था ,उस दिन जो मम्मी ने एडल्ट सेक्स ट्वायज ख़रीदे थे ,उसीमे ये भी लायी थीं वो अपने दामाद के लिए।
मंजू ने जितना बोला था उसका पूरा डबल डाला था मैंने ,और १० मिनट में पूरा दो लीटर साबुन का गुनगुना घोल और साथ में वो पाउडर ,जिसमे नीम की सूखी पत्तियों का चूर्ण ,सौंफ ,थोड़ी सी हींग और न जाने क्या क्या, बट प्लग मीडियम साइज का ,उससे मैंने सील कर दिया।
और थोड़ी देर में हम दोनों किचेन में थे ,वो चाय बना रहे थे और मैं प्लान।
एकदम कड़क चाय।
और मैंने उन्हें उनका काम बता दिया ,
" कुछ बहुत ही स्पेशल गेस्ट आ रहे हैं ,बस ये सोच लो आज तेरे कुलिनरी स्किल्स का असली टेस्ट है ,और सब कुछ नान वेज, नो घास फूस और वैरायटी भी। "
बिचारे जानना तो चाह रहे थे की कौन ,लेकिन ये भी जानते थे की मैं तभी बताउंगी जब मैं चाहूंगी। लेकिन एक सवाल उन्होंने पूछ ही लिया ,
" टाइम कितना है। "
"ढाई से तीन घंटा। "
उन्होंने राहत की सांस ली ,बोले बस बहुत है और चालू हो गए।
प्रिपरेशन मैंने कर ही रखी थी
वो काम में लग गए थे ,और मैं पीछे से उन्हें देख रही थी।
परफेक्ट बबल बॉटम ,
पहली नजर में ही कोई भांप जाए , परफेक्ट बॉट,
एक काम मैंने उन्हें और पकड़ाया ,
"सुनो वो ड्रिंक्स की ग्लासेज , जरा अच्छी तरह साफ़ कर लो , व्हिस्की के साथ कॉकटेल स्नैक्स भी कुछ ,... "
ग्लास निकाल कर के वो साफ़ करने लगे और बोले ,
"हाँ मैंने चिकन मैरीनेट होने के लिए रखा था तो ,... मैं सोच रहा हूँ , चिकेन टिक्का और फ्रेश चटनी ,बारबेक भी लगा देता हूँ ,"
लेकिन मेरी निगाह तो उनके पिछवाड़े चिपकी थी। ही वाज लुकिंग सो क्यूट ,टॉट रिपिंग मसल्स ऑफ बैक, पतली बलखाती कमर ,
ऐसी जिसके लिए मॉडल भी मरते हों , एंड दोज फर्म बटक्स , उसपे एक छोटा सा डिम्पल भी ,खूब चिकना , मुलायम और गोरा ,... सच में कोई स्ट्रेट मैन भी एकबार तो ललचा जाएगा।
और दोनों नितम्बो की कसी कसी दरार के बीच वो , ... पल्सेटिंग मैं सोच सकती थी उनकी हालत ,पांच मिनट में लेकिन ,...
ये तो मैंने अंदर तक जो मोटा बट प्लग घुसेड़ रखा था वो होल्ड कर रहा था .
बार स्टूल पर बैठे बैठे ,मैंने अपनी सैंडल की नोक से नितम्बो के बीच की दरार को हलके से रगड़ा , और
.... खूँटा उनका तुरंत ९० डिग्री।
मैं मुस्कराये बिना नहीं रह सकी ,
इसका मतलब की उनका पिछवाड़ा टच से कितना सेंसेटिव था ,
ड्रिंक्स की तैयारी हो गयी तो , ...
" सुनो , स्वीट डिश सिम्पल ही रखते है , दसहरी आम रखे हैं न बस उसी की बड़ी बड़ी फांके काट लेना , और ऊपर फ्रेश क्रीम। "
मैंने सजेस्ट किया।
उनकी आम की चिढ उनके मायके वालों के साथ अब ससुराल वालों को भी मालुम थी , मेरी सारे बहने ,जीजू सबको , छू भी नहीं सकते वो।
और आज , यही तो मैं चाहती थी।
वो काम में लगे थे ,और मैं घडी देख रही थी।
मंजू बाई ने बताया था वो उसकी स्पेशल हर्ब कम से कम पंद्रह मिनट अंदर रहनी चाहिए ,
टू बी श्योर ,... अभी आधे घण्टे होने को आ रहे थे। जिस तरह उनके चूतड़ बार बार सिकुड़ रहे थे , वो मेरी ओर देख रहे थे मैं उनकी परेशानी समझ रही थी।
" ओके ,गो लेकिन उसके बाद अच्छी तरह से क्लीन , ... " मैं बोली और वो बाथरूम की ओर।
मैं भी अपने कमरे में सोच रही थी क्या पहनू
मुझे मालुम था कमल जीजू पर मेरे गदराये जोबन क्या जादू होता है ,और उन्हें तड़पाना ,ललचाना मुझे बहुत अच्छा लगता था।
पहले तो सोचा की एक काछी बैकलेस ब्लाउज शिफॉन की साड़ी के साथ ,
फिर लगा ज्यादा फार्मल ट्रेडिशनल हो जाएगा , कुछ कॅज्यूअल ,
तभी रोगन जोश की सीटी बजी और वो वापस किचेन में ,
मैं अपने लिए कपडे निकाल रही थी ,और उनके लिए भी ,
टाइम पास नहीं हो रहा था ,
मेरी निगाह बार बार घडी की ओर तो कभी मोबाइल की ओर ,
जीजू ने बोला था यहाँ पहुंचने के आधे घंटे पहले वो फोन करेंगे।
किचेन से अच्छी अच्छी खुशबू आ रही थी ,हांडी चिकेन जो मम्मी की फेवरिट थी , और अपने दामाद को उन्होंने बहुत प्यार से सिखाया था ,
मटन बिरयानी कश्मीरी ,
सब की सब नान वेज,
मुझे याद आ गयी अपनी वो छुटकी ननदिया , .... भाभी हमारे यहां कुछ भी नहीं , किचेन तो छोड़िये , बाहर का भी कुछ नहीं , ... मैं बड़े प्यार से उनकी बर्थडे पेस्ट्री ले आयी थी ,एकदम एगलेस ,लेकिन उसने ,मेरी जिठानी ने , वो भी फिंकवा दिया। ' अरे बर्तन तो वही होगा न "
एक बार हम लोग बड़ी मौसी के यहाँ ,(चीनू की मम्मी ) गए और पहुंचते ही उन्होंने हुकुम सुना दिया ,
मैं नान वेज नहीं खाता ,
आपके लिए आलू की सब्जी बन जायेगी ,कोई बोला लेकिन ये ,... उसी किचेन में अगर नान वेज बनेगा ,
मजबूरन हम सबने आलू की सब्जी ही खायी। चिकन ,मटन का प्लान फेल हो गया।
और आज ,
थोड़ी देर में काम ख़तम कर के वो मेरे पास बेड रूम में आ गए ,
" आलमोस्ट रेडी , आधे घंटे में सब तैयार हो जाएगा। " मुस्कराते हुए वो बोले।
चल अब मैं अपने सोना मोना को तैयार कर देती हूँ , ड्रेसिंग टेबल पर बैठी मैं बोली।
मैं अपने बाल सेट कर रही थी , उनके बाल भी थोड़ी क्रीम लगा के सेट कर के हॉट लुक दे दिया।
मैंने तय किया था वेट सेंसुअस लुक ,डार्क रेड लिपस्टिक , हाई चीकबोन्स , मस्कारा ,काजल ,
उनको भी मैंने बस जरा सा बहुत हल्का काजल , जस्ट अ टच , और गालों पे भी हल्का सा रूज ,
हाँ जो परफ्यूम मैंने लगाया था वही उनको भी ,
मैंने एक सेक्सी रेड हॉल्टर शोल्डर लेस टॉप पहना , उसके नीचे बस छोटी शोल्डरलेस हाफ कप पुश अप ब्रा ,
जो मेरे उभारों को और उभार रही थी , एक मैचिंग पिंक थांग और रिप्ड अल्ट्रा लो टाइट डेनिम ,
उनके लिए भी मैंने पिंक शर्ट निकाल दी थी ,एकदम बॉडी हगिंग , और स्किन टाइट जीन्स।
हम दोनों साथ तैयार हो गए।
" सुनो ,एक बेड रूम ,मम्मी जिस में थी ,वो वाला ,रेडी तो है बस एक बार चेक कर लेना , और हाँ , लिविंग रूम में दो स्पेयर मैट्रेस लगा देना , ब्लैक साटन शीट के साथ और कुशन भी , ... क्या पता वो लोग वहीँ ही ,... "
एकदम कह कर वो निकल दिए।
मेरी निगाह घड़ी पर पड़ी ,अभी ४५ मिनट थे , जीजू का फोन नहीं आया ,
एंड थिंक आफ डेविल ,
मेरा आई फोन घनघना उठा।
टिपिकल कमल जीजू ,
" कहीं फंसी थी क्या , मतलब किसी काम में "
टिपिकल डबल मीनिंग डायलाग।
खिलखिलाते हुए मैंने जवाब दिया ,
" अरे जीजू ,फंसाने वाला तो अभी इत्ती दूर है , " शिकायत भरे अंदाज में मैं बोली।
" कोई खास दूर नहीं , बस आधे घंटे में , और ये सोच ले ,पिछली बार तो तू बच गयी थी ,अबकी एकदम नहीं बच पायेगी। मैं और अजय दोनों है , सीधे से नहीं तो जबरदस्ती। "
उन्हें पिछली बार की बात याद थी ,जब इनके किल ज्वाय एट्टीट्यूड ने सब ,... लेकिन अब तो वो भी एकदम हमारे ही रंग में ,... "
" जीजू बचना कौन साली चाहती है , बल्कि अबकी मैं आप दोनों को नहीं छोडूंगी ,निचोड़ के रख दूंगी। और उस रीनू साली को भी आप दोनों के पास नहीं फटकने दूंगी , बहुत मजा ले लिया उसने मेरे जीजू से अकेले अकेले। "
मैंने उन्हें और चढ़ाया ,
और फोन उनसे रीनू ने ले लिया ,
" क्यों साली , बहुत रगड़ाई होने वाली है तेरी , वैसलीन लगा लेना अच्छी तरह " वो बोली।
उसने बहुत पहले चीनू की शादी के बाद पहली होली में ही कमल जीजू से नंबर लगवा लिया था।
" कमीनी , बहुत मजा ले रही है न मेरे जीजू लोगों के साथ। अरे जब कमल जीजू का फोन आया था तभी मैंने वैसलीन लगा ली थी ,वो भी दो ऊँगली अंदर तक डाल के। पुरी वैसलीन की बोतल अंदर कर ली है लेकिन तेरी तो खूब सैंडविच बन रही होगी न , बड़े मजे हो रहे होंगे ,एक साथ दो दो। "
हम मौसेरी बहनो के बीच बचपन से इसी तरह की बातचीत होती थी। लेकिन मेरे सवाल का जो जवाब रीनू ने दिया उसकी मुझे उम्मीद नहीं थी ,
" अरे नहीं , छिनार , मेरी ५ दिन वाली सहेली आ गयी हैं , तेरे दोनों जीजू बहुत बहूत भूखे हैं दोनों का उपवास चल रहा है। पांच दिन की दोनों की मलाई आज तुझे घोंटनी होगी। . "
मेरे बदन में सिहरन दौड़ गयी , पांच दिन का भूखा शेर ,वो भी एक नहीं दो ,
पर एक सवाल मैने पूछ ही लिया ,
" अरे तुम और चीनू ,री- हनीमून पर जा रही हो लेकिन तेरी छुट्टी ,... ?"
" अरे आज छुट्टी का आखिरी दिन है ,मैंने सोचा तू सबसे छोटी बहन है आज तेरे मुंह का स्वाद बदलवा दूँ कल से तो मैं तेरे दोनों जीजू पे चढ़ चढ़ के , ... " रीनू ने मामला साफ किया।
अजय ,रीनू के हबी ने उसके हाथ से फोन ले लिया।
बिचारे बहुत बेताब लग रहे थे ,कोई भी होता ,पांच दिन से खूँटा टनटनाया।
' बस ये तू तय कर ले ,बारी बारी से की साथ साथ , आज हम दोनों मिल के ,.. " उन्होंने सवाल पूछा।
" जीजू साथ साथ , अरे दो दो जीजू होने का फायदा क्या ,अगर साली की सैंडविच न बने , और फिर मेरी कमीनी बहन वैसे भी आउट आफ आर्डर है। हाँ साइड का आप और कमल जीजू टॉस कर लेना। "
हँसते हुए मैं बोली।
कमल जीजू ने उनके हाथ से फोन ले लिया , और बोले
" और बोल खिलाएगी क्या , हम लोग घास फूस नहीं खाते ,... " उन्होंने पूछ ही डाला।
" नहीं जीजू , प्योर नान वेज ,मैंने आपसे पहले ही कहा था न , जीजू और साली के बीच सब कुछ एकदम नान वेज होना चाहिए तो, ... "
पर उनके मन की शंका ,उन्होंने फिर पूछा ,
" लेकिन तेरा वो ,... "
" अरे अब वो भी हम लोगों के रंग में रंग गए हैं ,आप आइये तो आज आपको प्राइज भी मिलेगा और सरप्राइज भी ,एक बड़ी पुरानी इच्छा ,... भी पूरी होगी।आप आइये जल्दी "
मैं उनके स्कूल के जमाने की बात याद दिला रही थी ,पर जीजू ने ये बोल के की बस बीस मिनट में वो पहुँच रहे हैं , फोन रख दिया।
इन्होंने रूम सेट कर दिया था और बारबेक भी लगा दिया था।
बीस क्या पंद्रह मिनट में ही वो लोग आ गए।
मैं बाहर ही वेट कर रही थी।
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