ठरकी दामाद complete

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Jemsbond
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Re: ठरकी दामाद

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अब आगे
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अजय ने वापिस जाकर किसी तरह से मीटिंग निपटाई....
पर उसका सारा ध्यान अपनी साली रिया की तरफ ही था... एक तरह से देखा जाए तो वो उसके साथ हनिमून ही मना रहा था, लेकिन ओंन द जॉब रहकर.

पर ऑफीस का काम भी ज़रूरी था, उसी काम की आड़ में तो वो उसे यहाँ लेकर आया था, पर अब जितना उसे मिल रहा था उससे भी संतुष्टि नही मिल पा रही थी उसे. उसका लालच बढ़ता ही जा रहा था.

मीटिंग से फ्री होकर वो जल्दी से होटल पहुँचा...
शाम का वक़्त था, रिया उसे होटल के पीछे बने स्वीमिंग पूल के किनारे बने कॉफी हाउस में मिल गयी जहां बैठकर वो दोनो काफ़ी देर तक प्यार भरी बाते करते हुए कॉफी पीते रहे.

उसके बाद दोनो तैयार होकर मूवी देखने निकल गये... उन्होने एक रोमॅंटिक मूवी देखी जिसे देखते हुए रिया उससे चिपक कर बैठी रही.

दोनो जब बाहर निकले तो बाहर का मौसम बड़ा ही ख़ुशगवार था, हल्की बारिश हो रही थी... ऐसे रोमॅंटिक मौसम में रिया को अपने जीजू के साथ घूमने में बहुत मज़ा आ रहा था. वो दोनो न्यूली वेड कपल की तरह चल रहे थे.

रिया की आँखो में अजय को एक बार फिर से चुदने की ललक दिखने लगी...
वो जिस अंदाज से अजय को देखकर, उसे छूकर , मुस्कुरा रही थी, अजय समझ पा रहा था की उसकी चूत में इस वक़्त किस किस्म की कुलबुली हो रही होगी...
ठीक वैसी ही जैसी एक हनिमून पर गयी लड़की की ताज़ा चुदी चूत में होती है की कब उसमें फिर से लंड जाएगा....
कब उसे फिर से उसी आनंद की अनुभूति होगी...
कब वो पिछली बार से ज़्यादा चिल्लाकर अपने यार के लंड को एंजाय करेगी.

अजय का भी लगभग यही हाल था....
वो भी जब मौका मिलता उसकी ब्रेस्ट को अपनी कोहनी से छूकर या उसके नितंबो को दबाकर अपने खड़े लंड की भूख का एलान कर देता...
और जल्द ही ऐसा माहौल पैदा हो गया की दोनो से सब्र नही हुआ...
वो वापिस होटेल की तरफ चल दिए.

कमरे में घुसते ही अजय ने रिया को दबोच लिया...
रिया ने किसी तरह से दरवाजा लॉक किया और वो भी अजय पर टूट पड़ी...
दोनो ने एक दूसरे के कपड़े नोच कर फेंक दिए...
अजय ने उसे दीवार के सहारे खड़ा करके उसके नंगे स्तनों को मुँह में लेकर ज़ोर से चूस डाला..



वो तड़प उठी...

''आआआआआआआआआअहह जीजू................. उम्म्म्मममममममममममममममम...... लव यूउू जीजू.....''


अजय ने उसे हवा में उठा लिया, रिया ने अपनी टांगे उसकी कमर से लपेट ली और अपनी बाहें उसके गले मे डाल दी...
किसी मूवी सीन जैसा था ये सब...
रिया ने स्कर्ट पहनी हुई थी...
अजय ने अपनी पेंट की जीप खोली और अपने लंड को बाहर निकाल लिया..
और उसकी स्कर्ट में हाथ डालकर उसकी पेंटी को साइड में करते हुए उसके मुहाने पर लंड टीका कर नीचे से जोरदार शॉट मारा...

इतनी निर्दयता और रफ तरीके से उसकी चूत में पहली बार कुछ गया था ...
और वो भी इतना मोटा तगड़ा उसी के जीजू का लंड ...
बेचारी के आँखे ही बाहर आ गयी अजय के इस जोरदार झटके से.


''आआआआआआआआआआआआआआअहह जीजू............. माआर डाला......... हाआआआआआआआअ..... फकककक मिईीईईईईईईईईईई...... आई लाइक इट...... सूऊऊऊऊ मच .................. अहह ओह.... ओफफफफ्फ़''

अजय उसकी फेली हुई गांड को दोनो हाथों से पकड़ कर उसे अपने लंड पर उपर नीचे कर रहा था...
उसकी बलिष्ट बुझाओं की ताकत का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता था की उसने 58 किलो की जवान साली को किसी फूल की तरह उठाया हुआ था और उसे हवा में चोद भी रहा था...

ये एक ऐसा एंगल था जिसमे रिया की चूत के आख़िरी सिरे तक अजय का लंड जा रहा था...
उसकी चूत की टनल का आख़िरी हिस्सा ही था वो....
वहां मिल रही अजय के लंड के सिरे की सिकाई से वो सांतवे आसमान पर पहुँच गयी...
हर लड़की की चूत जब पहले से ज्यादा बड़े लंड से चुदती है तो उसे सुख का ऐसा एहसास होता है जिसे वो शब्दो में बयान नही कर सकती...
सिर्फ़ उसकी सिसकारियाँ ही उसके अंदर चल रही खुशी को जाहिर कर सकती है..



'' आआआअह्ह्ह्ह्ह जीजू सससससससस ममममममममम ''

पर रिया की खुशकिस्मती ये रही की उसे शुरू में ही ऐसा लंड मिल गया था जिसने उसकी चूत की नपाई पूरी कर दी थी...
इसके बाद तो रास्ता ही बंद था...
और शायद इसी भराव को महसूस करके वो उसके लंड पर कूदियां मारने में लगी थी.

रिया ने अपने जीजू के होंठों पर अपने होंठ जोंक की तरह चिपका दिए, उन्हे अपने होंठों से निकल रहा शहद पिलाते हुए वो लंड पर उछलना नही भूली थी..


अजय भी बीच-2 में किस्स तोड़कर उसके हाथ उपर दीवार से बाँध देता और उसके स्तनों को ज़ोर-2 से चूसता , ऐसा करते हुए जब वो टेड़ा होकर अपना एंगल बदल कर लंड अंदर पेलता तो वो रिरिया कर अजय को वापिस उपर कर लेती...और अपनी निप्पल को उसके मुँह से निकलवा कर अपने होंठों को उसके मुँह में ठूस देती...

एक कामुकता से भरी लड़ाई चल रही थी जीजा साली में ... जिसमे कभी जीजा तो कभी साली जीत जाती..

इसी तरह से चूड़ते-2 रिया का ऑर्गॅज़म अपने चरम पर पहुँच गया और उसने अजय के बालों को पकड़ कर अपने सीने में छुपा लिया और उपर मुँह करके किसी चुदाई करवाती लोमड़ी की तरह चिल्लाई।

''उूुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउम्म्म्मममममम जीजू..................... उफफफफफफ्फ़ मैं तो गयी.......''

उसके शरीर की अकड़ ऑर्गॅज़म के साथ बाहर निकल गयी....
अब वो बेजान सी होकर अजय की बाहों में झूल रही थी.

ऐसे एंगल में जब सामने से बॉडी का रिस्पोन्स ना मिले तो चोदने में कितनी मुश्किल होती है, ये अजय को अब समझ आ रहा था...
उसके ढलके जा रहे शरीर को हवा में उठाकर रखना अब थोड़ा मुश्किल हो गया था, इसलिए वो उसे लेकर अंदर बेड पर आया और बड़ी निर्दयता से उसने रिया को बेड पर फेंक दिया...

अपनी चुदी हुई चूत लिए वो बेड पर किसी चादर की तरह बिछ गयी

अपनी चूत से निकल रहे अपने ही गरमा गर्म लावे को उंगलियों से मसलते हुए वो अपने जीजू को देख रही थी...
जो धीरे-2 अपनी पेंट को उतार कर नंगा हो गया...
अजय का चमकता हुआ लंड दूर से ही खड़ा होकर उसे चूसने का लालच दे रहा था...
और इतने लुभावने ऑफर को वो मना नही कर पाई और उठकर उसने अजय के लंड को पकड़कर अपने मुँह में भर लिया...

''अहह.... एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स रिया ...................... सक्क करो इसे...... ज़ोर से......''

रिया तो पहले से सोच कर बैठी थी की 'जो जीजाजी बोलेंगे, वो मैं करूँगी'

वो उनकी इतनी प्यारी सी रीक़ुएस्ट को वो कैसे नकार सकती थी....
वो ज़ोर -2 से उनके लंड को चूसने में लग गयी..



एक बार फिर से अजय अपनी उत्तेजना के शिखर पर पहुँच गया और उसने लंड बाहर खींच लिया...
और रिया को बेड पर गिराकर उसके उपर चढ़ गया...
आज रिया को मर्द का औरत पर चढ़ने का मतलब अच्छी तरह से समझ आ रहा था...
ऐसा बलिष्ट और ताकतवर मर्द जब फूल जैसी औरत पर जोरदार झटके मारता हुआ चड़ता है तो नीचे लेटी औरत का क्या हाल होता है , ये वो आज अच्छी तरह से समझ पा रही थी...

अजय ने उसकी चूत को टटोल कर उसके मुहाने पर अपना हैदराबादी लंड रखा और अपना पूरा भार उसने लंड पर केंद्रित करके उसकी चूत की गहराइयों में उतरता चला गया..


''आआआआआआआआआआआअहह जीजू.......... उम्म्म्मममममममममममममम''



एक चुदी हुई चूत के मुँह से सिर्फ़ यही निकल सका...
उसके बाद तो अजय के झटकों ने उसे चैन से आँखे बंद भी नही करने दी...

अजय ने उसके दोनो हाथों को उपर करके , उसकी टाँगों को दोनो दिशाओं में फेलाकर, अपने लंड से जोरदार प्रहार करने शुरू कर दिए उसकी चूत पर.....
वो बेचारी अपने नन्हे मुम्मों को उपर नीचे होते हुए देखती, उनके बीच से दूर अपनी चूत के अंदर अजय के लंड को पिस्टन की तरह अंदर बाहर जाते देखती और अपनी उखड़ती सांसो को नियंत्रित करके एक और बन रहे ओर्गास्म का मज़ा लेने में जुट गयी..

''आआआआआआआआआआआआआआआआहह जीजे....... उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ क्या चोदते हो यार...... उम्म्म्ममममममममम .... हर बार नये तरीके से...... नये जोश से...... अहह जीजू...... फिर से कुछ हो रहा है ..................... अहह और ज़ोर से चोदो ...... फक मी जीजू...... फक मी........''



अजय तो वैसे भी फक्क कर रहा था, ऐसे प्रोत्साहन मिलने से उसकी फकिंग करने की स्पीड और तेज हो गयी...... अब तो उसकी राजधानी एक्सप्रेस को रोकना बहुत मुश्किल सा हो गया और आख़िरकार उसकी ब्रेक फैल हुई राजधानी दनदनाती हुई आख़िरी प्लॅटफॉर्म को ध्वस्त करती हुई उसकी अंदरूनी दीवार से जा भिड़ी.... और उसके इंजन का सारा तेल बाहर निकल आया..... जिसने उसकी चूत के प्लेटफॉर्म को लबालब भर दिया.

फिर वो उसके उपर से नीचे उतार कर साइड मे लेट गया और गहरी साँसे लेने लगा..

रिया ने पास पड़े नेप्किन से अपने मेहनती जीजे के चेहरे का पसीना सॉफ किया....उसके लंड और अपनी फुददी को पोंछा और फिर बड़े ही प्यार से उनके सीने पर सर रखकर लेट गयी

वो दोनों जानते थे की अभी तो पूरी रात पड़ी है.



वो लेटे -2 कुछ बात कर ही रहे थे की अजय का मोबाइल बज उठा.

प्राची का कॉल था, अजय ने उसे चुप रहने का इशारा किया और फोन पर बाते करने लगा.. रोजाना की तरह दोनो ने एक दूसरे का हाल पूछा, खाना खाया, दवाई ली, कोई प्राब्लम तो फील नही हो रही वगेरह - 2..

प्राची थोड़ी उदास सी लग रही थी....
वो बोली की अजय के साथ-2 उसे रिया की भी याद आ रही है...
जब से वो आई है , उससे रोज बातें करने की आदत सी बन गयी थी... इसलिए वो उसे भी मिस कर रही थी..
अजय ने उससे कहा की ज़्यादा ही याद आ रही है तो उसे कॉल कर लो...
ऐसा कहते हुए वो अपनी बाहों में पड़ी नंगी रिया को देखकर मुस्कुरा भी रहा था..

अजय से बात करने के तुरंत बाद ही रिया का भी मोबाइल बज उठा..

रिया ने भी हंसते-2 फोन उठाया : "हाय दी.... कैसी हो.... तबीयत ठीक है ना आपकी''

और उसने उसी तरह के सवाल पूछने शुरू कर दिए जैसे अजय ने पूछे थे.

प्राची : "हा हा.... तू तो बिल्कुल अपने जीजू की तरह सवाल कर रही है... उनसे भी अभी बात हुई, वो भी यही सब पूछ रहे थे...''

अब उस बेचारी को भला क्या पता था की दोनो एक दूसरे से लिपट कर ही उससे बाते कर रहे है...
वो अगर दोनो के मोबाइल ट्रेस करती तो उनके मोबाइल भी शायद एक दूसरे के उपर चड़े हुए मिलते उसे...

पर बेचारी, भोली भाली ग्रहणी की तरह , दूर बैठी , इन सब बातों से अंजान, बड़े प्यार से उनसे बातें करने मे लगी थी.

प्राची ने जब पूछा की उसकी टूर कैसा चल रहा है तो वो बोली : "बस दीदी, पूछो मत... इतना मज़ा तो शायद ही मुझे अपनी लाइफ में दोबारा मिले... कल से आज तक अपनी लाइफ ऐसे जी रही हूँ जैसे फेयरी टेल स्टोरीस में होती है... बस आप ये समझ लो की मेरी जिंदगी के ये सबसे हसीन पल है...''

और उसने मन में कहा 'जो आपके पति, यानी मेरे जीजू की वजह से इतने अच्छे तरीके से कट रहे है...'

उसके बाद अजय की सासू माँ और पूजा, जो उस वक़्त प्राची के साथ ही बैठी थी, उन्होने भी रिया से बात की, पर ये जाहिर नही होने दिया की वो अजय के साथ ही है उस वक़्त...

फोन रखने के बाद अजय ने डिनर का ऑर्डर दे दिया...
सैक्स करने के बाद जो भूख लगती है वो अलग ही तरीके की होती है....
खाना खाने के बाद कुछ देर तक तो टीवी देखते रहे...
पर जल्द ही दोनो के शरीर मे एक बार फिर से सैक्स के कीड़े कुलबुलाने लगे..

अजय उठकर बाथरूम में गया और आज के काम के लिए स्पेशल लाई हुई सरसो के तेल की शीशी उठा कर ले आया..

यानी वो वक़्त आ चुका था जब रिया की गांड का उदघाटन होने वाला था.

रिया , जो 2 दिन पहले ही अपनी चूत पहली बार चुदवा कर अपना कुँवारापन खो चुकी थी, उसके लिए ये पल एक बार फिर से चिंता से भरा बन गया....
ठीक वैसी ही डर से भरी भावनाए उसके मन में आने लगी, जो पहली चुदाई से पहले आ रही थी..लेकिन पहले वो जितना डर रही थी, उसके हिसाब से तो ज़्यादा दर्द नही हुआ था चुदाई करवाते हुए..

पर बेचारी ये नही जानती थी की चूत की चुदाई और गांड की ठुकाई में कितना बड़ा अंतर होता है...
और सामने अगर अजय जैसा तगड़ा और मोटा लंड हो तो मुसीबत और भी ज़्यादा हो जाती है.


अजय ने पहले तो उसे गर्म करने के लिए उसे उपर से नीचे तक चूमा....
उसे बिस्तर पर लिटा कर उसके हाथ पाँव दोनो दिशाओ में फेला कर आइस्क्रीम की तरह चाटा ..
और फिर अपनी गीली जीभ लेकर वो उसकी चूत के उपर पहुँच गया.

गांड मारने से पहले मर्द के लिए ये बहुत ज़रूरी है की वो औरत को हर वो सुख दे डाले, जो उसे सैक्स के बारे में सबसे अच्छे लगते है....
ताकि मर्द के उन सभी एहसानो के नीचे दब कर वो गांड मरवाते समय ज़्यादा चूं -चपड़ ना करे...

चूत चुसवाना भला किसे पसंद नही आता...
रिया भी अजय की जादुई जीभ को अपनी टाँगो के बीच महसूस करते ही पागल सी हो गयी और उसने अजय का सिर पकड़ कर अपनी चूत में और ज़ोर से दबा डाला..



''आआआआआआआआआआआअहह जीजू................. यू सकर ...... आप कितना अच्छा ... अहह.... चूसते ... होओओओ ..... उम्म्म्मममममममम.... आई लव इट......''

पर उसे नही पता था की अजय उसे गांड मरवाई के लिए तैयार कर रहा था..

इतनी उत्तेजना में भरकर वो बाद मे किसी भी काम को करने से मना नही करेगी...
हालाँकि वो पहले ही इस बारे में बोल चुकी थी और उसे पता भी था की आज उसकी गांड के छल्ले का उद्घाटन होने वाला है...पर फिर भी इस तरह की उत्तेजना का डोज़ देना आवश्यक था.

और वही हुआ जो अजय चाहता था...
उसके शरीर से जवानी के आवेग भरपूर मात्रा में निकलने लगे...
उसका शरीर गोल्ड फिश की तरह हवा में लहराने लगा...
वो अपनी गांड हवा में उठाकर अजय के बालों को जोरदार तरीके से पकड़कर अपना साली होने का पूरा हक अजय के मुँह से अपनी चूत में खींच रही थी...



''ओह जीजू.......................उम्म्म्मममममममममममममममम....... क्या मस्त तरीके से चूसते हो आप........ आआआआआआआआआअहह........ और ज़ोर से .......आआईयईईईईईईईईईईई ....एससस्स....... यहीं....... अहह उफफफ्फ़..... ये ...ये दाना..... हाँ .... उसे लो..... मुँह में लो...... ईईईईईईईईईईईईई.... काटो मत ना..... ओह एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स..... ओफफफफफफ्फ़..... आई एम कमिंग........''

और जैसे ही उसने अपने झड़ने की घोषणा की, अजय ने उसे चूसना छोड़ दिया....
वो कटी पतंग की तरहा बेड पर आ गिरी.....
और आश्चर्य भरी नज़रों से अपने जीजू को देखने लगी...


अजय ने मुस्कुराते हुए तेल की शीशी उठाई और बेड पर चढ़ गया....

वो समझ गयी की जीजू उसे तडपा रहे हैं...
और ये सब उसकी गांड मारने के लिए किया जा रहा है...
पर रिया ने अपनी शिकायत कर ही दी..

''यार जीजू.... ऐसे भला कोई करता है क्या.... मेरा बस होने ही वाला था.... थोड़ा सा और कर देते तो क्या चला जाता आपका...''

अजय : "चला तो नही जाता..पर ..जब पीछे से करूँगा तो वो ऑर्गॅज़म महसूस करके जो मज़ा आएगा, वो तुम भूल नही सकोगी.... समझी...''

रिया ने अच्छी बच्ची की तरह सिर हिला दिया...

अजय ने उसे उल्टा लिटा दिया और खुद उसके सिर की तरफ पैर करके लाइट गया... और उसने तेल की लंबी धार बना कर सीधा उसकी गांद के छेद पर डाली..

ठंडे तेल के एहसास से वो कंपकंपा सी गयी....
एक अलग ही तरह का सेंसेशन उसे अपने पूरे शरीर पर महसूस हुआ.

अजय ने अपनी बीच वाली ऊँगली उसकी गांड के छेद पर रखी और धीरे -2 उसे मसाज देने लगा.
कुछ देर बाद अजय ने अपनी उंगली को थोड़ा ज़ोर देकर अंदर घुसा दिया... रिया का सारा शरीर टाइट हो गया... और धीरे-2 करके अजय ने अपनी 3 इंच लंबी उंगली उसकी गांद के छेद में पूरी उतार दी...

सरसों के तेल ने उंगली को अंदर खिसकाने में काफ़ी मदद की...और वही मदद उस तेल को लंड अंदर करने में भी करनी थी..

आज इस सरसों के तेल पर बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी थी..



अजय ने जब अपनी दूसरी उंगली भी अंदर डाली तो वो चिहुंक उठी...
शायद दर्द सा हो रहा था...
अजय ने सोचा की 6 उंगलियो को मिला कर उसके लंड की मोटाई बनती है, 2 उंगलियों में ही इसे दर्द हो रहा है तो लंड डालते वक़्त कितना होगा...

उसने थोड़ा और तेल डाला...
वो उसकी गांड को अच्छी तरह से रंवा करना चाहता था..

दर्द मे बिलखती रिया को उसने एक टॉय दे दिया.

अपना लंड

दोनो 69 के पोज़ में ही थे...अजय ने उसके चेहरे को अपने लंड की तरफ घुमाया और अपना लटका हुआ लंड उसके मुँह में दे दिया...
वो तो ऐसे खुश हुई जैसे उसे कोई सच में कोई खिलोना मिल गया हो खेलने के लिए...
वो पूरी लगन से अपनी चूत चुसाई का लगान अपने जीजू का लंड चूस्कर देने में लग गयी.



इसी बीच अजय ने अपनी तीसरी उंगली भी अंदर घुसेड दी... पर अजय को अपनी ग़लती जल्द ही पता चल गयी जब दर्द में तड़पकर उसने अजय के लंड को ज़ोर से काट लिया...


''आआआआआआआआआआआआअहह साआआआाअली..... उसे क्यो काट री है.....''

रिया : "आप भी तो मेरे अंदर फिंगर्स डाले जा रहे हो..... गंदे जीजू....''

और सुबक्ते हुए उसने फिर से अपने 'गंदे जीजू' का गंदा लंड चूसना शुरू कर दिया..

अजय की जीभ उसकी चूत में चप्पू की तरह चल रही थी... और उसकी उंगलियाँ रिया की गांड में किसी ड्रिल मशीन की तरह गहराई खोदने में लगी थी...

तीन के बाद 4थी उंगली में तो वो बिफर ही गयी...
और उसने वो 69 पोज़िशन का लव लॉक तोड़ दिया...

और बेड पर लेट कर उसने अपनी टांगे उपर हवा में उठा दी और बोली : "जीजू...जो भी करना है, अपने इस लंड से करो.... कम से कम एक ही बार में जो होना होगा हो जाए.... ऐसे तो उंगलियाँ डालकर आप दर्द ही दे रहे हो बस...''

उसने बड़ी बहादुरी से ये बात कह तो दी...
पर उसका अंजाम क्या होगा, ये उसे पता नही था....
अजय बेचारा तो उसी के आने वाले दर्द को कम करने का इलाज कर रहा था...
पर अब वो सब करना बेकार था....
उसने इस बार तेल को अपने लंड पर लगाया और उसकी गांड के छेद के पास उसे रखकर बोला

''अब ना चिल्लाना बस....''



इतना कहने के साथ ही अजय ने अपनी गांड आगे करते हुए अपना लंड उसके सुनहरे छल्ले में फँसा दिया...
उंगलियाँ इतनी जगह तो बना ही चुकी थी की उसका सुपाड़ा अंदर घुस गया...
अजय को ऐसा एहसास हुआ जैसे किसी टाइट रबड़ ने उसके लंड को बाँध दिया है....
गांड मरवाना औरत के साथ-2 मर्द के लिए भी कितना कष्ट भरा होता है, ये बात अजय को अब पता चल रही थी...

उसने थोड़ा और ज़ोर लगा कर अपना लंड 2 इंच अंदर डाल दिया...

रिया ने तड़प कर अपने जीजू की पीठ को खुरच डाला..

अजय ने उसके उपर लेटते हुए थोड़ा और ज़ोर लगाया....

इस बार कमरा रिया की चीख से गूँज उठा...



''आआआआआआआआआयययययीीईईई जीजू................ दर्द हो रहा है बहुत...... अहह निकालो....''

पर ये वो सड़क थी , जिसपर एक बार चल दो तो वापिस मुड़ना मुमकिन नही होता....
अजय ने भी थोड़ा आगे बढ़ते हुए एक और शॉट मारा और अपना आधे से ज़्यादा लंड उसकी गांड के अंदर उतार दिया...
प्यास बुझाई नौकर से Running....कीमत वसूल Running....3-महाकाली ....1-- जथूराcomplete ....2-पोतेबाबाcomplete
बन्धन
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दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
यूँ तो मिल जाता है हर कोई!
मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!
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Jemsbond
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Re: ठरकी दामाद

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बेचारी की आवाज़ इस बार मुँह में ही दब कर रह गयी....
क्योंकि जो गांड फटनी थी, वो पिछले शॉट में ही फट चुकी थी....
अब तो बस अंदर की गहराई नापी जानी बाकी थी...

अजय ने धीरे-2 उसे चूमते हुए, अपना लंड पूरा का पूरा उसकी गांड के अंदर उतार दिया....
और आख़िरी में जाकर जब वो रुका तो दोनो की नज़रें एक साथ नीचे की तरफ गयी....
गीली छूट के पीछे की तरफ, अजय का लंड उसकी गांड की गहराई में जाकर दफ़न सा हो चुका था....
इस नये एहसास को महसूस करके वो रोमांचित हो उठी और अपना दर्द भूलकर उसका हाथ स्वतः ही अपनी चूत के उपर जा पहुँचा और वो अपनी उंगलियों से उसे सहलाने लगी.

अब अजय धीरे-२ धक्के मारने लगा , रिया को दर्द तो नहीं हो रहा था, इसलिए उसने आँखे बंद करके मजा लेना शुरू कर दिया



जल्द ही अजय ने धक्को की स्पीड बढ़ा दी, रिया भी उसका साथ देने लगी, उसे भी अब मजा मिलना शुरू हो चूका था , रिया भी हैरान थी की पिछले छेद में लंड है फिर भी उसका सेंसेशन उसे अपनी चूत में महसूस हो रहा है, ऐसा कुदरत का करिश्मा देखकर उसे बड़ा आश्चर्य हुआ

जल्द ही अजय के लंड ने जवाब दे दिया, क्योंकि टाइट छेद में लंड पेलना आसान काम नहीं होता

आखिरी वक़्त में उसने लंड को बाहर निकाल कर उसकी चूत में डाल दिया ताकि वहां भी थोड़ी सिंचाई हो पाए



अपनी चूत में गर्म लावा महसूस करके रिया भी झड़ गयी

अपनी ये गांड मराई उसे उम्र भर याद रहने वाली थी


रिया अपनी गांड मरवाने के बाद सारी रात ढंग से सो भी नही पाई...

रह-रहकर उसकी गांड से जो तरंगे उठ रही थी, वो उन्हे महसूस करके बेचैन होती रही.
वहीं दूसरी तरफ अजय तो अपने लंड के सारे घोड़े बेचकर आराम से सो रहा था.

एक कुँवारी गांड की खुदाई करके बेचारा काफ़ी थक गया था.
हालाँकि रिया ने पैन किल्लर ले ली थी, पर उसका असर अभी तक नही हो पा रहा था.

सुबह करीब 5 बजे रिया की आँख लगी और उसके बाद जब उसे अपने बूब्स पर गीलेपन का एहसास हुआ तब जाकर उसकी नींद खुली...

अजय उसके निप्पल को बड़ी शिद्दत से चूस रहा था...
रिया ने टाइम देखा तो 8 बजने वाले थे...
अजय को 10 बजे तक क्लाइंट के ऑफीस पहुँचना था...
सिर्फ़ आज का ही काम बचा था, रात को उनकी वापिसी की फ्लाइट थी..

इसलिए शायद अजय आज के पूरे दिन को सही ढंग से एन्जॉय कर लेना चाहता था...
शायद ही उसे अपनी लाइफ में ये मौका दोबारा मिले जब उसकी कमसिन साली इस तरह से उसके साथ होटल में आकर रहे.

रिया ने महसूस किया की उसका पैन अब बिल्कुल नही है...
शायद गोली असर कर गयी थी...
और इसलिए उसके शरीर और चूत से भी रिस्पोन्स निकलना शुरू हो गया...

और आज इस आख़िरी दिन वो अपनी एक और फेंटसी पूरी कर लेना चाहती थी....
अपने जीजू के साथ बाथरूम में चुदाई करवाने की.

वो बड़े प्यार से अपने जीजू के कान के पास अपने होंठ लेकर आई और बोली

''उम्म्म्म जीजू..... गुड मॉर्निंग.... चलो ना.... बाथरूम में चलते है....''

ऐसा कहते हुए वो अपनी छिपकली जैसी जीभ से अजय के कानों को सहला भी रही थी..

अजय समझ गया की उसके दिमाग़ में क्या है...
वो पहले भी इसका ज़िक्र कर चुकी थी...
वैसे भी हर इंसान को ऐसी ही पार्टनर्स पसंद आती है जो खुद आगे बढ़कर इस तरह की बातों को करे....
रिया बिल्कुल वैसी ही थी.

वो उठ खड़ा हुआ... और उसके पीछे-2 रिया भी बिस्तर से निकल कर सामने आ गयी...
इस वक़्त दोनो ने कपड़े का एक कतरा तक नही पहना हुआ था...
अजय अपना लंड मसलता हुआ बाथरूम के दरवाजे पर खड़ा हो गया...
और नींद से जागी अपनी प्यारी साली की नग्नता को निहारने लगा..


अजय उसकी मॉर्निंग वाली सुंदरता देखकर दंग रह गया...


रिया अपनी ताज़ा चुदी गांड मटकाते हुए उसे धक्का देते हुए बाथरूम के अंदर ले गयी..

अजय का तो बुरा हाल हो रहा था उसके मोटे मुममे देखकर...
उसने नोट किया की पिछले 2-3 दिनों में उसके बूब्स पहले से ज़्यादा बड़े हो चुके हैं...



अब दिन रात वो उन्हे अपने हाथो से दोहेगा तो उसके स्तनो में ये विकास स्वाभाविक ही था.

रिया भी उसकी नज़रों का पीछा करके समझ गयी की उसके 'ठरकी जीजू' की नज़रें कहाँ घूर रही है...
अभी कुछ देर पहले भी वो उसके बूब्स को चूस रहे थे...
और अब भी वो उन्हे ही घूर रहे हैं...
उसके जीजू इन बूब्स के दीवाने हैं, ये तो वो काफ़ी समय से जानती थी...
और इस बात पर उसे गर्व भी था की उसके बूब्स अजय को आकर्षित करने में काफ़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है..

वैसे ये बूब्स होते ही ऐसी चीज़ है, किसी को भी पागल कर देने में सक्षम होते हैं..

रिया अंदर आई और उसने हेंड शावर लेकर अपने बूब्स के उपर ठंडा पानी डालकर उन्हे गीला किया...
क्योंकि गीला होने के बाद उसके निप्पल्स में जो कड़कपन आता है, वो उसे अपने जीजू को दिखाना चाहती थी.

वो रगड़ -2 कर अपने बूब्स को पानी से सॉफ करने लगी... और अपने निप्पल्स को पूरे आकार में ले आई..



और वो जानती थी की अब क्या होगा..

और वही हुआ

अजय उसके खुरदुरे निप्पल्स की चमक देखकर खुद को रोक नही पाया और किसी नेवले की तरह रेंगकर उसके पीछे जाकर खड़ा हो गया... और उसकी उभरी हुई गांड पर अपने लंड का काँटा लगा कर खड़ा हो गया..

''उम्म्म्मममममममममममममममममम..... जीजू............ कस कर पकड़ो मुझे..... रगड़ दो....... मसल दो.....''

अजय तो वही करने आया था...



अजय ने शावर चलाया और साबुन हाथ में लेकर अपने हाथों मे लगाया और उसे उसके बूब्स पर रगड़ना शुरू कर दिया...
उसकी मोटी और लंबी उंगलियाँ रिया के बूब्स की मालिश करने लगे..
उपर से गिर रही पानी की बूंदे दोनो के शरीर को भिगो रही थी..



अपने जीजे से सुबह -2 बूब्स मालिश मिल जाए तो साली के तो मज़े हो जाते है...

यही मज़े इस वक़्त रिया लूट रही थी..

उसने हाथ पीछे करके अजय के लंड को सहलाना शुरू कर दिया...
जो उसकी गांड में घुसने को आतुर हो रहा था..

पर उसे गांड या चूत में लेने से पहले वो उसे अपने मुँह में लेना चाहती थी....
सुबह उठकर जीजू के लंड से ब्रश नही किया तो क्या फायदा इतने मोटे लंड का...

वो झट्ट से पलटी और नीचे बैठ गयी..

और उसने अपने सामने लहराते लंड को हाथ में लिया और निगल गयी..

पानी मे भीगे लंड से अपनी प्यास बुझाने की इच्छा आज जाकर पूरी हुई थी उसकी..

वो पूरी लगन से अजय के लंड को मुँह में लेकर उसे कुल्फ़ी की तरह चूसने लगी..

और अजय महाशय आराम से अपने हाथ पीछे बांधकर अपनी साली की लंड चुसाई की कला को परखने लगे..



पर ज़्यादा देर तक वो उस अवस्था में खड़ा नही रह पाया

क्योंकि जल्द ही उसके लंड से तरंगे उठने लगी..

पर वो इतनी जल्दी झड़कर इस रोमॅंटिक मॉर्निंग का जल्दी वाला अंत नही करना चाहता था..

उसने तुरंत लंड उसके मुँह से निकाला..
और रिया को दीवार के सहारे खड़ा करके खुद नीचे बैठ गया..
और उसकी चूत और गांड को एक ही साँस में चाटने लगा....


उपर से नीचे तक...

नीचे से उपर तक



वो अपने खड़े हो चुके लंड को थोड़ा आराम देना चाहता था, ताकि चुदाई ज़्यादा देर तक चल सके...
अगर अभी के अभी वो उसकी चूत में लंड डाल देता तो उसे झड़ने में ज़्यादा समय नही लगना था..

इसलिए उसने रिया की नर्म चूत को चूसना ही सही समझा अभी के लिए..

कुछ देर मे उसके लंड के सिरे तक आए वीर्य ने जब वापिसी कर ली तो वो उठ खड़ा हुआ....
वो उसे लेकर बाथ टब के किनारे पर बैठ गया और अपनी गोद में लेकर बड़े प्यार से उसने रिया की चूत पर लंड को रखा..

और वो हिरनी, उसके लंड पर कूदकर एक ही साँस में मोटे तगड़े लंड को गाजर मूली की तरह निगल गयी.



और उसके बाद उसने जिस अंदाज में अपनी कमर थिरका कर लंड लेना शुरू किया, उसे देखकर अजय को दाद देनी ही पड़ी की लौंडिया अब चुदाई में पूरी पर्फेक्ट हो गयी है..

ऐसी थिरकन औरत के जिस्म से तभी निकलती है जब वो अपनी चुदाई को पूरी तरह से एंजाय करती है...
बिना किसी डर के...
बिना किसी दर्द के...
सिर्फ मजे का नशा....

और इस वक़्त रिया वही नशा फील कर रही थी...

अचानक अजय ने उसे गोद में बिठाये -2 हवा में उठा लिया..

वो पहले भी अपने शक्तिशाली जीजू की ताक़त को महसूस कर चुकी थी..
ऐसे हवा में चुदाई करने की उनकी इस कला को देखकर वो और ज़्यादा उत्तेजित हो गयी...

और अजय के गले में अपनी बाहें फँसा कर उसका साथ देने लगी



और ज़ोर-2 से चिल्लाने भी लगी

''आआआआआआआआअहह जीजू............... उम्म्म्ममममम.... ज़ोर से करो....... चोदो मुझे...... आह्ह .... जीजू ....... यूउू आर द बेस्ट......... ऐसी फकिंग शायद ही कोई कर पाए..... आह्ह्ह ....आई केन फील यू डीप इनसाइड मी..... अहह... ओह जीजू......''

अजय को तो चुदाई के समय ऐसी बड़बोली लड़किया ही ज़्यादा पसंद आती थी....
जो चुदाई भी करवाये और चिल्लाये भी
और उसके लंड की तारीफ करे....

बस फिर क्या था...

अपने लंड की तारीफ सुनकर अजय में तो जैसे सुपरमैन की आत्मा घुस गयी....

उसने और ज़ोर-2 से धक्के मारकर उसकी चूत के सारे पेच ढीले कर दिए...

आज वो उसे अच्छी तरह से चोदकर रिया को अपने लंड का हमेशा-2 के लिए गुलाम बना लेना चाहता था...
ताकि जब उसकी शादी भी हो जाए तो वो उसके लंड की ठुकाई याद कर-करके उसके पास अक्सर चुदने चली आया करे..


पर अजय को इसी में संतुष्टि नही मिली

उसने उसे नीचे उतारा और घोड़ी बना कर बाथटब के सहारे खड़ा कर दिया..

और इस बार उसके लंड के निशाने पर आई कल रात चुदी उसकी गांड.

उसने जैसे ही लंड को गांड के छेद पर रखा वो थोड़ा कसमसाई...
पर साबुन की झाग और गीलेपन की वजह से ज़्यादा परेशानी नही हुई...

लंड उसकी गांड की टनल में उतरता चला गया..

''आआआआआआआआआआआअहह जीजू....................... फकककककककक''



अजय का लंड थोड़ा उँचाई पर था, इसलिए वो अपने पंजो पर खड़ी होकर गांड मरवा रही थी...
गांड मरवाने की ऐसी लगन कम ही लड़कियो में देखने को मिलती है.

वो अजय के हर झटके को अपने दिल तक महसूस कर रही थी....
उसकी गांड के रास्ते मिल रहे अजय के जोरदार धक्के अंदर तक ट्रेवल करके उसके दिल की धड़कन को और ज़्यादा धड़का रहे थे.

अजय की चुदाई की सबसे बड़ी ख़ासियत ये थी की वो पोज़ बदल-2 कर चुदाई करता था....
ऐसा करने से चुदाई ज़्यादा समय तक चलती थी और उसके पार्ट्नर को भी हर एंगल से उसका मोटा लंड लेने में मज़ा आता था...

इसलिए अजय ने उसकी गांड की ठुकाई करने के बाद फिर से एक एंगल चेंज करने की सोची ...
बाथरूम में चुदाई करने का सबसे बड़ा फायदा ये है की उसमे काफ़ी एक्सपेरिमेंट कर सकते है...
जो इस वक़्त अजय करने में लगा था.

उसने अपना लंड बाहर निकाला और बाथटब एमें क टाँग अंदर और एक बाहर करके उसके किनारे पर बैठ गया... रिया को भी उसने अपनी तरफ मुँह करके आधा अंदर और आधा बाहर करके अपनी गोद में खींच लिया...
अब उसका लंड ऐसे एंगल से उसकी चूत की उस सतह तक जा रहा था जिसमें वो दो दिनों से जमकर खुदाई कर रहा था.

रिया उसके चेहरे को चूमती हुई, अपने कड़क मुम्मों को उसके चेहरे और छाती पर रगड़ती हुई, कूद-कूदकर नाचने लगी



''ओह जीजू.................... यू आर ग्रेट...... उम्म्म्ममममममममममममम..... ये सबसे बेस्ट है..... अहह ...... .ज़ोर से चोदो जीजू................... फक्क मी हार्ड..... अहह अहह अहह''

अजय जानता था की उसकी ये एंगल चेंज करके चोदने की खूबी रिया को उसका दीवाना बना रही है...
वो तो पहले से ही थी, पर ऐसा करके वो उसे अपना गुलाम बना लेना चाहता था...
जैसा की उसने सोचा हुआ था.


अजय बाथटब के अंदर घुस गया और एक बार फिर से उसने रिया को घोड़ी बना कर अपना लंड उसकी गांड में पेल दिया..
और जोरों से उसे चोदने लगा...



गांड के बाद चूत और फिर से गांड ..
ये आगे-पीछे का कॉम्बिनेशन अजय के साथ-2 रिया को भी पसंद आ रहा था....
अपने शरीर के दोनो छेदों से मिलने वाले इस डबल मज़े को 3 दिन के अंदर एक साथ महसूस करके वो अपने आप को काफ़ी खुशनसीब समझ रही थी..

अजय भी उसके शरीर का लचकपन और लंड की भूख देखकर काफ़ी खुश था....
ऐसी लड़कियां अपनी लाइफ में चुदाई करके हर वो खुशी पा लेती है, जो दुनिया की आधे से ज़्यादा लड़कियां नही पा पाती...
अजय जानता था की चुदाई के मामले में वो काफ़ी दूर तक जाएगी...

दूर तक तो वो जा ही रही थी, अजय के धक्कों ने उसे किसी दूसरी दुनियां में पहुंचा दिया था, रिया पूरी मस्त हो चुकी थी.

वो अपनी गांड मरवाते हुए पलटी और फफकती आवाज में बोली

''आआआअहह जीजू..... उम्म्म्ममम कभी.... आपने .... दीदी को भी..... इस तरह से..... बाथरूम में .... फक्क किया है.... अहह''



अजय मुस्कुराया और बोला : "नही मेरी जान.... ये 'साली स्पेशल' है.... मैं सिर्फ़ सालियों को ही बाथरूम में फक्क करता हूँ .... ''

उसे बाथरूम में पूजा की चुदाई याद आ गयी.
जब उसकी सास ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया था.

रिया : "उम्म्म....... फिर तो वापिस जाकर पूजा दीदी के साथ मिलकर बाथरूम में थ्रीसम करेंगे....''

वो आने वाले पलों को याद करके अपनी चूत को रगड़ने लगी...

अजय : "वापिस जाकर तो फोरसम होगा मेरी जान.... अपनी मौसी को भला क्यो भूल रही हो....''

अजय ने उसकी गांड पर पंजा जमाकर एकसाथ तीनो रांडो को चोदने की सोचकर उत्तेजित हो उठा...

अजय का लंड अपनी गांड में लेती हुई रिया को ये सब सुनने मे इतना अच्छा लग रहा था तो जब उसके साथ वो फॉरसम होगा तो क्या हाल होगा उसका...


बस उसी सोच के साथ उसकी चूत का पानी भरभराकर निकल पड़ा...
पर पिछले 3 दिनों में जितनी चुदाई उसने करवाई थी, उसके बाद तो एक साथ 2-3 बार झड़ना उसके लिए आम बात हो चुकी थी...

इसलिए झड़ने के बावजूद उसके हौंसले में कोई फ़र्क नही आया, बल्कि वो अपने जीजू के लंड को और ज़ोर से अपनी गांड में दबाकर उसका मर्दन करने लगी..

पानी के अंदर खड़े होकर अजय के रंगीले झटकों से पानी भी छम-छम करके सुरीली आवाज़ में नाच रहा था..
और उस पानी में अपनी गांड मरवाती रिया भी मस्ती में सराबोर होकर अपनी आँखे बंद करके जीवन का आनंद ले रही थी.



रिया ने थोड़ा उपर होकर शावर ओंन कर दिया
पानी के नीचे घोड़ी बनकर अपनी गांड मरवाते हुए उसके अंदर एक बार फिर से नये ऑर्गॅज़म का निर्माण हो गया..

और वो फिर से चिल्लाने लगी..

''आआआआआआहह जीजू....... फक्क माय एसssss...... बहुत मज़ा आ रहा है..... आआआआआआआहह..... मस्त हो यार जीजू तुम..... उफफफफफफफफफफफ्फ़..... कितना बड़िया.... अहह उफ़फ्फ़.... गांड मारते हो ...... उम्म्म्ममममम...... यससस्स...... ज़ोर से.....''

रिया के उत्तेजना से भरे शब्दों का अजय पर जादुई असर हुआ....

वो उसकी फेली हुई गांड को दोनो सिरो से पकड़ कर अपने इंजन को उसकी गांड के प्लेटफार्म पर बुरी तरह से दौड़ाने लगा...



रिया को अजय के लंड की आख़िरी चोट एक बार अपनी चूत के अंदर चाहिए थी..

वो झट से पलटी और अजय को बाथटब के किनारे पर लिटा कर उसके उपर सवार हो गयी...

अजय को उसकी यही अदा काफ़ी पसंद आई थी पिछले 2-3 दिनों में की वो अपने हिसाब से चुदाई कराने के लिए बिना किसी शर्म के उसके लंड को अपने जीजे का लंड समझ कर अपनी चूत में ले लेती थी...

यही इस वक़्त भी हुआ...

अजय को नीचे लिटा कर उसके लंड को अपनी चूत में निगला और शुरू हो गयी घुड़सवारी करने....

अपनी आँखे बंद करके ...
अजय के मोटे लंड को अपनी चूत में महसूस करके.....
वो एक बार फिर से ऑर्गॅज़म से प्राप्त होने वाले आनंद प्राप्ति के मार्ग पर निकल पड़ी...



उसे ज़्यादा दूर नही दौड़ाना पड़ा अजय के घोड़े को...
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Re: ठरकी दामाद

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अब आगे
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क्योंकि कुछ ही देर में उसके शरीर की ऐंठन ने अजय को ये यकीन दिला दिया को वो एक बार और झड़ रही है...

रिया की चूत से निकले गरमा-गर्म घी को उसने अपने लंड पर भी महसूस किया...

और उसे महसूस करके वो भी झड़ने के करीब पहुँच गया....
उसने रिया की गांड पकड़ी और उसे अपने उपर खींच कर जोरों से उसकी चूत में अपने लंड को नीचे से पेलने लगा..

झड़ने के बावजूद रिया में अपनी सोच समझ कायम थी....

वो फुसफुसाई

''उम्म्म्मम अहह जीजू..... प्लीज़..... मेरे..... मुँह ....में .....आहह .... डालो...... आई वांट टू ..... ड्रिंक..... इट..... यूर ...... कम......... अहह''

रिया की इस माँग को अजय भला कैसे नकार सकता था....

वो फ़ौरन उठा और रिया को सामने बिठा कर उसने अपने लंड को उसके हवाले कर दिया...

पहले तो उसने अपनी चूत से निकले घी को सॉफ किया,
जो उसे काफ़ी स्वादिष्ट लगा...
फिर उसके लंड को साबुन से अच्छी तरह सॉफ करके उसमें से मक्खन दोहने लगी...



फिर लंड को किसी आइस्क्रीम की तरह मुँह में लेकर चूसने लगी...

अजय तो पहले से ही झड़ने के करीब था,
ये आइस्क्रीम वाला दाँव खेलकर रिया ने उसके रहे-सहे होंसले को भी ख़त्म कर दिया....
और अजय के लंड से मलाईदार क्रीम निकल कर बाहर आने लगी...



जिसे सामने बैठी रिया ने बिल्ली की तरह अपनी जीभ और होंठों से चाट-चाटकार सॉफ कर दिया....
और निगल गयी.

झड़ने के बाद दोनो 10 मिनट तक शावर में खड़े होकर एक दूसरे के बदन को रगड़ते रहे...

अजय की मीटिंग का भी टाइम हो रहा था...
आज आख़िरी दिन था....
इसलिए वो काम को ख़त्म कर लेना चाहता था.

वो तैयार हुआ और रिया के साथ नाश्ता करने के बाद क्लाइंट के पास पहुँच गया.

पीछे से रिया पेकिंग करने में जुट गयी...

शाम को जब अजय आया तो सिर्फ़ हल्की फुल्की किस्सेस के अलावा कुछ ज़्यादा नही हो पाया....
हालाँकि अजय तो एक बार और उसकी चूत मारना चाहता था...
पर सुबह की चुदाई से उसकी चूत और गांड इतनी बुरी तरह से सूजी हुई थी की उसने बड़े प्यार से अपने जीजू को समझा दिया...
और प्रोमिस भी किया की वापिस जाकर वो इसका ख़ामियाजा भी भुगत लेगी..

अजय जब वापिस पहुँचा तो उसने एक अलग टैक्सि में पहले रिया को घर भेज दिया...
और उसके आधे घंटे बाद वो निकला...
ताकि प्राची को उनपर शक ना हो...

अजय और रिया थोड़ा मायूस भी थे, जैसे हनीमून से लौटने के बाद कपल को फ़ील होता है, ठीक वैसे ही

पर रिया जानती थी की उसके ठरकी जीजू चुदाई का कोई न कोई तरीका निकाल ही लेंगे


अजय जब घर पहुँचा तो दरवाजा उसकी सास ने खोला...
पर उसके चेहरे पर घबराहट के भाव थे...
अजय लगभग भागता हुआ सा अंदर आया, प्राची की तबीयत खराब हो रही थी...
रिया भी अभी पहुँची थी, वो और पूजा दोनो उसके पास ही थी....
वो शायद अजय का ही वेट कर रहे थे...
अजय तुरंत प्राची को लेकर हॉस्पिटल के लिए निकल गया...
टाइम हो चुका था...
इसलिए डॉक्टर ने भी देरी नही की...
और करीब एक घंटे के बाद अंदर से खुशख़बरी आई की प्राची ने एक सुंदर परी सी लड़की को जन्म दिया है.

अजय के आँसू निकल आए....
ऐसी खुशी को पाकर, जिसका उसने पिछले 9 महीने से इंतजार किया था, उसकी आँखे छलक आई...
अपनी बेटी को गोद में उठाते हुए उसके हाथ भी काँप रहे थे...
बिल्कुल प्राची पर गयी थी वो....
आज उसकी लाइफ का सबसे खुशियों भरा दिन था.

उसने सबसे पहले ये खबर अपने घर पर सुनाई...
उसके मा-बाप, भाई भाभी भी ये खुशखबरी सुनकर काफ़ी खुश हुए...
और उन्होने अगले हफ्ते वहां आने की बात कही.

रात के 12 बजने वाले थे.... प्राची के पास उसकी सासू माँ ने ही रुकना था...
अजय ने काफ़ी कहा, पर उसकी थकान को देखकर प्राची और उसकी माँ ने उसे ज़बरदस्ती घर भेज दिया...

कुछ देर रुकने के बाद अजय के साथ उसके ससुर, पूजा और रिया घर आ गये.

गाड़ी रुकने के बाद अजय के ससुर अपने घर की तरफ चल दिए.

पीछे से पूजा ने अपने पापा को आवाज़ देकर कहा : "पापा, आप सो जाओ, आप भी थक गये होगे... हम ज़रा जीजू को खाना खिलाकर आते है...''

उसके बाप को पता था की वो किस ''खाने'' की बात कर रही है...
पर वो कुछ नही बोला...और अंदर चला गया...

पूजा और रिया अपने जीजू का हाथ पकड़ कर उसे उपर ले आई.

और उपर पहुँचते ही पूजा अपने जीजू से ऐसे लिपटी जैसे बरसो से बिछुड़ी प्रेमिका को अपना प्रेमी मिल गया हो.

कुछ देर में रिया भी उनके आलिंगन में जगह बनाकर घुस गयी....
अजय अपनी दोनों सालियों को एक साथ गले से लगाकर काफ़ी खुश था.

और होता भी क्यो नही, आज वो बाप जो बना था.

पर अजय से ज़्यादा उसकी सालियों को मास्सी बनने की खुशी थी...
और आज वो खुशी अपने जीजू के साथ मिलकर शेयर करना चाहती थी...
और वैसे भी, पिछले 4 दिनों से पूजा की चूत में ऐसा सूखा पड़ा हुआ था की अजय को उसकी चूत पर काफ़ी बरसात करने की ज़रूरत थी... रिया तो अपनी सिंचाई करवाकर आई थी, पर पूजा अभी काफ़ी प्यासी थी..

वैसे तो अजय का सारा ध्यान अभी तक प्राची और अपनी नन्ही परी की तरफ ही था...
पर जब सामने ऐसी सैक्सी सालिया अपने जलवे बिखेरने को तैयार हो तो सब्र कहाँ होता है..

दोनो सालियो ने अपने जीजू को सोफे पर राजा बनाकर बिठा दिया ...
और खुद दासियाँ बनकर उसकी सेवा करने लगी.

रिया जाकर अजय की शॉर्ट्स और टी शर्ट ले आई... जब तक अजय ने चेंज किया, पूजा उसके लिए एक पेग बनाकर ले आई...

इसी बीच रिया ने अपने बेग से अपनी सेक्सी सी शॉर्ट्स और डोरी वाली टॉप पहन ली...
वो भी बिना ब्रा के, जिसमें से उसके नुकीले निप्पल्स सॉफ चमक रहे थे.


पूजा तो आज कुछ ज़्यादा ही कर दिखाने के मूड में थी....
उसने शर्ट और जीन्स पहनी हुई थी...
कमरे में जाकर उसने जीन्स और पेंटी दोनो उतार दी...
और सिर्फ़ अपनी शर्ट में बाहर आ गयी... और जान बूझकर उसने ऊपर के 3-4 बटन भी खोल दिए, जिसमें से उसके उभार साफ़ नजर आ रहे थे

वो जानती थी की अगले 10 मिनट में वो शर्ट भी नही रहेगी...



दोनों सालियाँ उसके अगल-बगल आकर बैठ गयी.

तब तक अजय ने अपनी सासू माँ को फोन मिला दिया.. वहां का हाल चाल जानने के लिए... प्राची सो चुकी थी... और नन्ही परी अपनी माँ के पास ही थी...

उसकी सास ने जब पूछा की दोनों कहाँ है तो उसने हंसते हुए बता दिया की उसके साथ ही है...
वो भी समझ गयी की आज वो सब मिलकर गुड़िया का जन्मदिन मनाएँगे... अपने स्टाइल मे... काश वो भी वहां होती.

फोन रखते ही पूजा ने अपनी शिकायतें करनी शुरू कर दी.... कितना तरसाते हो... कितने गंदे हो.... कितना तड़पी हूँ मैं .... वगेरा वगेरा..

अजय ने बड़ी मुश्किल से उसे चुप कराया....
और वो भी सीधा उसे स्मूच करके...
साली बोले ही जा रही थी...
पर जैसे ही अजय ने उसे पकड़ कर अपने होंठों से लगाया, वो किसी प्यासी आत्मा की तरह उसके गले से लिपट गयी...
और जोरों से उसे स्मूच करने लगी.

अजय के मुँह में जो दारू का घूँट था, वो भी निगल गयी....
दोनो के मुँह बुरी तरह से गीले हो चुके थे.....
अजय ने ग्लास साइड में रखा और उसके भरे हुए कुल्हो को पकड़कर उसकी जाँघ अपनी गोद में रख दी...

इतनी चिकनी और मोटी जाँघ को हाथ से मसलते हुए उसके लंड ने पूरी लंबाई नाप ली अपनी....
जिसे रिया ने देख लिया और बैठ गयी वो अपने जीजू के कदमो में ..
थोड़ा गांड उठवा कर उसने अजय की शॉर्ट्स निकाल दी...
और उसके लंड के सामने आते ही उसके चेहरे की चमक फिर से वैसी ही हो गयी, जैसी मुंबई के होटल में रहा करती थी...

वो बड़बड़ाई : "आजा बच्चु .... सुबह के बाद अब मिल रहा है तू.... आई मिस्ड यू सो मच...''

इतना कहते हुए उसने अपने स्ट्राबेरी जैसे रसीले होंठ उसके लंड पर रख दिए... और गोटियों तक एक ही बार में चूस डाला...



एक साली के होंठों पर होंठ और दूसरी के होंठों पर लंड को मसलते हुए अजय की मस्ती में चार चाँद लग गये..

उसने अपने आप को दोनो बिल्लियों के सहारे छोड़ दिया और खुद सोफे पर सिर टीका कर, अपने दोनो हाथ फेला कर किसी राजा की तरह बैठ गया...


रिया ने अपनी टी शर्ट की डोरियाँ नीचे गिरा दी, क्योंकि उसे पता था की उसके जीजू को नंगी छातियाँ देखते हुए लंड चुसवाने में काफ़ी मज़ा आता है...
और दूसरी तरफ पूजा ने भी अपनी शर्ट के बटनों को बुरी तरह से खोलते हुए उसे निकाल फेंका...
नीचे की ब्रा भी उसने नोच दी...
और अपनी 4 दिनों से प्यासी छाती को उसने किल्किलाते हुए अपने जीजू के मुँह से लगाकर ज़ोर से दबा दिया...

''आआआआआआआआआआआहह जीजू.................... उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ सकक्क इट......... कितना तरसी हूँ मैं इन चार दिनों में .. अहह जीजू..............''

अजय ने उसे पूरी तरह अपनी गोद में खींच लिया...
पूजा उसकी गोद में दोनो तरफ टांगे फेला कर बैठ गयी और अपना थन उसने अजय के मुँह में ठूस दिया...
नीचे से रिया बड़े चाव से अपने जीजू के हथियार को धार देने में लगी थी....
उसके चेहरे से कुछ ही दूर पूजा की चूत थी, जिसमें से निकल रही भीनी खुश्बू उसे पागल बना रही थी...
जीजू के लंड से निकलते पानी की बूंदों और पूजा की चूत के रस की महक ने उसे पागल सा कर दिया और उसने थोड़ा मुँह उपर करके अपनी लंबी जीभ से पूजा की चूत भी चाट डाली....

पूजा चिल्ला पड़ी : "आआआआआआआआआआआआअहह...... ओह रिय्ाआआआआआ.... मेरी ज़ाआाआअंन्न...... उम्म्म्ममममममममममम चाट ऐसे ही....... अहह....... खा जा...... चूत को ....... उम्म्म्मममम''

रिया को तो वैसे ही ऐसी चीज़े बहुत पसंद थी....
डिन्नर के समय ऐसी मीठी चीज़ें चूसने को मिल जाए तो बात ही क्या है....
वो अपने होंठों और जीभ से अपनी लाइफ की सबसे मीठी चीज़ों को चाटने में लग गयी...

एक चुप्पा वो अपने जीजू के लंड का मारती और दूसरा अपनी बहन की चूत का...

और आख़िर में उसने वो किया जिसके लिए पूजा पिछले 4 दिनों से तड़प रही थी....

रिया ने अजय के लंड को पूरा का पूरा अपने मुँह में भरा और उसे अपनी थूक से तर करके निकाला...
अपने होंठों से उसने लंड को साइड से दबोच कर चुभलाना शुरू कर दिया....
और उसके सिरे को उसने पूजा की चूत से मिला कर उसे धीरे-2 नीचे करने लगी....

पूजा जो अभी तक अपनी छातियाँ अजय से नुचवा कर पागल सी हुए जा रही थी, जैसे ही उसे अपनी चूत में अपने चिर-परिचित लंड का एहसास हुआ, वो उछलना भूल गयी....
चूत पर रिया की गर्म साँसे भी उसे महसूस हो रही थी, जो अभी तक अजय के लंड को अपने होंठों से दबा कर बैठी थी... वो अपनी थूक से लुब्रीकेट बनाकर अजय के लंड को चिकना कर रही थी... पर पूजा की चूत से निकले रस की मात्रा ही इतनी थी की ऐसे लुब्रीकेट की उसे आवश्यकता ही नही थी...

और धीरे-2 करके पूजा ने अजय के पूरे लंड को अपनी चूत में निगल लिया...
और आख़िरी में तो उसकी चूत में रिया के होंठ भी फँस गये, जिसे वो एंड टाइम में निकाल ही नही पाई.....
एक साथ जीजे के लंड और बहन के होंठों की गर्मी ने उसकी चूत के पसीने निकाल दिए और वो कसमसा कर एक बार फिर से चिल्ला पड़ी



''ओह माय गॉड ...... तुम दोनो तो मुझे मार ही डालोगे...... उम्म्म्मममममममममम.... वॉट ए फीलिंग.... फक्क मी जीजू....फुक्क मी हार्ड नाउ...... सारी प्यास बुझा दो मेरी..... अहह ओह जीजू.....''

इतने सेक्सी तरीके से जब साली चोदने को कहती है तो हर जीजे का फर्ज़ है की वो सब कुछ भूलकर, अपने लंड की सारी शक्ति उसकी चूत चोदने में लगा दे.....
और यही किया अजय ने...
अपने जीजा धर्म का पालन करते हुए उसने पूजा की गांड को पकड़ा और नीचे से लंड के धमाकेदार झटके उसकी चूत में भेजने लगा....

अगर अजय ने उसके मुम्मो को कस कर ना पकड़ा होता तो हर झटके से वो छत तक उछल जाती....


पूजा ने अपना पोज़ बदला और लंड को अंदर लिए हुए ही रिया की तरफ घूम गयी....
अब वो अपनी चूत मरवाते हुए रिया को लंड और चूत चूसते हुए भी देख पा रही थी...

उन झटकों की वजह से रिया भी चुसाई में कॉन्सेंट्रेट नही कर पा रही थी....
बस अपनी लंबी सी जीभ निकाल कर वो चूत और लंड को एक सेंसुअल सा टच दे रही थी.



अजय के लंड की केपेसीटी तो भेंसे के लंड जैसी हो चुकी थी....
आजकल जल्दी झड़ता ही नही था वो...
पर पूजा की नयी नवेली चूत में इतना सब्र नही था...
वो तो अपने प्यारे जीजू के लंड को अंदर लेने के सिर्फ़ 5 मिनट के अंदर ही भरभराकर झड़ने लगी...

और उसकी चूत से निकले रज ने पहले तो अजय के लंड को भिगोया और फिर नीचे अपनी जीभ फेलाए खड़ी रिया के चेहरे को ....

रिया ने उस बहती खीर को अपनी जीभ से लपेट कर मुँह में ले लिया और सारा रस पी गयी....
ऐसा पोष्टिक रस बहाने के लायक थोड़े ही होता है.

पूजा अजय के उपर गिरकर गहरी साँसे लेने लगी.

दोबारा चार्ज होने के लिए उसे थोड़ा टाइम चाहिए था....
पर तब तक के लिए रिया जो थी....
वो तो कब से अपने प्यारे जीजू के लंड को अंदर लेने के लिए कुलबुला रही थी.

पर उससे पहले वो जीजू के गीले लंड को सॉफ सुथरा कर देना चाहती थी....
और इस काम मे उसका साथ पूजा ने भी दिया....
दोनो बहने अजय के सामने बैठ गयी और उसके लंबे लंड को बारी-2 से चूसने लगी...



अजय के लॅंड को सॉफ करते हुए दोनो के चेहरे पर अजीब सी खुशी थी...

ऐसी खुशी, जिसका दुनिया में कोई मुकाबला नही था..

और जब लंड चूसते - 2 दोनों की नज़रें मिली,तो अपने आप दोनो के चेहरे एक दूसरे की तरफ खींचते चले गये..

और एक गहरी स्मूच में डूब गये..

अब अजय का लंड रिया के अंदर जाने के लिए तैयार था.



रिया झट से उठी और अजय के सामने घोड़ी बन गयी.

अजय समझ गया की वो क्या चाहती है.

अपनी गांड मरवाना.

पूजा को शायद ये बात अब तक पता नही थी की रिया अपनी गांड भी मरवा चुकी है...
ये काम तो उसने भी नही किया था...
करती भी कैसे बेचारी, जितना टाइम उसे मिला, वो चूत मरवाकर ही खुश हो गयी...
रिया जितना प्राइवेट टाइम मिलना तो किसी गिफ्ट की तरह था.

इसलिए जब अजय ने अपना लंड उसकी गांड के छेद पर रखा तो पूजा की आँखे गोल हो गयी...

और मुस्कुराते हुए उसने रिया की तरफ देखा और अपनी चूत को मसलते हुए बोली : "वाव..... यानी ये भी करवा चुकी है तू...नॉट बेड.... नॉट बेड....''

रिया भी मुस्कुरा दी....
पर अगले ही पल वो मुस्कुराहट हल्की चीख में बदल गयी....
जब अजय ने एक ही बार में अपना गाज़ियाबादी लंड उसकी गांड में उतार दिया...



''आआआआआआआआआआआआहह जीजू....... मररर गयी....... अहह''

पूजा जानती थी की वो कितना दर्द भरा काम करवा रही है...

पर अगले ही पल उसे रिया के चेहरे के एक्शप्रेशन किसी रंडी की तरह लगे, जो अपनी मरवाते हुए पूरा एंजाय करती है.

पूजा उनके करीब आई और रिया की पीठ सहलाते हुए वो उसकी गांड मरवाई के एहसास को अपने अंदर बटोरने लगी...

उसे देखकर पूजा की भी इच्छा हो रही थी की अभी के अभी अजय से गांड मरवा ले.

पर शायद आज ये मुमकिन नही था..
पर उसने डिसाईड कर ही लिया की वो ये काम जल्द ही करवाएगी.

रिया की गांड मारते-2 अजय ने पूजा के सैक्सी से चेहरे को देखा और अपना लंड निकाल कर उसके सामने लहरा दिया...
वो झट्ट से नीचे झुकी और उसे निगल गयी.



सारा रस चूसने के बाद उसने एक बार फिर से वो लंड उसकी गांड में डाल दिया..

अजय को उसकी टाइट गांड का छल्ला बहुत मज़ा दे रहा था....
एक तो कमसिन कली जैसी साली , जिसकी चूत ही इतनी टाइट थी की उसके लंड के छक्के छूट जाते थे, उसकी गांड में लंड डालकर उसका मज़ा दुगना हो चुका था.


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Re: ठरकी दामाद

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अब आगे
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अजय ने उसकी गांड को हवा में उठा लिया...
रिया ने भी अपना सिर नीचे की तरफ झुकाकर अपनी गांड को और उपर लहरा दिया, जैसे कोई मोरनी सावन में नाच करने को तैयार होती है, ठीक वैसे ही.

और उस उभरी हुई गांड वाली मोरनी को अजय अपने लंड से खड़ा होकर भेद रहा था....
ये एक ऐसा एंगल था, जिसमे वो उपर से नीचे की तरफ अपने लंड से उसकी गांड को ड्रिल कर रहा था.



पूजा ये सब देखकर उत्तेजित हुए जा रही थी .

अजय ने कुछ देर तक उसकी गांड मारी, और फिर उसकी चूत में अपना लंड पेल दिया...

जैसी चुदाई उसकी होटेल में हो रही थी, ठीक वैसी ही इस वक़्त चालू थी....

लंड कभी उसकी गांड में जाता और कभी उसकी चूत में ..

और हर झटके को वो महसूस करके सिसकारियाँ मार रही थी...

''ओह जीजू...... मेरे प्यारे जीजू...... यू आर द बेस्ट..... आप जैसा कोई फकिंग कर ही नही सकता...... ओह गॉड ....... मैं तो हमेशा के लिए आपकी हो गयी रे..... हमेशा के लिए....... आई विल ऑल्वेज़ गिव यू माय कंट.... एंड एस्सस ....... फक्क मी जीजू..... फक्क मी....''

उसकी बात का समर्थन पूजा ने भी सिर हिला कर किया....
और पीछे जाकर वो भी उन दोनो के मिलन स्थान पर अपनी जीभ रगड़ने लगी....

अजय ने उसे एक बार फिर से उसकी चटाई का फल दे दिया....

रिया की चूत से निकला गीला लंड उसने पूजा के मुँह में डाल दिया...
जिसे वो किसी पालतू कुतिया की तरह चूस गयी.



और इसी तरहा ये खेल करीब 5 मिनट तक और चला..

और अंत में जाकर पूजा की तरह ही रिया भी झड़ गयी.

''आआआआआआआआआअहह जीजू........ आई एम कमिंग..........''

और उसकी चूत से निकले रस को पूजा ने ठीक उसी तरह से सॉफ किया, जैसे रिया ने उसका किया था...

उनका ताकतवर जीजू अभी तक अपना लंड लेकर मैदान में डटा खड़ा था...

दोनो को पता था की अजय को क्या पसंद है..



वो एक बार फिर से उसके सामने पालती मारकर बैठ गयी..

और अजय के लंड को अपने मुँह में लेकर जोरों से चूसने लगी....

और उनकी मेहनत जल्द ही रंग लाई...
और अजय के लंड से फुव्वारे की तरह सफेद जेल्ली बाहर निकलने लगी....



जिसे दोनों बहनों ने पूरी ईमानदारी से बराबर बाँट कर खाया.

ना एक बूँद कम,ना एक बूँद ज़्यादा.

और फिर दोनो एक गहरी स्मूच में डूबकर एक दूसरे के होंठों से वो जेल्ली शेयर करके खाने लगी..



बहनों का ऐसा प्यार देखकर अजय की आँखे झपकने और उसका लंड बैठने का नाम ही नही ले रहे थे...

अजय के लंड को अच्छी तहर से सॉफ करने के बाद वो उठी और टावल से सब कुछ सॉफ किया.

फिर दोनो ने मिलकर अजय के लिए डिन्नर तैयार किया....नंगे ही.

और बाद में मिलकर उसे खिलाया भी....
अभी तो पूरी रात पड़ी थी...
अजय से बहुत काम था उन दोनों को.


दूसरी तरफ हॉस्पिटल में अपनी बेटी के पास रुकी रजनी की चूत भी कुलबुला रही थी..
वो अच्छी तरह से जानती थी की इस वक़्त घर में क्या हो रहा होगा...
इसलिए अजय के लंड को अंदर लेने की तड़प उसे बेचैन किए जा रही थी...
आख़िरकार इतने दिनों बाद जो वो वापिस आया था...
अगर आज प्राची की डिलीवरी ना हुई होती तो घर पर वो उससे चुदवा रही होती.

पर चुदवा तो वो अभी भी सकती है.

प्राची तो डॉक्टर्स और नर्स की निगरानी में दूसरे रूम में थी...
उसके दिमाग़ में एक आइडिया आया...उसने तुरंत अपने पति को फोन करके बुला लिया... ये बहाना बनाकर की उसे हॉस्पिटल के माहौल में नींद नही आ रही और अजय या अपनी बेटियो को वो परेशान नही करना चाहती...इसलिए आप आ जाओ...उसके पति ने अपनी स्कूटी उठाई और झट्ट से वहां पहुँच गया... रजनी ने ऑटो लिया और वापिस पहुँच गयी.

चूत की खुजली क्या-2 काम करवा देती है इंसान से.

उपर जाकर जब उसने बेल बजाई तो अंदर अपने बेडरूम में जा रहे अजय का माथा ठनक गया...
भला इतनी रात को कौन हो सकता है...
उसने कपड़े पहनकर दरवाजा खोला... तब तक उसकी दोनो नंगी सालियां भागकर बेडरूम में छिप गयी.

सामने अपनी सासू माँ को देखकर वो हैरान रह गया...
प्राची को हॉस्पिटल में अकेला छोड़कर वो भला यहाँ क्या कर रही है...
पर अंदर आकर जब उसने सब डीटेल में बताया तो उसे चैन पड़ा..
इसी बीच अपनी माँ की आवाज़ सुनकर दोनो चिड़ियाँ भी घोसले से बाहर निकल आई....
और आकर अपनी माँ से लिपट गयी.....
आज पता नही क्यो उन्हे कुछ अलग ही तरह की खुशी हो रही थी...
एक तो नये मेहमान के आने की और अब उपर से ये सोचकर की अब सब एक साथ चुदाई करवाएँगे...उसकी भी.

अजय उन्हे एक दूसरे से लिपट कर प्यार करता देखकर हैरान था...
भला कहां मिलेगा ऐसा परिवार जो मिल जुलकर चुदाई करवाने में विश्वास रखता हो...
पर कहीँ ना कहीँ अजय का बहुत बड़ा योगदान था उनकी इस मानसिकता में जिसकी वजह से उनमे ये सब करने की हिम्मत आई थी...

अजय को ऐसे अचम्बित होकर देखते हुए देखकर अजय की सासु माँ बोली : "ऐसे क्या देख रहे हो दामाद जी... आपने ही तो कहा था की एक दिन आप हम सबके साथ करना चाहते हो...आज वो दिन आ गया है... और वैसे भी आज जो खुशी हम सबको दी है, उसका ऋण भी तो उतारना है... आज हम आपको दिखाएँगे की दामाद की सेवा कैसे की जाती है....''

अजय तो वैसे भी ये सोच-सोचकर उत्तेजित हुए जा रहा था की किस-2 तरीके से इनकी चुदाई करेगा...
उसकी सासू माँ की इस बात ने तो उसकी उत्तेजना को शिखर पर ही पहुँचा दिया.

अजय की सासू माँ ने आँखो का इशारा करके अपनी बेटियों को कुछ समझाया...
और फिर वो तीनो एक साथ नीचे बैठ गयी और अजय की शॉर्ट्स को खींचकर उसे नीचे गिराते हुए उसके लंड को अपने होंठों से दबोच लिया..

''आआआआआआआआआआआआआआअहह एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स''



अजय के मुँह से सिर्फ़ यही निकल पाया...
आज से पहले उसके लंड को कई बार प्राची चूस चुकी थी....
और उसके बाद इन सबने एक-2 करके कई बार उसे मुँह में लिया था...
नेहा की माँ नीलम ने भी इसकी अच्छे से चुसाई की थी...
उसके दोस्त अनिल की पत्नी अंजलि भाभी ने तो इसका चूस-चूस्कर बुरा हाल कर दिया था...
पूजा की कॉलेज वाली फ्रेंड सोनी ने भी नये तरीके से चूस्कर अजय की उत्तेजना को नयी उँचाई पर पहुँचाया था...
और ऑफीस मे रचना ने तो अजय के लंड को अपनी पर्सनल आइस्क्रीम ही समझ लिया था...आज तक जितनी बार भी उसने चुदाई करवाई थी,हर बार लंड चूसने में उसे चुदाई से ज़्यादा मज़ा आया था.

पर आज जो चुसाई अजय के लंड की हो रही थी...उसका कोई मुकाबला ही नही था.


आख़िरकार एक इंसान की लाइफ में ये पल आता ही कब है, जब उसकी 2 कमसिन सालियाँ और सैक्सी सास इस तरह से उसके लंड को चूस रही हो....
अपने लंड पर एक साथ 3 जोड़ी होंठों की पकड़ का एहसास इस दुनिया के हर सुख से परे था...उपर था....अलग था.

और वो एहसास इस वक़्त अजय को पूरी तरह से मिल रहा था.
अजय किसी सेठ की भाँति सोफे पर बैठा था और उसकी तीनो दासियाँ अपनी मोरनी जैसी गांड मटकाते हुए उसके लंड को दोह रही थी.



अजय की सास कुछ ज़्यादा ही एक्साइटिड थी.

वो अपने दामाद के औजार को अच्छी तरह से मुँह में लेकर सॉफ कर रही थी...
उसे अपनी बेटियों के मुँह में डाल रही थी... उनसे चुस्वा रही थी... और फिर उस गीले लंड को अपने चेहरे पर मल कर उसकी सुगंध को अपने अंदर ले रही थी.



लंड को चेहरे पर रगड़ने के बाद वो उसे अपने मोटे स्तनों पर भी घिस्स रही थी...

अपने लंड पर महसूस हो रहे सासू माँ के निप्पल्स की चुभन अजय को अपनी गांड उठाने पर विवश कर रही थी.


वो उन तीनो के सिर पकड़ कर बारी-2 से अपने लंड पर दबा रहा था...
और जिसका सिर दबाता वो उसके लंड को अंदर ले लेती...
ऐसी आज्ञाकारी फॅमिली कहाँ देखने को मिलती है.

अजय की सासू माँ का एक हाथ अपनी चूत पर भी था..



वो उसे जोरों से रग़ड रही थी...
जैसे रग़ड - 2 कर उसमे से जिन्न निकालना चाहती हो.

उसकी उत्तेजना को देखकर अजय समझ गया की सासू माँ की चूत मारने का समय आ गया है.

पूजा और रिया तो पहले ही मरवा चुकी थी, इसलिए वो अभी के लिए थोड़ा इंतजार कर सकती थी...
पर उससे पहले वो उन तीनो के साथ वो करना चाहता था जो उसने ना जाने कब से सोच रखा था..

उन तीनो को उसने टेबल पर चढ़ा कर घोड़ी बना दिया...

और फिर बारी-2 से सबकी चूत वो अपनी जीभ और होंठों से चूसने लगा.



उन तीनों ने एक दूसरे का हाथ पकड़ रखा था...
और जिसकी चूत पर अजय का मुँह लगता उसका पूरा शरीर सुन्न सा पड़ जाता... और वो अपने हाथ की पकड़ दूसरे पर और ज़्यादा मजबूत कर देती...

अजय अपनी सास की रसीली चूत चूसते हुए अपने दोनो हाथों से पूजा और रिया की चूत को रगड़ भी रहा था...
अपने मल्टी टेलेंटेड दामाद की इस कला को देखकर रजनी मुस्कुराए बिना नही रह सकी...

और बोल भी पड़ी

''ओह दामाद जी....... उम्म्म्ममममममममममम.... क्या चूसते हो आप...... आअहह..... इसी वजह से तो ..... अहह हम सभी......... ऐसे लेटे है..... आपके सामने....... अहह चूसो..... ज़ोर से...... चाटो ........''

अजय को ऐसे मौकों पर अपनी तारीफ हमेशा पसंद आती थी....
जो उसकी पेरफॉर्मंस बड़ाने का काम भी करती थी.

अजय ने उनकी गांड पर थपकी मारकर कहा "चलो....अंदर चलते है... बेड पर.... अब नही रहा जाता...''

अजय की बात सुनकर सभी के चेहरे की खुशी 4 गुना हो गयी...
और सबसे ज़्यादा रजनी का चेहरा खिला...

वो अपनी भरंवा गांड मटकाते हुए बेडरूम की तरफ चल दी.



और अंदर जाकर वो बेड पर बिछ गयी....

उसके साथ-2 रिया और पूजा भी अपनी माँ के पास जाकर लेट गयी..

अजय का पहला शिकार अपनी सासू माँ थी...

उसने अपनी सासू माँ को घोड़ी बनाया और उसकी चूत में अपना फौलादी लंड पेल दिया..


लंड अंदर जाते ही वो घोड़ी की तरह हिनहिनाने लगी...
और अपनी गांड उछाल -2 कर अपने दामाद का लंड अंदर पिलवाने लगी..



घोड़ी बनकर चुदाई करवाने में जो मज़ा है, वो किसी और आसन में नही है....
रजनी अपने एक्सपीरियन्स का आज पूरा लाभ उठा रही थी.

हर झटके से उसके मोटे मोम्मे पेड़ से लटकी मटकी की तरह आपस में खनक जाते.

अजय भी उसके भरे हुए कुल्हो के बीच अद्रिश्य हो रहे अपने लंड को देखकर मस्ती में भर चुका था...

उसने घुमा कर अपनी सास को नीचे लिटा दिया.... ताकि वो उसके हिलते हुए मुममे देख सके..

उसकी चूत में एक बार फिर से लंड पेलकर जब उसने धक्के मारे तो अपनी माँ की चीखों को दबाने के लिए पूजा को उनके मुँह पर आकर बैठना पड़ा...

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Re: ठरकी दामाद

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ये पहला मौका था जब रजनी अपनी खुद की बेटी की चूत को चाट रही थी....
उसकी चूत से ठीक वैसी ही महक आ रही थी, जैसी उसकी खुद की चूत में से आती थी...
इसलिए उसे वो काफ़ी स्वाद लगी...
वो चपर -2 करके उसकी शहद उड़ेलती चूत में से मिठास निकाल कर चाटने लगी..

नीचे से अजय ने उसकी चूत में धक्के दे-देकर उसे रेलगाड़ी बना रखा था...
हर झटके से उसके मोटे मुममे उपर तक उछल जाते.. और उसकी रेलगाड़ी अगले स्टेशन पर पहुँच जाती



अजय का बस चलता तो अभी के अभी उनकी चूत में झड़कर काम तमाम कर देता..

पर वो जानता था की हर एक को हर तरह के एंगल से चोदने के लिए उसे अपना माल अंत तक बचाकर रखना होगा...

इसलिए वो हर 2 मिनट में आसन चेंज कर रहा था...
और ऐसा करते हुए उसके लंड के सिरे तक आए रस को भी वापिस जाने का समय मिल जाता था..


उसने फिर से लंड बाहर निकाला और अपनी प्यारी सासू माँ को अपने उपर लाकर बिठा दिया.

अपनी दोनो बेटियों की मदद से वो अजय के घोड़े पर सवार होकर उसकी सवारी करने लगी...
झटके लेते हुए, अपनी चूत की मालिश करवाने लगी...



अजय तो काफ़ी कंट्रोल करके और एंगल चेंज कर-करके उसकी चूत मार रहा था....
पर रजनी से इस बार अपने ऊपर कंट्रोल नही हुआ...
और वो दामाद जी के लंड पर , अपनी चूत से निकले देसी घी का अभिषेक करते हुए, झड़ने लगी..

''आआआआआआआआअहह उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़....... आआआआआआआआआ ..... मैं तो गई......''

अपनी माँ के अकड़ रहे शरीर को दोनो बेटियों ने बड़े प्यार से संभाला ...
और उन्हे अजय के घोड़े से उतार कर नीचे लिटा दिया...

रजनी अभी भी आँखे मूंदे , अपने ऑर्गॅज़म से उभरने की कोशिश कर रही थी.

और वो दोनों अपने प्यारे जीजू के लंड से चुदने की तैयारी


अपनी को बंद आँखे करे अपनी ही दुनिया में मग्न रजनी अपनी रस से भीगी चूत को रगड़ रही थी...
उन्हे ऐसा करते देखकर पूजा का प्यार अपनी माँ के लिए उमड़ पड़ा....
पूजा ने अपनी माँ की रिस रही चूत पर मुँह लगाया और उसे चूसने लगी.



और तब तक चूसती रही ,जब तक वो एकदम सूख नही गयी...
अपनी बेटी के इस काम की रजनी ने दिल खोलकर तारीफ की और फिर उसे धक्का देके अपने दामाद की तरफ भेजा...
अब वो आराम से बैठकर अपनी बेटी और भांजी की चुदाई का खेल देखना चाहती थी.

अजय के उपर तो पहले से रिया चढ़ी हुई थी....
उसके नर्म मुलायम होंठों को बुरी तरह से चूस रहे अजय को एकदम से एहसास हुआ की उसके लंड को पूजा ने अपने मुँह में ले लिया है.

जिस रस की महक पूजा ने अपनी माँ की चूत चाटकर ली थी,लगभग वही महक अजय के लंड से भी आ रही थी...
वो उसे उपर से नीचे तक चूसने लगी....
रिया तो अपनी ही मस्ती में अपने जीजू के उपर सवार होकर उनके होंठों को चूस रही थी.



सोफे पर बैठी उसकी माँ ये देखकर आनंद से भर गयी की जिस बेटी को उन्होने इतने लाड प्यार से पाल पोसकर बड़ा किया था,वही आज कितनी मस्ती में भरकर अपने जीजू का लंड चूस रही थी....
बिल्कुल उसपर गयी थी वो....
उसके चूसने का तरीका, सैक्स के लिए मचलने का जुनून ठीक वैसा ही था, जैसा उसके अंदर था.
जैसी माँ, वैसी बेटी.

ये सब सोचकते-2 वो मंद-2 मुस्कुरा रही थी....

और ये भी सोच रही थी की उसे कितना अच्छा दामाद मिला है....
उसकी बड़ी बेटी से शादी करी...
उसके लंड में कितनी जान है, अपनी सासू माँ, उसकी दोनो बेटियों और रिया को भी चोद डाला उसने...
भगवान ऐसा दामाद हर घर में दे.

वैसे वो दुआ तो यही माँग रही थी की ऐसा दामाद हर घर में दे, पर वो ये नही जानती थी की दामाद तो होते ही ऐसे है... वो तो उन्हे कोई मौका नही मिलता, वरना अपने ससुराल की हर चूत को वो बजा डाले...
फिर चाहे वो साली हो , सास हो, या साले की घरवाली....

पर इस वक़्त जो जीजा साली के बीच चुदाई का खेल शुरू हो चुका था, उसके बीच अपनी इस सोच को रजनी ने ब्रेक लगा दी, क्योंकि सामने का नज़ारा था ही इतना उत्तेजक की ना चाहते हुए भी उसके हाथ अपनी ताज़ा चुदी चूत पर फिर से थिरकने लगे..


अजय ने एक झटके में रिया को नीचे लिटा दिया और पूजा को उसके उपर घोड़ी बना कर उसकी चूत में पीछे से अपना लंड पेल दिया...




वो गुनगुना उठी .... और नीचे झुकते हुए उसने अपनी बहन रिया के होंठों पर चोंच मारी... और फिर उसे चूसने लगी.

अजय के हरयाणवी झटके इतने तेज थे की उन्हे आपस में चूमने का टाइम ही नही मिल पा रहा था...
वो एक दूसरे के होंठों को मुँह में लेते पर पीछे से आ रहे झटके से वो फिर से निकल जाते...
ऐसा काई बार हुआ तो उन्होने कोशिश करनी ही छोड़ दी..

पर बदले में नीचे लेटी रिया ने अपनी बहन के स्तनों को मुँह में भर लिया..

और जब उसके निप्पल्स को मुँह में लेकर चूसा तो पूजा की चीखों में चार चाँद लग गये...
एक तो वैसे ही उसकी चूत में पड़ने वाले झटके पहले से तेज हो चुके थे, उपर से रिया के पैने दांतो ने उसके निप्पल्स की परतों को काट कर लाल कर डाला था....
एक साथ अपने दोनो सेंसेटिव पायंट्स पर हमला होता देखकर वो बेचारी चिल्लाने के सिवा कुछ कर ही नही सकती थी..

''आआआआआआआआआआआआअहह ओह फककक ऑश फककक..... माय गुडनेस .... वॉट ए फीलिंग..... जीजू.... उम्म्म्मममम एसस्स.... ज़ोर से.... अहह चोदो मुझे...... अहह जीजू..... उम्म्म्मममम क्या लंड है आपका..... अहह..... रिया...... साली कुतिया..... धीरे काट ना..... अहह एसस्स...... ऐसे ही .... चूस इसे..... साली ...... भेंन चोद ...... अहह वाहह उम्म्म्मममम''



भले ही चुद इस वक़्त पूजा रही थी, पर अजय के लंड को इस वक़्त रजनी भी महसूस कर रही थी....
कैसा रिश्ता बन गया था उसका अपने दामाद के साथ....
बिना लंड डाले भी वो उसे अपनी चूत में महसूस कर पा रही थी.

पूजा के नीचे लेटी हुई रिया की चूत भी कब से कुलबुला रही थी....
उसने जब अजय के लंड पर हाथ रखकर उसे माँगा तो अजय ने अपना लंड निकाल कर उसकी चूत में डाल दिया...

अपनी चूत से लंड के निकलने से जो ख़ालीपन पूजा को महसूस हुआ, उसे दूर करने के लिए वो पलटकर रिया के मुँह पर जा बैठी....
भले ही रिया सबसे छोटी थी, पर इस वक़्त वो अपनी बड़ी बहन को मुँह पर बिठाकर बड़े मज़े से उसकी चूत चाट भी रही थी और अपने जीजू के लंड को अंदर लेकर अपनी चूत मरवा भी रही थी.

अजय ने उसकी दोनो टाँगो को पकड़कर उसकी स्मूथ सी चूत में लंड पेलना चालू रखा.


उपर से पूजा के नर्म हाथ उसके मुम्मो को भी मसल रहे थे....
जो मज़ा वो चूत चूस्वाकर ले रही थी, वो सूद समेत रिया को वापिस भी कर रही थी...

अचानक रिया ने अपनी बहन की चूत चाटते-2 कुछ ऐसा किया की पूजा बिल्ली की तरह हवा में उछल गयी....

उसने पूजा की गांड के छेद में जीभ डाल दी...
ये एक ऐसा पॉइंट था जिसपर जीभ मात्र लगने से पूजा को एक ऑर्गॅज़म का एहसास हो गया....
सिर्फ़ जीभ लगने से ही वो सिहर कर रह गयी तो जब उसके अंदर लंड जाएगा तो कैसा लगेगा उसे.

रिया की चूत मार रहे अजय ने जब पूजा के चेहरे के एक्शप्रेशन देखे तो वो समझ गया की उसके साथ क्या हुआ है...

उसने रिया को बोला : "रिया.... मेरी जान..... लगता है तुम्हारी दीदी की गांड मारने का टाइम आ गया है.... ज़रा तैयार तो करो उसकी गांड को.... मेरे लंड के लिए...''

बस फिर क्या था, अपने जीजू की आज्ञा का पालन करते हुए रिया ने उसकी गांड को थूक से भर दिया....
जीभ को कड़ा करके अंदर भी डाल दिया, और ये सब महसूस करके और आने वाली गांड मरवाई की कल्पना करके पूजा अपनी उत्तेजना के शिखर पर पहुँच गयी और उसने आवेश में आकर रिया के स्तनों को और ज़ोर से मसलना शुरू कर दिया...जिसके परिणामस्वरूप वो एक जोरदार झटके से झड़ने लगी...

चूत में जीजे का लंड और मुम्मो पर बहन के हाथ...
इतना बहुत थे उसके ऑर्गॅज़म को लाने के लिए.


''आआआआआआआआआआआआअहह जीजू..................आई एम कमिंग......''

पर उसने पूजा की गांड चूसनी नही छोड़ी....

जल्द ही अजय ने अपना लंड उसकी गीली चूत से बाहर निकाल लिया...

जिसे देखकर उसकी सासू माँ मुस्कुराइ और बोली : "टू डाउन.... वन मोर टू गो....''

उसका इशारा अपनी बेटी की तरफ था....
जो अभी तक झड़ी नही थी...
पर झड़ने से पहले वो अपनी गांड मरवाने की तैयारी कर रही थी..

आज वो किसी भी कीमत पर ये काम कर लेना चाहती थी.

अजय ने आज दूसरा तरीका निकाला उसकी गांड मारने का...

उसे बेड पर साइड पोज़ में लिटा दिया और उसकी भारी और गीली गांड में उसने अपना मोटा लंड जाकर फँसा दिया....



एक तो पहली बार गांड मरवाने की लालसा और उपर से उत्तेजना अपनी चरम सीमा पर थी, इसलिए पूजा को ज़्यादा पता नही चला...
बाकी का काम रिया ने आसान कर दिया...
वो अपने सूपरविसन में अजय के लंड को धीरे-2 पूजा की गांड में धकेलने लगी..

धीरे-2 करके पूरा का पूरा लंड उसकी कसी हुई गांड में समा गया.

ऐसा लगा जैसे साहिल को मंज़िल मिल गयी...
पूजा को दर्द तो काफ़ी हुआ पर उसकी होसला अफजाही के लिए इस वक़्त उसकी माँ और बहन साथ थी, इसलिए उसने उस दर्द को नरंदाज करते हुए मौके के हिसाब से मस्ती लेनी शुरू कर दी...
शुरूवात के कुछ झटके अजय को धीरे-2 लगाने पड़े, बाद में तो पूजा खुद अपनी गांड में उसके लंड को लेने के लिए आगे-पीछे होने लगी...

और जल्द ही बड़े आराम से अजय का लंड उसकी गांड की टनल में सीटियाँ बजाता हुआ जा रहा था...
हर झटके से वो पूरी हिल जाती और उसकी बहन उसके हिलते हुए शरीर को धकेल कर फिर से जीजू के सपुर्द कर देती...

दोनो बहनो की मिलीभगत और कसी हुई गांड के छल्ले ने अपना कमाल दिखाया और आख़िरकार अजय के लंड ने पानी निकालना शुरू कर ही दिया..


आख़िरी मौके पर उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया...
और उन तीनो के चेहरे एक के बाद एक रंगने शुरू कर दिए...

सबसे पहले उसके निशाने पर आई उसकी सबसे छोटी साली रिया....
क्योंकि उसे जीजू के लंड का पानी सबसे ज़्यादा पसंद था..



रिया के चेहरे पर एक के बाद एक कई रिकेट दाग दिए अजय ने....

फिर उसने अपनी गन को पूजा के चेहरे की तरफ किया....
तब तक अजय की सास भी पूजा के साथ आकर बैठ गयी...
अजय ने अपना बचा हुआ गाड़ा और सफेद रस उन दोनो माँ बेटियों के उपर खाली कर दिया..

तीनो के चेहरे पर हल्की बर्फ सी जम गयी थी....
चेहरे पर सफेद पानी की परत ने उनके चेहरों को और भी सेक्सी बना दिया था.

रिया के चेहरे की चमक देखते ही बनती थी.



पूजा की आँखो में अपनी चूत के साथ-2 गांड मरवाने की खुशी भी सॉफ झलक रही थी...
चेहरे से फिसलती गाड़े रस की बूंदे उस बात की गवाही दे रही थी..



और अजय की सासू माँ के तो क्या कहने...
वो तो अपनी आँखे मूंदे उन बूँदों को चेहरे पर रखकर ऐसा फील कर रही थी जैसे सीप को मोती मिल गये हो....
उन मोतियों के गर्म और नर्म एहसास को वो पूरी जिंदगी भूलना नही चाहती थी...



उसके बाद सब मिलजुलकर बाथरूम में गये और एकसाथ नहाए... बाद में पूरी रात वो खेल ऐसे ही चला.

2 दीनो के बाद प्राची की भी छुट्टी हो गयी....
अजय के घर वाले भी गाँव से आ गये थे...
अपनी बेटी के आगमन की खुशी में अजय ने एक छोटी सी पार्टी भी दी....


उसकी मेहनत की वजह से कंपनी को वो ऑर्डर तो मिल ही चुका था, इसलिए उसकी सैलेरी भी बढ़ गयी...
ये सब खुशियों को वो अपनी बेटी की किस्मत से जोड़कर देख रहा था.

अजय की लाइफ ऐसे ही चलती रही....
हालाँकि बेटी होने के बाद उसने अपने सभी रिश्तों पर थोड़ी बहुत लगाम लगा दी थी,पत्नी के वास्ते वो पहले से ज्यादा सिनसेयर हो गया था.
पर वो कहते है ना मर्द और बंदर कभी गुलाटी मारना छोड़ सकते...
इसलिए धीरे-२ उसकी लाइफ पहले जैसी रंगीन हो गयी, मजे की बात ये थी की आज तक प्राची को उसने भनक तक नहीं लगने दी थी अपनी रंगीन लाइफ की
जब भी उसे मौका मिलता, वो अपनी सालियों के साथ...
ऑफीस में रचना के साथ...
और अपने दोस्त की बीबी अंजलि के साथ भी खूब मजे करता.
और कभी-2 तो पूजा की कॉलेज वाली फ्रेंड सोनी भी उसे बुला ही लेती थी....

पर इन सबसे ज़्यादा उसने अपनी सासू माँ की चूत मारी....
और रजनी भी अपने दामाद के शक्तिशाली लंड से चुदने में कभी नही थकती थी...
आख़िरकार वो उसका प्यारा 'ठरकी दामाद' जो था.

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समाप्त
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प्यास बुझाई नौकर से Running....कीमत वसूल Running....3-महाकाली ....1-- जथूराcomplete ....2-पोतेबाबाcomplete
बन्धन
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दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
यूँ तो मिल जाता है हर कोई!
मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!
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