मा की मस्ती compleet
- Rohit Kapoor
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Re: मा की मस्ती
तभी आरती कपड़े पहन कर आ गयी,उसने देखा कि वो दोनो आपस मे बातें कर रहें हैं तो उसने कहा क्या बाते चल रही हैं.आरती की आवाज़ सुन कर दोनो ने आरती की तरफ देखा आरती ने अब गाउन पहन लिया था,और वो नहा कर और भी सुंदर लग रही थी,पर उन दोनो को तो ये देख कर शॉक लगा कि आरती ने उनकी बात ना मान कर गाउन के साथ-2 अंडरगार्मेंट्स भी पहन लिए थे,जबकि वो ये चाहते थे कि अब आरती उनके सामने कम से कम कपड़ों मे रहे.
तो रमण ने कहा कि तुम्हारी ही बातें हो रही थी जान पर ये क्या तुम तो इतने सारे कपड़े डाल कर आ गयी अब अगर हमारा मन करेगा तो इतने कपड़े उतारने पड़ेंगे.
आरती-इसलिए ही तो मैं ने कपड़े कम नही पहने तुम लोगों का क्या है कहीं भी मुझे देखा तो तुम्हारा तो हमेशा खड़ा रहता है वहीं पर डाल दोगे.
मनु-पर मम्मी अभी तो आप कह रही थी कि ऐसा नही करोगी.
आरती-मेरे बेटे रमण तुम नही समझोगे अभी काम वाली आएगी तो अगर उसने देखा कि मैं ऐसे कपड़ों मे घर मे हूँ तो अच्छा नही रहेगा,एक बार वो काम करके चली जाए तो तुम जैसे कहोगे वैसे ही रहूंगी.
मनु-वाउ मोम ये हुई ना बात.
आरती-अच्छा चलो अब आज तो मेरे बस की और करवाना नही है,अब मैं नाश्ता तैयार कर रही हूँ तुम लोग कर लेना,फिर आज जो तुमने मेरे साथ किया है उसके कारण मुझे आराम करना पड़ेगा.
ये कह कर आरती मनु के रूम से निकल गयी,तब रमण ने कहा कि अच्छा अब मे चलता हूँ जब तुम्हारी मम्मी ने कह ही दिया कि आज और कुछ नही होगा तो मैं रुक कर क्या करूँगा,और ये कह कर रमण वहाँ से निकल गया.
रमण के जाने का बाद मनु किचेन मैं आपनी माँ के पास आया और बोला मम्मी क्या बना रही हो,और पीछे से आरती से चिपक गया.
आरती नेपीछे मूड कर कहा कि ये क्या कर रहे हो,मैने अभी-2 तुम को क्या कहा था.
मनु-पर पहले काम वाली को आने तो दो,जब तक वो नही आती मैं ऐसे ही आप से चिपक के कुछ तो मज़े कर ही लूँ.
आरती-नही ऐसे मत करो अच्छा नही है फिर रमण क्या सोचगा कि अभी तो मैने उसके सामने मना किया और अब तुम ऐसे कर रहे हो.
मनु-पर रमण भैया तो चले गये.
आरती-अच्छा कब गया रमण
मनु-अभी-2 कह रहे थे कि आज तो आपने मना कर दिया फिर रुक कर क्या करेंगे.
तभी बाहर की बेल बजी और मनु ने जा कर दरवाजा खोला तो काम वाली आई थी,फिर मनु अपने रूम में चला गया.
जब काम वाली काम निपटा कर गयी और गेट बंद होने की आवाज़ आई मनु तुरंत बाहर आया,तो उसने देखा कि आरती अपने कमरे मैं सोई हुई थी,वो समझ गया कि अब उसकी मम्मी रात भर की चुदाई की थकान उतार रही है और वो भी अपने कमरे में जा कर सो गया.
शाम को आरती मनु को उठाने उसके कमरे मैं आई तो मनु बेसूध पड़ा सो रहा था,तब तक आरती की थकान और शरीर का दर्द कुछ कम हो गया था,जब उसने मनु को ऐसे सोते हुए देखा तो उसके शरीर मैं फिर से खुमारी चढ़ने लगी,कहते हैं ना कि एक बार जिसको बाहर का खाने की आदत पड़ जाए वो हमेशा उसी चक्कर में ही रहता है,तो फिर आरती को एक शरारत सूझी वो अपने कमरे मैं गयी और जा कर नाइटी के नीचे से अपने अंडर गारमेंट्स निकाल दिए और अपने नंगे जिस्म पर सिर्फ़ एक पतली सी नाइटी डाल कर मनु के रूम में उसको जगाने के लिए आई.
आरती ने अब मनु के रूम में आ कर धीरे से मनु को कहा कि मनु बेटा उठो ना अब उठना नही क्या,कब से सो रहे हो.अपनी मा की आवाज़ सुन कर मनु की नींद खुली तो उसने अपनी आँखें खोल कर देखा और जैसे ही उसकी नज़र अपनी माँ के आध नंगे जिस्म पर पड़ी उसकी तो नींद ही उड़ गयी,आरती इस टाइम एक पतली सी नाइटी में उसके सामने खड़ी थी,जिसमें से उसके मोटे -2 मम्मे बाहर आने को तैयार हो रहे थे और नीचे उसकी सुडौल भारी-2 जंघें भी नंगी नज़र आ रही थी,वो नाइटी कुछ शॉर्ट थी,और वो किसी को भी सिड्यूस करने में समर्थ थी.
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(संयोग का सुहाग)....(भाई की जवानी Complete)........(खाला जमीला running)......(याराना complete)....
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Re: मा की मस्ती
वैसे भी आरती के रूप का जलवा उस नाइटी में और ज़्यादा निखार के आ रहा था,तो अब तो मनु की आँखें अपनी माँ पर ही जम गयी और वो पालक झपकाना भी भूल गया,जब आरती ने उसको ऐसे अपने आप को घूरते हुए देखा तो वो मन ही मन बहुत खुस हुई कि उसके रूप का जादू इस नाइटी में उसको और भी कातिल बना रहा है,और वो मनु पे चल गया है,अब वो उसको चिडाने वाले अंदाज़ में बोली क्या उठोगे नही सोए ही रहोगे.
और ये कह कर वो बाहर आ गयी,जब आरती मनु के रूम से निकल गयी तब जा कर मनु का ध्यान भंग हुआ नही तो वो अपनी माँ के रूप का ही रस्पान किए जा रहा था,अब मनु जल्दी से उठा और वॉशरूम में जा कर मूह वगेरह धो कर बाहर आ गया.
बाहर आरती अब किचेन में थी वो रात के खाने की तैयारी करने लगी थी,मनु ने जब देखा कि उसकी माँ उस अध नंगी अवस्था में खाना बनाने की तैयारी कर रही है,तो वो उसके पास चला गया और फिर से पीछे से उस-से चिपक गया,और धीरे-2 उसके चुतडो पर हाथ फेरने लगा.
आरती को जब मनु का स्पर्श अपने शरीर पेर और फिर अपनी गान्ड पर महसूस हुआ तो उसको बहुत अच्छा लगा पर वो मनु से बोली कि ये क्या कर रहे हो मुझे काम करने दो.
मनु बोला कि मैं तुम्हे काम करने से कहाँ रोक रहा हूँ पर मैं भी तो अपना काम कर रहा हूँ,मुझे भी अपना काम करने दो.ये कह कर उसने अपनी माँ की नाइटी को थोड़ा सा उपर किया और अपनी माँ की चिकनी नंगी गान्ड पर हाथ फेरते हुए अपनी उंगली आरती की नरम गान्ड में घुसा दी.
जैसे ही मनु की उंगली आरती की गान्ड के अंदर गयी उसकी तो चीख सी निकल गयी,पर वो बोली कुछ नही और वैसे ही अपना काम करती रही ,अब मनु समझ गया कि उसकी माँ को भी उसका यूँ मस्ती करना अच्छा लग रहा है तो उसने अपनी उंगली को थोड़ा सा बाहर किया और फिर से अपनी माँ की गान्ड में पेल दिया अब की बार आरती के मूह से एक मादक सिसकारी ही निकली.
अब मनु समझ गया कि आरती भी मज़े कर रही है तो उसने अपनी उंगली को फिर से अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और उसके ऐसे करने पर हर बार आरती बहुत मादक-2 सिसकियाँ लेने लगी,तब मनु ने अपना बरमूडा खोल कर नीचे गिरा दिया और अंडरवेर भी उतार दिया और अपना खड़ा हुआ लंड अपनी माँ की नंगी चिकनी गान्ड पर रगड़ने लगा
अपनी माँ की नरम गान्ड पर जब उसने अपना लंड रगड़ना शुरू किया तो वो तो तंबू की तरह से तन गया और उसमे से थोड़ा सा पानी भी निकलने लगा,उस पानी से उसके लंड का टोपा भी चिकना हो गया अब वो अपने लंड को वैसे ही अपनी माँ की गान्ड में लगा कर बिना अंदर किए ही आगे-पीछे करने लगा था,और इस-से आरती को भी बहुत मज़ा आ रहा था,जब वो अपने लंड को आगे करता तो आरती भी अपनी गान्ड को पीछे को धकेल रही थी.
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Re: मा की मस्ती
मनु समझ गया कि आरती भी अब उसकी रागड़ाई का फुल मज़ा ले रही है,फिर उसने अपना हाथ आगे करके अब अपनी उंगली अपनी माँ की चूत के पास ले गया,पर वहाँ से तो इतना पानी टपक रहा था जैसे की उसकी माँ ने वहाँ पर सूसू कर दिया हो,फिर मनु ने पहले तो अपनी उंगली को अपनी नाक के पास ला कर सूँघा,तो उसमें से इतनी मादक खुसबू आ रही थी कि वो मदहोश ही हो गया और वो उंगली उसने अपने मूह में ले ली और उसको चूसने लगा ,उसको अपनी मा की चूत के रस का स्वाद इतना अच्छा लगा कि वो फिर से अपनी उंगली को अपनी माँ की चूत के पास ले गया पर इस बार उसने अपनी 2 उंगलियाँ आरती की चूत में डाल दी,जैसे ही मनु की उंगली आरती की चूत में गयी वो तो बिल्कुल ही मदहोश हो गयी और ज़ोर-2 से सिसकारियाँ भरने लगी,और उसकी सिसकारियो से मनु को भी जोश बढ़ गया,फिर उसने वो उंगलियाँ अपनी माँ की चूत से निकाली और एक बार फिर से अपनी नाक के पास ले जा कर पहले उसको सूँघा और फिर उन उंगलियो को अपनी जीभ निकाल कर चाटना शुरू कर दिया,जिस तरह से वो चाट रहा था ऐसे लग रहा था कि वो चूत का रस ना हो कर अमृत हो.
अब आरती का ध्यान भी खाना बनाने पर ना हो कर अपनी चूत की आग पर ही था और वो भी कह रही थी कि अब मनु उसकी चूत की ठुकाई कर दे,तो उसने अपना हाथ पीछे करके मनु के लंड पर रख दिया,और फिर वो पीछे को घूम गयी अब आरती और मनु आमने-सामने थे,मनु का तना हुआ लंड आरती के हाथ में था और दोनो एक दूसरे को वासना भरी कामुक नज़रो से देख रहे थे
अब आरती और मनु मा और बेटा दोनो आमने सामने खड़े थे मनु का तना हुआ लंड उसकी माँ आरती के नरम हाथों मैं था,और वो अपने हाथ को धीरे-2 मनु के लंड पर फिरा रही थी,मनु का लंड आरती के हाथों के स्पर्श से और ज़्यादा तना जा रहा था.
फिर मनु ने अपनी माँ की चुचियो को गाउन के अंदर हाथ डाल कर पकड़ लिया और उनको दबाने लगा,आरती को भी अपनी चुचियाँ मसलवाने में मज़ा आ रहा था,वो भी अब मनु के हाथों से चुचियाँ मसलवाने में आनंद ले रही थी,फिर मनु ने अपने हाथों से अपनी मा की छोटी सी नाइटी को उतार फेंका अब आरती किचन में मनु के सामने बिल्कुल ही नंगी खड़ी थी,और मनु ने भी सिवाए टीशर्ट के कुछ भी नही पहना हुआ था.
अब मनु ने अपनी माँ की चुचि को अपने मूह में ले लिया और खड़ा-2 ही उसको चूसने लगा ,आरती भी मज़े में एक हाथ से तो उसके लंड को सहला रही थी,पर दूसरे हाथ से अपनी चुचि को दबा कर मनु के मूह में डाल रही थी,अब वो दोनो ही वासना के नशे में डूब गये थे,अब आरती को लग रहा था कि उसकी चूत को अब तो मनु के लंड की बहुत ही ज़्यादा ज़रूरत हुई नही तो वो सहन नही कर पाएगी,तो उसने मनु से कहा कि बेटा अब बस भी करो क्या इनको ही चूस्ते रहोगे ,और अपने एक हाथ से मनु का हाथ पकड़ा और अपनी बहती हुई चूत पर ले जा कर रख दिया और बोली -इसका भी कुछ ख़याल करो ना.
मनु समझ गया कि अब उसकी माँ चुदवाने के लिए गरम हो चुकी है अब उसको अपना लंड मा की चूत में डाल देना चाहिए ,तो उसने कहा कि माँ क्या यहीं कर लें क्या?
आरती ने कहा और नही तो क्या अब यहीं पर मुझे चोद दो मेरी चूत में अपना ये गरम लंड डाल कर इसकी गर्मी को शांत कर दो.
मनु ने कहा कि ठीक है और फिर उसने अपनी टीशर्ट भी उतार दी और अपनी माँ को आगे करके किचन में ही सेल्फ़ के साथ ले जा कर खड़ा कर दिया आरती समझ गयी वो तो पहले ही बहुत खेली-खाई हुई थी कि मनु क्या चाहता है ,तो उसने भी घूम कर अपने आपको सेल्फ़ के सहारे झुका कर खड़ा कर लिया ,और अपनी गान्ड को पीछे की तरफ फैला दिया,और टाँगें खोल दी,अब पोज़ीशन ये थी कि आरती की खुली हुई चूत मनु को निमंत्रण दे रही थी कि वो अपने लंड को उसमें डाल कर उसको चोद डाले.
मनु ने अपने लंड को हाथ में लिया और आगे बढ़ कर अपने लंड को अपनी माँ की चूत पर लगा दिया,उसकी चूत तो पहले ही रस के कारण चिकनी हो रही थी,इसलिए जैसे ही उसने धक्का लगाया तो उसका लंड सरक कर आरती की चूत में समा गया.
आरती ने जब महसूस किया कि मनु का लंड पूरे का पूरा उसकी चूत में घुस गया है तो उसको बड़ा मज़ा आया,और उसने एक बार हाथ पीछे ले जा कर देखा कि अब लंड बाहर तो नही है,जब उसने देखा कि पूरा लंड जा चुका है,तो उसने कहा कि मनु बेटा अब धक्के लगा कर मेरी चूत को जम कर चोदो,अब इसको चाहे फाड़ डालो मैं कुछ नही कहूँगी,पर इसकी आग को तुम शांत कर दो.
मनु बोला कि माँ तुम देखती जाओ अब मैं कैसे तुम्हारी चूत को चोद-2 कर इसका भोसड़ा बना दूँगा अब तो मैं सारे दिन और रात ही तुमको घर पर नंगा ही रख कर तुम्हारी चूत मारता रहूँगा,रमण भैया तो कभी-2 ही आएँगे अब मैं तुमको हर टाइम अपने लंड के नीचे ही रखूँगा.
आरती बोली ठीक है बेटा मैं भी अब घर में कपड़े नही पहनूँगी और जैसे तुम कहोगे वैसे ही रहूंगी,अगर तुम कहोगे तो मैं तुम्हारी रंडी बन जाउन्गि,मुझे तुम लोगों ने जो चुदाई का आनंद दिया है वो कभी भी नही मिला.
मनु ने जब अपनी माँ के मूह से ये सब सुना तो उसका जोश और ज़्यादा बढ़ गया-वो बोला ठीक है माँ अब में तुमको घर में अपनी रंडी की तरह से ही ट्रीट करूँगा और मैं जो भी कहूँगा तुम वो सब फॉलो करना.
आरती-ठीक है बेटा पर तुम अभी बातें कम करो और मेरी चुदाई पर ज़्यादा ध्यान दो.
ये कह कर आरती अपनी कमर को आगे-पीछे करने लगी और अब मनु ने भी अपने धक्को की रफ़्तार बढ़ा दी थी,उसको इस बात की बहुत ख़ुसी थी कि अब उसकी माँ पूरी तरह से उसकी मुट्ठी में थी,अब वो जब चाहे घर पर उसको चोद सकता था,और वो भी अपनी चूत की खुजली मिटाने के लिए जैसे मनु चाहे करने को तैयार थी.
कुछ ही देर में मनु ने कहा कि माँ अब में झड़ने वाला हूँ,तो आरती ने कहा कि ठीक है कुछ देर रूको तो मेरा भी तुम्हारे ही साथ निकल जाएगा,मनु ने कहा कि ठीक है माँ,मैं कोशिस करता हूँ,और अब उसने अपनी रफ़्तार कुछ कम कर दी,पर आरती वैसे ही अपनी कमर को हिलाती रही ,कुछ ही देर में आरती बोली कि मनु अब अपनी रफ़्तार फिर से बढ़ा दो अब मैं भी झड़ने के लिए तैयार हूँ.
ये सुन कर मनु ने भी अपनी रफ़्तार तेज़ कर दी,अब दोनो माँ-बेटे किचन में बहुत तेज़ी से चुदाई कर रहे थे और कुछ ही देर में दोनो जने साथ-2 झाड़ गये,झड़ने के बाद मनु ने अपना लंड अपनी माँ की चूत से बाहर निकाल लिया.
मनु के लंड को बाहर निकलते ही जैसे आरती की चूत का कॉर्क खुल गया और उसमें से दोनो के रस का मिक्स्चर बह कर बाहर आने लगा,आरती को अपनी जांघों पर कुछ रिस्ता हुआ लगा,तो उसने हाथ नीचे करके अपनी चूत पर लगाया,तो दोनो के रस का कॉकटेल उसकी उंगलियो पर लग गया,मनु ने ऐसा करते हुए देख लिया कि उसकी माँ की उंगलियो पर उसकी चूत का मिक्स्चर लगा हुआ है,तो उसने अपनी माँ का हाथ पकड़ कर उसको उसके ही मूह के पास ले गया,आरती समझ गयी कि मनु क्या चाहता है,वो मनु के इशारे को समझ गयी और उसने अपनी जीभ बाहर निकाल कर अपनी उंगलियो को चाटना शुरू कर दिया,वो बहुत ही सिड्यूसिव तरीके से अपनी ही उंगलियो को चाट रही थी,ये देख कर मनु के लंड में फिर से हरकत होने लगी,अब आरती ने अपनी उंगलियो को अपने मूह में ले लिया और वो उनको चूसने लगी.
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Re: मा की मस्ती
redradbloom wrote:wah bahut mast story hai
थॅंक्स दोस्त बस इसी तरह साथ बने रहिए
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