सौतेली माँ से बदला compleet

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rajsharma
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Re: सौतेली माँ से बदला

Post by rajsharma »

sunita123 wrote:Bahot mast kahani likhi hai apane sach me padh akr maja aa gaya aur bar bar mai soch rhai thi kash mai Gulbadan aur Gulnar ki jahga pe hoti sach me maja aa gaya pahd akr meri to sach me panty gili ho gayi. Plese hume Rucha ki bhi kahani abtao na kya aap dono mil akr usko chodoge ayr fir gulnar aru gulbanda ko dono mil kar chodo gand chut me ek sahtto aur maja ayega

सुनीता जी आपका स्वागत है आप के विचार देख कर बहुत प्रसन्नता हुई आप इसी तरह हम सब का साथ बनाए रखें


komaalrani wrote:गजब , एकदम अलग , जबरदस्त प्लाट

आभार कोमल जी

आपकी रचनाओ के सामने ये कहानी कहीं नहीं टिक पाएगी फिर भी आपने अपने विचार दिए इसके लिए एक बार फिर से आपका अभिनंदन
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
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बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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Re: सौतेली माँ से बदला

Post by rajsharma »

झील का पानी साफ नहीं था.. !! इसलिए, हमने फार्महाउस जाकर नहाने का सोचा.. !!
फिर, हम चारों ने कपड़े पहन लिए और वापस फार्म हाउस में आ गए।
फार्म हाउस पहुँचते ही, हम अपने अपने कमरों में चले गये।
कमरे में जाते ही, मैं नहाने के लिए बाथरूम में जाने लगा तो गुलनार भी मेरे साथ अंदर आ गई।
हम दोनों ने फ़ौरन एक दूसरे के कपड़े उतार दिए और गुलनार मुझसे लिपट कर शवर के नीचे खड़ी हो गई।
हम दोनों ने एक दूसरे को साबुन से नहलाया।
गुलनार तो फिर से गरम होने लगी थी.. !!
आख़िर, नया नया चस्का जो लगा था, लण्ड लेने का…
वो, मेरा लण्ड पकड़ के सहलाने लगी।
मगर, मैंने गुलनार को रोक लिया और बोला – डार्लिंग, अभी तो पूरी रात पड़ी है… थोड़ा सा इंतज़ार कर लो, नहीं तो तुम्हें वीकनेस आ जाएगी…
जैसे तैसे, मैंने गुलनार को मना लिया.. !!
चुदाई का चस्का, एक बार अगर जवान लड़की को लग जाए तो उसे समझाना, कितना मुश्किल होता है, मुझे यकीन है ये बहुत से पाठक जानते होंगे.. !! .. !!
खैर, फिर हम नहा कर वापस आ गये।
नहाने के बाद, हम चारों हॉल में बैठ के बातें करने लगे।
वसीम ने मुझ से अकेले में कहा के गुलबदन मुझ से चुदवाना चाहती है और आज रात उसे मैं जम कर चोद दूँ.. !! मगर, इधर मैंने तो पहले ही गुलनार से वादा किया था की आज पूरी रात मैं उसे ही चोदूंगा.. !!
मैंने वसीम से कहा – यार, ये तो मुश्किल हो गई… तू गुलबदन से कहना के उसकी ये तमन्ना, मैं किसी और दिन पूरी कर दूँगा… मगर, यार तू मुझ से वादा कर की गुलनार को मेरे इलावा, कोई और नहीं चोदेगा… तू तो जनता है की मुझे अपनी गर्लफ्रेंड, किसी के साथ शेयर करना अच्छा नहीं लगता…
वसीम ने मुझसे वादा किया के गुलनार को सिर्फ़ मैं ही चोदूंगा। मेरी इजाज़त के बगैर, वो गुलनार को हाथ भी नहीं लगाएगा और वैसे भी उसके पास, चूत की कहाँ कमी है। पहले ही, वो सलमा और नीलोफर को भी चोद रहा था। अब तो, गुलबदन भी उसके खेल में शामिल हो गई थी।
बातें करते करते, कब रात हो गई पता ही नहीं चला।
फिर ललन की बीवी, हमारे लिए खाना लेकर आ गई।
हम चारों ने, एक साथ खाना खाया।
खाते खाते, हम बैठकर बातें कर रहे थे।
मगर, मैंने नोटीस किया के गुलबदन बार बार मेरे पैंट के तरफ देख रही थी.. !! जब भी मैं गुलबदन को देखता तो वो, मुस्कुरा देती.. !!
मुझे उसकी आँखों में हवस दिखाई दे रही थी और वैसे भी वसीम ने मुझे पहले ही बता दिया था के गुलबदन मुझसे चुदवाना चाहती है।
खैर, हमारा खाना ख़तम हुआ और उसके बाद हम अपने अपने कमरे में चले गये।
कमरे में जाते ही, मैंने टीवी चालू किया।
मैंने गुलनार से पूछा – डार्लिंग, क्या देखना पसंद करोगी – हिन्दी फिल्म या चुदाई वाली फिल्म… ??
उसने कहा के जान, अभी तो बस मुझे तुम्हारे लण्ड को अपनी चूत में डाल कर पूरी रात चुदवाना है… क्यूंकि, कल सुबह होते ही हम लोग यहाँ से चले जाएँगे… तो इसलिए, मुझे आज की रात बस तुम्हारे लण्ड से चुदती हुई, अपनी चूत की फिल्म देखनी है… अब, मुझसे सब्र नहीं हो रहा… जल्दी से, मुझे चोदो… वरना, मैं नंगी ही सड़क पर निकल जाउंगी… उस वक़्त तो तुमने मुझे रोक दिया… मगर, अब मैं नहीं रुकने वाली… ये देखो, उस वक़्त से मेरी चूत से पानी टपक रहा है… अब तो, पैंटी के साथ साथ मेरी जीन्स भी चूत के पानी से पूरी तरह गीली हो चुकी है…
इतना कहते ही, गुलनार जानवरों की तरह मेरे होठों को चूमने लगी.. !!
मैंने महसूस किया के उसका बदन, पूरी तरहा गरम हो गया था।
उसके मुँह से गरम सिसकारियाँ निकल रही थीं…
ये देख कर, मुझे भी अपने आप पर कंट्रोल नहीं हुआ.. !!
मैंने उसे पूरी तरहा अपनी बाहों में जकड़ लिया और उसकी जीभ को चूसने लगा।
मैं एक हाथ से उसके बूब्स दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसकी गाण्ड के छेद में उंगली घुसा रहा था.. !!
इस हरकत से, गुलनार तो मानो मदहोश सी हो गई थी।
उसके अंदर, वासना की ऐसी ज्वाला जाग उठी थी के अब तो वो पूरी तरहा ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी।
मैंने उसे, बेड पर लेटा दिया।
उसकी आँखें, मदहोशी से बिल्कुल बंद थीं.. !!
गुलनार की ये हालत देख कर, अब मुझसे भी रहा नहीं गया।
मैंने उसके और मेरे सारे कपड़े उतार दिए…

फिर, मैंने अपने लण्ड को उसके मुँह में डाल दिया तो वो उसे ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी.. !!
मगर, मुझसे बर्दाशत नहीं हो रहा था.. !! इसलिए, मैंने जल्दी ही लण्ड को उसके मुँह से निकाल के उसकी दोनों टाँगों के बीच बैठ गया.. !!
मैं जैसे ही बैठा, गुलनार ने अपनी टांगें पूरी तरहा खोल दी और मैंने झट से उसकी चूत का मुँह खोल के एक ही झटके में, अपना लण्ड उसकी चूत के अंदर डाल दिया…
इस झटके से गुलनार बहुत ज़ोर से चीख पड़ी – आहहह हह हहह हह हहह हह हहह हह हहह हह अहहह हह हहह म्माआ… मैं मर गाइइ… मेरी चूत फट गईईई ईई ईईई ईई ईईई ईई ई ई ई ई ई ई ई ई… और उसकी चूत से भी खून बहने लगा।
मगर, हम दोनों के ऊपर हवस का नशा छाया हुआ था तो इस लिए हमें कोई भी दर्द का एहसास नहीं था।
फिर मैंने, ज़बरदस्त झटके लगाने शुरू कर दिए.. !!
हर झटके के साथ, जब मेरा लण्ड गुलनार की चूत में घुसता उसकी फ़ुद्दी से – फ़चक फ़चक… पच पच… की आवाज़ निकलती।
उसी के साथ उसके मुँह से भी – आआ आआआ आआ आआआहह हहह हह हहह हह ह ह ह हह हहह औररर र र रर र र ज़ोररर से… की आवाज़ निकल रही थी.. !! जिसे सुनते ही, मेरे अंदर फ़ुद्दी को और भी तेज़ी से चोदने की ताक़त आ जाती.. !!
उसकी फ़ुद्दी से, लगातार खून भी बह रहा था…
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Re: सौतेली माँ से बदला

Post by rajsharma »

मगर, जैसे जैसे हमारा खेल आगे बढ़ता जा रहा था, उसी तरहा फ़ुद्दी से खून निकलना भी कम होता जा रहा था।
मैंने पहले भी अपनी भाभी, दोस्त की माँ, दोस्त की बहन, मेरी गर्लफ्रेंड और भाभी के परिवार में, जबरदस्त चुदाई की है। मगर, पता नहीं उस दिन ऐसा क्या था की गुलनार की फ़ुद्दी में, जो मुझे भी चूत मारते टाइम दर्द हो रहा था।
मुझे लगता था के आज गुलनार के चूत से मेरा लण्ड बाहर ही ना निकालूँ…
गुलनार की चूत, बहुत छोटी थी.. !! इस लिए, जब भी मेरा लण्ड उसकी फ़ुद्दी के अंदर घुसता मुझे एसा लगता जैसे की मानो मेरे लण्ड को कोई अंदर खींच रहा है और छोटे छेद के कारण, फ़ुद्दी के अंदर की दीवारें मेरे लण्ड को जकड रहीं थीं.. !!
इससे, मुझे काफ़ी तकलीफ़ भी हो रही थी.. !! पर उस वक़्त, मुझे कुछ याद ही नहीं था.. !!
जिस कारण, मैं गुलनार को पिछले 5-8 मिनट से एक ही पोज़ में चोदे जा रहा था।
चोदते वक़्त, तकलीफ़ के साथ साथ मज़ा भी बहुत आ रहा था.. !! क्यूंकि, गुलनार भी पूरी तरहा मेरी साथ दे रही थी.. !!
बीच बीच में, उसकी चुचियों को भी ज़ोर ज़ोर से चूसता और दबाता.. !! जिस से, उसके बूब्स फूल गये था और दोनों निप्पल भी लाल हो के सूज गये थे.. !!
मगर, मैं पागलों की तरहा चुचियों को चूस रहा था.. !! जिस से, गुलनार को दर्द भी हो रहा था.. !!
लेकिन, वासना के समंदर में डूबे होने के कारण, उसे कोई फरक नहीं पड़ रह था और जैसे ही मैं उसके बूब्स को चूसता, वो मेरे सिर को अपनी चुचियों में और ज़ोर से दबाती और मुँह से अजीब अजीब आवाज़ें निकलती थी.. !!
जैसा – उन्म्म अहह माँ… मर र रर र रर र र गईईई ई ईई ई ईई ई ईई ई… चूसस स सस ससस… औररर र रर ज़ोर रर रर से चूस सस स स सस… आ आ आ आ आ ह हह ह ह हह हहह:
पता नहीं, उसे दर्द हो रहा था या मज़ा आ रहा था…
कभी कभी, मैं उसके मुँह के अंदर अपनी जीभ घुसा देता तो वो उसे चूसती थी।
उस वक़्त, मानो हम इस दुनियाँ में नहीं थे किसी और लोक ही में थे।
हम दोनों को चुदाई के सिवा, ना कुछ सुनाई दे रहा था ना कुछ दिखाई दे रहा था.. !!
हम तो, अपनी ही धुन में मस्त थे।
इस बीच, गुलनार ने पता नहीं कितनी बार पानी छोड़ा.. !!
चुदाई के बीच बीच में, वो ज़ोर ज़ोर से आहें भरती और चिल्लती थी – मार डाला तूने आज, विनय… अहह आहहह हहह और शायद उसी टाइम उसकी फ़ुद्दी से, समंदर फुट पड़ता।

कुछ 15 मिनट के बाद, गुलनार बहुत थक गई तो उसने कहा – विनय, अब चूत में बहुत दर्द होने लगा है… मुझसे, अब संभाला नहीं जा रहा है… तुम, अब कुछ देर मेरी गाण्ड मार लो… उसमें बहुत खुजली हो रही है… तब तक, मेरी फ़ुद्दी भी थोड़ा आराम कर लेगी…
ये सुनते ही, मैं तुरंत उठा और उसकी फ़ुद्दी से लण्ड निकाला तो देखा के चूत बिल्कुल सूज के टमाटर की तरहा लाल हो गई है और उसका छेद खुला का खुला रह गया है।
ताजुब था की मेरा लण्ड भी सूज गया था और एसा लग रहा था के मानो ये मेरा लण्ड नहीं किसी और का है।
जब मैं ये देख रहा था तो गुलनार ने मुझे जल्दी से गाण्ड में लण्ड घुसाने के लिए कहा।
मैंने उसे घोड़ी बना दिया और लण्ड को गाण्ड के छेद में डालने लगा।
मगर, इतनी देर की चुदाई से और चूत बेहद छोटी होने से लण्ड सूज गया था.. !! जिससे, वो गाण्ड में घुस ही नहीं रहा था.. !!
फिर, मैंने एक क्रीम को लण्ड में लगा लिया और गुलनार के गाण्ड के छेद को पूरी तरहा क्रीम से भर दिया।
अब मैं लण्ड को, उसकी गाण्ड में घुसाने लगा.. !!
बहुत ज़्यादा फिसलन के कारण, एक ही झटके में लण्ड उसकी गाण्ड के अंदर तक चला गया…
जिस कारण, गुलनार थोड़ा तिलमिला उठी।
मगर, मैं बिना रुके उसकी गाण्ड चोदता गया।
मैंने दोनों हाथों से उसकी गाण्ड को पूरी तरहा फैला दिया और झटके मारता गया..
फिर कुछ 5 मिनट बाद, मुझे लगा के मेरा पानी निकलने वाला है तो मैंने गुलनार से कहा के जान मेरा पानी निकलने वाला है, क्या करूँ… ??
तो उसने कहा – रुक जाओ… अपने अमृत को, मेरी चूत में ही गिराना… ये अमृत का वो रस है, जिस के लिए बड़े दिनों से तरस गई हूँ और मैं इसे ऐसे ही बेकार नहीं जाने दूँगी…
ये कहते ही, गुलनार सीधा लेट गई.. !!
मैंने भी तुरंत ही लण्ड को, उसकी चूत में फिर से डाल दिया।
फिर 4-5 झटको के बाद, जैसे ही मैं झड़ने लगा तो हम दोनों ने एक दूसरे को ज़ोर से बाहों में दबोच लिया और मैं झटके मारते मारते सारा अमृत गुलनार की फ़ुद्दी में गिरा रहा था.. !! जिस से, उसकी फ़ुद्दी के अंदर हलचल मच गई थी और हर बूँद गिरने के साथ, उसके मुँह से ज़ोर से चीख निकल रही थी – इयाः आहह…
इस दौरान, मैं उसे पागलों की तरहा चूम रहा था।
जब मेरा सारा माल, उसकी चूत में गिर गया तब तक मैं बहुत थक गया था और मेरा लण्ड भी खड़ा था तो इसलिए मैंने उसे गुलनार की फ़ुद्दी में कुछ देर वैसे ही रहने दिया और उसकी जीभ को चूसने लगा।
किस करते करते, हम दोनों ऐसे ही कब एक दूसरे के बाहों में सो गये पता नहीं चला.. !!

बाद में, रात के 1:45 को वसीम ने आकर दरवाजा ठोका तो हम दोनों की नींद टूट गई.. !!
हमने आँखे खोल के देखा तो हम दोनों एक दूसरे को बाहों में जकड़े हुए थे और मेरा लण्ड गुलनार की चूत में ही घुसा हुआ था।
ये देख कर, हम दोनों को हँसी आ गई.. !!
फिर, मैंने गुलनार के लिप्स पर किस करके तौलिया पहना और दरवाजा खोलने के लिए उठ गया।
देखा तो बाहर वसीम था, वो भी तौलिया में था।
मैंने पूछा – यार, क्या हुआ… ?? इतनी रात को, मेरे कमरे में…
तो वसीम ने कहा के यार, मुझे नींद नहीं आ रही थी…
मैंने पूछा – इसका मतलब, तुम दोनों ही अब तक जागे हुए हो… क्या हुआ… ??
इस पर, वसीम बोला – क्या करूँ… ?? ये गुलबदन सोने दे, तब ना नींद आएगी… अभी तक, इसको मैं दो बार चोद चुका हूँ… मगर, ये कहती है एक बार और चोदने के लिए… इसका बस चले तो ये पूरी रात, मुझ से चुदवाती ही रहेगी… इसलिए, तेरे पास आ गया की चल बैठ के एक एक ड्रिंक्स लेते हैं…
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Re: सौतेली माँ से बदला

Post by rajsharma »

मैंने वसीम से हंसते हुए कहा – यार, तुम तो जानते हो के मैं ड्रिंक नहीं करता… तू कहता है तो चल, तू ड्रिंक कर मैं तेरे साथ बैठता हूँ…
ये सब सुनकर, गुलनार भी हमारे साथ हॉल में बैठ गई।
मैं और गुलनार, एक साथ सोफे पर बैठे।
मैं गुलनार की गोद में सिर रख कर लेटा था और वसीम हमारे सामने बैठे कर ड्रिंक कर रहा था।
गुलनार, मेरे सिर को सहला रही थी और बात करते करते, बीच बीच में मेरे माथे को चूम रही थी।
वसीम – तुम लोगों का क्या हुआ… ?? अब तक, कितनी बार चुदाई हो चुकी है… ??
मैं – अरे नहीं यार, हमारा कुछ खास नहीं हुआ… अभी तक तो, बस एक बार ही चोदा है…
वसीम – क्या कह रहा है, भाई… अभी तक एक ही बार चोदा है और बाकी टाइम सो गये थे, क्या…
गुलनार – क्या बात कर रहे हो… ?? आपके, इस एक बार में ही हम दोनों की हवा टाइट हो गई है… भैया, आप सही कहते थे, ये तो चुदाई में एकदम एक्सपर्ट है… आप सोच भी नहीं सकते, इस एक बार में मेरी चूत और गाण्ड दोनों फाड़ दी आपके दोस्त ने… अभी तक दर्द कर रही है, मेरी चूत… इन्होने, इस एक बार में अभी मुझे 20-25 मिनट तक चोदा है…
वसीम – अरे वाह!! क्या बात है… मैंने तुझे कहा था, मेरा दोस्त चुदाई में कितना एक्सपर्ट है… तुझे, विनय से चुदवा के बहुत मज़ा आएगा…
हम तीनों ने इसी तरह, लगभग 1:30 घंटे बैठ कर बातें की।
फिर गुलबदन कमरे से आते हुए बोली – क्या हुआ… आज सोना नहीं है, क्या… ??
ये सुनते ही, वसीम ने हमसे गुड नाइट बोला और उसके साथ रूम में चला गया।

इधर, हम दोनों कुछ और देर तक वहां बैठे.. !!
कुछ देर बाद, हम दोनों रूम में आ गए।
गुलनार ने कहा – विनय, मुझे भी नींद नहीं आ रही है… चलो ना, बैठ कर फिल्म देखते हैं…
मैंने भी हामी भर दी।
फिर हम दोनों बैठ कर, एक अच्छी सी ब्लू फिल्म देखने लगे।
गुलनार, मेरी बाहों में सिर रख कर फिल्म देख रही थी।
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